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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

parkas

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# 37.
5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00; “सुप्रीम”

“मारिया !“ अलबर्ट ने मारिया की सूनी-सूनी आँखों में झांकते हुए पूछा- “क्या सोच रही हो ?“

“कुछ नहीं , बस इसी शिप के बारे में सोच रही हूं।“ मारिया ने जवाब दिया।

“क्या ?“ अलबर्ट ने पूछा।

“यही कि हमारी जिंदगी की शुरुआत भी ऐसे ही एक शिप पर हुई थी और आज अंत भी इसी शिप पर हो रहा है।“ मारिया के शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी।

“ऐसा क्यों कहती हो ? अभी तो हमने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करनी है, जिससे मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूंगा।“ अलबर्ट ने मारिया का हौसला बढ़ाने की कोशिश की।

“क्यों झूठ की डोर को पकड़े हुए चल रहे हो ? आज शिप के सभी यात्रियों को पता है कि हम कितनी खतरनाक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं और अगला कोई लम्हा हमारी जिंदगी का आखिरी लम्हा भी साबित हो सकता है। लेकिन अब मुझे अपनी मौत की कोई चिंता नहीं है।“ मारिया ने कहा।

“क्यों ?“ अलबर्ट ने मारिया की आँखों में देखते हुए पूछा।

“क्यों कि अब तुम जो मेरे साथ हो और यदि तुम्हारा साथ हो तो मुझे मौत की कोई चिंता नहीं। बस एक ही अफसोस है कि अब हम तो अपनी जिंदगी जी चुके पर शैफाली सरीखे उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा ? उनका भला क्या दोष है? वह सब मौत के मुंह में क्यों जा रहे हैं? अभी उन्होंने तो ठीक तरीके से दुनिया को भी नहीं देखा है।“

अलबर्ट बोलती हुई मारिया को लगातार देख रहा था।
“क्या देख रहे हो इस तरह?“ मारिया ने पूछा।

“तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हें क्या समझता था और तुम क्या निकली? मैं समझता था कि तुम्हें केवल अपने सिवाय कोई नजर नहीं आता है। पर आज जब तुम स्वयं के बारे में छोड़कर, दूसरे ऐसे लोगों की चिंता कर रही हो, जिन्हें तुम ठीक तरह से जानती तक नहीं हो।“ अलबर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा।

“इसी का नाम जिंदगी है।“ मारिया ने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- “मैं तो पहले भी वही थी, जो आज हूं, पर आज तुम्हारे देखने का नजरिया बदल गया है।“

“तो क्यों ना हम इस बदली हुई जिंदगी को शैम्पेन पी कर सेलिब्रेट करें।“ अलबर्ट ने एकाएक माहौल को चेंज करते हुए कहा।

“आईडिया बुरा नहीं है।“ मारिया ने मुस्कुराते हुए कहा- “मैं अभी वेटर से शैम्पेन लाने के लिए कहती हूं।“

“वेटर को रहने दो।“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए कहा- “मैं खुद ही ले आता हूं। इसी बहाने एक सिगरेट भी पी आऊंगा। क्यों कि तुम्हें तो पता है कि सिगरेट मेरी कमजोरी है और तुम्हें सिगरेट से नफरत है। इसलिए हमेशा सिगरेट मैं बाहर जा कर ही पीता हूं।“

मारिया ने धीमे से सिर हिलाकर अलबर्ट को अपनी सहमति दे दी। अलबर्ट ने सोफे से उठकर रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।

5 जनवरी 2002, शनिवार 15:30; “सुप्रीम”

“ब्रैंडन ! लारा के बाद अब तुम ही सिक्योरिटी इंचार्ज हो। इसलिए तुम्हें आज मेरे साथ गश्त पर चलना होगा।“ सुयश ने लंबे-चैड़े ब्रैंडन से हाथ मिलाते हुए कहा।

“ओ.के. कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने किसी नए-नए अधिकारी की तरह सैल्यूट मार कर, सुयश का इस्तकबाल किया- “मैं आपको किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।“

शायद कोई और समय होता तो ब्रैंडन की खुशी का ठिकाना ना रहता। लेकिन ऐसी स्थिति में और लारा की मौत के बाद ब्रैंडन को अपनी इस पोस्ट से इतनी खुशी नहीं हुई। थोड़ी ही देर में ब्रैंडन, सुयश के साथ गैलरी के चक्कर काट रहा था।

“हमें बिल्कुल सावधान रहना होगा कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश के साथ चलते हुए कहा- “क्यों कि पिछले दो-तीन दिन के रिकॉर्ड कहते हैं कि हर शाम खतरों को समेटे हुए आती है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता ना करें सर, मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दिया है। मैं आशा करता हूं कि आज कोई भी ऐसी घटना नहीं.............।“

लेकिन इससे पहले कि ब्रैंडन कुछ और बोल पाता किसी के भागते कदमों की आहट सुन, दोनो दीवार से सट कर खड़े हो गये। जैसे ही भागने वाला इनके मोड़ पर मुड़ा। दोनों तुरंत निकल कर उसके सामने आ गये।

भागने वाला इंसान ऐलेक्स था। उसकी सांसे बुरी तरह से फूल-पिचक रहीं थीं। जैसे ही उसकी नजर सुयश पर पड़ी, उसने अपना उल्टा हाथ सुयश की ओर बढ़ाया।

“कैप्टन......... अब कोई..... नहीं बचेगा।“ इतना कहकर ऐलेक्स धड़ाम से फर्श पर गिरकर बेहोश हो गया। ऐलेक्स के शब्द ब्रैंडन और सुयश के लिए किसी धमाके से कम नहीं थे।

“ब्रैंडन, जल्दी पानी लाओ।“ सुयश ने चीखकर ब्रैंडन को आदेश दिया।

ब्रैंडन उठकर तुरंत भागा। पास में ही चिलिंग वाटर सिस्टम लगा हुआ था। ब्रैंडन ने तुरंत वहां रखे बर्तन में पानी लिया और भाग कर पुनः सुयश के पास पहुंच गया। सुयश ने पानी के छींटे ऐलेक्स के ऊपर मारे।

धीरे-धीरे एक कराहट के साथ ऐलेक्स को होश आ गया। होश में आते ही सबसे पहले ऐलेक्स ने घबरा कर इधर-उधर देखा और सुयश पर नजर पड़ते ही उसे तेजी से पकड़ लिया।

“कैप्टन......कैप्टन सबको बचाओ, नहीं तो वह सब को मार डालेंगे।“ ऐलेक्स घबराहट के कारण ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।

“क्या हुआ? कौन किसे मार डालेगा ?“ सुयश ने ऐलेक्स को झंझोड़ते हुए पूछा।

“वही ...... हरे कीड़े!“ ऐलेक्स ने जैसे बम फोड़ा।

“हरे कीड़े!“ सुयश और ब्रैंडन दोनों के मुंह से एक साथ निकला।

“हां...... मैं अपने कमरे में था। तभी बाहर गैलरी में मुझे खट-पट की आवाज महसूस हुई। मैंने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा खोला। तो देखा ठीक वैसा ही हरा कीड़ा, जैसे क्रिस्टी के रुम मिला था। वह आगे-आगे उछलता हुआ गैलरी में जा रहा था। ना तो मेरे पास रिवाल्वर थी और ना ही कोई अन्य हथियार, जिससे मैं उस हरे कीड़े का सामना कर सकता। इसलिए मैं बिना आवाज किए, उस कीड़े के पीछे चल पड़ा। वह लगभग जमीन से 5-5 फुट ऊपर, मेंढक की तरह उछलता हुआ चल रहा था । उसकी स्पीड बहुत तेज थी। फिर भी मैं उसके पीछे लगा रहा। मैंने उसका कई गलियों तक पीछा किया। फिर एक गैलरी में मैं जैसे ही मुड़ा तो जो दृश्य मेरी आंखों ने देखा, उसे देखकर मेरी रूह फना हो गयी और मैं वहां से भाग खड़ा हुआ।“

बताते समय ऐलेक्स की आँखों के आगे सारे दृश्य घूमने लगे।

“ऐसा क्या देख लिया तुमने?“ सुयश का दिमाग ऐलेक्स की बातें सुनकर सांय-सांय करने लगा।

“मैंने देखा कि ठीक उसी के तरीके के कम से कम 10-12 हरे कीड़े उस पूरी गैलरी में टहल रहे थे।“ ऐलेक्स की आँखों में भय साफ नजर आ रहा था।

“क्या ऽऽऽऽऽऽ?“ सुयश को लगा जैसे किसी ने उसके सिर पर पहाड़ फेंक कर मार दिया हो।

“यह सब तुमने किस गैलरी में देखा ?“ ब्रैंडन ने ऐलेक्स से पूछा।

“आइए मेरे साथ। मैं आपको बताता हूं।“ इतना कहकर ऐलेक्स उन्हें लेकर एक दिशा की ओर चल दिया। लेकिन उसके पांवों में अभी भी भय की वजह से लड़खड़ाहट थी। तभी इन्हें गैलरी की एक साइड से अलबर्ट आता दिखा ई दिया।

“क्या बात है कैप्टन? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों हैं?“ अलबर्ट ने बारी- बारी सबके चेहरे को देखते हुए कहा।

“अभी -अभी मिस्टर ऐलेक्स ने इस दिशा में लगभग 10-12 हरे कीड़े जाते देखे हैं।“ सुयश ने जवाब दिया।

“क्या ऽऽऽऽ? माई गॉड! वह एक कीड़ा ही इतना खतरनाक था, फिर 10-12 कीड़े।......अगर ऐसा हो गया और शिप के लोगों को पता चल गया तो भगदड़ मच जायेगी।“ अलबर्ट ने घबराते हुए कहा।

“यह भी तो हो सकता है कि मिस्टर ऐलेक्स ने 10-12 कीड़े देखे हों, तो यह पूरे शिप पर मिला कर 100-200 हों।“ ब्रैंडन ने अपने विचार रखे।

“अगर ऐसा हुआ तो शिप के किसी भी आदमी का बचना मुश्किल है।“ सुयश चिंतित स्वर में बड़बड़ाया।

“क्या आपने इसी दिशा में कीड़ों को जाते देखा था मिस्टर ऐलेक्स?“ अलबर्ट ने सबके साथ गैलरी में मुड़ते हुए कहा।

“जी हां !“ ऐलेक्स ने उत्तर दिया।

“माई गॉड!......इधर तो मेरा भी रूम पड़ता है। मारिया......मारिया कैसी होगी ?“

मारिया का विचार आते ही, हाथ में शैंपेन की बोतल और खाने का सामान लिए अलबर्ट ने अपने रूम की ओर दौड़ लगा दी। उसे अब ना तो उन कीड़ों की चिंता थी और ना ही अपनी।

सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स भी अलबर्ट के पीछे भागे। उन तीनों की निगाहें तेजी से गैलरी में भी फिर रही थीं। अलबर्ट भागता हुआ अपने कमरे के दरवा जे पर पहुंचा। उसके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह भागकर तेजी से अपने कमरे में प्रवेश कर गया।

“मारिया-मारिया !.......कहां हो तुम?“ अलबर्ट की आवाज में चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।

रूम खाली था। अलबर्ट भागकर दूसरे कमरे में दाखिल हो गया, पर वह भी खाली था। अलबर्ट की बदहवासी बढ़ती जा रही थी। जल्दी ही उसने पूरा केबिन चेक कर डाला, पर मारिया कहीं ना थी।

“मारियाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!“ अलबर्ट गुस्से में जोर से चिल्ला उठा।

उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। शैंपेन की बोतल उसके हाथ से गिरकर टूट गई थी और साथ ही टूट गया था अलबर्ट के धैर्य का बांध। वह जमीन पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगा।

“तुम कहां चली गई मारिया?...... अब तो मैंने तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहने का वादा भी कर लिया था।.. .. .....मुझे अकेला छोड़ने का तुम्हारा कोई हक नहीं था।...... अरे दो पल इंतजार तो कर लिया होता।.....मेरे आने का......अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिंदा रहूंगा ?“ अलबर्ट भावावेश में बोलता ही जा रहा था।

“शांत हो जाइए मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने अलबर्ट के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “हो सकता है कि मारिया मैडम यहीं कहीं आस-पास गयीं हों और अभी वापस लौट आएं।“

“नहीं कैप्टेन....... मैं जान गया हूं कि........ वह अब इस दुनिया में नहीं है ......उसे भी शायद इन आने वाले पलों का एहसास हो गया था.. .........तभी वह मुझे बाहर जाने के लिए मना कर रही थी.......लेकिन मैं.......मैं तो अपनी इस कमीनी लत का गुलाम हो गया हूं।“ कहते हुए अलबर्ट ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल लिया।

“मैं.......मैं जानता हूं कि मारिया को किसने मारा ?“ एकाएक ही अलबर्ट विक्षिप्त सा नजर आने लगा।

“क्या ऽऽऽऽ?“ अलबर्ट के शब्दों को सुन, सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स अवाक रह गये- “आपको पता है कि मारिया मैडम को किसने मारा ?“

“हां..........मुझे पता है.......... उसको... .....उसको इसने मारा।“ अलबर्ट ने ‘क्लासिक‘ सिगरेट के पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा- “यही है जिसने मेरी मारिया को मुझसे छीन लिया............ मैं. .. ...मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा......मैं भी इसे मार डालूंगा।“

इतना कहकर अलबर्ट ने सिगरेट का पैकेट जमीन पर फेंक दिया और उसे अपने पैरों तले कुचलने लगा सुयश, अलबर्ट की यह हालत देख, धीरे से फोन की ओर बढ़ गया-

“हैलो डॉक्टर निक्सन!........मैं रूम नंबर 927 से सुयश बोल रहा हूं। आप फौरन अपना बैग लेकर इस केबिन में आ जा इए।“ इतना कहकर सुयश ने फोन काट दिया।

उधर अलबर्ट अब पागलों की तरह अपना जूता उतारकर सिगरेट को पीट रहा था।

“नशीली चुड़ैल......आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा.......मार डालूंगा।“

सुयश ने धीरे से ब्रैंडन को इशारा किया। ब्रैंडन ने आगे बढ़कर अलबर्ट को पीछे से पकड़ लिया। अलबर्ट अपने आपको ब्रैंडन की पकड़ से छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगा।

“छोड़ो मुझे..........वरना कातिल भाग जाएगा........वो मेरी मारिया को...... ले जा रहा है।“

अलबर्ट अभी भी चिल्लाये जा रहा था। लेकिन लंबे-चैड़े ब्रैंडन की पकड़ बहुत शक्तिशाली थी। चाहकर भी अलबर्ट, ब्रैंडन की पकड़ से छूट नहीं पा रहा था। तभी डॉक्टर निक्सन भागते हुए अपने असिस्टेंट के साथ रुम में दाखिल हुए।

“क्या बात है कैप्टन?“ डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट पर एक नजर मारते हुए कहा।

“इन्हें तुरंत एक नींद का इंजेक्शन दीजिए।“ सुयश ने अलबर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा।

“नहीं डॉक्टर.....! मुझे नींद का इंजेक्शन मत देना.........मैं अभी तक सो ही तो रहा था.............. आज पहली बार जागा हूं.......मुझे दोबारा मत सुलाओ.....वरना ...... वरना वो मेरी मारिया को ले जाएगा ।“ अब अलबर्ट की आवाज में गिड़गिड़ाहट के भाव थे।

डॉक्टर निक्सन ने तब तक इंजेक्शन बना लिया था। उसने आगे बढ़कर धीरे से अलबर्ट की दाहिनी बाजू में इंजेक्शन को चुभा दिया।

“छोड़ दो.......मुझे.....वो देखो.... मेरी मारिया.....मुझे बुला...रही .... है...वो... मुझे...पुकार..............।“

अलबर्ट अपनी बात पूरी किए बिना ही बेहोश हो गया। ब्रैंडन ने अब अपनी पकड़ ढीली कर दी। उसने अब अलबर्ट को धीरे से वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूसरे पैर का जूता भी खोलकर वहीं रख दिया।

“ब्रैंडन 2 आदमी इनकी सिक्योरिटी में लगा दो और तुम तुरंत मेरे साथ चलो, क्यों कि खतरा अभी टला नहीं है। वह कीड़े पता नहीं कहां तक पहुंच गये होंगे?“ सुयश ने कहा।

“कीड़े......? कैसे कीड़े?“ डॉक्टर निक्सन ने हैरानी से पूछा।

“सॉरी डॉक्टर, अभी कुछ भी बताने का समय नहीं है। जल्दी ही बताता हूं आपको।“

कहकर सुयश ने आखिरी बार अलबर्ट पर नजर मारी और तेजी के साथ कमरे से बाहर निकल गया। ऐलेक्स भी उसके पीछे था।




जारी रहेगा________✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 

ayush01111

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Or kya aap shefaali ko aise hi samjhne ki bhool kar rahe the bandhu?😂 iska dimak chacha Chaudhary se bhi tez chalta hai:lol1:
Thanks brother for your valuable review :thanx:
Bhai dekhne waise hi bahut sare law and therom ne zindagi jhand kar di hai ye naya kuch na nikal de waise this is the story I am searching form long time sorry thoda deri se padhna shuru kiya
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
Thank you very much for your valuable review and support bhai ji :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bhai dekhne waise hi bahut sare law and therom ne zindagi jhand kar di hai ye naya kuch na nikal de waise this is the story I am searching form long time sorry thoda deri se padhna shuru kiya
Koi baat nahi bhai, der se aaye per durust aaye:thumbup: WELCOME to the story भाई :five: Jab tak padhoge, kabhi bore nahi hoge, is baat ki grantee hai:declare:, rahi baat shefali ki to wo kabhi chup baithi hai kya?😂
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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# 37.
5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00; “सुप्रीम”

“मारिया !“ अलबर्ट ने मारिया की सूनी-सूनी आँखों में झांकते हुए पूछा- “क्या सोच रही हो ?“

“कुछ नहीं , बस इसी शिप के बारे में सोच रही हूं।“ मारिया ने जवाब दिया।

“क्या ?“ अलबर्ट ने पूछा।

“यही कि हमारी जिंदगी की शुरुआत भी ऐसे ही एक शिप पर हुई थी और आज अंत भी इसी शिप पर हो रहा है।“ मारिया के शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी।

“ऐसा क्यों कहती हो ? अभी तो हमने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करनी है, जिससे मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूंगा।“ अलबर्ट ने मारिया का हौसला बढ़ाने की कोशिश की।

“क्यों झूठ की डोर को पकड़े हुए चल रहे हो ? आज शिप के सभी यात्रियों को पता है कि हम कितनी खतरनाक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं और अगला कोई लम्हा हमारी जिंदगी का आखिरी लम्हा भी साबित हो सकता है। लेकिन अब मुझे अपनी मौत की कोई चिंता नहीं है।“ मारिया ने कहा।

“क्यों ?“ अलबर्ट ने मारिया की आँखों में देखते हुए पूछा।

“क्यों कि अब तुम जो मेरे साथ हो और यदि तुम्हारा साथ हो तो मुझे मौत की कोई चिंता नहीं। बस एक ही अफसोस है कि अब हम तो अपनी जिंदगी जी चुके पर शैफाली सरीखे उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा ? उनका भला क्या दोष है? वह सब मौत के मुंह में क्यों जा रहे हैं? अभी उन्होंने तो ठीक तरीके से दुनिया को भी नहीं देखा है।“

अलबर्ट बोलती हुई मारिया को लगातार देख रहा था।
“क्या देख रहे हो इस तरह?“ मारिया ने पूछा।

“तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हें क्या समझता था और तुम क्या निकली? मैं समझता था कि तुम्हें केवल अपने सिवाय कोई नजर नहीं आता है। पर आज जब तुम स्वयं के बारे में छोड़कर, दूसरे ऐसे लोगों की चिंता कर रही हो, जिन्हें तुम ठीक तरह से जानती तक नहीं हो।“ अलबर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा।

“इसी का नाम जिंदगी है।“ मारिया ने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- “मैं तो पहले भी वही थी, जो आज हूं, पर आज तुम्हारे देखने का नजरिया बदल गया है।“

“तो क्यों ना हम इस बदली हुई जिंदगी को शैम्पेन पी कर सेलिब्रेट करें।“ अलबर्ट ने एकाएक माहौल को चेंज करते हुए कहा।

“आईडिया बुरा नहीं है।“ मारिया ने मुस्कुराते हुए कहा- “मैं अभी वेटर से शैम्पेन लाने के लिए कहती हूं।“

“वेटर को रहने दो।“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए कहा- “मैं खुद ही ले आता हूं। इसी बहाने एक सिगरेट भी पी आऊंगा। क्यों कि तुम्हें तो पता है कि सिगरेट मेरी कमजोरी है और तुम्हें सिगरेट से नफरत है। इसलिए हमेशा सिगरेट मैं बाहर जा कर ही पीता हूं।“

मारिया ने धीमे से सिर हिलाकर अलबर्ट को अपनी सहमति दे दी। अलबर्ट ने सोफे से उठकर रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।

5 जनवरी 2002, शनिवार 15:30; “सुप्रीम”

“ब्रैंडन ! लारा के बाद अब तुम ही सिक्योरिटी इंचार्ज हो। इसलिए तुम्हें आज मेरे साथ गश्त पर चलना होगा।“ सुयश ने लंबे-चैड़े ब्रैंडन से हाथ मिलाते हुए कहा।

“ओ.के. कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने किसी नए-नए अधिकारी की तरह सैल्यूट मार कर, सुयश का इस्तकबाल किया- “मैं आपको किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।“

शायद कोई और समय होता तो ब्रैंडन की खुशी का ठिकाना ना रहता। लेकिन ऐसी स्थिति में और लारा की मौत के बाद ब्रैंडन को अपनी इस पोस्ट से इतनी खुशी नहीं हुई। थोड़ी ही देर में ब्रैंडन, सुयश के साथ गैलरी के चक्कर काट रहा था।

“हमें बिल्कुल सावधान रहना होगा कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश के साथ चलते हुए कहा- “क्यों कि पिछले दो-तीन दिन के रिकॉर्ड कहते हैं कि हर शाम खतरों को समेटे हुए आती है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता ना करें सर, मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दिया है। मैं आशा करता हूं कि आज कोई भी ऐसी घटना नहीं.............।“

लेकिन इससे पहले कि ब्रैंडन कुछ और बोल पाता किसी के भागते कदमों की आहट सुन, दोनो दीवार से सट कर खड़े हो गये। जैसे ही भागने वाला इनके मोड़ पर मुड़ा। दोनों तुरंत निकल कर उसके सामने आ गये।

भागने वाला इंसान ऐलेक्स था। उसकी सांसे बुरी तरह से फूल-पिचक रहीं थीं। जैसे ही उसकी नजर सुयश पर पड़ी, उसने अपना उल्टा हाथ सुयश की ओर बढ़ाया।

“कैप्टन......... अब कोई..... नहीं बचेगा।“ इतना कहकर ऐलेक्स धड़ाम से फर्श पर गिरकर बेहोश हो गया। ऐलेक्स के शब्द ब्रैंडन और सुयश के लिए किसी धमाके से कम नहीं थे।

“ब्रैंडन, जल्दी पानी लाओ।“ सुयश ने चीखकर ब्रैंडन को आदेश दिया।

ब्रैंडन उठकर तुरंत भागा। पास में ही चिलिंग वाटर सिस्टम लगा हुआ था। ब्रैंडन ने तुरंत वहां रखे बर्तन में पानी लिया और भाग कर पुनः सुयश के पास पहुंच गया। सुयश ने पानी के छींटे ऐलेक्स के ऊपर मारे।

धीरे-धीरे एक कराहट के साथ ऐलेक्स को होश आ गया। होश में आते ही सबसे पहले ऐलेक्स ने घबरा कर इधर-उधर देखा और सुयश पर नजर पड़ते ही उसे तेजी से पकड़ लिया।

“कैप्टन......कैप्टन सबको बचाओ, नहीं तो वह सब को मार डालेंगे।“ ऐलेक्स घबराहट के कारण ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।

“क्या हुआ? कौन किसे मार डालेगा ?“ सुयश ने ऐलेक्स को झंझोड़ते हुए पूछा।

“वही ...... हरे कीड़े!“ ऐलेक्स ने जैसे बम फोड़ा।

“हरे कीड़े!“ सुयश और ब्रैंडन दोनों के मुंह से एक साथ निकला।

“हां...... मैं अपने कमरे में था। तभी बाहर गैलरी में मुझे खट-पट की आवाज महसूस हुई। मैंने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा खोला। तो देखा ठीक वैसा ही हरा कीड़ा, जैसे क्रिस्टी के रुम मिला था। वह आगे-आगे उछलता हुआ गैलरी में जा रहा था। ना तो मेरे पास रिवाल्वर थी और ना ही कोई अन्य हथियार, जिससे मैं उस हरे कीड़े का सामना कर सकता। इसलिए मैं बिना आवाज किए, उस कीड़े के पीछे चल पड़ा। वह लगभग जमीन से 5-5 फुट ऊपर, मेंढक की तरह उछलता हुआ चल रहा था । उसकी स्पीड बहुत तेज थी। फिर भी मैं उसके पीछे लगा रहा। मैंने उसका कई गलियों तक पीछा किया। फिर एक गैलरी में मैं जैसे ही मुड़ा तो जो दृश्य मेरी आंखों ने देखा, उसे देखकर मेरी रूह फना हो गयी और मैं वहां से भाग खड़ा हुआ।“

बताते समय ऐलेक्स की आँखों के आगे सारे दृश्य घूमने लगे।

“ऐसा क्या देख लिया तुमने?“ सुयश का दिमाग ऐलेक्स की बातें सुनकर सांय-सांय करने लगा।

“मैंने देखा कि ठीक उसी के तरीके के कम से कम 10-12 हरे कीड़े उस पूरी गैलरी में टहल रहे थे।“ ऐलेक्स की आँखों में भय साफ नजर आ रहा था।

“क्या ऽऽऽऽऽऽ?“ सुयश को लगा जैसे किसी ने उसके सिर पर पहाड़ फेंक कर मार दिया हो।

“यह सब तुमने किस गैलरी में देखा ?“ ब्रैंडन ने ऐलेक्स से पूछा।

“आइए मेरे साथ। मैं आपको बताता हूं।“ इतना कहकर ऐलेक्स उन्हें लेकर एक दिशा की ओर चल दिया। लेकिन उसके पांवों में अभी भी भय की वजह से लड़खड़ाहट थी। तभी इन्हें गैलरी की एक साइड से अलबर्ट आता दिखा ई दिया।

“क्या बात है कैप्टन? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों हैं?“ अलबर्ट ने बारी- बारी सबके चेहरे को देखते हुए कहा।

“अभी -अभी मिस्टर ऐलेक्स ने इस दिशा में लगभग 10-12 हरे कीड़े जाते देखे हैं।“ सुयश ने जवाब दिया।

“क्या ऽऽऽऽ? माई गॉड! वह एक कीड़ा ही इतना खतरनाक था, फिर 10-12 कीड़े।......अगर ऐसा हो गया और शिप के लोगों को पता चल गया तो भगदड़ मच जायेगी।“ अलबर्ट ने घबराते हुए कहा।

“यह भी तो हो सकता है कि मिस्टर ऐलेक्स ने 10-12 कीड़े देखे हों, तो यह पूरे शिप पर मिला कर 100-200 हों।“ ब्रैंडन ने अपने विचार रखे।

“अगर ऐसा हुआ तो शिप के किसी भी आदमी का बचना मुश्किल है।“ सुयश चिंतित स्वर में बड़बड़ाया।

“क्या आपने इसी दिशा में कीड़ों को जाते देखा था मिस्टर ऐलेक्स?“ अलबर्ट ने सबके साथ गैलरी में मुड़ते हुए कहा।

“जी हां !“ ऐलेक्स ने उत्तर दिया।

“माई गॉड!......इधर तो मेरा भी रूम पड़ता है। मारिया......मारिया कैसी होगी ?“

मारिया का विचार आते ही, हाथ में शैंपेन की बोतल और खाने का सामान लिए अलबर्ट ने अपने रूम की ओर दौड़ लगा दी। उसे अब ना तो उन कीड़ों की चिंता थी और ना ही अपनी।

सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स भी अलबर्ट के पीछे भागे। उन तीनों की निगाहें तेजी से गैलरी में भी फिर रही थीं। अलबर्ट भागता हुआ अपने कमरे के दरवा जे पर पहुंचा। उसके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह भागकर तेजी से अपने कमरे में प्रवेश कर गया।

“मारिया-मारिया !.......कहां हो तुम?“ अलबर्ट की आवाज में चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।

रूम खाली था। अलबर्ट भागकर दूसरे कमरे में दाखिल हो गया, पर वह भी खाली था। अलबर्ट की बदहवासी बढ़ती जा रही थी। जल्दी ही उसने पूरा केबिन चेक कर डाला, पर मारिया कहीं ना थी।

“मारियाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!“ अलबर्ट गुस्से में जोर से चिल्ला उठा।

उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। शैंपेन की बोतल उसके हाथ से गिरकर टूट गई थी और साथ ही टूट गया था अलबर्ट के धैर्य का बांध। वह जमीन पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगा।

“तुम कहां चली गई मारिया?...... अब तो मैंने तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहने का वादा भी कर लिया था।.. .. .....मुझे अकेला छोड़ने का तुम्हारा कोई हक नहीं था।...... अरे दो पल इंतजार तो कर लिया होता।.....मेरे आने का......अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिंदा रहूंगा ?“ अलबर्ट भावावेश में बोलता ही जा रहा था।

“शांत हो जाइए मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने अलबर्ट के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “हो सकता है कि मारिया मैडम यहीं कहीं आस-पास गयीं हों और अभी वापस लौट आएं।“

“नहीं कैप्टेन....... मैं जान गया हूं कि........ वह अब इस दुनिया में नहीं है ......उसे भी शायद इन आने वाले पलों का एहसास हो गया था.. .........तभी वह मुझे बाहर जाने के लिए मना कर रही थी.......लेकिन मैं.......मैं तो अपनी इस कमीनी लत का गुलाम हो गया हूं।“ कहते हुए अलबर्ट ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल लिया।

“मैं.......मैं जानता हूं कि मारिया को किसने मारा ?“ एकाएक ही अलबर्ट विक्षिप्त सा नजर आने लगा।

“क्या ऽऽऽऽ?“ अलबर्ट के शब्दों को सुन, सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स अवाक रह गये- “आपको पता है कि मारिया मैडम को किसने मारा ?“

“हां..........मुझे पता है.......... उसको... .....उसको इसने मारा।“ अलबर्ट ने ‘क्लासिक‘ सिगरेट के पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा- “यही है जिसने मेरी मारिया को मुझसे छीन लिया............ मैं. .. ...मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा......मैं भी इसे मार डालूंगा।“

इतना कहकर अलबर्ट ने सिगरेट का पैकेट जमीन पर फेंक दिया और उसे अपने पैरों तले कुचलने लगा सुयश, अलबर्ट की यह हालत देख, धीरे से फोन की ओर बढ़ गया-

“हैलो डॉक्टर निक्सन!........मैं रूम नंबर 927 से सुयश बोल रहा हूं। आप फौरन अपना बैग लेकर इस केबिन में आ जा इए।“ इतना कहकर सुयश ने फोन काट दिया।

उधर अलबर्ट अब पागलों की तरह अपना जूता उतारकर सिगरेट को पीट रहा था।

“नशीली चुड़ैल......आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा.......मार डालूंगा।“

सुयश ने धीरे से ब्रैंडन को इशारा किया। ब्रैंडन ने आगे बढ़कर अलबर्ट को पीछे से पकड़ लिया। अलबर्ट अपने आपको ब्रैंडन की पकड़ से छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगा।

“छोड़ो मुझे..........वरना कातिल भाग जाएगा........वो मेरी मारिया को...... ले जा रहा है।“

अलबर्ट अभी भी चिल्लाये जा रहा था। लेकिन लंबे-चैड़े ब्रैंडन की पकड़ बहुत शक्तिशाली थी। चाहकर भी अलबर्ट, ब्रैंडन की पकड़ से छूट नहीं पा रहा था। तभी डॉक्टर निक्सन भागते हुए अपने असिस्टेंट के साथ रुम में दाखिल हुए।

“क्या बात है कैप्टन?“ डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट पर एक नजर मारते हुए कहा।

“इन्हें तुरंत एक नींद का इंजेक्शन दीजिए।“ सुयश ने अलबर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा।

“नहीं डॉक्टर.....! मुझे नींद का इंजेक्शन मत देना.........मैं अभी तक सो ही तो रहा था.............. आज पहली बार जागा हूं.......मुझे दोबारा मत सुलाओ.....वरना ...... वरना वो मेरी मारिया को ले जाएगा ।“ अब अलबर्ट की आवाज में गिड़गिड़ाहट के भाव थे।

डॉक्टर निक्सन ने तब तक इंजेक्शन बना लिया था। उसने आगे बढ़कर धीरे से अलबर्ट की दाहिनी बाजू में इंजेक्शन को चुभा दिया।

“छोड़ दो.......मुझे.....वो देखो.... मेरी मारिया.....मुझे बुला...रही .... है...वो... मुझे...पुकार..............।“

अलबर्ट अपनी बात पूरी किए बिना ही बेहोश हो गया। ब्रैंडन ने अब अपनी पकड़ ढीली कर दी। उसने अब अलबर्ट को धीरे से वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूसरे पैर का जूता भी खोलकर वहीं रख दिया।

“ब्रैंडन 2 आदमी इनकी सिक्योरिटी में लगा दो और तुम तुरंत मेरे साथ चलो, क्यों कि खतरा अभी टला नहीं है। वह कीड़े पता नहीं कहां तक पहुंच गये होंगे?“ सुयश ने कहा।

“कीड़े......? कैसे कीड़े?“ डॉक्टर निक्सन ने हैरानी से पूछा।

“सॉरी डॉक्टर, अभी कुछ भी बताने का समय नहीं है। जल्दी ही बताता हूं आपको।“

कहकर सुयश ने आखिरी बार अलबर्ट पर नजर मारी और तेजी के साथ कमरे से बाहर निकल गया। ऐलेक्स भी उसके पीछे था।




जारी रहेगा________✍️

Behad shandar update he Raj_sharma Bhai,

Jaha tak mujhe lagta he maria mari nahi he............vo bhi auro ki tarah Atlantis ke hi jaal me fans gayi he.........

Alex ne 10-12 hare kide dekhe he gallery me..........

Suyash ka kehna bilkul thik he...........ye 10-12 nahi 100-200 bhi ho sakte he........

Shaifali kaha thi jab maria gayab huyi room se.........

Keep rocking Bro
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,235
56,518
259
Adirshi bhaiya kabhi idhar bhi najar maar lena fursat mile to:blush1:
 

Raj_sharma

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Suyash ka kehna bilkul thik he...........ye 10-12 nahi 100-200 bhi ho sakte he........

Shaifali kaha thi jab maria gayab huyi room se.........

Keep rocking Bro
Waise shefaali ki ma thodi hai wo ? Wo to albert ki biwi thi? Is liye shefaali to apne room me hi hogi🤔 rahi baat keedo ki to wo kitni bhi sankhya me ho sakte hai bhai:dazed:Per ek jagah rukenge thodi?
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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# 30 .

लोथार के इस जवाब पर सुयश को उससे कुछ कहते ना बना अतः वह पुनः जेनिथ की तरफ मुड़कर बोला-
“क्या आप या लॉरेन सिगरेट पीती थीं ?“

“जी नहीं ।“ जेनिथ ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया।

“फिर तो यह सिगरेट का टुकड़ा जरुर उसी व्यक्ति का होगा, जिसने छिपकर रुम की तलाशी ली है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए धीमे स्वर में कहा।

सुयश ने ब्रैंडन की बात सुन धीरे से हाँ मे अपना सिर हिलाया और सिगरेट का वह टुकड़ा ब्रैंडन के हवाले करता हुआ ब ला-

“इसे भी लैब में भिजवा दो और इस पर से फिंगर प्रिंट उठाने की कोशिश करो। हो सकता है कि कातिल का को ई सुराग इस पर से भी मिल जाए।“ ब्रैंडन ने सिगरेट का वह टुकड़ा टिश्यू पेपर सहित ले लिया और अपनी जेब के हवाले कर दिया। अब सभी जेनिथ के रुम से बाहर आ गये।

“एक बात बताइये कैप्टेन कि लॉरेन की लाश तो चलिए उसके बॉयफ्रेंड या कातिल जो भी हो, वह ले गया। लेकिन जो गार्ड की लाश अभी तुरंत रखी गई थी, वह कहां चली गई? और इतनी जल्दी उसे कौन ले गया ?“ तौफीक ने सुयश से सवाल किया।

तौफीक की बातों में दम था। सुयश सहित अब सभी सस्पेंस के झूले में झूलने लगे।

“लगता है एक बार फिर स्टोर रूम में चलना पड़ेगा।“ सुयश ने जवाब दिया। एक बार फिर सभी स्टोर रूम की तरफ चल दिए।

“गार्ड की लाश कहां रखी थी ?“ सुयश ने स्टोर रुम में प्रवेश करते हुए, दोनों गार्डों से मुखातिब होते हुए कहा।

दोनों गार्डों ने डरते-डरते एक दिशा की ओर इशारा कर दिया। सुयश पहले तो उस स्थान को ध्यान से देखता रहा फिर उसने ब्रूनो को वहां सूंघने का इशारा किया। ब्रूनो धीरे-धीरे आगे बढ़ा और उस जगह को सूंघने लगा, जहां सुयश ने इशारा किया था। ब्रूनो ने कई बार जमीन को सूंघा और फिर अपनी नाक को हवा में उठा कर कुछ सूंघने की कोशिश की। पर ऐसा लग रहा था, जैसे वह कुछ समझ ना पा रहा हो।

काफी देर सूंघने के बाद ब्रूनो धीरे-धीरे एक दिशा की ओर बढ़ा और स्टोर रुम में मौजूद लगभग 4 फुट ऊंचे लगी, एक खिड़की की ओर मुंह करके भौंकने लगा।

“इसका क्या मतलब हुआ?“ सुयश ने ना समझ में आने वाले लहजे में कहा- “यह खिड़की तो समुद्र की ओर खुलती है।“

“शायद किसी ने गार्ड की लाश इस खिड़की से समुद्र की ओर फेंकी है?“ असलम ने जवाब दिया।

सुयश ने धीरे से उस खिड़की के दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया। दरवाजा बिना आवाज किए समुद्र की ओर खुल गया। एकदम से आदमी को गला देने वाली ठंडी हवा का झोंका तेजी से अंदर आया। एक पल के लिए सभी सिहर से गये।

सुयश ने खिड़की के बाहर झांक कर देखा, लेकिन लहरों के सिवा उसे दूर-दूर तक कुछ ना दिखाई दिया। हाँ, ‘सुप्रीम’ के चलने से छिटक कर दूर होता हुआ, समुद्र का पानी जरूर आवाज कर रहा था। हर तरफ मौत की काली चादर के समान दहशत बिछी थी। कुछ देर तक देखते रहने के बाद सुयश उस खिड़की से दूर हट गया।

“कैप्टेन, यह खिड़की के नीचे पानी कैसा है?“ ऐलेक्स ने खिड़की के नीचे फर्श पर पड़े पानी की ओर इशारा करते हुए कहा। अब सभी का ध्यान नीचे पड़े पानी पर था।

“यह पानी तो समुद्र का है।“ अलबर्ट ने आगे बढ़कर पानी की एक बूंद को हाथों में लेकर देखते हुए कहा।

“आप क्या कहना चाहते हैं प्रोफेसर? कि कोई समुद्र से निकलकर इस खिड़की को खोल कर आया था और लाश को लेकर वापस समुद्र में चला गया ?“ असलम ने कहा।

“क्या बेवकूफी है? समुद्र की सतह यहां से लगभग 48 मीटर नीचे है। भला इतनी ऊंचाई तक बिना सहारे के कोई कैसे ऊपर आ सकता है?“ सुयश ने अजीब सी नजरों से असलम को देखते हुए कहा।

“तो फिर समुद्र का पानी यहां पर कैसे आया ?“ लारा ने कहा। लेकिन अब इसका जवाब किसी के पास नहीं था।

तभी अलबर्ट आगे बढ़ा और खिड़की के पास जा कर दूसरी ओर देखने लगा। थोड़ी देर देखने के बाद अलबर्ट ने अपने हाथ से, समुद्र की ओर से, खिड़की के कुछ नीचे हाथ लगाया और फिर अपना हाथ अंदर कर लिया। किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कर रहा है? पर सभी की निगाहें अब अलबर्ट पर ही थीं। अंदर आकर अलबर्ट ने अपने अंगूठे से, अपनी दोनों उंगलियों को रगड़ा। अब उसके हाथ में पानी की बूंदों के समान कुछ नमी थी। सभी का ध्यान अब कुछ इस तरह से अलबर्ट की ओर था, जैसे वो किसी रहस्य को खोलने जा रहा हो। और आखिरकार अलबर्ट ने अपना मुंह खोला-

“बात कुछ समझ में नहीं आती, पर मेरे हाथों में लगी नमी यह साबित करती है कि कोई ना कोई समुद्र के अंदर से होकर खिड़की के रास्ते अवश्य आया था।“

“पर गार्ड की लाश को छोड़कर और दोबारा स्टोर रूम में आने में बामुश्किल 5 मिनट का समय लगा था। इस 5 मिनट में कौन इतनी तेजी से 48 मीटर चढ़कर लाश ले जा सकता है। ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं कर सकता और वह भी तब, जबकि शिप अपनी पूरी स्पीड से चल रहा है।“ सुयश ने अपने दिमाग की सारी नसों पर जोर डालते हुए कहा।

कुछ देर किसी के मुंह से कुछ नहीं निकला। स्टोर रुम में एक सन्नाटा सा छा गया।

“यह भी तो हो सकता है कि जब गार्ड यहां लाश छोड़ने आये, उस समय कोई स्टोर रूम में पहले से ही रहा हो। और जब ये घबरा कर यहां से भागे हों तो उसने गार्ड की लाश खिड़की से पानी में फेंक दी हो या फिर स्वयं लेकर पानी में कूद गया हो।“ लोथार जो कि बहुत देर से चुप था, बोल उठा।

“हो सकता है कि कुछ ऐसा ही हुआ हो ?“ सुयश ने सिर पर पहनी कैप को उतार, बालों में हाथ से कंघी करते हुए कहा- “लेकिन फिर यह समुद्र का पानी खिड़की के नीचे कैसे आ गया और गार्ड की लाश का भला किसी को क्या काम?“

“यह भी हो सकता है कि लॉरेन का कातिल इस पूरे घटना क्रम को सुपरनेचुरल प्रॉब्लम शो करना चाहता हो, इसलिए उसने पहले जानबूझकर समुद्र का पानी खिड़की के नीचे बिखेर दिया हो। जिससे हमारा ध्यान गलत दिशा में लग जाए। और जानबूझकर गार्ड की लाश गायब की हो। जिससे हम लोग इसे सीरियल किलर या किसी जानवर का कारनामा समझें।“ अलबर्ट ने एक नया तथ्य पेश किया।

“हूं.......ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने सिर हिलाते हुए कहा - “इसका मतलब है, कि हो सकता है कि वह हरा कीड़ा भी कोई अपने साथ दहशत फैलाने के लिए लाया हो। .. ........अब हम लोगों को आगे घटने वाली किसी भी घटना को सुपरनेचुरल ना मानकर एक मानवीय घटना माननी चाहिए और उसी हिसाब से समस्या को देखना चाहिए।“

किसी के पास अब बहस करने के लिए कुछ ना बचा था। पूरी रात बहस और सुराग ढूंढने में चली गई थी। इस समय सुबह का लगभग 9:00 बज चुका था। सभी रात भर के थके थे इसलिए अब सुयश ने सभी को अपने-अपने कमरों में जाने के लिए कह दिया।

जाते-जाते सबको हिदायत दे दी गई कि वह लोग तब तक सावधान रहें, जब तक कि उन्हें कोई किनारा ना मिल जाए।

3 जनवरी 2002, गुरुवार, 11:00; सूर्य की किरणें धीरे-धीरे सागर की लहरों पर तैरती हुई आगे बढीं और
“सुप्रीम” का एक हल्का सा चुंबन ले उसे अपने आगोश में समेट लिया ।।
एक सुबह हो गयी थी। जो रात भर के सोए थे, वह सभी जाग गये थे और जो रात भर के जागे थे, वह नींद के आगोश में चले गये थे।

‘सुप्रीम’ अपनी अंजानी डगर पर हौले-हौले चला जा रहा था। ना तो अब उसे मंजिल का पता था और ना ही दूरी का।

धीरे-धीरे अब शिप के सभी लोगों को पता चल गया था कि इस रहस्यमय क्षेत्र से बचकर निकलना मुश्किल है। सभी आपस में अटकलें लगा रहे थे कि अगली मुसीबत किस पर आयेगी ? और किस तरह की होगी ? सुप्रीम की भांति सूर्य भी अपने सफर पर चला जा रहा था, फर्क था तो सिर्फ इतना कि सूर्य को अपनी मंजिल का पता था जबकि सुप्रीम को अपनी मंजिल का कोई पता नहीं था।

सुप्रीम बिल्कुल एक अन्जाने सफर पर था। सुबह अब दोपहर में बदल चुकी थी। सुबह के सोए हुए लोग भी उठ चुके थे।

“तौफीक! तुम्हारा क्या ख्याल है? जेनिथ ने तौफीक की ओर देखते हुए कहा- “इन सब मुसीबतों के पीछे क्या कारण हो सकता है?“

“कुछ पक्के तौर पर कह नहीं सकता।“ तौफीक भी सोफे पर जेनिथ के बगल में बैठता हुआ बोला- “वैसे भी इस बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में जो ना हो जाए वह कम है।“

“तुम तो आर्मी में रह चुके हो और पापा कहते हैं कि आर्मी के लोग बहुत ही कठिन परिस्थितियों का भी बहादुरी से डटकर सामना करते हैं। क्या तुम्हें कभी ऐसा एहसास हुआ कि अगले किसी भी क्षण में हम लोगों की मौत भी हो सकती है?“ जेनिथ ने अपना चेहरा, तौफीक के चेहरे के पास लाते हुए कहा।

“मौत और हमारा तो चोली दामन का साथ है। पर यहां पर अफसोस यही है कि हमें दुश्मन का पता नहीं है। यानि कि हम मर तो सकते हैं, पर दुश्मन को मार नहीं सकते।“ तौफीक के शब्दों में निराशा के भाव झलके।

“वैसे तुम्हें क्या लगता है कि हम बचकर अपनी सभ्यता तक वापस पहुंच पायेंगे? क्या हमारे प्यार को दुनिया वाले नहीं देख पाएंगे?“ इस बार जेनिथ के शब्दों में हसरत की एक झलक साफ दिखाई दी।

“पता नहीं, पर मौत से पहले जो जिंदगी से हार गया, उसे डरपोक कहा जाता है। हम अंतिम दम तक इस ना दिखने वाली मौत से लड़ेंगे और वैसे भी मैं अपना काम खत्म किए बिना, इस दुनिया से नहीं जाने वाला।“ तौफीक ने रोष में आते हुए कहा।






जारी रहेगा……......✍️
Bahut Jada he SUSPENSE FULL episode chal raha hai yaha per jane kaun hai wo jo lash leke gayab ho gya hai
Kya such me koi supernatural show kar raha hai ye sab ya such me koi SUPERNATURAL ho raha hai ship me
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Kafi Romanchkari update dia aapne Raj_sharma bhai
 

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# 33 .
3 जनवरी 2002, गुरुवार, 18:30; न्यूयॉर्क बंदरगाह, अमेरिका।

ठीक दो घंटे के बाद राबर्ट और स्मिथ, जेरार्ड के रुम में बैठे थे। जेरार्ड इस समय अपने रुम में चहलकदमी कर रहे थे। उस रुम में एक अजनबी और भी बैठा था, जिसे राबर्ट और स्मिथ नहीं जानते थे। उस अजनबी का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली दिख रहा था-

“लगभग 6.5 फुट की हाइट, कर्ली बाल, बड़ी-बड़ी आँखें, लोहे जैसे ठोस हाथों में उभरी हुई मसल्स, बलिष्ठ शरीर।“

राबर्ट और स्मिथ एक पल में उस अजनबी के व्यक्तित्व से इंप्रेस हो गये। फिलहाल कमरे में निस्तब्ध सन्नाटा व्याप्त था। अब सभी को इंतजार था तो बस जेरार्ड के बोलने का। कुछ देर रुम में टहलने के बाद जेरार्ड वापस आकर अपनी चेयर पर बैठ गये। उन्होंने पहले वहां पर मौजूद सभी लोगों पर नजरें डाली और फिर बोल उठे-

“सबसे पहले मैं आप लोगों का परिचय करा दूं।“
“इनका नाम व्योम है, ये सी.आई.ए. के एक काबिल एजेंट हैं।“ जेरार्ड ने उस अजनबी की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“सी.आई.ए.!“ राबर्ट और स्मिथ के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले।

“जी हां !“ जेरार्ड ने हामी भरते हुए कहा- “मुझे नहीं लगता कि अब ‘सुप्रीम’ का केस हम लोग और हैण्डल कर पायेंगे। इसलिए मैंने यह केस सी.आई.ए. के हवाले कर दिया है।“

“ये मिस्टर व्योम हैं।“ जेरार्ड ने कुछ देर रुककर फिर बोलना शुरु कर दिया- “ये भारतीय मूल के जरुर हैं, पर इन्हें अमेरिकन नागरिकता प्राप्त है, मैंने इन्हें सुप्रीम की सारी जानकारी दे दी है। और मिस्टर व्योम इस मिशन पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।“

“और ये मिस्टर राबर्ट और मिस्टर स्मिथ हैं।“ जेरार्ड ने राबर्ट और स्मिथ का परिचय व्योम से कराते हुए कहा- “सुप्रीम का सारा अधिकारिक कार्य, यही लोग संभाल रहे हैं।“ व्योम ने आगे बढ़कर राबर्ट और स्मिथ से बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया।

व्योम के हाथ मिलाने के तरीके से ही राबर्ट और स्मिथ को व्योम की ताकत का अंदाजा हो गया। अब सभी की निगाहें व्योम की तरफ थीं। सभी को अपनी तरफ देखता देख, व्योम ने बोलना शुरु कर दिया-

“मैं समय ना बर्बाद करते हुए सीधे प्वांइट पर आता हूं। सबसे पहले मुझे उस जगह के लोकेशन को-आर्डीनेट चाहिए, जहां से ‘सुप्रीम’ से आखिरी बार सिग्नल मिला था।“

“ठीक है, मैं आपको बारामूडा त्रिकोण का मैप और उस लोकेशन के को आर्डीनेट आपको दे देता हूं।“ राबर्ट ने व्योम को देखते हुए कहा- “और क्या चीज आपको चाहिए होगी ?“

“अगर हो सके तो मुझे बारामूडा द्वीप से एक पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर दिला दीजिए। मैं उसी से सुप्रीम को ढूंढने की कोशिश करुंगा।“ व्योम ने अपना प्लान शेयर करते हुए कहा।

“शायद आपको पता नहीं है कि उस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगे विद्यमान हैं, जो आपके हेली कॉप्टर को ज्यादा आगे नहीं बढ़ने देंगी।“ स्मिथ ने कहा।

“मालूम है, सब मालूम है इसलिए तो मैं आपसे पानी पर उतरने वाला हेलीकॉप्टर मांग रहा हूं, जिससे अगर कहीं मेरा हेलीकॉप्टर खराब भी हो जाए, तो मैं आसानी से उसे उतार सकूं। इस तरह का जो नया टू सीटर हेली कॉप्टर आया है, उसमें एक टरबाइन मोटर भी लगी होती है। जिससे मौका पड़ने पर उसे मोटरबोट की तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है और यह टरबाइन मोटर चूंकि इलेक्ट्रानिक नहीं होती इसलिए उस पर विद्युत चुम्बकीय तरंगों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।“

व्योम का जुनून देखकर एक बार तो राबर्ट भी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो गया।

“आई लाइक योर प्लान मिस्टर व्योम।“ राबर्ट ने व्योम की तारीफ करते हुए कहा- “मैं जल्दी ही आपके लिए ये सब व्यवस्था करवाए देता हूं। क्या आपको इस मिशन के लिए कोई और साथी चाहिए होगा ? आई मीन हेलीकॉप्टर का पायलेट वगैरह।“

“जी नहीं !“ व्योम ने मना करते हुए कहा- “वैसे मैं अपने बारे में आपको बता दूं, मैं मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट हूं। मैं 25 मिनट तक अंडर वाटर बिना सांस लिए स्विम कर सकता हूं। मैं सभी तरीके के हथियार चलाना जानता हूं। मैं दुनिया की 10 से भी ज्यादा भाषा बोल लेता हूं। और मैं हेलीकॉप्टर सहित सभी तरीके के वेहैकिल ड्राइव कर लेता हूं। इसलिए मुझे किसी भी तरह की हेल्प की जरुरत नहीं है और वैसे भी मैं नहीं चाहता कि इस खतरनाक मिशन में मेरे अलावा कोई और अपनी जान खतरे में डाले।“ व्योम की बातें सुन अब जेरार्ड भी इंप्रेस दिख रहे थे।

“ओ.के. मिस्टर व्योम, मैं अभी सारी व्यवस्थाएं करवाता हूं।“ यह बोल स्मिथ तुरंत कमरे से बाहर निकल गया।

4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 08:00; बारामूडा द्वीप।

व्योम न्यूयार्क से तुरंत एक प्लेन पकड़कर बारामूडा द्वीप के लिए रवाना हो गया। एयरपोर्ट से निकलकर वह सीधे बारामूडा द्वीप के बंदरगाह पर पहुंचा। वहां उसने जैसे ही अपना परिचय दिया, उसे उसकी पसंद का एक हेलीकॉप्टर दे दिया गया। जिसका फ्यूल टैंक फुल का इंडीकेशन दिखा रहा था। व्योम ने हेलीकॉप्टर के अंदर प्रवेश किया। कुछ ही देर में व्योम हेलीकॉप्टर सहित हवा में था।

लगभग 8 घंटे हेलीकॉप्टर ड्राइव करने के बाद व्योम को समुद्र में खड़ा एक विशालकाय क्रूज दिखाई दिया। सिग्नल देकर व्योम ने अपना हेलीकॉप्टर उस क्रूज पर उतार लिया। वहां उसके हेली कॉप्टर का फ्यूल टैंक दोबारा से फुल कर दिया गया।

“मिस्टर व्योम, अब से 20 घंटे के बाद हमारा क्रूज उस जगह पर पहुंच जाएगा, जहां से कि हमें ‘सुप्रीम’ का अंतिम सिग्नल मिला था।“

क्रूज के अधिकारी ने व्योम को देखते हुए कहा- “उससे आगे हम लोगों की जाने की इजाजत भी नहीं है। क्यों कि उसके आगे बारामूडा त्रिकोण का वह खतरनाक क्षेत्र शुरू हो जाता है, जहां जाकर कोई अभी तक वापस नहीं आया। तब तक आप क्रूज पर आराम कर सकते हैं। जब हम उस जगह पर पहुंच जाएंगे तो आपको बता देंगे।“ इतना कहकर क्रूज के उस अधिकारी ने एक गार्ड को व्योम का रूम दिखाने के लिए कह दिया।

कुछ देर तक डेक पर खड़े हो कर व्योम ढलते हुए सूर्य को देखता रहा। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह मौत से दो-दो हाथ करने को बेताब हो। फिर व्योम धीरे से उस गार्ड के साथ चल दिया।

4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 15:00; “सुप्रीम”

सुप्रीम मंथर गति से चल रहा था। दोपहर के लगभग 3:00 बज रहे थे। शिप पर असलम देर से सोने की वजह से अभी नहीं उठा था। वह बहुत गहरी नींद में सो रहा था कि तभी अचानक रूम की डोर बेल बजने से उसकी नींद खुल गई। उठते ही पहले असलम ने आंखें मसल कर घड़ी पर नजर डाली। तब तक डोर बेल कई बार बज चुकी थी।

असलम ने तेजी से उठकर रुम का दरवाजा खोला। बाहर सिक्योरिटी इंचार्ज लारा खड़ा था। उसकी भी लाल आंखें इस बात की गवाही दे रहीं थीं कि वह भी ठीक से सो नहीं पाया है।

“सर, जल्दी चलिए दूर कहीं एक और आईलैंड दिखाई दे रहा है।“ लारा ने घबराए स्वर में कहा।

“एक और आईलैंड?“ असलम के स्वर में आश्चर्य झलका।

“जी हां.....।“ लारा ने हामी भरते हुए कहा।

“तुमने कैप्टेन से इसके बारे में बताया कि नहीं ?“ असलम ने जल्दी-जल्दी वाशबेसिन से पानी ले मुंह पर छींटे मारते हुए पूछा।

“अभी नहीं ! मैंने सोचा पहले आपको बता दूं। वैसे अब मैं कैप्टेन को ही बताने जा रहा हूं।“ लारा ने कहा।

“कैप्टन को लेकर तुरंत डेक नंबर 21 पर पहुंचो। मैं वहीं जा रहा हूं।“
इतना कहकर असलम ने झटके से अपने पैरों में स्लीपर डाला और तेजी से पास में रखी दूरबीन उठाकर, बिना दरवाजा लॉक किये, डेक नंबर 21 की ओर भागा।

असलम कुछ ही देर में डेक नंबर 21 पर था। चूंकि इस साइड में यात्रियों का आना मना था। इसलिए यहां भीड़ नहीं थी। सिर्फ शिप के स्टाफ के ही 8-10 आदमी थे। असलम ने दूरबीन अपनी आंखों पर चढ़ाई और उस आईलैंड को देखने लगा।

वैसे अब शिप आईलैंड से ज्यादा दूरी पर नहीं था और वह नंगी आंखों से भी दिखाई दे रहा था। जैसे-जैसे असलम ध्यान से उस आइलैंड को देखता जा रहा था, उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव बढ़ते जा रहे थे।

“ओऽऽ नो.....यह कैसे संभव है?“ असलम के मुंह से आश्चर्य भरा स्वर निकला।

“क्या... कैसे संभव है?“ सुयश ने पीछे से आते हुए कहा।

सुयश की आवाज सुन असलम ने दूरबीन अपनी आंखों के आगे से हटायी और पीछे देखा। उसे पीछे खड़े लारा व सुयश दिखाई दिये। असलम ने बिना कुछ कहे, दूरबीन सुयश के हाथों में पकड़ा दी।

सुयश ने भी दूरबीन को आंखों पर चढ़ा कर उस आईलैंड को देखना शुरू किया। अब सुयश के चेहरे पर भी आश्चर्य के भाव थे। वह लगभग 10 मिनट तक बारीकी से उस आईलैंड को देखता रहा और फिर होठों ही होठों में बुदबुदाया-

“वही है....बिल्कुल वही है।“





जारी रहेगा..........✍️
बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अब ये सामने आये नये द्विप पर क्या है
देखते हैं आगे
 
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