• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance साकी...तेरे प्यार में

Boobsingh

Prime
992
4,611
138

Rekha rani

Well-Known Member
2,419
10,234
159
मेरे अन्दर दिल और दिमाग के बीच एक घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था...........आखिर मैं करू तो क्या करू एक तरफ जीवन भर प्यार निभाने वाली हमसफ़र खड़ी थी और दूसरी तरफ मेरे और रजनी दोनों के घरवालों की इज्जत......मै चुप चाप खड़ा था तो रजनी बोली एक बात बोलूँ मानोगे मेरी बात............

मै चुप चाप उसकी तरफ देखता रहा तो रजनी बोली “कुछ पल के लिए बेवजह मेरे साथ चलिए...........प्यार ना है ना सही.........पर कोशिश तो करिए.......”

इतना बोल कर रजनी दुबारा से मुझको अपने आलिंगन मे लेने की कोशिश करने लगी और इस बार मै भी उससे लिपट गया क्यूंकी दिल और दिमाग की लड़ाई में शायद दिल ने बाजी मार लि थी.......

रजनी से लिपटे हुए मै सोच रहा था की अब हम जिस सफर पर चल पड़े थे उसका क्या परिणाम होगा ये ना मै जानता था ना ही रजनी पर अभी जो समय था वो बस सिर्फ हम दोनों का था.......रजनी मेरे आलिंगन मे एकदम निढाल हो कर खड़ी थी.....वों बोली आपके गले लगने से सिर्फ मेरे अन्दर जो मायूसीयत भरी पड़ी थी वो सब खतम हो रही है देखिए सिर्फ आपके पास खड़े होने से मै इतनी खुश हु तो सोचिए अपनी जिंदगी मे आपको पा कर मै कितनी खुश रहूँगी..........ये मेरे लिए एक सपना सच होने जैसा हैं..........भगवान करे ये सपना हकीकत मे बदल जाए और मै अपने प्यार को पा लूँ..........

अभी हम दोनों ऐसे लिपटे ही हुए तभी एक आहट की आवाज पर हम दोनो अलग हुए और हमारी नजर सामने की छत की ओर गई.........और वहां पे हमारे घर के सामने के घर मे रहने वाले अवधेश चाचा पता नहीं कब से हम दोनों को देख रहे थे........

मेरी तो फट के चार हो गई वही पे जबकि रजनी के चेहरे पर भी हवाइयाँ उड़ चुकी थी पर वो तब भी मेरे साथ वही खड़ी रही जस की तस मैंने उसे तुरंत खुद से अलग किया और अवधेश चाचा की तरफ देखने लगा जबकि वो हमे देखते हुए एक कोने मे थूक कर नीचे चले गए......

अब मेरे अन्दर का डर मेरे अन्दर पनप रहे प्यार पर भाड़ी पर्ने लगा और मैंने रजनी को बोला देखा इसी चीज से डर रहा था मैं हे भगवान जिस बात कर डर था वही हुआ अब क्या होगा...........

रजनी बेबाकी से बोली आर आप क्यू घबराते है मैंने अभी थोड़ी देर पहले कहा था ना आपसे की हर मुश्किल का सामना करूंगी बस आप मेरे साथ खड़े रहिएगा..........

मै उसे वही खड़ी छोड़ कर अपने छत पर चल आया और उससे चिढ़ कर बोला अरे पागल कुछ होश है या नहीं पता भी है ये चाचा क्या करेंगे.......खुद का नहीं तो कम से कम अपने घरवालों का तो ख्याल कर जान से मार देंगे वो लोग प्यार का भूत उतरने मे दो मिनट नहीं लगेगा..........

रजनी कुछ देर मेरी तरफ शांति से देखती रही और बोली आप घबराइए मत अगर बात बढ़ी तो सब कुछ मै अपने सर ले लूँगी ये बाते सुनने तक मैं अपने छत की सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा था........

और नीचे आने के बाद से ही मेरे प्राण सूखे हुए थे की अब हो न हो ये बात मेरे और रजनी के घर तक जरूर जाने वाली थी और हुआ भी ऐसा ही........
Welcome back dear
आते ही छा गए और दोनों के प्रेम कहानी शुरू करते ही दोनो के लोड़े लगवा दिए देखना है अब कैसे क्या होता है
 

Boobsingh

Prime
992
4,611
138
Welcome back dear
आते ही छा गए और दोनों के प्रेम कहानी शुरू करते ही दोनो के लोड़े लगवा दिए देखना है अब कैसे क्या होता है
वेट दोस्त अपडेट लिख रहे है
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
40,884
103,930
304
मेरे अन्दर दिल और दिमाग के बीच एक घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था...........आखिर मैं करू तो क्या करू एक तरफ जीवन भर प्यार निभाने वाली हमसफ़र खड़ी थी और दूसरी तरफ मेरे और रजनी दोनों के घरवालों की इज्जत......मै चुप चाप खड़ा था तो रजनी बोली एक बात बोलूँ मानोगे मेरी बात............

मै चुप चाप उसकी तरफ देखता रहा तो रजनी बोली “कुछ पल के लिए बेवजह मेरे साथ चलिए...........प्यार ना है ना सही.........पर कोशिश तो करिए.......”

इतना बोल कर रजनी दुबारा से मुझको अपने आलिंगन मे लेने की कोशिश करने लगी और इस बार मै भी उससे लिपट गया क्यूंकी दिल और दिमाग की लड़ाई में शायद दिल ने बाजी मार लि थी.......

रजनी से लिपटे हुए मै सोच रहा था की अब हम जिस सफर पर चल पड़े थे उसका क्या परिणाम होगा ये ना मै जानता था ना ही रजनी पर अभी जो समय था वो बस सिर्फ हम दोनों का था.......रजनी मेरे आलिंगन मे एकदम निढाल हो कर खड़ी थी.....वों बोली आपके गले लगने से सिर्फ मेरे अन्दर जो मायूसीयत भरी पड़ी थी वो सब खतम हो रही है देखिए सिर्फ आपके पास खड़े होने से मै इतनी खुश हु तो सोचिए अपनी जिंदगी मे आपको पा कर मै कितनी खुश रहूँगी..........ये मेरे लिए एक सपना सच होने जैसा हैं..........भगवान करे ये सपना हकीकत मे बदल जाए और मै अपने प्यार को पा लूँ..........

अभी हम दोनों ऐसे लिपटे ही हुए तभी एक आहट की आवाज पर हम दोनो अलग हुए और हमारी नजर सामने की छत की ओर गई.........और वहां पे हमारे घर के सामने के घर मे रहने वाले अवधेश चाचा पता नहीं कब से हम दोनों को देख रहे थे........

मेरी तो फट के चार हो गई वही पे जबकि रजनी के चेहरे पर भी हवाइयाँ उड़ चुकी थी पर वो तब भी मेरे साथ वही खड़ी रही जस की तस मैंने उसे तुरंत खुद से अलग किया और अवधेश चाचा की तरफ देखने लगा जबकि वो हमे देखते हुए एक कोने मे थूक कर नीचे चले गए......

अब मेरे अन्दर का डर मेरे अन्दर पनप रहे प्यार पर भाड़ी पर्ने लगा और मैंने रजनी को बोला देखा इसी चीज से डर रहा था मैं हे भगवान जिस बात कर डर था वही हुआ अब क्या होगा...........

रजनी बेबाकी से बोली आर आप क्यू घबराते है मैंने अभी थोड़ी देर पहले कहा था ना आपसे की हर मुश्किल का सामना करूंगी बस आप मेरे साथ खड़े रहिएगा..........

मै उसे वही खड़ी छोड़ कर अपने छत पर चल आया और उससे चिढ़ कर बोला अरे पागल कुछ होश है या नहीं पता भी है ये चाचा क्या करेंगे.......खुद का नहीं तो कम से कम अपने घरवालों का तो ख्याल कर जान से मार देंगे वो लोग प्यार का भूत उतरने मे दो मिनट नहीं लगेगा..........

रजनी कुछ देर मेरी तरफ शांति से देखती रही और बोली आप घबराइए मत अगर बात बढ़ी तो सब कुछ मै अपने सर ले लूँगी ये बाते सुनने तक मैं अपने छत की सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा था........

और नीचे आने के बाद से ही मेरे प्राण सूखे हुए थे की अब हो न हो ये बात मेरे और रजनी के घर तक जरूर जाने वाली थी और हुआ भी ऐसा ही........
Shandar update
 

Himanshu630

Reader
226
811
94
मेरे अन्दर दिल और दिमाग के बीच एक घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था...........आखिर मैं करू तो क्या करू एक तरफ जीवन भर प्यार निभाने वाली हमसफ़र खड़ी थी और दूसरी तरफ मेरे और रजनी दोनों के घरवालों की इज्जत......मै चुप चाप खड़ा था तो रजनी बोली एक बात बोलूँ मानोगे मेरी बात............

मै चुप चाप उसकी तरफ देखता रहा तो रजनी बोली “कुछ पल के लिए बेवजह मेरे साथ चलिए...........प्यार ना है ना सही.........पर कोशिश तो करिए.......”

इतना बोल कर रजनी दुबारा से मुझको अपने आलिंगन मे लेने की कोशिश करने लगी और इस बार मै भी उससे लिपट गया क्यूंकी दिल और दिमाग की लड़ाई में शायद दिल ने बाजी मार लि थी.......

रजनी से लिपटे हुए मै सोच रहा था की अब हम जिस सफर पर चल पड़े थे उसका क्या परिणाम होगा ये ना मै जानता था ना ही रजनी पर अभी जो समय था वो बस सिर्फ हम दोनों का था.......रजनी मेरे आलिंगन मे एकदम निढाल हो कर खड़ी थी.....वों बोली आपके गले लगने से सिर्फ मेरे अन्दर जो मायूसीयत भरी पड़ी थी वो सब खतम हो रही है देखिए सिर्फ आपके पास खड़े होने से मै इतनी खुश हु तो सोचिए अपनी जिंदगी मे आपको पा कर मै कितनी खुश रहूँगी..........ये मेरे लिए एक सपना सच होने जैसा हैं..........भगवान करे ये सपना हकीकत मे बदल जाए और मै अपने प्यार को पा लूँ..........

अभी हम दोनों ऐसे लिपटे ही हुए तभी एक आहट की आवाज पर हम दोनो अलग हुए और हमारी नजर सामने की छत की ओर गई.........और वहां पे हमारे घर के सामने के घर मे रहने वाले अवधेश चाचा पता नहीं कब से हम दोनों को देख रहे थे........

मेरी तो फट के चार हो गई वही पे जबकि रजनी के चेहरे पर भी हवाइयाँ उड़ चुकी थी पर वो तब भी मेरे साथ वही खड़ी रही जस की तस मैंने उसे तुरंत खुद से अलग किया और अवधेश चाचा की तरफ देखने लगा जबकि वो हमे देखते हुए एक कोने मे थूक कर नीचे चले गए......

अब मेरे अन्दर का डर मेरे अन्दर पनप रहे प्यार पर भाड़ी पर्ने लगा और मैंने रजनी को बोला देखा इसी चीज से डर रहा था मैं हे भगवान जिस बात कर डर था वही हुआ अब क्या होगा...........

रजनी बेबाकी से बोली आर आप क्यू घबराते है मैंने अभी थोड़ी देर पहले कहा था ना आपसे की हर मुश्किल का सामना करूंगी बस आप मेरे साथ खड़े रहिएगा..........

मै उसे वही खड़ी छोड़ कर अपने छत पर चल आया और उससे चिढ़ कर बोला अरे पागल कुछ होश है या नहीं पता भी है ये चाचा क्या करेंगे.......खुद का नहीं तो कम से कम अपने घरवालों का तो ख्याल कर जान से मार देंगे वो लोग प्यार का भूत उतरने मे दो मिनट नहीं लगेगा..........

रजनी कुछ देर मेरी तरफ शांति से देखती रही और बोली आप घबराइए मत अगर बात बढ़ी तो सब कुछ मै अपने सर ले लूँगी ये बाते सुनने तक मैं अपने छत की सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा था........

और नीचे आने के बाद से ही मेरे प्राण सूखे हुए थे की अब हो न हो ये बात मेरे और रजनी के घर तक जरूर जाने वाली थी और हुआ भी ऐसा ही........
बहुत दिन बाद दर्शन दिए हो भाई

अब लगातार अपडेट आने चाहिए

आदेश नही विनती समझिएगा :winknudge:
 

Boobsingh

Prime
992
4,611
138
नीचे आने के बाद मेरे अंतर्मन मे उथल पुथल मचा हुआ था पर मै अभी सिवाय सुबह होने का इंतेजार करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था..........उधर रजनी का भी कमोबेश यही हाल था रजनी कितना भी कुछ भी बोल ले पर अवधेश चाचा को हम दोनों को ऐसे देख लेने से वो भी परेशान जरूर थी........

जैसे तैसे रात बीती और सुबह मे मै जितना हो सके मै खुद को शांत दिखलाने की कोशिश कर रहा था ताकि किसी के सामने खुद से कुछ गड़बड़ ना कर दूँ.......मै अपने रोजमर्रा के रूटीन के हिसाब से कॉलेज जाने के लिए तैयार हुआ और घर से निकलने लगा था की तभी घर के मुंडेर पर बैठे मेरे पिता जी और चाचा ने मुझे रोका और सच बताऊ तो एक पल को मेरी सांस ही रुक गई थी……पर उन्होंने रजनी से जुड़ी कोई भी बात नहीं की और मुझे एक काम दिया जो कॉलेज से लौटते वक्त करते हुए आना था......

उसके बाद मैंने अपनी साईकिल उठाई और कॉलेज की तरफ भागा की तभी गाव से बाहर मेन रोड पर देखा की रजनी अपने पिता जी के साथ स्कूटर से कॉलेज जा रही है और उसकी नजरे जैसे मुझे ही ढूंढ रही थी और मुझे देखते ही उसके चेहरे पर ऐसे दिलकश मुस्कान फैली की क्या ही बताऊ.........कल रात से मेरे अन्दर घुसी हुई उस घबराहट और बेचैनी को तुरंत छु मंतर कर दिया.........मै अब पिछली रात की सारी बातें भूल कर उसके स्कूटर के पीछे पीछे चल पड़ा और कॉलेज पहुंचते ही मै गेट के पहले ही रुक गया और वो भी अपने पिया जी को विदा कर के सीधा मेरे पास आ गई और आते के साथ बोली देखे विश्वनाथ बाबा हम दोनों के प्यार पर कोई भी खतरा नहीं आने दिए......तो हम हस कर बोले अगर हो जाता ना फिर पता चलता.......तों वो बोली की हम बोले थे ना की अगर बात बढ़ा तो हम सब कुछ अपने उपर ले लेंगे फिर आप क्यू परेशान होते हो.........हम उसको कुछ पल युही देखते रहे और फिर बोले चल कही और चलते है आज कॉलेज नहीं जाएंगे.......अरे वाह आप मेरा मन का बात कह दिए.........और फिर हम दोनों चल पड़े पास के ही एक मंदिर प्रांगण मे बने चबूतरे पर जहा हमारे कॉलेज के लड़के लड़कियां अक्सर समय बिताने जाया करते थे......



वहाँ पहुंचते ही रजनी ने मेरा हाथ थाम कर कहा कल रात से आपको मेरी ही फिकर लगी थी ना और झुट तो बोलिएगा मत क्यूंकी साइकिल पर आपका मुरझाया हुआ चेहरा और मुझको देखने के बाद का चेहरा का अंतर सब बयान कर दिया था अब तो बोल दीजिए की यू लव मी.......उसका इतना कहना था की बस मेरे आँखों से आँसू बह निकले क्यूंकी अब मै और ज्यादा देर तक खुद को बंधन मे बांधे नहीं रख सकता था......

और मेरी आँखों मे आँसू देख कर रजनी घबरा कर बोली आर क्या हो गया ऐसे रोने क्यूँ लगे आप......और मै उसका हाथ जोर से पकड़ कर वही चबूतरे पर बैठ गया जबकि रजनी खड़ी ही रही और मेरे सर को सहलाते हुए मुझे शांत करने की कोशिश करने लगी........मै बोला देखो रजनी मुझे नहीं पता की क्या है क्या नहीं पर जो भी है अब बस तू ही है.......पर जैसा की तुझे पता है मै बहुत कमजोर व्यक्तित्व वाला इंसान हु जल्दी अपने एहसासो को बातों को तकलीफों को जाहीर नहीं कर पाता हूँ..........पर मुझे नहीं लगता की तुम्हारे होते हूएं मुझे इन सब बातों की चिंता करनी चाहिए क्यूंकी मुझे इतना तो यकीन हो गया है की हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बनें है.........एण्ड येस आइ लव यू.........आइ लव यू सो मच

इतना सुनते ही रजनी वही चबूतरे के पास जमीन पर घुटनों के बल बैठी और मेरे हाथ पर चूम कर बोली बस अब आपको कुछ भी कहने सोचने की जरूरत नहीं आप मेरे हो और मै आपकी बस बाकी दुनिया जाए भाड़ में.........

उस दिन के बाद से मै और रजनी दुनियाँ वालों की नजर मे एक अच्छे दोस्त की तरह ही थे पर हम दोनों अब एक दूसरे की जान बन चुके थे.........अवधेश चाचा ने हमे एक साथ देखने के बाद क्या सोचा क्या नहीं ये उनको और भगवान को ही पता था पर जो भी था वो हम दोनों के लिए अच्छा था........अभी मैं इन खूबसूरत यादों को जी ही रहा था की सिगरेट की बुझती हुई आग ने मुझे झकझोर कर वापिस से वर्तमान मे ला कर खड़ा कर दिया..............
 
Top