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शादी में बार बार पदमिनी देखकर में बहुत उत्तेजित हो रहा तह २ दिन में इतनी बार पदमिनी को चोद चूका था फिर भी मन नहीं भरा था ,हम दोनों पुरे विवाह समारोह में एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते रहे जब देर होने लगी तो मेने , पदमिनी को रूम में चलने का इशारा किया ,पदमिनी रूम में चली गयी जब में रूम में गया तो पदमिनी देखकर दांग रह गया उसने फूलों की डिज़ाइन वाला टॉप पहना था और निचे स्कर्ट जिसका छोर घुटनोँ से थोड़ा ज्यादा ही ऊपर तक था पहन रखा था। उनके ब्लाउज के निचे और स्कर्ट के बेल्ट के बिच का खुला हुआ बदन किसी भी मर्द को पागल करने के लिए काफी था। पतली कमर, पेट की करारी त्वचा, नाभि में बिच स्थित नाभि बटन और फिर पतली कमर के निचे कूल्हों की और का फैलाव और फिर कातिल सी कमल की डंडी के सामान सुआकार जाँघें किसी भी लोलुप मर्द की आँखों को अपने ऊपर से हटने नहीं दें ऐसी कामुक थीं। मेने तुरंत उसके कपडे उतारे और ब्रा पेंटी में ही बेड पर धकेल दिया वो ऐसे लग रही थी जैसे कोई परी अपने पंख उतारकर मेरे बिस्तर पर केवल ब्रा और पेंटी में उतर आई। मैंने उसके उभारों को दबाते हुए उसे धकेलकर बिस्तर पर गिरा दिया और उसके चेहरे पर चुंबनों की बरसात कर दी
जैसे कोई परी अपने पंख उतारकर मेरे बिस्तर पर केवल ब्रा और पेंटी में उतर आई। मैंने जल्दी से ब्रा खींचकर पदमिनी के स्तनों को आजाद कर दिया। देखकर मेरे शरीर के अंदर एक सिहरन दौड़ने लगी, मैंने उन्हें हाथों में भर लिया और सहलाने लगा, भरे भरे और मुलायम स्तन... दिल कर रहा था उन्हें खूब जोर जोर से दबाकर रस निकाल दूँ लेकिन पदमिनी का ख्याल करके नियंत्रण में रहा। पदमिनी की सिसकारियाँ निकल रही थीं, 'उम्म्ह... अहह... हय... याह...' मैं उसे चूम रहा था, उसके स्तनों की मालिश कर रहा था और इस दौरान अपने कपड़े भी उतार रहा था। वह मस्ती में खोई थी। मैं स्तनों को कभी दबाता था कभी चूचुकों को चुटकी में लेकर निचोड़ता था, कभी नीचे झुककर उन्हें चूसने लगता था। सुख में डूबी पदमिनी को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि कब मैं अपने वस्त्र उतारकर केवल चड्डी में आ गया हूँ। मैं धीरे-धीरे पदमिनी को पलटाता हुआ उसके ऊपर आया। उसके स्तनों और होठों को छेड़ना जारी रखते हुए मैंने अपने चड्ढी ढके लिंग को उसकी पेड़ू पर दबा दिया और हल्के-हल्के घर्षण करने लगा। यह अत्यधिक उत्तेजना वाली स्थिति थी, इसका लाभ उठाते हुए मैंने पदमिनी को बिना कुछ कहे उसके कूल्हों से चड्डी खींचनी शुरू कर दी।
उसके मम्मे आजाद होते ही खुली हवा में मचलने लगे. मम्मों के ऊपर गुलाबी निप्पल मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक को जैसे ही अपने मुँह में लिया, उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया. उसकी इस हरकत से मुझे और जोश आ गया. मैंने उसके निप्पल के साथ पूरे चूचे को मुँह में भर लिया. वो मुझे इस तरह अपने अन्दर समा रही थी कि कभी छोड़ेगी ही नहीं. उसके निप्पल को चूसते हुए मैं उसकी चूत को सहलाने लगा, जिससे वो और भी गर्म होने लगी थी. अब तक उसकी चुत गीली हो चुकी थी
वो मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाते हुए मेरे कानों में कह रही थी- अब और मत तड़पाओ.
वो वासना से भरी मादक सिसकारियां ले रही थी. मैंने भी अपने होंठ उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चुत पर रख दिए.
मेरे ऐसा करते ही वो पागल हो गयी. उसने मेरे मुँह को अपने हाथों से पीछे किया और खुद ही अपनी पिंक पेंटी उतार कर अलग कर दी. उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. मैं उसकी चुत की खुशबू से एकदम मस्त हो गया और चुत को चाटने लगा. कभी उसकी चुत के होंठों को अपने होंठों से पकड़ कर खींचता, कभी उसकी चूत के छेद में जीभ डाल देता, कभी अपनी उंगली डाल देता. कुछ पल बाद पदमिनी वापस मेरे लंड को चूसने में लग गयी. मैं भी उसकी चुत को चाटने लगा. कुछ ही देर में मैं तैयार हो गया और वो भी गरमा गई.
फिर मैंने उसको सीधा करके उसकी मखमली चिकनी चुत पर अपना 7 इंच का लंड रख दिया. मैं चुत को लंड से रगड़ने लगा.
वो तड़पने लगी और बोली- प्लीज अन्दर डाल भी दो यार … अब मत तड़पाओ.
मैंने चुत के छेद पर लंड का सुपारा रखा और झटका दे मारा. मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया.
एक तो उसकी चुत भी बिल्कुल गीली थी और मैंने झटका भी जोर का दिया था. वो तिलमिला उठी. उसकी आंखों में आंसू आ गए. मैं ऐसे ही लेट कर रुक गया. मैंने उसके होंठों को पहले से ही अपने होंठों में दबा रखा था.
वो बिना आवाज निकाले ‘हूऊ … उन्ह..’ करे जा रही थी. मैं उसके मम्मों को भी हल्के हल्के से दबा रहा था.
मैं अपने उतने ही लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. वो भी नार्मल होने लगी. उसके मुँह से फिर से ‘ऊउन्ह … आआहह … उई … करो ना थोड़ा तेज..’ निकलने लगी.
उसकी मदमस्त आहें सुनकर मैंने फिर से एक जोर का झटका लगा दिया. इस बार के तगड़े झटके में मैंने पूरा ही लंड पदमिनी की चूत में डाल दिया था. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी चीज में फंस गया हो. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
उसकी आह निकलने को हुई, लेकिन मैं पहले ही सजग था. मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था.
फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड धीरे धीरे तेज कर दी. पदमिनी भी मेरा साथ देने लगी. वो अपने चूतड़ों को नीचे से उछाल रही थी और ‘आआह … ऊऊऊ..’ किए जा रही थी.
ये बोलते हुए पदमिनी अपने चूतड़ों को लंड के झटके की लय से लय मिलाते हुए उछाल रही थी. मैं ऊपर से शॉट पर शॉट मारे जा रहा था और साथ ही उसके एक निप्पल को अपने एक हाथ की दो उंगलियों से मसल रहा था.
वो ‘उई … मांम्म्म … जोर से करो … आह … बहुत मजा आ रहा है … आआहह … उईई..’यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे ..................... हचक हचक के मुसल लंड से मेरी गुलाबी मखमली चूत चीरकर पेलकर मुझे चोदो, बस चोदते रहो | यस बेबी जस्ट लाइक थेट | आआआह्ह्ह बस ऐसे ही मेरी चूत को अपने मुसल लंड से कुचलते रहो | मुझे बहुत अच्छा लग रहा है | बस मुझे चोद चोद कर स्वर्ग की सैर करा दो मेरे लंड राजा | मोरे राजा चोदो मुझे, बेबी चोदो न अपनी डार्लिंग को, उसकी मखमली चूत को, मिटा दो इसकी सारी खुजली आज |
फिर मैंने पोज बदला. मेने कहा ये लो , ये लो ये लो और लो पूरा लंड लो, सारा का सारा लो अपनी चूत में बेबी | आह क्या मखमली नरम कसी हुई चूत है बेबी मेरी जान मेरी चूत, मेरी डार्लिंग | आह्ह्हह्ह बहुत मजा आ रहा है तुमको चोदने में | आआआह्ह्ह बेबी |
अब मैं नीचे और उसको अपने ऊपर ले लिया. पदमिनी मेरे लंड के ऊपर आकर उछाल मारते हुए चुद रही थी वो कहने लगी अब तुम आराम करो, मै तुमारे लंड को जन्नत की सैर कराती हूँ | मै तुमारे मुसल को निचोड़ रही हूँ तुम भी इनका रस (अपने ओरोजो की तरफ इशारा करते हुए ) निचोड़ो न |
. उसके मदमस्त मम्मे मुझे उत्तेजना के शिखर पर ले जा रहे थे.
तभी वो मुझे अपना एक दूध चुसाने लगी. दूध चूसने से और चूत में लंड लेने से वो खुद को रोक नहीं पाई और फिर से झड़ने के करीब हो गई.चोदो न और कसकर चोद अपनी बेबी को
इस बीच में वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था. मेने कहा चोद तो रहा हूँ बहन की लौड़ी लेकिन वो भी तो चुदाई की उसी रौ में थी | उसके मुहँ से भी गालियां निकलने लगी |
क्या चोद रहा, कूट न मेरी इस मुई गुलाबी चूत को अपने मुसल लंड से बहन के लौड़े | मेने कहा साली छिनार, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर | ये ले
पद्मिनी बोली हाँ हाँ मादरचोद ऐसे चोद न, चूत खोर साले, चुदाई से जब तक बच्चेदानी न दुखने लगे, चुदाई कैसी भोसड़ी के | मेने कहा - ये ले साली छिनार लंड खोर कुतिया, आज तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूँगा,पदमिनी ने कहा तो फाड़ न मेरी चूत रंडीबाज, बुरचोद, चीर दे फाड़ दे और अपनी मलाई से भर दे मेरी चूत को,रंडी की औलाद और जोर से चोद चीचीचीचीचीरररर डाल फाड़ डाल मेरी चूत
थोड़ी देर में ,में भी झड़ गया थोड़े समय बाद मेने फिर से
पदमिनी ने अपने बाल जो क्लिप से समेटे हुए थे जिन्हें मैंने पूरी तरह से खोल दिया। अब वह खुले बालों में नग्न अप्सरा लग रही थी। मैंने पदमिनी के चेहरे से अपना मुंह हटा कर उसके उभरे हुए स्तनों पर अपने मुंह से प्रहार बोल दिया तथा उसके गोल, बड़े, सफेद रंग के स्तनों को चूस कर, चाट कर तथा दांतों से काट कर लाल कर दिया। पदमिनी की हल्के गुलाबी रंग की चूचियां जो कि पूर्ण रूप से तनी हुई थीं, मेरे चेहरे पर स्पर्श करके मेरे शरीर में एक अलग ही गुदगुदी उत्पन्न कर रही थीं। उत्तेजना में मैंने पदमिनी के चूचुक को भी काट लिया। मेरी हरकतें पदमिनी को उत्तेजित कर रही थीं लेकिन उसका मकसद कुछ और था। उसने मुझे जोरदार धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और अपने कूल्हों को मेरे मुंह पर रख कर अपनी चूत मेरे मुंह पर टिका कर उसे मेरे मुंह पर रगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मुझे कमरे में रखी लकड़ी की कुर्सी पर बिठाया जिस पर हाथ का सहारा रखने वाले हत्थे नहीं थे बल्कि केवल पीछे ही पीठ का सहारा लेने के लिए व्यवस्था थी। मैं पदमिनी के कहे अनुसार उस कुर्सी पर अपना खड़ा लिंग लिए बैठ गया। उसके बाद पदमिनी अपनी गांड मटकाती हुई मेरे पास आई और अपने स्तन को मेरे सीने पर दबाते हुए मेरे लिंग को अपनी चूत में समाहित किए हुए मेरी तरफ मुंह करके मेरी गोद में बैठ गई। अब पदमिनी के स्तन मेरे सीने पर स्पर्श कर रहे थे। पदमिनी ने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर अपनी टांगों को नीचे फर्श पर लगाकर अपनी टांगों के इस्तेमाल से अपने आप को ऊपर नीचे करना शुरू किया जिससे कि मेरा खड़ा लिंग पदमिनी की चूत में अंदर-बाहर होने लगा। मुझे पदमिनी की चुदाई का यह तरीका बेहद खास लगा।
थोड़ी देर में पदमिनी के पांव की गति तेज हो गई। उसके गोल-गोल बड़े-बड़े स्तन मेरे सीने से टकराने लगे। पदमिनी ने गति इतनी तेज कर ली कि वह अब अपनी सांसों पर संयम नहीं कर पा रही थी। उसने अपने मुंह को मेरे मुंह से अलग किया और अति उत्तेजना में आह ... आह ... की ध्वनि निकाल कर मेरे लंड पर उछल-कूद करने लगी। पदमिनी अपनी गांड का इस्तेमाल इस प्रकार कर रही थी कि जब भी ऊपर होकर नीचे की तरफ आती तो मेरी जांघों पर टकराकर पट-पट की जोरदार ध्वनि उत्पन्न करती। जब पदमिनी के पांव जवाब देने लगे तो मैंने अपनी टांगों का इस्तेमाल करते हुए पदमिनी की चूत की गहराई तक अपने लंड को पहुंचाना शुरू किया और करीब 5 से 7 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों की टांगों ने जवाब दे दिया। अब हमने अपनी सेक्स स्थिति बदलने की सोची।
पदमिनी ने अपनी गीली चूत में से सना हुआ मेरा लंड बाहर निकाला और कमरे की स्टडी टेबल पर अपने स्तनों को टिका दिया। पदमिनी अपने पांव पर खड़ी होकर अपने पूरे शरीर को टेबल पर लेटा चुकी थी। उसने अपनी गर्दन और स्तनों को टेबल पर लेटा कर अपने हाथों को पीछे मोड़कर अपने कूल्हे को अपने हाथ से जोर से थपथपाया और कहा- कम ऑन पापा , माय ऐस्स इज वेटिंग फॉर यू। (आओ पापा , मेरी गांड का छेद तुम्हारा इंतजार कर रहा है) पदमिनी की यह अदा मुझे भा गई। मैं कुर्सी से उठकर उसकी तरफ गया और उसके पीछे खड़े होकर उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा। वास्तव में क्या गांड थी पदमिनी की, गोलाकार गोरे रंग की गांड। अगर कोई टाइट कपड़ों में ऐसे ही देख ले तो उससे मुट्ठ मारे बिना नहीं रहा जाए और यह तो मेरे सामने अपने असली रंग को दर्शाती हुई नंगी गांड थी।
मैंने पदमिनी के बालों को पीछे खींचते हुए उसकी चूत में अपना लंड ठेल दिया और अपनी पूरी जान लगा कर पदमिनी की चूत को चोदने लगा। कमरे में जोरदार फच-फच की आवाज गूंजने लगी। जब मेरा लिंग पदमिनी की चूत के चिकने पानी से पूर्ण रूप से चिकना हो गया तब मैंने उसे पदमिनी की गांड के छेद पर टिका कर अंदर डालने का प्रयास किया। मेरे लंड ने पदमिनी की गांड में जाने में ज्यादा समय नहीं लगाया। मेरा लंड पदमिनी की गांड में तो चला गया था लेकिन मैं उसमें अभी तक धक्का नहीं मार पाया था क्योंकि लंड को अंदर बाहर करने में मुझे पदमिनी की गांड का कसाव कुछ ज्यादा ही महसूस हो रहा था। मैंने दरिंदे की तरह अपने लिंग को पदमिनी की गांड के छेद के बाहरी मुंह तक निकाला और एकदम से जोर से अंदर पेल दिया। पदमिनी यह झटका संभाल नहीं पाई और उसके मुंह से 'ओ बहन चोद ...' की गाली निकल गई। मुझे उसके द्वारा निकाली गई गाली ने और उत्तेजित किया और मैंने फिर अपने लंड को बाहर निकाल कर फिर जोर से उसकी गांड में ठेला। इस बार उसने मुझसे मादरचोद कहा और जोर-जोर से कहने लगी कि अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकालो।
जैसा कि मैंने कहा था, मैंने अपनी उत्तेजना में अपना आपा खो कर अपने धक्कों की गति और तेज कर दी इस तरह मेरी कमर और पदमिनी की गांड की टकराहट से जोरदार आवाजें आने लगी। थोड़ी देर बाद पदमिनी की गांड के छेद ने मेरे लंड को एडजस्ट कर लिया और पदमिनी भी इस गांड चुदाई का मजा लेने लगी। पदमिनी की कसमसाई गांड में झटके लगा-लगा कर मुझे अहसास हुआ कि अब मैं झड़ने वाला हूं। अतः मैने अपना लिंग पदमिनी की गांड से निकाल कर इसी स्थिति में उसकी चूत में पेल दिया और उसकी चूत को अपने लंड से फाड़ने लगा।
पदमिनी
जोर से अंग्रेजी में फक फक फक ... बकने लगी। थोड़ी देर में पदमिनी की चूत ने मेरे लंड पर हल्का सा फव्वारा छोड़ दिया तथा मैंने भी अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया।
जैसे कोई परी अपने पंख उतारकर मेरे बिस्तर पर केवल ब्रा और पेंटी में उतर आई। मैंने जल्दी से ब्रा खींचकर पदमिनी के स्तनों को आजाद कर दिया। देखकर मेरे शरीर के अंदर एक सिहरन दौड़ने लगी, मैंने उन्हें हाथों में भर लिया और सहलाने लगा, भरे भरे और मुलायम स्तन... दिल कर रहा था उन्हें खूब जोर जोर से दबाकर रस निकाल दूँ लेकिन पदमिनी का ख्याल करके नियंत्रण में रहा। पदमिनी की सिसकारियाँ निकल रही थीं, 'उम्म्ह... अहह... हय... याह...' मैं उसे चूम रहा था, उसके स्तनों की मालिश कर रहा था और इस दौरान अपने कपड़े भी उतार रहा था। वह मस्ती में खोई थी। मैं स्तनों को कभी दबाता था कभी चूचुकों को चुटकी में लेकर निचोड़ता था, कभी नीचे झुककर उन्हें चूसने लगता था। सुख में डूबी पदमिनी को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि कब मैं अपने वस्त्र उतारकर केवल चड्डी में आ गया हूँ। मैं धीरे-धीरे पदमिनी को पलटाता हुआ उसके ऊपर आया। उसके स्तनों और होठों को छेड़ना जारी रखते हुए मैंने अपने चड्ढी ढके लिंग को उसकी पेड़ू पर दबा दिया और हल्के-हल्के घर्षण करने लगा। यह अत्यधिक उत्तेजना वाली स्थिति थी, इसका लाभ उठाते हुए मैंने पदमिनी को बिना कुछ कहे उसके कूल्हों से चड्डी खींचनी शुरू कर दी।
उसके मम्मे आजाद होते ही खुली हवा में मचलने लगे. मम्मों के ऊपर गुलाबी निप्पल मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक को जैसे ही अपने मुँह में लिया, उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया. उसकी इस हरकत से मुझे और जोश आ गया. मैंने उसके निप्पल के साथ पूरे चूचे को मुँह में भर लिया. वो मुझे इस तरह अपने अन्दर समा रही थी कि कभी छोड़ेगी ही नहीं. उसके निप्पल को चूसते हुए मैं उसकी चूत को सहलाने लगा, जिससे वो और भी गर्म होने लगी थी. अब तक उसकी चुत गीली हो चुकी थी
वो मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाते हुए मेरे कानों में कह रही थी- अब और मत तड़पाओ.
वो वासना से भरी मादक सिसकारियां ले रही थी. मैंने भी अपने होंठ उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चुत पर रख दिए.
मेरे ऐसा करते ही वो पागल हो गयी. उसने मेरे मुँह को अपने हाथों से पीछे किया और खुद ही अपनी पिंक पेंटी उतार कर अलग कर दी. उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. मैं उसकी चुत की खुशबू से एकदम मस्त हो गया और चुत को चाटने लगा. कभी उसकी चुत के होंठों को अपने होंठों से पकड़ कर खींचता, कभी उसकी चूत के छेद में जीभ डाल देता, कभी अपनी उंगली डाल देता. कुछ पल बाद पदमिनी वापस मेरे लंड को चूसने में लग गयी. मैं भी उसकी चुत को चाटने लगा. कुछ ही देर में मैं तैयार हो गया और वो भी गरमा गई.
फिर मैंने उसको सीधा करके उसकी मखमली चिकनी चुत पर अपना 7 इंच का लंड रख दिया. मैं चुत को लंड से रगड़ने लगा.
वो तड़पने लगी और बोली- प्लीज अन्दर डाल भी दो यार … अब मत तड़पाओ.
मैंने चुत के छेद पर लंड का सुपारा रखा और झटका दे मारा. मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया.
एक तो उसकी चुत भी बिल्कुल गीली थी और मैंने झटका भी जोर का दिया था. वो तिलमिला उठी. उसकी आंखों में आंसू आ गए. मैं ऐसे ही लेट कर रुक गया. मैंने उसके होंठों को पहले से ही अपने होंठों में दबा रखा था.
वो बिना आवाज निकाले ‘हूऊ … उन्ह..’ करे जा रही थी. मैं उसके मम्मों को भी हल्के हल्के से दबा रहा था.
मैं अपने उतने ही लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. वो भी नार्मल होने लगी. उसके मुँह से फिर से ‘ऊउन्ह … आआहह … उई … करो ना थोड़ा तेज..’ निकलने लगी.
उसकी मदमस्त आहें सुनकर मैंने फिर से एक जोर का झटका लगा दिया. इस बार के तगड़े झटके में मैंने पूरा ही लंड पदमिनी की चूत में डाल दिया था. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी चीज में फंस गया हो. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
उसकी आह निकलने को हुई, लेकिन मैं पहले ही सजग था. मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था.
फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड धीरे धीरे तेज कर दी. पदमिनी भी मेरा साथ देने लगी. वो अपने चूतड़ों को नीचे से उछाल रही थी और ‘आआह … ऊऊऊ..’ किए जा रही थी.
ये बोलते हुए पदमिनी अपने चूतड़ों को लंड के झटके की लय से लय मिलाते हुए उछाल रही थी. मैं ऊपर से शॉट पर शॉट मारे जा रहा था और साथ ही उसके एक निप्पल को अपने एक हाथ की दो उंगलियों से मसल रहा था.
वो ‘उई … मांम्म्म … जोर से करो … आह … बहुत मजा आ रहा है … आआहह … उईई..’यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे ..................... हचक हचक के मुसल लंड से मेरी गुलाबी मखमली चूत चीरकर पेलकर मुझे चोदो, बस चोदते रहो | यस बेबी जस्ट लाइक थेट | आआआह्ह्ह बस ऐसे ही मेरी चूत को अपने मुसल लंड से कुचलते रहो | मुझे बहुत अच्छा लग रहा है | बस मुझे चोद चोद कर स्वर्ग की सैर करा दो मेरे लंड राजा | मोरे राजा चोदो मुझे, बेबी चोदो न अपनी डार्लिंग को, उसकी मखमली चूत को, मिटा दो इसकी सारी खुजली आज |
फिर मैंने पोज बदला. मेने कहा ये लो , ये लो ये लो और लो पूरा लंड लो, सारा का सारा लो अपनी चूत में बेबी | आह क्या मखमली नरम कसी हुई चूत है बेबी मेरी जान मेरी चूत, मेरी डार्लिंग | आह्ह्हह्ह बहुत मजा आ रहा है तुमको चोदने में | आआआह्ह्ह बेबी |
अब मैं नीचे और उसको अपने ऊपर ले लिया. पदमिनी मेरे लंड के ऊपर आकर उछाल मारते हुए चुद रही थी वो कहने लगी अब तुम आराम करो, मै तुमारे लंड को जन्नत की सैर कराती हूँ | मै तुमारे मुसल को निचोड़ रही हूँ तुम भी इनका रस (अपने ओरोजो की तरफ इशारा करते हुए ) निचोड़ो न |
. उसके मदमस्त मम्मे मुझे उत्तेजना के शिखर पर ले जा रहे थे.
तभी वो मुझे अपना एक दूध चुसाने लगी. दूध चूसने से और चूत में लंड लेने से वो खुद को रोक नहीं पाई और फिर से झड़ने के करीब हो गई.चोदो न और कसकर चोद अपनी बेबी को
इस बीच में वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था. मेने कहा चोद तो रहा हूँ बहन की लौड़ी लेकिन वो भी तो चुदाई की उसी रौ में थी | उसके मुहँ से भी गालियां निकलने लगी |
क्या चोद रहा, कूट न मेरी इस मुई गुलाबी चूत को अपने मुसल लंड से बहन के लौड़े | मेने कहा साली छिनार, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर | ये ले
पद्मिनी बोली हाँ हाँ मादरचोद ऐसे चोद न, चूत खोर साले, चुदाई से जब तक बच्चेदानी न दुखने लगे, चुदाई कैसी भोसड़ी के | मेने कहा - ये ले साली छिनार लंड खोर कुतिया, आज तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूँगा,पदमिनी ने कहा तो फाड़ न मेरी चूत रंडीबाज, बुरचोद, चीर दे फाड़ दे और अपनी मलाई से भर दे मेरी चूत को,रंडी की औलाद और जोर से चोद चीचीचीचीचीरररर डाल फाड़ डाल मेरी चूत
थोड़ी देर में ,में भी झड़ गया थोड़े समय बाद मेने फिर से
पदमिनी ने अपने बाल जो क्लिप से समेटे हुए थे जिन्हें मैंने पूरी तरह से खोल दिया। अब वह खुले बालों में नग्न अप्सरा लग रही थी। मैंने पदमिनी के चेहरे से अपना मुंह हटा कर उसके उभरे हुए स्तनों पर अपने मुंह से प्रहार बोल दिया तथा उसके गोल, बड़े, सफेद रंग के स्तनों को चूस कर, चाट कर तथा दांतों से काट कर लाल कर दिया। पदमिनी की हल्के गुलाबी रंग की चूचियां जो कि पूर्ण रूप से तनी हुई थीं, मेरे चेहरे पर स्पर्श करके मेरे शरीर में एक अलग ही गुदगुदी उत्पन्न कर रही थीं। उत्तेजना में मैंने पदमिनी के चूचुक को भी काट लिया। मेरी हरकतें पदमिनी को उत्तेजित कर रही थीं लेकिन उसका मकसद कुछ और था। उसने मुझे जोरदार धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और अपने कूल्हों को मेरे मुंह पर रख कर अपनी चूत मेरे मुंह पर टिका कर उसे मेरे मुंह पर रगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मुझे कमरे में रखी लकड़ी की कुर्सी पर बिठाया जिस पर हाथ का सहारा रखने वाले हत्थे नहीं थे बल्कि केवल पीछे ही पीठ का सहारा लेने के लिए व्यवस्था थी। मैं पदमिनी के कहे अनुसार उस कुर्सी पर अपना खड़ा लिंग लिए बैठ गया। उसके बाद पदमिनी अपनी गांड मटकाती हुई मेरे पास आई और अपने स्तन को मेरे सीने पर दबाते हुए मेरे लिंग को अपनी चूत में समाहित किए हुए मेरी तरफ मुंह करके मेरी गोद में बैठ गई। अब पदमिनी के स्तन मेरे सीने पर स्पर्श कर रहे थे। पदमिनी ने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर अपनी टांगों को नीचे फर्श पर लगाकर अपनी टांगों के इस्तेमाल से अपने आप को ऊपर नीचे करना शुरू किया जिससे कि मेरा खड़ा लिंग पदमिनी की चूत में अंदर-बाहर होने लगा। मुझे पदमिनी की चुदाई का यह तरीका बेहद खास लगा।
थोड़ी देर में पदमिनी के पांव की गति तेज हो गई। उसके गोल-गोल बड़े-बड़े स्तन मेरे सीने से टकराने लगे। पदमिनी ने गति इतनी तेज कर ली कि वह अब अपनी सांसों पर संयम नहीं कर पा रही थी। उसने अपने मुंह को मेरे मुंह से अलग किया और अति उत्तेजना में आह ... आह ... की ध्वनि निकाल कर मेरे लंड पर उछल-कूद करने लगी। पदमिनी अपनी गांड का इस्तेमाल इस प्रकार कर रही थी कि जब भी ऊपर होकर नीचे की तरफ आती तो मेरी जांघों पर टकराकर पट-पट की जोरदार ध्वनि उत्पन्न करती। जब पदमिनी के पांव जवाब देने लगे तो मैंने अपनी टांगों का इस्तेमाल करते हुए पदमिनी की चूत की गहराई तक अपने लंड को पहुंचाना शुरू किया और करीब 5 से 7 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों की टांगों ने जवाब दे दिया। अब हमने अपनी सेक्स स्थिति बदलने की सोची।
पदमिनी ने अपनी गीली चूत में से सना हुआ मेरा लंड बाहर निकाला और कमरे की स्टडी टेबल पर अपने स्तनों को टिका दिया। पदमिनी अपने पांव पर खड़ी होकर अपने पूरे शरीर को टेबल पर लेटा चुकी थी। उसने अपनी गर्दन और स्तनों को टेबल पर लेटा कर अपने हाथों को पीछे मोड़कर अपने कूल्हे को अपने हाथ से जोर से थपथपाया और कहा- कम ऑन पापा , माय ऐस्स इज वेटिंग फॉर यू। (आओ पापा , मेरी गांड का छेद तुम्हारा इंतजार कर रहा है) पदमिनी की यह अदा मुझे भा गई। मैं कुर्सी से उठकर उसकी तरफ गया और उसके पीछे खड़े होकर उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा। वास्तव में क्या गांड थी पदमिनी की, गोलाकार गोरे रंग की गांड। अगर कोई टाइट कपड़ों में ऐसे ही देख ले तो उससे मुट्ठ मारे बिना नहीं रहा जाए और यह तो मेरे सामने अपने असली रंग को दर्शाती हुई नंगी गांड थी।
मैंने पदमिनी के बालों को पीछे खींचते हुए उसकी चूत में अपना लंड ठेल दिया और अपनी पूरी जान लगा कर पदमिनी की चूत को चोदने लगा। कमरे में जोरदार फच-फच की आवाज गूंजने लगी। जब मेरा लिंग पदमिनी की चूत के चिकने पानी से पूर्ण रूप से चिकना हो गया तब मैंने उसे पदमिनी की गांड के छेद पर टिका कर अंदर डालने का प्रयास किया। मेरे लंड ने पदमिनी की गांड में जाने में ज्यादा समय नहीं लगाया। मेरा लंड पदमिनी की गांड में तो चला गया था लेकिन मैं उसमें अभी तक धक्का नहीं मार पाया था क्योंकि लंड को अंदर बाहर करने में मुझे पदमिनी की गांड का कसाव कुछ ज्यादा ही महसूस हो रहा था। मैंने दरिंदे की तरह अपने लिंग को पदमिनी की गांड के छेद के बाहरी मुंह तक निकाला और एकदम से जोर से अंदर पेल दिया। पदमिनी यह झटका संभाल नहीं पाई और उसके मुंह से 'ओ बहन चोद ...' की गाली निकल गई। मुझे उसके द्वारा निकाली गई गाली ने और उत्तेजित किया और मैंने फिर अपने लंड को बाहर निकाल कर फिर जोर से उसकी गांड में ठेला। इस बार उसने मुझसे मादरचोद कहा और जोर-जोर से कहने लगी कि अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकालो।
जैसा कि मैंने कहा था, मैंने अपनी उत्तेजना में अपना आपा खो कर अपने धक्कों की गति और तेज कर दी इस तरह मेरी कमर और पदमिनी की गांड की टकराहट से जोरदार आवाजें आने लगी। थोड़ी देर बाद पदमिनी की गांड के छेद ने मेरे लंड को एडजस्ट कर लिया और पदमिनी भी इस गांड चुदाई का मजा लेने लगी। पदमिनी की कसमसाई गांड में झटके लगा-लगा कर मुझे अहसास हुआ कि अब मैं झड़ने वाला हूं। अतः मैने अपना लिंग पदमिनी की गांड से निकाल कर इसी स्थिति में उसकी चूत में पेल दिया और उसकी चूत को अपने लंड से फाड़ने लगा।
पदमिनी
जोर से अंग्रेजी में फक फक फक ... बकने लगी। थोड़ी देर में पदमिनी की चूत ने मेरे लंड पर हल्का सा फव्वारा छोड़ दिया तथा मैंने भी अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया।