आसिफा
Family Love 😘😘
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Bahut Hi Shandar Story Thi Aise or Koi Story hai to Bta do
राइटर साहब की सारी कहानियां ऐसी ही हैं।Bahut Hi Shandar Story Thi Aise or Koi Story hai to Bta do
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Superb Story, beautiful description of lovemaking....मीनाक्षी अपनी आँखें बंद किए हुए समीर के सख्त लिंग के घर्षण का आनंद उठा ही रही थी, कि वैसे ही लेटे लेटे ही समीर ने एक ज़ोर का धक्का मारा। इस प्रहार से उसका लिंग मीनाक्षी की योनि में भीतर तक ठुक गया। मीनाक्षी को फिर से तीव्र पीड़ा का आघात लगा। मीनाक्षी उसको घूरने लगी, लेकिन समीर को जैसे कोई परवाह नहीं थी - उसने फिर से एक धक्का और मारा, और पुनः पूरा का पूरा मीनाक्षी की योनि में घुस गया। इस दूसरे आघात से मीनाक्षी लगभग गिरते गिरते बची। वो कुछ कर पाती, उसके पहले ही समीर ने उसको एक खिलौने की भाँति उठाया और अपनी गोदी में बैठा लिया और खुद भी बैठ गया। उस अवस्था में मीनाक्षी का पूरा भार उसकी योनि में घुसे हुए समीर के लिंग पर आ गया, और वो पूरा अंदर तक घुस गया - जैसे अगर कोई गुंजाईश रह गई हो, तो वो भी ख़तम हो गई।
मीनाक्षी को बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि समीर उस पोजीशन में भी ऐसे बल पूर्वक धक्के मार सकता है। एक पल को उसके मन में विचार आया कि ‘हे भगवान्! समीर का लिंग इतना बड़ा क्यों है!’ खैर! अब जो भी होना था वो हो चुका था। मीनाक्षी समीर की गोद में उसी के लिंग को अपनी योनि में धारण करके बैठी हुई थी और भोगी जा रही थी। यह सब पहले से अलग तरह का था। उसकी आँखों से आँसू निकल आए। पीड़ा बर्दाश्त करते हुए वो सोच रही थी कि ये तो बढ़िया है.... चित भी मर्द की, और पट भी मर्द की।
“क्या हुआ मेरी जान! सब ठीक तो है?” उसके चेहरे के भाव देख कर समीर ने पूछा।
मीनाक्षी ने तल्खी से कहा, “इतनी ज़ोर से क्यों करते हो जानू! इतनी बेसब्री क्यों है आपको? मैं कहाँ भागी जा रही हूँ?”
उसकी आँखों के कोनों से आँसुंओं को पोंछते हुए वो बोला, “गलती हो गई! माफ़ कर दो, मेरी प्यारी मिनी!”
मीनाक्षी अभी भी अपनी योनि में ठुके हुए उस विशाल और कठोर लिंग के साथ सहज होने की कोशिश कर रही थी और सम्भोग क्रिया की ताल में अपना ताल बैठाने की कोशिश कर रही थी। इसलिए समीर की बात पर ध्यान नहीं दे रही थी। समीर फिर से बोला,
“ज़रा मुस्करा दो, मेरी मिनी! ये बदमाश नुन्नू अपनी सहेली को देख कर कंट्रोल नहीं कर पाया, और उसकी ज़ोर से चुम्मी ले बैठा!”
उसके मुँह से ये शब्द सुनकर मीनाक्षी की हँसी छूट गई और दर्द का अहसास कम हो गया।
“आप और आपका नुन्नू, दोनों एक समान ही बदमाश हैं!”
समीर ने उसको अपनी बाहों में भर लिया और पहले से धीरे धक्के लगाने लगा। उसके कठोर लिंग की गर्मी वो अपनी योनि के भीतर तक महसूस कर रही थी। सम्भोग की गति से होने वाली हलचल से उसके स्तन और चूचक समीर के सीने के बालों से रगड़ कर उसमें एक विद्युतीय आवेश पैदा कर रहे थे। उधर, उसके होंठ मीनाक्षी के होंठो को चूमने और चूसने में व्यस्त हो गए। अब सब सामान्य हो गया था और मीनाक्षी भी अपने पूरे शरीर में सम्भोग का आनंद महसूस कर रही थी। कभी कभी वो अपने नितम्बों को समीर के धक्के लगाने के जैसे ही आगे पीछे कर देती, और उसकी इस हरकत से उसका लिंग और अंदर तक चला जाता। कुछ क्षणों पहले जो अंग उसको इतनी पीड़ा दे रहा था, अब उसको आनंद दे रहा था।
“अभी ठीक लग रहा है?” समीर ने पूछा।
मीनाक्षी ने शरमाते हुए अपनी ‘हाँ’ में सर हिलाया। समीर ने उसको अपनी बाहों में भर लिया और वो निश्चिंत होकर, और अपना सर समीर के कंधे पर रख कर, उसकी गोद में बैठ कर इस अनूठे रमण का आनंद लेती रही। समीर की ही ताल में वो भी अपने नितम्ब चला रही थी। समीर अपनी हथेली से प्यार से उसका सर सहला रहा था होंठों को चूम रहा था।
“मिनी, तुम मेरी पत्नी भी हो, और मेरी प्रेमिका भी! आई लव यू!” समीर प्रेम से मुस्कुराया।
“और आप मेरा पहला प्यार हैं! मुझे नहीं पता था कि कोई मुझे इतना प्यार कर सकता है! आपने मुझसे सिर्फ प्यार किया है। मैं धन्य हो गई हूँ!”
इस बात पर समीर ने जब उसके होंठो पर चुम्बन किया तो मीनाक्षी के पूरे शरीर में रोमांच की लहर दौड़ गई। उसकी योनि के भीतर तक उतरा हुआ समीर का तपता हुआ उत्तेजित लिंग, मीनाक्षी के शरीर की गर्मी भी बढ़ा रहा था। दोनों की ही साँसे गहरी और गरम हो चलीं थीं। इस समय उन दोनों का पूरा शरीर ही घर्षण कर रहा था।
“तो फिर तुम हमेशा मेरी प्रेमिका ही बनी रहना।”
“आप मुझे जिस भी रूप में चाहेंगे, मैं वही रूप ले कर आपको सुख दूँगी! यह मेरा सौभाग्य होगा!”
यह कह कर मीनाक्षी ने अपने होंठ समीर के होंठो पर रख दिए और प्रसन्नतापूर्वक दोनों ने एक दूसरे के होंठो का रस पान करना शुरू कर दिया। उधर नीचे मीनाक्षी की योनि से इतना रस निकल रहा था कि समीर की जांघें और साथ ही बिस्तर भी गीला होने लगा। आज की रात पाँचवी बार मीनाक्षी ने यौन-क्रीड़ा में चरमोत्कर्ष प्राप्त कर लिया था और अभी तक उसको इस बात की महत्ता का पता ही चला।
Great story and very well written. I thoroughly enjoyed reading this. Selection of Hindi vocabulary was just chef's kiss. However there were few words I couldn't understand, and I had to translate those.
Sameer was extremely patient towards Meenakshi, we rarely see this kind of patience in real life.
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2nd Runner-UP | 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) |
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