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Incestसंस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी ।
शाम के 4 बज रहे थे घड़ी में । आरती अपने नए मोबाइल में सेटिंग्स करने में लगी हुई थी अचानक उसे याद आया कि उसे गाड़ी की नंबर प्लेट पर एक कागज मिला था । उसने वो कागज़ निकाला और जो नंबर उसपर लिखा हुआ था उसे सलमान के नाम से सेव कर लिया ।
उसने सोचा क्यों ना कॉल की जाए और उसने नंबर डायल कर दिया ।
उधर धरमवीर भी अपने कमरे में आकर जल्दी से जो दूसरी नई सिम थी वो अपने मोबाइल में डाल ली थी । और अब जैसे ही आरती का call आया उसकी धड़कने बढ़ गई अचानक उसने call कट कर दिया क्युकी आरती आवाज पहचान लेती ।
उसने तुरंत एक मेसेज टाइप किया ।
धरमवीर - yes, who are you ? please text me , I'm not able to talk with you on call .
आरती ये मेसेज पढ़कर मन ही मन बोली अजीब बंदा है । पर मै क्यों करू इसे मेसेज । फिर उसने सोचा चलो करती हूं देखूं तो क्या कहता है । उसने मेसेज टाइप किया ।
आरती - why are you not able to talk with me on call ? and what you want by me ?
कुछ सेकंड बाद आरती के मोबाइल में सलमान के नाम से msg रिसीव हुआ ।
सलमान - I'm hospitalized due to car accident . so we can communicate by text messages .
आरती ये पढ़कर थोड़ा इमोशनल हुई कि कार एक्सिडेंट हो गया बेचारे का ।
साथ में उसकी हंसी भी छूट गई कि साला ऐक्सिडेंट करके हॉस्पिटल में पड़ा है और वहां भी इसे सेटिंग करने की पड़ी है ।
उसे क्या पता था कि कोई सलमान नहीं बल्कि उसका बड़ा भाई धर्मवीर सिह उसकी चूत में अपना लंड फसाने के सपने देख रहा है ।
फिर आरती ने सोचा पूछूं तो सही क्या हुआ और उसने इस बार हिंदी में ही टाइप करना उचित समझा ।
आरती - कैसे हुआ आपका एक्सिडेंट , और आप मुझसे बात क्यों करना चाहते है ।
सलमान - ऐक्सिडेंट कैसे होता है मैम वैसे ही हुआ ।
आरती ये मेसेज पढ़कर मुस्कुरा पड़ी तभी दूसरा मैसेज रिसीव हुआ ।
सलमान - और आपसे बात करने का मुझे कोई शौक नहीं है दरअसल मैं आपको कुछ बताना चाहता था आपकी भतीजी शालिनी के बारे में ।
ये मैसेज पढ़कर शालिनी चौंक गई कि ये शालिनी को कैसे जानता है ।
उसे क्या पता था धर्मवीर शालिनी से शुरुआत इसलिए कर रहा है ताकि बात करने की शुरुआत हो सके और आरती उससे बात करने के लिए मजबूर हो सके ।
आरती - अच्छा । शालिनी को कैसे जानते है आप । और उसके बारे में क्या बताना चाहते है बोलिए ।
धर्मवीर - मै रात को 10 बजे बात करूंगा क्युकी मेरी फैमिली अभी मेरे पास बैठी है । और अब तुम भी मुझे 10 बजे ही मैसेज करना ।
धर्मवीर ने ये मेसेज इसलिए किया क्योंकि उसे अपनी आगे की योजना भी बनानी थी और वो थोड़ा सोना भी चाहता था ।
उधर आरती ने पढ़ा और सोचने लगी कि चलो देखते है क्या बताता है ये ।
आरती ने रिप्लाइ में ओके कहकर मैसेज कर दिया ।
उधर धर्मवीर ने अपने दिमाग की दाद देते हुए खुसी से ऐसे yess कहा जैसे क्रिकेट मैच में बॉलर विकेट मिलने पर करता है ।
धर्मवीर सोचने लगा कि आरती की उम्र 31 साल है मतलब उसकी जवानी पूरे उफान पर है । सोचने लगा कि आरती की गर्मी मेरे जैसे लंड से ही हो सकती है । ऊपर से आरती को 3 साल हो गए विधवा हुए उसे भी लंड की जरूरत महसूस होती होगी और इस बात की गवाही उसकी उठी हुई छातियां देती है जैसे कह रही हों कि आओ हम निचोड़ो । और आरती की गांड को फाड़ना भी किसी नॉर्मल लंड के बाद की बात नहीं है उसे ऐसे इंसान का लंड चाहिए जिसने 8, 10 साल बस खाया हो और कसरत की हो ।सोचने लगा कि आरती की चूत भी तो झांटों से भरी हुई थी जब उसकी सलवार फटी थी । मतलब आरती बाल साफ़ करके नहीं रखती और धर्मवीर को झांटों से भरी हुई चूत चोदने का ही शौक था क्युकी उसका लंड छोटा तो था नहीं जो बालों में गायब हो जाता , उसका तो हल्लबी खीरा जैसा लौड़ा था वो तो चूत में जड़ तक चला जाए तो चूत किसी नॉर्मल इंसान के चोदने लायक ही नहीं रहती क्युकी फिर वो चूत नहीं भोसड़ा बना देता है उसका ।
ऐसा सोचते सोचते ही उसे नींद आ गई ।
उधर शाम के 6 बज गए थे शालिनी भी घर आ गई थी और कपड़े चेंज करके भाभी के रूम की तरफ चल दी ।
उपासना अपनी मम्मी से फोन पर बात कर रही थी । बात खतम करके बोली आइए नन्द रानी जी कैसा रहा आज का दिन ।ये बोलते हुए उपासना थोड़ा शरमा गई क्युकी शालिनी ने उसे आज नंगी हो देख लिया था ।
शालिनी भी मजाकिया लहजे में बोली - हां सुबह सुबह आज कामदेवी के दर्शन हो गए थे भाभी तो दिन अच्छा गया ।
ये सुनकर उपासना बुरी तरह शर्मा गई वो समझ गई थी कि शालिनी किस कामदेवी की बात कर रही है ।
उपासना - अब नन्द रानी खुद आकर कम्बल खींचेगी और देखेंगी तो इसमें मै क्या करती ।
शालिनी - चलो माफ करो भाभी दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी और मै कौन सा कोई आदमी हूं एक लड़की हूं आपकी नन्द हूं देख लिया तो क्या हो गया । और वैसे आप ऐसी हालत में क्यों सोती हो कपड़े पहनकर सो जाया करो ।
उपासना - अच्छा । hehehe अब तुम बताओगी मुझे की मै कैसे साउं । ये कहकर उपासना हंस पड़ी । कोई बात नहीं नन्द रानी जब तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा कि तुम कैसे सोया करोगी ।
शालिनी - भाभी मै तो नाइटी पहनकर सोया करूंगी ।
उपासना - मजाकिया लहजे में - देख लेना कहीं ऐसा ना हो कि तुम्हारा पति तुम्हारी नाइटी फाड़कर तुम्हे नंगी करदे ।
शालिनी ये सुनकर शर्मा गई और मुस्कुराती हुई बोली - छी भाभी कितना गंदा बोल देती हो आप । और ऐसा है तो मै शादी ही नहीं करूंगी ।
उपासना - अब अगर मै ये बोली की तुम्हे कौन सा कोई आदमी बोल रहा है मै भी एक लड़की ही हूं वो भी आपकी भाभी ।
शालिनी - अच्छा आप मेरा डाइलोग मुझे ही चिपका रही हो ।
उपासना - शादी तो तुम्हे करनी ही पड़ेगी और तुम्हारी जवानी देखकर तो लगता है कि तुम्हारी शादी एक इंसान से नहीं दो आदमी से करनी चाहिए । क्युकी एक के बसका नहीं है तुम्हारी जवानी को काबू में करना ।
ये सुनकर शालिनी झेंप गई वो समझ गई थी भाभी क्या कह रही है । और वैसे भी शालिनी ही इस घर में ऐसी थी जिसने बाहर के लंड खूब जी भरकर खाए थे । शालिनी ने उल्टा वार करने की सोची ।
शालिनी - अच्छा ऐसे तो मै भी कह सकती हूं कि आपको भी दो से शादी करनी चाहिए थी आपकी जवानी तो मुझसे भी ज्यादा भरी हुई है ।
उपासना - मेरी जवानी तो शादी के बाद भरी है पहले तो मै slim थी । पर नन्द रानी मै ये सोच रही हूं तुम्हारी जवानी कैसे इतनी भर रही है । मुझे तो कुछ दाल में काला लग रहा है । हमे भी बता दो कौन है वो जिसके नसीब में तुम जैसी घोड़ी है ।
शालिनी को ये वार उल्टा पड़ा । उसने मन ही मन सोचा अब क्या बोलूं ।
और घोड़ी शब्द सुनकर शालिनी शर्म से लाल हो गई । और मुस्कुरा पड़ी ।
उपासना - देखा उसके नाम से तो मुस्कुरा दी मेरी नन्द रानी अब बता भी दो ।
शालिनी ने सोचा कि भाभी ही तो है मेरी और हम as a friend भी व्यवहार कर सकते है ।
शालिनी - भाभी एक शर्त पर ।
उपासना - अच्छा ये जानने के लिए अब मुझे तुम्हारी शर्त भी माननी पड़ेगी । चलो बोलो क्या शर्त है तुम भी क्या याद करोगी की है एक मेरी भाभी ।
शालिनी - शर्त ये है कि ये बाते हमारे बीच ही रहनी चाहिए ।
उपासना - ये लो कर लो बात । नहीं मैं तो कल पर्चे छपवाऊंगी की मेरी ननद ने ये बताया है मुझे ।
ये सुनकर दोनों हंस पड़ी ।
शालिनी - ओके बता देती हूं । सुनो । हमारी कंपनी में जो मैनेजर हैं वो है ।
उपासना - ओ तेरी की । मतलब मैनेजर कंपनी के साथ साथ तुम्हे भी संभालता है ।
शालिनी - hmm दो साल से हम एक दूसरे को जानते है ।
उपासना - तब तो मुझे लगता है वो अपना पूरा ध्यान तुम्हे संभालने में ही लगाता होगा ।
शालिनी - ऐसा क्यों लगा भाभी आपको ।
उपासना - तुम्हारी जवानी को देखकर ही लगता है कि कोई बड़ी मेहनत कर रहा है ।
शालिनी शर्मा गई और बोली बस पूछ लिया ना अब आपने जो पूछना था ।
उपासना - हां मेरी नंद रानी लेकिन बस एक बात और बताओ ।
शालिनी - वो भी पूछिए । हंसते हुए बोली
उपासना - मिले भी हो क्या कभी दोनों ।
शालिनी - मिले भी हैं मतलब मिलते तो रोज हैं । कभी कभी जिस दिन मै कंपनी नहीं जाती उस दिन नहीं मिल पाते ।
उपासना - अरे मेरी नन्द रानी मेरे पूछने का ये मतलब नहीं था ।
शालिनी - तो सीधा घुमा फिराकर क्यों पूछ रही है सीधा पूछिए ना कि चुदी भी हो या नहीं ।
(शालिनी भी अब खुलकर बात करना चाहती थी क्युकी वो खेली खाई लौंडिया थी)
उपासना को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसकी नन्द इतनी खुल जाएगी । लेकिन वो भी पागल नहीं थी अब समझ गई थी कि उसकी नन्द खुलकर बात करना चाहती है ।
उपासना - ओयहोए नंद रानी तो अपनी औकात में आगई । चलो अब बता तो की उसने तुम्हे कितनी बार चोदा है ।
शालिनी - चोदा कितनी बार है ये तो मुझे भी नहीं पता लेकिन हां महीने में एक दो दिन मिस हो जाता है जैसे आज मुझे इंटरव्यू के लिए जाना पड़ा ।
उपासना - ओहो मतलब हमारी नन्द रानी की चुदाई खूब टिकाकर की है तभी तो मै सोचूं की ये रण्डी की जांघे इतनी चौड़ी कैसे हो गई ।
शालिनी को ये सुनकर गुस्सा नहीं आया बल्कि उसे गर्व महसूस हुआ और साथ ही साथ शर्मा भी गई ।
शालिनी - हां भाभी चुदी तो मै जी भरके हूं क्या करू आपकी इस रण्डी की चूत को जब तक कोई चाटकर उसका स्वागत अपने लौड़े से ना करे तब तक मज़ा ही नहीं आता । अच्छा भाभी चुदाई तो आपकी भी दाम लगाकर करते होंगे भईया , सुबह आपकी हालत देखकर ही मै समझ गई थी कि लो बना दिया इसका तो कुतिया ।
उपासना अपने लिए कुतिया शब्द सुनकर शर्मा गई और मुंह छुपाते हुए बोली हां रात तुम्हारे भईया ने मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद अपने वीर्य से नहला दिया था मुझे ।
शालिनी ऐसी बातों से गरम हो गई थी ।
शालिनी - अच्छा भाभी भईया तो आपके होंठो को भी खूब चूसते होंगे ।
उपासना - हां चूसते नहीं चबाते है होंठो को तो वो और वो मुझे लिटा देते है फिर अपना लौड़े से मेरे बंद होंठो को सहलाते है ।
शालिनी - फिर तो मेरी चुदक्कड़ उपासना कुतिया के मुंह में भी लौड़ा हलक तक पेलते होंगे ।
दोनों नन्द भाभी में बात हो ही रही थी कि अचानक मेन गेट की डोरबेल बज गई ।
दोनों उठकर एकसाथ बाहर आयी ।
शालिनी ने गेट खोला तो उनकी कंपनी में काम करने वाला एक मजदूर आ पहुंचा था उनके घर । शालिनी ने पहले उसे कंपनी में देखा था ।
शालिनी - yes please ।
उस आदमी ने अपना नाम हरेराम बताया ।
शालिनी - अंदर आ जाइए ।
वो आदमी अंदर आकर बैठा hall में बैठ गया ।
अब सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात ये थी कि उस बेचारे को चाय पानी कौन दे क्योंकि ऐसा तो कोई सोच भी नहीं सकता खुद कम्पनी का मालिक होकर एक काम करने वाले मजदूर को पानी दे ।
उपासना बहुत ही संस्कारी थी उसने सोचा कि अपने ओहदे और गुमान से बढ़कर इंसानियत होती है ये सोचकर उपासना ने पानी लाकर दिया ।
शालिनी - जी बोलिए क्या बात थी ।
इतना सुनते ही हरेराम की आंखो में आंसू आ गए ।
हरेराम - भरी आंखों से हकलाते हुए बोला - म_मालकिन मै आपकी कंपनी में काम करता हूं । इसी महीने मेरी बेटी की शादी है और आज मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर गया था मै तो उसने कहा है की किडनी का ऑपरेशन करना पड़ेगा जल्द से जल्द । कल ऑपरेशन करने को बोला है डॉक्टर ने । मेरे पास इतने ही पैसे है की मै अपनी बेटी की शादी कर सकूं ।
मैं कंपनी में HR के पास गया था उन्होंने कहा कि कल मालिक आयेंगे तो उनसे बात की जाएगी इस बारे में की आपको लोन कितने इंटरेस्ट रेट पर दिया जाए ।
हे मालकिन आप ही बताओ मैं क्या करू पत्नी को बचाऊं या बेटी की शादी करूं ।
ये सुनकर शालिनी और उपासना दोनों को दुख हुआ और अहसास हुआ की दुनिया में लोगों को कितना परेशान होना पड़ता है जीने के लिए ।
उपासना ने तुरंत उससे पूछा - आप कोई बैंक खाता है तो प्लीज दीजिए हम आपके साथ ऐसा नहीं होने देंगे ।
हरेराम जेब से एक कागज निकालता हुआ - जी मालकिन इसमें खाता नंबर और IFSC कोड है देख लीजिए आप ।
उपासना ने तुरंत उसके हाथ से वो कागज़ लिया और अपने अकाउंटेंट को कॉल लगाया और कहा की - hello , this side is Upasna Singh owner of DS Industries .
उधर से हकलाते हुए किसी की आवाज आयी जो हलकी हल्की शालिनी और हरेराम भी सुन रहा था - ye_yes mam प्लीज बोलिए ।
उपासना - आपको एक screenshot भेजा है साथ में मैसेज भी । सारे काम छोड़कर इस काम को कीजिए ।
उधर से इतनी ही आवाज आयी - ज_जी मैम मैं अभी तुरंत करता हूं ।
लगभग एक मिनट बाद ही हरेराम के keypad वाले मोबाइल पर मैसेज रिसीव हुआ । हरेराम ने मैसेज पढ़ा तो आंखे फट गई उसके बैंक के खाते में पचास लाख रुपए जमा हो गए थे ।
हरेराम हकलाते हुए - म_मालकिन इतना नहीं चाहिए । इतना तो मेरी दो पुश्तें भी नहीं वापस कर पाएंगी ।
उपासना - कोई बात नहीं हरेराम जी आप अपनी पत्नी का कल ही ऑपरेशन करवाइए । और ये पैसा आपको वापस नहीं करना है । अपने हमारी कंपनी की काफी सेवा की है तो इसे अपना बोनस समझकर रख लीजिएगा ।
हरेराम - मालकिन आपका ये अहसान मै अगले जनम में भी नहीं भूल पाऊंगा । ऐसा कहकर हरेराम जाने लगा।
शालिनी - सुनिए जरा हरेराम जी ।
हरेराम ठिठकते हुए उसके कदम रुक गए वो पीछे मुड़ा ।
शालिनी - हरेराम जी बेटी की शादी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए ।
हरेराम - फिर से आंखो में आंसू भरता हुआ - जी मालकिन ।
फिर हरेराम चला गया । कुछ दूर चलने के बाद हरेराम ने पीछे मुड़कर देखा तो धर्मवीर सिंह का बंगला दिखना बंद हो गया था । उसने तुरंत अपनी जेब से Android मोबाइल निकाला और अपने लिए OLA बुक करदी क्युकी वो अब पैदल नहीं चलना चाहता था । कुछ ही देर बाद हरेराम शराब के ठेके पर शराब की पूरी पेटी खरीदकर घर जाने लगा ।
क्युकी उसकी बेटी की शादी तो एक साल पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी तो भाली चंगी थी परेशान थी उसकी पीने की लत से ।
और घर जाकर हरेराम ने शराब के नशे में अपनी बीवी में लत घूसे बजाए और उसे गालियां देता हुआ सो गया ।