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Nice update bhaiअगले दिन रंजीत की कार बाहर से आते हुए बंगले के अंदर दाखिल हुई.... पास में परमेस्वर और रघु गार्डेन में पौधों को पानी दे रहे थे.....
पहले रंजीत बाहर निकला फिर दूसरी गेट से गोरी खूबसूरत सुलक्षणा बाहर निकली जो कि लाल रंग की साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी... होंठ लाल लिपस्टिक से चमक रही थी......
रघु और परमेस्वर की मुंह खुला रह गया था सुलक्षणा को देख कर.... दोनो की नजर सुलक्षणा की बड़े बड़े चूची और गांड पे जाके टिक गया था...... सुलक्षणा अपने गांड हिलाते हिलाते रंजीत के साथ बंगले के अंदर जा रही थी....
परमेस्वर- भाई इसको तो पहले कभी नहीं देखा इस बंगले में....
रघु- लगता है रंजीत साहब ने कोई रंडी बुलाये हैं शहर से....
परमेस्वर- पर घर में अपर्णा मेडम हैं तो रंजीत साहब क्यों बुलाएंगे रंडी ?
रघु- तू इन बड़े लोगों की शौक नहीं जानता भाई... ये लोग बीवी के सामने रंडियां चोदते हैं.... अपना जनार्दन साहब को ही देख ले, सावित्री मेडम जैसी खूबसूरत और रापचीक बीवी रहते हुए रंडियां बुलाके चोदते हैं....
परमेस्वर- हां बात तो सही है....
रघु- पर आज रंजीत साहब अपने साथ जो रंडी लाये हैं साली बम लग रही है..... आज तो रंजीत साहब दिन भर दारू पी पी कर इस रंडी की चुत फाड़ेंगे....
परमेस्वर- क्या किस्मत है भाई इन लोगों का... साला रोज नई नई चुत चोद रहे हैं और हम लोग वही पुरानी सडेली चुत मार रहे हैं....
रघु- धीरज रख भाई.... कल यही सब चुत अपना होगा.... में तो सावित्री को चोदने के लिए कुछ भी कर सकता हूँ....
परमेस्वर-तो फिर तू अपना लन्ड पे तेल लगाना सुरु कर दे और लन्ड को बड़ा कर.. क्योंकि सावित्री मालकिन की चुत बहुत लोगों से चुद चुद के ढीली हो चुकी है....
रघु- तू उसकी फिक्र मत कर.... जब इस रघु का लन्ड सावित्री की चुत में घुसेगा ना तो चुत में से पानी निकलने के लिए जगह नहीं बचेगी...
फिर दोनों हंसने लगे.....
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Guest Room में जनार्दन, रंजीत और सुलक्षणा बैठे हुए थे.... सुलक्षणा को जबसे जनार्दन ने देखा था बस उसे ही घूरते जा रहे था और सुलक्षणा भी उनको देख के सेक्सी एक्सप्रेशन दे रही थी....
रंजीत- पापा इनसे मिलो, ये हैं हमारे गांव की हॉस्पिटल के नए नर्स श्रीमती सुलक्षणा शर्मा....
सुलक्षणा- नमस्ते चौधुरी साहब...
जनार्दन- नमस्ते
जनार्दन मन ही मन बोला- अरे ये तो वही है जिसके बारे में शांति मुझे बताई थी कि कोई नर्स आयी है.... अच्छी बात है शिकार खुद शिकारी के पास आई है.... क्या पटाखा है बहनचोद.....
रंजीत- पापा दरअसल इनको आपको मिलाने का मतलब यही है कि इनको गाँव में रहने के लिए किराये का मकान चाहिए और वो मिल नहीं रहा है... हमारे बंगले में तो कई कमरा खाली पड़ा है क्यों ना इन्हें एक कमरा किराये पर दे दें.....
ये सुनके जनार्दन का चेहरा खिल उठा.....
जनार्दन- क्यों नहीं ? सुलक्षणा जी आप यहां पर बेशक रह सकते हैं.....
सुलक्षणा- सुक्रिया चौधुरी जी (एक आंख मारते हुए)
ये देख के जनार्दन मन ही मन बोला- इसको पटाने की जरूरत ही नहीं है... चालू माल लग रही है ये तो..... पर एक बार इसकी रस तो चूसना ही पड़ेगा.....
रंजीत- देखा सुलक्षणा जी, में बोला था ना कि पापा मना कर ही नहीं सकते... पापा हमेशा औरतों की मदद करते हैं....
सुलक्षणा जनार्दन को देख के अपने दांत से निचले होंठ का दबा रही थी....
जनार्दन- हाय क्या अदा है मादरचोद रांड की... रंजीत पास में नही होता तो इसकी राँड़पन निकाल देता (सोचते हुए)
सुलक्षणा- जनार्दन जी तो में आज से यहीं पर रह लूं ? आप मेरी हर मदद करेंगे ना (ब्लाउज को ठीक करते हुए)
जनार्दन- अरे आपकी हर प्रकार की मदद करने के लिए ही तो हम बैठे हुए हैं यहां (चूची को घूरते हुए)
सुलक्षणा की मादक स्माइल देख कर रंजीत की होश उड़ रहे थे. ..
फिर उस दिन ही सुलक्षणा बंगले में शिफ्ट हो गयी..
जनार्दन अपने कमरे में बैठे हुए सिगरेट पीते हुए सोच रहा था- साली एक नम्बर की चालू औरत लग रही है.... चुत तो यूँ ही दे देगी ये तो.... इसको तेल लगा लगा कर चोदूंगा....
सावित्री को जब इस बारे में पता चली की बंगले में कोई नर्स रहने के लिए आई है, तो सावित्रि को ये सोचने में देर नहीं लगी कि अब तो जनार्दन को और एक चुत मिल गया है .... अब इसकी चुत मारेगा......
सुलक्षणा अपने कमरे में अकेली बैठी हुई थी और किसीसे फ़ोन पे बात कर रही थी- हाँ में पहुंच गयी हूं ....
शांति कमरे में चाय ले के आयी और बोली- मेडम लीजिये चाय पीजिये....
सुलक्षणा- ठीक है, तुम्हारा नाम क्या है बहन ?
शांति- जी शांति....
सुलक्षणा- और बताओ यहां की हवा पानी केसी है ?
शांति- सब अच्छी है मेडम...
सुलक्षणा- और चौधुरी साहब के बारे में कुछ बताओ .. सुना है ये औरतों की बहुत खातिरदारी करते हैं ?
शान्ति- हाँ वो तो है...
शांति मन ही मन बोली- रुक जा तेरी भी खातिरदारी होगी...
शांति वहां से आते वक्त हंस हंस के आ रही थी......
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कुछ दिन बीत गए...
एक दिन रात को जनार्दन को नींद नही आ रहा था... सोचा- क्यों ना सुलक्षणा नर्स की कमरे की तरफ रुख किया जाए और वो उसके कमरे की तरफ चले गए... .
कमरे के पास जाते ही उन्हें एक औरत की सिसकारी लेने की आवाज सुनाई दी... उन्हीने देखा खिड़की भी खुली हुई थी.... वो अंदर झांक कर देखे तो चौक गए.... अंदर रंजीत पूरा नंगा था और सुलक्षणा भी पूरी तरह से नंगी थी..... वो सुलक्षणा की दोनों टांगो को अपने दोनों कंधे पर रख के दनादन चोद रहा था.... सुलक्षणा की दोनों चुचियाँ बहुत जोर जोर से हिल रहे थे और उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकल रही थी "आआहहहहहहहह, उहहहहहह... ससससस म्ममम्ममम्म......
चुदाई इतनी स्पीड से हो रही थी कि बेड जोर जोर से हिल रहे थे और उसकी आवाज भी आ रही थी "कें कें कें कें ...
रंजीत पूरे जोश के साथ पेल रहा था....
जनार्दन ने मन ही मन बोला- चलो कोई बात नही, पहले मेरा बेटा को इसकी रस चूसने दो..... फिर मैं चुसूंगा.....
जनार्दन ये देख ही रहा था कि सुलक्षणा की नजर उनपे पड़ गयी.... जनार्दन चौंक गया लेकिन वहां से हिल नहीं पाया....
सुलक्षणा ने जनार्दन को देख कर एक आंख मार दी और सेक्सी स्माइल करने लगी.....
ये देख के जनार्दन की लन्ड खड़ा हो गया और वो मन ही मन बोला- साली एक नम्बर की रांड है ये तो.... साली चुदते हुए भी दूसरों को बुला रही है.... मादरचोद तेरी माँ की चुत....
रंजीत boobs चूस चूस के चोद रहा था....
सुलक्षणा चुदते हुए जनार्दन को देख रही थी और बोली- और जोर से चोदो मेरे राजा.... चौधुरी साहब का खून दौड़ रहा है तुम्हारे अंदर ....इतना चोदो की चौधुरी साहब खुश हो जाएं ....ये कहते हुए सुलक्षणा सेक्सी स्माइल कर रही थी ...
ये सुन कर जनार्दन ने मन ही मन बोला- रंजीत अगर तू मेरा बेटा है तो इस रांड को इतना चोद की ये चलने की लायक ना रहे.... राँड़ मुझे देख कर बोल रही है...
रंजीत अब पागलों की तरह सुलक्षणा को चोद रहा था....
जनार्दन ने सोचा- रंजीत तो यहां पे इस रांड को चोद रहा है, क्यों ना में अपर्णा को जाके चोद लूं.. ये सही आईडिया है.....
जनार्दन सीधा अपर्णा की कमरे की तरफ बढ़ने लगा तो जाके देखा कमरा खुला ही था, लेकिन अपर्णा अंदर नहीं थी....
फिर वो अपर्णा को सभी जगह प ढूंढा, बाथरूम पे, बालकनी पे सब पे लेकिन वो कहीं पे दिखाई नहीं दी....
जनार्दन- ये रांड कहाँ चली गयी ?
जनार्दन जब सावित्री की कमरे होके जा रहा था तो उसे सावित्री की सिसकारी लेने की आवाज आई.... तो जनार्दन ने जब अंदर झांक कर देखा तो जनार्दन खामोश रह गया....
वो अंदर देखा कि- बेड पे सावित्री और अपर्णा बिल्कुल नंगी थीं.... सावित्री बेड के ऊपर लेटी हुई थी और अपर्णा सावित्री के पैर के पास बैठ के सावित्री की चुत के अंदर काला बैंगन घुसा के अंदर बाहर कर रही थी .... वो काला बैंगन भी काफी मोटा और लम्बा था.... जिसकी वजह से सावित्री सिसकारियां ले रही थी......
जनार्दन ये देख के मन ही मन बोला- मादरचोद रंडयों, क्या चौधुरी खानदान में लन्ड वालों की कमी हो गया जो चुत के अंदर बैंगन डाल रहे हो ...
अपर्णा बड़े ही तेजी से सावित्री के चुत को बैंगन से चोद रही थी.....
सावित्री- अपर्णा ये बता क्या रंजीत का लन्ड इस बैंगन से बड़ा है ?
अपर्णा- नहीं सासु मा, ये बहुत बड़ी है....
सावित्री- लेगी ना चुत में
अपर्णा- हां सासु मा....
सावित्री- अब इस चौधुरी परिवार में सारे मर्दों की लन्ड छोटे हो गए हैं.... अब इस बैंगन से ही हमको चुदना पड़ेगा .....
ये देख के जनार्दन मन ही मन बोला- रांड तू उस दिन की ठुकाई इतनी जल्दी भूल गयी, साली तुझे और एक बार बताना पड़ेगा कि चोदना किसे कहते हैं ?
सावित्री- अपर्णा मुझे ये भी पता है कि तेरी और तेरे ससुर के बीच में क्या चल रही है ?
अपर्णा- वो सासु मा (हिचकिचाते हुए)
सावित्री- कोई बात नहीं बहु... लन्ड ही तो है ना.... चाहे किसकी भी हो... मजा तो same देगा ना.... वैसे तुझे बता दूं तेरे ससुर मस्त चोदते हैं... खास कर रंडियों को.....
जनार्दन ये सब देख रहा था....
अब अपर्णा नीचे लेट गयी और सावित्री अपर्णा की चुत के अंदर बेंगन डाल के मारने लगी....अपर्णा आह भर रही थी....
जनार्दन- साली सब एक से बढ़ कर एक रांड है यहां पे....
उस रात जनार्दन को ठीक से नींद नही आया... उसे सावित्री की एक बात बारबार कान में गूंज रहा था- कि चौधुरे परिवार में सबके लन्ड छोटे हो गए हैं ?
सोचते सोचते सुबह हो गया.......
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अगले दिन सुबह रघु बगीचे में पानी देते वक्त उसका नजर बालकनी पे खड़ी सुलक्षणा के ऊपर पड़ा.... सुलक्षणा सिर्फ लाल रंग की ब्रा और नीचे सफेद पेटीकोट पहनी हुई थी....
रघु उसे घूर घूर के देखते हुए पौधों पर पानी दे रहा था और मन ही मन बोल रहा था- बहनचोद क्या सीन है ?
लाल रंग की ब्रा में 38 की चुचियाँ मुश्किल से छुपी हुई थी..बड़ी चूची की वजह से ब्रा छोटी लग रही थी....
सुलक्षणा रघु को देख कर एक सेक्सी स्माइल दी... बदले में रघु ने भी स्माइल किया....
सुलक्षणा- रघु क्या कर रहे हो ?
रघु- मेडम पौधों को पानी पिला रहा हूं.....
सुलक्षणा- अंदर आ जाओ, तुम्हे दूध पिलाती हूँ, सुबह सुबह दूध पीना सेहत के लिए अच्छी है (अपनी दोनो चूची को दोनों हाथ से दबाते हुए)
रघु ये देख के खुद को कंट्रोल नहीं कर पाया और बोला- अभी आता हूँ मेडम....
सुलक्षणा की चेहरे पर मादक मुस्कान खिल रही थी.....
रघु वहां से सीधा सुलक्षणा की कमरे में आ गया....
सुलक्षणा- आओ रघु, बहुत दिनों से सोच रही थी कि तुम्हे अपनी दूध पिलाऊँ, पिओगे ना ( अपनी चूची को दबाते हुए)
रघु- क्यों नहीं मेडम ? अगर आप दे रहे हैं तो जरूर पी लूंगा....
सुलक्षणा- तो फिर देखते क्या हो, ये ब्रा की हुक थोड़ा खोल दो...
सुलक्षणा रघु की तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी...
रघु को ये विस्वास नही हो रहा था कि एक खूबसूरत औरत आज उसको अपनी चूची के रस पिलाने वाली है.....
रघु कांपते हाथों से सुलक्षणा के लाल ब्रा की हुक को खोलने लगा... सुलक्षणा सेक्सी स्माइल कर रही थी....
रघु ने ब्रा की हुक खोल दिये... ब्रा की हुक खोलते ही सुलक्षणा की दोनों बड़ी बड़ी चुचियाँ आजाद पंछी की तरह झूलने लगे....
सुलक्षणा जैसे ही रघु की तरफ मुड़ गयी.... रघु दोनो चूची देख कर पागल सा हो गया.... 38 की बड़ी बड़ी चूची दूध के जैसी सफेद थी और उसके ऊपर लाल रंग की Nipples तन के खड़ी हुई थी, ये देख कर रघु की लन्ड झट से खड़ा हो गया....
सुलक्षणा- देख क्या रहे हो, दूध पी लो.....
रघु झट से आगे बढ़ा और सुलक्षणा की दोनों चूची को हाथ में कस के पकड़ लिया और एक चूची को मुंह पे डाल के चूसने लगा....
सुलक्षणा सेक्सी हंसी हंस रही थी और बोली- मुझे मर्दों की ऐसी हालत देख के मजा आ जाती है....
रघु एक हाथ से Boobs दबा रहा था तो दूसरे boobs को मुंह लगा के चूस रहा था.....
सुलक्षणा- रघु लगता है तुम बहुत दिनों स दूध नहीं पिये थे ?
रघु हाँ में अपना सर हिला रहा था ...
रघु 10 मिनट हो गया सुलक्षणा की दोनों चूची को मुंह लगा के चूस रहा था और दबा दबा के दूध पी रहा था.... सुलक्षणा की चूची से दूध निकल रहे थे जिसको रघु बड़े ही मजे से चूस चूस के पी रहा था.....
सुलक्षणा- अब बस करो रघु, सारा दूध पी जाओगे क्या ? मेरे पति और बच्चों को क्या पिलाऊंगी (हंसते हुए) ?
रघु ने चूची चूसना बन्द कर दिया.....
रघु का मन किया कि सुलक्षणा को यहां चोद दे पर वो जनार्दन साहब को डर रहा था क्योंकि सुलक्षणा उनकी मेहमान थी ......
सुलक्षणा- क्यों दूध पी के मजा आया ना...
रघु- हाँ मेडम....
सुलक्षणा रघु की पैंट के अंदर से फूली हुई लन्ड को देखते हुए बोली- और क्या चाहिए तो बोलो ?
रघु- जी वो वो....
सुलक्षणा- हाँ हाँ बोलो, डरो मत...
रघु बड़े हो जोश से बोला- आपकी चुत चाहिए....
सुलक्षणा बड़े ही जोर जोर से हंसने लगी, और जोर जोर से हंसने की वजह से उसकी दोनो चूची ऊपर नीचे हो रही थी.....
सुलक्षणा- रघु वो चीज़ तुम्हे कोई दूसरा दिन मिलेगी..... फिलहाल तुम जाओ, दूध पी चुके हो, कोई अच्छी जगह देख के अपनी दूध निकाल लो...
सुलक्षणा रघु को मुठ मारने की बात बोल रही थी....
सुलक्षणा रघु को बड़े ही सेक्सी नजर से देख के बोली.....
रघु मन ही मन बोला- साली रांड मेरा लन्ड खड़ा करके मुझे मुठ मारने के लिए बोल रही है....
रघु- ठीक है मेडम....
रघु जाते हुए बारबार पीछे मुड़ के सुलक्षणा को देख रहा था और सुलक्षणा के होंठ पे मादक स्माइल थी, जिसे देख कर रघु का लन्ड फड़फड़ा रहा था......
रघु वहां से बाहर निकलते हुए सीधा visitors लोगों के लिए बनाए गए Toilet के अंदर घुस गया और जोर जोर से मुठ मारने लगा.....
Watchman ने रघु की आवाज सुन लिया और वो टॉयलेट के पास जा कर बोला- अबे अंदर कौन है बहनचोद ?
रघु- बस हो गया तिवारी.....
रघु मुठ मारके टॉयलेट के बाहर निकला तो उसके मुंह पसीना पसीना हो गया था और वो जैसे ही बालकनी की तरफ देखा तो उसको सुलक्षणा बालकनी पे खड़ी दिखाई दी और वो भी रघु को देख रही थी..... लेकिन इस वक़्त वो नाइटी में थी.....
सुलक्षणा रघु को देख कर सेक्सी स्माइल करते हुए बोली- टॉयलेट में अपनी दूध निकाल दिए क्या ?
रघु- हाँ मेडम....
सुलक्षणा- लगे रहो रघु (सेक्सी स्माइल करते हुए)
सुलक्षणा हंसते हुए मोटी मोटी गांड को हिलाते हुए अंदर चली गयी और रघु अपना दाँत दबाता रह गया......
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