वाह क्या गजब का और विस्मयकारक अपडेट है भाई मजा आ गया#67.
जेम्स अब उस खंभे की ओर बढ़ा। उसने सर्प के एक फन को धीरे से हिलाकर देखा, पर कहीं कोई हरकत नहीं हुई। जेम्स ने सर्प के मुंह में भी हाथ डालकर देखा, मगर वहां भी कुछ नहीं था। कुछ सोचकर जेम्स ने सर्प के सिर पर रखा कमल का फूल हाथ में उठा लिया।
जेम्स के द्वारा फूल उठाए जाते ही अचानक से फव्वारे के पानी में मौजूद नीली मछिलयां बहुत तेजी से इधर-उधर भागने लगी।
यह देखकर जेम्स घबरा कर फव्वारे से फूल लेकर बाहर आ गया। मछलियों के पानी में भागने की रफ़्तार अब और भी तेज हो गयी।
“अरे यह क्या?" विल्मर ने मछलियों को देखते हुए आशचर्य से कहा- “इन मछलियों का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है।"
विल्मर की बात सुन जेम्स भी हैरान रह गया क्यों की मछलियों का आकार सच में बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फव्वारे का पानी भी।
ऐसा लग रहा था कि मछिलयां फव्वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो रही है। जेम्स और विल्मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये।
कुछ ही देर में नींबू के आकार की मछिलयां फुटबॉल के आकार की हो गयी और धीरे-धीरे फव्वारे
का सारा पानी भी ख़तम हो गया।
जैसे ही सारा पानी ख़तम हुआ, अचानक से उस सर्पकार खंभे ने लट्टू की तरह से नाचना शुरू कर दिया और नाचते-नाचते जमीन में समाने लगा।
धीरे-धीरे वह पूरा का पूरा खंभा जमीन में समा गया और उसके साथ ही उस गड्डे में सारी मछिलयां भी समा गई।
अब जमीन से हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने लगी और इसी के साथ उस खाली स्थान से एक बर्फ़ की सिल्ली बाहर निकलती हुई दिखाई दी।
धीरे-धीरे 6 फुट की एक बर्फ़ की सिल्ली पूरी बाहर आ गयी।
सिल्ली के बाहर निकलते ही अचानक छत पर बने सूर्य से 7 रंग की किरण निकलकर उस बर्फ़ की
सिल्ली पर पड़ने लगी और इसी के साथ सिल्ली की बर्फ़ पिघलने लगी।
बर्फ़ के अंदर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बंद थी जो बर्फ़ के पिघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़की किसी अप्सरा की मानिंद खूबसूरत दिख रही थी।
हिरन के समान काली आँखें, अग्नि के समान घुंघराले सुनहरे बाल, सीप से पतले होंठ, गुलाब सा चेहरा, सुराहीदार गरदन, दूध सा चमकता गोरा शरीर, सब कुछ उसकी खूबसूरती को बयां कर रहे थे।
उसके माथे पर सुनहरा मगर छोटा सा मुकुट था। उसने योद्धाओं के समान सुनहरी धातु की पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ में एक 6 फुट की सुनहरी धातु का त्रिशूल पकड़ रखा था।
जेम्स और विल्मर तो यह सीन देख डर कर भागने वाले थे, पर उस लड़की का सौंदर्य ही ऐसा था जो कि उनको वहां से हटने ही नहीं दे रहा था। दोनों मंत्र-मुग्ध से उस योद्धा अप्सरा को निहार रहे थे।
कुछ ही देर में बर्फ़ पूरी तरह से पिघल गयी और वह अप्सरा पूर्ण सजीव हो गयी।
अब उस अप्सरा की नजरे जेम्स और विल्मर पर गयी। वह धीरे-धीरे चलती हुई उन दोनों के सामने आ खड़ी हुई।
“जेम्स और विल्मर को शलाका का प्रणाम।" उस अप्सरा ने झुककर जेम्स और विल्मर को अभिवादन किया।
अपना नाम शलाका के मुंह से सुनकर जेम्स और विल्मर के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा। उन्हें कुछ
बोलते नहीं बन रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके होंठ उनके तालू से चिपक गये हो।
“क.... क.... कौन हो आप?" बहुत मुश्किल से विल्मर ने डरते हुए शलाका से पूछा- “और हमारा नाम कैसे जानती हो?"
“थोड़ी देर इत्मिनान रखिये, अभी सब बताऊंगी आप लोग को, पहले जरा इन सबको तो जगा दू।" इतना कहकर शलाका ने उन ताबूतों को देखा जो कि कमरे में खड़े थे।
शलाका अब चलती हुई बीच वाले ताबूत के पास रखे पोडियम के पास पहुंच गयी। उसने एक बार सभी ताबूतों की ओर देखा और फ़िर पोडियम के बीच बने तीनो सुराख में अपना त्रिशूल घुसा दिया।
त्रिशूल के घुसाते ही हर ताबूत में जमीन की तरफ एक सुराख हो गया और उस सुराख के
माध्यम से सारा रंगीन द्रव्य जमीन में समा गया।
जैसे ही पूरा द्रव्य ताबूत से ख़तम हुआ, सारे योद्धा जीवित हो गये। योद्धाओं के जीवित होते ही सभी काँच के ताबूत जमीन में समा गये।
“सभी भाइयों का सन् 2004 में स्वागत है।" शलाका ने झुक कर सभी का अभिवादन किया।
आठों योद्धाओ ने अपने हाथ से मुक्के बनाकर आपस में टकराये। अब उनकी निगाहें डरे-सहमें जेम्स और विल्मर की ओर थी।
“हम 5000 वर्ष के बाद आज जागे है।" शलाका ने जेम्स और विल्मर की ओर देखते हुए कहा- “हम आपको सब बतायेंगे, पर अभी आप लोग थोड़ा आराम करे और हमें अपने कुछ जरुरी काम कर लेने दे। फ़िर हम आप को सब बतायेंगे।"
जेम्स और विल्मर के पास तो बहस करने की हिम्मत भी नहीं थी अतः उनहोने शांति से सर हिला दिया।
शलाका ने सहमित देख अपना त्रिशूल हवा में लहराया। जिसकी वजह से हवा में एक दरवाजा उत्तपन्न
हुआ। शलाका ने दोनों को उस दरवाजे से अंदर जाने का इशारा किया।
जेम्स और विल्मर ना चाहते हुए भी उस दरवाजे के अंदर प्रवेश कर गये।
दरवाजे के दूसरी तरफ एक शानदार शयनकक्ष था जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा टॉयलेट भी मौजूद था। परंतु उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था और उनके शयनकक्ष में घुसते ही शलाका का बनाया द्वार भी गायब हो गया था।
जेम्स और विल्मर अब बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे थे। उनके पास अब इंतजार करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था।
इसिलए दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गये और इंतजार करने लगे शलाका के आने का।
नयनतारा: 8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका द्वीप
सुबह उठकर नित्य कार्यो से निवृत्त होने के बाद सभी ने हलका-फुलका फलो का नास्ता किया और फ़िर से जंगल के अंदर की ओर चल दिये।
इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि द्वीप बहुत ही खतरनाक और विचित्र चीज़ों से भरा पड़ा है।
सबसे आगे सुयश चल रहा था, फ़िर उसके पीछे अल्बर्ट था, उसके पीछे एलेक्स और क्रिस्टी, फ़िर शैफाली और ब्रूनो, फ़िर जेनिथ और तौफीक, फ़िर असलम और ब्रैंडन और फ़िर सबसे पीछे जैक और जॉनी।
जैक और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे जिससे खतरा महसूस होते ही वह पीछे से भाग सके।
“पता नहीं कब ख़तम होगा ये जंगल?" जैक ने जॉनी से धीमी आवाज में कहा- “परेशान हो गया हू चलते-चलते।"
“मुझसे तो बिना शराब के चला ही नहीं जा रहा है।" जॉनी ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा- “पूरे 2 दिन से शराब की एक बूंद भी नहीं गयी हलक के नीचे। बेकार है इतने पैसे का होना, जबकि हम उसे प्रयोग में
ही ना ला सके।"
“तुझे शराब की पड़ी है। यहां मैंने कितने सपने सजाए थे कि ऑस्ट्रेलिया जाकर बीच पर घूमूंगा, लडकियों का डांस देखूंगा..... पर हाय री फूटी किस्मत.... सब बरबाद हो गया ... डांस देखने की छोड़ो अब तो यहां हमारे खुद पत्तियों को पहन कर जंगल में डांस करने की हालत आ गयी है।"
जैक की बात सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।
जॉनी को मुस्कुराता देखकर जैक को गुस्सा आ गया और वह बोल उठा- “तू क्यूं मुस्कुरा रहा है मेरी बात सुनकर?"
“बस तुझे पत्तियों को पहन कर डांस करते हुए कल्पना कर रहा हुं। सच्ची में यार बहुत खूबसूरत लगेगा तू तो ऐसी स्थिति में।" जॉनी ने मुस्कुराते हुए कहा।
जैक जॉनी की बात सुनकर भड़क उठा और एक घूंसा धीरे से जॉनी की पीठ में जड़ते हुए बोला-
“अच्छा होता कि ड्रेजलर कि बजाय वह अजगर तुझे मार देता।"
जॉनी घूंसा खाकर आगे भाग गया और सुयश से बोला-
“कैप्टन, यदि ड्रेजलर के पत्थर पर साँप बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर दिया। मेरे पत्थर पर तो बंदर बना था तो मुझ पर अब किंग-कॉन्ग हमला करेगा या गोरिल्ला?"
ना चाहते हुए भी सुयश सिहत सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।
“ऐसा कुछ भी नहीं है।" सुयश ने सबका डर कम करने के लिये कहा- “ये सिर्फ एक इत्तेफाक भी हो सकता है।"
“मैं इसे इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं हुं कैप्टन।"अल्बर्ट ने सुयश को देखते हुए कहा- “क्यों की हम सभी शैफाली के सपनों के बारे में जानते
हैं। उसकी कही हर एक बात सच होती जा रही है।"
अल्बर्ट की बात सुन सभी अल्बर्ट और सुयश के पास आ गये।
शैफाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के पास कुछ फुसफुसाहट सी सुनाई दी
जो की यकीनन इनमें से किसी की नहीं थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"
शैफाली यह सुनकर विस्मित हो गयी और बिना किसी से बोले एक दिशा की ओर चल दी।
जारी रहेगा________![]()
पांच हजार साल पहले के योद्धा और एक सुंदरी जेम्स लेन विल्मर के क्रियाकलापों से जाग उठे और उन्हे उनके नाम भी मालूम हैं
वही ये नयनतारा कौन हैं और ये शेफाली किस ओर जा रही है
खैर देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और रहस्यमयी अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Aage padhiye jabaab mil jayega
Thanks for your valuable review and superb support bhai 

Rahi baat nayan taara ki to uska aaj aane wale update me pata lag jayega bhaiya
Sath bane rahiye,