• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica सोलवां सावन

komaalrani

Well-Known Member
21,531
54,538
259
सोलहवां सावन - भाभी के गाँव में एक किशोरी ननद , सावन का महीना ,... आगे हर फुहार तन मन सब भिगो देगी।
 

komaalrani

Well-Known Member
21,531
54,538
259
सोलवां सावन

16-saa-7.jpg



पहली फुहार







सैयां जिन मांगो, ननदी, सैयां जिन मांगो, ननदी, सेज का सिंगार रे,
अरे, सैयां के बदले, अरे, सैयां के बदले, भैया दूंगी, चोदी चूत तुम्हार रे,
अरे, दिल खोल के मांगो, अरे बुर खोल के मांगो ननदी
अरे बुर खोल के मांगो ननदी जो मांगो सो दूंगी।



सोहर (पुत्र जन्म के अवसर पर गाये जाने वाले गाने) में, सावन में भाभी के मायके में मुझे ही टारगेट किया जा रहा था, आखिर मैं उनकी एकलौती छोटी ननद जो थी।

Teej-Young-3a882c95c673d63b8a0508575778765a.jpg


भाभी ने मुश्कुराते हुये पूछा-

“क्यों ननद रानी, मेरा कौन सा भाई पसंद है, अजय, सुनील, रवी या दिनेश… किससे चुदवाओगी…”


मेरे कुछ बोलने के पहले ही भाभी की अम्मा बोल पड़ी-


mom.jpg


“अरे किससे क्या… चारों से चुदवायेगी। मेरी ये प्यारी बिन्नो सबका मन रखेगी…”

और यह कहते-कहते, मेरे गोरे, गुलाबी गालों पर चिकोटी काट ली।

मैं शर्म से लाल हो गयी।

हमारी हम उमर भाभी की छोटी कजिन, चन्दा ने मुझे फिर चिढ़ाया-



Guddi-s-frnds-Parul-Gulati-xxx-nude-hot-image.jpg


“मन-मन भाये, मूड़ हिलाये, मौका मिलते ही सटासट गप्प कर लोगी, अभी शर्मा रही हो…”

तब तक चन्दा की भाभी, चमेली भाभी ने दूसरा सोहर शुरू कर दिया, सब औरतें उनका साथ दे रही थीं।





कहां से आयी सोंठ, कहां से आया जीरा,
अरे, कहां से आयी ननदी हो मेरी गुंइयां।
अरे पटना से आयी सोंठ, बनारस से आया जीरा,
अरे आज़मगढ़ से, आयीं ननदी, हो मेरी गुंइयां।

क्या हुई सोंठ, क्या हुआ जीरा,
अरे क्या हुई ननदी, ओ मेरी गुंइयां।
अरे जच्चा ने खाई सोंठ, बच्चा ने, बच्चा ने खाया जीरा,
अरे, मेरे भैय्या ने, अरे, मेरे भैय्या ने चोदी ननदी रात मोरी गुंइयां।


अरे, मेरे देवर ने चोदी ननदी, हो मेरी गुंइयां, (भाभी ने जोड़ा।)
अरे राकी ने चोदी ननदी, हो मेरी गुंइयां, (भाभी की भाभी, चम्पा भाभी ने जोड़ा।)




जब भाभी की शादी हुई थी, तब मैं 10वें में पढ़ती थी, आज से करीब दो साल पहले .चौदह की थी तब , पर बरात में सबसे ज्यादा गालियां मुझे ही दी गयीं, आखिर एकलौती ननद जो थी, और उसी समय चन्दा से मेरी दोस्ती हो गई थी।

भाभी भी बस… गाली गाने और मजाक में तो अकेले वो सब पर भारी पड़ती थीं। पर शुरू से ही वो मेरा टांका किसी से भिड़वाने के चक्कर में पड़ गई।


शादी के बाद चौथी लेकर उनके घर से उनके कजिन, अजय और सुनील आये (वह एकलौती लड़की थीं, कोई सगे भाई बहन नहीं थे, चन्दा उनकी कजिन बहन थी और अजय, सुनील कजिन भाई थे, रवी और दिनेश पड़ोसी थे, पर घर की ही तरह थे।

वैसे भी गांव में, गांव के रिश्ते से सारी लड़कियां बहनें और बहुयें भाभी होती हैं)। उन दोनों के साथ भाभी ने मेरा नंबर…

दोनों वैसे भी बरात से ही मेरे दीवाने हो गये थे, पर अजय तो एकदम पीछे ही पड़ा था। रात में तो हद ही हो गई, जब भाभी ने दूध लेकर मुझे उनके कमरे में भेजा और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। पर कुछ ही दिनों में भाभी अपने देवर और मेरे कजिन रवीन्द्र से मेरा चक्कर चलवाने के…


रवीन्द्र मुझसे 4-5 साल बड़ा था, पढ़ाई में बहुत तेज था, और खूबसूरत भी था, पर बहुत शर्मीला था। पहले तो मजाक, मजाक में… हर गाली में मेरा नाम वह उसी के साथ जोड़तीं,

मेरी ननद रानी बड़ी हरजायी,
अरे गुड्डी छिनार बड़ी हरजायी,
हमरे देवर से नैना लड़ायें,
अरे रवीन्द्र से जुबना दबवायें, अरे जुबना दबवायें,
वो खूब चुदवायें।



पर धीरे-धीरे सीरीयसली वह मुझे उकसाती। अरे कब तक ऐसे बची रहोगी… घर का माल घर में… रवीन्द्र से करवाओगी तो किसी को पता भी नहीं चलेगा।

मुन्ने के होने पर जब मैंने भाभी से अपना नेग मांगा, तो उन्होंने बगल में बैठे रवीन्द्र की जांघों के बीच में मेरा हाथ जबर्दस्ती रखकर बोला- “ले लो, इससे अच्छा नेग नहीं हो सकता…”

“धत्त…” कहकर मैं भाग गई। और रवीन्द्र भी शर्मा के रह गया।
……
मुन्ने के होने पर, बरही में भाभी के मायके से, चन्दा भी आयी थी। हम लोगों ने उसे खूब चुन-चुन कर गाने सुनाये, और जो मैं सुनाने में शरमाती, वह मैंने औरों को चढ़ाकर सुनवाये-

“मुन्ने की मौसी बड़ी चुदवासी, चन्दा रानी बड़ी चुदवासी…”


एक माह बाद जब सावन लगा तो भाभी मुन्ने को लेकर मायके आयीं और साथ में मैं भी आयी।



“अरे राकी ने चोदी ननदी, रात मोरी गुंइयां…”


चम्पा भाभी जोर-जोर से गा रही थीं।


किसी औरत ने भाभी से पूछा-

“अरे राकी से भी… बड़ी ताकत है तुम्हारी ननद में नीलू…”

अरे, वह भी तो इस घर का मर्द है, वही क्यों घाटे में रह जाय…”

चमेली भाभी बोलीं-

“और क्या तभी तो जब ये आयी तो कैसे प्यार से चूम चाट रहा था, बेचारे मेरे देवर तरसकर रह जाते हैं…”

चम्पा भाभी ने छेड़ा।



Geeta-tumblr-p5ucnbn-NRk1wcmpmwo1-540.jpg


“नहीं भाभी, मेरी सहेली बहुत अच्छी है, वह आपके देवरों का भी दिल रखेगी और राकी का भी, क्यों…”

कहकर चन्दा ने मुझे जोर से पकड़ लिया।


सावन की झड़ी थोड़ी हल्की हो चली थी। खूब मस्त हवा बह रही थी। छत से आंगन में जोर से पानी अभी भी टपक रहा था। किसी ने कहा एक बधावा गा दो फिर चला जाये। चम्पा भाभी ने शुरू किया-



आंगन में बतासा लुटाय दूंगी, आंगन में… मुन्ने की बधाई।
अरे जच्चा क्या दोगी, आंगन में… मुन्ने की बधाई।

अरे मैं तो अपनी ननदी लुटाय दूंगी, मुन्ने की बधाई।
अरे मुन्ने की बुआ क्या दोगी, मुन्ने की बधाई

अरे मैं तो दोनों जोबना लुटाय दूंगी, मुन्ने की बधाई
मुन्ने के मामा से चुदवाय लूंगी, मुन्ने की बधाई।





बारिश खतम सी हो गई थी। सब लोग चलने के लिये कहने लगे।

चमेली भाभी ने कहा- “हां, देर भी हो गई है…”


मेरी भाभी ने हँसकर चुटकी ली- “और क्या… चमेली भाभी, वहां भैय्या भी बरसने के लिये तड़पते होंगे…”


चमेली भाभी हँसकर बोली- “और क्या… बाहर बारिश हो, अंदर जांघों के बीच बारिश हो, तभी तो सावन का असली मजा है…”


मैंने चन्दा से रुकने के लिये कहा।

पर वह नखड़ा करने लगी- “नहीं कल आ जाऊँगी।


चम्पा भाभी ने उसे डांट लगायी-

“अरे तेरी भाभी तो सावन में चुदवासी हो रही हैं पर तेरे कौन से यार वहां इंतजार कर रहे हैं…”

आखिर चन्दा इस शर्त पर तैयार हो गई कि कल मैं उसके और उसकी सहेलियों के साथ मेला जाऊँगी।


चन्दा, भाभी के साथ मुन्ने को सम्हालने चली गई और मैं कमरे में आकर अपना सामान अनपैक करने लगी।



मेरे सामने सुबह से अब तक का दृश्य घूम रहा था…


rain-drops.gif
 

komaalrani

Well-Known Member
21,531
54,538
259
teen-30bb7dee4be07d2aa7b13b53db67f940.jpg



सामने सुबह से अब तक का दृश्य घूम रहा था…



सुबह जब मैं भाभी के साथ उनके मायके पहुँची, तभी सायत अच्छी हो गई थी।


सामने अजय मिला और उसने सामान ले लिया।


चम्पा भाभी ने हँसकर पूछा-

“अरे, इस कुली को सामान उठाने की फ़ीस क्या मिलेगी…”


Joru-K-saree-5-1.jpg


भाभी ने हँसकर धक्का देते हुये मुझे आगे कर दिया और अजय की ओर देखते हुए पूछा-

“क्यों पसंद है, फीस…”

अजय जो मेरे उभारों को घूर रहा था, मुश्कुराते हुए बोला-



guddi-cute-19264654.jpg


“एकदम दीदी, इस फीस के बदले तो आप चाहे जो काम करा लीजिये…”


मुन्ना मेरी गोद में था। तभी किसी ने मुझे चिढ़ाया-

“अरे, बिन्नो तेरी ननद की गोद में बच्चा… अभी तो इसकी शादी भी नहीं हुई…”


मैं शर्मा गयी।
पीछे से किसी का हाथ मेरे कंधे को धप से पड़ा और वह बोली-

“अरे भाभी, बच्चा होने के लिये शादी की क्या जरुरत… हां, उसके लिये जो जरूरी है, वो करवाने लायक यह अच्छी तरह हो गई है…”


पीछे मुड़कर मैंने देखा तो मेरी सहेली, हम उमर चन्दा थी।

भाभी अपनी सहेलियों और भाभियों के बीच जाकर बैठ गयीं। अजय मेरे पास आया और मुन्ने को लेने के लिये हाथ बढ़ाया। मुन्ने को लेने के बहाने से उसकी उंगलियां, मेरे गदराते उभारों को न सिर्फ छू गयीं बल्कि उसने उन्हें अच्छी तरह रगड़ दिया। जहां उसकी उंगली ने छुआ था, मुझे लगा कि मुझे बिज़ली का करेंट लगा गया है। मैं गिनिगना गई।


चन्दा ने मेरे गुलाबी गालों पर चिकोटी काटते हुए कहा-

“अरे गुड्डो, जरा सा जोबन पर हाथ लगाने पर ये हाल हो गया, जब वह जोबन पकड़कर रगड़ेगा, मसलेगा तब क्या हाल होगा तेरा…”

मेरी आँख अजय की ओर मुड़ी, अभी भी मेरे जोबन को घूरते हुए वह शरारत के साथ मुश्कुरा रहा था।

मैं भी अपनी मुश्कुराहट रोक नहीं पायी। भाभी ने मुझे अपने पास बुलाकर बैठा लिया।

एक भाभी ने, भाभी से कहा- “बिन्नो… तेरी ननद तो एकदम पटाखा लगा रही है। उसे देखकर तो मेरे सारे देवरों के हिथयार खड़े रहेंगे…”

मुझे लगा कि शायद, मुझे ऐसा ड्रेस पहनकर गांव नहीं आना चाहिये था। टाप मेरी थोड़ी टाइट थी उभार खूब उभरकर दिख रहे थे।

स्कर्ट घुटने से ऊपर तो थी ही पर मुड़कर बैठने से वह और ऊपर हो गयी थी और मेरी गोरी-गोरी गुदाज जाघें भी दिख रही थीं।


hot-sale-all-match-model-soft-dress-nips-jeans-vest-underwear-women-Halter-bralette-bottoming-shirt-women-wild-jpg-640x640.jpg


मेरी भाभी ने हँसकर जवाब दिया- “अरे, मेरी ननद तो जब अपनी गली से बाहर निकलती है तो उसे देखकर उसकी गली के गदहों के भी हिथयार खड़े हो जातें हैं…”

तो चमेली भाभी उनकी बात काटकर बोलीं-

“अच्छा किया जो इसे ले आयीं इस सावन में मेरे देवर, इसके सारे तालाब पोखर भर देंगे…”

तभी राकी आ आया और मेरे पैर चाटने लगा। डरकर, सिमटकर मैं और पीछे दीवाल से सटकर बैठ आयी। राकी बहुत ही तगड़ा किसी विदेशी ब्रीड का था।


चम्पा भाभी ने कहा- “अरे ननद रानी डरो नहीं वह भी मिलने आया है…”

चाटते-चाटते वह मेरी गोरी पिंडलियों तक पहुँच गया। मैं भी उसे सहलाने लगी। तभी उसने अपना मुँह खुली स्कर्ट के अंदर तक डाल दिया, डर के मारे मैं उसे हटा भी नहीं पा रही थी।

मेरी भाभी ने कहा-


bhabhi-24.jpg


“अरे गुड्डी, लगता है इसका भी दिल तेरे ऊपर आ आया है जो इतना चूम चाट रहा है…”


चम्पा भाभी बोलीं-


“अरे बिन्नो, तेरी ननद माल ही इतना मस्त है…”

चमेली भाभी कहां चुप रहतीं, उन्होंने छेड़ा-


sixreen-Dubey-Bhabhi.jpg


“अरे घुसाने के पहले तो यह चूत को अच्छी तरह चूम चाटकर गीली कर देगा तब
पेलेगा । बिना कातिक के तुम्हें देख के ये इतना गर्मा रहा है तो कातिक में तो बिना चोदे छोड़ेगा नहीं।

लेकिन मैं कह रही हूँ कि एक बार ट्राई कर लो, अलग ढंग का स्वाद मिलेगा…”


मैंने देखा कि राकी का शिश्न उत्तेजित होकर थोड़ा-थोड़ा बाहर निकाल रहा था।

बसंती जो नाउन थी, तभी आयी। सबके पैर में महावर और हाथों में मेंहदी लगायी गयी।

मैंने देखा कि अजय के साथ, सुनील भी आ गया था और दोनों मुझे देख-देखकर रस ले रहे थे।

मेरी भी हिम्मत भाभियों का मजाक सुनकर बढ़ गयी थी और मैं भी उन दोनों को देखकर मुश्कुरा दी।
 

komaalrani

Well-Known Member
21,531
54,538
259
Awesome story komal ji,
aapki kahani ki sabse badi khasiyat aapke anoothe geet hote hai,
aaj itne samay ke baad padhne ke baad bhi aapki kahani me vo kasis baaki hai,
gaon ke mahaul ka aapne bahot hi adbhut chitran prastut kiya hai


Thanks so much....yes i enjoy these folk songs and they are part of our Ethos.
 
Top