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Update - 30
माफी चाहता हूं बहनों और भाइयों काफी समय बाद आया हूं पोस्ट करने । Im really sorry and i assure you , i will never repeat it again .
********
पजामी में कसी हुई मोटी मोटी जांघें और उसके बीच चूत का हिस्सा जो कि काफी मोटा लग रहा था । और हल्का सा आरती का पेट के नीचे वाला पेड़ू भी उभरा हुआ था । बलबीर बहुत ही मंझा हुआ खिलाड़ी था । बलवीर समझ गया कि पेड़ू उन्हीं लड़कियों का उभरा हुआ होता है जिन की चूत बड़े और मोटे लोड़े की मांग करती है । बलवीर को आरती की मोटी मोटी जांघों को निहारते हुए जब 1 मिनट हो गई । तो उसने फुर्ती से अपने दोनों हाथों को आरती की गांड से लगाया और आरती को अपनी तरफ खींच लिया और अपना मुंह आरती की भारी भारी मोटी मोटी जांघो के बीच बिल्कुल चूत पर लगा दिया ।
******** अब आगे *******
चूत पर मुंह लगते ही आरती सिसिया उठी । उसका मुंह खुला का खुला रह गया । बलवीर अपनी नाक से आरती की चूत के दाने को सहलाने लगा जब आरती को बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसके मुंह से निकला।
आरती - भैया छोड़ दो मुझे, मैं आपके हाथ जोड़ती हूं ।
बलवीर बिना कुछ सुने उसकी चूत से खेले जा रहा था कभी वह अपनी नाक रगड़ता तो कभी होठों से उसकी चूत को चूम लेता ।
कुछ देर उसकी चूत से खेलने के बाद बलवीर खड़ा हुआ और आरती की आंखों में देखने लगा ।
आरती को बलवीर की लाल आंखों में वासना तैरती हुई साफ दिख रही थी । आरती तो बस बलवीर की आंखों में देख रही थी लेकिन तभी उसे एहसास हुआ कि बलवीर का हाथ उसकी चूत पर है और अपनी उंगलियों से आरती की चूत के दाने को टटोलना शुरू कर दिया।
बलवीर के इस तरह के हमले से आरती के अंदर एक जोश भर गया , लेकिन वो अपने बलवीर भैया के सामने शर्म से पानी पानी हो रही थी ।
तभी बलवीर ने आरती की चूत में अपनी उंगली उतार दी। बलवीर की उंगली गच्च से चूत में समा गई । बलवीर को ऐसा लगा जैसे उसकी उंगली चिकनी चूत में घुस गई हो।
उंगली को दो-तीन बार अंदर बाहर करने के बाद बलवीर उसकी पूरी चूत पर अपना हाथ घुमाने लगा और आरती सिसीया रही थी और ना ही कुछ बोल पा रही थी । आरती का तो बस मुंह खुला का खुला ही रह गया और यह देखकर बलवीर ने सीधा आरती के मुंह में थूक दिया। जैसे ही बलवीर का थूक आरती के मुंह में गया आरती ने तुरंत अपना मुंह बंद कर लिया ।
आरती ने शर्म से अपना मुंह बंद किया था लेकिन बलबीर ने इसका मतलब कुछ और ही निकाला।
बलबीर बोला- देखा कितनी गर्म है मेरी बहन। मेरा थूक मुंह में लेकर मुझे घूर रही है ।
आरती ने मुंह बंद किया हुआ था बलवीर उसे घूरे जा रहा था।
बलवीर ने भी आरती को घूरते हुए आरती की चूत में पूरी उंगली घुसा दी । जैसे ही आरती की चूत में उंगली घुसी आरती का मुंह फिर से खुल गया और जो बलवीर ने उसके में थूका था आरती ने उसे गटक लिया ।
जो बलवीर उसे घूरे जा रहा था जैसे ही उसने देखा कि उसकी बहन उसके थूक को बाहर भी थूक सकती थी लेकिन चूत में उंगली लेते ही मेरा थूक भी गटक लिया , यह तो बड़ी ही गर्म चीज है । बिस्तर की रांड बनने लायक है यह तो। साला वैसे किसी ने सही कहा है जो जितनी सीधी और संस्कारी दिखेगी वही लड़की या औरत से अंदर से भूखी कुतिया की तरह चुदासी रहेगी एक मोटे से लंड की जो उसे पटक पटक कर चोदे।
ऐसा सोचते हुए बालवीर आरती के पीछे आया और घुटने के बल बैठ गया । सामने थी तो आरती की मोटी गांड । चूतड़ों का फैलाव और उनका चौड़े होने के साथ गोल होना सच में कुदरत का कोई अनोखा ही करिश्मा था। अपनी विधवा बहन की गांड के पीछे बैठने का ख्याल दिमाग में आते ही बलवीर के लंड में आग सी लग गई । और उस आग में बलवीर का लंड ऐसे जलने लगा जैसे रॉकेट के उड़ने से पहले उसमें आग लगती है , ठीक वैसे ही बलवीर का लंड भी आग में जलकर अब रॉकेट की तरह उड़कर आरती की गांड में घुसने को तैयार था।
(( hahaha दोस्तों यह लाइन लिखते ही मुझे सच में हंसी आ गई । पता नहीं आप को हंसी आई होगी या नहीं आई होगी । शायद आप में से कुछ लोग कह रहे होंगे बड़ा ही चुतिया राइटर है । बात बिल्कुल कांटे की चल रही होती है और यह भोसड़ी का बीच में कॉमेडी कर देता है । चलो कोई नहीं sorry । हा हा हा हा अब क्या कह रहे हो भोसड़ी के बकचोदी मत कर आगे लिख दे । तो चलो पढ़ो आगे । मूड की चिंता ना करो दो मिनट में बना दूंगा ।))
आरती की गांड को देखते हुए बलवीर ने आरती के चूतड़ों को हाथों से फैला दिया ।आरती की तो सांसे ही रुक गई ।
बलवीर ने चूतड़ों को फैलाकर अपने मुंह से थूक दिया और बलवीर का थूक सीधा आरती की गांड के छेद पर पड़ा ।
आरती अपनी गांड के छेद पर थूक का एहसास होते ही अजीब सा सुख महसूस करते हुए शर्म से पानी पानी हो गई ।
सोचिए उस बहन की फीलिंग क्या होगी जिसका खुद का सगा भाई उसकी गांड के पीछे बैठकर अपने हाथों से उसकी गांड को फैला कर उस पर थूक रहा हो ।
गांड के छेद पर बलवीर का थूक पड़ते ही आरती के जिस्म में एक सिरहन सी दौड़ गई । अब बलवीर खड़ा हुआ और अपनी एक उंगली से आरती की गांड के छेद को कुरेदते हुए बोला ।
बलवीर - सच मे तू तो बड़ी गर्म है ।
आरती - भईया शालिनी जाग जायेगी अब छोड़ दो ।
बलवीर - छोड़ दूंगा अभी तो तुझे चैक किया है बस । और चैक करके पता भी चल गया है की आरती उस घोड़ी का नाम है जो हिनहिनाते हुए चुदेगी ।
आरती - भईया आपको क्या हो गया है , ऐसी अश्लील बाते कर रहे है ।
जैसे ही आरती ने ऐसा कहा बलवीर ने अपनी उंगली आरती की गांड में घुसा दी । जो थूक के कारण आसानी से आरती की गांड में चली गई । उंगली घुसते ही आरती पंजों पर ही उचक गई ।
बलवीर - अश्लील बाते मै कर रहा हूं और तू जो लंड के लिए पागल कुतिया की इधर उधर मुंह मार रही है उसका क्या ।
आरती चुप रही क्युकी बलवीर की उंगली अब कमाल दिखाने लगी थी उसकी गांड में।
बलवीर - बोल ना अब चुप क्यों हो गई कुतिया लोड़े की जरूरत पड़ती है ना तुझको । लंड मांगती है ना तेरी चूत ।
ऐसा कहकर बलवीर ने आरती की गांड में से उंगली निकालकर और उसके चूतड़ों पर एक थप्पड़ मारा और बोला।
बलवीर - देख कुत्तिया अपनी गांड को। ऐसी चौड़ी गांड को लेकर तू घर में फिरती है लेकिन चुदेगी किसी सलमान से ही । इस पानी टपकाती हुई चूत को तू घर में लेकर बैठी रहती है लेकिन चुदेगी किसी सलमान से ही ।क्या कभी सोचा है तूने कि तेरे दो भाई हैं और दोनों ही भाई हटेकट्टे पहलवान जैसे हैं , और तू भी कम नहीं है घोड़ी की तरह हिनाहिनाती हुई चलती है , लेकिन फिर भी तुझे लंड बाहर का चाहिए । कभी सोचा तूने दुनिया क्या कहेगी ? दुनिया यह कहेगी कि या तो इसके भाइयों के लोड़े खड़े नहीं होते या फिर यह इतनी बड़ी रंडी है जो बाहर चुदने की भी जरूरत पड़ गई ।
बलवीर - क्या यह हम दोनों भाइयों की बेजती नहीं होगी लेकिन तेरे जैसी रंडी बहन हर किसी की होती है और हर किसी की बहन यही सोचती है कि बाहर किसी चूतिए से लड़के से चुद लूंगी लेकिन अपने भाई के नीचे नहीं लेटूंगी । बाहर किसी की जरा सी बाबू सोना करने से उसके आगे चूत फैला देती हैं लेकिन कभी यह नहीं सोचती कि उनका भाई उन्हें कितना प्यार करता है लेकिन बहनकीलोड़ी घर में लड़ती रहेंगी भाइयों से । घर में ये दिखा देंगी अपने भाई को तो बिलकुल कि उनकी बहन कितनी सुधरी हुई है , उनकी बहन को बस अपने काम से मतलब है । उनकी बहन किसी से फालतू बात करना पसंद नहीं करती । उनकी बहन के पास फालतू चीजों के लिए टाइम नहीं है । बोल सही कह रहा हूं ना मैंं।
ये सुनकर आरती ने गर्दन झुका ली ।
बलवीर - एक बात कहूं आरती तेरे जैसी रंडी बहनों को कुछ भाई समझ नहीं पाते या असली चेहरा नहीं देख पाते उनका । अगर उन्हें पता चल जाए कि यह मेरी बहन ऐसी है कि बाहर इसे कोई प्यार से बाबू सोना करे तो उससे मेरी बहन रात भर बात करेगी फोन पर और दिन में होटल में रूम लेकर उसके लोड़े की नीचे लेटकर घर आएगी और घर आकर बोल देगी मम्मी लेट हो गई थी फ्रेंड के साथ घूमने में टाइम निकल गया । और घर वाले यह कभी नहीं समझ पाते कि अभी यह बाहर चुदकर आई है । वह कभी यह नहीं सोचते कि उनकी बहन बेटी का पिछवाड़ा दिन प्रतिदिन कैसे भारी होता जा रहा है । कैसे उसके चूतड़ों ने मटकना शुरू कर दिया है। बिना लंड के तो ऐसा होता नहीं ।
बलवीर - अगर दुनिया का हर भाई या बाप इतना दिमाग पर जोर डाल ले तो तेरे जैसी गदरायी बहनों को घर में कपड़े पहनने की इजाजत ना दे , तेरे जैसी कुतियाओं को तेरे जैसी रंडी बहन बेटियों को जब दिल में आए तब पटक कर चोद दे । मिटा दे रंडियों की गर्मी अगर दुनिया का हर भाई यह सोच ले तो किसी की बहन तेरी तरह रात को किसी सलमान से लंड से चुदने के सपने नही देखेगी । लेकिन एक बात कहूं आरती तेरा भाई ऐसा नहीं है जो तेरे जैसी रंडियों की नस्ल ना पहचान सके ।
और तेरे जैसी गरम रंडी बहनों की वजह से आजकल के भाई बाहर मुंह मारते फिरते हैं क्योंकि उनके खुद के घर में तेरे जैसी घोड़ी होती है एक चुदक्कड़ गरम बहन होती है लेकिन वह बहन बाहर किसी और चूतिए से सैट होती है और उनके भाई अपने दोस्तों से यह कहते रहते हैं कि भाई किसी से सेटिंग करा देना ।
ऐसा कहकर बलवीर हंस पड़ा लेकिन आरती को हंसी नहीं आ रही थी आरती तो हैरान थी कि जिस बलवीर भाई के लिए उसके दिल में इतनी इज्जत थी आज वही भाई उसकी इज्जत की धज्जियां उड़ा रहा था ।
आरती को अब बलवीर का भाषण कहीं ना कहीं सही भी लग रहा था , क्योंकि वह किसी बाहर के सलमान से बात करके अपने परिवार को धोखा ही दे रही थी एक तरह से ।
आरती को यह बातें बलवीर की सही लगी लेकिन बलवीर का बात करने का लहजा और बलवीर के शब्द आरती को अच्छे नहीं लगे। इतनी गंदी भाषा उसने पहली बार सुनी थी । आरती ये सोच ही रही थी की तभी बाहर मोबाइल की रिंग बजी । रिंग बजते ही आरती और बलबीर दोनों जैसे हड़बड़ा गए ।
आरती और बालवीर दोनों का दिल धक धक करने लगा क्योंकि बाहर कमरे में शालिनी सो रही थी ।
तभी दोनों का दिल एक बार फिर से दहल गया क्योंकि अभी शालिनी के खांसने की आवाज उनके कानों में पड़ी जिसका मतलब था कि शालिनी जाग गई है । लेकिन कुछ देर कोई भी आवाज ना होने पर बलवीर ने आरती के कान के पास अपने होंठ ले जाकर कहा ।
बलवीर - शालिनी जाग गई तो बात खराब हो जाएगी तू धीरे से निकल जा । तुझे घर चल कर तेरे ही बिस्तर में चोदूंगा और मुझे पता है कि तू भी अपनी गांड उठा उठाकर मुझसे चुदेगी। चल जा सो जा अब ।
ऐसा कहकर बलवीर पीछे हट गया । आरती के तो मानो कानों को सुनाई नहीं दे रहा था और आंखों को दिखाई नहीं दे रहा था । वह बस मौन थी तभी बलवीर ने दोबारा कहा ।
बलवीर - तुझे घर चल कर आराम से चोदूंगा या अभी चूत में बिना लिए नहीं जाएगी। पता है तू लौड़े की भूखी है पर अभी इंतजार कर मेरी गरम बहन ।
आरती तो यह सुनकर शर्म से पानी पानी हो गई और चुपचाप अपने कपड़े ठीक कर के बाहर कमरे में चली गई ।
कुछ देर बाद बलवीर भी बाथरूम से निकलकर कमरे में आया और सोने के लिए अपने बेड पर बैठ गया ।
तभी उसकी नजर आरती और शालिनी पर पड़ी जिन्हें देखकर उसका लंड फिर से तंबू बन गया क्योंकि शालिनी तो सच में सो रही थी लेकिन आरती बस आंख बंद करके सोने का बहाना कर रही थी।
दोनों ही एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटी थी जिससे दोनों की गांड मानो आपस में बहस कर रही हो कि मैं ज्यादा गडरायी हुई हूं या तू ज्यादा गदराई हुई है । चुदने को बेताब अपनी बहन और भतीजी को लंड की प्यास में सोती देखकर बलवीर की आंखों में वासना के डोरे तैर गए।
फिर भी बलवीर ने कंट्रोल किया और मन ही मन बोला- तुम जैसी घोड़ियों को मेरा लंड ही ठंडा कर सकता है वरना हल्के मोटे आदमी को तो तुम अपनी जांघों में ही दबाकर झाड़ दोगी रंडियों ।तुम दोनों की ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई करूंगा कि तुम्हारी चूतों को एक फटे हुए भोसड़े की उपाधि मिल जाएगी ।।।
कहानी आगे जारी रहेगी ---
साथ बने रहने के लिए धन्यवाद ।
आपका अपना प्यारा सा भाई ।
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माफी चाहता हूं बहनों और भाइयों काफी समय बाद आया हूं पोस्ट करने । Im really sorry and i assure you , i will never repeat it again .
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पजामी में कसी हुई मोटी मोटी जांघें और उसके बीच चूत का हिस्सा जो कि काफी मोटा लग रहा था । और हल्का सा आरती का पेट के नीचे वाला पेड़ू भी उभरा हुआ था । बलबीर बहुत ही मंझा हुआ खिलाड़ी था । बलवीर समझ गया कि पेड़ू उन्हीं लड़कियों का उभरा हुआ होता है जिन की चूत बड़े और मोटे लोड़े की मांग करती है । बलवीर को आरती की मोटी मोटी जांघों को निहारते हुए जब 1 मिनट हो गई । तो उसने फुर्ती से अपने दोनों हाथों को आरती की गांड से लगाया और आरती को अपनी तरफ खींच लिया और अपना मुंह आरती की भारी भारी मोटी मोटी जांघो के बीच बिल्कुल चूत पर लगा दिया ।
******** अब आगे *******
चूत पर मुंह लगते ही आरती सिसिया उठी । उसका मुंह खुला का खुला रह गया । बलवीर अपनी नाक से आरती की चूत के दाने को सहलाने लगा जब आरती को बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसके मुंह से निकला।
आरती - भैया छोड़ दो मुझे, मैं आपके हाथ जोड़ती हूं ।
बलवीर बिना कुछ सुने उसकी चूत से खेले जा रहा था कभी वह अपनी नाक रगड़ता तो कभी होठों से उसकी चूत को चूम लेता ।
कुछ देर उसकी चूत से खेलने के बाद बलवीर खड़ा हुआ और आरती की आंखों में देखने लगा ।
आरती को बलवीर की लाल आंखों में वासना तैरती हुई साफ दिख रही थी । आरती तो बस बलवीर की आंखों में देख रही थी लेकिन तभी उसे एहसास हुआ कि बलवीर का हाथ उसकी चूत पर है और अपनी उंगलियों से आरती की चूत के दाने को टटोलना शुरू कर दिया।
बलवीर के इस तरह के हमले से आरती के अंदर एक जोश भर गया , लेकिन वो अपने बलवीर भैया के सामने शर्म से पानी पानी हो रही थी ।
तभी बलवीर ने आरती की चूत में अपनी उंगली उतार दी। बलवीर की उंगली गच्च से चूत में समा गई । बलवीर को ऐसा लगा जैसे उसकी उंगली चिकनी चूत में घुस गई हो।
उंगली को दो-तीन बार अंदर बाहर करने के बाद बलवीर उसकी पूरी चूत पर अपना हाथ घुमाने लगा और आरती सिसीया रही थी और ना ही कुछ बोल पा रही थी । आरती का तो बस मुंह खुला का खुला ही रह गया और यह देखकर बलवीर ने सीधा आरती के मुंह में थूक दिया। जैसे ही बलवीर का थूक आरती के मुंह में गया आरती ने तुरंत अपना मुंह बंद कर लिया ।
आरती ने शर्म से अपना मुंह बंद किया था लेकिन बलबीर ने इसका मतलब कुछ और ही निकाला।
बलबीर बोला- देखा कितनी गर्म है मेरी बहन। मेरा थूक मुंह में लेकर मुझे घूर रही है ।
आरती ने मुंह बंद किया हुआ था बलवीर उसे घूरे जा रहा था।
बलवीर ने भी आरती को घूरते हुए आरती की चूत में पूरी उंगली घुसा दी । जैसे ही आरती की चूत में उंगली घुसी आरती का मुंह फिर से खुल गया और जो बलवीर ने उसके में थूका था आरती ने उसे गटक लिया ।
जो बलवीर उसे घूरे जा रहा था जैसे ही उसने देखा कि उसकी बहन उसके थूक को बाहर भी थूक सकती थी लेकिन चूत में उंगली लेते ही मेरा थूक भी गटक लिया , यह तो बड़ी ही गर्म चीज है । बिस्तर की रांड बनने लायक है यह तो। साला वैसे किसी ने सही कहा है जो जितनी सीधी और संस्कारी दिखेगी वही लड़की या औरत से अंदर से भूखी कुतिया की तरह चुदासी रहेगी एक मोटे से लंड की जो उसे पटक पटक कर चोदे।
ऐसा सोचते हुए बालवीर आरती के पीछे आया और घुटने के बल बैठ गया । सामने थी तो आरती की मोटी गांड । चूतड़ों का फैलाव और उनका चौड़े होने के साथ गोल होना सच में कुदरत का कोई अनोखा ही करिश्मा था। अपनी विधवा बहन की गांड के पीछे बैठने का ख्याल दिमाग में आते ही बलवीर के लंड में आग सी लग गई । और उस आग में बलवीर का लंड ऐसे जलने लगा जैसे रॉकेट के उड़ने से पहले उसमें आग लगती है , ठीक वैसे ही बलवीर का लंड भी आग में जलकर अब रॉकेट की तरह उड़कर आरती की गांड में घुसने को तैयार था।
(( hahaha दोस्तों यह लाइन लिखते ही मुझे सच में हंसी आ गई । पता नहीं आप को हंसी आई होगी या नहीं आई होगी । शायद आप में से कुछ लोग कह रहे होंगे बड़ा ही चुतिया राइटर है । बात बिल्कुल कांटे की चल रही होती है और यह भोसड़ी का बीच में कॉमेडी कर देता है । चलो कोई नहीं sorry । हा हा हा हा अब क्या कह रहे हो भोसड़ी के बकचोदी मत कर आगे लिख दे । तो चलो पढ़ो आगे । मूड की चिंता ना करो दो मिनट में बना दूंगा ।))
आरती की गांड को देखते हुए बलवीर ने आरती के चूतड़ों को हाथों से फैला दिया ।आरती की तो सांसे ही रुक गई ।
बलवीर ने चूतड़ों को फैलाकर अपने मुंह से थूक दिया और बलवीर का थूक सीधा आरती की गांड के छेद पर पड़ा ।
आरती अपनी गांड के छेद पर थूक का एहसास होते ही अजीब सा सुख महसूस करते हुए शर्म से पानी पानी हो गई ।
सोचिए उस बहन की फीलिंग क्या होगी जिसका खुद का सगा भाई उसकी गांड के पीछे बैठकर अपने हाथों से उसकी गांड को फैला कर उस पर थूक रहा हो ।
गांड के छेद पर बलवीर का थूक पड़ते ही आरती के जिस्म में एक सिरहन सी दौड़ गई । अब बलवीर खड़ा हुआ और अपनी एक उंगली से आरती की गांड के छेद को कुरेदते हुए बोला ।
बलवीर - सच मे तू तो बड़ी गर्म है ।
आरती - भईया शालिनी जाग जायेगी अब छोड़ दो ।
बलवीर - छोड़ दूंगा अभी तो तुझे चैक किया है बस । और चैक करके पता भी चल गया है की आरती उस घोड़ी का नाम है जो हिनहिनाते हुए चुदेगी ।
आरती - भईया आपको क्या हो गया है , ऐसी अश्लील बाते कर रहे है ।
जैसे ही आरती ने ऐसा कहा बलवीर ने अपनी उंगली आरती की गांड में घुसा दी । जो थूक के कारण आसानी से आरती की गांड में चली गई । उंगली घुसते ही आरती पंजों पर ही उचक गई ।
बलवीर - अश्लील बाते मै कर रहा हूं और तू जो लंड के लिए पागल कुतिया की इधर उधर मुंह मार रही है उसका क्या ।
आरती चुप रही क्युकी बलवीर की उंगली अब कमाल दिखाने लगी थी उसकी गांड में।
बलवीर - बोल ना अब चुप क्यों हो गई कुतिया लोड़े की जरूरत पड़ती है ना तुझको । लंड मांगती है ना तेरी चूत ।
ऐसा कहकर बलवीर ने आरती की गांड में से उंगली निकालकर और उसके चूतड़ों पर एक थप्पड़ मारा और बोला।
बलवीर - देख कुत्तिया अपनी गांड को। ऐसी चौड़ी गांड को लेकर तू घर में फिरती है लेकिन चुदेगी किसी सलमान से ही । इस पानी टपकाती हुई चूत को तू घर में लेकर बैठी रहती है लेकिन चुदेगी किसी सलमान से ही ।क्या कभी सोचा है तूने कि तेरे दो भाई हैं और दोनों ही भाई हटेकट्टे पहलवान जैसे हैं , और तू भी कम नहीं है घोड़ी की तरह हिनाहिनाती हुई चलती है , लेकिन फिर भी तुझे लंड बाहर का चाहिए । कभी सोचा तूने दुनिया क्या कहेगी ? दुनिया यह कहेगी कि या तो इसके भाइयों के लोड़े खड़े नहीं होते या फिर यह इतनी बड़ी रंडी है जो बाहर चुदने की भी जरूरत पड़ गई ।
बलवीर - क्या यह हम दोनों भाइयों की बेजती नहीं होगी लेकिन तेरे जैसी रंडी बहन हर किसी की होती है और हर किसी की बहन यही सोचती है कि बाहर किसी चूतिए से लड़के से चुद लूंगी लेकिन अपने भाई के नीचे नहीं लेटूंगी । बाहर किसी की जरा सी बाबू सोना करने से उसके आगे चूत फैला देती हैं लेकिन कभी यह नहीं सोचती कि उनका भाई उन्हें कितना प्यार करता है लेकिन बहनकीलोड़ी घर में लड़ती रहेंगी भाइयों से । घर में ये दिखा देंगी अपने भाई को तो बिलकुल कि उनकी बहन कितनी सुधरी हुई है , उनकी बहन को बस अपने काम से मतलब है । उनकी बहन किसी से फालतू बात करना पसंद नहीं करती । उनकी बहन के पास फालतू चीजों के लिए टाइम नहीं है । बोल सही कह रहा हूं ना मैंं।
ये सुनकर आरती ने गर्दन झुका ली ।
बलवीर - एक बात कहूं आरती तेरे जैसी रंडी बहनों को कुछ भाई समझ नहीं पाते या असली चेहरा नहीं देख पाते उनका । अगर उन्हें पता चल जाए कि यह मेरी बहन ऐसी है कि बाहर इसे कोई प्यार से बाबू सोना करे तो उससे मेरी बहन रात भर बात करेगी फोन पर और दिन में होटल में रूम लेकर उसके लोड़े की नीचे लेटकर घर आएगी और घर आकर बोल देगी मम्मी लेट हो गई थी फ्रेंड के साथ घूमने में टाइम निकल गया । और घर वाले यह कभी नहीं समझ पाते कि अभी यह बाहर चुदकर आई है । वह कभी यह नहीं सोचते कि उनकी बहन बेटी का पिछवाड़ा दिन प्रतिदिन कैसे भारी होता जा रहा है । कैसे उसके चूतड़ों ने मटकना शुरू कर दिया है। बिना लंड के तो ऐसा होता नहीं ।
बलवीर - अगर दुनिया का हर भाई या बाप इतना दिमाग पर जोर डाल ले तो तेरे जैसी गदरायी बहनों को घर में कपड़े पहनने की इजाजत ना दे , तेरे जैसी कुतियाओं को तेरे जैसी रंडी बहन बेटियों को जब दिल में आए तब पटक कर चोद दे । मिटा दे रंडियों की गर्मी अगर दुनिया का हर भाई यह सोच ले तो किसी की बहन तेरी तरह रात को किसी सलमान से लंड से चुदने के सपने नही देखेगी । लेकिन एक बात कहूं आरती तेरा भाई ऐसा नहीं है जो तेरे जैसी रंडियों की नस्ल ना पहचान सके ।
और तेरे जैसी गरम रंडी बहनों की वजह से आजकल के भाई बाहर मुंह मारते फिरते हैं क्योंकि उनके खुद के घर में तेरे जैसी घोड़ी होती है एक चुदक्कड़ गरम बहन होती है लेकिन वह बहन बाहर किसी और चूतिए से सैट होती है और उनके भाई अपने दोस्तों से यह कहते रहते हैं कि भाई किसी से सेटिंग करा देना ।
ऐसा कहकर बलवीर हंस पड़ा लेकिन आरती को हंसी नहीं आ रही थी आरती तो हैरान थी कि जिस बलवीर भाई के लिए उसके दिल में इतनी इज्जत थी आज वही भाई उसकी इज्जत की धज्जियां उड़ा रहा था ।
आरती को अब बलवीर का भाषण कहीं ना कहीं सही भी लग रहा था , क्योंकि वह किसी बाहर के सलमान से बात करके अपने परिवार को धोखा ही दे रही थी एक तरह से ।
आरती को यह बातें बलवीर की सही लगी लेकिन बलवीर का बात करने का लहजा और बलवीर के शब्द आरती को अच्छे नहीं लगे। इतनी गंदी भाषा उसने पहली बार सुनी थी । आरती ये सोच ही रही थी की तभी बाहर मोबाइल की रिंग बजी । रिंग बजते ही आरती और बलबीर दोनों जैसे हड़बड़ा गए ।
आरती और बालवीर दोनों का दिल धक धक करने लगा क्योंकि बाहर कमरे में शालिनी सो रही थी ।
तभी दोनों का दिल एक बार फिर से दहल गया क्योंकि अभी शालिनी के खांसने की आवाज उनके कानों में पड़ी जिसका मतलब था कि शालिनी जाग गई है । लेकिन कुछ देर कोई भी आवाज ना होने पर बलवीर ने आरती के कान के पास अपने होंठ ले जाकर कहा ।
बलवीर - शालिनी जाग गई तो बात खराब हो जाएगी तू धीरे से निकल जा । तुझे घर चल कर तेरे ही बिस्तर में चोदूंगा और मुझे पता है कि तू भी अपनी गांड उठा उठाकर मुझसे चुदेगी। चल जा सो जा अब ।
ऐसा कहकर बलवीर पीछे हट गया । आरती के तो मानो कानों को सुनाई नहीं दे रहा था और आंखों को दिखाई नहीं दे रहा था । वह बस मौन थी तभी बलवीर ने दोबारा कहा ।
बलवीर - तुझे घर चल कर आराम से चोदूंगा या अभी चूत में बिना लिए नहीं जाएगी। पता है तू लौड़े की भूखी है पर अभी इंतजार कर मेरी गरम बहन ।
आरती तो यह सुनकर शर्म से पानी पानी हो गई और चुपचाप अपने कपड़े ठीक कर के बाहर कमरे में चली गई ।
कुछ देर बाद बलवीर भी बाथरूम से निकलकर कमरे में आया और सोने के लिए अपने बेड पर बैठ गया ।
तभी उसकी नजर आरती और शालिनी पर पड़ी जिन्हें देखकर उसका लंड फिर से तंबू बन गया क्योंकि शालिनी तो सच में सो रही थी लेकिन आरती बस आंख बंद करके सोने का बहाना कर रही थी।
दोनों ही एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटी थी जिससे दोनों की गांड मानो आपस में बहस कर रही हो कि मैं ज्यादा गडरायी हुई हूं या तू ज्यादा गदराई हुई है । चुदने को बेताब अपनी बहन और भतीजी को लंड की प्यास में सोती देखकर बलवीर की आंखों में वासना के डोरे तैर गए।
फिर भी बलवीर ने कंट्रोल किया और मन ही मन बोला- तुम जैसी घोड़ियों को मेरा लंड ही ठंडा कर सकता है वरना हल्के मोटे आदमी को तो तुम अपनी जांघों में ही दबाकर झाड़ दोगी रंडियों ।तुम दोनों की ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई करूंगा कि तुम्हारी चूतों को एक फटे हुए भोसड़े की उपाधि मिल जाएगी ।।।
कहानी आगे जारी रहेगी ---
साथ बने रहने के लिए धन्यवाद ।
आपका अपना प्यारा सा भाई ।
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