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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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शुभ दीपावली और गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ
Aapko bhi bhai,uper wala sabhi ko swasth aur must rakhe :pray:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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romanchak update. gonjalo ko bachane me kamiyab hoga ya nahi wolfa ..wo jeev agar gonjalo ka rakshak tha to usne wolfa se bachaya kyu nahi ..
Wo kisi ka rakshak nahi hai mitra :nana: Ye kewal urja dwaro ke takraav se sambhav hua hai, gonjalo vyom se pita bhi to tha 😄
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma 𝕄𝕖𝕟𝕖 𝕊𝕦𝕣𝕡𝕣𝕚𝕤𝕖 𝕜𝕙𝕠𝕝𝕕𝕚𝕪𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕂𝕒

𝕁𝕦 𝕨𝕠 𝕜𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕊𝕖 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕜𝕒𝕣𝕟𝕖 𝕨𝕒𝕝𝕖 ℍ𝕠, 𝔸𝕒𝕘𝕖 𝕞𝕖 𝔹𝕒𝕥𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕂𝕖𝕤𝕖 𝕂𝕒𝕣𝕠𝕘𝕖 𝕐𝕖 𝕊𝕒𝕓
𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 ℙ𝕖𝕙𝕝𝕚 𝕋𝕒𝕤𝕜 : 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕒𝕔𝕔𝕠𝕣𝕕𝕚𝕟𝕘 𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 𝕂𝕒 ℍ𝕒𝕞𝕒𝕣𝕖 𝕊𝕙𝕒𝕤𝕥𝕣𝕒 𝕄𝕖 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 ℙ𝕝𝕒𝕔𝕖 ℍ𝕒𝕚𝕟 ,𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 𝕂𝕠 ℂ𝕣𝕖𝕒𝕥𝕚𝕟𝕘 𝕆𝕗 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝔹𝕙𝕚 𝕂𝕒𝕙𝕒 𝕁𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕐𝕖 𝕊𝕥𝕖𝕡 𝕤𝕒𝕟𝕤𝕒𝕒𝕣 𝕂𝕚 𝕌𝕥𝕡𝕒𝕥𝕚 𝕜𝕠 𝔹𝕙𝕚 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 .

ℕ𝕖𝕧𝕝𝕒 : 𝕄𝕖 𝕀𝕤𝕜𝕚 ℙ𝕖𝕙𝕝𝕚 𝕤𝕖 𝕄𝕖 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙 𝔾𝕒𝕪𝕒 𝕋𝕙𝕒𝕒 𝕂𝕚 𝕂𝕪𝕦 𝕐𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕂𝕒 ℙ𝕒𝕣𝕥 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕜𝕣𝕒 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒 ℝ𝕒𝕙𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕖 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕂𝕚 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕪𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕂𝕖𝕤𝕖 ℕ𝕖𝕧𝕝𝕖 𝕄𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕟𝕒𝕟 𝕒𝕒𝕪𝕖 𝕋𝕙𝕚𝕜 𝕨𝕖𝕤𝕖 ℍ𝕚 , 𝕜𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕄𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕒𝕟 𝔸𝕒𝕪𝕖

𝕆𝕔𝕥𝕠𝕡𝕦𝕤𝕖𝕤 ; 𝕊𝕖 ℍ𝕒𝕞𝕖 𝔼𝕜 𝔸𝕒𝕟𝕜𝕙 𝕄𝕚𝕝𝕚 𝕁𝕠 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕟𝕒𝕧 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕄𝕖 𝔼𝕜 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 𝕙𝕚𝕤𝕤𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 .𝕒𝕦𝕣 𝕒𝕒𝕘𝕖 𝕔𝕙𝕒𝕡𝕥𝕖𝕣 𝕄𝕖 𝕊𝕚𝕣𝕗 𝔼𝕜 ℍ𝕚 𝔸𝕒𝕟𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕋𝕠 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝔼𝕜 𝔸𝕒𝕟𝕜 𝕎𝕒𝕙𝕒 𝕊𝕖 𝔻𝕦𝕤𝕣𝕚 𝔸𝕒𝕟𝕜 𝕄𝕚𝕝𝕛𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚

𝕁𝕒𝕒𝕝 𝔻𝕒𝕣𝕡𝕒𝕟 :𝕁𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕟𝕟 𝕄𝕖 𝕂𝕪𝕒 𝔸𝕔𝕙𝕒 𝔹𝕦𝕣𝕒 ℝ𝕖𝕙𝕥𝕒 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝕎𝕒𝕙𝕚 𝔻𝕙𝕚𝕜𝕒𝕠𝕘𝕖 𝕎𝕖𝕝𝕝 𝕐𝕖 𝔹𝕙𝕚 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕖𝕜 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 ℙ𝕒𝕣𝕥 ℝ𝕖𝕙𝕥𝕒.
𝕀𝕤𝕞𝕖𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝔸𝕟𝕕𝕒𝕣 𝕜𝕒 𝔹𝕙𝕒𝕧 𝔻𝕚𝕜𝕙𝕟𝕖 𝕨𝕒𝕝𝕖

𝕊𝕥𝕒𝕥𝕦𝕖 𝕆𝕗 𝕃𝕚𝕓𝕖𝕣𝕥𝕪 : 𝕒𝕫𝕒𝕒𝕕𝕚 𝕜𝕚 𝕄𝕦𝕣𝕥𝕚 𝕐𝕒𝕟𝕚 𝕐𝕒𝕙𝕒 ℍ𝕒𝕞𝕞 𝕂𝕦𝕔𝕙 𝕚𝕤𝕤𝕖 𝕊𝕙𝕖𝕖𝕜𝕙𝕖𝕘𝕖 𝔸𝕫𝕒𝕒𝕕𝕚 𝕂𝕒 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕔𝕖 𝕐𝕒
𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕜𝕚 ℂ𝕙𝕖𝕥𝕟𝕒 𝕁𝕖𝕤𝕒 𝕂𝕦𝕔𝕙 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕒𝕔𝕔𝕠𝕣𝕕𝕚𝕟𝕘

𝔸𝕟𝕥 : 𝕄𝕖𝕙𝕒𝕟𝕥 𝔸𝕦𝕣 𝕊𝕒𝕟𝕘𝕙𝕒𝕣𝕤 𝕊𝕙𝕖𝕜𝕙𝕠𝕘𝕖 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕁𝕦 𝕤𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 ℂ𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕊𝕖 𝕄𝕖𝕙𝕟𝕒𝕥 𝕜𝕒𝕣𝕨𝕒𝕠 𝕌𝕤𝕤 𝕜𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕂𝕖 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕒𝕟 𝕞𝕖

𝔹𝕠𝕠𝕜 : 𝕆𝕓𝕧𝕚𝕠𝕦𝕤𝕝𝕪 𝔾𝕪𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝔹𝕙𝕒𝕟𝕕𝕒𝕒𝕣 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕙𝕦𝕟𝕤𝕪𝕒 𝕂𝕠 𝔹𝕒𝕟𝕒𝕟𝕖 𝕊𝕒𝕓𝕤𝕖 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 𝕌𝕤𝕞𝕖 𝕜𝕟𝕠𝕨𝕝𝕖𝕕𝕘𝕖 ℝ𝕖𝕙𝕟𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝕪𝕒𝕙𝕚 𝕦𝕤𝕤 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕄𝕒𝕤𝕥𝕚𝕤𝕜 𝔹𝕙𝕚 𝔻𝕒𝕒𝕝𝕒 𝕁𝕒𝕪𝕖𝕘𝕒

𝕎𝕖𝕒𝕥𝕙𝕖𝕣 𝕄𝕖 𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕙𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒𝕒 𝕜𝕠 𝕂𝕖𝕤𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕝𝕟𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝔸𝕦𝕣 𝔸𝕘𝕒𝕣 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕊𝕒𝕔𝕙 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕜𝕚 𝕨𝕠 𝕂𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕂𝕚𝕤𝕚 𝕀𝕟𝕤𝕒𝕒𝕟 𝕜𝕠 𝔹𝕒𝕟𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚 𝕋𝕠 𝕪𝕒𝕙𝕒 𝕌𝕤𝕜𝕠 𝕜𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕜𝕠 ℍ𝕒𝕣 ℙ𝕒𝕣𝕚𝕤𝕥𝕙𝕚𝕥𝕚 𝕄𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕝 𝕂𝕒𝕣 𝕒𝕒𝕘𝕖 𝕜𝕖 ℙ𝕣𝕠𝕔𝕖𝕤𝕤𝕖𝕤 𝕄𝕖 𝕁𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚

𝕀𝕟𝕤𝕒𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝔸𝕟𝕘 𝕀𝕟𝕕𝕚𝕣𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝔹𝕙𝕚 𝕊𝕒𝕞𝕒𝕛𝕙 𝔸𝕒𝕪𝕒 𝕁𝕦 𝔹𝕙𝕚 𝕌𝕤𝕤 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕪𝕖 𝔽𝕚𝕥 𝕂𝕒𝕣𝕠𝕘𝕖 𝕦𝕤𝕜𝕖 𝕒𝕟𝕜𝕙 𝕂𝕒𝕒𝕟 𝕤𝕒𝕓 𝕀𝕟𝕕𝕚𝕣𝕚𝕪𝕒 𝕤𝕖 𝕃𝕒𝕕𝕙𝕖𝕘𝕖 𝕤𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 𝕔𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕃𝕖𝕜𝕚𝕟 𝕨𝕠 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕜𝕠 𝕄𝕚𝕝𝕘𝕖 𝕪𝕖 𝕤𝕒𝕓 ℂ𝕙𝕖𝕖𝕫𝕖

ℝ𝕒𝕤𝕙𝕚𝕪𝕒 𝕋𝕠 𝕄𝕒𝕟 𝔸𝕦𝕣 𝕊𝕙𝕒𝕓𝕙𝕒𝕧 𝕂𝕠 ℂ𝕠𝕟𝕥𝕣𝕠𝕝 𝕂𝕒𝕣𝕖𝕘𝕖 𝕌𝕤𝕤 ℕ𝕖𝕨 𝕄𝕒𝕟𝕒𝕧 𝕂𝕖 𝕄𝕒𝕟𝕟 𝕂𝕖 𝕍𝕚𝕜𝕒𝕣 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚 .

ℙ𝕝𝕒𝕟𝕖𝕥𝕤 𝕄𝕖 ℍ𝕒𝕞𝕞 𝕊𝕙𝕚𝕜𝕙𝕖𝕘𝕖
𝕛𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕌𝕣𝕛𝕒 𝕂𝕠 ℂ𝕠𝕟𝕥𝕣𝕠𝕝 𝕜𝕒𝕣𝕟𝕒 𝕞𝕖𝕟𝕖 𝕀𝕥𝕟𝕚 𝔸𝕤𝕥𝕣𝕠𝕝𝕠𝕘𝕪 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕕𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕣 𝕁𝕖𝕖𝕥𝕟𝕒 𝕁𝕒𝕟𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕌𝕤𝕤 ℍ𝕚𝕤𝕒𝕓 𝕊𝕖
𝕤𝕦𝕟 : 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕊𝕙𝕒𝕜𝕥𝕚 𝕂𝕒 ℙ𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟.
𝕊𝕒𝕥𝕦𝕣𝕟 : 𝔸𝕟𝕦𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕒𝕟 𝔸𝕦𝕣 𝕂𝕒𝕣𝕞 𝕂𝕒 𝕡𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕁𝕦𝕡𝕚𝕥𝕖𝕣: 𝕘𝕪𝕒𝕒𝕟 𝕂𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 𝕆𝕓𝕧𝕚𝕠𝕦𝕤𝕝𝕪 𝕓𝕣𝕒𝕙𝕤###𝕡𝕒𝕥𝕚 𝕁𝕖𝕖 𝔾𝕪𝕒𝕟𝕚 ℍ𝕒𝕚𝕟

𝔹𝕒𝕜𝕚 𝕂𝕖 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕥𝕒 𝔹𝕦𝕥 𝕀𝕥𝕟𝕒 𝕄𝕒𝕝𝕦𝕞 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕓𝕙𝕒𝕝𝕖 ℍ𝕚 𝔸𝕘𝕒𝕣 𝕎𝕠 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕒𝕞𝕟 𝕎𝕒𝕝𝕚 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕂𝕒𝕒𝕞 ℕ𝕒𝕙𝕚 𝕒𝕒𝕪𝕖 𝕝𝕖𝕜𝕚𝕟 𝕀𝕤 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕒𝕟𝕕 𝕊𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 𝕔𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕊𝕒𝕒𝕣 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙 𝕃𝕖𝕘𝕖 𝔸𝕦𝕣 𝕁𝕠 𝔸𝕒𝕜𝕙𝕚𝕣𝕚 𝕂𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕌𝕤𝕟𝕖 𝔸𝕘𝕒𝕣 ℙ𝕒𝕒𝕣 𝕂𝕒𝕣 𝕃𝕚𝕪𝕒 𝕋𝕠 𝔹𝕒𝕙𝕦𝕥 𝕊𝕙𝕒𝕜𝕥𝕚 𝕊𝕙𝕒𝕝𝕚 ℍ𝕠𝕛𝕒𝕪𝕖𝕘𝕖 𝔹𝕙𝕒𝕚

𝕐𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 ℕ𝕒𝕙𝕚 𝕐𝕖 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕊𝕒𝕒𝕣 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕐𝕖 𝕃𝕠𝕘 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕊𝕒𝕥𝕪𝕒 𝕜𝕠 𝕡𝕖𝕙𝕔𝕙𝕒𝕟𝕖 𝔾𝕖 𝕋𝕚𝕤𝕚𝕝𝕞 𝕄𝕖 𝕀𝕟𝕞𝕖 ,𝕐𝕖 𝔸𝕒𝕡 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞𝕚 𝕒𝕟𝕓𝕙𝕒𝕧 𝕀𝕟𝕜𝕖 𝔸𝕒𝕘𝕖 𝔹𝕒𝕕𝕖 𝔽𝕚𝕘𝕙𝕥 𝕜𝕖 𝕋𝕒𝕚𝕪𝕒𝕒𝕣 𝕜𝕒𝕣𝕖𝕘𝕒

𝔸𝕒𝕘𝕖 𝕁𝕠 𝕌𝕡𝕕𝕒𝕥𝕖𝕤 𝔹𝕒𝕔𝕙𝕖 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕌𝕟𝕜𝕖 ℝ𝕖𝕧𝕚𝕖𝕨 𝔸𝕒𝕛 ℕ𝕚𝕘𝕙𝕥 𝕄𝕖 𝕐𝕒 𝕄𝕖 𝕂𝕒𝕒𝕝 𝔻𝕖𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕐𝕠𝕦 𝕜𝕟𝕠𝕨 𝕞𝕖 𝕀𝕥𝕟𝕒 𝕊𝕒𝕓 𝕊𝕠𝕔𝕙𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕋𝕠 𝕋𝕚𝕞𝕖 𝕋𝕠 𝕃𝕒𝕘𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕀𝕤𝕤 𝕊𝕒𝕓 𝕄𝕖 .

𝕎𝕖𝕝𝕝 𝕒𝕘𝕒𝕣 𝕐𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕊𝕒𝕙𝕚 ℕ𝕚𝕜𝕒𝕝𝕚 𝕋𝕠 𝕐𝕖 𝔸𝕓 𝕋𝕒𝕜 𝕊𝕒𝕓𝕤𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕞𝕒𝕜𝕖 𝔻𝕒𝕒𝕣 𝕣𝕖𝕧𝕚𝕖𝕨 ℍ𝕠𝕟𝕒 𝕔𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝕀𝕤𝕤 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪 𝕜𝕒 .
Tumhari mehnat ko baar baar salute 🫡 mere bhai tumne kitni mehnat kiya hai wo dikh raha hai, kahi kahi lag raha hai ki tum sach ke aas paas ho, aur kabhi lagta hai ki koson door, khair main is review ka jabaab jyada kuch dekar tumhari mehnat kharaab nahi karuga, Thank you so much for your amazing review and superb support bhai :hug:
𝕁𝕠𝕠𝕣 𝕊𝕖 𝔹𝕠𝕝𝕠 𝔹𝕒𝕓𝕒 𝔼𝕥𝕖𝕣𝕟𝕚𝕥𝕪 𝕂𝕚 𝕋𝕒𝕜𝕜𝕒𝕣 𝕄𝕖 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕂𝕠𝕚
:bow:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Yo fosto kaise ho aap? Apne apne reviews redy kar lo, agla update aaj dopahar tak hi aayega, aur agar sabkebadhiya reviews and like aatehain to ek aur update raat ko bhi aa sakta hai :approve:
 

sunoanuj

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अगले भाग की प्रतीक्षा में है भाई !
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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#157.

“हे भगवान, ये कैश्वर भी ना...हम लोगों की जान लेकर ही मानेगा।” ऐलेक्स ने झुंझलाते हुए कहा- “अब ये एक नयी पहेली आ गई।”

“मुझे लगता है कि यहीं कहीं पानी में कोई दर्पण रखा है, जिस पर इस ताले का कोड लिखा होगा ?” शैफाली ने कहा- “पर मुश्किल यह है कि अब उस दर्पण को इतने बड़े सागर में कहां ढूंढे?”

“यहां हम अपने आस-पास की सारी चीजें देख चुके हैं।” जेनिथ ने शैफाली को समझाते हुए कहा- “हमारे दाहिनी, बांयी और सामने की ओर पत्थर ही हैं, मुझे लगता है कि हमें इस कछुए को पीछे की ओर ले चलना पड़ेगा, शायद उस दिशा में ही कहीं इस ताले का कोड हो?”

“शैफाली, जेनिथ सही कह रही है, तुम्हें इस कछुए को पीछे की ओर लेकर चलना होगा।” सुयश ने शैफाली से कहा।

शैफाली ने एक बार फिर फिशिंग रॉड को घास के गठ्ठर के साथ बाहर निकाला और कछुए को लेकर पीछे की ओर चल दी।

कुछ पीछे चलने के बाद सभी को एक ऊचे से पत्थर के पास कुछ चमकती हुई रोशनी सी दिखाई दी।

सुयश ने शैफाली को उस दिशा में चलने का इशारा किया। शैफाली ने कछुए को उस दिशा में मोड़ लिया।

पास पहुंचने पर सभी खुश हो गये, क्यों कि सामने एक संकरे से रास्ते के बाद, पत्थर पर सुनहरे रंग के 4 अंक चमक रहे थे और वह अंक थे ‘8018’

“मिल गया ऽऽऽऽऽ! हमें ताले का कोड मिल गया।” ऐलेक्स ने खुशी भरे स्वर में चिल्ला कर कहा।

“रुक जाओ।” सुयश ने चिल्ला कर कहा- “पहले इस कोड को ठीक से देखने दो, क्यों कि हमारे पास केवल 3 चांस ही हैं।”

“पर कैप्टेन, कोड तो बिल्कुल साफ दिख रहा है, अब इसमें इतना सोचने वाली क्या बात है?” ऐलेक्स ने उत्साहित शब्दों में कहा।

“साफ तो दिख रहा है, पर ध्यान से देखों इस कोड के अंको को। इस पर लिखे अंक साधारणतया ‘कर्शिव’ (घुमावदार) राइटिंग में होने चाहिये थे, पर यह सारे अंक सीधी लाइनों से बनाये गये हैं और ऐसा हमें सिर्फ
डिजिटल चीजों में ही दिखता है। दूसरी बात मुझे यह भी विश्वास नहीं हो रहा कि यह कोड इतनी आसानी से हमें कैसे मिल गया? सुयश ने शंकित स्वर में कहा।

“कैप्टेन, क्या मैं इस कोड को ताले पर लगा कर देखूं?” जेनिथ ने सुयश से पूछते हुए कहा।

कुछ देर सोचने के बाद सुयश ने हां कर दी।

जेनिथ ने ताले पर 8018 लगा दिया....पर.....पर ताला नहीं
खुला, बल्कि अब उसके ऊपर 2 लिखकर आने लगा, यानि की अब बस 2 चांस और बचे थे।

“आई न्यू इट.....तभी मैं कह रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है।” सुयश ने झुंझलाते हुए कहा- “हमें कविता की पंक्तियों पर फिर से ध्यान देना होगा। उसकी पहली पंक्ति तो पूरी हो चुकी है, मतलब जीव यानि कि कछुआ और अंक यानि की यह अंक हमें मिल चुके हैं, अब बची दूसरी पंक्ति ‘जब देखोगे जल में दर्पण’ ....मतलब हमें जो अंक पत्थर पर चमकते दिखाई दे रहे हैं, वह किसी दर्पण से परावर्तित हो कर आ रहे हैं,
यानि कि असली अक्षर 8018 नहीं बल्कि 8108 होना चाहिये।”

“क्या इस नम्बर को भी कोशिश करके देखें कैप्टेन?” जेनिथ ने सुयश की ओर देखते हुए कहा।

“जरा रुक जाओ जेनिथ।” सुयश ने जेनिथ को रोकते हुए कहा- “शैफाली क्या तुम्हारा कछुआ और आगे नहीं जा सकता, क्यों कि हमारे सामने दिख रहे अंक कहीं से तो परावर्तित होकर आ रहे हैं...तो अगर
हमें असली अंक दिख जाएं, तो सारी मुश्किल ही खत्म हो जायेगी।”

“नहीं कैप्टेन अंकल, आगे का रास्ता बहुत संकरा है और इस कछुए का आकार बड़ा...इसलिये यह कछुआ इससे आगे नहीं जा सकता और अगर हमने इस कछुए को पत्थर पर चढ़ाने की कोशिश की तो हमारा
पिंजरा इसकी पीठ से गिर भी सकता है, और वो स्थिति हमारे लिये और खतरनाक होगी।” शैफाली ने सुयश से कहा।

शैफाली का तर्क सही था, इसलिये सुयश ने कुछ कहा नहीं और वह फिर से सोचने लगा।

“अगर कोई अंक दर्पण में दिखाई देता है, तो वह 2 प्रकार का ही हो सकता है, यानि कि या तो उल्टा या फिर सीधा।” तौफीक ने अपना तर्क देते हुए कहा- “अब एक तरीका तो हम लोग अपना ही चुके है, तो दूसरा तरीका ही सही होगा।....मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा सोचने की जरुरत है कैप्टेन।”

तौफीक की बात सुन सुयश ने फिर अपना सिर हिला दिया।

सुयश के सिर हिलाते ही जेनिथ फिर दरवाजे के लॉक की ओर बढ़ गई।

जेनिथ ने इस बार 8108 लगाया, पर फिर यह कोड गलत था। अब उस ताले के ऊपर 1 लिखकर आने लगा। अब तो सबकी साँसें सूख गईं।

“अब हम फंस गयें हैं कैप्टेन।” क्रिस्टी ने कहा- “क्यों कि हमने कोड को दोनो तरीके से लगाकर देख लिया है....अब तो कोई ऑप्शन नहीं बचा।.....मुझे तो लग रहा है कि पत्थर पर दिख रहा यह कोड किसी और चीज का है? जो कि कैश्वर ने हमें भ्रमित करने के लिये रखा था। असली कोड कहीं और छिपा है?”

“नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता....हमें किसी चीज निर्माण करते समय चीटिंग करना नहीं सिखाया गया था.... हमारे दरवाजे का कोड तो यही है, पर हम कहीं गलती कर रहे हैं?” शैफाली के शब्दों में दृढ़ता नजर आ रही थी।

ऐलेक्स को शैफाली के शब्दों पर पूरा भरोसा था, अब वह ध्यान से पत्थर पर मौजूद उन अंको को फिर से देखने लगा।

ऐलेक्स लगातार 2 मिनट तक उस पत्थर पर लिखी संख्या को देखता रहा और फिर उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।

क्रिस्टी ऐलेक्स के चेहरे की मुस्कान देखकर समझ गई कि ऐलेक्स ने फिर कोई रहस्य जान लिया है।

ऐलेक्स बिना किसी से बोले, पिंजरे के लॉक तक पहुंचा और फिर एक कोड लगाने लगा।

इससे पहले कि कोई ऐलेक्स को रोक पाता, ऐलेक्स ने वह लॉक खोल दिया था।

लॉक को खुलते देख, सभी आश्चर्य से ऐलेक्स को देखने लगे।

क्रिस्टी तो दौड़कर ऐलेक्स के गले ही लग गई और ऐलेक्स का माथा चूमते हुए बोली- “मैं तो पहले ही कहती थी कि मेरे ब्वॉयफ्रेंड का दिमाग सबसे तेज है।”

“ये कब कहा तुमने?” ऐलेक्स ने नकली आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा- “मैंने तो ऐसे शब्द पहले कभी नहीं सुने।”

“अरे ये पप्पियां -झप्पियां बाद में कर लेना।” जेनिथ ने बीच में घुसते हुए कहा- “पहले हमें ये बताओ कि असली कोड था क्या?”

“असली कोड था- 8010” ऐलेक्स ने जेनिथ की ओर देखते हुए कहा- “और वह दर्पण का परावर्तन नहीं था, बल्कि काँच के पारदर्शी टुकड़े के पार आयी परछाई थी।”

“तो इससे अंक कैसे बदल गया?” सुयश ने ऐलेक्स को बीच में ही टोकते हुए कहा।

“आसान शब्दों में बताता हूं कैप्टेन।” ऐलेक्स ने कहा- “असल में हमने सबसे पहले पत्थर पर ‘8018’ लिखा देखा, पर जब वह संख्या सही नहीं निकली, तो हमने ये समझा कि शायद वह संख्या कहीं दर्पण पर लिखी है और उस दर्पण पर पड़ने वाली रोशनी की वजह से, हमें उसका उल्टा प्रतिबिम्ब दिख रहा है, यह सोच हमने ‘8108’ ट्राई किया। पर वह संख्या भी गलत निकली।

“अब इन 2 संख्याओं के अलावा और कोई संख्या संभव नहीं थी। तब मैंने ध्यान से उस अंक को कुछ देर तक देखा, तो मुझे उस संख्या के आखिरी अंक पर एक समुद्री कीड़ा बैठा दिखाई दिया। जो कि मेरे ध्यान से देखने पर, एक बार हिलता नजर आया। तब मुझे पता चला कि असल में सही अंक ‘8010’ है, पर समुद्री कीड़े के बैठ जाने की वजह से, वह हमें ‘8018’ दिखने लगी थी। अब मैंने और ध्यान से उस अंक को देखा, तो मुझे पता चला कि वह संख्या उसी पत्थर के ऊपर रखे एक काँच के टुकड़े पर लिखी थी, जिस पर ऊपर से रोशनी पड़ने की वजह से उसका प्रतिबिम्ब हमें नीचे दिखाई दे रहा था।

“अब मैं आपको साधारण शीशे और दर्पण के परावर्तन का अंतर बताता हूं। अगर किसी दर्पण पर कुछ लिखकर उस पर प्रकाश मारा जाये, तो जहां भी उस दर्पण का परावर्तित प्रकाश गिरेगा, वह उस लिखे हुए अंक को उल्टा दिखायेगा। परंतु अगर हम किसी पारदर्शी शीशे पर कुछ लिखकर उस पर प्रकाश मारें, तो उसके पार जाने वाला प्रकाश उन लिखे हुए अंकों को सीधा ही दिखायेगा।”

“अब मैं समझ गया कि यहां लिखे अंक सीधी लाइनों से क्यों बनाये गये थे? क्यों कि सीधी लाइन से बने ‘0’ को आसानी से ‘8’ में बदला जा सकता था।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “चलो...अच्छी बात है कि कम
से कम दरवाजा तो खुल गया। यह कहकर सुयश पिंजरे का दरवाजा खोलकर बाहर आ गया।

सुयश के पीछे-पीछे बाकी लोग भी बाहर आ गये। सभी के बाहर आते ही कछुआ, फिशिंग रॉड और पिंजरे के साथ कहीं गायब हो गया।

“लगता है कि कछुए का काम पूरा हो गया।” सुयश ने कहा- “अब हमें सबसे पहले इस द्वार को पार करने के लिये जलपरी के हाथ में पकड़ी चाबी चाहिये।” यह कहकर सुयश जलपरी की मूर्ति की ओर बढ़ गया।

जलपरी की वह मूर्ति एक पत्थर पर बैठी थी। जलपरी के हाथ की मुठ्ठी बंद थी और उसके मुठ्ठी के एक किनारे से चाबी थोड़ी सी दिख रही थी।

सुयश ने जलपरी के हाथ से उस चाबी को निकालने का बहुत प्रयत्न किया, पर सब बेकार गया। चाबी जलपरी के हाथ से ना निकली।

“लगता है कि अभी कोई और पेंच भी बाकी है?” शैफाली ने कहा- “मुझे नहीं लगता कि हम ऐसे मूर्ति के हाथ से चाबी निकाल पायेंगे। मुझे लगता है कि या तो इस जलपरी को जिंदा करके, इसके हाथ से चाबी निकालना है? या फिर यहां पर अवश्य ही कोई ऐसा यंत्र छिपा होगा, जिसके द्वारा मूर्ति के हाथ से चाबी निकालना होगा?”

“शैफाली सही कह रही है, हमें थोड़ा आगे घूमकर आना चाहिये, अवश्य ही इसका उपाय कहीं ना कहीं होगा?” जेनिथ ने कहा।

जेनिथ की बात से सभी सहमत थे, इसलिये सभी उठकर आगे की ओर चल दिये।

कुछ आगे जाने पर सभी को पानी में, एक नीले रंग का 15 फुट का, गोल गुब्बारा दिखाई दिया, जिसमें हवा भरी थी और वह इसकी वजह से पानी की लहरों पर इधर-उधर तैर रहा था।

“इस गुब्बारे में कुछ ना कुछ तो है?” सुयश ने कहा- “पर पहले और आगे देख लें, फिर इस गुब्बारे के बारे में सोचेंगे।”

सुयश की बात सुन सभी और आगे बढ़ गये।

कुछ आगे जाने पर सभी को एक बड़ी सी काँच की नकली व्हेल मछली दिखाई दी, जिसके अंदर की हर चीज बाहर से साफ दिखाई दे रही थी।

उस व्हेल का मुंह पूरा गोल था और उसके बड़े-बड़े तलवार जैसे दाँत दूर से ही चमक रहे थे।

वह व्हेल अपना मुंह 1 सेकेण्ड के लिये खोलती और फिर तेजी से बंद कर लेती।

यह क्रम बार-बार चल रहा था। व्हेल जब भी अपना मुंह बंद करती, पानी में एक जोर की आवाज गूंज रही थी।

“यह क्या आफत है?” तौफीक ने व्हेल को देखते हुए कहा- “अब ये ना हो कि इस व्हेल के पेट में कोई चीज हो और हमें उसे लेने जाना पड़े?”

“आपका सोचना बिल्कुल सही है तौफीक भाई।” ऐलेक्स ने मुस्कुराते हुए कहा- “मुझे इस व्हेल के पेट में एक काँच की बोतल रखी दिखाई दे रही है, जिसमें कोई द्रव भरा है और उस बोतल पर एक जलपरी
की तस्वीर भी बनी है।”

“फिर तो पक्का उसी द्रव को पिलाने से वह जलपरी जीवित होगी।” शैफाली ने कहा- “पर उस बोतल को लाना तो बहुत ही मुश्किल है, यह व्हेल तो मात्र 1 सेकेण्ड के लिये अपना मुंह खोल रही है और इतने कम समय में हममें से कोई भी तैर कर इस व्हेल के मुंह में नहीं जा सकता।”

“पर डॉल्फिन तो जा सकती है।” ऐलेक्स ने शैफाली से पूछा- “जो कि इस समय उस गुब्बारे के अंदर है।”

“हां डॉल्फिन चाहे तो इतनी स्पीड से अंदर जा सकती है, पर वह बोतल कैसे उठायेगी?” शैफाली ने सोचते हुए कहा।

“चलो पहले गुब्बारे से डॉल्फिन को निकाल तो लें, फिर सोचेंगे कि करना क्या है?” सुयश ने कहा और उस गुब्बारे की ओर चल दिया।

गुब्बारे के पास पहुंचकर सुयश ने तौफीक को गुब्बारा फोड़ने का इशारा किया।

तौफीक ने अपने हाथ में पकड़े चाकू से गुब्बारे को फोड़ दिया।

ऐलेक्स का कहना बिल्कुल सही था, उस गुब्बारे में एक 8 फुट की नीले रंग की सुंदर सी डॉल्फिन थी।

डॉल्फिन बाहर निकलते ही सभी के चारो ओर घूमने लगी, फिर डॉल्फिन ने एक जोर का चक्कर लगाया और सीधे व्हेल के खुले मुंह से अंदर जा घुसी। डॉल्फिन की स्पीड देखकर सभी खुश हो गये।

“डॉल्फिन की स्पीड तो बहुत अच्छी है, पर उससे बोतल मंगाना कैसे है?” क्रिस्टी ने सभी की ओर देखते हुए कहा।

“यह काम मैं करुंगी।” जेनिथ ने अपना हाथ ऊपर उठाते हुए कहा। सभी आश्चर्य से जेनिथ की ओर देखने लगे।

उन्हें अपनी ओर देखते पाकर जेनिथ बोल उठी- “मैं इस डॉल्फिन के शरीर से चिपककर इस व्हेल के मुंह को पार करुंगी। अगर मुझे कहीं चोट लग भी गई तो नक्षत्रा मुझे ठीक कर देगा।”

“वो तो ठीक है जेनिथ दीदी, पर इस डॉल्फिन के शरीर से चिपककर बैठे रहना बहुत मुश्किल है, यह सिर्फ वही इंसान कर सकता है जो कि पहले भी डॉल्फिन की सैकड़ों बार सवारी कर चुका हो।” शैफाली ने जेनिथ की ओर देखते हुए कहा।

“ऐसा कौन है अपने पास?” ऐलेक्स ने चारो ओर देखते हुए कहा।

“क्या ऐलेक्स भैया, आप सिर्फ शैफाली को ही याद करते हैं...कभी-कभी मैग्ना को भी याद कर लिया कीजिये।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

शैफाली की बात सुन अब सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

शैफाली ने अब अपने मुंह गोल करके ना जाने क्या किया कि डॉल्फिन सीधा व्हेल के मुंह से निकलकर उसके पास आ गई।

शैफाली ने धीरे से डॉल्फिन की पीठ थपथपाई और एक झटके से उसकी पीठ पर सवार हो गई।

शैफाली थोड़ी देर तक पानी में इधर-उधर तैरती रही और फिर उसने अपना शरीर डॉल्फिन के शरीर से बिल्कुल चिपका लिया और एक झटके से व्हेल के मुंह में प्रवेश कर गई।

शैफाली की गति इतनी तेज थी कि यदि वह व्हेल आधे सेकेण्ड में भी अपना मुंह बंद करती, तब भी शैफाली सुरक्षित उसके मुंह में चली जाती।

कुछ ही देर में शैफाली उस द्रव्य की बोतल लेकर बाहर आ गई।

सभी अब वह बोतल ले जलपरी की ओर चल दिये। जलपरी के पास पहुंच कर शैफाली ने उस द्रव्य की बोतल को खोलकर उसे जलपरी के मुंह से लगा दिया।

आश्चर्यजनक तरीके से बोतल का पूरा द्रव्य उस जलपरी ने खाली कर दिया।

पूरा द्रव्य पीने के बाद वह जलपरी अब जीवित हो गई।

उसने एक बार अपने सामने मौजूद सभी को देखा और अपनी मुठ्ठी में बंद चाबी को शैफाली के हवाले कर दिया।

चाबी देने के बाद वह जलपरी उछलकर डॉल्फिन पर बैठी और वहां से गायब हो गई।

“भगवान का शुक्र है कि इस जलपरी ने हम पर हमला नहीं किया।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी को चिकोटी काटते हुए कहा।

“उफ् ... तुमने मुझे चिकोटी काटी, मैं तुम्हारा मुंह नोंच लूंगी।” यह कहकर क्रिस्टी, ऐलेक्स की ओर झपटी, पर ऐलेक्स पहले से ही तैयार था, वह अपनी जान छुड़ा कर वहां से भागा।

इधर क्रिस्टी और ऐलेक्स की मस्ती चल रही थी, उधर शैफाली ने उस चाबी से तिलिस्मा का अगला द्वार खोल दिया।

द्धार खुलते देख ऐलेक्स भागकर सबसे पहले द्वार में घुस गया।

क्रिस्टी मुंह बनाकर सबके साथ उस द्वार मंल प्रवेश कर गई।



जारी रहेगा_______✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Supreme
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Beautiful update Bhai

बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश के टैटू का तो राज खुल गया लेकिन एक और राज सामने आ गया सबकी हैप्पी न्यू ईयर की जगह bad न्यू ईयर हो गई शैफाली के पास एक सिक्का मिला है वह शैफाली के पास कौन व क्यों रख के गया है जिसका पता किसी को भी नहीं है अल्बर्ट के हिसाब से यह सिक्का अटलांटिस सभ्यता का है ये सच हो सकता है और शैफाली का उनके साथ कुछ तो संबंध हो सकता है???

adhbut aur akalpaniya ....superb updates Sharma ji.:perfect::perfect::love2:

Oh toh kahani ka villan Makota :roll3: hai! Poore aarka 🏝️ dweep par raaj karne ke liye usne Jaigan 🐛 ka sahara liya.

Aakruti 🤵‍♀️ ko Shalaka 👸 banakar usne Lufasa 🦁 aur Sanura 🐈‍⬛ ko bhi behka diya.

Supreme 🛳️ ke Bermuda Triangle mei aane ke baad jo bhi musibate aayi woh kahina kahi usi ke wajah se hai.

Supreme par se sabhi laasho ke gayab hone ka raaz toh woh keede 🐛 hi thay.

Lekin Lufasa 🐀 aur Sanura 🐈‍⬛ ne Aakruti aur Makota ki baate sunn hi li. Shayad ab ab woh sahi raasta chune.

Iss Aarka / Atlantis ke chakkar mei hum Supreme par hue sab se pehle khoon ki baat toh bhool hi gaye Aur kyo Aslam ne jahaaz ko Bermuda Triangle ki taraf moda! Aur Woh Vega ki kahani bhi wahi chhut gayi.
Lekin aaj ke iss update mei kaafi sawaalo ke jawaab mil hi gaye. :cool3:





Nahi bhai esa nahi hai
Wo kya hai na is bar ki pehli holi Sasural me manaee bahut he ache se pocho mat bahut enjoy kia maine bhai kya batao bs busy tha usme he

Reviews dalna shuru karunga na abhi to apne ek aur story par kaam kar raha hu ,use bhi post kar du fir reviews likhne bhidhunga

Awesome update

Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha

romanchak update. to nakshatra ke jariye sab pata chal gaya jenith ko ki kaise taufik ne satik plan karke apne gunaho ko chhipa liya .
ab jenith ke mann me sirf nafrat hai taufik ke liye ,par nakshatra ne usko apni bhavnao ko kabu me rakhne ko kaha aur taufik se badla lene ka bhi kaha samay aane par ..

avsji बन्धु आपका तर्क स्वीकारणीय है लेकिन अकाट्य नहीं।
वास्तव में किसी भी
उपलब्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्ति और सामाजिक व्यवस्था से पहले भी संस्कृति, परम्परा और समाज होता था।
Raj_sharma भाई अपनी संस्कृति दूसरे पर थोप रहे हैं ऐसा आपको लगा, लेकिन मुझे इसका दूसरा पहलू जो समझ आया, आपके सामने रख रहा हूं, पढ़कर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें
सम्पूर्ण पृथ्वी पर समान संस्कृति या सभ्यता थी, समय के साथ नये सामाजिक, सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक समूह बनने पर उन समूहों ने सभ्यता या संस्कृति को अपने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अलग-अलग रुप में परिभाषित किया जिससे अलग-अलग शब्दों में एक ही बात को कहा जाने लगा और साधारण मनुष्यों ने उनको अलग-अलग ही सभ्यता मान लिया।
विदेशी सभ्यताओं के ऊपर कुछ साम्प्रदायिक समूह इतने हावी हो गये कि वहां के आमजन उन सम्प्रदायों के संस्थापकों और पुस्तकों को ही सभ्यता और संस्कृति का सृजन मानने लगे और उनके पूर्व की सभ्यता-संस्कृति का अस्तित्व ही मानने को तैयार नहीं।
जबकि भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े ज्यादातर लोग आज भी संस्कृति, परम्परा, सभ्यता को अपने आराध्य व्यक्ति और पुस्तकों से प्राचीन मानते हैं
इसीलिए उनकी सभ्यता की कहानी 1500-2000 साल पहले जन्मे व्यक्ति और उसकी लिखी पुस्तक पर समाप्त हो जाती है जबकि हम सांस्कृतिक इतिहास को किसी विशेष क्षेत्र, व्यक्ति या पुस्तक से भी पहले सम्पूर्ण पृथ्वी ही नहीं सम्पूर्ण विश्व तक गणना करते हैं सृष्टि काल से....
जो शर्मा जी यहां कर रहे हैं।

शब्दों का फेर है पोसाइडन कहो या वरुण, जैसे ऑसन कहो या समुद्र....मूल में तत्व तो एक ही है

चौदह वर्ष पूर्व कलिका - जो दिल्ली के एक मैग्जीन की संपादक थी - ने यक्षलोक के प्रहरी युवान के कठिन सवालों का जो जवाब दिया वह बिल्कुल महाभारत के एक प्रसंग ( युधिष्ठिर और यक्ष संवाद ) की तरह था ।
क्या ही कठिन सवाल थे और क्या ही अद्भुत जवाब थे ! यह सब कैसे कर लेते है आप शर्मा जी ! पहले तो दिमाग मे कठिन सवाल लाना और फिर उस सवाल का जवाब ढूंढना , यह कैसे कर लेते है आप !
यह वाकई मे अद्भुत था । इस अपडेट के लिए आप की जितनी तारीफ की जाए कम है ।

शायद सम्राट शिप से चौदह साल पहले जो शिप बरमूडा ट्राइंगल मे डुब गया था , उस शिप मे ही कलिका की बेटी सफर कर रही होगी । वह लड़की आकृति हो सकती है । वह आकृति जो शलाका का क्लोन धारण कर रखी है ।

दूसरी तरफ सामरा प्रदेश मे व्योम साहब पर कुदरत बहुत ही अधिक मेहरबान हो रखा है । वगैर मांगे छप्पर फाड़ कर कृपा बरसा रहा है । पहले अमृत की प्राप्ति हुई और अब राजकुमारी त्रिकाली का दिल उनपर धड़क गया है ।
मंदिर मे जिस तरह दोनो ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र पहनाया , उससे लगता है यह रक्षा सूत्र नही विवाह सूत्र की प्रक्रिया थी ।


इन दो घटनाक्रम के बाद तीसरी तरफ कैस्पर का दिल भी मैग्ना पर मचल उठा है और खास यह है कि यह धड़कन हजारों वर्ष बाद हुआ है । लेकिन सवाल यह है कि मैग्ना है कहां !
कहीं शैफाली ही मैग्ना तो नही ! शैफाली कहीं मैग्ना का पुनर्जन्म तो नही !

कुकुरमुत्ता को छाते की तरह इस्तेमाल करते हुए सुयश साहब और उनकी टीम का तेजाबी बारिश से खुद को रक्षा करना एक और खुबसूरत अपडेट था । पांच लोग बचे हुए हैं और एलेक्स को मिला दिया जाए तो छ लोग । तौफिक साहब की जान जाते जाते बची , लेकिन लगता नही है यह साहब अधिक दिन तक जीवित रह पायेंगे ।
कुछ मिलाकर पांच प्राणी ही सम्राट शिप के जीवित बचेंगे , बशर्ते राइटर साहब ने कुछ खुराफाती न सोच रखा हो ।
ये मिश्रित पांडव जीवित रहने चाहिए पंडित जी ! :D

सभी अपडेट बेहद खुबसूरत थे ।
रोमांच से भरपूर ।
एक अलग तरह की कहानी , एक अद्भुत कहानी ।
और आउटस्टैंडिंग राइटिंग ।

Radhe Radhe guruji,, break pe chala gya tha uske baad is id ka password issue ho gya tha so sign in nahi tha itne time se ab wapas aaya hu to dubara se updates ki demand rakhunga...waise stock to abhi full hai kuch time ke liye so read karta hu

#136 & 137

अच्छा है - अलेक्स के पास शेफाली (मैग्ना) की स्मृतियाँ हैं।
और खरगोश ने उसको एक अँगूठी भी दे दी है -- वही अंगूठी होगी, जो कैस्पर ने मैग्ना को दी रही होगी।

कुछ और ख़ास नहीं हुआ।

राज भाई किसी बकवास से चुनाव में मशगूल हैं आज कल - इसलिए और अपडेट्स भी नहीं आए।
कोई बात नहीं! कभी कभी ये सब भी कर लेना चाहिए :)

Waada kiya tha puri story padhunga aur dhang se review dunga kab ye wait karna padega darling brother

Shandaar update and nice story

Bhut hi shandar update bhai
TO aaryan ne jise shalaka samaj kar amart diya tha vah sayad aakriti thi

Ye aakriti to bohot pahuchi hui nikli dost 😱 saali ne kis kis ko quid kar rakha hai batao, melite, suvarya, aur Roger 3-3 log uski qaid me the, mujhe lagta hai ki bohot jald hi iska bad time start hone wala hai 😑 udhar suyash and co. Bhi udne wali jhopdi me pahuch chuke hain, kya gajab dimaak lagaya hai aapne, aur ye khopdi ki maala me bhi avasya hi koi pech niklega 😁 bohot badhiya likh rahe ho aap 👌🏻👌🏻

शानदार अपडेट राज भाई

Nice update....


Nice update....

Shaandar update

Bhut shandaar update



Par ye charo hai kon....


Aur Q lad rahe h aapas me

एक बहुत ही जबरदस्त और खतरनाक अपडेट है भाई मजा आ गया है
ये ऐण्ड्रोवर्स पाॅवर कौनसी शक्तीशाली बला हैं और वो किस तरहा तबाही मचा सकती हैं
विद्युम्ना और बाणकेतु की शादी हो जायेगी तद पश्चात त्रिसर्पमुखी त्रिशक्ती का योग्य उपयोग कर पायेगी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है

Ye to khatarnak aur takatwar bhi h ,kya vedalaya inhe rok payege aur inhe shaktiyo(dhra) ke baare mei bhi pta h .
Ye prithvi wasiyo se kai guna aage h science tech and powers( jadui Shakti) mei bhi

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Shaandar Update

Hamesha ke tarah lajawab update.....


Nayi paheli naya रोमांच

Wonderful update brother, itna toh pata hai ki Mayur aur Dhara marne wale nahi hain khair ab dono pani se bahar ja rahe hain matlab ab unke paas aur bhi powers hogi jisse wo dono A1 aur A7 ka mukabla kar sakte hain.

Nice update.....

Wonderful update brother, Taufiq ke paas koi powers na hokar bhi wah apni skills se sabhi ko kaphi help kar pa raha hai, toh kya Taufiq ne jo gunah kiya hai France Government ke sath uske liye isko maafi mil jaani chahiye.

nice update

Mst update bro

Wah Raj_sharma Bhai Wah,

Sabhi updates ek se badhkar ek he...........

Shabdo ki jadugari to koi aapse seekhe............

Gazab Bhai............

Keep posting

Raj_sharma 𝕄𝕖𝕟𝕖 𝕊𝕦𝕣𝕡𝕣𝕚𝕤𝕖 𝕜𝕙𝕠𝕝𝕕𝕚𝕪𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕂𝕒

𝕁𝕦 𝕨𝕠 𝕜𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕊𝕖 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕜𝕒𝕣𝕟𝕖 𝕨𝕒𝕝𝕖 ℍ𝕠, 𝔸𝕒𝕘𝕖 𝕞𝕖 𝔹𝕒𝕥𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕂𝕖𝕤𝕖 𝕂𝕒𝕣𝕠𝕘𝕖 𝕐𝕖 𝕊𝕒𝕓
𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 ℙ𝕖𝕙𝕝𝕚 𝕋𝕒𝕤𝕜 : 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕒𝕔𝕔𝕠𝕣𝕕𝕚𝕟𝕘 𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 𝕂𝕒 ℍ𝕒𝕞𝕒𝕣𝕖 𝕊𝕙𝕒𝕤𝕥𝕣𝕒 𝕄𝕖 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 ℙ𝕝𝕒𝕔𝕖 ℍ𝕒𝕚𝕟 ,𝕃𝕠𝕥𝕦𝕤 𝕂𝕠 ℂ𝕣𝕖𝕒𝕥𝕚𝕟𝕘 𝕆𝕗 𝕎𝕠𝕣𝕝𝕕 𝔹𝕙𝕚 𝕂𝕒𝕙𝕒 𝕁𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕐𝕖 𝕊𝕥𝕖𝕡 𝕤𝕒𝕟𝕤𝕒𝕒𝕣 𝕂𝕚 𝕌𝕥𝕡𝕒𝕥𝕚 𝕜𝕠 𝔹𝕙𝕚 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 .

ℕ𝕖𝕧𝕝𝕒 : 𝕄𝕖 𝕀𝕤𝕜𝕚 ℙ𝕖𝕙𝕝𝕚 𝕤𝕖 𝕄𝕖 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙 𝔾𝕒𝕪𝕒 𝕋𝕙𝕒𝕒 𝕂𝕚 𝕂𝕪𝕦 𝕐𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕂𝕒 ℙ𝕒𝕣𝕥 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕜𝕣𝕒 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒 ℝ𝕒𝕙𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕖 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕂𝕚 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕪𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕂𝕖𝕤𝕖 ℕ𝕖𝕧𝕝𝕖 𝕄𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕟𝕒𝕟 𝕒𝕒𝕪𝕖 𝕋𝕙𝕚𝕜 𝕨𝕖𝕤𝕖 ℍ𝕚 , 𝕜𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕄𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕒𝕟 𝔸𝕒𝕪𝕖

𝕆𝕔𝕥𝕠𝕡𝕦𝕤𝕖𝕤 ; 𝕊𝕖 ℍ𝕒𝕞𝕖 𝔼𝕜 𝔸𝕒𝕟𝕜𝕙 𝕄𝕚𝕝𝕚 𝕁𝕠 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕟𝕒𝕧 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕄𝕖 𝔼𝕜 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 𝕙𝕚𝕤𝕤𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 .𝕒𝕦𝕣 𝕒𝕒𝕘𝕖 𝕔𝕙𝕒𝕡𝕥𝕖𝕣 𝕄𝕖 𝕊𝕚𝕣𝕗 𝔼𝕜 ℍ𝕚 𝔸𝕒𝕟𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕋𝕠 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝔼𝕜 𝔸𝕒𝕟𝕜 𝕎𝕒𝕙𝕒 𝕊𝕖 𝔻𝕦𝕤𝕣𝕚 𝔸𝕒𝕟𝕜 𝕄𝕚𝕝𝕛𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚

𝕁𝕒𝕒𝕝 𝔻𝕒𝕣𝕡𝕒𝕟 :𝕁𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕟𝕟 𝕄𝕖 𝕂𝕪𝕒 𝔸𝕔𝕙𝕒 𝔹𝕦𝕣𝕒 ℝ𝕖𝕙𝕥𝕒 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝕎𝕒𝕙𝕚 𝔻𝕙𝕚𝕜𝕒𝕠𝕘𝕖 𝕎𝕖𝕝𝕝 𝕐𝕖 𝔹𝕙𝕚 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕖𝕜 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 ℙ𝕒𝕣𝕥 ℝ𝕖𝕙𝕥𝕒.
𝕀𝕤𝕞𝕖𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝔸𝕟𝕕𝕒𝕣 𝕜𝕒 𝔹𝕙𝕒𝕧 𝔻𝕚𝕜𝕙𝕟𝕖 𝕨𝕒𝕝𝕖

𝕊𝕥𝕒𝕥𝕦𝕖 𝕆𝕗 𝕃𝕚𝕓𝕖𝕣𝕥𝕪 : 𝕒𝕫𝕒𝕒𝕕𝕚 𝕜𝕚 𝕄𝕦𝕣𝕥𝕚 𝕐𝕒𝕟𝕚 𝕐𝕒𝕙𝕒 ℍ𝕒𝕞𝕞 𝕂𝕦𝕔𝕙 𝕚𝕤𝕤𝕖 𝕊𝕙𝕖𝕖𝕜𝕙𝕖𝕘𝕖 𝔸𝕫𝕒𝕒𝕕𝕚 𝕂𝕒 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕔𝕖 𝕐𝕒
𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕜𝕚 ℂ𝕙𝕖𝕥𝕟𝕒 𝕁𝕖𝕤𝕒 𝕂𝕦𝕔𝕙 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕒𝕔𝕔𝕠𝕣𝕕𝕚𝕟𝕘

𝔸𝕟𝕥 : 𝕄𝕖𝕙𝕒𝕟𝕥 𝔸𝕦𝕣 𝕊𝕒𝕟𝕘𝕙𝕒𝕣𝕤 𝕊𝕙𝕖𝕜𝕙𝕠𝕘𝕖 𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕁𝕦 𝕤𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 ℂ𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕊𝕖 𝕄𝕖𝕙𝕟𝕒𝕥 𝕜𝕒𝕣𝕨𝕒𝕠 𝕌𝕤𝕤 𝕜𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕂𝕖 ℕ𝕚𝕣𝕞𝕒𝕒𝕟 𝕞𝕖

𝔹𝕠𝕠𝕜 : 𝕆𝕓𝕧𝕚𝕠𝕦𝕤𝕝𝕪 𝔾𝕪𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝔹𝕙𝕒𝕟𝕕𝕒𝕒𝕣 𝔼𝕜 𝕄𝕒𝕙𝕦𝕟𝕤𝕪𝕒 𝕂𝕠 𝔹𝕒𝕟𝕒𝕟𝕖 𝕊𝕒𝕓𝕤𝕖 𝕀𝕞𝕡𝕠𝕣𝕥𝕒𝕟𝕥 𝕌𝕤𝕞𝕖 𝕜𝕟𝕠𝕨𝕝𝕖𝕕𝕘𝕖 ℝ𝕖𝕙𝕟𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝕪𝕒𝕙𝕚 𝕦𝕤𝕤 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕄𝕒𝕤𝕥𝕚𝕤𝕜 𝔹𝕙𝕚 𝔻𝕒𝕒𝕝𝕒 𝕁𝕒𝕪𝕖𝕘𝕒

𝕎𝕖𝕒𝕥𝕙𝕖𝕣 𝕄𝕖 𝕁𝕦 𝕄𝕒𝕙𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒𝕒 𝕜𝕠 𝕂𝕖𝕤𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕝𝕟𝕒 ℂ𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝔸𝕦𝕣 𝔸𝕘𝕒𝕣 𝕄𝕖𝕣𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕊𝕒𝕔𝕙 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕜𝕚 𝕨𝕠 𝕂𝕙𝕠𝕡𝕕𝕚 𝕂𝕚𝕤𝕚 𝕀𝕟𝕤𝕒𝕒𝕟 𝕜𝕠 𝔹𝕒𝕟𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚 𝕋𝕠 𝕪𝕒𝕙𝕒 𝕌𝕤𝕜𝕠 𝕜𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕜𝕠 ℍ𝕒𝕣 ℙ𝕒𝕣𝕚𝕤𝕥𝕙𝕚𝕥𝕚 𝕄𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕝 𝕂𝕒𝕣 𝕒𝕒𝕘𝕖 𝕜𝕖 ℙ𝕣𝕠𝕔𝕖𝕤𝕤𝕖𝕤 𝕄𝕖 𝕁𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚

𝕀𝕟𝕤𝕒𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝔸𝕟𝕘 𝕀𝕟𝕕𝕚𝕣𝕪𝕒 𝕂𝕒 𝔹𝕙𝕚 𝕊𝕒𝕞𝕒𝕛𝕙 𝔸𝕒𝕪𝕒 𝕁𝕦 𝔹𝕙𝕚 𝕌𝕤𝕤 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕄𝕖 𝕪𝕖 𝔽𝕚𝕥 𝕂𝕒𝕣𝕠𝕘𝕖 𝕦𝕤𝕜𝕖 𝕒𝕟𝕜𝕙 𝕂𝕒𝕒𝕟 𝕤𝕒𝕓 𝕀𝕟𝕕𝕚𝕣𝕚𝕪𝕒 𝕤𝕖 𝕃𝕒𝕕𝕙𝕖𝕘𝕖 𝕤𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 𝕔𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕃𝕖𝕜𝕚𝕟 𝕨𝕠 𝕂𝕒𝕟𝕜𝕒𝕝 𝕜𝕠 𝕄𝕚𝕝𝕘𝕖 𝕪𝕖 𝕤𝕒𝕓 ℂ𝕙𝕖𝕖𝕫𝕖

ℝ𝕒𝕤𝕙𝕚𝕪𝕒 𝕋𝕠 𝕄𝕒𝕟 𝔸𝕦𝕣 𝕊𝕙𝕒𝕓𝕙𝕒𝕧 𝕂𝕠 ℂ𝕠𝕟𝕥𝕣𝕠𝕝 𝕂𝕒𝕣𝕖𝕘𝕖 𝕌𝕤𝕤 ℕ𝕖𝕨 𝕄𝕒𝕟𝕒𝕧 𝕂𝕖 𝕄𝕒𝕟𝕟 𝕂𝕖 𝕍𝕚𝕜𝕒𝕣 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙𝕒𝕪𝕖𝕘𝕚 .

ℙ𝕝𝕒𝕟𝕖𝕥𝕤 𝕄𝕖 ℍ𝕒𝕞𝕞 𝕊𝕙𝕚𝕜𝕙𝕖𝕘𝕖
𝕛𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕌𝕣𝕛𝕒 𝕂𝕠 ℂ𝕠𝕟𝕥𝕣𝕠𝕝 𝕜𝕒𝕣𝕟𝕒 𝕞𝕖𝕟𝕖 𝕀𝕥𝕟𝕚 𝔸𝕤𝕥𝕣𝕠𝕝𝕠𝕘𝕪 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕕𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕣 𝕁𝕖𝕖𝕥𝕟𝕒 𝕁𝕒𝕟𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕌𝕤𝕤 ℍ𝕚𝕤𝕒𝕓 𝕊𝕖
𝕤𝕦𝕟 : 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕊𝕙𝕒𝕜𝕥𝕚 𝕂𝕒 ℙ𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟.
𝕊𝕒𝕥𝕦𝕣𝕟 : 𝔸𝕟𝕦𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕒𝕟 𝔸𝕦𝕣 𝕂𝕒𝕣𝕞 𝕂𝕒 𝕡𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕁𝕦𝕡𝕚𝕥𝕖𝕣: 𝕘𝕪𝕒𝕒𝕟 𝕂𝕖 ℙ𝕣𝕒𝕥𝕚𝕜 𝕆𝕓𝕧𝕚𝕠𝕦𝕤𝕝𝕪 𝕓𝕣𝕒𝕙𝕤###𝕡𝕒𝕥𝕚 𝕁𝕖𝕖 𝔾𝕪𝕒𝕟𝕚 ℍ𝕒𝕚𝕟

𝔹𝕒𝕜𝕚 𝕂𝕖 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℙ𝕒𝕥𝕒 𝔹𝕦𝕥 𝕀𝕥𝕟𝕒 𝕄𝕒𝕝𝕦𝕞 ℍ𝕒𝕚𝕟
𝕐𝕒𝕙𝕒 𝕓𝕙𝕒𝕝𝕖 ℍ𝕚 𝔸𝕘𝕒𝕣 𝕎𝕠 𝕄𝕒𝕟𝕦𝕤𝕙𝕪𝕒 ℕ𝕚𝕣𝕒𝕞𝕟 𝕎𝕒𝕝𝕚 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕂𝕒𝕒𝕞 ℕ𝕒𝕙𝕚 𝕒𝕒𝕪𝕖 𝕝𝕖𝕜𝕚𝕟 𝕀𝕤 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 𝕒𝕟𝕕 𝕊𝕦𝕪𝕒𝕤𝕙 𝕒𝕟𝕕 𝕔𝕠𝕞𝕡𝕒𝕟𝕪 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕊𝕒𝕒𝕣 𝕊𝕒𝕞𝕛𝕙 𝕃𝕖𝕘𝕖 𝔸𝕦𝕣 𝕁𝕠 𝔸𝕒𝕜𝕙𝕚𝕣𝕚 𝕂𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕌𝕤𝕟𝕖 𝔸𝕘𝕒𝕣 ℙ𝕒𝕒𝕣 𝕂𝕒𝕣 𝕃𝕚𝕪𝕒 𝕋𝕠 𝔹𝕒𝕙𝕦𝕥 𝕊𝕙𝕒𝕜𝕥𝕚 𝕊𝕙𝕒𝕝𝕚 ℍ𝕠𝕛𝕒𝕪𝕖𝕘𝕖 𝔹𝕙𝕒𝕚

𝕐𝕖 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞 ℕ𝕒𝕙𝕚 𝕐𝕖 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕂𝕒 𝕊𝕒𝕒𝕣 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕐𝕖 𝕃𝕠𝕘 𝕁𝕖𝕖𝕧𝕒𝕟 𝕊𝕒𝕥𝕪𝕒 𝕜𝕠 𝕡𝕖𝕙𝕔𝕙𝕒𝕟𝕖 𝔾𝕖 𝕋𝕚𝕤𝕚𝕝𝕞 𝕄𝕖 𝕀𝕟𝕞𝕖 ,𝕐𝕖 𝔸𝕒𝕡 𝕋𝕚𝕝𝕚𝕤𝕞𝕚 𝕒𝕟𝕓𝕙𝕒𝕧 𝕀𝕟𝕜𝕖 𝔸𝕒𝕘𝕖 𝔹𝕒𝕕𝕖 𝔽𝕚𝕘𝕙𝕥 𝕜𝕖 𝕋𝕒𝕚𝕪𝕒𝕒𝕣 𝕜𝕒𝕣𝕖𝕘𝕒

𝔸𝕒𝕘𝕖 𝕁𝕠 𝕌𝕡𝕕𝕒𝕥𝕖𝕤 𝔹𝕒𝕔𝕙𝕖 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕌𝕟𝕜𝕖 ℝ𝕖𝕧𝕚𝕖𝕨 𝔸𝕒𝕛 ℕ𝕚𝕘𝕙𝕥 𝕄𝕖 𝕐𝕒 𝕄𝕖 𝕂𝕒𝕒𝕝 𝔻𝕖𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕐𝕠𝕦 𝕜𝕟𝕠𝕨 𝕞𝕖 𝕀𝕥𝕟𝕒 𝕊𝕒𝕓 𝕊𝕠𝕔𝕙𝕥𝕒 ℍ𝕦 𝕋𝕠 𝕋𝕚𝕞𝕖 𝕋𝕠 𝕃𝕒𝕘𝕥𝕒 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕀𝕤𝕤 𝕊𝕒𝕓 𝕄𝕖 .

𝕎𝕖𝕝𝕝 𝕒𝕘𝕒𝕣 𝕐𝕖 𝕋𝕙𝕖𝕠𝕣𝕪 𝕊𝕒𝕙𝕚 ℕ𝕚𝕜𝕒𝕝𝕚 𝕋𝕠 𝕐𝕖 𝔸𝕓 𝕋𝕒𝕜 𝕊𝕒𝕓𝕤𝕖 𝔻𝕙𝕒𝕞𝕒𝕜𝕖 𝔻𝕒𝕒𝕣 𝕣𝕖𝕧𝕚𝕖𝕨 ℍ𝕠𝕟𝕒 𝕔𝕙𝕒𝕙𝕚𝕪𝕖 𝕀𝕤𝕤 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪 𝕜𝕒 .

𝕁𝕠𝕠𝕣 𝕊𝕖 𝔹𝕠𝕝𝕠 𝔹𝕒𝕓𝕒 𝔼𝕥𝕖𝕣𝕟𝕚𝕥𝕪 𝕂𝕚 𝕋𝕒𝕜𝕜𝕒𝕣 𝕄𝕖 ℕ𝕒𝕙𝕚 ℍ𝕒𝕚𝕟 𝕂𝕠𝕚

शुभ दीपावली और गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ

Intezaar rahega update ka bhai

अगले भाग की प्रतीक्षा में है भाई !

Update posted friends :declare:
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#157.

“हे भगवान, ये कैश्वर भी ना...हम लोगों की जान लेकर ही मानेगा।” ऐलेक्स ने झुंझलाते हुए कहा- “अब ये एक नयी पहेली आ गई।”

“मुझे लगता है कि यहीं कहीं पानी में कोई दर्पण रखा है, जिस पर इस ताले का कोड लिखा होगा ?” शैफाली ने कहा- “पर मुश्किल यह है कि अब उस दर्पण को इतने बड़े सागर में कहां ढूंढे?”

“यहां हम अपने आस-पास की सारी चीजें देख चुके हैं।” जेनिथ ने शैफाली को समझाते हुए कहा- “हमारे दाहिनी, बांयी और सामने की ओर पत्थर ही हैं, मुझे लगता है कि हमें इस कछुए को पीछे की ओर ले चलना पड़ेगा, शायद उस दिशा में ही कहीं इस ताले का कोड हो?”

“शैफाली, जेनिथ सही कह रही है, तुम्हें इस कछुए को पीछे की ओर लेकर चलना होगा।” सुयश ने शैफाली से कहा।

शैफाली ने एक बार फिर फिशिंग रॉड को घास के गठ्ठर के साथ बाहर निकाला और कछुए को लेकर पीछे की ओर चल दी।

कुछ पीछे चलने के बाद सभी को एक ऊचे से पत्थर के पास कुछ चमकती हुई रोशनी सी दिखाई दी।

सुयश ने शैफाली को उस दिशा में चलने का इशारा किया। शैफाली ने कछुए को उस दिशा में मोड़ लिया।

पास पहुंचने पर सभी खुश हो गये, क्यों कि सामने एक संकरे से रास्ते के बाद, पत्थर पर सुनहरे रंग के 4 अंक चमक रहे थे और वह अंक थे ‘8018’

“मिल गया ऽऽऽऽऽ! हमें ताले का कोड मिल गया।” ऐलेक्स ने खुशी भरे स्वर में चिल्ला कर कहा।

“रुक जाओ।” सुयश ने चिल्ला कर कहा- “पहले इस कोड को ठीक से देखने दो, क्यों कि हमारे पास केवल 3 चांस ही हैं।”

“पर कैप्टेन, कोड तो बिल्कुल साफ दिख रहा है, अब इसमें इतना सोचने वाली क्या बात है?” ऐलेक्स ने उत्साहित शब्दों में कहा।

“साफ तो दिख रहा है, पर ध्यान से देखों इस कोड के अंको को। इस पर लिखे अंक साधारणतया ‘कर्शिव’ (घुमावदार) राइटिंग में होने चाहिये थे, पर यह सारे अंक सीधी लाइनों से बनाये गये हैं और ऐसा हमें सिर्फ
डिजिटल चीजों में ही दिखता है। दूसरी बात मुझे यह भी विश्वास नहीं हो रहा कि यह कोड इतनी आसानी से हमें कैसे मिल गया? सुयश ने शंकित स्वर में कहा।

“कैप्टेन, क्या मैं इस कोड को ताले पर लगा कर देखूं?” जेनिथ ने सुयश से पूछते हुए कहा।

कुछ देर सोचने के बाद सुयश ने हां कर दी।

जेनिथ ने ताले पर 8018 लगा दिया....पर.....पर ताला नहीं
खुला, बल्कि अब उसके ऊपर 2 लिखकर आने लगा, यानि की अब बस 2 चांस और बचे थे।

“आई न्यू इट.....तभी मैं कह रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है।” सुयश ने झुंझलाते हुए कहा- “हमें कविता की पंक्तियों पर फिर से ध्यान देना होगा। उसकी पहली पंक्ति तो पूरी हो चुकी है, मतलब जीव यानि कि कछुआ और अंक यानि की यह अंक हमें मिल चुके हैं, अब बची दूसरी पंक्ति ‘जब देखोगे जल में दर्पण’ ....मतलब हमें जो अंक पत्थर पर चमकते दिखाई दे रहे हैं, वह किसी दर्पण से परावर्तित हो कर आ रहे हैं,
यानि कि असली अक्षर 8018 नहीं बल्कि 8108 होना चाहिये।”

“क्या इस नम्बर को भी कोशिश करके देखें कैप्टेन?” जेनिथ ने सुयश की ओर देखते हुए कहा।

“जरा रुक जाओ जेनिथ।” सुयश ने जेनिथ को रोकते हुए कहा- “शैफाली क्या तुम्हारा कछुआ और आगे नहीं जा सकता, क्यों कि हमारे सामने दिख रहे अंक कहीं से तो परावर्तित होकर आ रहे हैं...तो अगर
हमें असली अंक दिख जाएं, तो सारी मुश्किल ही खत्म हो जायेगी।”

“नहीं कैप्टेन अंकल, आगे का रास्ता बहुत संकरा है और इस कछुए का आकार बड़ा...इसलिये यह कछुआ इससे आगे नहीं जा सकता और अगर हमने इस कछुए को पत्थर पर चढ़ाने की कोशिश की तो हमारा
पिंजरा इसकी पीठ से गिर भी सकता है, और वो स्थिति हमारे लिये और खतरनाक होगी।” शैफाली ने सुयश से कहा।

शैफाली का तर्क सही था, इसलिये सुयश ने कुछ कहा नहीं और वह फिर से सोचने लगा।

“अगर कोई अंक दर्पण में दिखाई देता है, तो वह 2 प्रकार का ही हो सकता है, यानि कि या तो उल्टा या फिर सीधा।” तौफीक ने अपना तर्क देते हुए कहा- “अब एक तरीका तो हम लोग अपना ही चुके है, तो दूसरा तरीका ही सही होगा।....मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा सोचने की जरुरत है कैप्टेन।”

तौफीक की बात सुन सुयश ने फिर अपना सिर हिला दिया।

सुयश के सिर हिलाते ही जेनिथ फिर दरवाजे के लॉक की ओर बढ़ गई।

जेनिथ ने इस बार 8108 लगाया, पर फिर यह कोड गलत था। अब उस ताले के ऊपर 1 लिखकर आने लगा। अब तो सबकी साँसें सूख गईं।

“अब हम फंस गयें हैं कैप्टेन।” क्रिस्टी ने कहा- “क्यों कि हमने कोड को दोनो तरीके से लगाकर देख लिया है....अब तो कोई ऑप्शन नहीं बचा।.....मुझे तो लग रहा है कि पत्थर पर दिख रहा यह कोड किसी और चीज का है? जो कि कैश्वर ने हमें भ्रमित करने के लिये रखा था। असली कोड कहीं और छिपा है?”

“नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता....हमें किसी चीज निर्माण करते समय चीटिंग करना नहीं सिखाया गया था.... हमारे दरवाजे का कोड तो यही है, पर हम कहीं गलती कर रहे हैं?” शैफाली के शब्दों में दृढ़ता नजर आ रही थी।

ऐलेक्स को शैफाली के शब्दों पर पूरा भरोसा था, अब वह ध्यान से पत्थर पर मौजूद उन अंको को फिर से देखने लगा।

ऐलेक्स लगातार 2 मिनट तक उस पत्थर पर लिखी संख्या को देखता रहा और फिर उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।

क्रिस्टी ऐलेक्स के चेहरे की मुस्कान देखकर समझ गई कि ऐलेक्स ने फिर कोई रहस्य जान लिया है।

ऐलेक्स बिना किसी से बोले, पिंजरे के लॉक तक पहुंचा और फिर एक कोड लगाने लगा।

इससे पहले कि कोई ऐलेक्स को रोक पाता, ऐलेक्स ने वह लॉक खोल दिया था।

लॉक को खुलते देख, सभी आश्चर्य से ऐलेक्स को देखने लगे।

क्रिस्टी तो दौड़कर ऐलेक्स के गले ही लग गई और ऐलेक्स का माथा चूमते हुए बोली- “मैं तो पहले ही कहती थी कि मेरे ब्वॉयफ्रेंड का दिमाग सबसे तेज है।”

“ये कब कहा तुमने?” ऐलेक्स ने नकली आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा- “मैंने तो ऐसे शब्द पहले कभी नहीं सुने।”

“अरे ये पप्पियां -झप्पियां बाद में कर लेना।” जेनिथ ने बीच में घुसते हुए कहा- “पहले हमें ये बताओ कि असली कोड था क्या?”

“असली कोड था- 8010” ऐलेक्स ने जेनिथ की ओर देखते हुए कहा- “और वह दर्पण का परावर्तन नहीं था, बल्कि काँच के पारदर्शी टुकड़े के पार आयी परछाई थी।”

“तो इससे अंक कैसे बदल गया?” सुयश ने ऐलेक्स को बीच में ही टोकते हुए कहा।

“आसान शब्दों में बताता हूं कैप्टेन।” ऐलेक्स ने कहा- “असल में हमने सबसे पहले पत्थर पर ‘8018’ लिखा देखा, पर जब वह संख्या सही नहीं निकली, तो हमने ये समझा कि शायद वह संख्या कहीं दर्पण पर लिखी है और उस दर्पण पर पड़ने वाली रोशनी की वजह से, हमें उसका उल्टा प्रतिबिम्ब दिख रहा है, यह सोच हमने ‘8108’ ट्राई किया। पर वह संख्या भी गलत निकली।

“अब इन 2 संख्याओं के अलावा और कोई संख्या संभव नहीं थी। तब मैंने ध्यान से उस अंक को कुछ देर तक देखा, तो मुझे उस संख्या के आखिरी अंक पर एक समुद्री कीड़ा बैठा दिखाई दिया। जो कि मेरे ध्यान से देखने पर, एक बार हिलता नजर आया। तब मुझे पता चला कि असल में सही अंक ‘8010’ है, पर समुद्री कीड़े के बैठ जाने की वजह से, वह हमें ‘8018’ दिखने लगी थी। अब मैंने और ध्यान से उस अंक को देखा, तो मुझे पता चला कि वह संख्या उसी पत्थर के ऊपर रखे एक काँच के टुकड़े पर लिखी थी, जिस पर ऊपर से रोशनी पड़ने की वजह से उसका प्रतिबिम्ब हमें नीचे दिखाई दे रहा था।

“अब मैं आपको साधारण शीशे और दर्पण के परावर्तन का अंतर बताता हूं। अगर किसी दर्पण पर कुछ लिखकर उस पर प्रकाश मारा जाये, तो जहां भी उस दर्पण का परावर्तित प्रकाश गिरेगा, वह उस लिखे हुए अंक को उल्टा दिखायेगा। परंतु अगर हम किसी पारदर्शी शीशे पर कुछ लिखकर उस पर प्रकाश मारें, तो उसके पार जाने वाला प्रकाश उन लिखे हुए अंकों को सीधा ही दिखायेगा।”

“अब मैं समझ गया कि यहां लिखे अंक सीधी लाइनों से क्यों बनाये गये थे? क्यों कि सीधी लाइन से बने ‘0’ को आसानी से ‘8’ में बदला जा सकता था।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “चलो...अच्छी बात है कि कम
से कम दरवाजा तो खुल गया। यह कहकर सुयश पिंजरे का दरवाजा खोलकर बाहर आ गया।

सुयश के पीछे-पीछे बाकी लोग भी बाहर आ गये। सभी के बाहर आते ही कछुआ, फिशिंग रॉड और पिंजरे के साथ कहीं गायब हो गया।

“लगता है कि कछुए का काम पूरा हो गया।” सुयश ने कहा- “अब हमें सबसे पहले इस द्वार को पार करने के लिये जलपरी के हाथ में पकड़ी चाबी चाहिये।” यह कहकर सुयश जलपरी की मूर्ति की ओर बढ़ गया।

जलपरी की वह मूर्ति एक पत्थर पर बैठी थी। जलपरी के हाथ की मुठ्ठी बंद थी और उसके मुठ्ठी के एक किनारे से चाबी थोड़ी सी दिख रही थी।

सुयश ने जलपरी के हाथ से उस चाबी को निकालने का बहुत प्रयत्न किया, पर सब बेकार गया। चाबी जलपरी के हाथ से ना निकली।

“लगता है कि अभी कोई और पेंच भी बाकी है?” शैफाली ने कहा- “मुझे नहीं लगता कि हम ऐसे मूर्ति के हाथ से चाबी निकाल पायेंगे। मुझे लगता है कि या तो इस जलपरी को जिंदा करके, इसके हाथ से चाबी निकालना है? या फिर यहां पर अवश्य ही कोई ऐसा यंत्र छिपा होगा, जिसके द्वारा मूर्ति के हाथ से चाबी निकालना होगा?”

“शैफाली सही कह रही है, हमें थोड़ा आगे घूमकर आना चाहिये, अवश्य ही इसका उपाय कहीं ना कहीं होगा?” जेनिथ ने कहा।

जेनिथ की बात से सभी सहमत थे, इसलिये सभी उठकर आगे की ओर चल दिये।

कुछ आगे जाने पर सभी को पानी में, एक नीले रंग का 15 फुट का, गोल गुब्बारा दिखाई दिया, जिसमें हवा भरी थी और वह इसकी वजह से पानी की लहरों पर इधर-उधर तैर रहा था।

“इस गुब्बारे में कुछ ना कुछ तो है?” सुयश ने कहा- “पर पहले और आगे देख लें, फिर इस गुब्बारे के बारे में सोचेंगे।”

सुयश की बात सुन सभी और आगे बढ़ गये।

कुछ आगे जाने पर सभी को एक बड़ी सी काँच की नकली व्हेल मछली दिखाई दी, जिसके अंदर की हर चीज बाहर से साफ दिखाई दे रही थी।

उस व्हेल का मुंह पूरा गोल था और उसके बड़े-बड़े तलवार जैसे दाँत दूर से ही चमक रहे थे।

वह व्हेल अपना मुंह 1 सेकेण्ड के लिये खोलती और फिर तेजी से बंद कर लेती।

यह क्रम बार-बार चल रहा था। व्हेल जब भी अपना मुंह बंद करती, पानी में एक जोर की आवाज गूंज रही थी।

“यह क्या आफत है?” तौफीक ने व्हेल को देखते हुए कहा- “अब ये ना हो कि इस व्हेल के पेट में कोई चीज हो और हमें उसे लेने जाना पड़े?”

“आपका सोचना बिल्कुल सही है तौफीक भाई।” ऐलेक्स ने मुस्कुराते हुए कहा- “मुझे इस व्हेल के पेट में एक काँच की बोतल रखी दिखाई दे रही है, जिसमें कोई द्रव भरा है और उस बोतल पर एक जलपरी
की तस्वीर भी बनी है।”

“फिर तो पक्का उसी द्रव को पिलाने से वह जलपरी जीवित होगी।” शैफाली ने कहा- “पर उस बोतल को लाना तो बहुत ही मुश्किल है, यह व्हेल तो मात्र 1 सेकेण्ड के लिये अपना मुंह खोल रही है और इतने कम समय में हममें से कोई भी तैर कर इस व्हेल के मुंह में नहीं जा सकता।”

“पर डॉल्फिन तो जा सकती है।” ऐलेक्स ने शैफाली से पूछा- “जो कि इस समय उस गुब्बारे के अंदर है।”

“हां डॉल्फिन चाहे तो इतनी स्पीड से अंदर जा सकती है, पर वह बोतल कैसे उठायेगी?” शैफाली ने सोचते हुए कहा।

“चलो पहले गुब्बारे से डॉल्फिन को निकाल तो लें, फिर सोचेंगे कि करना क्या है?” सुयश ने कहा और उस गुब्बारे की ओर चल दिया।

गुब्बारे के पास पहुंचकर सुयश ने तौफीक को गुब्बारा फोड़ने का इशारा किया।

तौफीक ने अपने हाथ में पकड़े चाकू से गुब्बारे को फोड़ दिया।

ऐलेक्स का कहना बिल्कुल सही था, उस गुब्बारे में एक 8 फुट की नीले रंग की सुंदर सी डॉल्फिन थी।

डॉल्फिन बाहर निकलते ही सभी के चारो ओर घूमने लगी, फिर डॉल्फिन ने एक जोर का चक्कर लगाया और सीधे व्हेल के खुले मुंह से अंदर जा घुसी। डॉल्फिन की स्पीड देखकर सभी खुश हो गये।

“डॉल्फिन की स्पीड तो बहुत अच्छी है, पर उससे बोतल मंगाना कैसे है?” क्रिस्टी ने सभी की ओर देखते हुए कहा।

“यह काम मैं करुंगी।” जेनिथ ने अपना हाथ ऊपर उठाते हुए कहा। सभी आश्चर्य से जेनिथ की ओर देखने लगे।

उन्हें अपनी ओर देखते पाकर जेनिथ बोल उठी- “मैं इस डॉल्फिन के शरीर से चिपककर इस व्हेल के मुंह को पार करुंगी। अगर मुझे कहीं चोट लग भी गई तो नक्षत्रा मुझे ठीक कर देगा।”

“वो तो ठीक है जेनिथ दीदी, पर इस डॉल्फिन के शरीर से चिपककर बैठे रहना बहुत मुश्किल है, यह सिर्फ वही इंसान कर सकता है जो कि पहले भी डॉल्फिन की सैकड़ों बार सवारी कर चुका हो।” शैफाली ने जेनिथ की ओर देखते हुए कहा।

“ऐसा कौन है अपने पास?” ऐलेक्स ने चारो ओर देखते हुए कहा।

“क्या ऐलेक्स भैया, आप सिर्फ शैफाली को ही याद करते हैं...कभी-कभी मैग्ना को भी याद कर लिया कीजिये।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

शैफाली की बात सुन अब सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

शैफाली ने अब अपने मुंह गोल करके ना जाने क्या किया कि डॉल्फिन सीधा व्हेल के मुंह से निकलकर उसके पास आ गई।

शैफाली ने धीरे से डॉल्फिन की पीठ थपथपाई और एक झटके से उसकी पीठ पर सवार हो गई।

शैफाली थोड़ी देर तक पानी में इधर-उधर तैरती रही और फिर उसने अपना शरीर डॉल्फिन के शरीर से बिल्कुल चिपका लिया और एक झटके से व्हेल के मुंह में प्रवेश कर गई।

शैफाली की गति इतनी तेज थी कि यदि वह व्हेल आधे सेकेण्ड में भी अपना मुंह बंद करती, तब भी शैफाली सुरक्षित उसके मुंह में चली जाती।

कुछ ही देर में शैफाली उस द्रव्य की बोतल लेकर बाहर आ गई।

सभी अब वह बोतल ले जलपरी की ओर चल दिये। जलपरी के पास पहुंच कर शैफाली ने उस द्रव्य की बोतल को खोलकर उसे जलपरी के मुंह से लगा दिया।

आश्चर्यजनक तरीके से बोतल का पूरा द्रव्य उस जलपरी ने खाली कर दिया।

पूरा द्रव्य पीने के बाद वह जलपरी अब जीवित हो गई।

उसने एक बार अपने सामने मौजूद सभी को देखा और अपनी मुठ्ठी में बंद चाबी को शैफाली के हवाले कर दिया।

चाबी देने के बाद वह जलपरी उछलकर डॉल्फिन पर बैठी और वहां से गायब हो गई।

“भगवान का शुक्र है कि इस जलपरी ने हम पर हमला नहीं किया।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी को चिकोटी काटते हुए कहा।

“उफ् ... तुमने मुझे चिकोटी काटी, मैं तुम्हारा मुंह नोंच लूंगी।” यह कहकर क्रिस्टी, ऐलेक्स की ओर झपटी, पर ऐलेक्स पहले से ही तैयार था, वह अपनी जान छुड़ा कर वहां से भागा।

इधर क्रिस्टी और ऐलेक्स की मस्ती चल रही थी, उधर शैफाली ने उस चाबी से तिलिस्मा का अगला द्वार खोल दिया।

द्धार खुलते देख ऐलेक्स भागकर सबसे पहले द्वार में घुस गया।

क्रिस्टी मुंह बनाकर सबके साथ उस द्वार मंल प्रवेश कर गई।



जारी रहेगा_______✍️
Lovely update brother!
Shefali ko Magna ki memory wapas jo mili hai uska kaam aa gaya, khair ek behtareen update ka end hua aur umeed karta hoon aage bhi aise eventful updates dekhne ko milenge.
 
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