UPDATE 222
राज के घर
इधर दोनो भाई रिक्शा कर घर के लिए निकल गए और दोनो के मन उखड़े हुए थे , मगर राज को अनुज के सिक्रेटस पता होने पर हंसी आ रही थी ।
अनुज ने नोटिस किया तो पूछ भी लिया - क्या हुआ भैया हस क्यूं रहे हो
राज - कुछ नही भाई तू उदास होना छोड़ दे । फिर कोई नई मिल जाएगी हाआआह्ह
अनुज - मैं समझा नही , क्या नई मिल जाएगी
राज हसता हुआ - रिंकी जैसी कोई , और तेरी तो किस्मत भी बुलंद है एक को छोड़ा तो दूसरी उठा ले गई तुझे हाहहा
राज की उलझी हुई बातें अनुज समझा गया कि उसके भैया को रिंकी और दुलारी भाभी दोनो की बात पता है
अनुज पहले शरमाया फिर उदास होकर - हा लेकिन क्या फायदा , पता नही कब मिलना होगा उनसे और फिर कल बुआ भी चली जाएगी
राज - अरे तो टेंशन क्यूं ले रहा है , आज घर में मम्मी पापा है नही तो काम बन जाना ही चाहिए
अनुज - सच में भैया , लेकिन मौसी है ना
राज - उसकी फिकर ना कर तू, पहले घर चलते है
इधर दोनो भाई घर की ओर बढ़ रहे थे तो वही चौराहे वाले घर रज्जो और शीला ने अपनी अपनी पैकिंग आज ही पूरी कर ली
रज्जो - उह्ह्ह्ह लोह्ह भाई ये भी बैग भर गया , अब थोड़ा आराम चाहिए मेरी तो सास ही फूलने लगी
शिला मुस्कुराई और उसको अपनी ओर खींचती हुई - फिर तो योगा वोगा शुरू कर दो मेरी जान , मेरे यहां तो मुंह खोले बिना ही सास लेनी पड़ेगी
रज्जो हस्ती हुई - धत्त कामिनी तु भी ना ,
शिला मुस्कुराई और उसकी बिस्तर पर धकेलती हुई - क्या बोली साली उम्म्म
और देखते ही देखते शिला उसके ऊपर चढ़ गई और उसके हाथ ऊपर कर उसके लिप्स चूसने शुरू कर दिए
रज्जो भी जोश में आकर शिला के लिप्स को चूबलाने लगी ,
शिला उसके ऊपर माथे जा रही थी और दोनो आपस में एक दूसरे को चूसे जा रहे थे
शिला ने अपनी कुर्ती ऊपर की और मोती मोटी दुधारू चूचियां रज्जो के मुंह पर रखती हुई ठूंसने लगी - अअह्ह्ह्ह्ह साली छीनार लेह बहुत बोलती है तेरा मुंह तो कई ऐसे ही बंद करूंगी अह्ह्ह्ह आउच उह्ह्ह्ह हरामजादी काट क्यू रही है
रज्जो उसकी मोटी चूचियां दोनो हाथो से पकड़ कर बारी बारी से निप्प्स को चूसने लगी और मिजती हुई - तेरी रसीली चूची को खा जाऊं ऐसी है ये उह्ह्ह्ह मेरी रांड शिला तेरे जोबन देख कर तो मेरा दिल बावरा हो जाता है तो तेरे घर के मर्दो का क्या हाल होता होगा उम्मम्म सीईईईईईआईआई
शिला उसके मुंह में अपनी चूचियां ठूंसती हुई - वही हाल होता है जैसा तेरा है मेरी सेक्सी रांड अअह्ह्ह्ह्ह कामिनी मुझे पटक दिया
रज्जो उसको घुमा कर नीचे कर देती है और अपनी मैक्सी उतार कर फेकती हुई वापस उसके ऊपर चढ़ कर उसकी रसीली मोटी थन सी चुचियों पर टूट पड़ती है - बहिनचोद तुझे तो पटक के पेलने में जो मजा है वो कही और कहा अअह्ह सच सच बता , तू अपने मुहल्ले भर के बच्चो को दूध पिलाती है क्या जो निप्पल तेरे इतने मोटे हो गए है अअह्ह्ह्ह्ह
रज्जो उसकी चूचियां बदल बदल कर चूस रही थी - सच सच बता कौन कौन दूहता है तुझे मेरी जान आह्ह्ह्ह्ह्
रज्जो जिस तरह से शिला को मसल रगड़ रही थी शिला की चूत बजबजाने लगी थी - चल रही है , रोज सुबह भोर में दुहवा दूंगी तुझे भी अअह्ह्ह्हह् बहिनचोद उह्ह्ह्ह हिहिहिही आराम से फट जाएगा
रज्जो उसकी लेगी खींचती हुई - भोसड़ा बना चुकी है अब बचा ही क्या है उसमे , हाथी जैसा लंड घोंट घोंट कर पूरा हाईवे बना लिया है
शिला कसमसाती हुई अपने कूल्हे उछालने लगी - आह्ह्ह्ह्ह फिर क्यों चाट रही है उसे कुतिया के जैसे अअह्ह्ह्हह ममीइइई उह्ह्ह्ह
रज्जो उसकी चूत में मुंह लगाए हुए - क्योंकि तेरी भोसड़ी का रस बहुत टेस्टी है अअह्ह्ह्हह कितना गर्म गर्म माल छिपा रखा है उम्मम्म्मम
रज्जो उसकी बुर में अपनी थूथ रगड़ती हुई भीतर जीभ नचाने लगी - अअह्ह्हह साली रण्डी कुतिया और चाट अअह्ह्ह्ह मेरा भोसडेदार चूत अअह्ह्ह्हह उह्ह्ह और और उह्ह्ह्ह
इधर दोनो चुदासी सेक्सी औरते आपस में एकदूसरे को मीज मसल रही थी तो वही बाहर राज और अनुज रिक्से से उतर चुके थे और गेट खोल कर मेन दरवाजा खोलते हुए हाल में घुसते है
अनुज - अरे बुआ और मौसी कहा है ? बुआआआ !!
तभी राज उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकता हुआ अपनी मां के कमरे की ओर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
दोनो भाई दबे पाव कमरे की ओर बढ़े , कमरे से तेज कूलर की हनहनाहट में रज्जो और शीला की सिसकियां घुल चुकी थी
जैसे ही कमरे के दरवाजे से दोनो ने भीतर झांका राज और अनुज दोनो चौक गए
सामने बिस्तर पर शिला की जांघें खोले हुए रज्जो उसके ऊपर चढ़ कर कैंची बनाते हुए उसकी चूत से अपनी चूत आपस में रगड़ रही थी
दोनो भाई भौचक्के एक दूसरे को निहारते हुए खुश हो गए और अपना अपना लंड बाहर निकाल कर उसको सहलाते हुए कमरे में दाखिल हुए
जैसे ही शिला को भनक हुए वो रज्जो को धकेलते हुए उठ गई इस डर से की घर में बाकी लोग भी आ गए होगे
शिला - तु तुम दोनो , इतना जल्दी कैसे
अनुज हस्त हुआ - बस देखने आए थे आपको हिहिहिही
रज्जो - अनुज मस्ती नही , बता बाकी लोग कहा है ?
अनुज दांत दिखाता हुआ - खुद अकेले अकेले मस्ती कर रही हो और हमें कह रही हो मस्ती नही , देखा भैया इतनी नाइंसाफि
राज हस्त हुआ - ओहो बुआ मौसी कोई नही है , बस हम लोग है ,पापा मम्मी कल आयेंगे
रज्जो ने चैन की सास ली - लेकिन तुम दोनो अंदर कैसे आए , दीदी तुम दरवाजा लगाई थी न
शिला कुछ देर सोचा कर अपनी जीभ दांत में दबा कर मुस्कुराते हुए रज्जो को देखा और हसने लगी .
रज्जो - हम्म तभी तो मैं सोचू ये दोनो बैल घर में कैसे घुसे
अनुज - हम दोनो बैल अपनी अपनी गईया खोजते आए है मौसी हिहिहिही
शिला - ये कितना बिगड़ गया है इधर आ बताती हुं
अनुज अपना लंड सहलाता हुआ - आपके पास ही आ रहा हु बुआ
अनुज अपना लंड शिला के आगे परोसता हुआ उसके सर को सहलाने लगा ,शिला भी बिस्तर पर घोड़ी बनकर अनुज का लंड मुंह में भर कर चूसने लगी - अह्ह्ह् बुआ कितना ठंडा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई
वही बगल से राज की भी सिसकी आने लगी - उम्म्म मौसी आह्ह्ह्ह्ह आपका तरीका बहुत अच्छा लगता है अह्ह्ह्ह कल से बहुत याद आओगे आप उह्ह्ह्ह
अनुज - हा बुआ आपकी भी बहुत याद आयेगी उह्ह्ह्ह आराम से उम्मम्म आप तो पूरा घोट जा रही हो अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह और चूसो उम्म्म्मम
शिला - मुझे भी तुम सब की बहुत याद आयेगी मेरे लाडलो उह्ह्ह्ह और ये भी कि मेरे बेटे अब जवान हो गए है आआआआअह्ह्ह औरते संभालने लायक
राज - क्यू बुआ पहले शक था क्या हिहिहिही आआआह्हह्ह्ह मौसी उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड जी कर रहा है आपके मुंह में भर दू अह्ह्ह्ह्ह् ये लोह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कितना मजा आता है आपके हर छेद में पेलने का उह्ह्ह्ह्ह्
राज गला फाड़ता हुआ रज्जो के गले में अपना लंड घुसेडने लगा और फिर उसको धक्का देकर बिस्तर पर चढ़ कर चूत में लंड घुसा दिया
रज्जो - आआआह्ह लल्ला उह्ह्ह्ह कबसे तेरे लंड को प्यासी थी मेरी चूत उह्ह्ह्ह और पेल आह्ह्ह्ह हा ऐसे ही अअह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है बेटा ओह माआआ
राज उसकी चूत ने हचक के लंड उतार रहा था - अब ठीक न मौसी उह्ह्ह्ह लोह और लोह आज पूरी बच्चेदानी भर दूंगा तुम्हारी उह्ह्ह
रज्जजो : उह्ह्ह्ह लल्ला तेरे लंड से मेरी चूत बहने लगी है अअह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह हा खा जा उह्ह्ह्ह मम्ममिई उह्ह्ह्ह
राज लपक कर रज्जो की चूत में मुंह दे दिया और वही बगल शिला की जांघो के बीच अनुज भी उसकी बुर की फाकों से लेकर गाड़ की भूरी सुराख तक जीभ फिरा रहा था - उह्ह्ह्ह बेटा उम्म्म कितना मस्त चाटता है तू उम्मम्म्म आआह्ह्ह्ह्ह् भाभीए इन दोनो की जोड़ी कमाल की है अअह्ह्ह्हह
रज्जो बगल में लेटी हुई शिला के लिप्स से अपने लिप्स जोड़ कर मुस्कुराई हुई - जोड़ी तो हम दोनो की भी कमाल की है मेरी जान
अनुज - उम्म्म बुआ ना कबसे मुझे आपके बुर को चाटने का सपना आता था , है रोज आपकी गाड़ चाटने का सोच कर हिलाता था मैं उह्ह्ह्ह कितनी रसीली बुर है आपकी सीईईईईईआईआई
शिला - अअह्ह्ह्हह खा जा बेटा , चाट ले अपनी बुआ की बुर उम्म्मम तेरी छोटी सी जीभ मुझे पागल कर दे रही है
" मैं भी इसे खा लूं क्या मेरी जान अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह राज आराम से उह्ह्ह्ह बेटा उह्ह्ह्ह्ह" , रज्जो घोड़ी बनी हुई शिला की मोटी हिलती चूची को पकड़ कर सहलाती हुई अपने मुंह में भर लिया और उसके निप्पल चूसने लगी ।
शिला मानो पागल सी हो गई - अहह्ह्ह्ह भाभी उह्ह्ह्ह पी जाओ मेरे थन से टपकते रस को अअह्ह्ह्हह अओह्ह आराम से लाला उह्ह्ह्ह बहुत कसा है अच्छे से घुसा
रज्जो पीछे से राज के करारे झटके अपनी चूत में लेती हुई - अह्ह्ह्ह्ह लल्ला कस के घुसा एक ही बार में फाड़ दे उह्ह्ह्ह्ह
अनुज मारे जोश में शिला की टांग को अपने कंधे पर रखता हुआ एक करारे झटके के साथ शिला की रसाती बुर में हचाक से लंड पेल दिया - अअह्ह्ह्ह मम्मिई फाड़ दिया रे उह्ह्ह्ह अब रुका क्यू है चोद ना हरामी मौसी का चमचा कुत्ता कही का अअह्ह्ह्ह जल रहा है
अनुज बत्तीसी दिखा कर रजजो के साथ हस रहा और फिर अपनी बुआ की चूत में लंड चलाने लगा - ओह गॉड बुआ आपकी चूत बहुत गरम है अअह्ह्ह्ह
रज्जो - जा बेटा तेरी बुआ एक नंबर की रंडी है हमेशा आग लगी रहती है इसकी चूत में पेल आज रहम मत दिखाना
अनुज अपनी मौसी की बातें सुन कर जोश में कस कस के शिला की बुर फाड़ने लगा , शिला गला फाड़ कर चीखने लगी
वही राज ने एक बार फिर पोजिशन बदल दिया और नीचे लेट कर अपनी मौसी को चोदने लगा
राज अपनी मौसी की खरबूजे सी मुंह पर लटकती छातियां पिता हुआ उसकी बड़ी सी गाड़ थामे सटासट रज्जो की बुर में लंड पेले जा रहा था और रज्जो भी शिला की तरह बेफिकर सिसकियां ले रही थी - उह्ह्ह्ह लल्ला ना जाने तुझे इतना जोश कैसे आ जाता है जब तू अनुज के साथ होता है अअह्ह्ह्ह्ह फाड़ और पेल अपनी मौसी की चूत को अओहह्ह उम्मम्म्म रुकना मत बेटा अअह्ह्ह्ह सीईईईई
राज - वो तो पता नही मौसी लेकिन आज तो पूरी रात आपको ऐसे ही पेलने वाला हु , क्यू अनुज
अनुज जो अब तक शिला को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसाये हुए शिला की गाड़ मसल मसल कर पेल रहा था - अह्ह्ह्ह्ह हा भैया फिर ना जाने ये मौका कब मिले , और जब फिर से मुझे बुआ की गाड़ सहलाने को मिले आआआह्हह्ह् मेरी सेक्सी चुदक्कड़ बुआ अअह्ह्ह्हह
शिला - हा लल्ला पेल ना अपनी चुदक्कड़ बुआ को और पेल और उह्ह्ह्ह और कैसी लगती हूं मैं तुझे मेरे लाल अअह्ह्ह्ह्
अनुज मारे जोश ने शिला की चूत की जड़ो में लंड घूसाता हुआ - अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ तुम तो मुझे किसी रंडी जैसी लगती हो , अह्ह्ह्ह लगता है तुम्हारी गाड़ 50 लोग मिल कर मारते है थी इतनी बड़ी हो गई है , जी कर रहा है इसी गाड़ में झाड़ जाऊं उह्ह्ह्ह आपकी गाड़ हुआ मुझे पागल कर रही है आपकी गाड़ चाटना मुझे बहुत पसंद है बुआ अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह मेरी रंडी बुआ मेरा आने वाला है अअह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह
शिला - भर दे बेटा भर अपनी बुआ की बुर उह्ह्ह्ह
वही बगल मे राज भी रज्जो को एक बार फिर घोड़ी बनाए हुए करारे झटके दे रहा था और अनुज शिला की बातें उसे भी चरम पर ले आई थी और दोनो भाई एक साथ रज्जो और शीला की चूत में अपने अपने फब्बवारे छोड़ दिए
शिला और रज्जो देर तक उनके झटको से निकलती गर्म पिचकारी की धार चूत की दीवारों में महसूस करती रही और दोनो थक कर उनके ऊपर ही रह गए
मगर जोश कहा किसी का ठंडा होने वाला था और अनुज ने शिला की गाड़ चाटते हुए एक बार फिर से नए राउंड की पहल कर दी थी
तो वही रज्जो अपनी चूत से निकले राज के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी ।
अमन के घर
फोन की घंटी मुरारी को बेचैन कर चुकी थी और रंगी से इजाजत लेकर गेस्ट रूम से बाहर आ कर हाल में आया तो जीने के पास अमन बेचैन खड़ा हुआ था
मुरारी - क्या हुआ बेटा
अमन - पापा !! वो ....
मुरारी - हा बोल ना बेटा ,क्या बात है ?
अमन थोड़ा झिझक कर मुस्कुराता शर्माता - वो में ऊपर बोर हो रहा था तो सोचा आपसे बात करू , आप बिजी तो नही ।
मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि अमन की बेचैनी का कारन क्या हो सकता है और वो मुस्कुराते हुए - अच्छा ठीक है चल गोदाम में चलते है
अमन - आपके कमरे में चलते है ना
मुरारी - अरे वहा तेरी मां और वो तेरी सास होगी
अमन - नही पापा वो बाहर मौसम सुहाना हुआ है बारिश वाला तो मम्मी , उनको लेकर ऊपर ही गई है
मुरारी - अच्छा ,फिर ठीक है चल
दोनो बाप बेटे कमरे में दाखिल होते है और हल्का सा दरवाजे भिडका देते है ताकि अगर गलियारे से कोई बाथरूम की ओर कोई जाए तो भी दरवाजे की आड़ में सोफे पर बैठे हुए वो दोनो किसी को ना दिखे ।
मुरारी - हा बोल बेटा
अमन थोड़ा शर्माता हुआ - पापा क्या हुआ कल , मम्मी ने पहना था वो कपड़ा
मुरारी अमन के जज्बात बखूबी समझ रहा था और मुस्कुरा कर - हा बेटा और सच कहूं तो पिछली बार वो मजा नही आया था जो इस बार आया ।
अमन - क्यू ? ऐसा क्या हुआ इस बार ?
मुरारी अपने पजामे में अंगड़ाई लेते लंड को मिजता हुआ - अरे तब के समय में और अब के समय में तेरी मां का बदन दुगना से ज्यादा गदराया हुआ है , उसके चूतड को 3 गुना ज्यादा बड़े दिखते है अब और कल रात वो कच्छी में उसकी बड़ी सी गाड़ ने मुझे पागल कर दिया , अगर तू देखा होता तो तू भी अपनी मां पर लट्टू हो जाता
अमन का लंड एकदम से अपनी मां को उस रूप में देखने के लिए फड़फड़ा उठा - और फिर
मुरारी - बेटा तूने जो वो ब्रा ऑर्डर की थी वो तो आगे से एकदम आरपार दिखने वाली थी , उसमे से झांकती तेरी मां की मोटी मोटी चूचियां उम्मम्म कितनी रसीली लग रही थी अअह्ह्ह्हह तू देखता तो तुझे फिर से मन करता कि उसकी गोदी में लेट कर उसका दूध पी जाऊं
अमन अपना लंड अपने बाप के सामने मिजते हुए उसकी और निहार कर - पापा दिखाओ ना मम्मी को प्लीज
मुरारी अमन की आंखों में अपनी के लिए दीवानगी साफ साफ देख रहे था , उसका हाथ कैसे अपनी मां के गदराए जिस्म के बारे में सोच कर अपना लंड मसल रहा है और वो मुस्कुराता हुआ अपने जेब से मोबाइल निकाल कर गैलरी ओपन कर अमन के हाथ में मोबाइल दे देता है
अमन कई सारे सेक्सी तस्वीरों मे से अपना एक तस्वीर ओपन करता है जिसमे उसकी मां सर पर चुन्नी लिए हाथ फैला कर आईने के आगे खड़ी थी और उस जालीदार चुन्नी के नीचे उसके फैले हुए चूतड की दरारों को उसके बालो के परांदे ने धक रखा था , सामने आईने में ब्रा से बिलकुल वैसी ही उसकी रसीली छातियां झलक रही थी जैसा उसके पापा अभी बता रहे थे , अपनी मां का कौमार्य रूप देख कर अमन का दिल जोरो से धड़क रहा था उसका दूसरा हाथ अपने सुपाड़े को मसल रहा था
तभी अमन ने एक वीडियो पले कर दी जिसमे उसकी मां ने घूम और अदाये दिखा कर बड़े ही सेक्सी सेक्सी पोज दिए थे और उसके पूरे बदन की नुमाइश थी उसमे - उह्ह्ह्ह गॉड कितनी सेक्सी लग रही है मम्मी
मुरारी अपने बेटे से उसके मां के लिए सेक्सी शब्द सुनकर भीतर से सिहर उठा और अपना मूसल मसलने लगा ।
अमन - पापा ये सब मैं अपने मोबाइल में लेलू प्लीज
मुरारी अमन के जजबात समझ रहा था और मुस्कुरा कर हा में सर हिला दिया और अमन ने फटाफट अपने व्हाट्सएप पर सारी तस्वीर लेली और मुरारी को मोबाइल दे दी
मुरारी मोबाइल बंद कर जेब में रखता है कि फिर से उसका mobile वाइब्रेट होता है और मोबाइल स्क्रीन पर अमन कुछ फोटो भेजे थे उसके नोटिफिकेशन देख कर - तूने क्या भेजा है बेटा
अमन इसपे मुस्कुरा कर थोड़ा शर्माता हुआ - खोल के देखो ना , वो कल रात मुझे आपकी बातें याद आ रही थी तो मैंने
इधर अमन की बातें पूरी नहीं हुई थी मुरारी चौक कर बोल पड़ा - अरे ये तो बहु है
अमन मुस्कुरा कर - जी पापा , मैने सोचा क्यों न उसको शादी में दिए हुए आपके गहने पहना कर तैयार करू जैसा आप मम्मी को करवाते हो । कैसी लग रही है आपकी बहू पापा ?
सामने मोबाइल में अपनी नई नवेली बहु की नंगी सिर्फ सोने के गहनों में सजी हुई उसपे से माथे पर एक लाल चुन्नी लिए खड़ी हुई देख कर मुरारी का लंड बेकाबू हो गया , उसकी नजर अपनी बहु के जिस्म से हट ही नहीं रही थी , रानी हार जो उसने खास तौर पर अपनी बहु के लिए पसंद किया था वो आज उसके दोनो मोटे मोटे चुचियों के बीच लटकता पा रहा था उसके गुलाबी निप्पल और फिर हल्के फुल्के बालों वाली गुलाबी चूत को ढकती सोने की करधन ने तो कयामत ही कर रखा था , मुरारी को उम्मीद नहीं थी कि अमन उसके लिए ऐसा तोहफा लाएगा ।
अमन अपने पापा को चोरी छिपे अपने कुर्ते के नीचे से सोनल को एक तक निहार कर अपना लंड मुठिया रहा था - बोलो ना पापा कैसी लग रही है आपकी बहू ?
मुरारी को अमन के सवाल से जोश भी आ रहा था तो भीतर डर भी था वो यूं खुल कर अमन के सामने अपने जज्बात नही रख सकता - अअह्ह्ह्ह बेटा क्या कहूं, ऐसा लग रहा है कि सालों पहले तेरी मां को निहार रहा हु
मुरारी फिर से व्हाट्सएप खोलता हुआ - रुक तुझे भी कुछ भेजता हु वो भी देख
अमन कामुकता भरी जिज्ञासा से - क्या पापा ?
मुरारी ने धड़ाधड़ एक के बार एक कुछ दूसरी तस्वीर भेजी और अमन ने जैसे ही मोबाइल में ओपन किया
तो अमन उसकी मां पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी उसकी मोटी मोटी चूचियां और मोटे जामुन जीतने बड़े बड़े भूरे निप्पल देख कर अमन के मन में मन पानी आ गया - उह्ह्ह्ह गॉड पापा , मम्मी के दूध कितने बड़े बड़े है
मुरारी का ध्यान तो सिर्फ सोनल के गुलाबी चुचियों पर था - है ना , बहुत मजा आता है बेटा तेरी मां के ऊपर चढ़ कर उसके दूध पीने का
अमन - हा पापा मेरा भी मन कर रहा है कि मां के ऊपर लेट कर उनके दूध पियू, मां के निप्पल कितने मोटे है और सेक्सी भी
मुरारी अपने बेटे से उसकी मां के चुचियों की तारीफ सुनकर अब पूरे जोश में उसके आगे अपना लंड मसल रहा था और अमन भी बिना डरे अपने पापा के आगे अपना लंड मिज रहा था - अह्ह्ह्ह्ह पापा , आपको सोनल के निप्पल कैसे लग रहे है
मुरारी मोबाइल में सोनल की रसदार गुलाबी निप्पल को देखकर जोश ने - अअह्ह्ह्हह बेटा बहु के निप्पल तो बिलकुल तेरी के जैसे है , जब वो व्याह के आई थी , ऐसी ही कोरी कोरी मगर हल्की भूरी, मैं उन्हें खूब मिजता और चूसता था । तेरी मां को वो खूब भाता था और तूने बचपन में अपनी मां का दूध 5 साल तक पिया है इसीलिए उसके निप्पल इतने मोटे है
अमन भरे जोश में अपनी की नंगी चूचियां और मोती मोटी काली घुंडीया निहार कर आहे भरता हुआ अगली तस्वीरे देखता है - पापा मुझे फिर से मम्मी का दूध पीना है अह्ह्ह्ह कितना सेक्सी है ओह्ह्हज गॉड पापा ये भी है उफ्फफ्फ कितनी बड़ी गाड़ है मम्मी की
मुरारी - हा बेटा रोज उसी गाड़ पर झड़ता हूं मैं और तेरी मां को भी अपनी गाड़ पर मेरा पानी लेना बहुत पसंद है
मुरारि भी अगली तस्विरे देखता है जिस्मे सोनल के लम्बी बालो की चोटी उसके गाड़ के दरारो तक जा रही थी
मुरारि - ओझ्ह्ह बहु के चूतड भी कम बड़े नही है बेटा अह्ह्ह्ह इतनी लंबी चोटी पहले तेरी मां की भी थी जो ऐसे ही उसके गाड़ के दरारों को ढक लेती थी
अमन - सीईईईईईआई पापा एक बात पूछूं
मुरारी अपना लंड हिलाते हुए अपनी बहु के एक वीडियो में हिलते चूतड निहार रहा था - हा बोल ना बेटा अअह्ह्ह्ह्ह क्या पूछना है
अमन - पापा आपने कभी मम्मी की गाड़ मारी है , कभी उसके बड़े बड़े चूतड के दरारों में अपना लंड डाल कर घिसा है , मैं सोनल को लिटा कर उसके मोटे मोटे गाड़ के दरारों में लंड घिसता हु और कल रात को
मुरारी अपनी बहु के बारे में सोच कर - क्याह्ह बेटा क्या हुआ कल रात को ?
अमन आंखे बंद कर जोरो से लंड को लोअर के ऊपर से से हिलाता हुआ - कल रात को उसके गाड़ के दरारों में ही झड़ गया था , पूरा रस उसके चूत के फाकों में भर गया था
मुरारी अमन की बातें आंखे बंद कर अपनी कल्पना में बहु के गाड़ की दरारों में झड़ता हुआ अमन को महसूस कर रहा था देख रहा था कैसे उसके गाड़ से उसकी चूत तक अमन का गाढ़ा मलाईदार रस बहु के गुलाबी फाकों को और गुलाबी किए जा रहा था ।
अमन - पापा मैं बाथरूम जा रहा हु
मुरारी उसको पकड़ कर बिठाते हुए - अब मुझसे क्या शर्मा रहा है , मैं नही जानता क्या करेगा वहा जाकर
अमन मुस्कुराने लगा - तो क्या आपके सामने
मुरारी झटके से अपना तनमनाया लंड बाहर निकाल जिसका सुपाड़ा खूब लाल हुआ पडा था मसलने से - अरे तू भी निकाल भाई
और अमन ने भी अपना हथियार निकाला , जो सीधे मुरारी का स्वा गुना दिख रहा था था जिसे देख कर मुरारी का हलक सूखने लगा और अगले ही पल अभिमान से भरता हुआ - बाप शेर तो बेटा स्वा शेर हा हां
अमन अपना लंड सहलाता हुआ - पापा एक बात और पुछु
मुरारी सोफे पर फैलता हुआ अपना मूसल मसलने लगा- हा बेटा पूछ ना
अमन भी उसकी देखा देखी वैसे ही पोजिशन में आ गया - पापा आपको मम्मी की गाड़ चाटने का मन नाही करता ,उसकी चूत के फांके चुबलाने का मन नाही करता
मुरारी - क्यू तू बहु की चूत और गाड़ चाटता है क्या
अमन आंखे बंद कर अपना लंड हिलाता हुआ - पापा , उसकी गाड़ का गुलाबी छेद देखोगे तो आप भी खुद को रोक नहीं पाओगे जैसे मैं नहीं रोक पाता खुद को
मुरारी आंखे बन्द कर अपनी बहु के गाड़ के गहरे दरारों में उसके गुलाबी सुराख की कल्पना कर - क्या सच में बेटा , बहु की गाड़ का सुराख गुलाबी है
अमन - हा पापा और उसके बुर के फांके भी एकदम सुर्ख गुलाबी , जीभ चलाओ तो पूरी लाल होने लगती है
मुरारी अपना लंड मसलता हुआ - अह्ह्ह्ह्ह सच में ऐसी चूत को कौन नहीं चाटेगा बेटा , मुझे मिले तो मैं खा जाऊं , तू क्या करेगा बेटा अगर तुझे तेरी मां की नंगी गाड़ मिल जाए
अमन सिसकियां लेटा हुआ - अअह्ह्ह्ह पापा मुझे मां की गाड़ मिल जाए तो मैं उन्हें अपने मुंह पर घंटो बैठने को कहूंगा और खूब जीभ लगा लगा कर उनकी गाड़ और चूत चाटूंगा , ताकि वो जब झड़े तो सारा रस मेरे मुंह में आए
मुरारी अपने बेटे की बातें सुनकर वो पल सोचने लगा जब ममता अमन के मुंह पर अपनी गाड़ रख देगी और अमन उसकी गाड़ चाटेगा , मुरारी अब तक एकदम चरम पर आ गया था
अमन - पापा आप क्या करोगे अगर सोनल की नंगी चूत मिल जाए आपको तो आप क्या करोगे
मुरारी अपनी कल्पना में अपने आगे अपनी बहु को नंगी अपनी चूत खोले देखता है जो अपनी जांघें फैलाये उसे अपनी ओर बुला रही होती है और मुरारी उस कल्पना में उसकी गुलाबी बहती चूत में अपना टोपा फसा रहा था - अह्ह्ह्ह्ह बेटा मुझ बहु की चूत मिल जाए तो मैं उसे चोद दूंगा , उसकी गुलाब सी पंखुड़ियों को रौदता हुआ अपना लंड उसके बुर के जड़ो में उतार दूंगा
सोनल की चूत में अपने पापा का मोटा लंड घुसाने का सोच कर ही अमन पूरे जोश में आ गया - हा पापा चोद लेना भर देना अपनी बहु की गुलाबी चूत को उह्ह्ह्ह आपकी बहु बहुत चुदक्कड़ है खूब लंड लेती है मेरा
मुरारी - क्या सच में बेटा
अमन - हा पापा आपकी बहू को चुदाई करना बहुत पसंद है , वो तो मेरे लंड की दीवानी है , इसे खूब चूसती है खुद बुर में घुसती है
मुरारी - अअह्ह्ह्हह बेटा तेरा फौलादी लंड अगर तेरी मां देख ले तो वो भी दीवानी हो जाएगी , उसकी लंबी फाकों वाली बड़ी चूत के लिए तेरा लंड तो एकदम फिट है , पूरा घुस जायेगा उसके भोसड़े में
अमन तेजी से अपना लंड हिलाने लगा - हा पापा , मुझे भी मम्मी की गर्म चूत में घुसना है और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चोदते हुए उसके मोटे मोटे दूध पीना है
मुरारी - हा बेटा पेल लेना तू भी अपनी मां को और पेल पेल एक उसकी गाड़ पर झड़ना , बोल झड़ेगा न अपनी मां की बड़ी सी गाड़ पर उम्मम्म
अमन - हा पापा झडूंगा अअह्ह्ह्हह ममीइइई की गाड़ को भर दूंगा मैं अअह्ह्ह्ह्ह आप कहा झड़ोगे सोनल को चोद कर
मुरारी तेजी से अपना लंड मुठियाता हुआ - बेटा मैं तो मेरी लाडली बहु के गुलाबी चुचियों पर अपना रस गिराऊंगा जिससे वो और भी गुलाबी हो जाएंगी अह्ह्ह्ह्ह
अमन - ओह पापा अअह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी मम्मी अह्ह्ह्ह्ह आपकी गाड़ मुझे बहुत पसंद है देखो ना पापा मैं मम्मी की गाड़ पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्हह ममीई उह्ह्ह्ह
और अमन की पिचकारी छुट गई , वही मुरारी भी तेज सिसकियां लेता हुआ झड़ने लगा - अअह्ह्ह्ह बेटा मैं भी बहु के चुचियों पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी अह्ह्ह्ह्ह बहु तेरे चूचे उम्मम्म अअह्ह्ह्ह
जल्द ही दोनो बाप बेटे ने आखिरी बूंद तक बहु और मां के नाम पर निचोड़ दी और सुस्त होकर सोफे पर फेल गए
वही उपर पीछे की बालकिनी में ममता रागिनी को लेकर पहुंची थी ।
रागिनी - हम्म् तो ये है आपकी वो खास जगह
ममता रेलिंग पर आगे झुकती हुई - जी , मुझे मेरे घर का ये हिस्सा बहुत पसंद है और खास कर जब रात का समय या फिर ऐसा सुहाना मौसम हो , यह मुझे बहुत अच्छा लगता है
रागिनी ने ममता के उभरे हुए कूल्हे सहलाती हुई उसके करीब खड़ी होकर - तो क्या कभी इस खास जगह पर खास माहौल बनाया है
ममता - मतलब
रागिनी हस्ती हुई - अब इतनी भी भोली न बनो बहना , इतनी स्पेशल जगह पर समधी जी ने यह चादर न बिछाई हो , ऐसे कैसे हो सकता है हिहिहिही
ममता लजाती हुई - धत्त आपके दिमाग में वही सब चलता है क्या हिहिहिही
रागिनी - अरे शरमाओ मत , बताओ ना मैं सब कुछ सिक्रेट रखूंगी पक्का
ममता - नही अभी तक तो नही ,क्योंकि उनका खूंटा बंद कमरे में ही खड़ा होता है हिहिहिही
रागिनी हस्ती हुई - अरे जब खूंटा खड़ा हो और धीरे से नंगे ही कमरे से बाहर निकल जाओ और सीढ़िया चढ़ कर यहां, देखो कैसे लार टपकाते हुए आते है हिहिही
ममता - हा जैसे घर में कोई रहेगा नही , किसी ने देख लिया तो
रागिनी - अरे मेरी बहना इतना डरोगी तो लाइफ के मजे कैसे लोगी हिहिहिही, थोड़ा हिम्मत दिखाओ
एक बात बताऊं
ममता जिज्ञासु होकर उसकी ओर देखा
रागिनी - कभी कभी जब आपके समधी जी नही होते है तो मैं अपने कमरे में ही सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर ऊपर चली जाती हु और खुली छत पर अंधेरी रात में पीछे की ओर खेतो में देखना मुझे अच्छा लगता है
ममता - क्या सच में और बच्चे ?
रागिनी - वो सब अपने अपने कमरे में सो रहे होते है , लेकिन मजा बहुत आता है हल्की सर्द हवाएं जब जिस्म को छूती है और तब तो आपके समधी जी याद और भी आती है । मन करता है ऐसे मौसम में उनकी बांहों की गरमाहट मिल जाए तो मजा दुगना हो जाएं
ममता मानो रागिनी के उस ख्वाब में खो सी गई और इधर तेज हवा चलने लगी
वही नीचे से मदन वापस आ चुका था तेज आंधियों के कारण सब कुछ उड़ रहा था , धूल कचरा भूसा पन्नी सब
वो अपनी गाड़ी लगा कर जल्दी जल्दी मेन गेट का दरवाजा लगा रहा था , और उसकी नजर अनाज के गोदाम के खुले दरवाजे पर गई वो भागता हुआ गोदाम का दरवाजा खींच कर बाहर से बंद करके चटकनी लगाना चाहता था मगर हवा के तेज झोंखे उसे ऐसा करने से रोक हुए था , तभी ऊपर टेरिस की चारदीवारी से पैरासूट की तरह खुल कर एक ब्रा हवाओं में उड़ती हुई जमीन पर गई और धूल में घिसटती हुई मदन के पाव के पास रूक गई
पैर के पास नई ब्रा देख कर मदन ने आधी खुली आंखों से फौरन ऊपर देखा कि कही ऊपर से तो नही गिरा ना और उसका अंदाजा सही निकला , जब उसने चारदीवारी से झांकती सोनल को देखा ।
सोनल मारे लिहाज के झट से पीछे हो गई और मदन समझ गया कि उसकी बहु कपड़े उतारने गई होगी और आंधी में उड़ कर बेचारी की ब्रा यहां उसके पास चली आई , तभी तेज तड़तडाहट के साथ बारिश होने लगी । मदन ने जैसे तैसे करके गोदाम बंद किया आगे अपने बहु की ब्रा को मोड़ कर कुर्ते के जेब में रखता हुआ जल्दी से घर आ गया
हाल में देखा कि वहा कोई नही है ,मदन को एक पल को लगा कि शायद सब चले गए । उसे जोरो की पेशाब लगी थी और बारिश में हल्का हल्का भीगने से प्रेसर भी जोर था मगर जेब रखी बहु की ब्रा लेकर बाथरूम में जाना उसे अनुचित लग रहा था मगर बहु को उसकी ब्रा लौटाना भी कम बोझ का काम नही था । ना ही वो अमन को इसमे शामिल करना चाहता था और अपनी भाभी या संगीता से कह कर भेजवाता तो पक्का उसका मजाक बनाती
इसीलिए वो बड़े झिझक में खुद ही ऊपर पहुंचा और सोनल के कमरे का दरवाजा खटखटाया
सामने सोनल आई और मदन ने बिना उसकी ओर देखे ही ब्रा उसकी ओर बढ़ा दी - बहु ये तुम्हारा कपड़ा नीचे गिर गया था , लो।
अगले ही पल मदन उसको देकर जैसे ही घूम कर अपना पल्ला झाड़ कर निकलने का सोचा ही था कि पीछे से सोनल ने टोका - चाचा जी ये मेरा नही है ,इतना बड़ा मैं नही पहनती । ये जरूर मम्मी जी का होगा
मदन भीतर से फिर से उलझ सा गया उसको पहले से ही अपनी बहु के आगे आने में हिचक हो रही थी , जबसे उसने शादी के बाद की अगली सुबह सोनल का खुला जोबन देखा था और अब ये ब्रा का ड्रामा
मदन का दिमाग नही चल रहा था और वो घूम कर सोनल के हाथ से ब्रा लेकर वापस जाते हुए बोला - ठीक है मैं भाभी को दे देता हु फिर
इधर सोनल ने झट से दरवाजा लगा दिया और वही मदन एक फिर अपने फैसले के लिए भीतर से खुद को गालियां देने लगा कि क्यू उसने बहु से ये लफ्ज़ कहे । बहु क्या सोचेगी कि मैं बहुत आसानी से उसकी सास को ब्रा देने जाऊंगा ।
मदन पैर पटकता हुआ नीचे आया और उसने हाल में से ही अटकलें लगाने शुरू कर दिए कि कमरे में कोई है तो नही । उसपे से पेशाब का प्रेसर और भी था ।
आखिर उसने तय किया कि एक बार वो गलियारे से भीतर ममता के कमरे में झांकता हुआ निकलेगा अगर कोई नही हुआ तो वापस लौटते समय वो ममता के कमरे में ब्रा फेंक कर आ जाएगा
मदन के लिए सब कुछ उसकी योजना के मुताबिक था , वो गलियारे से होकर बाथरूम की ओर बढ़ रहा था वो ठीक वही समय था जब दोनो बाप बेटे एक साथ मुठ्ठी मार कर झड़ कर सुस्ता रहे थे और कमरे का दरवाजा ऐसे भीडका हुआ था कि गलियारे से गुजरने वाले को यही दिखेगा कि कमरे में कोई नही है ।
मदन को भी वही भ्रम हुआ उसे जाते वक्त यही लगा कि कमरे में कोई नही है और सब कुछ एकदम शांत था , मदन जल्दी से बाथरूम में फ्रेश हुआ और हाथ धूल कर वापस आ रहा था तो उसको उसका रूमाल नही मिल रहा था , उसे यकीनन अंदाजा हुआ जरूर ऊपर बहु के कमरे पास ब्रा निकालते हुए गिरा होगा ।
उसने गीले हाथो से ही ममता की ब्रा को जेब से निकाला और आधे खुले दरवाजे से भीतर बिस्तर की ओर उसे झटक दिया और तेज कदमों से आगे बढ़ा
दरवाजे से उड़ती हुई ब्रा बिस्तर के पावे से टकरा कर जमीन पर गिरी और दोनो बाप बेटे हडबडा कर अपना कपड़ा सही करते हुए उठ खड़े हुए मुरारी ने लपक कर वो ब्रा उठाई और तेजी से दरवाजा खोल कर गलियारे से हाल में झांका तो देखा मदन हाल के सोफे पर बैठ कर सुस्ताते हुए स्टैंड फैन की हवा खा रहा है ।
मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि ये हरकत किसकी है और वो गुस्से से लाल हो गया ।
अमन - क्या हुआ पापा कौन था ।
मुरारी - और कौन होगा , तेरा चाचा था ।
अमन को अपने पापा के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था उसने अपने बाप को बोतल से पानी दिया और शांत होकर - क्या बात है पापा आप नाराज क्यों हो गए
मुरारी - तुझे एक राज की बात बताता हु सुन
फिर मुरारी ने अमन को संगीता और मुरारी के बीच की बातें बताई - क्या सच में बुआ और चाचा आपस में ।
मुरारी - और उसका ठरक रुकने वाला नही है , अब देख तेरी मां की ब्रा लेकर न जाने बाथरूम में क्या क्या नाश किया होगा कमीने ने हुह्ह
अमन हंसता हुआ - अब जब उनकी शादी नही करवाई आपने तो ये सब होना ही था ना , कबतक कोई खुद को रोक पाएगा पापा और फिर मां की मटकती गाड़ और बड़े बड़े चूचे किसी को भी आकर्षित कर देंगे ।
मुरारी - अरे जिससे वो शादी करना चाहता था उसके बाप ने उस लड़की की शादी कही और कर दी , तो इसने जीवन भर कुंवारा रहने का फैसला कर लिया
अमन - और वो लड़की ,मतलब चाचा की गर्लफ्रेएंड उसने खुशी खुशी कर ली शादी ?
मुरारी - नही बेटा , बाप की मजबूरी बेटियां ही समझती है उसने मजबूरी में शादी कर तो ली मगर कुछ साल पहले उसका पति एक बस दुर्घटना में चल बसा ।
अमन - आपको कैसे पता
मुरारी - कुछ महीने पहले बड़े शहर में एक बार उससे मिलना हुआ था और उसने सारी कहानी बताई , दुख की बात है कि उसकी कोई औलाद भी नही है और वंश आगे न बढ़ाने उसपे से पति के मरने का दोष देकर बेचारी के ससुराल वालो ने ही उसे घर से बेघर कर दिया है
अमन - और चाचा को इस बारे में पता है
मुरारी - नही , उसने मना किया था कि वो इनसब का जिक्र मदन से ना करे ।
अमन - पापा आपको नही लगता कि अब चाचा को उनका प्यार लौटा देना चाहिए, इन दोनो की शादी करा देना चाहिए और उससे उनकी प्रेमिका का भी दुख दूर हो जाएगा । शायद इससे चाचा की हरकते भी सुधर जाए ।
अमन की बातें सुनकर कर मुरारी - हा बेटा मैं भी उसकी शादी के लिए सोच रहा था और तेरी मां ने संगीता की छोटी ननद का प्रस्ताव भी रखा था मगर तेरी शादी के उलझन में मैने इसपे ध्यान नहीं दिया ।
अमन - तो पापा आंटी जी को खोज निकालो और हमसब चाचू को शादी के लिए मना लेंगे
मुरारी हंसता हुआ - तूने तो मेरी सारी उलझन ही सुलझा दी, अब जबतक तू हनीमून से वापस आएगा मैं तेरी चाची खोज निकालूंगा ।
अमन - ठीक है पापा , वैसे आपको अजीब नही लग रहा है हनीमून पर साली को ले जाना हिहिहिही
मुरारी - अरे तेरी किस्मत बुलंद है कि निशा जैसी मस्त खूबसूरत साली मिली है , मौका मिले तो उसके साथ भी हिहिहिही
अमन हंसता हुआ - पापा आप भी कम नहीं हो , वैसे एक बात पूछूं, क्या आपने कभी मां के अलावा किसी के साथ ?
मुरारी उसके गाल खींचता हुआ - सारी बातें आज ही उगलवा लेगा उम्मम्म, जा अब अपने हनीमून की तैयारी कर और वापस आकर सारे किस्से सुनूंगा तुझे
अमन - क्यों नहीं पापा हिहिहिही थैंक यू
मुरारी - थैंक यू किसलिए भाई ?
अमन - मेरी दोस्ती एक्सेप्ट करने के लिए
मुरारी हंसता हुआ उसके कंधे पर हाथ रख कर अपनी ओर खींच लेता है ।
जल्द ही शाम ढलती है और फिर रात के खाने के बाद ममता रागिनी को लेकर अपने कमरे में सोने चली जाती है देर रात तक उनकी मस्तियां हसीं ठिठौली चलती है
वही मुरारी रंगी के साथ गेस्ट रूम में सो जाता , घर में रोज के जैसे ही मौहौल होता है । अमन आज दुगने जोश से सोनल की चुदाई करता है और वो भी सो जाता है ।
एक ओर जहां अनुज राज मिल कर पूरी रात शिला और रज्जो की छेद बदल बदल कर ठुकाई करते है तो दूसरी ओर राहुल एक घर में राहुल और अरुण ने दिन में चुदाई का कोटा पूरा कर सो चुके थे मगर जांगीलाल के कमरे की बत्ती देर रात तक जलती रही ।
आज की रात बदलाव की रात थी एक दूसरे से राज साझा करने की रात थी । अपने पति के प्यार के आगे शालिनी ने बड़े लाज ने निशा के सामने ही कमलनाथ से चुदने वाली बात स्वीकार कर ली तो बदले में जांगीलाल ने भी ईमानदारी दिखा कर रज्जो को चोदने का मामला साझा कर दिया ।निशा ने भी उसकी और राहुल की मिस्ट्री की सारी हिस्ट्री खोल कर अपने मम्मी पापा के आगे रख दी ।
फिर दो राउंड धमाकेदार चुदाई हुई और तीनो बाप बेटी मां एक फैमिली गैंगबेंग वाली चुदाई का सपना देखते हुए सो गए ।
अगली सुबह ......
अगली सुबह विदाई दुखद समाचार के साथ कुछ नए सफर का आगाज भी लिए खड़ी थी ।
मुरारी के यहां से रंगी और ममता ने विदाई ली और घर चले गए । उनके जाने के बाद संगीता और दुलारी भी उसी रोज अपने अपने घर के लिए निकल गए ।
इधर राज के घर से रज्जो शिला और अरुण की विदाई थी , रागिनी ने भी आंसू बहा कर सबको विदा किया ।
रज्जो शिला के साथ एक नए रोमांचक सफर के लिए निकल चुकी थी ।
राहुल के घर आज से चुदाई का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था ।
तो वही शादी की जिम्मेदारियों मुफ्त होकर रंगी ने भी कुछ रोज की छुट्टी की इच्छा जाहिर की और कुछ रोज बाद इधर जब अमन सोनल और निशा के साथ हनीमून के निकला तो रंगी भी उसके बाद ही अपने ससुर से किया वादा पूरा करने के लिए दुकान की सारी जिम्मेदारी राज को सौप दी और खुद ससुराल निकल गया घुमने के लिए।
अनुज के बोर्ड होने वाले थे तो उस की पढ़ाई जरूरी थी ,मगर अब वो पहले वाला अनुज नही था । सोनल की शादी में अनुज बदल सा गया था अगले रोज से अनुज का कॉलेज का सफर भी शुरू हो गया था ।
वही मुरारी भी अपने बेटे से किया वादा निभाते हुए अपने भाई की प्रेमिका की तलाश में जुट गया ।
अब आगे ना जाने किसको कैसे अनुभव होने वाले थे मगर ये तय है कि आने वाला हर सफर हर एक रास्ता सबको नए सुहाने कामुक सपने जरुर दिखाएगा , कुछ हकीकत भी होंगी तो कुछ फसाने भी होंगे ।
मगर आपके लिए एंटरटेनमेंट ही एंटरटेनमेंट रहेगा इस कहानी में ।
सपना या हकीकत
अध्याय : 01
समाप्त
Bhai kahani ka ant aapne bahut hi acha
diya hai pad ke laga ki ye chapter close ho gaya or naye chapter jb kabhi aayega to hum sab padne ko taiyar rahenge.... Aapka bahut bahut dhanyawad
jo aapne hamare liye samay nikal ke hame ye charam sukh wala anubhav diya ..... Kahani samapt ab naye chapter me comment karenge