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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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पेज नंबर 1166 पर पोस्ट किया गया है
 

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अगली सुबह 6 बजे मेरी निद खुली और मै फ्रेश होकर बाहर हाते मे आया और फिर सड़क पर निकल गया ।

तभी मुझे आगे सरोजा जी बस स्टैंड की तरफ जाती दिखी
उनकी कसे लोवर मे झोल देते चुतडो ने उनका परिचय 50 मिटर की दुरी से ही दे दिया था और मै एक कातिल मुस्कान के साथ दौड़ कर उनके बराबर मे जोगिंग करने लगा


सरोजा को जब आभास हुआ कि कोई उन्के बगल मे है तो वो गरदन घुमा कर मुझे देखी और मुस्कुरा कर आगे चल दी

आज वो बस स्टैंड से आगे चमनपुरा मे प्रवेश होने वाले पुलिया तक गयी और मै उन्के साथ वहा तक गया

वहा मै अपनी सांसे बराबर करने लगा लेकिन सरोजा पर कोई फर्क नही था वो नोर्मल अपने बॉडी को स्ट्रेच कर रही थी


मै हाफते हुए - गुड मोरनिग सरोजा जी

सरोजा हस कर - ओहो आज काफी दिन बाद दिखे कहा थे

मै - वो नये घर के काम मे व्यस्त था अब यही चौराहे वाले घर पर रहता हू ना

सरोजा - ओह्ह्ह अच्छा है
मै थोडा उनकी तारिफ मे - वैसे मानना पडेगा आपके जितना रेस लगा पाना मेरे बस का नही है

सरोजा ह्स कर - हिहिही अरे बाबू रोज करोगे तो तूम्हारा भी आदत हो जायेगा

मै मस्ती भरे अंदाज मे - अब आपका साथ पाने के लिए आदत बनाना ही पडेगा हिहुही

सरोजा शर्मा के इधर उधर देखती है - तुम भी ना एक नं के पागल हो , शर्म नही आती अपने से बड़ी औरत के साथ फलर्ट करते हुए

मै हस कर - इसमे शर्म कैसा हिम्मत चाहिये हिहिहिही

सरोजा एक शर्म भरी मुस्कान के साथ - चलो ठीक है मेरा हो गया , मै जाती हू

मै - वैसे अपने इस एनर्जी का राज तो बता दिजीये

सरोजा मुस्कुरा के - इस बारे मे जानना है तो कभी मेरे मार्ट मे आना , ऑफ़िस पर वही बताऊंगी हिहिहिही

मै खुशी से - हा जी क्यू नही आप जहा कहे वहा आ जाऊ

सरोजा हस कर वापस जोगिंग करते हुए निकल गयी और मै भी और मै भी घर के लिए निकल गया । फिर नहा धो के चाय नाश्ता कर दुकान पे निकल गया ।

ऐसे ही एक दो दिन का समय बीता और हमने शॉपिंग की सारी लिस्ट बना ली और ब्ज्त तैयार कर लिया ।
फिर एक दिन समय निकाल कर पहुच गये सरोजा कॉमप्लेक्स
सरोजा कॉमप्लेक्स पहुच कर मा और दीदी किचन मे सामान मे लग गये और मै उनको आने का बोल कर निकल गया सरोजा जी के ऑफ़िस की ओर

2nd फ्लोर पर एक कॉर्नर पर उनका ऑफ़िस था जिसके दरवाजे पर उनके नाम का बोर्ड लिखा था ।
मै एक बार दरवाजा खटखटाया तो किसी स्टाफ ने दरजावा खोला और सरोजा जी ने ऑफ़िस की चेयर पर बैठे बैठे एक नजर दरवाजे पर मुझे देखा तो बोली

सरोजा - अरे बाबू तुम ,, आओ आओ

फिर मै कमरे मे गया जहा सरोजा एक हल्के गुलाबी रंग की साडी पहने हुए चेयर पर बैठी थी मुझे देख कर उठ गयी और सोफे पे बैठने का निमंत्रण दिया


फिर हम दोनो ने सोफे पर बैठे और सरोजा जी ने उस स्टाफ को दो कॉफी लाने को बोला ।
सरोजा - क्या बात है आज बडे स्मार्ट लग रहे हो
मै हस कर - सोचा जब आपसे मिलना है तो थोडा टिपटॉप होकर जाऊ ताकि आप भी मेरे उपर ध्यान दे

सरोजा मेरी बात से हस दी
मै - वैसे आप भी बहुत खुबसूरत लग रही है और ये पिंक साड़ी काफी खिल रही है आप पर हर जगह से


सरोजा चौक कर - क्या मतलब हर जगह से

मै हस कर - कुछ नही आप अच्छे लग रहे हो यही कह रहा हू

सरोजा हस कर - मै जानती हू तुम कितनी गहरी बाते बोल जाते हो और तुमको लगता है मुझे पता नही पडेगा
मै उनकी बातो को और मजे से घुमा कर बोलता हुआ - वैसे कितना गहरा मह्सुस करती है आप मेरी बातो का

सरोजा शर्मा कर ह्स्ते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगी तुमको

मै हस कर - मै क्या गलत बोला
सरोजा हस कर - तुम ना एक नं के चालू हो हिहिही

मै ह्स कर - और आप एक नं की हसिन और खुबसूरत है हिहिहिही

सरोजा अपने लटके बाल कानो मे खोसते हुए - और क्या क्या हू मै बताना तो

मै शरारती मुस्कान से - अभी जितना देखा है उतना ही बता दिया बाकी का क्या बताऊ

सरोजा शर्मा कर - धत्त पागल, अब क्या कपडे निकालू तब तारिफ करोगे हिहिही

मै हस कर - अब तारिफ तो उनकी ही की जा सकती है ना जिनको देखा हो छुआ हो मह्सूस किया हो

सरोजा मेरी बातो से निश्ब्द होकर सोफे की कुशेन से मुझे मारते हुए - बहुत गन्दे हो तुम हिहिहिही शर्म नही आती ऐसी बाते करते हुए मुझसे

मै ह्स कर - जब आपको सुनने मे नही आती तो मुझे कहने मे क्या शर्म हिहिही

इधर सरोजा कुछ बोलती तब तक दरवाजा पर खटखट हुई और सरोजा खडे होकर दरवाजा खोलने जाते हुए बोली - तुमको तो अभी बताती हू

फिर एक स्टाफ दो काफी लेके आया और सरोजा ने उसको जाने का बोल कर दरवाजे को लॉक कर दिया और काफी टेबल पर रख कर बैठ गयी

मै हस कर - दरवाजा क्यू लॉक कर दिया कही मेरे साथ कुछ करने वाले तो नही ना


सरोजा हस कर - हा तुम्हारी इज्ज्त लुटने वाली हू
मै बाहे फैला कर - फिर देर कैसा आजाओ ना

सरोजा शर्मा कर हसते हुए -बदमाश कही के चलो काफी पीयो
फिर हमने काफी पी और हम काफी समय तक गप्पे लड़ाए
अब सरोजा मुझसे काफी खुल गयी थी और मेरे मन मे काफी सारे विचार आने लगे थे क्योकि मुझे बस पहल की जरुरत थी और सरोजा मना नही करती पर मै कोई जल्दीबाजी नही करना चाहता था इसिलिए मैने जल्दी काफी खतम की

मै - चलिये ठीक है अब मै चलता हू मा और दीदी खोज रहे होगे मुझे

तभी सरोजा मन गिरा कर - अरे यार इत्नी जल्दी अभी तो आये हो

मै हस कर - सारी बाते एक ही मुलाकात मे कर लेंगी क्या हिहिहिही चलिये मै चलता हू बाय

सरोजा - रुको राज एक मिंट

फिर सरोजा ने ड्रावर से मुझे एक 40% less का कुपन दिया और अपना विजिटिंग कार्ड दिया जिसपे उसका नं था ।

मै खुश होके - अरे वाह,,थैंक यू जी मा तो खुश हो जायेगी

सरोजा सीरियस होकर भरी आँखो से मेरे गाल को चूम कर - थैंक्स टू यू राज ,,मेरे साथ समय बिताने के लिए
मै उसकी भरी आन्खे देख कर चिंतित भाव से - अरे अरे आप रो क्यू रही है , मै कौन सा बहुत दुर हो जब मन हो बुला लिजीये और अभी नं है मेरे पास अब तो हमेशा परेसान करूँगा आपको हिहिहिही

मेरी बाते सुन सरोजा ह्स दी जिससे उसकी आखे छलक गयी
मै झट से रुमाल से उन्के गाल साफ किया - ओहो क्यू इत्ना महगा मेकअप खराब कर रही है

सरोजा ह्स्ते हुए - धत्त मै मेकअप नही लगाती ये नेचुरल स्किन है पागल

मै अचरज के भाव मे - अगर यहा की स्किन इतनी मुलायम है तोओओओ
फिर उनको देखते हुए एक कातिल मुस्कान छेद दी जिसका मतलब सरोजा समझ गई और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए बोली - धत्त गन्दे अब जाओ
ये बोल कर वो घूम कर अपने चेयर की तरफ जाने को हुई तो मै झट से उनका हाथ पकड कर अपनी तरफ खिचा और कमर मे हाथ फेरते हुए उनके होठो को अपने होठो मे भर लिया

सरोजा इसके लिए तैयार नही थी इसिलिए मेरे होठो ने स्पर्श से वो आखे बडी किये मुझे देखने लगी और मैने बडी कामुकता से उस्के मोटे होठो से मैरुन लिपस्टिक हटानी शुरु कर दी

जल्द ही सरोजा ने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया
तभी दरवाजे पे खटखट हुई और हम अलग हो गये ।
मै बिना कुछ बोले मुह साफ कर कमरे से बाहर निकल गया ।

और शॉपिंग एरिया मे आकर एक गहरी सांस ली फिर मा के पास चला गया ।

फिर उनके साथ सारे सामान की खरीदारि कर सरोजा के दिये कुपन से बिल पे किया और फिर सामान काफी ज्यादा और वजन वाला था एक auto मे समान लाद कर हम सब घर चले गये ।
रात मे खाने के बाद सब अपने अपने कमरे मे चले गये सोने लेकिन मुझे निद कहा । रात के 10 बज रहे थे

अभी भी मुझे सरोजा के बदन की खुस्बु और उसके मुलायम होठो का स्पर्श पागल किये हुए था और वो पल सोच सोच कर मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ रहा था ।

तभी मुझे उन्के विज़िटिंग कार्ड का ध्यान आया और मैने झट से नं डायल कर सरोजा के पास काल लगा दिया

दो रिंग के बाद ही फोन उठा और सरोजा की मनमोहक आवाज आई जिसको सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई

सरोजा - हेलो कौन
मै चुप रहा
सरोजा थोडा गुस्से के भाव मे - अरे कौन है भई बोलो तो हेल्लो

मै एक सहमे आवाज मे - म म मै बोल रहा हू राज
मेरी आवाज सुन कर सरोजा भी शांत होकर बोली - ओह्ह राज तूम हो
फिर एक बार हमारे कालिन्ग पर खामोशी छा गई
सरोजा - कहो कैसे याद किया खाना पिना हुआ

मै थोडा संकोची भाव से - ह हा हा हो गया और आपका

सरोजा ह्स कर - अरे तुम ऐसे क्यू बात कर रहे हो अभी दोपहर मे बडे जोश मे थे

मै सरोजा की दिल्कस बात सुन कर की वो नाराज नही है तो मै अपने मस्ती भरे अंदाज मे बोला - जोश मे तो अब भी हू कहो तो दिखा दू हिहिहुही

सरोजा हस के - अच्छा जी दिखाना तो तुम्हारा जोश हिहिहिही

मै झट से अपना लोवर निचे कर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाल कर उसकी एक अच्छी से तस्वीर निकाली और सरोजा के वॉटसआप पर भेज दी

मै हस कर - अपना व्हाटसअप खोलिये देखिये मैने भेजा है अपना जोश

सरोजा हस के - मतलब
मै हस के - अरे देखिये देखिये

थोडी देर मे सरोजा की आवाज आई - छिईईई गंदे लडके ये क्या भेजा है हमम्म

मै हस के - क्यू है ना मोटा और बड़ा मेरा जोश
सरोजा हस कर - भक्क गन्दे कही के

मै ह्स के - क्यू पसंद नही आया
सरोजा शर्म से - तूम ना ,, रखो फोन मै तुमसे बात नही करने वाली अब बहुत गन्दे हो ,,

मै हस के - हा जान रहा हू क्यू फोन रख रही हो आप
सरोजा - अच्छा जी बताओ तो क्यू

मै हस के - फोन रखने के बाद शायद आप मेरे जोश को देख कर पसीना पसीना होने जा रही हो ।

सरोजा - धत्त पागल ,, ऐसा कुछ नही है मै बाद मे बात करती हू कोई बुला रहा है ,,चलो बाय गुड नाइट

मै ह्स के - हा बाय गुड नाइट
फिर फोन कट गया और मै मुस्काराता हुआ सरोजा के साथ के सपने बुनते हुए सो गया ।

रात के करीब साढे 12 बजे मेरा मोबाईल रिंग हो रहा था जिससे मेरी निद खुली और मैने फोन देखा तो सरोजा का ही फोन आ रहा था

मै थोडा सोचा की इत्नी रात मे सरोजा फिर से फोन कर रही है

मै झट से उठ के बैठा और फोन रिसीव कर हैल्लो बोला की उधर से एक मादक सिसकी भरी आवाज आई

सरोजा बड़ी ही कामुक आवाज मे कसमसाते हुए बोली - राआआज्ज्ज सो गये हो क्या

मै सरोजा की आवाज से थोड़ा आवाक रह गया और उसकी कामुक भरे शब्द मेरे लण्ड मे तनाव करने लगे
मै हड़बड़ा कर - न न नही तो बताईए क्या बात है , अभी सोयी नही आप

सरोजा लडखती जुबान मे - ओह्ह्ह मेरे प्यारे राआअज तूमने तो मुझ पे जादू कर दिया है अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं

मुझे समझते देर नही लगी की हो ना हो सरोजा ने ड्रिंक किया है
मै - क्या हुआ सरोजा जी आप ऐसे क्यू बोल रही है मैने क्या किया

सरोजा नशे मे लडखडाती जुबान से - तूम्हे पता है तालाक के बाद मैने किसी मर्द का लण्ड नही देखा था और आज्ज्ज्ज तुमने अपना लण्ड दिखा कर मेरे अन्दर की आग को भड़का दिया है राज अह्ह्ह्ह

मै घबडाहट से थूक गटकते हुए - ये आप क्या कह रही है सरोजा जी आपने कही ड्रिंक तो नही की ना

सरोजा ह्स के - हा राज की है मैने ड्रिंक लेकिन वो नशा तुमहारे नशे के आगे बेकार है राआआज्ज्ज आओ ना चोद दो मुझे अह्ह्ह देखो ना कबसे अपनी चुत रगड़ कर झड़ रही हू अह्ह्ह देखो ना फिर से झडने वाली हू मै अह्ह्ह राजज मुझे चोद दो ना अपने मोटे लण्ड से प्लीज राज अह्ह्ह मा अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ घुसा दो मेरी चुत मे इसको अह्ह्ह

मै घबडाहट से पसिना पसीना हुए सोच रहा था कि कही मैने सरोजा की आग भडका कर कोई गलती तो नही की कही मेरे लिए मुसीबत न बन जाये ये

इधर फोन पर सरोजा मेरा नाम लेके झड़ते हुए शांत हो गयी और थोडी देर बाद मै भी फोन काट कर एक गहरे विचार मे खो गया और कब सो गया पता ही नही चला।

अगली सुबह मै 6 बजे उठा और जोगिंग के लिए गया लेकिन कही भी मुझे सरोजा नही दिखी तो मै भी वापस घर लौट आया और नहा धो कर नासता किया फिर दुकान पर चला गया ।

पुरा समय मै रात वाली घटना को लेके सोचता रहा और डर के मारे सरोजा को फोन तो क्या एक मैसेज करने की हिम्मत नही हुई ।

ऐसे ही मै दोपहर मे दुकान मे गहरी सोच मे बैठा था कि मा खाना लेके आई और मुझे सोच मे देख कर

मा - अरे बेटा क्या हुआ क्या सोच रहा है

मै चौक कर - नही नही मा कुछ नही ,
मा - तो चल हाथ मुह धुल के आ और खाना खा ले फिर पापा के लिए खाना लेते जाना

मै पापा के पास जाने को लेके थोडा सोच मे पड गया जिसको मा भी देख रही थी ।

मा मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - तू होली वाली बात को लेके परेशान है ना कि पापा के सामने कैसे जायेगा

मै - हम्म्म मा
मा - चिंता ना कर तेरे पापा बात करेंगे तुझसे इस बारे मे

मै संकोची होकर - लेकिन
मा मुस्कुरा कर - लेकिन वेकिन छोड और तू खाना खा ले फिर हम दोनो

मै खुशी से मा को हग कर बोला - सच मे मा
मा हा मे सर हिलाती है और फिर मै जल्दी से खाना खा कर खतम किया और थोडा दुकान का शटर गिरा के मा की जबरदस्त चुदाई की और खुशी मन से खाना लेके पापा के पास निकल गया


रास्ते भर मै सोचता रहा की पापा का सामना कैसे करूँगा और आने वाली परिस्थिती के लिए खुद को तैयार कर मै खाना लेके पापा के पास गया जो दुकान मे बैठे थे

मै एक दबी आवाज मे - पापा खाना
पापा की नजर जैसे मुझ पर गयी वो खुश हुए लेकिन मुझे नजरे चुराता देख उनको अपनी गलती याद आई और बोल शांत होकर बोले - बेटा खाना अन्दर रख दे मै आता हू ।

मै घबडाहट से आजाद हूआ कि अब उन्के सामने नही जाना पडेगा और मै झट से खाना रेस्टरूम मे रखा और वापस निकल ही रहा था कि पापा सामने आ गये ।

उनको सामने देख के पता नही क्यू मेरी फटने लगी और मै फिर से नजारे चुरा कर जाने को हुआ तभी

पापा - राज बेटा आओ बैठो मुझे कुछ बात करनी है
मेरी तो घिग्गी बन्ध गयी और थूक गटकते हुए वही खड़ा रहा ।
मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गया था थी जिसका असर मेरे चेहरे पर हो रहा था ।

लेकिन पापा के चेहरे पर एक मुस्कान थी जिससे मुझे थोडी राहत हुई

पापा - अरे खडे क्यू हो आओ बैठो , लो ये पानी पीयो

फिर मैने ग्लास पापा के हाथ से लिया और गटागट पानी खतम कर एक गहरी सास ली
पापा मुस्कुराते हुए मुझे एक तस्वीर अपने पर्स से निकाल कर दिखाते है , जिसमे उनके जवानी की तस्वीर थी और उनके कन्धे पर हाथ रखे मेरे स्व. दादाजी थे ।

मै दादाजी की तस्वीर देख कर खुश हुआ
तो पापा मुस्कुराते हुए बोले - जानते हो बेटा मै और बाऊजी बहुत अच्छे दोस्त थे

मै पापा की बातो से मुस्कुराया
पापा - तू यकीन नही मनोगे बेटा
वो बहुत अच्छे शायर भी थे और मुझे प्यार मुहब्बत की शायरिया सिखाते थे । लेकिन मुझे इनसब में कोई रुचि नही होती थी

मै पापा की बाते सुन कर हस रहा था लेकिन कोई खास रिएक्ट नहीं कर रहा था ।
पापा भी इस बात को बखूबी नोटिस कर रहे थे ।

पापा - पता है बेटा आज उनके साथ रहने और समय बिताने का नतिजा है कि मै एक बेहतर जीवन जी रहा हू ,, उनके साथ बिताये समय के अनुभव से मैने बहुत कुछ सिखा और वो भी मुझे बहुत प्यार से समझाते थे चाहे कोई भी टोपिक हो ।

मै पापा की बाते ध्यान से सुन रहा था ।
पापा ठहरते हुए शब्दो मे - बेटा देख मै अब ज्यादा बातो को घुमा नही सकता ,,,मै चाहता हू कि तू होली वाले दिन की बात को लेके मेरे बारे कोई गलत ख्याल ना लाये ।

मै पापा की बात सुन कर थोडा अनकॉमफ़ोर्ट मह्सूस करने लगा

पापा मुझे समझाते हुए - देख बेटा मै भी चाहता हू तू भी तेरे मन मे जो भी बात है बेझिझक मुझसे कह जैसा मै मेरे बाऊजी से कह देता था । अब तू बड़ा हो गया है और तेरे मन में कही न कही मुझको लेके कोई बात जरुर चल रही होगी ।

पापा ने अपनी बात खतम की और थोडा सन्नाटा छाया रहा तो मै एक गहरी सांस ली और हिम्मत कर बोला - नही पापा ऐसी कोई बात नही ,,मुझे आपसे कोई शिकायत नही है और वो तो गलती मेरी थी मै बिना बोले उस दिन कमरे मे आ गया था हा लेकिन मुझे थोडा सा अजीब लगा जब छ्त पर आपको देखा तो

इतना बोल कर मै चुप हो गया और पाप के बोलने का इन्तेजार करने लगा ।

पापा थोडा गंभीर भाव मे मुझे सम्झाते हुए - दरअसल बेटा वो उपर छ्त पर जो हुआ उसमे मेरी गलती नहीं थी ,,वो मै तेरे मा के साथ लगा था और अचानक से कब तेरी चाची आ गयी और तेरी मा को समझ नही आया कि क्या करे तो झट से उसने तेरी चाची को खिच लिया कि कही वो किसी को बता न दे और अनजाने तेरे चाची का मुह तेरे मा के स्तन पर चला गया और फिर बाकी तू जानता ही है ।


मै पापा के सफाई देने के तरीके पर मुझे हसी आ रही थी लेकिन मै उसको मुह मे दबा कर ब्स मुस्कुरा रहा था

पापा मुझे मुस्कुराता देख खुद को थोडा हल्का मह्सूस किया और बोले - तो अब कोई झिझक नही है ना तेरे मन मे बेटा

मै मुस्कुराकर - जी नही पापा
पापा ह्स्ते हुए - शाबाश !! आ चल अब खाना खाते है

मै - नही नही पापा आप खाओ मै खा के आया हू
पापा - अच्छा ठीक है तू बैठ मै तेरे लिए जूस मगवा देता हू

मै ह्स कर - अरे नही नही पापा रहने दो

पापा खडे होकर - अरे बैठ भई शर्मा तो ऐसे रहा है जैसे बाप के आगे नही ससुर के आगे बैठा हो हाहाहाहह

मै पापा की बात सुन कर हसने लगा और वो बाहर किसी नौकर को एक जूस लाने को कहा और वापस आकर खाना खाने बैठ गये ।
मै वही बैठा रहा है

पापा - तब और बताओ बेटा कुछ
मै अचरज के भाव मे - क्या पूछिये पापा

पापा खाना खाते हुए - तब और बताओ हमारी होने वाली बहू से कब मिलवा रहे हो

मै शर्मा कर - जब कोई रहेगी तब ना मिलवाउँगा हिहिहिही

पापा चौकाने के भाव से - धत्त मतलब इतनी उम्र मे तुने कुछ नही किया

मै हस कर ना मे सर हिलाया
पापा - अरे जब मै तुझसे छोटा था तभी बाऊजी के पास मेरे कारनामो की शिकायते पहुचने लगी थी हिहिहिही

मै हस कर उत्सुकता से - कैसे कारनामे पापा
पापा हस कर - अरे वही सब कही इस खेत मे पकड़ा जाता किसी के साथ तो कोई अपनी बिटिया से मुझे दुर रखने की सलाह देने बाऊजी के पास आता

मै हस कर - फिर दादा जी क्या बोलते थे हिहिही

पापा हस कर - बाऊजी तो मेरे पक्के दोस्त थे और वो मुझे सम्झाते की ये सब कैसे छिप छिपा कर करना चाहिए हाहहहह

मै चौकने के भाव मे ह्स कर - भ्क्क्क सच मे
पापा ह्सते हुए - हा भई, लेकिन मेरी आदत तब बिगड़ चुकी थी फिर हार मान कर बाऊजी ने मेरे लिए रिश्ता देख कर तेरी मा से शादी करवा दी

मै थोडा मुस्कुरा कर शर्माने लगा
पापा मुझे छेड़ने के अंदाज मे - वैसे एक बात पूछू राज बेटा

मै खुशी से मुस्कुरा कर - जी पापा बोलिए
पापा - तुझे कैसी लडकिया पसंद है

मै समझ गया कि पापा धीरे धीरे अब मेरे तरफ बातो को घुमाने वाले है और मै भी उन्के साथ खुल कर शादी से पहले की उनकी सारी चतपति बाते और मस्तियो के बारे मे जानना चाहता था ।


मै थोडा शर्म से भाव मे - मतलब मै समझा नही पापा

पापा हस कर - अरे मेरे कहने का मतलब है तुझे कैसी औरत पन्सद है ,, तेरी मा कैसी भरी हुई या तेरे दीदी जैसे जवान बदन वाली


पापा ने मा और दीदी की चर्चा छेड़ कर मेरे तन मे एक सिहरन सी दौडा दी थी ।
मै संकोचवश कुछ बोल नही पा रहा था लेकिन मेरा पुरा मन था कि मै पापा को ये बताऊ की मै कैसे उन्के साथ मिल कर मा को चोदना चाहता था ।


पापा मुझे खोया हुआ देख के - क्या हुआ बेटा कुछ गलत तो नही ना पुछ लिया मैने

मै हलका सा हस कर - न न नही पापा ऐसा नही ,,लेकिन

पापा - लेकिन क्या बोलो बेटा , मुझसे ना शर्माओ , मै चाहता हू कि तुम भी मेरे साथ अपने दिल की बाते करो और नयी नयी चीज़ो के बारे मे जानो समझो ,आखिर तुम अब बडे हो रहे हो


मै मुस्कराकर - जी पापा , वैसे देखने मे तो दोनो अच्छी लगती है आखिर वो मेरी मा और बहन है ना

पापा हस कर - अरे बेटा एक भाई और बेटा बन कर नही एक मर्द बन के बताओ कि तुमको मौका मिले तो तुम किसके साथ समय बिताना चाहोगे अपनी मा के साथ या बहन के साथ
मै थोडी हिम्मत कर लड़खते शब्दो मे - वो मुझे वैसे मा ज्यादा अच्छी लगती है
ये बोल कर मै गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर शर्माने लगा

पापा मेरे जवाब को तब्ज्जो देते हुए - अरे वाह जनाब पसंद तो आपकी बहुत बढिया है लेकिन क्या आप बतायेंगे कि आपने अपनी मा को क्यू चुना

मै शर्मा के ह्स्ते हुए - बस ऐसे ही पापा, मा मुझे अच्छी लगती है । उनकी स्किन बहुत मुलायम है और वो मुझे बहुत प्यार करती है और उनके

अब तक पापा खाना खा चुके थे और हाथ साफ करते हुए
पापा - और और ,, आगे बोलो बेटा

मै शर्मा कर - वो मा के बडे बडे दूध अच्छे ल्गते है मुझे

मै जानता था कि पापा मुझसे यही सब सुनना चाहते हैं पर मै इतना जल्दी खुलना नही चाहता था ।

पापा एक गहरी सास लेते हुए अपनी पैंट मे उभरे लण्ड को सेट करते हुए - आह्ह बेटा बात तो तेरी सही है ,,,तेरी मा के मोटे दूध है ही कमाल के ,,,मजा आ जाता है चुस के


मै पापा की बात सुन कर उत्तेजित हो रहा था लेकिन अपनी भावनाये रोक कर खुद को जान बुझ के शर्म से आच्ल से ढका हुआ था

पापा मुझे टटोलते हुए - बेटा तेरा मन नही करता कि तू फिर से तेरी मा के मोटे दूध पिए

मै पापा की बात सुन के सच मे चौक गया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि मै क्या जवाब दू इसका


मुझे चुप देख के पापा बोले - क्या हुआ बेटा बोल ना

मै मुस्कुरा कर - धत्त नही , वो मम्मी है मेरी , आप भी न हिहिहिही

पापा - अरे बेटा मा के दूध पर पहला तक तो तेरा ही है हाहाहाहा , वैसे तेरी मर्जी

पापा - अब से तू मुझे अपना दोस्त समझ और कुछ भी पुछना हो जानना हो तो हिचक ना करना

मै खुश होकर - जी पापा ,,अब मै जाऊ मा को वापस घर जाना है ना

पापा हस कर - अरे हा हा बेटा तू निकल ये टीफिन मै शाम को लेते आऊगा

फिर मै वहा से निकल पुराने घर की तरफ चल दिया और रास्ते भर पापा के साथ बिताये पलो को याद कर उत्तेजित होकर मुस्कुरा रहा था ।

फिर मै
दुकान पहुच कर मा से सारी बाते शेयर की और मा को बोला कि पापा को हमारे बारे ना बताये क्योकि मै पापा के तरीके से मजा लेना चाहता हू
और फिर हम दोनो आने वाले समय के लिए सपने बुनने लगे

जारी रहेगी
READ AND REVIEW
बहुत ही मस्त और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
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UPDATE 81



मै पापा के वहा से वापस मा पास आया और उनको सारी बाते बताई । फिर हमारे बीच उनसब को लेके एक मस्ती भरी चर्चा के बाद मा खाने के टिफ़िन लेके घर निकल गयी और मै वही दूकान मे बैठ कर काम करने लगा ।

शाम को 3.30 बजे तक अनुज आया तो मै उसको बिठा कर निकल गया कोचिंग के लिए और शाम मे अनुज को खुद दुकान बंद करके घर आने को बोल दिया ।

चुकि 15 दिन बाद से मेरे एक्जाम भी सुरु होने वाले थे तो मै पढाई मे थोडा ध्यान देने लगा था ।

फिर शाम की कोचिंग के लिए मुझे वही अपने नये घर के बगल मे चंदू के घर पर ही जाना था और मै समय से पहुचा और क्लास अटैंड की फिर समय से घर चला गया और मा को बताया कि मेरा एक्जाम का टाईम टेबल आ गया है और दो हफ्ते बाद से मेरी परीक्षा है तो मै थोडा पढाई करना चाहता हू , आप प्लीज कुछ दिन के लिए दुकान के काम काज देख लिजीये


मा खुशी से - अरे कोई बात नही बेटा उसकी चिन्ता ना कर ,,वैसे भी अनुज की 9वी की परिक्षा पूरी हो गयी है तो वो अब फ्री है और मै उसके साथ दुकान देख लुंगी तू पढाई पर ध्यान दे


फिर मै चाय नास्ता कर उपर दीदी के साथ पढने चला गया । चुकी एग्ज़ाम आ रहे थे तो दीदी ने मस्ती करने के लिए साफ मना कर दिया था पढाई पर ध्यान देने को बोला और 8 बजे करीब मा ने हमे आवाज दी और फिर हम सब खाना खाने बैठ गये ।
पापा और अनुज भी आ गये थे
फिर हम सब ने खाना खाया और फिर पापा को भी पता चला की दो हफते बाद से हमारे एग्ज़ाम सुरु होने को है

खाने के बाद हम सब अपने कमरो मे चले गये ।
मै भी अपने क्मरे मे गया और लेट कर मोबाइल चलाने लगा ।
चेक किया तो देखा कोमल के 3 मिसकाल और 2 मैसेज आये थे । इसका मतलब था कि वो घर आ गयी थी ।

फिर मैने उसको कॉल किया और उससे हाल चाल लिया साथ एग्ज़ाम के बारे मे भी डिसकशन हुआ फिर उसने फोन रख दिया ।

मै भी बिंदास सोने के मूड मे था कि तभी एक मैसेज बिप हुआ जिसे देख कर मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी । ये सरोजा जी का मेसेज था

सरोजा - नाराज हो क्या राज
मै उनका मैसेज देखते ही कल रात की सारी घटनाये मन मे ताजा कर ली

फिर एक आत्मविश्वास के साथ उनको फोन किया

फोन पर :

मै - ह ह हैलो गुड इवनिंग
सरोजा - हाय राज गुड इवनिंग
मै - कैसी है आप , डिनर हुआ
सरोजा - हम्म्म्म और तुम्हारा

मै - हा मेरा हो गया और बताईये
सरोजा - राज वो मै कल रात के लिए तुमसे सॉरी बोलना चाहती हू , मैने नशे मे पता नहीं क्या क्या बोल दिया होगा तुमको

मै ह्स कर - मुझे सारा याद कहो तो बताऊ हिहिहिहिही

सरोजा शर्म से हस कर - धत्त पागल,, तुम तो फ़ोरमैलिटी जैसे चीजो को जैसे समझते ही नही हो ,,सीधा मुह पर ही बोल देते हो

मै हस कर - नही मुझे लगा शायद आप नशे मे थी तो आपको याद नही होगा तो क्यू ना मै आपकी मदद कर दू हिहिहिहिही

सरोजा - धत्त नही चाहिये मुझे मदद तुम्हारी
मै ह्स कर - कोई बात नही जी जाने दिजीये और बताईये

सरोजा थोडा संकोचवश- वो राज मै तुमसे मिलना चाहती हू ,, तुम फ्री हो इधर कभी
मै थोडा सरोजा से मजे लेने मूड मे - वैसे तो मेरे एग्ज़ाम आ रहे है लेकिन अब आप बुला रही है तो मै मना कैसे कर सकता हू

सरोजा हस कर - अरे अरे नही इतना जरुरी भी नही है , तुम पढाई करो और परीक्षा के बाद ही मिल लेंगे
क्योकि मुझे भी कल शाम तक दिल्ली के लिए नीकलना है , शादियो के सीजन आ रहे है तो नये collection के सिलसिले मे ,,, ओके चलो अभी बाय
मै - अरे कहा चली जी
सरोजा इतरा कर - सोने जा रही जी
मै ह्स के - मै भी आऊ जी
सरोजा इतरा के - ना ना जी
हिहिहिही रखो पागल कही के बाय गुड नाइट

मै ह्स कर - हा बाय गुड नाइट

फिर मैने फोन रखा और सो गया ।

फिर ऐसे ही समय बीता। धीरे धीरे हमारे परीक्षा के दिन करीब आ गये और हम सब ने जी तोड़ पढाई की और 4 अप्रैल को मेरा पहला एग्ज़ाम था ।
मै बडे सवेरे उठा और जल्दी से फ्रेश हुआ और नहाने के बाद आज मन हुआ कि एक लोटा जल सूरज दादा को भी दे ही दू । जैसा की आम परीक्षा के दिनो मे ही बच्चो को भगवान याद आते है बिल्कुल उसी तरह मुझे भी मन हुआ और मै जल देने छ्त पर गया और एक बार गायत्री मंत्र का जाप खतम कर वापस दरवाजे की ओर जा ही रहा था कि तभी मेरी नजर बगल के काजल भाभी के मकान पर गयी जहा काजल भाभी की सास नहा कर एक बाल्टी मे कपडे लेके आई थी और छ्त पर बने अरगन पर डाल रही थी ।

आह्ह क्या नजारा था ,, उनकी सास का बदन अभी भी भिगा ही था और वो बिना ब्लाउज के सिर्फ सारी को उपर से लपेटे हुए थी और उनकी नंगी पिठ पीछे से साफ दिख रही थी और वो फिर जैसे ही बाल्टी से कपडे लेने के लिए झुकी उनकी भारी गाड़ यू फैल कर सामने आई जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और मुझे उसे पैन्त के उपर से दबाना पडा ।

फिर वही कपड़े डालने के बाद उन्होने अपनी साडी अपने छातियो से अलग की और उनकी मोटी मोटी ब्ड़ी चुची लटकी हुई दिख गयी और फिर उन्होने वही अरगन से एक सुखा हुआ ब्लाउज उतार कर पहन लिया और फिर बालटी लेके निचे चली गयी ।

मै भी एक गहरी सास लेके - आह्ह्ह लग रहा है कि आज का पेपर मस्त होने वाला है ।
फिर मै खुश होकर निचे आया और चाय नास्ता कर तैयार हुआ और 7 बजे तक चंदू मेरे घर अपनी साइकिल से आया । फिर मैने मा के पैर छुए और निकल गया एग्ज़ाम के लिए चंदू की साइकिल पर पीछे बैठ कर ।

रास्ते मे
चंदू - भाई मुझे तो बहुत डर लग रहा है पता नही कैसा सवाल आयेगा

मै पीछे से ही उसके सर पर अपने पटरी से मारते हुए - साले फत्तू मत बन , जो होता है अच्छे के लिए होता है ।

मै - अभी एग्ज़ाम के सवाल को छोड और रास्ते मे चल रही मस्त आईटम को देख आह्ह क्या मस्त गाड़ हिल रही है इसकी हय्य्य उम्म्ंम मा कसम मन हो रहा है खा जाऊ यार ,,अभी से इतनी मोटी गाड़

फिर हम दोनो उसको क्रॉस करते है और मैं साम्ने से उसकी मोटी उभरी हुई छातियो को देखता हू

चंदू - अबे साले वो सरला है नारायणपुर गाव वाली ,,तुने उसका चेहरा नही देखा

मै हस कर - साले तू उसका चेहरा देख रहा था हिहिहिही
फिर मैं वापस घूम कर उसका चेहरा देखता हू

मै - अरे हा रे ये तो सरला है ,,ये तो मेरे साथ 8 तक पढ रही थी । सालि कितनी गदरा गयी है । लग रहा है कोई मस्त चोद रहा है इसे

चंदू हस कर - भाई कोई और नही बल्कि इसका बापू ही इसको रोज रगड़ के चोद रहा है

मै चिढ़ कर - भाग साले तू कुछ भी बकता है और तुझे जैसे सब पता है

चंदू - अरे भाई पुरा नारारनपुर जानता है इनलोगो के बारे मे लेकिन सब चुप रहते है

मै - तुने देखा है
चंदू - नही भाई मै कहा
मै - फिर चुप कर बहस नही ,,साले वो देख कित्नी मस्त मस्त गाड़ वाली लड़कियाँ आई है ।

मै खुशी जाहिर करते हुए - आज तो दिन ही बन गया भाई उम्म्ं मुझे तो लेगी मे कसी हुई जांघो वाली माले मस्त लगती है अह्ह्ह क्या नजारा है भाई

चंदू - अबे माल छोड और आ जल्दी से रोल नं मिला कर कमरा देख ले रहे है
फिर हमने जल्दी से बोर्ड से अपना रोल नं मिलाया और अलग अलग कमरो मे निकल गये ।

इधर मै अपने एग्ज़ाम वाले कमरे मे घुसा
आहह कमरा पुरा मस्त काफी सारे परफ्युम की मिली जुली खुस्बु से महक रहा था और जहा नजर जा रही थी एक से एक हसिन माल दिख रही थी और कुछ तो भाभी टाइप की शादीशुदा थी जिनकी हाल ही मे शादी हूई थी और मस्त चुदवाने से उनका जिस्म निखर गया था ।
आह मेरे जैसे हवसी और चोदू इन्सान के लिए जन्न्त से कम नही था वो एग्ज़ाम का कमरा । ये नजारो को देख कर मैने तो प्लानिंग कर ली अगले सीजन से पक्का कालेज आना है और एक दो बढिया गदराया हुआ माल पटाना है ।

खैर मै जैसे तैसे अपनी सीट खोज कर रोल नं मिलाते हुए बैठ गया अपनी जगह और अभी 15 मिंट बाकी थे परीक्षा शुरु होने मे । इसलिए मै इधर उधर देख रहा था कि मेरे आगे पीछे कौन बैठा है लेकिन मेरे बगल वाली सित अब भी खाली थी तो मै लपक कर रोल नं वाली कागज को सीट पर चिपकी थी उसका नाम पढा और उस पर लिखा था सरला यादव

नाम को देखते ही मेरी आंखे ब्ड़ी हो गयी कि कही ये वही तो नही जिसको रास्ते मे ताड़ते हुए जा रहा था
मै बस दुआ करने लगा कि वो ना क्योकि जब मैने उसके पीछे से उसको कमेंट किया "अभी से इतनी मोटी गाड़ है आह्ह" तो मुझे डर लग रहा था कि कहो वो सुनी ना हो और मैने एक बार उसको मुड कर भी देखा था तो कही वो मुझे पहचान ना रही हो ।


खैर मै इन्ही ख्यालो मे डुबा था कि मुझे किसी आवाज ने जगाया
मै नजर उठाई तो वो सरला ही थी , छोटा कद लेकिन भरा हुआ जिस्म , मोटी जान्घे जो लाल लेगी मे कसी हुई थी और सिने पर मोटी चुचिया पीली कुर्ती मे उभरी हुई थी । हालाकी सरला का शकल कुछ खास नही था लेकिन उसके गदराये जिस्म का आकर्षण जबरजस्ट था ।

मै उसको देख कर थूक गटकते हुए चेहरे पे बनावती मुस्कान लाते हुए - अरे सरला तुम , यहा कैसे

वो भी मेरे मुस्कान को देख कर मुह बनाते हुए इतरा कर बोली - साइड हटिये मुझे उधर जाना है

मुझे सरला का ये तुनक कर जवाब देना कुछ समझ नही आया और मै चुपचाप खड़ा हुआ और वो दुसरी तरफ चली गयी और मै वापस बैठते हुए ।

मै वापस बेशर्मी से दाँत दिखाते हुए - हिहिही अरे सरला लग रहा है कि तुम मुझे पहचानी नही मै राज हू । याद है हम क्लास 8th तक साथ मे पढे थे

सरला मुह बना कर - हा याद है और मैने तुम्हे तभी पहचान लिया था जब तुम रास्ते मे मेरी तारिफ कर रहे थे ।

मै सरला के तीखे तेवर भरे जवाब से सकपका गया और जिसका डर था मुझे वही हुआ

मै कुछ बोलता उस्से पहले ही सरला वापस से अपना भड़ास निकालने लगी - तुमको शर्म नही आई राज ऐसे शब्द बोलते हुए , मै तो हमेशा तुम्हे एक अच्छा और जिम्मेदार लड़का समझती थी लेकिन तुम भी बाकियो के जैसे हो


मै सरला के दूतकार भरे लफ्जों से खुद बहुत शर्मिंद्गी मह्सुस करने लगा और एक दबे स्वर मे सरला को सॉरी बोला
इससे पहले हमदोनो के बीच कोई बातचित होती उससे पहले ही परीक्षा की घंटी बजी और पेपर बटने शुरु हुए और फिर हम दोनो अपने एग्ज़ाम मे व्यस्त हो गये ।

पेपर पढने बाद मैने लिखना शुरु किया और धीरे धीरे 2 घन्टे बीत गये और इस दौरान मेरी हिम्मत ही नही हुई कि मै सरला के तरफ कोई ताक झाक करू

आखिरी के 30 मिंट से पहले ही मेरे सारे सवाल हल हुए और मैने पेन बंद कर साइड मे रख कर मै उनका रिवीजन करने लगा । जिसे सरला बडे गौर से देख रही थी और तभी वो बोली


सरला - तुम्हारा हो गया क्या
मै उस्से ज्यादा बात करने मे हिचक मह्सूस कर रहा था तो- हममं हो गया

सरला हस कर - अरे भाव ना खाओ यार ब्स ऐसे ही खाली हुए ही तो पुछ रही हू

मै सरला के ऐसे व्यव्हार की उम्मिद नही थी क्योकि सरला को मै बचपन से जानता था वो एक स्वाभिमानी लड्की थी और बिना कोई स्वार्थ के ऐसे मीठी बाते करना मुझे शक हुआ लेकिन फिर भी मैने सामान्य होकर ही जवाब दिया

मै इत्मीनान से उसकी ओर मुह कर - हा बोलो जी

सरला हस कर हिचक दिखाते हुए अपना पेपर मेरे तरफ कर एक प्रश्न पर उन्ग्ली रख्ते हुए - ये वाला तुमने किया क्या

और वो मुस्कुराने लगी

मै समझ गया कि उसको मेरी मदद की जरुरत है तो मैने हा मे सर हिलाया और उसके बोलने से पहले ही अपनी उत्तर पुस्तिका का वो पेज खोल कर उसकी तरफ रख दिया और वो झट से 4 5 नजर मे उतर लिख कर

सरला मुस्करा कर - हो गया थैंक यू
मै सिरिअस मोड मे - हमम ओके
फिर मैने वाप्स से सारे सवाल देखे और फिर आखिरी घंटी का इन्तजार किया ।

फिर पेपर जमा कर मै बाहर निकला और सामने चंदू मिला और उसका रोना शुरु , यार थोडा समय कम पड गया और ये वाले सवाल का ये लिखा है सही होगा की नही

मै उसको गालिया देते हुए बाहर लेके आया और फिर हम दोनो निकल गये घर
रास्ते मे मैने डर के मारे और किसी लडकी को लेके कोई कमेंट बाजी नही की
घर आकर मैने खाना खाया और फिर थोडी देर सो गया और फिर शाम को उठने के बाद फिर से पढाई मे लग गया क्योकि अगला पेपर दो दिन बाद था इसिलिए इस दौरान मैने वापस से अपना ध्यान पढाई मे लगाया
रात मे नोर्माली कोमल और निशा से बात हुई वो सिर्फ एग्ज़ाम को लेके ही , सबकी फटी हुई थी एग्ज़ाम को लेके तो क्या कोई बात करता और मेरा खुद वही हाल था तो मैने भी पढाई मे ही ध्यान दिया


दो दिन बाद मेरे दुसरे परीक्षा का दिन आया और फिर उसी तरह मेरे दिन की शुरुवात हुई और सुबह मे काजल भाभी की सास के दर्शन हुए फिर 7 बजे तक चंदू आया और हम दोनो निकल गये ।

फिर रास्ते मे सरला मिली आज उसने मरून टीशर्ट और क्रीम कलर लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे उसकी गाड़ और भी हिल रही थी , वही टीशर्ट मे चुचो का कसाव ऐसा की थूक गटकने की नौबत आ जाये ।

खैर इस बार मैने कोई कमेंटबाजी नही की और सीधा निकल गया
आगे जाने पर
चंदू- अबे आज तो सरला और भी गच्च लग रही है यार

मै - हा हा चल आगे देख के चला ,,, देखा मैने सालि को

चंदू - भाई मेरा तो मूड हो गया है इसको चोदने का
मै चिढ़ कर - हा तो जा चोद ले जा

चंदू - क्या हुआ भाई आज तेरा मूड सही नही है

मै इरिटेट होने के भाव मे - नही यार ऐसा कुछ नही है छोड जाने दे । चल अपने अपने कमरे मे जाते है बाद मे मिलते है

फिर हम दोंनो अपने अपने एग्ज़ाम कमरे मे आ गये
थोडी ही देर में सरला आई और मै से बिना कूछ बोले खड़ा हुआ और वो दुसरी ओर चली गयी ।

सरला ह्स्ते हुए - गुड मॉर्निंग राज
मै उसको इग्नोर करने के अंदाज मे - हा कुछ कहा तुमने

सरला हस कर - मैने कहा गुड मॉर्निंग
मै भी फारमैलिटी करते हुए - हा गुड मॉर्निंग फिर वापस से ऐसे ही इधर उधर ताक झाक करने लगा

सरला को अह्सास था कि मै उससे बात करने के मूड मे नही हू

सरला थोडी मेरे तरफ ख्स्की तो मै चौका और उसकी ओर देखा
सरला मुस्कुरा कर - क्या यार तुम उस दिन की बात को इतना सिरिअस ले रहे हो कि अब बात भी नही कर रहे हो

मै खुद को नोर्मल दिखाता हुआ - नही ऐसी बात नही है सरला , और उस दिन के लिए मुझे बहुत अजिब फिल हो रहा है

सरला मुस्कुरा कर - कोई बात नहीं राज , हो जाता है कभी कभी , अब तुमने जो देखा वो मुह से निकल गया होगा

मै सरला की ऐसी बाते सुन कर थोडा खुद को शांत किया

सरला - यार तुम मेरे बचपन के दोस्त हो और एक छोटी सी बात को लेके बैठ गये हो । ये नही है कि मिले है इतने समय बाद तो कोई बात करे


मै थोडा मुस्कुरा कर - ठीक है तो बताओ फिर 8th के बाद कहा गायब हो गयी थी हा

सरला - वो मै मामा के यहा से पढने चली गयी थी और तुम

मै - मै तो शुरु से यही हू , वैसे बुरा न मानो एक बात पूछू

सरला हस कर - हा क्यू नही

मै - क्लास 8th तक तुम इतनी दुबली पतली थी फिर अचानक से भैस कैसे हो गयी हिहिही

सरला मेरी बात सुन कर अपने पटरी से मेरे सर पर हल्के से मारते हुए - भक्क पागल , इतनी भी मोटी नही हू कि मुझे भैस बुलाओ तुम , हा थोडा असर तो हुआ है


मै एक नजर सरला के चुचो को घुर कर टीशर्ट के उपर से दिख रहे उसके ब्रा का शेप देख थूक गटकते हुए - थोडा असर इतना नही होता

सरला मेरे बातो का मतलब समझ गयी और बोली - भक्क गंदे ,,तुम नही सुधर सकते मतलब

फिर हम दोनो हसने लगे और फिर एग्ज़ाम के पेपर बटने शुरु हुए
आज फिर मैने उसकी थोडी मदद की और हमने 20 मिंट पहले ही सारे प्रश्न हल कर लिये ।

फिर सरला - वैसे तुम्हारी पढाई तो पहले की तरह तेज ही है
मै ह्स कर - हा और तुम अभी बुधु हो हिहिही

सरला मेरी बातो से शर्मा के हसने लगी
मै ह्स कर - तब शादी कब तक कर रही
सरला चौक कर - शादी वो भी अभी से
मै हस कर - हा वो कोने मे देखो सुधा बैठी है उसकी शादी तो हो गयी ।

सरला हस कर - मैने कौन सा उसके जैसा किसी के साथ भागी हू कि मेरे बापू इतनी जल्दी मेरी शादी करवा देंगे

मै चौकते हुए - मतलब
सरला दबी हुई आवाज मे - अरे तुमको पता नही है पिछ्ले साल स्कूल खुलने के बाद वो पास के गाव के लडके के ही साथ भागी थी और बडे शहर मे पकड़ी गयी

मै - फिर क्या हुआ
सरला - फिर क्या उन दोनो की शादी कर दी गयी

मै - लेकिन फिर भी उसकी उम्र कम है अभी
सरला मुह दबा कर हस कर - हा लेकिन और कोई रास्ता नही था , उस समय वो पेट से थी तो

मै चौक कर एक नजर सुधा पर डाला लेकिन वो अपने पेपर मे बिजी थी - ओह्ह

सरला - तुम बताओ तुम कब कर रहे है शादी
मै हस कर - अभी कहा , अभी तो दिदी की शादी होनी है इसि साल फिर दो साल बाद कही मेरी होगी

सरला हस कर - और कोई गर्लफ्रेंड होगी ना
मै शर्माने के भाव मे - मुझे कौन पसन्द करेगा और कोई किया होता तो मैने उस दिन तुम्हारी तारिफ क्यू करता हिहिहिही सॉरी
सरला मेरी बातो से झेप गयी और मुह फेर के हसने लगी
मै मौका देख कर - वैसे सच मे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नही है

सरला ह्स्ते हुए ना मे सर हिलाया

मै भी हस कर - यार यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि बिना बॉयफ्रेंड के

सरला शर्मा के - जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नही है ,अब मेरी बॉडी ऐसे ही है तो मै क्या करू

मै आगे कुछ बोलता उससे पहले ही पेपर जमा होने लगे और फिर मै उसको बाय बोल कर निकल गया ।

रास्ते मे मै और चंदू घर की ओर निकले और मुझे ध्यान आया कि अगर सरला का कोई बॉयफ्रेंड नही है तो कही वो सच मे अपने बापू से तो नही

मै कुछ सोचा और फिर
मै - चंदू घर नही जाना है सीधा पुलिया की ओर चल बाग मे
चनदू - अरे लेकिन उधर क्या करने भाई भूख लग रही है

मै - भोस्डी के चल चुप चाप

और फिर हम दोनो टाउन के बाहर पुलिया के पास एक बाग की ओर चले गये। जहा उसी बाग के बीच से एक कच्ची सड़क सरला के गाव नारायनपुर को जाती थी


जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और मजेदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 

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UPDATE 81



मै पापा के वहा से वापस मा पास आया और उनको सारी बाते बताई । फिर हमारे बीच उनसब को लेके एक मस्ती भरी चर्चा के बाद मा खाने के टिफ़िन लेके घर निकल गयी और मै वही दूकान मे बैठ कर काम करने लगा ।

शाम को 3.30 बजे तक अनुज आया तो मै उसको बिठा कर निकल गया कोचिंग के लिए और शाम मे अनुज को खुद दुकान बंद करके घर आने को बोल दिया ।

चुकि 15 दिन बाद से मेरे एक्जाम भी सुरु होने वाले थे तो मै पढाई मे थोडा ध्यान देने लगा था ।

फिर शाम की कोचिंग के लिए मुझे वही अपने नये घर के बगल मे चंदू के घर पर ही जाना था और मै समय से पहुचा और क्लास अटैंड की फिर समय से घर चला गया और मा को बताया कि मेरा एक्जाम का टाईम टेबल आ गया है और दो हफ्ते बाद से मेरी परीक्षा है तो मै थोडा पढाई करना चाहता हू , आप प्लीज कुछ दिन के लिए दुकान के काम काज देख लिजीये


मा खुशी से - अरे कोई बात नही बेटा उसकी चिन्ता ना कर ,,वैसे भी अनुज की 9वी की परिक्षा पूरी हो गयी है तो वो अब फ्री है और मै उसके साथ दुकान देख लुंगी तू पढाई पर ध्यान दे


फिर मै चाय नास्ता कर उपर दीदी के साथ पढने चला गया । चुकी एग्ज़ाम आ रहे थे तो दीदी ने मस्ती करने के लिए साफ मना कर दिया था पढाई पर ध्यान देने को बोला और 8 बजे करीब मा ने हमे आवाज दी और फिर हम सब खाना खाने बैठ गये ।
पापा और अनुज भी आ गये थे
फिर हम सब ने खाना खाया और फिर पापा को भी पता चला की दो हफते बाद से हमारे एग्ज़ाम सुरु होने को है

खाने के बाद हम सब अपने कमरो मे चले गये ।
मै भी अपने क्मरे मे गया और लेट कर मोबाइल चलाने लगा ।
चेक किया तो देखा कोमल के 3 मिसकाल और 2 मैसेज आये थे । इसका मतलब था कि वो घर आ गयी थी ।

फिर मैने उसको कॉल किया और उससे हाल चाल लिया साथ एग्ज़ाम के बारे मे भी डिसकशन हुआ फिर उसने फोन रख दिया ।

मै भी बिंदास सोने के मूड मे था कि तभी एक मैसेज बिप हुआ जिसे देख कर मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी । ये सरोजा जी का मेसेज था

सरोजा - नाराज हो क्या राज
मै उनका मैसेज देखते ही कल रात की सारी घटनाये मन मे ताजा कर ली

फिर एक आत्मविश्वास के साथ उनको फोन किया

फोन पर :

मै - ह ह हैलो गुड इवनिंग
सरोजा - हाय राज गुड इवनिंग
मै - कैसी है आप , डिनर हुआ
सरोजा - हम्म्म्म और तुम्हारा

मै - हा मेरा हो गया और बताईये
सरोजा - राज वो मै कल रात के लिए तुमसे सॉरी बोलना चाहती हू , मैने नशे मे पता नहीं क्या क्या बोल दिया होगा तुमको

मै ह्स कर - मुझे सारा याद कहो तो बताऊ हिहिहिहिही

सरोजा शर्म से हस कर - धत्त पागल,, तुम तो फ़ोरमैलिटी जैसे चीजो को जैसे समझते ही नही हो ,,सीधा मुह पर ही बोल देते हो

मै हस कर - नही मुझे लगा शायद आप नशे मे थी तो आपको याद नही होगा तो क्यू ना मै आपकी मदद कर दू हिहिहिहिही

सरोजा - धत्त नही चाहिये मुझे मदद तुम्हारी
मै ह्स कर - कोई बात नही जी जाने दिजीये और बताईये

सरोजा थोडा संकोचवश- वो राज मै तुमसे मिलना चाहती हू ,, तुम फ्री हो इधर कभी
मै थोडा सरोजा से मजे लेने मूड मे - वैसे तो मेरे एग्ज़ाम आ रहे है लेकिन अब आप बुला रही है तो मै मना कैसे कर सकता हू

सरोजा हस कर - अरे अरे नही इतना जरुरी भी नही है , तुम पढाई करो और परीक्षा के बाद ही मिल लेंगे
क्योकि मुझे भी कल शाम तक दिल्ली के लिए नीकलना है , शादियो के सीजन आ रहे है तो नये collection के सिलसिले मे ,,, ओके चलो अभी बाय
मै - अरे कहा चली जी
सरोजा इतरा कर - सोने जा रही जी
मै ह्स के - मै भी आऊ जी
सरोजा इतरा के - ना ना जी
हिहिहिही रखो पागल कही के बाय गुड नाइट

मै ह्स कर - हा बाय गुड नाइट

फिर मैने फोन रखा और सो गया ।

फिर ऐसे ही समय बीता। धीरे धीरे हमारे परीक्षा के दिन करीब आ गये और हम सब ने जी तोड़ पढाई की और 4 अप्रैल को मेरा पहला एग्ज़ाम था ।
मै बडे सवेरे उठा और जल्दी से फ्रेश हुआ और नहाने के बाद आज मन हुआ कि एक लोटा जल सूरज दादा को भी दे ही दू । जैसा की आम परीक्षा के दिनो मे ही बच्चो को भगवान याद आते है बिल्कुल उसी तरह मुझे भी मन हुआ और मै जल देने छ्त पर गया और एक बार गायत्री मंत्र का जाप खतम कर वापस दरवाजे की ओर जा ही रहा था कि तभी मेरी नजर बगल के काजल भाभी के मकान पर गयी जहा काजल भाभी की सास नहा कर एक बाल्टी मे कपडे लेके आई थी और छ्त पर बने अरगन पर डाल रही थी ।

आह्ह क्या नजारा था ,, उनकी सास का बदन अभी भी भिगा ही था और वो बिना ब्लाउज के सिर्फ सारी को उपर से लपेटे हुए थी और उनकी नंगी पिठ पीछे से साफ दिख रही थी और वो फिर जैसे ही बाल्टी से कपडे लेने के लिए झुकी उनकी भारी गाड़ यू फैल कर सामने आई जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और मुझे उसे पैन्त के उपर से दबाना पडा ।

फिर वही कपड़े डालने के बाद उन्होने अपनी साडी अपने छातियो से अलग की और उनकी मोटी मोटी ब्ड़ी चुची लटकी हुई दिख गयी और फिर उन्होने वही अरगन से एक सुखा हुआ ब्लाउज उतार कर पहन लिया और फिर बालटी लेके निचे चली गयी ।

मै भी एक गहरी सास लेके - आह्ह्ह लग रहा है कि आज का पेपर मस्त होने वाला है ।
फिर मै खुश होकर निचे आया और चाय नास्ता कर तैयार हुआ और 7 बजे तक चंदू मेरे घर अपनी साइकिल से आया । फिर मैने मा के पैर छुए और निकल गया एग्ज़ाम के लिए चंदू की साइकिल पर पीछे बैठ कर ।

रास्ते मे
चंदू - भाई मुझे तो बहुत डर लग रहा है पता नही कैसा सवाल आयेगा

मै पीछे से ही उसके सर पर अपने पटरी से मारते हुए - साले फत्तू मत बन , जो होता है अच्छे के लिए होता है ।

मै - अभी एग्ज़ाम के सवाल को छोड और रास्ते मे चल रही मस्त आईटम को देख आह्ह क्या मस्त गाड़ हिल रही है इसकी हय्य्य उम्म्ंम मा कसम मन हो रहा है खा जाऊ यार ,,अभी से इतनी मोटी गाड़

फिर हम दोनो उसको क्रॉस करते है और मैं साम्ने से उसकी मोटी उभरी हुई छातियो को देखता हू

चंदू - अबे साले वो सरला है नारायणपुर गाव वाली ,,तुने उसका चेहरा नही देखा

मै हस कर - साले तू उसका चेहरा देख रहा था हिहिहिही
फिर मैं वापस घूम कर उसका चेहरा देखता हू

मै - अरे हा रे ये तो सरला है ,,ये तो मेरे साथ 8 तक पढ रही थी । सालि कितनी गदरा गयी है । लग रहा है कोई मस्त चोद रहा है इसे

चंदू हस कर - भाई कोई और नही बल्कि इसका बापू ही इसको रोज रगड़ के चोद रहा है

मै चिढ़ कर - भाग साले तू कुछ भी बकता है और तुझे जैसे सब पता है

चंदू - अरे भाई पुरा नारारनपुर जानता है इनलोगो के बारे मे लेकिन सब चुप रहते है

मै - तुने देखा है
चंदू - नही भाई मै कहा
मै - फिर चुप कर बहस नही ,,साले वो देख कित्नी मस्त मस्त गाड़ वाली लड़कियाँ आई है ।

मै खुशी जाहिर करते हुए - आज तो दिन ही बन गया भाई उम्म्ं मुझे तो लेगी मे कसी हुई जांघो वाली माले मस्त लगती है अह्ह्ह क्या नजारा है भाई

चंदू - अबे माल छोड और आ जल्दी से रोल नं मिला कर कमरा देख ले रहे है
फिर हमने जल्दी से बोर्ड से अपना रोल नं मिलाया और अलग अलग कमरो मे निकल गये ।

इधर मै अपने एग्ज़ाम वाले कमरे मे घुसा
आहह कमरा पुरा मस्त काफी सारे परफ्युम की मिली जुली खुस्बु से महक रहा था और जहा नजर जा रही थी एक से एक हसिन माल दिख रही थी और कुछ तो भाभी टाइप की शादीशुदा थी जिनकी हाल ही मे शादी हूई थी और मस्त चुदवाने से उनका जिस्म निखर गया था ।
आह मेरे जैसे हवसी और चोदू इन्सान के लिए जन्न्त से कम नही था वो एग्ज़ाम का कमरा । ये नजारो को देख कर मैने तो प्लानिंग कर ली अगले सीजन से पक्का कालेज आना है और एक दो बढिया गदराया हुआ माल पटाना है ।

खैर मै जैसे तैसे अपनी सीट खोज कर रोल नं मिलाते हुए बैठ गया अपनी जगह और अभी 15 मिंट बाकी थे परीक्षा शुरु होने मे । इसलिए मै इधर उधर देख रहा था कि मेरे आगे पीछे कौन बैठा है लेकिन मेरे बगल वाली सित अब भी खाली थी तो मै लपक कर रोल नं वाली कागज को सीट पर चिपकी थी उसका नाम पढा और उस पर लिखा था सरला यादव

नाम को देखते ही मेरी आंखे ब्ड़ी हो गयी कि कही ये वही तो नही जिसको रास्ते मे ताड़ते हुए जा रहा था
मै बस दुआ करने लगा कि वो ना क्योकि जब मैने उसके पीछे से उसको कमेंट किया "अभी से इतनी मोटी गाड़ है आह्ह" तो मुझे डर लग रहा था कि कहो वो सुनी ना हो और मैने एक बार उसको मुड कर भी देखा था तो कही वो मुझे पहचान ना रही हो ।


खैर मै इन्ही ख्यालो मे डुबा था कि मुझे किसी आवाज ने जगाया
मै नजर उठाई तो वो सरला ही थी , छोटा कद लेकिन भरा हुआ जिस्म , मोटी जान्घे जो लाल लेगी मे कसी हुई थी और सिने पर मोटी चुचिया पीली कुर्ती मे उभरी हुई थी । हालाकी सरला का शकल कुछ खास नही था लेकिन उसके गदराये जिस्म का आकर्षण जबरजस्ट था ।

मै उसको देख कर थूक गटकते हुए चेहरे पे बनावती मुस्कान लाते हुए - अरे सरला तुम , यहा कैसे

वो भी मेरे मुस्कान को देख कर मुह बनाते हुए इतरा कर बोली - साइड हटिये मुझे उधर जाना है

मुझे सरला का ये तुनक कर जवाब देना कुछ समझ नही आया और मै चुपचाप खड़ा हुआ और वो दुसरी तरफ चली गयी और मै वापस बैठते हुए ।

मै वापस बेशर्मी से दाँत दिखाते हुए - हिहिही अरे सरला लग रहा है कि तुम मुझे पहचानी नही मै राज हू । याद है हम क्लास 8th तक साथ मे पढे थे

सरला मुह बना कर - हा याद है और मैने तुम्हे तभी पहचान लिया था जब तुम रास्ते मे मेरी तारिफ कर रहे थे ।

मै सरला के तीखे तेवर भरे जवाब से सकपका गया और जिसका डर था मुझे वही हुआ

मै कुछ बोलता उस्से पहले ही सरला वापस से अपना भड़ास निकालने लगी - तुमको शर्म नही आई राज ऐसे शब्द बोलते हुए , मै तो हमेशा तुम्हे एक अच्छा और जिम्मेदार लड़का समझती थी लेकिन तुम भी बाकियो के जैसे हो


मै सरला के दूतकार भरे लफ्जों से खुद बहुत शर्मिंद्गी मह्सुस करने लगा और एक दबे स्वर मे सरला को सॉरी बोला
इससे पहले हमदोनो के बीच कोई बातचित होती उससे पहले ही परीक्षा की घंटी बजी और पेपर बटने शुरु हुए और फिर हम दोनो अपने एग्ज़ाम मे व्यस्त हो गये ।

पेपर पढने बाद मैने लिखना शुरु किया और धीरे धीरे 2 घन्टे बीत गये और इस दौरान मेरी हिम्मत ही नही हुई कि मै सरला के तरफ कोई ताक झाक करू

आखिरी के 30 मिंट से पहले ही मेरे सारे सवाल हल हुए और मैने पेन बंद कर साइड मे रख कर मै उनका रिवीजन करने लगा । जिसे सरला बडे गौर से देख रही थी और तभी वो बोली


सरला - तुम्हारा हो गया क्या
मै उस्से ज्यादा बात करने मे हिचक मह्सूस कर रहा था तो- हममं हो गया

सरला हस कर - अरे भाव ना खाओ यार ब्स ऐसे ही खाली हुए ही तो पुछ रही हू

मै सरला के ऐसे व्यव्हार की उम्मिद नही थी क्योकि सरला को मै बचपन से जानता था वो एक स्वाभिमानी लड्की थी और बिना कोई स्वार्थ के ऐसे मीठी बाते करना मुझे शक हुआ लेकिन फिर भी मैने सामान्य होकर ही जवाब दिया

मै इत्मीनान से उसकी ओर मुह कर - हा बोलो जी

सरला हस कर हिचक दिखाते हुए अपना पेपर मेरे तरफ कर एक प्रश्न पर उन्ग्ली रख्ते हुए - ये वाला तुमने किया क्या

और वो मुस्कुराने लगी

मै समझ गया कि उसको मेरी मदद की जरुरत है तो मैने हा मे सर हिलाया और उसके बोलने से पहले ही अपनी उत्तर पुस्तिका का वो पेज खोल कर उसकी तरफ रख दिया और वो झट से 4 5 नजर मे उतर लिख कर

सरला मुस्करा कर - हो गया थैंक यू
मै सिरिअस मोड मे - हमम ओके
फिर मैने वाप्स से सारे सवाल देखे और फिर आखिरी घंटी का इन्तजार किया ।

फिर पेपर जमा कर मै बाहर निकला और सामने चंदू मिला और उसका रोना शुरु , यार थोडा समय कम पड गया और ये वाले सवाल का ये लिखा है सही होगा की नही

मै उसको गालिया देते हुए बाहर लेके आया और फिर हम दोनो निकल गये घर
रास्ते मे मैने डर के मारे और किसी लडकी को लेके कोई कमेंट बाजी नही की
घर आकर मैने खाना खाया और फिर थोडी देर सो गया और फिर शाम को उठने के बाद फिर से पढाई मे लग गया क्योकि अगला पेपर दो दिन बाद था इसिलिए इस दौरान मैने वापस से अपना ध्यान पढाई मे लगाया
रात मे नोर्माली कोमल और निशा से बात हुई वो सिर्फ एग्ज़ाम को लेके ही , सबकी फटी हुई थी एग्ज़ाम को लेके तो क्या कोई बात करता और मेरा खुद वही हाल था तो मैने भी पढाई मे ही ध्यान दिया


दो दिन बाद मेरे दुसरे परीक्षा का दिन आया और फिर उसी तरह मेरे दिन की शुरुवात हुई और सुबह मे काजल भाभी की सास के दर्शन हुए फिर 7 बजे तक चंदू आया और हम दोनो निकल गये ।

फिर रास्ते मे सरला मिली आज उसने मरून टीशर्ट और क्रीम कलर लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे उसकी गाड़ और भी हिल रही थी , वही टीशर्ट मे चुचो का कसाव ऐसा की थूक गटकने की नौबत आ जाये ।

खैर इस बार मैने कोई कमेंटबाजी नही की और सीधा निकल गया
आगे जाने पर
चंदू- अबे आज तो सरला और भी गच्च लग रही है यार

मै - हा हा चल आगे देख के चला ,,, देखा मैने सालि को

चंदू - भाई मेरा तो मूड हो गया है इसको चोदने का
मै चिढ़ कर - हा तो जा चोद ले जा

चंदू - क्या हुआ भाई आज तेरा मूड सही नही है

मै इरिटेट होने के भाव मे - नही यार ऐसा कुछ नही है छोड जाने दे । चल अपने अपने कमरे मे जाते है बाद मे मिलते है

फिर हम दोंनो अपने अपने एग्ज़ाम कमरे मे आ गये
थोडी ही देर में सरला आई और मै से बिना कूछ बोले खड़ा हुआ और वो दुसरी ओर चली गयी ।

सरला ह्स्ते हुए - गुड मॉर्निंग राज
मै उसको इग्नोर करने के अंदाज मे - हा कुछ कहा तुमने

सरला हस कर - मैने कहा गुड मॉर्निंग
मै भी फारमैलिटी करते हुए - हा गुड मॉर्निंग फिर वापस से ऐसे ही इधर उधर ताक झाक करने लगा

सरला को अह्सास था कि मै उससे बात करने के मूड मे नही हू

सरला थोडी मेरे तरफ ख्स्की तो मै चौका और उसकी ओर देखा
सरला मुस्कुरा कर - क्या यार तुम उस दिन की बात को इतना सिरिअस ले रहे हो कि अब बात भी नही कर रहे हो

मै खुद को नोर्मल दिखाता हुआ - नही ऐसी बात नही है सरला , और उस दिन के लिए मुझे बहुत अजिब फिल हो रहा है

सरला मुस्कुरा कर - कोई बात नहीं राज , हो जाता है कभी कभी , अब तुमने जो देखा वो मुह से निकल गया होगा

मै सरला की ऐसी बाते सुन कर थोडा खुद को शांत किया

सरला - यार तुम मेरे बचपन के दोस्त हो और एक छोटी सी बात को लेके बैठ गये हो । ये नही है कि मिले है इतने समय बाद तो कोई बात करे


मै थोडा मुस्कुरा कर - ठीक है तो बताओ फिर 8th के बाद कहा गायब हो गयी थी हा

सरला - वो मै मामा के यहा से पढने चली गयी थी और तुम

मै - मै तो शुरु से यही हू , वैसे बुरा न मानो एक बात पूछू

सरला हस कर - हा क्यू नही

मै - क्लास 8th तक तुम इतनी दुबली पतली थी फिर अचानक से भैस कैसे हो गयी हिहिही

सरला मेरी बात सुन कर अपने पटरी से मेरे सर पर हल्के से मारते हुए - भक्क पागल , इतनी भी मोटी नही हू कि मुझे भैस बुलाओ तुम , हा थोडा असर तो हुआ है


मै एक नजर सरला के चुचो को घुर कर टीशर्ट के उपर से दिख रहे उसके ब्रा का शेप देख थूक गटकते हुए - थोडा असर इतना नही होता

सरला मेरे बातो का मतलब समझ गयी और बोली - भक्क गंदे ,,तुम नही सुधर सकते मतलब

फिर हम दोनो हसने लगे और फिर एग्ज़ाम के पेपर बटने शुरु हुए
आज फिर मैने उसकी थोडी मदद की और हमने 20 मिंट पहले ही सारे प्रश्न हल कर लिये ।

फिर सरला - वैसे तुम्हारी पढाई तो पहले की तरह तेज ही है
मै ह्स कर - हा और तुम अभी बुधु हो हिहिही

सरला मेरी बातो से शर्मा के हसने लगी
मै ह्स कर - तब शादी कब तक कर रही
सरला चौक कर - शादी वो भी अभी से
मै हस कर - हा वो कोने मे देखो सुधा बैठी है उसकी शादी तो हो गयी ।

सरला हस कर - मैने कौन सा उसके जैसा किसी के साथ भागी हू कि मेरे बापू इतनी जल्दी मेरी शादी करवा देंगे

मै चौकते हुए - मतलब
सरला दबी हुई आवाज मे - अरे तुमको पता नही है पिछ्ले साल स्कूल खुलने के बाद वो पास के गाव के लडके के ही साथ भागी थी और बडे शहर मे पकड़ी गयी

मै - फिर क्या हुआ
सरला - फिर क्या उन दोनो की शादी कर दी गयी

मै - लेकिन फिर भी उसकी उम्र कम है अभी
सरला मुह दबा कर हस कर - हा लेकिन और कोई रास्ता नही था , उस समय वो पेट से थी तो

मै चौक कर एक नजर सुधा पर डाला लेकिन वो अपने पेपर मे बिजी थी - ओह्ह

सरला - तुम बताओ तुम कब कर रहे है शादी
मै हस कर - अभी कहा , अभी तो दिदी की शादी होनी है इसि साल फिर दो साल बाद कही मेरी होगी

सरला हस कर - और कोई गर्लफ्रेंड होगी ना
मै शर्माने के भाव मे - मुझे कौन पसन्द करेगा और कोई किया होता तो मैने उस दिन तुम्हारी तारिफ क्यू करता हिहिहिही सॉरी
सरला मेरी बातो से झेप गयी और मुह फेर के हसने लगी
मै मौका देख कर - वैसे सच मे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नही है

सरला ह्स्ते हुए ना मे सर हिलाया

मै भी हस कर - यार यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि बिना बॉयफ्रेंड के

सरला शर्मा के - जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नही है ,अब मेरी बॉडी ऐसे ही है तो मै क्या करू

मै आगे कुछ बोलता उससे पहले ही पेपर जमा होने लगे और फिर मै उसको बाय बोल कर निकल गया ।

रास्ते मे मै और चंदू घर की ओर निकले और मुझे ध्यान आया कि अगर सरला का कोई बॉयफ्रेंड नही है तो कही वो सच मे अपने बापू से तो नही

मै कुछ सोचा और फिर
मै - चंदू घर नही जाना है सीधा पुलिया की ओर चल बाग मे
चनदू - अरे लेकिन उधर क्या करने भाई भूख लग रही है

मै - भोस्डी के चल चुप चाप

और फिर हम दोनो टाउन के बाहर पुलिया के पास एक बाग की ओर चले गये। जहा उसी बाग के बीच से एक कच्ची सड़क सरला के गाव नारायनपुर को जाती थी


जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और मजेदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 

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UPDATE 82



फिर मेरे कहे अनुसार चंदू साइकिल लेके बाग मे लेके गया और हम दोनो छिप गये ।
क्योकी सरला के गाव नारायणपुर गाव के लिए इसी बाग के बिच से एक कच्ची सड़क जाती थी

फिर हमने 15 मिंट इन्तेजार किया और सरला आती दिखी बाग की तरफ और हम दोनो उस रास्ते से दुर होकर छिप गये पेड़ की ओट मे


थोडी देर बाद जब सरला गाव की तरफ चली गयी तो हम दोंनो साइकिल लाक कर वही बाग मे जमीन पर लिटा कर छोड दिये और उसके पीछे निकल गये ।
लेकिन सरला बाग से निकलने के बाद गाव की तरफ ना जाकर खेतो की ओर जाने लगी

चंदू - अबे ये तो खेतो की ओर जा रही है
मै - अबे तू चुप कर ये कही भी जाये बस देखते रह

फिर वो आगे जाकर खेत के बीच मे बने पक्के नये घर की ओर जाने लगी जो काफी सुनसान जगह पर था । घर नया ही था लेकिन अभी रंग रोगन नही हुआ था

मै चंदू के सर पर थप्पड़ मार कर - देख साले उसका घर वहा है गाव मे नही


फिर वो दाँत दिखाने लगा
और हम दोनो उस समय सरसो और अरहर के खेतो मे छिपते हुए उसका पिछा करते हुए गये और धीरे से उसके घर के पिछवाड़े ओर घूम घुमे
क्योकि उस्का घर पीछे से खुला हाता था और आगे एक बरामदा था जिसमे एक चौकी रखी थी और दो कमरे थे ।
पीछे हाते मे एक जगह मिट्टी का चूल्हा बनाया गया था और पीछे का हाता पुरा अरहर के सुखे राठ से घेरा बना के रखा गया था । उसी राठ के बने हाते के पीछे मै और चंदू गये । वही से हम चुप चाप छोटे छोटे गैप के बिच से ही अन्दर का नजारा देख रहे थे ।
सरला के घर मे सिर्फ़ उसके बापू और वो रहते थे क्योकि सरला की मा काफी समय पहले ही गुजर गयी और उसका कोई भाई या बहन नही था ।

हम पीछे उस अरहर के राठ की ब्नाये हाते से अन्दर का नजारा देखने लगे ।

अन्दर एक तरफ रसोई के लिए जगह थी वही दुसरी तरफ जहा छाव थी वहा एक खाट पर सरला का बाप बेचन लुंगी और शर्त पहने लेता हुआ था ।

तभी सरला बापू बापू कहते आती हाते मे

सरला - अरे बापू आप सोये हो , खाना क्यू नही खाया

बेचन - अरे बिटिया सोचा तू आयेगी तो साथ मे खा लूंगा ,,आ बैठ और बता कैसी गयी तेरी आज की परीक्षा

सरला अपने लेटे हुए बापू के पेट के पास खाट पर बैठ जाती है

सरला ह्स के - अरे बापू परीक्षा एकदम मस्त हो रहा है हिहिहिही

तभी बेचन ने सरला की चुचियो को हाथ बढ़ा कर हल्का सा दबा कर कहा - आह्ह फिर तो थोडा मुझे भी मस्त कर दे ना बेटी

सरला मुस्कुरा कर क्समसाते हुए - आह्ह बापू क्या आप भी आते ही शुरु हो गये

यहा बेचन की हरकत देख कर चंदू मुझे इशारे से अन्दर के काण्ड के बारे मे बोला
मै भी उसको चौकने के भाव मे आगे देखने को इशारा किया

इधर अन्दर बेचन अपनी बेटी सरला को अपने उपर खिच उसकी चुचिया मिजने लगा और एक हाथ से उसका क्रीम कलर का स्कर्ट उठा कर लाल रंग की कच्ची के उपर से उसकी मोटी गाड़ को फैलाने लगा

अन्दर का नजारा देख हमारे पैंट मे तनाव होना शुरु हो गया और उधर बेचन उठ कर सरला को सामने अपनी गोद मे बिठा कर पीछे से उसकी दोनो मोटी चुचिया मिज्ने लगा ।


सरला - आह्ह बापू आराम से बहुत बड़ा कर दिये हो आप इसको
बेचन - अरे बेटा बड़ी चुचियो ही आजकल सबको भाती है देखना तेरी ये मोटी चुचियो को देख कर कोई अच्छा लड़का तुझे पसंद करेगा आह्ह मस्त मुलायम है रे चुची


सरला सिस्क कर - आह्ह नही बापू मुझको शर्म आती है सारे लोग घुर कर देखते है मेरे दूध और गाड़ को

गाड़ का नाम लेते ही बेचन को पता नही क्या हूआ और सरला को घुमा कर उसके चुचियो को टीशर्ट से उपर से ही मुह मे भरते हुए उसकी गाड़ को मसलने लगा और हाथ को उसकी कच्छी मे डाल दिया

बेचन - आह्ह बिटिया तेरी कच्छी तो पहले से ही गिली है

सरला मदहोशि मे - आह्ह बापू वो आज परीक्षा मे मेरा एक दोस्त था उसकी बाते सुन कर मै गरम हो गयी थी आह्ह बापू आराम से आह्ह आह्ह

बेचन जिज्ञासू भाव मे - कौन था वो बेटी
सरला शर्मा कर नाक मे नुकुराते हुए थोडा हस कर - बापू वो मेरे बचपन का दोस्त है 8वी तक पढा है ।राज नाम है उसका और मेरे बगल मे ही बैठता है अह्ह्ह आज उसने शादी ब्याह और प्यार मुहब्बत की बात छेड़ दी तो मुझे आपके मुसल की याद आ गई तो अह्ज्ज आह्ह आराम से बापू


यहा सरला के मुह से मेरा नाम सुन कर चंदू मुझ पर भड़कने लगा और इशारे मे गालिया देने लगा

वही बेचन - कोई बात नही बेटी रुक अभी तेरी गर्मी उतार देता हू
और फिर बेचन ने सरला की लिता कर उसका स्कर्ट उठा कर मुठ्ठि मे उसकी मुलायम चुत को मसलने लगा
जिस्से सरला दर्द और मजे से कसमसा गयी
फिर बेचन ने उसकी कच्छी निकाल के उसको खाट पर लिटा कर खुद जमीन पर उकुडू होकर ल्पालप उसकी झाट से भरी चुत चाटने लगा

सरला - आह्ह बापू आराम से उम्म्ं और चुसो बहुत खुजली हो रही थी कालेज मे आह्ह और उम्म्ंम आह्ह आह्ह बापू अह्ह्ह ओह्ह बाल ना खिचो आह्ह मा

यहा सरला की चुत चुसाई से हम लंड़ तन गये और हमने चैन खोल कर लण्ड बाहर निकाल कर मुठीयाना शुरु कर दिया
वही बेचन ने जोश मे आकर उठा और अपना लूंगी खोल कर झट से अपना सुखा लण्ड सरला की पिचपिचाती चुत मे पेल दिया

सरला चीख उठी - आह्ह बापुउउऊ आह्ह मा मर गयी अह्ह्ह धीरे आह्ह

बेचन ने अन्दर लण्ड घुसेड़ तो दिया लेकिन खाट छोटी होने से उससे धक्का लगाने मे दिक्कत हो रही थी
वही बेचन छोटे कद की सरला को झट से अपने गोद मे उठा कर खड़ा हुआ और उसे लण्ड पर बिठा कर उछालने लगा

सरला अपने बापू के मोटे लण्ड पर बैठ कर उसके कंधो मे हाथ डाले लंद पर झूल रही थी

इधर सरला की ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई देख हमारा लण्ड फटने पर आ गया

वही सरला की गोल मतकाए जैसी गाड को थामे उसका बापू घ्प्प घ्प्प अपने लण्ड पर खडे खडे उछाल रहा था

यहा हम दोनो की हालत सरला की ऐसी चुदाई होते देख खराब हो चुकी और हमारे हाथ हमारे लण्ड पर तेजी से चल रहे थे और जल्द ही एक गहरी आह्ह के साथ हम दोनो झड़ने लगे और झट से वहा से खसक लिये ।
बाग मे पहुच कर
चंदू भडक कर - अबे साले तुने बताया क्यू नही सरला तेरे पास बैठती है

फिर मैने उसको पहले दिन हुई घटना के बारे मे बताया कि कैसे उसने मुझे बेज्ज्त किया था तब वो शांत हो गया

चंदू - फिर तू यहा क्यू आया मै तो पहले ही बोल रहा था कि वो अपने बापू से चुदती है

मै - हा वो आज उसने बताया कि उसक कोई बॉयफ्रेंड नही है तो मुझे शक हुआ कि कही तेरी बात सच तो नही है और इसी बहाने हमे उसकी मोटी गाड़ और चुत भी देखने को मिल गये हिहिहीही

चंदू - हा भाई मजा आया लेकिन उसका बापू तो बड़ी जोर की चोदता है ,,, साला उसको लेके टांग लिया और लण्ड पर ही कुदवा रहा था

फिर हम ऐसे ही बाते करते वापस अपने घर चले गये


सरला की चुदाई देखने के बाद मुझे चुत की तलब थी और अगली परीक्षा को 4 दिन का समय था तो मैने मौका देख कर निकल गया 2 वजे से विम्ला के यहा क्योकि कोमल की परीक्षा दुसरे शिफ्ट मे थी
15 मिंट बाद मै विमला के घर की तरफ पहुचा , चैत महिने की गर्मी से बाहर कोई दिख नही रहा था यहा की सड़के भी सुनी थी ।

खैर मै विम्ला के घर गया और पहले के जैसे गेट भिड्का हुआ था
तो मै बिना कोई हलचल के हल्का सा खोल कर अन्दर घुस गया और चुपचाप बढ़ने लगा । मैने सोचा क्यू ना विमला को सरप्राइज़ दू

इसिलिए चप्पल बाहर ही निकाल कर दबे पाव हाल की तरफ आया वहा भी सना सन खाली था सब । बस विमला के कमरे से टीवी की आवाज आ रही थी ।

मै एक कातिल मुस्कान के साथ उभरे लण्ड को दबा कर उस्के कमरे की ओर गया और दरवाजे पर हल्का सा जोर दिया लेकिन वो अन्दर से ब्न्द था मै झट से लपक कर खिडकी की तरफ गया लेकिन वहा भी सब बंद था । मुझे लगने लगा कि जरुर अन्दर मनोज भिडा होगा



मै थोडा मायूस होकर सोफे पर बैठ गया और 5 मिंट तक ऐसे ही थकान से झपकी सी आने लगी , तभी मुझे कमरे मे कूछ खटपट सुनाई दी और शायद टीवी भी बंद हो गया था

मै झट से उठा और बगल मे कोमल के कमरे मे घुस गया और खिडकी से बाहर की ओर देखने लगा

तभी कमरे का दरवाजा खुला और कमरे मे से अनिता और विमला सिर्फ पेटीकोट मे बाहर निकाली । दोनो की मोटी मोटी चुचिया हवा मे झूल रही थी और उनके ब्लाउज खुले हुए थे ।

तभी अनिता बोली - दीदी ये लाईट भाग जाने से मजा अधूरा रह गया

विमला - तो परेशान ना हो मेरी रसिली
आजा यही मजा करते है हाल मे
अनिता घबडाहट भरे लहजे मे - भक्क कोई आ गया तो
विमला - अरे कोई नही आयेगा , रुक मै दरवाजा बंद कर देती हू और विमला अपनी चुचिया हिलाते हुए मेन गेट की ओर जाने लगी

और यहा मुझे धकधक होने लगा कि कही वो मेरा चप्पल न देख जाये
खैर वो गयी और वापस आई

विमला हाल मे आते ही एक नजर सब ओर घुमा रही थी और मै झट से खिडकी से हत गया ।
तभी विमला की आवाज आआई

बिमला - आजा मेरी जान अब चुस मेरा भोस्डा आ
मै विमला की आवाज सुन कर वापस से झाका बाहर की ओर

जहा विमला सोफे पर टाँग फैलाये अपना पेतिकोट उपर कर अपना चुत खोलकर बैठ गयी और वही अनिता भी उकुडू बैठते हुए अपनी गरदन आगे कर लपालप चुत पर जीभ चलाने लगी ।

वही विमला उत्तेजित होकर अनिता का सर तेजी से अपने भोस्ड़े मे दरते हुए सिस्कने लगी

मै विमला को अनिता के साथ ऐसे देख कर कोई खास गड़ब्ड़ नही लगी लेकिन फिर कुछ खास सवाल जरुर आये मन मे लेकिन मैने उनको टाल दिया

और वही थोडी देर बाद विमला अनिता को फर्श पर लिटा कर उसके उपर चढ़ कर 69 की पोजीशन मे आते हुए उसकी मोटी मोटी जांघों को फैला कर उसके फैले हुए भोसड़े मे अपना मुह लगा दिया और वही अनिता अपने मुह पर विमला की गाड़ पाकर उसे चाटने लगी ।

विमला हवस से भर कर पुरे जोश मे अनिता के चुत की चमडी मुह से खीचते हुए चुस रही थी
और तभी उसके अपनी दो उंगलियाँ एक साथ अनिता के चुत मे घुसेड़ दिया
वही ये सीन देख कर मै उत्तेजित हो गया था और अपना लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगा

अनिता - अह्ह्ह जीजी उम्म्ं काश कोई मोटा लण्ड मिल जाता तो उम्म्ं अह्ह्ह और तेज उम्म्ं

इधर विमला ने वापस से अपना मुह लगा कर एक बार जोर से चुसते हुए इस बार तीन ऊँगली अनिता के मोटे भोस्ड़े मे घुसेड़ते हुए अपनी कलाइया घुमाने लगी मानो कोई चीज खोज रही हो ।
अनिता तडप कर - आह्ह जीजी और अन्दर तक फैलाओ आह्ह मा आह्ह आह्ह जीजी उम्म्ंम
और वापस से अपना मुह विमला के चुत मे ल्गा कर जोर जोर से चूसने लगती है

मै अनिता की बात सुन कर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था और सोचा अब ये दोनो बहुत गरम है यही मौका है कि अनिता की चुत मे भी लण्ड डालू
इसिलिए मै झट से अपना सारा कपडा निकाल के पुरा नंगा होकर हाल मे चुपचाप गया और धीरे से अनिता के जांघो के बिच अपना लण्ड विम्ला के मुह के पास रखा

वो एक नजर मुझे देखी और मुस्कुरा दी और चुप रहने का इशारा की
मै समझा मुझे देख कर विमला चौकेगी , पर शायद गेट के पास उसने मेरे चप्पल देख लिये थे
इसिलिए वो ऐसे रियक्ट कर रही थी ।

मैने दे ना करते हुए उकुडू होकर झट से लण्ड विमला के मुह मे पेल दिया और घुटने के बल खड़ा होकर तेजी से उसका सर पकड कर लण्ड को उसके मुह मे चोदने लगा

उधर अनिता लगातर विम्ला की चुत और गाड़ मे जीभ घुमा रही थी और विमला के हाथ अभी भी अनिता की चूत पर रेग रहे थे ।

फिर विमला ने आराम से अपने मुह से मेरे लण्ड को निकला और खुद अनिता की जांघो को उपर किया और मैने देर ना करते हुए झट से आधा लण्ड अनिता की मोटी फुली हुई चुत मे घुसा दिया जिस्से वो कराह उठी

अनिता - आह्ह जीजी ये तो सच का लंड हैअह्झ मा

और अनिता ने गरदन उठाया और मुझे देखा - हय्य राम जीजी ये तो , नही नही ऐसा ना करो जीजी ,ये गलत होगा

मै एक तेज धक्का देकर उसकी चुत की गहराइयों मे लण्ड को ले गया और बोला - सालि चुप कर , जब अपने पति और देवर का लण्ड एक साथ लेती है वो गलत नही लगता , अभी नखरे दिखा रही है

और ये बोल कर मैने अनिता की जांघो को थामा और तेजी से धक्का लगाते हुए पेलने लगा ।

वही विमला वापस अनिता के मुह पर अपनी गाड़ रख कर बैठते हुए - अब चुस सालि आह्ह हा ऐसे ही उफ्फ्फ हा चाट कुतिया की तरह आह्ह आह्ह्ज

इधर विमला उत्तेजि होकर अनिता की जीभ और नथुने अपनी चूत को रगड़ रही थी वही मै अनिता की जान्घे उठाए घपाघ्प्प उसके भोस्दे मे पेले जा रहा था ।

थोडी देर बाद
मै - मौसी जरा उठना इस रन्डी को कुतिया बना कर पेलूंगा
और विमला उठ गयी और मैने झट से अनिता के चुत से उसकी पानी से सना लण्ड निकाला और फिर उसको कुतिया बनाने के लिए उसके जांघो को एक तरफ झटका जिससे वो कसमसा कर सिस्कते हुए घुटनो के बल कुतिया बन गयी

आह्ह मोटी थुलथुली गाड़ थी एकदम चर्बिदार
मै एक च्पाट अनिता की गाड़ पर लगाकर झुक कर उसके गाड़ के पाट खोलते हुए उसके सुराख चाटने लगा ।
वही विमला वापस से अनिता के सामने अपना चुत परोसते हुए लेट गयी और अनिता के झट से झुक कर उसके चुत मे मुह लगा दिया और झुकने से उसकी गाड़ और भी फैल गई,, ब्स मेरा मूड़ अब बदल गया और मैने अनिता के गाड़ के सुराख पर 3 4 बार थूक कर उसे लिपते हुए उसके गाड़ के मोटे सुराख मे अंगूठा घुसा दिया और वो विमला के चुत मे मुह घुसाये ऊहह उह्ज करने लगी ।

अनिता चाह कर भी खुल कर आहे नही भर सकती थी कयोंकि विमला ने जबरजस्ती उसका सर अपने चुत के उपर दबा रखा था

और मैने झट से अपना गिला लण्ड अनिता के गाड़ के मोटे भूरे सुराख पर रखा और उसके कूल्हो को थामते हुए जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

वही अनिता ने गाड़ मे लण्ड पाते ही जोर झपट कर विमला से खुद को छुड़ा कर - आह्ह मैइया साले हरामी फाड़ दी ना मेरी गाड़

मै उसकी बाते सुन कर गुस्से मे आते हुए - दोनो हाथो से एक साथ उसक गोरी चमड़ी वाली थुलथुली गाड़ के पाटो पर जोर से मारा , जिससे अनिता दर्द से गनगना गयी और फिर मैने एक तेज झटके के साथ पुरा लण्ड उसकी गाड़ की दिवारो को चिरते हुए जड तक ले गया

यहा अनिता की आवाज बंद हो गयी । वो दर्द और थकान से बेहोश सी होने लगी ,,,लेकिन मैने बिना रुके तेजी से उसकी गाड़ मे जगह बनाना शुरु किया और तेजी से पेलना शुरु किया

जल्द ही अनिता की चेतना वापस आई और वो सिसकिया लेने लगी और उसके जुबान की मधुरता वापस आने लगी,,उसके चेहरे पर एक मादक सी मुस्कान थी और वो खुद गाड़ से मेरे लण्ड को निचोडना शुरु कर दी


अनिता - आह्ह बाबू और चोदो मुझे उम्म्ं बहुत मस्त लौडा है तेरा अह्ह्ह म्जा आ रहा है अह्ज्ज पुरा खोल कर रख दिया है अह्ह्ज


मै अनिता की बाते सुन कर विमला की ओर देखता हूँ तो वो भी मुस्कुरा कर वाप्स अनिता के मुह मे चुत लगा देती है

मै अनिता का गाड़ पर थप्पड़ ल्गाते हुए - क्यू सालि रन्ड़ि अभी तक तो मुझे गाली दे रही थी अब मजा आ रहा है हम्म्म्

ये बोल कर मैने अपना लण्ड उसके गाड़ के गहराई मे ले गया
अनिता सिस्क कर - ओह्ह्ह अह्ह्ज माफ करना बेटा तुने अचानक से मेरे गाड़ मे इतना मोटा लण्ड डाल दिया इसिलिए मेरे मुह से अह्ह्ज अह्ज और चोद आह्ह मजा आ रहा है जीजी , कहा से लायी हो इसको उम्म्ंम्ं

वही विमला अपने गाड़ उचका कर अनिता क महे पर दरते हुए - तू बस मेरा पानी निकाल कमिनी ज्यदा ब्ड़ब्ड़ मत कर

ये बोल कर विमला अपनी गाड़ उचका कर अनिता के मुह मे झड़ने लगी

यहा मै भी अनिता के कसी गाड़ मे पेलकर झडने के करीब था और झट से उसके गाड से लण्ड को बाहर किया तो एक खूँटे भर लाल सुराख अनिता की गाड़ मे सिकुडने लगा था

मै झट से उठा - आह्ह जल्दी आओ मौसी मेरा निकलेगा

मेरी बात सुन कर दोनो रन्ड़िया एक साथ मेरे लण्ड के निचे आई और मेरी एक पिचकारी छूटी ।
और मैने झट स अनिता के मुह मे लण्ड भर कर उसके गले तक लण्ड ले जाकर झटकने लगा और सारा माल उसके पेट मे गिरने लगा

फिर मैने एक झटके साथ लण्ड निकाल कर विमला की ओर किया और वो गप्प से लण्ड के सुपाड़े को मुह मे लेके सुरकने लगी
वही अनिता मेरे दिये झटके से अभी भी खास रही थी

फिर दोनो ने बारी बारी से मेरे लण्ड को साफ किया और हम सब उथ कर सोफे पर बैठ कर सांसे बराबर करने लगे
थोडा समय बितने के बाद विमला किचन से मेरे लिए पानी लेके आई

वही अनिता - मुझे नही पता था बेटा तू इतना जोर का चोदता है औरतो को ,,तेरे सामने तो गबरू मर्द भी फीके पड़ जाये ,,, और दिखने मे कितना साधारन है तू


विमला ह्स कर - अरे अनिता ये ऐसे ही मुझे भी अपनी सादगी और भोलेपन मे चोद गया था हिहिहिही

मै विमला की बात सुन कर शर्माने लगा
विमला ह्स कर - इसके शर्माने की अदाओ पर मुझे बहुत प्यार आता है और इसिलिए तो ये मेरे जिगर का टुकड़ा है,,

फिर विमलां मुझे अपने सीने से लगा लेती है और मैने उसको चुचे काट लेता हू


विमला हस कर - धत्त बन्दर कही का , अभी फीर से मन है क्या तेरा

मै अंगड़ाई लेते हुए - उह्ह्ह्हऊऊह्ह मौसी मन तो बहुत है लेकिन अभी परिक्षा चल रही है तो ज्यादा थक गया तो पढ़ेगा कौन हिहिहिही

विमला मुझे सीने से लगाये - हा ठीक है कोई बात नही ले पानी पी

फिर मैने पानि पिया और कोमल के रूम से कपड़े लेके आया और उन्हे पहना ।फिर मोबाईल चेक किया तो देखा सोनल का फोन आया था

मै हस कर - चलो मौसी मै जाता हू , घर से फोन आ रहा है

विमला उदास मन से - अरे बेटा तू जा रहा है आज रुक के जा ना

मै विमला के गालो को चूम कर - मौसी मेरा एग्ज़ाम ना होता तो मै जरुर रुकता और दोनो को काफी जोर से चोदता


अनिता मेरी बातो से ह्स दी - कोई बात नही बेटा समय निकाल कर आते रहना , मै तो तेरे इस मोटे लण्ड की रह हमेशा देखूँगी हिहिहीही

फिर मैने कपडे पहने और उनलोगों से विदा लेके निकल आया है बाहर और सोनल के पास फोन किया तो पता चला कि मा ने दुकान पर बुलाया है

फिर मै दुकान पर निकल गया ।


जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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UPDATE 83
सोनल का फोन का रख कर मैं निकल गया दुकान की तरफ और वहा का काम खतम कर वापस पढाई मे लग गया ।
4 दिन बीते और मै अपनी रूटीन के हिसाब से निकल गया चंदू के साथ एग्ज़ाम के लिए आज सरला रास्ते मे नही दिखी बल्कि कमरे मे मेरे से पहले ही बैठी थी और मेरे आने से काफी खुश थी

आज उसने वाइट कुर्ती और क्रीम कलर की लेगी पहना हुआ था और साइड से दुपट्टा की थी ।

मै भी उसको देख कर उस दिन उसके घर हुई घटना को याद कर उत्तेजित हो गया और एक गहरी आह भर कर उसके पास बैठ गया ।


सरला जो कि आज काफी खुश थी बोली - आज तो तुम लेट हो गये

मै ह्स कर उसे छेड़ने के अंदाज मे - मुझे नही पता था कि कोई मेरा इन्तजार कर रहा था नही तो जल्दी आ जाता हिहिही

सरला मेरी बात से शर्मा गयी
मै एक और एक्का फेकते हुए - बहुत अच्छी लग रही हो क्या बात ह
सरला शर्माते हूए अपने बालो के लट को कान मे खोस्ते हुए मुस्कुराकर निचे देखने लगी तो मै उसके थोडा और करीब हुआ

सरला थोडा हिचक मह्सुस कर अपनी कमर को सिधा कर इधर उधर देख कर फुसफुसा कर
सरला तिरछी नज़र से मुझे देख कर एक मुस्कुराहट के साथ - ये तुम क्या कर रहे हो राज कोई देख लेगा

मै ह्स कर - तो परिक्षा के बाद ऐसी जगह चले जहा हमे कोई देखे ना

सरला मेरी बातो से अपने होठो को आपस मे दबाते हुए मुह फेर के हसने लगी और फिर जब हसी ना रोकी गयी तो मुह पर हाथ रख लिया

और उसका एक हाथ अभी भी बैठने वाली सीट पर मेरी तरफ था तो मैने हिम्मत कर उसकी ऊँगली को छुआ तो वो झट से अपना हाथ खिच ली

फिर मै भी सीधा होकर इधर उधर देखने लगा
और मैने अपना पेन खोला और वही सामने ब्रेन्च पर लिखा दिया " बाग मे "

और फिर पेन को सीट पर ठक-ठक कर सरला को इशारा किया तो सरला बडे ध्यान से गरदन आगे कर पढने के बाद मुस्कुरा कर ना मे सर हिला कर मुह फेर कर हसने लगती है


फिर परीक्षा का समय होता है और हम दोनो ने मिल कर परीक्षा देने के बाद वाप्स सीट पर लिखे शब्द पर इशारा करता हू और वो इतरा कर मुस्कराने लगती है ।

आखिरी घंटी बाजी और हमारे पेपर जमा हुए और मै जल्दी से चंदू को लिवा कर घर की ओर गया और उसे उसके घर भेज कर वापस से नारायणपुर की ओर
और जैसे ही पुलिया पर आया तो मुझे सरला बाग की ओर जाती दिखी जो घूम घूम कर पुलिया की ओर देखते हुए मेरे आने का इंतजार कर रही थी

मै वही दौड़ कर उसके पास गया और वो मुझे देख कर हसने लगी

मै झट से उसका हाथ पकड कर सड़क से दुर बाग मे ले गया

सरला चौक कर अपनी कलाई छुड़ाने की हल्की सी कोसिस करते हुए - अरे राज ये तुम क्या कर रहे हो कोई देख लेगा हमें छोड़ो मुझे घर जाना है

मै भी तुनक के - क्या करोगी घर जाकर , मुझसे बात नही कर सकती थोडा

सरला इतरा कर मुस्कुराते हुए - मै जानती हू तूम क्या बात करना चाहते हो राज

मै उसके करीब जाकर उसकी कमर मे हाथ डाल कर खिचते हुए - तो बताओ ना प्लीज
सरला शर्मा के नजरे नीची कर ली उसकी तेज सांसे उसकी चुचियो को और फुला रहे थे जिसका आभास मुझे मेरे सीने के निचले हिस्सो पर हो रहा था ।
सरला का कद मेरे कन्धे तक ही था और उसे चूमने के लिए मुझे झुकना पड़ा लेकिन वो भी मानो इसके लिए तैयार थी और उसने बिना किसी रोक के मुझे आगे बढ़ने दिया और मैने उसका चेहरा थाम कर उसके होठो को चूसने लगा
सरला भी मेरा साथ देते हुए मेरे होठो को चुसने लगी

धीरे धीरे मेरे हाथ उसके कूल्हो की ओर जाने लगे और मैने उसकी कुर्ती उठा कर लेगी के उपर से उसके कूल्हे की उभरी चर्बी को दबोचने लगा

जिसका आभास होते ही सरला ने मुझसे अलग हो गयी और अपने सासे बराबर कर - नही राज , मुझे घर जाना है
और वो अपना मुह पोछ कर अपना दुपट्टा सही करते हुए सड़क की ओर जाने को हुई

मै लपक कर एक कदम आगे बढ़ कर वापस से पीछे से सरला को पेट से पकड कर थोडा झुक उसके कन्धे पर सर रख कर - क्या हुआ बाबू हम्म्म
और उसके गाल और कान के सम्वेदनशील हिस्से पर किस्स किया

सरला मेरे दुलार से पिघलने लगी और बोली -
तूम जो चाह रहे हो वो मै नही अह्ह्ह उम्म्ं नही राआआअज अह्ह्ज इस्स्स उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ आराम से अह्ह्ह मा

सरला तो पहले से ही तैयार थी बस वो इतना जल्दी खुलना नही चाहती थी इसलिए मैने उसकी बात खतम होने से पहले ही उसकी चुचियो को कुर्ती के उपर से मिज्ने लगा और उसकी नारियल जितनी मोटी चुचिया का वजन बहुत था और काफी मुलायम भी थी

मै सरला की चुचियो को मिज्ते हुए उसके कान काटने ल्गा और धीरे से कहा - तुम बहुत सेक्सी हो सरला और तुम्हारे नारियल बहुत मोटे है अह्ह्ह

सरला कसमसा के - ओह्ह राज मत करो ऐसा आह्ह और प्लीज ऐसी बाते आह्हा अह्ह्ह मा प्लीज ऐसी बात ना करो मुझसे

धीरे धीरे मैने सरला की चुचिया मिज कर उसे एक मोटे महुए के पेड़ के पास लाकर घुमा कर खड़ा कर दिया और पीछे उक्डु बैठ कर उसकी कुर्ती उठा कर झट से उसकी लेगी निचे खिच दी और लॉन्ग सलेटी पैंटी मे कैद उसकी मोटी गाड़ देख कर मै उन्हे दबोचने लगा जिस्से सरला और भी सिस्कने लगी ।

मै झट से उसकी कच्छी को खिच कर उसके गाड के पाट फैलाते हुए उसके गाड के सुराख को चाटने लगा और सरला पेड़ पकड़े खडे खडे कसमसा कर एठने लगी ।

थोडी देर बाद मैने उसको घुमाया और सामने कर उसकी झाटो से भरी चुत मे मुह पेल दिया जिस्से सरला सिस्क गयी और मेरे सर को दबाने लगी । उसकी चुत तो पहले से ही पनियाई थी जिसका चटक नमकीन स्वाद पाकर मेरा जीभ और जोर से उसकी गुलाबी गली मे घुसने लगा
सरला - ओह्ह मा राज आराम से मै गिर जाऊंगी आह्ह अहआह्ह उम्म्ंम

मै यहा बाग मे ज्यादा समय नही बिता सकता था क्योकि आये दिन यहा प्रेमी युगल जो कि ज्यादतर स्कूली बच्चे होते थे यहा रंगरेलिया मनाते देखे जाते थे ।
फिर मैने देर ना करते हुए उसे वापस घुमा कर पेड़ पकड़ा कर झुका दिया और अपना पैंट खोल कर लण्ड बाहर निकाला और मुह से थूक लेके सुपाड़े पर लगा कर गिला किया ।

फिर सरला के गाड़ को खिच कर थोड़ा और झुका दिया और खुद भी झुक कर एक बार हाथ से उसकी चुत को टटोला और अपना लण्ड उसके चुत के मुहाने पर लगा कर ग्च्च से आधा लण्ड पेल दिया

वही सरला मेरे धक्के से अपना मुह दबा के अपनी चीख को दबाते हुए सिस्कने लगी

मैने धक्के तेज कर जल्द ही पुरा लण्ड उसके खुले चुत मे अंदर बाहर करने लगा

मेरे मोटे लण्ड से लगातार चुद्ने से सरला जल्द ही झड़ने लगी और उसकी पानी से मेरा लण्ड और भी लय बना कर अंदर बाहर होने ल्गा तो मैने सरला के कुल्हो को थाम कर उसकी चुतड मे जांघ लड़ाते हुए तेजी से पेलने लगा । मै जल्दी से जल्दी झड़ना चाहता था इसिलिए उसकी चुत मे तेजी से घपाघप पेले जा रहा था और मेरी गति इतनी तेज थी की उसके बदन का पुर्जा पुर्जा हिल रहा था और उसकी सिसकियो मे भी झंझनाहट आ गयी थी । जल्द ही मेरे लण्ड मे खुन गरम होने लगा और उसका आकार चुत के बढने लगा
जिससे सरला की आवाज सिसकी तेज हो गई और वो मुह पर हाथ कर दर्द सह्ती रही और मै जल्द ही झड़ने के कारिब आया और मैने उसे खिच कर नीचे कर उस्के मुह पर लण्ड हिलाने लगा और उसके मुह पर झड़ने लगा और उसके मुह मे जबरजस्ती लण्ड को पेल दिया और उसने बडे चाव से मेरे लण्ड को चुस कर साफ किया

फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैने जेब से अपना रुमाल दिया तो उसने गरदन और चेहरा पर लगा मेरा पानी साफ कर मुझे रुमाल देने लगी

मै ह्स कर - कोई बात नही रख लो उधर कही फेक देना

फिर मैने उसको पकड कर उसके होठो को चूसा और उसकी मोटी गाड दबाई

फिर वो बिना कुछ बोले निकल गयी और मै उसकी मतकती गाड देख के फिर उत्तेजित मह्सुस करने लगा ।

लेकिन यहा रुकना ज्यादा देर तक मेरे लिये सही नही था तो मै वहा से निकल के वाप्स घर की ओर आ गया
घर आके मैने खाना खाया और सो गया ।

फिर मैने आगे के परीक्षा की तैयारी मे लग गया ।
और अगले बाकी 2 परीक्षाओ के दिन मैने सरला को उसी बाग मे ऐसे ही शार्ट टाईम चोदा और इधर कोमल ने अलग विषय लिये थे तो जिस दिन उसका एग्ज़ाम रहता उस दिन दोपहर को विमला मेरे पास फोन करती और फिर मै विमला के साथ अनिता की भी जम कर चुदाई करता ।

खैर समय बीता और 2 मई को मेरी आखिरी परीक्षा समाप्त हुई । अब अगले दो तीन महिने मै पूरी तरह फ्री था ना कोई पढाई ना कोई कोचिंग बस मस्ती मजा और सेक्स का धमाल होना ।

आखिरी एग्ज़ाम के बाद मुझे सरला से मिलने जाने का मौका नही मिल पाया

क्योकि मै और चंदू स्कूल से निकल कर सबसे पहले उसके चौराहे वाले घर गये और रास्ते मे हमने कोक की दो बॉटल ली और सबसे उपर की छ्त के जीने के दरवाजे के पास बैठ कर हम दोनो ने अपनी कोक की कैन को खोला और एक एक सिप लेने के बाद


चंदू - भई भाई अब कोई टेन्सन नही है अब बस घर जाकर सबसे पहले मा को चोदूंगा
और अगले हफते दीदी भी आ रही है एग्ज़ाम खतम कर ,,फिर उसकी भी मोटी गाड़ मे अपना लौडा डालूंगा

मै भडकते हुए शब्दो मे - तो जा ना साले मुझे क्या सुना रहा है , भाग यहा से

चंदू थोड़ा सहम कर - सॉरी भाई ,,यार भडक मत

मै चिल्ला कर - तो क्या करु भाई ,,तू साले रोज अपनी मा बहन को चोद लेता है और मुझे हिलाकर काम चलाना पड़ता है ।

चंदू अपनी सफाई मे कुछ बोलता उससे पहले ही मै वाप्स भड़के स्वर मे - भाई प्लीज कुछ बोल मत मै सफाई नही सुनना चाहता कुछ जब तेरे बस का है ही नही तू मेरे लिए कुछ कर सके तो बेकार है तेरी दोस्ती


चंदू अकड के - भाई अब तू दोस्ती को बिच मे मत ला ,,, मै तेरे लिए कुछ भी कर सकता हू

मै चिल्ला के - तो कर ना भाई ,,,मै परेशान हो गया हू हिला हिला कर

चंदू कोक की बोतल को खाली करते हुए - ठीक है अगले हफते दीदी आ रही है और मुझसे पहले तू उसकी चुत मारेगा ये मेरा वादा है भाई

मै खुशी से चंदू को देख्ते हुए - सच कह रहा है भाई

चंदू - हा रे , वैसे भी सालि हमेशा रट लगाती है की काश मेरे जैसा दो लण्ड होता तो उसको एक साथ लेती ,,,अब तेरे मोटे खूटे से उसकी गाड़ फड़वाउंगा। आने दे

फिर मै खुश होकर उसको शाबसी दी और वो अपने घर चला गया और मै बगल मे अपने घर

चंदू के साथ काफी समय बिच चुका था तो मुझे सरला से ना मिलने का अफसोस था
फिर घर आकर देखा कि दीदी आ चुकी है फिर भी मैने खाना खाया उसको लेके घुस गया एक बेडरूम मे

सोनल ह्स्ते हुए - ओह्ह भाई अरे इतना उतावला मत हो भाई

मै सोनल को पीछे से कस कर उसकी चुचियो को सूट के उपर से मसलते हुए - आह्ह दिदी आज मत रोको उम्म्ं बहुत दिन से रोका हुआ है खुद को

सोनल कसकसा कर - उह्ह्ह भाई रुक जा मै नही कर सकती ना आज ना ही अगले 3 4 दिन

मै चौक कर - क्यू आपका मन नही है क्या
सोनल घूम कर मेरे गाल सहलाते हुए - भाई मेरा भी बहुत मन है लेकिन अभी मेरा महीना आया हुआ है

मै उदास मन से - अब फिर क्या करु तब
सोनल हस कर - निशा को बुला ले हिहिहिही
मै एक कातिल हसी से सोनल को अपनी तरफ खिच कर - वाहह जान क्या आइडिया है , मै अभी फोन लगाता हू उसे

फिर मैने झट से जेब से फोन निकाला और लगाया 3 रिंग के बाद फोन उठा

मै कुछ बोलता कि उस्से पहले ही चाची की आवाज आई - हा हैलो राज बेटा बोलो

मै चौक कर अपनी भावनाओ को दबाते हुए - अरे चाची आप ,, निशा दिदी कहा है

चाची - बेटा अभी तो वो परिक्षा देने गयी है ,, उसकी दुसरी शिफ्ट मे 2 से 5 परिक्षा है ना

चाची की बात सुन कर मेरा मूड फिर से बिगड़ गया मै गिरे मन से - ओह्ह ठीक है चाची

चाची - और बता बेटा तेरा और सोनल का परीक्षा कैसा गया

मै मुह बना कर - लो दिदी है उसी से बात कर लो
फिर मै फोन दीदी को दे कर वही बिस्तर पर मुह गिराये बैठ गया ।


थोडी देर बाद सोनल चाची से बात कर फोन रख दी और मेरे पास आई - क्या हुआ भाई ऐसे उदास ना हो मेरे पास एक और आइडिया है मेरे जानू

मै उखड़े मुह से - अब क्या है बोलो
लेकिन सोनल बिना मेरे सवालो का जवाब दिये मेरे पैरो के पास निचे घुटनो के बल खड़ी हो के मेरे पैंट खोलने लगी और फिर मेरे सोये लण्ड को अंडरवियर के उपर से छुआ

जिससे मेरे तन मे एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आ गई
जल्द ही सोनल ने मेरा लण्ड को बाहर आधे खडे लण्ड को हाथ मे पकड कर मुह मे भर लिया और उसके होठो के मुलायम घिसायि से मेरे लण्ड की नसो मे जान आने लगी और उनमे खुन की गति तेज होने लगी । धिरे धीरे दीदी ने मेरे पुरे लण्ड को गिला कर अच्छे से सहलाते हुए खड़ा के दिया और सुपाडे पर अपने जीभ की कला दिखाने लगी ।

मेरे चेहरे के भाव बदल गये और मन मे एक गजब की शान्ति छाने लगी और एक सिसकी से मेरे गले से बाहर आने लगी ।

कुछ ही पलो मे दिदी ने लण्ड को पुरा मुह मे लेना सुरु कर दिया और गूऊऊऊऊ गुउउउऊ कर खास्ते हुए लण्ड गले मे उतार कर सारा लण्ड लार से गिला कर दिया
सोनल के गले मे की घुंडी मे सुपाडे को छूने लगी और धीरे धीरे मेरे आड़ो की थैली कसने लगी और उनमे एक्थ्था वीर्य अपनो जगह बदलने लगा और लण्ड के नसो मे प्रेशर बढाने ल्गा और मै अपने गाड़ को सख्त कर सुपाडे की नश पर जोर देके अन्त तक वीर्य को बाहर निकलने से रोके रहा । नतिजन उस दबाव से मेरे चेहरे के हाव भाव बदल गये और तपन बढ़ गयी । वही सोनल लगातार गले मे लण्ड गुउऊ गुउऊ गुऊ कर उतारे जा रही थी ,,,, और मेरे सांसे फूलने लगी वही लण्ड की नशो मे वीर्य भरने से वो और भी मोटा हो गया और सुपाड़े मे जलन होने लगी ,,,जिससे मेरे नशो की पकड ढीली पड़ने लगी और एक तेज अह्ह्ह के साथा मैंने लण्ड की नश से अपना दबाव छोड दिया और एक भलभ्ला कर लण्ड ने पिचकारी सोनल के गले की दिवारों पर जाने लगी और बाकी मुह भरने से वीर्य उसके मुह से निकल कर मेरे लण्ड और आड़ो पर रिसने ल्गा ।
जल्द ही सोनल ने वापस से मेरे लण्ड को चुसना शुरु कर दिया और अच्छे से जीभ फिरा कर लण्ड को साफ कर छोड दिया और बेड से टेक लगा कर हाफने लगी । वही मै चित होकर बिस्तर पर गिर गया ।

परीक्षा की थकान और दीदी से अपना लण्ड निचोडवाने के बाद मैने अपने कपड़े ठीक है वही बेडरूम मे ही सो गया ।


शाम 4 बजे तक मेरी निद मा के जगाने से खुली
मै उठती आँखो से - उह्ह्ह हा मा बोलो क्या हुआ

मा हस कर - अरे उठ जा बेटा , चल कुछ खा पी ले

मै एक जोर की अंगड़ाई लेके उठा और जाकर फ्रेश हुआ और फिर मा ने चाय नासट दिया
फिर मै निकल गया दुकान के लिए

मै दुकान पर गया

और आज दुकान पर ऐसी हस्ती आई थी जिनको देख कर दिल बागबाग हो गया ।
अंगुरी रंग के बेस पकड़े लाल हरा और गहरे नीले की चौकोर चित्तीयो वाली सिफान की साडी जिसमे उनका पारदर्शि यौवन दिख रहा था । सीने पर मैचींग ब्लाउज मे कसा उनका 34DD का गोल कड़ा जोबन , हल्की चर्बीदार पेट से 4 इन्च उभरा हुआ था ।
डार्क मैट मे मरून लिपस्टिक उनके होठो की मुस्कुराहट को और भी कामुक बना रहे थे । ब्ड़ी ब्ड़ी गोल मटोल नेचुरल सुरमई आंखे के बीच एक छोटी सी बिंदीया ।
कमर के निचे के क्या कहने अन्दाजन 36 का उभार लिये सिफान की साडी मे चिपके दो अर्ध गोले
अह्ह्ह ये हुस्न
इसको देख कर मह्सूस होने लगा मानो दिल ने अपना काम मेरे लण्ड को सौप दिया हो और पुरे शरीर का खुन वही से फिल्टर होने के लिए एकठ्ठा हो रहा हो

मैने एक गहरी सास लेके पैंट मे आये उभार को दबा कर ह्स्ते हुए दुकान मे चढा और मुझे देख कर वो रसिली छैलछ्बिली हस कर बोली - आओ देवर जी आओ

उसके मुह मे सफेद मोतियो जैसे दाँत के बीच सुर्ख गुलाबी जीभ मेरे सांसो को भारी करने लगी और मै एक नयी कलपना मे खो गया । उसके बदन से आती एक परफ्युम की महक मुझे अध्यात्मिक शान्ति के साथ उसकी ओर मुझे एकाग्र करने मे मानो मेरी मदद करने लगी

वो कल्पना मुझे एक बंद कमरे के सोफे मे ले गयी जहा हर तरफ ब्लैक डीप अंधेरा था और कोई फोक्स लाईट हमारे कृत्य को उजागिर कर रही थी मै खुद को हवा मे उडते हुए मह्सूस कर एक परम आनन्द के मजे ले रहा था मेरे पैरो मे बैठी वो हसिना मेरे लण्ड के सुपाड़े पर अपनी गीली गुलाबी जीभ नचा रही थी

तभी मुझे वापस उसकी आवाज आई - मै कबसे तुम्हारी ही राह देख रही थी ।

और मानो मै किसी गहरे दिवास्वप्न से जगा हू और वापस उसी मे डूब जाना चाहता हू
एक गहरी सास के साथ मुस्कुरा कर उखड़ी हुई आंखो से - अरे पंखुड़ि भाभी आप

वो अपने प्यारी सी मुस्कान देने के बाद इतरा कर - शुक्र है हमरे किसी देवर ने हमको पहचाना तो

फिर अनुज की ओर इशारा कर - और ये है इनकी बहिनीया को घोड़ा चोदे , हमसे शरमा ऐसे रहे है जैसे इनके भसुर आ गये हो सामने

मै उनकी बातो से ह्स के - अरे अनुज पहचाना नही ,,,ये हमारे गाव वाले जमुना ताऊ की पतोह है पंखुडी भौजी हिहिहिही

अनुज शर्मा कर ह्स्ते हुए - हा जानता हू भैया ,,लेकिन ये हमको परेशान कर रही थी

पंखुडी भौजी - अरे अब अपने छोटकन भतार से मजाक ना करे तो का ससुर से करे , हा बोलो

मै उनकी बाते सुन के हस कर - हा हा काहे नही भौजी ,,
मै अनुज से - अरे तुम ये सब छोडो और जाकर कल्लु काका के यहा से कुछ खाने के लाओ , ये ग्राहक बाद मे है अपनी मेहमान पहले है


पंखुडी अनुज को छेड़ते हुए - अरे हम तो कबसे राह देखत रही कि कब हमार छोटका भतार हमको आपन गुलाबजामुन खिलैहिन


पंखुडी भौजी की डबल मिनिग बात मै और अनुज बखूबी समझ रहे थे ।
अनुज जल्दी से पैसा लेके निकल गया कल्लु की दुकान की ओर


मै हस कर - आओ भौजी बैठो , और बताओ कैसी हो और घर मे सब कैसे है

पंखुडी खुशि भाव से - घर मे तो सब ठीक है बाबू लेकिन तुम कभी नही आते अपना भौजी के हालचाल लेने

मै - बस थोडा बिजी हू भौजी ,, और बताओ अकेले आई हो का

पंखुडी भौजी - अरे नही वो तो हम अम्मा के साथ आई थी तो वो गयी है तोहार बाऊजी के दुकान पर कुछ सामान के लिये और हमको यहा से काम था ,,

मै हस कर- अरे कोई शादी वादी है क्या भौजी

पंखुडी भौजी - हा वो हमारे बनारस वाली बुआ के लडकी की शादी है वही जाना है , ले मै तो भूल ही गयी । मुझे तो बहुत समान लेना है जल्दी जल्दी तू निकाल दे लल्ला


मै खड़ा होकर - जी भौजी बोलो
फिर पंखुडी भाभी ने समान की लिस्ट मुझे दी

मैने एक नजर समान के पर्ची पर डाली और उसमे ब्रा पैंटी भी था लेकिन साइज़ नही था

मै हस कर भौजी को पर्ची मे ब्रा पैंटी वाली लाईन दिखा कर - अरे भौजी ये कौन सी साइज़ मे रहेगी


पंखुडी भौजी हस कर मुझे छेड़ते हुए - इतनी ब्ड़ी पर्ची मे सिर्फ़ उहे नाही समझ आया तुमको हा , मेरे नाप का निकाल दियो दो सेट

मै थोडा मुस्कुरा कर - जी भौजी साइज़

पंखुडी हस के - धत्त मतलब कौनौ काम के भतार ना हो तुम सब

मै ह्स कर - मतलब
पंखुडी- अरे साइज़ पुछा जात है कि मापा जात है

मै उन्के छेड़ने की अदा से शर्मा गया
पंखुडी - दो 34DD की ब्रा और दो 36 की पैंटी निकाल देना ,,,

मै कुछ बोलने को हुआ की वो वापस मुझे छेड़ी जिससे मै झेप गया - अब ई ना पुछना कि इतना बड़ा साइज कैसे है हमार हिहिही

मै उनकी बातो से शर्मा गया और काम लग गया ।

नया परिचय

जमुना ताऊ - मेरे पिता के चचेरे भाई
पत्नी - रंजू ताई , सावला रन्ग भरा जोबन और फैले हुए कुल्हे । शुध्द फुहर पूर्वांचली बोली ,,, मजाक के मामले इनसे सब 19 ही है

बेटा - कमलेश 28 साल , बडे शहर मे प्राइवेट जॉब करता है

पतोह - पंखुडी, कमलेश की पत्नी 25 साल , कायाकल्प का विस्तार तो ही गया है और अपनी सास की संगत मे ये भी मजाकिया पदो के बिच खुल कर मजाक करती है । जैसा सुन्दर सुरत वैसी ही अच्छी सीरत । बड़ो के साथ अदब , छोटो के साथ प्यार और हसी मजाक

पोती - सलोनी , कमलेश और पंखुडी की बेटी काफी छोटी है । ( कोई रोल नही )

ये सारे लोग चमनपुरा से लगे हमारे पुस्तैनी गाव फुलपुर मे रहते है जहा मेरे स्व बाबा के समय मे पापा का बचपन गुजरा था ।

खैर मैने जल्दी से सारा समान निकाला थोडी देर मे अनुज भी समोसा लेके आया और फिर पंखुडी भौजी और हम सबने मिल कर खाया ।

फिर पंखुडी भौजी को रंजू ताई फोन आया की उनको समय लगेगा बाजार मे वो घर चली जाय भैस दुहने का समय हो गया है ।

पंखुडी - ला लल्ला सामान दे मुझे जाना है
मै - क्या हुआ भौजी अकेले काहे जा रही हो
पंखुडी - अरे लल्ला वो शाम होने को है और भैसिया के दूहने का समय हो गया ना


मै हस कर - अरे वाह आपको दूध दुहने आता है क्या

पंखुडी भौजी हस कर - कभी आना तुमको भी सिखा दूँगी दूध दुहना , आखिर कुछ साल बाद काम आयेगा ही हिहिहिही

मै उनकी बाते सुन कर अनुज के सामने झेप सा गया क्योकि मै और अनुज दोनो उनकी डबल मिनिग बाते समझ रहे थे ।


ऐसी ही तो थी मेरी पंखुडी भौजी , सेक्सी चंचल और रन्गीली। किसी का भी मन मोह ले ऐसी

थोडी देर मे हम खाली हुए और यहा अनुज थोडे देर पहली हुई पंखुडी भाभी की छेड़छाड़ से शर्मिंदा मह्सुस कर रहा था

मै मन मे - यार ऐसे नही चलेगा इसकी शर्म कम करनी ही पड़ेगी , जल्द ही कूछ ना कुछ करना ही पडेगा इसके लिए ।

मै अनुज से - और बता भाई कैसी चल रही है लाइफ

अनुज ह्स कर - ठीक है भैया
मै - और कोई दिक्कत तो नही
अनुज - नही भैया कोई दिक्कत नही

मै - फिर कोई प्लान बनाया कि नही छुट्टीयो मे घूमने का

अनुज मायुश होकर - कहा भैया दुकान से फुरसत ही नही है तो क्या करु

मै ह्स कर - अरे अब मै आ गया हू ना , जा कही घूम टहल आ

अनुज - हा लेकिन किसके साथ जाऊ और कहा

मै - अरे कही क्या ,,मामा या बुआ के यहा चला जा या फिर मौसी के यहा घूम आ कुछ दिन


अनुज मेरे बातो से इंकार करने के भाव मे - भक्क भैया पिछ्ले साल भी तो गया था बुआ के यहा ,,, मामा के यहा गाव मे जाने का मन नही करता और मौसी के यहा कोई होता ही नही जिसके साथ घुमू बात करु

मै हस कर - तब कहा जायेगा

अनुज - भैया वो राहुल अपनी मौसी के यहा जा रहा है बडे शहर मे और मुझे भी बोल रहा था ,, लेकिन मा जाने नही देगी मुझे पता है

मै हस कर - तू बता तेरा मन है जाने का

अनुज हा मे सर हिलाया
मै खुशी से - ठीक है फिर फिर तू जाने की तैयारी कर मै मा को मना लूंगा

अनुज खुसी से - थैंक यू भैया

मै - अरे कोई नही रे तू भाई है अपना
फिर थोडी देर ऐसे ही बाते चली और अनुज को बिठा कर चल दिया पापा के पास

जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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मै अनुज को दुकान पर बिठा कर निकल गया पापा के पास क्योकि पिछ्ले काफी समय से मै परीक्षा की वजह से पापा से कोई खास बात चित नही कर पाया था और वही मुझे करीब 3 महिने का खाली समय था तो सोच रहा था कि सोनल की शादी को लेके ही कुछ बाते फाइनल हो जाये ।

टहलते हुए पापा की दुकान पर गया तो दुकान पर बबलू काका बैठे ।

मै अचरज से - अरे काका , पापा कहा है दिख नही रहे

काका - छोटे सेठ , वो सेठ जी से मिलने कोई जान पहचान के आये है तो वो अन्दर कमरे मे है ।

मै सोचते हुए - ऐसा कौन ही सकता है अंदर , कही पंखुडी भाभी की सास मेरी रंजू ताई तो नही , हा वही होगी और वैसे भी पापा मेहमानो को अन्दर ही लिवा जाते है ।

मै मुस्कुरा कर - ठीक है काका आप बैठो मै वही मिल लेता हू
काका - जी छोटे सेठ
फिर मै धीरे धीरे पीछे गोदाम की तरफ बने रेस्ट रूम के पास गया और देखा कि रेस्टरूम का तो दरवाजा बाहर से बन्द है फिर पापा कहा गये होगे ।

फिर मैने सोचा एक बार फोन कर लू लेकिन फिर लगा कही उपर के तो नही चले गये बात करने के लिए

तो मै मस्त पीछे आगन मे बने सीढी से उपर छत के गोदाम मे चला गया और आस पास देखा तो सब शांत नजर आया

तभी मुझे साम्ने हाल मे परछाई हिल्ती दिखी और मै बिना किसी आहट के गलियारे से होकर उस तरफ गया और जैसे जैसे मेरे पाव हाल की तरफ बढ़ रहे थे मुझे कुछ सिसकिया और थप थप की अवाजे आने लगी

मै समझ गया कि मेरा बाप किसी को चोद रहा है , लेकिन किसे ??? कही ताई तो नही ,, मेरे दिल की धडकनें तेज हुई
मेरे चेहरे पर मुस्कान और लण्ड मे कसावट आनी शुरु हुई और गलियारे के छोर से पहले मै हाल मे झाका और मेरा अन्दाजा सही निकला

पापा हाल मे एक चौकी पर किसी सावली औरत को झुकाये खडे खडे पेल रहे थे ।
उस औरत की साड़ी और पेतिकोट कमर तक चढ़ी थी उसके सावले रंग के चुचे खुले ब्लाउज से लटक रहे थे और इतने मोटे थे मानो भैस के थन जैसे हो । वही उसकी मोटी काली गाड़ बहुत चर्बीदार थी और काफी फैली हुई थी जिसको थाम कर पापा अपना मुसल उस्के काले भोस्दे मे पेले जा रहे थे और झडने के करीब थे ।

पापा हाफ्ते हुए स्वर मे - आह्ह भौजी अब निकलेगा मेरा ओह्ह्ह

तभी वो औरत की आवाज आई - ओह्ह देवर बाबू रुका तनी अह्ह्ह हा लाओ हमार मुह मे भर दो आपन माल उम्म्ंम्म्ं उम्म्ंम्म्ं उम्म सृउउऊऊऊपपपपप सुउउउर्र्र्रुउऊऊऊप्प

जैसे वो औरत पलती मै उसे पहचान गया क्योकि वो औरत रंजू ताई ही थी
साला मेरा बाप इतनी आसानी से सबको लपेट कैसे लेता है हिहिहिही


यहा ये लोग अपना काम खतम करे उस्से पहले ही मै सरक लिया और दुकान मे आकर बैठ गया ।

थोडी देर बाद पापा और रंजू ताई भी दुकान मे आये ।
फिर मैने रंजू ताई के पाव छू कर आशीर्वाद लिया और वो पापा से कुछ बात कर निकल गये ।

पापा बबलू काका से - काका जरा पानी लाना अन्दर से
फिर काका अन्दर पानी लेने चले गये

पापा - और बेटा तुम कब आये
मै हस कर - मै तो तभी आया जब आप ताई को उपर योगा करवा रहे थे ।

पापा मेरी बात समझ गये कि मै उनको ताई को चोदते हुए देख लिया है और वो थोडा मुझसे हिचक रहे थे ।

मै खुशी भाव मे - कोई बात नही पापा मै जानता हू आपको शुरु से इनसब की आदत हो गई लेकिन

पापा - क्या बेटा बोल ना
मै संकोचवश- लेकिन पापा ताई तो अपने घर की है ना और रिश्ते मे भी तो ये आपको गलत नही लगता

पापा मेरी बातो पर कुछ बोलते उस्से पहले बबलू काका पानी लेके आ गये ।
फिर पापा पानी पी के मुझे लिवा कर रेस्टरूम मे चले गये ।

मै थोडा जिज्ञासू मन से - पापा बताओ ना

पापा मुस्कुराये और बोले - बेटा इस मामले में जाने से पहले मै तुझसे कुछ सवाल करूँगा तू जवाब देना फिर मै इसपे आता हू

मै खुसी भाव से - जी पापा पुछो
पापा - ये बता बेटा क्या तुने अब तक किसी के साथ सेक्स किया है या नहीं

मै शर्म के भाव लाते हुए - जी नही पापा , मै किसके साथ

पापा - अच्छा लेकिन क्या तेरा मन नही होता
मै शर्मा कर हा मे सर हिलाया

पापा - अच्छा तुझे कैसी लडकी के साथ सेक्स करना पसंद है

मै - मतलब , मै तो कभी किया नही तो क्या बताऊ

पापा ह्स कर - अरे मेरे कहने का मतलब ,,किस तरह की औरत से तू पहली बार करना चाहेगा ,, कोई है तेरी नजर मे

मै थोडी देर सोचते हुए जानबुझ कर तीन नाम लिये जो पापा के बहुत करीब थे - जी पापा मुझे रज्जो मौसी और शिला बुआ की तरह और मा के जैसी कोई औरत हो

ये बोलकर मै मुह दबा कर शर्मा कर हसने लगा

पापा मेरे चॉइस की दाज देते हुए थूक गटक कर बोले - हम्म्म अच्छा तो राज ये बताओ जब तुमने सोचा कि तुम अपनी मा , मौसी और बुआ जैसी औरतो के साथ सेक्स करना चाहते हो तो क्या तुम्हारे मन मे एक पल के लिए भी आया कि नही ये मेरी मा , बुआ और मौसी है मै इनके बदन के बारे मे ऐसे कैसे सोच सकता हू

मै पापा के बात घुमाने के अंदाज का फैन हो गया और एक संकोच भरे लहजे मे - हा पापा आपकी बात तो ठीक है मैंने उस समय बस उनके जिस्मो के बारे मे सोचा ना की हमारे रिश्ते के बारे

पापा ह्स के - बस यही मै सोच रहा था जब रंजू भाभी के साथ उपर था ,,मुझे उनका गदराया बदन बहुत पसंद है और उनको मेरा मुसल तो हिह्हिहिही समझ गये ना

मै हस कर शर्म से - जी पापा लेकिन

पापा अचरज से - क्या लेकिन बेटा , क्या सोच रहे हो

मै संकोचवश- तो इस हिसाब से हम अपने घर मे ही सेक्स कर सकते है क्या

पापा मेरे दिल की बात समझ कर मुस्कुराते हुए - हा बेटा कर सकते है लेकिन एक बात हमेशा याद रखना कि सामने वाली रजामंदी के साथ ही कुछ करना चाहिए। वैसे तू किसके साथ करना चाहता है अपनी मा या दीदी के साथ


मै पापा से ऐसे सीधे प्रश्नो की उम्मीद नही थी तो मै सकपका गया - म म मै तो बस पुछ रहा था ,,और वैसे भी दीदी अमन से प्यार करती है

पापा हस कर - और तेरी मा , वो तो तुझे मुझसे भी ज्यादा चाहती थी ।

मै हस कर - मार खिलाओगे क्या पापा आप हिहिहिही , मै बस ऐसे ही पुछ रहा था

पापा - हमम्म कोई नही , तब हो गये तेरे सवाल पुरे

मै थोडा हिचक - नही बस एक और है

पापा हस कर - भाई वो भी पुछ ले अब शर्मा क्या रहा है ।

मै संकोच करते हुए - पापा क्या आप भी अपने घर मे किसी के साथ , मतलब दादी या बुआ के साथ

इतना बोल के मै चुप हो गया

पापा मेरे सवाल से मुस्कुराये - मुझे लगा ही था कि तू ऐसा ही कुछ पूछेगा , मा के साथ कभी ऐसा नही हो पाया क्योकि वो काफी दुबली पतली थी और समय से पहले ही गुजर गयी थी । हा लेकिन अभी जो रंजू भौजी गयी है उनकी सास यानी मेरी चाची के साथ जरुर किया था ।


मै पापा की बाते सुन कर पैंट मे लण्ड अद्जेस्ट कर बोला - और बुआ लोगो मे किसी के साथ

पापा मुझे एक मुस्कान देकर बोले - हा बस शिला दिदी के साथ

मै जानबुझ कर चौकने का भाव लाता हुआ - क्या सच मे पापा ,लेकिन कब कैसे

पापा मुस्कुरा कर - वो लम्बी कहानी है बेटा फिर कभी

मै उदास मन से - हमम ठीक है पापा

पापा - अरे मन छोटा ना कर और ये बता तू खुद कुछ अपने लिये इन्तेजाम करेगा कि मै करु तेरे लिए

मै शर्मा कर - नही उसकी जरुरत नही है समय आयेगा तो मै ही कुछ कर लूंगा

पापा ह्स के - अरे वाह शाबाश बेटा और बता कुछ

मै - लो मेन बात बताना ही भूल गया हिहिही

पापा ह्स के - वो क्या बेटा
मै - अरे वो मेरे एग्ज़ाम खतम हो गये है और अनुज कह रहा था कि वो राहुल के साथ उसके मौसी के यहा बडे शहर जाना चाहता है


पापा खुसी से - अरे तो क्या हुआ कौन सा वो लोग गैर है सब अपने ही तो है ,,जाने दे, बेचारा घूम टहल लेगा

मै खुसी से - ठीक है पापा , तब मै चल्ता हु घर

पापा घड़ी देख के - देख बातो ही बातो मे 6 बज गया ,,चल मै भी चलता हू घर ही आज तेरे साथ

फिर पापा बबलू काका को दुकान बढ़ाने का बोल कर मेरे साथ नये घर के लिए निकल गये ।

रास्ते मे

मै - पापा एक बात पूछू
पापा हस कर - हा बोल ना बेटा
मै - क्या मा आपके इन सब रिश्तो के बारे मे जानती है

पापा ठहरते हुए लफ्ज मे - हा बेटा जान्ती है वो और वो एक बहुत ही अच्छी पत्नी है । उसने हमेशा मेरी कमजोरियो और जरुरतो को समझा है ।इसिलिए मै भी उसके साथ कोई बात नही छिपाता


मै थोडा संकोची भाव मे - तो क्या मा ऐतराज नही करती इनसब के लिये

पापा ह्स कर मेरे करीब आकर - एक मजे की बात बताऊ बेटा
मै हसकर - जी पापा बोलो ना

पापा मेरे कान के पास आकर - वो शिला दीदी को मेरे लिए तेरी मा ने ही पटाया था , नही तो मै पूरी जींदगी कोसिस करता लेकिन सफल नही हो पाता हिहिहिही

मै चौककर पापा को देखता हू - हा सच मे पापा
पापा हस के हा मे गरदन हिलाये
मै थूक गटक कर - तो क्या आप मा और बुआ दोनो को एक साथ किये थे

पापा एक गहरी सास लेके - आह्ह बेटा मत याद दिला वो हसिन पल जब दो गदराई मालो को एक साथ चोदा था मैने अह्ह्ह , उफ्फ्फ क्या मस्त फुली हुई गाड़ है दिदी की उम्म्ंम

मै पापा की इस हरकत से हसने ल्गा और फिर उनहे भी समझ आया कि हम सड़क पे है ।

फिर हम दोनो ह्स्ते हुए घर आ गये
जहा मा किचन मे खाना बना रही थी और दीदी कही दिख नही रही थी ।

हम दोनो गलियारे से किचन मे देखते है और पापा मुस्कुरा कर मेरे कान मे - देख कैसे मजा लेता हू तेरी मा से

मुझे पापा की बात से हसी और पापा धीरे से मा के पास खडे होकर मैकसी के उपर से उनके गाड़ सह्लाते हुए बोले - आह्ह जान क्या बना रही हो

मा ने कुछ खास रिएक्ट नही किया लेकिन पापा मुझे मा की गाड़ दबाते हुए दिखा रहे थे

मा - ओफो क्या कर रहे है जी बच्चे सब घर मे है

पापा - तो क्या हुआ वो लोग भी जानते है हम मा बाप के अलावा पति पत्नी भी है तो रोमांस होना चाहिए ना

फिर पापा मा को पीछे से उनके गले मे हाथ डाल कर पकड लिये

मा पापा को धकेल के - ओहो हतिये जी कितनी गर्मी है उहू

फिर पापा मा से अलग होकर बैठ गये और मुझे चिपकने का इशारा किया

मै किचन मे मा को आवाज ल्गाते हुए उनको पीछे से हग कर लिया और बोला - मम्मीईई

मा खुशी भाव से - अरे मेरा बच्चा आ गया तू ,,और बता कुछ खाया पिया की नही

मै पीछे से ही मा के गालो को चूम कर - अब आपसे दुर था तो कौन पुछता मुझे

मा हस कर - अरे मेरा बच्चा बैठ तू मै कुछ देती हू

पापा - ओहो बड़ा प्यार आ रहा है इसपे ,,मै कर रहा था तो ब्ड़ी गर्मी लग रही थी

मा ह्स कर - आपके प्यार और मेरे बेटे के प्यार के फर्क है जी हिहिहिही
पापा ह्स के - किस चिज का भई
मा ह्स कर - नियत का हिहिहिहिही

मै भी वही टेबल पर बैठे हुए हसने लगा फिर मा ने मुझे और पापा को चाय नमकीन दीये ।

फिर पापा अपनी चाय से एक सिप लेने के बाद मा के पास गये और बोले - लो जानू तुम भी पीयो

मा एक नजर मुझे देख के - नही जी आप पीयो गरमी है बहुत
फिर मा मेरे पास आई और बोली - और कुछ दू बेटा
मै ना मे से हिला कर बोला - नही मा ,, आओ बैठो ना चाय पीयो आप भी

फिर अपनी जूठी चाय मा को पिलात हू
पापा - देखा बेटा मै कह रहा था ना कि तेरी मा मुझसे ज्यादा तुझे प्यार करती है ।

मा इतरा के मेरे चेहरे को अपने मुलायम चुचे मे छिपाते हुए - तो फिर मेरा राजा बेटा है

पापा हस के - अरे मेरी रानी वो राजा बेटा भी इस राजा की देन है कुछ प्यार से तो हमे भी नवाजो हीहिहिही

मै ह्स कर - हा मा पापा का भी तो थोडा बहुत हक बनता है आप पर हिहिहिही

फिर मा पापा के पास आई लेकिन पापा उनको गोद मे उठा लिये और बोले - बेटा मै अभी अपने हिस्से का प्यार लेके आता हू ठीक है हिहिहिही

मा पापा की गोद मे छटपटाने लगी लेकिन पापा ने मजबूती से मा को थामा हुआ था और झट से बगल के गेस्टरूम मे चले गये और मै भी अपनी चाय खतम कर हाल मे सोफे पर बैठ कर उन्के बाहर आने का इन्तजार करने लगा

करीब 8 10 मिंट बाद वो दोनो बाहर आये और मा झट से हस्ती हुई किचन मे चली गयी और पापा हाफ्ते हुए मेरे बगल मे बैठ गये


मै हस कर - मिल गया प्यार लग रहा है ,,

पापा हस कर मेरे हाथ पर हाथ रख थपथपाते हुए हस कर तेज सांसे ले रहे थे जिस्का मतलब था कि मैने जो बोला वो सही था

मै पापा के पास जाके - क्या किये इतनी जल्दी आप लोग हिहिही
पापा खुसफुसा कर - तेरी मा लण्ड बहुत ही मस्त चुस्ती है बेटा ब्स निचोड लिया अभी को


मै शर्म से ह्सते हुए - ओह्ह हिहिहिजी

पापा - एक बार चुसवा लेगा ना बेटा जो जन्नत है जन्नत

मै हस के - क्या पापा आप भी जाईये हाथ मुह धुल लिजीये

पापा हाफ्ते हुए - नही बेटा गर्मी बहुत है। बिना नहाए काम नही चलेगा

फिर पापा अपने बेडरूम मे नहाने चले गये और मै झट से लपक कर मा के पास गया

मा मुझे देख के इशारे से की पापा कहा है
मै - वो नहाने गये और दिदी नही दिख रही

मा - वो उस्का महीना आया है तो सोयी है
मै ह्स कर - मम्मी मुझे आपको कुछ बताना है ।

मा खुश होते हुए - हा बोल ना बेटा
फिर मैने गोदाम से लेकर घर आने तक के एक एक वाकये को मा को बताया

मा हस कर - ओहो अब आगे क्या सोचा है
मै खुशी से - बस मा जल्द ही हमारे सपने पुरे होगे ब्स आप पापा को कोई शक ना होने देना और हो सके तो आज रात पापा जरुर इस मुद्दे पे बात करे आपसे किसी तरह घुमा फिरा कर लेकिन आप ध्यान रखना और आदर्श बीवी बने रहना


मा ह्स कर - ठीक है मेरे लाल जैसे तू बोल

तभी हमे मेन गेट के खूलने की आवाज आई और हम सतर्क हो गये

वो अनुज था और फिर वो सीधा नहाने का बोल के छ्त पर चला गया और अनुज के आने से मुझे उसकी बात याद आई

मै - मा मै कह रहा था कि अनुज बेचारा डेढ़ महिने से दुकान सम्भाल रहा है और अब मै खाली हो गया हू और उसकी भी छुट्टिया चल रही है तो उसे कही घूमने जाने दिया जाय

मा खुश होकर - हा बेटा कहा जाने को बोला है इस बार
मै - इस बार वो राहुल के साथ उसकी मौसी के यहा बडे शहर जाना चाहता है घूमने , कह रहा था कि कभी बडे शहर गया नही

मा थोडे सोच के - ठीक है मै शालिनी से बात कर उसे भी भेज दूँगी और कुछ

मै एक कातिल मुस्कान के साथ लण्ड सह्लाते हुए - हा

मा मुसकी मारते हुए सब्जी चलाते हुए इतराने लगी और बोली - धत्त बदमाश जा तू भी नहा ले मेरा भी खाना हो गया है ,,फिर मै भी नहाने जा रही हू
फिर नहाने के लिए अपने बेडरूम मे चला गया
नहाने के बाद मैने एक तिशर्त और हाफ लोवर डाला और बाहर आया , जहा पापा और अनुज नहा कर बैठे थे वो लोग भी बनियान और चढ़ढे मे थे ।

दिदी किचन मे खाना लगा रही थी और अनुज को आवाज दी तो अनुज किचन मे चला गया इतने मे मा अपने कमरे से एक सूती हल्के गुलाबी रंग ब्लाउज मे बिना ब्रा के और उसी रंग का पेतिकोट पहने बाहर आई

ब्लाउज मे कसे चुचे देख कर मेरा लण्ड अपने सर उठाने लगा वही पापा भी बडे ध्यान से मा को निहार रहे थे

फिर मा वही से सीधा किचन ने गयी और पापा मेरे तरफ झुक कर मुस्कुराते हुए - तो बेटा अब क्या ख्याल तेरी मा के बारे मे हम्म्म्म

मै शर्माने लगा
पापा - बेटा तू शर्मा रहा है लेकिन तेरा ये छोटा शेर अपनी गरदन उठा के तेरी मा के भैस जैसे मोटे मोटे दूध देखने के लिए परेशान हो रहा है

पापा मेरे लोवर मे बने टेन्ट की तरफ इशारा कर बोले

मै मुह फेर कर हसने ल्गा
पापा - मै तो आज रात जम कर चोदने वाला हू तेरी मा को ,,, अगर तुझे देखना हो तो चूपके से आ जाना

मै आवाक होके पापा को देख्ते हुए - लेकिन मै क्या करुगा पापा

पापा ह्स के - अरे बेटा मुझे देख सिख तभी ना आगे काम आयेगा हिहिही

मै पापा की बात पे ह्सने लगा
पापा - तेरी मा आ रही है देख कैसे उसके चुचे मिजता हू

मै मुह पे हाथ रख के हसने ल्गा इत्ने मे मा आई और पापा के बजाय मेरे बगल मे आकर बैठ गई जिस्से मेरी हसी छूटी

मा - क्या बात है बेटा हस क्यू रहा है

मैने सोचा जब सब कूछ खुला हुआ ही है तो क्यू ना मजा लिया जाय

मै हस के - मम्मी पापा ने आपको अभी भैस बोला हिहिही

मा अचरज से - भैस , वो क्यू
मै हस कर - पता नही
मा हसते हुए - बेटा जरा रूम से मेरा दुपट्टा लेके आना ,,मै समझ रही हू मुझे भैस क्यू बोला गया है

मै - क्यू मा बताओ ना
मा हस कर अपने छाती को दिखाते हुए - ये देख रहा है बेटा क्या है

मै मासूम बच्चों के जैसे - हा मा ये तो दूध है
मा हस के - और ये कैसे है
मै मा को हग कर अपना मुह उसके चुचे पर रख कर - मा ये तो बडे बडे और मुलायम है हिहुही

मा ह्स कर - हम्म्म तो बडे बडे दूध कीस जानवर के होते है बेटा बताओ तो

मै मा के चुचे हल्के हाथो से पकड कर मासुम बच्चो के जैसे - भैस के
फिर चौकने के भाव मे मा से हटते हुर - ओह्ह इस लिए पापा ने आपको भैस बोला

मा ह्स के - हा बेटा ,,अब ये भैस तेरे पापा को लात भी मारेगी सोते समय

मै ह्स्ते हुए - हिहिहिहीही क्या मा आप भी
तब तक किचन से दिदी ने सबको बुलाया और हम सब खाना खाने के लिए चले गये । खाने के दौरान पापा बार बार मुझे इशारे कर मा को दिखाते थे और मै हस्ता था ।

फिर खाना खतम कर सब अपने कमरो मे चले गये
कमरे मे जाने के बाद मैने अपना मोबाईल चेक किया तो देखा सरोजा जी के तीन मिस्काल आये हुए थे और दो काजल के भी

मै झट से पहले काजल को फोन किया
फोन पर
मै - हाय बेबी
काजल - हाय के बच्चे कहा थे कबसे फोन लगा रही थी
मै ह्स कर - अरे मोबाईल चार्ज मे था और मै खाना खा रहा था
कोमल - और बताओ कब आ रहे हो मिलने मुझसे
मै - क्यू फिर खुजली हो रही है क्या हममम
कोमल मायुस हो कर - तब क्या कितने दिन हो गये राज ,,,तुमको नही मन होता क्या कभी

मै कोमल की बातो से उत्तेजित होकर - बहुत मन है दोस्त और जल्द ही आउँगा मिलने ,,,तब तक तू मनोज को भी मौका दे ना

कोमल शर्मा कर - धत्त पागल भाई है वो मेरा
मै ह्स कर - हा लेकिन वो तो तेरे नाम से हिलाता है ना

कोमल ह्स कर - नही अब उसको जरुरत ही नही पड़ती , मा है ना

मै जानबुझ कर - क्या मतलब
कोमल हस कर - राज मुझे तुमको कुछ ब्ताना है हिहिहिही

मै जिज्ञासा दिखाते हुए - हा हा बताओ ना कोमल
कोमल इतरा के - पता है मनोज अब रोज रात मे मा के साथ सोता है हिहिही

मै - तो उसमे क्या है
कोमल - अरे बुधु वो मा के साथ वो सब भी करता है हिहिहिही

मै चौकाने के भाव मे - क्या सच मे कोमल , मनोज , मौसी मतलब अपनी मा को चोदता है

कोमल - हा यार
मै - तुमको कब पता चला
कोमल - जब मै जौनपुर से वापस आई तभी के बाद से देख रही थी कि मा और मनोज के बीच काफी नजदिकिया आ गयी है और फिर एक रात मैने जासूसी की और सब कुछ पता चल गया ।


मै - अरे यार इसके तो मजे है मौसी जैसी गदराई माल को चोद रहा है
कोमल तुनक कर - हुह तुम सब लडके एक जैसे हो ,, हर जगह लार टपकाते फिरते हो

मै हस कर - ओह्हो चलो कोई बात नही जो हुआ अच्छे के लिए हुआ ,, अब इसी बहाने विम्ला मौसी के बाहर जाके मस्ती करने वाले प्रोब्लम से निजात हो गयी है

कोमल - हा सो तो है ,,
मै - फिर तुमने क्या सोचा है , तुम कब शामिल हो रही हो उन्के साथ
कोमल शर्मा के - धत्त मै कैसे पागल कही के

मै - अब तुम देखो कि क्या करना है मै तो रोज नही आ सकता ना तुम्हारे पास लेकिन अगर मनोज से तुम कर ली तो

कोमल ह्स कर - धत्त तुम रहने दो आज तुम्हारा मूड ही अलग लग रहा है ,, मै सोने जा रही हू बाय

मै - ठीक है सो जाओ लेकिन इस बारे मे विचार करना
फिर कोमल ने फोन रख दिया

मै भी ह्स कर बिस्तर पे लेट गया ।
तभी मेरे मोबाइल पे एक मैसेज बिप हुआ जो सरोजा जी ने किया था

मैने भी उनका हाल चाल लिया और फोन साइड रख दिया ।
क्योकि इस वक़्त सरोजा या और किसी से भी ज्यादा मुझे पापा के बाते रोमांचित कर रही थी और आज खाने से पहले वो बोले थे कि आज वो दरवाजा खुला रखने वाले है ।

मै कुछ सोचा और मोबाईल रख कर झट से उठा और बिना किसी आहट के
आराम से दरवाजा खोल के एक नजर हाल मे देखा और फिर दबे पाव सामने पापा के कमरे की तरफ बढ़ा जहा मुझे हल्की फुल्की खुस्फुसाहत सुनाई दे रही थी

जो पापा ने हल्का सा भिड्का रखा था और मैने हल्का सा जोर देखे बीते भर का गैप बना दिया और अन्दर कमरे मे देखा

जहा पापा बेड पर टेक लगाये बैठे थे और मा उनके सामने झुक कर उनका लण्ड चूसे जा रही थी ।

पापा मा से बाते किये जा रहे थे और सिस्क भी रहे थे ।
पापा - रागिनी एक बार सोच के देखो ना उस मजे को
मा लंड को मुह से निकालकर - लेकिन राज के पापा वो मेरा बेटा है मै कैसे उसके सामने ऐसे पेश आ सकती हू , उस रात वो सोया था तो मैने आपकी बात मान ली लेकिन अब ये ना हो पायेगा हमसे

पापा - अरे मेरी जान मैने आज परखा है उसे और वो भी तुम्हारे साथ मजे करना चाहता है ,,,

मा परेशान होने के भाव मे - ओहो लेकिन
पापा मा के गाल को छू के - ओह्ह रागिनी मेरी जान क्या तुम मेरी इस इच्छा को नही पूरी करोगी ,,,,मै तुम्हे अपने सामने किसी से चुदते हुए देखना चाहता हू एक रन्दी के जैसे ,,माना की तुम किसी गैर को ये सब नही करने दोगी तो क्या अपने राज के साथ तो कर सकती हो ना ,,,आखिर वो भी बड़ा हो रहा है और समय के साथ उसे भी सिखना जरुरी है ये सब ,,,कही किसी गलत रास्ते पर ना चला जाये वो इसिलिए मै कह रहा हू

मा एक कातिल मुस्कान के साथ- मै सब समझ रही हू आपकी गोल मतोल बाते ,,, आपको राज की नही अपनी भावनाओं की चिंता है हिहिहिही

पापा ह्स कर - तो कर दो ना मेरे लिये मेरी जान प्लीज
मा पापा की आन्खो मे देखते हुए उन्के सुपाडे को मुह मे भर कर गले तक उतार के निकाल देती है और मुस्कुरा कर लण्ड मुठीयाते हुए - ठीक है मै कोसिस करूंगी एक बार लेकिन अगर मुझे लगा कि वो इनसब नही रुचि ले रहा है तो मै कुछ नही करूंगी ऐसा


मै मा की चालाकी भरी बातो पर हस रहा था और उन्के कामुक अन्दाज पर लण्ड भी सहला रहा था

मुझे खुसी थी एक बार फिर मा और मेरा मिलन होगा लेकिन इस बार जिसका गवाह पापा खुद बनेंगे ।
एक तरफ मुझे पापा को जताना भी था कि मै उनको देख रहा हू वही दुसरी तरफ मा की गाड़ देख के उनको चोदने का भी मन था इसिलिए मैने कूछ सोचा और झट से अपने कमरे मे गया और वापस कर पापा के दरवाजे पर खटखट किया


जारी रहेगी
बहुत ही जबरदस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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मै एक योजना के तहत अपने कमरे मे गया और फिर वापस आकर पापा का दरवाजा खटखटाया
जिससे कमरे मे खुसफुसाहाट और हड़बड़ी की आवाजे आई और थोडी देर बाद

पापा - कौन है अन्दर आजाओ
मैने बडे आराम से दरवाजा खोला और कमरे मे गया जहा अभी भी ब्लाउज पेतिकोट मे थी और पापा सिर्फ़ अंडरवियर मे थे जिसमे उनका उभरा लण्ड दिख रहा था

पापा - अरे बेटा क्या हुआ तू सोया नही
मा भी चिन्ता के भाव मे - अरे बेटा क्या हुआ सब ठीक है ना
मै थोडा परेशान होने का नाटक करते हुए - मा वो मेरे कमरे का पंखा नही चल रहा है पता नही क्या हो गया है तो सो नही पा रहा हू

पापा बिस्तर से उठते हुए - ओह्हो , ठीक है , रुको मै देखता है बेटा
मा पापा को डांट कर - कहा जा रहे हो जी रात मे परेशान होने , कल सुबह किसी बिजली वाले को बुला कर दिखा देना । राम जाने क्या खराबी हो ,,,

पापा हस के - हिहिही ठीक है मालिकन जैसा आप कहो
मा - बेटा ऐसा कर तू भी हमारे साथ ही सो जा , आ

मै मा के जवाब से बहुत खुश हुआ वही पापा ने भी मुझे एक स्माइल दी

मा - उधर ख्स्को जी ,, आ बेटा इस बगल तू सो जा आ

फिर मैने दरवाजा बंद किया और मा के बाई तरफ जाकर सो गया , जबकि मा के दाई तरफ पापा थे ।
फिर पापा उठे और कमरे की लाईट बुझा कर नाइट बल्ब जला कर वापस बिस्तर पर आकर लेट गये ।

मा - क्या हुआ बेटा अभी शाम को सही था पंखा मैने देखा
मै - हा मै अभी थोडी देर पहले अचानक से बंद हो गया पता नही क्यू
पापा बात को समान्य रखने के भाव मे - अरे रागिनी कोई फ़्यूज़ उड़ा होगा ,,ये गर्मी मे अक्सर बिजली हाफ़ फुल होती है इसिलिए, चिन्ता ना करो सुबह मै देख लूंगा , सो जाओ बेटा तुम आराम से

कमरे का माहौल चुप्प था
इस वक़्त हम तीनो पिठ के बल उपर पंखे की तरफ देखते हुए सोये थे लेकिन नीद किसी को नही थी ।


हम तीनो आपस मे मिल के एक साथ मस्ती करना चाहते थे लेकिन एक अंजान सा छिपे रिश्ते की डोर ने हम सब को रोके हुआ था ।


एक तरफ जहा पापा मम्मी से मेरी बात कर चुके थे लेकिन फिर भी मेरे सामने वो इस बात की पहल करने से घबरा रहे थे कि मै और मा आपस मे क्या रियक्ट करेंगे । उनके मन मे था कि मा मेरे लिए पहल करे

वही मा भी पापा को बोल चुकी थी कि वो मेरे साथ संबंध बनाने को तैयार है लेकिन वो पापा के रहते मेरे साथ अगर कुछ करने मे हिचक मह्सूस हो रही थी और वो हम दोनो के पहले के बने रिश्ते को पापा के सामने जाहिर नही होने देना चाहती थी । इस लिए वो चाहती थी कि शुरुवात मै ही करू पापा के सामने


वही मै पापा के साथ खुला तो था ही लेकिन मै अब भी उन्के सामने खुल के सामने आने मे हिचक रहा था कि वो ये समझे की मुझे मा की प्रतिक्रिया का डर है और वैसे भी मै मा के साथ मेरे रिस्ते के बारे मे कोई भनक नही लगने देना चाहता था , इसलिए मै चाह रहा था कि पहल पापा ही करे ।
गजब की ट्रेजीडी थी हमारे बीच ।

मै इन्ही विचारो मे खोया ही था कि मा के कसमसाने की आहट आई और मैने हल्की आंखे तिरछी कर देखा तो पाया की पापा ने अब मा की तरफ करवट ले ली है और उनके हाथ मा के नंगे पेट पर रेंग रहा था । जिससे मा की सांसे तेज हो गयी थी ।
वही मा ने अपना दाहिना हाथ पापा के लण्ड पर रख कर सहला रही थी जिससे पापा की दबी हुई आहह सुनाई दे रही थी ।

मै तिरछी नज़र से ज्यादा समय तक नही देख सकता था इसिलिए
आंखे बंद कर सीधा लेट कर उनकी मादक सिस्कियो से उनके बिच हो रहे कामुक हरकतो का अंदाजा लगा रहा था ।

तभी मुझे स्मूचिंग होने और होठो के चूसने की मधुर आहट सुनाई दी और मैने एक बार फिर उनकी तरफ नजरे तिरछी कर देखा तो मा गरदन घुमा कर पापा के होठो से होठ जोड़े हुए थी और पापा मा के बाये चुचे को ब्लाउज के उपर से मसल रहे थे ।


मै पापा की मनोभावना को बखूबी समझ रहा था कि वो जान बुझ कर मेरी उपस्थिति मे ही मा के साथ कामलिला कर रहे है ताकी मै इस पर कोई टिप्पणी करू

वही मा पापा का साथ इस लिए दे रही थी क्योकि वो पापा से किये वादे से मजबुर थी और वो भी चाह रही थी कि मै खुद से उनके हरकतो पर पहल करू

मुझे हसी आ रही थी इनसब के ड्रामे को देख कर लेकिन कोई भी कहानी बिना ड्रामा के शुरु हो तो कैसे हो और मुझे ये कहानी लम्बी ले जानी थी ।

इसिलिए मै एक अन्ग्दाई ली जिससे वो दोनो झट से अलग हो गये और मुझे दिखाने लगे कि वो सो रहे है जबकि मै जान रहा था कि वो बस इनलोगो का नाटक है और वो ब्स मेरे बोलने का इन्तजार कर रहे है ।

इस लिए मै भी उन्के ड्रामे मे खुद को शामिल करते हुए बोला - पापा मैने आप लोगो को कही डिस्टर्ब तो नही किया ना ,,कहिये तो मै हाल मे चला जाऊ


बस मेरे सुरुवात की देर थी और पापा ने अपना नाटक शुरु किया
पापा थोडा हसने के भाव मे - अरे रे न न नही बेटा ऐसा कोई बात नही है , वो तो हम लोग बस

मा तुनक कर - मै बोल रही हू कबसे की रहने दिजीये बेटा सोया है यही लेकिन आप ना ,,जग गया ना वो अब हुउउह

मै ह्स कर मा की तरफ करवट लेते हुए - अरे मा आप पापा को क्यू डांट रही हो , आप लोग मेरी मम्मी पापा होने के साथ साथ एक पति पत्नी भी हो और मै आपकी भावनाये समझ सकता हू इसमे कोई बुराई नही है ,, हा मेरी गलती जरुर है मुझे हाल मे ही सो जाना चाहिए था

पापा - देखा रागिनी , कितना समझदार है हमारा बेटा और तुम फाल्तू का परेशान हो रही हो ।

मा हस कर - चुप रहिये आप हा नही तो
फिर हम सब हसने लगते है
पापा - बेटा सॉरी , अगर तुझे कूछ अजीब लगा हो तो

मै हस कर - ओह्हो पापा ऐसा कुछ नही है ,,और आप लोग चाहे तो फिर से कंटिन्यू कर सकते है , मै घूम जा रहा हू । हा लेकिन प्लीज ज्यादा शोर मत करना हिहिहिहिही

पापा मेरी बातो से हसते हुए - हाहहहा सुन रही हो रागिनी ये कह रहा है हम फिर से चालू कर सकते है तो क्या विचार है तुम्हारे

मा शर्म से पापा का हाथ अपने उपर से झटक कर उठी और बोली - आप सठिया गये है मा बाहर जा रही हू सोने हिहिही
फिर मा बाहर भागी और पीछे पीछे पापा उनको पकडने के लिए भागे ।

मै हस कर उठ के बिस्तर पे बैठ गया और थोडी देर तक उन लोगो के आने की राह देखी लेकिन ना उनकी कोई आहट थी ना आवाज
मै भी झट से बिस्तर से उतर कर धीरे धीरे कमरे से बाहर आया और हाल मे देखा तो कोई नही था और गेस्टरूम भी बाहर से ही बंद था । तभी मुझे मेन गैलरी से मा के खिलखिलाने की आवाज आई और मै दबे पास उसी तरफ गया और गलियारे मे झाका तो देखा कि गैलरी के दरवाजे के पास पापा मा को पीछे से दबोचे हुए और कस कस कर चुचिया मसल रहे है
हालाकी गैलरी मे कोई बलब नही जल रहा था लेकिन हाल मे जल रही लाईट की रोशनी की दमक वहा तक जा रही थी जिससे बहुत हल्का हल्का दिख रहा था ।
तभी पापा ने मा को दिवाल से लगा कर उनका ब्लाउज खोल दिया और झुक कर उनकी चुचिया चूसने लगे ।

मैने भी सही मौका देखा और जानबुझ कर नाटक करते हुए गैलरी की दीवाल पकड कर उनकी तरफ जाते हुए आवाज दी - माआआआ पापा कहा गये आप लोग दिख नही रहा है कुछ

इससे पहले वो लोग मेरी बात सुन कर मेरी बातो का जवाब देते या खुद को स्तर्क करते तब तक मै उनके पास पहुच गया और जानबुझ कर ये नाटक किया कि मै फिर से अनजाने मे उन लोगो को डिस्टर्ब कर दिया

मै - स स सॉरी सॉरी पापा
पापा हड़ब्ड़ी दिखते हुए - अरे बेटा तू यहा

मै जुबान को लडखडाकर पापा के सामने मा के खुले चुचे को निहारते हुए - वो वो वो मुझे लगा कि आ आ आप मा को लिवा के आओगे रूम मे ,,नही आये तो मै खोजते हुए आ गया

मा मुझे पापा के सामने अपनी चुचिया घुरता देख झट से ब्लाउज को चढा लेती है

मै उदास हो कर - सॉरी मम्मी पापा मुझे नही पता था कि आप लोग यहा कमरे के बाहर ऐसा कुछ करने जा रहे हो

मा मेरा उदास चेहरा देख के - ओफो बेटा कोई बात नही इसमे तेरी गलती नही है

पापा भी मा की बात मे हा मिला कर - अरे कोई बात नही होता है ऐसा ,,आओ चलो कमरे मे जाते है ।
फिर हम सब कमरे मे वापस आये और अपने अपने जगह पर लेट गये ।
मा ने अभी तक अपना ब्लाउज का दोनो सिरा पकदा हुआ था शायद पापा ने जोर जबरजस्ती मे उन्के ब्लाउज के बटन तोड़ दिये थे ।

मै मा की तरफ़ करवट लेके - सॉरी मा ,,,मुझे सच मे मे बुरा लग रहा है
फिर मा मुझे एक हाथ से दुलारते हुए बोली - कोई बात नही बेटा सो जाओ अब

मै मा के पेट पे हाथ रख उसके बाई तरफ की कन्धे के पास सर रख कर सोने लगा ।
मा हस दाये हाथ से ब्लाउज के सिरे को पकडे बाये हाथ से ही उल्टा कर मेरे गालो को छूने की कोशिश करती है लेकिन नही कर पाती


मै हस कर - क्या हुआ मा आप अपना ब्लाउज पकड़ी क्यू है हिहिही ऐसे ही सोवोगी क्या आप

मा ह्स कर - नही बेटा वो ब्लाउज के बटन टुट गये है तो बंद नही होगा ये

मै चौक के गरदन उठा कर - टूट गये लेकिन कब
मा हस कर एक नजर पापा की ओर देखती है जो मुस्कुरा रहे थे फिर मुझे देखते हुए - वो एक बच्चे ने दूध पिने की जिद मे फाड़ दिया हाहहहा

मै अंदाजा लगाने के भाव मे - मतलब मम्मी
मा हस कर - भक्क , जा अपने बाप से पुछ वही फाडे है हिहिही हा नही तो


मै मा की बात सुन कर हसने लगा और वापस उसी पोजिसन मे लेट गया
पापा सफाई देने के भाव - अब ब ब मैने जान बुझ कर थोडी किया

मा हस कर - हा हा आप जानबुझ कर कभी कुछ करते कहा हो
मै उनकी बाते सुन कर हस रहा था

मा तुनक कर - तू क्यू हस रहा है भाई
मै हस कर - वो मा आपने पापा को दूध पीने वाला बच्चा बोला ना तो हाहाह्हा

मा हस कर - हा नही तो इस उम्र मे भी अब दूध पियेंगे तो क्या कहूँगी हिहिहिही

पापा - अरे बेटा इस उम्र क्या दूध तो हर उम्र मे पीने का मजा आता है

मै ह्स कर - भक्क अब कहा इसमे दूध आता होगा ,,है ना मा

मा मेरी बात से ह्स रही थी
पापा - अरे बेटा इसमे दुध नही एक अलग ही मिठास होती है जो चुसने पर मिलती है

मै जिज्ञासु भाव मे - मतलब
पापा - रुक बताता हू बेटा

पापा मा से - जानू जरा ये ब्लाउज खोलना तो अपने बेटे को डेमो देना है

मा ह्स कर - धत्त आपको शर्म नही आ रही है कि अपने ही बेटे के सामने मुझे नंगा कर रहे है

पापा ह्स कर - नंगा थोडी कर रहा हू जानू ,,वो तो बस राज को दिखा रहा हू कि कितना मजा आता है इनको चूसने मे ,,वैसे भी वो इनको बहुत बार देख चूका है बचपन मे , क्यू राज

मै हस कर - हिहिहिही हा वो तो है
फिर पापा मा का हाथ हल्का सा जोर ल्गा कर उनका ब्लाउज खोल दिया और मा के चुचे दोनो तरफ फैल गये वही चुचो के खुलते ही मा की सांसे तेज हो गयी ।

मै एक तक मा के भारी चुचे को पापा के सामने देखने ल्गा ।

तभी पापा ने मेरे सामने मा की दाई चुची को पकड़ा और मेरी आँखो मे देखते हुए उस्का मोटा निप्प्ल मुह मे लेके चुसने लगे ,,जिससे मा सीसक पड़ी

फिर पापा ने मा की चुचि मुह से निकाल कर अपने मुह एक्थ्था लार को घोट कर बोले - बेटा तू भी पकड उसे और जैसे मै कर रहा हू कर

मै थूक गतकते हुए एक नजर मा को देखा वो आंखे बन्द किये पापा की तरफ गरदन घुमाये सिस्कते हुए तेज सांसे ले रही थी और वही पापा ने वापस मुह मे चूची को भर लिया

मै भी उठ कर बैठ गया और घुटनो के बल बैठ कर झूककर बडे धीरे धीरे काप्ते हाथो से मा के बाई चुची को निचे से थामा - हिहिही पापा ये तो भारी है और बहुत मुलायम भी ,,जैसे पानी से भरा गुब्बारा हिहिही

पापा - अब अपना मुह उस काले वाले घुंडी पर ल्गा और उसे चुस
मै एक नजर पापा को देख कर हामी भरा और मा को देखा जो पापा के आवाज सुन कर गरदन मेरी तरफ कर मुझे अपनी चुचियो की तरफ बढ़ते देख कर तेज सांसे ले रही थी
मै झुक कर मा की आँखो मे देख्ते हुए उन्के निप्प्ल को अपने होठो से टच किया जिस्से मा सिसिक उठी और मैने धीरे से पुरा निप्प्ल वाला हिस्सा मुह मे भर लिया
जिससे मा एक तेज आह्ह भरते हुए अपनी सीने को फूला कर अपने कन्धे उचका कर तडप उठी
और मैने बडे हौले से मा के चुचे को थामते हुए निप्प्ल पर अपने होठो को सिकोड़ कर उसे चुस्ते हुए मुह के अंदर निप्प्ल की घुंडी पर जिभ घुमाने लगा और वही पापा उम्म्ं उम्म्ं कर मा के दाई चुची को गार गार कर हवसी ढग से चुस रहे थे ।
नतिजन मा अपने पाव की नशो को फैलाने लगी और सिहरन भरे आह लेते हुए अपनी कमर को झटकने लगी
इधर काफी देर तक मै और पापा मिल कर मा की चुचिया चुस्ते रहे और मा हमारे सर पर हाथ फिरा कर उत्तेजना मे सिहरती रही और अपनी गाड़ उचकाती रही

मा - ओह्ह्ह राज के पापा उम्म्ंम आराम से उम्म

मै मुह से मा चुची निकाल कर - क्या हुआ मा दर्द हो रहा है क्या

मा सिस्क कर - सीई उम्म्ं तेरे वजह से न्हीईई आह्ह उम्म्ंम ये तेरे पापा अह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह

मैने नजर पापा की तरफ की तो देखा पापा मा की चुची को ज्यदा से ज्यादा मुह मे भर रहे थे और उन्के दाँत मा के मक्खन से मुलायम चुचो के त्वचा मे गड़े हुए थे ।

मा - ओह राज के पापा उम्म बस करिये ऊहह उम्म्ं आह्ह मा उम्म्ं

पापा ने फिर मा को छोडा और हसने लगे ।
मा ह्स कर - क्या जी आप तो लग रहा था कि काट ही लेंगे मेरा

पापा वापस से हथेली को मा के निप्प्ल पर फिराते हुए मा के होठो को चुस्ते हुए बोले - जानू मेरा बस चले तो इनको खा ही जाऊ
मा शर्मा कर पापा को अपने उपर से हटाते हुए - हटीए अब , शर्म नही आती है जवान बेटे के सामने बीवी के दूध पीने मे लगे है

मा की बातो से हम सब हसने लगे
फिर मै वापस मा की तरफ करवट लेके लेट गया और पापा भी करवत लेके मा के पेट पर हाथ रख लेट गये । फिर हम दोनो की आंखे मिली तो मुझे शर्म आने लगी तो मै मुस्कुरा दिया और मा के कांख मे सर छिपा लिया ।

थोडी देर शान्ति रही और तभी मुझे पापा मा की कान मे फुसफुसा कर बोले जिसका जवाब मा ने तेज आवाज मे दिया

मा - नही !!! पागल हो गये क्या आप
पापा मा के पेट को सहलाते हुए - प्लीज ना रागिनी प्लीज मान जाओ ना


जारी रहेगी ...
बहुत ही गरमागरम कामुक और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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UPDATE 86



अब तक

फिर मै वापस मा की तरफ करवट लेके लेट गया और पापा भी करवत लेके लेट गये । फिर हम दोनो की आंखे मिली तो मुझे शर्म आने लगी तो मै मुस्कुरा दिया और मा के कांख मे सर छिपा लिया ।

थोडी देर शान्ति रही और तभी मुझे पापा मा की कान मे फुसफुसा कर बोले जिसका जवाब मा ने तेज आवाज मे दिया

मा - नही !!! पागल हो गये क्या आप
पापा मा के पेट को सहलाते हुए - प्लीज ना रागिनी प्लीज मान जाओ ना

अब आगे

मै गरदन उठा कर मा और पापा की तरफ देख कर - क्या हुआ मा

मा मुझे देखकर शांत होते हुए मुस्कराकर - कुछ नही बेटा तू सो जा

पापा - रागिनी प्लीज
मै सोचने के भाव मे - क्या हुआ पापा किस बात के लिए मा को मना रहे हो

पापा मा के सामने थोडा हिचक कर - अब वो वो बेटा

मा ह्स्ते हुए - हा अब बोलो ना हिहिहिही

मै अपने चेहरे पर हसी के भाव लाकर मामले को समझने की कोसिस मे - क्या बात है मा आप ही बता दो ना

मा हस कर - बेटा तेरे पापा का बहुत मन है कि मै वो करू

फिर मा ह्स्ते हुए पापा को देखती है
मै - मतलब वो क्या
मा हस कर - अरे बुधु वो ..
और मा मुह पर हाथ रख कर हसने लगी

पापा मुझे परेशान होता देख - देख बेटा राज अब तू बड़ा हो गया है तो तुझसे क्या झुठ बोलना और तु तो समझता ही है सब ,,बात दरअसल ये कि काफी समय से जो मस्ती तेरे मा और मेरे बीच हो रही थी उससे मेरे लिंग मे तनाव हो गया है और ये तभी कम होगा जब या तो हम दोनो सेक्स करे या फिर तेरी मा वो कर दे


मै अचरज के भाव मे - अब ये वो क्या है
पापा हिचक कर - पता नही बेटा तुझे कैसा लगेगा और तू क्या प्रतिक्रिया देगा मेरे बात पर ,, लेकिन फिर भी बता रहा हू कि मुझे तेरी मा से अपना लिंग चुसवाना बहुत पसंद है बस उसी के लिए मै रागिनी को बोला


मै अजीब सा मुह बना कर - ओह्ह्ह सॉरी , शायद मुझे आज यहा सोना ही नही चहिये था ,, खामखा आप लोगो को मेरे वजह से दिक्कत हो रही हैं


मा पापा से - क्या जी आप मेरे बेटे को परेशान कर रहे है
मा - नही बेटा ऐसी कोई बात नही है , मुझे तेरे वजह से कोई परेशानी नही है

मै मा की तरफ देख कर - तो मुझे भी कोई दिक्कत नही है , आप लोग इंजॉय करिये ना । मेरी चिन्ता छोडिए

मा मेरी तरफ देख के ह्स देती है - तू भी तेरे पापा पे ही गया है बेशर्म एकदम

मै हस कर - अब उन्ही का बेटा हू ना मा ,, प्लीज आप लोग इंजॉय करिये

मा मेरी बातो से चुप होकर मुस्कुरा रही थी

पापा - अब तो करो ना जान , अब तो राज ने भी बोल दिया
मा बिस्तर से उठते हुए - चुप रहिये आप,, आपकी आदत बहुत खराब हो गयी है ।


फिर मै सीधा होके लेट गया और उनकी बाते सुन के हसने लगा और धीरे से अपना लोवर मे तना लण्ड सहला दिया ।
थोडे ही देर मे मा की गुउऊ गुउऊ गुउउऊ की आवाजे आने लगी और मैने नजर नीचे की तरफ कर देखा तो मा ने अपना ब्लाउज निकाल दिया था और पापा के अंडरवियर से उनका लण्ड निकाल कर चुस रही थी । जिससे मेरे लण्ड मे खुन तेजी से दौड़ने लगा ।
और मै सोचने लगा काश मा मेरा भी लण्ड चुस ले

तभी पापा की सिसकिया शुरु हुई और फिर वो बोले
पापा - थैंक यू राज बेटा

पापा की बात सुन के मुझे एक मौका मिला की मै उनकी तरफ देखू
मै उनकी तरफ करवट लेके एक नजर मा को लण्ड चुस्ते हुए अच्छे से देखा और बोला - थैंक यू क्यू पापा


पापा सिस्क कर - देख नही रहा है कितने मस्त तरीके से तेरी मा मेरे लिंग को चुस रही है अह्ह्ह रागिनी और अन्दर लो

मै थूक गटकते हुए मा को पापा का मोटा काला लण्ड चुस्ते हुए देख रहा था जिसे वो अपने गले तक ले जा रही थी और उनको देख कर मै पापा के सामने ही अपना लण्ड का सुपादा लोवर के उपर से ही मुथियाने लगा
पापा मुझे लण्ड मुथियाता देख - क्या हुआ बेटा तुझे खुजली हो रही है क्या

मै चौकने के भाव मे लण्ड को दबाते हुए - अब ब नही पापा वो आप लोगो को मस्ती करता देख मेरा भी लिंग खड़ा हो गया लोवर मे , और थोडा दर्द हो रहा है ।


पापा चिन्ता के भाव - ओफ्फो बेटा , ऐसा कर तू अपना लोवर निकाल दे

मै संकोच - क क क्या लेकिन क्यू
पापा मुझे समझाते हुए - अरे अपना लिंग बाहर निकाल उसे थोड़ा खुला रख अभी आराम हो जायेगा

इधर मा हमारी बाते सुन कर लागातार कनअखियो से देखते हूए पापा का लण्ड चूसे जा रही थी और हमारे संवाद में जानबुझ कर उसने कोई टिप्पणि नही की

फिर मैने झट से पापा के कहे अनुसार अपना लोवर अंडरवियर सहित निकाल कर नंगा लेट गया और मेरा लण्ड तन कर छ्त की ओर मुह उठाए खड़ा हो गया ।


पापा सिस्क के - अब कुछ आराम हुआ बेटा
मै - नही पापा देखो ये बहुत टाइट है

पापा चिन्ता के भाव - ओह्ह हा ,,, रागिनी सुनो जरा अह्ह्ह रुको ना

मा पापा का लंड मुह से निकाल कर पापा से चुदासी भाव - क्या हुआ जी

तभी उसकी नजर मेरे खडे लण्ड पर गयी जो पापा से भी मोटा था

मा हस के - अरे पागल ऐसे क्यू सोया है

पापा - वो मैने बोला उसको ,, दरअसल वो हमदोनो को मस्ती करते देख उसके लिंग मे भी तनाव आ गया और दर्द होने लगा था इसिलिए मैने कहा

मा ह्स कर - तो सही हो गया बेटा
मै क्समसा कर - उम्म नही मा

पापा चिन्ता के भाव मे - रागिनी देखो ना कित्ना परेसान है बेचारा ,,मै क्या कह रहा हू तू थोडा उसका भी चुस कर ढिला कर दो ना

मा चौक के - ये क्या कह रहे है आप , कुछ समझ है आपको

पापा थोडा रुआब मे - ओहो रागिनी तुम कैसी मा हो ,,देख नही रही बेटा अपना परेशान है और उसकी परेशानी की वजह भी तो हम दोनो ही है ना ,

मा पापा की भडकता देख- ऐसा ना बोलिये जी ,,मै भी उससे प्यार करती हू लेकिन मै उसकी मा हू ,,,,अच्छा ठीक है

फिर पापा मुझे देख के मुस्कुराये
मै हिचक के - मा रहने दो सही हो जायेगा अभी

मा - अब तू नौटंकी ना कर आ इधर खसक अपने पापा के बगल मे
फिर मै मुस्कुरा कर एक ताजगी से भर गया कि मा अब पापा के सामने मेरा खड़ा लण्ड चुसेगी और मै सरक पर पापा के बगल मे आ गया ।
मा पापा के सामने थोडी हिचक दिखा रही थी और धीरे से मेरे खडे तपते लण्ड को बिच से पकड़ा
जिससे मा गनगना गयी - ओह्ह्ह राज के पापा इसका तो बहुत गरम है

मै भी मा के हाथो का स्पर्श पाकर सिहर उठा
पापा मुझे अकडता देख - आराम से बेटा पहली बार मे ऐसा होता है जब कोई औरत ऐसे लिंग को थामती है ।


इधर धीरे धीरे मा ने मेरा लण्ड सहलाना शुरु किया और चमडी को निचे कर सुपाडे को सूंघते हुए मुह खोला , जिससे मा के मुह की गरम सांसो से मेरे सुपाडे की जलन बढ़ गयी और ज्यो ही मा ने अपने मोटे मुलायम होठो को रिंग बना कर मेरे लण्ड पर घिसते हुए लण्ड को निगला , एक मजेदार ठन्डक ने मेरे लण्ड की सहतो पर मह्सूस होने लगी और मुझे राहत होने लगी ।

मै सिसक कर - ओह्ह्ह पापा सच मे बहुत आराम मिल रहा है उम्म्ंम अह्ह्ह

जैसे जैसे मा लण्ड को चुस्ती मै अकडने लगता
थोडी देर की चुसायि के बाद

पापा - ओह्ह जानू थोडा थोडा मेरे लिंग को भी दुलार दो ना कबसे सुख रहा है

मै पापा की बात सुन कर सिस्कते हुए मुस्करा दिया
और वही मा ने मेरा लण्ड चुस्ते हुए अपना दुसरा हाथ से पापा का लण्ड थाम कर उसे सहलाने लगी

और फिर मेरे लण्ड को मुह से निकाल कर गप्प से पापा का लण्ड मुह मे भर लिया

पापा - अह्ह्ह जान उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो जानू उम्म्ंम अह्ह्ह और अन्दर लो जान आह्ह हा ऐसे ही अह्ह्ह

फिर मा ने उनका लण्ड थोडा चुस कर मेरे लण्ड को गले मे उतारने लगी जिससे मेरी नशे मानो फट सी जायेगी

फिर थोडी देर चुसकर वो दोनो हाथो मे लण्ड को पकड कर सह्लाते हुए घुटनो के बल बैठी रही और तेज सासे उनकी खुली छातियो को उपर निचे कर रहे थे ।

मा इस वक़्त किसी पेशवर रन्डी जैसे लग रही थी । उस्के चेहरे की कामुकता और लण्ड के सुपाडे को मुठियाने की अदा से साफ पता चल रहा था कि वो काफी ज्यादा चुदासी हो गयी है
पापा - आह्ह जान इधर आओ मेरे मुह पर अपनी रसिली चुत को रखो मै भी उनको निचोडना चाहता हू

पापा की बात सुन कर मा हिचक कर मुझे देखती है और मै - कोई बात नही मा आप लो इंजॉय करिये ना मुझे कोई आपत्ति नही है , बस मेरा ये छोटा कर दिजीये आह्ह


मा मेरी बात सुन कर बिना कुछ बोले मुस्करायी और झट से पापा के मुह के पास गयी और अपना पेतिकोट उथाते हुए 69 की पोजीशन मे आ गई
ओह्ह गाड क्या नजारा था
मा अपनी फैली हुई गाड़ बड़ी ही बेशरमी से पापा ने मुह पर रख कर घुटनो के बल झुके हुए पापा का लण्ड सहला रही थी वही पापा मा के भारी मुलायम कूल्हो को थामे अपनी गरदन उथाये मा के भोस्डी मे अपना नथुना रगड़ते हुए उसको चाट रहे थे ।
वही मा भी पापा का लंड मुह मे भर कर गुउउऊ गुउऊ कर सिस्क कर कमर उचका रही थी और पापा लपालप मा के चुत पर जीभ चला रहे थे

मै वही इनदोनो को देख कर करवट लिये लण्ड को सहला रहा था कि तभी मा ने मेरे लण्ड एक हाथ से पकड कर अपनी तरफ खीचा और मै झट से सरक कर मा के मुह के अपनी गाड़ उचका कर लण्ड को ले गया वही मा ने झट से मेरा लण्ड मुह मे भर कर चूसना शुरु कर दिया ।

उधर पापा मा की चुत से जीभ हटा कर उनकी गाड़ को गिला करने लगे जिससे मा और भी उतेजीत हो गयी और पापा का लण्ड भी खिच कर एक साथ दोनो लण्ड के सुपाडे को होठो पर रगड़ने लगी ।इस दौरान पहली बार मेरा सुपाडा पापा के सुपाड़े को छुआ और उस स्पर्श के रोमांच से मै गनगना गया वही मा दोनो लण्ड को थामे हमारे सुपाडे को सुरक रही थी और जल्द ही उसकी कमर से झटका देना शुरु कर दिया और वो हमारा लण्ड छोड पापा की जांघो को पकड कर अपनी गाड़ और चुत पापा ने मुह पर घिसने क्गी
मा - आह्ह राज के पापा और तेज चुसो आह्ह ओह्ह्ह हा मै आ रही हू आह्ह आह्ह उफ्फ़ उम्म्ंम आह्ह मा ओझ
यहा मा पापा के मुह मे झडने लगी जिससे मै और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा
फिर पापा ने अच्छे से मा की चुत को चाता और मा उन्के उपर से ह्ट कर पापा के बगल मे बैठ गयी जहा पापा अपना हाथ आगे कर मा के चुचे सहलाने लगे ।

पापा - आह्ह जान मजा आ गया आज तो काफी सारा पानी बहाया तुमने आज तो

मा शर्मा कर - भक्क चुप रहिये और अब सो जाईये

पापा - क्या !! और इसका क्या
मा - ओह क्या करू इसका अब पता नही क्यू आज ना आपका ना ही उसका छोटा हो रहा है

पापा ह्स कर - कैसे छोटा होगा जानू तुम्हे पता है ना

मा शर्मा कर एक नजर मुझे देखा तो मै अपना खड़ा लण्ड सहलाते हुए मा को ही देख रहा था ।

पापा वापस मा का हाथ पकड कर खिच्ते हुए - आओ ना जानू अब

मा शर्मा कर ह्स्ते हुए - धत्त मुझे शर्म आयेगी और राज भी तो है न

पापा गरदन घुमा कर मुझे देखते हुए - बेटा तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना अगर मै तेरी मा के साथ सम्भोग करु तो

मै पापा की बात सुन कर हस दिया और मा की तरफ देख कर मुस्कराकर ना मे सर हिलाया

पापा - देखा जानू उसे कोई दिक्कत नही है अब आ जाओ ना

फिर पापा ने झट से मा को खिच कर अपने बगल लिताया और उन्के होठो को चूसना शुर कर दिया और धीरे धीरे हाथ नीचे ले जा कर मा की एक जांघ को अपने उपर कर उनसे चिपक गये जिसमे मा भी ब्ड़ी बेशर्मी से उनका साथ देने लगी
जल्द ही पापा ने मा का पेतिकोट निकाल दिया और वो भी पूरी नंगी हो गयी
और फिर पापा ने मा को निचे लिता कर उनकी जांघो को थामे अपना लण्ड उनकी चुत पर लगाते हुए घ्प्प्प से एक धक्के के साथ पुरा लण्ड मा के गीले चुत मे उतार दिया

मा आन्खे ब्न्द कर - अह्ह्ह राज के पापा उम्म्ं उफ्फ्फ आराम से अह्ह्ह आह्ह आह्ह

इधर पापा ने मा के जांघो को फैला कर घपाघ्प धक्को को तेज कर उन्के उपर चढ़ गये और मा की चुचियो को चुस्ने लगे

मा एक मादक मुस्कान के साथ पापा का लण्ड अपने चुत की दिवारो पर रगड़ता पाकर और सिस्कने लगी - अह्ह्ह राज के पापा उम्म और तेज और तेज अह्ह्ह
फिर पापा वाप्स उपर होकर मा की जांघो को अपने कन्धे पर चढा कर तेज धक्के ल्गाने लगे जिस्से मा का पुरा जिस्म हिल जा रहा था और उनकी फैली मोटी चुची गागर मे भरे पानी जैसे झटके पाने पर छलक जाती ठीक वैसे ही हिल रही थी और मै उत्तेजित होकर थोडी हिम्मत दिखाते हुए मा के पास गया और मा के बाई चुची को थाम लिया और तभी मा ने आंखे खोल कर मुझे देखा और एक स्माइल दी

मैने स्माइल पाकर झुक कर मा ने निप्प्ल पर मुह लगा कर उनकी चुचियो को दबाते हुए चूसने लगा और वही मा हाथ निचे ले जाकर मेरे लण्ड को टटोलने लगी और फिर मैने अपनी कमर को उपर सरकाया जिस्से मा ने लपक कर मेरे लण्ड को थामा लिया

वही पापा हमारी हरकतो पे नजरे गड़ाये हुए थे
पापा हाफ्ते हुए - क्यू जान मजा आ रहा है ना

मा सिहर के मेरे बालो मे हाथ फिराते हुए - अह्ह्ह हा राजा बहुत मजा आ रहा है

पापा - तो बोलो ना कौन हो तुम मेरी आह्ह
मा सिसक कर - मै आपकी रानी हू मेरे राजा आह्ह और अन्दर करो आह्ह आहा

पापा मा के चुत की गहराई मे लण्ड उतारते हुए - और क्या हो मेरी जान
मा झटके खाते हुए - म म मै आ आ आपकी बीवी हू जान
पापा - कैसी बिवी हो जानू बोलो ना
मा थोडा चुप रही
पापा थोडा मा को मनाने के भाव मे अपना लण्ड मे चुत मे घुमाते हुए - ओह्ह जान बोलो ना कैसी बीवी ही तुम मेरी

मा सिस्क कर मजबुर होते हुए - अह्ह्ह राज के पापा मै आपकी चुद्क्क्ड बीवी हू उम्म्ंम और चोदिये ना मुझे अह्ह्ह आह्ह

पापा मा के मुह से ये बात सुन कर और उत्तेजित हो गये । फिर वो और भी मस्त तरीके से मा के चुत मे लण्ड घुमाने लगे ।

पापा नशे मे - ओह्ह जानू फिर से बोलो ना कैसी बीवी हो तुम मेरी अह्ह्ह

मा मेरे सर को अपने चुची पर दबाते हुए मेरे लण्ड की चमडी को खिच कर काफी ज्यादा उत्तेजित होकर अपनी गाड़ पटकते हुए - ओह्ह मेरे राजा मै आपकी रन्डी बीवी हू चोदो मुझे, चोदो अपनी चुदक्क्ड बीवी को अह्ह्हह अह्ब और अन्दर तक पेलो आह्ह आह्ह

मै मा की उत्तेजना देख थूक गटकने ल्गा और मेरा लौडा बहुत ही ज्यादा खड़ा हो गया था मन कर रहा था कि अभी पेल दू का की चुत मे पापा को हटा कर

इधर पापा और मा काफी गाली गलौज भरे शब्दो मे घ्प घप चुदाई किये जा रहे थे

पापा सिहरते हुए - आह्ह मेरी रन्डी जान और निचोड ले मेरा लण्ड आह्ह आह्ह ऐसे ही
मा भी पापा की बातो पर अपने दाँत पिस्ते हुए अपनी गाड़ उचका कर पापा का लंड अप्नी चुत मे कस रही थी ।

मै मा के अलग हो कर सीधा लेट गया क्योकि मेरे बाई बाजू मे काफी समय से करवट लेने के कारण दर्द होने लगा और मै गर्दन घुमा कर पापा और मा की चुदाई देखते हुए लण्ड हिला रहा था

पापा फिर पापा घपाघप मा की चुत मे लण्ड उतारते हुए - तू मेरी चुद्क्क्ड बीवी है ना मेरी रन्डी है ना तू आह्ह बोल ना जानू मेरी आह्ह

मा पापा के तेज झटके खाते हुए - अह्ह्ह आह्ह ह ह हा मेरे राआआजाआह्ह मै तुम्हारी रन्डी हू और चोदो

पापा हाफ्ते हुए - तो फिर जैसा मै कहुगा करोगी ना मेरी रन्डी

मा सिस्कते हुए - आ
ह ह हा मेरे राआअजाअह्ह आह्ह सब करनगी उम्म्ंम ऐसे ही चोदो मुझे और तेज आह्ह मजा आ रहा है

पापा धक्को को थामते हुए - तो जा मेरे बेटे के लण्ड पर बैठ जा और उसे भी अपनी गर्म चुत का सुख दे ,,देख कबसे तुझे चोदने के लिए तडप रहा है अह्ह्ह

मा पापा की बात सुन कर हैरत मे थी लेकिन मन उसका भी था कि वो पापा के सामने मेरे साथ चुदे इसिलिए

मै - पापा ये क्या कह रहे है आप
पापा मा की चुत ने हल्के धक्के ल्गाते हुए - बेटा तू चिन्ता ना कर इससे तेरी तकलीफ कम हो जायेगी

फिर पापा ने मा की चुत से लण्ड को निकाला और उनकी गाड़ को पकडकर मेरी तरफ घुमाने का इशारा किया
और मा बिना कुछ बोले झट से उठी और मेरे जांघो के दोनो तरफ पैर कर झुकी और मेरे लण्ड को थाम कर चुत के दिवारो पर लगाने लगी

मा के चुत की चमडी का मेरे सुपाडे पर स्पर्श मुझे हिला दिया

मै सिस्क कर - आह्ह मम्मी आह्ह
फिर मा घ्प्प से अपनी चुत मे लण्ड घुसाते हुए उसे लगभग पुरा निगल गयी और मेरे जड़ तक बैठ गयी

मै मनो पागल सा होने ल्गा ऐसा लग रहा था कि मा के चुत की गर्मी से मेरा लण्ड पिघल जायेगा
मेरा जीवन का स्ब्से बड़ा सपना जो मैने बचपन मे देखा था ।
उस कमरे मे जब पहली बार पापा मा को चोदते देखा था उसी समय मैने तय किया मै भी मा को पापा के साथ चोदूंगा ।
और आज मेरा वो सपना हकीकत बन रहा था और मै परम आनन्द की उचाईयो को छू रहा था ।

इधर मा बड़ी कामुकता से मुझे सिस्कता देख मेरे लण्ड पर उछलना शुरु कर दी और उसके चुतड मेरे जांघो से टकरा कर थप्प थप्प की आवाज करने ल्गे ।
हमारी चुदाई देख पापा को भी रहा नही गया और वो खडे होकर अपना लण्ड मा के मुह मे पेलने लगे ।

इधर कमरे का माहौल बहुत गर्म हो गया तो मैने अपना टीशर्ट भी निकाल दिया
जिससे मा ने उछलना धिमा कर दिया तो मै खुद पहल कर निचे से अपनी कमर को उचकाने ल्गा और लण्ड को मे चुत मे बच्चेदानी तक लेके जाने लगा

जिस्स्र मेरे हर धक्के से मा के मुह लण्ड उन्के गले तक चला जाता और उनको परेशानी होने लगी तो पापा खुद हट कर मा को मेरे उपर लिटा दिये और मैने भी लपक कर मा को अपनी तरफ खीच लिय
मा की नंगी चुची मेरे सिने पर दब गयी और मै झटकों को तेज कर घपा घ्प लण्ड को तेजी से मा के चुत के पेलने लगा जिस्से मा ही आहे तेज हो गयी

मा मेरे कन्धे मे दबाए - अह्ह्हह्जआह्ह आह्ह बेटा आराम से आह्ह ओह्ह आह्ह उम्म्ं उम्म्ं

वही पापा मुझे मा को कसकर चोद्ता देख - वाह बेटा और तेज चोद अपनी मा को बहुत चुद्क्क्ड औरत है ये अह्ह्ह मजा आ रहा है देख

इधर मै पापा की बाते सुन कर और उत्तेजित होकर घपाघ्प मे की चुत मे पेल्ने लगा
और फिर धक्को को हल्का करने लगा क्योकि कमर मे भी दर्द होना शुरु हो गया था । इधर धक्को की रफ्तार कम होने से मा खुद अपना बदन मेरे जिस्म पर घिस्ते हुए उपर निचे होकर लण्ड को चुत मे भरने लगी

मा - आह्ह बेटा रुक क्यू गया चोद ना मुझे आह्ह

पापा हस कर - लग रहा है मेरा बेटा थक गया है रुको मै भी आता हू
यहा मै अप्नी सांसे बराबर कर रहा था और वही पापा भी मेरे पैरो के दोनो तरफ पैर कर घुत्नो के बल खडे होकर मा के गाड़ के छेद पर अपनी थूक लगाने लगे

मा गरदन घुमा कर सिस्क्ते हुए - आह्ह मेरे राजा मेरे चुत मे खुजजी है वहा नही

पापा अपने लण्ड मा के थूक से भरे गाड़ की छेद पर लगाकर दबाते हुए - हा पता है जान लेकिन तेरे इस मोटी गाड़ को देख कर मेरे लण्ड मे इसको चोद्ने की खुजली है
ये बोलते हुए पापा ने अपना लण्ड मा की गाड़ मे घुसेड़ दिया

मा तेज से सिसक के - आह्ह मा उफ्फ्फ आराम से मेरे राजा

मै ये जानकर की पापा ने मा की गाड़ मे अपना लौडा घुसेड़ दिया है इससे मेरे लण्ड मे तनाव और बढ़ गया और फिर से जोश मे आकर निचे से लण्ड को मा के भोस्दे मे पेलने लगा

मा दर्द और सिहरन से बेजुबान हो गयी क्योकि इस वक़्त उसकी गाड़ और चुत मे दो मोटे मुसल घुसे थे

पापा - बेटा हम दोनो मे से किसी एक को ही धक्का लगाना पडेगा नही तो चोदने मे मजा नही आयेवा
ये बोल कर पापा ने मा की गाड़ मे पेलना सुरु कर दिया
जिस्का आभास मुझे निचे चुत के अन्दर मेरे लण्ड पर पता चलने लगा था

मा मुझे पकड कर दर्द से कराह उठी और मै उन्के कमर के पास हाथ ले जाकर सहलाने लगा

मा - ओह्ह राज के पापा उम्म्ं
ओह्ह आह्ह आह्ह म्जा आ रहा है आह्ह और तेज करो और तेज्ज्ज आह्ह मजा आ रहा उम्म्ं

पापा मा की गाड़ मे धक्के ल्गाते हुए - क्यू मेरी रन्डी जान मजा आ रहा है ना एक साथ दो लण्ड लेके

मा सिस्कते हुए - आह्ह हा मेरे राजा बहुत ज्यादाआआ आह्ह और तेज

इधर थोडी देर पापा मा की गाड़ मारने के बाद अप्ने धक्को को थाम्ते हुए लण्ड को मा के गाड़ की जड़ ले जाकर रोक दिया - हा बेटा अब तू नीच से पेल

मै तो इसी इन्तेजार मे था और मा के कुल्हे थाम्ते हुए थप थप्प थप्प तेजी मा के चुत मे पेलने ल्गा

मा - ओह्ह्ह बेटा हा बहुत मस्त चोद रहा है आह्ह और चोद और चोद और मै फिर से झड़ने वाली हू अह्ह्ह

इधर मै और पापा बारी बारी से इधर मै और पापा बारी बारी से मा की गाड़ और चुत मे धक्के ल्गाते रहे वही मा झड़ चुकी थी और हम भी झडने के करीब थे

मै - आह्ह पापा दर्द हो रहा है वहा मेरा पेसाब आयेगा

पापा हस कर - निकाल दे बेटा अन्दर ही मै भी आने वाला हू

मा सिस्क कर हफ्ते हुए मेरे उपर से उठने लगी - नही नही मुझे मुह मे चाहिये आह्ह छोदिये अब आप
फिर वो पापा को हटा कर घुटने के बल बैठ जाती है और पापा खडे होकर मा के मुह पर लण्ड हिलाने लगते है

पापा - आजा बेटा तू भी और भर अपने माल को अपनी इस चुद्क्क्ड मा के मुह मे
मै भी उत्तेजित होकर झट से खड़ा हुआ और लण्ड को मा के मुह पर हिलाने लगा

वही मा हम दोनो के आड़ो को सहलाते हुए जीभ बाहर निकाल हमारे झडने का इन्तजार करने लगी

इधर मै लण्ड हिलाते हुए पहली बार अपनी भावनाये दोनो के सामने रखता हुआ - अह्ह्ह मा आप बहुत मस्त हो बहुत मजा आया आपको चोद के क्या मै रोज चोद सकता हू आपको

पापा मेरे कंधे पर शाबशू देने के अन्दाज मे - हा बेटा क्यू नही हम दोनो अब रोज मिल कर तेरे मा को चोदेंगे और तेरा जब भी मां करे तू अपनी मा को चोद लेना

इधर हमारी बात ज्यादा नही हो पाई और हम अपनी एड़ियो के बल आकर सारा माल सुपाड़े एक रोक के एक बार मे मा के उपर छोड दिया और दोनो तरफ से लगभग एक सेकण्ड के अन्तर पे पिचकारी छूटी मा के आख और नाक कर गयी और बाकी की धीमी पिचकारी मा के जीभ और मुह मे जाने लगी ,,,

फिर हमने अपने मोटे लण्ड को मा के मुह पे पटक कर झाड़ा और
फिर मा ने हम दोनो के लण्ड को चाट चाट कर बारी बारी से साफ किया और उसको मुह मे लेके वाप्स से चुस कर निचोड़ लिया और फिर अपने चेहरे पर लगा माल ऊँगली से चाट गयी
फिर पापा ने मा को खड़ा कर उन्के होठो को चुसा और मा ने वाप्स मेरे होठो को चुस ली

फिर हम सब आपस मे एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे ।


जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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