DEVIL MAXIMUM
"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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Barmuda Triangle kafi Unique name hai lekin jaise unique name hai waise unique kam bhi jisse Bach ke koi ship nahi aa paya aaj tak# 17.
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 07:30;
विशालकाय भंवर से बच जाने के बाद भी सुयश के चेहरे पर सोच के भाव विद्यमान थे। सुयश को सोच में पड़ा देख, आखिरकार असलम से ना रहा गया और वह बोल उठा-
“क्या बात है कैप्टन? अब तो सारे खतरे टल गए हैं, फिर अब आप इतना परेशान क्यों दिख रहे हैं?“
“एक खतरा टल जाने से इतना खुश होने की जरूरत नहीं है। माना कि फौरी तौर पर अभी खतरा टल गया है। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम लोग जिस स्थान पर खड़े हैं, वह दुनिया का सबसे खतरनाक क्षेत्र है। बारामूडा त्रिकोण.....यह नाम अपने आप में मौत का पर्याय है और जब तक हम लोग इस क्षेत्र से निकल नहीं जाते, तब तक खतरा हमारे सिर पर मंडराता रहेगा। वह किसी भी रूप में हम पर अटैक कर सकता है। इसलिए सबसे पहले खुशियां मनाना छोड़, हमें इस खतरनाक क्षेत्र से बाहर निकलने के बारे में सोचना चाहिए।“
“तो इसमें इतना सोचने की क्या जरूरत है?“ रोजर ने गंभीरता की चादर ओढ़ते हुए कहा-
“आपका प्लान तो फुलप्रूफ है। अब हमें शिप को आपके प्लान के मुताबिक मोड़कर अपने वास्तविक रास्ते पर ले आना चाहिए।“
“अब हम सुप्रीम को प्लान के मुताबिक नहीं मोड़ सकते।“ सुयश ने रोजर के चेहरे पर एक गहरी निगाह डालते हुए कहा।
“पर क्यों ? आपका प्लान तो फुलप्रूफ है।“ रोजर ने कहा।
“फुलप्रूफ था ।“ सुयश ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा-
“क्यों कि तब हमें अपने शिप की स्थिति का पूर्ण ज्ञान था, कि हम किस जगह पर हैं। लेकिन भंवर में घूमने और उससे बचकर निकलते समय, हम यह नहीं जान पाये कि अब हम अपनी वास्तविक स्थिति से कितना दूर हैं? हमें तो यह भी नहीं पता कि हमने भंवर में पहुंचकर कितने चक्कर लगाए? और जब हम उस भंवर से निकलें तो हमारा शिप किस दिशा में था ?“
यह सुनते ही जैसे सभी को सांप सूंघ गया । एकाएक मुस्कुराते हुए चेहरे डर के कारण सफेद हो गए।
“इसका तो यह भी मतलब हो सकता है, कि हम बारामूडा त्रिकोण के इस रहस्यमय क्षेत्र से निकलने के प्रयास में, इसके और अंदर आ गए हों।“ लारा ने चिंतित स्वर में कहा।
“यकीनन ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने जवाब दिया-
“शिप पर बार-बार आने वाले, इन विचित्र खतरों से तो यही जान पड़ता है।“
“अब हमें क्या करना चाहिए?“
रोजर के शब्दों में छिपी व्याकुलता को सभी ने साफ महसूस किया। सुयश एक बार पुनः सोच में पड़ गया। सभी खामोश होकर उसके अगले निर्णय का इंतजार करने लगे।
“हेली कॉप्टर!“ सुयश के मुंह से खुशी भरे स्वर निकले-
“हमें हेलीकॉप्टर का उपयोग करना होगा । शायद हम लोग अपने वास्तविक मार्ग से ज्यादा दूरी पर ना हों और आसपास ही कोई और शिप आ-जा रहा हो, जिससे हमें असली रास्ते का पता चल जाए।“
सुयश के शब्दों को सुनकर, सभी के चेहरे पर हजार वाट का बल्ब जल गया। तब तक जेम्स हुक अपनी टीम को खराबी ढूंढने में लगाकर वापस आ गये थे। तुरंत सुयश, रोजर, असलम, लारा, ब्रैंडन व जेम्स हुक हेली पैड की ओर चल दिए। हेली पैड, शिप के पिछले हिस्से में डेक के पास था।
“कैप्टेन!“ रोजर ने सुयश से सवाल किया- “एक बात समझ में नहीं आई कि हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र कैसे ब्लास्ट हो गए?“
“इसको समझने के लिए किसी विज्ञान की जरुरत नहीं है“ जेम्स हुक ने रोजर को देखते हुए कहा-
“जितने भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होते हैं, वह सभी लो-फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं, जबकि विद्युत चुम्बकीय तरंगें हाई-फ्रीक्वेंसी पर चलती हैं। इसलिए जब भी कभी कोई इलेक्ट्रानिक यंत्र, विद्युत चुम्बकीय तरंगों के बीच आता है, वह तीव्र ऊष्मा छोड़ता है। और ऊष्मा अधिक बढ़ जाने के कारण इलेक्ट्रानिक यंत्र जल जाता है।“
“और हमारा दिशा सूचक यंत्र कैसे खराब हो गया ?“ ब्रैंडन ने अपना नॉलेज बढ़ाने के उद्देश्य से जेम्स हुक से पूछा- “वह तो इलेक्ट्रानिक यंत्र नहीं होता।“
“दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई, पृथ्वी के चुम्बकत्व द्वारा आकर्षित होती है, जिसके कारण वह लगातार उत्तरी ध्रुव दर्शाती है। पर विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के अंदर, दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई अपना चुम्बकत्व का गुण खो देती है। इसलिए वह हमेशा गलत दिशा बताने लगती है।“ यह कहकर जेम्स हुक ने ब्रैंडन को देखा पर ब्रैंडन उनकी बातों से संतुष्ट था।
“कहीं ऐसा ना हो कि हमारा हेलीकॉप्टर भी खराब हो गया हो।“ रोजर ने शंका भरे स्वर में पूछा-
“क्यों कि वह भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों से कार्य करता है।“
“जिस समय इस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगें फैलीं, उस समय हेलीकॉप्टर बंद पड़ा था। इसलिए मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हेली कॉप्टर इस समय सही अवस्था में होगा।“
जेम्स हुक ने कहा- “और अब यह क्षेत्र पूर्ण रूप से विद्युत चुंबकीय तरंगों से मुक्त है, यह मैं अभी साबित कर देता हूं।“
कहते-कहते जेम्स हुक ने अपनी जेब से 1 जोड़ी , छोटा वॉकी-टॉकी सेट निकाला और उस सेट का एक पीस रोजर को पकड़ा दिया।
“यह एक वॉकी-टॉकी सेट है। यह भी एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होता है। यह बहुत ही पॉवरफुल है। खुले समुद्र में इसकी बात करने की क्षमता , लगभग 50 नॉटिकल माइल तक है। जिस समय शिप के ऊपर से वह रहस्यमयी यान निकला, यह मेरी जेब में था, पर ऑफ था। मेरा पूरा विश्वास है कि यह सही काम करेगा और अगर यह सही चल गया तो समझिए कि हेलीकॉप्टर भी सही स्थिति में होगा।“
यह कहकर जेम्स हुक ने वॉकी-टॉकी सेट को ऑन कर दिया। वॉकी-टॉकी सेट चेक करने पर बिल्कुल सही कार्य कर रहा था। तब तक बात करते-करते यह सारे लोग शिप के पिछले डेक पर पहुंच गये।
कुछ आगे बढ़ने पर, लकड़ी का बना एक खूबसूरत सा कॉटेज दिखाई दिया। सभी उस विशालकाय कॉटेज में प्रवेश कर गए। लकड़ी का वह कॉटेज, अंदर से भी खूबसूरत था। कॉटेज के बीचो-बीच में एक हेली पैड बना था, जिस पर लाल रंग का एक छोटा सा, परंतु सुंदर हेलीकॉप्टर खड़ा दिखायी दिया। उस टू-सीटर हेलीकॉप्टर पर, इंग्लिश के बड़े व सुनहरे अक्षरों में “सुप्रीम” लिखा था।
कॉटेज में एक किनारे पर एक बड़ी सीइलेक्ट्रॉनिक मशीन लगी थी, जिसके सामने एक ऑपरेटर खड़ा, उन मशीनों से छेड़छाड़ कर, कुछ चेक करता दिखायी दिया। सुयश को देखते ही, वह तुरंत सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। लेकिन उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह भी कुछ परेशान सा है और निश्चय ही यह परेशानी भी, उस रहस्यमई यान से संबंधित थी। क्यों कि उस इलेक्ट्रॉनिक मशीन के आसपास, बिखरा कांच और टूटे हुए यंत्रों की स्थिति, इस बात का द्योतक थी कि यहां पर भी विद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रकोप हुआ था।
“ऑपरेटर!“ रोजर ने ऑपरेटर को देखते हुए पूछा-
“क्या हेलीकॉप्टर उड़ने वाली पोजी शन में है?“
“यस सर!“ ऑपरेटर ने जवाब दिया-
“हेलीकॉप्टर तो रेडी है। पर कुछ यंत्रों में खराबी आ जाने के कारण, कॉटेज की छत व दीवारों को हटाने वाला, रिमोट कंट्रोल सही काम नहीं कर रहा है। इसलिए फिलहाल हेलीकॉप्टर सही होने के बाद भी, उड़ान नहीं भर सकता है।“
“डैम इट!“ सुयश ने सीधे हाथ का मुक्का बना कर, अपने बाएं हाथ के पंजे पर, गुस्से से मारते हुए कहा।
“अब क्या किया जाए सर?“ रोजर ने चिन्तित स्वर में सुयश की ओर देखते हुए कहा। सुयश कुछ देर सोचने के पश्चात, जेम्स हुक की ओर घूमकर बोला-
“मिस्टर जेम्स हुक, हमारे इस कॉटेज की दीवारें व छत फोल्ड होकर, कमल की पंखुड़ी की तरह खुलती हैं। इसकी छत में छोटे-छोटे फोल्डिंग ज्वाइंट्स हैं। आप तुरंत इन फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खुलवाकर इसकी छत हटवा दीजिए।“
जेम्स हुक ने तुरंत कुछ लोगों को छत के फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खोलने में लगा दिया। लगभग 45 मिनट के अथक परिश्रम के बाद, सभी हेलीपैड के ऊपर की छत खोलने में सफल हो गए।
“रोजर!“ सुयश ने रोजर को संबोधित करते हुए कहा-
“तुम तुरंत एक पायलट के साथ इस हेलीकॉप्टर से जाओ और देखो, शायद आप-पास से जाता हुआ, कोई और शिप दिखाई दे जाए या फिर कोई और सुराग मिल जाए। जिससे यह पता चल जाए कि हम इस समय किस जगह पर हैं? और हां यह वॉकी-टॉकी सेट भी लेते जाओ। इससे मेरे कांटेक्ट में रहना और मुझे सारी सूचना देते रहना ।“
यह कहते हुए सुयश ने जेम्स हुक से, वॉकी-टॉकी सेट लेकर, रोजर को दे दिया। रोजर, सुयश से वॉकी-टॉकी सेट लेकर, पायलट के साथ, हेलीकॉप्टर में प्रवेश कर गया।
हेलीकॉप्टर में बैठने के साथ, रोजर ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगों पर मारी और फिर सुयश की तरफ देखते हुए, एक झटके से ‘थम्बस्-अप‘ की स्टाइल में अपना अंगूठा, जोश के साथ झटका देकर उठाया और फिर धीरे से पायलट की ओर देखकर, उसे हेलीकॉप्टर को उड़ाने का इशारा किया।
थोड़ी ही देर में, एक गड़गड़ाहट के साथ, हेलीकॉप्टर रोजर को लेकर आसमान में था।
जारी रहेगा........
Ya
Ye kehna galt bhi nahi hoga Q ki is bat ITIHAAS khud gawah hai
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Kher Suyash ne apni samjdari dikha ke pehle Bhavar se ssabki jaan bachai lekin ab mamla pehle se dekha jaay kafi jada SEARIOUS ho chuka hai Q ki ab ship disha Heen hai koi nahi janta ki ship kis disha me hai kaha Jana hai or kaha nahi
Lekin
Suyash ne is samay bhi apne tej dimag se kaam Lena shuru kia ship me rakhe Helicopter jo emergency ke leye rehta hai uska istemaal se shi disha ke bare me janne ke leye kismat se abhi bhi unke kuch electronic equipment kam kar rhe hai dekhte hai aage kaise disha ke bare me jaan pata hai ya nahi Suyash
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Kafi intresting skill use kia hai Raj_sharma bhai aapne INCRIDBAL