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Thank you so much parkas bhai for your valuable reviewBahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
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Nice and lovely update....
Thanks for your valuable reviewBhut shandaar update
Thank you so much bhaimast update
जब तक आप ही लिख लो..... अपडेट
कोई बात नहीं भाई मै भी व्यस्त था अपनी जीवन संगनी के संग विवाह के फेरे लेने मेंSorry dosto, dopahar ko thoda busy tha, to update nahi de paaya
भाई वह मजा आ गया इस बार अपडेट में# 46 .
शैफाली के शब्दों को सुन एक पल के लिए सबके रोंगटे खड़े हो गए, पर शैफाली का बोलना निरंतर जारी रहा-
“यह वही द्वीप है जिसे मैंने पहले सपने में देखा था.......यह तोता..... .....यह यहां ? ......यह मूर्ति तो एक बहुत ही खूबसूरत लड़की की है.......इसके हाथ में डोरी है.....ऐमू .....ऐमू इस डोरी से बंधा है.......पर यह क्या ?......यह तो छूट गया... ...नहीं नहीं मैंने गलत कहा....... मूर्ति ने ऐमू को छोड़ दिया....... यह..... यह पत्थरों पर बनी अजीब सी आकृतियाँ कैसी ?.......यह क्या ?........यह तो आप हैं कैप्टेन अंकल.... .....पर आप.....आप इस द्वीप पर क्या कर रहे हैं?.....आपके हाथों में यह डायरी कैसी ?......यह झोपड़ी उड़ रही है.......ये झरना... ...और.... और यह रोशनी.......ये रोशनी तो बहुत तेज है.......मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा......मैं वापस आ रही हूं..... पीछे....और पीछे......हां अब रोशनी कुछ कम हुई........यह सुनहरा मानव..... मुझे रुकने का इशारा कर रहा है....... लेकिन मैं फिर वापस आ रही हूं ........आह्ऽऽऽऽ........मेरे सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा है।“
बोलते-बोलते अचानक शैफाली ने अपना सिर पकड़ लिया। सभी जैसे सोते से जागे हों। सुयश ने आगे बढ़कर शैफाली को झकझोरा-
“क्या हुआ शैफाली ? तुम ठीक तो होना।“
शैफाली जैसे एका एक किसी सम्मोहन से बाहर आई- “क्या हुआ अंकल आप मुझे क्यों हिला रहे हैं?“
“तुम..... तुम ठीक तो हो ?“ मारथा ने आगे बढ़कर शैफाली को अपनी बाहों में ले लिया।
“क्यों ? क्या हुआ मुझे?“ शैफाली के शब्दों में आश्चर्य था- “आप लोग इतना परेशान क्यों है?“
“कुछ नहीं बेटा । तुम सुनहरे मानव व ऐमू के बारे में बता रही थी। इसलिए हम थोड़ा डर से गये थे।“ माइकल ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
“मैं?“ शैफाली ने इस तरह से आश्चर्य व्यक्त किया, जैसे उसे कुछ समझ में ना आ रहा हो- “मैं..... सुनहरे मानव व ऐमू के बारे में बता रही थी......नहीं तो...... मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा........मैं....मैं तो कह रही थी कि ऐमू नाम कुछ सुना हुआ लग रहा है।“ शैफाली के शब्दों में दुनिया भर का आश्चर्य भरा था।
“तो क्या शैफाली जो अब तक बोल रही थी, वह कोई उससे बुलवा रहा था ?“ सुयश ने होठों ही होठों में बड़बड़ाया- “क्या वह बिना सोये हुए भी सपना देख सकती है? क्या ब्रूनो किसी और को देखकर पीछे हट गया था। ऐसे ही सैकड़ों सवाल वहां मौजूद लोगों के दिमाग में घूमने लगे।
“क्या तुम्हें सचमुच यह याद नहीं कि तुम अभी क्या बोल रही थी ?“ असलम ने जेब से रुमाल निकाल कर अपने माथे पर छलक आए पसीने को पोंछते हुए कहा।
“नहीं......मुझे तो कुछ भी याद नहीं। क्या मैं वास्तव में कुछ बोल रही थी ?“ शैफाली ने अपने दिमाग पर जोर डाला।
“एक विशेष बात और भी है।“ सुयश ने सोफे से उठकर खड़े होते हुए कहा- “तुमने यह बताया कि उस रहस्यमय द्वीप पर मैं भी था। जबकि तुम बचपन से ही अंधी हो और तुम मेरा चेहरा नहीं पहचानती। फिर तुमने जो आदमी उस रहस्यमय द्वीप पर देखा, यह कैसे जाना कि वह मैं ही हूं?“
“मुझे नहीं पता कि मैंने कब आपके बारे में बताया।“ शैफाली ने अजीब से शब्दों में कहा।
ब्रूनो अब टहलता हुआ वापस शैफाली के पास जाकर बैठ गया।
असलम शैफाली की बात सुनकर इतना घबरा गया कि उसका पसीना ए.सी . रूम में भी नहीं रुक रहा था।
तभी शैफाली एका एक आश्चर्य से भर उठी। उसने अपना चेहरा असलम की ओर करते हुए अपनी नाक पर जोर दिया-
“मिस्टर असलम, आपने यही नाम बताया था ना कैप्टन अंकल।“ शैफाली के इस तरह टॉपिक चेंज करते देख, सुयश को बहुत अजीब सा महसूस हुआ।
सुयश का चेहरा अब शैफाली की ओर से हटकर असलम की ओर गया। शैफाली बिना सुयश का जवाब सुने पुनः असलम से मुखातिब होती हुई बोल उठी-
“हां तो असलम अंकल, आपके चेहरे पर कुछ पसीना आ रहा लगता है। क्या बात है आपकी तबीयत तो ठीक है?“
“हां.....मेरी तबियत को क्या हुआ?“
असलम शैफाली को अपनी ओर मुड़ता देख और घबरा गया-
“मैं.....मैं बिल्कुल ठीक हूं।“ असलम ने फिर से रुमाल से अपने चेहरे पर बह रहे पसीने को पोंछा।
“वैसे अंकल आप परफ्यूम बहुत अच्छा इस्तेमाल करते हैं।“ शैफाली के भोले से चेहरे पर अब एक नन्हीं सी मुस्कुराहट आ गयी- “संदल की खुशबू वाला परफ्यूम इस्तेमाल करते हैं ना ?“ शैफाली के शब्द सुन सुयश को बहुत तेज झटका लगा। उसे तुरंत शैफाली के वह शब्द याद आ गए-
“अंकल कातिल के रुमाल से संदल स्मेल वाले सेंट की भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी।“
लेकिन वह चुपचाप खड़ा होकर शैफाली के शब्दों को सुन रहा था।
“आपने जवाब नहीं दिया असलम अंकल।“ आप संदल स्मेल वाला सेंट इस्तेमाल करते हैं ना ?“ शैफाली ने असलम को चुप देख दोबारा से पूछ लिया।
“हां.....यह मेरा फेवरेट सेंट है।“ असलम ने जवाब दिया।
“वैसे अंकल, आप रिवाल्वर तो चलाना जानते ही होंगे?“ शैफाली ने एक नया सवाल कर दिया।
“क्या बकवास है? क्या तुम मुझे कातिल समझ रही हो ?“ असलम ने सोफे से उठते हुए चिल्ला कर कहा।
“मैंने तो अभी यह बात आप से कही भी नहीं। फिर आप इतना क्यों परेशान हैं?“ शैफाली के चेहरे पर निरंतर मुस्कान बनी हुई थी।
“मैं तो जिस समय हॉल में कत्ल हुआ, उस समय वहां था भी नहीं। उस समय तो मैं शिप के कंट्रोल रूम में था।“ असलम ने कहा।
“असलम सही कह रहा है शैफाली।“ सुयश ने बीच में आते हुए असलम का बचाव किया- “ये तो उस समय कंट्रोल रूम में था और वह भी नशे की हालत में। ऐसी हालत में यह चलकर हॉल तक नहीं पहुंच सकता था।“
“आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हैं कैप्टन अंकल कि असलम अंकल उस समय कंट्रोल रूम में ही थे और इन्होंने नशा ज्यादा कर रखा था। क्या उस समय आप इनके साथ थे?“ शैफाली ने जिद पकड़ते हुए कहा।
“नहीं मैं तो हॉल में ही था लेकिन बहुत से लोग उस समय असलम के साथ थे, जो इस बात की गवाही दे सकते हैं।“ सुयश ने कहा।
“अभी आप कह रहे थे कि यह इतना नशे की हालत में थे कि इन्हें होश भी नहीं था।“ शैफाली ने कहा- “तो फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि इनके साथ जितने भी लोग थे, वह भी नशे की हालत में थे।“
“जी हां, आप सही कह रहीं हैं....वह सारे नशे की हालत में थे।“ अंजाने में ही सुयश के मुंह से शैफाली के लिए रेसपेक्ट भरे शब्द निकले।
“फिर आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं कि यह पूरी तरह नशे में धुत थे और सभी के साथ थे?“ शैफाली अपने लॉजिक से सभी को दूसरी दिशा में सोचने पर विवश कर रही थी- “यह भी तो हो सकता है कि इन्होंने ही सबको पीने की सलाह दी हो और जब सारे लोग नशे में धुत हो गए हों तो फिर यह धीरे से कंट्रोल रूम के बाहर आए हों और फिर हॉल में पहुंचकर इन्हों ने गोली चलाई हो और फिर तेजी से वापस आकर पुनः कंट्रोल रूम में पहुंच गए हो और फिर उसके बाद बेहोशी का नाटक करके सभी के बीच गिर पड़े हों।“
“तुम्हारी कहानी तो बहुत अच्छी है बेटे।“ असलम ने अब नॉर्मल होते हुए कहा- पर इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है और वैसे भी ड्रिंक करने के लिए मैने नहीं रोजर सर ने सबसे कहा था।“
सुयश बहुत तेजी से इस समय जाने क्या सोच रहा था। तभी ड्रेजलर दौड़ता हुआ रुम में दाखिल हुआ-
“कैप्टेन-कैप्टेन आप यहां हैं। मैंने आपको ढूंढने के लिए पूरा शिप छान मारा। तब जा कर ब्रैंडन सर से आपके बारे में पता चला।“
“क्या बात है ड्रेजलर, तुम इतना घबराए हुए क्यों हो ?“ असलम ने ड्रेजलर की तरफ देखते हुए पूछा।
“सर वो रहस्यमय द्वीप एक बार फिर हमारे रास्ते में आ गया है।“ ड्रेजलर ने घबरा कर कहा। यह खबर सुनते ही सभी के होश उड़ गए।
“असलम तुम डेक पर पहुंचो। मैं अभी ड्रेजलर के साथ वहां पहुंचता हूं।“ सुयश ने एक तरह से ड्रेजलर को भी रोकते हुए कहा।
असलम ने अजीब सी नजर सुयश पर डाली और कमरे के बाहर निकल गया। ड्रेजलर सुयश को देखते हुए, उसके अगले हुक्म का इंतजार कर रहा था।
“हां ड्रेजलर, तुम तो हमारे कंट्रोल रूम में काम करते हो ना ?“ सुयश ने ड्रेजलर से पूछा।
“जी हां !“ ड्रेजलर ने अजीब सी नजरों से सुयश को देखा। वह समझ नहीं पा रहा था कि सुयश ने उसे क्यों रोका ? और वह उससे क्या पूछना चाहता है?
“ड्रेजलर, तुम न्यू ईयर की रात उस समय भी कंट्रोल रूम में थे, जब सभी नशे की हालत में हो गए थे और ‘सुप्रीम’ रास्ता भटक गया था?“
जारी रहेगा________