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Romance सुपरस्टार - The life we dream to live

naqsh8521

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First of all congrats for new story ...Saare update padh liya so, thoda review de du 😐 Bhai ek chiz toh h ki aapne story me emotions ko perfectly plot kiya h and har character pe perfectly execute bhi kiya h...And apka story plot bhi kaafi bdiyaa h ❤
But u know bhai problem kaha h? Problem is speed, na na na wo update ki speed ni wo toh jitni fast krdoge utna accha humare liye😛😛 Story ki speed, story ke characters ki speed...
No doubt ki apke updates acche h but aap agr chizon ki or detailing kroge updates me toh best hoga and bhai thoda time ki bhi detailing kro ki Naksh ko itne mahine hogye , movie ko bnne me itne mahine lg gye nd all ...nhi toh aisa lg rha tha ki Mumbai ke dusre Trisha ko bhul Naksh kisi or se pyr kr betha bas thodi detailing or kriye or story ki speed thodi slow kriye...baki acche writer h aap toh jesa aapko thik lage.

Baat kare aaj ke update ki toh boht kaafi bdiyaa update tha jo kahi na kahi aaj ki harsh reality ko dikhata h...
So, Naksh ko ek loyal friend mili h Sweta ke roop me dekhte h ye rishta kb tak rehta h or kis trh se rehta h,
Or bhai saab ne Pange bhi shuru kr diye aaj 😂 dekhte h aage kya kya hota h... Waiting for nexttt update
आपके रिव्यु से एक बढ़िया आईडिया तो मिल गया .... मुझे चीज़ों को खींचना नहीं आता l.... पर लगता है ठहराव भी ज़रूरी है l पब्लिश करने के लिहाज़ से थोड़ी छोटी कहानी है ये l अब एक बार फिर से एडिट करता हूँ इसे ... शायद पब्लिश करने लायक बन जाए l

ऐसे ही बने रहिये कहानी के साथ .... शुक्रिया
 

mashish

BHARAT
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agla update


हम बातें ही कर रहे थें की बारिस आ गयी l सो मैं अपने वैन में आ गया l तृषा अब तक हमारे शॉट को स्क्रीन पर देख रही थी l थोड़ी देर में वैन का दरवाज़ा खुलता है और तृषा अन्दर आ जाती है l

तृषा – कमाल के एक्टर हो तुम l आज का शॉट सच में जबरदस्त था l

मैं – कमाल की अदाकारा तो आप हैं l कब इस दिल में खंज़र उतार देती हैं और कब इस पर मरहम लगाती हैं पता ही नहीं चलता l

तृषा – मतलब क्या है इस बात का l

मैं – (बात बदलते हुए) वो मैं आपके हुस्न की तारीफ़ कर रहा था l तुम्हे क्या लगा ?

तृषा – कुछ नहीं l (पर उसकी आँखें कह रही थीं की वो मेरे इशारे समझ गयी है) और तुम्हे अपनी नयी दोस्त से मिलने नहीं जाना है क्या ?

मैं – क्यूँ , कोई परेशानी है उनसे आपको l (उसे अपनी ओर खींचते हुए)

तृषा – नहीं , बस ये जानना था की अब आपके दोस्तों की लिस्ट में इतनी बड़ी सक्शियतें हैं तो हमारे लिए वक़्त निकाल पाओगे ?

मैं उसके लबों को चुमते हुए कहा “अब ये हुस्न मुझे किसी और के लिए वक़्त निकलने की इजाजत दे तब न l”

तभी निशा आयी “आज पैक अप हो गया है l ये बारिस रात तक भी नहीं रुकने वाली है सो घर चलो जब बरसात थमेगी तब ही शूटिंग शुरू हो पाएगी l”

मैं – ठीक है, मैं जाता हूँ l

निशा – कहाँ चल दिए आप? अपना पता कही भूल तो नहीं गए l

मैं – किसी की प्यार भरी आँखें मुझे कुछ याद रहने दे तब न ! तुम चलो मैं आता हूँ l अब ये मत पूछना की कब आओगे?

निशा – ठीक है जी l जैसा आप कहें l

मैं तृषा की कार में बैठ गया (आज मैं ड्राइव कर रहा था)

तृषा – क्या हुआ ? आज ड्राइव कर रहे हो l

मैं – तुम्हारे साथ दोनों हाथ फ्री रहने का भी फायेदा नहीं है l वैसे भी अखबारों की सुर्खियाँ बनने का शौक नहीं मुझे l

तृषा – तो एक्टिंग में क्यूँ आये l कुछ और बन जाते l क्यूंकि यहाँ तो आपकी छींक भी काफी है, सुर्खियाँ बनाने के लिए l

मैं- (हस्ते हुए) अब कल की कल देखेंगे l

बरसात तेज़ हो रही थी और शीशे पे ओस की बूंदें जमनी शुरू हो गयी थी l मैंने गाडी को साइड में रोक दिया l क्यूंकि सामने कुछ दिख ही नहीं रहा था l

तृषा – गाड़ी क्यूँ रोक दिए l आपके इरादे मुझे ठीक नहीं लग रहे l

मैं – (अपने होठों पे हाथ फिराते हुए) कुछ कहने की ज़रुरत है क्या? अब समझ भी जाओ l

फिर से हम गले मिल चुकें थे l साँसे अब तेज़ हो चली थी हमारी l मैंने खिड़की को थोडा सा खोल लिया l अब बारिस की बूंदें छिटक कर हमारे जिस्म पे पड़ रही थी l हर बूंद हमारे अन्दर की आग में घी का काम कर रही थी l थोड़ी देर में बरसात के साथ साथ हमारे अन्दर की आग भी शांत हो गयी l

मैं उसके प्यार में खोता चला गया l अब धीरे धीरे मेरे दिल के हर ज़ख्म भी लगभग भरने लगे थें l जब भी मैं उसके साथ होता तो हर पल को शिद्दत से जीता मैं और जब भी वो मुझसे दूर होती ऐसा लगता की मैं कितना अधुरा हूँ उसके बिना l उसने मुझे एक्टिंग की तमाम बारीकियां सिखाई, प्यार के एहसास को जीना सिखाया और शायद अपने होने का मुझे एहसास करा गयी वो l

फिल्म धीरे धीरे पूरी होती जा रही थी l अब मेरी एक्टिंग में भी ठहराव सा आ गया था l तृषा के साथ जुड़े मेरे दिल के रिस्ते ने हमारी ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री को भी दमदार बना दिया था l जो थोड़ी बहुत दिक्कत ज़न्नत के साथ के सीन्स में आती उसे भी तृषा की दी हुयी ट्रेनिंग की वजह से मैंने बेहतर तरीके से निभाया l अब तो बॉलीवुड के गलियारों में भी मेरी एक्टिंग के चर्चे हो रहे थें l और साथ ही तृषा के साथ मेरे सम्बन्ध मुंबई के अखबारों में थोड़ी थोड़ी जगह बनाने लग गएँ थें l

रोज की तरह आज भी मैं शूटिंग ख़त्म कर तृषा के साथ घर को निकला l मुझे अभी घर जाने का मन नहीं था l सो मैं तृषा के साथ समंदर किनारे चला गया l तृषा ने अपने चेहरे को ढक लिया और मैं तो अब तक अनजान ही था सब के लिए l सो हम दोनों एक दुसरे की बांहों में बांहें डाले समंदर किनारे पैदल चलने लगें l

मैं – तृषा ! एक बात कहूँ ?

तृषा – कहो l

मैं – आज एक गाना याद आ रहा है l

तृषा – कौन सा वाला l

मैं – मुझे और जीने की ख्वाहिश न होती .... अगर तुम न होते , अगर तुम न होते l

तृषा – किसी को अपने दिल में इतनी जगह भी मत दे दो की उसके जाने से तुम्हारी दुनियां ही वीरान हो जाये l

मैं – (उसे कस के पकड़ते हुए) मैं कहीं जाने दूँ तब न ! वैसे ये सब क्यूँ बोल रही हो ?

तृषा – परसों से मेरी नयी फिल्म की शूटिंग स्टार्ट हो रही है l सो मैं तुम्हे अब ज्यादा वक़्त नहीं दे पाउंगी l बस इसीलिए कह रही थी l

मैं – और तुम मुझे ये कब बताने वाली थी?

तृषा – अभी अभी l और मैंने बता दिया न l अब उदास वाली सूरत मत बनाओ l वैसे भी हम मिलते रहेंगे l

मैं – मैं समझ सकता हूँ तुम्हारी परेशानी l सो चिंता मत करो और अपने करियर पे ध्यान दो l

सड़क किनारे लगे फ़ूड स्टाल्स का मज़ा लेते हुए हमने एक यादगार वक़्त साथ बिताया और फिर अपने अपने घर चले गएँ l मैंने उसे ज़रा सा भी एहसास नहीं होने दिया की उसके दूर होने से मुझपे क्या बीतेगी l मैं तो उसे परसों तक अपनी बांहों में ही रखना चाहता था पर उसे स्क्रिप्ट की तैयारी करनी थी l सो मैं अपने फ्लैट में आ गया l

तृषा की फिल्म की शूटिंग मलेसिया में हो रही थी और मेरी यहाँ मुंबई में ही l अब तो कभी कभार ही हमें वक़्त मिल पाता था l अक्सर शूटिंग के वक़्त उससे मुलाकात होती और शूटिंग ख़त्म होते ही एक गाड़ी उसे दुसरे लोकेशन पर ले जाने को खड़ी रहती l मैं अक्सर उसे रोकने के लिए अपने हाथ आगे बढाता पर वो शायद मुझे देख ही नहीं पाती थी l

आज की शूटिंग हमारी ख़त्म हो चुकी थी और अब एक आखिरी बार परसों हमें शूट करना था l और काफी दिनों से मेरी तृषा से ढंग से बात नहीं हो पाई थी सो मैं पागल हुआ जा रहा था l शूट ख़त्म होते ही सबके सामने मैंने तृषा का हाथ पकड़ा और उसे अपने वैन में ले जाने लगा l
nice update
 
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mashish

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agla update

तृषा – नक्श ! ये क्या कर रहे हो ? सब क्या सोचेंगे ?

मैं – यही की हम दोनों एक दुसरे के प्यार में पागल हैं l और एक दुसरे के बिना एक पल भी नहीं रह सकते l

तृषा – (वैन में आ गयी पर मुझसे दूर बैठी) मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता l

मैं – क्या ? तुम्हे इस तरह अपने साथ लाना या मेरा तुम्हे हद से ज्यादा प्यार करना ?

तृषा – हर चीज़ अपनी हद में ही रहे तो अच्छी लगती है l वर्ना चुभने लगती है l

मैं – मेरा प्यार तुम्हे चुभने लगा है ! (उसके हाथ थामते हुए) तृषा अगर मुझसे कोई भी गलती हुयी हो तो प्लीज मुझे माफ़ कर देना l मैंने तुम्हे ही अपना सब कुछ माना है और तुम ही मुझसे रूठ जाओगी तो मैं सांस भी कैसे ले पाऊंगा l

तृषा – तुम अब बच्चे नहीं हो l जो हर बात को बताना पड़े l तुम समझदार हो और तुम्हारे सामने अपना करियर है, उसपे फोकस करो l (गेट खोल बाहर जाते हुए) बाय !

ये आखिर इस तरह क्यूँ चली गयी ? मुझसे क्या गलती हो गयी ? ऐसा लग रहा था मानो कोई धीरे धीरे मेरे दिल में सुई चुभोता हो और फिर उसी तरह बाहर निकाल रहा हो l मेरे लिए तो सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था l मैंने वैन के दरवाज़े को बंद किया और खुद को शराब के नशे में डुबो दिया l मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ l निशा ने बहुत कोशिश की कि मैं उसके साथ घर चलूँ l पर मैं सबके जाने के बाद अकेला ही सड़कों पर पैदल अपने घर की ओर निकल पड़ा l एक हाथ में शराब की एक बोतल और दुसरे में ग्लास l बरसात की हलकी फुहारें अब तेज़ हो गयी थी l मैं वही सड़क पर बैठ गयाl बोतल से ग्लास में पेग डालता और बारिस उस जाम को पूरा भर देती l बरसात की बूंदों में मेरे आंसू भी खो गए थे जैसे l तभी एक कार मेरे ठीक सामने आ के रुकी l

ड्राईवर नीचे उतरा और मुझे उठा कर उस कार में बिठा दिया l मैंने अपनी बोझिल होती आँखों से उसे पहचानने की कोशिश की “श्वेता थी वो” l उसे देखा और बेहोश हो वहीँ उसकी गोद में गिर पड़ा l न जाने कितने वक़्त तक मैं ऐसे ही बेसुध पड़ा रहा l आखिरकार मुझे होश आया तो फिर से आज मेरे सर में तेज़ दर्द हो रहा था और टेबल पर सर दर्द की दवा और एक ग्लास पानी रखा था l मैं दवा खा कर जैसे ही बिस्तर से उठने को हुआ की चक्कर की वजह से फिर से गिर पड़ा l

“लोगों के प्यार में गिरने की बात तो सुनी थी, पर आज देख भी लिया l” कहते हुए श्वेता कमरे में दाखिल हुयी l

मैं – मुझे पता था की मेरे दोस्त मुझे थाम लेंगे l थैंक यू !

श्वेता – तोड़ दिया न दिल तुमने ? थैंक यू मत बोलो l अब बताओ की कल मरने का इरादा था क्या ? मैं तुम्हे नहीं पहचानती तो पता नहीं क्या हो जाता l

मैं – वो तृषा की बातों ने बेचैन कर दिया था मुझे l तुमने उसे तो कुछ भी नहीं बतायी हो न? वो बेकार में ही परेशान हो जायेगी l

मैं बात कर ही रहा था की निशा वहां आ गयी l

निशा – श्वेता जी बतायी मुझे की कल किस हाल में थे तुम l कैसे तुम किसी पे इतना भरोसा कर लेते हो ! वो तुम्हारे लायक नहीं थी सो तुमसे अलग हो गयी l तुम भी बिलकुल पागल हो l

मैं – अरे तुमलोग गलत समझ रही हो l ऐसी कोई बात नहीं है l बस थोडा काम का टेंशन होगा उसे इसीलिए मुझे इग्नोर कर रही होगी l मुझे पता है वो आज भी मुझे उतना ही चाहती है l

निशा – तुम्हे कुछ भी नहीं कहा उसने ?

मैं – तुम किस बारे में बात कर रही हो ?

श्वेता – कल कुछ ख़ास लोगों को एक पार्टी दी गयी थी l तृषा ने वो पार्टी होस्ट की थी l ब्रेक अप पार्टी थी वो l (फिर से मेरी साँसें बढ़नी शुरू हो गयीं)

मैं – कौन है वो ?

श्वेता – वही जिसके साथ मेरी पार्टी में तृषा को देख के तुम बेचैन हुए थे l और उसी के साथ अभी उसने दो और फ़िल्में साइन की है l

मैंने कुछ भी नहीं कहा, और बाहर जाने लगा l निशा (मेरा हाथ पकड़ते हुए) “कहाँ जा रहे हो?” अभी यही रुको तुम l और कुछ भी बेवकूफी मत करो l (पर मैं हाथ छुड़ाता बाहर आ गया)

टैक्सी लिया मैंने और स्टूडियो की ओर निकल पड़ा जिसने तृषा को साइन किया था l वहां अभी मीडिया वाले भी आयें हुए थें l कोई प्रेस कांफ्रेंस हो रही थी शायद l तृषा और उसका नया बॉयफ्रेंड वही बैठा हुआ था l

मैं बेहद गुस्से में था l गेट कीपर को धक्का देता हुआ मैं अन्दर दाखिल हुआ l तृषा अब तक मुस्कुराते हुए हर सवाल का ज़वाब दे रही थी l मुझे वहां देखते ही उसकी हसी जैसे गायब ही हो गयी l मैं सामने से लोगों को हटाता हुआ ठीक उसके सामने मेज़ पे हाथ रख खड़ा हो गया l

मैं – एक्टिंग बहुत अच्छी कर लेती हो l अब ज़रा इन सब के सामने हस के दिखाओ l

उसका बॉयफ्रेंड – अबे चल भाग यहाँ से l अपनी औकात में रह तू, एक मिनट में यहाँ से गायब करवा दूंगा तुझे l

मैं – (उसके बॉयफ्रेंड को इग्नोर करते हुए, तृषा को) मैंने हसने को कहा न l (चिल्लाते हुए) दिखा न कितनी बड़ी एक्ट्रेस है तू l

उसका बॉयफ्रेंड ने मुझे धक्का दे दिया l मेरा गुस्सा अब सातवें आसमान पे था l मैंने पास में रखी माइक को उसके सर पे दे मारा l इतना करना था की वहां खड़े कुछ लोग मुझे उनसे दूर करने की कोशिस करने लग गए l मैं अब तक जोर जोर से चिल्ला रहा था, “अब दिखा न साली कितनी बड़ी एक्ट्रेस है तू l” पुलिस वहां आ गयी थी और मुझे अपने साथ ले जाने लगी l (मैं एक पैजामे और गंजी में था) जैसे जैसे मैं आगे पुलिस की गाड़ी की ओर बढ़ रहा था प्रेस रिपोर्टरों के सवाल और भी तीखें हो जा रहे थें l मैं लगभग पहुँच ही चुका था गाड़ी की ओर की एक रिपोर्टर ने चिल्लाते हुए पूछा “तुझे आग क्यूँ लग रही है, उसकी मर्ज़ी.. वो किसी के भी साथ सोये l” इतना सुनना था की मेरे बदन में आग सी लग गयी l मैंने उस रिपोर्टर को बालों से पकड ज़मीन पे गिरा दिया और लातें मारने लगा और साथ में कह रहा था “साले तेरी बीवी किसी के साथ सो जाए तो तुझे फर्क नहीं पड़ेगा क्या?” अब पुलिस मुझे लगभग घसीटते हुए वहां से ले गयी l

मैं थाने में था और पुलिस वाले एक दुसरे से कह रहे थें , “इसके तो स्टार बनने से पहले ही ऐसे तेवर हैं... बाद में क्या होगा l” फिर मुझे कमिश्नर के ऑफिस में बिठा दिया गया l

कमिश्नर – जानता हूँ की जवानी में खून कुछ ज्यादा ही खौलता हैl तूने जिसे मारा है न वो इंडस्ट्री के सुपरस्टार का बेटा है l यहाँ से तो तू छुट भी जाएगा पर तेरे करियर का क्या होगा l ये तो सोच लेता l

मैं – लड़कियों का दलाल समझा है मुझे क्या ? जो धंधे के लिए अपनी बीवी को भी कोठे पे बिठा दे l अब मार दिया तो मार दिया, तू उपदेश मत दे मुझे l

इतने में निशा वकील के साथ कमरे में दाखिल हुयी l थोड़ी फॉर्मेलिटी के बाद मैं वहां से बाहर आ चुका था l श्वेता की लिमो कार वहां खड़ी थी l चिल्लाते हुए प्रेस रिपोर्टरों के बीच से मैं गुज़रता कार तक पहुंचा और गेट खोल के खड़ा हो गया l सब कार में बैठ गएँ l मैंने बहुत कोशिश की कि मैं किसी एक सवाल का जवाब तो दे दूँ l पर सब एक साथ कह रहे थें तो बस शोर ही सुनायी दे रहा था l (बांयें हाथ से दो तीन रिपोर्टरों के माइक को पकड़ के दांये हाथ से बीच वाली ऊँगली से इशारा किया) और माइक के करीब जा के बोला “फ़क ऑफ” l अब मैं कार में बैठ चुका था l चारो तरफ से पूरी फ़ौज कार पे गिर रही हो जैसे l अन्दर से बस चेहरें ही दिख रहे थें उनके l मुझे अगर कुछ सुनायी दे रहा था तो अन्दर कार में बजने वाला धीमा संगीत l
good update
 
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मैं श्वेता के घर पे पहुंचा l श्वेता मुझे गले लगाते हुए बोली “मेरी सुनते ही कहाँ हो, रुक जाते तो ये सब नहीं होता न l”

मैं – आज रुक गया होता तो मेरी जिंदगी भी शायद यही थम गयी होती l अब जा के सुकून मिला है l

निशा – हमारी फिल्म के प्रोडूसर बहुत नाराज़ हैं l कितने लोग अब हमारी फिल्म का विरोध करेंगे उसका अंदाजा भी है तुम्हे?

श्वेता – या ये भी तो कह सकती हो की आज के बाद कितने ही लोग तुम लोगों की फिल्म के बारे में जान जायेंगे l और वैसे तो मुझे कुछ और ही पता चला है l

निशा – क्या ?

श्वेता – तुम्हारी इस फिल्म का ट्रेलर कब लांच होना था l

निशा – परसों ... इस आखिरी शूट के ख़त्म होने के बाद l

श्वेता – वो ट्रेलर आज मीडिया को लीक कर दिया गया है l और तुम तो जानती ही हो जब लांच से बेहतर मार्केटिंग लीक करके की जा सकती है तो कोई भी ये ही करेगे l तुम निश्चिन्त रहो , यशराज प्रोडक्शन में अभी भी वैसे लोग हैं जो इस इवेंट से पैसे बनाना जानते हैं l

मैंने टी वि ऑन किया l हर न्यूज़ चैनल पे बस मैं ही मैं था और मेरे लीक हो चुके फिल्म के ट्रेलर चल रहे थें l तभी मुझे ख्याल आया “मेरे घर पे भी तो सब देख रहे होंगे ये न्यूज़”l अब वक़्त आ चूका था.... मुझे अब घर पे बात कर लिए चाहिए l

मैंने अपना फ़ोन लिया और एक कोने में चला गया l मेरे हाथ कांप रहे थे l एक एक बटन बड़ी मुश्किल से दबा पा रहा था मैं l आखिर फ़ोन लग ही गया l पर दो रिंग के बाद मैंने फ़ोन काट दिया l मुझे हिम्मत नहीं हो रही थी बात करने की l आज सन्डे भी था सो मुझे पता था की सब घर पे ही होंगे l तभी मेरे घर से कॉल आ गया l मैंने रिसीव का बटन दबा दिया l पहली आवाज़ पापा की थी ...

पापा – हेलो , ये किनका नंबर है ? अभी एक मिस्ड कॉल आया था इस नंबर से l

मैं – जी मैं बोल रहा हूँ l

पापा- (उनकी आवाज़ अब भारी हो गयी थी) अब याद आयी हमारी ?

मैं – मैं टिकेट मेल कर रहा हूँ l मैं आप सबको देखना चाहता हूँ l मैं फ़ोन पे बात नहीं कर पाऊंगा l

पापा – टी वि पे हमने न्यूज़ देखा है , तुम परेशान मत होना l हम सब हैं तुम्हारे साथ और कल हम सब आ रहे हैं l और बेटा दो टिकेट एक्स्ट्रा भेज देना, तुम्हारे चाचा चाची भी तुमसे मिलना चाहते हैं l

मैं – ठीक है l आप सब अपना सामान पैक करें और एअरपोर्ट पे दो घंटे में पंहुचें, मैं प्राइवेट जेट भेज रहा हूँ l

पापा ने शायद फ़ोन लाउडस्पीकर पे किया हुआ था l तभी मम्मी की आवाज़ आयी l

“कैसे हो बेटा l ठीक तो हो न ? और हम सब कल आ रहे हैं l तुम बिलकुल भी चिंता मत करना l”

मैं – ठीक है l मैं अब बात नहीं कर पाऊंगा, आप सब बस आ जाईये l और मैंने फ़ोन काट दिया l

ये ऐसा क्यूँ होता है की जब भी कुछ बुरा होता है मेरे साथ तो मेरी हर बुरी याद फ़्लैश बेक की तरह मेरे सामने से गुज़र जाती है l आज भी वैसा ही हो रहा था l मेरी आँखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थें l और मैं पागल हुआ जा रहा था l जैसे तैसे मैंने खुद को काबू किया l और अन्दर जहाँ श्वेता और निशा बैठें थें मैं वहां पहुंचा l

श्वेता – क्या हुआ ?

मैं – मेरी फॅमिली आ रही है मुंबई l उनके रहने का इंतजाम.... l

श्वेता – मैं मैनेज करवा देती हूँ l

मैं – और हाँ एक प्राइवेट जेट गया से उन्हें लाने के लिए भेज देना मैं पैसे भर दूंगा l और निशा, मैं अब से उनके साथ ही रहूँगा l तुम सब के साथ बिताये हर वक़्त की बहुत याद आएगी l

निशा – तुम्हे इस वक़्त अपने परिवार की ज़रूरत भी है l हम सब वहां पे आते रहेंगे l

मैं – (श्वेता से ) मैं थोड़ी देर आराम कर लूँ फिर सब लोग आयेंगे तो आज मुझे सोने को नहीं मिलने वाला है l

श्वेता – ह्म्म्म .. तुम आराम करो l

निशा – इतना बड़ा कांड कर दिया है तुमने और अब भी अपनी नींद पूरी करने में लगे हो l (अपना हाथ जोड़ते हुए) महान हो तुम ! (फिर सब हसने लगे और मैं आराम करने चला गया)

मैं अब अपने सपने में था और मेरे सामने मेरा पहला प्यार तृषा थी, किसी ऊँची बिल्डिंग की छत से नीचे लटक रही थी l “निशु प्लीज मुझे बचा लो l मैं जीना चाहती हूँ तुम्हारे साथ l” (वो अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा रही थी और मैं कितनी भी कोशिश कर रहा था पर उसके हाथ को थामना तो दूर उसे छू भी नहीं पा रहा था) जितना वो मुझसे दूर होती जा रही थी मेरे दिल की धड़कन उतनी ही तेज़ हो रही थी l तभी तृषा का हाथ छूट गया और वो नीचे गिरने लगी l मैं जोर से “तृषा” चिल्लाता हुआ बिस्तर से उठ के बैठ गया l मेरी धड़कन अब बहुत तेज़ थी और पूरा शरीर पसीने से नहाया हुआ था l मैं लम्बी लम्बी साँसें ले रहा था l तभी निशा अन्दर दाखिल हुयी “तुम्हारी फैमिली यहाँ आ चुकी है, तैयार हो जाओ l”
 

naqsh8521

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मेरी दिल की धड़कन शांत भी नहीं हुयी थी की इसे बेचैन होने की एक और वजह मिल गयीl मैं वैसे ही बिस्तर पे बैठा रहा... जैसे जैसे सब पास आते जा रहें थें मेरा गला सूखता जा रहा था और आँखें भरने लगी थी l दरवाज़ा खुला और सबसे पहले मम्मी पे नज़र पड़ी l फिर सब लोग आ गएँ l

मम्मी – (मुझे अपने सीने से लगाते हुए) क्या हाल बना रखा है अपना l एक बार भी हमारी याद नहीं आयी तुम्हे?

पापा – अब ताने मत मारो मेरे बेटे को l (और फिर उन्होंने भी मुझे गले से लगा लिया)

बहन – (उसने भी हमें ज्वाइन कर लिया) मैं भी हूँ इस परिवार में l एक फ़ोन कॉल तो किया नहीं गया l सब कितने परेशान थे l

मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मेरे गले ने मेरा साथ नहीं दिया l आवाज़ अन्दर ही दब कर रह गयी l बस हम सब एक दुसरे को पकड के रोये जा रहे थें l

पापा – बस भी करो l तुम सब ने तो सास बहु वाले सीरियल को भी पीछे छोड़ दिया है रोने में l अब हमारा बेटा सुपरस्टार बन गया है l खुश तो हो जाओ कम से कम l और मुझे सब से अलग करते हुए मुझे शांत करने लग गए l

मैंने अपने जज्बातों को किसी तरह काबू में किया l अब सब मुझे घेर के बैठ गएँ थे l मैंने सबको देखा पर चाचा और चाची वहां नहीं थे सो मैंने पूछ लिया “चाचा जी भी आने वाले थे न?

पापा ने निशा को इशारा किया और वो बाकी को कमरे में लाने चली गयी l मैं सबसे बातें करने लग गया l थोड़ी देर में निशा कमरे में दाखिल हुयी l मैंने पूछा “चाचा जी कहाँ हैं ?”

तभी कमरे में तृषा के मम्मी पापा दाखिल हुए l मेरी आवाज़ गले तक ही आ के रुक गयी l

तृषा की मम्मी – बेटा हम तुम्हारे गुनहगार हैं, हमें जो सज़ा देना है दे दो l हममें इतनी हिम्मत नहीं की हम तुमसे नज़रें भी मिला सके l (और दोनों अपने हाथ जोड़ते हुए) हमें माफ़ कर दो l जिन हाथों से अपनी बेटी का कन्यादान करना था हमें हमने उन्ही हाथों से उसके हर अरमानों का गला घोंट, उसे मार डाला l

मैं बिस्तर से उठ कर उनके पास गया और उनके हाथ पकड़ कर “अगर मैंने अपना प्यार खोया है तो आपने भी तो अपनी बेटी को खो दिया l मेरा प्यार तो महज़ चंद सालों का था पर आपके प्यार के सामने वो कुछ भी नहीं था l मैं जानता हूँ की मैं जितना तडपा हूँ तृषा के लिए उससे कई ज्यादा दुःख आपको हुआ है l मैं तृषा की कमी पूरी नहीं कर सकता पर आपका बेटा तो बन ही सकता हूँ l तृषा भी होती तो वो कभी ये नहीं चाहती की उसकी वजह से आपकी आँखों में आंसू आयें l और माँ बाप तो बच्चों को आशीर्वाद देते हैं उनसे माफ़ी नहीं मांगते l”

उसके मम्मी पापा ने मुझे गले से लगा लिया l तभी श्वेता और निशा कमरे में आयी...

निशा – बहुत हुआ रोना धोना सबका अब चलिए खाना तैयार है l और नक्श तुम्हे कल के लिए तैयारी भी करनी है l कल आखिरी शॉट है फिल्म का l

श्वेता – और जहाँ तक मुझे पता चला है कल जाने माने फिल्म क्रिटिक्स और मीडिया वाले होंगे वहां सो गलती की कोई गुंजाइश नहीं है कल l अगर गलती की तुमने तो हो सकता है ये पहली फिल्म ही तुम्हारी आखिरी फिल्म बन जाए l

मेरे पापा – बेटा मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ l

मैं – हाँ कहिये l

“आज़ जब मैंने टी वि पे तुम्हारी खबर देखा तो एक बार तो बहुत बुरा लगा की तुमने एक कॉल भी नहीं किया मुझे यहाँ आ के l पर जब उन्होंने तुम्हारे काम के बारे में बातें की और तुम्हारी फिल्म के कुछ सीन दिखाएँ तब मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया l तुमने ऐसे वक़्त में ये मुकाम हासिल किया है जहाँ कोई दूसरा होता तो शायद फिर से खड़े होने की आस तक छोड़ देता l कल जो भी हो पर मेरे और हम सब के लिए तुम एक सुपरस्टार हो l

मैं – मैं तो आप सब का बेटा बन के ही खुश हूँ l

और फिर हम सब डिनर हॉल की ओर चल दियें l उस रात हमने खूब मस्ती की l और जैसा की मैंने सोचा था किसी ने मुझे सोने नहीं दिया l



दुसरे दिन सुबह सुबह मैं तैयार हो गया शूटिंग पे जाने के लिए l श्वेता की कार और ड्राईवर के साथ मैं लोकेशन की तरफ चल पड़ा l रास्ते में कहीं मेरे पुतले जलाए जा रहें थें तो कहीं मेरे नाम से नारेबाजियां हो रही थी l लोकेशन के पास मीडिया वालों की पूरी फ़ौज खड़ी थी l आज यशराज से जुड़े सारे बड़े नाम मौजूद थे वहां l मैं अन्दर दाखिल हुआ और अपने वैन में बैठ गया l थोड़ी देर में निशा मेरे वैन में दाखिल हुयी l

निशा – मेरी तरफ देखो l (मैं उसे दखने लगा) पता है क्यों मैं तुम्हे अपने साथ यहाँ लाई थी? क्यूँ मैंने तुमपे इतना भरोसा किया? क्यूँ तुम्हे एक्टिंग करने कहती थी?

मैं – क्यूँ ?

निशा – (मेरे सीने पे हाथ रखते हुए) इस दिल की वजह से ! एक्टिंग दिल से की जाती है और जिसका दिल जितना साफ़ है उसकी एक्टिंग में उतनी ही गहराई होती है l फरेब से भरे दिल दिखावा कर सकते हैं पर कभी एक्टिंग नहीं कर सकतें l खुद पे यकीन करो और सच्चे दिल से डूब जाओ किरदार में... भूल जाना की सामने जो खड़ा है उसके साथ नक्श का कोई रिश्ता है l बस एक बात याद रखना की तुम वो हो जो इन स्क्रिप्ट के चंद पन्नो में लिखा हैl ये याद भी मत करना की तुम्हारी कोई दुनिया है जो इस स्क्रिप्ट से बाहर है l तुम खुद को भूलने आये थे न यहाँ l आज ही सही वक़्त है खुद को भूल जाने का l

मैं – (लम्बी सांस लेते हुए) और कोई बात ?

निशा – नहीं ...l

फिर मैं जाने को मुडा तभी निशा ने मेरा हाथ पकड़ लिया l

“एक और बात मैं कहना चाहती हूँ l मैंने तुम्हे देखा है दर्द में चिल्लाते हुए, ख़ुशी में मुस्कुराते हुए और अपने जज्बातों को जाहिर करते हुए l जब जब इस फिल्म में तुम दर्द से चिल्लाये हो मेरी भी आँखें भर आयें हैं l जब भी तुम यहाँ ख़ुशी में मुस्कुराए हो मेरे होठ भी मुस्काये हैं और जब जब तुमने यहाँ फिल्म के किरदारों को अपने जज़्बात दिखाए हो तब तब ऐसा लगा है की उन किरदारों की जगह तुम मुझसे ही कुछ कह रहे हो l

तुम मेरे लिए एक सुपरस्टार हो और हमेशा रहोगे l मैं आज तक किसी की फैन नहीं थी पर तुमने मुझे अपना मुरीद बना लिया है l जाओ और दिखा दो इस दुनिया को की तुमसे बड़ा एक्टर न पैदा हुआ है ना ही कभी पैदा होगा l”

मैं अब वैन से बाहर आ चूका था l सामने पत्रकारों और फिल्म क्रिटिक्स की पूरी फ़ौज खड़ी थी l तभी सुभाष जी आयें ...

सुभाष जी – आज ये सब नहीं मानेंगे नक्श l इन्हें इंटरव्यू दे दो तब ही शूटिंग शुरू हो पाएगी l

मैं – ठीक है l

कुर्सियां लग गयीं और मैं बैठ गया l तकरीबन सौ के आस पास पत्रकार थे l और लगभग तमाम चैनलों पे ये इंटरव्यू लाइव दिखाया जा रहा था l
 

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मैं श्वेता के घर पे पहुंचा l श्वेता मुझे गले लगाते हुए बोली “मेरी सुनते ही कहाँ हो, रुक जाते तो ये सब नहीं होता न l”

मैं – आज रुक गया होता तो मेरी जिंदगी भी शायद यही थम गयी होती l अब जा के सुकून मिला है l

निशा – हमारी फिल्म के प्रोडूसर बहुत नाराज़ हैं l कितने लोग अब हमारी फिल्म का विरोध करेंगे उसका अंदाजा भी है तुम्हे?

श्वेता – या ये भी तो कह सकती हो की आज के बाद कितने ही लोग तुम लोगों की फिल्म के बारे में जान जायेंगे l और वैसे तो मुझे कुछ और ही पता चला है l

निशा – क्या ?

श्वेता – तुम्हारी इस फिल्म का ट्रेलर कब लांच होना था l

निशा – परसों ... इस आखिरी शूट के ख़त्म होने के बाद l

श्वेता – वो ट्रेलर आज मीडिया को लीक कर दिया गया है l और तुम तो जानती ही हो जब लांच से बेहतर मार्केटिंग लीक करके की जा सकती है तो कोई भी ये ही करेगे l तुम निश्चिन्त रहो , यशराज प्रोडक्शन में अभी भी वैसे लोग हैं जो इस इवेंट से पैसे बनाना जानते हैं l

मैंने टी वि ऑन किया l हर न्यूज़ चैनल पे बस मैं ही मैं था और मेरे लीक हो चुके फिल्म के ट्रेलर चल रहे थें l तभी मुझे ख्याल आया “मेरे घर पे भी तो सब देख रहे होंगे ये न्यूज़”l अब वक़्त आ चूका था.... मुझे अब घर पे बात कर लिए चाहिए l

मैंने अपना फ़ोन लिया और एक कोने में चला गया l मेरे हाथ कांप रहे थे l एक एक बटन बड़ी मुश्किल से दबा पा रहा था मैं l आखिर फ़ोन लग ही गया l पर दो रिंग के बाद मैंने फ़ोन काट दिया l मुझे हिम्मत नहीं हो रही थी बात करने की l आज सन्डे भी था सो मुझे पता था की सब घर पे ही होंगे l तभी मेरे घर से कॉल आ गया l मैंने रिसीव का बटन दबा दिया l पहली आवाज़ पापा की थी ...

पापा – हेलो , ये किनका नंबर है ? अभी एक मिस्ड कॉल आया था इस नंबर से l

मैं – जी मैं बोल रहा हूँ l

पापा- (उनकी आवाज़ अब भारी हो गयी थी) अब याद आयी हमारी ?

मैं – मैं टिकेट मेल कर रहा हूँ l मैं आप सबको देखना चाहता हूँ l मैं फ़ोन पे बात नहीं कर पाऊंगा l

पापा – टी वि पे हमने न्यूज़ देखा है , तुम परेशान मत होना l हम सब हैं तुम्हारे साथ और कल हम सब आ रहे हैं l और बेटा दो टिकेट एक्स्ट्रा भेज देना, तुम्हारे चाचा चाची भी तुमसे मिलना चाहते हैं l

मैं – ठीक है l आप सब अपना सामान पैक करें और एअरपोर्ट पे दो घंटे में पंहुचें, मैं प्राइवेट जेट भेज रहा हूँ l

पापा ने शायद फ़ोन लाउडस्पीकर पे किया हुआ था l तभी मम्मी की आवाज़ आयी l

“कैसे हो बेटा l ठीक तो हो न ? और हम सब कल आ रहे हैं l तुम बिलकुल भी चिंता मत करना l”

मैं – ठीक है l मैं अब बात नहीं कर पाऊंगा, आप सब बस आ जाईये l और मैंने फ़ोन काट दिया l

ये ऐसा क्यूँ होता है की जब भी कुछ बुरा होता है मेरे साथ तो मेरी हर बुरी याद फ़्लैश बेक की तरह मेरे सामने से गुज़र जाती है l आज भी वैसा ही हो रहा था l मेरी आँखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थें l और मैं पागल हुआ जा रहा था l जैसे तैसे मैंने खुद को काबू किया l और अन्दर जहाँ श्वेता और निशा बैठें थें मैं वहां पहुंचा l

श्वेता – क्या हुआ ?

मैं – मेरी फॅमिली आ रही है मुंबई l उनके रहने का इंतजाम.... l

श्वेता – मैं मैनेज करवा देती हूँ l

मैं – और हाँ एक प्राइवेट जेट गया से उन्हें लाने के लिए भेज देना मैं पैसे भर दूंगा l और निशा, मैं अब से उनके साथ ही रहूँगा l तुम सब के साथ बिताये हर वक़्त की बहुत याद आएगी l

निशा – तुम्हे इस वक़्त अपने परिवार की ज़रूरत भी है l हम सब वहां पे आते रहेंगे l

मैं – (श्वेता से ) मैं थोड़ी देर आराम कर लूँ फिर सब लोग आयेंगे तो आज मुझे सोने को नहीं मिलने वाला है l

श्वेता – ह्म्म्म .. तुम आराम करो l

निशा – इतना बड़ा कांड कर दिया है तुमने और अब भी अपनी नींद पूरी करने में लगे हो l (अपना हाथ जोड़ते हुए) महान हो तुम ! (फिर सब हसने लगे और मैं आराम करने चला गया)

मैं अब अपने सपने में था और मेरे सामने मेरा पहला प्यार तृषा थी, किसी ऊँची बिल्डिंग की छत से नीचे लटक रही थी l “निशु प्लीज मुझे बचा लो l मैं जीना चाहती हूँ तुम्हारे साथ l” (वो अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा रही थी और मैं कितनी भी कोशिश कर रहा था पर उसके हाथ को थामना तो दूर उसे छू भी नहीं पा रहा था) जितना वो मुझसे दूर होती जा रही थी मेरे दिल की धड़कन उतनी ही तेज़ हो रही थी l तभी तृषा का हाथ छूट गया और वो नीचे गिरने लगी l मैं जोर से “तृषा” चिल्लाता हुआ बिस्तर से उठ के बैठ गया l मेरी धड़कन अब बहुत तेज़ थी और पूरा शरीर पसीने से नहाया हुआ था l मैं लम्बी लम्बी साँसें ले रहा था l तभी निशा अन्दर दाखिल हुयी “तुम्हारी फैमिली यहाँ आ चुकी है, तैयार हो जाओ l”
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मेरी दिल की धड़कन शांत भी नहीं हुयी थी की इसे बेचैन होने की एक और वजह मिल गयीl मैं वैसे ही बिस्तर पे बैठा रहा... जैसे जैसे सब पास आते जा रहें थें मेरा गला सूखता जा रहा था और आँखें भरने लगी थी l दरवाज़ा खुला और सबसे पहले मम्मी पे नज़र पड़ी l फिर सब लोग आ गएँ l

मम्मी – (मुझे अपने सीने से लगाते हुए) क्या हाल बना रखा है अपना l एक बार भी हमारी याद नहीं आयी तुम्हे?

पापा – अब ताने मत मारो मेरे बेटे को l (और फिर उन्होंने भी मुझे गले से लगा लिया)

बहन – (उसने भी हमें ज्वाइन कर लिया) मैं भी हूँ इस परिवार में l एक फ़ोन कॉल तो किया नहीं गया l सब कितने परेशान थे l

मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मेरे गले ने मेरा साथ नहीं दिया l आवाज़ अन्दर ही दब कर रह गयी l बस हम सब एक दुसरे को पकड के रोये जा रहे थें l

पापा – बस भी करो l तुम सब ने तो सास बहु वाले सीरियल को भी पीछे छोड़ दिया है रोने में l अब हमारा बेटा सुपरस्टार बन गया है l खुश तो हो जाओ कम से कम l और मुझे सब से अलग करते हुए मुझे शांत करने लग गए l

मैंने अपने जज्बातों को किसी तरह काबू में किया l अब सब मुझे घेर के बैठ गएँ थे l मैंने सबको देखा पर चाचा और चाची वहां नहीं थे सो मैंने पूछ लिया “चाचा जी भी आने वाले थे न?

पापा ने निशा को इशारा किया और वो बाकी को कमरे में लाने चली गयी l मैं सबसे बातें करने लग गया l थोड़ी देर में निशा कमरे में दाखिल हुयी l मैंने पूछा “चाचा जी कहाँ हैं ?”

तभी कमरे में तृषा के मम्मी पापा दाखिल हुए l मेरी आवाज़ गले तक ही आ के रुक गयी l

तृषा की मम्मी – बेटा हम तुम्हारे गुनहगार हैं, हमें जो सज़ा देना है दे दो l हममें इतनी हिम्मत नहीं की हम तुमसे नज़रें भी मिला सके l (और दोनों अपने हाथ जोड़ते हुए) हमें माफ़ कर दो l जिन हाथों से अपनी बेटी का कन्यादान करना था हमें हमने उन्ही हाथों से उसके हर अरमानों का गला घोंट, उसे मार डाला l

मैं बिस्तर से उठ कर उनके पास गया और उनके हाथ पकड़ कर “अगर मैंने अपना प्यार खोया है तो आपने भी तो अपनी बेटी को खो दिया l मेरा प्यार तो महज़ चंद सालों का था पर आपके प्यार के सामने वो कुछ भी नहीं था l मैं जानता हूँ की मैं जितना तडपा हूँ तृषा के लिए उससे कई ज्यादा दुःख आपको हुआ है l मैं तृषा की कमी पूरी नहीं कर सकता पर आपका बेटा तो बन ही सकता हूँ l तृषा भी होती तो वो कभी ये नहीं चाहती की उसकी वजह से आपकी आँखों में आंसू आयें l और माँ बाप तो बच्चों को आशीर्वाद देते हैं उनसे माफ़ी नहीं मांगते l”

उसके मम्मी पापा ने मुझे गले से लगा लिया l तभी श्वेता और निशा कमरे में आयी...

निशा – बहुत हुआ रोना धोना सबका अब चलिए खाना तैयार है l और नक्श तुम्हे कल के लिए तैयारी भी करनी है l कल आखिरी शॉट है फिल्म का l

श्वेता – और जहाँ तक मुझे पता चला है कल जाने माने फिल्म क्रिटिक्स और मीडिया वाले होंगे वहां सो गलती की कोई गुंजाइश नहीं है कल l अगर गलती की तुमने तो हो सकता है ये पहली फिल्म ही तुम्हारी आखिरी फिल्म बन जाए l

मेरे पापा – बेटा मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ l

मैं – हाँ कहिये l

“आज़ जब मैंने टी वि पे तुम्हारी खबर देखा तो एक बार तो बहुत बुरा लगा की तुमने एक कॉल भी नहीं किया मुझे यहाँ आ के l पर जब उन्होंने तुम्हारे काम के बारे में बातें की और तुम्हारी फिल्म के कुछ सीन दिखाएँ तब मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया l तुमने ऐसे वक़्त में ये मुकाम हासिल किया है जहाँ कोई दूसरा होता तो शायद फिर से खड़े होने की आस तक छोड़ देता l कल जो भी हो पर मेरे और हम सब के लिए तुम एक सुपरस्टार हो l

मैं – मैं तो आप सब का बेटा बन के ही खुश हूँ l

और फिर हम सब डिनर हॉल की ओर चल दियें l उस रात हमने खूब मस्ती की l और जैसा की मैंने सोचा था किसी ने मुझे सोने नहीं दिया l



दुसरे दिन सुबह सुबह मैं तैयार हो गया शूटिंग पे जाने के लिए l श्वेता की कार और ड्राईवर के साथ मैं लोकेशन की तरफ चल पड़ा l रास्ते में कहीं मेरे पुतले जलाए जा रहें थें तो कहीं मेरे नाम से नारेबाजियां हो रही थी l लोकेशन के पास मीडिया वालों की पूरी फ़ौज खड़ी थी l आज यशराज से जुड़े सारे बड़े नाम मौजूद थे वहां l मैं अन्दर दाखिल हुआ और अपने वैन में बैठ गया l थोड़ी देर में निशा मेरे वैन में दाखिल हुयी l

निशा – मेरी तरफ देखो l (मैं उसे दखने लगा) पता है क्यों मैं तुम्हे अपने साथ यहाँ लाई थी? क्यूँ मैंने तुमपे इतना भरोसा किया? क्यूँ तुम्हे एक्टिंग करने कहती थी?

मैं – क्यूँ ?

निशा – (मेरे सीने पे हाथ रखते हुए) इस दिल की वजह से ! एक्टिंग दिल से की जाती है और जिसका दिल जितना साफ़ है उसकी एक्टिंग में उतनी ही गहराई होती है l फरेब से भरे दिल दिखावा कर सकते हैं पर कभी एक्टिंग नहीं कर सकतें l खुद पे यकीन करो और सच्चे दिल से डूब जाओ किरदार में... भूल जाना की सामने जो खड़ा है उसके साथ नक्श का कोई रिश्ता है l बस एक बात याद रखना की तुम वो हो जो इन स्क्रिप्ट के चंद पन्नो में लिखा हैl ये याद भी मत करना की तुम्हारी कोई दुनिया है जो इस स्क्रिप्ट से बाहर है l तुम खुद को भूलने आये थे न यहाँ l आज ही सही वक़्त है खुद को भूल जाने का l

मैं – (लम्बी सांस लेते हुए) और कोई बात ?

निशा – नहीं ...l

फिर मैं जाने को मुडा तभी निशा ने मेरा हाथ पकड़ लिया l

“एक और बात मैं कहना चाहती हूँ l मैंने तुम्हे देखा है दर्द में चिल्लाते हुए, ख़ुशी में मुस्कुराते हुए और अपने जज्बातों को जाहिर करते हुए l जब जब इस फिल्म में तुम दर्द से चिल्लाये हो मेरी भी आँखें भर आयें हैं l जब भी तुम यहाँ ख़ुशी में मुस्कुराए हो मेरे होठ भी मुस्काये हैं और जब जब तुमने यहाँ फिल्म के किरदारों को अपने जज़्बात दिखाए हो तब तब ऐसा लगा है की उन किरदारों की जगह तुम मुझसे ही कुछ कह रहे हो l

तुम मेरे लिए एक सुपरस्टार हो और हमेशा रहोगे l मैं आज तक किसी की फैन नहीं थी पर तुमने मुझे अपना मुरीद बना लिया है l जाओ और दिखा दो इस दुनिया को की तुमसे बड़ा एक्टर न पैदा हुआ है ना ही कभी पैदा होगा l”

मैं अब वैन से बाहर आ चूका था l सामने पत्रकारों और फिल्म क्रिटिक्स की पूरी फ़ौज खड़ी थी l तभी सुभाष जी आयें ...

सुभाष जी – आज ये सब नहीं मानेंगे नक्श l इन्हें इंटरव्यू दे दो तब ही शूटिंग शुरू हो पाएगी l

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