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Bilkul ho gaya, kiska hua? Pata hi hai, kisne kiya, ye jald hi pata lag jayegaAwesome update
कुछ समय के अंतर के बाद एक और कत्ल हो गया शिप पर
Bilkul ho gaya, kiska hua? Pata hi hai, kisne kiya, ye jald hi pata lag jayegaAwesome update
कुछ समय के अंतर के बाद एक और कत्ल हो गया शिप पर
Thanks brotherNice update....
Jyada din nahi bachega abbBadhiya suspenseful update
First time killer shows himself
Thomas ko pata pad gaya tha ki killer kon ha lekin killer us per bhi najar jamaye betha tha to khat se use tapka diya or killer ka naam fir suspence me rah gaya dekhte han ki kab tak bachta ha ye killer
Thanks bhai, waise Ab or koi khoon nahi hoga is ship per, aur jald hi uska chehra bhi saamne aayegaBhut shandaar update..... कातिल का नाम सामने आने से पहले ही वो 1 मर्डर और कर गया....
Shaandar jabardast Romanchak Update# 37.
5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00; “सुप्रीम”
“मारिया !“ अलबर्ट ने मारिया की सूनी-सूनी आँखों में झांकते हुए पूछा- “क्या सोच रही हो ?“
“कुछ नहीं , बस इसी शिप के बारे में सोच रही हूं।“ मारिया ने जवाब दिया।
“क्या ?“ अलबर्ट ने पूछा।
“यही कि हमारी जिंदगी की शुरुआत भी ऐसे ही एक शिप पर हुई थी और आज अंत भी इसी शिप पर हो रहा है।“ मारिया के शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी।
“ऐसा क्यों कहती हो ? अभी तो हमने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करनी है, जिससे मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूंगा।“ अलबर्ट ने मारिया का हौसला बढ़ाने की कोशिश की।
“क्यों झूठ की डोर को पकड़े हुए चल रहे हो ? आज शिप के सभी यात्रियों को पता है कि हम कितनी खतरनाक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं और अगला कोई लम्हा हमारी जिंदगी का आखिरी लम्हा भी साबित हो सकता है। लेकिन अब मुझे अपनी मौत की कोई चिंता नहीं है।“ मारिया ने कहा।
“क्यों ?“ अलबर्ट ने मारिया की आँखों में देखते हुए पूछा।
“क्यों कि अब तुम जो मेरे साथ हो और यदि तुम्हारा साथ हो तो मुझे मौत की कोई चिंता नहीं। बस एक ही अफसोस है कि अब हम तो अपनी जिंदगी जी चुके पर शैफाली सरीखे उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा ? उनका भला क्या दोष है? वह सब मौत के मुंह में क्यों जा रहे हैं? अभी उन्होंने तो ठीक तरीके से दुनिया को भी नहीं देखा है।“
अलबर्ट बोलती हुई मारिया को लगातार देख रहा था।
“क्या देख रहे हो इस तरह?“ मारिया ने पूछा।
“तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हें क्या समझता था और तुम क्या निकली? मैं समझता था कि तुम्हें केवल अपने सिवाय कोई नजर नहीं आता है। पर आज जब तुम स्वयं के बारे में छोड़कर, दूसरे ऐसे लोगों की चिंता कर रही हो, जिन्हें तुम ठीक तरह से जानती तक नहीं हो।“ अलबर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा।
“इसी का नाम जिंदगी है।“ मारिया ने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- “मैं तो पहले भी वही थी, जो आज हूं, पर आज तुम्हारे देखने का नजरिया बदल गया है।“
“तो क्यों ना हम इस बदली हुई जिंदगी को शैम्पेन पी कर सेलिब्रेट करें।“ अलबर्ट ने एकाएक माहौल को चेंज करते हुए कहा।
“आईडिया बुरा नहीं है।“ मारिया ने मुस्कुराते हुए कहा- “मैं अभी वेटर से शैम्पेन लाने के लिए कहती हूं।“
“वेटर को रहने दो।“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए कहा- “मैं खुद ही ले आता हूं। इसी बहाने एक सिगरेट भी पी आऊंगा। क्यों कि तुम्हें तो पता है कि सिगरेट मेरी कमजोरी है और तुम्हें सिगरेट से नफरत है। इसलिए हमेशा सिगरेट मैं बाहर जा कर ही पीता हूं।“
मारिया ने धीमे से सिर हिलाकर अलबर्ट को अपनी सहमति दे दी। अलबर्ट ने सोफे से उठकर रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।
5 जनवरी 2002, शनिवार 15:30; “सुप्रीम”
“ब्रैंडन ! लारा के बाद अब तुम ही सिक्योरिटी इंचार्ज हो। इसलिए तुम्हें आज मेरे साथ गश्त पर चलना होगा।“ सुयश ने लंबे-चैड़े ब्रैंडन से हाथ मिलाते हुए कहा।
“ओ.के. कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने किसी नए-नए अधिकारी की तरह सैल्यूट मार कर, सुयश का इस्तकबाल किया- “मैं आपको किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।“
शायद कोई और समय होता तो ब्रैंडन की खुशी का ठिकाना ना रहता। लेकिन ऐसी स्थिति में और लारा की मौत के बाद ब्रैंडन को अपनी इस पोस्ट से इतनी खुशी नहीं हुई। थोड़ी ही देर में ब्रैंडन, सुयश के साथ गैलरी के चक्कर काट रहा था।
“हमें बिल्कुल सावधान रहना होगा कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश के साथ चलते हुए कहा- “क्यों कि पिछले दो-तीन दिन के रिकॉर्ड कहते हैं कि हर शाम खतरों को समेटे हुए आती है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता ना करें सर, मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दिया है। मैं आशा करता हूं कि आज कोई भी ऐसी घटना नहीं.............।“
लेकिन इससे पहले कि ब्रैंडन कुछ और बोल पाता किसी के भागते कदमों की आहट सुन, दोनो दीवार से सट कर खड़े हो गये। जैसे ही भागने वाला इनके मोड़ पर मुड़ा। दोनों तुरंत निकल कर उसके सामने आ गये।
भागने वाला इंसान ऐलेक्स था। उसकी सांसे बुरी तरह से फूल-पिचक रहीं थीं। जैसे ही उसकी नजर सुयश पर पड़ी, उसने अपना उल्टा हाथ सुयश की ओर बढ़ाया।
“कैप्टन......... अब कोई..... नहीं बचेगा।“ इतना कहकर ऐलेक्स धड़ाम से फर्श पर गिरकर बेहोश हो गया। ऐलेक्स के शब्द ब्रैंडन और सुयश के लिए किसी धमाके से कम नहीं थे।
“ब्रैंडन, जल्दी पानी लाओ।“ सुयश ने चीखकर ब्रैंडन को आदेश दिया।
ब्रैंडन उठकर तुरंत भागा। पास में ही चिलिंग वाटर सिस्टम लगा हुआ था। ब्रैंडन ने तुरंत वहां रखे बर्तन में पानी लिया और भाग कर पुनः सुयश के पास पहुंच गया। सुयश ने पानी के छींटे ऐलेक्स के ऊपर मारे।
धीरे-धीरे एक कराहट के साथ ऐलेक्स को होश आ गया। होश में आते ही सबसे पहले ऐलेक्स ने घबरा कर इधर-उधर देखा और सुयश पर नजर पड़ते ही उसे तेजी से पकड़ लिया।
“कैप्टन......कैप्टन सबको बचाओ, नहीं तो वह सब को मार डालेंगे।“ ऐलेक्स घबराहट के कारण ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।
“क्या हुआ? कौन किसे मार डालेगा ?“ सुयश ने ऐलेक्स को झंझोड़ते हुए पूछा।
“वही ...... हरे कीड़े!“ ऐलेक्स ने जैसे बम फोड़ा।
“हरे कीड़े!“ सुयश और ब्रैंडन दोनों के मुंह से एक साथ निकला।
“हां...... मैं अपने कमरे में था। तभी बाहर गैलरी में मुझे खट-पट की आवाज महसूस हुई। मैंने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा खोला। तो देखा ठीक वैसा ही हरा कीड़ा, जैसे क्रिस्टी के रुम मिला था। वह आगे-आगे उछलता हुआ गैलरी में जा रहा था। ना तो मेरे पास रिवाल्वर थी और ना ही कोई अन्य हथियार, जिससे मैं उस हरे कीड़े का सामना कर सकता। इसलिए मैं बिना आवाज किए, उस कीड़े के पीछे चल पड़ा। वह लगभग जमीन से 5-5 फुट ऊपर, मेंढक की तरह उछलता हुआ चल रहा था । उसकी स्पीड बहुत तेज थी। फिर भी मैं उसके पीछे लगा रहा। मैंने उसका कई गलियों तक पीछा किया। फिर एक गैलरी में मैं जैसे ही मुड़ा तो जो दृश्य मेरी आंखों ने देखा, उसे देखकर मेरी रूह फना हो गयी और मैं वहां से भाग खड़ा हुआ।“
बताते समय ऐलेक्स की आँखों के आगे सारे दृश्य घूमने लगे।
“ऐसा क्या देख लिया तुमने?“ सुयश का दिमाग ऐलेक्स की बातें सुनकर सांय-सांय करने लगा।
“मैंने देखा कि ठीक उसी के तरीके के कम से कम 10-12 हरे कीड़े उस पूरी गैलरी में टहल रहे थे।“ ऐलेक्स की आँखों में भय साफ नजर आ रहा था।
“क्या ऽऽऽऽऽऽ?“ सुयश को लगा जैसे किसी ने उसके सिर पर पहाड़ फेंक कर मार दिया हो।
“यह सब तुमने किस गैलरी में देखा ?“ ब्रैंडन ने ऐलेक्स से पूछा।
“आइए मेरे साथ। मैं आपको बताता हूं।“ इतना कहकर ऐलेक्स उन्हें लेकर एक दिशा की ओर चल दिया। लेकिन उसके पांवों में अभी भी भय की वजह से लड़खड़ाहट थी। तभी इन्हें गैलरी की एक साइड से अलबर्ट आता दिखा ई दिया।
“क्या बात है कैप्टन? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों हैं?“ अलबर्ट ने बारी- बारी सबके चेहरे को देखते हुए कहा।
“अभी -अभी मिस्टर ऐलेक्स ने इस दिशा में लगभग 10-12 हरे कीड़े जाते देखे हैं।“ सुयश ने जवाब दिया।
“क्या ऽऽऽऽ? माई गॉड! वह एक कीड़ा ही इतना खतरनाक था, फिर 10-12 कीड़े।......अगर ऐसा हो गया और शिप के लोगों को पता चल गया तो भगदड़ मच जायेगी।“ अलबर्ट ने घबराते हुए कहा।
“यह भी तो हो सकता है कि मिस्टर ऐलेक्स ने 10-12 कीड़े देखे हों, तो यह पूरे शिप पर मिला कर 100-200 हों।“ ब्रैंडन ने अपने विचार रखे।
“अगर ऐसा हुआ तो शिप के किसी भी आदमी का बचना मुश्किल है।“ सुयश चिंतित स्वर में बड़बड़ाया।
“क्या आपने इसी दिशा में कीड़ों को जाते देखा था मिस्टर ऐलेक्स?“ अलबर्ट ने सबके साथ गैलरी में मुड़ते हुए कहा।
“जी हां !“ ऐलेक्स ने उत्तर दिया।
“माई गॉड!......इधर तो मेरा भी रूम पड़ता है। मारिया......मारिया कैसी होगी ?“
मारिया का विचार आते ही, हाथ में शैंपेन की बोतल और खाने का सामान लिए अलबर्ट ने अपने रूम की ओर दौड़ लगा दी। उसे अब ना तो उन कीड़ों की चिंता थी और ना ही अपनी।
सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स भी अलबर्ट के पीछे भागे। उन तीनों की निगाहें तेजी से गैलरी में भी फिर रही थीं। अलबर्ट भागता हुआ अपने कमरे के दरवा जे पर पहुंचा। उसके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह भागकर तेजी से अपने कमरे में प्रवेश कर गया।
“मारिया-मारिया !.......कहां हो तुम?“ अलबर्ट की आवाज में चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।
रूम खाली था। अलबर्ट भागकर दूसरे कमरे में दाखिल हो गया, पर वह भी खाली था। अलबर्ट की बदहवासी बढ़ती जा रही थी। जल्दी ही उसने पूरा केबिन चेक कर डाला, पर मारिया कहीं ना थी।
“मारियाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!“ अलबर्ट गुस्से में जोर से चिल्ला उठा।
उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। शैंपेन की बोतल उसके हाथ से गिरकर टूट गई थी और साथ ही टूट गया था अलबर्ट के धैर्य का बांध। वह जमीन पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगा।
“तुम कहां चली गई मारिया?...... अब तो मैंने तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहने का वादा भी कर लिया था।.. .. .....मुझे अकेला छोड़ने का तुम्हारा कोई हक नहीं था।...... अरे दो पल इंतजार तो कर लिया होता।.....मेरे आने का......अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिंदा रहूंगा ?“ अलबर्ट भावावेश में बोलता ही जा रहा था।
“शांत हो जाइए मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने अलबर्ट के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “हो सकता है कि मारिया मैडम यहीं कहीं आस-पास गयीं हों और अभी वापस लौट आएं।“
“नहीं कैप्टेन....... मैं जान गया हूं कि........ वह अब इस दुनिया में नहीं है ......उसे भी शायद इन आने वाले पलों का एहसास हो गया था.. .........तभी वह मुझे बाहर जाने के लिए मना कर रही थी.......लेकिन मैं.......मैं तो अपनी इस कमीनी लत का गुलाम हो गया हूं।“ कहते हुए अलबर्ट ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल लिया।
“मैं.......मैं जानता हूं कि मारिया को किसने मारा ?“ एकाएक ही अलबर्ट विक्षिप्त सा नजर आने लगा।
“क्या ऽऽऽऽ?“ अलबर्ट के शब्दों को सुन, सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स अवाक रह गये- “आपको पता है कि मारिया मैडम को किसने मारा ?“
“हां..........मुझे पता है.......... उसको... .....उसको इसने मारा।“ अलबर्ट ने ‘क्लासिक‘ सिगरेट के पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा- “यही है जिसने मेरी मारिया को मुझसे छीन लिया............ मैं. .. ...मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा......मैं भी इसे मार डालूंगा।“
इतना कहकर अलबर्ट ने सिगरेट का पैकेट जमीन पर फेंक दिया और उसे अपने पैरों तले कुचलने लगा सुयश, अलबर्ट की यह हालत देख, धीरे से फोन की ओर बढ़ गया-
“हैलो डॉक्टर निक्सन!........मैं रूम नंबर 927 से सुयश बोल रहा हूं। आप फौरन अपना बैग लेकर इस केबिन में आ जा इए।“ इतना कहकर सुयश ने फोन काट दिया।
उधर अलबर्ट अब पागलों की तरह अपना जूता उतारकर सिगरेट को पीट रहा था।
“नशीली चुड़ैल......आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा.......मार डालूंगा।“
सुयश ने धीरे से ब्रैंडन को इशारा किया। ब्रैंडन ने आगे बढ़कर अलबर्ट को पीछे से पकड़ लिया। अलबर्ट अपने आपको ब्रैंडन की पकड़ से छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगा।
“छोड़ो मुझे..........वरना कातिल भाग जाएगा........वो मेरी मारिया को...... ले जा रहा है।“
अलबर्ट अभी भी चिल्लाये जा रहा था। लेकिन लंबे-चैड़े ब्रैंडन की पकड़ बहुत शक्तिशाली थी। चाहकर भी अलबर्ट, ब्रैंडन की पकड़ से छूट नहीं पा रहा था। तभी डॉक्टर निक्सन भागते हुए अपने असिस्टेंट के साथ रुम में दाखिल हुए।
“क्या बात है कैप्टन?“ डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट पर एक नजर मारते हुए कहा।
“इन्हें तुरंत एक नींद का इंजेक्शन दीजिए।“ सुयश ने अलबर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा।
“नहीं डॉक्टर.....! मुझे नींद का इंजेक्शन मत देना.........मैं अभी तक सो ही तो रहा था.............. आज पहली बार जागा हूं.......मुझे दोबारा मत सुलाओ.....वरना ...... वरना वो मेरी मारिया को ले जाएगा ।“ अब अलबर्ट की आवाज में गिड़गिड़ाहट के भाव थे।
डॉक्टर निक्सन ने तब तक इंजेक्शन बना लिया था। उसने आगे बढ़कर धीरे से अलबर्ट की दाहिनी बाजू में इंजेक्शन को चुभा दिया।
“छोड़ दो.......मुझे.....वो देखो.... मेरी मारिया.....मुझे बुला...रही .... है...वो... मुझे...पुकार..............।“
अलबर्ट अपनी बात पूरी किए बिना ही बेहोश हो गया। ब्रैंडन ने अब अपनी पकड़ ढीली कर दी। उसने अब अलबर्ट को धीरे से वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूसरे पैर का जूता भी खोलकर वहीं रख दिया।
“ब्रैंडन 2 आदमी इनकी सिक्योरिटी में लगा दो और तुम तुरंत मेरे साथ चलो, क्यों कि खतरा अभी टला नहीं है। वह कीड़े पता नहीं कहां तक पहुंच गये होंगे?“ सुयश ने कहा।
“कीड़े......? कैसे कीड़े?“ डॉक्टर निक्सन ने हैरानी से पूछा।
“सॉरी डॉक्टर, अभी कुछ भी बताने का समय नहीं है। जल्दी ही बताता हूं आपको।“
कहकर सुयश ने आखिरी बार अलबर्ट पर नजर मारी और तेजी के साथ कमरे से बाहर निकल गया। ऐलेक्स भी उसके पीछे था।
जारी रहेगा________
Pagla to gaya hai, per sab milkar handle kar hi lenge, fikar not,Shaandar jabardast Romanchak Update
Albert to pagal ho gaya hai mariy ke gum me ab dekhte is situation ko kaise handle karte hai sab
Raj_sharma bhai bs career pr focus kr rha hu isliye online nhi ho pta hu lekin jb bhi time milega aapki story ko read karunga aur review bhi dungaDekhte hai mitra, ye to niyti hi batayegi ki ye sab kaha pahuchte hai? Waise itne din kaha busy the?
Thanks for your valuable review bhai
Thank you so much bhai , waise aapne sahi kaha career sabse jyada important hai, to usi pe focus jyada hona chahiyeRaj_sharma bhai bs career pr focus kr rha hu isliye online nhi ho pta hu lekin jb bhi time milega aapki story ko read karunga aur review bhi dunga
Agla update iska khulasha kar dega dear thanks brother for your valuable review and supportAfsos ship pr ek aur maut ho gyi kaatil ko pkdna aur muskil ho gya Raj_sharma bhai
Aage dekhte h kya hota h