भविष्य के पत्थर केवल मृत्यु के साधनों को दर्शाएँ, यह सोचना सही नहीं है।
यह भी हो सकता है कि वो सभी को आगाह कर रहे हों कि अमुक व्यक्ति उस वस्तु / जीव से सतर्क रहे। या फिर यह कि उससे उसका कोई काम बन पड़ेगा। लेकिन कुछ भी हो - अराका द्वीप पर भी मानव जीवन सस्ता ही है। प्रकृति यहाँ पर भी जीवों के लिए उतनी ही क्रूर है, जितनी पृथ्वी के अन्य स्थानों पर।
ड्रेज़लर मारा गया। ऐसा भी लग रहा है कि सुप्रीम के यात्री जो मारे गए, अब वो वापस नहीं आएँगे। यह तो नर-बलि के समान ही है। कुछ नहीं तो उनके हेतु इस द्वीप से न्याय माँगना ही पड़ेगा। इतनी बड़ी क्षति के एवज़ में कुछ हासिल होना ही चाहिए।
अराका द्वीप के बारे में सामान्य जानकारियाँ दे दी गई हैं। लेकिन आवश्यक जानकारियाँ छुपा ली गई हैं, जो भविष्य में हमारे सामने आएँगी। वैसे 20 किलोमीटर की भुजा वाले समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल एक सौ तिहत्तर वर्ग किलोमीटर के आस पास होता है।
तिलिस्मा कितना बड़ा है - यह नहीं पता चला। सारे फ़साद के मूल में ये तिलिस्मा ही है। यहाँ की टेक्नोलॉजी भी मानवों के हिसाब से बहुत आगे की है। पुष्पक विमान जैसा भी कुछ है यहाँ। वृक्ष-मानव भी हैं यहाँ।
वेगा सामरा राज्य का वासी है। इसीलिए उसके पास मैंड्रेक के समान बातों ही बातों में किसी को सम्मोहित करने की क्षमता है। वैसे उस तरह की विलक्षण प्रतिभा और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के “व्यक्ति” को मानवों की सभ्यता में आ कर पढ़ने की क्या आवश्यकता आन पड़ी? शायद मानवों के बारे में जानने की या फिर उनको रिक्रूट करने की?
बढ़िया अपडेट्स हैं भाई!