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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

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# 33 .
3 जनवरी 2002, गुरुवार, 18:30; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका।

ठीक दो घंटे के बाद राबर्ट और स्मिथ, जेरार्ड के रुम में बैठे थे। जेरार्ड इस समय अपने रुम में चहलकदमी कर रहे थे। उस रुम में एक अजनबी और भी बैठा था, जिसे राबर्ट और स्मिथ नहीं जानते थे। उस अजनबी का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली दिख रहा था-

“लगभग 6.5 फुट की हाइट, कर्ली बाल, बड़ी-बड़ी आँखें, लोहे जैसे ठोस हाथों में उभरी हुई मसल्स, बलिष्ठ शरीर।“

राबर्ट और स्मिथ एक पल में उस अजनबी के व्यक्तित्व से इंप्रेस हो गये। फिलहाल कमरे में निस्तब्ध सन्नाटा व्याप्त था। अब सभी को इंतजार था तो बस जेरार्ड के बोलने का। कुछ देर रुम में टहलने के बाद जेरार्ड वापस आकर अपनी चेयर पर बैठ गये। उन्होंने पहले वहां पर मौजूद सभी लोगों पर नजरें डाली और फिर बोल उठे-

“सबसे पहले मैं आप लोगों का परिचय करा दूं।“
“इनका नाम व्योम है, ये सी.आई.ए. के एक काबिल एजेंट हैं।“ जेरार्ड ने उस अजनबी की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“सी.आई.ए.!“ राबर्ट और स्मिथ के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले।

“जी हां !“ जेरार्ड ने हामी भरते हुए कहा- “मुझे नहीं लगता कि अब ‘सुप्रीम’ का केस हम लोग और हैण्डल कर पायेंगे। इसलिए मैंने यह केस सी.आई.ए. के हवाले कर दिया है।“

“ये मिस्टर व्योम हैं।“ जेरार्ड ने कुछ देर रुककर फिर बोलना शुरु कर दिया- “ये भारतीय मूल के जरुर हैं, पर इन्हें अमेरिकन नागरिकता प्राप्त है, मैंने इन्हें सुप्रीम की सारी जानकारी दे दी है। और मिस्टर व्योम इस मिशन पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।“

“और ये मिस्टर राबर्ट और मिस्टर स्मिथ हैं।“ जेरार्ड ने राबर्ट और स्मिथ का परिचय व्योम से कराते हुए कहा- “सुप्रीम का सारा अधिकारिक कार्य, यही लोग संभाल रहे हैं।“ व्योम ने आगे बढ़कर राबर्ट और स्मिथ से बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया।

व्योम के हाथ मिलाने के तरीके से ही राबर्ट और स्मिथ को व्योम की ताकत का अंदाजा हो गया। अब सभी की निगाहें व्योम की तरफ थीं। सभी को अपनी तरफ देखता देख, व्योम ने बोलना शुरु कर दिया-

“मैं समय ना बर्बाद करते हुए सीधे प्वांइट पर आता हूं। सबसे पहले मुझे उस जगह के लोकेशन को-आर्डीनेट चाहिए, जहां से ‘सुप्रीम’ से आखिरी बार सिग्नल मिला था।“

“ठीक है, मैं आपको बारामूडा त्रिकोण का मैप और उस लोकेशन के को आर्डीनेट आपको दे देता हूं।“ राबर्ट ने व्योम को देखते हुए कहा- “और क्या चीज आपको चाहिए होगी ?“

“अगर हो सके तो मुझे बारामूडा द्वीप से एक पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर दिला दीजिए। मैं उसी से सुप्रीम को ढूंढने की कोशिश करुंगा।“ व्योम ने अपना प्लान शेयर करते हुए कहा।

“शायद आपको पता नहीं है कि उस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगे विद्यमान हैं, जो आपके हेली कॉप्टर को ज्यादा आगे नहीं बढ़ने देंगी।“ स्मिथ ने कहा।

“मालूम है, सब मालूम है इसलिए तो मैं आपसे पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर मांग रहा हूं, जिससे अगर कहीं मेरा हेलीकॉप्टर खराब भी हो जाए, तो मैं आसानी से उसे उतार सकूं। इस तरह का जो नया टू सीटर हेली कॉप्टर आया है, उसमें एक टरबाइन मोटर भी लगी होती है। जिससे मौका पड़ने पर उसे मोटरबोट की तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है और यह टरबाइन मोटर चूंकि इलेक्ट्रानिक नहीं होती इसलिए उस पर विद्युत चुम्बकीय तरंगों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।“

व्योम का जुनून देखकर एक बार तो राबर्ट भी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो गया।

“आई लाइक योर प्लान मिस्टर व्योम।“ राबर्ट ने व्योम की तारीफ करते हुए कहा- “मैं जल्दी ही आपके लिए ये सब व्यवस्था करवाए देता हूं। क्या आपको इस मिशन के लिए कोई और साथी चाहिए होगा ? आई मीन हेलीकॉप्टर का पायलेट वगैरह।“

“जी नहीं !“ व्योम ने मना करते हुए कहा- “वैसे मैं अपने बारे में आपको बता दूं, मैं मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट हूं। मैं 25 मिनट तक अंडर वाटर बिना सांस लिए स्विम कर सकता हूं। मैं सभी तरीके के हथियार चलाना जानता हूं। मैं दुनिया की 10 से भी ज्यादा भाषा बोल लेता हूं। और मैं हेलीकॉप्टर सहित सभी तरीके के वेहैकिल ड्राइव कर लेता हूं। इसलिए मुझे किसी भी तरह की हेल्प की जरुरत नहीं है और वैसे भी मैं नहीं चाहता कि इस खतरनाक मिशन में मेरे अलावा कोई और अपनी जान खतरे में डाले।“ व्योम की बातें सुन अब जेरार्ड भी इंप्रेस दिख रहे थे।

“ओ.के. मिस्टर व्योम, मैं अभी सारी व्यवस्थाएं करवाता हूं।“ यह बोल स्मिथ तुरंत कमरे से बाहर निकल गया।

4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 08:00; बारामूडा द्वीप।

व्योम न्यूयार्क से तुरंत एक प्लेन पकड़कर बारामूडा द्वीप के लिए रवाना हो गया। एयरपोर्ट से निकलकर वह सीधे बारामूडा द्वीप के बंदरगाह पर पहुंचा। वहां उसने जैसे ही अपना परिचय दिया, उसे उसकी पसंद का एक हेलीकॉप्टर दे दिया गया। जिसका फ्यूल टैंक फुल का इंडीकेशन दिखा रहा था। व्योम ने हेलीकॉप्टर के अंदर प्रवेश किया। कुछ ही देर में व्योम हेलीकॉप्टर सहित हवा में था।

लगभग 8 घंटे हेलीकॉप्टर ड्राइव करने के बाद व्योम को समुद्र में खड़ा एक विशालकाय क्रूज दिखाई दिया। सिग्नल देकर व्योम ने अपना हेलीकॉप्टर उस क्रूज पर उतार लिया। वहां उसके हेली कॉप्टर का फ्यूल टैंक दोबारा से फुल कर दिया गया।

“मिस्टर व्योम, अब से 20 घंटे के बाद हमारा क्रूज उस जगह पर पहुंच जाएगा, जहां से कि हमें ‘सुप्रीम’ का अंतिम सिग्नल मिला था।“

क्रूज के अधिकारी ने व्योम को देखते हुए कहा- “उससे आगे हम लोगों की जाने की इजाजत भी नहीं है। क्यों कि उसके आगे बारामूडा त्रिकोण का वह खतरनाक क्षेत्र शुरू हो जाता है, जहां जाकर कोई अभी तक वापस नहीं आया। तब तक आप क्रूज पर आराम कर सकते हैं। जब हम उस जगह पर पहुंच जाएंगे तो आपको बता देंगे।“ इतना कहकर क्रूज के उस अधिकारी ने एक गार्ड को व्योम का रूम दिखाने के लिए कह दिया।

कुछ देर तक डेक पर खड़े हो कर व्योम ढलते हुए सूर्य को देखता रहा। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह मौत से दो-दो हाथ करने को बेताब हो। फिर व्योम धीरे से उस गार्ड के साथ चल दिया।


4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 15:00; “सुप्रीम”

सुप्रीम मंथर गति से चल रहा था। दोपहर के लगभग 3:00 बज रहे थे। शिप पर असलम देर से सोने की वजह से अभी नहीं उठा था। वह बहुत गहरी नींद में सो रहा था कि तभी अचानक रूम की डोर बेल बजने से उसकी नींद खुल गई। उठते ही पहले असलम ने आंखें मसल कर घड़ी पर नजर डाली। तब तक डोर बेल कई बार बज चुकी थी।

असलम ने तेजी से उठकर रुम का दरवाजा खोला। बाहर सिक्योरिटी इंचार्ज लारा खड़ा था। उसकी भी लाल आंखें इस बात की गवाही दे रहीं थीं कि वह भी ठीक से सो नहीं पाया है।

“सर, जल्दी चलिए दूर कहीं एक और आईलैंड दिखाई दे रहा है।“ लारा ने घबराए स्वर में कहा।

“एक और आईलैंड?“ असलम के स्वर में आश्चर्य झलका।

“जी हां.....।“ लारा ने हामी भरते हुए कहा।

“तुमने कैप्टेन से इसके बारे में बताया कि नहीं ?“ असलम ने जल्दी-जल्दी वाशबेसिन से पानी ले मुंह पर छींटे मारते हुए पूछा।

“अभी नहीं ! मैंने सोचा पहले आपको बता दूं। वैसे अब मैं कैप्टेन को ही बताने जा रहा हूं।“ लारा ने कहा।

“कैप्टन को लेकर तुरंत डेक नंबर 21 पर पहुंचो। मैं वहीं जा रहा हूं।“
इतना कहकर असलम ने झटके से अपने पैरों में स्लीपर डाला और तेजी से पास में रखी दूरबीन उठाकर, बिना दरवाजा लॉक किये, डेक नंबर 21 की ओर भागा।

असलम कुछ ही देर में डेक नंबर 21 पर था। चूंकि इस साइड में यात्रियों का आना मना था। इसलिए यहां भीड़ नहीं थी। सिर्फ शिप के स्टाफ के ही 8-10 आदमी थे। असलम ने दूरबीन अपनी आंखों पर चढ़ाई और उस आईलैंड को देखने लगा।

वैसे अब शिप आईलैंड से ज्यादा दूरी पर नहीं था और वह नंगी आंखों से भी दिखाई दे रहा था। जैसे-जैसे असलम ध्यान से उस आइलैंड को देखता जा रहा था, उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव बढ़ते जा रहे थे।

“ओऽऽ नो.....यह कैसे संभव है?“ असलम के मुंह से आश्चर्य भरा स्वर निकला।

“क्या... कैसे संभव है?“ सुयश ने पीछे से आते हुए कहा।

सुयश की आवाज सुन असलम ने दूरबीन अपनी आंखों के आगे से हटायी और पीछे देखा। उसे पीछे खड़े लारा व सुयश दिखाई दिये। असलम ने बिना कुछ कहे, दूरबीन सुयश के हाथों में पकड़ा दी।

सुयश ने भी दूरबीन को आंखों पर चढ़ा कर उस आईलैंड को देखना शुरू किया। अब सुयश के चेहरे पर भी आश्चर्य के भाव थे। वह लगभग 10 मिनट तक बारीकी से उस आईलैंड को देखता रहा और फिर होठों ही होठों में बुदबुदाया-

“वही है....बिल्कुल वही है।“





जारी रहेगा..........✍️
Awesome update bhai ji
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इकतीस दिसम्बर , रात बारह बजे पुरे शिप की लाइट तीस सेकेंड तक गुल हुई थी । बारह बजे के बाद नववर्ष के आगमन पर सिक्यूरिटीज रूम मे सभी स्टाफ ने दारू पार्टी करी । यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि वाइन पार्टी का प्रस्ताव असलम ने दिया था ।
इसी घटना के बाद शिप का रूख अचानक बरमूडा ट्राइंगल की ओर हो गया ।
सुयश साहब की कोशिश से शिप उस क्षेत्र मे समंदर के भंवर मे फंसने से बच तो गया लेकिन शिप का रूख एक अज्ञात आइलैंड की तरफ करने का प्रयास फिर से असलम ने ही किया ।
लेकिन इस काम मे भाजी सुयश साहब ने डाली और जहाज का रूख दूसरी दिशा मे कर दिया गया ।
अब फिर से लगता है कि जहाज घुम फिरकर उसी आइलैंड के नजदीक जा पहुंचा है जिधर वो कुछ घंटे पहले चला गया था ।

इसके पहले यह भी सिद्ध हो चुका है कि इस जहाज पर मौजूद शख्स असलम एक बहुरुपिया है । उसने रियल असलम को चोट पहुंचाई और उसके आई कार्ड एवं दस्तावेज को चोरी कर इस जहाज पर सवार हुआ ।

इसका मतलब , उसे इस अज्ञात आइलैंड पर पहुंचना ही पहुंचना है । उसे किसी भी तरह , कुछ भी कर के , कोई भी गलत सही कार्य कर के इस आइलैंड के जमीन पर अपने पग रखना ही रखना था ।
इस आइलैंड पर जाने का उसका उद्देश्य क्या है , यह वही जानता होगा पर यह श्योर है उद्देश्य कुछ बड़ा और विस्मयकारक ही होगा ।

इधर व्योम साहब जो सी आई ए के एजेंट है , ने इस जहाज के खोजबीन का जिम्मा अपने कंधे पर ले लिया है । यह एक राहत भरी खबर है ।
लेकिन क्या वो इस जहाज के सभी पैसेंजर को सुरक्षित वापस ला पाते है या उनके किस्मत मे इस जहाज के यात्रियों जैसा ही नसीब लिखा हुआ है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
 

Luckyloda

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Bhut hi shandaar update..... व्योम अभी आराम कर रहा है..... लगता है जल्दी ही एक्शन शुरू होने वाला है......
 

Raj_sharma

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Thanks brother :thanx:
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 16
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 05:30;

सुयश आँख बंदकर कुर्सी पर बैठा था। मगर वह अभी भी बहुत तेजी से कुछ सोच रहा था।कुछ देर सोचते रहने के पश्चात, सुयश ने अपनी आँखें खोलीं। सुयश की नजर रोजर पर पड़ी। रोजर, असलम के साथ शिप के चालक दल को गाइड करने में लगा दिखायी दिया।

लेकिन इससे पहले कि शिप के चालक दल के सदस्य, शिप को स्टार्ट कर, सही रुट पर ला पाते। एक अजीब सी आवाज ने, फिर से सभी को आश्चर्य में डाल दिया।

“झर ....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ।“

“यह आवाज कैसी है?“ सुयश का व्याकुल स्वर कंट्रोल रूम में गूंज उठा।

सभी के कान अब सिर्फ और सिर्फ उस आवाज को सुनने में लगे थे। धीरे-धीरे वह आवाज तेज होती जा रही थी। एकाएक सुयश सहित सभी के दिमाग में एक स्वर गूंज उठा-“खतरा ऽऽऽऽ।“

“रोजर! तुरंत शिप के आसपास की लाइट्स को ऑन करो । क्विक.....।“ सुयश ने घबराकर कहा।

वह विचित्र आवाज धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी और अब उसने तेज होते- होते भयानक रूप ले लिया था। इससे पहले कि यह लोग कुछ और समझ पाते।

शिप को एक तेज झटका लगा और वह बिना स्टार्ट किए ही चल पड़ा। रोजर ने झपट कर तुरंत शिप के बाहर की सारी सर्च लाइट ऑन कर दी।

“कैप्टन! कोई अंजाना खतरा हमारे शिप की ओर तेजी से मंडरा रहा है।“ असलम ने अपनी जुबान को अपने सूख चुके होठों पर फिराते हुए, डरे स्वर में कहा -

“हमारा शिप बिना स्टार्ट किए ही किसी दिशा में जा रहा है।“

अब सभी की निगाहें किसी अंजानी आशंका से, शिप के विंड स्क्रीन पर चिपक गईं। शिप की सर्च लाइट का दायरा सीमित होने के कारण, वह सभी शिप के ज्यादा आगे देख पाने में असमर्थ थे। शिप मंथर गति से आगे बढ़ रहा था और वह आवाज लगातार अभी भी तेज हो रही थी। अचानक शिप की सर्च लाइट ने, इन सभी को जो नजारा दिखाया, उसको देखते ही सभी के हाथ-पैर एका एक फूलते से नजर आए।

“भंवर...............।“ सुयश एका -एक चीख उठा। उन्हें कुछ दूरी पर, एक विशालकाय भंवर बनती नजर आयी। जो अपना दायरा लगातार बढ़ाती जा रही थी।

उसी भंवर के तीव्र बहाव के कारण, समुंदर का पानी भी तेजी से भंवर की ओर खिं च रहा था और उसी के साथ खिंच रहा था ‘सुप्रीम’ भी। इतनी विशालकाय भंवर को देख, एक पल के लिए सभी की सांसे रुक सी गईं। उधर शिप लगातार भंवर की ओर बढ़ रहा था। सभी लोगों के मौत के इस सम्मोहन को सुयश की आवाज ने तोड़ा-

“जल्दी करो........ शिप को स्टार्ट करो..... वरना यह अंजानी मौत हमें निगल जायेगी।“ सुयश के इतना कहते ही, संज्ञा शून्य हो चुके सभी व्यक्ति, अचानक हरकत में आ गए।

रोजर व असलम तेजी से शिप के कंट्रोल्स से छेड़-छाड़ करके उसे स्टार्ट करने की कोशिश करने लगे। अब सभी की निगाहें उस विशालकाय भंवर पर थीं, जो तेजी से शिप के बीच का दायरा कम करने में लगी हुई थी।

तभी ‘घर्र-घर्र‘ की तेज आवाज करते हुए, शिप का इंजन स्टार्ट हो गया। इंजन को स्टार्ट हो ते देख, सुयश चीख उठा-


“मोड़ो ऽऽऽऽऽ...जल्दी से शिप को मोड़ कर, भंवर से दूर जाने की कोशिश करो। ......वरना हम इसमें फंस जाएंगे.......और फंसने के बाद, इतनी बड़ी भंवर से हमारा बचकर निकल पाना असंभव होगा।“ भंवर की धाराएं, किसी शिकारी की तरह तेजी से शिप की ओर बढ़ रहीं थीं।

“कैप्टन!“ रोजर ने चिल्ला कर कहा-
“बिना स्पीड में लाए, इतने बड़े शिप को मोड़ना असंभव है और भंवर भी अब हमसे ज्यादा दूर नहीं है। जल्दी बताइए कैप्टेन अब हम क्या करें?“

लेकिन इससे पहले कि सुयश, रोजर को कोई जवाब दे पाता, जहाज को एक और तेज झटका लगा और वह भंवर की बाहरी कक्षा में प्रवेश कर गया। अब सुप्रीम, भंवर की धाराओं के हिसाब से धीरे-धीरे घूमना शुरू हो गया था। लहरों का शोर अब अपने चरमोत्कर्ष पर था। यह भयावह शोर सुनकर, शिप के अधिकांश यात्री भी जाग चुके थे और इस शोर का मतलब निकालने की चेष्टा कर रहे थे।


रोजर, असलम के साथ, बार-बार शिप को उस भयानक भंवर से निकालने की कोशिश कर रहा था। लेकिन शिप के स्पीड में ना होने के कारण, भंवर धाराएं उसे पुनः अंदर की ओर धकेल रही थीं। इस भयानक स्थिति में शिप, लहरों से अठखेलियां कर रहा था।

“रोजर! शिप को पहले भंवर से निकालने की कोशिश मत करो।“ सुयश इस भयानक परिस्थिति में भी तेजी से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहा था-


“क्यों कि भंवर से निकलने के चक्कर में, शिप स्पीड नहीं पकड़ पा रहा है। और जब तक शिप स्पीड में नहीं आएगा , तब तक वह इस विशालकाय भंवर से निकल भी नहीं पाएगा। पहले धाराओं के मोड़ के हिसाब से, शिप को मोड़ते हुए, शिप की स्पीड बढ़ाने की कोशिश करो और जब शिप फुल स्पीड में आ जाए तो उसे एक झटके से भंवर से बाहर निकालने की कोशिश करो।“

“लेकिन सर, अगर हमने इस तरीके से शिप की स्पीड को बढ़ाने की कोशिश की तो हम भंवर के और अंदर चले जाएंगे और वहां पर भंवर का खिंचाव केंद्र की ओर, और ज्यादा होगा। फिर शायद यह भी हो जाए कि हम....... उससे निकल ही ना पाएं।“ असलम में मरी-मरी आवाज में कहा।

“मैं जैसा कहता हूं वैसा करो। समय बहुत कम है। इसलिए अपना दिमाग मत लगाओ“ सुयश ने बिल्कुल दहाड़ते हुए स्वर में कहा। तुरंत रोजर व असलम सुप्रीम को भंवर की धाराओं के मोड़ के हिसाब से मोड़ने में जुट गए।

कुछ भंवर के केंद्र की वजह से और कुछ धाराओं के अनुकूल चलते रहने के कारण, शिप की स्पीड लगातार बढ़ती जा रही थी। आखिरकार शिप फुल स्पीड में आ ही गया। लेकिन तब तक वह भंवर के केंद्र के काफी नजदी क पहुंच चुका था।

ए.सी . वाले कमरे में होने के बावजूद भी सभी के चेहरे पसीने से भीग गए थे।

ड्रेजलर जो कि शिप का ‘हेल्मसमैन‘ था और शिप को स्टेयरिंग व्हील के द्वारा चलाता था। उसकी नजरें सुयश के अगले आदेश का इंतजार कर रहीं थीं। सुयश की नजरें सिर्फ और सिर्फ शिप के स्पीडो मीटर पर थीं। जैसे ही स्पीडो मीटर ने फुल का इंडीकेशन दिया, सुयश ने चीख कर कहा-

“टर्न!“ सुयश के ऐसा कहते ही ड्रेजलर ने पूरी ताकत से स्टेयरिंग व्हील घुमाया। फुल स्पीड से चल रहे शिप को एक जोरदार झटका लगा और वह चौथी कक्षा की भंवर धाराओं पर एका एक ऐसे चढ़ गया, मानों वह लहरों पर से छलांग लगा कर उड़ जाना चाहता हो। शिप की स्पीड फुल होने की वजह से, एकदम से मोड़ते ही , वह लहरों से टकरा कर, हवा में उछल सा गया। एक क्षण के लिए सबकी सांसें रुक सी गईं। शिप पूरा का पूरा हवा में था और फिर एक छपाक की आवाज करते हुए दोबारा पानी में गिर गया।

पानी में गिरते ही शिप को इतना जोरदार झटका लगा कि कइयों के मुंह से चीख निकल गई। कई लोग अपने स्थान से गिर पड़े। यहां तक कि ड्रेजलर का हाथ भी स्टेयरिंग व्हील से छूट गया। लेकिन फिर तुरंत ही ड्रेजलर ने अपनी बॉडी को नियंत्रित कर, दोबारा से शिप का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया।

उधर पूरे शिप पर चीख-पुकार का बाजार गर्म हो गया था। किसी यात्री की समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है? इधर सुयश का चेहरा अब किसी चट्टान की तरीके से सख्त हो गया। उसकी निगाहें लगातार, विंडस्क्रीन पर उछल-उछल कर गिर रही लहरों पर पड़ रही थी।

शिप अब भंवर से थोड़ा सा निकलने में कामयाब हो गया था। मगर मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई थी। सभी की आंखें फिर से सुयश के चेहरे की ओर थीं। और सुयश की नजरें भंवर की धाराओं की ओर थीं।

एकाएक ही सुयश ने फिर टर्न का इशारा किया। ड्रेजलर ने दोबारा शिप के स्टेयरिंग व्हील को पूरी ताकत से मोड़ा। शिप एक बार फिर तेजी से भंवर धारा पर चढ़ा। लहरों ने सुप्रीम को पुनः ऊपर उछाल दिया। किस्मत ने एक बार फिर उनका साथ दिया और सुप्रीम की सागर की सतह पर सेफ लैडिंग हुई। इसी तरह 1 और कोशिश करने के बाद सुप्रीम, भंवर के तिलस् चक्रव्यूह से बचकर बाहर निकलने में सफल हो गया।

ड्रेजलर लगातार शिप को भंवर से दूर भगाए जा रहा था। मानो उसे डर हो कि शिप फिर से कहीं, भंवर में ना फंस जाए। तिलस्मी भंवर से काफी आगे निकलने के बाद, जब ड्रेजलर को यह महसूस हो गया कि अब वह मौत से दूर हैं, तो उसने ‘सुप्रीम’ को रोक दिया।

ड्रेजलर की सांसें धौंकनी की तरह चल रही थी। वह अपनी सीट से उठा और कंट्रोलरुम के फर्श पर ही जमीन पर लेट गया। वह अपनी सांसें नियंत्रित करने की कोशिश करने लगा। सुयश ने भी अपने माथे पर बह आया पसीना पोंछा और तुरंत जेम्स हुक को शिप पर हुई टूट-फूट को चेक करने के लिए भेज दिया।

एक सहायता दल को छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर, शिप के यात्रियों की मरहम पट्टी करने के लिए भेज दिया गया। क्यों कि शिप के बार-बार उछलने के कारण, यात्रियों को काफी चोटें भी आ गई थीं। सुयश ने एक बार पुनः माइक पर एनाउंस करके, सभी यात्रियों को शिप की स्थिति से अवगत करा दिया और उन्हें यह भी बता दिया कि अब वह सभी खतरे से बाहर हैं।

कंट्रोल रूम में अब सभी के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी और होती भी क्यों ना ? आखिर उन्होंने मौत पर विजय जो पाई थी।






जारी रहेगा....…..✍️
Bhai manna pdega Suyash ke mind ko kya to sattik tarike ka istemaal kia hai usne ship ko Bhavar se bachane ka
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Kasam se ek pal to esa laga jaise Movie ka scene leya ho maine bhai
.
Kher Maut ke moo se nikal kar sabne Rahat ki saas Lena shuru kar do ab dekhte hai aage kya hota hai
Very Amazing Update Raj_sharma bhai maja aa gaya kasm se
 

Raj_sharma

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इकतीस दिसम्बर , रात बारह बजे पुरे शिप की लाइट तीस सेकेंड तक गुल हुई थी । बारह बजे के बाद नववर्ष के आगमन पर सिक्यूरिटीज रूम मे सभी स्टाफ ने दारू पार्टी करी । यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि वाइन पार्टी का प्रस्ताव असलम ने दिया था ।
इसी घटना के बाद शिप का रूख अचानक बरमूडा ट्राइंगल की ओर हो गया ।
सुयश साहब की कोशिश से शिप उस क्षेत्र मे समंदर के भंवर मे फंसने से बच तो गया लेकिन शिप का रूख एक अज्ञात आइलैंड की तरफ करने का प्रयास फिर से असलम ने ही किया ।
लेकिन इस काम मे भाजी सुयश साहब ने डाली और जहाज का रूख दूसरी दिशा मे कर दिया गया ।
अब फिर से लगता है कि जहाज घुम फिरकर उसी आइलैंड के नजदीक जा पहुंचा है जिधर वो कुछ घंटे पहले चला गया था ।

इसके पहले यह भी सिद्ध हो चुका है कि इस जहाज पर मौजूद शख्स असलम एक बहुरुपिया है । उसने रियल असलम को चोट पहुंचाई और उसके आई कार्ड एवं दस्तावेज को चोरी कर इस जहाज पर सवार हुआ ।

इसका मतलब , उसे इस अज्ञात आइलैंड पर पहुंचना ही पहुंचना है । उसे किसी भी तरह , कुछ भी कर के , कोई भी गलत सही कार्य कर के इस आइलैंड के जमीन पर अपने पग रखना ही रखना था ।
इस आइलैंड पर जाने का उसका उद्देश्य क्या है , यह वही जानता होगा पर यह श्योर है उद्देश्य कुछ बड़ा और विस्मयकारक ही होगा ।

इधर व्योम साहब जो सी आई ए के एजेंट है , ने इस जहाज के खोजबीन का जिम्मा अपने कंधे पर ले लिया है । यह एक राहत भरी खबर है ।
लेकिन क्या वो इस जहाज के सभी पैसेंजर को सुरक्षित वापस ला पाते है या उनके किस्मत मे इस जहाज के यात्रियों जैसा ही नसीब लिखा हुआ है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Thank you so much संजु भैया आपके इस झकाझक रिव्यू के लिए :hug:व्योम एक काबील आफिसर और अच्छा इंसान है, ईसमे कोई दोरान नही:idk1:लेकिन ये वास्तव मे विचार करने योग्य विषय है कि वो चाह कर भी कुछ कर पायेगा या नही? आपसे सहमत हूं की इस जहाज की इस दशा के पीछे असलम का बहोत बडा हाथ है:declare:दारु पिलाई गई थी इसमे कोई शक नही भाई:nope:रही बात टापू की, तो वो अभी नही बता सकता कहानी का मामला है:shhhh:
 

Raj_sharma

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Bhut hi shandaar update..... व्योम अभी आराम कर रहा है..... लगता है जल्दी ही एक्शन शुरू होने वाला है......
बिल्कुल वो अपनी जान की बाजी लगा देगा :approve: एक्शन अगले अपडेट से शुरू होना ही है👍
आपके अनमोल रिव्यू के लिए आभार 🙏🏼
 

Raj_sharma

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Bhai manna pdega Suyash ke mind ko kya to sattik tarike ka istemaal kia hai usne ship ko Bhavar se bachane ka
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Kasam se ek pal to esa laga jaise Movie ka scene leya ho maine bhai
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Kher Maut ke moo se nikal kar sabne Rahat ki saas Lena shuru kar do ab dekhte hai aage kya hota hai
Very Amazing Update Raj_sharma bhai maja aa gaya kasm se
सच मे मजा आ रहा है ना?:?: Aage is se bhi khatarnaak situations aane wale hai mitra :declare:Sath bane raho or maja lete raho, Thank you very much for your wonderful review and support bhai bhai :hug:
 
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Badhiya update bhai

To sabko bachane ke liye vyom nikal chuka or jaise vyom ke states ha us hisab se to katai sahi banda gaya ha udhar dekhte han ki jahan se koi na aa paya udhar se vyom sabko bachake nikal pata ha ya nahi. Or ye last ne lagta ha ye sab wapas ghumkar Atlantis ki taraf hi jaa rahe han lagta ha. Or ye aslam surprise to aise ho raha ha ki jaise ise pata nahi lagta ha in sabko idhar wapas atlantis ki taraf lane ka kaam is aslam ne hi kiya ha or sabko dikhane ke liye natak kar raha ha ab dekhte han ki is bar ye log Atlantis par uatarte han ya nahi vaise to utarna chahiye tab hi to maja ayega main mystery to udhar hi ha
 
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