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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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अभी फ़िलहाल स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं है, हां बाहर निकलने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं।

फिलहाल ये लगता है कि वो स्पेस शिप फिर से अभी भी आ सकती है।
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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अभी फ़िलहाल स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं है, हां बाहर निकलने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं।

फिलहाल ये लगता है कि वो स्पेस शिप फिर से अभी भी आ सकती है।
Yess hone ko to kuch bhi sambhav hai mitra, kyu ki agar jahaaj ko dekhe to saare system bigde hue hai, aur wo aisi jagah pe khada hai jaha maut kabhi bhi apni baahe pasaar sakti hai :declare: Thanks brother for your wonderful review and support :thanx:
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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# 15.

“आप फिलहाल अपने रूम में पहुंचिए मिस्टर अलबर्ट। क्यों कि अभी कुछ देर के लिए शिप की लाइट भी ऑफ हो गई थी। ऐसी स्थिति में शायद मिसेज अलबर्ट भी परेशान हों। मैं आपसे इस टॉपिक के बारे में बाद में बात करूंगा।“

यह कहकर सुयश, जेम्स हुक की तरफ बढ़ गया जो अब लगभग सभी कंट्रोल्स को चेक कर चुका था।

“कैप्टेन! शिप को चलाने वाले सभी मैकेनिकल यंत्र व व्हील तो सही काम कर रहे हैं।“ जेम्स हुक ने सुयश को अपनी तरफ आते देख बताना शुरु किया-

“पर शिप के सारे इलेक्ट्रानिक यंत्र, गेज, मीटर्स व ट्रांसमीटर सेट, पूरी तरह खराब हो चुके हैं। अब आप यह समझ लीजिए कि बाहरी दुनिया से फिलहाल हमारा संपर्क पूर्ण रुप से टूट चुका है। यहां तक कि हमारा दिशा सूचक यंत्र भी काम नहीं कर रहा है। इस समय तो हमें यह भी नहीं पता, कि हम किस दिशा में खड़े हैं।“

उधर रोजर व असलम को भी अब स्थिति की भयानकता का अंदाजा हो गया था। वह दोनों अभी तक, सिर झुकाए, चुपचाप खड़े हो कर बातें सुन रहे थे। सुयश ने ध्यान से जेम्स हुक की सारी बातें सुनी और फिर धीरे से एक हुंकारी भरते हुए, एक नजर रोजर व असलम पर मारी।

“सबसे पहले मैं आप लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत करा देना चाहता हूं।“ सुयश ने गंभीर स्वर में कहा-

“रोजर व असलम, तुम लोगों की एक छोटी सी गलती से, आज जहाज के सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में है। तुम्हें स्वयं नहीं मालूम कि तुम लो गोंने क्या किया है?“

“हम अपने किए की माफी मांगते हैं कैप्टन।“ सुयश की बातें सुनकर, रोजर ने धीरे से सिर उठाते हुए कहा-

“हम महसूस कर रहे हैं, कि हमसे वास्तव में बहुत बड़ी गलती हो गयी है, पर हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं, कि भविष्य में फिर कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे।“

असलम ने भी सिर उठाते हुए रोजर की हां में हां मिलायी। सुयश समझ गया कि उनको अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्यों कि वह खुद ही समझ चुके हैं कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है।

“फिलहाल मैं तुम लोगों से इस बारे में बाद में बात करूंगा।“ सुयश ने कहा- “पहले हमारा काम शिप को, अपने वास्तविक रुट पर वापस लाना है, क्यों कि बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र, विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में गिना जाता है। और इस क्षेत्र के रिकार्ड ये कहते हैं कि आज तक जो भी जहाज इस क्षेत्र में आया है, वह वापस नहीं जा सका। इसका एक छोटा सा उदाहरण अभी आपने देखा भी है कि हमारे शिप के ऊपर से कोई उड़नतश्तरी नुमा, अजीब सा यान बहुत तेजी से निकला है। वह क्या था ? अभी इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है? पता है तो बस इतना, कि उस चीज के शिप के ऊपर से निकलते ही, हमारे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो गए।“

“विश्व के अनसुलझे रहस्यों की यदि कोई लिस्ट बनाई जाए तो यह स्थान सबसे ऊपर रहेगा । सैकड़ों बाम्बर यान से लेकर ना जाने कितने शिप, इस रहस्यमयी क्षेत्र का शिकार बन चुके हैं। जितना मैंने इस क्षेत्र के बारे में सुना है, उसके हिसाब से इस पूरे क्षेत्र में, तीव्रतम विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हुई हैं, जो हर इस क्षेत्र में आने जाने वाले, शिप और यानों का संपर्क, दुनिया से काटकर, उनके पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ध्वस्त कर देती हैं। यान के यात्रियों का अपने यान पर से, इसी कारण से कंट्रोल खत्म हो जाता है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिए दोस्तों इस मुसीबत की घड़ी में, हमें दूसरी अन्य समस्याओं से ध्यान हटाकर, सबसे पहले अपने शिप को इस रहस्यमई व खतरनाक क्षेत्र से निकालकर, अपने वास्तविक रूट पर लाना होगा।“

सुयश की बातें सुनकर हर आदमी तुरंत एक्शन में आ गया। उनके लिए यह विचार ही खतरनाक था, कि वह इस समय विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्र में हैं।

“कैप्टन यह कार्य पहले जितना आसान था, अब उतना ही मुश्किल है।“ रोजर ने अपनी प्रॉब्लम बताते हुए कहा-

“क्यों कि ना तो अब हमारे पास दिशा सूचक यंत्र है और ना ही ट्रांसमीटर सेट और बिना इन दोनों के, अब हम शिप को अपने वास्तविक रुट पर नहीं ला सकते।"

"इसलिए हमें सबसे पहले यह दिमाग लगाना होगा कि हमारा शिप है किस स्थिति में? क्यों कि इस समय बिना शिप की वास्तविक स्थिति जाने हुए, हम शिप को मोड़ेंगे कैसे?“

“और कैप्टेन हमारा दिशा सूचक यंत्र खराब हो जाने के कारण, हमें अपनी वास्तविक दिशा का भी ज्ञान नहीं हो पा रहा है।“ असलम ने अपने माथे पर छलक आए, हल्की पसीने की बूंदों को रुमाल से साफ करते हुए कहा-

“अगर दिन का समय होता तो सूर्य को देखकर, कुछ आइडिया लगाया भी जा सकता था। परंतु अंधेरी रात होने की वजह से तो आज चंद्रमा भी नहीं निकला है। फिर हम अपने जहाज की दिशा कैसे पता कर पायेंगे?“

“आप दिशा ज्ञान के लिए ज्यादा परेशान मत हो इए।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि अंधेरी रात में भी सितारों के द्वारा हमें दिशा ज्ञान हो सकता है। आकाश में जो 7 सितारों का समूह होता है। उसका आखिरी सितारा हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करता है और इस तारा मंडल की स्थिति पूरे वर्ष भर, एक ही रहती है। यानि कि इसमें कोई बदलाव नहीं होता। इसलिए आप दिशा ज्ञान को लेकर भ्रमित ना हों। अब रही शिप की इस समय की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने की, तो आप लोगों को इसके लिए परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। मेरी अभी फ्लोरिडा के ऑफिसर से, कुछ देर पहले बात हुई थी, जिसमें उसने जहाज की वास्तविक स्थिति मुझे बताई थी।............ लारा ! जरा टेबल पर रखा, कॉपी और पेन तो उठाना।“

लारा ने तुरंत ट्रांसमीटर सेट के बगल में रखा, कॉपी और पेन उठा कर सुयश को दे दिया। सुयश ने पहले एक नजर कॉपी पर लिखे उस को आर्डीनेट्स पर मारी जो उसने स्टीफेन से सुनकर कॉपी पर लिखा था और फिर उस पर एक रेखा चित्र बनाने में व्यस्त हो गया। सभी की निगाहें अब उस कॉपी के पन्ने पर थीं, जिसमे सुयश बहुत तेजी से एक डायग्राम बना रहा था। थोड़ी देर की मेहनत के बाद सुयश ने डायग्राम पूरा कर लिया। उस डायग्राम में सुप्रीम की वास्तविक स्थिति बनी थी। जिसके बीच-बीच में, वह दूरियां और दिशा लिखी थीं, जो स्टीफेन ने कुछ देर पहले सुयश को बतायी थीं।
इतना करके सुयश कुछ देर रुका और फिर कुछ सोचकर उसने दोबारा कलम चलानी शुरु कर दी। इस बार वह कुछ कैलकुलेशन कर रहा था। थोड़ी ही देर में सुयश ने अपना काम पूरा कर लिया। काम पूरा करने के बाद, सुयश ने वह पन्ना, बीच टेबल पर इस तरह रख दिया कि वह अब सभी को दिखायी दे रहा था। रोजर सहित अब सभी की निगाह सिर्फ और सिर्फ उस पन्ने पर थी। उस पन्ने पर सुयश ने ज्यामिती का प्रयोग करके, शिप का एक डायग्राम बनाया था और त्रिकोणमिती के फार्मूले लगा कर कुछ कैलकुलेशन भी की थी। सभी की नजरें, डायग्राम की तरफ देख, सुयश ने कहना शुरु किया-

“इस डायग्राम में मैंने ‘सुप्रीम’ की वास्तविक स्थिति दिखायी है। फ्लोरिडा के द्वारा बताए गए मैसेज के अनुसार, इस समय हमारा शिप 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब हमारा शिप, अपनी वास्तविक स्थिति से 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य इस जगह पर है।“ सुयश ने पेन से पेज पर एक जगह निशान लगाते हुए कहा-

“तो फिर मेरी कैलकुलेशन के हिसाब से, अगर हम ‘सुप्रीम’ को 120 डिग्री, दाहिने मोड़ते हैं और फिर 40 नॉटिकल माइल चलकर, 90 डिग्री बायें मोड़ते हैं तो हम अपने असली रास्ते पर आ जाएंगे। और फिर वह स्थिति हमारी पिछली स्थिति से 69 नॉटिकल माइल आगे होगी।“

सभी अब तारीफ वाली नजरों से सुयश को देख रहे थे। इतना स्ट्रांग कैलकुलेशन देखकर सभी समझ गये थे कि क्यूं इतनी छोटी उम्र में सुयश को इस शिप का कैप्टेन बनाया गया था। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली और कह उठा-

“अगर आप लोगों को इस प्लान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो रही हो, तो आप साफ-साफ शब्दों में मुझे बता सकते हैं। या फिर आपके पास कोई इससे भी अच्छा प्लान हो, तो आपका स्वागत है।“

सुयश की बात सुन रोजर ने वहां खड़े हर इन्सान पर एक नजर मारी और फिर सबको संतुष्ट देख, बोल उठा-
“आप का प्लान बिल्कुल पर्फेक्ट है कैप्टन। हमें इसमें कोई बदलाव नहीं करना है।“

“ओ.के. तो फिर आप लोग अब शिप को, फिलहाल प्लान के मुताबिक मोड़िये। और जब शिप अपने वास्तविक रुट पर आ जाये तो मुझे बता दीजिएगा। उसके आगे क्या करना है? ये मैं आपको बाद में बताता हूं।“

यह कहकर सुयश ने वह कॉपी रोजर को पकड़ा दी। अब सुयश, जेम्स हुक की ओर मुड़कर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, आपने शिप की खराबियां पता की या नहीं ?“

“यस कैप्टेन!“ जेम्स हुक ने सुयश को जवाब दिया- “हमारे शिप के पूरे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो चुके हैं। हमें तेजी से वह सारे यंत्र बदलने पड़ेंगे। परंतु पूरी लाइन में खराबी आ जाने के कारण, सारे यंत्र बदलने में बहुत समय लगेगा। जहां तक मेरा अंदाजा है, कि इस क्षेत्र में एका एक तीव्र विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न हो गई थीं। जिसके कारण हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र फेल हो गए थे।“

“फेल हो गए थे से क्या मतलब है आपका ?“ असलम जो कि इतनी देर से सिर्फ बातें सुनकर माहौल का जायजा ले रहा था, बोल उठा-

“यह भी तो हो सकता है, कि इस क्षेत्र में अभी तक विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हों, जो कि हमारे द्वारा बदले गई यंत्रों को पुनः खराब कर दें।“

“आगे इस क्षेत्र में यदि पुनः चुंबकीय तरंगे फैल जाएं, तो वह बात अलग है। लेकिन इस बात का तो दावा है, कि इस समय हम लोग जिस क्षेत्र में हैं। वहां पर तो, विद्युत चुंबकीय तरंगे बिल्कुल नहीं हैं।“ जेम्स हुक ने अपना एक हाथ मुक्का बनाते हुए, अपने दूसरे हाथ के पंजे पर मारा-

“क्यों कि हमारी लाइट्स एक बार ऑफ हो जाने के बाद पुनः ऑन हो चुकी हैं। अगर विद्युत चुम्बकीय तरंगें अभी भी यहां होतीं तो यह सारी लाइटें फिर से खराब हो जातीं। जिससे यह पता चलता है कि यह क्षेत्र विद्युत चुंबकीय तरंगों वाला क्षेत्र नहीं है।“

“इसका सीधा सा मतलब निकलता है।“ सुयश ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा- “कि जो अंतरिक्ष यान, अभी-अभी हमारे सिर के ऊपर से निकला । विद्युत चुम्बकीय तरंगे जरुर उसी से निकल रही होंगी, और उसके जाते ही, पूरा क्षेत्र पुनः सामान्य हो गया।“

“मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है।“ जेम्स हुक ने कहा- “फिलहाल हमारे सारे इंजीनियर्स, तेजी से जहाज की खराबी को दूर करने में लगे हैं और हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द वह इसे दूर कर लेंगे।“

“ठीक है। जैसे ही शिप की सारी प्रॉब्लम सही हो जाए, आप मुझे खबर कर दीजिएगा।“ सुयश ने जेम्स हुक से कहा।

सभी को इंसट्रक्शन देने के बाद सुयश वहां पड़ी एक खाली कुर्सी पर बैठ गया।




जारी रहेगा …….....✍️

Wah Raj_sharma Bhai, kya shandar updates post ki he.............

Tino hi updates ek se badhkar ek he.............

Ab ship Bermuda Triangle me fans gaya he.............aur upar se gujarti huyi UFO ki vajah se sabhi electronics equipment kharab ho gaye he...............

Lekin suyash ki calculation badi hi gazab ki he.............bade hi kam samay me usne bahar niklne ka rasta bhi khoj liya............

Keep posting Bro
 

parkas

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# 15.

“आप फिलहाल अपने रूम में पहुंचिए मिस्टर अलबर्ट। क्यों कि अभी कुछ देर के लिए शिप की लाइट भी ऑफ हो गई थी। ऐसी स्थिति में शायद मिसेज अलबर्ट भी परेशान हों। मैं आपसे इस टॉपिक के बारे में बाद में बात करूंगा।“

यह कहकर सुयश, जेम्स हुक की तरफ बढ़ गया जो अब लगभग सभी कंट्रोल्स को चेक कर चुका था।

“कैप्टेन! शिप को चलाने वाले सभी मैकेनिकल यंत्र व व्हील तो सही काम कर रहे हैं।“ जेम्स हुक ने सुयश को अपनी तरफ आते देख बताना शुरु किया-

“पर शिप के सारे इलेक्ट्रानिक यंत्र, गेज, मीटर्स व ट्रांसमीटर सेट, पूरी तरह खराब हो चुके हैं। अब आप यह समझ लीजिए कि बाहरी दुनिया से फिलहाल हमारा संपर्क पूर्ण रुप से टूट चुका है। यहां तक कि हमारा दिशा सूचक यंत्र भी काम नहीं कर रहा है। इस समय तो हमें यह भी नहीं पता, कि हम किस दिशा में खड़े हैं।“

उधर रोजर व असलम को भी अब स्थिति की भयानकता का अंदाजा हो गया था। वह दोनों अभी तक, सिर झुकाए, चुपचाप खड़े हो कर बातें सुन रहे थे। सुयश ने ध्यान से जेम्स हुक की सारी बातें सुनी और फिर धीरे से एक हुंकारी भरते हुए, एक नजर रोजर व असलम पर मारी।

“सबसे पहले मैं आप लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत करा देना चाहता हूं।“ सुयश ने गंभीर स्वर में कहा-

“रोजर व असलम, तुम लोगों की एक छोटी सी गलती से, आज जहाज के सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में है। तुम्हें स्वयं नहीं मालूम कि तुम लो गोंने क्या किया है?“

“हम अपने किए की माफी मांगते हैं कैप्टन।“ सुयश की बातें सुनकर, रोजर ने धीरे से सिर उठाते हुए कहा-

“हम महसूस कर रहे हैं, कि हमसे वास्तव में बहुत बड़ी गलती हो गयी है, पर हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं, कि भविष्य में फिर कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे।“

असलम ने भी सिर उठाते हुए रोजर की हां में हां मिलायी। सुयश समझ गया कि उनको अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्यों कि वह खुद ही समझ चुके हैं कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है।

“फिलहाल मैं तुम लोगों से इस बारे में बाद में बात करूंगा।“ सुयश ने कहा- “पहले हमारा काम शिप को, अपने वास्तविक रुट पर वापस लाना है, क्यों कि बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र, विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में गिना जाता है। और इस क्षेत्र के रिकार्ड ये कहते हैं कि आज तक जो भी जहाज इस क्षेत्र में आया है, वह वापस नहीं जा सका। इसका एक छोटा सा उदाहरण अभी आपने देखा भी है कि हमारे शिप के ऊपर से कोई उड़नतश्तरी नुमा, अजीब सा यान बहुत तेजी से निकला है। वह क्या था ? अभी इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है? पता है तो बस इतना, कि उस चीज के शिप के ऊपर से निकलते ही, हमारे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो गए।“

“विश्व के अनसुलझे रहस्यों की यदि कोई लिस्ट बनाई जाए तो यह स्थान सबसे ऊपर रहेगा । सैकड़ों बाम्बर यान से लेकर ना जाने कितने शिप, इस रहस्यमयी क्षेत्र का शिकार बन चुके हैं। जितना मैंने इस क्षेत्र के बारे में सुना है, उसके हिसाब से इस पूरे क्षेत्र में, तीव्रतम विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हुई हैं, जो हर इस क्षेत्र में आने जाने वाले, शिप और यानों का संपर्क, दुनिया से काटकर, उनके पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ध्वस्त कर देती हैं। यान के यात्रियों का अपने यान पर से, इसी कारण से कंट्रोल खत्म हो जाता है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिए दोस्तों इस मुसीबत की घड़ी में, हमें दूसरी अन्य समस्याओं से ध्यान हटाकर, सबसे पहले अपने शिप को इस रहस्यमई व खतरनाक क्षेत्र से निकालकर, अपने वास्तविक रूट पर लाना होगा।“

सुयश की बातें सुनकर हर आदमी तुरंत एक्शन में आ गया। उनके लिए यह विचार ही खतरनाक था, कि वह इस समय विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्र में हैं।

“कैप्टन यह कार्य पहले जितना आसान था, अब उतना ही मुश्किल है।“ रोजर ने अपनी प्रॉब्लम बताते हुए कहा-

“क्यों कि ना तो अब हमारे पास दिशा सूचक यंत्र है और ना ही ट्रांसमीटर सेट और बिना इन दोनों के, अब हम शिप को अपने वास्तविक रुट पर नहीं ला सकते।"

"इसलिए हमें सबसे पहले यह दिमाग लगाना होगा कि हमारा शिप है किस स्थिति में? क्यों कि इस समय बिना शिप की वास्तविक स्थिति जाने हुए, हम शिप को मोड़ेंगे कैसे?“

“और कैप्टेन हमारा दिशा सूचक यंत्र खराब हो जाने के कारण, हमें अपनी वास्तविक दिशा का भी ज्ञान नहीं हो पा रहा है।“ असलम ने अपने माथे पर छलक आए, हल्की पसीने की बूंदों को रुमाल से साफ करते हुए कहा-

“अगर दिन का समय होता तो सूर्य को देखकर, कुछ आइडिया लगाया भी जा सकता था। परंतु अंधेरी रात होने की वजह से तो आज चंद्रमा भी नहीं निकला है। फिर हम अपने जहाज की दिशा कैसे पता कर पायेंगे?“

“आप दिशा ज्ञान के लिए ज्यादा परेशान मत हो इए।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि अंधेरी रात में भी सितारों के द्वारा हमें दिशा ज्ञान हो सकता है। आकाश में जो 7 सितारों का समूह होता है। उसका आखिरी सितारा हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करता है और इस तारा मंडल की स्थिति पूरे वर्ष भर, एक ही रहती है। यानि कि इसमें कोई बदलाव नहीं होता। इसलिए आप दिशा ज्ञान को लेकर भ्रमित ना हों। अब रही शिप की इस समय की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने की, तो आप लोगों को इसके लिए परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। मेरी अभी फ्लोरिडा के ऑफिसर से, कुछ देर पहले बात हुई थी, जिसमें उसने जहाज की वास्तविक स्थिति मुझे बताई थी।............ लारा ! जरा टेबल पर रखा, कॉपी और पेन तो उठाना।“

लारा ने तुरंत ट्रांसमीटर सेट के बगल में रखा, कॉपी और पेन उठा कर सुयश को दे दिया। सुयश ने पहले एक नजर कॉपी पर लिखे उस को आर्डीनेट्स पर मारी जो उसने स्टीफेन से सुनकर कॉपी पर लिखा था और फिर उस पर एक रेखा चित्र बनाने में व्यस्त हो गया। सभी की निगाहें अब उस कॉपी के पन्ने पर थीं, जिसमे सुयश बहुत तेजी से एक डायग्राम बना रहा था। थोड़ी देर की मेहनत के बाद सुयश ने डायग्राम पूरा कर लिया। उस डायग्राम में सुप्रीम की वास्तविक स्थिति बनी थी। जिसके बीच-बीच में, वह दूरियां और दिशा लिखी थीं, जो स्टीफेन ने कुछ देर पहले सुयश को बतायी थीं।
इतना करके सुयश कुछ देर रुका और फिर कुछ सोचकर उसने दोबारा कलम चलानी शुरु कर दी। इस बार वह कुछ कैलकुलेशन कर रहा था। थोड़ी ही देर में सुयश ने अपना काम पूरा कर लिया। काम पूरा करने के बाद, सुयश ने वह पन्ना, बीच टेबल पर इस तरह रख दिया कि वह अब सभी को दिखायी दे रहा था। रोजर सहित अब सभी की निगाह सिर्फ और सिर्फ उस पन्ने पर थी। उस पन्ने पर सुयश ने ज्यामिती का प्रयोग करके, शिप का एक डायग्राम बनाया था और त्रिकोणमिती के फार्मूले लगा कर कुछ कैलकुलेशन भी की थी। सभी की नजरें, डायग्राम की तरफ देख, सुयश ने कहना शुरु किया-

“इस डायग्राम में मैंने ‘सुप्रीम’ की वास्तविक स्थिति दिखायी है। फ्लोरिडा के द्वारा बताए गए मैसेज के अनुसार, इस समय हमारा शिप 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब हमारा शिप, अपनी वास्तविक स्थिति से 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य इस जगह पर है।“ सुयश ने पेन से पेज पर एक जगह निशान लगाते हुए कहा-

“तो फिर मेरी कैलकुलेशन के हिसाब से, अगर हम ‘सुप्रीम’ को 120 डिग्री, दाहिने मोड़ते हैं और फिर 40 नॉटिकल माइल चलकर, 90 डिग्री बायें मोड़ते हैं तो हम अपने असली रास्ते पर आ जाएंगे। और फिर वह स्थिति हमारी पिछली स्थिति से 69 नॉटिकल माइल आगे होगी।“

सभी अब तारीफ वाली नजरों से सुयश को देख रहे थे। इतना स्ट्रांग कैलकुलेशन देखकर सभी समझ गये थे कि क्यूं इतनी छोटी उम्र में सुयश को इस शिप का कैप्टेन बनाया गया था। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली और कह उठा-

“अगर आप लोगों को इस प्लान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो रही हो, तो आप साफ-साफ शब्दों में मुझे बता सकते हैं। या फिर आपके पास कोई इससे भी अच्छा प्लान हो, तो आपका स्वागत है।“

सुयश की बात सुन रोजर ने वहां खड़े हर इन्सान पर एक नजर मारी और फिर सबको संतुष्ट देख, बोल उठा-
“आप का प्लान बिल्कुल पर्फेक्ट है कैप्टन। हमें इसमें कोई बदलाव नहीं करना है।“

“ओ.के. तो फिर आप लोग अब शिप को, फिलहाल प्लान के मुताबिक मोड़िये। और जब शिप अपने वास्तविक रुट पर आ जाये तो मुझे बता दीजिएगा। उसके आगे क्या करना है? ये मैं आपको बाद में बताता हूं।“

यह कहकर सुयश ने वह कॉपी रोजर को पकड़ा दी। अब सुयश, जेम्स हुक की ओर मुड़कर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, आपने शिप की खराबियां पता की या नहीं ?“

“यस कैप्टेन!“ जेम्स हुक ने सुयश को जवाब दिया- “हमारे शिप के पूरे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो चुके हैं। हमें तेजी से वह सारे यंत्र बदलने पड़ेंगे। परंतु पूरी लाइन में खराबी आ जाने के कारण, सारे यंत्र बदलने में बहुत समय लगेगा। जहां तक मेरा अंदाजा है, कि इस क्षेत्र में एका एक तीव्र विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न हो गई थीं। जिसके कारण हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र फेल हो गए थे।“

“फेल हो गए थे से क्या मतलब है आपका ?“ असलम जो कि इतनी देर से सिर्फ बातें सुनकर माहौल का जायजा ले रहा था, बोल उठा-

“यह भी तो हो सकता है, कि इस क्षेत्र में अभी तक विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हों, जो कि हमारे द्वारा बदले गई यंत्रों को पुनः खराब कर दें।“

“आगे इस क्षेत्र में यदि पुनः चुंबकीय तरंगे फैल जाएं, तो वह बात अलग है। लेकिन इस बात का तो दावा है, कि इस समय हम लोग जिस क्षेत्र में हैं। वहां पर तो, विद्युत चुंबकीय तरंगे बिल्कुल नहीं हैं।“ जेम्स हुक ने अपना एक हाथ मुक्का बनाते हुए, अपने दूसरे हाथ के पंजे पर मारा-

“क्यों कि हमारी लाइट्स एक बार ऑफ हो जाने के बाद पुनः ऑन हो चुकी हैं। अगर विद्युत चुम्बकीय तरंगें अभी भी यहां होतीं तो यह सारी लाइटें फिर से खराब हो जातीं। जिससे यह पता चलता है कि यह क्षेत्र विद्युत चुंबकीय तरंगों वाला क्षेत्र नहीं है।“

“इसका सीधा सा मतलब निकलता है।“ सुयश ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा- “कि जो अंतरिक्ष यान, अभी-अभी हमारे सिर के ऊपर से निकला । विद्युत चुम्बकीय तरंगे जरुर उसी से निकल रही होंगी, और उसके जाते ही, पूरा क्षेत्र पुनः सामान्य हो गया।“

“मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है।“ जेम्स हुक ने कहा- “फिलहाल हमारे सारे इंजीनियर्स, तेजी से जहाज की खराबी को दूर करने में लगे हैं और हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द वह इसे दूर कर लेंगे।“

“ठीक है। जैसे ही शिप की सारी प्रॉब्लम सही हो जाए, आप मुझे खबर कर दीजिएगा।“ सुयश ने जेम्स हुक से कहा।

सभी को इंसट्रक्शन देने के बाद सुयश वहां पड़ी एक खाली कुर्सी पर बैठ गया।




जारी रहेगा …….....✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Wah Raj_sharma Bhai, kya shandar updates post ki he.............

Tino hi updates ek se badhkar ek he.............

Ab ship Bermuda Triangle me fans gaya he.............aur upar se gujarti huyi UFO ki vajah se sabhi electronics equipment kharab ho gaye he...............

Lekin suyash ki calculation badi hi gazab ki he.............bade hi kam samay me usne bahar niklne ka rasta bhi khoj liya............

Keep posting Bro
Dekhna ye hai ki wo kaamyaab hota hai nahi? Aur agar ho bhi jaata hai to kaise? Kyu ki barmuda triangle koi maamuli jagah nahi hai bhai, yaha ache acho ki gand fatt jaati hai :declare: Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Rekha rani

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# 15.

“आप फिलहाल अपने रूम में पहुंचिए मिस्टर अलबर्ट। क्यों कि अभी कुछ देर के लिए शिप की लाइट भी ऑफ हो गई थी। ऐसी स्थिति में शायद मिसेज अलबर्ट भी परेशान हों। मैं आपसे इस टॉपिक के बारे में बाद में बात करूंगा।“

यह कहकर सुयश, जेम्स हुक की तरफ बढ़ गया जो अब लगभग सभी कंट्रोल्स को चेक कर चुका था।

“कैप्टेन! शिप को चलाने वाले सभी मैकेनिकल यंत्र व व्हील तो सही काम कर रहे हैं।“ जेम्स हुक ने सुयश को अपनी तरफ आते देख बताना शुरु किया-

“पर शिप के सारे इलेक्ट्रानिक यंत्र, गेज, मीटर्स व ट्रांसमीटर सेट, पूरी तरह खराब हो चुके हैं। अब आप यह समझ लीजिए कि बाहरी दुनिया से फिलहाल हमारा संपर्क पूर्ण रुप से टूट चुका है। यहां तक कि हमारा दिशा सूचक यंत्र भी काम नहीं कर रहा है। इस समय तो हमें यह भी नहीं पता, कि हम किस दिशा में खड़े हैं।“

उधर रोजर व असलम को भी अब स्थिति की भयानकता का अंदाजा हो गया था। वह दोनों अभी तक, सिर झुकाए, चुपचाप खड़े हो कर बातें सुन रहे थे। सुयश ने ध्यान से जेम्स हुक की सारी बातें सुनी और फिर धीरे से एक हुंकारी भरते हुए, एक नजर रोजर व असलम पर मारी।

“सबसे पहले मैं आप लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत करा देना चाहता हूं।“ सुयश ने गंभीर स्वर में कहा-

“रोजर व असलम, तुम लोगों की एक छोटी सी गलती से, आज जहाज के सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में है। तुम्हें स्वयं नहीं मालूम कि तुम लो गोंने क्या किया है?“

“हम अपने किए की माफी मांगते हैं कैप्टन।“ सुयश की बातें सुनकर, रोजर ने धीरे से सिर उठाते हुए कहा-

“हम महसूस कर रहे हैं, कि हमसे वास्तव में बहुत बड़ी गलती हो गयी है, पर हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं, कि भविष्य में फिर कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे।“

असलम ने भी सिर उठाते हुए रोजर की हां में हां मिलायी। सुयश समझ गया कि उनको अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्यों कि वह खुद ही समझ चुके हैं कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है।

“फिलहाल मैं तुम लोगों से इस बारे में बाद में बात करूंगा।“ सुयश ने कहा- “पहले हमारा काम शिप को, अपने वास्तविक रुट पर वापस लाना है, क्यों कि बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र, विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में गिना जाता है। और इस क्षेत्र के रिकार्ड ये कहते हैं कि आज तक जो भी जहाज इस क्षेत्र में आया है, वह वापस नहीं जा सका। इसका एक छोटा सा उदाहरण अभी आपने देखा भी है कि हमारे शिप के ऊपर से कोई उड़नतश्तरी नुमा, अजीब सा यान बहुत तेजी से निकला है। वह क्या था ? अभी इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है? पता है तो बस इतना, कि उस चीज के शिप के ऊपर से निकलते ही, हमारे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो गए।“

“विश्व के अनसुलझे रहस्यों की यदि कोई लिस्ट बनाई जाए तो यह स्थान सबसे ऊपर रहेगा । सैकड़ों बाम्बर यान से लेकर ना जाने कितने शिप, इस रहस्यमयी क्षेत्र का शिकार बन चुके हैं। जितना मैंने इस क्षेत्र के बारे में सुना है, उसके हिसाब से इस पूरे क्षेत्र में, तीव्रतम विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हुई हैं, जो हर इस क्षेत्र में आने जाने वाले, शिप और यानों का संपर्क, दुनिया से काटकर, उनके पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ध्वस्त कर देती हैं। यान के यात्रियों का अपने यान पर से, इसी कारण से कंट्रोल खत्म हो जाता है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिए दोस्तों इस मुसीबत की घड़ी में, हमें दूसरी अन्य समस्याओं से ध्यान हटाकर, सबसे पहले अपने शिप को इस रहस्यमई व खतरनाक क्षेत्र से निकालकर, अपने वास्तविक रूट पर लाना होगा।“

सुयश की बातें सुनकर हर आदमी तुरंत एक्शन में आ गया। उनके लिए यह विचार ही खतरनाक था, कि वह इस समय विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्र में हैं।

“कैप्टन यह कार्य पहले जितना आसान था, अब उतना ही मुश्किल है।“ रोजर ने अपनी प्रॉब्लम बताते हुए कहा-

“क्यों कि ना तो अब हमारे पास दिशा सूचक यंत्र है और ना ही ट्रांसमीटर सेट और बिना इन दोनों के, अब हम शिप को अपने वास्तविक रुट पर नहीं ला सकते।"

"इसलिए हमें सबसे पहले यह दिमाग लगाना होगा कि हमारा शिप है किस स्थिति में? क्यों कि इस समय बिना शिप की वास्तविक स्थिति जाने हुए, हम शिप को मोड़ेंगे कैसे?“

“और कैप्टेन हमारा दिशा सूचक यंत्र खराब हो जाने के कारण, हमें अपनी वास्तविक दिशा का भी ज्ञान नहीं हो पा रहा है।“ असलम ने अपने माथे पर छलक आए, हल्की पसीने की बूंदों को रुमाल से साफ करते हुए कहा-

“अगर दिन का समय होता तो सूर्य को देखकर, कुछ आइडिया लगाया भी जा सकता था। परंतु अंधेरी रात होने की वजह से तो आज चंद्रमा भी नहीं निकला है। फिर हम अपने जहाज की दिशा कैसे पता कर पायेंगे?“

“आप दिशा ज्ञान के लिए ज्यादा परेशान मत हो इए।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि अंधेरी रात में भी सितारों के द्वारा हमें दिशा ज्ञान हो सकता है। आकाश में जो 7 सितारों का समूह होता है। उसका आखिरी सितारा हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करता है और इस तारा मंडल की स्थिति पूरे वर्ष भर, एक ही रहती है। यानि कि इसमें कोई बदलाव नहीं होता। इसलिए आप दिशा ज्ञान को लेकर भ्रमित ना हों। अब रही शिप की इस समय की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने की, तो आप लोगों को इसके लिए परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। मेरी अभी फ्लोरिडा के ऑफिसर से, कुछ देर पहले बात हुई थी, जिसमें उसने जहाज की वास्तविक स्थिति मुझे बताई थी।............ लारा ! जरा टेबल पर रखा, कॉपी और पेन तो उठाना।“

लारा ने तुरंत ट्रांसमीटर सेट के बगल में रखा, कॉपी और पेन उठा कर सुयश को दे दिया। सुयश ने पहले एक नजर कॉपी पर लिखे उस को आर्डीनेट्स पर मारी जो उसने स्टीफेन से सुनकर कॉपी पर लिखा था और फिर उस पर एक रेखा चित्र बनाने में व्यस्त हो गया। सभी की निगाहें अब उस कॉपी के पन्ने पर थीं, जिसमे सुयश बहुत तेजी से एक डायग्राम बना रहा था। थोड़ी देर की मेहनत के बाद सुयश ने डायग्राम पूरा कर लिया। उस डायग्राम में सुप्रीम की वास्तविक स्थिति बनी थी। जिसके बीच-बीच में, वह दूरियां और दिशा लिखी थीं, जो स्टीफेन ने कुछ देर पहले सुयश को बतायी थीं।
इतना करके सुयश कुछ देर रुका और फिर कुछ सोचकर उसने दोबारा कलम चलानी शुरु कर दी। इस बार वह कुछ कैलकुलेशन कर रहा था। थोड़ी ही देर में सुयश ने अपना काम पूरा कर लिया। काम पूरा करने के बाद, सुयश ने वह पन्ना, बीच टेबल पर इस तरह रख दिया कि वह अब सभी को दिखायी दे रहा था। रोजर सहित अब सभी की निगाह सिर्फ और सिर्फ उस पन्ने पर थी। उस पन्ने पर सुयश ने ज्यामिती का प्रयोग करके, शिप का एक डायग्राम बनाया था और त्रिकोणमिती के फार्मूले लगा कर कुछ कैलकुलेशन भी की थी। सभी की नजरें, डायग्राम की तरफ देख, सुयश ने कहना शुरु किया-

“इस डायग्राम में मैंने ‘सुप्रीम’ की वास्तविक स्थिति दिखायी है। फ्लोरिडा के द्वारा बताए गए मैसेज के अनुसार, इस समय हमारा शिप 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब हमारा शिप, अपनी वास्तविक स्थिति से 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य इस जगह पर है।“ सुयश ने पेन से पेज पर एक जगह निशान लगाते हुए कहा-

“तो फिर मेरी कैलकुलेशन के हिसाब से, अगर हम ‘सुप्रीम’ को 120 डिग्री, दाहिने मोड़ते हैं और फिर 40 नॉटिकल माइल चलकर, 90 डिग्री बायें मोड़ते हैं तो हम अपने असली रास्ते पर आ जाएंगे। और फिर वह स्थिति हमारी पिछली स्थिति से 69 नॉटिकल माइल आगे होगी।“

सभी अब तारीफ वाली नजरों से सुयश को देख रहे थे। इतना स्ट्रांग कैलकुलेशन देखकर सभी समझ गये थे कि क्यूं इतनी छोटी उम्र में सुयश को इस शिप का कैप्टेन बनाया गया था। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली और कह उठा-

“अगर आप लोगों को इस प्लान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो रही हो, तो आप साफ-साफ शब्दों में मुझे बता सकते हैं। या फिर आपके पास कोई इससे भी अच्छा प्लान हो, तो आपका स्वागत है।“

सुयश की बात सुन रोजर ने वहां खड़े हर इन्सान पर एक नजर मारी और फिर सबको संतुष्ट देख, बोल उठा-
“आप का प्लान बिल्कुल पर्फेक्ट है कैप्टन। हमें इसमें कोई बदलाव नहीं करना है।“

“ओ.के. तो फिर आप लोग अब शिप को, फिलहाल प्लान के मुताबिक मोड़िये। और जब शिप अपने वास्तविक रुट पर आ जाये तो मुझे बता दीजिएगा। उसके आगे क्या करना है? ये मैं आपको बाद में बताता हूं।“

यह कहकर सुयश ने वह कॉपी रोजर को पकड़ा दी। अब सुयश, जेम्स हुक की ओर मुड़कर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, आपने शिप की खराबियां पता की या नहीं ?“

“यस कैप्टेन!“ जेम्स हुक ने सुयश को जवाब दिया- “हमारे शिप के पूरे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो चुके हैं। हमें तेजी से वह सारे यंत्र बदलने पड़ेंगे। परंतु पूरी लाइन में खराबी आ जाने के कारण, सारे यंत्र बदलने में बहुत समय लगेगा। जहां तक मेरा अंदाजा है, कि इस क्षेत्र में एका एक तीव्र विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न हो गई थीं। जिसके कारण हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र फेल हो गए थे।“

“फेल हो गए थे से क्या मतलब है आपका ?“ असलम जो कि इतनी देर से सिर्फ बातें सुनकर माहौल का जायजा ले रहा था, बोल उठा-

“यह भी तो हो सकता है, कि इस क्षेत्र में अभी तक विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हों, जो कि हमारे द्वारा बदले गई यंत्रों को पुनः खराब कर दें।“

“आगे इस क्षेत्र में यदि पुनः चुंबकीय तरंगे फैल जाएं, तो वह बात अलग है। लेकिन इस बात का तो दावा है, कि इस समय हम लोग जिस क्षेत्र में हैं। वहां पर तो, विद्युत चुंबकीय तरंगे बिल्कुल नहीं हैं।“ जेम्स हुक ने अपना एक हाथ मुक्का बनाते हुए, अपने दूसरे हाथ के पंजे पर मारा-

“क्यों कि हमारी लाइट्स एक बार ऑफ हो जाने के बाद पुनः ऑन हो चुकी हैं। अगर विद्युत चुम्बकीय तरंगें अभी भी यहां होतीं तो यह सारी लाइटें फिर से खराब हो जातीं। जिससे यह पता चलता है कि यह क्षेत्र विद्युत चुंबकीय तरंगों वाला क्षेत्र नहीं है।“

“इसका सीधा सा मतलब निकलता है।“ सुयश ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा- “कि जो अंतरिक्ष यान, अभी-अभी हमारे सिर के ऊपर से निकला । विद्युत चुम्बकीय तरंगे जरुर उसी से निकल रही होंगी, और उसके जाते ही, पूरा क्षेत्र पुनः सामान्य हो गया।“

“मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है।“ जेम्स हुक ने कहा- “फिलहाल हमारे सारे इंजीनियर्स, तेजी से जहाज की खराबी को दूर करने में लगे हैं और हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द वह इसे दूर कर लेंगे।“

“ठीक है। जैसे ही शिप की सारी प्रॉब्लम सही हो जाए, आप मुझे खबर कर दीजिएगा।“ सुयश ने जेम्स हुक से कहा।

सभी को इंसट्रक्शन देने के बाद सुयश वहां पड़ी एक खाली कुर्सी पर बैठ गया।




जारी रहेगा …….....✍️
इंटरस्टिंग अपडेट सुयश भरसक प्रयास कर रहा है मुसीबतें कम करने को,
लेकिन कामयाब होता है या नहीं पढ़ते है आगे
 

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#-1

22 दिसम्बर 2001, शनिवार, 22:00; न्यूयार्क शहर, अमेरिका !!

“हैलो मारथा !“ माइकल ने दरवाजे से प्रवेश करते हुए, अपनी पत्नी मारथा कोसंबोधित किया -


“पैकिंग पूरी हुई कि नहीं ? याद है ना कल ही हमें शिप से सिडनी जाना है।“

मारथा ने पहले एक नजर अपनी सो रही बेटी शैफाली पर डाली और फिर मुंह पर उंगली रखकर, माइकल से धीरे बोलने का इशारा किया -

“श् ऽऽऽऽऽ शैफाली, अभी - अभी सोई है, जरा धीरे बोलिए।“
माइकल, मारथा का इशारा समझ गया। इस बार उसकी आवाज धीमी थी –


“मैं तुमसे पैकिंग के बारे में पूछ रहा था।“

“अधिकतर पैकिंग हो चुकी है, बस शैफाली और ब्रूनो का ही कुछ सामान बचा हुआ है।“ मारथा ने धीमी आवाज में माइकल को जवाब दिया।

उधर ब्रूनो, माइकल की आवाज सुन, पूंछ हिलाता हुआ माइकल के पास
आकर बैठ गया । माइकल ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरा और फिर मारथा से मुखातिब हुआ-


“ये तो अलबर्ट सर ने ब्रूनो के लिए 'सुप्रीम' पर व्यवस्था करवा दी, नहीं तो उस शिप पर जानवर को ले जाना मना है और ब्रूनो को छोड़कर शैफाली कभी नहीं जाती।“

“जाना भी नहीं चाहिए।“ मारथा ने मुस्कुरा कर ब्रूनो की तरफ देखते हुए कहा -

“शैफाली खुद भी छोटी थी, जब आप ब्रूनो को लाए। देखते ही देखते ये शैफाली से कितना घुल-मिल गया । इसके साथ रहते हुए तो शैफाली को अपने अंधेपन का भी एहसास नहीं होता ।“

ब्रूनो फिर खुशी से पूंछ हिलाने लगा । मानो उसे सब समझ आ गया हो।

“अलबर्ट __________सर, कॉलेज में मेरे प्रो फेसर थे। मैं उनका सबसे फेवरेट स्टूडेंट था ।“

माइकल ने पुनः बोलना शुरू किया - “जैसे ही मुझे पता चला कि वो भी न्यूयार्क से सिडनी जा रहे हैं, तो मैं अपने को रोक न पाया । इसीलिए मैं भी उनके साथ इसी शिप से जाना चाहता हूं।“

“मगर ये सफर 65 दिनों का है।“ मारथा ने थोड़ा चिंतित स्वर में कहा–

“क्या 2 महीने तक हम लोग इस सफर में बोर नहीं हो जाएंगे।“

“अरे, यही तो खास बात होती है शिप की । 2 महीने तक सभी झंझटों से
दूऱ........। कितना मजा आएगा ।“ माइकल ने उत्साहित होकर कहा –

“और ये भी तो सोचो, कि अलबर्ट सर को भी टाइम मिल जाएगा, शैफाली के साथ रहने का । वो जरूर इसकी परेशानियों को दूर करेंगे।“

इससे पहले कि मारथा कुछ और कह पाती । ब्रूनो की “कूं-कूं“ की आवाज ने उनका ध्यान भंग कि या।
ब्रूनो, सो रही शैफाली के पास खड़ा था और शैफाली को बहुत ध्यान से देख रहा था ।
दोनों की ही नजर अब शैफाली पर थी । जो बिस्तर पर सोते हुए कुछ अजीब से करवट बदल रही थी । साथ ही साथ वह कुछ बुदबुदा रही थी । माइकल और मारथा तेजी से शैफाली की ओर भागे। मारथा ने शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया । पर वह बिल्कुल बेसुध थी ।

शैफाली अभी भी नींद में बड़बड़ा रही थी । पर अब वो आवाजें, माइकल व मारथा को साफ सुनाई दे रहीं थीं –

“अंधेरा ........ लहरें ......... रोशनी ........ फायर
............ लाम ....... कीड़े ........ द्वीप ..... ।“


मारथा , शैफाली की बड़बड़ाहट सुनकर अब बहुत घबरा गई थी । उसने तेजी से शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया। अचानक शैफाली झटके से उठ गई।

“क्या हुआ मॉम? आप मुझे हिला क्यों रहीं हैं?“ शैफाली ने अपनी नीली - नीली आंखें चमकाते हुए कहा ।

“तुम शायद फिर से सपना देख रही थी ।“ माइकल ने व्यग्र स्वर में कहा।

“आप ठीक कह रहे हैं डैड। मैं कुछ देख तो रही थी, पर मुझे कुछ ठीक से याद नहीं आ रहा ।“ शैफाली ने कहा ।

“कोई बात नहीं बेटी, आप सो जाओ“ मारथा ने गहरी सांस लेते हुए कहा -


“परेशान होने की जरूरत नहीं है।“
शैफाली दोबारा से लेट गई। माइकल व मारथा अब शैफाली से दूर हट गए थे।

“ये कैसे संभव है मारथा ?“ माइकल ने दबी आवाज में कहा-

“शैफाली तो जन्म से अंधी है, फिर इसे सपने कैसे आ सकते हैं। हर महीने ये ऐसे ही सपने देखकर बड़बड़ाती है।“

“आप परेशान मत हो माइकल।“ मारथा ने गहरी साँस लेते हुए कहा -

“माना कि जन्म से अंधे व्यक्ति सपने नहीं देख सकते, पर अपनी शैफाली भी कहां नॉर्मल है। देखते नहीं हो वह मात्र 12 साल की उम्र में अंधी होकर भी, अपने सारे काम स्वयं करती है और अजीब-अजीब सी पहेलियां बनाकर हल करती रहती है। शैफाली दूसरों से अलग है, बस।“

माइकल ने भी गहरी सांस छोड़ी और उठते हुए बोला - “चलो अच्छा ! तुम बाकी की पैकिंग करो , मैं भी मार्केट से कुछ जरूरी सामान लेकर आता हूं।“

23 दि सम्बर 2001, रविवार, 14:00; (“सुप्रीम “) न्यूयार्क का बंदरगाह छोड़कर मंथर गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। बंदरगाह को छोड़े हुए उसे लगभग 5 घंटे बीत चुके थे। दिसंबर का ठंडा महीना था और सूर्य भी अपनी चमकती किरणें बिखेरता हुआ, आसमान से सागर की लहरों पर, अठखेलियां करती हुई, अपनी परछाई को देखकर खुश हो रहा था ।
मौसम ठंडा होने के कारण सूर्य की गुनगुनी धूप सभी को बड़ी अच्छी लग रही थी ।

'सुप्रीम' के डेक पर बहुत से यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ था । कोई डेक पर टहलकर, इस गुनगुनी धूप का मजा ले रहा था, तो कोई अपने इस खूबसूरत सफर और इस शानदार शिप के बारे में बातें कर रहा था।

सभी अपने-अपने काम में मशगूल थे। परंतु ऐलेक्स जो कि एक पोल से टेक लगाए हुए खड़ा था, बहुत देर से, दूर स्लीपिंग चेयर पर लेटी हुई एक इटैलियन लड़की को देख रहा था। वह लड़की दुनिया की नजरों से बेखबर, बड़ी बेफिक्री से लेटी हुई, सुनहरी धूप का मजा लेते हुए, एक किताब पढ़ रही थी ।

ऐलेक्स की निगाहें बार-बार कभी उस लड़की पर, तो कभी उसकी किताब पर पड़ रही थी । दोनों की बीच की दूरी बहुत अधिक ना होने के कारण उसे किताब का नाम बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था।
किताब का नाम ’वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी ’ होने के कारण ना जाने, उसे क्यों बड़ा अटपटा सा महसूस हुआ।

उसे उस लड़की की तरफ देखते हुए ना जाने कितना समय बीत चुका था, परंतु उसकी नजर उधर से हटने का नाम ही नहीं ले रहीं थी। तभी एक आवाज ने उसका ध्यान भंग किया।

“हाय क्रिस्टी !“ एक दूसरी लड़की अपना हाथ हिलाते हुए उस इटैलियन लड़की की तरफ बढ़ी, जिसका नाम यकीनन क्रिस्टी था –

“व्हाट ए सरप्राइज, तुम इस तरह से यहां शिप पर मिलोगी, ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था ।“

“ओऽऽऽ हाय लॉरेन!“ क्रिस्टी ने चैंक कर किताब को नजरों के सामने से हटाते हुए, लॉरेन पर नजर डालते हुए, खुशी से जवाब दिया –

“तुम यहां शिप पर कैसे? अच्छा ये बताओ, कॉलेज से निकलकर तुमने क्या-क्या किया ? इतने साल तक तुम कहां थी ? और .......।“


“बस-बस.....!“ लॉरेन ने क्रिस्टी के मुंह को अपनी हथेली से बंद करते हुए कहा- “अब सारी बातें एक साथ पूछ डालोगी क्या? चलो चलते हैं, कॉफी पीते हैं, फिर आऽऽराऽऽम से एक दूसरे से सारी बातें पूछेंगे।“

“तुम ठीक कहती हो । हमें कहीं बैठकर आराम से बात करनी चाहिए और वैसे भी तुम मुझ से लगभग 3 साल बाद मिल रही हो । मुझे भी तो पता चले इन बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या तीर मारे?“

यह कहकर क्रिस्टी लगभग खींचती हुई सी, लॉरेन को लेकर रेस्टोरेंट की ओर बढ़ गई।

ऐलेक्स, जो कि अब तक दोनों सहेलियों की सारी बातें ध्यान से सुन रहा था,

उसकी निगाहें अब सिर्फ और सिर्फ उस किताब पर थी, जो कि अनजाने में ही शायद वहां पर छूट गई थी । वह धीरे धीरे चलता हुआ, उस स्थान पर पहुंचा, जहां पर वह किताब रखी हुई थी । अब उसने अपनी नजरें हवा में इधर-उधर घुमाई। जब उसे इस बात का विश्वास हो गया, कि इस समय किसी की नजरें उस पर नहीं है, तो उसने धीरे से झुक कर उस किताब को उठा लिया । वहीं पर खड़े-खड़े ऐलेक्स ने उस किताब का पहला पृष्ठ खोला । जिस पर अंग्रेजी में बहुत ही खूबसूरत राइटिंग में

’क्रिस्टीना जोंस’ लिखा था।
ऐलेक्स ने चुपचाप किताब को बंद किया और धीरे-धीरे उस स्थान से दूर चला गया। लेकिन जाते-जाते वह अपने होंठों ही होंठों में बुदबुदाया-

“क्रिस्टी !“




जारी रहेगा...…:writing:
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# -2.

23 दिसम्बर 2001, रविवार 14:15; “सुप्रीम” “

अरे यार! हम इतनी देर से आपस में बातें कर रहें हैं।“ क्रिस्टी ने हल्के से अपने माथे पर चपत लगाते हुए कहा – “पर मैंने तुमसे अभी तक यह नहीं पूछा, कि तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड का क्या हुआ? जो कॉलेज में तुमको चुपके-चुपके लेटर लिखा करता था ।“

“छोड़ो यार!“ लॉरेन ने थोड़ा दुखी स्वर में कहा - “तुमने भी क्या याद दिला दिया ?“

“क्या हुआ? वो तुझे छोड़कर भाग गया क्या ?“ क्रिस्टी ने मजाकिया अंदाज में बोला ।

“भाग कर कहां जाएगा ?“ लॉरेन ने गहरी साँस भरते हुए जवाब दिया - “है तो अभी भी मेरे साथ, और वो भी इसी शिप पर।“

“इसी शिप पर!“ क्रिस्टी ने हवा में हाथ नचाते हुए शायराना अंदाज में कहा - “अरे वाह! और ये तू सबसे बाद में बता रही है। अच्छा छोड़! ये बता, तू उससे मुझे कब मिलवा रही है।“

“क्या खाक मिलवा रही हूं! लॉरेन की आवाज में अभी भी दुख भरा था - “उसने इस शिप पर, मुझसे तक से तो मिलने से मना कर रखा है, फिर तुझे उससे कैसे मिलवाऊं?“

“ये क्या बात हुई?“ क्रिस्टी ने चहककर कहा- “अरे वो तेरा ब्वॉयफ्रेंड है, या कोई जासूस! जो वह तुझसे भी नहीं मिलना चाहता।“

“वह कह रहा था कि उसके कुछ दुश्मन भी इसी शिप पर हैं, जो कहीं मुझे उससे मिलते देखकर मेरे पीछे ना पड़ जाएं। लॉरेन ने कहा-
“इसलिए उसने शिप पर मुझसे मिलने से मना कर रखा है।“

“अच्छा मिलवाना छोड़ो । उसकी कोई फोटो तो मुझे दिखा सकती हो। आखिर मैं भी तो देखूं, कौन है वह सूरमा जो मेरी सहेली के रातों की नींद उड़ाए है।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के चेहरे के पास, हवा में हाथ हिलाते हुए कुछ मजा किया अंदाज में कहा ।

“हां फोटो तो दिखा सकती हूं।“ लॉरेन ने स्वीकृति से सिर हिलाते हुए कहा - “मगर एक शर्त है, तुम और किसी से कुछ नहीं बताओगी ।“

“अरे यार! मेरा इस शिप पर और कोई जानने वाला है ही नहीं । फिर भला मैं किसे बताऊंगी । लेकिन अगर तू नहीं मानती है, तोले..... मैं प्रॉमिस करती हूं।“ क्रिस्टी ने बाकायदा चुटकी से गला पकड़ते हुए प्रॉमिस करने वाले अंदाज में कहा – “कि किसी से भी नहीं बताऊंगी ।“

“फिर ठीक है। मैं तुम्हें कल उसकी फोटो जरूर दिखाऊंगी ।“ लॉरेन ने हामी भरते हुए कहा ।

“अच्छा ये बता कि तेरे उन दोनों शौक का क्या हुआ?“ क्रिस्टी ने एक के बाद तुरंत दूसरे सवाल का गोला दागा - “आज भी नयी-नयी भाषाएं सीख रही है या नहीं?“

“मैं जिंदगी में सब कुछ भूल जाऊं, पर अपने शौक को नहीं भूलती ।“ लॉरेन ने पूर्ण आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा- “भाषाएं तो मैं आज भी सीख रही हूं। बल्कि यह कहा जाए, कि अब मुझे कुछ भाषाओं, जैसे फ्रेंच, उर्दू आदि में तो महारत हासिल हो गई है। बाकी रही बात दूसरा शौक डांस करने की । तो मैं आज भी वह कर रही हूं। बल्कि उसी की वजह से तो मैं आज इस शिप पर हूं।“

“मैं कुछ समझी नहीं !“ क्रिस्टी ने ना समझने वाले भाव से लॉरेन की तरफ देखते हुए कहा । “

दरअसल कालेज से निकलने के बाद मैंने अपने इस शौक को प्रोफेशन बनाने के लिए सोचा ।“ लॉरेन ने अपनी बात को आगे बढ़ाया - “और फ्रांस की सबसे फेमस ’ड्रीम्स डांस ग्रुप’ में अपना बायो डाटा भेजा । यहां पर मेरी किस्मत अच्छी रही, क्यों कि उस डांस ग्रुप की, एक मुख्य डांसर की, एक एक्सीडेंट में मौत हो जाने से उस समय वहां पर एक जगह भी खाली थी । उन्हों ने मेरा बायो डाटा देखा और मुझे डांस टेस्ट के लिए बुलवा लिया । जिसमें मेरे अच्छे परफॉर्मेंस के कारण मुझे चुन लिया गया। उसी डांस ग्रुप को इस शिप पर डांस प्रोग्राम के लिए रखा गया है। इसलिए मैं उस ग्रुप के साथ आज यहां पर हूं।“

“एक मिनट! ड्रीम्स डांस ग्रुप .......।“ क्रिस्टी ने अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से, अपनी दांई कनपटी पर धीरे-धीरे चोट करते हुए, सोचने वाले अंदाज में कहा - “ कहीं ये जेनिथ वाला डांस ग्रुप तो नहीं ?“

“हाँ ! ..... बिल्कुल ठीक। मैं उसी ग्रुप में इस समय परफॉर्म कर रही हूं और जेनिथ तो इस समय मेरी सबसे खास दोस्त है। यहां तक कि मैं और वो इस समय शिप में एक ही रूम में रुके हुए हैं।“

“अच्छा छोड़ो मेरी बातों को।“ लॉरेन ने कुछ सेकेण्ड रुककर फिर बोलना शुरू किया - “ये बताओ तुम मेरे बारे में ही पूछती रहोगी या फिर कुछ अपने बारे में भी बताओगी । तुम सुनाओ तुम आजकल क्या कर रही हो ? तुम्हें भी तो जिमनास्टिक का बहुत शौक था । कॉलेज वाले सारे दोस्त तुम्हें “रबर की गुड़िया “ कहा करते थे।“

“कहां यार!“ क्रिस्टी ने निराशा भरे स्वर में कहा - “कॉलेज से निकलने के बाद तो डैड ने मुझे ’कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ के बिजनेस में फंसा दिया और उसमें मैं ऐसा फंसी, कि मुझे अपना शौक पूरा करने का टाइम ही नहीं मिला और जब से डैड एक्सपायर हो गए, तब से तो मेरे पास समय और भी ना बचा ।“

“सॉरी यार! मुझे नहीं पता था कि तेरे डैड ........। लेकिन यह बता कि तेरे डैड तो अभी अच्छे भले थे, फिर वह कैसे एक्सपायर हो गए?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के दुख में दुखी होते हुए कहा ।

“दरअसल उनकी मौत स्वाभाविक नहीं थी ।“ कहते-कहते एकाएक क्रिस्टी का चेहरा लावे की तरह धधकने लगा - “बल्कि उनका मर्डर हुआ था ।“

“मर्डर!“ लॉरेन के शब्दों में आश्चर्य था ।

“अरे छोड़ो यार!“ क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए, मुस्कुराने की एक असफल कोशिश करते हुए कहा- “किसी और टॉपिक पर बात करते हैं।“

“ना बाबा ना ।“ लॉरेन ने घड़ी पर निगाह डालते हुए, कुर्सी से उठते हुए कहा- “समय बहुत हो रहा है। आपस में बातें करते-करते समय का तो पता ही नहीं चला । शाम को हम लोगों का इस शिप पर पहला शो है। अभी शो के लिए हमें काफी तैयारियां भी करनी है। जेनिथ भी मेरी राह देख रही होगी, मुझे अब चलना चाहिए।“ यह कहते हुए उसने पास में रखे, उस कॉफी के बिल पर साइन कर अपना रुम नंo डाल दिया, जो कुछ देर पहले उसके इशारे पर वेटर वहां रख गया था । और फिर क्रिस्टी को “बाय “ करती हुई, रेस्टोरेंट के दरवाजे से बाहर निकल गयी । क्रिस्टी उसे अंत तक देखती रही, जब तक कि वह उसकी नजरों से ओझल ना हो गयी । फिर धीरे से वह भी उठकर दरवाजे की तरफ चल दी ।

अगर वह पीछे पलट कर देखती, तो उसे वह दो आंखें जरूर दिखाई दे जातीं, जो बहुत देर से खूनी नजरों से, लगातार उन पर और उनकी बातों पर नजर रखे थीं । उसके जाने के बाद धीरे से वह साया भी उठा और रेस्टोरेंट के बाहर निकल गया ।


जारी रहेगा….... :writing:
Shandar jabardast update 👌
 
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