UPDATE 17
आज मौसी की ताबड़तोड़ ठुकाई और दिन भर की भागदौड़ से बहुत थक गया था तो आज रात पापा मम्मी को देखना छोड निचे स्टोररुम मे अपने बेड पर सोने चला गया ।
अगली सुबह आंख खुली तो घड़ी में देखा तो 6 बज रहे थे,,, मै सोचा यार मै तो जल्दी उठ गया ,,,, फिर मै फ्रेश होने छत पर गया जहा बाथरूम से मुझे किसी के नहाने की आवाज आ रही थी
मै सोचने लगा पापा तो 8 बजे से पहले उठते नही अनुज भी सो रहा होगा
फिर बाथरुम मे कौन हो सकता मा या दीदी
यार कोई भी यही इंतजार करता हू देखता हू कौन बाहर आता है
थोडी देर बाद दरवजा खुला तो मेरी अप्सरा जैसी सुन्दर दीदी निकली
उनके भिगे बाल और निचे गोरी चिकनी गुदाज जान्घे और तौलिये मे लिपटी जवानी जो उनके नरम कामुक बदन को ढकने की नाकाम कोसिस मे लगे थे उफ्फ्फ क्या मस्त दिख रही थी दीदी
फिर जैसे ही दीदी की नजर मुझ पर पडी तो कपड़ो से भरी बाल्टी उनसे छूट गयी और वो तौलिये को निचे खिच कर अपने मखमली जांघो को छिपाने लगी और इसी हडबडी मे ऊपर से तौलिया खुल गया
और दीदी एकदम नंगी हो गयी
सुबह की हल्की सुनहरी रोशनी मे उनका दुधिया बदन और खिल सा गया ,, उनका दो अनमोल रतन कुछ पलो के लिए निर्वस्त्र हो गये उफ्फ्फ्फ क्या रसिले मम्मे थे दीदी के ,,,, और उनकी हल्की चॉकलेटी रंग की मुंगफली के दाने सी निप्प्ल ,,,,
और हल्की बालो वाली भीगी हुई पिंक चुत जो सुबह की रोशनी मे चमक रही थी
इससे पहले कि मै जी भर कर कुछ देख पाता दीदी ने लपक कर तौलिया उठाया और आगे कर लिया फिर बिना कुछ बोले बाथरूम की तरफ भागी
ह्य्य्य्य ह्य्य्य्य कयामत होना था उस दिन
दीदी के घूमते ही उनकी गोरी चिकनी गुदाज गांड मेरे आँखो के सामने आ गयी और वो हिलते हुए जा रहे थे उफ्फ्फ
मेरे आँखो की सुकून मिल पाता तभी दीदी ने बाथरूम का लॉक लगा दिया
थोडी देर शान्ति के बाद मै बाथरूम के पास गया और बोला - सॉरी दिदी मुझे नही पता था की आप ऐसे अचानक से निकलोगे
मै टॉयलेट मे जा रहा हूँ आप निचे चले जाओ
फिर मै टॉयलेट मे घुसा दो मिनट बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और दिदी बिना कुछ बोले निचे चली गई
मेरे मन में थोडी शान्ति हुई की कोई हंगामा नही हुआ मै भी जल्दी से फ्रेश हुआ और नहा कर निचे आया तो दीदी टीशर्ट लोवर पहने किचन मे थी और अनुज बेडरूम मे सोया था मम्मी पापा भी ऊपर नही आये थे
मुझे लगा की मुझे दीदी से बात करनी चाहिए
तो मै किचन मे गया और उनसे पानी मागा और उन्होंने बिना मेरी तरफ देखे एक ग्लास पानी दे दिया और बर्तन धुलने लगी ।
मै - सॉरी दीदी ,,मुझे नही पता था कि ऊपर आप हो और वो सब अचानक से हुआ तो
मैने जानबूझ कर सडा सा मुह बना कर दीदी के सामने नजरे नीचे किये हुए खड़ा रहा जैसे मुझे कितना बुरा मह्सूस हो रहा हो ।
दीदी ने एक नजर मुझे ऐसे देखा और मुस्करा कर बोली - हम्म्म्म ठीक है माफ किया लेकिन एक शर्त है
मै खुश हो गया - थैंक्स दीदी ,,, लेकिन क्या शर्त
दिदी मुस्कुराते हुए बोली -पहली ये कि वो मुझे आज रात भी तेरा मोबाइल चाहिये
मै - बोला ठीक है लेकिन अभी कहा है मोबाइल मेरा
दीदी - वो मेरे लोवर की जेब मे है भाई
मै - तो दो न
दीदी - अरे बर्तन धुल रही हू ,,, तू खुद निकाल
मै - मै मै
दीदी - हा निकाल भाई
फिर उनके पास गया और धीरे से उनकी जेब से बहुत सम्भाल के की उनकी बॉडी को ना छुए मेरा हाथ मोबाईल निकाल लिया
मै - थैंक्स दीदी ,,,फिर जाने लगा
दीदी - अरे दुसरी शर्त तो सुन कर जा
मै चौकते हुए - दुसरी शर्त क्या अब
दीदी - देख अगले महीने रक्षाबंधन है और गिन कर 14 दिन बचे है तो मुझे एक नया मोबाइल चहिये मेरा गिफ्ट
मै - अच्छा ठीक है मै पापा से बोलूंगा
दीदी भी खुश हो गयी और बोली - और हा सुन एक बात
मै - हा बोलो न दिदी
दीदी - आगे से सुबह जल्दी उठकर मत आना नही तो अगली बार और महगा शर्त रखूंगी ,,,,हिहिहिहिही ,,चल भाग अब
मै शर्माते हुए - ठीक है दीदी जो चाहे ले लेना ,,,,और हस्ते हुए भाग गया
दीदी मुझे पकड़ने के लिए दौड़ती तब तक मै निचे भाग आया
और देखा दुकान तो अभी बंद है और अभी 7 ही बज रहे थे फिर मैने पापा के रुम की तरफ देखा तो रुम बंद था लेकिन कुछ बात चित की अवाजे आ रही थी ।
मै खिडकी के पास गया और अंदर देखा ,,अहहा क्या नजारा था
पापा दीवाल से टेक लगाये बिस्तर पर बैठे हैं और मा झुक कर उनका लण्ड चुस रही है
पापा - जानती हो रागिनी ,, अगले हफ्ते शीला दीदी आने वाली है
मा लण्ड को निकाल कर - अरे इस बार इतना जल्दी ,,,, रक्षाबंधन को तो 2 हफ्ते है
पापा - हा वो जन्गिलाल की औरत , निशा और राहुल के साथ अगले हफ्ते मायके जा रही है वहा कोई शादी का कार्यक्रम है तो वही कल फोन की थी दुकान पर था ।
मा - अच्छा ठीक है फिर
मा - और मुझे भी तो रक्षाबंधन पर जाना है मायके 2 दिन के लिए
पापा - क्या दो दिन
मा - हा राजेश भैया की औरत हमेशा बोलती है की आती हो रुकती नही
पापा - लेकिन मेरा क्या होगा जान 2 दिन
मा - 2 दिन अपनी शीला दीदी को चोद लेना ,,,,मा उनको छेद्ते हुए बोली
पापा - हाय्य्य शीला दीदी
मा - क्या हुआ ,,कही सच मे चोदने का सोच तो नही रहे
पापा - हा सोच रहा हूँ मेरा तो ठीक है लेकिन तू 2 दिन कैसे रहेगी ,,
मा - मेरे मायके में मेरे आशिको की कमी थोडी है ,,,हिहिही किसी को भी बुला लुंगी
पापा - ओहोहो किसी की क्या जरुरत है राजेश है ना ,,,,हहाहहहा फिर पापा मा को पकड के हग कर लेतेहै
मा - चलो बहुत हो गई मस्ती अब नहा धो लो मै नास्ता लगाती हू
फिर मै भी जल्दी से ऊपर भागा ।
अब देख्ते है क्या होने वाला है