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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
20,993
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259
बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है शिप भंवर में फंस गया है लेकिन सुयश की सूझ बूझ से उस भंवर से तो निकल गया है एक मुसीबत से तो बाहर आ गए हैं
Bas ek se hi baahar aaye hai mitra per yaha to musibatoon ka pahaad hai:approve: Thank you very much for your valuable review bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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#61.

भविष्य के पत्थर:-
7 जनवरी 2002, सोमवार, 16:30, (अराका द्वीप, अटलांटिक महासागर)

“कैप्टेन।" अल्बर्ट ने कहा- “हम लोगो को झील वाली जगह से निकले लगभग 2 घंटे हो गये हैं। एक तो थकान भी लग रही है, दूसरा शाम भी होने वाली है, ऐसे में हमें किसी सुरक्षित जगह की भी तलाश करनी होगी, क्यों कि ये जंगल अगर दिन में इतना खतरनाक है, तो रात को तो इसमें रुकना और भी ज़्यादा मुस्किल हो जायेगा।"

“आप ठीक कह रहे हैं प्रोफेसर ।" सुयश को अल्बर्ट की बात बिल्कुल सही लगी- “अभी अंधेरा होने में 1 घंटे शेष हैं, इतने समय में ही हमें किसी सुरक्षित जगह को ढूंढना होगा।"

“क्या इस काम में ब्रूनो हमारी कोई मदद कर सकता है?" शैफाली ने कहा।

“यह किस प्रकार से हमारी मदद कर पायेगा?" जेनिथ ने शैफाली से पूछा।

यह सुनकर शैफाली ब्रूनो के पास बैठ गयी.... उसने धीरे से ब्रूनो के सिर को सहलाया और उसके कान
के पास कुछ फुसफुसा कर कहा। उसके कहे शब्द किसी और को सुनाई नहीं दिए ।

शैफाली कि बात सुन ब्रूनो ने भोंककर शैफाली को अपनी भाषा में कुछ कहा और फिर सूंघते हुए एक दिशा में चल दिए ।

किसी को कुछ समझ तो नहीं आया पर इस रहस्मयी द्वीप में सबसे ज्यादा सभी को शैफाली पर ही भरोसा था। इसिलए बिना कोई सवाल किए सभी ब्रूनो के पीछे-पीछे चल पड़े।

आगे-आगे चलता हुआ ब्रूनो बीच-बीच में कुछ सूंघता और फिर अपना रास्ता बदल देता। ब्रूनो एक जगह पर पहुंचकर कुछ खुरचने लगा।

सभी ने जाकर जब उस स्थान को देखा तो वह आश्चर्य से भर उठे। उस जगह पर जमीन में एक अर्द्ध -चंद्राकार पत्थर लगा हुआ था।
यह पत्थर बिल्कुल किसी माइलस्टोन की तरह प्रतीत हो रहा था।

“कैप्टेन।" एलेक्स पत्थर पर नजर मारते हुए बोला- “ये तो बहुत अजीब से पत्थर हैं।"

अब सभी की नजरे पत्थर पर थी।

“यह तो माइलस्टोन की तरह से लग रहा है।" ब्रेंडन ने कहा।

अल्बर्ट अब बैठकर ध्यान से उस पत्थर को देखने लगा।

“अरे यहां आसपास बहुत से ऐसे पत्थर हैं।" क्रिस्टी ने चारो तरफ नजर दौड़ाते हुए कहा।

क्रिस्टी की आवाज सुनकर अब सभी लोग चारो तरफ देखने लगे।

वहां पर आसपास उसी प्रकार के लगभग 11 और पत्थर थे। पत्थरो पर कुछ रंग- बिरंगी आकृतियां बनी
थी और कुछ कूट भाषा में लिखा भी हुआ था। वह कूट भाषा इनमें से किसी को समझ में नहीं आयी।

“कैप्टेन।" तौफीक ने कहा- “यह सभी पत्थर एक बराबर साइज के है और इस पर कुछ लिखा हुआ भी है। इससे यह तो साफ हो गया कि इस द्वीप पर इंसान हैं क्यों कि ये काम कोई जानवर नहीं कर सकता।"

“आप सही कह रहे हो तौफीक।" सुयश ने तौफीक की बात का जवाब दिया- “और यह भी श्योर है कि जो इंसान इस द्वीप पर है, वह सभ्य भी है और समझदार भी है।"

अल्बर्ट अभी भी झुककर पत्थर को ध्यान से देख रहा था।

“कैप्टेन, सभी पत्थरो पर आकृतियां तो अलग-अलग है, पर इन सभी पत्थरो के बीच में बनी यह आग के गोले की आकृति सब में कॉमन है।" अल्बर्ट ने सूक्ष्म निरीक्षण करते हुए कहा।

तभी शैफाली की आवाज ने एक बार फिर सबको आश्चर्य में डाल दिया-
“कैप्टेन अंकल, क्या इनमे से किसी पत्थर पर एक बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है ?"

शैफाली की आवाज सुन अब सभी उन पत्थर के निशानो को ध्यान से देखने लगे। कुछ ही देर में एलेक्स की आवाज सुनाई दी- “यहां है वो पत्थर, जिस पर बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है।"

तभी शैफाली की आवाज पुनः गूंजी- “एलेक्स भैया, क्या उस पर एक काला गोला और एक रोमन तलवार भी बनी है?"

“हाँ है!" अब एलेक्स की आवाज में विस्मय था।

“आप सब एक-एक पत्थर के पास खड़े हो जाइये। में कुछ और आकृतियां बताती हूँ ।"

शैफाली ने फिर कहा। शैफाली की आवाज सुन सभी लोग एक-एक पत्थर के पास खड़े हो गये। ऐसा लग रहा था जैसे शैफाली कोई क्लास-टीचर हो और बाकी सारे लोग उसके छात्र हो ।

“कैप्टेन अंकल, आपके पत्थर पर एक शेर जैसी आकृति होगी, उसके आसपास एक अंगूठी भी बनी होगी।" शैफाली ने सुयश से कहा।

सुयश अपने पत्थर को देखकर अवाक रह गया। उसके पत्थर पर वह सारी चीजे बनी थी, जो शैफाली बता रही थी।

“पर शैफाली।" सुयश ने आश्चर्य भरे स्वर में पूछा- “तुम्हे कैसे पता कि मैं किस पत्थर के पास खड़ा हूँ ।"

पर जैसे शैफाली ने सुयश की बात सुनी ही ना हो, वह अनवरत बोलती जा रही थी।

“अल्बर्ट अंकल आपके पत्थर पर एक मछली की आकृति बनी है, जिसके आसपास कुछ आग के चीन्ह भी दिख रहे होंगे आपको।"

“बिल्कुल सही!" अल्बर्ट ने कहा। धीरे-धीरे शैफाली ने सभी पत्थर के बारे में बिल्कुल सही-सही बता दिया।

सब कुछ बताने के बाद शैफाली अपनी जगह पर ऐसे खड़ी हो गयी जैसे किसी ने उसे स्टेचू बोल दिया हो।

“शैफाली-शैफाली!"
अल्बर्ट ने पास आकर शैफाली को पकड़कर झकझोरा- “क्या हुआ तुम्हें? ठीक तो हो ना?"

“हाँ ग्रैंड अंकल, में बिल्कुल ठीक हूँ।" शैफाली ने शांत स्वर में कहा- “मुझे कुछ नहीं हुआ।“

सभी पत्थरो के पास से हटकर शैफाली के पास आ गये। सुयश ने शैफाली को वही एक साफ स्थान देखकर बैठा दिया।

अब शैफाली सामान्य दिखने लगी थी, तभी ब्रूनो पास आकर शैफाली का हाथ चाटने लगा। अल्बर्ट प्यार से शैफाली के सिर पर हाथ फेरने लगा।

“ये क्या रहस्य है शैफाली?" क्रिस्टी ने शैफाली के पास बैठते हूए पूछा-
“तुम इन सब आकृतियों के बारे में कैसे जानती हो?"

“मैंने ये सभी आकृतियां अपने सपने में देखा था।" शैफाली ने मासूमियत से जवाब दिया।

“पर तुम्हे यह कैसे पता चला कि कौन किस जगह खड़ा है?" जैक ने संदेह भरी नज़रों से शैफाली को देखते हुए पूछा।

“मुझे नहीं पता कि कौन कहां खड़ा था?" शैफाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “पर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिमाग में ये सारी आकृतियां अपने आप बन रही है। मेरा मतलब
दिमाग में जिस भी व्यक्ति के बारे में बताने चलती, उसकी आकृति उस समय मेरे दिमाग में स्वयं आ जा रही थी।"

शैफाली ने जो कुछ भी कहा, वो वहां खड़े कई लोग को डराने के लिए काफी थी। जैक और जॉनी तो इतना डर गये कि वो अपने अगल-बगल देखने लगे।

यह सुन अल्बर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “मुझे जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि इस द्वीप पर बहुत कुछ रहस्यमयी है। यह द्वीप हम लोग कि सोच से भी ज़्यादा खतरनाक है।“

“आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने अल्बर्ट पर निगाह मारते हुए कहा- “मुझे भी एहसास हो रहा है कि इस द्वीप पर विज्ञान से अलग हटकर कुछ है, जो हम लोग कि समझ से बाहर है।"

तभी जेनिथ ने शैफाली से पूछा-

“तुम इन पत्थर या इनकी आकृति के बारे में कुछ और बता सकती हो शैफाली? या फ़िर इस द्वीप के बारे में ऐसा कुछ जो हम लोग नहीं जानते।"

“हाँ जेनिथ दीदी।" शैफाली ने अंदाजे से अपना चेहरा जेनिथ की ओर करते हुए कहा-
“पहली बात तो ये है कि ये पत्थर हमें हमारा भविष्य दिखा रहे है।"

“भविष्य!" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“हाँ भविष्य।" शैफाली ने पुनः कहा- “आप लोग ने शायद गौर नहीं किया कि हम लोग भी 12 है और यह पत्थर भी 12 है।"

शैफाली के यह बोलते ही अब सभी का ध्यान फ़िर से पत्थरो की ओर गया।

उधर शैफाली का बोलना बदस्तूर जारी रहा- “यह पत्थर हमारे ही लिये यहां पर लगाए गये है। इन पर बनी आकृतियां भविष्य में हमें मार्ग दिखाएंगी।“

“मगर इन पत्थरो को देखकर तो यह लगता है कि यह सैकड़ों वर्ष से यहां पर लगे है।“अल्बर्ट ने पत्थरो की स्थिति को देखते हुए कहा।

“मुझे बहुत ज्यादा नहीं पता ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-

“पर मुझे इतना जरूर लग रहा है कि हमारा जहाज स्वयं दुर्घटना ग्रसित नहीं हुआ। हमें जान-बूझकर यहां लाया गया है, बल्कि ये समझ लीजिये कि यहां आना हमारी नियती थी और ये भी हो सकता है कि ये पत्थर यहां हमारा सैकड़ों साल से इंतजार कर रहे है।"

शैफाली का हर शब्द सभी के दिमाग में विसफोट कर रहा था।

“अगर ये पत्थर हमारा भविष्य है तो क्या मेरे भविष्य में सांप है? क्यों कि मेरे पत्थर पर तो सांप बना है।" ड्रेजलर ने घबराकर कहा।

“हो भी सकता है?" शैफाली ने ड्रेजलर को जवाब दिया- “मुझे तो जो महसूस हो रहा है, मैंने आप लोगों को बता दिया।"

ड्रेजलर अभी शैफाली से बात कर ही रहा था कि अचानक एक पेड़ से सरसराहट की आवाज सुनाई दी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एनाकोंडा की तरह का एक विशालकाय अजगर पेड़ से ड्रेजलर के ऊपर कूद पड़ा।

अजगर ने बिना समय दिए ड्रेजलर को अपनी कुण्डली में जकड़ लिया। इतना विशालकाय अजगर देखकर सभी के मुंह से चीख निकल गयी।

“बाप रे ! इतना बड़ा अजगर....ये तो एनाकोंडा का भी बाप लग रहा है।" जैक का मुंह दहशत के कारण सफेद हो गया।

ड्रेजलर के मुंह से लगातार चीखे निकल रही थी। किसी कि समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेजलर को बचाया जाए?

“बचाओ कैप्टन !" ड्रेजलर पूरी ताकत लगाकर चीखा।

अल्बर्ट ने शैफाली को तुरंत अपनी तरफ खींच लिया सारे लोग ड्रेजलर से थोड़ा दूर हट गये।
तभी तौफीक ने असलम से फ्लेयर-गन मांगी। असलम ने जल्दी से अपने काले बैग से गन निकालकर, उसमें सिग्नल-फ्लेयर फ़िट कर, तौफीक के हाथ में पकड़ा दी।

फ्लेयर गन अब तौफीक के हाथ में थी। तौफीक ने अजगर के सिर पर निशाना साधा।

“ठीसऽऽऽ“की आवाज करता सिग्नल-फ्लेयर अजगर के मुंह की ओर झपटा।

पर जैसे ही वह फ्लेयर अजगर के मुंह के पास पहुंचा, अचानक से अजगर का सर अपनी जगह से हिला और फ्लेयर उसके बगल से होता हुआ, जमीन पर गिर गया।

अजगर को फ्लेयर की गरमी का एहसास होते ही, उसने एक नजर पहले फ्लेयर पर मारी और फ़िर तौफीक की ओर घूम कर उसे घूरने लगा। अब वह थोड़ा गुस्से में भी दिखने लगा।

तभी तौफीक ने असलम से एक और फ्लेयर मांग कर उसे गन में लोड कर लिया। तौफीक ने दोबारा निशाना साधा और फ़िर से फायर कर दिया।

इस बार निशाना बिल्कुल सटीक था। फ्लेयर सीधा अजगर के मुंह पर जाकर लगा।

अजगर के चेहरे पर आग लग गयी। अब उसने अपनी कुण्डली और कस ली।

‘कट्-कट्’ की आवाज के साथ ड्रेजलर की हड्डियाँ टूटने लगी।
अजगर अब अपना चेहरा इधर-उधर पटकने लगा। अजगर ने गुस्से की वजह से अपना पूरा शरीर अब बहुत ज़्यादा कड़ा कर लिया।

ड्रेजलर का सिर अब हवा में झूलने लगा।



जारी रहेगा_________✍️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Nice update Raj_sharma bhai
Ab Antarctica mei bhi khoj shru hogi

बहुत ही मस्त लाजवाब और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
मायावी पेड जिसने मन ही मन की हुई शेफाली की विनती मान कर खुद ही उनके सामने फलों का ढीग लगा दिया ये व्दीप पर पुरा मायाजाल फैला हुआ हैं जो पेड शेफाली के बाय बोलने पर खुप भी बाय का इशारा करता हैं
वैसे अंटार्क्टिका के बर्फिली जगह पर जेम्स और विल्मर ने वो रहस्यमयी सुनहरी ढाल और दिवार धुंड ली वो क्या हो सकता हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Badhiya update bhai

Ek or naya khatra ir abki bar to magarmachh manav ke roop me is bar to jan jate jate bachi in sabki lekin fir shefali ne hi bachaya ab to aisa lagta ha ki shefali se koi karwata ha aisa jab bhi aisi musibat ati ha to koi shefali ke andar pravesh kar kar jata ha or kam hone ke bad nikal jata ha jisse shefali ko bhi pata nahi hota ki usne kya kar diya

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
Sab ke asfal hone par shefali ne bacha liya magarmachh se par lagta ye jagah ka shefali se khaas connection jisse yaha ke rahshyamayi creatures bhi shefali ke man ki baat maan lete hai 😊 😊

भाई, ये “अराका” टापू बहुत ही कमाल का है!

पहले तो उस पेड़ के बारे में पढ़ कर लगा कि हैरी पॉटर के Whomping Willow जैसा बदमाश पेड़ है, लेकिन पारिजात वृक्ष से उसकी समानता दिखी। अद्भुत पेड़ है ये! फिर आगे मगरमच्छ ‘मानव’ जलोथा मिला। जो बर्फ़ 800 किलो का वज़न सह कर भी न टूटे, वो तौफ़ीक़ के प्रयास से टूट नहीं सकती थी - लेकिन इस बात का फायदा यह हुआ कि जेनिथ की नज़र में वो हीरो बन गया! हा हा हा हा!!

हर कदम पर अराका इस टीम की परीक्षा ले रहा है और हर बार शेफाली ही तारणहार बन कर सामने आ रही है। अगर वो पोसाइडन या फिर शलाका की वंशज नहीं है, तो फ़िर कुछ कहना ही बेकार है। सभी को चाहिए कि उस फेल्ड कप्तान सुयश के बजाय शेफ़ाली को अपना नेता (नेत्री) मान लें। सुयश ने अपना जहाज़ डुबो दिया। अपनी ज़िद के चलते असंख्य यात्री मरवा दिए। शिप की कप्तानी से ज़्यादा उनको मिस मार्पल बनने का शौक चढ़ा हुआ था। ऐसे में अब इस किरदार को साइड में कर देना चाहिए।

उधर अंटार्कटिका का अच्छा विवरण दिया है आपने। जिनको समझ में न आया हो -- अंटार्कटिका पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में है। इसलिए ऋतुओं में 180 अंश का अंतर होता है। जब उत्तरी गोलार्द्ध में ठंडक होती है (जनवरी) तब वहाँ गर्मी पड़ती है। हाँ, लेकिन ये ऐसी गर्मी नहीं होती कि पसीने निकाल दे। वनस्पति के नाम पर काई, छोटी घास या फिर छोटी झाड़ियाँ ही उग पाती हैं। वो भी लगभग क्षणिक।

ऐसे में जेम्स और विल्मर द्वारा सुनहरी ढाल-दीवार-यान का पता लगाना एक और रहस्य है। शायद यहीं से “अटलांटिस” के ऊपर से आवरण हटेगा।
वैसे भाई, इतनी जल्दी 500 मीटर की दूरी की बर्फ़ हटा पाए वो दोनों, कमाल है! इनको बुला लाओ म्हारे देश। थोड़ा त्वरित गति से निर्माण कार्य होने लगेगा! हा हा हा हा!

संजू भाई का कमेंट मस्त लगता है। उन्होंने आखिरी लाइन में जो लिखा है वो प्रभु श्री राम और लंका के बीच वाले समुद्र की बात कही है। लेकिन दरअसल बात के मूल में यह है ही नहीं। जो समुद्र ‘उथला’ हो वो समुद्र नहीं हो सकता। उथला होना समुद्र की प्रकृति नहीं है। समुद्र गहरा होता है और उसमें सदैव लहरें उठती रहती हैं। वरुण देव, जो जल (नदियों, समुद्रों) के देवता हैं, उन्होंने ही यह नियम बनाये हैं।

आज कल बाहर हूँ। पढ़ तो लेता हूँ, लेकिन लिख नहीं पाता। उतना समय नहीं मिल रहा है।
बेहतरीन अपडेट्स :)

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Kitna darwana magarmachch manav tha vo Jalotha............ (Na jaane kyu mujhe Anup Jalota ka koi rishtedar laga wo)

Lekin hairani ki baat ye he ki Shaifali ke dwara lalkarne par vo wapis usi jheel me chala gaya...........

Shaifali hi vo chaabi he jo is dweep ke sabhi rahasay khol sakti he.......

Taufiq to Jainith ke pyar me pad gaya re baba...........

Keep rocking Bro

Dusre addhyay ke sabhi update itihas ke panne khol rahe hai.
Atlantis ka adhura itihas padhne me kafi dilchasp hoga.
Dekhte hai araka dweep aur kon konsi Maya dikhata hai.
Shifali ke pas aur konsi shaktiya hai wo bhi aage dekhne mil jayegi shayad.
Khubsurat update :)

वेगा अराका का युवराज, फिर उसी से क्यों छिपाया जा रहा है वहां का रहस्य??

त्रिकाला शायद अभी की देवी है वहां की।

कितना पढ़ते हो आजकल ?
जो ये नयी नयी खुराफातें हर अपडेट में पेल देते हो

पिछला रिव्यू सोच नहीं पाता मैं, तब तक नया तुरुप लगा देते हो

अब ये वेगा, अराका को राजकुमार निकला
किताब इसके बापू की लिखी निकली
इन्सान तो पढ़ नहीं पा रहा, बाज पढ़ने के लिए किताब छीनने आ गया


त्रिकाली दीदी से भी मिलना है अभी तो, लेकिन शैफाली को साथ लेकर जाऊंगा

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌

Awesome update

Shandar jabardast update bhai

nice update

जिस मौत के टापू मे कोई परिंदा तक नही पहुंच सकता , जहां कोई शिप या प्लेन नही जा पाता , वहां ' सम्राट ' शिप के बचे खूचे यात्री पहुंच गए । वह कैसे पहुंचे , यह सब देख ही चुके है । उस टापू ने ही इस शिप को हिप्नोटाइज किया था । यह लोग अपनी कोशिश से वंहा नही पहुंचे थे ।

इसी टापू , इसी तिलिस्म टापू का युवराज अमेरिका मे रहकर पढ़ाई कर रहा है । इस युवराज ' वेगा ' के भाई-बहन उस तिलिस्मी टापू के निवासी है ।
यह सब कैसे और क्योंकर हो गया ? अपनी ही जमीन , अपनी ही सभ्यता की हकीकत की पड़ताल हमारे युवराज साहब अमेरिका मे क्यों कर रहे है ? लेकिन युवराज साहब उस खुंखार टापू से अमेरिकन धरती पर आए कैसे ? किस साधन और यान का इस्तेमाल किया था इन्होने ?

बाज और युवराज का तथाकथित भिडंत जाहिर करता है कि बाज , युवराज के रियासत का ही एक प्राणी था और उसका मकसद किताब को प्राप्त करना था । लेकिन इस प्रकरण का उद्देश्य समझ नही आया ।

इधर तिलिस्मी द्वीप ' अराका ' मे एक अजीबोगरीब जानवर ने जेनिथ की पैंट ढिली कर दी । वह तो शुक्र था कि शैफाली वहां उस वक्त मौजूद थी , वरना हमारे राइटर साहब एक और खुबसूरत कन्या की बलि ले लेते ।

वह अजीबोगरीब जानवर और कोई नही , महारानी क्लिटो का ही प्रोडक्ट जलोथा था । इस प्राणी की रचनाकार क्लिटो मैडम ही थी ।
और शैफाली के मात्र एक नजर देखने से जलोथा की तबीयत नासाज क्यों हो गई , यह अब आसानी से समझा जा सकता है ।

बहुत ही बेहतरीन अपडेट शर्मा जी ।
यह AI का जमाना है । इस फैंटेसी वर्ल्ड मे , इस तिलिस्मी कहानी मे अगर AI का इस्तेमाल कर कुछ पिक्चर / तस्वीर डालें तो यह रीडर्स को और भी रोमांचित लगेगा ।

Bhai ab night wala shudle naa ke barabar ho gaya mera yaha pe isileye der ho gyaeee 😉😉

बहुत ही सुंदर लाजवाब और रोमांचकारी अपडेट है भाई मजा आ गया
झटके पे झटके लग रहें हैं वेगा अराका का युवराज हैं उसका भाई युगाका और बहन त्रिकाली हैं जिनका संक्षिप्त में परिचय हो गया लेकीन वेगा को अराका में क्या हो रहा हैं ये नहीं पता
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Well Vega, Yugaka aur Trikali teeno hi *Araka* island se belong karte hain??

Par ek sawal hai Vega ko uske logo ne USA kyon bhej diya!?? Yadi wo wahan ka prince hai toh wahan par kingdom bhi hona chahiye phir Yugaka ne aisa kyon bola ki wahan sirf jungle ke alawa kuchh nahi hai??

Baaz, Vega se book kyon hasil karna chahta tha kya wo nahi chahta tha ki Vega ko aur bhi new new information pata chale??

Jis tarah se baaz ka sharir gayab hua hai isse toh yahi prove hota hai ki wo bhi ek mayavi bird tha??

Thanks brother.

बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है शिप भंवर में फंस गया है लेकिन सुयश की सूझ बूझ से उस भंवर से तो निकल गया है एक मुसीबत से तो बाहर आ गए हैं
Update posted friends :declare:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Thanks Brother for your review :thanx:
nice update
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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304
#61.

भविष्य के पत्थर:-
7 जनवरी 2002, सोमवार, 16:30, (अराका द्वीप, अटलांटिक महासागर)

“कैप्टेन।" अल्बर्ट ने कहा- “हम लोगो को झील वाली जगह से निकले लगभग 2 घंटे हो गये हैं। एक तो थकान भी लग रही है, दूसरा शाम भी होने वाली है, ऐसे में हमें किसी सुरक्षित जगह की भी तलाश करनी होगी, क्यों कि ये जंगल अगर दिन में इतना खतरनाक है, तो रात को तो इसमें रुकना और भी ज़्यादा मुस्किल हो जायेगा।"

“आप ठीक कह रहे हैं प्रोफेसर ।" सुयश को अल्बर्ट की बात बिल्कुल सही लगी- “अभी अंधेरा होने में 1 घंटे शेष हैं, इतने समय में ही हमें किसी सुरक्षित जगह को ढूंढना होगा।"

“क्या इस काम में ब्रूनो हमारी कोई मदद कर सकता है?" शैफाली ने कहा।

“यह किस प्रकार से हमारी मदद कर पायेगा?" जेनिथ ने शैफाली से पूछा।

यह सुनकर शैफाली ब्रूनो के पास बैठ गयी.... उसने धीरे से ब्रूनो के सिर को सहलाया और उसके कान
के पास कुछ फुसफुसा कर कहा। उसके कहे शब्द किसी और को सुनाई नहीं दिए ।

शैफाली कि बात सुन ब्रूनो ने भोंककर शैफाली को अपनी भाषा में कुछ कहा और फिर सूंघते हुए एक दिशा में चल दिए ।

किसी को कुछ समझ तो नहीं आया पर इस रहस्मयी द्वीप में सबसे ज्यादा सभी को शैफाली पर ही भरोसा था। इसिलए बिना कोई सवाल किए सभी ब्रूनो के पीछे-पीछे चल पड़े।

आगे-आगे चलता हुआ ब्रूनो बीच-बीच में कुछ सूंघता और फिर अपना रास्ता बदल देता। ब्रूनो एक जगह पर पहुंचकर कुछ खुरचने लगा।

सभी ने जाकर जब उस स्थान को देखा तो वह आश्चर्य से भर उठे। उस जगह पर जमीन में एक अर्द्ध -चंद्राकार पत्थर लगा हुआ था।
यह पत्थर बिल्कुल किसी माइलस्टोन की तरह प्रतीत हो रहा था।

“कैप्टेन।" एलेक्स पत्थर पर नजर मारते हुए बोला- “ये तो बहुत अजीब से पत्थर हैं।"

अब सभी की नजरे पत्थर पर थी।

“यह तो माइलस्टोन की तरह से लग रहा है।" ब्रेंडन ने कहा।

अल्बर्ट अब बैठकर ध्यान से उस पत्थर को देखने लगा।

“अरे यहां आसपास बहुत से ऐसे पत्थर हैं।" क्रिस्टी ने चारो तरफ नजर दौड़ाते हुए कहा।

क्रिस्टी की आवाज सुनकर अब सभी लोग चारो तरफ देखने लगे।

वहां पर आसपास उसी प्रकार के लगभग 11 और पत्थर थे। पत्थरो पर कुछ रंग- बिरंगी आकृतियां बनी
थी और कुछ कूट भाषा में लिखा भी हुआ था। वह कूट भाषा इनमें से किसी को समझ में नहीं आयी।

“कैप्टेन।" तौफीक ने कहा- “यह सभी पत्थर एक बराबर साइज के है और इस पर कुछ लिखा हुआ भी है। इससे यह तो साफ हो गया कि इस द्वीप पर इंसान हैं क्यों कि ये काम कोई जानवर नहीं कर सकता।"

“आप सही कह रहे हो तौफीक।" सुयश ने तौफीक की बात का जवाब दिया- “और यह भी श्योर है कि जो इंसान इस द्वीप पर है, वह सभ्य भी है और समझदार भी है।"

अल्बर्ट अभी भी झुककर पत्थर को ध्यान से देख रहा था।

“कैप्टेन, सभी पत्थरो पर आकृतियां तो अलग-अलग है, पर इन सभी पत्थरो के बीच में बनी यह आग के गोले की आकृति सब में कॉमन है।" अल्बर्ट ने सूक्ष्म निरीक्षण करते हुए कहा।

तभी शैफाली की आवाज ने एक बार फिर सबको आश्चर्य में डाल दिया-
“कैप्टेन अंकल, क्या इनमे से किसी पत्थर पर एक बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है ?"

शैफाली की आवाज सुन अब सभी उन पत्थर के निशानो को ध्यान से देखने लगे। कुछ ही देर में एलेक्स की आवाज सुनाई दी- “यहां है वो पत्थर, जिस पर बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है।"

तभी शैफाली की आवाज पुनः गूंजी- “एलेक्स भैया, क्या उस पर एक काला गोला और एक रोमन तलवार भी बनी है?"

“हाँ है!" अब एलेक्स की आवाज में विस्मय था।

“आप सब एक-एक पत्थर के पास खड़े हो जाइये। में कुछ और आकृतियां बताती हूँ ।"

शैफाली ने फिर कहा। शैफाली की आवाज सुन सभी लोग एक-एक पत्थर के पास खड़े हो गये। ऐसा लग रहा था जैसे शैफाली कोई क्लास-टीचर हो और बाकी सारे लोग उसके छात्र हो ।

“कैप्टेन अंकल, आपके पत्थर पर एक शेर जैसी आकृति होगी, उसके आसपास एक अंगूठी भी बनी होगी।" शैफाली ने सुयश से कहा।

सुयश अपने पत्थर को देखकर अवाक रह गया। उसके पत्थर पर वह सारी चीजे बनी थी, जो शैफाली बता रही थी।

“पर शैफाली।" सुयश ने आश्चर्य भरे स्वर में पूछा- “तुम्हे कैसे पता कि मैं किस पत्थर के पास खड़ा हूँ ।"

पर जैसे शैफाली ने सुयश की बात सुनी ही ना हो, वह अनवरत बोलती जा रही थी।

“अल्बर्ट अंकल आपके पत्थर पर एक मछली की आकृति बनी है, जिसके आसपास कुछ आग के चीन्ह भी दिख रहे होंगे आपको।"

“बिल्कुल सही!" अल्बर्ट ने कहा। धीरे-धीरे शैफाली ने सभी पत्थर के बारे में बिल्कुल सही-सही बता दिया।

सब कुछ बताने के बाद शैफाली अपनी जगह पर ऐसे खड़ी हो गयी जैसे किसी ने उसे स्टेचू बोल दिया हो।

“शैफाली-शैफाली!"
अल्बर्ट ने पास आकर शैफाली को पकड़कर झकझोरा- “क्या हुआ तुम्हें? ठीक तो हो ना?"

“हाँ ग्रैंड अंकल, में बिल्कुल ठीक हूँ।" शैफाली ने शांत स्वर में कहा- “मुझे कुछ नहीं हुआ।“

सभी पत्थरो के पास से हटकर शैफाली के पास आ गये। सुयश ने शैफाली को वही एक साफ स्थान देखकर बैठा दिया।

अब शैफाली सामान्य दिखने लगी थी, तभी ब्रूनो पास आकर शैफाली का हाथ चाटने लगा। अल्बर्ट प्यार से शैफाली के सिर पर हाथ फेरने लगा।

“ये क्या रहस्य है शैफाली?" क्रिस्टी ने शैफाली के पास बैठते हूए पूछा-
“तुम इन सब आकृतियों के बारे में कैसे जानती हो?"

“मैंने ये सभी आकृतियां अपने सपने में देखा था।" शैफाली ने मासूमियत से जवाब दिया।

“पर तुम्हे यह कैसे पता चला कि कौन किस जगह खड़ा है?" जैक ने संदेह भरी नज़रों से शैफाली को देखते हुए पूछा।

“मुझे नहीं पता कि कौन कहां खड़ा था?" शैफाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “पर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिमाग में ये सारी आकृतियां अपने आप बन रही है। मेरा मतलब
दिमाग में जिस भी व्यक्ति के बारे में बताने चलती, उसकी आकृति उस समय मेरे दिमाग में स्वयं आ जा रही थी।"

शैफाली ने जो कुछ भी कहा, वो वहां खड़े कई लोग को डराने के लिए काफी थी। जैक और जॉनी तो इतना डर गये कि वो अपने अगल-बगल देखने लगे।


यह सुन अल्बर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “मुझे जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि इस द्वीप पर बहुत कुछ रहस्यमयी है। यह द्वीप हम लोग कि सोच से भी ज़्यादा खतरनाक है।“

“आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने अल्बर्ट पर निगाह मारते हुए कहा- “मुझे भी एहसास हो रहा है कि इस द्वीप पर विज्ञान से अलग हटकर कुछ है, जो हम लोग कि समझ से बाहर है।"

तभी जेनिथ ने शैफाली से पूछा-

“तुम इन पत्थर या इनकी आकृति के बारे में कुछ और बता सकती हो शैफाली? या फ़िर इस द्वीप के बारे में ऐसा कुछ जो हम लोग नहीं जानते।"

“हाँ जेनिथ दीदी।" शैफाली ने अंदाजे से अपना चेहरा जेनिथ की ओर करते हुए कहा-
“पहली बात तो ये है कि ये पत्थर हमें हमारा भविष्य दिखा रहे है।"

“भविष्य!" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“हाँ भविष्य।" शैफाली ने पुनः कहा- “आप लोग ने शायद गौर नहीं किया कि हम लोग भी 12 है और यह पत्थर भी 12 है।"

शैफाली के यह बोलते ही अब सभी का ध्यान फ़िर से पत्थरो की ओर गया।

उधर शैफाली का बोलना बदस्तूर जारी रहा- “यह पत्थर हमारे ही लिये यहां पर लगाए गये है। इन पर बनी आकृतियां भविष्य में हमें मार्ग दिखाएंगी।“

“मगर इन पत्थरो को देखकर तो यह लगता है कि यह सैकड़ों वर्ष से यहां पर लगे है।“अल्बर्ट ने पत्थरो की स्थिति को देखते हुए कहा।

“मुझे बहुत ज्यादा नहीं पता ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-

“पर मुझे इतना जरूर लग रहा है कि हमारा जहाज स्वयं दुर्घटना ग्रसित नहीं हुआ। हमें जान-बूझकर यहां लाया गया है, बल्कि ये समझ लीजिये कि यहां आना हमारी नियती थी और ये भी हो सकता है कि ये पत्थर यहां हमारा सैकड़ों साल से इंतजार कर रहे है।"

शैफाली का हर शब्द सभी के दिमाग में विसफोट कर रहा था।

“अगर ये पत्थर हमारा भविष्य है तो क्या मेरे भविष्य में सांप है? क्यों कि मेरे पत्थर पर तो सांप बना है।" ड्रेजलर ने घबराकर कहा।

“हो भी सकता है?" शैफाली ने ड्रेजलर को जवाब दिया- “मुझे तो जो महसूस हो रहा है, मैंने आप लोगों को बता दिया।"

ड्रेजलर अभी शैफाली से बात कर ही रहा था कि अचानक एक पेड़ से सरसराहट की आवाज सुनाई दी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एनाकोंडा की तरह का एक विशालकाय अजगर पेड़ से ड्रेजलर के ऊपर कूद पड़ा।

अजगर ने बिना समय दिए ड्रेजलर को अपनी कुण्डली में जकड़ लिया। इतना विशालकाय अजगर देखकर सभी के मुंह से चीख निकल गयी।

“बाप रे ! इतना बड़ा अजगर....ये तो एनाकोंडा का भी बाप लग रहा है।" जैक का मुंह दहशत के कारण सफेद हो गया।

ड्रेजलर के मुंह से लगातार चीखे निकल रही थी। किसी कि समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेजलर को बचाया जाए?

“बचाओ कैप्टन !" ड्रेजलर पूरी ताकत लगाकर चीखा।

अल्बर्ट ने शैफाली को तुरंत अपनी तरफ खींच लिया सारे लोग ड्रेजलर से थोड़ा दूर हट गये।
तभी तौफीक ने असलम से फ्लेयर-गन मांगी। असलम ने जल्दी से अपने काले बैग से गन निकालकर, उसमें सिग्नल-फ्लेयर फ़िट कर, तौफीक के हाथ में पकड़ा दी।

फ्लेयर गन अब तौफीक के हाथ में थी। तौफीक ने अजगर के सिर पर निशाना साधा।

“ठीसऽऽऽ“की आवाज करता सिग्नल-फ्लेयर अजगर के मुंह की ओर झपटा।

पर जैसे ही वह फ्लेयर अजगर के मुंह के पास पहुंचा, अचानक से अजगर का सर अपनी जगह से हिला और फ्लेयर उसके बगल से होता हुआ, जमीन पर गिर गया।

अजगर को फ्लेयर की गरमी का एहसास होते ही, उसने एक नजर पहले फ्लेयर पर मारी और फ़िर तौफीक की ओर घूम कर उसे घूरने लगा। अब वह थोड़ा गुस्से में भी दिखने लगा।

तभी तौफीक ने असलम से एक और फ्लेयर मांग कर उसे गन में लोड कर लिया। तौफीक ने दोबारा निशाना साधा और फ़िर से फायर कर दिया।

इस बार निशाना बिल्कुल सटीक था। फ्लेयर सीधा अजगर के मुंह पर जाकर लगा।

अजगर के चेहरे पर आग लग गयी। अब उसने अपनी कुण्डली और कस ली।

‘कट्-कट्’ की आवाज के साथ ड्रेजलर की हड्डियाँ टूटने लगी।
अजगर अब अपना चेहरा इधर-उधर पटकने लगा। अजगर ने गुस्से की वजह से अपना पूरा शरीर अब बहुत ज़्यादा कड़ा कर लिया।

ड्रेजलर का सिर अब हवा में झूलने लगा।



जारी रहेगा_________✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌👌
 
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#61.

भविष्य के पत्थर:-
7 जनवरी 2002, सोमवार, 16:30, (अराका द्वीप, अटलांटिक महासागर)

“कैप्टेन।" अल्बर्ट ने कहा- “हम लोगो को झील वाली जगह से निकले लगभग 2 घंटे हो गये हैं। एक तो थकान भी लग रही है, दूसरा शाम भी होने वाली है, ऐसे में हमें किसी सुरक्षित जगह की भी तलाश करनी होगी, क्यों कि ये जंगल अगर दिन में इतना खतरनाक है, तो रात को तो इसमें रुकना और भी ज़्यादा मुस्किल हो जायेगा।"

“आप ठीक कह रहे हैं प्रोफेसर ।" सुयश को अल्बर्ट की बात बिल्कुल सही लगी- “अभी अंधेरा होने में 1 घंटे शेष हैं, इतने समय में ही हमें किसी सुरक्षित जगह को ढूंढना होगा।"

“क्या इस काम में ब्रूनो हमारी कोई मदद कर सकता है?" शैफाली ने कहा।

“यह किस प्रकार से हमारी मदद कर पायेगा?" जेनिथ ने शैफाली से पूछा।

यह सुनकर शैफाली ब्रूनो के पास बैठ गयी.... उसने धीरे से ब्रूनो के सिर को सहलाया और उसके कान
के पास कुछ फुसफुसा कर कहा। उसके कहे शब्द किसी और को सुनाई नहीं दिए ।

शैफाली कि बात सुन ब्रूनो ने भोंककर शैफाली को अपनी भाषा में कुछ कहा और फिर सूंघते हुए एक दिशा में चल दिए ।

किसी को कुछ समझ तो नहीं आया पर इस रहस्मयी द्वीप में सबसे ज्यादा सभी को शैफाली पर ही भरोसा था। इसिलए बिना कोई सवाल किए सभी ब्रूनो के पीछे-पीछे चल पड़े।

आगे-आगे चलता हुआ ब्रूनो बीच-बीच में कुछ सूंघता और फिर अपना रास्ता बदल देता। ब्रूनो एक जगह पर पहुंचकर कुछ खुरचने लगा।

सभी ने जाकर जब उस स्थान को देखा तो वह आश्चर्य से भर उठे। उस जगह पर जमीन में एक अर्द्ध -चंद्राकार पत्थर लगा हुआ था।
यह पत्थर बिल्कुल किसी माइलस्टोन की तरह प्रतीत हो रहा था।

“कैप्टेन।" एलेक्स पत्थर पर नजर मारते हुए बोला- “ये तो बहुत अजीब से पत्थर हैं।"

अब सभी की नजरे पत्थर पर थी।

“यह तो माइलस्टोन की तरह से लग रहा है।" ब्रेंडन ने कहा।

अल्बर्ट अब बैठकर ध्यान से उस पत्थर को देखने लगा।

“अरे यहां आसपास बहुत से ऐसे पत्थर हैं।" क्रिस्टी ने चारो तरफ नजर दौड़ाते हुए कहा।

क्रिस्टी की आवाज सुनकर अब सभी लोग चारो तरफ देखने लगे।

वहां पर आसपास उसी प्रकार के लगभग 11 और पत्थर थे। पत्थरो पर कुछ रंग- बिरंगी आकृतियां बनी
थी और कुछ कूट भाषा में लिखा भी हुआ था। वह कूट भाषा इनमें से किसी को समझ में नहीं आयी।

“कैप्टेन।" तौफीक ने कहा- “यह सभी पत्थर एक बराबर साइज के है और इस पर कुछ लिखा हुआ भी है। इससे यह तो साफ हो गया कि इस द्वीप पर इंसान हैं क्यों कि ये काम कोई जानवर नहीं कर सकता।"

“आप सही कह रहे हो तौफीक।" सुयश ने तौफीक की बात का जवाब दिया- “और यह भी श्योर है कि जो इंसान इस द्वीप पर है, वह सभ्य भी है और समझदार भी है।"

अल्बर्ट अभी भी झुककर पत्थर को ध्यान से देख रहा था।

“कैप्टेन, सभी पत्थरो पर आकृतियां तो अलग-अलग है, पर इन सभी पत्थरो के बीच में बनी यह आग के गोले की आकृति सब में कॉमन है।" अल्बर्ट ने सूक्ष्म निरीक्षण करते हुए कहा।

तभी शैफाली की आवाज ने एक बार फिर सबको आश्चर्य में डाल दिया-
“कैप्टेन अंकल, क्या इनमे से किसी पत्थर पर एक बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है ?"

शैफाली की आवाज सुन अब सभी उन पत्थर के निशानो को ध्यान से देखने लगे। कुछ ही देर में एलेक्स की आवाज सुनाई दी- “यहां है वो पत्थर, जिस पर बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है।"

तभी शैफाली की आवाज पुनः गूंजी- “एलेक्स भैया, क्या उस पर एक काला गोला और एक रोमन तलवार भी बनी है?"

“हाँ है!" अब एलेक्स की आवाज में विस्मय था।

“आप सब एक-एक पत्थर के पास खड़े हो जाइये। में कुछ और आकृतियां बताती हूँ ।"

शैफाली ने फिर कहा। शैफाली की आवाज सुन सभी लोग एक-एक पत्थर के पास खड़े हो गये। ऐसा लग रहा था जैसे शैफाली कोई क्लास-टीचर हो और बाकी सारे लोग उसके छात्र हो ।

“कैप्टेन अंकल, आपके पत्थर पर एक शेर जैसी आकृति होगी, उसके आसपास एक अंगूठी भी बनी होगी।" शैफाली ने सुयश से कहा।

सुयश अपने पत्थर को देखकर अवाक रह गया। उसके पत्थर पर वह सारी चीजे बनी थी, जो शैफाली बता रही थी।

“पर शैफाली।" सुयश ने आश्चर्य भरे स्वर में पूछा- “तुम्हे कैसे पता कि मैं किस पत्थर के पास खड़ा हूँ ।"

पर जैसे शैफाली ने सुयश की बात सुनी ही ना हो, वह अनवरत बोलती जा रही थी।

“अल्बर्ट अंकल आपके पत्थर पर एक मछली की आकृति बनी है, जिसके आसपास कुछ आग के चीन्ह भी दिख रहे होंगे आपको।"

“बिल्कुल सही!" अल्बर्ट ने कहा। धीरे-धीरे शैफाली ने सभी पत्थर के बारे में बिल्कुल सही-सही बता दिया।

सब कुछ बताने के बाद शैफाली अपनी जगह पर ऐसे खड़ी हो गयी जैसे किसी ने उसे स्टेचू बोल दिया हो।

“शैफाली-शैफाली!"
अल्बर्ट ने पास आकर शैफाली को पकड़कर झकझोरा- “क्या हुआ तुम्हें? ठीक तो हो ना?"

“हाँ ग्रैंड अंकल, में बिल्कुल ठीक हूँ।" शैफाली ने शांत स्वर में कहा- “मुझे कुछ नहीं हुआ।“

सभी पत्थरो के पास से हटकर शैफाली के पास आ गये। सुयश ने शैफाली को वही एक साफ स्थान देखकर बैठा दिया।

अब शैफाली सामान्य दिखने लगी थी, तभी ब्रूनो पास आकर शैफाली का हाथ चाटने लगा। अल्बर्ट प्यार से शैफाली के सिर पर हाथ फेरने लगा।

“ये क्या रहस्य है शैफाली?" क्रिस्टी ने शैफाली के पास बैठते हूए पूछा-
“तुम इन सब आकृतियों के बारे में कैसे जानती हो?"

“मैंने ये सभी आकृतियां अपने सपने में देखा था।" शैफाली ने मासूमियत से जवाब दिया।

“पर तुम्हे यह कैसे पता चला कि कौन किस जगह खड़ा है?" जैक ने संदेह भरी नज़रों से शैफाली को देखते हुए पूछा।

“मुझे नहीं पता कि कौन कहां खड़ा था?" शैफाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “पर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिमाग में ये सारी आकृतियां अपने आप बन रही है। मेरा मतलब
दिमाग में जिस भी व्यक्ति के बारे में बताने चलती, उसकी आकृति उस समय मेरे दिमाग में स्वयं आ जा रही थी।"

शैफाली ने जो कुछ भी कहा, वो वहां खड़े कई लोग को डराने के लिए काफी थी। जैक और जॉनी तो इतना डर गये कि वो अपने अगल-बगल देखने लगे।

यह सुन अल्बर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “मुझे जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि इस द्वीप पर बहुत कुछ रहस्यमयी है। यह द्वीप हम लोग कि सोच से भी ज़्यादा खतरनाक है।“

“आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने अल्बर्ट पर निगाह मारते हुए कहा- “मुझे भी एहसास हो रहा है कि इस द्वीप पर विज्ञान से अलग हटकर कुछ है, जो हम लोग कि समझ से बाहर है।"

तभी जेनिथ ने शैफाली से पूछा-

“तुम इन पत्थर या इनकी आकृति के बारे में कुछ और बता सकती हो शैफाली? या फ़िर इस द्वीप के बारे में ऐसा कुछ जो हम लोग नहीं जानते।"

“हाँ जेनिथ दीदी।" शैफाली ने अंदाजे से अपना चेहरा जेनिथ की ओर करते हुए कहा-
“पहली बात तो ये है कि ये पत्थर हमें हमारा भविष्य दिखा रहे है।"

“भविष्य!" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“हाँ भविष्य।" शैफाली ने पुनः कहा- “आप लोग ने शायद गौर नहीं किया कि हम लोग भी 12 है और यह पत्थर भी 12 है।"

शैफाली के यह बोलते ही अब सभी का ध्यान फ़िर से पत्थरो की ओर गया।

उधर शैफाली का बोलना बदस्तूर जारी रहा- “यह पत्थर हमारे ही लिये यहां पर लगाए गये है। इन पर बनी आकृतियां भविष्य में हमें मार्ग दिखाएंगी।“

“मगर इन पत्थरो को देखकर तो यह लगता है कि यह सैकड़ों वर्ष से यहां पर लगे है।“अल्बर्ट ने पत्थरो की स्थिति को देखते हुए कहा।

“मुझे बहुत ज्यादा नहीं पता ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-

“पर मुझे इतना जरूर लग रहा है कि हमारा जहाज स्वयं दुर्घटना ग्रसित नहीं हुआ। हमें जान-बूझकर यहां लाया गया है, बल्कि ये समझ लीजिये कि यहां आना हमारी नियती थी और ये भी हो सकता है कि ये पत्थर यहां हमारा सैकड़ों साल से इंतजार कर रहे है।"

शैफाली का हर शब्द सभी के दिमाग में विसफोट कर रहा था।

“अगर ये पत्थर हमारा भविष्य है तो क्या मेरे भविष्य में सांप है? क्यों कि मेरे पत्थर पर तो सांप बना है।" ड्रेजलर ने घबराकर कहा।

“हो भी सकता है?" शैफाली ने ड्रेजलर को जवाब दिया- “मुझे तो जो महसूस हो रहा है, मैंने आप लोगों को बता दिया।"

ड्रेजलर अभी शैफाली से बात कर ही रहा था कि अचानक एक पेड़ से सरसराहट की आवाज सुनाई दी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एनाकोंडा की तरह का एक विशालकाय अजगर पेड़ से ड्रेजलर के ऊपर कूद पड़ा।

अजगर ने बिना समय दिए ड्रेजलर को अपनी कुण्डली में जकड़ लिया। इतना विशालकाय अजगर देखकर सभी के मुंह से चीख निकल गयी।

“बाप रे ! इतना बड़ा अजगर....ये तो एनाकोंडा का भी बाप लग रहा है।" जैक का मुंह दहशत के कारण सफेद हो गया।

ड्रेजलर के मुंह से लगातार चीखे निकल रही थी। किसी कि समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेजलर को बचाया जाए?

“बचाओ कैप्टन !" ड्रेजलर पूरी ताकत लगाकर चीखा।

अल्बर्ट ने शैफाली को तुरंत अपनी तरफ खींच लिया सारे लोग ड्रेजलर से थोड़ा दूर हट गये।
तभी तौफीक ने असलम से फ्लेयर-गन मांगी। असलम ने जल्दी से अपने काले बैग से गन निकालकर, उसमें सिग्नल-फ्लेयर फ़िट कर, तौफीक के हाथ में पकड़ा दी।

फ्लेयर गन अब तौफीक के हाथ में थी। तौफीक ने अजगर के सिर पर निशाना साधा।

“ठीसऽऽऽ“की आवाज करता सिग्नल-फ्लेयर अजगर के मुंह की ओर झपटा।

पर जैसे ही वह फ्लेयर अजगर के मुंह के पास पहुंचा, अचानक से अजगर का सर अपनी जगह से हिला और फ्लेयर उसके बगल से होता हुआ, जमीन पर गिर गया।

अजगर को फ्लेयर की गरमी का एहसास होते ही, उसने एक नजर पहले फ्लेयर पर मारी और फ़िर तौफीक की ओर घूम कर उसे घूरने लगा। अब वह थोड़ा गुस्से में भी दिखने लगा।

तभी तौफीक ने असलम से एक और फ्लेयर मांग कर उसे गन में लोड कर लिया। तौफीक ने दोबारा निशाना साधा और फ़िर से फायर कर दिया।

इस बार निशाना बिल्कुल सटीक था। फ्लेयर सीधा अजगर के मुंह पर जाकर लगा।

अजगर के चेहरे पर आग लग गयी। अब उसने अपनी कुण्डली और कस ली।

‘कट्-कट्’ की आवाज के साथ ड्रेजलर की हड्डियाँ टूटने लगी।
अजगर अब अपना चेहरा इधर-उधर पटकने लगा। अजगर ने गुस्से की वजह से अपना पूरा शरीर अब बहुत ज़्यादा कड़ा कर लिया।

ड्रेजलर का सिर अब हवा में झूलने लगा।



जारी रहेगा_________✍️
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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एक और बलि 😐

ये भविष्य बता रहा है कि किसकी कैसे मौत होगी वो बता रहा है।

बढ़िया अपडेट :applause:
 

parkas

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भविष्य के पत्थर:-
7 जनवरी 2002, सोमवार, 16:30, (अराका द्वीप, अटलांटिक महासागर)

“कैप्टेन।" अल्बर्ट ने कहा- “हम लोगो को झील वाली जगह से निकले लगभग 2 घंटे हो गये हैं। एक तो थकान भी लग रही है, दूसरा शाम भी होने वाली है, ऐसे में हमें किसी सुरक्षित जगह की भी तलाश करनी होगी, क्यों कि ये जंगल अगर दिन में इतना खतरनाक है, तो रात को तो इसमें रुकना और भी ज़्यादा मुस्किल हो जायेगा।"

“आप ठीक कह रहे हैं प्रोफेसर ।" सुयश को अल्बर्ट की बात बिल्कुल सही लगी- “अभी अंधेरा होने में 1 घंटे शेष हैं, इतने समय में ही हमें किसी सुरक्षित जगह को ढूंढना होगा।"

“क्या इस काम में ब्रूनो हमारी कोई मदद कर सकता है?" शैफाली ने कहा।

“यह किस प्रकार से हमारी मदद कर पायेगा?" जेनिथ ने शैफाली से पूछा।

यह सुनकर शैफाली ब्रूनो के पास बैठ गयी.... उसने धीरे से ब्रूनो के सिर को सहलाया और उसके कान
के पास कुछ फुसफुसा कर कहा। उसके कहे शब्द किसी और को सुनाई नहीं दिए ।

शैफाली कि बात सुन ब्रूनो ने भोंककर शैफाली को अपनी भाषा में कुछ कहा और फिर सूंघते हुए एक दिशा में चल दिए ।

किसी को कुछ समझ तो नहीं आया पर इस रहस्मयी द्वीप में सबसे ज्यादा सभी को शैफाली पर ही भरोसा था। इसिलए बिना कोई सवाल किए सभी ब्रूनो के पीछे-पीछे चल पड़े।

आगे-आगे चलता हुआ ब्रूनो बीच-बीच में कुछ सूंघता और फिर अपना रास्ता बदल देता। ब्रूनो एक जगह पर पहुंचकर कुछ खुरचने लगा।

सभी ने जाकर जब उस स्थान को देखा तो वह आश्चर्य से भर उठे। उस जगह पर जमीन में एक अर्द्ध -चंद्राकार पत्थर लगा हुआ था।
यह पत्थर बिल्कुल किसी माइलस्टोन की तरह प्रतीत हो रहा था।

“कैप्टेन।" एलेक्स पत्थर पर नजर मारते हुए बोला- “ये तो बहुत अजीब से पत्थर हैं।"

अब सभी की नजरे पत्थर पर थी।

“यह तो माइलस्टोन की तरह से लग रहा है।" ब्रेंडन ने कहा।

अल्बर्ट अब बैठकर ध्यान से उस पत्थर को देखने लगा।

“अरे यहां आसपास बहुत से ऐसे पत्थर हैं।" क्रिस्टी ने चारो तरफ नजर दौड़ाते हुए कहा।

क्रिस्टी की आवाज सुनकर अब सभी लोग चारो तरफ देखने लगे।

वहां पर आसपास उसी प्रकार के लगभग 11 और पत्थर थे। पत्थरो पर कुछ रंग- बिरंगी आकृतियां बनी
थी और कुछ कूट भाषा में लिखा भी हुआ था। वह कूट भाषा इनमें से किसी को समझ में नहीं आयी।

“कैप्टेन।" तौफीक ने कहा- “यह सभी पत्थर एक बराबर साइज के है और इस पर कुछ लिखा हुआ भी है। इससे यह तो साफ हो गया कि इस द्वीप पर इंसान हैं क्यों कि ये काम कोई जानवर नहीं कर सकता।"

“आप सही कह रहे हो तौफीक।" सुयश ने तौफीक की बात का जवाब दिया- “और यह भी श्योर है कि जो इंसान इस द्वीप पर है, वह सभ्य भी है और समझदार भी है।"

अल्बर्ट अभी भी झुककर पत्थर को ध्यान से देख रहा था।

“कैप्टेन, सभी पत्थरो पर आकृतियां तो अलग-अलग है, पर इन सभी पत्थरो के बीच में बनी यह आग के गोले की आकृति सब में कॉमन है।" अल्बर्ट ने सूक्ष्म निरीक्षण करते हुए कहा।

तभी शैफाली की आवाज ने एक बार फिर सबको आश्चर्य में डाल दिया-
“कैप्टेन अंकल, क्या इनमे से किसी पत्थर पर एक बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है ?"

शैफाली की आवाज सुन अब सभी उन पत्थर के निशानो को ध्यान से देखने लगे। कुछ ही देर में एलेक्स की आवाज सुनाई दी- “यहां है वो पत्थर, जिस पर बिच्छू जैसी आकृति बनी हुई है।"

तभी शैफाली की आवाज पुनः गूंजी- “एलेक्स भैया, क्या उस पर एक काला गोला और एक रोमन तलवार भी बनी है?"

“हाँ है!" अब एलेक्स की आवाज में विस्मय था।

“आप सब एक-एक पत्थर के पास खड़े हो जाइये। में कुछ और आकृतियां बताती हूँ ।"

शैफाली ने फिर कहा। शैफाली की आवाज सुन सभी लोग एक-एक पत्थर के पास खड़े हो गये। ऐसा लग रहा था जैसे शैफाली कोई क्लास-टीचर हो और बाकी सारे लोग उसके छात्र हो ।

“कैप्टेन अंकल, आपके पत्थर पर एक शेर जैसी आकृति होगी, उसके आसपास एक अंगूठी भी बनी होगी।" शैफाली ने सुयश से कहा।

सुयश अपने पत्थर को देखकर अवाक रह गया। उसके पत्थर पर वह सारी चीजे बनी थी, जो शैफाली बता रही थी।

“पर शैफाली।" सुयश ने आश्चर्य भरे स्वर में पूछा- “तुम्हे कैसे पता कि मैं किस पत्थर के पास खड़ा हूँ ।"

पर जैसे शैफाली ने सुयश की बात सुनी ही ना हो, वह अनवरत बोलती जा रही थी।

“अल्बर्ट अंकल आपके पत्थर पर एक मछली की आकृति बनी है, जिसके आसपास कुछ आग के चीन्ह भी दिख रहे होंगे आपको।"

“बिल्कुल सही!" अल्बर्ट ने कहा। धीरे-धीरे शैफाली ने सभी पत्थर के बारे में बिल्कुल सही-सही बता दिया।

सब कुछ बताने के बाद शैफाली अपनी जगह पर ऐसे खड़ी हो गयी जैसे किसी ने उसे स्टेचू बोल दिया हो।

“शैफाली-शैफाली!"
अल्बर्ट ने पास आकर शैफाली को पकड़कर झकझोरा- “क्या हुआ तुम्हें? ठीक तो हो ना?"

“हाँ ग्रैंड अंकल, में बिल्कुल ठीक हूँ।" शैफाली ने शांत स्वर में कहा- “मुझे कुछ नहीं हुआ।“

सभी पत्थरो के पास से हटकर शैफाली के पास आ गये। सुयश ने शैफाली को वही एक साफ स्थान देखकर बैठा दिया।

अब शैफाली सामान्य दिखने लगी थी, तभी ब्रूनो पास आकर शैफाली का हाथ चाटने लगा। अल्बर्ट प्यार से शैफाली के सिर पर हाथ फेरने लगा।

“ये क्या रहस्य है शैफाली?" क्रिस्टी ने शैफाली के पास बैठते हूए पूछा-
“तुम इन सब आकृतियों के बारे में कैसे जानती हो?"

“मैंने ये सभी आकृतियां अपने सपने में देखा था।" शैफाली ने मासूमियत से जवाब दिया।

“पर तुम्हे यह कैसे पता चला कि कौन किस जगह खड़ा है?" जैक ने संदेह भरी नज़रों से शैफाली को देखते हुए पूछा।

“मुझे नहीं पता कि कौन कहां खड़ा था?" शैफाली ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “पर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिमाग में ये सारी आकृतियां अपने आप बन रही है। मेरा मतलब
दिमाग में जिस भी व्यक्ति के बारे में बताने चलती, उसकी आकृति उस समय मेरे दिमाग में स्वयं आ जा रही थी।"

शैफाली ने जो कुछ भी कहा, वो वहां खड़े कई लोग को डराने के लिए काफी थी। जैक और जॉनी तो इतना डर गये कि वो अपने अगल-बगल देखने लगे।


यह सुन अल्बर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “मुझे जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि इस द्वीप पर बहुत कुछ रहस्यमयी है। यह द्वीप हम लोग कि सोच से भी ज़्यादा खतरनाक है।“

“आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने अल्बर्ट पर निगाह मारते हुए कहा- “मुझे भी एहसास हो रहा है कि इस द्वीप पर विज्ञान से अलग हटकर कुछ है, जो हम लोग कि समझ से बाहर है।"

तभी जेनिथ ने शैफाली से पूछा-

“तुम इन पत्थर या इनकी आकृति के बारे में कुछ और बता सकती हो शैफाली? या फ़िर इस द्वीप के बारे में ऐसा कुछ जो हम लोग नहीं जानते।"

“हाँ जेनिथ दीदी।" शैफाली ने अंदाजे से अपना चेहरा जेनिथ की ओर करते हुए कहा-
“पहली बात तो ये है कि ये पत्थर हमें हमारा भविष्य दिखा रहे है।"

“भविष्य!" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“हाँ भविष्य।" शैफाली ने पुनः कहा- “आप लोग ने शायद गौर नहीं किया कि हम लोग भी 12 है और यह पत्थर भी 12 है।"

शैफाली के यह बोलते ही अब सभी का ध्यान फ़िर से पत्थरो की ओर गया।

उधर शैफाली का बोलना बदस्तूर जारी रहा- “यह पत्थर हमारे ही लिये यहां पर लगाए गये है। इन पर बनी आकृतियां भविष्य में हमें मार्ग दिखाएंगी।“

“मगर इन पत्थरो को देखकर तो यह लगता है कि यह सैकड़ों वर्ष से यहां पर लगे है।“अल्बर्ट ने पत्थरो की स्थिति को देखते हुए कहा।

“मुझे बहुत ज्यादा नहीं पता ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-

“पर मुझे इतना जरूर लग रहा है कि हमारा जहाज स्वयं दुर्घटना ग्रसित नहीं हुआ। हमें जान-बूझकर यहां लाया गया है, बल्कि ये समझ लीजिये कि यहां आना हमारी नियती थी और ये भी हो सकता है कि ये पत्थर यहां हमारा सैकड़ों साल से इंतजार कर रहे है।"

शैफाली का हर शब्द सभी के दिमाग में विसफोट कर रहा था।

“अगर ये पत्थर हमारा भविष्य है तो क्या मेरे भविष्य में सांप है? क्यों कि मेरे पत्थर पर तो सांप बना है।" ड्रेजलर ने घबराकर कहा।

“हो भी सकता है?" शैफाली ने ड्रेजलर को जवाब दिया- “मुझे तो जो महसूस हो रहा है, मैंने आप लोगों को बता दिया।"

ड्रेजलर अभी शैफाली से बात कर ही रहा था कि अचानक एक पेड़ से सरसराहट की आवाज सुनाई दी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एनाकोंडा की तरह का एक विशालकाय अजगर पेड़ से ड्रेजलर के ऊपर कूद पड़ा।

अजगर ने बिना समय दिए ड्रेजलर को अपनी कुण्डली में जकड़ लिया। इतना विशालकाय अजगर देखकर सभी के मुंह से चीख निकल गयी।

“बाप रे ! इतना बड़ा अजगर....ये तो एनाकोंडा का भी बाप लग रहा है।" जैक का मुंह दहशत के कारण सफेद हो गया।

ड्रेजलर के मुंह से लगातार चीखे निकल रही थी। किसी कि समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेजलर को बचाया जाए?

“बचाओ कैप्टन !" ड्रेजलर पूरी ताकत लगाकर चीखा।

अल्बर्ट ने शैफाली को तुरंत अपनी तरफ खींच लिया सारे लोग ड्रेजलर से थोड़ा दूर हट गये।
तभी तौफीक ने असलम से फ्लेयर-गन मांगी। असलम ने जल्दी से अपने काले बैग से गन निकालकर, उसमें सिग्नल-फ्लेयर फ़िट कर, तौफीक के हाथ में पकड़ा दी।

फ्लेयर गन अब तौफीक के हाथ में थी। तौफीक ने अजगर के सिर पर निशाना साधा।

“ठीसऽऽऽ“की आवाज करता सिग्नल-फ्लेयर अजगर के मुंह की ओर झपटा।

पर जैसे ही वह फ्लेयर अजगर के मुंह के पास पहुंचा, अचानक से अजगर का सर अपनी जगह से हिला और फ्लेयर उसके बगल से होता हुआ, जमीन पर गिर गया।

अजगर को फ्लेयर की गरमी का एहसास होते ही, उसने एक नजर पहले फ्लेयर पर मारी और फ़िर तौफीक की ओर घूम कर उसे घूरने लगा। अब वह थोड़ा गुस्से में भी दिखने लगा।

तभी तौफीक ने असलम से एक और फ्लेयर मांग कर उसे गन में लोड कर लिया। तौफीक ने दोबारा निशाना साधा और फ़िर से फायर कर दिया।

इस बार निशाना बिल्कुल सटीक था। फ्लेयर सीधा अजगर के मुंह पर जाकर लगा।

अजगर के चेहरे पर आग लग गयी। अब उसने अपनी कुण्डली और कस ली।

‘कट्-कट्’ की आवाज के साथ ड्रेजलर की हड्डियाँ टूटने लगी।
अजगर अब अपना चेहरा इधर-उधर पटकने लगा। अजगर ने गुस्से की वजह से अपना पूरा शरीर अब बहुत ज़्यादा कड़ा कर लिया।

ड्रेजलर का सिर अब हवा में झूलने लगा।



जारी रहेगा_________✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 
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