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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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#67.

जेम्स अब उस खंभे की ओर बढ़ा। उसने सर्प के एक फन को धीरे से हिलाकर देखा, पर कहीं कोई हरकत नहीं हुई। जेम्स ने सर्प के मुंह में भी हाथ डालकर देखा, मगर वहां भी कुछ नहीं था। कुछ सोचकर जेम्स ने सर्प के सिर पर रखा कमल का फूल हाथ में उठा लिया।

जेम्स के द्वारा फूल उठाए जाते ही अचानक से फव्वारे के पानी में मौजूद नीली मछिलयां बहुत तेजी से इधर-उधर भागने लगी।

यह देखकर जेम्स घबरा कर फव्वारे से फूल लेकर बाहर आ गया। मछलियों के पानी में भागने की रफ़्तार अब और भी तेज हो गयी।

“अरे यह क्या?" विल्मर ने मछलियों को देखते हुए आशचर्य से कहा- “इन मछलियों का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है।"

विल्मर की बात सुन जेम्स भी हैरान रह गया क्यों की मछलियों का आकार सच में बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फव्वारे का पानी भी।

ऐसा लग रहा था कि मछिलयां फव्वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो रही है। जेम्स और विल्मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये।

कुछ ही देर में नींबू के आकार की मछिलयां फुटबॉल के आकार की हो गयी और धीरे-धीरे फव्वारे
का सारा पानी भी ख़तम हो गया।

जैसे ही सारा पानी ख़तम हुआ, अचानक से उस सर्पकार खंभे ने लट्टू की तरह से नाचना शुरू कर दिया और नाचते-नाचते जमीन में समाने लगा।

धीरे-धीरे वह पूरा का पूरा खंभा जमीन में समा गया और उसके साथ ही उस गड्डे में सारी मछिलयां भी समा गई।

अब जमीन से हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने लगी और इसी के साथ उस खाली स्थान से एक बर्फ़ की सिल्ली बाहर निकलती हुई दिखाई दी।

धीरे-धीरे 6 फुट की एक बर्फ़ की सिल्ली पूरी बाहर आ गयी।

सिल्ली के बाहर निकलते ही अचानक छत पर बने सूर्य से 7 रंग की किरण निकलकर उस बर्फ़ की
सिल्ली पर पड़ने लगी और इसी के साथ सिल्ली की बर्फ़ पिघलने लगी।

बर्फ़ के अंदर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बंद थी जो बर्फ़ के पिघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़की किसी अप्सरा की मानिंद खूबसूरत दिख रही थी।

हिरन के समान काली आँखें, अग्नि के समान घुंघराले सुनहरे बाल, सीप से पतले होंठ, गुलाब सा चेहरा, सुराहीदार गरदन, दूध सा चमकता गोरा शरीर, सब कुछ उसकी खूबसूरती को बयां कर रहे थे।

उसके माथे पर सुनहरा मगर छोटा सा मुकुट था। उसने योद्धाओं के समान सुनहरी धातु की पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ में एक 6 फुट की सुनहरी धातु का त्रिशूल पकड़ रखा था।

जेम्स और विल्मर तो यह सीन देख डर कर भागने वाले थे, पर उस लड़की का सौंदर्य ही ऐसा था जो कि उनको वहां से हटने ही नहीं दे रहा था। दोनों मंत्र-मुग्ध से उस योद्धा अप्सरा को निहार रहे थे।

कुछ ही देर में बर्फ़ पूरी तरह से पिघल गयी और वह अप्सरा पूर्ण सजीव हो गयी।

अब उस अप्सरा की नजरे जेम्स और विल्मर पर गयी। वह धीरे-धीरे चलती हुई उन दोनों के सामने आ खड़ी हुई।

“जेम्स और विल्मर को शलाका का प्रणाम।" उस अप्सरा ने झुककर जेम्स और विल्मर को अभिवादन किया।

अपना नाम शलाका के मुंह से सुनकर जेम्स और विल्मर के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा। उन्हें कुछ
बोलते नहीं बन रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके होंठ उनके तालू से चिपक गये हो।

“क.... क.... कौन हो आप?" बहुत मुश्किल से विल्मर ने डरते हुए शलाका से पूछा- “और हमारा नाम कैसे जानती हो?"

“थोड़ी देर इत्मिनान रखिये, अभी सब बताऊंगी आप लोग को, पहले जरा इन सबको तो जगा दू।" इतना कहकर शलाका ने उन ताबूतों को देखा जो कि कमरे में खड़े थे।

शलाका अब चलती हुई बीच वाले ताबूत के पास रखे पोडियम के पास पहुंच गयी। उसने एक बार सभी ताबूतों की ओर देखा और फ़िर पोडियम के बीच बने तीनो सुराख में अपना त्रिशूल घुसा दिया।

त्रिशूल के घुसाते ही हर ताबूत में जमीन की तरफ एक सुराख हो गया और उस सुराख के
माध्यम से सारा रंगीन द्रव्य जमीन में समा गया।

जैसे ही पूरा द्रव्य ताबूत से ख़तम हुआ, सारे योद्धा जीवित हो गये। योद्धाओं के जीवित होते ही सभी काँच के ताबूत जमीन में समा गये।

“सभी भाइयों का सन् 2004 में स्वागत है।" शलाका ने झुक कर सभी का अभिवादन किया।

आठों योद्धाओ ने अपने हाथ से मुक्के बनाकर आपस में टकराये। अब उनकी निगाहें डरे-सहमें जेम्स और विल्मर की ओर थी।

“हम 5000 वर्ष के बाद आज जागे है।" शलाका ने जेम्स और विल्मर की ओर देखते हुए कहा- “हम आपको सब बतायेंगे, पर अभी आप लोग थोड़ा आराम करे और हमें अपने कुछ जरुरी काम कर लेने दे। फ़िर हम आप को सब बतायेंगे।"

जेम्स और विल्मर के पास तो बहस करने की हिम्मत भी नहीं थी अतः उनहोने शांति से सर हिला दिया।

शलाका ने सहमित देख अपना त्रिशूल हवा में लहराया। जिसकी वजह से हवा में एक दरवाजा उत्तपन्न
हुआ। शलाका ने दोनों को उस दरवाजे से अंदर जाने का इशारा किया।

जेम्स और विल्मर ना चाहते हुए भी उस दरवाजे के अंदर प्रवेश कर गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक शानदार शयनकक्ष था जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा टॉयलेट भी मौजूद था। परंतु उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था और उनके शयनकक्ष में घुसते ही शलाका का बनाया द्वार भी गायब हो गया था।

जेम्स और विल्मर अब बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे थे। उनके पास अब इंतजार करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था।

इसिलए दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गये और इंतजार करने लगे शलाका के आने का।


नयनतारा:
8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका द्वीप

सुबह उठकर नित्य कार्यो से निवृत्त होने के बाद सभी ने हलका-फुलका फलो का नास्ता किया और फ़िर से जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि द्वीप बहुत ही खतरनाक और विचित्र चीज़ों से भरा पड़ा है।

सबसे आगे सुयश चल रहा था, फ़िर उसके पीछे अल्बर्ट था, उसके पीछे एलेक्स और क्रिस्टी, फ़िर शैफाली और ब्रूनो, फ़िर जेनिथ और तौफीक, फ़िर असलम और ब्रैंडन और फ़िर सबसे पीछे जैक और जॉनी।

जैक और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे जिससे खतरा महसूस होते ही वह पीछे से भाग सके।

“पता नहीं कब ख़तम होगा ये जंगल?" जैक ने जॉनी से धीमी आवाज में कहा- “परेशान हो गया हू चलते-चलते।"

“मुझसे तो बिना शराब के चला ही नहीं जा रहा है।" जॉनी ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा- “पूरे 2 दिन से शराब की एक बूंद भी नहीं गयी हलक के नीचे। बेकार है इतने पैसे का होना, जबकि हम उसे प्रयोग में
ही ना ला सके।"

“तुझे शराब की पड़ी है। यहां मैंने कितने सपने सजाए थे कि ऑस्ट्रेलिया जाकर बीच पर घूमूंगा, लडकियों का डांस देखूंगा..... पर हाय री फूटी किस्मत.... सब बरबाद हो गया ... डांस देखने की छोड़ो अब तो यहां हमारे खुद पत्तियों को पहन कर जंगल में डांस करने की हालत आ गयी है।"

जैक की बात सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

जॉनी को मुस्कुराता देखकर जैक को गुस्सा आ गया और वह बोल उठा- “तू क्यूं मुस्कुरा रहा है मेरी बात सुनकर?"

“बस तुझे पत्तियों को पहन कर डांस करते हुए कल्पना कर रहा हुं। सच्ची में यार बहुत खूबसूरत लगेगा तू तो ऐसी स्थिति में।" जॉनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

जैक जॉनी की बात सुनकर भड़क उठा और एक घूंसा धीरे से जॉनी की पीठ में जड़ते हुए बोला-
“अच्छा होता कि ड्रेजलर कि बजाय वह अजगर तुझे मार देता।"

जॉनी घूंसा खाकर आगे भाग गया और सुयश से बोला-
“कैप्टन, यदि ड्रेजलर के पत्थर पर साँप बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर दिया। मेरे पत्थर पर तो बंदर बना था तो मुझ पर अब किंग-कॉन्ग हमला करेगा या गोरिल्ला?"

ना चाहते हुए भी सुयश सिहत सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

“ऐसा कुछ भी नहीं है।" सुयश ने सबका डर कम करने के लिये कहा- “ये सिर्फ एक इत्तेफाक भी हो सकता है।"

“मैं इसे इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं हुं कैप्टन।"अल्बर्ट ने सुयश को देखते हुए कहा- “क्यों की हम सभी शैफाली के सपनों के बारे में जानते
हैं। उसकी कही हर एक बात सच होती जा रही है।"

अल्बर्ट की बात सुन सभी अल्बर्ट और सुयश के पास आ गये।

शैफाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के पास कुछ फुसफुसाहट सी सुनाई दी
जो की यकीनन इनमें से किसी की नहीं थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"

शैफाली यह सुनकर विस्मित हो गयी और बिना किसी से बोले एक दिशा की ओर चल दी।




जारी रहेगा________✍️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Mayavan toh sach mei kaafi mayavi ✨hai... Sajeev ped 🌳 , Jalotha 🐊, Anaconda 🐍aur yeh chalava 🎭.. ek ke baad ek mayavi jeevo se samana jo raha hai..

Ab dekhte hai yeh chalava kiss prakaar Jenith ko chalta hai.. kya Jenith ki jaan khatre mei hai?
:cool3:

To Alex bhi Jack or Johnny ki apradhi hai lekin bat kismati se bechara Alex galat fas gaya Jack or Johnny ke wajh se
Lekin
Kristi ko achnak se bich me esa kya hua jab Alex ne apni aap biti bataiye Q gusse se lal thi aakhe Kristi ki
.
Ab ye Rat me Jenith ki kisi awaj se need khul gayi or use Kristi dikhi jo uske chup rehne ka ishre kar apne sath kahe lee jaa rhe hai jabki iske bad Jenith ne sabhi ke sath Kristi ko sote hue dekha to aakhir Jenith ke sath Kristi ke bhasseee me kaun hai wo or Jenith ko kyo or kaha lee jaa rhe hai kahee ye Jenith ka anth to nahi ya kuch or
.
Very well update Raj_sharma bhai

Christy sahi waqt pe jaa gayi.. warna pata nahi Jenith ka kya hota.

Aur yeh Trans Antartic par yeh kya naya khazana khula? Aur uska iss Arka dweep se kya dilchasp nata hai? yeh sab jaana kaafi exciting hoga..

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Update 61 se 65 tak ka review ha bhai

1. To jaise ki wo bhavishya ke pathar the jo ek tarah se bhavishya batate han to drazler ki mout bilkul waise hi hui jaise ki uske pathar per tasveer bani thi sanp ki to us prakar se to aisa lagta ha ki wo tilasmi ring ha wo suyesh ko milegi kyonki uske pathar per sher ke sath ring ki bhi tasveer thi or albert ki mout lagta ha kisi machhli ke dwara hi likhi gayi ha ya fir ho sakta ha ki uska matlab kuchh or bhi ho sakta ha lekin pathar bhi 12 han or ye log bhi 12 to ye sanyog to nahi ho sakta koi to ha jo shefali se connection bethaye hue ha or usi ke dwara ye sab ho raha ha

2. Or jaise in logon ko abhi tak araka per kisi manav sabhyata ka pata na lagna bhi wo adrashya deewar ha jisse inhe pata hi nahi chal raha ki ye insani sabhyata ya araka dwip per rahne walon ke kitne karib han kyonki agar wo adrasya deewar na hoti to ye ab tak un tak shayd pahunch chuke hote kyonki din me to na sahi rat me to udhar se roshni ati hi ir waise bhi inki technology high ha to us roshni ka pichha karke ye pahunch jate un logon ke pas lekin shayd kisi or tarike se pahunch jayen

3. Idhar vega samra rajya ka vasi nikla jiko uske pariwar walon ne hi usse dur rakha uski suraksha ke liye lekin ye bat shayd suraksha ke liye nahi ha vega lagta ha bahut important ha yugaka or ye jo baba ha unke liye or sare samra rajya ke liye tabhi to uski suraksha ka itna intejam kiya gaya ha warna to yugaka bhi idhar hi ha use bhi yahin rakh sakte the lekin kuchh to ha usme tabhi use na to atlantis ka itihas bataya gaya ha or na hi araka ka rahasya

4. Idhar baba ke mahal ka description ek dam badhiya diya ha bilkul detail me ki kisi image ki bhi jarurat na pade sab imagination se hi ho jata ha ye badhiya bat lagi aapki writing me bro . Or ab to vega ki security ke liye khas invention bhi kar diya ha watch nice wo bhi power wali sala ben 10 ke omnitrix ki yad aa gayi isse to chalo dekhte han fur bhi kaise vega tak ye watch pahunchti ha ir kaise wo uska istemal karta ha

5. Idhar jaise ki ye game ke dwara in logon ne apas ke raj kholna jari rakha ha jisse ye raj to khul Gaya ha ki alex ke sathi jack or jony the jinhone bank daketi ki thi lekin ye raj abhi bhi khulna baki ha ki loren ko kisne mara tha ab waise bhi inko bata dena chahiye kyonki waise bhi mout to inke sir per hi ha to sare raj apas me share kar len to kya dikkat ha waise ab shak ke dayre me toffik aslam alex or brandon hi ha jisme se toffik or aslam ke sabse jyada chances ha or aslam ke to sabse jyada waise ek doubt ha kahin liren ka bhi to is araka dwip se koi connection nahi tha na jisse use mara gaya ho or ye nakli aslam ka bhi kyonki ye abhi nahi bataya gaya ha ki ye apne bag me akhir kya chupa ker le ja raha ha

6. Idhar jenith bal bal bachi ha nahi to wo bhi shikar ho hi jati aaj bolo koi to ha in per najar rakhe hue ha or inka bhala to katayi nahi chahta jaise ki is bar kristi ka bhes lekar aya tha to age chalker kisi or ka bhi bhes leker aa sakta ha jisse inme aapsi dushmani hi ho jaye or ye log ek dusre per hi bharosa na karen or agar alag ho gaye to inko pakadna asan bhi to ho jayega or lagta ha wo jo koi bhi ha jo inka pichha kar raha ha wo yahi chahta ha

7. Idhar wo dhal jo antartica me mili thi wo to koi lagta ha kisi tarah ka darwaja ha jiska button wo dragon ki akriti hi thi jise james ne daba diya ha lagta ha ab darwaja khul jayega or james or vilmer lagta ha kisi alag hi duniya me pravesh karne wale han jo antartica ke niche barf me dabi hui ha or ye duniya lagta ha atlantis ke hi avshesh me se ek bhi ho sakti ha

Baki sare update ek dam badhiya the bilkul romanchkari or rahasyamayi

पंडित जी ने संकेत दे दिए है कि ' सम्राट ' के कम से कम चार यात्री जीवित रहेंगे । वह चार भाग्यवान यात्री हैं - शैफाली , राइटर साहब के लख्ते जिगर सुयश साहब , और इस कहानी के ताजा ताजा बने हीरो - हीरोइन एलेक्स और क्रिस्टी ।
बाकी लोग का पिंड दान पंडित जी कर ही देंगे और वह भी पुरे मंत्रोच्चार के साथ । :D

इस मायावन , इस मायावी संसार ,इस मायाजाल , इस तिलिस्म मे कुछ भी हो जाए वह कम ही है । पग पग पर अजीबोगरीब और अनहोनी जैसी चीजें घटित हो रही है । इसलिए क्रिस्टी के डुप्लीकेट का पाया जाना हैरान करने वाली बात नही लगी ।
जेनिथ मैडम का राम नाम सत्य होना ही है । उसे भले ही कुछ दिनों तक जीने का अवसर प्राप्त हो गया हो पर उस बेचारी का भी बलि अंततः ले ही लिया जायेगा ।

खैर , इस मायामय तिलिस्म पर हो रहे हर एक घटनाक्रम , हर एक मौत पर हम दुख ही व्यक्त कर सकते हैं ।
देखते है इस बार किस व्यक्ति का टिकट कटता है !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।

nice update

Bhut hi badhiya update bhai
To Aaj jenith marte marte bachi agar Kristi use aavaj nahi deti to Aaj vah bhi bhagwan ko pyari ho gayi hoti
Vah nakli Kristi akir jenith ko kaha lejana chahti thi
Vahi dusri or Antarctica me lagta hai James ne galti se us dhal par bane dragon ki madad se koi darvaja kol diya hai
Dekte hai ab aage kya hota hai

Bahut badhiya update diya ha bhai

Waise detailing me har shabd or scene ko likhna ki images ki jarurat hi na pade to iske liye to aap ki lekhni kamal ki ha bhai scene ko aise describe kiya ha ki imagination me hi sab dekh liya


Ab bat kete han ki james or vilmer inka lalach inhe lagta ha mout ke muh me le aya ha aisa lag raha ha kyonki jis darwaje se aye the wo to band ho gaya or aa gaye han ek aise rahasyamayi kamre me ki lagta ha ya to idhar hi nipat jayenge ya fir kisi or hi duniya me pahunch jayenge

7 number bahut kuchh kehta ha ab har chijen sankhyan me 7 han to ek bat ha lidiya ke bete bhi 7 the or yahan yodha bhi 7 ha kahin in kanch ke tabuton me wo hi to ked nahi jo in donon ke karan wapas se halchal me aa jayen or waise lagta ha shalaka udhar araka dwip per ha or jo supreme ki toli ke sath ghatnayen ho rahi ha unme lagta ha shlaka ji ka hath ha ya fir wo khud puri ki puri hi ha

Waise ek guess ha ki suyesh ke pathar per bhi sher ka nishan tha idhar antarctica me bhi darwaje ka liver sher ke muh me tha lagta ha udhar araka dwip per bhi ek aisa hi drwaja ho sakta ha jis per sher ka nishan ho jo ki suyesh ko mile

कुछ भी कहने / लिखने से पहले ये कहना बहुत आवश्यक है कि आपकी कल्पना शक्ति बहुत गज़ब की है।

भाई वाह! क्या दुनिया रच दी है आपने! इसीलिए पढ़ने में भी रूचि आती है।
इतने सारे पात्रों को साथ ले कर, अलग अलग समानांतर समय में अलग अलग वृत्तांत लिखना -- यह कठिन कार्य है (कम से कम मैं नहीं कर पाता)!
अब अगर कहानी की घटनाओं की बात करें, तो फिलहाल क्या ही कहें? बहुत पहले एक अंग्रेजी सीरियल देखा था - लॉस्ट!
यह द्वीप उस सीरियल के द्वीप की याद दिला देता है।
उधर जेम्स और विल्मर एक अलग ही तिलिस्म में प्रविष्ट हो गए हैं। कहीं ये द्वीप और वो बर्फ़ के नीचे दबा हुआ (जो भी कुछ है वो) दोनों आपस में (physically) जुड़े तो नहीं हैं?
बातें आगे साफ़ तो होंगी ही। रोचक रहेगा कि कैसे!

बेहद उम्दा लेखन!!

काला नाग भाई को भी यही सुझाव दिया था मैंने, और आपको भी देता हूँ -- कोई बढ़िया सा लम्बा उपन्यास लिख कर छपवाओ भाई।
आज कल तो इस काम में तरक़्क़ी और प्रसिद्धि भी है :)

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Chalo ab rainbow 🌈 ki baat ho hi gayi hai toh is par bhi kuchh charcha kar liya jaye.
Infact surya ka prakash white colour ka hi hota hai lekin jab ye air medium ko chhod kar kisi aur medium se paar hota hai toh yah seven different different colours mein divide ho jata hai, kyonki sabhi colours ki wavelength, frequency aur speed alag alag hoti hai.

Let's see Vilmar aur James ka ye khoj aur kya kya nayi cheez samne lata hai.

Beautiful update brother!!! Hats off to you, aapne apni story ke liye kaphi research kiya hai aur no doubt story likhne se pahle bhi aapne apne characters ke sath bahut time spend Kiya hoga.

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Nice update....

इस अपडेट को पढ़ कर यही लग रहा है कि अब आकरा द्वीप के निर्वाण का समय नजदीक आता लग रहा है।

लेकिन क्या ये दुनिया अब इन योद्धाओं को झेल पाएगी? इतना सम्हाल कर इनके शरीर को रखा गया है कि जैसे आगे किसी भी समय इनकी जरूरत पड़ सकती है।

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌
Alex ne Jhonny Jack ka Raaz khol diya par ab wo jis jagah par yaha koi matlab na rah gaya hai .
Yaha bhi sab pe jasusi ho rahi ab jenith kya karegi 😏😏

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

James aur Wilmer ek nayi duniya me aa gaye, jisme har kadam par ek naya puzzle he...........

Mujhe aisa lag rahe he in dono ko yaha laya gaya he............na ki ye khud aaye he.........

Har cheej ki details bahut hi bariki se likhe he aapne Bhai...........

Keep rocking Bro

Bhai koshish karta hu :confuse:

Update Posted friends :declare:
 
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krish1152

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nice update
 
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dev61901

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Badhiya update bhai

To me sahi tha wo 7 yodha lidiya ke bete or shalaka ke bhai nikle or shalaka bhi yahin kaid thi or ab to sab jinda ho gaye han

james or vilmer ko bhai chhoda diya shalaka ne mujhe ye aisa kyun lag raha ha ki ye bakre ko halal karne se pehle sab khilaya jata ha waisa ha jaise ki james or vilmer ki khatirdari kari ja rahi ha lekin band wo ho gaye han ek kamre me

Or ye last me shefali ko bulawa aaya fir or is bar to use
नयनतारा kehker sambodhit kiya gaya ha ab ye kya uska asli naam ha dekhte han
 
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Dhakad boy

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Bhut hi badhiya update
To vo sath yodha or koi nahi lidiya ke bete hai or unki ke sath kaid thi unki bahan shalaka or ye sab 5000 varsho se yahi band the
Vahi dusri or kisi ne shaifali ko nayantara kahkar bulaya or shaifali kisi sammohit ki banti us or Bina kuch kahe chal padi
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#65.

उधर जेनिथ धीरे-धीरे अपने आगे चल रही क्रिस्टी के पीछे जा रही थी। इधर पता नहीं कैसे सोयी हुई क्रिस्टी जाग गयी।

उसने जेनिथ को पेड़ो की ओर जाते हुए देखा। उसे आश्चर्य हुआ की जेनिथ इतनी रात गये पेड़ो की तरफ क्यों जा रही है? वह उठकर जेनिथ की तरफ भागी। कुछ ही पल में क्रिस्टी जेनिथ के पीछे पहुंच गयी।

“क्या हुआ जेनिथ?" क्रिस्टी ने आगे जा रही जेनिथ को पीछे से आवाज लगाते हुए कहा- “तुम इतनी रात गये कहां जा रही हो?"

जेनिथ पीछे से आ रही आवाज को सुन पलट कर पीछे देखने लगी। अपने पीछे क्रिस्टी को खड़े देख वह आश्चर्य से भर उठी। उसे समझ नहीं आया की उसके आगे चल रही क्रिस्टी अचानक उसके पीछे कैसे आ गयी? जेनिथ ने पलटकर वापस आगे की ओर देखा।

आगे देखते ही जेनिथ की आँखे फटी की फटी रह गयी क्यों की आगे पेड़ो के झुरमुट के पास एक और क्रिस्टी खड़ी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी।

यह देखकर जेनिथ के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। वह ‘धड़ाम’ की आवाज के साथ वहां लहरा कर गिर गयी।

पीछे वाली क्रिस्टी ने जेनिथ को लहराकर गिरते देखा, उसने इधर-उधर नजर घुमाकर देखा, पर उसे कुछ नजर नहीं आया। वह भागकर जेनिथ के पास पहुंच गयी।

जेनिथ जमीन पर बेहोश पड़ी थी। यह देख क्रिस्टी ने चीखकर सबको जगा दिया।

“कैप्टन...तौफीक...उठो। देखो इधर जेनिथ को क्या हुआ?"

क्रिस्टी की चीख सुनकर सभी जाग गये और भागकर क्रिस्टी के पास पहुंच गये।

“क्या हुआ?" सुयश ने जोर से कहा- “तुम लोग इतनी रात में इधर क्या कर रही हो? और जेनिथ बेहोश कैसे हो गयी?"

“पता नहीं!" क्रिस्टी ने उलझे-उलझे स्वर में कहा- “मै तो सो रही थी। तभी अचानक से मेरी नींद खुल गयी। मैने देखा कि जेनिथ उन पेड़ो की ओर जा रही है। मुझे यह देख अजीब सा लगा। मैने जेनिथ को पीछे से आवाज दी।
मेरी आवाज सुन जेनिथ एकदम से डर गयी। पहले उसने इधर पेड़ो की ओर देखा और गिर कर बेहोश हो गयी। मैने भी सामने देखा पर मुझे कुछ नजर नहीं आया।"

यह कहकर क्रिस्टी शांत हो गयी। पर उसकी निगाहे अभी भी बेहोश जेनिथ की ओर थी।

तब तक तौफीक भागकर एक पानी की बॉटल ले आया और उस बॉटल से पानी की कुछ बूंदे लेकर जेनिथ के चेहरे पर डाला। पानी की बूंदे जेनिथ के चेहरे पर पड़ते ही जेनिथ को होश आ गया।

एक सेकंड तक तो जेनिथ सबको देखती रही, फ़िर उसे सारी घटना याद आ गयी। वह एकदम से डरकर क्रिस्टी को देखने लगी।

“क्या हुआ जेनिथ?" तौफीक ने जेनिथ को सहारा देते हुए कहा-
“तुम बेहोश कैसे हो गयी थी? और क्रिस्टी को देखकर तुम डर क्यों रही हो?"

जेनिथ ने एकबार सबके चेहरे पर नजर मारी। सबको अपने पास पाकर धीरे-धीरे वह सामान्य हो रही थी।

पहले जेनिथ ने शैफाली के हाथ में पकड़ी बॉटल से खूब सारा पानी अपने गले के नीचे उतारा और फ़िर सामान्य होते हुए उन्हें सारी बात बता दी।

“दो-दो क्रिस्टी!" सभी के मुंह से एक साथ निकला।

“ये कैसे संभव है?“ तौफीक ने आश्चर्य से इधर-उधर देखते हुए कहा- “क्रिस्टी की शकल की दूसरी लड़की इस द्वीप पर कहां से आयी?"

अब बहुत से चेहरो पर डर के भाव भी दिखने लगे थे। कुछ देर तक किसी के मुंह से बोल तक ना फूटा। सभी बस एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे।

“कैप्टन, क्या आप तंत्र-मंत्र पर विश्वास करते हैं?" अल्बर्ट ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा।

“यह आप कैसी बात कर रहे हैं प्रोफेसर?" सुयश ने अजीब सी नज़रो से अल्बर्ट को देखते हुए कहा-

“आज के इस विज्ञान के दौर मे तंत्र-मंत्र की बातों पर विश्वास कौन करेगा? तंत्र-मंत्र का जिक्र तो केवल किताबो मे ही मिलता है।"

“कैप्टन जादू और विज्ञान में बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है।"
अल्बर्ट ने सबको समझाते हुए कहा-
“हम जिन चीजो को समझ नहीं पाते है उसे जादू कहते है, पर जब उसे समझ जाते है तो उसे ही विज्ञान का नाम दे देते है। जैसे आज से 200 साल पहले अगर कोई कहता कि मैंने हजार किलोमीटर दूर बैठे इंसान से बात किया तो हम उसे जादू कहते और जल्दी उसकी बात पर विश्वास नहीं करते, पर आज के समय में हम मोबाइल के द्वारा ऐसा आसानी से कर सकते है।

तो मेरा ये कहना है कि इस द्वीप पर शायद वैसी ही कोई तकनीक है, जो हमें समझ नहीं आ रही है इसिलए हम चाहें तो उसे जादू कह सकते है। हो सकता है कि इस द्वीप पर रहने वाले लोगों को जादू आता हो?"

“ये भी हो सकता है ग्रैंड अंकल।" शैफाली ने अल्बर्ट को देखते हुए कहा- “कि इस द्वीप पर आज से सैकडो साल पहले का विज्ञान प्रयोग में लाया जाता हो, जिससे कि यहां के इंसान किसी का भी भेष बना सकते है?"

“एक बात तो स्पस्ट हो गयी कैप्टन कि इस द्वीप पर इंसान है, मगर वह जानबूझकर हमें देख कर छिप रहे है। क्यों? ये नहीं पता और वह काल्पनिक कहानी की तरह किसी का भी रूप बदलने में माहिर भी है।" ब्रेंडन ने अपने तर्क देते हुए कहा।

“लेकिन वह नकली क्रिस्टी जेनिथ को लेकर कहां जाना चाहती थी?" तौफीक ने कहा।

“आप भूल रहे है कैप्टन कि उस दिन लॉरेन भी लोथार को कहीं ले जाना चाहती थी।" जॉनी ने कहा-

“अब तो मुझे लगता है कि इसी द्वीप से निकलकर कोई इंसान लॉरेन और रोजर का भेष बनाकर हमारे जहाज पर दहशत फैला रहा था।" पहली बार सभी को जॉनी के शब्दो में कोई ढंग का लॉजिक दिखाई दिया था।

“मुझे भी जॉनी की बात सही लग रही है।" सुयश ने कहा- “लेकिन अब हमें इस द्वीप पर और सावधान रहना होगा।"

किसी के मुंह से अब कोई शब्द नहीं निकला।

“मेरे ख़याल से अब हमें वापस सो जाना चाहिए।" सुयश ने इधर-उधर देखते हुए कहा- “अभी रात का समय है और हमें अभी दिन में वापस अपनी यात्रा शुरु करनी है।"

सुयश की बात सुनकर सभी वापस अपने सोने वाली जगह पर आ गये। नींद तो अब शायद ही किसी को आनी थी, पर वापस सभी लेट गये थे।

उन पर नजर रखने वाली वह आकृति भी अब एक ओर को चल दी थी।


चैपटर-4 रहस्यमय दुनिया

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 09:00, ट्रांस अंटार्कटिक पर्वत, अंटार्कटिका

जेम्स और विल्मर बिना किसी को बताए आज फ़िर नियत स्थान पर आ गये।

दोनों ने आज ड्रिल मशीन के साथ-साथ मेटल काटने वाली ‘कटर मशीन’ भी ले रखी थी। दोनों के ही चेहरे पर आज खुशी के भाव नजर आ रहे थे। शायद उन्हें विश्वास था कि आज कुछ ना कुछ तो उनके हाथ जरुर लगेगा।

जिस स्थान पर कल उन्हें वह ढाल मिली थी, वहां पर उन्हेंने एक छोटा सा झंडा बना कर लगा दिया था।
उन्हें पता था कि रात में बर्फ गिरने के बाद उस स्थान को अगले दिन पहचान पाना मुश्किल हो जाता।

जेम्स और विल्मर ने अपना ‘स्की-स्कूटर’ उस झंडे से कुछ दूरी पर रोका और उतरकर झंडे के पास पहुंच गये।

विल्मर ने एक नजर जेम्स पर डाली और फ़िर ‘कटर मशीन’ निकाल कर उस स्थान की बर्फ को साफ करने लगा।

थोड़ी ही मेहनत के बाद विल्मर ने ढाल के आसपास के क्षेत्र की बर्फ साफ कर ली। अब वह ढाल साफ नजर आ रही थी।

“इस ढाल को काट कर निकालने की कोशिश करो।" जेम्स ने विल्मर से कहा- “कम से कम कुछ तो हाथ लगे पहले।"

विल्मर ने जेम्स की बात सुनकर धीरे से अपना सिर हिलाया और फ़िर कटर मशीन को शुरू कर उस ढाल को नीचे की ओर से उस सुनहरी दीवार से अलग करने की कोशिश करने लगा।

कटर मशीन के उस ढाल से टकराने पर तेज चिंगारी निकल रही थी, पर वह मेटल कट नहीं पा रहा था।

5 मिनट तक कटर मशीन चलाने के बाद विल्मर समझ गया कि ये धातु कटर मशीन से नहीं कटेगी।

हार कर विल्मर ने कटर मशीन को एक तरफ फेका और अपने टूल किट के बैग से ‘एसिटलीन टार्च’ निकाल ली।

एसिटलीन टार्च को ऑक्सीजन सिलेंडर से अटैच करने के बाद विल्मर ने एसिटलीन टार्च को ऑन कर दिया। एसिटलीन टार्च 3000 डिगरी सेंटीग्रेट के तापमान से जल उठी।

विल्मर ने एसिटलीन टार्च से पहले आसपास के क्षेत्र की बर्फ को पिघलाना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही देर में ढाल के आसपास 5 मीटर त्रिज्या के क्षेत्रफल में विल्मर ने सारी बर्फ को पिघला दिया।

अब विल्मर ने एसिटलीन टार्च का मुंह ढाल के नीचे की तरफ कर दिया। इतने अधिक तापमान की वजह से पूरी सुनहरी ढाल लाल रंग की नजर आने लगी, पर फिर भी 10 मिनट की अपार मेहनत के बाद भी वह ढाल उस सुनहरी दीवार से अलग नहीं की जा सकी।

इतनी गर्मी के कारण विल्मर का पूरा चेहरा भी पसीने से भर उठा। आख़िरकार विल्मर थक कर बैठ गया।

जेम्स की भी समझ में नहीं आ रहा था कि ये किस प्रकार की धातु है, जो 3000 डिगरी सेंटीग्रेट पर भी नहीं पिघल रही है।

जेम्स की नजर अब उस ढाल पर बनी ड्रेगन की आकृति पर गयी जो कि पूरी ढाल लाल हो जाने के बाद भी सुनहरा ही दिख रही थी।

कुछ सोचने के बाद जेम्स ने धीरे से उस ड्रेगन की आकृति को हाथ से छूकर देखा। वह आकृति बिलकुल भी गर्म नहीं थी, जबकि पूरी ढाल गर्मी के कारण अभी भी जल रही थी।

कुछ सोच जेम्स ने उस ड्रेगन की आकृति को धीरे से अंदर की ओर दबाया। जेम्स के द्वारा उस आकृति
को दबाते ही वह ढाल एकाएक घूमने लगी।

जेम्स यह देख डरकर पीछे हट गया। विल्मर की भी निगाह अब उस तेजी से घूम रही ढाल पर थी।




जारी रहेगा_________✍️
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# 17.
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 07:30;

विशालकाय भंवर से बच जाने के बाद भी सुयश के चेहरे पर सोच के भाव विद्यमान थे। सुयश को सोच में पड़ा देख, आखिरकार असलम से ना रहा गया और वह बोल उठा-

“क्या बात है कैप्टन? अब तो सारे खतरे टल गए हैं, फिर अब आप इतना परेशान क्यों दिख रहे हैं?“

“एक खतरा टल जाने से इतना खुश होने की जरूरत नहीं है। माना कि फौरी तौर पर अभी खतरा टल गया है। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम लोग जिस स्थान पर खड़े हैं, वह दुनिया का सबसे खतरनाक क्षेत्र है। बारामूडा त्रिकोण.....यह नाम अपने आप में मौत का पर्याय है और जब तक हम लोग इस क्षेत्र से निकल नहीं जाते, तब तक खतरा हमारे सिर पर मंडराता रहेगा। वह किसी भी रूप में हम पर अटैक कर सकता है। इसलिए सबसे पहले खुशियां मनाना छोड़, हमें इस खतरनाक क्षेत्र से बाहर निकलने के बारे में सोचना चाहिए।“

“तो इसमें इतना सोचने की क्या जरूरत है?“ रोजर ने गंभीरता की चादर ओढ़ते हुए कहा-

“आपका प्लान तो फुलप्रूफ है। अब हमें शिप को आपके प्लान के मुताबिक मोड़कर अपने वास्तविक रास्ते पर ले आना चाहिए।“

“अब हम सुप्रीम को प्लान के मुताबिक नहीं मोड़ सकते।“ सुयश ने रोजर के चेहरे पर एक गहरी निगाह डालते हुए कहा।

“पर क्यों ? आपका प्लान तो फुलप्रूफ है।“ रोजर ने कहा।

“फुलप्रूफ था ।“ सुयश ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा-

“क्यों कि तब हमें अपने शिप की स्थिति का पूर्ण ज्ञान था, कि हम किस जगह पर हैं। लेकिन भंवर में घूमने और उससे बचकर निकलते समय, हम यह नहीं जान पाये कि अब हम अपनी वास्तविक स्थिति से कितना दूर हैं? हमें तो यह भी नहीं पता कि हमने भंवर में पहुंचकर कितने चक्कर लगाए? और जब हम उस भंवर से निकलें तो हमारा शिप किस दिशा में था ?“
यह सुनते ही जैसे सभी को सांप सूंघ गया । एकाएक मुस्कुराते हुए चेहरे डर के कारण सफेद हो गए।

“इसका तो यह भी मतलब हो सकता है, कि हम बारामूडा त्रिकोण के इस रहस्यमय क्षेत्र से निकलने के प्रयास में, इसके और अंदर आ गए हों।“ लारा ने चिंतित स्वर में कहा।

“यकीनन ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने जवाब दिया-
“शिप पर बार-बार आने वाले, इन विचित्र खतरों से तो यही जान पड़ता है।“

“अब हमें क्या करना चाहिए?“

रोजर के शब्दों में छिपी व्याकुलता को सभी ने साफ महसूस किया। सुयश एक बार पुनः सोच में पड़ गया। सभी खामोश होकर उसके अगले निर्णय का इंतजार करने लगे।

“हेली कॉप्टर!“ सुयश के मुंह से खुशी भरे स्वर निकले-

“हमें हेलीकॉप्टर का उपयोग करना होगा । शायद हम लोग अपने वास्तविक मार्ग से ज्यादा दूरी पर ना हों और आसपास ही कोई और शिप आ-जा रहा हो, जिससे हमें असली रास्ते का पता चल जाए।“

सुयश के शब्दों को सुनकर, सभी के चेहरे पर हजार वाट का बल्ब जल गया। तब तक जेम्स हुक अपनी टीम को खराबी ढूंढने में लगाकर वापस आ गये थे। तुरंत सुयश, रोजर, असलम, लारा, ब्रैंडन व जेम्स हुक हेली पैड की ओर चल दिए। हेली पैड, शिप के पिछले हिस्से में डेक के पास था।

“कैप्टेन!“ रोजर ने सुयश से सवाल किया- “एक बात समझ में नहीं आई कि हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र कैसे ब्लास्ट हो गए?“

“इसको समझने के लिए किसी विज्ञान की जरुरत नहीं है“ जेम्स हुक ने रोजर को देखते हुए कहा-

“जितने भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होते हैं, वह सभी लो-फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं, जबकि विद्युत चुम्बकीय तरंगें हाई-फ्रीक्वेंसी पर चलती हैं। इसलिए जब भी कभी कोई इलेक्ट्रानिक यंत्र, विद्युत चुम्बकीय तरंगों के बीच आता है, वह तीव्र ऊष्मा छोड़ता है। और ऊष्मा अधिक बढ़ जाने के कारण इलेक्ट्रानिक यंत्र जल जाता है।“

“और हमारा दिशा सूचक यंत्र कैसे खराब हो गया ?“ ब्रैंडन ने अपना नॉलेज बढ़ाने के उद्देश्य से जेम्स हुक से पूछा- “वह तो इलेक्ट्रानिक यंत्र नहीं होता।“

“दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई, पृथ्वी के चुम्बकत्व द्वारा आकर्षित होती है, जिसके कारण वह लगातार उत्तरी ध्रुव दर्शाती है। पर विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के अंदर, दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई अपना चुम्बकत्व का गुण खो देती है। इसलिए वह हमेशा गलत दिशा बताने लगती है।“ यह कहकर जेम्स हुक ने ब्रैंडन को देखा पर ब्रैंडन उनकी बातों से संतुष्ट था।

“कहीं ऐसा ना हो कि हमारा हेलीकॉप्टर भी खराब हो गया हो।“ रोजर ने शंका भरे स्वर में पूछा-

“क्यों कि वह भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों से कार्य करता है।“

“जिस समय इस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगें फैलीं, उस समय हेलीकॉप्टर बंद पड़ा था। इसलिए मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हेली कॉप्टर इस समय सही अवस्था में होगा।“
जेम्स हुक ने कहा- “और अब यह क्षेत्र पूर्ण रूप से विद्युत चुंबकीय तरंगों से मुक्त है, यह मैं अभी साबित कर देता हूं।“

कहते-कहते जेम्स हुक ने अपनी जेब से 1 जोड़ी , छोटा वॉकी-टॉकी सेट निकाला और उस सेट का एक पीस रोजर को पकड़ा दिया।

“यह एक वॉकी-टॉकी सेट है। यह भी एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होता है। यह बहुत ही पॉवरफुल है। खुले समुद्र में इसकी बात करने की क्षमता , लगभग 50 नॉटिकल माइल तक है। जिस समय शिप के ऊपर से वह रहस्यमयी यान निकला, यह मेरी जेब में था, पर ऑफ था। मेरा पूरा विश्वास है कि यह सही काम करेगा और अगर यह सही चल गया तो समझिए कि हेलीकॉप्टर भी सही स्थिति में होगा।“

यह कहकर जेम्स हुक ने वॉकी-टॉकी सेट को ऑन कर दिया। वॉकी-टॉकी सेट चेक करने पर बिल्कुल सही कार्य कर रहा था। तब तक बात करते-करते यह सारे लोग शिप के पिछले डेक पर पहुंच गये।

कुछ आगे बढ़ने पर, लकड़ी का बना एक खूबसूरत सा कॉटेज दिखाई दिया। सभी उस विशालकाय कॉटेज में प्रवेश कर गए। लकड़ी का वह कॉटेज, अंदर से भी खूबसूरत था। कॉटेज के बीचो-बीच में एक हेली पैड बना था, जिस पर लाल रंग का एक छोटा सा, परंतु सुंदर हेलीकॉप्टर खड़ा दिखायी दिया। उस टू-सीटर हेलीकॉप्टर पर, इंग्लिश के बड़े व सुनहरे अक्षरों में “सुप्रीम” लिखा था।

कॉटेज में एक किनारे पर एक बड़ी सीइलेक्ट्रॉनिक मशीन लगी थी, जिसके सामने एक ऑपरेटर खड़ा, उन मशीनों से छेड़छाड़ कर, कुछ चेक करता दिखायी दिया। सुयश को देखते ही, वह तुरंत सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। लेकिन उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह भी कुछ परेशान सा है और निश्चय ही यह परेशानी भी, उस रहस्यमई यान से संबंधित थी। क्यों कि उस इलेक्ट्रॉनिक मशीन के आसपास, बिखरा कांच और टूटे हुए यंत्रों की स्थिति, इस बात का द्योतक थी कि यहां पर भी विद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रकोप हुआ था।

“ऑपरेटर!“ रोजर ने ऑपरेटर को देखते हुए पूछा-
“क्या हेलीकॉप्टर उड़ने वाली पोजी शन में है?“

“यस सर!“ ऑपरेटर ने जवाब दिया-
“हेलीकॉप्टर तो रेडी है। पर कुछ यंत्रों में खराबी आ जाने के कारण, कॉटेज की छत व दीवारों को हटाने वाला, रिमोट कंट्रोल सही काम नहीं कर रहा है। इसलिए फिलहाल हेलीकॉप्टर सही होने के बाद भी, उड़ान नहीं भर सकता है।“

“डैम इट!“ सुयश ने सीधे हाथ का मुक्का बना कर, अपने बाएं हाथ के पंजे पर, गुस्से से मारते हुए कहा।

“अब क्या किया जाए सर?“ रोजर ने चिन्तित स्वर में सुयश की ओर देखते हुए कहा। सुयश कुछ देर सोचने के पश्चात, जेम्स हुक की ओर घूमकर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, हमारे इस कॉटेज की दीवारें व छत फोल्ड होकर, कमल की पंखुड़ी की तरह खुलती हैं। इसकी छत में छोटे-छोटे फोल्डिंग ज्वाइंट्स हैं। आप तुरंत इन फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खुलवाकर इसकी छत हटवा दीजिए।“

जेम्स हुक ने तुरंत कुछ लोगों को छत के फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खोलने में लगा दिया। लगभग 45 मिनट के अथक परिश्रम के बाद, सभी हेलीपैड के ऊपर की छत खोलने में सफल हो गए।

“रोजर!“ सुयश ने रोजर को संबोधित करते हुए कहा-

“तुम तुरंत एक पायलट के साथ इस हेलीकॉप्टर से जाओ और देखो, शायद आप-पास से जाता हुआ, कोई और शिप दिखाई दे जाए या फिर कोई और सुराग मिल जाए। जिससे यह पता चल जाए कि हम इस समय किस जगह पर हैं? और हां यह वॉकी-टॉकी सेट भी लेते जाओ। इससे मेरे कांटेक्ट में रहना और मुझे सारी सूचना देते रहना ।“

यह कहते हुए सुयश ने जेम्स हुक से, वॉकी-टॉकी सेट लेकर, रोजर को दे दिया। रोजर, सुयश से वॉकी-टॉकी सेट लेकर, पायलट के साथ, हेलीकॉप्टर में प्रवेश कर गया।

हेलीकॉप्टर में बैठने के साथ, रोजर ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगों पर मारी और फिर सुयश की तरफ देखते हुए, एक झटके से ‘थम्बस्-अप‘ की स्टाइल में अपना अंगूठा, जोश के साथ झटका देकर उठाया और फिर धीरे से पायलट की ओर देखकर, उसे हेलीकॉप्टर को उड़ाने का इशारा किया।

थोड़ी ही देर में, एक गड़गड़ाहट के साथ, हेलीकॉप्टर रोजर को लेकर आसमान में था।




जारी रहेगा........✍️
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश का वो प्लान तो काम कर गया था अब देखते हैं हेलीकॉप्टर वाला प्लान काम करता है या नहीं
 
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Rekha rani

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#67.

जेम्स अब उस खंभे की ओर बढ़ा। उसने सर्प के एक फन को धीरे से हिलाकर देखा, पर कहीं कोई हरकत नहीं हुई। जेम्स ने सर्प के मुंह में भी हाथ डालकर देखा, मगर वहां भी कुछ नहीं था। कुछ सोचकर जेम्स ने सर्प के सिर पर रखा कमल का फूल हाथ में उठा लिया।

जेम्स के द्वारा फूल उठाए जाते ही अचानक से फव्वारे के पानी में मौजूद नीली मछिलयां बहुत तेजी से इधर-उधर भागने लगी।

यह देखकर जेम्स घबरा कर फव्वारे से फूल लेकर बाहर आ गया। मछलियों के पानी में भागने की रफ़्तार अब और भी तेज हो गयी।

“अरे यह क्या?" विल्मर ने मछलियों को देखते हुए आशचर्य से कहा- “इन मछलियों का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है।"

विल्मर की बात सुन जेम्स भी हैरान रह गया क्यों की मछलियों का आकार सच में बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फव्वारे का पानी भी।

ऐसा लग रहा था कि मछिलयां फव्वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो रही है। जेम्स और विल्मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये।

कुछ ही देर में नींबू के आकार की मछिलयां फुटबॉल के आकार की हो गयी और धीरे-धीरे फव्वारे
का सारा पानी भी ख़तम हो गया।

जैसे ही सारा पानी ख़तम हुआ, अचानक से उस सर्पकार खंभे ने लट्टू की तरह से नाचना शुरू कर दिया और नाचते-नाचते जमीन में समाने लगा।

धीरे-धीरे वह पूरा का पूरा खंभा जमीन में समा गया और उसके साथ ही उस गड्डे में सारी मछिलयां भी समा गई।

अब जमीन से हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने लगी और इसी के साथ उस खाली स्थान से एक बर्फ़ की सिल्ली बाहर निकलती हुई दिखाई दी।

धीरे-धीरे 6 फुट की एक बर्फ़ की सिल्ली पूरी बाहर आ गयी।

सिल्ली के बाहर निकलते ही अचानक छत पर बने सूर्य से 7 रंग की किरण निकलकर उस बर्फ़ की
सिल्ली पर पड़ने लगी और इसी के साथ सिल्ली की बर्फ़ पिघलने लगी।

बर्फ़ के अंदर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बंद थी जो बर्फ़ के पिघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़की किसी अप्सरा की मानिंद खूबसूरत दिख रही थी।

हिरन के समान काली आँखें, अग्नि के समान घुंघराले सुनहरे बाल, सीप से पतले होंठ, गुलाब सा चेहरा, सुराहीदार गरदन, दूध सा चमकता गोरा शरीर, सब कुछ उसकी खूबसूरती को बयां कर रहे थे।

उसके माथे पर सुनहरा मगर छोटा सा मुकुट था। उसने योद्धाओं के समान सुनहरी धातु की पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ में एक 6 फुट की सुनहरी धातु का त्रिशूल पकड़ रखा था।

जेम्स और विल्मर तो यह सीन देख डर कर भागने वाले थे, पर उस लड़की का सौंदर्य ही ऐसा था जो कि उनको वहां से हटने ही नहीं दे रहा था। दोनों मंत्र-मुग्ध से उस योद्धा अप्सरा को निहार रहे थे।

कुछ ही देर में बर्फ़ पूरी तरह से पिघल गयी और वह अप्सरा पूर्ण सजीव हो गयी।

अब उस अप्सरा की नजरे जेम्स और विल्मर पर गयी। वह धीरे-धीरे चलती हुई उन दोनों के सामने आ खड़ी हुई।

“जेम्स और विल्मर को शलाका का प्रणाम।" उस अप्सरा ने झुककर जेम्स और विल्मर को अभिवादन किया।

अपना नाम शलाका के मुंह से सुनकर जेम्स और विल्मर के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा। उन्हें कुछ
बोलते नहीं बन रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके होंठ उनके तालू से चिपक गये हो।

“क.... क.... कौन हो आप?" बहुत मुश्किल से विल्मर ने डरते हुए शलाका से पूछा- “और हमारा नाम कैसे जानती हो?"

“थोड़ी देर इत्मिनान रखिये, अभी सब बताऊंगी आप लोग को, पहले जरा इन सबको तो जगा दू।" इतना कहकर शलाका ने उन ताबूतों को देखा जो कि कमरे में खड़े थे।

शलाका अब चलती हुई बीच वाले ताबूत के पास रखे पोडियम के पास पहुंच गयी। उसने एक बार सभी ताबूतों की ओर देखा और फ़िर पोडियम के बीच बने तीनो सुराख में अपना त्रिशूल घुसा दिया।

त्रिशूल के घुसाते ही हर ताबूत में जमीन की तरफ एक सुराख हो गया और उस सुराख के
माध्यम से सारा रंगीन द्रव्य जमीन में समा गया।

जैसे ही पूरा द्रव्य ताबूत से ख़तम हुआ, सारे योद्धा जीवित हो गये। योद्धाओं के जीवित होते ही सभी काँच के ताबूत जमीन में समा गये।

“सभी भाइयों का सन् 2004 में स्वागत है।" शलाका ने झुक कर सभी का अभिवादन किया।

आठों योद्धाओ ने अपने हाथ से मुक्के बनाकर आपस में टकराये। अब उनकी निगाहें डरे-सहमें जेम्स और विल्मर की ओर थी।

“हम 5000 वर्ष के बाद आज जागे है।" शलाका ने जेम्स और विल्मर की ओर देखते हुए कहा- “हम आपको सब बतायेंगे, पर अभी आप लोग थोड़ा आराम करे और हमें अपने कुछ जरुरी काम कर लेने दे। फ़िर हम आप को सब बतायेंगे।"

जेम्स और विल्मर के पास तो बहस करने की हिम्मत भी नहीं थी अतः उनहोने शांति से सर हिला दिया।

शलाका ने सहमित देख अपना त्रिशूल हवा में लहराया। जिसकी वजह से हवा में एक दरवाजा उत्तपन्न
हुआ। शलाका ने दोनों को उस दरवाजे से अंदर जाने का इशारा किया।

जेम्स और विल्मर ना चाहते हुए भी उस दरवाजे के अंदर प्रवेश कर गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक शानदार शयनकक्ष था जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा टॉयलेट भी मौजूद था। परंतु उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था और उनके शयनकक्ष में घुसते ही शलाका का बनाया द्वार भी गायब हो गया था।

जेम्स और विल्मर अब बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे थे। उनके पास अब इंतजार करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था।

इसिलए दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गये और इंतजार करने लगे शलाका के आने का।


नयनतारा:
8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका द्वीप

सुबह उठकर नित्य कार्यो से निवृत्त होने के बाद सभी ने हलका-फुलका फलो का नास्ता किया और फ़िर से जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि द्वीप बहुत ही खतरनाक और विचित्र चीज़ों से भरा पड़ा है।

सबसे आगे सुयश चल रहा था, फ़िर उसके पीछे अल्बर्ट था, उसके पीछे एलेक्स और क्रिस्टी, फ़िर शैफाली और ब्रूनो, फ़िर जेनिथ और तौफीक, फ़िर असलम और ब्रैंडन और फ़िर सबसे पीछे जैक और जॉनी।

जैक और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे जिससे खतरा महसूस होते ही वह पीछे से भाग सके।

“पता नहीं कब ख़तम होगा ये जंगल?" जैक ने जॉनी से धीमी आवाज में कहा- “परेशान हो गया हू चलते-चलते।"

“मुझसे तो बिना शराब के चला ही नहीं जा रहा है।" जॉनी ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा- “पूरे 2 दिन से शराब की एक बूंद भी नहीं गयी हलक के नीचे। बेकार है इतने पैसे का होना, जबकि हम उसे प्रयोग में
ही ना ला सके।"

“तुझे शराब की पड़ी है। यहां मैंने कितने सपने सजाए थे कि ऑस्ट्रेलिया जाकर बीच पर घूमूंगा, लडकियों का डांस देखूंगा..... पर हाय री फूटी किस्मत.... सब बरबाद हो गया ... डांस देखने की छोड़ो अब तो यहां हमारे खुद पत्तियों को पहन कर जंगल में डांस करने की हालत आ गयी है।"

जैक की बात सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

जॉनी को मुस्कुराता देखकर जैक को गुस्सा आ गया और वह बोल उठा- “तू क्यूं मुस्कुरा रहा है मेरी बात सुनकर?"

“बस तुझे पत्तियों को पहन कर डांस करते हुए कल्पना कर रहा हुं। सच्ची में यार बहुत खूबसूरत लगेगा तू तो ऐसी स्थिति में।" जॉनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

जैक जॉनी की बात सुनकर भड़क उठा और एक घूंसा धीरे से जॉनी की पीठ में जड़ते हुए बोला-
“अच्छा होता कि ड्रेजलर कि बजाय वह अजगर तुझे मार देता।"

जॉनी घूंसा खाकर आगे भाग गया और सुयश से बोला-
“कैप्टन, यदि ड्रेजलर के पत्थर पर साँप बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर दिया। मेरे पत्थर पर तो बंदर बना था तो मुझ पर अब किंग-कॉन्ग हमला करेगा या गोरिल्ला?"

ना चाहते हुए भी सुयश सिहत सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

“ऐसा कुछ भी नहीं है।" सुयश ने सबका डर कम करने के लिये कहा- “ये सिर्फ एक इत्तेफाक भी हो सकता है।"

“मैं इसे इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं हुं कैप्टन।"अल्बर्ट ने सुयश को देखते हुए कहा- “क्यों की हम सभी शैफाली के सपनों के बारे में जानते
हैं। उसकी कही हर एक बात सच होती जा रही है।"

अल्बर्ट की बात सुन सभी अल्बर्ट और सुयश के पास आ गये।

शैफाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के पास कुछ फुसफुसाहट सी सुनाई दी
जो की यकीनन इनमें से किसी की नहीं थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"

शैफाली यह सुनकर विस्मित हो गयी और बिना किसी से बोले एक दिशा की ओर चल दी।




जारी रहेगा________✍️
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Badhiya update bhai
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To me sahi tha wo 7 yodha lidiya ke bete or shalaka ke bhai nikle or shalaka bhi yahin kaid thi or ab to sab jinda ho gaye han
No doubt mitra, wo jinda ho gaye hain :approve:
james or vilmer ko bhai chhoda diya shalaka ne mujhe ye aisa kyun lag raha ha ki ye bakre ko halal karne se pehle sab khilaya jata ha waisa ha jaise ki james or vilmer ki khatirdari kari ja rahi ha lekin band wo ho gaye han ek kamre me

Or ye last me shefali ko bulawa aaya fir or is bar to use
नयनतारा kehker sambodhit kiya gaya ha ab ye kya uska asli naam ha dekhte han
Jems and Vilmar ko aaram karne ke liye, khana, bister, pani sab diya hai shalaka ne, wo dev putri hai, aise hi kisi ke pran nahi legi, jabki unki wajah se wo chuuti hai,

Waise to shefaali ko jo naam sunaai diya hai, usi me sab rahasya chupa hai mita, agley update me pa chalega hi:declare:
 
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