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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

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Lagta hai Lauren ke murder ki kuch gutthi sulaj rhe hai lekin murder kaun hai uska
.
Or pash gayab hone se kya fayda hone wala hai kisi ko
.
Kafi Romanchkari update dia Raj_sharma bhai
Loren ki lash to gayab ho gai, per gayab karne wale ka pata nahi hai :haha: Jab tak sacchai saamne nahi aati tab tak wahi maan lo jo sab maan rahe hai:declare:Rahi baat murder ki to wo abhi samay hai, pata lagane me:approve: Satj bane raho or maja lo barmuda triangle me safar ka👍 Thanks brother for your wonderful review and support DEVIL MAXIMUM :dost:
 

Raj_sharma

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ayush01111

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#-1

22 दिसम्बर 2001, शनिवार, 22:00; न्यूयार्क शहर, अमेरिका !!

“हैलो मारथा !“ माइकल ने दरवाजे से प्रवेश करते हुए, अपनी पत्नी मारथा कोसंबोधित किया -


“पैकिंग पूरी हुई कि नहीं ? याद है ना कल ही हमें शिप से सिडनी जाना है।“

मारथा ने पहले एक नजर अपनी सो रही बेटी शैफाली पर डाली और फिर मुंह पर उंगली रखकर, माइकल से धीरे बोलने का इशारा किया -

“श् ऽऽऽऽऽ शैफाली, अभी - अभी सोई है, जरा धीरे बोलिए।“
माइकल, मारथा का इशारा समझ गया। इस बार उसकी आवाज धीमी थी –


“मैं तुमसे पैकिंग के बारे में पूछ रहा था।“

“अधिकतर पैकिंग हो चुकी है, बस शैफाली और ब्रूनो का ही कुछ सामान बचा हुआ है।“ मारथा ने धीमी आवाज में माइकल को जवाब दिया।

उधर ब्रूनो, माइकल की आवाज सुन, पूंछ हिलाता हुआ माइकल के पास
आकर बैठ गया । माइकल ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरा और फिर मारथा से मुखातिब हुआ-


“ये तो अलबर्ट सर ने ब्रूनो के लिए 'सुप्रीम' पर व्यवस्था करवा दी, नहीं तो उस शिप पर जानवर को ले जाना मना है और ब्रूनो को छोड़कर शैफाली कभी नहीं जाती।“

“जाना भी नहीं चाहिए।“ मारथा ने मुस्कुरा कर ब्रूनो की तरफ देखते हुए कहा -

“शैफाली खुद भी छोटी थी, जब आप ब्रूनो को लाए। देखते ही देखते ये शैफाली से कितना घुल-मिल गया । इसके साथ रहते हुए तो शैफाली को अपने अंधेपन का भी एहसास नहीं होता ।“

ब्रूनो फिर खुशी से पूंछ हिलाने लगा । मानो उसे सब समझ आ गया हो।

“अलबर्ट __________सर, कॉलेज में मेरे प्रो फेसर थे। मैं उनका सबसे फेवरेट स्टूडेंट था ।“

माइकल ने पुनः बोलना शुरू किया - “जैसे ही मुझे पता चला कि वो भी न्यूयार्क से सिडनी जा रहे हैं, तो मैं अपने को रोक न पाया । इसीलिए मैं भी उनके साथ इसी शिप से जाना चाहता हूं।“

“मगर ये सफर 65 दिनों का है।“ मारथा ने थोड़ा चिंतित स्वर में कहा–

“क्या 2 महीने तक हम लोग इस सफर में बोर नहीं हो जाएंगे।“

“अरे, यही तो खास बात होती है शिप की । 2 महीने तक सभी झंझटों से
दूऱ........। कितना मजा आएगा ।“ माइकल ने उत्साहित होकर कहा –

“और ये भी तो सोचो, कि अलबर्ट सर को भी टाइम मिल जाएगा, शैफाली के साथ रहने का । वो जरूर इसकी परेशानियों को दूर करेंगे।“

इससे पहले कि मारथा कुछ और कह पाती । ब्रूनो की “कूं-कूं“ की आवाज ने उनका ध्यान भंग कि या।
ब्रूनो, सो रही शैफाली के पास खड़ा था और शैफाली को बहुत ध्यान से देख रहा था ।
दोनों की ही नजर अब शैफाली पर थी । जो बिस्तर पर सोते हुए कुछ अजीब से करवट बदल रही थी । साथ ही साथ वह कुछ बुदबुदा रही थी । माइकल और मारथा तेजी से शैफाली की ओर भागे। मारथा ने शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया । पर वह बिल्कुल बेसुध थी ।
शैफाली अभी भी नींद में बड़बड़ा रही थी । पर अब वो आवाजें, माइकल व मारथा को साफ सुनाई दे रहीं थीं –

“अंधेरा ........ लहरें ......... रोशनी ........ फायर
............ लाम ....... कीड़े ........ द्वीप ..... ।“


मारथा , शैफाली की बड़बड़ाहट सुनकर अब बहुत घबरा गई थी । उसने तेजी से शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया। अचानक शैफाली झटके से उठ गई।

“क्या हुआ मॉम? आप मुझे हिला क्यों रहीं हैं?“ शैफाली ने अपनी नीली - नीली आंखें चमकाते हुए कहा ।

“तुम शायद फिर से सपना देख रही थी ।“ माइकल ने व्यग्र स्वर में कहा।

“आप ठीक कह रहे हैं डैड। मैं कुछ देख तो रही थी, पर मुझे कुछ ठीक से याद नहीं आ रहा ।“ शैफाली ने कहा ।

“कोई बात नहीं बेटी, आप सो जाओ“ मारथा ने गहरी सांस लेते हुए कहा -


“परेशान होने की जरूरत नहीं है।“
शैफाली दोबारा से लेट गई। माइकल व मारथा अब शैफाली से दूर हट गए थे।

“ये कैसे संभव है मारथा ?“ माइकल ने दबी आवाज में कहा-

“शैफाली तो जन्म से अंधी है, फिर इसे सपने कैसे आ सकते हैं। हर महीने ये ऐसे ही सपने देखकर बड़बड़ाती है।“

“आप परेशान मत हो माइकल।“ मारथा ने गहरी साँस लेते हुए कहा -

“माना कि जन्म से अंधे व्यक्ति सपने नहीं देख सकते, पर अपनी शैफाली भी कहां नॉर्मल है। देखते नहीं हो वह मात्र 12 साल की उम्र में अंधी होकर भी, अपने सारे काम स्वयं करती है और अजीब-अजीब सी पहेलियां बनाकर हल करती रहती है। शैफाली दूसरों से अलग है, बस।“

माइकल ने भी गहरी सांस छोड़ी और उठते हुए बोला - “चलो अच्छा ! तुम बाकी की पैकिंग करो , मैं भी मार्केट से कुछ जरूरी सामान लेकर आता हूं।“

23 दि सम्बर 2001, रविवार, 14:00; (“सुप्रीम “) न्यूयार्क का बंदरगाह छोड़कर मंथर गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। बंदरगाह को छोड़े हुए उसे लगभग 5 घंटे बीत चुके थे। दिसंबर का ठंडा महीना था और सूर्य भी अपनी चमकती किरणें बिखेरता हुआ, आसमान से सागर की लहरों पर, अठखेलियां करती हुई, अपनी परछाई को देखकर खुश हो रहा था ।
मौसम ठंडा होने के कारण सूर्य की गुनगुनी धूप सभी को बड़ी अच्छी लग रही थी ।

'सुप्रीम' के डेक पर बहुत से यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ था । कोई डेक पर टहलकर, इस गुनगुनी धूप का मजा ले रहा था, तो कोई अपने इस खूबसूरत सफर और इस शानदार शिप के बारे में बातें कर रहा था।

सभी अपने-अपने काम में मशगूल थे। परंतु ऐलेक्स जो कि एक पोल से टेक लगाए हुए खड़ा था, बहुत देर से, दूर स्लीपिंग चेयर पर लेटी हुई एक इटैलियन लड़की को देख रहा था। वह लड़की दुनिया की नजरों से बेखबर, बड़ी बेफिक्री से लेटी हुई, सुनहरी धूप का मजा लेते हुए, एक किताब पढ़ रही थी ।

ऐलेक्स की निगाहें बार-बार कभी उस लड़की पर, तो कभी उसकी किताब पर पड़ रही थी । दोनों की बीच की दूरी बहुत अधिक ना होने के कारण उसे किताब का नाम बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था।
किताब का नाम ’वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी ’ होने के कारण ना जाने, उसे क्यों बड़ा अटपटा सा महसूस हुआ।

उसे उस लड़की की तरफ देखते हुए ना जाने कितना समय बीत चुका था, परंतु उसकी नजर उधर से हटने का नाम ही नहीं ले रहीं थी। तभी एक आवाज ने उसका ध्यान भंग किया।

“हाय क्रिस्टी !“ एक दूसरी लड़की अपना हाथ हिलाते हुए उस इटैलियन लड़की की तरफ बढ़ी, जिसका नाम यकीनन क्रिस्टी था –

“व्हाट ए सरप्राइज, तुम इस तरह से यहां शिप पर मिलोगी, ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था ।“

“ओऽऽऽ हाय लॉरेन!“ क्रिस्टी ने चैंक कर किताब को नजरों के सामने से हटाते हुए, लॉरेन पर नजर डालते हुए, खुशी से जवाब दिया –

“तुम यहां शिप पर कैसे? अच्छा ये बताओ, कॉलेज से निकलकर तुमने क्या-क्या किया ? इतने साल तक तुम कहां थी ? और .......।“


“बस-बस.....!“ लॉरेन ने क्रिस्टी के मुंह को अपनी हथेली से बंद करते हुए कहा- “अब सारी बातें एक साथ पूछ डालोगी क्या? चलो चलते हैं, कॉफी पीते हैं, फिर आऽऽराऽऽम से एक दूसरे से सारी बातें पूछेंगे।“

“तुम ठीक कहती हो । हमें कहीं बैठकर आराम से बात करनी चाहिए और वैसे भी तुम मुझ से लगभग 3 साल बाद मिल रही हो । मुझे भी तो पता चले इन बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या तीर मारे?“

यह कहकर क्रिस्टी लगभग खींचती हुई सी, लॉरेन को लेकर रेस्टोरेंट की ओर बढ़ गई।

ऐलेक्स, जो कि अब तक दोनों सहेलियों की सारी बातें ध्यान से सुन रहा था,

उसकी निगाहें अब सिर्फ और सिर्फ उस किताब पर थी, जो कि अनजाने में ही शायद वहां पर छूट गई थी । वह धीरे धीरे चलता हुआ, उस स्थान पर पहुंचा, जहां पर वह किताब रखी हुई थी । अब उसने अपनी नजरें हवा में इधर-उधर घुमाई। जब उसे इस बात का विश्वास हो गया, कि इस समय किसी की नजरें उस पर नहीं है, तो उसने धीरे से झुक कर उस किताब को उठा लिया । वहीं पर खड़े-खड़े ऐलेक्स ने उस किताब का पहला पृष्ठ खोला । जिस पर अंग्रेजी में बहुत ही खूबसूरत राइटिंग में

’क्रिस्टीना जोंस’ लिखा था।
ऐलेक्स ने चुपचाप किताब को बंद किया और धीरे-धीरे उस स्थान से दूर चला गया। लेकिन जाते-जाते वह अपने होंठों ही होंठों में बुदबुदाया-

“क्रिस्टी !“




जारी रहेगा...…:writing:
Nic 1 ship ka safar 65 days thode jyada nahi hai it's maximum 20 to 25 days
 

Raj_sharma

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Nic 1 ship ka safar 65 days thode jyada nahi hai it's maximum 20 to 25 days
Bhai safar kaha se kaha ka hai usper depends karta hai :declare:
Thanks for your valuable review bhai:thanx:
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 27 .

“मतलब यह है कि कैप्टेन कि जिसने भी लॉरेन को मारा, सुराग वही हटाना चाह रहा होगा और आप जिस तरीके से सुराग की बात कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि वह किसी अपने का होगा। इसका साफ मतलब निकलता है कि लॉरेन का मर्डर उसके अपने बॉयफ्रेंड ने किया है। तभी तो वह लाश के पास से सुराग हटाना चाहता होगा।“ लारा ने कहा।

“हूँ.....!“ सुयश ने धीरे से हुंकारी भरी और फिर जेब से लॉरेन के गले से निकला, रेडियम लॉकेट निकालकर जेनिथ के चेहरे के आगे लहराया-

“मिस जेनिथ जिस समय लॉरेन का मर्डर हुआ, वह यही लॉकेट पहले थी। इस लॉकेट मे रेडियम लगा हुआ है, जो अंधेरे में भी चमकता है और इसी लॉकेट की वजह से कातिल अंधेरे में भी लॉरेन को निशाना बनाने में कामयाब हो गया। क्या आप बता सकती हैं कि लॉरेन के पास यह लॉकेट कब से था ? या फिर इसे किसने उसे दिया था ?“


“सॉरी ! यह लॉकेट मैंने कभी लॉरेन के पास नहीं देखा।“ जेनिथ ने ध्यान से लॉकेट को देखते हुए कहा।

“आप इसे ध्यान से देख कर ही बता रही हैं ना ?“ सुयश की आवाज में थोड़ा सा पैना पन दिख रहा था।

“इसमें भला ध्यान से देखने वाली कौन सी बात है?“ जेनिथ ने सुयश की आँखों में आँखें डालते हुए जवाब दिया-
“इसमें रेडियम है, जो अंधेरे में भी चमकता है और अगर यह लॉकेट पहले से ही लॉरेन के गले में होता तो दिन नहीं तो रात के अंधेरे में तो ये मुझे जरूर नजर आ जाता, क्यों कि हम लोग हमेशा रात में लाइट ऑफ करके सोते थे।“

कोई प्वाइंट ना निकलते देख सुयश ने उस लॉकेट को पुनः अपनी जेब में डाल लिया।

“हाँ तो मिस्टर लारा !“ सुयश पुनः लारा को देखते हुए बोला- “आप का कहना है कि लॉरेन का मर्डर उसके बॉयफ्रेंड ने किया। आपके तर्कों की मैं तारीफ करना चाहूंगा। लेकिन बात फिर से वहीं आकर खड़ी हो गई, कि मर्डर चाहे उसके बॉयफ्रेंड ने किया हो या किसी और ने। वह भला सुराग के साथ लाश को क्यों ले गया ?“

“यह भी तो हो सकता है कैप्टेन!“ अलबर्ट जो कि बहुत देर से इन लोगों की बातें सुन रहा था और समझ रहा था, बोल उठा-

“कि कातिल का सुराग लाश पर कहीं चिन्हित हो, जिसके कारण कातिल लाश को भी उठा ले गया हो।“

“मैं आपके कहने का मतलब नहीं समझा मिस्टर अलबर्ट कि आप किस तरह के चिन्हों की बात कर रहे हैं?“ असलम ने अलबर्ट से उलझे-उलझे से स्वर में कहा।

“आप मेरी ये अंगूठी देख रहे हैं कैप्टेन।“ अलबर्ट ने अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में पहनी हुई अंगूठी को उतार कर सुयश को देते हुए कहा-

“इसको ध्यान से देखिये, आपको इस अंगूठी में क्या खास बात नजर आ रही है?“ सुयश ने आगे बढ़कर अंगूठी को हाथ में ले लिया और उसे ध्यान से देखने लगा।

“शायद इस पर कुछ बहुत ही महीन अक्षरों में लिखा हुआ है।“ सुयश ने इस बार जलते हुए बल्ब के नीचे जा कर उसे गौर से देखा। उस पर लिखा हुआ था- “मारिया की ओर से सप्रेम भेंट।“

“कुछ समझ में आया कैप्टेन?“ अलबर्ट ने अपने चश्मे को ठी क करते हुए कहा ।

“नहीं !“ सुयश ने अपने सिर को अगल-बगल हिलाते हुए कहा।

“यह अंगूठी मेरी पत्नी मारिया ने मुझे वैलेंटाइन डे के दिन भेंट की थी। हो सकता है कि लॉरेन के हाथ में कुछ ऐसी ही अंगूठी हो। जो कि मरने के बाद उसकी उंगलियां अकड़ जाने के कारण कातिल निकाल ना सका हो, इसलिए उसने लाश को ही उठाकर पानी में फेंक दिया हो।“

“पानी में फेंक दिया हो।“ सुयश ने अलबर्ट की इस बात से अपने दिमाग में घंटी सी बजती हुई महसूस की। उसने तुरंत हाथ में पकड़ा रुमाल असलम को पकड़ाया और जेब से कपड़े का वही फटा हुआ टुकड़ा निकाला, जो कि अलबर्ट से बात करते समय, उसे डेक की रेलिंग में फंसा हुआ मिला था। कपड़े को देखते ही वह बड़बड़ा उठा-

“वही है...... बिल्कुल वही है।“ सुयश ने तुरंत आगे बढ़कर जेनिथ के सामने उस कपड़े को लहराते हुए कहा- “क्या आप इस कपड़े के टुकड़े को पहचानती हैं मिस जेनिथ?“

“जी हाँ !“ जेनिथ ने कपड़े के टुकड़े को देखकर ऊपर-नीचे सिर हिलाते हुए जवाब दिया- “यह टुकड़ा उसी कपड़े का है, जो मर्डर के समय लॉरेन पहने हुए थी।

“ओ माई गॉड!“ सुयश को अब अपना सिर घूमता हुआ सा महसूस हो रहा था- “तो मेरा शक सही था। उस समय पानी में गिरने वाली चीज और कुछ नहीं, बल्कि लॉरेन की लाश ही थी। लेकिन यदि वह लॉरेन की लाश थी, तो उसे पानी में फेंककर भागने की बजाय कोई उसे लेकर स्वयं पानी में क्यों कूद गया।“ एक बार फिर सुयश के शंकित निगा हें प्रोफेसर अलबर्ट पर थीं।

“आप मुझे इस तरह से क्यों देख रहे कैप्टन? उस समय मैंने जितनी भी बातें कहीं थीं, वह सभी बिल्कुल सच थीं और यह बात मैं साबित भी कर चुका हूं।“ अलबर्ट ने फिर से सुयश को सफाई देते हुए कहा।

“पर कैप्टन, जो साया हमारे आगे-आगे भाग रहा था, यदि वो लॉरेन की लाश लेकर भाग रहा था और उसने उसे पानी में फेंक दिया तो यह हादसा तो डेक नंबर 16 पर हुआ था, जो कि यहां से काफी दूर है और ब्रूनो लाश के पास सूंघकर हमें डेक नंबर 12 पर लेकर आया। तो फिर लॉरेन की लाश आखिर डेक नंबर 12 से पानी में फेंकी गई या डेक नम्बर 16 से।“

लारा के विचारों में सोचनीय भाव थे। लारा की इस बात ने तो सुयश के लिए एक सवाल और खड़ा कर दिया। काफी देर तक जब वह कोई और तथ्य के बारे में नहीं सोच पाए तो फिर से उन बातों पर वापस आ गये।
सुयश ने पुनः जेनिथ की ओर इशारा करते हुए कहा- “मिस जेनिथ, क्या आप बता सकती हैं कि लॉरेन कोई अंगूठी पहनती थी या नहीं ?“

“नहीं कैप्टेन, लॉरेन को रत्न विज्ञान में कोई रुचि नहीं थी और ना ही वह किसी प्रकार की कोई अंगूठी पहनती थी।“ जेनिथ ने सुयश को जवाब दिया।

“तो यह भी तो हो सकता है कि उसने शरीर के किसी हिस्से में टैटू बनवा रखा हो। ब्रैंडन ने अपने विचार प्रकट किये।

“जी नहीं ! मैंने तो कभी उसके शरीर पर टैटू का कोई निशान नहीं देखा।“ जेनिथ ने कहा।

“मेरे कहने का मतलब है कि उसके शरीर पर भी किसी तरह का कोई सुराग हो सकता है। जिसकी वजह से कातिल उसकी लाश ले गया।“ अलबर्ट की बातों में दम था।

“आपकी बातें तो मुझे ठीक दिशा में जाती हुई दिखाई दे रही हैं। संभव है कुछ ऐसा ही हुआ हो ? लेकिन इससे एक बात तो बिल्कुल साफ है कि कातिल जो भी है, वह लॉरेन का बहुत खास है और वह शायद उसका बॉयफ्रेंड ही हो।“ सुयश ने कहा।

“लेकिन ये डेक नम्बर 12 और 16 का चक्कर तो कहानी को और ज्यादा उलझा रहा है।“ लारा ने कहा।

“यह भी तो हो सकता है कि पहले लॉरेन के बॉयफ्रेंड का दुश्मन लाश पर कब्जा लेकर, उस सबूतों को अपने पास रखना चाहता हो, और इसी इरादे से वह लॉरेन की लाश के पास गया हो। लेकिन अभी वह तलाशी ले ही रहा हो कि वहां पर लॉरेन का बॉयफ्रेंड आ गया हो, जिसकी वजह से वह दुश्मन स्टोर रूम से भागकर डेक नंबर 12 पर आकर छिप गया हो और उधर लॉरेन का बॉयफ्रेंड लाश को उठा कर डेक नंबर 16 की तरफ गया हो और उसने लाश पानी में फेंक दी हो।“ अलबर्ट के तर्क बहुत सटीक महसूस हो रहे थे।


“आप अपनी बात को स्वयं ही काट रहे हैं मिस्टर अलबर्ट।“ लारा ने बीच में बोलते हुए कहा- “एक तरफ आपने कहा था कि लाश लेकर कोई स्वयं समुद्र में कूद गया था और दूसरी तरफ आप कह रहे हैं कि लॉरेन के बॉयफ्रेंड ने लॉरेन की लाश पानी में फेंक दी हो।“

“देखिये मिस्टर लारा !“ अलबर्ट ने लारा को समझाते हुए कहा- “हमें वास्तविक कहानी की कोई जानकारी नहीं है, इसलिए हम अपने तर्कों द्वारा सिर्फ संभावना व्यक्त कर सकते हैं। हाँ तो मैं कह रहा था।“

अलबर्ट वापस सुयश की ओर मुड़ते हुए बोला- “कि ये भी हो सकता है कि लॉरेन के बॉयफ्रेंड ने शिप के नीचे के फ्लोर पर कहीं किसी रेलिंग से रस्सी जैसा कुछ बांध रखा हो। जब वह लाश लेकर पानी में कूदा तो हम लोग यह समझे कि जो भी चलते शिप से कूदा, वह पानी में डूब गया होगा। जबकि वह नीचे के फ्लोर से बंधी रस्सी पकड़ कर वापस शिप में आ गया हो।“

यह सुनकर किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकला। जिसका साफ मतलब था कि किसी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है।

“और कहानी बिल्कुल इससे उल्टी भी हो सकती है। यह भी हो सकता है कि लॉरेन का बॉयफ्रेंड पहले लाश के पास पहुंचा हो और बाद में दुश्मन के आ जाने की वजह से वह डेक नंबर 12 से भागा हो और उसका दुश्मन लॉरेन की लाश लेकर डेक नंबर 16 से पानी में कूदा हो और. ...........।“ कहकर अलबर्ट ने अपने शब्दों को अधूरा छोड़ दिया।

“और.....और.....क्या ? सुयश ने पूछा।

“और यह भी हो सकता है कि उसके दुश्मनों की संख्या अधिक हो और शिप से कुछ दूरी बना कर उनका कोई और शिप या छोटा स्टीमर चल रहा हो। जिससे उन्होंने कूदने वाले आदमी को बचा लिया हो।“ अलबर्ट ने कहा।

किसी और स्टीमर या शिप की बात को सुनकर वहां खड़े सभी व्यक्ति के कान खड़े हो गए। कुछ के चेहरे पर थोड़ी देर के लिए ही सही पर जीवन रूपी खुशी झलकी थी।

अलबर्ट की बात सुनकर असलम थोड़ा सा झुंझला उठा-

“आप संभावना ही व्यक्त करना चाहते हैं तो करिए, पर ये स्टीमर, दूसरा शिप या पनडुब्बी जैसी संभावना मत व्यक्त करिए। क्यों कि यहां पर सभी फंसे हुए हैं। वह कातिल भी और उसके दुश्मन भी। अगर ऐसी स्थिति में आसपास कोई और शिप या स्टीमर होता तो वह सब पहले अपनी जान बचाकर भाग चुके होते। और वैसे भी यह किसी सी.आई.ए. या के.जी.बी. के जासूस की कहानी या कोई साइंस फिक्शन नावेल नहीं है। यह एक रियल लाइफ है।“ असलम ने भड़कते हुए अलबर्ट को अच्छा खासा लेक्चर पिला डाला।

“मिस्टर असलम, मैंने तो यहां पर उड़नतश्तरी जैसी चीज देख ली जो कि शायद करोड़ों आदमियों में से किसी एक ने देखी होगी। तो जब ऐसी चीज दिख सकती है तो फिर यह स्टीमर, शिप या पनडुब्बी की संभावना क्यों व्यक्त नहीं की जा सकती।“

अलबर्ट ने कड़वा सा मुंह बनाते हुए असलम को करारा जवाब दिया। असलम के पास फिलहाल इस बात का कोई जवाब नहीं था।

“आप लोगों को परेशानी के इस दौर में मिल-जुल कर रहना चाहिए, ना कि लड़ते हुए। सो प्लीज, अगर आप सजेशन नहीं दे सकते, तो बोलिए भी मत।“ सुयश ने तुरंत बीच बचाव करते हुए असलम को डांट लगाई।

“हाँ तो मिस्टर अलबर्ट आप कह रहे थे कि लॉरेन का बॉयफ्रेंड लाश के पास पहले गया होगा या फिर बाद में। तो मुझे आपकी बाद वाली संभावना ज्यादा सही लग रही है। क्यों कि ब्रूनो को चकमा देने जैसा काम कोई शातिर अपराधी कर सकता है और वह निश्चित ही लॉरेन का बॉयफ्रेंड रहा होगा। क्यों कि जो व्यक्ति इतनी टेक्नीक से लॉरेन को मार सकता है, वही व्यक्ति ब्रूनो से भी बच सकता है। लेकिन अब सवाल यह है कि यदि लॉरेन का बॉयफ्रेंड लाश के पास पहले गया था और उसके दुश्मन बाद में, तो फिर ब्रूनो को उसके दुश्मनों की महक क्यों नहीं मिली ?“

“यहां पर एक संभावना यह भी हो सकती है कि लॉरेन की लाश उसके दुश्मन कल लेकर भागे थे, जबकि उसका बॉयफ्रेंड आज इस जगह पर आया हो, जब उसे लाश ढूंढने पर ना मिली हो, तो वह डेक नंबर 12 से भाग गया हो और चूंकि बाद में वही आया था, इसलिए ब्रूनो को सिर्फ उसी की खुशबू मिली हो।“ अलबर्ट ने कहा।

“हां यह बात हो सकती है। लेकिन एक बात और समझ में नहीं आई कि आखिर उसके बॉयफ्रेंड ने उसका मर्डर क्यों किया ? सुयश के शब्दों में अभी भी उलझन छिपी थी।

“मुझे तो ये समझ में नहीं आ रहा कि आखिर यह सब बातें उसने मुझसे क्यों छिपाए रखीं ?“ जेनिथ ने धीमे स्वर में कहा।

लेकिन इन सभी बातों का जवाब एक व्यक्ति को छोड़कर, किसी के पास नहीं था। पर इस समय उसके चेहरे पर भी उलझन के भाव थे। शायद कुछ ऐसा था जो कि उसकी समझ में भी नहीं आ रहा था। तभी सुयश को उस रुमाल की याद आई, जो ब्रूनो ने ड्रम के पीछे से ढूंढ कर निकाला था। सुयश ने तुरंत असलम की तरह मुड़कर उसके हाथ में पकड़े रुमाल की ओर इशारा किया।

असलम ने आगे बढ़ कर उस रुमाल को सुयश की ओर बढ़ा दिया। सुयश ध्यान से उलट-पुलट कर उस गहरे नीले रंग के चेकदार रुमाल को देखने लगा। रुमाल से भीनी-भीनी संदल की खुशबू आ रही थी। तभी सुयश की नजर उस रुमाल के ऊपर, दाहिने किनारे पर, बहुत ही खूबसूरत ढंग से, सफेद रंग से कढ़ी एक आकृति पर पड़ी।

आकृति बिल्कुल अंग्रेजी के ‘जे‘ अक्षर की तरह से थी। उस आकृति को देखकर सभी के मुंह से एक ही शब्द निकला-

‘जे‘ “इस ‘जे‘ आकृति का क्या मतलब हो सकता है कैप्टेन?“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा।

“इसका मतलब कि जो भी लाश को लेकर भाग रहा था या फिर लाश के पास गया था, यह रुमाल उसका है, और उसका नाम ‘जे‘ से शुरू होता है।“ सुयश ने अपना तर्क देते हुए कहा।

अब सभी का ध्यान ‘जे‘ से शुरू होने वाले नामों के बीच घूमने लगा। सुयश के दिमाग में जो नाम सबसे पहले कौंधा, वह था प्राइम सस्पेक्ट का सबसे प्रमुख दावेदार-

“जैक“ “हाँ तो मिस्टर जैक।“ सुयश ने जैक की ओर घूमते हुए उसके चेहरे के आगे रुमाल लहराया-

“कहीं ये रुमाल आपका तो नहीं है? क्यों कि आपका भी निशानेबाजी में तीसरा स्थान था। जो किसी को भी अंधेरे में मारने के लिए बहुत है।“

“मैं..... मैं..... भला लॉरेन को क्यों मारने लगा ?“ जैक ने एकदम से घबराते हुए कहा- “मैं तो उसे ठीक से जानता तक नहीं था और फिर भला उससे मेरी क्या दुश्मनी थी ? जो मैं उसे मारने की सोचता।“





जारी रहेगा.....……✍️
Lauren ke katal ko leke her koi apni apni soch jahir kar raha hai Suyash ke samne ab ese me kiski soch kitne sahi hai is ka pata chal apna bahut mushkil hai lekin asli sawal abhi bhi yahe hai ki aakhir Lauren ki lash me esa kya tha jis karan samundar me feka gaya uski body ko
.
Kapde ke side me likhe J letter se kaiyo ka shak Jack per gaya ab Jack ka kya tallukih hai Lauren se ya nahi lagi Intresting lagta hai ye mamla
.
Bahut he Amazing update Raj_sharma bhai
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Lauren ke katal ko leke her koi apni apni soch jahir kar raha hai Suyash ke samne ab ese me kiski soch kitne sahi hai is ka pata chal apna bahut mushkil hai lekin asli sawal abhi bhi yahe hai ki aakhir Lauren ki lash me esa kya tha jis karan samundar me feka gaya uski body ko
.
Kapde ke side me likhe J letter se kaiyo ka shak Jack per gaya ab Jack ka kya tallukih hai Lauren se ya nahi lagi Intresting lagta hai ye mamla
.
Bahut he Amazing update Raj_sharma bhai
Ye lafda J ka nahi hai bhai :shhhh: Ye or kuch hai jo J ke jsisa dikhta hai:declare:Ye arbi ya urdu bhasa ka aksar hai laam, khair iske baare me aage padh hi loge👍 baat kare loren ki lash ki to ek to ye pakka nahi ki wo lash hi thi jo pani me lekar koi kooda tha,:idk1:Doosa uski hatya kyu kari gai uska reason bhi pata nahi:nope: Khair thank you very very much for your wonderful review and support DEVIL MAXIMUM bhai :thanx:
 
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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304
# 20 .
“पर इस सिक्के पर तो एक लड़की योद्धा का चित्र बना है।“ लारा ने अलबर्ट से सवाल किया- “आप तो किताब के कवर पेज पर देवता पोसाइडन की फोटो की बात कर रहे थे।“

“हां ! थोड़ी सी चीजें अलग जरुर हैं, पर उस किताब के कवर पेज से बहुत ज्यादा चीजें मैच हो रहीं हैं।“ अलबर्ट ने कहा-

“जैसे 6 घोड़े का रथ, त्रिशूल और डॉल्फिन की फोटो। पर मैं अब 100 प्रतिशत श्योर हूं कि यह सिक्का अटलांटिस का ही है।“

तभी सुयश ने इधर-उधर नजर मारते हुए माइकल से पूछा-
“शैफाली कहां है? कहीं दिखा ई नहीं दे रही है?“

“वह अभी भी सो रही है।“ माइकल ने जवाब दिया- “देर रात हो जाने के कारण, हमने उसे उठाया नहीं था।“

“क्या हम शैफाली के सोने की जगह देख सकते हैं? ब्रैंडन ने माइकल से पूछा- “शायद हमें वहां कोई सुराग मिल जाये? जिससे इस सिक्के के बारे में कुछ पता चल सके।“ सुयश को भी ब्रैंडन की बात सही लगी।

“हां -हां ! क्यों नहीं ?“ माइकल बोलते हुए खड़ा हो गया।

माइकल सहित सभी अब शैफाली के रुम में आ गये। ब्रूनो भी सबके पीछे-पीछे रुम में आ गया। शैफाली गहरी नींद में थी। माइकल ने धीरे से सभी को खाली पड़े, दूसरे तकिये की ओर इशारा किया। सुयश समझ गया कि इसी तकिये पर सिक्का मिला था। सभी की नजरें अब रुम में चारो तरफ, किसी सुराग की तलाश में घूम रही थीं। पर रुम में उन्हें कोई ऐसी चीज नजर नहीं आयी, जिसका सिक्के से कोई ताल्लुक हो। तभी सुयश की नजर शैफाली पर पड़ी जो कि अब बेचैनी से सोते हुए करवट बदल रही थी।

“लगता है ये फिर से सपने देख रही है।“ मारथा ने बेचैन स्वर में माइकल की ओर देखते हुए कहा।

“सपने!“ सुयश के स्वर में आश्चर्य के भाव थे- “पर शैफाली तो बचपन से अंधी है ना। फिर उसे सपने कैसे आ सकते हैं?“

“शैफाली को सपने आते हैं कैप्टेन।“ माइकल ने कहा- “जब ये छोटी थी, तब भी सोते-सोते घबरा जाती थी। फिर 4 साल की उम्र से इसने अपने सपनों के बारे में हमें बताना शुरु कर दिया था। अब सपने इसको कैसे आते हैं? इसके बारे में तो हममें से कोई भी नहीं जानता। एक बात है यह सपने में ऐसी चीजें देखती है, जिसके बारे में इसने पहले कभी ना सुना हो।“

तभी शैफाली ने जोर से अपनी मुठ्ठी बंद कर ली। उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें चमचमाने लगीं । अब वह जोर से कसमसा रही थी। मारथा से यह देख रहा ना गया। उसने शैफाली को जोर-जोर से हिलाना शुरु कर दिया-

“शैफाली..... शैफाली....।“ पर शैफाली अभी भी गहरी नींद में थी। सभी ध्यान से शैफाली की ओर देख रहे थे। मारथा के जोर-जोर से हिलाने के कारण अब शैफाली जाग गयी। “

मॉम....मॉम....!“ शैफाली ने जागते ही जोर से मारथा को पकड़ लिया।

“शांत हो जाओ!..... शांत हो जाओ शैफाली। मम्मा यहीं पर है।“ मारथा ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “तुम सिर्फ सपना देख रही थी।“ शैफाली अब धीरे-धीरे नार्मल हो रही थी। तभी उसने वातावरण में कुछ सूंघने की कोशिश की।

“कैप्टेन अंकल आप!“ शैफाली के शब्दों में आश्चर्य नजर आया- “आप इस समय हमारे रुम में क्या कर रहे हैं? और आपके साथ 2 लोग और भी हैं। कोई परेशानी हुई है क्या ?“

“नहीं बेटा ! कुछ खास बात नहीं है।“ सुयश ने शैफाली को तारीफ भरी नजरों से देखते हुए कहा- “हम लोग वैसे ही बस आपके पापा से मिलने आये थे।“

“और आप ग्रैण्ड अंकल?“ शैफाली ने सूंघते हुए अलबर्ट की ओर चेहरा घुमाया- “आप भी शायद पापा से मिलने ही आये होंगे।“

“हां बेटा !“ अलबर्ट ने भी झूठ बोलते हुए कहा- “रात में नींद नहीं आ रही थी। इसलिए मैं भी घूमता हुआ इधर आ गया। हमारी छोड़ो ! तुम बताओ, क्या तुम्हें फिर से सपने आये थे?“ अलबर्ट ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा।

“सपने!“ शैफाली ने अचानक दिमाग पर जोर डालते हुए कहा- “हां ग्रैंड अंकल। मैं फिर से सपना देख रही थी। मैने सपने में एक खूबसूरत हरा-भरा त्रिभुज की आकृति वाला द्वीप देखा, जिसके चारो तरफ धुंध फैली हुई थी। क्राऊन पहने एक अजीब सी मानव आकृति लिए हुए पहाड़ी, पत्थरों पर बनी विचित्र सी आकृतियां, एक सुंदर झील, .........।“

कहते-कहते शैफाली एक क्षण के लिए रुकी, मानों वह सपने को पूरी तरह से याद कर रही हो।

उधर सुयश, ब्रैंडन और लारा के चेहरे पर शैफाली की बातें सुनकर पसीना छलक आया था, क्यों कि शैफाली ठीक उसी द्वीप के बारे में बता रही थी। जिसको आज सुबह ही रोजर ने देखा था। तभी अचानक उसके पास बैठा ब्रूनो, अपने कान खड़े करके उठ कर बैठ गया। उसकी नजरें अब अपने सपनों के बारे में बता रही शैफाली पर थी। एका एक वह धीरे से उठा और कूं-कूं करते हुए शैफाली से दूर हट गया। पर उसकी सहमी-सहमी सी निगाहें अभी भी शैफाली पर थीं।

चूंकि शैफाली का ध्यान अपने सपनों पर और बाकी सभी का ध्यान शैफाली पर था। इसलिए किसी ने ब्रूनो की हरकतों पर ध्यान नहीं दिया। मगर ब्रैडन की निगाह से यह घटना बच नहीं सकी । ब्रैंडन को ब्रूनो की यह हरकत बड़ी अजीब सी लगी। अब वह कभी शैफाली की ओर देखता तो कभी डरे सहमे ब्रूनो की ओर। उधर शैफाली लगातार बोले जा रही थी-

“मैंने देखा एक सुनहरा मानव, जो हमें किसी दिशा में जाने के लिए इशारा कर रहा था और एक बड़ी पूंछ वाला पहाड़ी तोता .......और एक आवाज......।“ कहते-कहते शैफाली एका एक रुक सी गई।

“कैसी आवाज?“ सुयश ने शैफाली से पूछा।

“ऐसा लग रहा था, जैसे कोई कह रहा हो ‘वेलकम टू अटलांटिस‘।“ शैफाली ने कहा। अटलांटिस शब्द सुनते ही अब सभी का दिमाग सांय-सांय करने लगा।

“और.... और.... क्या देखा तुमने?“ सुयश ने जोर देते हुए कहा।

“और......।“ कहते-कहते एका एक शैफाली ने अपना सिर पकड़ लिया।

“क्या बात है बेटा ? क्या हुआ?“ मारथा ने शैफाली को झकझोरते हुए कहा।

“पता नहीं क्यों ? अचानक मेरा सिर बहुत तेजी से दर्द हो ने लगा है। और बहुत भारी-भारी सा महसूस होने लगा है।“

“कोई बात नहीं बेटा। अब तुम सोचना बंद करो और वापस बेड पर आराम कर लो। मम्मा अब आपके पास हैं इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।“

माइकल ने अपनी उंगलियों से शैफाली के बालों में कंघी करते हुए कहा। उधर जैसे ही शैफाली ने सपनों के बारे में सोचना बंद किया, ब्रूनो जो कि दूर बैठा हुआ था, धीरे धीरे चलता हुआ शैफाली के पास आ गया। शैफाली वापस बेड पर लेट गयी।

माइकल यह देखकर धीरे से बेड से उठा और रुम से निकलते हुए सबको बाहर आने का इशारा किया। मारथा को शैफाली के पास छोड़, सभी लोग बाहर के रुम में आ गये। सभी सोफे पर बैठ गये, पर किसी के मुंह से कोई बोल नहीं फूट रहा था। अजीब सा सस्पेंस भरा सन्नाटा छाया था। लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा ब्रैंडन की आवाज ने-

“कैप्टेन! मुझे लग रहा है, कि शैफाली एक नॉर्मल बच्ची नहीं है। इसके पास कुछ ना कुछ पॉवर जरुर है। शायद भविष्य देखने की पॉवर या फिर कुछ अलग.... जो हम समझ नहीं पा रहे हैं।“

“कह तो तुम ठीक रहे हो ब्रैंडन।“ सुयश ने भी ब्रैंडन की हां में हां मिलायी- “पर सवाल अभी शैफाली की पावर्स के बारे में बात करने का नहीं है। सवाल यह है कि वह रहस्यमयी द्वीप क्या है? जिसने रोजर की जान ले ली और यह अटलांटिस का सिक्का यहां कहां से आया ?“

“क्या मिस्टर रोजर अब नहीं रहे?“ अलबर्ट ने आश्चर्य से पूछा।

“जी हां प्रोफेसर! कल रोजर का हेलीकॉप्टर एक ऐसे ही रहस्यमयी द्वीप के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमें रोजर की मौत हो गयी।“ सुयश ने अलबर्ट से कहा।

“ओह! भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।“ अलबर्ट ने दुख प्रकट किया।

“जरुर उस द्वीप पर कुछ ना कुछ खतरनाक है।“ लारा ने कहा- “तभी वह शैफाली को भी सपने में नजर आ रहा है।“

“पर यह अटलांटिस का सिक्का यहां पर कैसे आया और कौन है वह जो शैफाली को सपने के माध्यम से बुला रहा है?“ सुयश ने कहा।

“कैप्टेन! मेरे पास एक थ्योरी है।“ अलबर्ट ने गहरी सांस लेते हुए कहा- “मैं ये तो नहीं कह सकता कि ये थ्योरी बिल्कुल सही है पर सभी घटनाओं को एक क्रम देने के बाद मुझे ये थ्योरी काफी हद तक सही दिशा में जाती लग रही है। अगर आप इजाजत दें तो मैं बोलूं।“

“जी प्रोफेसर बताइये!“ सुयश ने इजाजत देते हुए कहा।

“अटलांटिस एक प्राचीन द्वीप था। कहते हैं कि वह यहीं कहीं अटलांटिक महासागर में ही था। किताबों में लिखा है कि अटलांटिस द्वीप का विज्ञान बहुत उन्नत था। अटलांटिस द्वीप पर दूसरे ग्रहों के लोगों का भी आना जाना था। फिर अचानक एक विशालकाय ज्वालामुखी के फटने की वजह से, वह पूरी सभ्यता, अटलांटिक महासागर में कहीं खो गयी। अब ये एक अजीब इत्तफाक है कि जिस जगह का वर्णन किताबों में किया गया है, उसी जगह पर बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र आता है। अब आप लोग अपने दिमाग से यह बताइये कि क्या वजह हो सकती है, इस क्षेत्र में जहाजों के गायब होने की ?“

“आपकी थ्योरी मुझे भी काफी स्ट्रांग लग रही है प्रोफेसर।“ सुयश को अलबर्ट की बातों में दम दिखाई दिया- “इसका मतलब कि वह द्वीप अटलांटिस का अवशेष हो सकता है और वहां बचे हुए लोग नहीं चाहते कि कोई उनकी सभ्यता के बारे में जाने।“

“बिल्कुल ठीक कैप्टेन। अब हम सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।“ अलबर्ट के शब्दों में अब खुशी के भाव थे।

“ओह! तभी हमें इस क्षेत्र में उड़नतश्तरी दिखायी दी थी।“ लारा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

“पर यह सिक्का और शैफाली के सपने?“ माइकल जो कि इतनी देर से सभी की बात सुन रहा था, बोल उठा।

“इस बारे में अभी कुछ ज्यादा कह नहीं सकते मिस्टर माइकल।“ सुयश ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “लेकिन जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि जल्द ही हमें शैफाली के माध्यम से कुछ और रहस्यों का पता चलेगा। तब तक के लिए सभी लोग अपने आँख और कान खुले रखें और जैसे ही किसी को कुछ और नयी चीजें पता चलें, तुरंत मुझे बताएं।“ यह कहकर सुयश सोफे से खड़ा हो गया।

“कैप्टेन, इस सिक्के का क्या करना है?“ माइकल ने कैप्टेन को खड़े होते देख पूछ लिया। “फिलहाल ये सिक्का प्रोफेसर के पास रहेगा। हो सकता है कि इन्हें इसमें कुछ और खास बात नजर आ जाये। जब हम अपनी सभ्यता में पहुंचेंगे तो यह सिक्का अमेरिकन सरकार को दे देंगे।“ यह कहकर सुयश ने सिक्का माइकल के हाथ से ले अलबर्ट के हवाले कर दिया।

उधर सुयश को खड़े होते देख, ब्रैंडन और लारा भी अपने स्थान से खड़े हो गये थे। कुछ ही देर में तीनों कमरे से बाहर निकल गये।




जारी रहेगा.....…...✍️
Shaandar jabardast update 👌 👌
Shefali bhawishya bhi dekh leti hai 🤣🤣
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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# 21 .
2 जनवरी 2002, बुधवार, 14:30; ‘सुप्रीम’

अगले दिन दोपहर तक कोई ऐसी विशेष घटना नहीं घटी, जिसका कि जिक्र किया जा सके।
शिप के सारे यात्री अपने आप में मशगूल थे। कुछ चिंतित दिख रहे थे, तो कुछ अपनी इस नई जिंदगी में आशाओं और उल्लास की नई किरण ढूंढ रहे थे। सभी को अब शिप की वास्तविक स्थिति की जानकारी हो गई थी। उनको पता चल गया था, कि सुप्रीम इस विशाल सागर में रास्ता भटक गया है।

सभी यात्रियों की तरह, असलम भी डेक पर इधर-उधर चहल कदमी कर रहा था। उसके हाथों में एक शक्तिशाली दूरबीन भी थी। जिसे वह बीच-बीच में आंखों से लगा कर, दूर-दूर तक अपनी नजरें दौड़ा रहा था। अचानक उसकी नजरें बहुत दूर एक काले से धब्बे पर पड़ीं। उसे देखते ही असलम खुशी से मन ही मन बुदबुदाया-

“द्वी प!“ असलम तुरंत दूरबीन को और एडजस्ट करके ध्यान से देखने लगा- “द्वीप ही है।“

द्वीप को ध्यान से देखने के बाद, उसके चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आ गये। उसने तुरंत वॉकी टॉकी से, कंट्रोल रुम में मौजूद ड्रेजलर को, शिप को द्वीप की तरफ मोड़ने के लिए बोल दिया। अब वह कैप्टेन सुयश को यह खुशखबरी देने के लिए उसके रुम की ओर चल दिया।

असलम की चाल में तेजी थी और उसके चेहरे पर ना समझ में आने वाले कुछ भाव थे। थोड़ी ही देर में वह सुयश के रुम तक पहुंच गया।

“कैप्टेन-कैप्टेन!“ असलम खुशी के मारे तेजी से, बिना दरवाजे पर नॉक कि ये ही सुयश के रुम में घुस गया। उसकी तेज आवाज सुन, सुयश जो कि बहुत गहरी नींद में सो रहा था, हड़बड़ा कर उठकर बैठ गया।

“क्या हुआ? क्या फिर कोई मुसीबत आ गई?“ सुयश ने डरते हुए कहा।

“नहीं कैप्टेन! इस बार एक अच्छी खबर है।“ असलम ने खुशी भरे लहजे में कहा- “हमें कुछ दूरी पर एक द्वीप दिखाई दे रहा है।“

“द्वीप!“ सुयश ने आश्चर्य से कहा।

“यस कैप्टेन द्वीप!“ असलम ने कहा- “आप जल्दी चलिए। वैसे मैंने सुप्रीम के चालक दल को शिप को उधर मोड़ने के लिए बोल दिया है।“

सुयश ने पैरों में स्लीपर डाला और असलम के साथ, लगभग भागते हुए, शिप के डेक पर पहुंच गया। यह वही डेक था, जहां पर हेलीपैड था। इसलिए यहां पर कोई यात्री नहीं था। तब तक शिप को द्वीप की ओर मोड़ा जा चुका था। अब वह द्वीप, बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं था।

असलम ने धीरे से दूरबीन, सुयश के हाथों में दे दी। सुयश ने दूरबीन को अपनी आँखों पर चढ़ा लिया। अब वह बहुत ध्यान से उस द्वीप को देख रहा था।

तभी ब्रैंडन भी सुयश को ढूंढता हुआ वहां आ पहुंचा। अब ब्रैडन की भी निगाह द्वीप की ओर थी। काफी हरा -भरा द्वीप था। मौसम कुछ ज्यादा ठंडा होने की वजह से, दिन के समय में भी, हल्की-हल्की सी धुंध द्वीप के चारो ओर फैली हुई थी। कुछ अजीब सी पहाड़ियां भी दिखाई दे रहीं थीं। जिसके कारण द्वीप का ये हिस्सा, एक अजीब सा नजारा प्रस्तुत कर रहा था।

अब तक ब्रैंडन भी दूसरी दूरबीन प्राप्त कर चुका था। और वह भी बड़े ध्यान से द्वीप की ओर देख रहा था।

“कैप्टन!“ ब्रैंडन ने द्वीप की ओर देखते हुए सुयश से पूछा- “आपको इस द्वीप को देखकर क्या महसूस हो रहा है?“

“मुझे ये वही द्वीप लग रहा है ब्रैंडन।“ सुयश के आवाज में बर्फ की सी ठण्डक थी- “जिसका जिक्र रोजर व शैफाली ने किया था।“

“इक्जैक्टली ! यही बात तो मैं भी आपसे कहना चाहता था कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने अपनी सहमति जताई-

“और आप जरा इस द्वीप के आस-पास का क्षेत्र तो देखिए। एक अजीब सी निस्तब्धता छाई है। एक विचित्र से डरावनेपन का अहसास हो रहा है।“

“तुम बिल्कुल सही कह रहे हो ब्रैंडन।“ सुयश ने अपनी आँखों के आगे से दूरबीन हटाते हुए कहा-

“मैंने भी जब से ये द्वीप देखा है, तब से बार-बार मुझे रोजर व शैफाली की कही बातें याद आ रहीं हैं।“ असलम को शैफाली के सपनों के बारे में कुछ नहीं पता था। पर उसने सुयश को बीच में टोकना सही नहीं समझा।

“कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने कहा- “अगर शैफाली की यह बात सही निकली है तो क्या बाकी बातें भी सही होंगी।“

“कुछ कह नहीं सकता ब्रैंडन?“ सुयश का दिमाग इस समय बहुत तेजी से चल रहा था-
“पर ये बात तो श्योर है कि इस द्वीप पर कुछ ना कुछ खतरा जरुर है।“

तब तक शिप, द्वीप के काफी पास आ गया था। शिप को पास आया देख अब असलम से ना रहा गया। वह बोल उठा-
“कैप्टेन! अब हमें क्या करना है? क्या इस द्वीप पर जाना है या...............?“

असलम ने जान बूझकर अपनी बात अधूरी छोड़ दी। असलम की बात सुनकर, सुयश जैसे सपनों से बाहर आया। उसने एक नजर ब्रैंडन और असलम पर डाली और फिर बोल उठा-

“नहीं असलम। पिछली सारी बातें गौर करने के बाद, मैंने यह सोच लिया है कि हमें इस द्वीप पर नहीं जाना है। क्यों तुम्हारा क्या ख्याल है ब्रैंडन?“

“मैं भी आपसे सहमत हूं कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश की बात का सर्मथन देते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है।“ सुयश ने असलम की ओर घूमते हुए कहा- “शिप को दूसरी दिशा में मोड़कर, आगे बढ़ाने का आदेश दे दो।“

“पर कैप्टन!“ असलम ने थोड़ा अनमने भाव से कहा- “इस द्वीप की बात पूरे शिप पर फैल गयी होगी। बहुत से लोगों ने तो इस द्वीप को देख भी लिया होगा और वह खुश होकर इसकी जमीन को छूने के लिए बेकरार भी होंगे। ऐसे में हम उन्हें क्या समझाएंगे?“

“कुछ भी कहो ? पर उन्हें समझाओ।“ सुयश ने थोड़ा बेचैन हो कर कहा- “पर ..... पर ..... शिप को इस मनहूस द्वीप से दूर ले चलो।“

यह कहकर सुयश ने, एक बार फिर गहरी निगाहों से उस रहस्यमई द्वीप को देखा और फिर डेक से हटकर, नीचे अपने केबिन की ओर चल दिया। ब्रैंडन भी सुयश को जाता देख वहां से चला गया।

असलम अब डेक पर अकेला खड़ा था। पर उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव नहीं थे। शायद वह सुयश के इस फैसले से नाराज था।

चैपटर-7 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 00:30; रात के लगभग 12:30 हो रहे थे।

जहां एक ओर सारे यात्री, अपने-अपने कमरों में सो रहे थे। वहीं सुयश, लारा के साथ पूरे शिप का चक्कर लगा रहा था। दिन में सोने की वजह से, सुयश कुछ फ्रेश नजर आ रहा था। इसलिए आज उसने लारा के साथ, कुछ देर गश्त लगाने का निर्णय लिया था।

“तुम्हें क्या लगता है लारा ?“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा- “इन अजीब सी घटनाओं के पीछे क्या कारण हो सकता है?“

“सिंपल सी बात है कैप्टन।“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा- “हम लोग इस समय बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमई व खतरनाक क्षेत्र से गुजर रहे हैं। यह क्षेत्र विश्व के अनसुलझे रहस्यों में से एक है, तो फिर यहां इस तरह की घटनाएं होना लाजिमी है। बल्कि अगर यह कहा जाए, कि यदि हम लोग इस खतरनाक क्षेत्र से निकलने में कामयाब हो जाएं, तो हम इस क्षेत्र में इतना अंदर जा कर निकलने वाले, विश्व के पहले व्यक्ति होंगे।“

“नहीं...... नहीं....! पहले नहीं।“ सुयश ने लारा की बात काटते हुए कहा- “दूसरे व्यक्ति होंगे। क्यों कि इसके पहले भी एक व्यक्ति, इस खतरनाक क्षेत्र से जीवित बच निकलने में सफल रहा था।“

“पहला व्यक्ति कौन था ?“ लारा ने उत्सुक स्वर में सुयश की ओर देखते हुए कहा।

“आज से लगभग 16 साल पहले, ‘ब्लैक थंडर‘ नाम का, एक पुर्तगाली पानी का जहाज हम लोगों की तरह भटक कर, इस रहस्यमई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। बाहरी दुनिया से उसका संपर्क कट जाने के बाद, उस जहाज का क्या हुआ? यह कोई ना जान पाया। उसके खोने के लगभग 3 महीने के बाद, एक दूसरे जहाज के यात्रियों को लकड़ी के तख्ते पर तैरता हुआ, एक व्यक्ति मिला। उसे जहाज पर खींच लिया गया। iलेकिन वह व्यक्ति मानसिक रूप से पूर्ण विक्षिप्त था।
बाद में उसके बारे में पता चला, कि उस व्यक्ति का नाम विलियम डिकोस्टा था। और वह उसी जहाज का यात्री था, जो बारामूडा त्रिकोण के इन रहस्यमय अंधेरों में खो गया था।
लेकिन कोई भी उससे यह नहीं पता लगवा सका कि वह बीते हुए 3 महीने तक कहां था ? और उसने क्या-क्या देखा ? कुछ साल बाद उसके मरने का न्यूज भी आया था। लेकिन मरने से पहले तक उसकी यादाश्त नहीं लौटी थी।
इसलिए इस क्षेत्र का राज कभी खुल नहीं पाया।“ कहते-कहते सुयश शांत हो गया।

“आपको तो इस क्षेत्र की काफी जानकारी लगती है कैप्टन।“ लारा ने सुयश की प्रशंसा करते हुए कहा।

“नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है। मैं भी इस क्षेत्र में बहुत अधिक समय से नहीं चल रहा हूं।“ सुयश ने कहा-

“लेकिन मुझे ऐसे रहस्यमय क्षेत्रों के बारे में जानना बहुत अच्छा लगता है। मैं जब छोटा था, तभी से मुझे यह सुपर नेचुरल रहस्य बहुत अच्छे लगते थे। मैं हमेशा ही ऐसी किताबें पढ़ा करता था, जो मानव मस्तिष्क से परे, रहस्य की दुनिया की जानकारी देते हों।
जैसे इस बारामूडा त्रिकोण की जानकारी, मुझे सन 1964 में प्रकाशित ‘आरगोशी ‘ नामक पत्रिका से प्राप्त हुई। जिसे मैंने बाद में पढ़ा था ।
उसके लेखक ‘विंसेंट एच गेडिड्स‘ थे। उन्होंने उस पुस्तक में विस्तार से, बारामूडा त्रिकोण के बारे में जानकारी दी है।
उसके बाद इस रहस्यमय त्रिकोण के बारे में लेखक ‘इवान टीसेण्डरसन‘ ने भी काफी कुछ लिखा। उन्होंने इस प्रकार के क्षेत्रों को ‘वाइल वोर्टइसिज‘ का नाम दिया।
फिर सन् 1973 में इनसाइक्लो पीडिया ‘ब्रिटानिका ‘ ने भी बारामूडा त्रिकोण के बारे में काफी कुछ लिखा।
उसके बाद 1973 में ही ‘जॉन वेलेस स्पेंसर’ की पुस्तक ‘लिंबो ऑफ द लास्ट‘, 1974 में ‘चाल्र्स बर्लिट्ज‘ की पुस्तक ‘द बारामूडा ट्रांइगिल‘ और 1975 में ‘लॉरेंश डीकुस्शे‘ की पुस्तक ‘द बारामूडा ट्रांइगिल मिस्ट्री साल्वड‘ नामक पुस्तक, प्रकाश में आई।“

“इन सभी पुस्तकों ने दुनिया भर के लोगों में, बारामूडा त्रिकोण के बारे में उत्सुकता जगा दी। लेकिन कोई भी किताब इस रहस्य को सुलझाने में असमर्थ रही। सभी लेखकों के अपने-अपने तथ्य थे, जो उनके हिसाब से तो सही थे। पर दूसरों से थोड़ा अलग थे।“ सुयश ने थोड़ा रुक कर फिर बोलना शुरू किया-


“मुझे स्वयं इस क्षेत्र के बारे में जानने की बड़ी उत्सुकता रहती थी। पर मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मुझे जिंदगी में कभी इस क्षेत्र में भटकना पड़ेगा।“

“अब तो यह स्थिति आ गई है सर।“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा- “कि मारे डर के, कोई भी यात्री ढंग से सो भी नहीं पा रहा है। सभी के दिमाग में, एक ही सवाल कौंध रहा है, कि क्या वह बच कर अपनी सभ्यता तक वापस जा सकेंगे?
वैसे हम यात्रियों के बारे में क्या कहें, हमारे तो चालक दल व कर्मचारी भी ऐसा ही सोच.. ..... .............।“

कहते कहते लारा एकाएक चुप सा हो गया और एक तरफ देखने लगा। सुयश भी उसकी आंखों का पीछा करते हुए, उस तरफ देखने लगा, जिस तरफ लारा देख रहा था। पर उसे सामने कुछ दिखाई नहीं दिया।

“क्या बात है लारा ? तुम बोलते-बोलते एका एक चुप क्यों हो गये?“ सुयश ने धीरे से लारा से पूछा।

“श्ऽऽऽऽऽ......।“ लारा ने अपने होठों पर उंगली रखते हुए, सुयश को चुप रहने को कहा। और धीरे-धीरे एक दिशा की ओर, दबे पांव चल पड़ा। सुयश की समझ में तो कुछ नहीं आया, पर वह भी धीरे-धीरे लारा के पीछे चल पड़ा। तभी गैलरी के दूसरे किनारे पर, एक मानवाकृति जैसी परछाई दिखाई दी।

“कौ न है वहां ? रुक जाओ!“ लारा ने चिल्लाते हुए तेजी से रिवाल्वर निकाल ली-
“रुक जाओ, वरना गोली मार दूंगा।“

उसकी आवाज सुनते ही वह परछाई, जो कंधे पर कोई चीज उठाए थी, तेजी से एक दिशा की ओर भागी। उसको भागते देख लारा व सुयश तेजी से उस साये के पीछे भागे।

“मैं कहता हूं रुक जा ओ।“ लारा के दहाड़ते हुए शब्दों से पूरी गैलरी थर्रा सी गयी -
“वरना मैं गोली चला दूंगा।“
लारा की दूसरी धमकी से भी साये की गति में कोई अंतर नहीं आया। वह आकृति अभी भी निरंतर भागती जा रही थी। गैलरी के हर मोड़ पर उन्हें सिर्फ एहसास हो रहा था कि कोई अभी तेजी से यहां से निकला है। उस आकृति की स्पीड इतनी तेज थी कि उन्हें गोली चलाने का भी समय नहीं मिल पा रहा था।






जारी… रहेगा....……✍️
Shaandar jabardast update 👌 👌
Shaip ko dweep se dur le ja rahe par aisa ho payega kya ?
Aslam ke sath kuchh gadbad hai 😏 ye ab kaun chhipa hai 😏 😏
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Shaandar jabardast update 👌 👌
Shefali bhawishya bhi dekh leti hai 🤣🤣
Be-shak lekin kyu?? Kya ye nahi jan-na chahoge? Thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Supreme
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Shaip ko dweep se dur le ja rahe par aisa ho payega kya ?
Aslam ke sath kuchh gadbad hai 😏 ye ab kaun chhipa hai 😏 😏
Bhai aslam ke sath gadbad nahi hai :nope: Wo Aadmi hi gadbad hai, ab aisa kyu hai, ye aage pata chal jayega:declare:, Thank you very much for your valuable review bhai :thanx:
 
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