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Thank you very much for your valuable review Parkas BhaiyaBahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
Thank you very much for your valuable review Parkas BhaiyaBahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
Ye sab aap jaise bhaiya logo ke sath ki wajah se hi hai, so mere ko iska credit akele nahi lena Iske aap , sanju v.r. and aur log bhi shamil gai bhaiकुछ भी कहने / लिखने से पहले ये कहना बहुत आवश्यक है कि आपकी कल्पना शक्ति बहुत गज़ब की है।
Mushkil to hai, per na-mumkin nahi,भाई वाह! क्या दुनिया रच दी है आपने! इसीलिए पढ़ने में भी रूचि आती है।
इतने सारे पात्रों को साथ ले कर, अलग अलग समानांतर समय में अलग अलग वृत्तांत लिखना -- यह कठिन कार्य है (कम से कम मैं नहीं कर पाता)!
Bilkul theek disha me soch rahe ho guru, per kya hai ki jyada details abhi bata dunga to agla update spoil ho jayega, bas itna samajh lijiye ki iss jagah atlantis ki Aatma chhupi haiअब अगर कहानी की घटनाओं की बात करें, तो फिलहाल क्या ही कहें? बहुत पहले एक अंग्रेजी सीरियल देखा था - लॉस्ट!
यह द्वीप उस सीरियल के द्वीप की याद दिला देता है।
उधर जेम्स और विल्मर एक अलग ही तिलिस्म में प्रविष्ट हो गए हैं। कहीं ये द्वीप और वो बर्फ़ के नीचे दबा हुआ (जो भी कुछ है वो) दोनों आपस में (physically) जुड़े तो नहीं हैं?
बातें आगे साफ़ तो होंगी ही। रोचक रहेगा कि कैसे!
Thank you very much bhaiya for your amazing review and superb support Aise hi sath bane rahiye, ye kahani upnyaas se lambi hogi, to sath rahna padegaबेहद उम्दा लेखन!!
काला नाग भाई को भी यही सुझाव दिया था मैंने, और आपको भी देता हूँ -- कोई बढ़िया सा लम्बा उपन्यास लिख कर छपवाओ भाई।
आज कल तो इस काम में तरक़्क़ी और प्रसिद्धि भी है
Kal padhne ko baitha par phir busy ho gaya night me . Ye mahina kafi busy hu . Yaha tak ki fav story Kundali bhagya bhi padhna rok diya hu . Dimag kahi aur laga hua hai padhne me maza nahi aa raha philhalTo fir itne din se gayab kyu they?
Shaandar jabardast Romanchak Update#64.
“अरे वाह ग्रैंड अंकल!" शैफाली ने बिलकुल बच्चे की तरह चहकते हुए कहा- “आप तो जंगल को पूरा एन्जॉय कर रहे हैं.... वेरी गुड। पर ग्रैंड अंकल अगर आपको समय में पीछे जाकर कुछ बदलने का मौका मिले तो आप अपनी लाइफ में क्या बदलना चाहेंगे?"
“अगर मुझे अतीत में जाकर कुछ बदलने का मौका मिले तो मैं अतीत में ही अपनी सिगरेट की लत को छोड़ना चाहूँगा।" कहते-कहते अल्बर्ट की आवाज थोड़ा भर्रा सी गयी और अल्बर्ट खामोश हो गया। शायद उसे मारिया की याद आ गयी थी।
जेनिथ ने अल्बर्ट को खामोश होते देख फ़िर से बॉटल को नचा दिया। इस बार बॉटल सुयश के नंबर पर जाकर रुकी।
“तो फ़िर कप्तान अंकल अब आप क्या कहना चाहेंगे?" शैफाली ने एक छोटी सी लकड़ी को माइक की तरीके से सुयश के मुंह के पास ले जाते हुए कहा।
यह देखकर सुयश ने बोलना शुरु कर दिया- “मेरे लिये ये सफर मेरी जिंदगी का सबसे खतरनाक और यादगार सफर रहा। मैंने बहुत सारे अपनो को खोया, इतनी मुशकिलें देखी, फ़िर भी मैं सकारात्मक हुं। अगर मुझे अतीत में जाने का मौका मिले तो मैं नए साल की रात घटी हर घटना को बदलना चाहूँगा। अब अंततः मैं यही कहूँगा की
‘जो बीत गया उसे जाने दो, जो बाकी है उसे बचाने दो’।" सुयश ने अंत की लाइन शायराना अंदाज में कहा।
सुयश को खामोश होते देख जेनिथ ने बॉटल को एक बार फ़िर घुमा दिया। इस बार बॉटल एलेक्स के नंबर पर गयी।
शैफाली की माइक रूपी लकड़ी अब एलेक्स के हाथ में पहुंच गयी थी।
एलेक्स कुछ देर लकड़ी को पकड़े कुछ सोचता रहा, फ़िर उसने क्रिस्टी को देखा और बोलना शूरु कर दिया- “मैंने अपनी पूरी जिंदगी बहुत ही सिंपल तरीके से गुजारी है, लेकिन ‘सुप्रीम’ पर आने के बाद मेरी जिंदगी में एकाएक बहुत से बदलाव आये। पहले मैं बहुत डरता था। लोग मुझे डराकर अपना काम निकाल लेते थे।"
बोलते-बोलते एलेक्स की निगाह जैक और जॉनी की ओर गयी। अचानक से एलेक्स के चेहरे के भाव बदलने लगे। अब वह थोड़ा गुस्से में नजर आने लगा।
“पर अब मैं किसी से नहीं डरता।" एलेक्स को बोलना बदस्तूर जारी रहा- “मुझे यह नहीं पता कि कब इस जंगल में मेरी जिंदगी का अंत हो जाए। इसिलए अब डरने का कोई मतलब भी नहीं बचता। दोस्तो अगर मुझे अतीत में जाकर कुछ बदलने का मौका मिले तो मैं अपने एक अपराध को अपने अतीत से हटाना चाहूँगा।"
एलेक्स की बात सुनकर सभी आश्चर्य से भर उठे। अचानक से ही क्रिस्टी के चेहरे के भाव बहुत सख्त हो गये और जैक व जॉनी के चेहरे पर डर दिखाई देने लगा।
जैक ने जॉनी की ओर देखा पर बोला कुछ नहीं, शायद अब बोलने का कोई मतलब भी नहीं था।
एलेक्स ने कुछ देर रुक कर सभी पर नजर डाली। सभी उत्सुकता से एलेक्स को ही देख रहे थे।
एलेक्स ने क्रिस्टी का हाथ अपने हाथ में लेकर फ़िर से बोलना शुरु कर दिया- “कैप्टेन मैं आप सबके सामने एक कन्फ़ेशन करना चाहता हूं।"
“कैसा कन्फ़ेशन?" सुयश ने एलेक्स को आश्चर्य से देखते हुए कहा।
“कैप्टेन मैं बहुत सीधा-साधा आदमी हूं। मगर पिछले साल मैंने किसी के साथ मिलकर एक बैंक डकैती को अंजाम दिया। पर उस दिन वहां बैंक में एक आदमी भी सूटकेस लेकर पैसा जमा करवाने आया था। जो अपना सूटकेस उस दिन मेरे साथी को नहीं दे रहा था।
मेरे साथी और उस आदमी के बीच सूटकेस को लेकर धक्का-मुक्की शुरू हो गयी। जिससे मेरे साथी की गोली गलती से उस आदमी को लग गयी और वह आदमी वहीं पर मर गया। यह देख हम बहुत घबरा गये और लूट का सामान लेकर वहां से भाग निकले। हालांकि उस समय मेरे हाथ में खाली रिवाल्वर थी और उस आदमी की हत्या में मेरा कोई हाथ नहीं था। फ़िर भी कैमरे की फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मुझे ही इस गिरोह का बॉस समझ लिया। अब मैं दुनिया की नजर में लुटेरा और खूनी दोनो ही बन गया।"
यह सुनते ही क्रिस्टी की आँखे बिल्कुल लाल हो गई। उसने धीरे से एलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और चुपचाप अपना इमोशन कण्ट्रोल करने लगी।
“तो क्या सुप्रीम पर भी तुम्हारे वो साथी तुमको डरा रहे थे?" ब्रैंडन ने एलेक्स के चेहरे की ओर देखते हुए पूछा- “नाम क्या है तुम्हारे साथियों का?"
“मेरे उन साथियों के नाम है- जैक और जॉनी।" एलेक्स ने जैक और जॉनी की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा।
यह सुन जैक और जॉनी का सिर शर्म से झुक गया।
थोड़ी देर तक किसी की समझ में नहीं आया कि वह जैक और जॉनी से क्या कहें?
इस सन्नाटे को क्रिस्टी की आवाज ने तोड़ा। उसने एलेक्स को संबोधित करते हुए कहा- “ऐसी क्या मजबूरी थी तुम्हारी? जो यह लोग तुम्हे बैंक डकैती करने के लिए मजबूर कर दिये?"
एलेक्स ने एक गहरी साँस भरी और फ़िर बिना क्रिस्टी की तरफ चेहरा घुमाये, बोल उठा-
“दरअसल मैं एक चोर हूं। मैं छोटी-मोटी चोरियां करता रहता था। पर मैने आज तक किसी को नहीं मारा।
जब जैक और जॉनी ने मुझे अपनी डकैती में मिलाना चाहा, तो मैं इसी शर्त पर तैयार हुआ था कि हम किसी को मारेंगे नहीं।
मुझे विस्वास था कि इस बैंक डकैती के बाद मुझे फ़िर कभी चोरी की जरुरत नहीं पड़ेगी। पर उस हत्या के बाद मुझे बहुत अफसोस हुआ। इसीलिये मैंने जैक और जॉनी से अपने हिस्से का पैसा भी नहीं लिया। उस हत्या के बाद अब मेरा नाम भी पुलिस रिकार्ड में आ जाना था। इसीलिये मैंने हमेशा के लिये अमेरिका छोड़ने का निर्णय लिया और सुप्रीम पर आ गया।
पर हाय री मेरी फूटी किस्मत! ये जैक और जॉनी भी बदकिस्मती से इसी जहाज पर थे। मैने इनहे जहाज पर देखने के बाद, इनसे कभी भी ना मिलने का फैसला लिया। इन्होने भी कभी मुझसे बात नहीं की। शायद कभी भी यह रहस्य आप लोग के सामने न आ पाता, पर मैने जबसे क्रिस्टी को देखा, अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे जीने का मुझे नयी प्रेरणा मिल गई हो। पर पहले सुप्रीम की दुर्घटना और फ़िर इन विचित्र घटनाओं का घटना।...आज शैफाली की बातों से ऐसा लगा कि मुझे अपने सिर का बोझ हल्का कर लेना चाहिए। और सच कहूँ तो अब मैं अपने आप को बहुत हल्का महसूस कर रहा हूँ। अब भले कोई मेरा सच जानने के बाद मुझसे प्यार करे या ना करे। अंत में मैं बस इतना कहना चाहूँगा कि मैं बुरा आदमी नहीं हूँ।"
“बेशक आप बुरे आदमी नहीं हैं एलेक्स भैया।" शैफाली ने एलेक्स के दोनो हाथो को, अपने हाथो में लेकर प्यार से पकड़ते हुए कहा-
“हर किसी के पास नहीं होता इतना साहस कि इतनी दिलेरी से सबके सामने सच कह सके। कोई और भले ही आपके साथ ना हो, पर मैं तो हमेशा आपके साथ रहूँगी, आपकी छोटी बहन बनकर।"
एलेक्स शैफाली की बात सुनकर भाव-विभोर हो गया। उसकी आँख से 2 बूंद आँसू निकलकर शैफाली के हाथो पर टपक गये।
अब क्रिस्टी के चेहरे के भाव भी सामान्य दिखने लगे। क्रिस्टी ने एलेक्स और शैफाली को एक साथ गले से लगाया और बोली-
“मै भी अब अपने ‘ऐलू’ को कभी नहीं छोड़ूंगी।" कहते-कहते क्रिस्टी का गला भी भर आया।
‘ऐलू’ शब्द सुनकर सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। इस इमोशन के बाद वहां का माहौल थोड़ा सा सामान्य हो गया।
थोड़ी देर बाद क्रिस्टी को यह अहसास हुआ कि वह कहां पर है? वह धीरे से शर्मा कर एलेक्स से अलग हो गयी।
तभी ब्रेंडन सुयश से बोल उठा- “कैप्टेन हो ना हो, पर न्यूयॉर्क से आया अपराधी वाला मैसेज जैक, जॉनी और एलेक्स के लिए ही रहा होगा।"
“ठीक कहते हो ब्रेंडन। जिन अपराधियों के बारे में इंटरपोल ने हमें सावधान किया था, ये यही होंगे।" सुयश ने कहा।
तभी जैक ने सुयश से मुखातिब होते हुए कहा-
“माफ़ी चाहता हूँ कैप्टेन। पर मेरा भी उस आदमी को मारने का कोई इरादा नहीं था, पर शायद होनी को यही मंजूर था। लेकिन मै आपसे वादा करता हूँ कि जब तक आप लोगों के साथ हूँ कोई गड़बड़ नहीं करूंगा और अगर हम वापस अपनी सभ्यता तक पहुंच गये, तो बेशक आप हमें इंटरपोल के हवाले कर सकते हैं।"
“मै भी अपने किये की सभी से माफ़ी चाहता हूँ।" जॉनी ने भी अपने स्थान पर बैठे-बैठे ही सिर झुकाकर कहा।
अगर कोई और परिस्थिती होती तो शायद सुयश जैक और जॉनी पर कोई और प्रतिक्रिया दिखाता, पर
इस समय के हालात ऐसे थे कि सुयश से कुछ कहते ना बना।
कुछ देर तक वहां पर सन्नाटा छाया रहा और इससे पहले कि जेनिथ फ़िर से बॉटल घुमाती, सुयश बोल उठा-
“रात काफ़ी हो चुकी है और हम लोग दिन भर के थके भी हैं, इसिलए अब हमें आराम करना चाहिए।"
सच में सभी को बुरी तरह से थकान लग रही थी। इसिलये सुयश की बात सुन सभी वही आग के चारो तरफ बिखर कर सो गये।
इन सबको सोता देख पेड़ के पीछे छुपी वह आकृति भी वहि पास के एक पेड़ पर चढ़कर बैठ गयी। लेकिन उसकी आँखे अभी भी सबके ऊपर ही थी।
दूसरी क्रिस्टी: (8 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30, मायावन, अराका द्वीप)
चाँदनी रात थी। आसमान भी बिल्कुल साफ था। सभी आग के चारो तरफ गहरी नींद में सो रहे थे।
तभी अचानक एक खटके की आवाज सुनकर जेनिथ की नींद खुल गयी। उसकी नजर आवाज की दिशा में गयी, पर उसे कुछ नजर नहीं आया।
तभी वैसी ही खटके की आवाज दोबारा आयी। जेनिथ ने अपना चेहरा आवाज की दिशा में घुमाया। जेनिथ को कुछ दूरी पर क्रिस्टी खड़ी नजर आयी।
जैसे ही जेनिथ की नजर क्रिस्टी पर पड़ी, क्रिस्टी ने अपने मुंह पर उंगली रखते हुए जेनिथ को चुप रहने का इशारा किया।
जेनिथ अब सस्पेंस के झूले में झूलने लगी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्रिस्टी ऐसा क्यूं कर रही हैं?
तभी क्रिस्टी ने जेनिथ को अपने पास आने का इशारा किया और पेड़ों के एक झुरमुट की ओर चल दी।
जेनिथ पहले तो अचकचायी, फ़िर उठकर चुपचाप क्रिस्टी के पीछे चल दी। उसे लगा कि शायद क्रिस्टी उसे कुछ दिखाना चाह रही है। अगर जेनिथ की नजर अपने आस-पास सोये लोगो पर गयी होती, तो उसे झटका लग जाना था क्यों की उससे कुछ ही दूरी पर क्रिस्टी सो रही थी।
जारी रहेगी_______
Game kuch nahi bas atlantis wale khopdi ka istemal kar rahe hain or kya Uss ladki ki Sakal kristy jaise nahi hai, balki wo koi or hi haiYe kya naya game chal raha hai??
Kya wo ladki kisi ka bhi roop dharan kar sakti hai ya phir uska chehra pahle se hi Cristy ke jaisa hi hai???
Alex ka sach accept karna uski tarif toh banti hai kyonki apni galti ko accept kar usme sudhar karna sabhi ki bas ki baat nahi hoti hai.
Aapne theek kaha, ek mauka to banta hai, agar koi prayschit karna chahta hai toEk aur important point jab koi apni galti accept kar sahi raste par aana chahta hai toh use maaf kar dena chahiye taki wo apne jeevan mein sahi raste par chal sake wahi kaam Shefali aur Cristy ne kiya.
Thank you very much for your kind words, and jenith ko kuch nahi hoga Thanks for your wonderful review bhaiKhair in sabhi ke liye aapki tarif banti hai brother, kyonki is story ke asli hero toh aap hi ho jisne apne characters ko kya khub role diya hai.
Wonderful update dekhte hain Jenith ke sath aage kya hone wala hai???
Thank you very much for your valuable review and support bhai Aise hi sath bane rahiyeBahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
#66.
अचानक वह ढाल नाचते हुए वहीं पर जमीन में समा गयी। जहां पर वह ढाल जमीन में समायी थी, अब वहां पर एक 5 फुट चौड़ाई का गड्ढ़ा (छेद) दिखाई देने लगा।
जेम्स ने गड्डे में झांक कर देखा। गड्डे में नीचे की तरफ जाती हुई सीढ़ियाँ दिखाई देने लगी।
आश्चर्याजनक तरीके से वह सीढ़ियाँ ऐसे चमक रही थी, जैसे उनमें सुनहरी लाइट लगी हो। सीढ़ियों के अगल-बगल घुप्प अंधेरा था।
विल्मर ने अपने टूल बैग से एक पावरफुल टार्च निकाली और उसे ऑन कर उसकी रोशनी गड्डे में मारी, पर टार्च की रोशनी भूसे में तिनके के समान लगी। टार्च की रोशनी 10 फुट से ज़्यादा आगे नहीं जा रही थी।
“क्या हमें नीचे चलकर देखना चाहिए?" जेम्स ने विल्मर की ओर देखते हुए पूछा।
“अब जब इतनी मेहनत की है, तो नीचे भी जाकर अवश्य देखेंगे।" विल्मर ने हामी भरते हुए कहा।
“पर ये सीढ़ियाँ तो बहुत ज़्यादा दिख राही हैं, इनका तो कही अंत भी नही दिख रहा है।" जेम्स ने सीढ़ियों की ओर देखते हुए कहा- “शायद ये हजार से भी ज़्यादा है? पता नही जमीन से इतना नीचे ऑक्सीजन भी
होगा कि नही?"
“एक काम करते है। कुछ नीचे तक उतर कर देखते है, अगर हम उतने नीचे तक कंफर्टेबल नहीं होंगे तो वहां से वापस आ जाएंगे।" विल्मर ने जेम्स के सामने अपनी राय रखते हुए कहा।
“ठीक है, तो मैं नीचे चलने को तैयार हू।" जेम्स ने भी विल्मर की राय पर अपनी सहमती जताते हुए कहा।
फिर क्या था दोनो ने अपने कंधे पर टूल बैग टांगा और हाथो में टार्च लेकर सीढ़ियों पर उतर गये।
अभी वह 6-7 सीढ़ियाँ ही उतर पाये थे कि तभी उन्हे एक तेज हवा का झोंका महसूस हुआ। ऐसा लगा जैसे कुछ उनके बगल से तेजी से निकला हो और इसी के साथ एक तेज गड़गड़ाहट के साथ ढाल वाला रास्ता ऊपर से बंद हो गया।
“ये तो ऊपर वाला रास्ता बंद हो गया?" जेम्स ने डरते हुए कहा-“अब हम वापस कैसे जाएंगे?“
“परेशान मत हो।" विल्मर ने जेम्स का हौसला बढ़ाते हुए कहा-“अगर ऊपर से दरवाजा खोलने का तरीका था तो नीचे से भी जरूर होगा। पहले नीचे चलते है, ऊपर की बाद में सोचेंगे।"
दोनो अब सावधानी से नीचे उतरने लगे। लगभग 800 सीढ़ियाँ उतरने के बाद उन्हे आगे सीढ़ियाँ ख़तम होती दिखि। यह देख दोनों ने राहत की साँस ली।
कुछ और आगे जाने पर अब इन्हे आखरी सीढ़ी बिल्कुल साफ दिखने लगी थी।
“यह क्या? आखरी सीढ़ी तो लाल रंग में चमक रही है।" जेम्स ने आखरी सीढ़ी की ओर देखते हुए कहा।
विल्मर को भी कुछ समझ में नहीं आया। अब दोनों जल्दी-जल्दी सीढ़ियाँ उतरने लगे।
अगले 5 मिनट में ही दोनों आखरी सीढ़ी के पास पहुंच गये।
जेम्स ने आखरी सीढ़ी से पहले ही टार्च को सामने की ओर मारा। सामने लगभग 10 कदम आगे अंधेरे में एक दीवार थी।
कुछ सोच विल्मर ने धीरे से अपना एक पैर लाल रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया।
विल्मर के ऐसा करते ही लाल वाली सीढ़ी का रंग हरा हो गया।
यह देख जेम्स ने भी अपना पैर हरे रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया और जेम्स के ऐसा करते ही उस हरी सीढ़ी को छोड़ बाकी सभी सीढ़ियों का चमकना बंद हो गया।
अब पीछे कुछ भी नहीं दिख रहा था की वो लोग कहां से आये थे?
तभी उस पहाड़ में कहीं ‘खट्-खट्’ की आवाज उभरी और इसके साथ ही इनके सामने की दीवार सुनहरी रोशनी से जगमगा उठी।
उस दीवार में उसी सुनहरी धातु से बना एक दरवाजा लगा था, जिसको काटने की इन्होने कोशिश की थी। उस दरवाजे के बीचोबीच में एक चाँदी जैसी धातु से बना शेर का उभरा हुआ सिर लगा था।
उस शेर का मुंह खुला हुआ था और उस खुले मुंह से शेर की जीभ बाहर आ रही थी।
जेम्स और विल्मर के सामने वह चमकता दरवाजा था और बाकी की दोनो साइड बिल्कुल अंधेरा था।
“यह तो बहुत विचित्र जगह लग रही है। विल्मर ने जेम्स से कहा- “लगता है सच में हमने किसी नयी दुनियां को खोज लिया है?"
“क्या फायदा ऐसी नयी दुनियां का, जिसके बारे में अब हम किसी को बता ही नहीं सकते।" जेम्स ने नकारात्मक अंदाज में कहा।
“परेशान मत हो जेम्स। हमको यहां से निकलने का रास्ता जरूर मिल जायेगा।" विल्मर ने फ़िर जेम्स की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा- “पहले यह सोचो कि यहां से आगे बढ़ने का रास्ता किधर है?"
यह सुन जेम्स ने आगे बढ़कर शेर की आँख को अंदर दबाने की कोशिश की, पर वह अंदर नहीं दबी।
अब जेम्स कभी शेर के कान उमेठता तो कभी उसकी जीभ, पर शेर के सिर का कोई भाग चलायमान नहीं था।
विल्मर ध्यान से जेम्स की यह बच्चे जैसी हरकत देख कर मुस्कुरा रहा था। तभी विल्मर की निगाह शेर के खुले मुंह के अंदर की ओर गयी। विल्मर ने जाने क्या सोचकर शेर के मुंह के अंदर टार्च मारकर देखा।
विल्मर को शेर के मुंह के अंदर कोई लीवर सा दिखाइ दिया। यह देख विल्मर ने शेर के मुंह में हाथ डालकर उस लीवर को धीरे से हिलाने की कोशिश की।
विल्मर के छेड़-छाड़ करने पर वह लीवर आगे की तरफ खिंच गया और तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज के साथ, वह दरवाजा अंदर की ओर खुल गया।
जेम्स और विल्मर उस दरवाजे को पार कर दूसरी तरफ आ गये।
दरवाजे के दूसरी तरफ एक विशालकाय कमरा था। देखने में वह कमरा किसी पुराने राजा के दरबार जैसा था।
कमरे के बीचोबीच एक गोल पानी का फव्वारा लगा था। उस फव्वारे के बीच में एक विचित्र सी नक्काशी
किया हुआ एक धातु का खंभा बना था। उस खंभे के ऊपर की आकृति एक 7 सिर वाले साँप (सर्प) की थी, जिसके सातों फन गोल आकृति में आपस में जुड़े थे।
हर सर्प के फन से पानी की फुहार निकल रही थी, जो उस गोल फव्वारे में गिर रही थी। सर्प के उन फनों पर एक छोटा सा चबूतरा बना था, जिस पर एक असली कमल का फूल रखा हुआ था।
गोल फव्वारे के अंदर काफ़ी मात्रा में पानी भरा था जिसमें नीले रंग की छोटी-छोटी सुंदर मछिलयां तैर रही थी।
उस कमरे में दीवार से चिपके हुए 7 कांच के ताबूत भी लगे थे। सभी ताबूत के बीच लगभग 10 मीटर की दूरी थी।
हर एक ताबूत में अलग-अलग रंग का द्रव्य भरा था, जिसके बीच 7 पौराणिक योद्धाओ के निर्जीव शरीर भी उपस्थित थे।
हर एक योद्धा लंबा- चौड़ा दिख रहा था। उनमें से बीच वाले ताबूत के सामने एक 2 फुट का, धातु का पोडियम बना था, जिस पर 3 छोटे-छोटे सुराख बने थे।
कमरे की दीवार और छत पर उसी सुनहरी धातु से नक्काशी की गई थी। कमरे की छत पर एक उसी धातु से एक चित्र को उकेरा गया था।
उस चित्र में पहाड़ो के बीच बनी किसी घाटी के सीन को दिखाया गया था, जिसमें सूर्य पहाड़ो के बीच से निकलता दिखाई दे रहा था और सूर्य की किरणें घाटी में पड़ रही थी।
उस घाटी के आसमान पर एक इंद्रधनुष भी चमक रहा था।
कुल मिलाकर कमरे का माहौल बहुत ही रहस्यमयी दिख रहा था।
जेम्स और विल्मर कमरे में घूमते हुए पहले एक-एक कर सारी चीज़ो को देखने लगे। कमरे में सबसे आशचर्यजनक उन्हें वही काँच के ताबूत दिखे।
“विल्मर!" जेम्स ने विल्मर को सम्बोधित करते हुए कहा-
“क्या ये पौराणिक समय की ममी है जिन्हें किसी द्रव के अंदर सुरक्षित रखा गया है?"
“लग तो कुछ ऐसा ही रहा है, पर ताबूत में बंद हर द्रव का रंग अलग-अलग क्यों है?“ विल्मर ने कहा।
“एक बात और अजीब सी है।" जेम्स ने कमरे में एक नजर दौड़ाते हुए कहा- “उस खंभे पर मौजूद सर्प के 7 सिर है, यहां पर 7 ही ताबूत है और उन ताबूतों में 7 ही रंग का द्रव्य भरा है। तुम्हे यह अजीब सी समानता देख कर क्या लग रहा है?"
“तुमने छत की ओर ध्यान नहीं दिया।" विल्मर ने छत की ओर इशारा करते हुए कहा- “वहां पर भी जो चित्र बना है, उसमें सूर्य से 7 ही किरणें निकल रही है और वहां बने इंद्रधनुष में भी 7 ही रंग भरे है। इसका साफ मतलब है की 7 अंक का कुछ ना कुछ तो चक्कर है?"
“इंद्रधनुष!"
जेम्स इंद्रधनुष का नाम सुनकर फ़िर से उन काँच के ताबूतों की ओर देखने लगा और फ़िर चहक कर बोला- “विल्मर, इन ताबूत के अंदर भरा द्रव का रंग इंद्रधनुष के रंग से मैच कर रहा है। जरा ध्यान से इन सारे ताबूतों को देखो, पहले ताबूत में बैंगनी रंग का द्रव है, दूसरे में आसमानी, तीसरे में नीला, चौथे में हरा, पांचवे में पीला, छठे में नारंगी और सातवां में लाल रंग का द्रव भरा है, और इंद्रधनुष में भी यही सारे रंग पाये जाते है।"
विल्मर भी यह देखकर आश्चर्य से भर गया क्यों की जेम्स का अवलोकन बिल्कुल सही था।
“अच्छा, इस पूरे कमरे को देखकर यह भी महसूस हो रहा है जैसे कि ये पूरा सेटअप कल ही लगाया गया हो।" जेम्स ने कहा- “पूरा कमरा साफ-सुथरा नजर आ रहा है, यहां तक कि उन सर्प के ऊपर रखा कमल का फूल भी बिल्कुल ताजा दिख रहा है।"
कहते-कहते जेम्स उस फव्वारे के पास आ गया और ध्यान से उन सर्प की आकृति वाले खंभे को देखने लगा। कुछ सोचकर जेम्स ने फव्वारे के पानी में अपना कदम रख दिया।
उसके पानी में कदम रखते ही पानी में मौजूद नीली मछिलयां भाग कर दूसरी साइड चली गई।
जारी रहेगा_______