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Incest संस्कारी घर - परिवार

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1) इस कहानी का इंग्लिश संस्करण पूरी लिख दी गई है, अगर किसी को इस कहानी का पूरा संस्करण पढ़ना है तब वो इस लिंक से पढ़ सकता है Sanskari Ghar - Parivaar (Completed)

2) और अगर कोई मेंबर इस कहानी को देवनागरी/हिंदी में पूरा करना चाहता है तब वो इसे पूरा कर सकता है

Reason - Evanstonehot ने नही किया है पूरा + ये स्टोरी पहले ही पूरी हो चुकी है
 
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Evanstonehot

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Good story bhai. please put up another 2 updates then do it when you wish.
Brother विस्तार में समझाओगे .. क्या कहना चाह रहे हो । समझ नही आया ! ?‍♂️
 

Evanstonehot

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________________________________

चोर-पूलिस

उधर राधा की गांड फटते-फटते रह गयी इधर कोमल अपनी चाची सुमन के साथ ट्राफ़िक पूलिस के फेर में पड़ी थी ।

कोमल - सर ... ! प्लीज़ जाने दो आगे से ऐसी गलती नही होगी

आप ये पैसे रख लो प्लीज़ ..

ट्रैफ़िक पूलिस वाला एक हट्टा कट्टा पहलवान सा था जिसकी बड़ी बड़ी मूँछें थी ।

उसकी नेम प्लेट पे “ घनश्याम सिंह ” लिखा था ।

कोमल उसे घनश्याम जी कहके पुकार रही थी ।

घनश्याम - नही ! नही ! मैं क्या तुम्हें रिश्वतखोर लगता हूँ ।

कोमल - प्लीज़ घनश्याम जी ।

अब हो गयी ना गलती !

आगे से नही होगी ।

प्लीज़ .. प्लीज़ .. प्लीज़ !

घनश्याम स्कूटी की चाबी निकालने के लिए नीचे झुकता है ।

वो चाबी निकालता है तभी उसकी नज़र कोमल की उठी स्कर्ट पर जाती है ।

उसे कोमल की चूत दिखायी देती है ।

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घनश्याम का लण्ड खड़ा हो जाता है

सुमन और कोमल इस बात से अनजान , चाबी निकाले जाने से हैरान थे ।

घनश्याम को जाते देख कोमल ग़ुस्से में घनश्याम को घूरने लगती है ।

कोमल स्कूटी से उतरकर घनश्याम की तरफ़ जाती है ।

सुमन को पीछे से कोमल की उठी हुई स्कर्ट दिख जाती है , जिसमें से कोमल की ` कोमल सी ‘ गांड दायें-बायें हो रही थी उसके चलने से ।

कोमल को घनश्याम पर ग़ुस्सा आता है । वो उसके पास जाके खड़ी हो जाती है ।

घनश्याम जवान लड़की की चूत देख के अब तक होश में नही आ पाया था । वो अपना मुँह जग में पानी लेके धोने लगता है ।

कोमल - एसक्यूस मी भाई साहब !

घनश्याम उसकी तरफ़ देखता है । कोमल के पीछे सुमन दौड़ती हुई आ रही है , घनश्याम की नज़रें सुमन को देखने लगती है ।

घनश्याम को किसी और को देखते हुए कोमल भी पीछे मुड़ के देखने लगती है अब घनश्याम को फिर से कोमल की गांड के दर्शन हो जाते है ।

घनश्याम से अपने आप को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है ।

तभी सुमन कोमल के पास पहुँच कर , कोमल के पीछे हाथ कर के कोमल की उठी स्कर्ट नीचे कर देती है ।

कोमल को याद आता है उसकी कच्छी तो सुमन ने पहन रखी है और जो कच्छी उसकी माँ ने दी थी वो उसने स्कूटी में छुपा के रख दी थी ।

कोमल सुमन की आँखो में देख कर कहती है ये तो गड़बड़ हो गयी ।

इस आदमी ने तो मुझे नंगा देख लिया ।

सुमन घनश्याम के पास जाती है और उससे विनती करती है कि उन्हें जाने दे और जो उसने देखा उसे किसी को ना बताए ।

उसके बदले जो उसे चाहिए वो उनसे माँग ले ।

घनश्याम का तो लण्ड पैंट में तम्बू बन ही चुका था । अब उसे अच्छी तरह से पता था कि उसे क्या माँगना है ।

उसने एक नज़र सुमन पर ऊपर से नीचे तक दौड़ाई फिर कोमल को अच्छी तरह से ऊपर से लेके नीचे तक देखा ।

फिर उसने सुमन के सामने ही कोमल से पूछा :

घनश्याम - ए ..लड़की मेरा लण्ड चूसेगी ?

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सुमन और कोमल दोनो के मुँह खुल गए !

सुमन - ये क्या कह रहे हो आप भाई साहब ।

आख़िर ये क्यूँ चूसेगी आपका लण्ड !!!

घनश्याम समझ गया ये किसी बड़े घराने की बड़ी रंडियाँ है ।

उसने सुमन से कहा ....

घनश्याम - तो..तू चूस ले राँड !!!

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ये सुनके कोमल और सुमन दोनो आश्चर्यचकित रह गयी ।

दोनो को लगा की अब ये पुलिस वाला बिना चोदे दोनो को छोड़ेगा नही ।

कोमल ने झट से अपने पापा को फ़ोन लगाया और उन्हें सारी बात बता दी ।

संजय ने बात समझते हुए पूलिस वाले से बात करनी चाही ।

कोमल ने फ़ोन घनश्याम को दे दिया ।

कुछ देर घनश्याम से बात करने के बाद संजय ने वापस कोमल से बात की ।

कोमल - हाँ पापा ! कुछ हुआ ?

संजय - देखो बेटी ये पैसे तो लेगा नही । इसने तेरी चूत और गांड दोनो देख ली है

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अब ये कह रहा है किसी एक की गांड दिलवा दो !

अब तू ये बता ! बेटी .. तू मरवाएगी या सुमन ?

कोमल हैरानी से - ये क्या डील हुई पापा ! इसलिए इतनी देर बात की आपने ?

हम बीच सड़क पे है ! बीच सड़क पे क्या हम किसी अनजान व्यक्ति से ..

संजय हँसता हुआ - अरे मज़ाक़ था बेटी , मैंने उससे बात कर ली है ।

वो बोल रहा है कि उसकी जीप खड़ी है उसमें जाके किसी एक की गांड चाटेगा । और छोड़ देगा तुम दोनो को ।

कोमल - ठीक है पापा मेरी चाट लेगा । रखती हूँ अब फ़ोन ।

कोमल सुमन को सब बताती है । सुमन उससे पूछती है कि क्या वो जाए जीप में ?

कोमल मना करके कहती है कि वो सम्भाल लेगी ।

कोमल घनश्याम के पास जाके कहती है :

चलिए ..।

दोनो जीप की तरफ़ अग्रसर हो जाते है ।

जीप में पहुँच कर घनश्याम कोमल की स्कर्ट ऊपर उठा कर घुस जाता है उसमें और अच्छे से उसकी चूत और गांड चाट चाट कर साफ़ कर देता है ।

बाहर सुमन खड़ी जीप की तरफ़ देखती रहती है ।

१० मिनट गुजर जाने के बाद सुमन जीप के पास पहुँचती है और खिड़की पे खटखटाती है ।

दोनो जीप से बाहर निकलते है ।

कोमल को देख कर सुमन के होश उड़ जाते है ।

वो ऐसे लग रही थी जैसे उस पूलिस वाले ने उसकी ज़बरदस्ती लिटा कर गांड मार ली हो

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घनश्याम कोमल को सुमन को थमा के निकल जाता है ।

सुमन - अरे कोमल डील तो सिर्फ़ गांड चाटने की हुई थी ना ।

कोमल - साँस दुरुस्त करते हुए - हाँ लेकिन उस हरामी ने मेरे मुँह में अपना १० इंच लम्बा लण्ड भी दे दिया ।

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सुमन - १० इंच था उसका ?

कोमल - हाँ मेरा गला पूरा भर भर के चोद डाला उसने पर चलो जान तो छूटी ।

दोनो हंसने लगे और आगे निकल गए ।

_______________________________________

घर : बच्चों को भी मौक़ा

इधर राधा भी अपने कपड़े पहन कर आ गयी ।

उसके बाद वह संतोष और नीरज से बातें करने लगी पर नीरज का ध्यान अपनी मॉ की गांड पर लगा हुआ था जो आज उसने थोड़ी देर पहले देखी थी ।

वो बार बार अपने खड़े लण्ड को बैठाने की कोशिश कर रहा था

ये देख कर राधा हंस पड़ी और बोली :

राधा - आइ अम सॉरी बेटा !

वो तेरे चाचू इतने दिनो बाद आए थे और आज उन्हें एक महीने के लिए बाहर भी जाना है तो मैं उन्हें मना नही कर सकी ।

आज सुबह से मेरा भी मन मचल रहा था चुदाई के लिए इसलिए कर लिया ।

तू रात में कोमल या सुमन को ले लेना ! ओके !

नीरज - कोई बात नही मॉम वो मैं रात को देखूँगा । और हाँ चाचू आप कहाँ जा रहे हो ?

संतोष - वो मुझे ज़रूरी काम से मुंबई जाना पड़ रहा है । एक महीने बाद आऊँगा तब तक सुमन यहीं रहेगी ।

नीरज - वाउ !! चाची एक महीने यहीं रहेगी ।

नीरज की इक्सायट्मेंट देख कर राधा और संतोष हंस पड़े ।

राधा - देखा तुझे तेरी चाची पूरे महीने भर के लिए मिल रही है ... जब चाहे चढ़ जाना उस पर !:sex:

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तीनो हंस पड़ते है तभी डोरबैल बजती है ।

राधा उठती है और दरवाज़ा खोलती है ।

सामने कोमल और सुमन खड़ी थी ।

राधा को कोमल का मुँह फटा-फटा सा लगता है पर उसने ज़्यादा ध्यान नही दिया इस बात पर और बोली

राधा - आ गयी तुम दोनो !

कोमल अंदर आते हुए - हाँ मॉम !

राधा - बैठ मैं चाय बनाकर लाती हूँ ।

सुमन - नही दीदी अब सीधा डिनर ही लगा देना ।

राधा खाना लगाती है । सभी खाने बैठते है ।

राधा बग़ल में खड़ी हो कर सभी को खाना खिलाने लगती है ।

संतोष - अरे भाभी आप भी आइए ना !

राधा - नही नही तुम लोग खाओ मैं बाद में खा लुंगी

संतोष पास खड़ी राधा को खींच के अपनी गोद में बिठा लेता है । संतोष का खड़ा हुआ लण्ड राधा की गांड में चुभने लगता है ।

राधा - ओह...ओ !!!! छोड़ो ना सभी देख रहे है ।

संतोष - देखने दो मैं अपनी प्यारी भाभी को खाना खिला रहा हूँ । किसी को इससे क्या !

सभी हंस पड़ते है और राधा शर्मा जाती है । राधा को देख कर नीरज का लण्ड फिर से तन जाता है ।

नीरज सुमन को देख कर एक सेक्सी स्माइल देता है ये देख कर सुमन शर्मा जाती है ।

कोमल उन्हें छेड़ते हुए कहती है :

कोमल - क्यू नीरज भैया !! कल रात धीरज भैया ने चाची की चूत सुजाई थी ।

कहीं आज आपका दिल तो नही कर रहा चाची को चोदने का !

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सुमन - धत्त ! बेशर्म !! कुछ भी बोल देती है और शर्मा जाती है ।

संतोष - अरे हाँ तुमने बताया नही डॉक्टर ने क्या कहा ?

कोमल - कहना क्या था चाचू बस धीरज भैया की तारीफ़ की ..

राधा - धीरज की तारीफ़ ? किस लिए !!

कोमल - डॉक्टर ने कहा बड़ी क़िस्मत वाली है जो इतने तगड़े लण्ड से चुदी ।

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सुमन - धत्त !! बेशर्म !!

राधा - मेरे बेटे का लण्ड है ही इतना तगड़ा कि कोई भी उसकी तारीफ़ करेगी ।

कोमल - हाँ लेकिन चाची अभी ३-४ दिन चुद नही सकती ।

ये सुन कर नीरज का मुँह लटक गया । ये देख कर राधा को हंसी आ गयी ।

राधा - कोई बात नही नीरज बेटा तुम आज रात को गुड़िया को ले लेना ..

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कोमल - मुझे !!!!! पर पापा ...

राधा - उन्हें मैं मना लुंगी , अब ख़ुश ।

यू ही हंसी मज़ाक़ में समय निकला । थोड़ी देर में धीरज और संजय भी आ गए ।

राधा ने उन दोनो के लिए भी खाना परोसा । सभी फ़्रेश होकर खाने बैठे तभी संजय बोला :

संजय - और संतोष कैसा चल रहा है तुम्हारा ??

संतोष - जी भैया सब ठीक है वो अभी एक घंटे में मुझे मुंबई निकलना है ।

ज़रूरी काम है एक महीने के लिए इसलिए सुमन को यहीं छोड़े जा रहा हूँ । उसका ख़याल रखिएगा ।

संजय - खूब तरक़्क़ी करो तुम ।

भगवान तुम्हें और सफल बनाए ।

और हाँ !

सुमन की बिलकुल भी चिंता मत करना ।

संतोष - आप लोगों के पास रहेगी तो चिंता की क्या बात !

फिर संजय सुमन से उसकी चूत की सूजन के बारे में पूछता है ।

सुमन उसको बताती है कि डॉक्टर ने दवाई दी है । ३-४ दिन लगेंगे ठीक होने में जब तक किसी से भी चुदवाने को मना किया है ।

संजय सुमन को अपनी चूत दिखाने के लिए कहता है

सुमन शर्मा जाती है ।

पर संजय उसे चूत दिखाने पे मजबूर कर देता है ।

सुमन शर्माते हुए स्कर्ट ऊपर करती है और अपनी कच्छी बग़ल में करके संजय को अपनी चूत दिखाती है ।

संजय सुमन से कच्छी उतारने के लिए कहता है

संजय - छोटी अगर कच्छी पहन के रखोगी तो ज़ख़्म भरने में समय लगेगा ।

सुमन झट से अपनी गांड से कच्छी उतार फेंकती है

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थोड़ी देर बाद संतोष जाने के लिए तैयार होता है ।

संजय नीरज से संजय को अयरपोर्ट तक छोड़ के आने के लिए बोलता है ।

ये सुनकर नीरज का मुँह लटक जाता है ।

राधा नीरज की उदासी को देखते हुए कहती है :

राधा - वोह .. आज नीरज का मन कोमल के साथ .

संजय - गुड़िया के साथ !!

पर गुड़िया के साथ तो मैं आज !

राधा बीच में ही बात काटते हुए - ओफ़्फ़ो !! आप भी ना !

कभी तो बच्चों को भी मौक़ा दिया करो

संजय - जैसा तुम चाहो .. डार्लिंग हम तो आपकी चूत के ग़ुलाम है ।

राधा - छि ! छि !

कभी तो शर्म किया करो बच्चों के सामने ही !

इसी हंसी मज़ाक़ के साथ संजय धीरज को संतोष के साथ भेज देता है ।

कोमल और नीरज को वो आज रात मज़े करने के लिए कहता है

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नीरज पापा को धन्यवाद देता है ।

नीरज ख़ुश होते हुए उठता है और बग़ल में बैठी कोमल को उसके बग़ल में हाथ देकर उठा लेता है ।

नीरज कोमल की गांड के नीचे हाथ रख कर अपने कमरे में दौड़ पड़ता है ।

कोमल समझ जाती है कि अब उसे नीरज से चुदने से कोई नही बचा सकता ।



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R kaur

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अब कोमल की कहानी पर आते है !


उधर राधा की गांड फटते-फटते रह गयी इधर कोमल अपनी चाची सुमन के साथ ट्राफ़िक पूलिस के फेर में पड़ी थी ।


कोमल - सर ... ! प्लीज़ जाने दो आगे से ऐसी गलती नही होगी । आप ये पैसे रख लो प्लीज़ ! ??


ट्रैफ़िक पूलिस वाला एक हट्टा कट्टा पहलवान सा था जिसकी बड़ी बड़ी मूँछें थी । उसकी नेम प्लेट पे “ घनश्याम सिंह ” लिखा था । कोमल उसे घनश्याम जी कहके पुकार रही थी ।


घनश्याम - नही नही मैं तुम्हें रिश्वतखोर लगता हूँ । ?


कोमल - प्लीज़ घनश्याम जी हो गयी गलती ! आगे से नही होगी । प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ ..... ????


घनश्याम स्कूटी की चाबी निकालने के लिए नीचे झुकता है । वो चाबी निकालता है तभी उसकी नज़र कोमल की उठी स्कर्ट पर जाती है । उसे कोमल की चूत दिखायी देती है । घनश्याम का लण्ड खड़ा हो जाता है ।


सुमन और कोमल इस बात से अनजान , चाबी निकाले जाने से हैरान थे । घनश्याम को जाते देख कोमल ग़ुस्से में घनश्याम को घूरने लगती है । तभी कोमल स्कूटी से उतरकर घनश्याम की तरफ़ जाती है । सुमन को पीछे से कोमल की उठी हुई स्कर्ट दिख जाती है , जिसमें से कोमल की ` कोमल सी ‘ गांड दायें-बायें हो रही थी उसके चलने से । ???


कोमल को घनश्याम पर ग़ुस्सा आता है । वो उसके पास जाके खड़ी हो जाती है । घनश्याम जवान लड़की की चूत देख के अब तक होश में नही आ पाया था । वो अपना मुँह जग में पानी लेके धोने लगता है ।


कोमल - एसक्यूस मी भाई साहब ..... ??


घनश्याम उसकी तरफ़ देखता है । कोमल के पीछे सुमन दौड़ती हुई आ रही है , घनश्याम की नज़रें सुमन को देखने लगती है । घनश्याम को किसी और को देखते हुए कोमल भी पीछे मुड़ के देखने लगती है । अब घनश्याम को फिर से कोमल की गांड के दर्शन हो जाते है । ??


घनश्याम से अपने आप को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है । तभी सुमन कोमल के पास पहुँच कर , कोमल के पीछे हाथ कर के कोमल की उठी स्कर्ट नीचे कर देती है ।

कोमल को याद आता है उसकी कच्छी तो सुमन ने पहन रखी है और जो कच्छी उसकी माँ ने दी थी वो उसने स्कूटी में छुपा के रख दी थी । ??


कोमल सुमन की आँखो में देख कर कहती है ये तो गड़बड़ हो गयी । इस आदमी ने तो मुझे नंगा देख लिया । सुमन घनश्याम के पास जाती है और उससे विनती करती है कि उन्हें जाने दे और जो उसने देखा उसे किसी को ना बताए । उसके बदले जो उसे चाहिए वो उनसे माँग ले ।


घनश्याम का तो लण्ड पैंट में तम्बू बन ही चुका था । अब उसे अच्छी तरह से पता था कि उसे क्या माँगना है ।


उसने एक नज़र सुमन पर ऊपर से नीचे तक दौड़ाई फिर कोमल को अच्छी तरह से ऊपर से लेके नीचे तक देखा ।


फिर उसने सुमन के सामने ही कोमल से पूछा ...


घनश्याम - ए लड़की मेरा लण्ड चूसेगी !!! ?


सुमन और कोमल दोनो के मुँह खुल गए ये सुनके ... ?


सुमन - ये क्या कह रहे हो आप भाई साहब ... आख़िर ये क्यूँ चूसेगी आपका लण्ड !!!


घनश्याम समझ गया ये किसी बड़े घराने की बड़ी रंडियाँ है । उसने सुमन से कहा ....


घनश्याम - तो तू चूस ले राँड !!!


ये सुनके कोमल और सुमन दोनो आश्चर्यचकित रह गयी
दोनो को लगा की अब ये पुलिस वाला बिना चोदे दोनो को छोड़ेगा नही । कोमल ने झट से अपने पापा को फ़ोन लगाया और उन्हें सारी बात बता दी । संजय ने बात समझते हुए पूलिस वाले से बात करनी चाही । कोमल ने फ़ोन घनश्याम को दे दिया । कुछ देर घनश्याम से बात करने के बाद संजय ने वापस कोमल से बात की ।


कोमल - हाँ पापा ! कुछ हुआ ?


संजय - देखो बेटी ये पैसे तो लेगा नही । इसने तेरी चूत और गांड दोनो देख ली है !


अब ये कह रहा है किसी एक की गांड दिलवा दो !


अब तू ये बता ! बेटी तू मरवाएगी या सुमन ?


कोमल हैरानी से - ये क्या डील हुई पापा इसलिए इतनी देर बात की आपने ? हम बीच सड़क पे है ! बीच सड़क पे क्या हम किसी अनजान व्यक्ति से ...। ?


संजय हँसता हुआ - अरे मज़ाक़ था बेटी , मैंने उससे बात कर ली है । वो बोल रहा है कि उसकी जीप खड़ी है उसमें जाके किसी एक की गांड चाटेगा । और छोड़ देगा तुम दोनो को ।


कोमल - ठीक है पापा मेरी चाट ? लेगा । रखती हूँ अब फ़ोन ।


कोमल सुमन को सब बताती है । सुमन उससे पूछती है कि क्या वो जाए जीप में ? कोमल मना करके कहती है कि वो सम्भाल लेगी ।


कोमल घनश्याम के पास जाके कहती है चलिए ......। दोनो जीप की तरफ़ अग्रसर हो जाते है । जीप में पहुँच कर घनश्याम कोमल की स्कर्ट ऊपर उठा कर घुस जाता है उसमें और अच्छे से उसकी चूत और गांड चाट चाट कर साफ़ कर देता है । बाहर सुमन खड़ी जीप की तरफ़ देखती रहती है । १० मिनट गुजर जाने के बाद सुमन जीप के पास पहुँचती है और खिड़की पे खटखटाती है । दोनो जीप से बाहर निकलते है ।


कोमल को देख कर सुमन के होश उड़ जाते है । वो ऐसे लग रही थी जैसे उसकी उस पूलिस वाले ने गांड मार ली हो । घनश्याम कोमल को सुमन को थमा के निकल जाता है ।


सुमन - अरे कोमल डील तो सिर्फ़ गांड चाटने की हुई थी ना ?


कोमल - साँस दुरुस्त करते हुए - हाँ लेकिन उस हरामी ने मेरे मुँह में अपना १० इंच लम्बा लण्ड भी दे दिया । ?


सुमन - १० इंच था उसका ?


कोमल - हाँ मेरा गला पूरा भर भर के चोद डाला उसने पर चलो जान तो छूटी ।


दोनो हंसने लगे और आगे निकल गए ।


उधर राधा भी अपने कपड़े पहन कर आ गयी । उसके बाद वह संतोष और नीरज से बातें करने लगी पर नीरज का ध्यान अपनी मॉम की नंगी गांड पर लगा हुआ था जो आज उसने थोड़ी देर पहले देखी थी । वो बार बार अपने खड़े लण्ड को बैठाने की कोशिश कर रहा था । ये देख कर राधा हंस पड़ी और बोली ...


राधा - आइ अम सॉरी बेटा ! वो तेरे चाचू इतने दिनो बाद आए थे और आज उन्हें एक महीने के लिए बाहर भी जाना है तो मैं उन्हें मना नही कर सकी । आज सुबह से मेरा भी मन मचल रहा था चुदाई के लिए इसलिए कर लिया । तू रात में कोमल या सुमन को ले लेना .. ओके !


नीरज - कोई बात नही मॉम वो मैं रात को देखूँगा । और हाँ चाचू आप कहाँ जा रहे हो ?


संतोष - वो मुझे ज़रूरी काम से मुंबई जाना पड़ रहा है । एक महीने बाद आऊँगा तब तक सुमन यहीं रहेगी ।


नीरज - वाउ !! चाची एक महीने यहीं रहेगी ।


नीरज की इक्सायट्मेंट देख कर राधा और संतोष हंस पड़े ।


राधा - देखा तुझे तेरी चाची पूरे महीने भर के लिए मिल रही है ... जब चाहे चढ़ जाना उस पर !:sex:


तीनो हंस पड़ते है तभी डोरबैल बजती है । राधा उठती है और दरवाज़ा खोलती है । सामने कोमल और सुमन खड़ी थी । राधा को कोमल का मुँह फटा-फटा सा लगता है पर उसने ज़्यादा ध्यान नही दिया इस बात पर और बोली ...


राधा - आ गयी तुम दोनो !


कोमल अंदर आते हुए - हाँ मॉम !


राधा - बैठ मैं चाय बनाकर लाती हूँ ।


सुमन - नही दीदी अब सीधा डिनर ही लगा देना ।


राधा खाना लगाती है । सभी खाने बैठते है । राधा बग़ल में खड़ी हो कर सभी को खाना खिलाने लगती है ।


संतोष - अरे भाभी आप भी आइए ना !


राधा - नही नही तुम लोग खाओ मैं बाद में खा लुंगी ।


संतोष पास खड़ी राधा को खींच के अपनी गोद में बिठा लेता है । संतोष का खड़ा हुआ लण्ड राधा की गांड में चुभने लगता है ।


राधा - ओह...ओ !!!! छोड़ो ना सभी देख रहे है ।


संतोष - देखने दो मैं अपनी प्यारी भाभी को खाना खिला रहा हूँ । किसी को इससे क्या !


सभी हंस पड़ते है और राधा शर्मा जाती है । राधा को देख कर नीरज का लण्ड फिर से तन जाता है । नीरज सुमन को देख कर एक सेक्सी स्माइल देता है । ये देख कर सुमन शर्मा जाती है । कोमल उन्हें छेड़ते हुए कहती है ....


कोमल - क्यू नीरज भैया !! कल रात धीरज भैया ने चाची की चूत सुजाई थी । आज आपका दिल तो नही कर रहा चाची को चोदने का ??


सुमन - धत्त ! बेशर्म !! कुछ भी बोल देती है और शर्मा जाती है ।


संतोष - अरे हाँ तुमने बताया नही डॉक्टर ने क्या कहा ?


कोमल - कहना क्या था चाचू बस धीरज भैया की तारीफ़ की ..


राधा - धीरज की तारीफ़ ? किस लिए !!


कोमल - डॉक्टर ने कहा बड़ी क़िस्मत वाली है जो इतने तगड़े लण्ड से चुदी ।


सुमन - धत्त !! बेशर्म !!


राधा - मेरे बेटे का लण्ड है ही इतना तगड़ा कि कोई भी उसकी तारीफ़ ही करेगी ।


कोमल - हाँ लेकिन चाची अभी ३-४ दिन चुद नही सकती ।


ये सुन कर नीरज का मुँह लटक गया । ☹? ये देख कर राधा को हंसी आ गयी ।


राधा - कोई बात नही नीरज बेटा तुम आज रात को गुड़िया को ले लेना ....


कोमल - मुझे !!!!! पर पापा ...


राधा - उन्हें मैं मना लुंगी , अब ख़ुश ।


यू ही हंसी मज़ाक़ में समय निकला । थोड़ी देर में धीरज और संजय भी आ गए । राधा ने उन दोनो के लिए भी खाना परोसा । सभी फ़्रेश होकर खाने बैठे तभी संजय बोला .....


संजय - और संतोष कैसा चल रहा है तुम्हारा ??


संतोष - जी भैया सब ठीक है वो अभी एक घंटे में मुझे मुंबई निकलना है । ज़रूरी काम है एक महीने के लिए इसलिए सुमन को यहीं छोड़े जा रहा हूँ । उसका ख़याल रखिएगा ।


संजय - खूब तरक़्क़ी करो तुम । भगवान तुम्हें और सफल बनाए । और सुमन की चिंता मत करना ।


संतोष - आप लोगों के पास रहेगी तो चिंता की क्या बात !


फिर संजय सुमन से उसकी चूत की सूजन के बारे में पूछता है । सुमन उसको बताती है कि डॉक्टर ने दवाई दी है । ३-४ दिन लगेंगे ठीक होने में जब तक किसी से भी चुदवाने को मना किया है । फिर संजय सुमन को अपनी चूत दिखाने के लिए कहता है । सुमन शर्मा जाती है । पर संजय उसे चूत दिखाने पे मजबूर कर देता है ।


सुमन शर्माते हुए स्कर्ट ऊपर करती है और अपनी कच्छी बग़ल में करके संजय को अपनी चूत दिखाती है । संजय सुमन से कच्छी उतारने के लिए कहता है ।


संजय - छोटी अगर कच्छी पहन के रखोगी तो ज़ख़्म भरने में समय लगेगा ।


सुमन झट से अपनी कच्छी उतार फेंकती है ।


थोड़ी देर बाद संतोष जाने के लिए तैयार होता है । संजय नीरज से संजय को आएरपोर्ट तक छोड़ के आने के लिए बोलता है । ये सुनकर नीरज का मुँह लटक जाता है । राधा नीरज की उदासी को देखते हुए कहती है ....


राधा - वोह .... आज नीरज का मन कोमल के साथ ....


संजय - गुड़िया के साथ !! .. पर गुड़िया के साथ तो मैं आज ...


राधा बीच में ही बात काटते हुए - ओफ़्फ़ो !! आप भी ना ! कभी तो बच्चों को भी मौक़ा दिया करो


संजय - जैसा तुम चाहो .. डार्लिंग हम तो आपकी चूत के ग़ुलाम है ।


राधा - छि...छि .. ! कभी तो शर्म किया करो बच्चों के सामने ही ....


इसी हंसी मज़ाक़ के साथ संजय धीरज को संतोष के साथ भेज देता है । कोमल और नीरज को वो आज रात मज़े करने के लिए कहता है । नीरज पापा को धन्यवाद देता है । नीरज ख़ुश होते हुए उठता है और बग़ल में बैठी कोमल को उसके बग़ल में हाथ देकर उठा लेता है । नीरज कोमल की गांड के नीचे हाथ रख कर अपने कमरे में दौड़ पड़ता है । कोमल समझ जाती है कि अब उसे नीरज से चुदने से कोई नही रोक सकता ।

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Awesome story
 

Kabir

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jabardast start


bas aise hi regular update dete raho.......
 

prkin

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Brother विस्तार में समझाओगे .. क्या कहना चाह रहे हो । समझ नही आया ! ?‍♂️


कवि ये कहना चाहता है कि जब कुल चार पांच अपडेट हो जायेंगे तब आप अपने समय से अपडेट देना। अभी अगर हो सके तो जल्दी से ५ अपडेट तक ले जाओ.
 

Evanstonehot

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कवि ये कहना चाहता है कि जब कुल चार पांच अपडेट हो जायेंगे तब आप अपने समय से अपडेट देना। अभी अगर हो सके तो जल्दी से ५ अपडेट तक ले जाओ.
कवि का हुकुम सर आँखो पर ।
 
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