अपडेट - 19
मेरे दिमाग मे एक ही बात आ रही कि दादी मुझे क्या देना चाहती है, वो कल मुझे क्या दिखाने वाली... बहुत देर तक मै सोचता रहा, फिर सो गया...
अगला दिन -
आज मे जल्दी उठ गया, मेरे दिमाग मे दादी की बात आ रही थीं...
आज मैने बड़े ताऊजी के यहाँ नाश्ता कर लिया...
फिर मै बाहर चला गया... मुझे नंदलाल भाई की आवाज सुनाई दी तो मै उनकी तरफ चला गया.. वो घर में पलंग पर बैठे हुए थे.
मै - भाई जी क्या कर रहे हो..
नंदलाल - कुछ नहीं यार आज नौकरी के लिए जा रहा हू...
फिर नंदलाल भाई भाभी को बोलते है- कितना टाइम लगेगा तुझे तैयार होने में
मैने कहाँ - भाभी भी आपके साथ जा रही है..
नंदलाल - नहीं, ये अपने मायके जा रही है...
कल इसके भाई का फोन आया था मेरे पास , इसकी भाभी को बच्चा होने वाला है तो वो इसको वहां पर बुला रहे है
मैने उनको हा बोल दिया की मै इसको भेज दुंगा...
मुझे नंदलाल पर गुस्सा तो बहुत आया पर मै कुछ कर नहीं सकता...
नंदलाल - जल्दी से तैयार हो जा, तेरे तैयार होने से तेरी ये आँख ठीक नहीं होने वाली...
मै खेत की तरफ जा रहा हू.. आधे - पौने घंटे मे आ जाऊगा तब तक तैयार मिलिए...
इतना बोलकर भाई चले गये...
मै भाभी के रूम मे आ गया...
मेरे आते ही भाभी ने जल्दी से गेट बंद किया और मेरे गले लग गई.... उनकी आँखों मे आँसू थे...
मैने कहा भाभी भाई की बात का बुरा मत मानो वो तो ऐसे ही बोलते है...
भाभी - मुझे उनकी बात का अब कोई बुरा नहीं है...
ये तो आपसे दुर होने के कारण आ रहे है..
मै - हम दुर थोड़ी ही है...
भाभी - मुझे नहीं जाना मै मना कर देती हूँ.
मै - नहीं भाभी थोड़े दिनों की तो बात है, आपने मना किया ते आपके घरवालों को बुरा लगेगा..
भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया
भाभी - मै क्या करू इतने दिनो तक आपसे और इससे दूर कैसे रहूँगी...
मै भाभी को किस करने लगा...
भाभी - आप मुझे जल्दी से चोद दो...
मै -अभी, कोई आ जायेगा...
कहते है ना सेक्स की आग बड़ी खतरनाक होती है
भाभी - कोई नहीं आयेगा.. जल्दी से चोद दो... फिर बहोत दिनो के बाद ये मिलेगा...
मै भाभी को होठों को चुसने लगा और उसके मोटे -2 चुचो को मसलने लगा...
भाभी आआआआह... मेरे राज्ज्जजा.... ऐसे ही...
मैने उनका नाडा़ खोलकर सलवार को पेंटी के साथ नीचे कर दिया...
मैने उनको गोद मे उठा लिया, भाभी भारी थी... और आकर पलग पर बैठ गया, वो अभी भी मेरी गोद में ही थी…..
भाभी भी मेरे गले में अपनी मांसल गोरी-गोरी बाहों का हार डाले मेरे होठों को चूसने लगी.. .
मेने उन्हें अपने हाथों से उनकी पीठ पर सहारा दिया और उनका दूध पीने लगा,
भाभी का सर पीछे को लटक गया, और एक बार फिर उनका मांसल गदराया बदन मस्ती से भरने लगा…
उन्होने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरे लंड को उपर की तरफ किया और वो उसके उपर अपनी चूत से मालिश करने लगी….
उनके रस सागर से नमी चख कर वो मस्ती में झूम उठा, और फन-फ़ना कर उनकी सुरंग में जाने की ज़िद करने लगा…
भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गुफा के मूह पर सटा लिया… और धीरे से अपनी कमर में एक हल्की सा झटका दीया…
सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर… से वो रसभरी सुरंग में आधे रास्ते तक पहुँच गया..
एक साथ हम दोनो के मूह से मस्ती भारी आहह…. फुट पड़ी…
उफफफफफफफफफफफ्फ़…. इतना मज़ा….
मेरे सब्र का बाँध टूट गया , और मेने उन्हें पंलग पर लिटा दिया, टाँगे हवा में उठाकर एक भरपूर ताक़तवर धक्का जड़ दिया…
एक बार उन्हें दर्द की लहर सी उठी, भाभी अपने होठों को कसकर दवाए अपने दर्द को पी गयी..
भाभी मस्ती से आसमान मे उड़ने लगी…
कमरे में हमारी जांघों की थप सुनाई दे रही थी… मेरे ताक़तवर धक्कों के कारण भाभी कुच्छ ना कुच्छ बोल रही थी बडबडा रही थी..
जब एक ही मुद्रा में हमें काफ़ी देर हो गयी.. तो मैने भाभी को पलट दिया और उनके घुटने जोड़ कर पलंग पर घोड़ी की तरह बना दिया…
ऐसा भाभी के लिए पहली बार था, उन्होंने पहले ऐसे नहीं किया था...
अब उनकी मस्त 38” की गद्देदार कसी हुई गांद मेरे सामने थी, जिसे देखकर मे अपना आपा खो बैठा और उनके एक चूतड़ को काट लिया…
आअहह…..काटो मत…जानुउऊ…, वो दर्द से तडपी..तो मेने उस जगह को चूमा और फिर उनके दोनो चुतड़ों को बारी-बारी से चाटने लगा…
अपना मूह उनकी मोटी गांद में डाल दिया और उनकी चूत और गांद के छेद को चाटने लगा…....
आह्ह्ह्ह… अब अपना मूसल डालो मेरे रजाआा… क्यों तड़पाते हूओ…
भाभी की हालत मुझसे देखी नही गयी और मेने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया…