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UPDATE-11
समर की कहानी आगे बढ़ाऊ?
पूछो मत क्या हुआ और आगे,
करीब शाम तक मैं खूब चुदी,
सच कहू :
उस उम्र मैं भी मेरा पिशाब निकल दिया था उस कुत्ते समर ने.
लगातार चोदते हुए मुझसे बोला वो
" साफ साफ बोल कौन है तू अब मेरी "
लगातार धक्को के बीच मेरे मुँह से निकला
" आपकी कुतिया हूँ उफ़ आईंईई "
दर्द नहीं था वो, मगर लगातार धक्को के कारण युन लग रहा था जैसे अब घिस रही है स्किन,
साफ महसूस हो रहा था कि दरवाजे के बाहर कोई हलचल है, जैसे कोई मेरी आवाज़ सुन रहा है
शायद इसी कारण मैं डर गई थी अब.
कुछ आवाज़ हसने कि भी मैंने साफ सुनी
तभी कुत्ते समर ने मेरे बूब्स इतनी जोर से दबाये कि चीख पड़ी मैं
आईईईई अअअअअ इई
उफ़ जानवर बन गया था क्या वो,
बच्ची ही तो थी मैं उसके सामने.
आह्ह
तभी मेरी आवाज़ पर कोई हसा
और हल्की आवाज़ आई
" रंडी नहीं है यें, लड़की है, मदरचोद क्या मस्त भाभोड़ रहा है
हा हा हा "
दूसरी आवाज़ भी किसी और की साफ थी
मुझे मिले चोदने को तो बताऊ साली को, रंडी कौन होती है हा हा हा "
मैं डर गई थी अब, साफ था यें शब्द मेरे लिए ही थे
रुक जाओ मैंने धीरे से समर के कान के कहा
तो वो बोला
चुप पड़ी रह मेरी जान
और उफ़
मेरा बूब्स फिर से बड़ा जोर से उसने दबा कर, एक जोरदार धक्का फिर मारा
आइई माँ उफ्फ्फ आआह
मैं सिसक उठी
और बाहर कि आवाज़ हसने कि तेज थी...
इस बार शायद समर ने भी यें हसने कि आवाज़ सुनी थी, इसिलए मैंने उसकी आँखों मे एक अनोखी चमक देखी,
वो चमक जो भूखे कुत्ते की आँखों मे होती है जब उसे कोई नर्म मांस का टुकड़ा मिल जाये.
वो अजीब से मुस्कुराया, जैसे उसमे सेक्स क़ी उत्तेजना बढ़ गई हो
कुत्ते सी आवाज़ के साथ उसने मुझे चोदना शुरू किया
जैसे किसी दौड़ मे फर्स्ट आना चाहता हो.
मैं बुरी तरह सिसक उठी
टांगो के बीच पड़ता हर प्रहार का वेग , गति और वजन लगातार बढ़ रहा है
हर धक्के मे मे अब चीख रही थी
आह मा माँ उफ़ ऐई..
अचानक तेजी बढ़ गई उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ मा माँ
और समर को अपने अंदर पिघलते महसूस किया मैंने.
उसका पसीना मेरे पेट , टांगो, चूत, बूब्स, गले, कंधे, गले और चेहरे पर मानो बह रहा हो.
साला अब कुत्ते क़ी तरह हांफ रहा था,
हाँ वो डिस्चार्ज हो गया था
सच बताऊं, ऐसा नहीं क़ी उसका लण्ड बड़ा था, उससे बड़ा लण्ड मैं लें चुकी थी,
हम्म्म हाँ यें कह सकते है कि उसके अंदर stamina और स्पीड थी,
और अब एक बात सच बताऊं मैं...
उस दिन मैं डिस्चार्ज नहीं हुई थी,
जो भी हो
उसने कितनी भी देर मुझे बजाया हो
तेज, धीरे या तूफ़ानी तेज
मगर रिजल्ट यही था कि मैं डिस्चार्ज नहीं हुई थी,
हाँ थक गई थी, हांफ रही थी मैं, मगर उसके पिघलने के बाद अब मेरे अंदर खीज थी कि मैं अभी भी पिघली नहीं थी,
सच यही है, उस इंसान को मर्द कैसे कहूं जो खुद पिघल जाये मगर स्त्री को चरम सुख ना दे पाए,
क्या यें कह दूँ कि शायद वो मर्द था ही नहीं.
एक नफ़रत, एक खीज का बीज उस दिन खुद उसने मेरे अंदर बो दिया था,
आगे भी वो साथ रहा कुछ समय, मगर नफ़रत बढ़ती रही
और मैंने क्या किया एक दिन उसके साथ यें भी जरूर बताउंगी आगे कहानी मे,
खेर अब हम जब होटल से निकले तो, मुझे हल्की भूख लगी थी, आपको पसंद है वो मूंगफली, भुनी हुई, हींग और काले नमक के मसाले मे डली हुई
हाँ वो ही मैंने ली और बाइक की तरफ बढ़ गये.
अगले दिन क्या हुआ, और किस तरह मेरी नफरत समर की मुसीबतों बनी, अब आगे जरूर बताउंगी
अगले post मे
बाकि कहानी दिन मे post कर दूंगी आज
आपकी "अनीता "
यें नीचे मेरी real पिक्चर है,
जरूर बताना आपको कैसी लगी मैं,
full face नहीं डाल सकती
मेरी Real पिक्चर है
समर की कहानी आगे बढ़ाऊ?
पूछो मत क्या हुआ और आगे,
करीब शाम तक मैं खूब चुदी,
सच कहू :
उस उम्र मैं भी मेरा पिशाब निकल दिया था उस कुत्ते समर ने.
लगातार चोदते हुए मुझसे बोला वो
" साफ साफ बोल कौन है तू अब मेरी "
लगातार धक्को के बीच मेरे मुँह से निकला
" आपकी कुतिया हूँ उफ़ आईंईई "
दर्द नहीं था वो, मगर लगातार धक्को के कारण युन लग रहा था जैसे अब घिस रही है स्किन,
साफ महसूस हो रहा था कि दरवाजे के बाहर कोई हलचल है, जैसे कोई मेरी आवाज़ सुन रहा है
शायद इसी कारण मैं डर गई थी अब.
कुछ आवाज़ हसने कि भी मैंने साफ सुनी
तभी कुत्ते समर ने मेरे बूब्स इतनी जोर से दबाये कि चीख पड़ी मैं
आईईईई अअअअअ इई
उफ़ जानवर बन गया था क्या वो,
बच्ची ही तो थी मैं उसके सामने.
आह्ह
तभी मेरी आवाज़ पर कोई हसा
और हल्की आवाज़ आई
" रंडी नहीं है यें, लड़की है, मदरचोद क्या मस्त भाभोड़ रहा है
हा हा हा "
दूसरी आवाज़ भी किसी और की साफ थी
मुझे मिले चोदने को तो बताऊ साली को, रंडी कौन होती है हा हा हा "
मैं डर गई थी अब, साफ था यें शब्द मेरे लिए ही थे
रुक जाओ मैंने धीरे से समर के कान के कहा
तो वो बोला
चुप पड़ी रह मेरी जान
और उफ़
मेरा बूब्स फिर से बड़ा जोर से उसने दबा कर, एक जोरदार धक्का फिर मारा
आइई माँ उफ्फ्फ आआह
मैं सिसक उठी
और बाहर कि आवाज़ हसने कि तेज थी...
इस बार शायद समर ने भी यें हसने कि आवाज़ सुनी थी, इसिलए मैंने उसकी आँखों मे एक अनोखी चमक देखी,
वो चमक जो भूखे कुत्ते की आँखों मे होती है जब उसे कोई नर्म मांस का टुकड़ा मिल जाये.
वो अजीब से मुस्कुराया, जैसे उसमे सेक्स क़ी उत्तेजना बढ़ गई हो
कुत्ते सी आवाज़ के साथ उसने मुझे चोदना शुरू किया
जैसे किसी दौड़ मे फर्स्ट आना चाहता हो.
मैं बुरी तरह सिसक उठी
टांगो के बीच पड़ता हर प्रहार का वेग , गति और वजन लगातार बढ़ रहा है
हर धक्के मे मे अब चीख रही थी
आह मा माँ उफ़ ऐई..
अचानक तेजी बढ़ गई उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ मा माँ
और समर को अपने अंदर पिघलते महसूस किया मैंने.
उसका पसीना मेरे पेट , टांगो, चूत, बूब्स, गले, कंधे, गले और चेहरे पर मानो बह रहा हो.
साला अब कुत्ते क़ी तरह हांफ रहा था,
हाँ वो डिस्चार्ज हो गया था
सच बताऊं, ऐसा नहीं क़ी उसका लण्ड बड़ा था, उससे बड़ा लण्ड मैं लें चुकी थी,
हम्म्म हाँ यें कह सकते है कि उसके अंदर stamina और स्पीड थी,
और अब एक बात सच बताऊं मैं...
उस दिन मैं डिस्चार्ज नहीं हुई थी,
जो भी हो
उसने कितनी भी देर मुझे बजाया हो
तेज, धीरे या तूफ़ानी तेज
मगर रिजल्ट यही था कि मैं डिस्चार्ज नहीं हुई थी,
हाँ थक गई थी, हांफ रही थी मैं, मगर उसके पिघलने के बाद अब मेरे अंदर खीज थी कि मैं अभी भी पिघली नहीं थी,
सच यही है, उस इंसान को मर्द कैसे कहूं जो खुद पिघल जाये मगर स्त्री को चरम सुख ना दे पाए,
क्या यें कह दूँ कि शायद वो मर्द था ही नहीं.
एक नफ़रत, एक खीज का बीज उस दिन खुद उसने मेरे अंदर बो दिया था,
आगे भी वो साथ रहा कुछ समय, मगर नफ़रत बढ़ती रही
और मैंने क्या किया एक दिन उसके साथ यें भी जरूर बताउंगी आगे कहानी मे,
खेर अब हम जब होटल से निकले तो, मुझे हल्की भूख लगी थी, आपको पसंद है वो मूंगफली, भुनी हुई, हींग और काले नमक के मसाले मे डली हुई
हाँ वो ही मैंने ली और बाइक की तरफ बढ़ गये.
अगले दिन क्या हुआ, और किस तरह मेरी नफरत समर की मुसीबतों बनी, अब आगे जरूर बताउंगी
अगले post मे
बाकि कहानी दिन मे post कर दूंगी आज
आपकी "अनीता "
यें नीचे मेरी real पिक्चर है,
जरूर बताना आपको कैसी लगी मैं,
full face नहीं डाल सकती
मेरी Real पिक्चर है
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