Mukhi or Parul ka sex scene nhi hona chahiyeUpdated 06
भोला अपनी 30 वर्ष की पत्नी को अपने मालिक की बाहों में देख बड़ा बेबस महसूस करते हुए अपने काम में व्यस्त हो गया ताकि अपनी जवान पत्नी को इसे देखना न पड़े... बिचारी कविता जब नई नवेली दुल्हन बन आई उसे क्या पता था कि उसकी योनि की सील तोडने वाला उसका पति नही लेकिन उसका मालिक होगा... पहली रात तो बिचारी बस रोते हुए निकल पाई...और इसे उसके जिस्म के साथ खिलवाड़ कभी रुका नही... यहां तक कि कविता का 5 साल बच्चा भी मुखी की देन था... और न जाने इस गांव की कितनी लाचार शादी सुदा औरतों और कुंवारी लड़कियों को मुखी अपना शिकार बना चुका था...
मणिलाल अपनी पत्नी कविता की शिकारिया सुन पागल हुआ जा रहा था मजबूरन वो अपने मालिक को बोला..
मणिलाल – मालिक बस करिए और नही... यहां इस खुले में कोई भी देख सकता है मालिक...आप कमरे में चलिए में बिस्तर लगा देता हु...
मुखी – मादरचोद... अपनी औकाद मत भूल... अभी रुक... ऐ रण्डी चल कपड़े निकल...तेरे पति को लगता है तुझे कपड़ो में देख अच्छा नही लगता....
कविता – मालिक यहां नही मालिक अंदर चलिए कोई आ गया तो...
मुखी – अरे भाई मणि तेरी जोरू को समझा अभी क्या नंगी नही है वो ब्लाउज तो बड़ी जल्दी उतार दिया अब ये भी निकल चल.....
कविता रोने जेसी हो गई पर कपड़े निकाल दी...मुखी इतना गुस्सा होता नही लेकिन आज पारुल को न पाने का गुस्सा कही और निकल रहा था....
कविता नंगी हो के " मालिक अब चले बिस्तर पे?"
मुखी कविता के कसे हुए बदन को सहलाने लगा और उसके स्तन दबा के दूध गिराते हुए कविता को तड़पा रहा था... काम आग में पागल हुए जा रही थी पा उसे मुखी चोद नही रह था...
कविता – मालिक अब जल्दी कीजिए अब और नही... अह्ह्ह्ह
मुखी – बड़ी तड़प रही है न तू बस ऐसी ही एक दिन मेरी पारुल तड़प कर बोलेगी....चल कुवे से पानी निकाल के ला और फिर चली जाना....
कविता कपड़े पहने लगती है तो मुखी कविता की फूली हुई गांड़ पे जोर से थप्पड़ जड़ दिया और बोला "मेरी जान नंगी जा तेरे पति का मुंह आज कल ज्यादा चल रहा है"
कविता मुखी के पैरो में गिर के माफी मांगी पर मुखी नही माना... आखिर कार कविता नंगी कुवे पर गई...कुछ दूर से बच्चे कविता के नंगे जिस्म का नजारा देख उत्तेजित हो रहे थे वही कविता का पति अपनी फूटी किस्मत पे रो रहा था...