" ये इश्क नही आसां , इतना ही समझ लीजे ।
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है । "
रजनी के लिए यह इश्क और भी कठिन है क्योंकि यह एक तरफा है । जबकि वह शायरी उन युगल आशिकों के लिए कही गई है जो प्रेम के समंदर मे उतर गए हैं ।
वन साइड लव की पीड़ा की बात करें तो शरतचंद्र चट्टोपाध्याय जी की ' देवदास ' उपन्यास पढ़िए या फिर विमल राय साहब की फिल्म ' देवदास ' देखिए ।
देवदास , पारो और चंद्रमुखी की प्रेम कहानी वन साइड लव ही थी ।
वैसे इस वन साइड लव पर किसी का वश नही होता । किसी को चाहते रहना कोई खता तो नही । पर अगर यह दिल पर अधिक घाव कर जाए तब यह मर्ज लाइलाज हो जाता है ।
बहुत खुबसूरत अपडेट भाई ।
आउटस्टैंडिंग अपडेट ।