• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest संस्कारी पारुल का पुनविवाह (मां बेटा और सोत्तेला बाप)

Late Night Dairies

New Member
10
71
14
Updated 04

मुखिया जी " हा बेटा में ठीक हु.. अब तो तेरी मां आ गई है मेरा खयाल रख लेगी तू यहां की कोई चिंता न कर..."

विक्रम – पिताजी आप दवाई टाइम ले लेना और अपना खयाल रखना के आता रहूंगा..

मुखिया जी फोन रख अपनी नई नवेली दुल्हन के कमरे की और जाने लगे...

मुखिया जी बिना आवाज किए कमरे में दाखिल हुए.. दोनो का बेटे एक दूसरे की बाहों में सुकून से सो रहे थे.. 60 साल के रूढ़िवादी वादी आदमी के एक मां को अपने 18 साल के लड़के को अपनी गोद में सुलाना.. पारुल की सारी तो रात में ही उसके उभरे हुए सीने से हट गई थी और वही उसके एक लोते बेटे का सर था.. गोरी गोरी चूचियां साफ़ साफ़ बाहर आने को तैयार थी...लाल हरा हरा पेटीकोट पारुल के चिकने घुटनो के भी उपर हुआ था और दो भरे भरे जांघो के बीच अपने बेटे के पैर को फसा रखा था... सूरज के हाथ अपनीर मां की कमर को पे और एक पीठ पे थे...

images


मुखिया ने कभी अपनी पत्नी के साथ भी इसे सोया नहि था जैसे एक बेटा उसकी मां के साथ सो रहा था.. मुखी को तो बस छूत में लोड़ा डाल के हिलाना आता था... उसे कहा रोमेंस और प्यार करने के तरीकों का कोई ज्ञान था... इसी हालत में उसकी पत्नी को देख मुखी बेहत गुस्सा हो उठा... पर एक 40 की जवान खूसबूरत औरत को ऐसे देख वो उत्तेजित भी हो चुका था...ऊपर से वो पारुल बस उसकी बेटी की उमर की थी... वो अपने गुस्से को शांत करते हुए बाहर निकल गया....और धीरे से दरवजा बंद कर के... फिर जो से आवाज लगाई... पारुल.....पारुल......अरे उठ जाइए अब आप कितना सोना है आप को...

पारुल उठ गई..अपने बेटे की पकड़ से बाहर निकल... पहले अपनी हालत ठीक कर दरवाजा खोला...

पारुल – जी आप उठ गई...में अभी चाय नाश्ता बना के लाई...(पारुल हड़बड़ी में बोली)

मुखी – पारुल...जरा खिड़की खोल बाहर भी देख ले...खेर आप नहा के निचे आइए नाश्ता बन गया है...और हा जल्दी कीजिएगा आप...और आप के लाड साब को भी उठा देना... (मुखी बड़े आराम से बात करते हुए पारुल के हर एक अंग को निहार रहा था)

थोड़ी देर में दोनों मां बेटे नीचे आ गए...अब माहोल ऐसा था कि दोनो सौतेले बाप बेटे एक दूसरे से नफरत करते थे..दोनो बस पारुल की खुशी के लिए एक दूसरे के मुंह पे कुछ बोल नहीं पा रहे थे... एक को था की मेरी वजह से मां को तफलिक होगी..और एक को था की बेटे को को कुछ बोला तो ऐसी औरत एक रात नही रहने वाली यहां...

सब एक साथ खाने के टेबल पर बेठे... बिचारी पारुल उसके नई पति के साथ यौन संबंधों को बनाने के डर से बिकुल डरी सहमी सी बैठी थी और उसके बेटे के सामने अपने नई पति के साथ बैठी हुई और शर्म से मर रही थी... सूरज भी अपने दोस्तो की कहानियां याद कर परेशान था और उपर से कल रात मां के नंग स्तनों को देख उसके दिमाग में क्या चल रहा था वो खुद भी समझ नही पा रह था...

मुखी – तो सूरज बेटा आप कॉलेज जाते है...

सूरज अपने सौतेले बाप को अनसुना कर देता हे...की तभी पारुल अपनी मीठी आवाज में धीरे से बोली...

पारुल – जी सूरज के पापा... ( ये सुन दोनो बाप बेटे हैरान थे) ( में हर बार सौतेला नहीं बोलने वाला आप खुद समझ जाना अब से)... सूरज का दाखला हो गया है...

सूरज – मां में तुझे यहां छोड़ के कही नई जा रहा....

पारुल – ये क्या बेटा तुझे पड़ना तो होगा ही... ऐसे कैसे चलेगा....

मुखी – बेटा अपनी मां की बात सुनो... एसी मां हर किसी के नसीब में नहीं होती... आज कल कोई मां इतना नही करती जो तुम्हारी मां कर रही है... 40 की हे तेरी मां और मुझ बुड्ढे से शादी की... क्यू ताकि तुजे पड़ा लिखा के इस काबिल बना पाई की तुझे किसी के आग हाथ न फेलाना पड़े... नही तो इनके लिए तो.....(आगे बोलने से रूक जाते है)

पारुल के आखों से आसू निकल गई और पारुल की नजर में मुखी के लिए इज्जत बड़ गई... सुरज भी अपनी गलती को कुछ समझ रहा था...लेकिन अपने बाप पे वो अभी तक गुस्सा था...

मुखी – चलिए में खेतो में काम देख के आया... पारुल तुम मेरे साथ आओ कुछ बात करनी है...

दोनों बाहर निकल गई.. कुच दूर जाके मुखी रुका और पारुल के सामने खड़ा हुआ बोला...

दूर से सूरज अपनी मां को देख रहा था...

मुखी – पारूल तुम एक बात याद रखना सूरज भी अब मेरे बेटा है... अगर आप को उसे सही रास्ते पे लाना हो तो अपने पल्लू से दूर करना ही होगा...आप मुझे गलत मत समझना लेकिन मुझे ठीक नही लगता की एक जवान लड़का अभी तक उसकी मां का पल्लू पकड़ के चले...बाकी आप समझदार हे..

पारुल हैरानी से मुखी के कठोर बोल सुन रही थी उसे वो अनसुना न कर पाई.. उसे जैसे मुखी की आवाज में उसके लिए अधिकार का भाव आ रहा था... मुखी के काले शरीर पतले शरीर में पारुल को आज जैसे तेज दिख रहा था...उसे मुखी की मर्दाना ताकत का अंदाजा हो रहा था की मुखी की आवाज में कैसा बदलाव आ रहा था...
 

Motaland2468

Well-Known Member
3,025
3,150
144
Updated 04

मुखिया जी " हा बेटा में ठीक हु.. अब तो तेरी मां आ गई है मेरा खयाल रख लेगी तू यहां की कोई चिंता न कर..."

विक्रम – पिताजी आप दवाई टाइम ले लेना और अपना खयाल रखना के आता रहूंगा..

मुखिया जी फोन रख अपनी नई नवेली दुल्हन के कमरे की और जाने लगे...

मुखिया जी बिना आवाज किए कमरे में दाखिल हुए.. दोनो का बेटे एक दूसरे की बाहों में सुकून से सो रहे थे.. 60 साल के रूढ़िवादी वादी आदमी के एक मां को अपने 18 साल के लड़के को अपनी गोद में सुलाना.. पारुल की सारी तो रात में ही उसके उभरे हुए सीने से हट गई थी और वही उसके एक लोते बेटे का सर था.. गोरी गोरी चूचियां साफ़ साफ़ बाहर आने को तैयार थी...लाल हरा हरा पेटीकोट पारुल के चिकने घुटनो के भी उपर हुआ था और दो भरे भरे जांघो के बीच अपने बेटे के पैर को फसा रखा था... सूरज के हाथ अपनीर मां की कमर को पे और एक पीठ पे थे...

images


मुखिया ने कभी अपनी पत्नी के साथ भी इसे सोया नहि था जैसे एक बेटा उसकी मां के साथ सो रहा था.. मुखी को तो बस छूत में लोड़ा डाल के हिलाना आता था... उसे कहा रोमेंस और प्यार करने के तरीकों का कोई ज्ञान था... इसी हालत में उसकी पत्नी को देख मुखी बेहत गुस्सा हो उठा... पर एक 40 की जवान खूसबूरत औरत को ऐसे देख वो उत्तेजित भी हो चुका था...ऊपर से वो पारुल बस उसकी बेटी की उमर की थी... वो अपने गुस्से को शांत करते हुए बाहर निकल गया....और धीरे से दरवजा बंद कर के... फिर जो से आवाज लगाई... पारुल.....पारुल......अरे उठ जाइए अब आप कितना सोना है आप को...

पारुल उठ गई..अपने बेटे की पकड़ से बाहर निकल... पहले अपनी हालत ठीक कर दरवाजा खोला...

पारुल – जी आप उठ गई...में अभी चाय नाश्ता बना के लाई...(पारुल हड़बड़ी में बोली)

मुखी – पारुल...जरा खिड़की खोल बाहर भी देख ले...खेर आप नहा के निचे आइए नाश्ता बन गया है...और हा जल्दी कीजिएगा आप...और आप के लाड साब को भी उठा देना... (मुखी बड़े आराम से बात करते हुए पारुल के हर एक अंग को निहार रहा था)

थोड़ी देर में दोनों मां बेटे नीचे आ गए...अब माहोल ऐसा था कि दोनो सौतेले बाप बेटे एक दूसरे से नफरत करते थे..दोनो बस पारुल की खुशी के लिए एक दूसरे के मुंह पे कुछ बोल नहीं पा रहे थे... एक को था की मेरी वजह से मां को तफलिक होगी..और एक को था की बेटे को को कुछ बोला तो ऐसी औरत एक रात नही रहने वाली यहां...

सब एक साथ खाने के टेबल पर बेठे... बिचारी पारुल उसके नई पति के साथ यौन संबंधों को बनाने के डर से बिकुल डरी सहमी सी बैठी थी और उसके बेटे के सामने अपने नई पति के साथ बैठी हुई और शर्म से मर रही थी... सूरज भी अपने दोस्तो की कहानियां याद कर परेशान था और उपर से कल रात मां के नंग स्तनों को देख उसके दिमाग में क्या चल रहा था वो खुद भी समझ नही पा रह था...

मुखी – तो सूरज बेटा आप कॉलेज जाते है...

सूरज अपने सौतेले बाप को अनसुना कर देता हे...की तभी पारुल अपनी मीठी आवाज में धीरे से बोली...

पारुल – जी सूरज के पापा... ( ये सुन दोनो बाप बेटे हैरान थे) ( में हर बार सौतेला नहीं बोलने वाला आप खुद समझ जाना अब से)... सूरज का दाखला हो गया है...

सूरज – मां में तुझे यहां छोड़ के कही नई जा रहा....

पारुल – ये क्या बेटा तुझे पड़ना तो होगा ही... ऐसे कैसे चलेगा....

मुखी – बेटा अपनी मां की बात सुनो... एसी मां हर किसी के नसीब में नहीं होती... आज कल कोई मां इतना नही करती जो तुम्हारी मां कर रही है... 40 की हे तेरी मां और मुझ बुड्ढे से शादी की... क्यू ताकि तुजे पड़ा लिखा के इस काबिल बना पाई की तुझे किसी के आग हाथ न फेलाना पड़े... नही तो इनके लिए तो.....(आगे बोलने से रूक जाते है)

पारुल के आखों से आसू निकल गई और पारुल की नजर में मुखी के लिए इज्जत बड़ गई... सुरज भी अपनी गलती को कुछ समझ रहा था...लेकिन अपने बाप पे वो अभी तक गुस्सा था...

मुखी – चलिए में खेतो में काम देख के आया... पारुल तुम मेरे साथ आओ कुछ बात करनी है...

दोनों बाहर निकल गई.. कुच दूर जाके मुखी रुका और पारुल के सामने खड़ा हुआ बोला...

दूर से सूरज अपनी मां को देख रहा था...

मुखी – पारूल तुम एक बात याद रखना सूरज भी अब मेरे बेटा है... अगर आप को उसे सही रास्ते पे लाना हो तो अपने पल्लू से दूर करना ही होगा...आप मुझे गलत मत समझना लेकिन मुझे ठीक नही लगता की एक जवान लड़का अभी तक उसकी मां का पल्लू पकड़ के चले...बाकी आप समझदार हे..

पारुल हैरानी से मुखी के कठोर बोल सुन रही थी उसे वो अनसुना न कर पाई.. उसे जैसे मुखी की आवाज में उसके लिए अधिकार का भाव आ रहा था... मुखी के काले शरीर पतले शरीर में पारुल को आज जैसे तेज दिख रहा था...उसे मुखी की मर्दाना ताकत का अंदाजा हो रहा था की मुखी की आवाज में कैसा बदलाव आ रहा था...
Bhai update bada do pls or regular update dete raho
 

aslamji

New Member
46
24
8
Updated 04

मुखिया जी " हा बेटा में ठीक हु.. अब तो तेरी मां आ गई है मेरा खयाल रख लेगी तू यहां की कोई चिंता न कर..."

विक्रम – पिताजी आप दवाई टाइम ले लेना और अपना खयाल रखना के आता रहूंगा..

मुखिया जी फोन रख अपनी नई नवेली दुल्हन के कमरे की और जाने लगे...

मुखिया जी बिना आवाज किए कमरे में दाखिल हुए.. दोनो का बेटे एक दूसरे की बाहों में सुकून से सो रहे थे.. 60 साल के रूढ़िवादी वादी आदमी के एक मां को अपने 18 साल के लड़के को अपनी गोद में सुलाना.. पारुल की सारी तो रात में ही उसके उभरे हुए सीने से हट गई थी और वही उसके एक लोते बेटे का सर था.. गोरी गोरी चूचियां साफ़ साफ़ बाहर आने को तैयार थी...लाल हरा हरा पेटीकोट पारुल के चिकने घुटनो के भी उपर हुआ था और दो भरे भरे जांघो के बीच अपने बेटे के पैर को फसा रखा था... सूरज के हाथ अपनीर मां की कमर को पे और एक पीठ पे थे...

images


मुखिया ने कभी अपनी पत्नी के साथ भी इसे सोया नहि था जैसे एक बेटा उसकी मां के साथ सो रहा था.. मुखी को तो बस छूत में लोड़ा डाल के हिलाना आता था... उसे कहा रोमेंस और प्यार करने के तरीकों का कोई ज्ञान था... इसी हालत में उसकी पत्नी को देख मुखी बेहत गुस्सा हो उठा... पर एक 40 की जवान खूसबूरत औरत को ऐसे देख वो उत्तेजित भी हो चुका था...ऊपर से वो पारुल बस उसकी बेटी की उमर की थी... वो अपने गुस्से को शांत करते हुए बाहर निकल गया....और धीरे से दरवजा बंद कर के... फिर जो से आवाज लगाई... पारुल.....पारुल......अरे उठ जाइए अब आप कितना सोना है आप को...

पारुल उठ गई..अपने बेटे की पकड़ से बाहर निकल... पहले अपनी हालत ठीक कर दरवाजा खोला...

पारुल – जी आप उठ गई...में अभी चाय नाश्ता बना के लाई...(पारुल हड़बड़ी में बोली)

मुखी – पारुल...जरा खिड़की खोल बाहर भी देख ले...खेर आप नहा के निचे आइए नाश्ता बन गया है...और हा जल्दी कीजिएगा आप...और आप के लाड साब को भी उठा देना... (मुखी बड़े आराम से बात करते हुए पारुल के हर एक अंग को निहार रहा था)

थोड़ी देर में दोनों मां बेटे नीचे आ गए...अब माहोल ऐसा था कि दोनो सौतेले बाप बेटे एक दूसरे से नफरत करते थे..दोनो बस पारुल की खुशी के लिए एक दूसरे के मुंह पे कुछ बोल नहीं पा रहे थे... एक को था की मेरी वजह से मां को तफलिक होगी..और एक को था की बेटे को को कुछ बोला तो ऐसी औरत एक रात नही रहने वाली यहां...

सब एक साथ खाने के टेबल पर बेठे... बिचारी पारुल उसके नई पति के साथ यौन संबंधों को बनाने के डर से बिकुल डरी सहमी सी बैठी थी और उसके बेटे के सामने अपने नई पति के साथ बैठी हुई और शर्म से मर रही थी... सूरज भी अपने दोस्तो की कहानियां याद कर परेशान था और उपर से कल रात मां के नंग स्तनों को देख उसके दिमाग में क्या चल रहा था वो खुद भी समझ नही पा रह था...

मुखी – तो सूरज बेटा आप कॉलेज जाते है...

सूरज अपने सौतेले बाप को अनसुना कर देता हे...की तभी पारुल अपनी मीठी आवाज में धीरे से बोली...

पारुल – जी सूरज के पापा... ( ये सुन दोनो बाप बेटे हैरान थे) ( में हर बार सौतेला नहीं बोलने वाला आप खुद समझ जाना अब से)... सूरज का दाखला हो गया है...

सूरज – मां में तुझे यहां छोड़ के कही नई जा रहा....

पारुल – ये क्या बेटा तुझे पड़ना तो होगा ही... ऐसे कैसे चलेगा....

मुखी – बेटा अपनी मां की बात सुनो... एसी मां हर किसी के नसीब में नहीं होती... आज कल कोई मां इतना नही करती जो तुम्हारी मां कर रही है... 40 की हे तेरी मां और मुझ बुड्ढे से शादी की... क्यू ताकि तुजे पड़ा लिखा के इस काबिल बना पाई की तुझे किसी के आग हाथ न फेलाना पड़े... नही तो इनके लिए तो.....(आगे बोलने से रूक जाते है)

पारुल के आखों से आसू निकल गई और पारुल की नजर में मुखी के लिए इज्जत बड़ गई... सुरज भी अपनी गलती को कुछ समझ रहा था...लेकिन अपने बाप पे वो अभी तक गुस्सा था...

मुखी – चलिए में खेतो में काम देख के आया... पारुल तुम मेरे साथ आओ कुछ बात करनी है...

दोनों बाहर निकल गई.. कुच दूर जाके मुखी रुका और पारुल के सामने खड़ा हुआ बोला...

दूर से सूरज अपनी मां को देख रहा था...

मुखी – पारूल तुम एक बात याद रखना सूरज भी अब मेरे बेटा है... अगर आप को उसे सही रास्ते पे लाना हो तो अपने पल्लू से दूर करना ही होगा...आप मुझे गलत मत समझना लेकिन मुझे ठीक नही लगता की एक जवान लड़का अभी तक उसकी मां का पल्लू पकड़ के चले...बाकी आप समझदार हे..

पारुल हैरानी से मुखी के कठोर बोल सुन रही थी उसे वो अनसुना न कर पाई.. उसे जैसे मुखी की आवाज में उसके लिए अधिकार का भाव आ रहा था... मुखी के काले शरीर पतले शरीर में पारुल को आज जैसे तेज दिख रहा था...उसे मुखी की मर्दाना ताकत का अंदाजा हो रहा था की मुखी की आवाज में कैसा बदलाव आ रहा था...
Bro Parul ka Mukhi se smbndh nhi bnna chahiya
Agr aesa hogya to Suraj ka gussa or brh jyga phir uski feeling parul ke liy nhi rhegi bs gussa rhega
 
Top