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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

sunoanuj

Well-Known Member
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# 14.
“कातिल के बारे में तो नहीं बता सकती। पर हां उसकी एक आदत के बारे में जरूर बता सकती हूं।“ शैफाली की बात सुनकर, एक बार फिर सभी का ध्यान शैफाली की तरफ गया। “अंकल, जो पहली गोली चली थी। वह चलाने वाला मेरे 6 मीटर पीछे था। उस हिसाब से गोली चलने के 5 सेकेण्ड के बाद, बारूद की खुशबू, मुझ तक पहुंचनी चाहिए थी। पर बारुद की खुशबू मात्र 3 सेकेण्ड में मुझ तक पहुंच गई थी।“

“क्या मतलब हुआ इसका ?“ सुयश ने व्यग्र स्वर में पूछा।

“इसका साफ मतलब निकलता है, कि गोली चलाने वाली की आदत, गोली चलाने के बाद, रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारने की है। और ऐसा वही आदमी करता है, जो बहुत अच्छा निशानेबाज होता है और रिवाल्वर हमेशा अपने साथ रखता है।“ शैफाली एक के बाद एक धमाका कर रही थी।

“वेरी गुड!“ सुयश ने शैफाली के तर्कों की तारीफ करते हुए कहा- “क्या दिमाग पाया है!“ सुयश कुछ रुक कर फिर बोला –

“बेटे आप कुछ ऐसा, मर्डर के बारे में बता सकती हो। जिससे हमें कातिल को पकड़ने में कुछ हेल्प मिल सके।“

“यस अंकल! मैं एक बात मर्डर के बारे में और बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने धीरे से सांस लेते हुए कहा।

अब सभी का ध्यान सिर्फ और सिर्फ शैफाली की बातों को सुनने में लगा था। पर उन्हें यह एहसास नहीं था, कि कोई दरवाजे के बाहर खड़ा, इन सारी बातों को सुन रहा था।

“अंकल, मेरे पास गोली चलने के बाद, एक अजीब सी खुशबू और आई। जैसे कपड़े पर जब बहुत गर्म प्रेस कर दिया जाता है तो कपड़े से एक अजीब सी, सोंधी सी खुशबू आती है। वह खुशबू ठीक वैसी ही थी। कहने का मतलब यह है कि जिसने भी मेरे पीछे से पहले गोली चलाई थी, उसने रिवाल्वर की नाल पर जरूर कोई कपड़ा रखा था, जो कि निश्चित रूप से को ई रुमाल रहा होगा। जब गोली चली, तो रिवाल्वर की नाल गर्म हो गई होगी, जिससे रुमाल भी हल्का सा जल गया होगा। वह खुशबू जरुर उसी की रही होगी। और उसके साथ में रुमाल से किसी संदल की स्मेल वाले सेंट की, बहुत ही खूबसूरत खुशबू आई।“ यह कहकर शैफाली 1 मिनट के लिए रुकी और फिर बोलना शुरु किया-

“आपने हॉल में खड़े सभी लोगों के रुमाल जमा करवा लिए थे। आप उन सभी रुमालों को ध्यान से देखिए। क्या किसी पर जले का निशान है? और उन सभी रूमालों में से किसमें से संदल स्मेल वाले सेंट की खुशबू आ रही है? इससे आपको कातिल को ढूंढने में आसानी होगी।“

“एक्सीलेंट!“ सुयश ने माइकल की ओर देखते हुए कहा- “आपकी बच्ची बहुत समझदार है। मैंने अपनी पूरी जिंदगी में इतना तेज दिमाग वाला इंसान आज तक नहीं देखा।“

“और हाँ अंकल।“ शैफाली ने पुनः बोलना शुरु किया- “जो व्यक्ति, मेरे 8.5 मीटर बांए था, उसी ने गोली चलाने के बाद, अपनी रिवाल्वर जमीन पर फेंकी थी।“

“यानि की लॉरेन का मर्डर तुम्हारे 6 मीटर पीछे वाले व्यक्ति ने किया है।“ सुयश ने शैफाली की नीली-नीली आँखों में झांकते हुए कहा।

“जी हाँ अंकल! मैं भी यही कहना चाह रही हूं।“ शैफाली ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा- “और मैं बस इतना ही जानती हूं।“

“थैंक्स बेटा !“ सुयश ने शैफाली को आभार प्रकट करते हुए कहा-

“मैं तुम्हारा ये हेल्प हमेशा याद रखूंगा।“ यह कहकर सुयश ने माइकल और मारथा को भी थैंक्स बोला और फिर वहां से जाने के लिए मुड़ा। तभी शैफाली ने उसे फिर से टोक दिया।

“कैप्टेन अंकल! वैसे आपको अगर ब्रूनो की जरूरत पड़े तो आप जरूर बताइएगा। क्यों कि यह भी आपकी काफी मदद कर सकता है।“

“ठीक है बेटे! अगर हमें ब्रूनो की जरूरत पड़ी, तो हम अवश्य बताएंगे।“ यह कहकर सुयश सभी के साथ दरवाजे की ओर बढ़ा। उधर दरवाजे के बाहर खड़ी आकृति, सभी को बाहर आता देख, धीरे से सरक कर गैलरी में गायब हो गई। सुयश के दरवाजे के बाहर निकलते ही, एक सिक्योरिटी का आदमी भागा भागा वहां पहुंचा और बोला-

“माफी चाहता हूं कैप्टन, पर आपको इसी समय तुरंत कंट्रोल रूम में चलना होगा। वहां शायद कुछ गड़बड़ है?“

सुयश यह सुनते ही, सभी के साथ तेज कदमों से कंट्रोल रूम की ओर चल दिया। लेकिन उसका दिल पुनः किसी अंजानी आशंका से तेजी से धड़क रहा था।

चैपटर-5
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 03:00; कंट्रोल रूम के बाहर, सिक्योरिटी के आदमियों और शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की भीड़ लगी थी। कुछ लोग कंट्रोल रुम का दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहे थे।

“क्या हुआ?“ सुयश ने वहां पहुंचकर तेज आवाज में, वहां खड़े लोगों से पूछा।

“पता नहीं कैप्टेन!“ उस भीड़ में से एक व्यक्ति ने आगे निकलकर, सुयश को जवाब दिया - “जब हम लोग शिफ्ट चेंज करने के लिए यहां पहुंचे, तो दरवाजा अंदर से बंद था। ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ था। हम लोग लगभग 20 मिनट से दरवाजे पर नॉक कर रहे हैं, पर ना तो कोई अंदर से जवाब दे रहा है और ना ही दरवाजा खोल रहा है।“

“तुरंत कंट्रोल रूम का इमरजेंसी डोर खोलो।“ सुयश ने लारा की तरफ मुड़ते हुए, उसे आर्डर दिया।

“यस कैप्टेन!“ लारा तुरंत साइड में लगे इमरजेंसी डोर के कंप्यूटर पर पासवर्ड लगाने लगा।

कुछ ही देर में कंट्रोल रूम का इमरजेंसी डोर खुल चुका था। डोर खुलते ही सुयश ने तेजी से कंट्रोल रूम में प्रवेश किया। उसके साथ लारा भी था। अंदर का नजारा ही कुछ और था।

रोजर व असलम सहित चालक दल के सभी सदस्य, नशे की हालत में धुत इधर-उधर पड़े थे। शराब की कई बोतलें भी फर्श पर बिखरी हुई थीं। लारा ने अंदर आते ही, तुरंत आगे बढ़कर कंट्रोल रूम का मेन दरवाजा खोल दिया

सुयश ने एक नजर पूरे कंट्रोल रुम पर मारी और फिर आगे बढ़ कर रोजर का कॉलर पकड़कर उसे उठाने की कोशिश करने लगा-

“रोजर-रोजर!......उठो। मैंने तुम लोगों को ड्यूटी टाइम में ड्रिंक करने से मना किया था। फिर भी तुम लोगों ने ड्रिंक किया।“

अभी सुयश रोजर को झकझोर ही रहा था, कि तभी कंट्रोल बोर्ड पर लगी, एक लाल बत्ती तेजी सेणस्पार्क करने लगी। जो इस बात का संकेत थी कि ट्रांसमीटर पर कोई मैसेज है। सुयश तुरंत रोजर को छोड़, उस ट्रांसमीटर सेट की ओर भागा और तुरंत वहां रखे हेडफोन को अपने कानों पर चढ़ा कर एक बटन ऑन कर दिया।

“हैलो ! ब्लू क्रॉस कालिंग ‘सुप्रीम’।“ उधर से महीन आवाज सुनाई दी- “कोई हमारी बात सुन रहा है।“

“हैलो ! सुप्रीम कॉलिंग ब्लू क्रॉस।“ मैं सुप्रीम से कैप्टन सुयश बोलरहा हूं।“ सुयश ने कहा।

“कैप्टन! मैं फ्लोरिडा आईलैंड से ‘स्टीफेन‘ बोल रहा हूं।“ दूसरी तरफ से फिर से आवाज आयी-

“थैंक गॉड कि आपने मेरा कॉल रिसीव किया। इससे पहले भी मैंने 4 बार आप लोगों से सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश की। पर किसी ने भी हमारा कॉल रिसीव नहीं किया । वहां सब कुछ ठीक तो है ना ? ओवर।“

सुयश ने यह सुनकर एक नजर वहां बेहोश पड़े लोगों पर मारी फिर बोला –


“यस स्टीफेन! एक छोटी सी प्राब्लम थी, पर अब सब ठीक है। आप बताइये आप ने क्यों कॉल किया ? ओवर“

“कैप्टेन! आपका शिप बारामूडा त्रिकोण के डेंजर जोन की ओर, गलत रास्ते पर जा रहा है।“ आवाज पुनः आयी।

“बारामूडा त्रिकोण!“ सुयश के शरीर में बारामूडा त्रिकोण का नाम सुन कर एक झुरझुरी सी हुई। उधर लारा, अब रोजर व असलम सहित बाकी सभी लोगों को होश में ला चुका था। जो अब सिर झुकाये खड़े थे। सुयश ने भी रोजर को खड़ा होते देख, हेडफोन को हटाकर, फोन कॉल को अब स्पीकर मोड पर डाल दिया, जिससे अब सभी लोग इस वार्तालाप को ध्यान से सुनने लगे। अब स्टीफेन की आवाज बिल्कुल साफ कमरे में गूंज रही थी-

“यस कैप्टेन! बारामूडा त्रिकोण, जो कि पृथ्वी का सबसे डेंजर जोन कहलाता है। आपको मालूम भी है, कि आपका शिप, अपने वास्तविक रूट से 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब आप की वास्तविक स्थिति 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य है। इसके आगे आज तक जो भी शिप गया है, वह बारामूडा त्रिकोण के भयानक जोन में फंसकर गायब हो गया है और उसके वापस आने की संभावना लगभग ना के बराबर रही है। आप समझ रहे हैं ना मैं क्या कह रहा हूं? ओवर।“

“जी हां ! मैं आपकी बातों का मतलब समझ रहा हूं। ओवर।“ सुयश ने तेजी से रोजर के हाथ से कॉपी-पेन लेते हुए शिप की वास्तविक स्थिति को तुरंत कॉपी पर नोट किया।

“कैप्टेन, तुरंत शिप को मोड़िये। जल्दी करिये कहीं ऐसा ना हो कि आप का शिप भी......... खट्......खट्.........खटाक।“

फ्लोरिडा का संदेशवाहक अभी अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था, कि उसका संपर्क ‘सुप्रीम’ से टूट गया

“हैलो -हैलो ! .................।“ सुयश पुनः संपर्क स्थापित करने के लिए, तेजी से बटनों से जूझने लगा । लेकिन अभी इससे पहले कि यह लोग कुछ समझ पाते। पूरा शिप एक अजीब सी नीली रोशनी से भर गया और एक बहुत तेज विचित्र सी ध्वनि सुनाई दी।

“जन्न.....न्..........न्ऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।“ ऐसा लगा जैसे शिप के ऊपर से कोई चीज बहुत तेजी से, नीली किरणें बिखेरती हुई निकली है। उस चीज की आवाज, सुपर सोनिक जहाज की तरीके से तेज, परंतु महीन थी। उसकी स्पीड इतनी ज्यादा थी, कि उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल था कि वह चीज क्या थी ?

“धड़ाम ........धड़ाम .......फटाक ....किर्र ..... किर्र ....खटाक।“

तभी सुप्रीम में लगे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र ‘धड़ाम-धड़ाम‘ की आवाज करते हुए ब्लास्ट हो गए। यहां तक कि पूरे शिप की लाइट भी चली गई। सभी लोग हक्के-बक्के से खड़े रह गए।

तभी ‘खटाक‘ की आवाज के साथ कंट्रोल रुम की इमरजेंसी लाइट ऑन हो गयी। किसी की भी ये समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है? यहां तक कि इनका दिशा सूचक यंत्र भी खराब हो गया । सभी लोग डरकर इधर-उधर देख रहे थे। एका एक सुयश को जैसे होश आया। उसने तुरंत आर्डर जारी किया ।

“तुरंत शिप को रोक दिया जाए। ये इस समय जहां पर है, इससे आगे नहीं बढ़ना चाहिए।“ सुयश की आवाज में बेचैनी और घबराहट साफ नजर आ रही थी। इस बार सुयश, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर ब्रेव फोर्ड की ओर मुड़ा और उनसे बोला-

“मिस्टर ब्रेव फोर्ड, कंट्रोल रुम की इमरजेंसी लाइट तो अपने आप ऑन हो गयी है, पर पूरे शिप पर, अभी भी अंधेरा है। आप तुरंत पूरे शिप की इमरजेंसी लाइट को ऑन करवा दीजिए।“

“और आप मिस्टर जेम्स हुक!“ सुयश का इशारा इस बार फॉल्ट फाइंडिंग इंजीनियर जेम्स हुक की ओर था- “आप तुरंत अपनी पूरी टीम के साथ जुट जाइये, और ये देखिये कि शिप को कितना नुकसान हुआ है और इसे सही करने की कोशिश कीजिए।“

उधर खतरे को भांप, रोजर ने शिप को रुकवा दिया था। उनका नशा अब पूरी तरह से हिरण हो चुका था। ब्रेव फोर्ड भी आर्डर मिलते ही बाहर निकल गया। जेम्स हुक अपनी पूरी इंजीनियर्स की टीम के साथ, शिप के सारे कंट्रोल्स को चेक करने में लग गया। तभी पूरे शिप की इमरजेंसी लाइट ऑन हो गई। सुयश तुरंत दौड़कर, माइक के पास पहुंच गया।

“दोस्तों ! मैं शिप का कैप्टन, सुयश बोल रहा हूं।“ सुयश ने माइक संभालते हुए, पूरे शिप पर अनाउन्स करना शुरू कर दिया-

“कुछ तकनीकी खराबी आ जाने के कारण, कुछ देर के लिए, हमारी इलेक्ट्रिक लाइन में बाधा आ गई थी। मैं आप सब से इस चीज के लिए माफी मांगता हूं। अब स्थिति सामान्य है अतः कृपया आप लोग अपने-अपने स्थान पर जा कर आराम करें। इनकन्वीनियंस इज रिग्रेटेड।“

सुयश अनाउन्समेंट के बाद अब धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहा था। अब उसने शिप की स्थिति पर ध्यान देना शुरू कर दिया। सफाई कर्मचारी तेजी से कंट्रोल रूम में बिखरे कांच को साफ करने में जुटे थे। सुयश इस बार कुछ कहने के लिए लारा की ओर घूमा। पर इससे पहले कि वह उससे कुछ कह पाता, कंट्रोल रूम में भागते हुए, अलबर्ट डिसूजा दाखिल हुए।

“कैप्टेन-कैप्टेन!“ आपने देखा अभी शिप के ऊपर से कोई यान-नुमा चीज, नीली रोशनी बिखेरती हुई, बहुत तेजी से निकली है। क्या वह कोई उड़न तश्तरी थी ?“अलबर्ट ने घबराए अंदाज में सुयश को देखते हुए कहा।

अलबर्ट की बातें सुनकर, सुयश की आंखें सोचने वाली मुद्रा में सिकुड़ गईं। सुयश ने पहले अलबर्ट के पसीने से लथपथ चेहरे को देखा और फिर बोला-

“मिस्टर अलबर्ट, जो भी चीज अभी शिप के ऊपर से निकली है, हम उसके बारे में बाद में बात करेंगे । पर पहले आप यह बताइए कि आपने उस चीज को देखा कहां से?“

“वो....वो...मैं डेक पर खड़ा था। तभी मैंने देखा, कि नीली रोशनी बिखेरता एक तश्तरी नुमा यान, बहुत तेजी से शिप की ओर आया। उसकी स्पीड इतनी तेज थी, कि वह लगभग 1 सेकेण्ड में, शिप के ऊपर से होता हुआ, तेजी से मेरी नजरों से ओझल हो गया। मुझे एक पल के लिए ऐसा लगा, जैसे मेरे सिर के ऊपर से कई सुपर सोनिक यान निकल गए हों। उसके शिप के ऊपर से निकलते ही पूरे शिप की लाइट भी ऑफ हो गई। मैं एकदम से बहुत डर गया। अभी तक मेरे पूरे शरीर के रोंये रोमांच की वजह से खड़े हैं।“

“वो सब तो ठीक है।“ सुयश के माथे पर उभरी सिकुड़न, इस बात का सबूत थी, कि वह कोई चीज, बहुत तेजी से सोच रहा है-

“पर पहले आप यह बताइए, कि आज न्यू ईयर की रात है। रात के लगभग 3:30 बज रहे हैं। शिप पर एक मर्डर भी हो चुका है और आपकी तो आज मैरिज एनिवर्सरी भी है। ऐसी स्थिति में तो आपको इस समय अपने रूम में होना चाहिए था, पर आप इस समय डेक पर क्या कर रहे थे?“

“वो....वो....मैं....सिगरेट पीने के लिए डेक पर गया था।“ अचानक इस तरह का प्रश्न पूछ लेने पर, अलबर्ट थोड़ा हड़बड़ा से गए। पर सुयश को यह महसूस हुआ कि अलबर्ट झूठ बोल रहे हैं। पर क्यों ?.....पता नहीं।






जारी रहेगा.………✍️
बहुत ही ज़बरदस्त सस्पेंस बना हुआ है! और रही सही कसर UFO ने कर दी सारे इलेक्ट्रिक सिस्टम को ख़त्म करके !

बहुत ही अच्छा लिख रहे हो आप!!

ऐसे ही लिखते रहो और और हमारे दिमाग़ की चूलें हिला दो ! 👏🏻👏🏻👏🏻
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहुत ही ज़बरदस्त सस्पेंस बना हुआ है! और रही सही कसर UFO ने कर दी सारे इलेक्ट्रिक सिस्टम को ख़त्म करके !

बहुत ही अच्छा लिख रहे हो आप!!

ऐसे ही लिखते रहो और और हमारे दिमाग़ की चूलें हिला दो ! 👏🏻👏🏻👏🏻
Bilkul bhai, agar aap sab ka sath bana raha to hum xf jeet lenge😀
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Ye shefaali to master peace nikli sir, jaisa socha tha us se bhi badhkar dimaak paya hai isne , just too good Update :claps: :claps: :claps: :claps:
Thank you very much for your valuable review and support :hug:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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To wo locket hi tha jiski wajah se uski jaan gai, warna kaatil ko kaise pata lagta ki waha kon khada hai?? Awesome update Sir :claps: :claps: :claps: you are a amazing writer 👌🏻👌🏻👌🏻
Thanks brother for your valuable review ❣️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Awesome update Sir, chha gaye kya baat hai, kya lukhte ho :claps: :claps: :claps:
Thank you very much for your valuable review ❣️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Super episode sir, mind blowing :claps: :claps: :claps:
Thanks brother ❣️
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Raj_sharma

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Jony ja to 2 peg mehi kaam tamaam ho jata hai bhai, baat tak to nahi ki ja rahi uase,:khallas:wo bas hawa ka bulbula lag raha hai, super episode again👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻✨✨✨✨
Wo kewal jack ko pahal bana raha hai dear, balki wo bohot pahuchi hui cheej hai, Thank you very much for your wonderful review and support bhai ❣️❣️
 
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# 15.

“आप फिलहाल अपने रूम में पहुंचिए मिस्टर अलबर्ट। क्यों कि अभी कुछ देर के लिए शिप की लाइट भी ऑफ हो गई थी। ऐसी स्थिति में शायद मिसेज अलबर्ट भी परेशान हों। मैं आपसे इस टॉपिक के बारे में बाद में बात करूंगा।“

यह कहकर सुयश, जेम्स हुक की तरफ बढ़ गया जो अब लगभग सभी कंट्रोल्स को चेक कर चुका था।

“कैप्टेन! शिप को चलाने वाले सभी मैकेनिकल यंत्र व व्हील तो सही काम कर रहे हैं।“ जेम्स हुक ने सुयश को अपनी तरफ आते देख बताना शुरु किया-

“पर शिप के सारे इलेक्ट्रानिक यंत्र, गेज, मीटर्स व ट्रांसमीटर सेट, पूरी तरह खराब हो चुके हैं। अब आप यह समझ लीजिए कि बाहरी दुनिया से फिलहाल हमारा संपर्क पूर्ण रुप से टूट चुका है। यहां तक कि हमारा दिशा सूचक यंत्र भी काम नहीं कर रहा है। इस समय तो हमें यह भी नहीं पता, कि हम किस दिशा में खड़े हैं।“

उधर रोजर व असलम को भी अब स्थिति की भयानकता का अंदाजा हो गया था। वह दोनों अभी तक, सिर झुकाए, चुपचाप खड़े हो कर बातें सुन रहे थे। सुयश ने ध्यान से जेम्स हुक की सारी बातें सुनी और फिर धीरे से एक हुंकारी भरते हुए, एक नजर रोजर व असलम पर मारी।

“सबसे पहले मैं आप लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत करा देना चाहता हूं।“ सुयश ने गंभीर स्वर में कहा-

“रोजर व असलम, तुम लोगों की एक छोटी सी गलती से, आज जहाज के सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में है। तुम्हें स्वयं नहीं मालूम कि तुम लो गोंने क्या किया है?“

“हम अपने किए की माफी मांगते हैं कैप्टन।“ सुयश की बातें सुनकर, रोजर ने धीरे से सिर उठाते हुए कहा-

“हम महसूस कर रहे हैं, कि हमसे वास्तव में बहुत बड़ी गलती हो गयी है, पर हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं, कि भविष्य में फिर कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे।“

असलम ने भी सिर उठाते हुए रोजर की हां में हां मिलायी। सुयश समझ गया कि उनको अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्यों कि वह खुद ही समझ चुके हैं कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है।

“फिलहाल मैं तुम लोगों से इस बारे में बाद में बात करूंगा।“ सुयश ने कहा- “पहले हमारा काम शिप को, अपने वास्तविक रुट पर वापस लाना है, क्यों कि बारामूडा त्रिकोण का यह क्षेत्र, विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में गिना जाता है। और इस क्षेत्र के रिकार्ड ये कहते हैं कि आज तक जो भी जहाज इस क्षेत्र में आया है, वह वापस नहीं जा सका। इसका एक छोटा सा उदाहरण अभी आपने देखा भी है कि हमारे शिप के ऊपर से कोई उड़नतश्तरी नुमा, अजीब सा यान बहुत तेजी से निकला है। वह क्या था ? अभी इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है? पता है तो बस इतना, कि उस चीज के शिप के ऊपर से निकलते ही, हमारे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो गए।“

“विश्व के अनसुलझे रहस्यों की यदि कोई लिस्ट बनाई जाए तो यह स्थान सबसे ऊपर रहेगा । सैकड़ों बाम्बर यान से लेकर ना जाने कितने शिप, इस रहस्यमयी क्षेत्र का शिकार बन चुके हैं। जितना मैंने इस क्षेत्र के बारे में सुना है, उसके हिसाब से इस पूरे क्षेत्र में, तीव्रतम विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हुई हैं, जो हर इस क्षेत्र में आने जाने वाले, शिप और यानों का संपर्क, दुनिया से काटकर, उनके पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ध्वस्त कर देती हैं। यान के यात्रियों का अपने यान पर से, इसी कारण से कंट्रोल खत्म हो जाता है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिए दोस्तों इस मुसीबत की घड़ी में, हमें दूसरी अन्य समस्याओं से ध्यान हटाकर, सबसे पहले अपने शिप को इस रहस्यमई व खतरनाक क्षेत्र से निकालकर, अपने वास्तविक रूट पर लाना होगा।“

सुयश की बातें सुनकर हर आदमी तुरंत एक्शन में आ गया। उनके लिए यह विचार ही खतरनाक था, कि वह इस समय विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्र में हैं।

“कैप्टन यह कार्य पहले जितना आसान था, अब उतना ही मुश्किल है।“ रोजर ने अपनी प्रॉब्लम बताते हुए कहा-

“क्यों कि ना तो अब हमारे पास दिशा सूचक यंत्र है और ना ही ट्रांसमीटर सेट और बिना इन दोनों के, अब हम शिप को अपने वास्तविक रुट पर नहीं ला सकते।"

"इसलिए हमें सबसे पहले यह दिमाग लगाना होगा कि हमारा शिप है किस स्थिति में? क्यों कि इस समय बिना शिप की वास्तविक स्थिति जाने हुए, हम शिप को मोड़ेंगे कैसे?“

“और कैप्टेन हमारा दिशा सूचक यंत्र खराब हो जाने के कारण, हमें अपनी वास्तविक दिशा का भी ज्ञान नहीं हो पा रहा है।“ असलम ने अपने माथे पर छलक आए, हल्की पसीने की बूंदों को रुमाल से साफ करते हुए कहा-

“अगर दिन का समय होता तो सूर्य को देखकर, कुछ आइडिया लगाया भी जा सकता था। परंतु अंधेरी रात होने की वजह से तो आज चंद्रमा भी नहीं निकला है। फिर हम अपने जहाज की दिशा कैसे पता कर पायेंगे?“

“आप दिशा ज्ञान के लिए ज्यादा परेशान मत हो इए।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि अंधेरी रात में भी सितारों के द्वारा हमें दिशा ज्ञान हो सकता है। आकाश में जो 7 सितारों का समूह होता है। उसका आखिरी सितारा हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करता है और इस तारा मंडल की स्थिति पूरे वर्ष भर, एक ही रहती है। यानि कि इसमें कोई बदलाव नहीं होता। इसलिए आप दिशा ज्ञान को लेकर भ्रमित ना हों। अब रही शिप की इस समय की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने की, तो आप लोगों को इसके लिए परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। मेरी अभी फ्लोरिडा के ऑफिसर से, कुछ देर पहले बात हुई थी, जिसमें उसने जहाज की वास्तविक स्थिति मुझे बताई थी।............ लारा ! जरा टेबल पर रखा, कॉपी और पेन तो उठाना।“

लारा ने तुरंत ट्रांसमीटर सेट के बगल में रखा, कॉपी और पेन उठा कर सुयश को दे दिया। सुयश ने पहले एक नजर कॉपी पर लिखे उस को आर्डीनेट्स पर मारी जो उसने स्टीफेन से सुनकर कॉपी पर लिखा था और फिर उस पर एक रेखा चित्र बनाने में व्यस्त हो गया। सभी की निगाहें अब उस कॉपी के पन्ने पर थीं, जिसमे सुयश बहुत तेजी से एक डायग्राम बना रहा था। थोड़ी देर की मेहनत के बाद सुयश ने डायग्राम पूरा कर लिया। उस डायग्राम में सुप्रीम की वास्तविक स्थिति बनी थी। जिसके बीच-बीच में, वह दूरियां और दिशा लिखी थीं, जो स्टीफेन ने कुछ देर पहले सुयश को बतायी थीं।
इतना करके सुयश कुछ देर रुका और फिर कुछ सोचकर उसने दोबारा कलम चलानी शुरु कर दी। इस बार वह कुछ कैलकुलेशन कर रहा था। थोड़ी ही देर में सुयश ने अपना काम पूरा कर लिया। काम पूरा करने के बाद, सुयश ने वह पन्ना, बीच टेबल पर इस तरह रख दिया कि वह अब सभी को दिखायी दे रहा था। रोजर सहित अब सभी की निगाह सिर्फ और सिर्फ उस पन्ने पर थी। उस पन्ने पर सुयश ने ज्यामिती का प्रयोग करके, शिप का एक डायग्राम बनाया था और त्रिकोणमिती के फार्मूले लगा कर कुछ कैलकुलेशन भी की थी। सभी की नजरें, डायग्राम की तरफ देख, सुयश ने कहना शुरु किया-

“इस डायग्राम में मैंने ‘सुप्रीम’ की वास्तविक स्थिति दिखायी है। फ्लोरिडा के द्वारा बताए गए मैसेज के अनुसार, इस समय हमारा शिप 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब हमारा शिप, अपनी वास्तविक स्थिति से 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य इस जगह पर है।“ सुयश ने पेन से पेज पर एक जगह निशान लगाते हुए कहा-

“तो फिर मेरी कैलकुलेशन के हिसाब से, अगर हम ‘सुप्रीम’ को 120 डिग्री, दाहिने मोड़ते हैं और फिर 40 नॉटिकल माइल चलकर, 90 डिग्री बायें मोड़ते हैं तो हम अपने असली रास्ते पर आ जाएंगे। और फिर वह स्थिति हमारी पिछली स्थिति से 69 नॉटिकल माइल आगे होगी।“

सभी अब तारीफ वाली नजरों से सुयश को देख रहे थे। इतना स्ट्रांग कैलकुलेशन देखकर सभी समझ गये थे कि क्यूं इतनी छोटी उम्र में सुयश को इस शिप का कैप्टेन बनाया गया था। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली और कह उठा-

“अगर आप लोगों को इस प्लान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो रही हो, तो आप साफ-साफ शब्दों में मुझे बता सकते हैं। या फिर आपके पास कोई इससे भी अच्छा प्लान हो, तो आपका स्वागत है।“

सुयश की बात सुन रोजर ने वहां खड़े हर इन्सान पर एक नजर मारी और फिर सबको संतुष्ट देख, बोल उठा-
“आप का प्लान बिल्कुल पर्फेक्ट है कैप्टन। हमें इसमें कोई बदलाव नहीं करना है।“

“ओ.के. तो फिर आप लोग अब शिप को, फिलहाल प्लान के मुताबिक मोड़िये। और जब शिप अपने वास्तविक रुट पर आ जाये तो मुझे बता दीजिएगा। उसके आगे क्या करना है? ये मैं आपको बाद में बताता हूं।“

यह कहकर सुयश ने वह कॉपी रोजर को पकड़ा दी। अब सुयश, जेम्स हुक की ओर मुड़कर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, आपने शिप की खराबियां पता की या नहीं ?“

“यस कैप्टेन!“ जेम्स हुक ने सुयश को जवाब दिया- “हमारे शिप के पूरे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र खराब हो चुके हैं। हमें तेजी से वह सारे यंत्र बदलने पड़ेंगे। परंतु पूरी लाइन में खराबी आ जाने के कारण, सारे यंत्र बदलने में बहुत समय लगेगा। जहां तक मेरा अंदाजा है, कि इस क्षेत्र में एका एक तीव्र विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न हो गई थीं। जिसके कारण हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र फेल हो गए थे।“

“फेल हो गए थे से क्या मतलब है आपका ?“ असलम जो कि इतनी देर से सिर्फ बातें सुनकर माहौल का जायजा ले रहा था, बोल उठा-

“यह भी तो हो सकता है, कि इस क्षेत्र में अभी तक विद्युत चुंबकीय तरंगे फैली हों, जो कि हमारे द्वारा बदले गई यंत्रों को पुनः खराब कर दें।“

“आगे इस क्षेत्र में यदि पुनः चुंबकीय तरंगे फैल जाएं, तो वह बात अलग है। लेकिन इस बात का तो दावा है, कि इस समय हम लोग जिस क्षेत्र में हैं। वहां पर तो, विद्युत चुंबकीय तरंगे बिल्कुल नहीं हैं।“ जेम्स हुक ने अपना एक हाथ मुक्का बनाते हुए, अपने दूसरे हाथ के पंजे पर मारा-

“क्यों कि हमारी लाइट्स एक बार ऑफ हो जाने के बाद पुनः ऑन हो चुकी हैं। अगर विद्युत चुम्बकीय तरंगें अभी भी यहां होतीं तो यह सारी लाइटें फिर से खराब हो जातीं। जिससे यह पता चलता है कि यह क्षेत्र विद्युत चुंबकीय तरंगों वाला क्षेत्र नहीं है।“

“इसका सीधा सा मतलब निकलता है।“ सुयश ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा- “कि जो अंतरिक्ष यान, अभी-अभी हमारे सिर के ऊपर से निकला । विद्युत चुम्बकीय तरंगे जरुर उसी से निकल रही होंगी, और उसके जाते ही, पूरा क्षेत्र पुनः सामान्य हो गया।“

“मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है।“ जेम्स हुक ने कहा- “फिलहाल हमारे सारे इंजीनियर्स, तेजी से जहाज की खराबी को दूर करने में लगे हैं और हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द वह इसे दूर कर लेंगे।“

“ठीक है। जैसे ही शिप की सारी प्रॉब्लम सही हो जाए, आप मुझे खबर कर दीजिएगा।“ सुयश ने जेम्स हुक से कहा।

सभी को इंसट्रक्शन देने के बाद सुयश वहां पड़ी एक खाली कुर्सी पर बैठ गया।




जारी रहेगा …….....✍️
Bohot badhiya update diya hai sir ji, suyash to pakka khiladi nikla, lagta hai wo bacha lega sabko, uska dimaak to masah alla👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 
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