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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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ये कीड़े जो भी है, मुझे लग रहा है कि वो किसी के ऑर्डर्स को फॉलो कर रहे हैं। तभी वो शिप पर बराबर आते जाते हैं, और शायद उस गार्ड की लाश को गायब करने में भी उनका हाथ है।

वैसे तो अल्बर्ट का व्यवहार भी संदेह जनक है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो मारिया को मार सकता है, जब तक वो अल्बर्ट ही है।

बढ़िया अपडेट Raj_sharma भाई
Wo albert hi hai dost:declare:Rahi baat keedo ki to ho sakta hai ki tapu or keedo ka koi relation ho abhi nahi bata sakta bhai :dazed:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहुत ही जबरदस्त और रोमांचकारी अपडेट है भाई मजा आ गया
Thanks brother for your valuable review :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
क्या शेफाली व्दारा मायकल बताई गणितीय कोड सुप्रीम को बर्मुडा त्रिकोण से बाहर निकालने में मदत कर सकती हैं
Nahi bhai nahi:nope: Wo paheli to kewal shefali ke dimak ki upaj hai:hehe: Thanks for your valuable review and support bhai :thanx:
 
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# 37.
5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00; “सुप्रीम”

“मारिया !“ अलबर्ट ने मारिया की सूनी-सूनी आँखों में झांकते हुए पूछा- “क्या सोच रही हो ?“

“कुछ नहीं , बस इसी शिप के बारे में सोच रही हूं।“ मारिया ने जवाब दिया।

“क्या ?“ अलबर्ट ने पूछा।

“यही कि हमारी जिंदगी की शुरुआत भी ऐसे ही एक शिप पर हुई थी और आज अंत भी इसी शिप पर हो रहा है।“ मारिया के शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी।

“ऐसा क्यों कहती हो ? अभी तो हमने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करनी है, जिससे मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूंगा।“ अलबर्ट ने मारिया का हौसला बढ़ाने की कोशिश की।

“क्यों झूठ की डोर को पकड़े हुए चल रहे हो ? आज शिप के सभी यात्रियों को पता है कि हम कितनी खतरनाक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं और अगला कोई लम्हा हमारी जिंदगी का आखिरी लम्हा भी साबित हो सकता है। लेकिन अब मुझे अपनी मौत की कोई चिंता नहीं है।“ मारिया ने कहा।

“क्यों ?“ अलबर्ट ने मारिया की आँखों में देखते हुए पूछा।

“क्यों कि अब तुम जो मेरे साथ हो और यदि तुम्हारा साथ हो तो मुझे मौत की कोई चिंता नहीं। बस एक ही अफसोस है कि अब हम तो अपनी जिंदगी जी चुके पर शैफाली सरीखे उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा ? उनका भला क्या दोष है? वह सब मौत के मुंह में क्यों जा रहे हैं? अभी उन्होंने तो ठीक तरीके से दुनिया को भी नहीं देखा है।“

अलबर्ट बोलती हुई मारिया को लगातार देख रहा था।
“क्या देख रहे हो इस तरह?“ मारिया ने पूछा।

“तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हें क्या समझता था और तुम क्या निकली? मैं समझता था कि तुम्हें केवल अपने सिवाय कोई नजर नहीं आता है। पर आज जब तुम स्वयं के बारे में छोड़कर, दूसरे ऐसे लोगों की चिंता कर रही हो, जिन्हें तुम ठीक तरह से जानती तक नहीं हो।“ अलबर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा।

“इसी का नाम जिंदगी है।“ मारिया ने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- “मैं तो पहले भी वही थी, जो आज हूं, पर आज तुम्हारे देखने का नजरिया बदल गया है।“

“तो क्यों ना हम इस बदली हुई जिंदगी को शैम्पेन पी कर सेलिब्रेट करें।“ अलबर्ट ने एकाएक माहौल को चेंज करते हुए कहा।

“आईडिया बुरा नहीं है।“ मारिया ने मुस्कुराते हुए कहा- “मैं अभी वेटर से शैम्पेन लाने के लिए कहती हूं।“

“वेटर को रहने दो।“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए कहा- “मैं खुद ही ले आता हूं। इसी बहाने एक सिगरेट भी पी आऊंगा। क्यों कि तुम्हें तो पता है कि सिगरेट मेरी कमजोरी है और तुम्हें सिगरेट से नफरत है। इसलिए हमेशा सिगरेट मैं बाहर जा कर ही पीता हूं।“

मारिया ने धीमे से सिर हिलाकर अलबर्ट को अपनी सहमति दे दी। अलबर्ट ने सोफे से उठकर रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।

5 जनवरी 2002, शनिवार 15:30; “सुप्रीम”

“ब्रैंडन ! लारा के बाद अब तुम ही सिक्योरिटी इंचार्ज हो। इसलिए तुम्हें आज मेरे साथ गश्त पर चलना होगा।“ सुयश ने लंबे-चैड़े ब्रैंडन से हाथ मिलाते हुए कहा।

“ओ.के. कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने किसी नए-नए अधिकारी की तरह सैल्यूट मार कर, सुयश का इस्तकबाल किया- “मैं आपको किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।“

शायद कोई और समय होता तो ब्रैंडन की खुशी का ठिकाना ना रहता। लेकिन ऐसी स्थिति में और लारा की मौत के बाद ब्रैंडन को अपनी इस पोस्ट से इतनी खुशी नहीं हुई। थोड़ी ही देर में ब्रैंडन, सुयश के साथ गैलरी के चक्कर काट रहा था।

“हमें बिल्कुल सावधान रहना होगा कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश के साथ चलते हुए कहा- “क्यों कि पिछले दो-तीन दिन के रिकॉर्ड कहते हैं कि हर शाम खतरों को समेटे हुए आती है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता ना करें सर, मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दिया है। मैं आशा करता हूं कि आज कोई भी ऐसी घटना नहीं.............।“

लेकिन इससे पहले कि ब्रैंडन कुछ और बोल पाता किसी के भागते कदमों की आहट सुन, दोनो दीवार से सट कर खड़े हो गये। जैसे ही भागने वाला इनके मोड़ पर मुड़ा। दोनों तुरंत निकल कर उसके सामने आ गये।

भागने वाला इंसान ऐलेक्स था। उसकी सांसे बुरी तरह से फूल-पिचक रहीं थीं। जैसे ही उसकी नजर सुयश पर पड़ी, उसने अपना उल्टा हाथ सुयश की ओर बढ़ाया।

“कैप्टन......... अब कोई..... नहीं बचेगा।“ इतना कहकर ऐलेक्स धड़ाम से फर्श पर गिरकर बेहोश हो गया। ऐलेक्स के शब्द ब्रैंडन और सुयश के लिए किसी धमाके से कम नहीं थे।

“ब्रैंडन, जल्दी पानी लाओ।“ सुयश ने चीखकर ब्रैंडन को आदेश दिया।

ब्रैंडन उठकर तुरंत भागा। पास में ही चिलिंग वाटर सिस्टम लगा हुआ था। ब्रैंडन ने तुरंत वहां रखे बर्तन में पानी लिया और भाग कर पुनः सुयश के पास पहुंच गया। सुयश ने पानी के छींटे ऐलेक्स के ऊपर मारे।

धीरे-धीरे एक कराहट के साथ ऐलेक्स को होश आ गया। होश में आते ही सबसे पहले ऐलेक्स ने घबरा कर इधर-उधर देखा और सुयश पर नजर पड़ते ही उसे तेजी से पकड़ लिया।

“कैप्टन......कैप्टन सबको बचाओ, नहीं तो वह सब को मार डालेंगे।“ ऐलेक्स घबराहट के कारण ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।

“क्या हुआ? कौन किसे मार डालेगा ?“ सुयश ने ऐलेक्स को झंझोड़ते हुए पूछा।

“वही ...... हरे कीड़े!“ ऐलेक्स ने जैसे बम फोड़ा।

“हरे कीड़े!“ सुयश और ब्रैंडन दोनों के मुंह से एक साथ निकला।

“हां...... मैं अपने कमरे में था। तभी बाहर गैलरी में मुझे खट-पट की आवाज महसूस हुई। मैंने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा खोला। तो देखा ठीक वैसा ही हरा कीड़ा, जैसे क्रिस्टी के रुम मिला था। वह आगे-आगे उछलता हुआ गैलरी में जा रहा था। ना तो मेरे पास रिवाल्वर थी और ना ही कोई अन्य हथियार, जिससे मैं उस हरे कीड़े का सामना कर सकता। इसलिए मैं बिना आवाज किए, उस कीड़े के पीछे चल पड़ा। वह लगभग जमीन से 5-5 फुट ऊपर, मेंढक की तरह उछलता हुआ चल रहा था । उसकी स्पीड बहुत तेज थी। फिर भी मैं उसके पीछे लगा रहा। मैंने उसका कई गलियों तक पीछा किया। फिर एक गैलरी में मैं जैसे ही मुड़ा तो जो दृश्य मेरी आंखों ने देखा, उसे देखकर मेरी रूह फना हो गयी और मैं वहां से भाग खड़ा हुआ।“

बताते समय ऐलेक्स की आँखों के आगे सारे दृश्य घूमने लगे।

“ऐसा क्या देख लिया तुमने?“ सुयश का दिमाग ऐलेक्स की बातें सुनकर सांय-सांय करने लगा।

“मैंने देखा कि ठीक उसी के तरीके के कम से कम 10-12 हरे कीड़े उस पूरी गैलरी में टहल रहे थे।“ ऐलेक्स की आँखों में भय साफ नजर आ रहा था।

“क्या ऽऽऽऽऽऽ?“ सुयश को लगा जैसे किसी ने उसके सिर पर पहाड़ फेंक कर मार दिया हो।

“यह सब तुमने किस गैलरी में देखा ?“ ब्रैंडन ने ऐलेक्स से पूछा।

“आइए मेरे साथ। मैं आपको बताता हूं।“ इतना कहकर ऐलेक्स उन्हें लेकर एक दिशा की ओर चल दिया। लेकिन उसके पांवों में अभी भी भय की वजह से लड़खड़ाहट थी। तभी इन्हें गैलरी की एक साइड से अलबर्ट आता दिखा ई दिया।

“क्या बात है कैप्टन? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों हैं?“ अलबर्ट ने बारी- बारी सबके चेहरे को देखते हुए कहा।

“अभी -अभी मिस्टर ऐलेक्स ने इस दिशा में लगभग 10-12 हरे कीड़े जाते देखे हैं।“ सुयश ने जवाब दिया।

“क्या ऽऽऽऽ? माई गॉड! वह एक कीड़ा ही इतना खतरनाक था, फिर 10-12 कीड़े।......अगर ऐसा हो गया और शिप के लोगों को पता चल गया तो भगदड़ मच जायेगी।“ अलबर्ट ने घबराते हुए कहा।

“यह भी तो हो सकता है कि मिस्टर ऐलेक्स ने 10-12 कीड़े देखे हों, तो यह पूरे शिप पर मिला कर 100-200 हों।“ ब्रैंडन ने अपने विचार रखे।

“अगर ऐसा हुआ तो शिप के किसी भी आदमी का बचना मुश्किल है।“ सुयश चिंतित स्वर में बड़बड़ाया।

“क्या आपने इसी दिशा में कीड़ों को जाते देखा था मिस्टर ऐलेक्स?“ अलबर्ट ने सबके साथ गैलरी में मुड़ते हुए कहा।

“जी हां !“ ऐलेक्स ने उत्तर दिया।

“माई गॉड!......इधर तो मेरा भी रूम पड़ता है। मारिया......मारिया कैसी होगी ?“

मारिया का विचार आते ही, हाथ में शैंपेन की बोतल और खाने का सामान लिए अलबर्ट ने अपने रूम की ओर दौड़ लगा दी। उसे अब ना तो उन कीड़ों की चिंता थी और ना ही अपनी।

सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स भी अलबर्ट के पीछे भागे। उन तीनों की निगाहें तेजी से गैलरी में भी फिर रही थीं। अलबर्ट भागता हुआ अपने कमरे के दरवा जे पर पहुंचा। उसके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह भागकर तेजी से अपने कमरे में प्रवेश कर गया।

“मारिया-मारिया !.......कहां हो तुम?“ अलबर्ट की आवाज में चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।

रूम खाली था। अलबर्ट भागकर दूसरे कमरे में दाखिल हो गया, पर वह भी खाली था। अलबर्ट की बदहवासी बढ़ती जा रही थी। जल्दी ही उसने पूरा केबिन चेक कर डाला, पर मारिया कहीं ना थी।

“मारियाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!“ अलबर्ट गुस्से में जोर से चिल्ला उठा।

उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। शैंपेन की बोतल उसके हाथ से गिरकर टूट गई थी और साथ ही टूट गया था अलबर्ट के धैर्य का बांध। वह जमीन पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगा।

“तुम कहां चली गई मारिया?...... अब तो मैंने तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहने का वादा भी कर लिया था।.. .. .....मुझे अकेला छोड़ने का तुम्हारा कोई हक नहीं था।...... अरे दो पल इंतजार तो कर लिया होता।.....मेरे आने का......अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिंदा रहूंगा ?“ अलबर्ट भावावेश में बोलता ही जा रहा था।

“शांत हो जाइए मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने अलबर्ट के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “हो सकता है कि मारिया मैडम यहीं कहीं आस-पास गयीं हों और अभी वापस लौट आएं।“

“नहीं कैप्टेन....... मैं जान गया हूं कि........ वह अब इस दुनिया में नहीं है ......उसे भी शायद इन आने वाले पलों का एहसास हो गया था.. .........तभी वह मुझे बाहर जाने के लिए मना कर रही थी.......लेकिन मैं.......मैं तो अपनी इस कमीनी लत का गुलाम हो गया हूं।“ कहते हुए अलबर्ट ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल लिया।

“मैं.......मैं जानता हूं कि मारिया को किसने मारा ?“ एकाएक ही अलबर्ट विक्षिप्त सा नजर आने लगा।

“क्या ऽऽऽऽ?“ अलबर्ट के शब्दों को सुन, सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स अवाक रह गये- “आपको पता है कि मारिया मैडम को किसने मारा ?“

“हां..........मुझे पता है.......... उसको... .....उसको इसने मारा।“ अलबर्ट ने ‘क्लासिक‘ सिगरेट के पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा- “यही है जिसने मेरी मारिया को मुझसे छीन लिया............ मैं. .. ...मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा......मैं भी इसे मार डालूंगा।“

इतना कहकर अलबर्ट ने सिगरेट का पैकेट जमीन पर फेंक दिया और उसे अपने पैरों तले कुचलने लगा सुयश, अलबर्ट की यह हालत देख, धीरे से फोन की ओर बढ़ गया-

“हैलो डॉक्टर निक्सन!........मैं रूम नंबर 927 से सुयश बोल रहा हूं। आप फौरन अपना बैग लेकर इस केबिन में आ जा इए।“ इतना कहकर सुयश ने फोन काट दिया।

उधर अलबर्ट अब पागलों की तरह अपना जूता उतारकर सिगरेट को पीट रहा था।

“नशीली चुड़ैल......आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा.......मार डालूंगा।“

सुयश ने धीरे से ब्रैंडन को इशारा किया। ब्रैंडन ने आगे बढ़कर अलबर्ट को पीछे से पकड़ लिया। अलबर्ट अपने आपको ब्रैंडन की पकड़ से छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगा।

“छोड़ो मुझे..........वरना कातिल भाग जाएगा........वो मेरी मारिया को...... ले जा रहा है।“

अलबर्ट अभी भी चिल्लाये जा रहा था। लेकिन लंबे-चैड़े ब्रैंडन की पकड़ बहुत शक्तिशाली थी। चाहकर भी अलबर्ट, ब्रैंडन की पकड़ से छूट नहीं पा रहा था। तभी डॉक्टर निक्सन भागते हुए अपने असिस्टेंट के साथ रुम में दाखिल हुए।

“क्या बात है कैप्टन?“ डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट पर एक नजर मारते हुए कहा।

“इन्हें तुरंत एक नींद का इंजेक्शन दीजिए।“ सुयश ने अलबर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा।

“नहीं डॉक्टर.....! मुझे नींद का इंजेक्शन मत देना.........मैं अभी तक सो ही तो रहा था.............. आज पहली बार जागा हूं.......मुझे दोबारा मत सुलाओ.....वरना ...... वरना वो मेरी मारिया को ले जाएगा ।“ अब अलबर्ट की आवाज में गिड़गिड़ाहट के भाव थे।

डॉक्टर निक्सन ने तब तक इंजेक्शन बना लिया था। उसने आगे बढ़कर धीरे से अलबर्ट की दाहिनी बाजू में इंजेक्शन को चुभा दिया।

“छोड़ दो.......मुझे.....वो देखो.... मेरी मारिया.....मुझे बुला...रही .... है...वो... मुझे...पुकार..............।“

अलबर्ट अपनी बात पूरी किए बिना ही बेहोश हो गया। ब्रैंडन ने अब अपनी पकड़ ढीली कर दी। उसने अब अलबर्ट को धीरे से वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूसरे पैर का जूता भी खोलकर वहीं रख दिया।

“ब्रैंडन 2 आदमी इनकी सिक्योरिटी में लगा दो और तुम तुरंत मेरे साथ चलो, क्यों कि खतरा अभी टला नहीं है। वह कीड़े पता नहीं कहां तक पहुंच गये होंगे?“ सुयश ने कहा।

“कीड़े......? कैसे कीड़े?“ डॉक्टर निक्सन ने हैरानी से पूछा।

“सॉरी डॉक्टर, अभी कुछ भी बताने का समय नहीं है। जल्दी ही बताता हूं आपको।“

कहकर सुयश ने आखिरी बार अलबर्ट पर नजर मारी और तेजी के साथ कमरे से बाहर निकल गया। ऐलेक्स भी उसके पीछे था।




जारी रहेगा________✍️
Gujab ka update tha bhai 👌🏻👌🏻 bechare albert ki patni mariya mari gai/gayab ho gai🤔 jo bhi hai per ek baar ko to uska mansik santulan gadbada gaya hai:claps:kafi tagda suspense hai bhai, rahi baat keedo ki to wo to samajh se hi pare hai bhaiya, awesome 👌🏻👌🏻👌🏻
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 31 .

“यह तुम बार-बार अपने किस काम की बात करते हो ?“ जेनिथ ने कहा।

“मैं यह बात तुम्हें अभी नहीं बता सकता, पर समय आने पर तुम्हें खुद-बा-खुद पता चल जाएगा।“ तौफीक की आंखों में, इस बार कठोरता के भाव थे।

“तौफीक.......!“ जेनिथ के इन शब्दों में थोड़ी थिरकन थी- “जाने क्यों आज मुझे बहुत डर लग रहा है?“

“डर......! डर किस बात का ?“ यह कहते हुए तौफीक ने, धीरे से जेनिथ के दाहिने हाथ को, अपने दोनों हाथों में ले लिया और प्यार से उसे सहलाते हुए बोला-

“मैं हूं ना तुम्हारे साथ। फिर भला तुम क्यों डरती हो ? और अगर कभी ज्यादा डर लगे, तो मेरा नाम अपने मन में तीन बार दोहराना, सारा डर अपने आप खत्म हो जाएगा।“

“वो.....कैसे भला ?“ जेनिथ ने तौफीक की आंखों में आंखें डालते हुए पूछा।

“मैं जब बहुत छोटा था। तभी मेरे अब्बा गुजर गए थे। फिर भी उनकी कुछ बातें मुझे आज भी याद हैं।“ तौफीक ने अतीत के समुंदर में छलांग लगाते हुए कहा-

“जब कभी मैं डर जाया करता था, तो मेरे अब्बा मुझे मेरा ही नाम तीन बार पुकारने को कहते थे। क्यों कि यह नाम अब्बा का ही रखा हुआ था। वो कहते थे कि तौफीक नाम का अर्थ उर्दू में बहादुर होता है और वास्तव में जब मैं अपना नाम पुकारता था, तो मेरा डर बिल्कुल खत्म हो जाता था।“

यह सुनकर जेनिथ ने धीरे से आंख बंद कर लिया।

“क्या हुआ?“ तौफीक ने जेनिथ को देखते हुए कहा।

“कुछ नहीं। मन में तुम्हारा नाम ले रही हूं।“ यह कहकर जेनिथ धीरे से तौफीक की ओर थोड़ा और खिसक गई।

“तौफीक, क्या आज मेरी एक इच्छा पूरी करोगे? जेनिथ के शब्दों में ख्वाहिश साफ झलक रही थी।

“क्या ?“ तौफीक ने पूछा।

“मुझे एक बार अपनी बाहों में भर लो।“

तौफीक अब लगातार जेनिथ की आंखों में देख रहा था। जहां उसे प्यार का अथाह सागर अठखेलियां करता हुआ साफ नजर आ रहा था।

“पता नहीं कब मौत का बुलावा आ जाए? क्या तुम इसे मेरी आखिरी इच्छा समझकर पूरी नहीं कर सकते?“ जेनिथ की आवाज में दुनिया भर का दर्द समाया हुआ था।

तौफीक कुछ देर सोचता रहा और फिर अपने दोनो बाजू किसी परिंदे के समान फैला दिये। जेनिथ किसी नन्हीं कली की तरह उसके बाजुओं में समा गयी। खुशी के मारे उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो इस एक पल में, उसे दुनिया की सारी खुशियां मिल गई हों। एक नन्ही कली शाख से इस तरह चिपक गयी, मानो कोई उसे तोड़ ले जाना चाहता हो। लेकिन उसे स्वयं नहीं पता था कि वह खुद टूट कर बिखर रही है। वह तो जैसे इस बिखरते हुए एक पल में अपनी पूरी जिंदगी जी लेना चाहती थी।

3 जनवरी 2002, गुरुवार, 14:20;

ऐलेक्स गुमसुम सा डेक के एक कोने पर बैठा था। कभी वह अपनी इस बकवास सी जिंदगी के बारे में सोच रहा था। तो कभी उसे क्रिस्टी का भी ख्याल आ जाता था। लेकिन क्रिस्टी का अब वह अपनी सोचों से निकालकर फेंक देना चाहता था। ऐलेक्स को अब मालूम हो गया था कि क्रिस्टी एक ऐसा आसमान पर चमकता हुआ सितारा है, जिसे वह देख तो सकता है, पर चाहकर भी छू नहीं सकता।

लॉरेन के बारे में सोच-सोच कर उसे गुस्सा आ रहा था कि आखिर उसने लॉरेन की बात क्यों मानी ? उसी के कारण क्रिस्टी और नाराज हो गई। इन्हीं विचारों में गुम वह बैठा था। तभी एक वेटर एक खूबसूरत सा लाल रंग का गुलाब का फूल लेकर आया और ऐलेक्स की तरफ बढ़ाते हुए बोला-

“दिस इज फॉर यू मिस्टर ऐलेक्स।“

ऐलेक्स ने ना समझते हुए भी फूल को हाथों में ले लिया। ऐलेक्स ने पहले इधर-उधर देखा पर उसे दूर-दूर तक कोई ऐसा नहीं दिखाई दिया, जिसने कि उसे फूल भिजवाया हो। अब उसकी नजर फूल पर पड़ी। वह एक ताजा अधखिली कली थी, जिसकी 6 इंच लम्बी डंडी में दो छोटे-छोटे पत्ते भी लगे हुए थे।

ध्यान से देखने पर ऐलेक्स को यह महसूस हुआ कि पत्तों पर कुछ लिखा है? वह फूल को अपने चेहरे के और पास लाकर, पत्ती पर लिखी लिखावट को पढ़ने की कोशिश करने लगा।

दोनो ही पत्तियों पर ‘सॉरी ‘ लिखा हुआ था। “सॉरी !“ वह होंठों ही होठों में बुदबुदाया- “यह मुझे सॉरी कहने वाला यहां पर कौन आ गया ? ....... कहीं क्रिस्टी तो नहीं ? ... ....नहीं.....नहीं, क्रिस्टी नहीं हो सकती। वह भला मुझे सॉरी क्यों बोलेगी ? फिर...... कौन हो सकता है?“

अभी ऐलेक्स अपने विचारों में ही उलझा हुआ था कि तभी एक मधुर स्वर लहरी वातावरण में गूंज उठी।

“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“ ऐलेक्स ने आवाज को सुन अपना सिर ऊपर उठाया।

पिंक कलर की चुस्त टी.शर्ट और ब्लैक जींस पहने जो सुंदरता की मूरत खड़ी थी, वह यकीनन क्रिस्टी ही थी, ऐलेक्स को एक बार तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि वह जाग रहा है या सपना देख रहा है। ऐलेक्स को कुछ सोचता हुआ देख, क्रिस्टी ने पुनः मुस्कुराते हुए पूछ लिया-
“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“

“यस.... यस..... व्हाई नाट?“ ऐलेक्स ने घबरा कर कहा।

क्रिस्टी सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी। उसे इतना पास में बैठते देख ऐलेक्स घबराहट के मारे खड़ा हो गया।

“क्या आप कहीं जा रहे हैं?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स को खड़ा होते देख पूछ लिया।

“जी..... नहीं तो !“ ऐलेक्स अभी भी सामान्य नहीं हो पाया था।

“तो फिर आप खड़े क्यों हो गये? बैठिए ना।“ क्रिस्टी ने इठलाते हुए ऐलेक्स की घबराहट का मजा लिया।

“जी..... जी हां !“ यह कहकर ऐलेक्स धीरे से अपनी कुर्सी पर बैठ गया।

पर घबराहट अभी भी पूरी तरह से उसके ऊपर हावी थी ।जिसके कारण उसके हाथ कांप रहे थे।
क्रिस्टी ने धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर, ऐलेक्स का कांपता हुआ हाथ, अपने हाथों में ले लिया।

“क्या बात है? आपके हाथ क्यों कांप रहे हैं? आपकी तबियत तो ठीक है ना ?“ क्रिस्टी के होंठों से निकलते हर एक शब्द में शोखी झलक रही थी।

“जी.... हां..... तबियत तो बिल्कुल ठीक है।“ क्रिस्टी के हाथ रखने पर ऐलेक्स के हाथों का कांपना और बढ़ गया- “बस......वो थोड़ी ठंडक आज ज्यादा है ना इसीलिए।“

“आपको मेरा भेजा हुआ फूल कैसा लगा ?“ क्रिस्टी ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा।

“जी....... अच्छा था ।“ ऐलेक्स के मुंह से बड़ी मुश्किल से बोल फूट रहे थे।

ऐलेक्स इस तरह बार-बार इधर-उधर देख रहा था, जैसे किसी चोर को कोहिनूर के पास बैठा दिया गया हो।

“फूल के पत्तियों पर कुछ लिखा भी हुआ था ? आपने वह पढ़ा कि नहीं?“ क्रिस्टी ने बड़ी शाइस्तगी से फुसफुसा कर कहा।

“जी.... पढ़ा।“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“मैं आपसे माफी मांगती हूं। कल सबके सामने मैंने आपका नाम ले लिया। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।“ कहते कहते झुककर क्रिस्टी ऐलेक्स के काफी पास आ गई।

“क....क......कोई बात नहीं। आपने फि...र मुझे बचा भी .....तो लिया था।“

क्रिस्टी को इतना पास देखकर अब ऐलेक्स के दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।

“तो क्या आपने मुझे माफ कर दिया?“ क्रिस्टी अब ऐलेक्स के और पास आ गई।

“ज....जी.....जी हाँ।“ ऐलेक्स ने घबरा कर अपनी कुर्सी को थोड़ा पीछे की ओर झुकाया।

“वैसे मुझे आपसे एक बात और करनी थी।“ क्रिस्टी ने सस्पेंस भरे स्वर में फुसफुसा कर कहा।

“क्....क्या ?“

क्रिस्टी का चेहरा अब बिल्कुल ऐलेक्स के चेहरे के पास था।
ऐलेक्स लगातार अपनी कुर्सी पीछे झुकाता जा रहा था। तभी एक झटके से आगे बढ़कर क्रिस्टी ने ऐलेक्स के होंठों को चूम लिया।

“आई लव यू!“

घबराहट की अधिकता के कारण ऐलेक्स इतना पीछे हटा कि वह कुर्सी सहित वहीं जमीन पर ढेर हो गया। उधर क्रिस्टी अपने प्यार का इजहार कर तेजी से उठी और ऐलेक्स को गिरता देख, खिलखिलाती हुई, भागते कदमों से ऐलेक्स से दूर चली गई।

ऐलेक्स हक्का-बक्का सा वहीं गिरा पड़ा रहा। उसके कानों में क्रिस्टी की खिलखिलाहट गूंज रही थी।

“बड़ी______खतरनाक बला है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर आये पसीने को धीरे से पोंछते हुए कहा।






जारी रहेगा.........✍️
Wah ye wala episode to Romantic raha maje wala Taufiq or Jenitha ke leye
Sath me
Cristy or Alex ke leye
Chalo ek tarh se acha hua km se km Alex se pehle Cristy ne pyar ka ijhaar kar leya Alex se
.
Mast Romantic update banaya aapne Raj_sharma bhai
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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मैं कतरा हो के भी दरिया से जंग लड़ता हूं,
मुझे बचाना समन्दर की ज़िम्मेदारी है,
ये 'सुप्रीम' मेरी नही, आप सब मित्रों की कहानी है,
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ,
ये चराग कई आंधियों पे भारी है ।

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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 32 .
चैपटर-10 3 जनवरी 2002, गुरुवार, 15:50; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका !

“स्मिथ......! ‘सुप्रीम’ का कुछ पता चला ?“ रॉबर्ट ने कुर्सी पर बैठे-बैठे पूछा- “आज उसे गायब हुए 3 दिन बीत गये हैं।“

“नो सर......सुप्रीम की कोई रिपोर्ट नहीं मिल रही है। अंतिम समय जब उससे संबंध स्थापित हुआ था तो वह बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में क्षेत्र में लगभग 80 नॉटिकल माइल तक प्रवेश कर गया था। फिर अचानक ना जाने क्या हुआ कि हमारा उससे संपर्क टूट गया और वह भी अन्य जहाजों की तरह बारामूडा त्रिकोण के खतरनाक अंधेरों में खो गया।“ स्मिथ ने कहा।

“हमारे लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हमारे बहुत से वी.आई.पी. लोग भी उस शिप में हैं, जिनके गायब होने का मतलब पूरे विश्व में तहलका मच जाना है। हम कब तक आखिर ये खबर मीडिया से छिपाए रखेंगे। आज नहीं, तो कल उन्हें पता चल ही जाएगा। कुछ करना होगा स्मिथ......? कुछ करना होगा ? यह समस्या हमारे हाथ पर हाथ रखने से हल नहीं होगी।“

“यस सर, बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। और वैसे भी शिप जैसे ही अगले स्टापेज पर नहीं पहुंचेगा। वहां से पूरी दुनिया को पता ही चल जायेगा, पर यह समझ में नहीं आया सर कि आखिर शिप के लोगों ने शिप को जानबूझकर गलत दिशा में क्यों मोड़ा ?“ स्मिथ ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।

“तुम शायद भूल रहे हो स्मिथ कि इंटरपोल द्वारा हमें जो मैसेज मिला था। वह यह था कि जहाज पर कुछ अपराधी टाइप के व्यक्ति भी चढ़ गए हैं, जो शिप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह भी तो हो सकता है कि उन अपराधियों ने शिप के कंट्रोल रूम पर कब्जा कर लिया हो और वही शिप को गलत दिशा में ले जा रहे हों।“ राबर्ट ने अपने विचार व्यक्त किये।

“सॉरी सर, लेकिन यह बात मेरी समझ में नहीं आती। क्यों कि यदि अपराधियों ने शिप पर कब्जा किया होता तो पहली बात तो वो उसे बारामूडा त्रिकोण जैसे खतरनाक क्षेत्र में नहीं ले जाते और दूसरी बात वह हमसे संपर्क स्थापित कर, अपनी कोई मांग मनवाने की कोशिश करते।“ स्मिथ ने तर्क देते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि राबर्ट और कुछ कह पाता, एक जूनियर अधिकारी फिंच ने कमरे में प्रवेश किया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं।

“सर....सर.... वो..... वो.....!“ फिंच ने हकलाते हुए कहा।

“ये क्या वो...वो लगा रखा है?“ राबर्ट ने आने वाले को कसकर डांट लगाते हुए कहा- “साफ-साफ बताते क्यों नहीं ? क्या हुआ?“

“वो सर, एक आदमी बाहर खड़ा है और वह आपसे मिलने की जिद कर रहा है। कह रहा है कि आपसे कुछ विशेष बात करनी है?“ फिंच ने अपनी बात को घबराते हुए पूरा किया।

“तो इसमें इतना घबराने की क्या बात है? क्या नाम है उसका ?“ स्मिथ ने पूछा।

“सर.....वो अपना नाम असलम बता रहा है। कह रहा है कि वह “सुप्रीम” का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन है।“ फिंच ने शब्दों का बम फोड़ते हुए कहा।


“सांय.....सांय.....सांय।“ राबर्ट और स्मिथ को ऐसा लगा जैसे किसी ने उनके सिर पर बम फोड़ दिया हो।

“क्या...........?“ राबर्ट उछलकर अपनी सीट से खड़ा हो गया- “भेजो..... जल्दी भेजो उसे। ‘सुप्रीम’ खतरे में है।“

आदेश मिलते ही फिंच तुरंत बाहर की ओर भागा।

“ये कैसे हो सकता है स्मिथ? अगर ये असलम है तो सुप्रीम पर सेकेंड असिस्टेंट बन करके जो व्यक्ति गया है, वह कौन है?“

“पता नहीं सर.......पर जो भी है। मुझे सुप्रीम बहुत खतरे में महसूस हो रहा है।“

स्मिथ भी सस्पेंस के झूले में झूल रहा था। तभी फिंच एक व्यक्ति को लेकर अंदर दाखिल हुआ। आने वाले के बाल बिखरे हुए थे। दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने पिछले 10 दिनों से दाढ़ी ना बनायी हो। उसके माथे पर एक सफेद पट्टी बंधी हुई थी।

“कौन हो तुम?“ राबर्ट की कड़कदार आवाज कमरे में गूंज उठी।

“मैं सुप्रीम का सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हूं।“ आने वाले आगन्तुक ने जवाब दिया।

“झूठ बोल रहे हो तुम। असलम तो सुप्रीम के साथ सफर पर जा चुका है। तुम कोई बहरूपिये हो ?“ स्मिथ ने भी गहरी निगाहों से असलम को घूरते हुए कहा।

“मेरी बात का विश्वास मानिए, मैं ही असली असलम हूं। जो भी व्यक्ति सुप्रीम पर असलम बनकर गया है, वह बहुरुपिया है।“ असलम ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा।

“तुम्हारे पास कोई प्रूफ है कि तुम ही असलम हो।“ राबर्ट ने विचलित शब्दों में पूछा।

“मेरे पास इस समय तो कोई प्रूफ नहीं है, लेकिन आप सर जेरार्ड को बुलाइये। उन्होंने ही मुझे सुप्रीम के लिए चुना था। वह मुझे जानते हैं।“

असलम के शब्दों में गजब का कॉन्फिडेंस था। असलम का कॉन्फिडेंस देख राबर्ट भी एक बार तो हिल गया।

फिर राबर्ट ने स्मिथ को गहरी निगाहों से देखते हुए इशारा किया। स्मिथ तुरंत टेलीफोन पर झपटा और सर जेरार्ड का इक्सटेंशन नम्बर डायल कर दिया। 2 रिंग के बाद ही दूसरी तरफ से फोन उठा लिया गया।

“हैलो सर! मैं स्मिथ बोल रहा हूं। क्या आप जरा देर के लिए तुरंत राबर्ट सर के केबिन में आ सकते हैं। कुछ इमर्जेन्सी है।“ स्मिथ ने रिक्वेस्ट भरे अंदाज में पूछा।

दूसरी तरफ से ‘हां ‘ बो लकर फोन रख दिया गया। स्मिथ ने राबर्ट को देखकर धीरे से ‘हां ‘ में सिर हिलाया।

थोड़ी देर के लिए कमरे में सन्नाटा छा गया। बामुश्किल 2 मिनट में ही जेरार्ड राबर्ट के कमरे में थे। जेरार्ड के आते ही सभी अपनी जगह से खड़े हो गये। जेरार्ड ने एक नजर कमरे में बैठे सभी लोगों पर मारी और फिर स्वयं एक चेयर पर बैठ गया।

“हां बोलिए मिस्टर स्मिथ, आपने मुझे क्यों बुलाया ?“ जेरार्ड ने स्मिथ को देखते हुए कहा।

“सर, आपको तो पता ही है कि सुप्रीम से कुछ दिन पहले हमारा सम्पर्क टूट गया था।“ स्मिथ ने बिना टाइम वेस्ट किये, बोलना शुरु कर दिया-
“और उसके बारे में हमें कोई न्यूज नहीं मिल पा रहा था। पर इतने दिनों के बाद आज ये एक महाशय यहां पर आये हैं और यह कह रहे हैं कि ये सुप्रीम के सेकेंड असिस्टेंट कैप्टन असलम हैं। इनका कहना है कि ये यहां से शिप के साथ गये ही नहीं थे, जबकि शिप का पूरा स्टाफ यहां से अपने नियत समय पर जा चुका है। इन्होने ये भी कहा कि इनका सेलेक्शन आपने किया था और आप इन्हें पहचानते हैं।“

स्मिथ की बात सुन पहली बार जेरार्ड ने असलम को ध्यान से देखा।

“सर, आप तो मुझे पहचान रहे हैं ना।“ असलम ने जेरार्ड को याद दिलाते हुए कहा-
“मैं असलम......याद है इन्टरव्यू के दौरान मैंने आपके चश्मे के लिए एक सलाह दी थी।“

“यस...यस.....मिस्टर स्मिथ, ये आदमी सौ प्रतिशत असलम ही है।“ जेरार्ड ने याद करते हुए कहा-
“पर अगर ये यहां पर है.....तो असलम बनकर सुप्रीम पर कौन गया है?“

जेरार्ड की बात सुनकर राबर्ट ने अपना सिर पकड़ लिया।

“सॉरी सर पर इस बारे में हमें भी कुछ नहीं पता।“ स्मिथ ने हकबकाये स्वर में जवाब दिया।

“हां, अब आप बताइए मिस्टर असलम कि आप के साथ क्या हुआ जिससे आप इतने दिनों के बाद हमारे पास पहुंचे।“ राबर्ट ने असलम से पूछा।

“जिस दिन मुझे शिप पर अपना कार्ड लेकर, सबसे अपना परिचय कराने जाना था। उस दिन मैं सुबह अपने समय पर अपने घर से निकला। आगे दो-तीन मोड़ को पार करने के बाद एक सुनसान रोड जाती है, जिसके दूसरी तरफ एक भयानक झरना बहता है। मैं जब वहां पर पहुंचा, तो रोड के पास एक बाइक गिरी पड़ी थी और उसके पास एक आदमी पड़ा कराह रहा था। मैंने अपनी कार को किनारे लगाया और उतर कर उस आदमी के पास पहुंचा। जैसे ही मैं उसको देखने लगा, अचानक उसने मेरे ऊपर हमला कर दिया। उसने मेरे सिर पर पता नहीं किस चीज से दो-तीन चोट मारी। मैं थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया। मुझे जब होश आया तो मैंने अपने आपको एक बूढ़े की झोपड़ी में पाया।
उस बूढ़े ने मुझे बताया कि मैं उसे झरने के किनारे एक पत्थर से अटका हुआ मिला था। मैं लगभग 7 दिनों के बाद होश में आया था। फिर लगभग 3 दिन मुझे उठकर चलने-फिरने में लगे। मैं जैसे ही इस लायक हो गया कि थोड़ा चल-फिर सकूं, तुरंत भागकर आपके पास पहुंच गया।“

“इसका मतलब शिप पर यह पहचानने वाला कोई नहीं था कि असलम कौन है?“ स्मिथ ने पूछा।

“दरअसल इंटरव्यू में सेलेक्शन हो जाने के बाद, हमारे सारे डाक्यूमेंट्स जमा कर लिए गये और एक आई-कार्ड बना कर दे दिया गया। शिप के चलने के एक हफ्ते पहले उसका एक टेस्ट ड्राइव किया गया। उसी दिन शाम को शिप पर एक पार्टी रखी गयी। उस दिन शिप का एक अधिकारी, आई-कार्ड को चेक कर, सभी चालक दल का परिचय एक-दूसरे से कराने वाला था।“ असलम ने कहा।

“इसका मतलब उस अधिकारी ने फंक्शन वाले दिन, ठीक से डाक्यूमेंट चेक नहीं किये।“ जेरार्ड ने राबर्ट को घूरते हुए, खा जाने वाले अंदाज में कहा।

राबर्ट ने सटपटा कर दूसरी तरफ निगाह फेर ली। शायद उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।

“मेरे होश में आने पर, मैंने सबसे पहले अपने कपड़ों के जेबें चेक कीं। परंतु कार्ड सहित मेरे सारे डॉक्यूमेंट वहां से गायब थे। हो सकता है जो मेरा नाम लेकर शिप में गया, उसने मेरी फोटो की जगह अपनी लगा कर किसी तरह से अधिकारियों को धो खा दे दिया हो।“ असलम ने जेरार्ड की तरफ देखते हुए कहा।

“यानि कि अब ये फाइनल हो गया कि जो व्यक्ति असलम बनकर शिप में गया है, वह नकली है।....... सर ये भी तो हो सकता है कि उसी ने शिप को जान बूझकर बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में डाल दिया हो।“ स्मिथ ने राबर्ट को देखते हुए कहा।

“बारामूडा त्रिकोण के क्षेत्र में!“ असलम ने चैंकते हुए कहा।

“जी हां, इस समय ‘सुप्रीम’ बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमयी क्षेत्र में जाकर गायब हो चुका है।“ राबर्ट ने जवाब दिया। कहकर स्मिथ ने जितनी भी जानकारी उसके पास थी, वह सब असलम को बतादी।

“इसका मतलब हमारा पहला काम सुप्रीम को खोजकर उसे वास्तविक रूट पर वापस लाना है और शिप के कैप्टेन को नकली असलम से सावधान करना है।“ असलम ने जोश में आते हुए कहा।

“लेकिन कैसे?“ स्मिथ के शब्दों में बेचैनी भरी थी।

“मुझे अपने जान की बाजी लगानी होगी क्यों कि शिप में यात्रा कर रहे, सभी यात्रियों की जान मेरी जान से कहीं बहुत अधिक है।“ असलम अब भावुक लग रहा था।

“आपको अब और परेशान होने की जरुरत नहीं है मिस्टर असलम।“ जेरार्ड के शब्दों में अब भूकम्प जैसे भाव थे- “आप अभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। अभी आपको आराम करना चाहिए, रही बात सुप्रीम की तो यह जिम्मेदारी अब आप मुझ पर छोड़ दीजिए। इस मैटर को अब मैं पर्सनली हैण्डिल करुंगा। और हां, हमें इतनी जरुरी इंफार्मेशन देने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया “ इतना कहकर जेरार्ड अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।

जेरार्ड के खड़े होते ही बाकी सब भी उनके साथ खड़े हो गये। जेरार्ड के इशारे पर फिंच, असलम को हॉस्पिटल लेकर चला गया। जेरार्ड ने एक नजर राबर्ट और स्मिथ पर मारी और बोले-

“अब से ठीक दो घंटे बाद आप दोनो लोग मेरे रुम में मुझसे आकर मिलिए।“ इतना कहकर जेरार्ड तेजी से कमरे से बाहर निकल गये।





जारी रहेगा..........✍️
Aaaaaayyyyyeeeee
Ab ye kya jhol ho gaya hai bhai
Ek tarf Robert or Smith aapas me bat kar rhe hai Suprime Ship ke leye jisse unka sampark aaj toote 3 din bit gaye hai
Dosre tarf Fich aake undono ko ek jhtka dedeta hai Aslam ke yaha hone ka jo Supreme ka Second Assistant Captain hai
Aslam ne Robert ko apni aap biti batai
Ab sawal ye hai ki
.
Agar asli Aslam is tarf hai to Ship me Aslam ban ke kaun aaya hua hai or Q
.
Ye wala ab tak ka sbse Dangerous Suspense raha hai Raj_sharma bhai
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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T
Gujab ka update tha bhai 👌🏻👌🏻 bechare albert ki patni mariya mari gai/gayab ho gai🤔 jo bhi hai per ek baar ko to uska mansik santulan gadbada gaya hai:claps:kafi tagda suspense hai bhai, rahi baat keedo ki to wo to samajh se hi pare hai bhaiya, awesome 👌🏻👌🏻👌🏻
Thanks brother for your valuable review :thanx:
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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29,342
204
# 33 .
3 जनवरी 2002, गुरुवार, 18:30; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका।

ठीक दो घंटे के बाद राबर्ट और स्मिथ, जेरार्ड के रुम में बैठे थे। जेरार्ड इस समय अपने रुम में चहलकदमी कर रहे थे। उस रुम में एक अजनबी और भी बैठा था, जिसे राबर्ट और स्मिथ नहीं जानते थे। उस अजनबी का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली दिख रहा था-

“लगभग 6.5 फुट की हाइट, कर्ली बाल, बड़ी-बड़ी आँखें, लोहे जैसे ठोस हाथों में उभरी हुई मसल्स, बलिष्ठ शरीर।“

राबर्ट और स्मिथ एक पल में उस अजनबी के व्यक्तित्व से इंप्रेस हो गये। फिलहाल कमरे में निस्तब्ध सन्नाटा व्याप्त था। अब सभी को इंतजार था तो बस जेरार्ड के बोलने का। कुछ देर रुम में टहलने के बाद जेरार्ड वापस आकर अपनी चेयर पर बैठ गये। उन्होंने पहले वहां पर मौजूद सभी लोगों पर नजरें डाली और फिर बोल उठे-

“सबसे पहले मैं आप लोगों का परिचय करा दूं।“
“इनका नाम व्योम है, ये सी.आई.ए. के एक काबिल एजेंट हैं।“ जेरार्ड ने उस अजनबी की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“सी.आई.ए.!“ राबर्ट और स्मिथ के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले।

“जी हां !“ जेरार्ड ने हामी भरते हुए कहा- “मुझे नहीं लगता कि अब ‘सुप्रीम’ का केस हम लोग और हैण्डल कर पायेंगे। इसलिए मैंने यह केस सी.आई.ए. के हवाले कर दिया है।“

“ये मिस्टर व्योम हैं।“ जेरार्ड ने कुछ देर रुककर फिर बोलना शुरु कर दिया- “ये भारतीय मूल के जरुर हैं, पर इन्हें अमेरिकन नागरिकता प्राप्त है, मैंने इन्हें सुप्रीम की सारी जानकारी दे दी है। और मिस्टर व्योम इस मिशन पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।“

“और ये मिस्टर राबर्ट और मिस्टर स्मिथ हैं।“ जेरार्ड ने राबर्ट और स्मिथ का परिचय व्योम से कराते हुए कहा- “सुप्रीम का सारा अधिकारिक कार्य, यही लोग संभाल रहे हैं।“ व्योम ने आगे बढ़कर राबर्ट और स्मिथ से बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया।

व्योम के हाथ मिलाने के तरीके से ही राबर्ट और स्मिथ को व्योम की ताकत का अंदाजा हो गया। अब सभी की निगाहें व्योम की तरफ थीं। सभी को अपनी तरफ देखता देख, व्योम ने बोलना शुरु कर दिया-

“मैं समय ना बर्बाद करते हुए सीधे प्वांइट पर आता हूं। सबसे पहले मुझे उस जगह के लोकेशन को-आर्डीनेट चाहिए, जहां से ‘सुप्रीम’ से आखिरी बार सिग्नल मिला था।“

“ठीक है, मैं आपको बारामूडा त्रिकोण का मैप और उस लोकेशन के को आर्डीनेट आपको दे देता हूं।“ राबर्ट ने व्योम को देखते हुए कहा- “और क्या चीज आपको चाहिए होगी ?“

“अगर हो सके तो मुझे बारामूडा द्वीप से एक पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर दिला दीजिए। मैं उसी से सुप्रीम को ढूंढने की कोशिश करुंगा।“ व्योम ने अपना प्लान शेयर करते हुए कहा।

“शायद आपको पता नहीं है कि उस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगे विद्यमान हैं, जो आपके हेली कॉप्टर को ज्यादा आगे नहीं बढ़ने देंगी।“ स्मिथ ने कहा।

“मालूम है, सब मालूम है इसलिए तो मैं आपसे पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर मांग रहा हूं, जिससे अगर कहीं मेरा हेलीकॉप्टर खराब भी हो जाए, तो मैं आसानी से उसे उतार सकूं। इस तरह का जो नया टू सीटर हेली कॉप्टर आया है, उसमें एक टरबाइन मोटर भी लगी होती है। जिससे मौका पड़ने पर उसे मोटरबोट की तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है और यह टरबाइन मोटर चूंकि इलेक्ट्रानिक नहीं होती इसलिए उस पर विद्युत चुम्बकीय तरंगों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।“

व्योम का जुनून देखकर एक बार तो राबर्ट भी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो गया।

“आई लाइक योर प्लान मिस्टर व्योम।“ राबर्ट ने व्योम की तारीफ करते हुए कहा- “मैं जल्दी ही आपके लिए ये सब व्यवस्था करवाए देता हूं। क्या आपको इस मिशन के लिए कोई और साथी चाहिए होगा ? आई मीन हेलीकॉप्टर का पायलेट वगैरह।“

“जी नहीं !“ व्योम ने मना करते हुए कहा- “वैसे मैं अपने बारे में आपको बता दूं, मैं मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट हूं। मैं 25 मिनट तक अंडर वाटर बिना सांस लिए स्विम कर सकता हूं। मैं सभी तरीके के हथियार चलाना जानता हूं। मैं दुनिया की 10 से भी ज्यादा भाषा बोल लेता हूं। और मैं हेलीकॉप्टर सहित सभी तरीके के वेहैकिल ड्राइव कर लेता हूं। इसलिए मुझे किसी भी तरह की हेल्प की जरुरत नहीं है और वैसे भी मैं नहीं चाहता कि इस खतरनाक मिशन में मेरे अलावा कोई और अपनी जान खतरे में डाले।“ व्योम की बातें सुन अब जेरार्ड भी इंप्रेस दिख रहे थे।

“ओ.के. मिस्टर व्योम, मैं अभी सारी व्यवस्थाएं करवाता हूं।“ यह बोल स्मिथ तुरंत कमरे से बाहर निकल गया।

4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 08:00; बारामूडा द्वीप।

व्योम न्यूयार्क से तुरंत एक प्लेन पकड़कर बारामूडा द्वीप के लिए रवाना हो गया। एयरपोर्ट से निकलकर वह सीधे बारामूडा द्वीप के बंदरगाह पर पहुंचा। वहां उसने जैसे ही अपना परिचय दिया, उसे उसकी पसंद का एक हेलीकॉप्टर दे दिया गया। जिसका फ्यूल टैंक फुल का इंडीकेशन दिखा रहा था। व्योम ने हेलीकॉप्टर के अंदर प्रवेश किया। कुछ ही देर में व्योम हेलीकॉप्टर सहित हवा में था।

लगभग 8 घंटे हेलीकॉप्टर ड्राइव करने के बाद व्योम को समुद्र में खड़ा एक विशालकाय क्रूज दिखाई दिया। सिग्नल देकर व्योम ने अपना हेलीकॉप्टर उस क्रूज पर उतार लिया। वहां उसके हेली कॉप्टर का फ्यूल टैंक दोबारा से फुल कर दिया गया।

“मिस्टर व्योम, अब से 20 घंटे के बाद हमारा क्रूज उस जगह पर पहुंच जाएगा, जहां से कि हमें ‘सुप्रीम’ का अंतिम सिग्नल मिला था।“

क्रूज के अधिकारी ने व्योम को देखते हुए कहा- “उससे आगे हम लोगों की जाने की इजाजत भी नहीं है। क्यों कि उसके आगे बारामूडा त्रिकोण का वह खतरनाक क्षेत्र शुरू हो जाता है, जहां जाकर कोई अभी तक वापस नहीं आया। तब तक आप क्रूज पर आराम कर सकते हैं। जब हम उस जगह पर पहुंच जाएंगे तो आपको बता देंगे।“ इतना कहकर क्रूज के उस अधिकारी ने एक गार्ड को व्योम का रूम दिखाने के लिए कह दिया।

कुछ देर तक डेक पर खड़े हो कर व्योम ढलते हुए सूर्य को देखता रहा। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह मौत से दो-दो हाथ करने को बेताब हो। फिर व्योम धीरे से उस गार्ड के साथ चल दिया।


4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 15:00; “सुप्रीम”

सुप्रीम मंथर गति से चल रहा था। दोपहर के लगभग 3:00 बज रहे थे। शिप पर असलम देर से सोने की वजह से अभी नहीं उठा था। वह बहुत गहरी नींद में सो रहा था कि तभी अचानक रूम की डोर बेल बजने से उसकी नींद खुल गई। उठते ही पहले असलम ने आंखें मसल कर घड़ी पर नजर डाली। तब तक डोर बेल कई बार बज चुकी थी।

असलम ने तेजी से उठकर रुम का दरवाजा खोला। बाहर सिक्योरिटी इंचार्ज लारा खड़ा था। उसकी भी लाल आंखें इस बात की गवाही दे रहीं थीं कि वह भी ठीक से सो नहीं पाया है।

“सर, जल्दी चलिए दूर कहीं एक और आईलैंड दिखाई दे रहा है।“ लारा ने घबराए स्वर में कहा।

“एक और आईलैंड?“ असलम के स्वर में आश्चर्य झलका।

“जी हां.....।“ लारा ने हामी भरते हुए कहा।

“तुमने कैप्टेन से इसके बारे में बताया कि नहीं ?“ असलम ने जल्दी-जल्दी वाशबेसिन से पानी ले मुंह पर छींटे मारते हुए पूछा।

“अभी नहीं ! मैंने सोचा पहले आपको बता दूं। वैसे अब मैं कैप्टेन को ही बताने जा रहा हूं।“ लारा ने कहा।

“कैप्टन को लेकर तुरंत डेक नंबर 21 पर पहुंचो। मैं वहीं जा रहा हूं।“
इतना कहकर असलम ने झटके से अपने पैरों में स्लीपर डाला और तेजी से पास में रखी दूरबीन उठाकर, बिना दरवाजा लॉक किये, डेक नंबर 21 की ओर भागा।

असलम कुछ ही देर में डेक नंबर 21 पर था। चूंकि इस साइड में यात्रियों का आना मना था। इसलिए यहां भीड़ नहीं थी। सिर्फ शिप के स्टाफ के ही 8-10 आदमी थे। असलम ने दूरबीन अपनी आंखों पर चढ़ाई और उस आईलैंड को देखने लगा।

वैसे अब शिप आईलैंड से ज्यादा दूरी पर नहीं था और वह नंगी आंखों से भी दिखाई दे रहा था। जैसे-जैसे असलम ध्यान से उस आइलैंड को देखता जा रहा था, उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव बढ़ते जा रहे थे।

“ओऽऽ नो.....यह कैसे संभव है?“ असलम के मुंह से आश्चर्य भरा स्वर निकला।

“क्या... कैसे संभव है?“ सुयश ने पीछे से आते हुए कहा।

सुयश की आवाज सुन असलम ने दूरबीन अपनी आंखों के आगे से हटायी और पीछे देखा। उसे पीछे खड़े लारा व सुयश दिखाई दिये। असलम ने बिना कुछ कहे, दूरबीन सुयश के हाथों में पकड़ा दी।

सुयश ने भी दूरबीन को आंखों पर चढ़ा कर उस आईलैंड को देखना शुरू किया। अब सुयश के चेहरे पर भी आश्चर्य के भाव थे। वह लगभग 10 मिनट तक बारीकी से उस आईलैंड को देखता रहा और फिर होठों ही होठों में बुदबुदाया-

“वही है....बिल्कुल वही है।“





जारी रहेगा..........✍️
To Robert ne Supreme ka case CIA ke officer Vyom ko Handel kar dia
Ab Vyom bhi apni poori tayaari ke sath nikal gaya hai BARMUDA ki tarf jaha se Supreme ka last signal mila tha
Jabki
Istrf Lara ne Aslam ko jaga ke use bata dia kisi Island ke bare me jiske bad Aslam ne Deck me Jake doorbin se dekha jise dekh Heret me aagaya sath me ye nahara Suyash ne bhi dekha
Ab aalam.ye hai ki Dono ki Hereat me aagya hai aakhir kya dekha hoga inlogo ne esa
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Again Super Suspense update Raj_sharma bhai
 

Raj_sharma

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Supreme
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Wah ye wala episode to Romantic raha maje wala Taufiq or Jenitha ke leye
Sath me
Cristy or Alex ke leye
Chalo ek tarh se acha hua km se km Alex se pehle Cristy ne pyar ka ijhaar kar leya Alex se
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Mast Romantic update banaya aapne Raj_sharma bhai
Har taraf thrill aur suspense bhara pada tha:dazed:To socha thoda romance ka tadka laga deta hu beech me:hehe:Sabka .ood fresh ho jayega, thanks brother for your valuable review and support :hug:
DEVIL MAXIMUM
 
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