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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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मेरे सभी प्यारे दुलारे मुठ्ठल मित्रों पाठकों एवं उंगलीबाजो
देर सवेर ही सही आप सभी को गैंगबैंग रूप से नए साल की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
दारू वाली गैंग के लिए
शिला बुआ की तरफ से स्पेशल ट्रीट

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आप सभी खुशहाल रहें और स्वस्थ रहें और हिलाते रहे


एक महत्वपूर्ण सूचना

इस कहानी का नया सीजन मेरे रनिंग कहानी के खत्म होने के बाद भी शुरू होगा , अब उसमें दिन लगे महीने या वर्षों ।
कृपया मेरी व्यस्तता और मजबूरी को समझे , निगेटिव कमेंट करके या मुझे निकम्मा ठहरा कर अपनी ऊर्जा व्यय ना करें
मै बहुत ही हेहर प्रकृति का प्राणी हु , आपके नकारात्मक शब्दों मुझे खीझा सकते है मगर मेरी चेतना को भ्रमित नहीं कर सकते । उसमे मैं माहिर हुं
आप सभी का प्रेम सराहनीय है और मेरे मन में उसकी बहुत इज्जत है , मगर मै अपने सिद्धांत पर चलने वाला इंसान हु ।

फिर अगर किसी को ऑफिशल डिकियलरेशन की आशा है कि मै ये कहानी बंद करने वाला हु तो ऐसा नहीं है
ये कहानी शुरू होगी मगर मेरी अपनी शर्तों और जब मुझे समय रहेगा इसके लिए।
नया साल अभी शुरू हुआ है इंजॉय करिए
अपडेट जब आयेगा इस कहानी से जुड़े हर उस व्यक्ति को मै व्यक्तिगत रूप से DM करके बुलाऊंगा ये मेरा वादा है ।



मेरे शब्दों और मुझ पर भरोसा कीजिए
मेरी दूसरी कहानी का भी मजा लीजिए
धन्यवाद 🙏
 
Last edited:

Enjoywuth

Well-Known Member
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Very nicely crafted sex se bharpur story thi bhai.. Agle adhyay main kya hoga woh toh pata nahi par sx bharpur hoga aur sayad ab sonal aur uski saas apne apne patiyon ke sath mil kar ghar main hi gang bang ka maja lotegi..

Raj ab aayad rangi ke role main aayega aur anuj jangi ke

Par dekte hain aage kya hoga..

Mujhe yeh kahani jayada jab tak acchi lagi jab tak Sonal ka raj ke sath ke samband raahe aur ragini ke raj ke sath.. Woh sab bahut kamuk majedar the.. Uske baad phir toh emotion ke jagah sex jayadsa raha..

Thanks for writing such wonderful story and entertaning us

Keep rocking
 

urc4me

Well-Known Member
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Adyay 1 pura kar diya jaldi jaldime. Ab adhya 2 kab shuru kar rahe ho. Mast mazedaar raha apke sath safar kahani ka. Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 220

राहुल के घर

बाथरूम का शावर चालू था और अरुण अपनी मामी की गदराई मुलायम जांघों में बीच चूत के फाकों में अपना लंड रगड़ता हुआ पानी में भीग रहा था ।
शालिनी को अरुण से चिपक भीगना बहुत कामोतेजक किए जा रहा था , उसकी चूत के दानों को मसलता अरुण का टोपा पीछे उसके गाड़ की सकरी कसी दरारों को भी फैला रहा था और अरुण सटासट उसकी जांघो में लंड घुसेड़ रहा था ।

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शालिनी ने लपक कर उसके चेहरे को थाम कर उसके कोरे लिप्स अपने लिप्स से जोड़ कर चूसना शुरू कर दिया और अरुण अपनी मामी के मुलायम होठों का स्पर्श पाकर उसको और अपने करीब खींच लिया और उसके दोनो पंजे अब शालिनी की भीगती गाड़ को मसलते हुए फैलाने लगे ,

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अरुण के होठों पर पड़ता शालिनी के रसीले होंठों का जोर वो उसकी फाड़ फैला कर अपना टोपा उसकी चूत में चुभो कर ले रहा था - उह्ह्ह्ह मामीईईई उम्मम क्या मस्त कसी गाड़ है तुम्हारी उह्ह्ह
शालिनी ने अब अरुण का मोटा मूसल थाम लिया और उसकी चमड़ी आगे पीछे करने लगी - आआह्हह मेरे राजा तुम्हारे इस तगड़े हथियार के आगे तो मैं कुछ भी नही ओहह। अभी भी कितना कसा है उम्म्म क्या खाता है रे तुहह उम्म। जी कर रहा है खा जाऊं इसे उह्ह्ह्

अरुण शालिनी को अलग करता हुआ उसे नीचे सरकता हुआ

लोह्ह चूस लो मेरी सेक्सी मामी आआह्ह्हह ओहह्ह्ह और उम्म्म् ऐसे ही आआआह्हह मजा आ रहा है क्या मस्त चूस रही हो मामी

शालिनी घुटनों के बल होकर अरुण का मोटा लाल सुपाड़ा मुंह में लेके चुबला रही थी और ऊपर से पानी का शावर की धार उसके नंगे कमर और चूतड पर जा रही थी जिससे अरुण की कामुकता और बढ़ती जा रही थी

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वो शालिनी का सर पकड़ कर उसके मुंह में ही पेलने लगा - ओह बहिंचोद रंडी आआह्ह्ह्ह उम्मम् फक्क येस्स्स उह्ह्ह्ह्ह और लेह मेरी सेक्सी चुदक्कड़ मामी आआह्ह्ह मजा a रहा है तुम्हारे मुंह में घुसा कर और लो मेरी जान

अरुण लगातार शालिनी के मुंह में लंड घुसा कर गले तक उतार रहा था और जोर जोर से चिंघाड़ रहा था , अगले ही पल शालिनी ने मुंह से लंड निकाला और जोर जोर से गहरी सास लेते हुई हाफने लगी । फिर से उसका मूसल चूमती चूसती हुई - उह्ह्ह्ह्ह लल्ला घुसा दे उम्म्म्म जल्दी अब और नहीं रहा जाता

अरुण भी सरक कर नीचे हो गया यार उसको अपने ऊपर खींच कर - किसमे लेगी मेरी सेक्सी चुदक्कड़ बोल ना उम्मम्म
अरुण उसके चूचे मुंह में भर कर नोच रहा था और शालिनी ने नीचे हाथ ले जा कर उसका लंड अपनी गाड़ के सुराख पर लगा कर कचकचा कर बैठ गई और देखते ही देखते अरुण का सुपाड़ा उसकी कसी हुई गाड़ की सुराख में फस गया - उह्ह्ह्ह्हह मामीईई उम्म्म बहुत टाइट है आआआह्ह्ह

शालिनी खुद से उसका लंड अपनी गाड़ में भीतर लेती हुई - इसी में तो मजा मेरे राजा आहह और तेरे इस मोटे कड़क लंड को भीतर लेके कर घुसाने में बहुत मजा है आआआह्हह्ह उह्ह्ह्ह् अहह्ह्ह साले आराम से फाड़ देगा क्या अभी भी दर्द गया नही है आह्ह्ह्ह रूक जा हरामी



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अरुण बिना कुछ बोले नीचे से ताबड़तोड़ झटके देना शुरू कर दिया था - क्यू मामी मजा नही आ रहा है अब उह्ह मुझे तो ऐसे ही आपको चिल्लवाने में मजा आता है उह्ह्ह्ह मेरी रंडी अअह्ह्ह्ह साली मादरचोद उह्ह्ह्ह लेह

शालिनी अरुण की तेज रफ्तार के ताबड़तोड़ झटके से सुन्न सी पड़ गई थी मुंह बांधे वो सास रोक अपने गाड़ की सूजन पर रगड़ खाता अरुण के कड़क लंड को महसूस कर रही थी
उसपे से ऊपर से तेज ठंडी पानी की धार शावर से उसके ऊपर गिर रही थी - उम्मम्म उह्ह्ह्ह मजा नही आएगा आह्ह्ह्हह बहुत टाइट है अअह्ह्ह्हह्ह रात भर में कितना बड़ा कर लिया तूने आह्ह्ह्ह्ह कल से ज्यादा कसा है आज अअह्ह्ह लल्ला मुझे ठंड सी लग रही है अब आह्ह्ह निकाल दे मुझे पेशाब आ रहा है हट जा

अरुण मारे जोश में - तो मूत लो ना मामी मेरे ऊपर ही अअह्ह्ह्हह आपकी गरम गरम मूत से मैं भी नहाना चाहता हु अह्ह्ह्ह प्लीज

शालिनी को अजीब लगा मगर जिस तरह से अरुण उसकी आंखो में झाक कर उसे मना रहा था शालिनी खुद को रोक नहीं पाई और उठ कर गाड़ घुमा कर अरुण के ऊपर खड़े होकर मूतने लगी

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शालिनी के चूत से मूत की टोटी सीधा अरुण के लंड पर गिर रही थी , अरुण धार में अपना लंड हिला कर उसे और तपा रहा था - अह्ह्ह्ह्ह मामी बहुत गरम है आपकी मूत उम्मम्म जरा पिलाओ ना

शालिनी चौकी और इससे पहले कि वो अरुण को रोकती मना कर पाती अरुण उसकी टांग उठा कर सीधा उसके बहती बुर में मुंह दे दिया ।

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चूत से गर्म पानी के छीटें उसके मुंह और देह पर गिरने लगे , अरुण जीभ निकाल कर उसकी चूत के दाने पर चलने लगा , नीचे से शालिनी की मूत निकलती रही आखिरी तक जबतक वो कांपने नही लगी - आह्ह्ह्ह् बेटा मैं गिर जाऊंगी उठ जाआह
अरुण लपक कर उठा और शालिनी को पीछे से जकड़ लिया, उसकी रसदार चूचियां मसलता हुआ अपने लंड की ठोकर उसके बुर के फाकों में और गाड़ की सख्त दरारों में देने लगा - ओहहह मामीईईई क्या मस्त गाड़ है आह फैलाओ न इसे उह्ह्ह्ह

शालिनी आगे झुक कर अपने चूतड पकड़ कर दोनो तरफ से फैलाने लगी जिससे उसकी गाड़ की गुलाबी सुराख दिखने लगी जिस पर उसकी कमर से रिस रही पानी की चमकीली धार उसे और चटक दिखा रही थी
अरुण ने हाथ बढ़ा कर शावर बंद कर दिया और हाथ बढ़ा कर उसके गाड़ के सुराख पर उंगली लगा कर - वाह मामी आपकी गाड़ बहुत लाल हो गई है

शालिनी अरुण के स्पर्श से कसमसाने लगी ,उसकी बुर कुलबुलाने लगी - ओह्ह्ह बेटा उम्मम्म्म कितना अच्छा लग रहा है आह्ह्ह्ह उम्मम्म ओह्ह्ह्ह तेरी तो उंगली भी मोटी है अह्ह्ह्हह आराम से लाला उह्ह्ह्ह अभी भी दर्द है
अरुण मुस्कुरा कर - इसका दर्द कम कर दू मामी
शालिनी - कैसे करेगा कर ?
अगले ही पल अरुण अपनी सुपाड़े का फब्बारा खोल दिया और गर्म छरछराती मूत की मोटी धार सीधे उसके गाड़ के छेद पर गिरने

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गर्म जलती मूत की धार का स्पर्श पाकर शालिनी उछल पड़ी - अअह्ह्ह्ह ये क्याआह्ह कर रहा है बेटा मुझेह भी मूत से नहलाएगा क्या ?
अरुण अपना लंड का टोपा इधर उधर कर शालिनी की पीठ और उसके चूतड पर धार मारता हुआ - आआह्ह मामी आपको देख कर रहा नही गया अह्ह्ह्ह् कितनी सेक्सी लग रही है आपकी गाड़ मूत से नहा कर मेरे

और अगले ही पल जैसे ही उसका पेशाब रुका उसके आगे बढ़ कर अपना टोपा सीधा उसकी बुर में लगाते हुए पेलना शुरू कर दिया - अह्ह्ह साले हरामी अह्ह्ह्ह्ह बता तो देना था अअह्ह्ह्ह जल रहा है

अरुण उसकी सुजी हुई चूत में लंड खूब हचक के पेलता हुआ - उह्ह्ह्ह्ह मामीई इसी में तो मजा है आआआह्हह्ह्हह क्या कसी बुर है आपकी उम्मम्म् मजा आ रहा है उह्ह्ह्ह निचोड़ लेगी क्या

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शालिनी - क्यू तूने नही निचोड़ा मुझे उम्मम्म , सुबह से झड़ रही हू अअह्ह्ह्ह और पेल मादरचोद दम नही है क्या ?

अरुण और जोश में उसके कूल्हे थामे करारे झटके लगाती हुई - क्या बोली साली रण्डी फिर से बोल उम्मम्म क्या बोली , बोल ना
शालिनी आंखे उल्टती हुई सिसकियां तेज करती हुई - अअह्ह्ह्ह मैं बोली भड़वे दम नही है क्याआह चोद ना
अरुण लगातार कस कस कर उसकी बुर की जड़ो में लंड उतार रहा था - ये नही इसके पहले वाला

शालिनी - मादर चोदह्हह आह्ह्ह्हह्ह बाल मत खींच अअह्ह्ह्ह
अरुण - हा यही सुनना था , अअह्ह्ह्ह
शालिनी उसके तेज झटके सहती हुई - आह्ह्ह्ह तो तू भी पेलना चाहता है अपनी मां को उम्मम्म उस छिनार कम्मो को अह्ह्ह्ह्हह ये तेरी मां का खुला भोसड़ा नही है साले हो धीरे धीरे पेल रहा है आआह्ह्ह्ह्ह फाड़ ना

शालिनी की बातें अरुण को चरम पर ले आई थी और आखिर से 15- 20 झटको के साथ चीखने लगा - आओ मामी आ रहा है आआआह्ह्ह्हह जल्दी ओह्ह्ह्ह्ह फक्कक्क अअह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह्ह

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शालिनी तेजी से उसके कदमों में पहुंची और अरुण के पिचकारी की तेज मोटी गाढ़ी धार शालिनी के हसीन चेहरे पर गिरने लगी और शालिनी मुंह खोलकर काफी कुछ छींटे गटक कर चटकारे लेने लगी ।


अमन के घर

सोनल के कमरे में सभी भाई बहन हसीं ठिठौली में मगन थे मगर दो लोग ऐसे थे जिनकी सास उतार चढ़ाव ले रही थी ।
रिंकी और अनुज की बेचैनी दोनो के चेहरे पर साफ साफ झलक रही थी, दोनो के दिल ऐसे धड़क रहे थे मानो आज ये मुलाकात आखिरी है और हर बीतता पल उनसे उनकी धड़कन की गिनती कम कर रहा हो ।
रिंकी ने तो कई बार अनुज को बाहर आने के इशारे किए , मगर अनुज की हिम्मत नए जगह जवाब दे जा रही थी । इधर राज भी सोनल के साथ कुछ पल अकेले पाना चाहता था मगर रिंकी और अनुज की मौजूदगी में उसका काम बनता नही दिख रहा था ।
इधर रिंकी बार बार अनुज को इनसिस्ट कर रही थी और आखिर जब अरुण ने उसका उतरा हुआ उदास चेहरा देखा तो उसका दिल पसीज गया और उसने थोड़ी हिम्मत दिखा कर सबके सामने बोल ही दिया - मैं आता हूं अभी

राज सोनल निशा तीनों के चेहरे खिल उठे और राज ठहाका लगाते हुए - कहा सुसु हाहाहहहा
सोनल राज के कंधे पर हाथ मारती हुई - धत्त पगलेट , अभी भी उसे तंग करता है । क्या हुआ अनुज

अनुज शर्मा कर हस्ता हुआ राज की ओर इशारा कर - वही
सोनल के मुंह पर हसीं फूट पड़ी - धत्त पागल तू भी न , हे रिंकी बहिनी जरा इसको लिवा जाना

रिंकी की तो चांदी हो गई कि सोनल ने बजाय अनुज को कमरे के बाथरूम में भेजने के बाहर जाने को कहा और अरुण लजाता हुआ उठ कर कमरे के बाहर निकाला जैसे ही रिंकी भी उसके पीछे निकल कर कमरे का दरवाजा भिड़काई राज घुटने के बल होकर सोनल के ऊपर झपटा और उसके हसीन चेहरे को थाम कर उसके लाल होठों को चूसने लगा ,
पहले तो सोनल ने विरोध किया मगर जैसे ही उसके मुंह में राज के गर्म मुलायम होठों की मिठास घुली उसने भी राज के लिप्स चूसने शुरू कर दिया

इधर निशा - अरे तुम दोनो पागल हो कया , कोई आजाएगा क्या कर रहे हो
राज मुंह घुमा कर - दीदी दरवाजा लगा दो ना प्लीज़

और राज वापस से सोनल के ऊपर चढ़ता हुआ उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ दिए
नीचे उसका मोटा मूसल पेंट में से ही सोनल को जांघो पर साडी के ऊपर से चोट करने लगा और सोनल की सिसकियां शुरू हो गई
वही निशा लपक कर दरवाजे पर गईं कड़ी लगाने लगी और दूसरी ओर गलियारे में रिंकी अनुज का हाथ खींचती हुई उसे अपने कमरे में ले जाकर दरवाजे से लगाती हुई उसके होठ अपने होठों से चिपका लिए

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दोनों सालों से प्यासो की तरह एक दूसरे के होठों की मिठास साझा कर रहे थे , अनुज के हाथ रिंकी के जिस्म को हर जगह छू रहे थे और रिंकी उसको अपने सीने से चिपकाए हुए उसके निचले होठों को चूस रही थी , जल्द ही दोनो के नाथुने फूलने लगे और गर्म सांसे तेजी से बाहर आने लगी । अनुज मुस्कुराता हुए मुंह खोल कर रिंकी की मादकता में चूर हो चुकी आंखो में निहारता है और दुगने जोश में उसके चूतड स्कर्ट के ऊपर से ही पकड़ कर मसलता हुआ चूत पर अपने लंड की नोक का निशाना सेट करने लगता है
रिंकी भी पूरी कामोतेजित होकर अनुज के टोपे पर अपनी चूत का मुहाना टच कराना चाहती थी मगर , स्कर्ट और जींस उनके बीच दूरी बना रहे थे ।

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रिंकी ने उसको पीछे धकेल कर बिस्तर ले गई और जल्दी जल्दी उसके जींस की जिप नीचे करती हुई अनुज का मोटा लाल हुआ लंड बाहर निकाला , उसकी तपीस रिंकी को अपने पूरे जिस्म में महसूस हो रही थी ।
रिंकी के चेहरे पर जरा भी नादानी या फिर कहे उसकी उम्र के हिसाब से कोई चंचलता नजर नहीं आ रही थी एकदम हवस से भरी मादक उग्र आंखे जो अनुज के लार टपकाटे मोटे लंड को मुंह और बुर दोनो में एक साथ खा जाने वाली नजरो से देख रही थी ।
चूत में टपकते दाने को स्कर्ट के ऊपर से मिजती हुई रिंकी ने अनुज का लंड हाथ में लेके ऊपर नीचे सहलाते हुए नीचे झुक गई और मुंह खोल कर लीची सा लाल मोटा सुपाड़ा ले लिया

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अनुज अपनी गाड़ उछला कर आंखे बंद कर एक गहरी सिसकी लेता हुआ रिंकी की नाजुक अमियो को उसके टॉप के ऊपर से सहलाने लगा और रिंकी किसी ट्रेंड पोर्नस्टार की तरह उसका लंड मुंह लेके चूसने लगी
वही नीचे सबको चाय नाश्ता कराने के बाद दुलारी की भी दिलचस्पी ऊपर अपने हम उम्र के पास जाने में हुई और खास कर राज के पास , जिसने आने के बाद सबसे ज्यादा आज उसके यौवन को और श्रींगार पर गौर किया था । रह रह कर दुलारी के दिल में राज के लिए बेताबी उठ रही थी , वो राज के उन नशीली आंखों के जज्बात साफ साफ पढ़ चुकी थी जब राज की नजरें चुप चुप कर उसके ब्लाउज में उभरे हुए पपीते के जोड़े से लेकर , उसके होठों की लाली , मादक चाल और साड़ी से झांकती उसकी नाभी निहार रही थी ।
दो चार बार तो दोनो की आंखे बस अटक सी जाती थी आपस में फिर एक चोर वाली मुस्कुराहट में सारा प्रयास अधूरा सा हो जा रहा था

दुलारी ने ममता से आज्ञा लेकर जीने से होकर ऊपर चल दी और उसका ध्यान सीधे सोनल के कमरे पर था , गलियारे को फांदते हुए शुरुवात में उसकी जरा भी नजर संगीता के कमरे के भिड़के हुए दरवाजे पर नही गई , अगर जरा भी उसकी इंद्रियां सतर्क होती वो जरूर दरवाजे के गैप से बिस्तर पर रिंकी को अपने जिस्म से कपड़े उतारते देख लेती ।
वो झटपट अमन के कमरे के दरवाजे के पास पहुंची और दरवाजे पर जोर दिया तो भीतर से बंद पाया । शंकित मन से उसने दरवाजे से कान लगाया तो कूलर की तेज हनहनाह्ट में निशा के खिलखिलाने की आवाजे उसे सुनाई दे रही थी तभी उसके कानो के किसी मर्द की हल्की सिसकी आई मगर ये आवाज कमरे के बाहर से उसे सुनाई दी थी और उसकी नजर फौरन उस और पूरी सतर्कता घूम गई ।
अब दुलारी के चेहरे पर एक शरारत भरी मीठी मुस्कान खिलने लगी थी और अपनी पायलो की रुनझुन को थामती हुई एड़ीया दबा कर संगीता के दरवाजे पर पहुंची और जैसे ही उसने भिड़का हुआ दरवाजा पाया उसके दिल की धड़कने ऐसे उछलने लगी मानो उसकी मांगी मुराद पूरी कर दी हो किसी ने और हौले से दरवाजे पर हाथ लगा कर भीतर का नजारा देखा तो अपने होठ चबाने लगी

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सामने अनुज बिस्तर के हेडबोर्ड पर अपनी पीठ टिकाए पैर फैला कर पूरा नंगा बैठा था और रिंकी भी अपने जिस्म एक एक रेशे को उतार कर घोड़ी बन कर अनुज का लंड मुंह में ले रही थी , पीछे से उसकी गुलाबी बुर और गाड़ की फैली हुई सुराख देख कर दुलारी के दोनो होठ से लार टपकने लगी
साड़ी के ऊपर से अपनी चूत को पंजे से दबाती हुई उसकी नजर अनुज को मोटे लाल सुपाड़े वाले तगड़े कसे हुए हथियार पर थी , जिसे देखकर दुलारी के तन बदन में आग लग चुकी थी ,

देखते ही देखते रिंकी ने अनुज के लंड का टोपा अपनी बुर के मुहाने पर रखा और कचकचा कर बैठ गई , कुछ उसकी चमड़ी खिंची तो कुछ अनुज की
दोनो की आंखे भींची मगर दर्द और मजे दोनो का अहसास दुलारी को हुआ उसके हाथ अब उसकी ब्लाउज के ऊपर से उसकी छातियां मिज रहे थे ।

वही कमरे में रिंकी खुद से अनुज के लंड पर उछल रही थी और अनुज उसकी नंगी नंगी गुलाबी अमीयो को मुंह में लेकर चुसरहा था उसके हाथ रिंकी की गोरी गाड़ को जी भर कर मसल रहे थे और रिंकी की चूत के उसका लंड जगह बनाए जा रहा था ।

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दुलारी तो अब राज को भूल चुकी थी उसके जहन में अनुज का वो मोटा रिंकी की चूत में लिभड़ा रसीला लंड बस चुका था, उसके देह से साड़ी उतर चुकी थी वो अपनी छातियां मिजती हुई बिलकुल निडर हो गई थी , उसे अपनी काम के आवेग में घर में आए मेहमानों की भी फिकर नही थी

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पेटीकोट के ऊपर से बुर को सहलाती हुई दुलारी अनुज के लंड को निहार रही थी जो रिंकी को घोड़ी बनाए तेजी से पेले जा रहा था और उसकी बुर बुरी तरह पानी छोड़ रही थी , रिंकी की सिकसिया अब कमरे में गूंजने लगी थी , बुर का बुरा हाल हुआ पडा था उसपे से घुटने चढ़ती जवानी में ही जवाब देने को आ गए थे

रिंकी की हालत देख कर अनुज ने उसको मिसनरी में ले आया और तेजी से उसकी बुर में लंड पेले जा रहा था , वही दुलारी अपने जिस्म से पेटीकोट तक निकाल चुकी थी और दरवाजा हल्का सा और खोल कर कमरे के मुहाने पर आकर बलाउज से अपनी चूचियां बाहर निकाल कर अनुज के आगे अपनी बुर मसल रही थी

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अनुज की नजर जैसे ही दरवाजे पर हुई हलचल पर गई उसकी फट के चार हो गई और दुलारी ने फौरन उसे चुप रहने का इशारा करते हू अपने गदराये जोबन के जोड़ों की घूंडीया घुमाती हुई मीजने लगी , अनुज का जोश अब और भी ज्यादा हो गया वो पूरी कोसिस करके रिंकी का ध्यान अपनी ओर किए हुए था मगर दरवाजे पर दुलारी भाभी की भरी हुई जवानी का नजारा देख कर उससे अब रहा नही जा रहा था और वही दुलारी ने उसको इशारा से बुलाने लगी

अनुज तो मानो दोहरी राह में फस गया एक और रिंकी की कसी करारी बुर के मजे ने उसे चरम पर पहुंचा कर झड़ाने के करीब ला रखा था तो वही दुलारी अपने जवानी के यौवन रूप दिखा कर उसे अभी ठहर जाने का इशारा कर रही थी

आखिरकार दुलारी ने बाजी मार ली और अनुज ने रिंकी की झड़ती बुर से लंड खींच लिया
रिंकी - क्या हुआ
अनुज - मुझे लग रहा है बाहर कोई टहल रहा है और देखो दरवाजा भी खुला है , अभी चेक करके आता हू

ये बोल कर अनुज नंगे ही दरवाजे की ओर भागा
रिंकी अपनी बहती बुर को पंजे से भींचती हुई करवट लेकर अनुज के छोटे छोटे गोरे नंगे उछलते चूतड देखकर हस पड़ी - अरे पागल कपड़ा तो पहन के जाओ ना
अरुण ने उसकी बातो को अनसुना कर बड़ी बेफिकरी से कमरे से निकल गया क्योंकि वो जानता था कि दुलारी भाभी बिना किसी रिस्क के ही उसके आगे दरवाजे पर नंगी हुई थी और जल्दी से लपक कर वो दुलारी के कमरे का दरवाजा खोलकर भीतर से बंद करता हुआ कमरे में चला गया ।

गलियारे में हुई तेज हलचल से सोनल के कमरे में तीनों भाई बहन अलर्ट हो आगे और राज ने सोनल को कपड़े सही करने का बोलकर खुद अपना जींस पहनता हुआ तेजी से दरवाजा खोलता है और उसकी नजर ने गलियारे में एक कमरे के अंदर से बाहर निकली एक गोरी कलाई पर गई जिसपे सजी हुई चूड़ियां और हाथ की मेंहदी सब कुछ पल भर जांच लिया और उस श्क्स की पहचान तब कन्फर्म हो गई जब वो कलाई गलियारे में बिखरी हुई साड़ी जल्दी जल्दी कमरे में खींच ले गई दरवाजा बंद हो गया
" दुलारी भाभी " , राज के जवान से शंका भरी बड़बड़ाहट उठी
कमरे से सोनल ने आवाज लगाई - क्या हुआ राज , कौन था ?

राज - पता नही देख कर आता हू , तुम लोग रहो यही
ये बोल कर राज कमरे के बाहर आकर हौले से दरवाजा लगाता हुआ दबे पाए उस कमरे की ओर बढ़ने लगा जहा से उसे दुलारी भाभी की झलक मिली मगर उस कमरे से निकलने से पहले उसकी नजर रिंकी के कमरे से आधे खुले दरवाजे से आते नजारे पर चली गई जहा रिंकी बेड पर घुटने तोड़ कर बैठी हुई अनुज का नाम लेके अपनी चूत मसल रही थी - कहा छोड़ गए मेरे हीरो

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आह्ह्ह अनुज आओ ना जल्दी मेरी चूत को तुम्हारा मोटा लंड चाहिए , क्यू बाहर चले गए तुम ओह्ह, पता नही कौन मराने आ गया होगा बाहर

राज रिंकी की हालत और उसकी बड़बडाहट से सारा माजरा समझ गया कि कैसे अनुज रिंकी को पेल कर दुलारी के साथ उसके कमरे में चला गया , एक पल को उसे अपने भाई पर गर्व हुआ तो अगले पल जलन भी हुई मगर असली आग तो सामने बिस्तर पर मछली के जैसे तड़पती रिंकी लगा रही थी ।
राज उसके गुलाबी नंगे बदन को मचलता देख कर अपना खड़ा लंड मसलने लगा , उसके छोटे छोटे मौसमी से चूचो पर तनी हुई गुलाबी घुंडी देख कर राज के मुंह में लार घुलने लगी और सही मौका देख कर राज कमरे में दाखिल हो गया ।


वही नीचे ममता के कमरे में रागिनी और संगीता की हसीं ठिठौली चल रही थी , रागिनी और ममता आज मिल कर संगीता की खूब खिंचाई कर रही थी और संगीता जल्दी से उनसे छुटकारा चाह रही थी कि तभी उसकी नजर दरवाजे के बाहर गलियारे से बाथरूम की ओर जाते हुए जंगीलाल पर गई और दिल मचल उठा ।
चुकी जंगी को बाथरूम की ओर जाते हुए सिर्फ संगीता ने ही देखा था तो वो भी बाथरूम का बहाना बनाकर बाहर जाने लगी
ममता ने उसे कमरे के बाथरूम में जाने को कहा मगर संगीता ने उसको टाल कर तेजी से बाथरूम की ओर भाग गई

रागिनी और ममता उसकी तेजी पर खिलखिला कर हस पड़े
ममता - तो क्या हुआ , मेरी हीरोइन नंद की फिल्म का उम्मम्म
रागिनी मुस्कुराती हुई हा में आंखे झपकाती हुई - लाई हूं ना , ऐसा निहुरा कर पेला है देवर जी ने हिहिहिही लो देखो

और रागिनी ने उस रात शादी में चोरी छिपे हुई संगीता की वीडियो दिखाई जिसमे जंगी उसको आगे झुका कर उसकी चूत में लंड डाले हुए वीडियो बना रहा था ।
ममता उस एक ही पोजिशन में 8 मिंट तक चलने वाली चुदाई का वीडियो देख कर कभी हस्ती तो कभी जंगी के स्टैमिना की दाद देती - कुछ भी कहो दीदी आपके देवर किसी घोड़े से कम नहीं है , एक सुर में एक ही चाल से बिना रुके इतना लंबा सफर हिहिहिहि

रागिनी हस्ती हुई उसके हाथ से मोबाइल लेकर - कभी मेरे सैंया की दौड़ देखना हिहिहि बड़े भाई है बाकी सोच लो
ममता हस्ती हुई - धत्त दीदी मैं क्यू सोचू भला उनके बारे में ?
रागिनी - अरे अगर वो आपके बारे में सोच सकते है तो आप क्यों नही हिहिहिहीही
ममता अचरज से - धत्त क्या दीदी तुम भी , कैसी बात करती हो। मेरे समाधि जी बड़े सीधे है समझी आप !

रागिनी हस कर - अच्छा जी , फिर तो आपको वो बात बतानी ही पड़ेगी
ममता कौतूहल वश - क्या ? कौन सी बात ?
रागिनी अब ममता की बेबाती पर हस रही थी तो ममता हस्ती हुई उसका हाथ पकड़ कर - अरे बोलो ना दीदी , प्लीज ना

रागिनी - याद एक बार शादी के पहले मैं आपकी पैंटी लेके गई थी
ममता उसकी बात याद कर लाज गाढ़ हो गई कि उस रोज कितना तंग किया था रागिनी ने उसे और उसपे से वो पैंटी भी उसके समधी रंगीलाल को दे दी थी कि उसी नाप से बड़ा ममता के लिए दो जोड़ी ब्रा पैंटी लेते आना बड़े शहर से

रागिनी ममता को छेड़ती हुई - क्यू याद है ना उम्मम्म
ममता शर्म और हसीं से लाल होती हुई - हा बाबा याद है
रागिनी ने अब आगे झूठ मूठ की कहानी सुनानी शुरू की - पता उस रोज मैं घर आने के बाद आपकी पैंटी ऐसे खुले में ही अपने कमरे के बिस्तर पर रख कर नहाने चली गई और आपके समधी जी हिहिहिहिही

ममता को आगे जानने की भीतर से बहुत तलब हो रही थी मगर रागिनी की खिलखिलाहट कहा बंद हो रही थी
ममता ने उसको आगे बताने को कहा
रागिनी हस्ती हुई - वो कमरे में न जाने कब आ गए और आपकी पैंटी को मेरी नई पैंटी समझ कर सूंघने लगे उसे अपने वहा रगड़ने लगे

ममता चौक कर - क्या सच में !!
रागिनी हस्ती हुई थी हा में सर हिलाती हुई ममता के ऊपर झोल जा रही थी - हम्मम सच कह रही हूं और तब कहा उनको पता था कि वो आपकी है । उन्हे लगा वो मेरी नई पैंटी है और जब मैने बताया कि ये आपकी है तो ....
ममता की धड़कन अब तेज होने लगी कि आगे क्या हुआ , उसने अपने सूखते होठों से पूछ ही लिया - फिर ? फिर क्या हुआ

रागिनी सामने से ममता के पल्लू के नीचे से बलाऊज में ऊपर नीचे होती भारी चुचियों को साफ देख रही थी और ममता दिल में उठ रही जज्बात को समझ रही थी - फिर वो शोकड हो गए और फैला फैला कर घुमा घुमा कर उसे देखने लगे । हिहिहिहीह फिर जब मैने बोला कि इससे चार नंबर बड़ी size की पैंटी ब्रा आपको बड़े शहर से लानी है तो उनकी आंखे और बड़ी हो गई हिहिही फिर वो आपकी पैंटी की लास्तिक पूरी फैला कर ऐसे देख रहे थे मानो अनुमान लगा रहे हो कि इससे चार नंबर बड़ी पैंटी में आपका बड़ा पीछवाडा कैसा दिखेगा हाहाहहहाह

ममता रागिनी के मजाक पर हस के लाल हुई जा रही थी - धत्त दीदी चुप करो , आप भी ना
रागिनी हस कर - अरे अभी आगे की बात तो बाकी ही है
ममता हस्ती हुई - अब क्या ?
रागिनी - उस रात ना जाने कहा से ,वो जोश आया कि वो नानस्टाप 48 मिंट तक बिना झड़े लगे रहे हिहिहिह

ममता आंखे बड़ी कर ताज्जुब से - क्या सच में , ऐसा क्या खा लिया था
रागिनी हस्ती हुई - पक्का बता दूं
ममता हलक से लार गटकती हुई आगे की कहानी जानने को पूरी बेताबी से हा में सर हिलाया

रागिनी खिलखिलाती हुई - उस रोज नहाने के बाद आपकी ही पैंटी पहन ली थी हाहहहहाह
ममता रागिनी के मजाक पर हस्ती हुई उसके कंधे को ठेल कर - धत्त आप बहुत गंदी हो छीइई

रागिनी हस्ती हुई काफी देर तक उसे छेड़ती रही ।
ममता ने बात को घुमाने की कोशिश की - अच्छा सुनिए न , ये वीडियो कैसे मिलेगी मुझे

रागिनी इतराई - हर चीज की एक कीमत है मेरी बहना हाहाहहह तो इसकी भी बोली लगेगी

ममता - क्या चाहिए बोलो ना , मुझे ये वीडियो चाहिए ही चाहिए
रागिनी हस्ती हुई - आपकी एक और पैन्टी हिहिहिहिह

ममता हस्ती हुई लाज के मारे उठ गई और बाथरूम में जाने लगी - भक्क्क आप बहुत गंदी हो , ये सब कोई मागता है

रागिनी भी हस्ती हुई अंगड़ाई लेकर - अअह्ह्ह्ह उस रोज मेरी जगह होती तो अपनी पैंटी की कीमत समझ आती
ममता चिढ़ती हुई हस्ती हुई बाथरूम में घुस गई और रागिनी हसने लगी ।


जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है अरुण ने बाथरूम में अपनी मामी की शानदार तरीके से चूदाई की है अरुण ने नए नए तरीके से अपनी मामी को संतुष्ट किया है शालिनी अरुण की दीवानी हो गई है
अमन के घर राज सोनल पर टूट पड़ा है लेकिन अनुज की हलचल की वजह से राज का काम अधूरा रह गया अनुज के मजे हो गए उसे रिंकी मिल गई अनुज रिंकी को आधे में ही छोड़कर दुलारी भाभी के पास चला गया है आज तो अनुज तो रिंकी और दुलारी दोनो की मिल गई है राज रिंकी के कमरे में गया है देखते हैं राज और रिंकी के बीच कुछ होता है या नहीं
 

Sanju@

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UPDATE 221

इधर रागिनी और ममता हसीं ठिठौली करती हुई कमरे से बाहर निकली और गलियारे में आते आते ममता हस्ती हुई बाथरूम की ओर मुंह करके - अरे नंद रानी नहाने बैठ गई क्या , जरा जल्दी आओ दोपहर के खाने के समय हो रहा है भई हिहिहिही
रागिनी - मुझे लग रहा है ननदो समधन को हमारी बातों से प्रेसर ज्यादा ही आ गया हाहाहा आराम से आना दीदी हिहिही


वही बाथरूम में एक दूसरे से चिपक कर खड़े हुए जंगी और संगीता मुस्कुरा रहे थे मगर जंगी की फटी पड़ी थी कि ये लोग बाहर जाएंगी तो कही उसका भेद न खुल जाए तो वो संगीता को कैसे भी करके अलग किया और बाथरूम से निकलता हुआ - मुझे लग रहा है हमे बाहर चलना चाहिए, नही तो बात बिगड़ जाएगी

ममता ने हद कर दी और बाथरूम का दरवाजा बजाने लगी - अरे क्या कर रही हो
कामाग्नि में जलती संगीता गुस्से से बड़बड़ाती अपनी भौजाई को मन ही मन गरियाती हुई मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बाहर आई और तीनो एक साथ हाल में जाने लगी , संगीता जैसे ही जीने के पास पहुंची तो वो जीने के और घूम गई ये बोल कर कि वो अपने कमरे से आ रही है
वही ममता रागिनी हाल से सबको किचन से लगे डायनिंग टेबल पर बैठने का बोलते हुए ममता - अरे दूसरे भाई साहब कहा चले गए
मुरारी उठ कर - अरे भाई वो पीछे बाथरूम में गए है , लग रहा है पकोड़े पचे नही हाहाहाहा
रंगी हंसता हुआ - उसका तो बचपन से ही ऐसा है बाथरूम में लंबा समय लेता है हाहाहह्ह
मुरारी - भाई लेकिन मुझसे और रुका जायेगा , अमन को ऊपर भेज दिया है सबको बुलाने के लिए तुम खाना निकालो , आओ भाई साहब तबतक बैठते है
रंगी हसता हुआ - जी चलिए
वही जंगी लाल अपना खड़ा लंड किसी तरह सेट करता हुआ बात पोंछता हाल की ओर आ रहा था कि जीने पर छिपी संगीता ने उसको लपक कर अपनी ओर खींच लिया
जंगी एकदम से हड़बड़ा गया और डर से हलकाता हुआ - येह्ह्ह क्क्याआ कर रही है आप रुकिए , सब बाहर ही है , गजब हो जाएगा

संगीता को चुदाई का सुरूर चढ़ा था और वो सीधा अपना पंजा जंगी के पेंट में उठे हुए तंबू पर जमाती हुई उसको मसलती हुई उसके चेहरे को अपनी ओर खींचती हुई अपने लिप्स उसके करीब ले जाकर - मुझसे नही रहा जा रहा है भाई साहब उम्मम्म ना जाने कब ये मौका मिले
जंगी का खूंटा संगीता की कामोतेक हरकत से ठुमके खाने लगा और उसके मुंह से आती गर्म सास उसको भीतर से सिहरा दे रही थी और जंगी से रहा नही गया उसने संगीता के लिप्स अपने होठों से जोड़ लिए , जैसे ही उसके लार की मिठास का स्वाद जंगी ने चखा उसके भीतर से वासना का एक झोंका सा उठा और उसने संगीता को अपनी ओर खींचते हुए उसके लिप्स चूसने लगा

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उसके पंजे साड़ी के ऊपर से उसके विशाल चूतड़ों को मसलने लगे ।।
दोनो को एक दूसरे की नथुनों से सासो की गर्मी मिल रही थी और नीचे संगीता जंगी का खूंटा पेंट के ऊपर से मसले जा रही थी ।
वो जल्दी जल्दी उसका पेंट खोल कर उसका मोटा बीयर की कैन सा लंबा मोटा लंड निकाल कर उसको मसलने लगी , एक अजीब सी हसीं या फिर कहे जंगी के मोटे लंड की दीवानगी सी झलक रही थी संगीता के चेहरे पर और झट से वही जीने के पास ही बैठ जंगी का मोटा लंड मुंह में भर ली और चूसने लगी

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जंगी तो मानो हवा में उड़ने लगा उसकी आंखे संगीता की जबरजस्त चुसाई से उल्टने लगी वो किचन की ओर गरदन फेर कर वहा का जायजा ले रहा था और वही नीचे बैठी संगीता उसका लंड घोटे जा रही थी

वही अमन जैसे ही ऊपर पहुंचा तो देखा कि कमरे में तो सिर्फ सोनल और निशा ही थे , और अमन को देखते ही निशा के दिल के जज्बात उड़ान भरने लगे , उसके इरादे उसकी आंखे जाहिर करने लगी ,

अमन - अरे बाकी सब कहा है
निशा उठी और उसको पकड़ कर बिस्तर तक लाती हुई - अरे जीजू सबकी छोड़ो इधर आओ , आप को तो फिकर ही नही है कि आपकी सेक्सी साली आई है हिहिहिही
अमन कुछ झिझकता तो कुछ सोनल से नज़रे चुराता हुआ मुस्कुराता हुआ निशा के पास गया और निशा उसको पकाने लगी - हम्मम फिर बताइए कैसा था हमारा सुहागरात वाला सरप्राईज उम्मम्म

सोनल को भी थोड़ी शर्म आ रही थी एक असहजता थी उसके भी मन अमन के जैसे मगर निशा एकदम फुल ऑन मूड में थी मस्ती के ।
सोनल - क्या कर रही है निशा , क्या वो सब बातें दोहरा रही है ।
निशा ठहाका लगाती हुई - अरे क्यू ना दुहराऊ हिहीही मेरे जीजू तो अपने खास पल में अपनी मनपसंद चीज के लिए तरस गए थे , कितना दुख हुआ था मुझे

सोनल - अच्छा जी , चुप कर अब जा नीचे
अमन हंसता हुआ - दरअसल सोनल , पापा ने बहु को आने को कहा है
निशा - हा तो फिर चलो चलो कमरा खाली करो हिहिहिही

निशा सोनल को ठकेलती हुई कमरे से बाहर ले जाने लगी - अरेह्ह क्या कर रही है

निशा - नही तुम जाओ जाओ , मुझे जीजू से कुछ बातें करनी है
सोनल ने उसको आंखे दिखाई तो निशा उसको आंख मारती हुई - अरे खा नही जाऊंगी जीजू को , ऐसे घूर रही हो अब जाओ

और फिर निशा ने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया , बाहर खड़ी सोनल जानती थी कि निशा जरूर अमन के साथ कुछ कांड करेगी मगर उसे डर था यहा कोई आ ना जाए , उसकी बेचैनी और बढ़ने लगी ।
वो एक दो बार दरवाजा हल्के हाथों से थपठपाती है ताकि आवाज ज्यादा ना हो मगर न ही निशा और न ही अमन दरवाजा खोलने के मूड में थे
जबकि अमन ने लपक कर निशा को अपनी बाहों में भरते हुए उसके गुदाज चूतड सूट के ऊपर से हाथ में भरते हुए उसके लिप्स चूसने लगा और निशा भी अपने हाथ उसके लंड पर लगा कर उसको मसलने लगी
अमन - उम्मम्म मेरी सेक्सी साली जी , हनीमून के लिए तैयार हो
निशा - इतने बड़े हथियार वाले जीजू के साथ कौन नहीं मनाना चाहेगा हनीमून अह्ह्ह्ह खोलो ना इसे उम्मम्म देखे तो कैसा है

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ओह माई गॉड कितना बड़ा और प्यारा है जीजू उह्ह्ह्ह जी कर रहा है इसको खा जाऊं " , निशा अमन का बाहर निकला हुआ मोटा लंड देखते हुए बोली ।
अमन हसता हुआ - नही नही खाना मत कही दीदी तुम्हारी गुस्सा गई तो हाहाहहा
निशा आंखे फाड़े अमन का लंड पकड़ती हुई नीचे बैठ गई और लंड को चूमती हुई उसको मुंह में भर कर चूसने लगी

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और देखते ही देखते दोनो की कामुक सिसकियां सोनल के कानो में पड़ी जिसे समझती देर नहीं लगी - साली कुतीया ने जीभ चलाना शुरू कर दिया मेरे माल पर , अह्ह्ह्ह मुझे भी बुला लेती कामिनी , खोल ना

अमन और निशा जरा भी दरवाजे की ओर ध्यान नहीं दिया और बीच कमरे में अपने काम क्रीड़ा में लगे रहे और निशा अमन का मोटा लंड गले तक घोंट रही थी ।
सोनल परेशान होकर खीझ कर नीचे जाने के लिए गलियारे से होती हुई जीने की ओर बढ़ रही थी , उसका दिमाग उलझा हुआ था और खुन्नस से भरा था , आस पास हो रही हल्की फुल्की आवाजों का उसपे जरा भी असर नहीं हुआ और वो जीने की घुमावदार सीढ़ियों से होकर जैसे ही चार सीढ़ी नीचे आई की उसकी नजर नीचे जीने की आखिर सीढ़ियों पर चल रही जांगीलाल और संगीता की कामलीला देखते ही उसका हाथ पाव सुन्न पड़ गए , एकदम से उसके शरीर अंग अंग एक भय और आश्चर्य से कांपने लगा , मुंह पर हाथ रख पर वो पीछे की तरफ अपने पैर चढ़ाते हुए नीचे देखने लगी

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जहा उसका अपना सगा चाचा उसके ससुराल में उसके पति की सगी बुआ को सीढ़ियों पर झुकाए हुए पीछे से साड़ी उठा कर सटासट लंड उसकी चूत में उतार रहा था और संगीता मजे से मुस्कुराती हुई सिसकियां ले रही थी । सोनल का गला सूखने लगा , उसे समझ नही आ रहा था कि कैसे वो लोग बिना डरे नीचे ही चालू हो और सबसे बड़ी बात इनका अफेयर कब हुआ
सोनल की हालत डर के मारे खराब हो रही थी उसे समझ नही आया कि अभी अमन को ऊपर आए 10 mint नही हुए और ये लोग कब
सोच में डूबी हुई सोनल के पैर लगातार पीछे हो रहे थे और वो पीछे हल्का सा लड़खडाई तो हाथ बढ़ा कर उसके दुलारी के कमरे के दरवाजे का पर्दा खींच कर पकड़ लिया और खुद को सहारा देते हुए उठ ही रही थी कि उसके कानो में एक और कामुक और महीन सिसकी सुनाई दी जो दुलारी के कमरे में से आ रही थी । सोनल ही हालत और खराब हो गई - यार ये सब हो क्या रहा है , दुलारी भाभी के कमरे में कौन हो सकता है और वो कुछ देर कान लगाए रही
वही दरवाजे के दूसरी ओर

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अनुज दुलारी भाभी की जांघें उठाए उनकी बुर में उंगलियां पेलता हुआ चूत के दाने को चूबला रहा था - उह्ह्ह्ह मेरे हीरो तुम तो पक्के खिलाड़ी निकले , आह्ह्ह्ह्ह्ह क्याआआ मस्त चूसते हो उह्ह्ह्ह्ह् और खा जाओ मेरी चूत उम्मम्मम सीईईई अअह्ह्ह्ह फक्क्क उह्ह्ह्ह मममीईईईईईई आआआह्ह्ह्ह सीईईई
अनुज ने देर न करते हुए खड़ा हुआ और अपना लौड़ा दुलारी के चूत लगाता हुआ हचाक से आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुसाता चला गया और दुलारीईई की तेज सिसकी कमरे में फेल गई जिसकी फ्रीक्वेनसी दरबाजे पर कान लगाए खड़ी सोनल के कानो में गई और उसे पक्का यकीन हो गया कि भीतर कमरे में दुलारी की चूत कोई बजा रहा है मागे कौन?

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वही कमरे में अनुज सटासट दुलारी की जांघें उठाए उसकी चूत में लंड पेले जा रहा था दोनो कामुक सिसकियां ले रहे थे और सोनल ने गर्दन फेर कर जीने की ओर फिर बढ़ी कि आगे का क्या नजारा है और वहा का नजारा सच में बदला हुआ था , जंगी संगीता को खड़े किए हुए पीछे से उसकी चूत में लंड पेले जा रहा था और संगीता किचन की ओर झांकती हुई मुंह पर हाथ रख कर अपनी सिसकियां निगलती हुई जंगी का मोटा लंड अपनी चूत की जड़ो में ले रही थी

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जंगी पूरे जोश में सटासट संगीता की चूत मारे जा रहा था और बेटी के ससुराल में सबके सामने छिप कर संगीता जैसा कसा हुआ माल पेलने का जुनून उसे चरम पर ले जाया और आखिर 10 झटको के साथ ही वो संगीता की बुर में झड़ लगा , जिसके छींटे संगीता अपनी बच्चेदानी में महसूस कर रही थी और उसकी गर्मी ने संगीता की बुर की मलाई भी पिघलने लगी और जंगी ने अपना रस से सराबोर लंड बाहर खींचा और उसके लंड से संगीता की चूत के रस में सना हुआ था

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और सोनल ऊपर से अपने चाचा का कड़क चमकता लंड देख कर थूक गटकने लगी ।
तभी बगल में दुलारी के कमरे से उसकी तेज लगातार सिसकियां आने लगी

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भीतर कमरे में दुलारी अनुज के लंड पर स्वार हो चुकी थी और अपनी चूत को उसके लंड पर मथनी की तरह मथे जा रही थी , अनुज का लंड उतना ही उसकी बुर के जड़ो में फूलता जा रहा था
वही बाहर सोनल की हालत खराब होने लगी ये सोच कर कही नीचे से संगीता ऊपर न आ जाए इससे पहले वो कमरे में भाग जाना चाहती थी
वो दौड़ती हुई अपने कमरे के दरवाजे पर पहुंची और दरवाजा बजाने लगी , मगर निशा नही मानने वाली थी वो तो अमन को लिटा कर उसका मोटा मूसल अपनी चूत के मुहाने पर लगाती हुई चूत में घुसाती चली गई,

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जैसे जैसे उसकी चूत की दिवारे फेल रही थी निशा की आंखे भी बड़ी हो रही थी उसका मुंह दर्द और मजे से खुलता जा रहा था और देखते देखते ही वो अमन का 3/4 लंड चूत में भर ली और उछलने लगी उसकी मादक दर्द भरी सिसकियां सोनल के कानो तक आने लगी , जिसे सुनते ही सोनल समझ गई कि भीतर भी मामला शुरू हो गया है और सोनल की हालत खराब होने लगी, उसे डर था कि कही संगीता बुआ ऊपर आ गई और उसे बाहर देख लिया तो गजब हो गया और वो थोड़ा तेज और हदबड़ी में दरवाजे पर हाथ से खट खताने लगी । मगर निशा को अभी तक कोई फर्क नहीं नजर आ रहा था वो बिना रुके अपनी गाड़ उछाल उछाल कर लंड को बुर में भर रही थी - अअह्ह्ह्ह जीजू कितना मजा रहा है आह्ह्ह् लग रहा है मैं झूले पर हूं उह्ह्ह्ह फक्कक मी जीजू येसेस्स येस्सस हार्ड उह्ह्ह्ह्ह उम्म्म मम्माआ ओह्ह्ह्

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कमरे से निकलती सिसकियां सोनल की दिल का डर और बढ़ा रही थी जिससे वो लगातार निशा को हल्की आवाज देती हुई दरवाजा थपथपा रही थी जिसकी गूंज अनुज और दुलारी ने अपने कमरे में पाई और अनुज को लगा बाहर कोई है इसीलिए वो तेजी ने दुलारी का कुल्हा पकड़ कर नीचे से सटासट पेलने लगा - उह्ह्ह्ह्ह्ह भाभीई लग रहा है कोई आया है बाहर आवाज दे रहा है
दुलारी - तुम मत रुकना प्लीज आआआह्ह्ह्ह्ह निकाल रहा है मेरा फकक्क्क्क मीईईईई उह्ह्ह्ह येसस्स बाबू अअह्ह्ह्ह्ह आ रहा है आआह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह ओह गॉड उह्ह्ह्ह

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अगले ही पल अनुज भी उसको हटाया - सजाओ भाबी उह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी आआह्ह्ह्ह्ह जल्दी अह्ह्ह्ह्ह्ह
अनुज उठ कर सीधा दुलारी का सर पकड़ कर उसके मुंह पर लंड हिलाते हुए झड़ने लगा
वही सोनल के लगातार हाथ पिटने से निशा खीझ कर अमन के लंड से उठी और फटाफट अपना सलवार चढ़ती हुई दरवाजा खोला
सामने देखा तो सोनल की हालत बुरी है - क्या हुआ क्या बात है
सोनल ने कमरे में झांक कर देखा तो अमन पेंट पहन रहा था

सोनल इशारे से - हो गया क्या ?
निशा मुंह बनाती हुई - तुझे ही जल्दी थी हुह , अब बोल बात क्या है
सोनल कुछ बोलती कि तबतक अमन भी उनके पास आ गया - अरे चलो सब राह देख रहे है भाई , मां ने आवाज दी सबको तो भागी भागी आई

अमन हसता हुआ - किसकी मां ने मेरी या तुम्हारी हाहाहहहा
सोनल चिढ़ती हुई - सासू मां ने बुलाया है , किसी मां ने ? हूंह

निशा अमन को आंख मारती है और सोनल को लेकर हस्ती हुई नीचे चली जाती है और थोड़ी देर में ही अमन और दुलारी कपड़े पहन कर बाहर आते है - लग रहा है सब नीचे चले गए है
अनुज - तो हम लोग भी चलते है
दुलारी मुस्कुरा अनुज के करीब आई - बस एक मिनट , हा अब ठीक है हिहिहिही

अनुज गर्दन के पास हाथ घुमाता है जहा अभी अभी दुलारी ने हाथ लगाया था - क्या हुआ क्या था
दुलारी हस्ती हुई - लिपस्टिक

अनुज मुस्कुराता हुआ दुलारी के साथ नीचे जाने लगता है
वही इनसब से उलट राज जबसे रिंकी के कमरे में दाखिल हुआ था , उसकी नजर रिंकी के कोमल गुलाबी देह पर अटकी थी , रिंकी की मादकता भरी महीन सिसकियां और अपनी गुलाबी चूत को सहलाते हुए अनुज को गुनगुनाते उसके पतले मुलायम होठ
जिसे देख राज अवाक भी था और वासना का सुरूर भी चढ़ रहा था । ये अनुज की दूसरी गर्लफ्रेंड थी जिसको वो ऐसी अवस्था में निहार पा रहा था , उसको फिर वही उलझन हो रही थी जिसके लिए उसने चोदमपुर से आई पल्लवी को छोड़ दिया और जिसका मलाल उसे आज तक था ।
रिंकी जैसी गर्म और रसाल लड़की जिसने अभी अभी जवानी के पंखों को फड़फड़ाया सीखा था , उसे वासना के ऊची उड़ान की कहा ही अनुभव था जो राज अब तक पा चुका था ।
अपना लंड मसलता हुआ राज रिंकी को निहारे का रहा था


कि रिंकी की गर्दन सिसकियां लेते हुए अपने बेड के पास के पिलर पर गई जिसकी आड में राज बंद कमरे में छिपकर उसे निहार रहा था ,

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लालच और गहरी वासना से लिपट उसकी आंखे देखते ही रिंकी ने झट से एक चादर से अपना जिस्म ढक लिया और कांपते हुए स्वर में राज से - आ आप यहां कैसे ?
राज मुस्कुराकर - वो मैं नीचे जा रहा था और मेरी नजर खुले दरवाजे से आप पर गई
रिंकी लाज और झेप से आंखे बंद कर खुद को कोसती हुई कि अनुज को भी मन ही मन गालियां दे रही थी ।
रिंकी - किसी और ने तो नही देखा न
राज मुस्कुराता हुआ रिंकी के पास बिस्तर पर बैठता हुआ - जी नहीं नही , मैं फौरन दरवाजा लगा दिया

रिंकी मुस्कुरा कर लाजाती हुई - प्लीज आप ये सब भाभी (सोनल) से मत कहिएगा
राज - नही बिलकुल नहीं , मगर वो आप अनुज का नाम ?
रिंकी के चेहरे अब शर्म से और भी गुलाबी होने लगा तो राज मुस्कुरा कर - तो क्या आप दोनो एक दूसरे से प्यार करते हो

रिंकी चौक कर - क्या ? नही वो बस हम लोग।
राज मुस्कुरा कर - हम्म्म समझ गया , तो इसमें इतना झिझक क्यू , मुझे भी अपनी पसंद के लोगो के बारे में सोच कर ये सब करना अच्छा लगता है । कॉलेज की क्रस के बारे में सोच कर तो मैं हिहिहिही समझ रही है ना

रिंकी का कलेजा भीतर से कांप रहा था कि अब तक वो कैसे राज के आगे इतनी देर तक खुद को बिना कपड़े के बैठे हुए और वही राज बिना उसे कुछ ब्लैकमेल किए उसके साथ बहुत प्यार से पेश आ रहा था जैसे उसे इससे कोई खास फर्क ही नहीं पड़ रहा हो ।
राज का संयम और उसकी बातें रिंकी को भीतर से उसकी ओर आकर्षित किए जा रहा था

राज ने गौर किया कि वो उसे ही निहार रही थी और चादर के नीचे कुछ तो हरकत हो रही है तो उसने हौले से रिंकी के आगे से चादर हटाया

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तो देखा रिंकी की उंगलियां उसकी चूत के गुलाबी रस से लिभड़ी फाकों को मीज रही थी और रिंकी के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी

राज थूक गटक कर रिंकी की हिम्मत और उसकी काम के आवेग को देख कर जोश से भर गया और उसका लंड पूरा अकड़ गया ।
राज अपना पेंट खोलता हुआ - मैं भी आपका साथ दूं
रिंकी मुस्कुरा कर उसकी आंखो मे निहारती हुई चूत मसल रही थी - आप किसको सोचेंगे

राज मुस्कुरा और रिंकी की चूत को देखता हुआ अपना लंड सहलाने लगा - आपके रहते किसी को सोचने की क्या जरूरत

राज के ये शब्द रिंकी के भीतर काम का तूफान उमड़ा दिया उसकी चूत बजबजा उठी और उसने लपक कर राज का मोटा तपता लंड हाथ में पकड़ लिया । जिसकी तपिस अभी से रिंकी अपनी बुर के दरखतो में महसूस करने लगी थी - सच में इतनी पसंद हू मै आपको उह्ह्ह्ह कितना गर्म है अहह्ह्ह्ह्ह

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राज रिंकी के कोमल गोरे हाथों का स्पर्श पाकर सिहर उठा उसका लंड और कसने लगा रिंकी की मुठ्ठी में - अह्ह्ह्ह्ह अपने आप को कम मत जानो , जो भी आपकी इन गुलाबी पंखुडियों का रस पिएगा वो बहुत भाग्यशाली होगा

राज की कामुकता से भरी बातें रिंकी को एक अलग ही रोमांच पर ले जा रही थी , आज तक किसी ने उससे ऐसी लुभावनी बातें नही कि थी जो उसकी कामाग्नी को भड़का दे।
वो राज का लंड मसलती हुई अपनी बुर को दुलारती हुई हिम्मत कर बोल ही पड़ी - आप पियोगे

राज चौका और मुस्कुरा कर - क्या बोली फिर से कहिए न अअह्ह्ह्ह

रिंकी शर्मा कर मगर काम के नशे में तैरती हुई - आप पीना चाहोगे मेरे गुलाबी पंखुड़ियों का रस

राज की टांगे एकदम से सीधी हो गई और उसके जिस्म ने एक जोर की अंगड़ाई ली और देखते ही देखते वो रिंकी जांघो के बीच पहुंच गया ।
सफेद गाढ़ी मलाई से लिभड़ी उसकी चूत रगड़ने से और भी गुलाबी हो गई थी , उसके बुर के दाने पर अजीब सी सफेदी नजर आ रही थी शायद वहा उसके चूत का और वहा से उठती आंच और मादक गंध को अपने चेहरे नाक पर महसूस कर रहा था

राज ने नथुने होठ और उनसे उठती गर्म सांसे अपनी चूत के मुहाने पर पाकर रिंकी भीतर से राज के अगले कदम के लिए बहुत ही उत्तेजित हुई जा रही थी और जैसे ही राज ने उसकी फाकों पर अपनी जीभ फिराई , रिंकी का पूरा जिस्म अकड़ सा गया मानो ,
राज उसके जिस्म में होती हरकत से उसकी जांघ को पकड़ कर उसके बुर के गुलाबी फाकों को मुंह में लेके चुबलाने लगा रिंकी की हालत और खराब होने लगी , जिस तरह से राज उसके बाहर निकले बुर के छिलकों पर दांत लगा कर चूस रहा था मानो ऐसे दशहरी आमों की कल्लियां काट कर चूस रहा हो

रिंकी उसके सर पकड़ कर अकड़ रही थी उसके पैर झटके खा रहे थे गाड़ हवा में उठ गिर रहे थे और अगले ही पल राज ने अपनी उंगली उसकी बुर में पेल दी , रिंकी की आंखे फेल गई वो हवा में दोनो पैर उठा कर हाफ रही थी

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क्योंकि राज की जीभ लगातार उसके बुर के दाने पर रेंग रही थी और नीचे से राज की उंगली उसकी चूत का g-स्पॉट खुरुच रही थी , भलभला कर रिंकी की बुर रस छोड़ने लगी तो राज ने मुंह लगा दिया

रिंकी पागल सी होने लगी उसकी दबी हुई कुनमुनाती गर्म मादक सिसकियां कमरे में गूंज रही थी और राज का सर अपनी चूत में घुसा रही थी - उह्ह्ह्ह मममाआ ओहह्ह गॉड फक्क़ मीईई प्लीज अअह्ह्ह्ह येस्सस्स

राज ने सर उठा कर मुस्कुरा कर उसकी ओर देखा और रिंकी शर्मा कर मुस्कुराने लगी
राज उठ कर बैठ गया और पेंट निकाल दिया , रिंकी उसका लंड सहलाती हुई बिना रुके उसका लंड मुंह में भर कर चूसने लगी , राज उसके सर को पकड़े लंड की ओर ठेल रहा था - आआआआअह्ह कितना मस्त चूसते हो जी आप उह्ह्ह्ह खा जाओ उह्ह्ह्ह और लोह्ह्ह ऐसे ही अअह्ह्ह्ह्ह

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देखते ही देखते रिंकी राज का लंड गले तक घोटने लगी और राज उसकी लटकती चूचियां मिजता हुआ उसके नंगे गाड़ को सहलाने लगा ।
उसकी गोरी चिकनी गुलाबी गाड़ की सुराख को रगड़ते हुए उसने उसे अपनी ओर खींचा और घोड़ी बनाते उसकी चूत पर लार से उंगली घुमाने लगा , रिंकी आंखे उलटने लगी जब राज ने नीचे से अपना सुपाड़ा उसके फाकों पर रगडा और राज नेनिशाना साधा फिर हाचाक से लंड उसकी चूत में उतार दिया

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राज के लंड की मोटाई के जैसे ही रिंकी को चूत की दीवारों को खोला तो उसका मुंह भी खुला का खुला रह गया , राज का गर्म रॉड सा लंड उसकी चूत की भीतरी दीवारों को छीलता हुआ अंदर चला जा रहा था और रिंकी मस्ती में झूमने लगी थी - ओह्ह् गॉड ओह्ह्ह्ह् गॉड टू बिग उह्ह्ह्ह फक मीईई प्लीज उह्ह्ह्ह्ह येसेस्स्स और फास्ट उम्मम्म

राज भी जोश में उसकी चूत में सटासट लंड पेलने लगा - क्या मस्त बुर है आपकी उह्ह्ह्ह, गर्म रसीला और भरा हुआ उह्ह्ह्ह लग रहा है सब जल जाएगा आआआआअह्ह्ह

रिंकी उम्मम्म आपका डिक भी बहुत हार्ड है उम्मम्म येसस्स्स आआआह्ह्हह मम्माआआ उह्ह्ह्ह फक्कक मीई लाइक दैट उह्ह् गॉड यासस्सस फक फक फक उम्मम्म्म फास्ट फास्ट

राज उसकी अंग्रेजी शब्दों से एकदम मस्ती में झूम उठा - जैसे किसी अंग्रेज पोर्नस्टार को पेल रहा हो

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जल्द ही पोजिशन बदला और रिंकी की टांगे उठा कर राज उसकी बुर में पेलने लगा , सामने से रिंकी उसकी आंखो में देख कर उसे और भी कामोतेजीत किए जा रही थी

राज मुस्कुरा कर - क्या देख रही हो ?
रिंकी उसके करारे झटके सहती हुई सिसकियां लेती हुई मुस्कुरा कर न में सर हिलाया
राज उसकी और करीब खींच कर उसके बगल में लेट गया और उससे सट कर बगल से सटासट उसकी बुर में लंड घुसाने लगा , अब रिंकी की चूत की चमड़ी खिंचने लगी और सुपाड़े का सीधा उसके चूत के दाने के नीचे ठोकर मारने लगा जिससे रिंकी एकदम से पागल होने लगी .
राज - बोलो ना क्या बात है ? मजा नही रहा है
रिंकी हाफती हुई - उह्ह्ह्ह बहुत a रहा है उह्ह्ह्ह तुम्हारा तरीका बहुत अलग है अअह्ह्ह्ह्ह

राज मुस्कुरा कर उसकी मौसमी सी चूचियां मसलता हुआ - किस्से अनुज से
रिंकी लजाई - उम्म्म नही भक्क्क्क वो सब नही बोलो ना प्लीज
राज - क्यू अभी जब उसका लंड हचक के ले रही थी तब नही आई शर्म उह्ह्ह्ह और मुझसे लजा रही हो
रिंकी के पैर फड़फड़ा रहे थे वो राज के लंड पर झड़ रही थी
राज पूरी ताकत से लगातार उसकी चूत में लंड दे रहा था - देखो तो कैसे उसका नाम सुनते ही झड़ने लगी उह्ह्ह्ह कितना गर्म है अअह्ह्ह्हह् निकाल जाएगा मेरा भी

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अअह्ह्ह्ह फक्क्कक बहिनचोद आ रहा है उह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह एलो ओहह्ह्ह सीईईईईईआई अअह्ह्ह्ह्ह ममीइइ
राज अपना लंड निकाल कर रिंकी की चूत पर झाड़ने लगा और रिंकी राज का गर्म माल पाकर खुश हो गई ।

उसने घूमकर राज के लिप्स से अपने लिप्स जोड़ लिए - तुम्हारा कोई जवाब नही , उसका भी । तुम दोनो जबरजस्त हो हिहिहिही

राज - तो एक बार और हो जाए
रिंकी - उम्म्म अभी नही , बाहर हलचल हो रही थी किसी का दरवाजा खटखटाया जा रहा था , हम लोग भी निकलते है

राज को भी रिंकी की बाते सही लगी और वो कपड़े पहन कर बाहर निकल आया
इधर जैसे दुलारी और अनुज जैसे ही साथ में नीचे उतरे तो वहा मौजूद लोगो मे सबसे ज्यादा कोई शॉक्ड था तो सोनल थी ।

उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका छोटा भाई जो बेहद शर्मिला और दब्बू सा है , वो दुलारी भाभी के साथ कमरे में था ।
कुछ ही मिनट में सारे लोग एकजुट हो गए और खाने के लिए एक साथ बैठ गए ।
खाना पीना हुआ हसीं ठिठौली का दौर देर तक चलता रहा , इधर मुरारी लगातार रंगी को आज रुकने के लिए मना रहा था , तो ममता ने भी किचन रागिनी से पहल की - रूक जाइए न दीदी प्लीज
रागिनी हस्ती हुई - मैं रुक जाऊंगी लेकिन शर्त वही रहेगी हिहिहिही

रागिनी के मजाक पर ममता को याद आया कि रागिनी ने उसकी पैंटी मांगी थी अभी तो वो हंसते हुए बोली - अच्छा ठीक है ले लेना , लेकिन वीडियो भी चाहिए

रागिनी - अरे ऐसे कैसे भाई , एक चीज पर एक सौदा, दूसरी के लिए दूसरी चीज लगेगी

ममता हस कर - अब क्या ? दो लेकर जाएंगी क्या ?
रांगिनी - उहु, ऊपर नीचे का दोनो हिहिहि
ममता लाज से - धत्त आप बहुत गंदी हो छीईई
रागिनी - में तो कल लेके जाऊंगी दोनो , और आज रात समधी जी का बिस्तर भी मेरा हिहीहि
ममता हस्ती हुई - बिस्तर ही क्यों , समधी जी को भी लेके सो जाना मैं एतराज नहीं करूंगी हिहिहिही

रागिनी - अरे मेरी बहना बाते गोल गोल न घुमाओ , सीधे सीधे बोलो ना अपने दीवाने उस कच्छी सूंघवा समधी के साथ सोना है

ममता शर्मा कर - धत्त दीदी चुप करो मैं नहीं जीत सकती आपसे , कैसे बोल लेती है आप

रागिनी - आज रात सारे गुर सीखा दूंगी ठीक है ना
ममता उसकी बातो पर हसने लगी
इधर ममता ने रागिनी की हामी भर ली थी तो रंगी भी मना नही पाया ।

रंगी - अच्छा ठीक है भाईसाहब आज रात रुक के जाएंगे फिर मदन भाई से मुलाकात भी नही हुई है लेकिन ?
मुरारी - क्या हुआ भाई साहब
रंगी - दरअसल घर पर सिर्फ औरतें है तो बच्चो को घर जाने देते है और जंगी भी कह रहा था कि निशा की मां बीमार है तो वो भी जायेगा

मुरारी - अरे सारे लोग चले ही जा रहे है
रंगी - अरे हम लोग है ना , और सोनल की मां के रहते लगेगा ही नही कि घर में बच्चे नही है हाआआहाहह

रागिनी बुदबुदाई - अच्छा जी , घर चलो बताती हूं।
रागिनी की आंखे और उसका झूठा गुस्सा सब लोगो ने पढ़ लिया और हाल में ठहाके लगते रहे देर तक ।

इधर अपने पापा के कहने पर राज और अनुज को घर के लिए जाना पड़ा दोनो भाई उदास मन से गए , तो जंगी निशा को लेकर अपने घर निकाल गया ।

वही मुरारी ने रंगी को गेस्ट रूम में आराम करने के लिए कह दिया और ममता रागिनी को अपने कमरे में ले गई , घर की बाकी औरते काम निपटा कर आराम करने चली गई।


मुरारी और रंगी की गेस्ट में देर तक बातें हो रही थी कि शाम 3 बजे के करीब मुरारी का मोबाइल बजा । फ़ोन देख कर मुरारी असहज हुआ और समझ गया कि ये काल किस लिए आ रहा है
फिर वो रंगी को आराम करने का बोल कर बाहर निकल गया ।

जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम अपडेट है सोनल ने अमन की बुआ को अपने चाचा से चुदते देख लिया है साथ ही उसे पता है कि निशा भी अमन से चूद रही है उसे डर लग रहा था कि कही कोई पकड़े ना जाए लेकिन सब ने आराम से मजे के साथ चूदाई कर ली अनुज ने दुलारी के साथ राज ने रिंकी के साथ सोनल को अनुज और दुलारी के एक साथ आने से उसको पक्का यकीन हों गया है कि दुलारी अनुज से ही चूद रही थी सब के मजे हो गए बेचारी निशा की चूदाई नहीं हो पाई
 

Sanju@

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UPDATE 222

राज के घर

इधर दोनो भाई रिक्शा कर घर के लिए निकल गए और दोनो के मन उखड़े हुए थे , मगर राज को अनुज के सिक्रेटस पता होने पर हंसी आ रही थी ।
अनुज ने नोटिस किया तो पूछ भी लिया - क्या हुआ भैया हस क्यूं रहे हो
राज - कुछ नही भाई तू उदास होना छोड़ दे । फिर कोई नई मिल जाएगी हाआआह्ह

अनुज - मैं समझा नही , क्या नई मिल जाएगी
राज हसता हुआ - रिंकी जैसी कोई , और तेरी तो किस्मत भी बुलंद है एक को छोड़ा तो दूसरी उठा ले गई तुझे हाहहा
राज की उलझी हुई बातें अनुज समझा गया कि उसके भैया को रिंकी और दुलारी भाभी दोनो की बात पता है
अनुज पहले शरमाया फिर उदास होकर - हा लेकिन क्या फायदा , पता नही कब मिलना होगा उनसे और फिर कल बुआ भी चली जाएगी

राज - अरे तो टेंशन क्यूं ले रहा है , आज घर में मम्मी पापा है नही तो काम बन जाना ही चाहिए

अनुज - सच में भैया , लेकिन मौसी है ना
राज - उसकी फिकर ना कर तू, पहले घर चलते है
इधर दोनो भाई घर की ओर बढ़ रहे थे तो वही चौराहे वाले घर रज्जो और शीला ने अपनी अपनी पैकिंग आज ही पूरी कर ली

रज्जो - उह्ह्ह्ह लोह्ह भाई ये भी बैग भर गया , अब थोड़ा आराम चाहिए मेरी तो सास ही फूलने लगी

शिला मुस्कुराई और उसको अपनी ओर खींचती हुई - फिर तो योगा वोगा शुरू कर दो मेरी जान , मेरे यहां तो मुंह खोले बिना ही सास लेनी पड़ेगी

रज्जो हस्ती हुई - धत्त कामिनी तु भी ना ,
शिला मुस्कुराई और उसकी बिस्तर पर धकेलती हुई - क्या बोली साली उम्म्म
और देखते ही देखते शिला उसके ऊपर चढ़ गई और उसके हाथ ऊपर कर उसके लिप्स चूसने शुरू कर दिए
रज्जो भी जोश में आकर शिला के लिप्स को चूबलाने लगी ,

शिला उसके ऊपर माथे जा रही थी और दोनो आपस में एक दूसरे को चूसे जा रहे थे
शिला ने अपनी कुर्ती ऊपर की और मोती मोटी दुधारू चूचियां रज्जो के मुंह पर रखती हुई ठूंसने लगी - अअह्ह्ह्ह्ह साली छीनार लेह बहुत बोलती है तेरा मुंह तो कई ऐसे ही बंद करूंगी अह्ह्ह्ह आउच उह्ह्ह्ह हरामजादी काट क्यू रही है

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रज्जो उसकी मोटी चूचियां दोनो हाथो से पकड़ कर बारी बारी से निप्प्स को चूसने लगी और मिजती हुई - तेरी रसीली चूची को खा जाऊं ऐसी है ये उह्ह्ह्ह मेरी रांड शिला तेरे जोबन देख कर तो मेरा दिल बावरा हो जाता है तो तेरे घर के मर्दो का क्या हाल होता होगा उम्मम्म सीईईईईईआईआई

शिला उसके मुंह में अपनी चूचियां ठूंसती हुई - वही हाल होता है जैसा तेरा है मेरी सेक्सी रांड अअह्ह्ह्ह्ह कामिनी मुझे पटक दिया

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रज्जो उसको घुमा कर नीचे कर देती है और अपनी मैक्सी उतार कर फेकती हुई वापस उसके ऊपर चढ़ कर उसकी रसीली मोटी थन सी चुचियों पर टूट पड़ती है - बहिनचोद तुझे तो पटक के पेलने में जो मजा है वो कही और कहा अअह्ह सच सच बता , तू अपने मुहल्ले भर के बच्चो को दूध पिलाती है क्या जो निप्पल तेरे इतने मोटे हो गए है अअह्ह्ह्ह्ह

रज्जो उसकी चूचियां बदल बदल कर चूस रही थी - सच सच बता कौन कौन दूहता है तुझे मेरी जान आह्ह्ह्ह्ह्

रज्जो जिस तरह से शिला को मसल रगड़ रही थी शिला की चूत बजबजाने लगी थी - चल रही है , रोज सुबह भोर में दुहवा दूंगी तुझे भी अअह्ह्ह्हह् बहिनचोद उह्ह्ह्ह हिहिहिही आराम से फट जाएगा

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रज्जो उसकी लेगी खींचती हुई - भोसड़ा बना चुकी है अब बचा ही क्या है उसमे , हाथी जैसा लंड घोंट घोंट कर पूरा हाईवे बना लिया है

शिला कसमसाती हुई अपने कूल्हे उछालने लगी - आह्ह्ह्ह्ह फिर क्यों चाट रही है उसे कुतिया के जैसे अअह्ह्ह्हह ममीइइई उह्ह्ह्ह

रज्जो उसकी चूत में मुंह लगाए हुए - क्योंकि तेरी भोसड़ी का रस बहुत टेस्टी है अअह्ह्ह्हह कितना गर्म गर्म माल छिपा रखा है उम्मम्म्मम

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रज्जो उसकी बुर में अपनी थूथ रगड़ती हुई भीतर जीभ नचाने लगी - अअह्ह्हह साली रण्डी कुतिया और चाट अअह्ह्ह्ह मेरा भोसडेदार चूत अअह्ह्ह्हह उह्ह्ह और और उह्ह्ह्ह


इधर दोनो चुदासी सेक्सी औरते आपस में एकदूसरे को मीज मसल रही थी तो वही बाहर राज और अनुज रिक्से से उतर चुके थे और गेट खोल कर मेन दरवाजा खोलते हुए हाल में घुसते है

अनुज - अरे बुआ और मौसी कहा है ? बुआआआ !!
तभी राज उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकता हुआ अपनी मां के कमरे की ओर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
दोनो भाई दबे पाव कमरे की ओर बढ़े , कमरे से तेज कूलर की हनहनाहट में रज्जो और शीला की सिसकियां घुल चुकी थी
जैसे ही कमरे के दरवाजे से दोनो ने भीतर झांका राज और अनुज दोनो चौक गए

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सामने बिस्तर पर शिला की जांघें खोले हुए रज्जो उसके ऊपर चढ़ कर कैंची बनाते हुए उसकी चूत से अपनी चूत आपस में रगड़ रही थी

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दोनो भाई भौचक्के एक दूसरे को निहारते हुए खुश हो गए और अपना अपना लंड बाहर निकाल कर उसको सहलाते हुए कमरे में दाखिल हुए
जैसे ही शिला को भनक हुए वो रज्जो को धकेलते हुए उठ गई इस डर से की घर में बाकी लोग भी आ गए होगे

शिला - तु तुम दोनो , इतना जल्दी कैसे
अनुज हस्त हुआ - बस देखने आए थे आपको हिहिहिही
रज्जो - अनुज मस्ती नही , बता बाकी लोग कहा है ?

अनुज दांत दिखाता हुआ - खुद अकेले अकेले मस्ती कर रही हो और हमें कह रही हो मस्ती नही , देखा भैया इतनी नाइंसाफि

राज हस्त हुआ - ओहो बुआ मौसी कोई नही है , बस हम लोग है ,पापा मम्मी कल आयेंगे

रज्जो ने चैन की सास ली - लेकिन तुम दोनो अंदर कैसे आए , दीदी तुम दरवाजा लगाई थी न

शिला कुछ देर सोचा कर अपनी जीभ दांत में दबा कर मुस्कुराते हुए रज्जो को देखा और हसने लगी .
रज्जो - हम्म तभी तो मैं सोचू ये दोनो बैल घर में कैसे घुसे

अनुज - हम दोनो बैल अपनी अपनी गईया खोजते आए है मौसी हिहिहिही
शिला - ये कितना बिगड़ गया है इधर आ बताती हुं

अनुज अपना लंड सहलाता हुआ - आपके पास ही आ रहा हु बुआ
अनुज अपना लंड शिला के आगे परोसता हुआ उसके सर को सहलाने लगा ,शिला भी बिस्तर पर घोड़ी बनकर अनुज का लंड मुंह में भर कर चूसने लगी - अह्ह्ह् बुआ कितना ठंडा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई

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वही बगल से राज की भी सिसकी आने लगी - उम्म्म मौसी आह्ह्ह्ह्ह आपका तरीका बहुत अच्छा लगता है अह्ह्ह्ह कल से बहुत याद आओगे आप उह्ह्ह्ह

अनुज - हा बुआ आपकी भी बहुत याद आयेगी उह्ह्ह्ह आराम से उम्मम्म आप तो पूरा घोट जा रही हो अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह और चूसो उम्म्म्मम

शिला - मुझे भी तुम सब की बहुत याद आयेगी मेरे लाडलो उह्ह्ह्ह और ये भी कि मेरे बेटे अब जवान हो गए है आआआआअह्ह्ह औरते संभालने लायक
राज - क्यू बुआ पहले शक था क्या हिहिहिही आआआह्हह्ह्ह मौसी उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड जी कर रहा है आपके मुंह में भर दू अह्ह्ह्ह्ह् ये लोह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कितना मजा आता है आपके हर छेद में पेलने का उह्ह्ह्ह्ह्

राज गला फाड़ता हुआ रज्जो के गले में अपना लंड घुसेडने लगा और फिर उसको धक्का देकर बिस्तर पर चढ़ कर चूत में लंड घुसा दिया

रज्जो - आआआह्ह लल्ला उह्ह्ह्ह कबसे तेरे लंड को प्यासी थी मेरी चूत उह्ह्ह्ह और पेल आह्ह्ह्ह हा ऐसे ही अअह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है बेटा ओह माआआ

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राज उसकी चूत ने हचक के लंड उतार रहा था - अब ठीक न मौसी उह्ह्ह्ह लोह और लोह आज पूरी बच्चेदानी भर दूंगा तुम्हारी उह्ह्ह
रज्जजो : उह्ह्ह्ह लल्ला तेरे लंड से मेरी चूत बहने लगी है अअह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह हा खा जा उह्ह्ह्ह मम्ममिई उह्ह्ह्ह

राज लपक कर रज्जो की चूत में मुंह दे दिया और वही बगल शिला की जांघो के बीच अनुज भी उसकी बुर की फाकों से लेकर गाड़ की भूरी सुराख तक जीभ फिरा रहा था - उह्ह्ह्ह बेटा उम्म्म कितना मस्त चाटता है तू उम्मम्म्म आआह्ह्ह्ह्ह् भाभीए इन दोनो की जोड़ी कमाल की है अअह्ह्ह्हह
रज्जो बगल में लेटी हुई शिला के लिप्स से अपने लिप्स जोड़ कर मुस्कुराई हुई - जोड़ी तो हम दोनो की भी कमाल की है मेरी जान

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अनुज - उम्म्म बुआ ना कबसे मुझे आपके बुर को चाटने का सपना आता था , है रोज आपकी गाड़ चाटने का सोच कर हिलाता था मैं उह्ह्ह्ह कितनी रसीली बुर है आपकी सीईईईईईआईआई

शिला - अअह्ह्ह्हह खा जा बेटा , चाट ले अपनी बुआ की बुर उम्म्मम तेरी छोटी सी जीभ मुझे पागल कर दे रही है

" मैं भी इसे खा लूं क्या मेरी जान अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह राज आराम से उह्ह्ह्ह बेटा उह्ह्ह्ह्ह" , रज्जो घोड़ी बनी हुई शिला की मोटी हिलती चूची को पकड़ कर सहलाती हुई अपने मुंह में भर लिया और उसके निप्पल चूसने लगी ।

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शिला मानो पागल सी हो गई - अहह्ह्ह्ह भाभी उह्ह्ह्ह पी जाओ मेरे थन से टपकते रस को अअह्ह्ह्हह अओह्ह आराम से लाला उह्ह्ह्ह बहुत कसा है अच्छे से घुसा

रज्जो पीछे से राज के करारे झटके अपनी चूत में लेती हुई - अह्ह्ह्ह्ह लल्ला कस के घुसा एक ही बार में फाड़ दे उह्ह्ह्ह्ह

अनुज मारे जोश में शिला की टांग को अपने कंधे पर रखता हुआ एक करारे झटके के साथ शिला की रसाती बुर में हचाक से लंड पेल दिया - अअह्ह्ह्ह मम्मिई फाड़ दिया रे उह्ह्ह्ह अब रुका क्यू है चोद ना हरामी मौसी का चमचा कुत्ता कही का अअह्ह्ह्ह जल रहा है

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अनुज बत्तीसी दिखा कर रजजो के साथ हस रहा और फिर अपनी बुआ की चूत में लंड चलाने लगा - ओह गॉड बुआ आपकी चूत बहुत गरम है अअह्ह्ह्ह

रज्जो - जा बेटा तेरी बुआ एक नंबर की रंडी है हमेशा आग लगी रहती है इसकी चूत में पेल आज रहम मत दिखाना
अनुज अपनी मौसी की बातें सुन कर जोश में कस कस के शिला की बुर फाड़ने लगा , शिला गला फाड़ कर चीखने लगी
वही राज ने एक बार फिर पोजिशन बदल दिया और नीचे लेट कर अपनी मौसी को चोदने लगा

राज अपनी मौसी की खरबूजे सी मुंह पर लटकती छातियां पिता हुआ उसकी बड़ी सी गाड़ थामे सटासट रज्जो की बुर में लंड पेले जा रहा था और रज्जो भी शिला की तरह बेफिकर सिसकियां ले रही थी - उह्ह्ह्ह लल्ला ना जाने तुझे इतना जोश कैसे आ जाता है जब तू अनुज के साथ होता है अअह्ह्ह्ह्ह फाड़ और पेल अपनी मौसी की चूत को अओहह्ह उम्मम्म्म रुकना मत बेटा अअह्ह्ह्ह सीईईईई

राज - वो तो पता नही मौसी लेकिन आज तो पूरी रात आपको ऐसे ही पेलने वाला हु , क्यू अनुज

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अनुज जो अब तक शिला को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसाये हुए शिला की गाड़ मसल मसल कर पेल रहा था - अह्ह्ह्ह्ह हा भैया फिर ना जाने ये मौका कब मिले , और जब फिर से मुझे बुआ की गाड़ सहलाने को मिले आआआह्हह्ह् मेरी सेक्सी चुदक्कड़ बुआ अअह्ह्ह्हह

शिला - हा लल्ला पेल ना अपनी चुदक्कड़ बुआ को और पेल और उह्ह्ह्ह और कैसी लगती हूं मैं तुझे मेरे लाल अअह्ह्ह्ह्

अनुज मारे जोश ने शिला की चूत की जड़ो में लंड घूसाता हुआ - अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ तुम तो मुझे किसी रंडी जैसी लगती हो , अह्ह्ह्ह लगता है तुम्हारी गाड़ 50 लोग मिल कर मारते है थी इतनी बड़ी हो गई है , जी कर रहा है इसी गाड़ में झाड़ जाऊं उह्ह्ह्ह आपकी गाड़ हुआ मुझे पागल कर रही है आपकी गाड़ चाटना मुझे बहुत पसंद है बुआ अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह मेरी रंडी बुआ मेरा आने वाला है अअह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह

शिला - भर दे बेटा भर अपनी बुआ की बुर उह्ह्ह्ह
वही बगल मे राज भी रज्जो को एक बार फिर घोड़ी बनाए हुए करारे झटके दे रहा था और अनुज शिला की बातें उसे भी चरम पर ले आई थी और दोनो भाई एक साथ रज्जो और शीला की चूत में अपने अपने फब्बवारे छोड़ दिए
शिला और रज्जो देर तक उनके झटको से निकलती गर्म पिचकारी की धार चूत की दीवारों में महसूस करती रही और दोनो थक कर उनके ऊपर ही रह गए

मगर जोश कहा किसी का ठंडा होने वाला था और अनुज ने शिला की गाड़ चाटते हुए एक बार फिर से नए राउंड की पहल कर दी थी
तो वही रज्जो अपनी चूत से निकले राज के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी ।


अमन के घर

फोन की घंटी मुरारी को बेचैन कर चुकी थी और रंगी से इजाजत लेकर गेस्ट रूम से बाहर आ कर हाल में आया तो जीने के पास अमन बेचैन खड़ा हुआ था
मुरारी - क्या हुआ बेटा
अमन - पापा !! वो ....
मुरारी - हा बोल ना बेटा ,क्या बात है ?
अमन थोड़ा झिझक कर मुस्कुराता शर्माता - वो में ऊपर बोर हो रहा था तो सोचा आपसे बात करू , आप बिजी तो नही ।

मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि अमन की बेचैनी का कारन क्या हो सकता है और वो मुस्कुराते हुए - अच्छा ठीक है चल गोदाम में चलते है
अमन - आपके कमरे में चलते है ना
मुरारी - अरे वहा तेरी मां और वो तेरी सास होगी

अमन - नही पापा वो बाहर मौसम सुहाना हुआ है बारिश वाला तो मम्मी , उनको लेकर ऊपर ही गई है

मुरारी - अच्छा ,फिर ठीक है चल
दोनो बाप बेटे कमरे में दाखिल होते है और हल्का सा दरवाजे भिडका देते है ताकि अगर गलियारे से कोई बाथरूम की ओर कोई जाए तो भी दरवाजे की आड़ में सोफे पर बैठे हुए वो दोनो किसी को ना दिखे ।

मुरारी - हा बोल बेटा
अमन थोड़ा शर्माता हुआ - पापा क्या हुआ कल , मम्मी ने पहना था वो कपड़ा

मुरारी अमन के जज्बात बखूबी समझ रहा था और मुस्कुरा कर - हा बेटा और सच कहूं तो पिछली बार वो मजा नही आया था जो इस बार आया ।

अमन - क्यू ? ऐसा क्या हुआ इस बार ?
मुरारी अपने पजामे में अंगड़ाई लेते लंड को मिजता हुआ - अरे तब के समय में और अब के समय में तेरी मां का बदन दुगना से ज्यादा गदराया हुआ है , उसके चूतड को 3 गुना ज्यादा बड़े दिखते है अब और कल रात वो कच्छी में उसकी बड़ी सी गाड़ ने मुझे पागल कर दिया , अगर तू देखा होता तो तू भी अपनी मां पर लट्टू हो जाता

अमन का लंड एकदम से अपनी मां को उस रूप में देखने के लिए फड़फड़ा उठा - और फिर

मुरारी - बेटा तूने जो वो ब्रा ऑर्डर की थी वो तो आगे से एकदम आरपार दिखने वाली थी , उसमे से झांकती तेरी मां की मोटी मोटी चूचियां उम्मम्म कितनी रसीली लग रही थी अअह्ह्ह्हह तू देखता तो तुझे फिर से मन करता कि उसकी गोदी में लेट कर उसका दूध पी जाऊं

अमन अपना लंड अपने बाप के सामने मिजते हुए उसकी और निहार कर - पापा दिखाओ ना मम्मी को प्लीज
मुरारी अमन की आंखों में अपनी के लिए दीवानगी साफ साफ देख रहे था , उसका हाथ कैसे अपनी मां के गदराए जिस्म के बारे में सोच कर अपना लंड मसल रहा है और वो मुस्कुराता हुआ अपने जेब से मोबाइल निकाल कर गैलरी ओपन कर अमन के हाथ में मोबाइल दे देता है

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अमन कई सारे सेक्सी तस्वीरों मे से अपना एक तस्वीर ओपन करता है जिसमे उसकी मां सर पर चुन्नी लिए हाथ फैला कर आईने के आगे खड़ी थी और उस जालीदार चुन्नी के नीचे उसके फैले हुए चूतड की दरारों को उसके बालो के परांदे ने धक रखा था , सामने आईने में ब्रा से बिलकुल वैसी ही उसकी रसीली छातियां झलक रही थी जैसा उसके पापा अभी बता रहे थे , अपनी मां का कौमार्य रूप देख कर अमन का दिल जोरो से धड़क रहा था उसका दूसरा हाथ अपने सुपाड़े को मसल रहा था

तभी अमन ने एक वीडियो पले कर दी जिसमे उसकी मां ने घूम और अदाये दिखा कर बड़े ही सेक्सी सेक्सी पोज दिए थे और उसके पूरे बदन की नुमाइश थी उसमे - उह्ह्ह्ह गॉड कितनी सेक्सी लग रही है मम्मी

मुरारी अपने बेटे से उसके मां के लिए सेक्सी शब्द सुनकर भीतर से सिहर उठा और अपना मूसल मसलने लगा ।
अमन - पापा ये सब मैं अपने मोबाइल में लेलू प्लीज
मुरारी अमन के जजबात समझ रहा था और मुस्कुरा कर हा में सर हिला दिया और अमन ने फटाफट अपने व्हाट्सएप पर सारी तस्वीर लेली और मुरारी को मोबाइल दे दी

मुरारी मोबाइल बंद कर जेब में रखता है कि फिर से उसका mobile वाइब्रेट होता है और मोबाइल स्क्रीन पर अमन कुछ फोटो भेजे थे उसके नोटिफिकेशन देख कर - तूने क्या भेजा है बेटा

अमन इसपे मुस्कुरा कर थोड़ा शर्माता हुआ - खोल के देखो ना , वो कल रात मुझे आपकी बातें याद आ रही थी तो मैंने

इधर अमन की बातें पूरी नहीं हुई थी मुरारी चौक कर बोल पड़ा - अरे ये तो बहु है
अमन मुस्कुरा कर - जी पापा , मैने सोचा क्यों न उसको शादी में दिए हुए आपके गहने पहना कर तैयार करू जैसा आप मम्मी को करवाते हो । कैसी लग रही है आपकी बहू पापा ?

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सामने मोबाइल में अपनी नई नवेली बहु की नंगी सिर्फ सोने के गहनों में सजी हुई उसपे से माथे पर एक लाल चुन्नी लिए खड़ी हुई देख कर मुरारी का लंड बेकाबू हो गया , उसकी नजर अपनी बहु के जिस्म से हट ही नहीं रही थी , रानी हार जो उसने खास तौर पर अपनी बहु के लिए पसंद किया था वो आज उसके दोनो मोटे मोटे चुचियों के बीच लटकता पा रहा था उसके गुलाबी निप्पल और फिर हल्के फुल्के बालों वाली गुलाबी चूत को ढकती सोने की करधन ने तो कयामत ही कर रखा था , मुरारी को उम्मीद नहीं थी कि अमन उसके लिए ऐसा तोहफा लाएगा ।

अमन अपने पापा को चोरी छिपे अपने कुर्ते के नीचे से सोनल को एक तक निहार कर अपना लंड मुठिया रहा था - बोलो ना पापा कैसी लग रही है आपकी बहू ?

मुरारी को अमन के सवाल से जोश भी आ रहा था तो भीतर डर भी था वो यूं खुल कर अमन के सामने अपने जज्बात नही रख सकता - अअह्ह्ह्ह बेटा क्या कहूं, ऐसा लग रहा है कि सालों पहले तेरी मां को निहार रहा हु

मुरारी फिर से व्हाट्सएप खोलता हुआ - रुक तुझे भी कुछ भेजता हु वो भी देख
अमन कामुकता भरी जिज्ञासा से - क्या पापा ?
मुरारी ने धड़ाधड़ एक के बार एक कुछ दूसरी तस्वीर भेजी और अमन ने जैसे ही मोबाइल में ओपन किया

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तो अमन उसकी मां पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी उसकी मोटी मोटी चूचियां और मोटे जामुन जीतने बड़े बड़े भूरे निप्पल देख कर अमन के मन में मन पानी आ गया - उह्ह्ह्ह गॉड पापा , मम्मी के दूध कितने बड़े बड़े है

मुरारी का ध्यान तो सिर्फ सोनल के गुलाबी चुचियों पर था - है ना , बहुत मजा आता है बेटा तेरी मां के ऊपर चढ़ कर उसके दूध पीने का
अमन - हा पापा मेरा भी मन कर रहा है कि मां के ऊपर लेट कर उनके दूध पियू, मां के निप्पल कितने मोटे है और सेक्सी भी

मुरारी अपने बेटे से उसकी मां के चुचियों की तारीफ सुनकर अब पूरे जोश में उसके आगे अपना लंड मसल रहा था और अमन भी बिना डरे अपने पापा के आगे अपना लंड मिज रहा था - अह्ह्ह्ह्ह पापा , आपको सोनल के निप्पल कैसे लग रहे है
मुरारी मोबाइल में सोनल की रसदार गुलाबी निप्पल को देखकर जोश ने - अअह्ह्ह्हह बेटा बहु के निप्पल तो बिलकुल तेरी के जैसे है , जब वो व्याह के आई थी , ऐसी ही कोरी कोरी मगर हल्की भूरी, मैं उन्हें खूब मिजता और चूसता था । तेरी मां को वो खूब भाता था और तूने बचपन में अपनी मां का दूध 5 साल तक पिया है इसीलिए उसके निप्पल इतने मोटे है

अमन भरे जोश में अपनी की नंगी चूचियां और मोती मोटी काली घुंडीया निहार कर आहे भरता हुआ अगली तस्वीरे देखता है - पापा मुझे फिर से मम्मी का दूध पीना है अह्ह्ह्ह कितना सेक्सी है ओह्ह्हज गॉड पापा ये भी है उफ्फफ्फ कितनी बड़ी गाड़ है मम्मी की

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मुरारी - हा बेटा रोज उसी गाड़ पर झड़ता हूं मैं और तेरी मां को भी अपनी गाड़ पर मेरा पानी लेना बहुत पसंद है

मुरारि भी अगली तस्विरे देखता है जिस्मे सोनल के लम्बी बालो की चोटी उसके गाड़ के दरारो तक जा रही थी

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मुरारि - ओझ्ह्ह बहु के चूतड भी कम बड़े नही है बेटा अह्ह्ह्ह इतनी लंबी चोटी पहले तेरी मां की भी थी जो ऐसे ही उसके गाड़ के दरारों को ढक लेती थी

अमन - सीईईईईईआई पापा एक बात पूछूं
मुरारी अपना लंड हिलाते हुए अपनी बहु के एक वीडियो में हिलते चूतड निहार रहा था - हा बोल ना बेटा अअह्ह्ह्ह्ह क्या पूछना है
अमन - पापा आपने कभी मम्मी की गाड़ मारी है , कभी उसके बड़े बड़े चूतड के दरारों में अपना लंड डाल कर घिसा है , मैं सोनल को लिटा कर उसके मोटे मोटे गाड़ के दरारों में लंड घिसता हु और कल रात को

मुरारी अपनी बहु के बारे में सोच कर - क्याह्ह बेटा क्या हुआ कल रात को ?
अमन आंखे बंद कर जोरो से लंड को लोअर के ऊपर से से हिलाता हुआ - कल रात को उसके गाड़ के दरारों में ही झड़ गया था , पूरा रस उसके चूत के फाकों में भर गया था

मुरारी अमन की बातें आंखे बंद कर अपनी कल्पना में बहु के गाड़ की दरारों में झड़ता हुआ अमन को महसूस कर रहा था देख रहा था कैसे उसके गाड़ से उसकी चूत तक अमन का गाढ़ा मलाईदार रस बहु के गुलाबी फाकों को और गुलाबी किए जा रहा था ।

अमन - पापा मैं बाथरूम जा रहा हु
मुरारी उसको पकड़ कर बिठाते हुए - अब मुझसे क्या शर्मा रहा है , मैं नही जानता क्या करेगा वहा जाकर

अमन मुस्कुराने लगा - तो क्या आपके सामने
मुरारी झटके से अपना तनमनाया लंड बाहर निकाल जिसका सुपाड़ा खूब लाल हुआ पडा था मसलने से - अरे तू भी निकाल भाई

और अमन ने भी अपना हथियार निकाला , जो सीधे मुरारी का स्वा गुना दिख रहा था था जिसे देख कर मुरारी का हलक सूखने लगा और अगले ही पल अभिमान से भरता हुआ - बाप शेर तो बेटा स्वा शेर हा हां

अमन अपना लंड सहलाता हुआ - पापा एक बात और पुछु
मुरारी सोफे पर फैलता हुआ अपना मूसल मसलने लगा- हा बेटा पूछ ना
अमन भी उसकी देखा देखी वैसे ही पोजिशन में आ गया - पापा आपको मम्मी की गाड़ चाटने का मन नाही करता ,उसकी चूत के फांके चुबलाने का मन नाही करता

मुरारी - क्यू तू बहु की चूत और गाड़ चाटता है क्या
अमन आंखे बंद कर अपना लंड हिलाता हुआ - पापा , उसकी गाड़ का गुलाबी छेद देखोगे तो आप भी खुद को रोक नहीं पाओगे जैसे मैं नहीं रोक पाता खुद को

मुरारी आंखे बन्द कर अपनी बहु के गाड़ के गहरे दरारों में उसके गुलाबी सुराख की कल्पना कर - क्या सच में बेटा , बहु की गाड़ का सुराख गुलाबी है
अमन - हा पापा और उसके बुर के फांके भी एकदम सुर्ख गुलाबी , जीभ चलाओ तो पूरी लाल होने लगती है

मुरारी अपना लंड मसलता हुआ - अह्ह्ह्ह्ह सच में ऐसी चूत को कौन नहीं चाटेगा बेटा , मुझे मिले तो मैं खा जाऊं , तू क्या करेगा बेटा अगर तुझे तेरी मां की नंगी गाड़ मिल जाए

अमन सिसकियां लेटा हुआ - अअह्ह्ह्ह पापा मुझे मां की गाड़ मिल जाए तो मैं उन्हें अपने मुंह पर घंटो बैठने को कहूंगा और खूब जीभ लगा लगा कर उनकी गाड़ और चूत चाटूंगा , ताकि वो जब झड़े तो सारा रस मेरे मुंह में आए

मुरारी अपने बेटे की बातें सुनकर वो पल सोचने लगा जब ममता अमन के मुंह पर अपनी गाड़ रख देगी और अमन उसकी गाड़ चाटेगा , मुरारी अब तक एकदम चरम पर आ गया था
अमन - पापा आप क्या करोगे अगर सोनल की नंगी चूत मिल जाए आपको तो आप क्या करोगे

मुरारी अपनी कल्पना में अपने आगे अपनी बहु को नंगी अपनी चूत खोले देखता है जो अपनी जांघें फैलाये उसे अपनी ओर बुला रही होती है और मुरारी उस कल्पना में उसकी गुलाबी बहती चूत में अपना टोपा फसा रहा था - अह्ह्ह्ह्ह बेटा मुझ बहु की चूत मिल जाए तो मैं उसे चोद दूंगा , उसकी गुलाब सी पंखुड़ियों को रौदता हुआ अपना लंड उसके बुर के जड़ो में उतार दूंगा

सोनल की चूत में अपने पापा का मोटा लंड घुसाने का सोच कर ही अमन पूरे जोश में आ गया - हा पापा चोद लेना भर देना अपनी बहु की गुलाबी चूत को उह्ह्ह्ह आपकी बहु बहुत चुदक्कड़ है खूब लंड लेती है मेरा

मुरारी - क्या सच में बेटा
अमन - हा पापा आपकी बहू को चुदाई करना बहुत पसंद है , वो तो मेरे लंड की दीवानी है , इसे खूब चूसती है खुद बुर में घुसती है

मुरारी - अअह्ह्ह्हह बेटा तेरा फौलादी लंड अगर तेरी मां देख ले तो वो भी दीवानी हो जाएगी , उसकी लंबी फाकों वाली बड़ी चूत के लिए तेरा लंड तो एकदम फिट है , पूरा घुस जायेगा उसके भोसड़े में

अमन तेजी से अपना लंड हिलाने लगा - हा पापा , मुझे भी मम्मी की गर्म चूत में घुसना है और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चोदते हुए उसके मोटे मोटे दूध पीना है

मुरारी - हा बेटा पेल लेना तू भी अपनी मां को और पेल पेल एक उसकी गाड़ पर झड़ना , बोल झड़ेगा न अपनी मां की बड़ी सी गाड़ पर उम्मम्म

अमन - हा पापा झडूंगा अअह्ह्ह्हह ममीइइई की गाड़ को भर दूंगा मैं अअह्ह्ह्ह्ह आप कहा झड़ोगे सोनल को चोद कर

मुरारी तेजी से अपना लंड मुठियाता हुआ - बेटा मैं तो मेरी लाडली बहु के गुलाबी चुचियों पर अपना रस गिराऊंगा जिससे वो और भी गुलाबी हो जाएंगी अह्ह्ह्ह्ह

अमन - ओह पापा अअह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी मम्मी अह्ह्ह्ह्ह आपकी गाड़ मुझे बहुत पसंद है देखो ना पापा मैं मम्मी की गाड़ पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्हह ममीई उह्ह्ह्ह
और अमन की पिचकारी छुट गई , वही मुरारी भी तेज सिसकियां लेता हुआ झड़ने लगा - अअह्ह्ह्ह बेटा मैं भी बहु के चुचियों पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी अह्ह्ह्ह्ह बहु तेरे चूचे उम्मम्म अअह्ह्ह्ह

जल्द ही दोनो बाप बेटे ने आखिरी बूंद तक बहु और मां के नाम पर निचोड़ दी और सुस्त होकर सोफे पर फेल गए

वही उपर पीछे की बालकिनी में ममता रागिनी को लेकर पहुंची थी ।

रागिनी - हम्म् तो ये है आपकी वो खास जगह

ममता रेलिंग पर आगे झुकती हुई - जी , मुझे मेरे घर का ये हिस्सा बहुत पसंद है और खास कर जब रात का समय या फिर ऐसा सुहाना मौसम हो , यह मुझे बहुत अच्छा लगता है

रागिनी ने ममता के उभरे हुए कूल्हे सहलाती हुई उसके करीब खड़ी होकर - तो क्या कभी इस खास जगह पर खास माहौल बनाया है

ममता - मतलब
रागिनी हस्ती हुई - अब इतनी भी भोली न बनो बहना , इतनी स्पेशल जगह पर समधी जी ने यह चादर न बिछाई हो , ऐसे कैसे हो सकता है हिहिहिही

ममता लजाती हुई - धत्त आपके दिमाग में वही सब चलता है क्या हिहिहिही
रागिनी - अरे शरमाओ मत , बताओ ना मैं सब कुछ सिक्रेट रखूंगी पक्का

ममता - नही अभी तक तो नही ,क्योंकि उनका खूंटा बंद कमरे में ही खड़ा होता है हिहिहिही

रागिनी हस्ती हुई - अरे जब खूंटा खड़ा हो और धीरे से नंगे ही कमरे से बाहर निकल जाओ और सीढ़िया चढ़ कर यहां, देखो कैसे लार टपकाते हुए आते है हिहिही

ममता - हा जैसे घर में कोई रहेगा नही , किसी ने देख लिया तो

रागिनी - अरे मेरी बहना इतना डरोगी तो लाइफ के मजे कैसे लोगी हिहिहिही, थोड़ा हिम्मत दिखाओ
एक बात बताऊं

ममता जिज्ञासु होकर उसकी ओर देखा

रागिनी - कभी कभी जब आपके समधी जी नही होते है तो मैं अपने कमरे में ही सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर ऊपर चली जाती हु और खुली छत पर अंधेरी रात में पीछे की ओर खेतो में देखना मुझे अच्छा लगता है

ममता - क्या सच में और बच्चे ?
रागिनी - वो सब अपने अपने कमरे में सो रहे होते है , लेकिन मजा बहुत आता है हल्की सर्द हवाएं जब जिस्म को छूती है और तब तो आपके समधी जी याद और भी आती है । मन करता है ऐसे मौसम में उनकी बांहों की गरमाहट मिल जाए तो मजा दुगना हो जाएं

ममता मानो रागिनी के उस ख्वाब में खो सी गई और इधर तेज हवा चलने लगी
वही नीचे से मदन वापस आ चुका था तेज आंधियों के कारण सब कुछ उड़ रहा था , धूल कचरा भूसा पन्नी सब
वो अपनी गाड़ी लगा कर जल्दी जल्दी मेन गेट का दरवाजा लगा रहा था , और उसकी नजर अनाज के गोदाम के खुले दरवाजे पर गई वो भागता हुआ गोदाम का दरवाजा खींच कर बाहर से बंद करके चटकनी लगाना चाहता था मगर हवा के तेज झोंखे उसे ऐसा करने से रोक हुए था , तभी ऊपर टेरिस की चारदीवारी से पैरासूट की तरह खुल कर एक ब्रा हवाओं में उड़ती हुई जमीन पर गई और धूल में घिसटती हुई मदन के पाव के पास रूक गई
पैर के पास नई ब्रा देख कर मदन ने आधी खुली आंखों से फौरन ऊपर देखा कि कही ऊपर से तो नही गिरा ना और उसका अंदाजा सही निकला , जब उसने चारदीवारी से झांकती सोनल को देखा ।
सोनल मारे लिहाज के झट से पीछे हो गई और मदन समझ गया कि उसकी बहु कपड़े उतारने गई होगी और आंधी में उड़ कर बेचारी की ब्रा यहां उसके पास चली आई , तभी तेज तड़तडाहट के साथ बारिश होने लगी । मदन ने जैसे तैसे करके गोदाम बंद किया आगे अपने बहु की ब्रा को मोड़ कर कुर्ते के जेब में रखता हुआ जल्दी से घर आ गया
हाल में देखा कि वहा कोई नही है ,मदन को एक पल को लगा कि शायद सब चले गए । उसे जोरो की पेशाब लगी थी और बारिश में हल्का हल्का भीगने से प्रेसर भी जोर था मगर जेब रखी बहु की ब्रा लेकर बाथरूम में जाना उसे अनुचित लग रहा था मगर बहु को उसकी ब्रा लौटाना भी कम बोझ का काम नही था । ना ही वो अमन को इसमे शामिल करना चाहता था और अपनी भाभी या संगीता से कह कर भेजवाता तो पक्का उसका मजाक बनाती
इसीलिए वो बड़े झिझक में खुद ही ऊपर पहुंचा और सोनल के कमरे का दरवाजा खटखटाया
सामने सोनल आई और मदन ने बिना उसकी ओर देखे ही ब्रा उसकी ओर बढ़ा दी - बहु ये तुम्हारा कपड़ा नीचे गिर गया था , लो।
अगले ही पल मदन उसको देकर जैसे ही घूम कर अपना पल्ला झाड़ कर निकलने का सोचा ही था कि पीछे से सोनल ने टोका - चाचा जी ये मेरा नही है ,इतना बड़ा मैं नही पहनती । ये जरूर मम्मी जी का होगा

मदन भीतर से फिर से उलझ सा गया उसको पहले से ही अपनी बहु के आगे आने में हिचक हो रही थी , जबसे उसने शादी के बाद की अगली सुबह सोनल का खुला जोबन देखा था और अब ये ब्रा का ड्रामा

मदन का दिमाग नही चल रहा था और वो घूम कर सोनल के हाथ से ब्रा लेकर वापस जाते हुए बोला - ठीक है मैं भाभी को दे देता हु फिर

इधर सोनल ने झट से दरवाजा लगा दिया और वही मदन एक फिर अपने फैसले के लिए भीतर से खुद को गालियां देने लगा कि क्यू उसने बहु से ये लफ्ज़ कहे । बहु क्या सोचेगी कि मैं बहुत आसानी से उसकी सास को ब्रा देने जाऊंगा ।

मदन पैर पटकता हुआ नीचे आया और उसने हाल में से ही अटकलें लगाने शुरू कर दिए कि कमरे में कोई है तो नही । उसपे से पेशाब का प्रेसर और भी था ।
आखिर उसने तय किया कि एक बार वो गलियारे से भीतर ममता के कमरे में झांकता हुआ निकलेगा अगर कोई नही हुआ तो वापस लौटते समय वो ममता के कमरे में ब्रा फेंक कर आ जाएगा

मदन के लिए सब कुछ उसकी योजना के मुताबिक था , वो गलियारे से होकर बाथरूम की ओर बढ़ रहा था वो ठीक वही समय था जब दोनो बाप बेटे एक साथ मुठ्ठी मार कर झड़ कर सुस्ता रहे थे और कमरे का दरवाजा ऐसे भीडका हुआ था कि गलियारे से गुजरने वाले को यही दिखेगा कि कमरे में कोई नही है ।
मदन को भी वही भ्रम हुआ उसे जाते वक्त यही लगा कि कमरे में कोई नही है और सब कुछ एकदम शांत था , मदन जल्दी से बाथरूम में फ्रेश हुआ और हाथ धूल कर वापस आ रहा था तो उसको उसका रूमाल नही मिल रहा था , उसे यकीनन अंदाजा हुआ जरूर ऊपर बहु के कमरे पास ब्रा निकालते हुए गिरा होगा ।
उसने गीले हाथो से ही ममता की ब्रा को जेब से निकाला और आधे खुले दरवाजे से भीतर बिस्तर की ओर उसे झटक दिया और तेज कदमों से आगे बढ़ा
दरवाजे से उड़ती हुई ब्रा बिस्तर के पावे से टकरा कर जमीन पर गिरी और दोनो बाप बेटे हडबडा कर अपना कपड़ा सही करते हुए उठ खड़े हुए मुरारी ने लपक कर वो ब्रा उठाई और तेजी से दरवाजा खोल कर गलियारे से हाल में झांका तो देखा मदन हाल के सोफे पर बैठ कर सुस्ताते हुए स्टैंड फैन की हवा खा रहा है ।
मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि ये हरकत किसकी है और वो गुस्से से लाल हो गया ।

अमन - क्या हुआ पापा कौन था ।
मुरारी - और कौन होगा , तेरा चाचा था ।

अमन को अपने पापा के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था उसने अपने बाप को बोतल से पानी दिया और शांत होकर - क्या बात है पापा आप नाराज क्यों हो गए

मुरारी - तुझे एक राज की बात बताता हु सुन
फिर मुरारी ने अमन को संगीता और मुरारी के बीच की बातें बताई - क्या सच में बुआ और चाचा आपस में ।

मुरारी - और उसका ठरक रुकने वाला नही है , अब देख तेरी मां की ब्रा लेकर न जाने बाथरूम में क्या क्या नाश किया होगा कमीने ने हुह्ह

अमन हंसता हुआ - अब जब उनकी शादी नही करवाई आपने तो ये सब होना ही था ना , कबतक कोई खुद को रोक पाएगा पापा और फिर मां की मटकती गाड़ और बड़े बड़े चूचे किसी को भी आकर्षित कर देंगे ।

मुरारी - अरे जिससे वो शादी करना चाहता था उसके बाप ने उस लड़की की शादी कही और कर दी , तो इसने जीवन भर कुंवारा रहने का फैसला कर लिया

अमन - और वो लड़की ,मतलब चाचा की गर्लफ्रेएंड उसने खुशी खुशी कर ली शादी ?

मुरारी - नही बेटा , बाप की मजबूरी बेटियां ही समझती है उसने मजबूरी में शादी कर तो ली मगर कुछ साल पहले उसका पति एक बस दुर्घटना में चल बसा ।

अमन - आपको कैसे पता
मुरारी - कुछ महीने पहले बड़े शहर में एक बार उससे मिलना हुआ था और उसने सारी कहानी बताई , दुख की बात है कि उसकी कोई औलाद भी नही है और वंश आगे न बढ़ाने उसपे से पति के मरने का दोष देकर बेचारी के ससुराल वालो ने ही उसे घर से बेघर कर दिया है

अमन - और चाचा को इस बारे में पता है
मुरारी - नही , उसने मना किया था कि वो इनसब का जिक्र मदन से ना करे ।
अमन - पापा आपको नही लगता कि अब चाचा को उनका प्यार लौटा देना चाहिए, इन दोनो की शादी करा देना चाहिए और उससे उनकी प्रेमिका का भी दुख दूर हो जाएगा । शायद इससे चाचा की हरकते भी सुधर जाए ।

अमन की बातें सुनकर कर मुरारी - हा बेटा मैं भी उसकी शादी के लिए सोच रहा था और तेरी मां ने संगीता की छोटी ननद का प्रस्ताव भी रखा था मगर तेरी शादी के उलझन में मैने इसपे ध्यान नहीं दिया ।

अमन - तो पापा आंटी जी को खोज निकालो और हमसब चाचू को शादी के लिए मना लेंगे

मुरारी हंसता हुआ - तूने तो मेरी सारी उलझन ही सुलझा दी, अब जबतक तू हनीमून से वापस आएगा मैं तेरी चाची खोज निकालूंगा ।

अमन - ठीक है पापा , वैसे आपको अजीब नही लग रहा है हनीमून पर साली को ले जाना हिहिहिही

मुरारी - अरे तेरी किस्मत बुलंद है कि निशा जैसी मस्त खूबसूरत साली मिली है , मौका मिले तो उसके साथ भी हिहिहिही

अमन हंसता हुआ - पापा आप भी कम नहीं हो , वैसे एक बात पूछूं, क्या आपने कभी मां के अलावा किसी के साथ ?

मुरारी उसके गाल खींचता हुआ - सारी बातें आज ही उगलवा लेगा उम्मम्म, जा अब अपने हनीमून की तैयारी कर और वापस आकर सारे किस्से सुनूंगा तुझे

अमन - क्यों नहीं पापा हिहिहिही थैंक यू
मुरारी - थैंक यू किसलिए भाई ?
अमन - मेरी दोस्ती एक्सेप्ट करने के लिए
मुरारी हंसता हुआ उसके कंधे पर हाथ रख कर अपनी ओर खींच लेता है ।

जल्द ही शाम ढलती है और फिर रात के खाने के बाद ममता रागिनी को लेकर अपने कमरे में सोने चली जाती है देर रात तक उनकी मस्तियां हसीं ठिठौली चलती है
वही मुरारी रंगी के साथ गेस्ट रूम में सो जाता , घर में रोज के जैसे ही मौहौल होता है । अमन आज दुगने जोश से सोनल की चुदाई करता है और वो भी सो जाता है ।
एक ओर जहां अनुज राज मिल कर पूरी रात शिला और रज्जो की छेद बदल बदल कर ठुकाई करते है तो दूसरी ओर राहुल एक घर में राहुल और अरुण ने दिन में चुदाई का कोटा पूरा कर सो चुके थे मगर जांगीलाल के कमरे की बत्ती देर रात तक जलती रही ।
आज की रात बदलाव की रात थी एक दूसरे से राज साझा करने की रात थी । अपने पति के प्यार के आगे शालिनी ने बड़े लाज ने निशा के सामने ही कमलनाथ से चुदने वाली बात स्वीकार कर ली तो बदले में जांगीलाल ने भी ईमानदारी दिखा कर रज्जो को चोदने का मामला साझा कर दिया ।निशा ने भी उसकी और राहुल की मिस्ट्री की सारी हिस्ट्री खोल कर अपने मम्मी पापा के आगे रख दी ।
फिर दो राउंड धमाकेदार चुदाई हुई और तीनो बाप बेटी मां एक फैमिली गैंगबेंग वाली चुदाई का सपना देखते हुए सो गए ।



अगली सुबह ......

अगली सुबह विदाई दुखद समाचार के साथ कुछ नए सफर का आगाज भी लिए खड़ी थी ।
मुरारी के यहां से रंगी और ममता ने विदाई ली और घर चले गए । उनके जाने के बाद संगीता और दुलारी भी उसी रोज अपने अपने घर के लिए निकल गए ।
इधर राज के घर से रज्जो शिला और अरुण की विदाई थी , रागिनी ने भी आंसू बहा कर सबको विदा किया ।
रज्जो शिला के साथ एक नए रोमांचक सफर के लिए निकल चुकी थी ।
राहुल के घर आज से चुदाई का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था ।
तो वही शादी की जिम्मेदारियों मुफ्त होकर रंगी ने भी कुछ रोज की छुट्टी की इच्छा जाहिर की और कुछ रोज बाद इधर जब अमन सोनल और निशा के साथ हनीमून के निकला तो रंगी भी उसके बाद ही अपने ससुर से किया वादा पूरा करने के लिए दुकान की सारी जिम्मेदारी राज को सौप दी और खुद ससुराल निकल गया घुमने के लिए।

अनुज के बोर्ड होने वाले थे तो उस की पढ़ाई जरूरी थी ,मगर अब वो पहले वाला अनुज नही था । सोनल की शादी में अनुज बदल सा गया था अगले रोज से अनुज का कॉलेज का सफर भी शुरू हो गया था ।
वही मुरारी भी अपने बेटे से किया वादा निभाते हुए अपने भाई की प्रेमिका की तलाश में जुट गया ।


अब आगे ना जाने किसको कैसे अनुभव होने वाले थे मगर ये तय है कि आने वाला हर सफर हर एक रास्ता सबको नए सुहाने कामुक सपने जरुर दिखाएगा , कुछ हकीकत भी होंगी तो कुछ फसाने भी होंगे ।
मगर आपके लिए एंटरटेनमेंट ही एंटरटेनमेंट रहेगा इस कहानी में ।



सपना या हकीकत
अध्याय : 01

समाप्त
बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट आपकी कहानी बहुत ही मजेदार और रोमांचकरी थी आपकी लेखनी की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है इंतजार रहेगा आपकी नई कहानी का
 
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UPDATE 222

राज के घर

इधर दोनो भाई रिक्शा कर घर के लिए निकल गए और दोनो के मन उखड़े हुए थे , मगर राज को अनुज के सिक्रेटस पता होने पर हंसी आ रही थी ।
अनुज ने नोटिस किया तो पूछ भी लिया - क्या हुआ भैया हस क्यूं रहे हो
राज - कुछ नही भाई तू उदास होना छोड़ दे । फिर कोई नई मिल जाएगी हाआआह्ह

अनुज - मैं समझा नही , क्या नई मिल जाएगी
राज हसता हुआ - रिंकी जैसी कोई , और तेरी तो किस्मत भी बुलंद है एक को छोड़ा तो दूसरी उठा ले गई तुझे हाहहा
राज की उलझी हुई बातें अनुज समझा गया कि उसके भैया को रिंकी और दुलारी भाभी दोनो की बात पता है
अनुज पहले शरमाया फिर उदास होकर - हा लेकिन क्या फायदा , पता नही कब मिलना होगा उनसे और फिर कल बुआ भी चली जाएगी

राज - अरे तो टेंशन क्यूं ले रहा है , आज घर में मम्मी पापा है नही तो काम बन जाना ही चाहिए

अनुज - सच में भैया , लेकिन मौसी है ना
राज - उसकी फिकर ना कर तू, पहले घर चलते है
इधर दोनो भाई घर की ओर बढ़ रहे थे तो वही चौराहे वाले घर रज्जो और शीला ने अपनी अपनी पैकिंग आज ही पूरी कर ली

रज्जो - उह्ह्ह्ह लोह्ह भाई ये भी बैग भर गया , अब थोड़ा आराम चाहिए मेरी तो सास ही फूलने लगी

शिला मुस्कुराई और उसको अपनी ओर खींचती हुई - फिर तो योगा वोगा शुरू कर दो मेरी जान , मेरे यहां तो मुंह खोले बिना ही सास लेनी पड़ेगी

रज्जो हस्ती हुई - धत्त कामिनी तु भी ना ,
शिला मुस्कुराई और उसकी बिस्तर पर धकेलती हुई - क्या बोली साली उम्म्म
और देखते ही देखते शिला उसके ऊपर चढ़ गई और उसके हाथ ऊपर कर उसके लिप्स चूसने शुरू कर दिए
रज्जो भी जोश में आकर शिला के लिप्स को चूबलाने लगी ,

शिला उसके ऊपर माथे जा रही थी और दोनो आपस में एक दूसरे को चूसे जा रहे थे
शिला ने अपनी कुर्ती ऊपर की और मोती मोटी दुधारू चूचियां रज्जो के मुंह पर रखती हुई ठूंसने लगी - अअह्ह्ह्ह्ह साली छीनार लेह बहुत बोलती है तेरा मुंह तो कई ऐसे ही बंद करूंगी अह्ह्ह्ह आउच उह्ह्ह्ह हरामजादी काट क्यू रही है

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रज्जो उसकी मोटी चूचियां दोनो हाथो से पकड़ कर बारी बारी से निप्प्स को चूसने लगी और मिजती हुई - तेरी रसीली चूची को खा जाऊं ऐसी है ये उह्ह्ह्ह मेरी रांड शिला तेरे जोबन देख कर तो मेरा दिल बावरा हो जाता है तो तेरे घर के मर्दो का क्या हाल होता होगा उम्मम्म सीईईईईईआईआई

शिला उसके मुंह में अपनी चूचियां ठूंसती हुई - वही हाल होता है जैसा तेरा है मेरी सेक्सी रांड अअह्ह्ह्ह्ह कामिनी मुझे पटक दिया

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रज्जो उसको घुमा कर नीचे कर देती है और अपनी मैक्सी उतार कर फेकती हुई वापस उसके ऊपर चढ़ कर उसकी रसीली मोटी थन सी चुचियों पर टूट पड़ती है - बहिनचोद तुझे तो पटक के पेलने में जो मजा है वो कही और कहा अअह्ह सच सच बता , तू अपने मुहल्ले भर के बच्चो को दूध पिलाती है क्या जो निप्पल तेरे इतने मोटे हो गए है अअह्ह्ह्ह्ह

रज्जो उसकी चूचियां बदल बदल कर चूस रही थी - सच सच बता कौन कौन दूहता है तुझे मेरी जान आह्ह्ह्ह्ह्

रज्जो जिस तरह से शिला को मसल रगड़ रही थी शिला की चूत बजबजाने लगी थी - चल रही है , रोज सुबह भोर में दुहवा दूंगी तुझे भी अअह्ह्ह्हह् बहिनचोद उह्ह्ह्ह हिहिहिही आराम से फट जाएगा

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रज्जो उसकी लेगी खींचती हुई - भोसड़ा बना चुकी है अब बचा ही क्या है उसमे , हाथी जैसा लंड घोंट घोंट कर पूरा हाईवे बना लिया है

शिला कसमसाती हुई अपने कूल्हे उछालने लगी - आह्ह्ह्ह्ह फिर क्यों चाट रही है उसे कुतिया के जैसे अअह्ह्ह्हह ममीइइई उह्ह्ह्ह

रज्जो उसकी चूत में मुंह लगाए हुए - क्योंकि तेरी भोसड़ी का रस बहुत टेस्टी है अअह्ह्ह्हह कितना गर्म गर्म माल छिपा रखा है उम्मम्म्मम

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रज्जो उसकी बुर में अपनी थूथ रगड़ती हुई भीतर जीभ नचाने लगी - अअह्ह्हह साली रण्डी कुतिया और चाट अअह्ह्ह्ह मेरा भोसडेदार चूत अअह्ह्ह्हह उह्ह्ह और और उह्ह्ह्ह


इधर दोनो चुदासी सेक्सी औरते आपस में एकदूसरे को मीज मसल रही थी तो वही बाहर राज और अनुज रिक्से से उतर चुके थे और गेट खोल कर मेन दरवाजा खोलते हुए हाल में घुसते है

अनुज - अरे बुआ और मौसी कहा है ? बुआआआ !!
तभी राज उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकता हुआ अपनी मां के कमरे की ओर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
दोनो भाई दबे पाव कमरे की ओर बढ़े , कमरे से तेज कूलर की हनहनाहट में रज्जो और शीला की सिसकियां घुल चुकी थी
जैसे ही कमरे के दरवाजे से दोनो ने भीतर झांका राज और अनुज दोनो चौक गए

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सामने बिस्तर पर शिला की जांघें खोले हुए रज्जो उसके ऊपर चढ़ कर कैंची बनाते हुए उसकी चूत से अपनी चूत आपस में रगड़ रही थी

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दोनो भाई भौचक्के एक दूसरे को निहारते हुए खुश हो गए और अपना अपना लंड बाहर निकाल कर उसको सहलाते हुए कमरे में दाखिल हुए
जैसे ही शिला को भनक हुए वो रज्जो को धकेलते हुए उठ गई इस डर से की घर में बाकी लोग भी आ गए होगे

शिला - तु तुम दोनो , इतना जल्दी कैसे
अनुज हस्त हुआ - बस देखने आए थे आपको हिहिहिही
रज्जो - अनुज मस्ती नही , बता बाकी लोग कहा है ?

अनुज दांत दिखाता हुआ - खुद अकेले अकेले मस्ती कर रही हो और हमें कह रही हो मस्ती नही , देखा भैया इतनी नाइंसाफि

राज हस्त हुआ - ओहो बुआ मौसी कोई नही है , बस हम लोग है ,पापा मम्मी कल आयेंगे

रज्जो ने चैन की सास ली - लेकिन तुम दोनो अंदर कैसे आए , दीदी तुम दरवाजा लगाई थी न

शिला कुछ देर सोचा कर अपनी जीभ दांत में दबा कर मुस्कुराते हुए रज्जो को देखा और हसने लगी .
रज्जो - हम्म तभी तो मैं सोचू ये दोनो बैल घर में कैसे घुसे

अनुज - हम दोनो बैल अपनी अपनी गईया खोजते आए है मौसी हिहिहिही
शिला - ये कितना बिगड़ गया है इधर आ बताती हुं

अनुज अपना लंड सहलाता हुआ - आपके पास ही आ रहा हु बुआ
अनुज अपना लंड शिला के आगे परोसता हुआ उसके सर को सहलाने लगा ,शिला भी बिस्तर पर घोड़ी बनकर अनुज का लंड मुंह में भर कर चूसने लगी - अह्ह्ह् बुआ कितना ठंडा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई

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वही बगल से राज की भी सिसकी आने लगी - उम्म्म मौसी आह्ह्ह्ह्ह आपका तरीका बहुत अच्छा लगता है अह्ह्ह्ह कल से बहुत याद आओगे आप उह्ह्ह्ह

अनुज - हा बुआ आपकी भी बहुत याद आयेगी उह्ह्ह्ह आराम से उम्मम्म आप तो पूरा घोट जा रही हो अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह और चूसो उम्म्म्मम

शिला - मुझे भी तुम सब की बहुत याद आयेगी मेरे लाडलो उह्ह्ह्ह और ये भी कि मेरे बेटे अब जवान हो गए है आआआआअह्ह्ह औरते संभालने लायक
राज - क्यू बुआ पहले शक था क्या हिहिहिही आआआह्हह्ह्ह मौसी उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड जी कर रहा है आपके मुंह में भर दू अह्ह्ह्ह्ह् ये लोह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कितना मजा आता है आपके हर छेद में पेलने का उह्ह्ह्ह्ह्

राज गला फाड़ता हुआ रज्जो के गले में अपना लंड घुसेडने लगा और फिर उसको धक्का देकर बिस्तर पर चढ़ कर चूत में लंड घुसा दिया

रज्जो - आआआह्ह लल्ला उह्ह्ह्ह कबसे तेरे लंड को प्यासी थी मेरी चूत उह्ह्ह्ह और पेल आह्ह्ह्ह हा ऐसे ही अअह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है बेटा ओह माआआ

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राज उसकी चूत ने हचक के लंड उतार रहा था - अब ठीक न मौसी उह्ह्ह्ह लोह और लोह आज पूरी बच्चेदानी भर दूंगा तुम्हारी उह्ह्ह
रज्जजो : उह्ह्ह्ह लल्ला तेरे लंड से मेरी चूत बहने लगी है अअह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह हा खा जा उह्ह्ह्ह मम्ममिई उह्ह्ह्ह

राज लपक कर रज्जो की चूत में मुंह दे दिया और वही बगल शिला की जांघो के बीच अनुज भी उसकी बुर की फाकों से लेकर गाड़ की भूरी सुराख तक जीभ फिरा रहा था - उह्ह्ह्ह बेटा उम्म्म कितना मस्त चाटता है तू उम्मम्म्म आआह्ह्ह्ह्ह् भाभीए इन दोनो की जोड़ी कमाल की है अअह्ह्ह्हह
रज्जो बगल में लेटी हुई शिला के लिप्स से अपने लिप्स जोड़ कर मुस्कुराई हुई - जोड़ी तो हम दोनो की भी कमाल की है मेरी जान

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अनुज - उम्म्म बुआ ना कबसे मुझे आपके बुर को चाटने का सपना आता था , है रोज आपकी गाड़ चाटने का सोच कर हिलाता था मैं उह्ह्ह्ह कितनी रसीली बुर है आपकी सीईईईईईआईआई

शिला - अअह्ह्ह्हह खा जा बेटा , चाट ले अपनी बुआ की बुर उम्म्मम तेरी छोटी सी जीभ मुझे पागल कर दे रही है

" मैं भी इसे खा लूं क्या मेरी जान अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह राज आराम से उह्ह्ह्ह बेटा उह्ह्ह्ह्ह" , रज्जो घोड़ी बनी हुई शिला की मोटी हिलती चूची को पकड़ कर सहलाती हुई अपने मुंह में भर लिया और उसके निप्पल चूसने लगी ।

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शिला मानो पागल सी हो गई - अहह्ह्ह्ह भाभी उह्ह्ह्ह पी जाओ मेरे थन से टपकते रस को अअह्ह्ह्हह अओह्ह आराम से लाला उह्ह्ह्ह बहुत कसा है अच्छे से घुसा

रज्जो पीछे से राज के करारे झटके अपनी चूत में लेती हुई - अह्ह्ह्ह्ह लल्ला कस के घुसा एक ही बार में फाड़ दे उह्ह्ह्ह्ह

अनुज मारे जोश में शिला की टांग को अपने कंधे पर रखता हुआ एक करारे झटके के साथ शिला की रसाती बुर में हचाक से लंड पेल दिया - अअह्ह्ह्ह मम्मिई फाड़ दिया रे उह्ह्ह्ह अब रुका क्यू है चोद ना हरामी मौसी का चमचा कुत्ता कही का अअह्ह्ह्ह जल रहा है

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अनुज बत्तीसी दिखा कर रजजो के साथ हस रहा और फिर अपनी बुआ की चूत में लंड चलाने लगा - ओह गॉड बुआ आपकी चूत बहुत गरम है अअह्ह्ह्ह

रज्जो - जा बेटा तेरी बुआ एक नंबर की रंडी है हमेशा आग लगी रहती है इसकी चूत में पेल आज रहम मत दिखाना
अनुज अपनी मौसी की बातें सुन कर जोश में कस कस के शिला की बुर फाड़ने लगा , शिला गला फाड़ कर चीखने लगी
वही राज ने एक बार फिर पोजिशन बदल दिया और नीचे लेट कर अपनी मौसी को चोदने लगा

राज अपनी मौसी की खरबूजे सी मुंह पर लटकती छातियां पिता हुआ उसकी बड़ी सी गाड़ थामे सटासट रज्जो की बुर में लंड पेले जा रहा था और रज्जो भी शिला की तरह बेफिकर सिसकियां ले रही थी - उह्ह्ह्ह लल्ला ना जाने तुझे इतना जोश कैसे आ जाता है जब तू अनुज के साथ होता है अअह्ह्ह्ह्ह फाड़ और पेल अपनी मौसी की चूत को अओहह्ह उम्मम्म्म रुकना मत बेटा अअह्ह्ह्ह सीईईईई

राज - वो तो पता नही मौसी लेकिन आज तो पूरी रात आपको ऐसे ही पेलने वाला हु , क्यू अनुज

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अनुज जो अब तक शिला को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसाये हुए शिला की गाड़ मसल मसल कर पेल रहा था - अह्ह्ह्ह्ह हा भैया फिर ना जाने ये मौका कब मिले , और जब फिर से मुझे बुआ की गाड़ सहलाने को मिले आआआह्हह्ह् मेरी सेक्सी चुदक्कड़ बुआ अअह्ह्ह्हह

शिला - हा लल्ला पेल ना अपनी चुदक्कड़ बुआ को और पेल और उह्ह्ह्ह और कैसी लगती हूं मैं तुझे मेरे लाल अअह्ह्ह्ह्

अनुज मारे जोश ने शिला की चूत की जड़ो में लंड घूसाता हुआ - अअह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ तुम तो मुझे किसी रंडी जैसी लगती हो , अह्ह्ह्ह लगता है तुम्हारी गाड़ 50 लोग मिल कर मारते है थी इतनी बड़ी हो गई है , जी कर रहा है इसी गाड़ में झाड़ जाऊं उह्ह्ह्ह आपकी गाड़ हुआ मुझे पागल कर रही है आपकी गाड़ चाटना मुझे बहुत पसंद है बुआ अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी बुआ उह्ह्ह्ह मेरी रंडी बुआ मेरा आने वाला है अअह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह

शिला - भर दे बेटा भर अपनी बुआ की बुर उह्ह्ह्ह
वही बगल मे राज भी रज्जो को एक बार फिर घोड़ी बनाए हुए करारे झटके दे रहा था और अनुज शिला की बातें उसे भी चरम पर ले आई थी और दोनो भाई एक साथ रज्जो और शीला की चूत में अपने अपने फब्बवारे छोड़ दिए
शिला और रज्जो देर तक उनके झटको से निकलती गर्म पिचकारी की धार चूत की दीवारों में महसूस करती रही और दोनो थक कर उनके ऊपर ही रह गए

मगर जोश कहा किसी का ठंडा होने वाला था और अनुज ने शिला की गाड़ चाटते हुए एक बार फिर से नए राउंड की पहल कर दी थी
तो वही रज्जो अपनी चूत से निकले राज के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी ।


अमन के घर

फोन की घंटी मुरारी को बेचैन कर चुकी थी और रंगी से इजाजत लेकर गेस्ट रूम से बाहर आ कर हाल में आया तो जीने के पास अमन बेचैन खड़ा हुआ था
मुरारी - क्या हुआ बेटा
अमन - पापा !! वो ....
मुरारी - हा बोल ना बेटा ,क्या बात है ?
अमन थोड़ा झिझक कर मुस्कुराता शर्माता - वो में ऊपर बोर हो रहा था तो सोचा आपसे बात करू , आप बिजी तो नही ।

मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि अमन की बेचैनी का कारन क्या हो सकता है और वो मुस्कुराते हुए - अच्छा ठीक है चल गोदाम में चलते है
अमन - आपके कमरे में चलते है ना
मुरारी - अरे वहा तेरी मां और वो तेरी सास होगी

अमन - नही पापा वो बाहर मौसम सुहाना हुआ है बारिश वाला तो मम्मी , उनको लेकर ऊपर ही गई है

मुरारी - अच्छा ,फिर ठीक है चल
दोनो बाप बेटे कमरे में दाखिल होते है और हल्का सा दरवाजे भिडका देते है ताकि अगर गलियारे से कोई बाथरूम की ओर कोई जाए तो भी दरवाजे की आड़ में सोफे पर बैठे हुए वो दोनो किसी को ना दिखे ।

मुरारी - हा बोल बेटा
अमन थोड़ा शर्माता हुआ - पापा क्या हुआ कल , मम्मी ने पहना था वो कपड़ा

मुरारी अमन के जज्बात बखूबी समझ रहा था और मुस्कुरा कर - हा बेटा और सच कहूं तो पिछली बार वो मजा नही आया था जो इस बार आया ।

अमन - क्यू ? ऐसा क्या हुआ इस बार ?
मुरारी अपने पजामे में अंगड़ाई लेते लंड को मिजता हुआ - अरे तब के समय में और अब के समय में तेरी मां का बदन दुगना से ज्यादा गदराया हुआ है , उसके चूतड को 3 गुना ज्यादा बड़े दिखते है अब और कल रात वो कच्छी में उसकी बड़ी सी गाड़ ने मुझे पागल कर दिया , अगर तू देखा होता तो तू भी अपनी मां पर लट्टू हो जाता

अमन का लंड एकदम से अपनी मां को उस रूप में देखने के लिए फड़फड़ा उठा - और फिर

मुरारी - बेटा तूने जो वो ब्रा ऑर्डर की थी वो तो आगे से एकदम आरपार दिखने वाली थी , उसमे से झांकती तेरी मां की मोटी मोटी चूचियां उम्मम्म कितनी रसीली लग रही थी अअह्ह्ह्हह तू देखता तो तुझे फिर से मन करता कि उसकी गोदी में लेट कर उसका दूध पी जाऊं

अमन अपना लंड अपने बाप के सामने मिजते हुए उसकी और निहार कर - पापा दिखाओ ना मम्मी को प्लीज
मुरारी अमन की आंखों में अपनी के लिए दीवानगी साफ साफ देख रहे था , उसका हाथ कैसे अपनी मां के गदराए जिस्म के बारे में सोच कर अपना लंड मसल रहा है और वो मुस्कुराता हुआ अपने जेब से मोबाइल निकाल कर गैलरी ओपन कर अमन के हाथ में मोबाइल दे देता है

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अमन कई सारे सेक्सी तस्वीरों मे से अपना एक तस्वीर ओपन करता है जिसमे उसकी मां सर पर चुन्नी लिए हाथ फैला कर आईने के आगे खड़ी थी और उस जालीदार चुन्नी के नीचे उसके फैले हुए चूतड की दरारों को उसके बालो के परांदे ने धक रखा था , सामने आईने में ब्रा से बिलकुल वैसी ही उसकी रसीली छातियां झलक रही थी जैसा उसके पापा अभी बता रहे थे , अपनी मां का कौमार्य रूप देख कर अमन का दिल जोरो से धड़क रहा था उसका दूसरा हाथ अपने सुपाड़े को मसल रहा था

तभी अमन ने एक वीडियो पले कर दी जिसमे उसकी मां ने घूम और अदाये दिखा कर बड़े ही सेक्सी सेक्सी पोज दिए थे और उसके पूरे बदन की नुमाइश थी उसमे - उह्ह्ह्ह गॉड कितनी सेक्सी लग रही है मम्मी

मुरारी अपने बेटे से उसके मां के लिए सेक्सी शब्द सुनकर भीतर से सिहर उठा और अपना मूसल मसलने लगा ।
अमन - पापा ये सब मैं अपने मोबाइल में लेलू प्लीज
मुरारी अमन के जजबात समझ रहा था और मुस्कुरा कर हा में सर हिला दिया और अमन ने फटाफट अपने व्हाट्सएप पर सारी तस्वीर लेली और मुरारी को मोबाइल दे दी

मुरारी मोबाइल बंद कर जेब में रखता है कि फिर से उसका mobile वाइब्रेट होता है और मोबाइल स्क्रीन पर अमन कुछ फोटो भेजे थे उसके नोटिफिकेशन देख कर - तूने क्या भेजा है बेटा

अमन इसपे मुस्कुरा कर थोड़ा शर्माता हुआ - खोल के देखो ना , वो कल रात मुझे आपकी बातें याद आ रही थी तो मैंने

इधर अमन की बातें पूरी नहीं हुई थी मुरारी चौक कर बोल पड़ा - अरे ये तो बहु है
अमन मुस्कुरा कर - जी पापा , मैने सोचा क्यों न उसको शादी में दिए हुए आपके गहने पहना कर तैयार करू जैसा आप मम्मी को करवाते हो । कैसी लग रही है आपकी बहू पापा ?

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सामने मोबाइल में अपनी नई नवेली बहु की नंगी सिर्फ सोने के गहनों में सजी हुई उसपे से माथे पर एक लाल चुन्नी लिए खड़ी हुई देख कर मुरारी का लंड बेकाबू हो गया , उसकी नजर अपनी बहु के जिस्म से हट ही नहीं रही थी , रानी हार जो उसने खास तौर पर अपनी बहु के लिए पसंद किया था वो आज उसके दोनो मोटे मोटे चुचियों के बीच लटकता पा रहा था उसके गुलाबी निप्पल और फिर हल्के फुल्के बालों वाली गुलाबी चूत को ढकती सोने की करधन ने तो कयामत ही कर रखा था , मुरारी को उम्मीद नहीं थी कि अमन उसके लिए ऐसा तोहफा लाएगा ।

अमन अपने पापा को चोरी छिपे अपने कुर्ते के नीचे से सोनल को एक तक निहार कर अपना लंड मुठिया रहा था - बोलो ना पापा कैसी लग रही है आपकी बहू ?

मुरारी को अमन के सवाल से जोश भी आ रहा था तो भीतर डर भी था वो यूं खुल कर अमन के सामने अपने जज्बात नही रख सकता - अअह्ह्ह्ह बेटा क्या कहूं, ऐसा लग रहा है कि सालों पहले तेरी मां को निहार रहा हु

मुरारी फिर से व्हाट्सएप खोलता हुआ - रुक तुझे भी कुछ भेजता हु वो भी देख
अमन कामुकता भरी जिज्ञासा से - क्या पापा ?
मुरारी ने धड़ाधड़ एक के बार एक कुछ दूसरी तस्वीर भेजी और अमन ने जैसे ही मोबाइल में ओपन किया

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तो अमन उसकी मां पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी उसकी मोटी मोटी चूचियां और मोटे जामुन जीतने बड़े बड़े भूरे निप्पल देख कर अमन के मन में मन पानी आ गया - उह्ह्ह्ह गॉड पापा , मम्मी के दूध कितने बड़े बड़े है

मुरारी का ध्यान तो सिर्फ सोनल के गुलाबी चुचियों पर था - है ना , बहुत मजा आता है बेटा तेरी मां के ऊपर चढ़ कर उसके दूध पीने का
अमन - हा पापा मेरा भी मन कर रहा है कि मां के ऊपर लेट कर उनके दूध पियू, मां के निप्पल कितने मोटे है और सेक्सी भी

मुरारी अपने बेटे से उसकी मां के चुचियों की तारीफ सुनकर अब पूरे जोश में उसके आगे अपना लंड मसल रहा था और अमन भी बिना डरे अपने पापा के आगे अपना लंड मिज रहा था - अह्ह्ह्ह्ह पापा , आपको सोनल के निप्पल कैसे लग रहे है
मुरारी मोबाइल में सोनल की रसदार गुलाबी निप्पल को देखकर जोश ने - अअह्ह्ह्हह बेटा बहु के निप्पल तो बिलकुल तेरी के जैसे है , जब वो व्याह के आई थी , ऐसी ही कोरी कोरी मगर हल्की भूरी, मैं उन्हें खूब मिजता और चूसता था । तेरी मां को वो खूब भाता था और तूने बचपन में अपनी मां का दूध 5 साल तक पिया है इसीलिए उसके निप्पल इतने मोटे है

अमन भरे जोश में अपनी की नंगी चूचियां और मोती मोटी काली घुंडीया निहार कर आहे भरता हुआ अगली तस्वीरे देखता है - पापा मुझे फिर से मम्मी का दूध पीना है अह्ह्ह्ह कितना सेक्सी है ओह्ह्हज गॉड पापा ये भी है उफ्फफ्फ कितनी बड़ी गाड़ है मम्मी की

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मुरारी - हा बेटा रोज उसी गाड़ पर झड़ता हूं मैं और तेरी मां को भी अपनी गाड़ पर मेरा पानी लेना बहुत पसंद है

मुरारि भी अगली तस्विरे देखता है जिस्मे सोनल के लम्बी बालो की चोटी उसके गाड़ के दरारो तक जा रही थी

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मुरारि - ओझ्ह्ह बहु के चूतड भी कम बड़े नही है बेटा अह्ह्ह्ह इतनी लंबी चोटी पहले तेरी मां की भी थी जो ऐसे ही उसके गाड़ के दरारों को ढक लेती थी

अमन - सीईईईईईआई पापा एक बात पूछूं
मुरारी अपना लंड हिलाते हुए अपनी बहु के एक वीडियो में हिलते चूतड निहार रहा था - हा बोल ना बेटा अअह्ह्ह्ह्ह क्या पूछना है
अमन - पापा आपने कभी मम्मी की गाड़ मारी है , कभी उसके बड़े बड़े चूतड के दरारों में अपना लंड डाल कर घिसा है , मैं सोनल को लिटा कर उसके मोटे मोटे गाड़ के दरारों में लंड घिसता हु और कल रात को

मुरारी अपनी बहु के बारे में सोच कर - क्याह्ह बेटा क्या हुआ कल रात को ?
अमन आंखे बंद कर जोरो से लंड को लोअर के ऊपर से से हिलाता हुआ - कल रात को उसके गाड़ के दरारों में ही झड़ गया था , पूरा रस उसके चूत के फाकों में भर गया था

मुरारी अमन की बातें आंखे बंद कर अपनी कल्पना में बहु के गाड़ की दरारों में झड़ता हुआ अमन को महसूस कर रहा था देख रहा था कैसे उसके गाड़ से उसकी चूत तक अमन का गाढ़ा मलाईदार रस बहु के गुलाबी फाकों को और गुलाबी किए जा रहा था ।

अमन - पापा मैं बाथरूम जा रहा हु
मुरारी उसको पकड़ कर बिठाते हुए - अब मुझसे क्या शर्मा रहा है , मैं नही जानता क्या करेगा वहा जाकर

अमन मुस्कुराने लगा - तो क्या आपके सामने
मुरारी झटके से अपना तनमनाया लंड बाहर निकाल जिसका सुपाड़ा खूब लाल हुआ पडा था मसलने से - अरे तू भी निकाल भाई

और अमन ने भी अपना हथियार निकाला , जो सीधे मुरारी का स्वा गुना दिख रहा था था जिसे देख कर मुरारी का हलक सूखने लगा और अगले ही पल अभिमान से भरता हुआ - बाप शेर तो बेटा स्वा शेर हा हां

अमन अपना लंड सहलाता हुआ - पापा एक बात और पुछु
मुरारी सोफे पर फैलता हुआ अपना मूसल मसलने लगा- हा बेटा पूछ ना
अमन भी उसकी देखा देखी वैसे ही पोजिशन में आ गया - पापा आपको मम्मी की गाड़ चाटने का मन नाही करता ,उसकी चूत के फांके चुबलाने का मन नाही करता

मुरारी - क्यू तू बहु की चूत और गाड़ चाटता है क्या
अमन आंखे बंद कर अपना लंड हिलाता हुआ - पापा , उसकी गाड़ का गुलाबी छेद देखोगे तो आप भी खुद को रोक नहीं पाओगे जैसे मैं नहीं रोक पाता खुद को

मुरारी आंखे बन्द कर अपनी बहु के गाड़ के गहरे दरारों में उसके गुलाबी सुराख की कल्पना कर - क्या सच में बेटा , बहु की गाड़ का सुराख गुलाबी है
अमन - हा पापा और उसके बुर के फांके भी एकदम सुर्ख गुलाबी , जीभ चलाओ तो पूरी लाल होने लगती है

मुरारी अपना लंड मसलता हुआ - अह्ह्ह्ह्ह सच में ऐसी चूत को कौन नहीं चाटेगा बेटा , मुझे मिले तो मैं खा जाऊं , तू क्या करेगा बेटा अगर तुझे तेरी मां की नंगी गाड़ मिल जाए

अमन सिसकियां लेटा हुआ - अअह्ह्ह्ह पापा मुझे मां की गाड़ मिल जाए तो मैं उन्हें अपने मुंह पर घंटो बैठने को कहूंगा और खूब जीभ लगा लगा कर उनकी गाड़ और चूत चाटूंगा , ताकि वो जब झड़े तो सारा रस मेरे मुंह में आए

मुरारी अपने बेटे की बातें सुनकर वो पल सोचने लगा जब ममता अमन के मुंह पर अपनी गाड़ रख देगी और अमन उसकी गाड़ चाटेगा , मुरारी अब तक एकदम चरम पर आ गया था
अमन - पापा आप क्या करोगे अगर सोनल की नंगी चूत मिल जाए आपको तो आप क्या करोगे

मुरारी अपनी कल्पना में अपने आगे अपनी बहु को नंगी अपनी चूत खोले देखता है जो अपनी जांघें फैलाये उसे अपनी ओर बुला रही होती है और मुरारी उस कल्पना में उसकी गुलाबी बहती चूत में अपना टोपा फसा रहा था - अह्ह्ह्ह्ह बेटा मुझ बहु की चूत मिल जाए तो मैं उसे चोद दूंगा , उसकी गुलाब सी पंखुड़ियों को रौदता हुआ अपना लंड उसके बुर के जड़ो में उतार दूंगा

सोनल की चूत में अपने पापा का मोटा लंड घुसाने का सोच कर ही अमन पूरे जोश में आ गया - हा पापा चोद लेना भर देना अपनी बहु की गुलाबी चूत को उह्ह्ह्ह आपकी बहु बहुत चुदक्कड़ है खूब लंड लेती है मेरा

मुरारी - क्या सच में बेटा
अमन - हा पापा आपकी बहू को चुदाई करना बहुत पसंद है , वो तो मेरे लंड की दीवानी है , इसे खूब चूसती है खुद बुर में घुसती है

मुरारी - अअह्ह्ह्हह बेटा तेरा फौलादी लंड अगर तेरी मां देख ले तो वो भी दीवानी हो जाएगी , उसकी लंबी फाकों वाली बड़ी चूत के लिए तेरा लंड तो एकदम फिट है , पूरा घुस जायेगा उसके भोसड़े में

अमन तेजी से अपना लंड हिलाने लगा - हा पापा , मुझे भी मम्मी की गर्म चूत में घुसना है और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चोदते हुए उसके मोटे मोटे दूध पीना है

मुरारी - हा बेटा पेल लेना तू भी अपनी मां को और पेल पेल एक उसकी गाड़ पर झड़ना , बोल झड़ेगा न अपनी मां की बड़ी सी गाड़ पर उम्मम्म

अमन - हा पापा झडूंगा अअह्ह्ह्हह ममीइइई की गाड़ को भर दूंगा मैं अअह्ह्ह्ह्ह आप कहा झड़ोगे सोनल को चोद कर

मुरारी तेजी से अपना लंड मुठियाता हुआ - बेटा मैं तो मेरी लाडली बहु के गुलाबी चुचियों पर अपना रस गिराऊंगा जिससे वो और भी गुलाबी हो जाएंगी अह्ह्ह्ह्ह

अमन - ओह पापा अअह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा अअह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी मम्मी अह्ह्ह्ह्ह आपकी गाड़ मुझे बहुत पसंद है देखो ना पापा मैं मम्मी की गाड़ पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्हह ममीई उह्ह्ह्ह
और अमन की पिचकारी छुट गई , वही मुरारी भी तेज सिसकियां लेता हुआ झड़ने लगा - अअह्ह्ह्ह बेटा मैं भी बहु के चुचियों पर झड़ रहा हु अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी अह्ह्ह्ह्ह बहु तेरे चूचे उम्मम्म अअह्ह्ह्ह

जल्द ही दोनो बाप बेटे ने आखिरी बूंद तक बहु और मां के नाम पर निचोड़ दी और सुस्त होकर सोफे पर फेल गए

वही उपर पीछे की बालकिनी में ममता रागिनी को लेकर पहुंची थी ।

रागिनी - हम्म् तो ये है आपकी वो खास जगह

ममता रेलिंग पर आगे झुकती हुई - जी , मुझे मेरे घर का ये हिस्सा बहुत पसंद है और खास कर जब रात का समय या फिर ऐसा सुहाना मौसम हो , यह मुझे बहुत अच्छा लगता है

रागिनी ने ममता के उभरे हुए कूल्हे सहलाती हुई उसके करीब खड़ी होकर - तो क्या कभी इस खास जगह पर खास माहौल बनाया है

ममता - मतलब
रागिनी हस्ती हुई - अब इतनी भी भोली न बनो बहना , इतनी स्पेशल जगह पर समधी जी ने यह चादर न बिछाई हो , ऐसे कैसे हो सकता है हिहिहिही

ममता लजाती हुई - धत्त आपके दिमाग में वही सब चलता है क्या हिहिहिही
रागिनी - अरे शरमाओ मत , बताओ ना मैं सब कुछ सिक्रेट रखूंगी पक्का

ममता - नही अभी तक तो नही ,क्योंकि उनका खूंटा बंद कमरे में ही खड़ा होता है हिहिहिही

रागिनी हस्ती हुई - अरे जब खूंटा खड़ा हो और धीरे से नंगे ही कमरे से बाहर निकल जाओ और सीढ़िया चढ़ कर यहां, देखो कैसे लार टपकाते हुए आते है हिहिही

ममता - हा जैसे घर में कोई रहेगा नही , किसी ने देख लिया तो

रागिनी - अरे मेरी बहना इतना डरोगी तो लाइफ के मजे कैसे लोगी हिहिहिही, थोड़ा हिम्मत दिखाओ
एक बात बताऊं

ममता जिज्ञासु होकर उसकी ओर देखा

रागिनी - कभी कभी जब आपके समधी जी नही होते है तो मैं अपने कमरे में ही सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर ऊपर चली जाती हु और खुली छत पर अंधेरी रात में पीछे की ओर खेतो में देखना मुझे अच्छा लगता है

ममता - क्या सच में और बच्चे ?
रागिनी - वो सब अपने अपने कमरे में सो रहे होते है , लेकिन मजा बहुत आता है हल्की सर्द हवाएं जब जिस्म को छूती है और तब तो आपके समधी जी याद और भी आती है । मन करता है ऐसे मौसम में उनकी बांहों की गरमाहट मिल जाए तो मजा दुगना हो जाएं

ममता मानो रागिनी के उस ख्वाब में खो सी गई और इधर तेज हवा चलने लगी
वही नीचे से मदन वापस आ चुका था तेज आंधियों के कारण सब कुछ उड़ रहा था , धूल कचरा भूसा पन्नी सब
वो अपनी गाड़ी लगा कर जल्दी जल्दी मेन गेट का दरवाजा लगा रहा था , और उसकी नजर अनाज के गोदाम के खुले दरवाजे पर गई वो भागता हुआ गोदाम का दरवाजा खींच कर बाहर से बंद करके चटकनी लगाना चाहता था मगर हवा के तेज झोंखे उसे ऐसा करने से रोक हुए था , तभी ऊपर टेरिस की चारदीवारी से पैरासूट की तरह खुल कर एक ब्रा हवाओं में उड़ती हुई जमीन पर गई और धूल में घिसटती हुई मदन के पाव के पास रूक गई
पैर के पास नई ब्रा देख कर मदन ने आधी खुली आंखों से फौरन ऊपर देखा कि कही ऊपर से तो नही गिरा ना और उसका अंदाजा सही निकला , जब उसने चारदीवारी से झांकती सोनल को देखा ।
सोनल मारे लिहाज के झट से पीछे हो गई और मदन समझ गया कि उसकी बहु कपड़े उतारने गई होगी और आंधी में उड़ कर बेचारी की ब्रा यहां उसके पास चली आई , तभी तेज तड़तडाहट के साथ बारिश होने लगी । मदन ने जैसे तैसे करके गोदाम बंद किया आगे अपने बहु की ब्रा को मोड़ कर कुर्ते के जेब में रखता हुआ जल्दी से घर आ गया
हाल में देखा कि वहा कोई नही है ,मदन को एक पल को लगा कि शायद सब चले गए । उसे जोरो की पेशाब लगी थी और बारिश में हल्का हल्का भीगने से प्रेसर भी जोर था मगर जेब रखी बहु की ब्रा लेकर बाथरूम में जाना उसे अनुचित लग रहा था मगर बहु को उसकी ब्रा लौटाना भी कम बोझ का काम नही था । ना ही वो अमन को इसमे शामिल करना चाहता था और अपनी भाभी या संगीता से कह कर भेजवाता तो पक्का उसका मजाक बनाती
इसीलिए वो बड़े झिझक में खुद ही ऊपर पहुंचा और सोनल के कमरे का दरवाजा खटखटाया
सामने सोनल आई और मदन ने बिना उसकी ओर देखे ही ब्रा उसकी ओर बढ़ा दी - बहु ये तुम्हारा कपड़ा नीचे गिर गया था , लो।
अगले ही पल मदन उसको देकर जैसे ही घूम कर अपना पल्ला झाड़ कर निकलने का सोचा ही था कि पीछे से सोनल ने टोका - चाचा जी ये मेरा नही है ,इतना बड़ा मैं नही पहनती । ये जरूर मम्मी जी का होगा

मदन भीतर से फिर से उलझ सा गया उसको पहले से ही अपनी बहु के आगे आने में हिचक हो रही थी , जबसे उसने शादी के बाद की अगली सुबह सोनल का खुला जोबन देखा था और अब ये ब्रा का ड्रामा

मदन का दिमाग नही चल रहा था और वो घूम कर सोनल के हाथ से ब्रा लेकर वापस जाते हुए बोला - ठीक है मैं भाभी को दे देता हु फिर

इधर सोनल ने झट से दरवाजा लगा दिया और वही मदन एक फिर अपने फैसले के लिए भीतर से खुद को गालियां देने लगा कि क्यू उसने बहु से ये लफ्ज़ कहे । बहु क्या सोचेगी कि मैं बहुत आसानी से उसकी सास को ब्रा देने जाऊंगा ।

मदन पैर पटकता हुआ नीचे आया और उसने हाल में से ही अटकलें लगाने शुरू कर दिए कि कमरे में कोई है तो नही । उसपे से पेशाब का प्रेसर और भी था ।
आखिर उसने तय किया कि एक बार वो गलियारे से भीतर ममता के कमरे में झांकता हुआ निकलेगा अगर कोई नही हुआ तो वापस लौटते समय वो ममता के कमरे में ब्रा फेंक कर आ जाएगा

मदन के लिए सब कुछ उसकी योजना के मुताबिक था , वो गलियारे से होकर बाथरूम की ओर बढ़ रहा था वो ठीक वही समय था जब दोनो बाप बेटे एक साथ मुठ्ठी मार कर झड़ कर सुस्ता रहे थे और कमरे का दरवाजा ऐसे भीडका हुआ था कि गलियारे से गुजरने वाले को यही दिखेगा कि कमरे में कोई नही है ।
मदन को भी वही भ्रम हुआ उसे जाते वक्त यही लगा कि कमरे में कोई नही है और सब कुछ एकदम शांत था , मदन जल्दी से बाथरूम में फ्रेश हुआ और हाथ धूल कर वापस आ रहा था तो उसको उसका रूमाल नही मिल रहा था , उसे यकीनन अंदाजा हुआ जरूर ऊपर बहु के कमरे पास ब्रा निकालते हुए गिरा होगा ।
उसने गीले हाथो से ही ममता की ब्रा को जेब से निकाला और आधे खुले दरवाजे से भीतर बिस्तर की ओर उसे झटक दिया और तेज कदमों से आगे बढ़ा
दरवाजे से उड़ती हुई ब्रा बिस्तर के पावे से टकरा कर जमीन पर गिरी और दोनो बाप बेटे हडबडा कर अपना कपड़ा सही करते हुए उठ खड़े हुए मुरारी ने लपक कर वो ब्रा उठाई और तेजी से दरवाजा खोल कर गलियारे से हाल में झांका तो देखा मदन हाल के सोफे पर बैठ कर सुस्ताते हुए स्टैंड फैन की हवा खा रहा है ।
मुरारी को समझते देर नहीं लगी कि ये हरकत किसकी है और वो गुस्से से लाल हो गया ।

अमन - क्या हुआ पापा कौन था ।
मुरारी - और कौन होगा , तेरा चाचा था ।

अमन को अपने पापा के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था उसने अपने बाप को बोतल से पानी दिया और शांत होकर - क्या बात है पापा आप नाराज क्यों हो गए

मुरारी - तुझे एक राज की बात बताता हु सुन
फिर मुरारी ने अमन को संगीता और मुरारी के बीच की बातें बताई - क्या सच में बुआ और चाचा आपस में ।

मुरारी - और उसका ठरक रुकने वाला नही है , अब देख तेरी मां की ब्रा लेकर न जाने बाथरूम में क्या क्या नाश किया होगा कमीने ने हुह्ह

अमन हंसता हुआ - अब जब उनकी शादी नही करवाई आपने तो ये सब होना ही था ना , कबतक कोई खुद को रोक पाएगा पापा और फिर मां की मटकती गाड़ और बड़े बड़े चूचे किसी को भी आकर्षित कर देंगे ।

मुरारी - अरे जिससे वो शादी करना चाहता था उसके बाप ने उस लड़की की शादी कही और कर दी , तो इसने जीवन भर कुंवारा रहने का फैसला कर लिया

अमन - और वो लड़की ,मतलब चाचा की गर्लफ्रेएंड उसने खुशी खुशी कर ली शादी ?

मुरारी - नही बेटा , बाप की मजबूरी बेटियां ही समझती है उसने मजबूरी में शादी कर तो ली मगर कुछ साल पहले उसका पति एक बस दुर्घटना में चल बसा ।

अमन - आपको कैसे पता
मुरारी - कुछ महीने पहले बड़े शहर में एक बार उससे मिलना हुआ था और उसने सारी कहानी बताई , दुख की बात है कि उसकी कोई औलाद भी नही है और वंश आगे न बढ़ाने उसपे से पति के मरने का दोष देकर बेचारी के ससुराल वालो ने ही उसे घर से बेघर कर दिया है

अमन - और चाचा को इस बारे में पता है
मुरारी - नही , उसने मना किया था कि वो इनसब का जिक्र मदन से ना करे ।
अमन - पापा आपको नही लगता कि अब चाचा को उनका प्यार लौटा देना चाहिए, इन दोनो की शादी करा देना चाहिए और उससे उनकी प्रेमिका का भी दुख दूर हो जाएगा । शायद इससे चाचा की हरकते भी सुधर जाए ।

अमन की बातें सुनकर कर मुरारी - हा बेटा मैं भी उसकी शादी के लिए सोच रहा था और तेरी मां ने संगीता की छोटी ननद का प्रस्ताव भी रखा था मगर तेरी शादी के उलझन में मैने इसपे ध्यान नहीं दिया ।

अमन - तो पापा आंटी जी को खोज निकालो और हमसब चाचू को शादी के लिए मना लेंगे

मुरारी हंसता हुआ - तूने तो मेरी सारी उलझन ही सुलझा दी, अब जबतक तू हनीमून से वापस आएगा मैं तेरी चाची खोज निकालूंगा ।

अमन - ठीक है पापा , वैसे आपको अजीब नही लग रहा है हनीमून पर साली को ले जाना हिहिहिही

मुरारी - अरे तेरी किस्मत बुलंद है कि निशा जैसी मस्त खूबसूरत साली मिली है , मौका मिले तो उसके साथ भी हिहिहिही

अमन हंसता हुआ - पापा आप भी कम नहीं हो , वैसे एक बात पूछूं, क्या आपने कभी मां के अलावा किसी के साथ ?

मुरारी उसके गाल खींचता हुआ - सारी बातें आज ही उगलवा लेगा उम्मम्म, जा अब अपने हनीमून की तैयारी कर और वापस आकर सारे किस्से सुनूंगा तुझे

अमन - क्यों नहीं पापा हिहिहिही थैंक यू
मुरारी - थैंक यू किसलिए भाई ?
अमन - मेरी दोस्ती एक्सेप्ट करने के लिए
मुरारी हंसता हुआ उसके कंधे पर हाथ रख कर अपनी ओर खींच लेता है ।

जल्द ही शाम ढलती है और फिर रात के खाने के बाद ममता रागिनी को लेकर अपने कमरे में सोने चली जाती है देर रात तक उनकी मस्तियां हसीं ठिठौली चलती है
वही मुरारी रंगी के साथ गेस्ट रूम में सो जाता , घर में रोज के जैसे ही मौहौल होता है । अमन आज दुगने जोश से सोनल की चुदाई करता है और वो भी सो जाता है ।
एक ओर जहां अनुज राज मिल कर पूरी रात शिला और रज्जो की छेद बदल बदल कर ठुकाई करते है तो दूसरी ओर राहुल एक घर में राहुल और अरुण ने दिन में चुदाई का कोटा पूरा कर सो चुके थे मगर जांगीलाल के कमरे की बत्ती देर रात तक जलती रही ।
आज की रात बदलाव की रात थी एक दूसरे से राज साझा करने की रात थी । अपने पति के प्यार के आगे शालिनी ने बड़े लाज ने निशा के सामने ही कमलनाथ से चुदने वाली बात स्वीकार कर ली तो बदले में जांगीलाल ने भी ईमानदारी दिखा कर रज्जो को चोदने का मामला साझा कर दिया ।निशा ने भी उसकी और राहुल की मिस्ट्री की सारी हिस्ट्री खोल कर अपने मम्मी पापा के आगे रख दी ।
फिर दो राउंड धमाकेदार चुदाई हुई और तीनो बाप बेटी मां एक फैमिली गैंगबेंग वाली चुदाई का सपना देखते हुए सो गए ।



अगली सुबह ......

अगली सुबह विदाई दुखद समाचार के साथ कुछ नए सफर का आगाज भी लिए खड़ी थी ।
मुरारी के यहां से रंगी और ममता ने विदाई ली और घर चले गए । उनके जाने के बाद संगीता और दुलारी भी उसी रोज अपने अपने घर के लिए निकल गए ।
इधर राज के घर से रज्जो शिला और अरुण की विदाई थी , रागिनी ने भी आंसू बहा कर सबको विदा किया ।
रज्जो शिला के साथ एक नए रोमांचक सफर के लिए निकल चुकी थी ।
राहुल के घर आज से चुदाई का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था ।
तो वही शादी की जिम्मेदारियों मुफ्त होकर रंगी ने भी कुछ रोज की छुट्टी की इच्छा जाहिर की और कुछ रोज बाद इधर जब अमन सोनल और निशा के साथ हनीमून के निकला तो रंगी भी उसके बाद ही अपने ससुर से किया वादा पूरा करने के लिए दुकान की सारी जिम्मेदारी राज को सौप दी और खुद ससुराल निकल गया घुमने के लिए।

अनुज के बोर्ड होने वाले थे तो उस की पढ़ाई जरूरी थी ,मगर अब वो पहले वाला अनुज नही था । सोनल की शादी में अनुज बदल सा गया था अगले रोज से अनुज का कॉलेज का सफर भी शुरू हो गया था ।
वही मुरारी भी अपने बेटे से किया वादा निभाते हुए अपने भाई की प्रेमिका की तलाश में जुट गया ।


अब आगे ना जाने किसको कैसे अनुभव होने वाले थे मगर ये तय है कि आने वाला हर सफर हर एक रास्ता सबको नए सुहाने कामुक सपने जरुर दिखाएगा , कुछ हकीकत भी होंगी तो कुछ फसाने भी होंगे ।
मगर आपके लिए एंटरटेनमेंट ही एंटरटेनमेंट रहेगा इस कहानी में ।



सपना या हकीकत
अध्याय : 01

समाप्त
पहले तो बहुत बहुत बधाई हो भाई इतनी अच्छी और सुप्रसिद्ध कहानी के लिए, साथ ही इस बात का खेद है कि पहला अध्याय समाप्त हो गया है, आशा है दूसरा अध्याय जल्दी ही आप लेकर आएंगे। जिस मोड़ पर आपने कहानी को रोका है वहां से बहुत से समीकरण और संभावनाएं बन रही हैं इसलिए अगले अध्याय के लिए और अधीरता हो रही है।
बहुत ही रोचक अपडेट मित्र जल्दी ही अगले अध्याय के साथ मिलेंगे ऐसी आशा है।
 

Leo_303

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18
HAPPY 3RD ANNIVERSARY
🎉🎊:celebconf:🎊🎉

सभी पाठकों को बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद
आपके प्यार और स्नेह की बदौलत
आज इस कहानी को ना सिर्फ
3 साल पूरे हुए
बल्कि 60 लाख व्यूज भी हो रहे है ।
कहानी पहले ही हजार पेज की रेस मे दौड़ रही है

आप सभी का आभार एक ऐसी कहानी को प्रेम देने के लिए जहा मेरे जैसे अड़ियल मिजाज वाले लेखक की मनमानी ही आपको पढने और सुनने को मिलती है ।
बिना किसी पोल और ओपेनियन लिये आप पाठक फिर भी कहानी से जुड़े है उसके लिए मै ऋणी रहूंगा


एक बार फिर से धन्यवाद 🙏
Many Many Congratulations 🎉🎉🎉
 
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