ak008
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Just posted please do read and share your viewsUpdate please komal ji
Story sahi se aage badh rahi haiमेरी भाभी के किस्से
मैं समझ गयी कहानी ख़त्म लेकिन एक बात और मुझे पूछनी थी तो मैंने पूछ लिया,...
"ओह दिन एकै बार या,,,, "
बंसती देर तक खिलखिलाती रही , फिर जोड़ा अरे समझती क्या हो,... सामूआ छोड़ भी देता लेकिन उसकी भौजी थीं न , ... वो जानती थी एक बार छोड़ने पर लड़की हदस जाती है, फिर दुबारा कभी मरद के पास नहीं जाती तो कुछ देर बाद वहीँ पुआल पर दूसरा राउंड,... "
बसंती ने हाल खुलासा बयान किया,
थोड़े देर तक समुआ उसके ऊपर पुआल पर लेटा के, लेकिन उसकी भौजी थीं न, उन्होंने चढ़ाया अपने देवर को,...
" अरे यह बछिया को सांड़ क शौक है न , तो बस सांड़ बन के, चढ़ जाओ निहुराय दो, पेल दो पूरा एक बार में उसको भी पता चल जाए बछिया पर सांड़ चढ़ जाए तो कैसे बछिया क चूल चूल ढीली होती है , निहुराय दे "
" फिर " मैं बसंती के चेहरे को देखते हुए सोच रही थी कैसा लग रहा होगा भौजी, उमरिया तो उनकी मुझसे भी बारी थी,
" अरे समुआ से पहले उसकी भौजी ने ही तोहरी भाभी को पकड़ के झुकाय के निहुराय के , असल बछिया झूठ,... कस के पकड़ के निहुराये थीं, छूटने को छोड़ दो हिल भी नहीं सकती थी,...
बस समुआ, सच में एकदमै सांड़ है, वैसा लम्बा मोटा, और ताकत भी गजब की ,... "
मैं मौका क्यों छोड़ती बसंती भौजी को चिढ़ाने का , मैंने जोर से चिकोटी काट के पूछा,...
" आप ने घोंटा है क्या या खाली पकड़ वकड़ के अंदाज है,... "
बसंती छोड़ने वाली थी , अंदर हाथ डाल के पूरी ताकत से मेरे उभारों को उन्होंने मसल दिया और निपल खींचते मुझे चिढ़ाया ,...
" पूंछे नाऊ ठाकुर कै बार, कहें बाबू अगवें गिरी। अरे दो तीन दिन में तोहरे जाय के पहले ही आ जाएगा, घोंट के देख लेना, चढ़वाय दूंगी उसको तोहरे ऊपर यही भुसियारे में जहाँ तोहरी भाभी की उ नथ उतारा था। "
गनीमत था की वो भटकी नहीं और मेरी भाभी की नैहर की कहानी आगे बढ़ाई,
" दूसरे बार तो मरद को ज्यादा टाइम लगता है " वो बोलीं
और मैंने सोचा , ये कोई कहने की बात है और इस गाँव में तो एकबार में कोई छोड़ता नहीं। लेकिन मैं बोली नहीं की बसंती फिर डाइवर्ट हो जायेगी, बसंती चालू थी ,
" थोड़ी देर तक तो उसकी भौजी जबरदस्ती तोहरी भौजी को निहराएँ थीं लेकिन जब समुआ ने लंड जड़ तक पेल दिया तो खुद ही हचक हचक के , तोहार भाभी खूब चिल्ला रही थीं , गाँड़ पटक रही थीं,... लेकिन यही सावन क महीना बार इतनी जोर की झड़ी लगी थी, तेज हवा चल रही थी , .. कोई सुनने वाला नहीं था ,.. दोनों चूँची पकड़ के ,
तोहार भाभी दो बार झड़ गयीं तो कटोरी भर रबड़ी समुआ उनको घोटाया।
थोड़ी देर तक हम दोनों चुप रहे फिर बंसती ने आगे की बात बतायी,
ओकरे बाद तो उ लिफ़ाफ़े पे टिकट की तरह चिपक गया, कउनो दिन नागा नहीं जाता था बिना चढ़े,... जिस कुठरिया में तुम रहती हो न आजकल उसी में तोहार भाभी रहती थी, और तभी से उसकी बाहर वाली खिड़की कभी भी ठीक से बंद नहीं होती, थोड़ा सा आगे पीछे करो बाहर से खुल जाती है, उसी रस्ते , नहीं तो ताल पोखरी के किनारे कभी गन्ना के खेत में और उहै समुआ। "
चाय का गिलास लेकर मैं और बसंती दोनों किचेन में और बसंती खाना बनाने लगीं और मैं उसका साथ दे रही थी। लेकिन बात जारी थी , हाँ अब बात गाँव के मर्दों लड़को पर, और पिछवाड़े वाले मजे के बारे और मैंने अपनी भाभी के पिछवाड़े के बारे में पूछ लिया।
रोटी सेंकते बसंती ने उसका भी राज खोल दिया , समुआ ने पिछवाड़े का उद्घाटन नहीं किया वो अगवाड़े में ही उलझा रहता था। पिछवाड़े की ओर नंबर लगा तब वो ग्यारहवें में आ गयी थीं , यहाँ से तीन चार किलोमीटर दूर एक स्कूल था खाली लड़कियों का हाईस्कूल के बाद से वहीँ। पढ़ाने वाली भी मास्टरनियां ही, साइकिल से चली जाती थीं
तो घर वाले सोचे की उँहा . उनकी बिटिया पर कोई खतरा नहीं, लेकिन एक मास्टराइन, तिमाही वाले इम्तहान में ही फेल कर दी, फिर कुल टेस्ट में एकदम खराब , तोहार भाभी परेशान,... कितनों पढ़ाई करें ,... और रात भर तो समुआ चढ़ा रहता था बिना नागा, सांझे से जम्हुआई, तब तक तो हम भी आ गए थे बियाह के , ननद क ई लच्छन जल्दिये समझ गए थे, लेकिन जवानी और जोबन क जोर हम भी समझ रहे थे ,
मुझसे नहीं रहा गया गया और मैं गाडी पटरी पर लौटा के लायी,
" अरे उ मास्टराइन वाला किस्सा,... "
बसंती जोर से खिलखिलाई और बोली, " अरे ओकर पिलानिंग बाद में समझ में आयी, वो बोली की हफ्ता में दो तीन दिन , तोहार भाभी स्कूल के बाद एक दो घंटा रुक जाएँ उ पढ़ा देगी टूसन और कउनो पैसा वैसा भी नहीं , और ज्यादा हुआ तो एकाध अतवार के दिन , और किलास ले लेगी,... का कहते हैं उसको ,... "
एक्स्ट्रा क्लास,... मैनें हँसते हुए जोड़ा, मेरी सहेलियां भी यारों के साथ मस्ती करने के लिए यही बहाना बनाती थीं.
हाँ वही, बसंती बोली फिर बात आगे बढ़ाई, लेकिन असली पढ़ाई तो कुछ और, असल में उ मस्टराइन को कच्ची उमर की लड़कियों का शौक था, बस,... हफ्ता दस् दिन में तोहरे भाभी के चूत चाटने चूसने में एक नमरी बना दिया। और वो भी इनका चाट चाट के लेकिन अइसन बदमाश, झाड़ती नहीं थी,
बोल देती घर जाओ आगे की पढाई कल, और अइसन गरमाय के ये लौटती थीं ,
रात में खुदे, समुआ के पहले खुदे समुआ के ऊपर चढ़ कर जब तक आपन दो तीन बार पानी झड़वाय न लें,.... "
बात मजे की थी लेकिन मुझे फिर लगा बात हट रही है , आटे के डिब्बे से थोड़ा सा आटा लेकर बसंती की साड़ी उठाकर पिछवाड़े उसके चूतड़ पर लगा के मैं बोली ,
" अरे एहरिया वाली बात बताव न "
Thanks so much , ab agala udpate sunday ko, pakka har week 3 se 4 update dekhiye de rahi hun aur deti rahungi , jab taak mere padhne vaale saath dengeकोमल जी ,
बहुत ही कामुक अपडेट,
सारा मंजर ऐसा लग रहा था कि सामने हो रहा हो।
ये आप के लेखन का ही जादू है।
सच मे आप जादूगर है ।आप के कलम का जादू के इंतजार में..............
बहुत देर मत करना क्यों कि अब इंतजार बड़ा मुश्किल हो रहा है।