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Incest संस्कारी घर - परिवार

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1) इस कहानी का इंग्लिश संस्करण पूरी लिख दी गई है, अगर किसी को इस कहानी का पूरा संस्करण पढ़ना है तब वो इस लिंक से पढ़ सकता है Sanskari Ghar - Parivaar (Completed)

2) और अगर कोई मेंबर इस कहानी को देवनागरी/हिंदी में पूरा करना चाहता है तब वो इसे पूरा कर सकता है

Reason - Evanstonehot ने नही किया है पूरा + ये स्टोरी पहले ही पूरी हो चुकी है
 
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Evanstonehot

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संस्कारी घर - परिवार

पात्र :
________________________________

नाम - संजय वर्मा
उम्र - ४८
काम - बिजनिसमैन ( इनका एक फ़र्निचर का शोरूम है )

नाम - राधा वर्मा ( संजय की धर्मपत्नी )
उम्र - ४५
काम - ग्रहणी

नाम - धीरज वर्मा ( संजय वर्मा का बड़ा बेटा )
उम्र - २४
काम - पापा के बिज़नेस में सहयोग करता है ।

नाम - नीरज वर्मा ( संजय वर्मा का छोटा बेटा )
उम्र - २२
काम - विद्यार्थी

नाम - कोमल वर्मा ( संजय वर्मा की इकलौती बेटी )
उम्र - २०
काम - विद्यार्थी

नाम - संतोष वर्मा ( संजय वर्मा का छोटा भाई )
उम्र - ४२
काम - ठेकेदार

नाम - सुमन वर्मा ( संतोष वर्मा की धर्मपत्नी )
उम्र - ३५
काम - प्ले स्कूल की अध्यापिका है ।

_______________________________

सुबह के ७ बज रहे है ।

राधा रसोई में खाना तैयार कर रही है , तभी कोमल जिसका कमरा रसोई के सामने था ,आँखे मलते हुए रसोई में आयी ।

राधा - उठ गयी मेरी प्यारी गुड़िया

ये बोलते हुए राधा कोमल के माथे को चूम लेती है और कहती है

राधा - लगता है रात में पापा ने मेरी गुड़िया को ठीक से सोने नही दिया !

कोमल - शर्मा ते हुए - नही मॉम ऐसी कोई बात नही है ।

राधा - बात कैसे नही है , देख तो मेरी गुड़िया की आँखे अब तक लाल लग रही है ।

कोमल कुछ नही बोली ..

राधा - लगता है पापा को तेरी छोटी सी चूत बहुत पसंद है ।

कोमल शर्म से लाल हो गयी ।

राधा - तुझे भी तो पापा का लण्ड पसंद है ना ।

कोमल - शर्माते हुए - ऐसी कोई बात नही है मॉम

राधा - चल ठीक है ! मान ली तेरी बात तू अभी जा कर तैयार हो जा मैं एक घंटे में नाश्ता लगाती हूँ ।

कोमल पीछे मुड़कर जाने लगी तभी राधा ने कहा :

राधा - बेटी कमरे से निकलने से पहले कम से कम अपनी कच्छी तो पहन लेती

कोमल नीचे देखती है और दौड़ कर रूम में भाग जाती है ।

राधा हंस पड़ती है ।

उस वक्त कोमल ने सिर्फ़ एक छोटी सी टी-शर्ट पहनी हुई थी ।

और नीचे पूरी नंगी थी

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एक घंटे बाद दोनो बेटे सहित संजय तैयार हो कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाते है ।

उधर कोमल भी अपने बाल सुखाकर टेबल पर बैठ जाती है ।

उस वक्त कोमल ने एक सफ़ेद रंग का टॉप और पिंक स्कर्ट पहना था ।

राधा नाश्ता लगाती है । सभी खाना शुरू करते है ।

तभी कोमल की ज़ुल्फ़ें उसके चेहरे पर बार बार आ जाती है ।

इस पर संजय राधा से बोलता है :

संजय - राधा गुड़िया के बाल समेटो , उसे खाने में परेशानी हो रही है ।

राधा साड़ी को कमर तक उठाती है और अपनी कच्छी उतारने लगती है ।

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धीरज - मॉम आपको गुड़िया के बाल समेटने को बोला गया है ।

और आप अपनी चूत को हवा खिला रही हो ।

राधा हंसने लगी और अपनी सफ़ेद कच्छी उतार कर कोमल की तरफ़ बढ़ी

और कच्छी को अपने दाँतो में दबाकर , दोनो हाथों से कोमल के बालों को समेटा

और अपनी कच्छी को लपेट कर जूड़ा बना दिया ।

ये देख कर सभी हंसने लगे ।

ऐसे ही नाश्ता समाप्त हो गया और सभी बाहर अपने काम पर जाने की तैयारी करने लगे ।

_________________________________

डोर बैल का बजना

नीरज ने दरवाज़ा खोला ।

सामने संतोष और सुमन खड़े थे ।

नीरज - अरे चाचू वहाट आ सर्प्राइज़ .. प्लीज़ कम इन ।

दोनो अंदर आते है .

राधा - अरे देवरजी बड़े दिनो बाद दर्शन दिए ।

हमारी याद नही आती या कोई नई मिल गयी ।

संतोष - नही भाभी मैं तो हमेशा आप लोगों से मिलना चाहता हूँ

बस समय ही नही मिल पाता है ।

मुझे तो हमेशा आप सब की याद आती है ।

ख़ासकर आपकी और हमारी प्यारी गुड़िया की ।

ये कह कर संतोष कोमल के गाल चूम लेता है ।


संजय - नालायक जब तू शहर से बाहर होता है तो छोटी को यहाँ क्यूँ नही छोड़ जाता है ?

संतोष - सॉरी भैया ! वो क्या है ना है कि मुझे कल अचानक किसी काम से जाना पड़ा ।

लेकिन रात को धीरज तो आ ही गया था हमारे घर सोने के लिए

संजय - वो तो ठीक है पर आइंदा ख़याल रखना ऐसी गलती दुबारा ना होने पाए ।

संतोष - ओके भैया

राधा - अरे सुमन तू क्यूँ वहाँ खड़ी है यहाँ आ !

सभी बैठ कर बातें करने लगते है तभी कोमल कहती है :

कोमल - मुझे देर हो रही है ।

मुझे जल्दी से बाज़ार जा कर कुछ किताबें लेनी है ।

फिर कुछ कपड़े लेने के लिए मॉल भी जाना है ।

ये कहते हुए कोमल जाने को हुई कि राधा चिलायी रुक तो सुमन को भी साथ ले जा ।

सुमन - मैं ! !!! मैं इस वक्त नही जा सकती !!

राधा - क्यूँ ?? क्यूँ नही जा सकती !

सुमन - वोह ... वोह..

राधा - क्या .. वोह-वोह लगा रखा है ?

सुमन - मैं ... मैं इस वक्त नही जा सकती ।

राधा - क्यूँ !!

सुमन - शर्माते हुए - वो दीदी मैंने आज कच्छी ..

राधा - हाँ कच्छी के आगे भी तो बोल !

सुमन - वो दीदी मैंने आज कच्छी नही पहनी है !

संजय - कच्छी नही पहनी ! पर क्यूँ ?

सुमन संजय की बात पर शर्मा गयी !

राधा - हाँ बोल ना !!!

सुमन - वोह ..वोह..मेरी च.. च...चू..

राधा - क्या चू..

सुमन - वो.... मेरी चूत में सूजन है इसलिए !

संजय धीरज को डाँटता हुआ :

संजय - नालायक एक तो रात में वहाँ सोने गया ।

ऊपर से अपनी चाची की ऐसी चुदाई की.. कि चूत सूजा दी ।

इस पर राधा हंस पड़ी और बोलती है :

राधा - क्यूँ डाँट रहे हो मेरे बच्चे को ?

ऐसी फूल जैसी चाची जिसकी होगी वो भला कैसे अपने आप को सम्भाले ।

ऊपर से रात में अकेले हो तो और भी मुश्किल है ।

संजय सुमन से कहता है :

संजय - छोटी अपनी चूत तो दिखाओ !

मैं भी तो देखूँ आख़िर क्या किया है इस बदमाश ने तुम्हारे साथ ।

सुमन शर्माते हुए - नही ! जेठ जी सब ठीक है

रहने दीजिए ।

संतोष - अरे जब भैया कह रहे है तो दिखा दो !

सुमन जो इस वक्त हल्के पीले रंग की स्कर्ट में थी ,

धीरे -धीरे अपना स्कर्ट शर्माते हुए उठाने लगी ।

सुमन ने अपनी स्कर्ट कमर तक उठाया ।

सभी उसकी चूत को गौर से देखने लगे ..

राधा ने अपना हाथ मुँह पर रख कर कहा :

राधा - हाए रे मेरी प्यारी देवरानी को कैसे निर्दयी होकर चोदा है

संजय - नीरज जा कर फ़र्स्ट ऐड बॉक्स से क्रीम ले कर आओ ।

नीरज - अभी लाया ।

नीरज भाग कर गया और जल्दी से क्रीम ले कर आया ।

संजय सुमन से बैठने के लिए बोलता है ।

सुमन अपनी स्कर्ट ऊपर किए शर्माते हुए बैठ गयी ।

संजय उसे अपनी टाँगे खोलने के लिए कहता है ।

सुमन शर्माते हुए अपनी टाँगे खोलती है ।

संजय अपनी उँगली से सुमन की चूत में क्रीम लगाने लगता है ।

सुमन - आऽऽऽऽऽह

क्रीम लगाने के बाद संजय कोमल से कहता है :

संजय - गुड़िया इसे अपने साथ ले जा ।

और जा कर डॉक्टर ईशिता से चेक अप करवा देना

कोमल - ओके पापा अब हम चलते है ।

वैसे भी मुझे बहुत देर हो रही है ।

सुमन - पर मैं बिना कच्छी के कैसे जाऊँ ??

कोमल - ओफ़्फ़ो चाची !!

कोमल झट से अपनी स्कर्ट ऊपर करती है और अपनी कच्छी उतार देती है ।

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राधा पूछती है - अब तू क्यूँ अपनी कच्छी उतार रही है ?

कोमल अपनी कच्छी लेकर सुमन के पास आती है और उसकी टाँगे उठाकर उसे पहना देती है ।

कोमल - अब ख़ुश ! अब चले ?

सुमन - हाँ अब ठीक है , चल !

कोमल सबको बाए कहकर सुमन के साथ निकल जाती है ।


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prkin

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Evanstonehot भाई,

बहुत अच्छी शुरुआत की है.
 
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