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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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Ohk..toh..Murder Mystery + Adventure + Mythology... ab sirf romance ki hi kami hai.. :cool3:


# 19 .
“हम लोग सूर्यवंशी राजपूत हैं। इस लिए सूर्य हमारे आराध्य देव हैं। मेरे दादा जी भारत में रहते थे। यह निशान उनके हाथ पर बना था। जो मुझे बहुत अच्छा लगता था। एक बार जब दादा जी अमेरिका आये थे, तो मैंने उनका यह निशान कॉपी करके, एक टैटू वाले से अपनी पीठ पर बनवा लिया था।“

सुयश शायद अपने दादा जी को याद कर, कुछ देर के लिए वर्तमान परिस्थिति को एक क्षण के लिए भूल गया था। पर जैसे ही उसे रोजर की याद आयी वो फिर दुखों से भर गया। तभी सुयश की नजर सामने लगी घड़ी पर गयी। इस समय सुबह का 10:00 बज रहा था।

पूरी रात परेशानियों के बीच बीती थी। वैसे तो आज न्यू ईयर का पहला दिन था। फिर भी किसी के चेहरे पर खुशी नहीं थी। सुयश को बहुत थकान लग रही थी, मानसिक भी और शारीरिक भी। अब वह धीरे-धीरे अपने केबिन की ओर बढ़ गया।
उसके जाते ही बाकी लोग भी अपने केबिन की ओर बढ़ गये।

2 जनवरी 2002, बुधवार, 01:30;

शिप को चलते हुए पूरा दिन बीत चुका था, पर किसी भी तरह की अभी कोई मुसीबत नहीं आई थी। शिप में यात्रा कर रहे यात्रियों के बीच, अजीब सी अफवाहों का बाजार गर्म था।

सभी यात्री अलग-अलग तरह की अटकलें लगा रहे थे। किसी को भी शिप की वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं पता था। पर शिप में यदि कोई सबसे ज्यादा परेशान था, तो वह था सुयश।

रात का लगभग 1:30 बज रहा था। परंतु उसकी आंखों में नींद का नामो निशान नहीं था। वह शिप पर लगातार हो रही, विचित्र घटनाओं में उलझा हुआ था- पहले शिप पर अपराधी के बारे में पता चलना, न्यू ईयर की रात लॉरेन का संदिग्ध परिस्थितियों में मर्डर हो जाना, शिप का बारामूडा त्रिकोण जैसे खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश करना, शिप के ऊपर से नीली रोशनी बिखेरते रहस्यमय यान का निकलना, सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों सहित कम्पास का खराब हो जाना, शिप का भंवर में फंस जाना और रोजर का हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हो जाना।

यह सभी घटनाएं एक-एक करके सुयश के दिमाग में घूम रही थीं। लेकिन इन सब विचारों से बड़ा, एक विचार सुयश के दिमाग में और घूम रहा था और वह यह था कि क्या शिप सभी खतरों से बचकर, वापस अपनी सभ्यता में पहुंच पाएगा?

अभी वह इन सभी बातों में उलझा ही था, कि एकाएक फोन की घंटी, किसी हॉरर फिल्म के म्यूजिक की तरह से बज उठी।

“ट्रिंग.....ट्रिंग....ट्रिंग...“ सुयश की नजरें तुरंत सामने लगी घड़ी की ओर गईं। इस समय रात का 1:50 हुए थे।

“इतने समय किसका फोन हो सकता है?“ यह विचार दिमाग में आते ही, सुयश एक झटके से बेड से उतरकर, फोन उठा लिया।

“हैलो कैप्टन!“ उधर से ब्रैंडन की आवाज सुनाई दी- “क्या आप कुछ देर के लिए शैफाली के रूम में आ सकते हैं?“

“क्या हुआ?“ सुयश ने घबरा कर कहा- “कोई परेशानी है क्या ?“

“कुछ खास नहीं कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने शान्त आवाज में कहा- “पर मिस्टर माइकल आपको कुछ दिखाना चाहते हैं। आप आ जाइये। आपके आने पर, सब पता चल जायेगा।“

यह कहकर ब्रैंडन ने फोन काट दिया। ब्रैंडन ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था, जिससे कोई परेशानी होती पर ना जाने क्यों सुयश को ऐसा लग रहा था, कि कुछ गड़बड़ जरुर है। सुयश तुरंत स्लीपिंग सूट में ही, पैरों में स्लीपर डालकर तेजी से शैफाली के रूम की ओर भागा।

लेकिन उसका मन किसी अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहा था। कई गैलरियों को पार करते हुए सुयश कुछ ही देर में शैफाली के रुम के पास पहुंच गया। शैफाली के रूम के दरवाजा खुला हुआ था। सुयश ने तेजी से अंदर प्रवेश किया। अंदर माइकल, मारथा, अलबर्ट, ब्रैंडन व लारा एक तरफ रखे सोफे पर बैठे दिखाई दिये। ब्रूनो उनके पास शांत भाव से जमीन पर बैठा था। सुयश को अंदर आते देख सभी उठकर खड़े होने लगे, पर सुयश ने सबको बैठे रहने का इशारा किया। सुयश भी एक खाली पड़े सोफे पर बैठ गया।

“क्या बात है ब्रैंडन?“ सुयश ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा- “इतनी रात को आप सब यहां क्या कर रहे हैं?“

“कैप्टेन हमें भी मिस्टर माइकल ने 555 पर फोन करके बुलाया है।“ ब्रैंडन ने माइकल की तरफ इशारा करते हुए कहा-
“पर अभी हमें भी इन्होंने कुछ नहीं बताया है। हमारे आने पर इन्होंने आपको बुलाने के लिए कहा। शायद यह आपके सामने ही कुछ बताना चाहते हैं।“

यह सुन अब सुयश की निगाहें माइकल पर गयीं। माइकल जो अब तक खामोश बैठा था, सुयश को अपनी तरफ देखते हुए देख बोल उठा-

“कैप्टेन! थोड़ी देर पहले, मैं और मारथा इसी रुम में बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। शैफाली दूसरे रुम में सो रही थी। तभी हमें शैफाली के रुम से किसी खटके की आवाज आयी। मैं और मारथा लगभग भागते हुए शैफाली के रुम में पहुंचे। वहां पहुंचकर हमने देखा, कि शैफाली के रुम के खिड़की, हवा के चलने की वजह से हिल रही थी। हमें लगा, कि शायद इसी की आवाज हमें आयी होगी। मैंने खिड़की को बंदकर एक नजर शैफाली पर डाली। तभी मुझे शैफाली के सिर के पास तकिये पर रखी, चमकती हुई कोई चीज दिखाई दी। मैंने आगे बढ़कर उस चीज को उठा लिया। वह चीज सोने का एक प्राचीन सिक्का थी।“

“सोने का प्राचीन सिक्का !“ सुयश के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले। ब्रैंडन व लारा भी आश्चर्य से माइकल को देख रहे थे।

“जी हाँ ! सोने का प्राचीन सिक्का।“ कहते हुए माइकल ने जेब से, एक सोने का सिक्का निकालकर टेबल पर रख दिया।

सुयश ने उस सिक्के को हाथ में उठा लिया। वह सिक्का शुद्ध सोने का बना था। उस सिक्के के एक साइड में 6 घोड़े, एक रथ को खींच रहे थे। रथ का पिछले हिस्से में एक योद्वा लड़की सवार थी। जिसके हाथ में त्रिशूल था। लड़की के बाल हवा में लहरा रहे थे। सिक्के के दूसरी साइड पर एक खूबसूरत सी डॉल्फिन मछली बनी थी और उस मछली के नीचे, किसी ना समझ में आने वाली भाषा में कुछ लिखा था। जब सुयश ने उस सिक्के को पूरी तरह से देख लिया, तो उसे लारा की तरफ बढ़ा दिया। अब लारा व ब्रैंडन उस सिक्के को देखने लगे।

“तकिये से सिक्का उठाने के बाद मैंने अलबर्ट सर को फोन किया।“ माइकल ने पुनः बोलते हुए कहा- “अलबर्ट सर ने सिक्का देखने के बाद आपको बुलाने के लिए कहा।“
इतना कहने के बाद माइकल ने अपनी बात समाप्त कर दी।

“क्या आपने किसी को भी शैफाली के कमरे में आते-जाते देखा ?“ सुयश ने माइकल को सम्बोधित करते हुए कहा- “या फिर आपकी अनुपस्थिति में कोई आया हो ?“

“नहीं !“ माइकल ने नकारात्मक अंदाज में सिर हिलाते हुए कहा- “कल की घटना के बाद से हम डरे हुए थे। इसलिए ना तो हम कहीं गये थे और ना ही कल से यहां कोई आया था। हमने तो खाना भी रुम में ही मंगा लिया था। वैसे भी कैप्टेन, ब्रूनो के रहते किसी का हमारे कमरे में चोरी-छिपे आना तो पॉसिबल भी नहीं है।“

सुयश की नजर ब्रूनो पर पड़ी। सुयश का चेहरा अपनी तरफ देख, ब्रूनो ने भी फॉर्मेलिटी के अंदाज में पूंछ को 2 बार दांये-बांये कर दिया। अब सुयश अलबर्ट की तरफ मुड़कर बोला-

“प्रोफेसर! आपका क्या कहना है, इस सिक्के के बारे में? क्या आप बता सकते हैं कि यह सिक्का किस देश का है?“

“कैप्टेन! जब मैंने सिक्का देखा तो मुझे भी समझ में नहीं आया, कि इस पर लिखा क्या है?“ अलबर्ट ने सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“लेकिन मैं इतना जानता हूं कि ये किसी प्राचीन काल की सभ्यता का सिक्का है। और आज के समय में इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो सकती है। इसीलिए ये सिक्का देखने के बाद मैंने माइकल से आपको बुलाने के लिए कहा।“

“प्राचीन काल का सिक्का !“ ब्रैंडन के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर में निकला-
“पर ये इतना पुराना सिक्का यहां पर आया कैसे?“

“इस अटलांटिक महासागर में हम लोगों के साथ, जो भी हो जाए वो कम ही है।“ सुयश ने कुछ सोचते हुए गम्भीर शब्दों में कहा।

“अटलांटिक महासागर!“ अचानक अलबर्ट आश्चर्य से भर उठा- “एक मिनट के लिए जरा मुझे वो सिक्का दोबारा दिखाइये।“

सुयश ने टेबल पर रखा सिक्का अलबर्ट की ओर बढ़ा दिया। सभी अब अलबर्ट की ओर देख रहे थे। अलबर्ट ध्यान से सिक्के के दोनों साइड देखता रहा और कुछ देर के बाद उसने अपनी चुप्पी तोड़ी-

“कैप्टेन मुझे यह सिक्का ‘अटलांटिस‘ सभ्यता का लग रहा है।“

“अटलांटिस!“ माइकल को छोड़कर सभी के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले। “आप यह बात कैसे कह सकते हैं?“ सुयश ने अलबर्ट की ओर देखते हुए पूछा- “कि ये सिक्का ‘अटलांटिस‘ का है।“

“कैप्टेन जब आपने अटलांटिक महासागर बोला तो अचानक से मुझे अपने ऑफिस की लाइब्रेरी में रखी एक किताब याद आ गयी। जिसका नाम ‘अटलांटिस- एक रहस्यमयी संसार‘ था। वह किताब सन् 1882 में ‘इग्नाटस डोनैली‘ ने लिखी थी, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने ‘अटलांटिस‘ पर शोध करने के लिए रखा था। उन्हीं के द्वारा ‘अटलांटोलॉजी‘ नामक विषय की शुरुआत हुई। उसी किताब के कवर पेज पर, कुछ इसी तरह से समुद्र के देवता ‘पोसाइडन‘ की तस्वीर बनी थी।“

“एक मिनट रुकिये अलबर्ट सर।“ माइकल ने अलबर्ट को बीच में ही टोकते हुए कहा- “ये अटलांटिस क्या है? मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता। इसलिए मुझे आप लोगों की बातें समझ नहीं आ रहीं हैं।“

“अटलाटिस एक प्राचीन द्वीप की कहानी है।“ अलबर्ट ने माइकल को बताते हुए कहा- “जिसका जिक्र ग्रीक दार्शनिक ‘प्लेटो ‘ ने आज से लगभग 2600 वर्ष पूर्व किया था। कहते हैं कि अटलांटिस का विज्ञान आज से भी ज्यादा उन्नत था। उनकी धरती पर एलियंस का भी आना जाना था। पर वह द्वीप, एक दिन एक विशालकाय ज्वालामुखी के फटने की वजह से समुद्र में डूब गया। तबसे वैज्ञानिक आज भी उस दुनिया की खोज कर रहें हैं।“

“ओहऽऽऽ!“ माइकल ने एक लम्बी साँस भरी।





जारी रहेगा…....✍️
 
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# 20 .
“पर इस सिक्के पर तो एक लड़की योद्धा का चित्र बना है।“ लारा ने अलबर्ट से सवाल किया- “आप तो किताब के कवर पेज पर देवता पोसाइडन की फोटो की बात कर रहे थे।“

“हां ! थोड़ी सी चीजें अलग जरुर हैं, पर उस किताब के कवर पेज से बहुत ज्यादा चीजें मैच हो रहीं हैं।“ अलबर्ट ने कहा-

“जैसे 6 घोड़े का रथ, त्रिशूल और डॉल्फिन की फोटो। पर मैं अब 100 प्रतिशत श्योर हूं कि यह सिक्का अटलांटिस का ही है।“

तभी सुयश ने इधर-उधर नजर मारते हुए माइकल से पूछा-
“शैफाली कहां है? कहीं दिखा ई नहीं दे रही है?“

“वह अभी भी सो रही है।“ माइकल ने जवाब दिया- “देर रात हो जाने के कारण, हमने उसे उठाया नहीं था।“

“क्या हम शैफाली के सोने की जगह देख सकते हैं? ब्रैंडन ने माइकल से पूछा- “शायद हमें वहां कोई सुराग मिल जाये? जिससे इस सिक्के के बारे में कुछ पता चल सके।“ सुयश को भी ब्रैंडन की बात सही लगी।

“हां -हां ! क्यों नहीं ?“ माइकल बोलते हुए खड़ा हो गया।

माइकल सहित सभी अब शैफाली के रुम में आ गये। ब्रूनो भी सबके पीछे-पीछे रुम में आ गया। शैफाली गहरी नींद में थी। माइकल ने धीरे से सभी को खाली पड़े, दूसरे तकिये की ओर इशारा किया। सुयश समझ गया कि इसी तकिये पर सिक्का मिला था। सभी की नजरें अब रुम में चारो तरफ, किसी सुराग की तलाश में घूम रही थीं। पर रुम में उन्हें कोई ऐसी चीज नजर नहीं आयी, जिसका सिक्के से कोई ताल्लुक हो। तभी सुयश की नजर शैफाली पर पड़ी जो कि अब बेचैनी से सोते हुए करवट बदल रही थी।

“लगता है ये फिर से सपने देख रही है।“ मारथा ने बेचैन स्वर में माइकल की ओर देखते हुए कहा।

“सपने!“ सुयश के स्वर में आश्चर्य के भाव थे- “पर शैफाली तो बचपन से अंधी है ना। फिर उसे सपने कैसे आ सकते हैं?“

“शैफाली को सपने आते हैं कैप्टेन।“ माइकल ने कहा- “जब ये छोटी थी, तब भी सोते-सोते घबरा जाती थी। फिर 4 साल की उम्र से इसने अपने सपनों के बारे में हमें बताना शुरु कर दिया था। अब सपने इसको कैसे आते हैं? इसके बारे में तो हममें से कोई भी नहीं जानता। एक बात है यह सपने में ऐसी चीजें देखती है, जिसके बारे में इसने पहले कभी ना सुना हो।“

तभी शैफाली ने जोर से अपनी मुठ्ठी बंद कर ली। उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें चमचमाने लगीं । अब वह जोर से कसमसा रही थी। मारथा से यह देख रहा ना गया। उसने शैफाली को जोर-जोर से हिलाना शुरु कर दिया-

“शैफाली..... शैफाली....।“ पर शैफाली अभी भी गहरी नींद में थी। सभी ध्यान से शैफाली की ओर देख रहे थे। मारथा के जोर-जोर से हिलाने के कारण अब शैफाली जाग गयी। “

मॉम....मॉम....!“ शैफाली ने जागते ही जोर से मारथा को पकड़ लिया।

“शांत हो जाओ!..... शांत हो जाओ शैफाली। मम्मा यहीं पर है।“ मारथा ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “तुम सिर्फ सपना देख रही थी।“ शैफाली अब धीरे-धीरे नार्मल हो रही थी। तभी उसने वातावरण में कुछ सूंघने की कोशिश की।

“कैप्टेन अंकल आप!“ शैफाली के शब्दों में आश्चर्य नजर आया- “आप इस समय हमारे रुम में क्या कर रहे हैं? और आपके साथ 2 लोग और भी हैं। कोई परेशानी हुई है क्या ?“

“नहीं बेटा ! कुछ खास बात नहीं है।“ सुयश ने शैफाली को तारीफ भरी नजरों से देखते हुए कहा- “हम लोग वैसे ही बस आपके पापा से मिलने आये थे।“

“और आप ग्रैण्ड अंकल?“ शैफाली ने सूंघते हुए अलबर्ट की ओर चेहरा घुमाया- “आप भी शायद पापा से मिलने ही आये होंगे।“

“हां बेटा !“ अलबर्ट ने भी झूठ बोलते हुए कहा- “रात में नींद नहीं आ रही थी। इसलिए मैं भी घूमता हुआ इधर आ गया। हमारी छोड़ो ! तुम बताओ, क्या तुम्हें फिर से सपने आये थे?“ अलबर्ट ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा।

“सपने!“ शैफाली ने अचानक दिमाग पर जोर डालते हुए कहा- “हां ग्रैंड अंकल। मैं फिर से सपना देख रही थी। मैने सपने में एक खूबसूरत हरा-भरा त्रिभुज की आकृति वाला द्वीप देखा, जिसके चारो तरफ धुंध फैली हुई थी। क्राऊन पहने एक अजीब सी मानव आकृति लिए हुए पहाड़ी, पत्थरों पर बनी विचित्र सी आकृतियां, एक सुंदर झील, .........।“

कहते-कहते शैफाली एक क्षण के लिए रुकी, मानों वह सपने को पूरी तरह से याद कर रही हो।

उधर सुयश, ब्रैंडन और लारा के चेहरे पर शैफाली की बातें सुनकर पसीना छलक आया था, क्यों कि शैफाली ठीक उसी द्वीप के बारे में बता रही थी। जिसको आज सुबह ही रोजर ने देखा था। तभी अचानक उसके पास बैठा ब्रूनो, अपने कान खड़े करके उठ कर बैठ गया। उसकी नजरें अब अपने सपनों के बारे में बता रही शैफाली पर थी। एका एक वह धीरे से उठा और कूं-कूं करते हुए शैफाली से दूर हट गया। पर उसकी सहमी-सहमी सी निगाहें अभी भी शैफाली पर थीं।

चूंकि शैफाली का ध्यान अपने सपनों पर और बाकी सभी का ध्यान शैफाली पर था। इसलिए किसी ने ब्रूनो की हरकतों पर ध्यान नहीं दिया। मगर ब्रैडन की निगाह से यह घटना बच नहीं सकी । ब्रैंडन को ब्रूनो की यह हरकत बड़ी अजीब सी लगी। अब वह कभी शैफाली की ओर देखता तो कभी डरे सहमे ब्रूनो की ओर। उधर शैफाली लगातार बोले जा रही थी-

“मैंने देखा एक सुनहरा मानव, जो हमें किसी दिशा में जाने के लिए इशारा कर रहा था और एक बड़ी पूंछ वाला पहाड़ी तोता .......और एक आवाज......।“ कहते-कहते शैफाली एका एक रुक सी गई।

“कैसी आवाज?“ सुयश ने शैफाली से पूछा।

“ऐसा लग रहा था, जैसे कोई कह रहा हो ‘वेलकम टू अटलांटिस‘।“ शैफाली ने कहा। अटलांटिस शब्द सुनते ही अब सभी का दिमाग सांय-सांय करने लगा।

“और.... और.... क्या देखा तुमने?“ सुयश ने जोर देते हुए कहा।

“और......।“ कहते-कहते एका एक शैफाली ने अपना सिर पकड़ लिया।

“क्या बात है बेटा ? क्या हुआ?“ मारथा ने शैफाली को झकझोरते हुए कहा।

“पता नहीं क्यों ? अचानक मेरा सिर बहुत तेजी से दर्द हो ने लगा है। और बहुत भारी-भारी सा महसूस होने लगा है।“

“कोई बात नहीं बेटा। अब तुम सोचना बंद करो और वापस बेड पर आराम कर लो। मम्मा अब आपके पास हैं इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।“

माइकल ने अपनी उंगलियों से शैफाली के बालों में कंघी करते हुए कहा। उधर जैसे ही शैफाली ने सपनों के बारे में सोचना बंद किया, ब्रूनो जो कि दूर बैठा हुआ था, धीरे धीरे चलता हुआ शैफाली के पास आ गया। शैफाली वापस बेड पर लेट गयी।

माइकल यह देखकर धीरे से बेड से उठा और रुम से निकलते हुए सबको बाहर आने का इशारा किया। मारथा को शैफाली के पास छोड़, सभी लोग बाहर के रुम में आ गये। सभी सोफे पर बैठ गये, पर किसी के मुंह से कोई बोल नहीं फूट रहा था। अजीब सा सस्पेंस भरा सन्नाटा छाया था। लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा ब्रैंडन की आवाज ने-

“कैप्टेन! मुझे लग रहा है, कि शैफाली एक नॉर्मल बच्ची नहीं है। इसके पास कुछ ना कुछ पॉवर जरुर है। शायद भविष्य देखने की पॉवर या फिर कुछ अलग.... जो हम समझ नहीं पा रहे हैं।“

“कह तो तुम ठीक रहे हो ब्रैंडन।“ सुयश ने भी ब्रैंडन की हां में हां मिलायी- “पर सवाल अभी शैफाली की पावर्स के बारे में बात करने का नहीं है। सवाल यह है कि वह रहस्यमयी द्वीप क्या है? जिसने रोजर की जान ले ली और यह अटलांटिस का सिक्का यहां कहां से आया ?“

“क्या मिस्टर रोजर अब नहीं रहे?“ अलबर्ट ने आश्चर्य से पूछा।

“जी हां प्रोफेसर! कल रोजर का हेलीकॉप्टर एक ऐसे ही रहस्यमयी द्वीप के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमें रोजर की मौत हो गयी।“ सुयश ने अलबर्ट से कहा।

“ओह! भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।“ अलबर्ट ने दुख प्रकट किया।

“जरुर उस द्वीप पर कुछ ना कुछ खतरनाक है।“ लारा ने कहा- “तभी वह शैफाली को भी सपने में नजर आ रहा है।“

“पर यह अटलांटिस का सिक्का यहां पर कैसे आया और कौन है वह जो शैफाली को सपने के माध्यम से बुला रहा है?“ सुयश ने कहा।

“कैप्टेन! मेरे पास एक थ्योरी है।“ अलबर्ट ने गहरी सांस लेते हुए कहा- “मैं ये तो नहीं कह सकता कि ये थ्योरी बिल्कुल सही है पर सभी घटनाओं को एक क्रम देने के बाद मुझे ये थ्योरी काफी हद तक सही दिशा में जाती लग रही है। अगर आप इजाजत दें तो मैं बोलूं।“

“जी प्रोफेसर बताइये!“ सुयश ने इजाजत देते हुए कहा।

“अटलांटिस एक प्राचीन द्वीप था। कहते हैं कि वह यहीं कहीं अटलांटिक महासागर में ही था। किताबों में लिखा है कि अटलांटिस द्वीप का विज्ञान बहुत उन्नत था। अटलांटिस द्वीप पर दूसरे ग्रहों के लोगों का भी आना जाना था। फिर अचानक एक विशालकाय ज्वालामुखी के फटने की वजह से, वह पूरी सभ्यता, अटलांटिक महासागर में कहीं खो गयी। अब ये एक अजीब इत्तफाक है कि जिस जगह का वर्णन किताबों में किया गया है, उसी जगह पर बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र आता है। अब आप लोग अपने दिमाग से यह बताइये कि क्या वजह हो सकती है, इस क्षेत्र में जहाजों के गायब होने की ?“

“आपकी थ्योरी मुझे भी काफी स्ट्रांग लग रही है प्रोफेसर।“ सुयश को अलबर्ट की बातों में दम दिखाई दिया- “इसका मतलब कि वह द्वीप अटलांटिस का अवशेष हो सकता है और वहां बचे हुए लोग नहीं चाहते कि कोई उनकी सभ्यता के बारे में जाने।“

“बिल्कुल ठीक कैप्टेन। अब हम सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।“ अलबर्ट के शब्दों में अब खुशी के भाव थे।

“ओह! तभी हमें इस क्षेत्र में उड़नतश्तरी दिखायी दी थी।“ लारा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

“पर यह सिक्का और शैफाली के सपने?“ माइकल जो कि इतनी देर से सभी की बात सुन रहा था, बोल उठा।

“इस बारे में अभी कुछ ज्यादा कह नहीं सकते मिस्टर माइकल।“ सुयश ने गहरी साँस लेते हुए कहा- “लेकिन जाने क्यों ऐसा लग रहा है कि जल्द ही हमें शैफाली के माध्यम से कुछ और रहस्यों का पता चलेगा। तब तक के लिए सभी लोग अपने आँख और कान खुले रखें और जैसे ही किसी को कुछ और नयी चीजें पता चलें, तुरंत मुझे बताएं।“ यह कहकर सुयश सोफे से खड़ा हो गया।

“कैप्टेन, इस सिक्के का क्या करना है?“ माइकल ने कैप्टेन को खड़े होते देख पूछ लिया। “फिलहाल ये सिक्का प्रोफेसर के पास रहेगा। हो सकता है कि इन्हें इसमें कुछ और खास बात नजर आ जाये। जब हम अपनी सभ्यता में पहुंचेंगे तो यह सिक्का अमेरिकन सरकार को दे देंगे।“ यह कहकर सुयश ने सिक्का माइकल के हाथ से ले अलबर्ट के हवाले कर दिया।

उधर सुयश को खड़े होते देख, ब्रैंडन और लारा भी अपने स्थान से खड़े हो गये थे। कुछ ही देर में तीनों कमरे से बाहर निकल गये।




जारी रहेगा.....…...✍️
 
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Yaar 🙉 ek ullu ke patthe ke peeche poori fauz laga di. Khud uska peecha kar rahe thay. Lekin yeh pata na chala ke koi aur bhi Jhon ka peecha kar raha tha..



Isi ko duniya daari kahte hai sarkaar:D, har koi har cheez itni aasani se thodi samajh sakta hai, aap aage-2 dekho, hota hai kya:shhhh:..
Thanks for your valuable review and support :hug:
 
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Ek insaan ki jaan chali gayi.. Aur log chor police ke khel mei mashgul ho gaye... No emotional drama? .. May be baad ke episodes mei emotions dikhe.. lets see.. :cool3:
Jaan to gai hai, per inko ye samajh hi nahi aaya ki kisne or kyu maara?:?: Aur jisko maara , kya usi ko maarna chahta tha?:?:
Khair sath bane rahiye, Thank you very much for your valuable review and support :thanx:
 
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Murder Mystery ab Sci-Fi adventure ban gayi.. 🤔.. Interesting



Aisi bohot si interest waali cheeje honi wali hai story me jo aaj tak aapne padhi hi nahi hogi sayad?
Jabki base me sachai hi hogi, sath bane rahiye aur maza lijiye rahasyamayi safar ka :declare: Thanks for your valuable review and support :thanx:
 
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Ohk..toh..Murder Mystery + Adventure + Mythology... ab sirf romance ki hi kami hai.. :cool3:


Romance bhi aa jayega mohtarma, :approve:jab aap padh hi rahe ho to sab milega,:D Aise hi sath banaye rakhiye, Thank you very very much for your valuable review and superb support :hug:
 
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Story ke liye kaafi research kiya hai aap ne Pandit Ji.. Salute 🙋🏻‍♀️
Agar main ise complete kar paaya, to ye x-forum ki sabse behtarin kahaniyo me se hogi, iski guarantee hai:declare:Kosis jaari hai, Thank you very much for your wonderful wishes and support :thanx:
 
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Sab ke tark vitark chal rahe..lekin isae sirf uljhan aur badhti jaa rahi... Captain Suyash ab detective Suyash banta jaa raha hai...
# 30 .

लोथार के इस जवाब पर सुयश को उससे कुछ कहते ना बना अतः वह पुनः जेनिथ की तरफ मुड़कर बोला-
“क्या आप या लॉरेन सिगरेट पीती थीं ?“

“जी नहीं ।“ जेनिथ ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया।

“फिर तो यह सिगरेट का टुकड़ा जरुर उसी व्यक्ति का होगा, जिसने छिपकर रुम की तलाशी ली है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए धीमे स्वर में कहा।

सुयश ने ब्रैंडन की बात सुन धीरे से हाँ मे अपना सिर हिलाया और सिगरेट का वह टुकड़ा ब्रैंडन के हवाले करता हुआ ब ला-

“इसे भी लैब में भिजवा दो और इस पर से फिंगर प्रिंट उठाने की कोशिश करो। हो सकता है कि कातिल का को ई सुराग इस पर से भी मिल जाए।“ ब्रैंडन ने सिगरेट का वह टुकड़ा टिश्यू पेपर सहित ले लिया और अपनी जेब के हवाले कर दिया। अब सभी जेनिथ के रुम से बाहर आ गये।

“एक बात बताइये कैप्टेन कि लॉरेन की लाश तो चलिए उसके बॉयफ्रेंड या कातिल जो भी हो, वह ले गया। लेकिन जो गार्ड की लाश अभी तुरंत रखी गई थी, वह कहां चली गई? और इतनी जल्दी उसे कौन ले गया ?“ तौफीक ने सुयश से सवाल किया।

तौफीक की बातों में दम था। सुयश सहित अब सभी सस्पेंस के झूले में झूलने लगे।

“लगता है एक बार फिर स्टोर रूम में चलना पड़ेगा।“ सुयश ने जवाब दिया। एक बार फिर सभी स्टोर रूम की तरफ चल दिए।

“गार्ड की लाश कहां रखी थी ?“ सुयश ने स्टोर रुम में प्रवेश करते हुए, दोनों गार्डों से मुखातिब होते हुए कहा।

दोनों गार्डों ने डरते-डरते एक दिशा की ओर इशारा कर दिया। सुयश पहले तो उस स्थान को ध्यान से देखता रहा फिर उसने ब्रूनो को वहां सूंघने का इशारा किया। ब्रूनो धीरे-धीरे आगे बढ़ा और उस जगह को सूंघने लगा, जहां सुयश ने इशारा किया था। ब्रूनो ने कई बार जमीन को सूंघा और फिर अपनी नाक को हवा में उठा कर कुछ सूंघने की कोशिश की। पर ऐसा लग रहा था, जैसे वह कुछ समझ ना पा रहा हो।

काफी देर सूंघने के बाद ब्रूनो धीरे-धीरे एक दिशा की ओर बढ़ा और स्टोर रुम में मौजूद लगभग 4 फुट ऊंचे लगी, एक खिड़की की ओर मुंह करके भौंकने लगा।

“इसका क्या मतलब हुआ?“ सुयश ने ना समझ में आने वाले लहजे में कहा- “यह खिड़की तो समुद्र की ओर खुलती है।“

“शायद किसी ने गार्ड की लाश इस खिड़की से समुद्र की ओर फेंकी है?“ असलम ने जवाब दिया।

सुयश ने धीरे से उस खिड़की के दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया। दरवाजा बिना आवाज किए समुद्र की ओर खुल गया। एकदम से आदमी को गला देने वाली ठंडी हवा का झोंका तेजी से अंदर आया। एक पल के लिए सभी सिहर से गये।

सुयश ने खिड़की के बाहर झांक कर देखा, लेकिन लहरों के सिवा उसे दूर-दूर तक कुछ ना दिखाई दिया। हाँ, ‘सुप्रीम’ के चलने से छिटक कर दूर होता हुआ, समुद्र का पानी जरूर आवाज कर रहा था। हर तरफ मौत की काली चादर के समान दहशत बिछी थी। कुछ देर तक देखते रहने के बाद सुयश उस खिड़की से दूर हट गया।

“कैप्टेन, यह खिड़की के नीचे पानी कैसा है?“ ऐलेक्स ने खिड़की के नीचे फर्श पर पड़े पानी की ओर इशारा करते हुए कहा। अब सभी का ध्यान नीचे पड़े पानी पर था।

“यह पानी तो समुद्र का है।“ अलबर्ट ने आगे बढ़कर पानी की एक बूंद को हाथों में लेकर देखते हुए कहा।

“आप क्या कहना चाहते हैं प्रोफेसर? कि कोई समुद्र से निकलकर इस खिड़की को खोल कर आया था और लाश को लेकर वापस समुद्र में चला गया ?“ असलम ने कहा।

“क्या बेवकूफी है? समुद्र की सतह यहां से लगभग 48 मीटर नीचे है। भला इतनी ऊंचाई तक बिना सहारे के कोई कैसे ऊपर आ सकता है?“ सुयश ने अजीब सी नजरों से असलम को देखते हुए कहा।

“तो फिर समुद्र का पानी यहां पर कैसे आया ?“ लारा ने कहा। लेकिन अब इसका जवाब किसी के पास नहीं था।

तभी अलबर्ट आगे बढ़ा और खिड़की के पास जा कर दूसरी ओर देखने लगा। थोड़ी देर देखने के बाद अलबर्ट ने अपने हाथ से, समुद्र की ओर से, खिड़की के कुछ नीचे हाथ लगाया और फिर अपना हाथ अंदर कर लिया। किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कर रहा है? पर सभी की निगाहें अब अलबर्ट पर ही थीं। अंदर आकर अलबर्ट ने अपने अंगूठे से, अपनी दोनों उंगलियों को रगड़ा। अब उसके हाथ में पानी की बूंदों के समान कुछ नमी थी। सभी का ध्यान अब कुछ इस तरह से अलबर्ट की ओर था, जैसे वो किसी रहस्य को खोलने जा रहा हो। और आखिरकार अलबर्ट ने अपना मुंह खोला-

“बात कुछ समझ में नहीं आती, पर मेरे हाथों में लगी नमी यह साबित करती है कि कोई ना कोई समुद्र के अंदर से होकर खिड़की के रास्ते अवश्य आया था।“

“पर गार्ड की लाश को छोड़कर और दोबारा स्टोर रूम में आने में बामुश्किल 5 मिनट का समय लगा था। इस 5 मिनट में कौन इतनी तेजी से 48 मीटर चढ़कर लाश ले जा सकता है। ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं कर सकता और वह भी तब, जबकि शिप अपनी पूरी स्पीड से चल रहा है।“ सुयश ने अपने दिमाग की सारी नसों पर जोर डालते हुए कहा।

कुछ देर किसी के मुंह से कुछ नहीं निकला। स्टोर रुम में एक सन्नाटा सा छा गया।

“यह भी तो हो सकता है कि जब गार्ड यहां लाश छोड़ने आये, उस समय कोई स्टोर रूम में पहले से ही रहा हो। और जब ये घबरा कर यहां से भागे हों तो उसने गार्ड की लाश खिड़की से पानी में फेंक दी हो या फिर स्वयं लेकर पानी में कूद गया हो।“ लोथार जो कि बहुत देर से चुप था, बोल उठा।

“हो सकता है कि कुछ ऐसा ही हुआ हो ?“ सुयश ने सिर पर पहनी कैप को उतार, बालों में हाथ से कंघी करते हुए कहा- “लेकिन फिर यह समुद्र का पानी खिड़की के नीचे कैसे आ गया और गार्ड की लाश का भला किसी को क्या काम?“

“यह भी हो सकता है कि लॉरेन का कातिल इस पूरे घटना क्रम को सुपरनेचुरल प्रॉब्लम शो करना चाहता हो, इसलिए उसने पहले जानबूझकर समुद्र का पानी खिड़की के नीचे बिखेर दिया हो। जिससे हमारा ध्यान गलत दिशा में लग जाए। और जानबूझकर गार्ड की लाश गायब की हो। जिससे हम लोग इसे सीरियल किलर या किसी जानवर का कारनामा समझें।“ अलबर्ट ने एक नया तथ्य पेश किया।

“हूं.......ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने सिर हिलाते हुए कहा - “इसका मतलब है, कि हो सकता है कि वह हरा कीड़ा भी कोई अपने साथ दहशत फैलाने के लिए लाया हो। .. ........अब हम लोगों को आगे घटने वाली किसी भी घटना को सुपरनेचुरल ना मानकर एक मानवीय घटना माननी चाहिए और उसी हिसाब से समस्या को देखना चाहिए।“

किसी के पास अब बहस करने के लिए कुछ ना बचा था। पूरी रात बहस और सुराग ढूंढने में चली गई थी। इस समय सुबह का लगभग 9:00 बज चुका था। सभी रात भर के थके थे इसलिए अब सुयश ने सभी को अपने-अपने कमरों में जाने के लिए कह दिया।

जाते-जाते सबको हिदायत दे दी गई कि वह लोग तब तक सावधान रहें, जब तक कि उन्हें कोई किनारा ना मिल जाए।

3 जनवरी 2002, गुरुवार, 11:00; सूर्य की किरणें धीरे-धीरे सागर की लहरों पर तैरती हुई आगे बढीं और
“सुप्रीम” का एक हल्का सा चुंबन ले उसे अपने आगोश में समेट लिया ।।
एक सुबह हो गयी थी। जो रात भर के सोए थे, वह सभी जाग गये थे और जो रात भर के जागे थे, वह नींद के आगोश में चले गये थे।

‘सुप्रीम’ अपनी अंजानी डगर पर हौले-हौले चला जा रहा था। ना तो अब उसे मंजिल का पता था और ना ही दूरी का।

धीरे-धीरे अब शिप के सभी लोगों को पता चल गया था कि इस रहस्यमय क्षेत्र से बचकर निकलना मुश्किल है। सभी आपस में अटकलें लगा रहे थे कि अगली मुसीबत किस पर आयेगी ? और किस तरह की होगी ? सुप्रीम की भांति सूर्य भी अपने सफर पर चला जा रहा था, फर्क था तो सिर्फ इतना कि सूर्य को अपनी मंजिल का पता था जबकि सुप्रीम को अपनी मंजिल का कोई पता नहीं था।

सुप्रीम बिल्कुल एक अन्जाने सफर पर था। सुबह अब दोपहर में बदल चुकी थी। सुबह के सोए हुए लोग भी उठ चुके थे।

“तौफीक! तुम्हारा क्या ख्याल है? जेनिथ ने तौफीक की ओर देखते हुए कहा- “इन सब मुसीबतों के पीछे क्या कारण हो सकता है?“

“कुछ पक्के तौर पर कह नहीं सकता।“ तौफीक भी सोफे पर जेनिथ के बगल में बैठता हुआ बोला- “वैसे भी इस बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में जो ना हो जाए वह कम है।“

“तुम तो आर्मी में रह चुके हो और पापा कहते हैं कि आर्मी के लोग बहुत ही कठिन परिस्थितियों का भी बहादुरी से डटकर सामना करते हैं। क्या तुम्हें कभी ऐसा एहसास हुआ कि अगले किसी भी क्षण में हम लोगों की मौत भी हो सकती है?“ जेनिथ ने अपना चेहरा, तौफीक के चेहरे के पास लाते हुए कहा।

“मौत और हमारा तो चोली दामन का साथ है। पर यहां पर अफसोस यही है कि हमें दुश्मन का पता नहीं है। यानि कि हम मर तो सकते हैं, पर दुश्मन को मार नहीं सकते।“ तौफीक के शब्दों में निराशा के भाव झलके।

“वैसे तुम्हें क्या लगता है कि हम बचकर अपनी सभ्यता तक वापस पहुंच पायेंगे? क्या हमारे प्यार को दुनिया वाले नहीं देख पाएंगे?“ इस बार जेनिथ के शब्दों में हसरत की एक झलक साफ दिखाई दी।

“पता नहीं, पर मौत से पहले जो जिंदगी से हार गया, उसे डरपोक कहा जाता है। हम अंतिम दम तक इस ना दिखने वाली मौत से लड़ेंगे और वैसे भी मैं अपना काम खत्म किए बिना, इस दुनिया से नहीं जाने वाला।“ तौफीक ने रोष में आते हुए कहा।






जारी रहेगा……......✍️

 
  • Wow
Reactions: Raj_sharma

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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Sharma Ji... Please complete kijiyega isae.. suspense kahani adhuri chhodna bahut bada gunha.. hota hai.. :cool3:

Agar main ise complete kar paaya, to ye x-forum ki sabse behtarin kahaniyo me se hogi, iski guarantee hai:declare:Kosis jaari hai, Thank you very much for your wonderful wishes and support :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Sab ke tark vitark chal rahe..lekin isae sirf uljhan aur badhti jaa rahi... Captain Suyash ab detective Suyash banta jaa raha hai...



Yahi to baat hai jo sab soch rahe hai ki captain kuch karta kyu nahi?
Per bechara suyash kare to kya kare? Case ulajhta ja raha hai? Raasta kahi najar nahi aaraha, :?:
Thank you very much for your valuable review and support :thanx:
 
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