• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,346
56,720
259
Bhut hi badhiya update
To vo sath yodha or koi nahi lidiya ke bete hai or unki ke sath kaid thi unki bahan shalaka or ye sab 5000 varsho se yahi band the
Vahi dusri or kisi ne shaifali ko nayantara kahkar bulaya or shaifali kisi sammohit ki banti us or Bina kuch kahe chal padi
Shefali us or ja to rahi hai, per kya shefaali waha safe bachegi?:?:
Waise bhi ye jungle safe nahi hai,
Nayantaara ke naam me bhi Rahasya hai mitra:approve: Kya hoga kya nahi? Ye sab aage hi pata lagega,
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,346
56,720
259
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद लोह-पुरूष भाई :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,346
56,720
259
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश का वो प्लान तो काम कर गया था अब देखते हैं हेलीकॉप्टर वाला प्लान काम करता है या नहीं
ईस जगह कुछ भी काम नही आएगा भाई, बरमूडा ट्राइंगल कोई सामान्य जगह थोडी है।?
रिव्यू के लिए बोहोत आभार :thanx:
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,346
56,720
259
Last edited:
  • Like
Reactions: kamdev99008

Sanju@

Well-Known Member
4,835
19,504
158
# 18 .
चैपटर-6 1 जनवरी 2002, मंगलवार, 08:30;

सुप्रीम एक विशालकाय शिप था। इसलिए इस पर कुल 18 डेक थे। 16 डेक यात्रियों के लिए थे। सिर्फ 2 डेक शिप के चालक दल के पास थे।

हेली पैड उनमें से ही एक डेक पर बना था। इसलिए इसकी ऊँचाई बाकी डेक के हिसाब से कुछ कम थी । इस डेक पर भी एक वर्गाकार आकृति में, लगभग 100 स्क्वायर फीट का स्विमिंग पूल बना था।

सुयश का केबिन भी इस डेक के नीचे की तरफ ही था। सुयश, असलम, लारा, ब्रैंडन और जेम्स हुक इसी डेक पर खड़े थे। चूंकि यात्रियों को इधर आने की मनाही थी। इसलिए सुबह हो जाने के बाद भी इस डेक पर काफी शांति थी।

रोजर को हेलीकॉप्टर लेकर निकले अभी बा-मुश्किल 5 मिनट ही हुए थे। अभी तक उसकी तरफ से कोई मैसेज नहीं मिला था। ब्रैंडन ने अपने हाथों में एक शक्तिशाली दूरबीन को पकड़ रखा था। वह बीच- बीच में दूरबीन को आँखों से लगा कर इधर-उधर देख रहा था। सभी लोग डेक की रेलिंग के पास खड़े थे।


“कैप्टेन!“ अचानक से ब्रैंडन ने सुयश को आवाज लगायी- “ब्लू व्हेल!“

ब्रैंडन की आवाज सुनकर सभी का ध्यान उस दिशा में गया, जिधर ब्रैंडन देख रहा था। उधर देखने पर, उन्हें पानी की सतह पर, लगभग 50 मीटर लम्बी ब्लू व्हेल दिखायी दी।

“ये ब्लू व्हेल तो, बाकियों से आकार में कुछ बड़ी लग रही है।“ असलम ने कहा।

“सही कह रहे हो असलम।“ सुयश ने भी असलम की बात का समर्थन किया-

“नार्मल ब्लू व्हेल का आकार 30 से 35 मीटर तक ही होता है। पर ये तो लगभग 50 मीटर के आस-पास दिख रही है।“

“ये तो इसी तरफ आ रही है।“ लारा ने घबरा ये स्वर में कहा- “हमें इससे किसी प्रकार का खतरा तो नहीं होगा कैप्टेन?“

“नहीं लारा।“ सुयश ने लारा के शक को दूर करते हुए कहा- “इससे घबराने की कोई जरुरत नहीं है। हमारे शिप का आकार 250 मीटर है। ये अकेली हमारे शिप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।“

तब तक ब्लू व्हेल थोड़ा और पास आ चुकी थी। वह बीच-बीच में पानी के बाहर आकर साँस भी ले रही थी जिसकी वजह से उसके सिर के ऊपर से गर्म हवा का फव्वारा भी निकल रहा था।

अब वह रुके हुए ‘सुप्रीम’ के बिल्कुल पास आ गयी थी। ब्लू व्हेल अब ध्यान से विशालकाय सुप्रीम को देख रही थी। शायद इससे पहले उसने अपने से बड़ी कोई चीज नहीं देखी थी।

थोड़ी देर तक शिप को देखते रहने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने पानी में गुलाटियां मारनी शुरु कर दीं। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शिप को कोई बड़ा जीव समझ कर खुश करने में लगी है।

शिप पर मौजूद सभी लोगों को उसकी यह हरकत बहुत अच्छी लग रही थी। थोड़ी देर तक गुलाटियां मारने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने अपनी पूंछ से शिप पर पानी फेंकना शुरु कर दिया।

डेक का यह हिस्सा थोड़ा नीचा होने की वजह से पानी के कुछ छींटे, डेक पर खड़े लोगों पर भी पड़ रहे थे। ब्लू व्हेल के करतब देख कर, थोड़ी देर के लिए सभी शिप की परेशानियों को कुछ क्षण के लिए भूल गये। तभी ब्लू व्हेल ने बहुत ताकत लगा कर शिप पर पानी फेंका, जो कि तेजी से आकर डेक के किनारे पर खड़े सुयश को पूरा भिगा गया।

बाकी के लोग सुयश से थोड़ा दूर थे। इसलिए वह भीगने से बच गये सुयश का यह हाल देखकर एक बार सभी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी।

सभी को मुस्कुराते देख सुयश भी ना चाहते हुए मुस्कुरा दिया। ब्लू व्हेल अब वहां से जा रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह समझ गयी हो कि सुप्रीम एक निर्जीव वस्तु है और वह उसके साथ नहीं खेलेगी। सुयश ने एक नजर अपने भीगे हुए कपड़ों पर मारी और वहां डेक पर खड़े अपने एक कर्मचारी को दूसरे कपड़े लाने का इशारा किया।

वह कर्मचारी सुयश का खास था। उसे पता था कि सुयश के कपड़े केबिन में कहां पर हैं। वह बिना देर किए कपड़े लाने चला गया।

सभी की नजर फिर से वॉकी टॉकी सेट पर गयी। लगभग 15 मिनट बीत चुके थे, लेकिन अभी तक रोजर का कोई मैसेज नहीं आया था। मुश्किल से 3 से 4 मिनट में ही कर्मचारी सुयश के कपड़े लेकर आ गया। सुयश कपड़े लेकर, स्विमिंग पूल के बगल बने चेंजिंग रुम की तरफ चल दिया।

“बहुत देर हो चुकी है, पर अभी तक रोजर सर की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया।“ ब्रैंडन ने असलम की ओर देखते हुए कहा- “क्या हमें अपनी तरफ से उन्हें कॉल करना चाहिए?“

“5 मिनट और इंतजार करते हैं।“ असलम ने जवाब दिया- “अगर फिर भी कोई कॉल नहीं आया तो हम अपनी तरफ से कॉल कर लेंगे।“

लेकिन इससे पहले कि कोई और कुछ कह पाता वॉकी टॉकी सेट से ‘खर्र-खर्र‘ की आवाज आयी। ब्रैंडन तुरंत यह सब सुयश को बताने के लिए चेंजिंग रुम की ओर भागा। ब्रैंडन ने चेंजिंग रुम के बाहर से ही आवाज लगा कर सुयश को मैसेज के बारे में बता दिया। उधर वॉकी टॉकी सेट पर रोजर की आवाज गूंजी-

“हैलो-हैलो कैप्टन! क्या आप मेरी आवाज सुन रहे हैं? ओवर।“

“यस रोजर सर!“ हमें आपकी आवाज सुनाई दे रही है। ओवर!“ असलम ने रोजर की बात का जवाब देते हुए कहा। तब तक सुयश सिर्फ पैंट पहने, उधर भाग कर आता दिखाई दिया। जल्दी-जल्दी में उसे शर्ट पहनने का टाइम ही नहीं मिला।
“यस रोजर! बताओ, क्या कहना चाहते हो तुम? ओवर!“ सुयश ने वॉकी टॉकी सेट को असलम से लेते हुए, रोजर को संबोधित करते हुए कहा। रोजर ने सुयश की आवाज पहचान ली। वह बोला-

“कैप्टन हम लोग इस समय शिप से काफी दूर आ चुके हैं। पर अभी दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। लगता है कि हम वास्तव में भटक गए हैं।“ सभी का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ वॉकी-टॉकी सेट पर था। रोजर का बोलना जारी रहा-

“अब हम लोग और आगे बढ़ रहे हैं सर। हर तरफ सिर्फ समुद्र की लहरें ही नजर आ रही हैं। नीला समुद्र ...... पानी ही पानी “


कुछ देर रुक कर आवाज फिर से आनी शुरू हुई- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।“

थोड़ी देर बाद आवाज पुनः आयी -

“हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं , बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है। इसके आसपास हल्की सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज्यादा ही गर्म है। क्यों कि इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकरा कर, धुंध के रूप में आस पास फैल रही हैं, जो कोहरे के रूप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही हैं।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है।
दूर से देखने पर यह कोई क्राऊन पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है....... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्वा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो............. अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफी सुंदर लग रहा है सर।.......... ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति लिए हुए दिखाई दे रहा है। ..... पर यह क्या सर? ....ओऽऽऽ नो ऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?.......“


एका एक रोजर की आवाज अत्यंत विस्मय से भर गई। खौफ उसकी आवाज में साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?“ सुयश ने घबरा ये स्वर में पूछा।

“मैं समझ.....नहीं पा......रहा हूं सर! कि मैं......आपको कैसे बताऊं? ..........मैं इस समय ... ..बड़ा अजीब सा....महसूस कर रहा हूं। ऐसा लगता है जैसे धुंध....... बड़ी तेजी से बढ़ गई है....। आसमान का रंग........ समझ में .. ..नहीं आ ....रहा है। ......पानी भी ......जैसा दिखना चाहिए .......वैसा नहीं दिख रहा है.....और ये क्या ? ...... ये.... ये.....यहां ये.....मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम....... ..... ..........।“


“खट्....खट्.....खटाक।“ और इसी के साथ सुयश से रोजर का संपर्क टूट गया।

“रोजर ... रोजर....! क्या हुआ रोजर?....... तुम बोलते क्यों नहीं ? क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें?“

सुयश लगातार वॉकी-टॉकी सेट पर पागलों की तरह चीख रहा था। जेम्स हुक ने धीरे से, सुयश के हाथों से वॉकी-टॉकी सेट ले लिया-

“आपका संपर्क रोजर से कट चुका है कैप्टन। शायद वह किसी खतरे का शिकार हो चुका है।“ सुयश अभी भी सकते की सी हालत में खड़ा शून्य में घूर रहा था। लारा ने धी र से सुयश को हिला कर शून्य से बाहर किया-

“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टन ? हेली कॉप्टर जाने के बाद, अब हमारी आखिरी उम्मीद भी टूट गई है।“ सुयश मानों सोते से जागा हो।


“रोजर ने मेरे साथ, आज तक के सफर में, ना जाने कितने खतरे देखे थे। पर आज तक मैंने उसे कभी, इतना घबराया हुआ नहीं देखा। ना जाने उसने ऐसा क्या देख लिया ? जो वह इतना घबरा गया ?“

सुयश ने धीमी आवाज में कहा। धीरे-धीरे जब सुयश सामान्य हुआ तो उसने अपने आस-पास खड़े लोगों पर नजरें डालीं । सभी के चेहरे पर दहशत और आँखों में खौफ के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।


“अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, शिप को अन्जानी दिशा में आगे बढ़ाने के सिवा।“

सुयश ने बारी -बारी सभी के चेहरों को देखते हुए कहा-
“इसलिए जिस दिशा में हेलीकॉप्टर गया था। शिप को उसकी विपरीत दिशा में मोड़कर तब तक आगे बढ़ने दिया जाये जब तक हमें वास्तविक रास्ते का पता ना चल जाए। किसी को कोई आपत्ति हो तो वो मुझे बता सकता है?“

“नहीं !“ सभी ने समवेत स्वर में कहा। तभी ब्रैंडन की निगाह सुयश की पीठ पर बने एक टैटू पर गयी। सूर्य के निशान वाला काले रंग का बिल्कुल गोल वह टैटू लगभग 8 इंच डाया मीटर का था। टैटू में बनी सूर्य की आग उगलती आकृति, सूरज की रोशनी में बहुत तेज चमक रही थी।

“आपकी पीठ पर बना टैटू बहुत शानदार है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “आपकी शर्ट की वजह से आज तक, यह हम लोगों को दिखायी नहीं दिया।





जारी
रहेगा..........✍️
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है हमें तो लगता था कि हेलीकॉप्टर से कुछ मदद मिलेगी लेकिन वो भी पूरी सूचना देने से पहले ही एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है सुयश ने जहाज को दूसरी तरफ मोड लिया है सुयश के पीठ पर टैटू का कोई रहस्य है या शौक??
 
Last edited:
  • Like
Reactions: kamdev99008

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
4,623
9,338
144
#67.

जेम्स अब उस खंभे की ओर बढ़ा। उसने सर्प के एक फन को धीरे से हिलाकर देखा, पर कहीं कोई हरकत नहीं हुई। जेम्स ने सर्प के मुंह में भी हाथ डालकर देखा, मगर वहां भी कुछ नहीं था। कुछ सोचकर जेम्स ने सर्प के सिर पर रखा कमल का फूल हाथ में उठा लिया।

जेम्स के द्वारा फूल उठाए जाते ही अचानक से फव्वारे के पानी में मौजूद नीली मछिलयां बहुत तेजी से इधर-उधर भागने लगी।

यह देखकर जेम्स घबरा कर फव्वारे से फूल लेकर बाहर आ गया। मछलियों के पानी में भागने की रफ़्तार अब और भी तेज हो गयी।

“अरे यह क्या?" विल्मर ने मछलियों को देखते हुए आशचर्य से कहा- “इन मछलियों का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है।"

विल्मर की बात सुन जेम्स भी हैरान रह गया क्यों की मछलियों का आकार सच में बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फव्वारे का पानी भी।

ऐसा लग रहा था कि मछिलयां फव्वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो रही है। जेम्स और विल्मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये।

कुछ ही देर में नींबू के आकार की मछिलयां फुटबॉल के आकार की हो गयी और धीरे-धीरे फव्वारे
का सारा पानी भी ख़तम हो गया।

जैसे ही सारा पानी ख़तम हुआ, अचानक से उस सर्पकार खंभे ने लट्टू की तरह से नाचना शुरू कर दिया और नाचते-नाचते जमीन में समाने लगा।

धीरे-धीरे वह पूरा का पूरा खंभा जमीन में समा गया और उसके साथ ही उस गड्डे में सारी मछिलयां भी समा गई।

अब जमीन से हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने लगी और इसी के साथ उस खाली स्थान से एक बर्फ़ की सिल्ली बाहर निकलती हुई दिखाई दी।

धीरे-धीरे 6 फुट की एक बर्फ़ की सिल्ली पूरी बाहर आ गयी।

सिल्ली के बाहर निकलते ही अचानक छत पर बने सूर्य से 7 रंग की किरण निकलकर उस बर्फ़ की
सिल्ली पर पड़ने लगी और इसी के साथ सिल्ली की बर्फ़ पिघलने लगी।

बर्फ़ के अंदर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बंद थी जो बर्फ़ के पिघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़की किसी अप्सरा की मानिंद खूबसूरत दिख रही थी।

हिरन के समान काली आँखें, अग्नि के समान घुंघराले सुनहरे बाल, सीप से पतले होंठ, गुलाब सा चेहरा, सुराहीदार गरदन, दूध सा चमकता गोरा शरीर, सब कुछ उसकी खूबसूरती को बयां कर रहे थे।

उसके माथे पर सुनहरा मगर छोटा सा मुकुट था। उसने योद्धाओं के समान सुनहरी धातु की पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ में एक 6 फुट की सुनहरी धातु का त्रिशूल पकड़ रखा था।

जेम्स और विल्मर तो यह सीन देख डर कर भागने वाले थे, पर उस लड़की का सौंदर्य ही ऐसा था जो कि उनको वहां से हटने ही नहीं दे रहा था। दोनों मंत्र-मुग्ध से उस योद्धा अप्सरा को निहार रहे थे।

कुछ ही देर में बर्फ़ पूरी तरह से पिघल गयी और वह अप्सरा पूर्ण सजीव हो गयी।

अब उस अप्सरा की नजरे जेम्स और विल्मर पर गयी। वह धीरे-धीरे चलती हुई उन दोनों के सामने आ खड़ी हुई।

“जेम्स और विल्मर को शलाका का प्रणाम।" उस अप्सरा ने झुककर जेम्स और विल्मर को अभिवादन किया।

अपना नाम शलाका के मुंह से सुनकर जेम्स और विल्मर के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा। उन्हें कुछ
बोलते नहीं बन रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके होंठ उनके तालू से चिपक गये हो।

“क.... क.... कौन हो आप?" बहुत मुश्किल से विल्मर ने डरते हुए शलाका से पूछा- “और हमारा नाम कैसे जानती हो?"

“थोड़ी देर इत्मिनान रखिये, अभी सब बताऊंगी आप लोग को, पहले जरा इन सबको तो जगा दू।" इतना कहकर शलाका ने उन ताबूतों को देखा जो कि कमरे में खड़े थे।

शलाका अब चलती हुई बीच वाले ताबूत के पास रखे पोडियम के पास पहुंच गयी। उसने एक बार सभी ताबूतों की ओर देखा और फ़िर पोडियम के बीच बने तीनो सुराख में अपना त्रिशूल घुसा दिया।

त्रिशूल के घुसाते ही हर ताबूत में जमीन की तरफ एक सुराख हो गया और उस सुराख के
माध्यम से सारा रंगीन द्रव्य जमीन में समा गया।

जैसे ही पूरा द्रव्य ताबूत से ख़तम हुआ, सारे योद्धा जीवित हो गये। योद्धाओं के जीवित होते ही सभी काँच के ताबूत जमीन में समा गये।

“सभी भाइयों का सन् 2004 में स्वागत है।" शलाका ने झुक कर सभी का अभिवादन किया।

आठों योद्धाओ ने अपने हाथ से मुक्के बनाकर आपस में टकराये। अब उनकी निगाहें डरे-सहमें जेम्स और विल्मर की ओर थी।

“हम 5000 वर्ष के बाद आज जागे है।" शलाका ने जेम्स और विल्मर की ओर देखते हुए कहा- “हम आपको सब बतायेंगे, पर अभी आप लोग थोड़ा आराम करे और हमें अपने कुछ जरुरी काम कर लेने दे। फ़िर हम आप को सब बतायेंगे।"

जेम्स और विल्मर के पास तो बहस करने की हिम्मत भी नहीं थी अतः उनहोने शांति से सर हिला दिया।

शलाका ने सहमित देख अपना त्रिशूल हवा में लहराया। जिसकी वजह से हवा में एक दरवाजा उत्तपन्न
हुआ। शलाका ने दोनों को उस दरवाजे से अंदर जाने का इशारा किया।

जेम्स और विल्मर ना चाहते हुए भी उस दरवाजे के अंदर प्रवेश कर गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक शानदार शयनकक्ष था जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा टॉयलेट भी मौजूद था। परंतु उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था और उनके शयनकक्ष में घुसते ही शलाका का बनाया द्वार भी गायब हो गया था।

जेम्स और विल्मर अब बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे थे। उनके पास अब इंतजार करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था।

इसिलए दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गये और इंतजार करने लगे शलाका के आने का।


नयनतारा:
8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका द्वीप

सुबह उठकर नित्य कार्यो से निवृत्त होने के बाद सभी ने हलका-फुलका फलो का नास्ता किया और फ़िर से जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि द्वीप बहुत ही खतरनाक और विचित्र चीज़ों से भरा पड़ा है।

सबसे आगे सुयश चल रहा था, फ़िर उसके पीछे अल्बर्ट था, उसके पीछे एलेक्स और क्रिस्टी, फ़िर शैफाली और ब्रूनो, फ़िर जेनिथ और तौफीक, फ़िर असलम और ब्रैंडन और फ़िर सबसे पीछे जैक और जॉनी।

जैक और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे जिससे खतरा महसूस होते ही वह पीछे से भाग सके।

“पता नहीं कब ख़तम होगा ये जंगल?" जैक ने जॉनी से धीमी आवाज में कहा- “परेशान हो गया हू चलते-चलते।"

“मुझसे तो बिना शराब के चला ही नहीं जा रहा है।" जॉनी ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा- “पूरे 2 दिन से शराब की एक बूंद भी नहीं गयी हलक के नीचे। बेकार है इतने पैसे का होना, जबकि हम उसे प्रयोग में
ही ना ला सके।"

“तुझे शराब की पड़ी है। यहां मैंने कितने सपने सजाए थे कि ऑस्ट्रेलिया जाकर बीच पर घूमूंगा, लडकियों का डांस देखूंगा..... पर हाय री फूटी किस्मत.... सब बरबाद हो गया ... डांस देखने की छोड़ो अब तो यहां हमारे खुद पत्तियों को पहन कर जंगल में डांस करने की हालत आ गयी है।"

जैक की बात सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

जॉनी को मुस्कुराता देखकर जैक को गुस्सा आ गया और वह बोल उठा- “तू क्यूं मुस्कुरा रहा है मेरी बात सुनकर?"

“बस तुझे पत्तियों को पहन कर डांस करते हुए कल्पना कर रहा हुं। सच्ची में यार बहुत खूबसूरत लगेगा तू तो ऐसी स्थिति में।" जॉनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

जैक जॉनी की बात सुनकर भड़क उठा और एक घूंसा धीरे से जॉनी की पीठ में जड़ते हुए बोला-
“अच्छा होता कि ड्रेजलर कि बजाय वह अजगर तुझे मार देता।"

जॉनी घूंसा खाकर आगे भाग गया और सुयश से बोला-
“कैप्टन, यदि ड्रेजलर के पत्थर पर साँप बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर दिया। मेरे पत्थर पर तो बंदर बना था तो मुझ पर अब किंग-कॉन्ग हमला करेगा या गोरिल्ला?"

ना चाहते हुए भी सुयश सिहत सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

“ऐसा कुछ भी नहीं है।" सुयश ने सबका डर कम करने के लिये कहा- “ये सिर्फ एक इत्तेफाक भी हो सकता है।"

“मैं इसे इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं हुं कैप्टन।"अल्बर्ट ने सुयश को देखते हुए कहा- “क्यों की हम सभी शैफाली के सपनों के बारे में जानते
हैं। उसकी कही हर एक बात सच होती जा रही है।"

अल्बर्ट की बात सुन सभी अल्बर्ट और सुयश के पास आ गये।

शैफाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के पास कुछ फुसफुसाहट सी सुनाई दी
जो की यकीनन इनमें से किसी की नहीं थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"

शैफाली यह सुनकर विस्मित हो गयी और बिना किसी से बोले एक दिशा की ओर चल दी।




जारी रहेगा________✍️
At the end James aur Vilmer ke karan 8 naye warriors story ka part ban gaye, ye Nayanthara kaun hai jiske aawaz ki aur Shefali chal padi hai???

8 warriors ab Shefali aur uski team ke paas kaise aate hain dekhna interesting hoga!!

Kya Shalaka, James aur Vilmer ki order follow karegi, par lagta toh nahi hai aisa hoga???

Wonderful update brother.. har episode ek naya rang dikhata hai.
 

Sanju@

Well-Known Member
4,835
19,504
158
# 19 .
“हम लोग सूर्यवंशी राजपूत हैं। इस लिए सूर्य हमारे आराध्य देव हैं। मेरे दादा जी भारत में रहते थे। यह निशान उनके हाथ पर बना था। जो मुझे बहुत अच्छा लगता था। एक बार जब दादा जी अमेरिका आये थे, तो मैंने उनका यह निशान कॉपी करके, एक टैटू वाले से अपनी पीठ पर बनवा लिया था।“

सुयश शायद अपने दादा जी को याद कर, कुछ देर के लिए वर्तमान परिस्थिति को एक क्षण के लिए भूल गया था। पर जैसे ही उसे रोजर की याद आयी वो फिर दुखों से भर गया। तभी सुयश की नजर सामने लगी घड़ी पर गयी। इस समय सुबह का 10:00 बज रहा था।

पूरी रात परेशानियों के बीच बीती थी। वैसे तो आज न्यू ईयर का पहला दिन था। फिर भी किसी के चेहरे पर खुशी नहीं थी। सुयश को बहुत थकान लग रही थी, मानसिक भी और शारीरिक भी। अब वह धीरे-धीरे अपने केबिन की ओर बढ़ गया।
उसके जाते ही बाकी लोग भी अपने केबिन की ओर बढ़ गये।

2 जनवरी 2002, बुधवार, 01:30;

शिप को चलते हुए पूरा दिन बीत चुका था, पर किसी भी तरह की अभी कोई मुसीबत नहीं आई थी। शिप में यात्रा कर रहे यात्रियों के बीच, अजीब सी अफवाहों का बाजार गर्म था।

सभी यात्री अलग-अलग तरह की अटकलें लगा रहे थे। किसी को भी शिप की वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं पता था। पर शिप में यदि कोई सबसे ज्यादा परेशान था, तो वह था सुयश।

रात का लगभग 1:30 बज रहा था। परंतु उसकी आंखों में नींद का नामो निशान नहीं था। वह शिप पर लगातार हो रही, विचित्र घटनाओं में उलझा हुआ था- पहले शिप पर अपराधी के बारे में पता चलना, न्यू ईयर की रात लॉरेन का संदिग्ध परिस्थितियों में मर्डर हो जाना, शिप का बारामूडा त्रिकोण जैसे खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश करना, शिप के ऊपर से नीली रोशनी बिखेरते रहस्यमय यान का निकलना, सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों सहित कम्पास का खराब हो जाना, शिप का भंवर में फंस जाना और रोजर का हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हो जाना।

यह सभी घटनाएं एक-एक करके सुयश के दिमाग में घूम रही थीं। लेकिन इन सब विचारों से बड़ा, एक विचार सुयश के दिमाग में और घूम रहा था और वह यह था कि क्या शिप सभी खतरों से बचकर, वापस अपनी सभ्यता में पहुंच पाएगा?

अभी वह इन सभी बातों में उलझा ही था, कि एकाएक फोन की घंटी, किसी हॉरर फिल्म के म्यूजिक की तरह से बज उठी।

“ट्रिंग.....ट्रिंग....ट्रिंग...“ सुयश की नजरें तुरंत सामने लगी घड़ी की ओर गईं। इस समय रात का 1:50 हुए थे।

“इतने समय किसका फोन हो सकता है?“ यह विचार दिमाग में आते ही, सुयश एक झटके से बेड से उतरकर, फोन उठा लिया।

“हैलो कैप्टन!“ उधर से ब्रैंडन की आवाज सुनाई दी- “क्या आप कुछ देर के लिए शैफाली के रूम में आ सकते हैं?“

“क्या हुआ?“ सुयश ने घबरा कर कहा- “कोई परेशानी है क्या ?“

“कुछ खास नहीं कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने शान्त आवाज में कहा- “पर मिस्टर माइकल आपको कुछ दिखाना चाहते हैं। आप आ जाइये। आपके आने पर, सब पता चल जायेगा।“

यह कहकर ब्रैंडन ने फोन काट दिया। ब्रैंडन ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था, जिससे कोई परेशानी होती पर ना जाने क्यों सुयश को ऐसा लग रहा था, कि कुछ गड़बड़ जरुर है। सुयश तुरंत स्लीपिंग सूट में ही, पैरों में स्लीपर डालकर तेजी से शैफाली के रूम की ओर भागा।

लेकिन उसका मन किसी अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहा था। कई गैलरियों को पार करते हुए सुयश कुछ ही देर में शैफाली के रुम के पास पहुंच गया। शैफाली के रूम के दरवाजा खुला हुआ था। सुयश ने तेजी से अंदर प्रवेश किया। अंदर माइकल, मारथा, अलबर्ट, ब्रैंडन व लारा एक तरफ रखे सोफे पर बैठे दिखाई दिये। ब्रूनो उनके पास शांत भाव से जमीन पर बैठा था। सुयश को अंदर आते देख सभी उठकर खड़े होने लगे, पर सुयश ने सबको बैठे रहने का इशारा किया। सुयश भी एक खाली पड़े सोफे पर बैठ गया।

“क्या बात है ब्रैंडन?“ सुयश ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा- “इतनी रात को आप सब यहां क्या कर रहे हैं?“

“कैप्टेन हमें भी मिस्टर माइकल ने 555 पर फोन करके बुलाया है।“ ब्रैंडन ने माइकल की तरफ इशारा करते हुए कहा-
“पर अभी हमें भी इन्होंने कुछ नहीं बताया है। हमारे आने पर इन्होंने आपको बुलाने के लिए कहा। शायद यह आपके सामने ही कुछ बताना चाहते हैं।“

यह सुन अब सुयश की निगाहें माइकल पर गयीं। माइकल जो अब तक खामोश बैठा था, सुयश को अपनी तरफ देखते हुए देख बोल उठा-

“कैप्टेन! थोड़ी देर पहले, मैं और मारथा इसी रुम में बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। शैफाली दूसरे रुम में सो रही थी। तभी हमें शैफाली के रुम से किसी खटके की आवाज आयी। मैं और मारथा लगभग भागते हुए शैफाली के रुम में पहुंचे। वहां पहुंचकर हमने देखा, कि शैफाली के रुम के खिड़की, हवा के चलने की वजह से हिल रही थी। हमें लगा, कि शायद इसी की आवाज हमें आयी होगी। मैंने खिड़की को बंदकर एक नजर शैफाली पर डाली। तभी मुझे शैफाली के सिर के पास तकिये पर रखी, चमकती हुई कोई चीज दिखाई दी। मैंने आगे बढ़कर उस चीज को उठा लिया। वह चीज सोने का एक प्राचीन सिक्का थी।“

“सोने का प्राचीन सिक्का !“ सुयश के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले। ब्रैंडन व लारा भी आश्चर्य से माइकल को देख रहे थे।

“जी हाँ ! सोने का प्राचीन सिक्का।“ कहते हुए माइकल ने जेब से, एक सोने का सिक्का निकालकर टेबल पर रख दिया।

सुयश ने उस सिक्के को हाथ में उठा लिया। वह सिक्का शुद्ध सोने का बना था। उस सिक्के के एक साइड में 6 घोड़े, एक रथ को खींच रहे थे। रथ का पिछले हिस्से में एक योद्वा लड़की सवार थी। जिसके हाथ में त्रिशूल था। लड़की के बाल हवा में लहरा रहे थे। सिक्के के दूसरी साइड पर एक खूबसूरत सी डॉल्फिन मछली बनी थी और उस मछली के नीचे, किसी ना समझ में आने वाली भाषा में कुछ लिखा था। जब सुयश ने उस सिक्के को पूरी तरह से देख लिया, तो उसे लारा की तरफ बढ़ा दिया। अब लारा व ब्रैंडन उस सिक्के को देखने लगे।

“तकिये से सिक्का उठाने के बाद मैंने अलबर्ट सर को फोन किया।“ माइकल ने पुनः बोलते हुए कहा- “अलबर्ट सर ने सिक्का देखने के बाद आपको बुलाने के लिए कहा।“
इतना कहने के बाद माइकल ने अपनी बात समाप्त कर दी।

“क्या आपने किसी को भी शैफाली के कमरे में आते-जाते देखा ?“ सुयश ने माइकल को सम्बोधित करते हुए कहा- “या फिर आपकी अनुपस्थिति में कोई आया हो ?“

“नहीं !“ माइकल ने नकारात्मक अंदाज में सिर हिलाते हुए कहा- “कल की घटना के बाद से हम डरे हुए थे। इसलिए ना तो हम कहीं गये थे और ना ही कल से यहां कोई आया था। हमने तो खाना भी रुम में ही मंगा लिया था। वैसे भी कैप्टेन, ब्रूनो के रहते किसी का हमारे कमरे में चोरी-छिपे आना तो पॉसिबल भी नहीं है।“

सुयश की नजर ब्रूनो पर पड़ी। सुयश का चेहरा अपनी तरफ देख, ब्रूनो ने भी फॉर्मेलिटी के अंदाज में पूंछ को 2 बार दांये-बांये कर दिया। अब सुयश अलबर्ट की तरफ मुड़कर बोला-

“प्रोफेसर! आपका क्या कहना है, इस सिक्के के बारे में? क्या आप बता सकते हैं कि यह सिक्का किस देश का है?“

“कैप्टेन! जब मैंने सिक्का देखा तो मुझे भी समझ में नहीं आया, कि इस पर लिखा क्या है?“ अलबर्ट ने सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“लेकिन मैं इतना जानता हूं कि ये किसी प्राचीन काल की सभ्यता का सिक्का है। और आज के समय में इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो सकती है। इसीलिए ये सिक्का देखने के बाद मैंने माइकल से आपको बुलाने के लिए कहा।“

“प्राचीन काल का सिक्का !“ ब्रैंडन के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर में निकला-
“पर ये इतना पुराना सिक्का यहां पर आया कैसे?“

“इस अटलांटिक महासागर में हम लोगों के साथ, जो भी हो जाए वो कम ही है।“ सुयश ने कुछ सोचते हुए गम्भीर शब्दों में कहा।

“अटलांटिक महासागर!“ अचानक अलबर्ट आश्चर्य से भर उठा- “एक मिनट के लिए जरा मुझे वो सिक्का दोबारा दिखाइये।“

सुयश ने टेबल पर रखा सिक्का अलबर्ट की ओर बढ़ा दिया। सभी अब अलबर्ट की ओर देख रहे थे। अलबर्ट ध्यान से सिक्के के दोनों साइड देखता रहा और कुछ देर के बाद उसने अपनी चुप्पी तोड़ी-

“कैप्टेन मुझे यह सिक्का ‘अटलांटिस‘ सभ्यता का लग रहा है।“

“अटलांटिस!“ माइकल को छोड़कर सभी के मुंह से आश्चर्य भरे स्वर निकले। “आप यह बात कैसे कह सकते हैं?“ सुयश ने अलबर्ट की ओर देखते हुए पूछा- “कि ये सिक्का ‘अटलांटिस‘ का है।“

“कैप्टेन जब आपने अटलांटिक महासागर बोला तो अचानक से मुझे अपने ऑफिस की लाइब्रेरी में रखी एक किताब याद आ गयी। जिसका नाम ‘अटलांटिस- एक रहस्यमयी संसार‘ था। वह किताब सन् 1882 में ‘इग्नाटस डोनैली‘ ने लिखी थी, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने ‘अटलांटिस‘ पर शोध करने के लिए रखा था। उन्हीं के द्वारा ‘अटलांटोलॉजी‘ नामक विषय की शुरुआत हुई। उसी किताब के कवर पेज पर, कुछ इसी तरह से समुद्र के देवता ‘पोसाइडन‘ की तस्वीर बनी थी।“

“एक मिनट रुकिये अलबर्ट सर।“ माइकल ने अलबर्ट को बीच में ही टोकते हुए कहा- “ये अटलांटिस क्या है? मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता। इसलिए मुझे आप लोगों की बातें समझ नहीं आ रहीं हैं।“

“अटलाटिस एक प्राचीन द्वीप की कहानी है।“ अलबर्ट ने माइकल को बताते हुए कहा- “जिसका जिक्र ग्रीक दार्शनिक ‘प्लेटो ‘ ने आज से लगभग 2600 वर्ष पूर्व किया था। कहते हैं कि अटलांटिस का विज्ञान आज से भी ज्यादा उन्नत था। उनकी धरती पर एलियंस का भी आना जाना था। पर वह द्वीप, एक दिन एक विशालकाय ज्वालामुखी के फटने की वजह से समुद्र में डूब गया। तबसे वैज्ञानिक आज भी उस दुनिया की खोज कर रहें हैं।“

“ओहऽऽऽ!“ माइकल ने एक लम्बी साँस भरी।





जारी रहेगा…....✍️
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश के टैटू का तो राज खुल गया लेकिन एक और राज सामने आ गया सबकी हैप्पी न्यू ईयर की जगह bad न्यू ईयर हो गई शैफाली के पास एक सिक्का मिला है वह शैफाली के पास कौन व क्यों रख के गया है जिसका पता किसी को भी नहीं है अल्बर्ट के हिसाब से यह सिक्का अटलांटिस सभ्यता का है ये सच हो सकता है और शैफाली का उनके साथ कुछ तो संबंध हो सकता है???
 

Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
129
372
63
James aur Wilmar ne Shalaka👸 aur uske bhaiyo 🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️ 🦸‍♂️ ko jagaa diya. Lekin inaam ki jagah unhe sunehri qaid mili.. 😏

Yeha Mayavan mei ab Nayantara 🤩 ka kya mamla hai yaar.. bahut suspense hai yaar..
:cool3:
 
Top