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Erotica सौतेला बाप (Completed)

Nevil singh

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Update 14

दोनों जल्दी से उछलती हुई वापिस अपने कमरे कि तरफ भागी और दरवाजा बंद करके चुपचाप लेट गयी.
समीर ने जैसे ही वो आवाज सुनी वो नंगा ही भागता हुआ वह पहुंचा, जाते हुए उसने अपने ड्रावर में से पिस्टल निकाल ली थी.
वो चिल्लाया : "कौन है, कौन है वहाँ ……''
नंगी पड़ी हुई रश्मि ने अपने शरीर पर चादर लपेटी और वो भी डरती हुई सी बाहर कि तरफ आयी, जहाँ समीर खिड़की के टूटे हुए शीशे को देख रहा था.
रश्मि : "क्या हुआ, क्या टूटा है यहाँ ''...
समीर : "खिड़की का शीशा, जरूर कोई यहाँ छुपकर हमें देख रहा था ''
रश्मि के पूरे शरीर में करंट सा लगा, ये सोचते हुए कि उसकी रात भर कि चुदाई को कोई देख रहा था
रश्मि : "कौन, ऐसे कौन आएगा यहाँ ??"..
समीर ने काव्या के रूम कि तरफ देखा तो रश्मि बोली : "तुम क्या कहना चाहते हो, काव्या थी यहाँ, नहीं, ऐसा नहीं हो सकता, वो भला ऐसा क्यों करेगी, उसमे इतनी अक्ल तो है कि वो ऐसा नहीं करेगी ''..
समीर ने कुछ नहीं कहा, वो समझ चूका था कि काव्या के सिवा और कोई इतनी उचाई पर आ ही नहीं सकता था, नीचे से ऊपर आने के लिए कोई भी साधन नहीं था, सिर्फ बालकनी से टापकर ही वहाँ पहुंचा जा सकता था , पर वो ये सब बाते अभी करके रश्मि को नाराज नहीं करना चाहता था..
इसलिए वो अंदर आ गया और उसके बाद दोनों सो गए.
दूसरे कमरे में काव्या और श्वेता भी थोड़ी देर में निश्चिन्त होकर सो गए.
अगले दिन श्वेता जल्दी ही निकल गयी, शायद वो समीर कि शक़ वाली नजरों से बचना चाहती थी.
रश्मि सुबह चार बजे सोयी थी, इसलिए वो अभी तक सो रही थी, पर समीर को जल्दी उठने कि आदत थी, इसलिए वो अपने समय पर उठ गया था.
श्वेता को नौ बजे के आस पास जाता हुआ देखकर उसने मन ही मन कुछ निश्चय किया और काव्या के रूम कि तरफ चल दिया.
काव्या अपने बिस्तर पर लेटी ही थी कि समीर ने दरवाजा खड़काया , काव्या ने जम्हाई लेते हुए दरवाजा खोला, और सामने समीर को खड़ा देखकर उसकी आँखे एकदम से खुल गयी, उसके दिमाग में रात कि चुदाई कि पूरी तस्वीर चलने लगी फिर से और उसकी नजर अपने आप समीर के लंड कि तरफ चली गयी.
काव्या : "अरे अंकल .... मेरा मतलब पापा , आप .... इतनी सुबह ??".
समीर कुछ नहीं बोला और अंदर आ गया , उसके चेहरे पर गुस्सा साफ़ झलक रहा था, वो चलते हुए बालकनी में पहुँच गया
काव्या कि तो हालत ही खराब हो गयी, वो वहाँ से अपने कमरे कि बालकनी कि तरफ देखने लगा, और फिर अंदर आकर काव्या के सामने खड़ा हो गया, वो समीर से नजरे नहीं मिला पा रही थी..
समीर : "तुम ही थी न रात को मेरी बालकनी में, तुम्ही देख रही थी न वो सब ....''
काव्या : "क …क़ …क़्यआ …… मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है ''.
वो इतना ही बोली थी कि समीर का एक झन्नाटेदार थप्पड़ उसके बांये गाल पर पड़ा और वो बिस्तर पर जा गिरी.
समीर चिल्लाया : "एक तो गलती करती हो और ऊपर से झूट बोलती हो …''
इतना कहते हुए वो आगे आया और बड़ी ही बेदर्दी से उसने काव्या के बाल पकडे और उसे खड़ा किया
काव्या दर्द से चिल्ला पड़ी , पर समीर पर उसका कोई असर नहीं हुआ , समीर का एक और थप्पड़ उसके कान के पास लगा और उसे कुछ देर के लिए सुनायी देना भी बंद हो गया.
आज तक उसे रश्मि ने भी नहीं मारा था, और ना ही कभी उसके खुद के बाप ने, और आज ये समीर उसे पहले ही दिन ऐसे पीट रहा था जैसे उसकी बरसों कि दुश्मनी हो.
वैसे समीर था ही ऐसा, उसका बीबी से तलाक सिर्फ इसी वजह से हुआ था कि दोनों में झगडे और बाद में मार पीट काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी, समीर ने तो अपनी बीबी को एक-दो बार अपनी पिस्टल से डराया भी था, और यही कारण था उनके तलाक का, घरेलु हिंसा .
पर समीर का ये चेहरा सिर्फ घर तक ही था, बाहर किसी को भी उसके ऐसे बर्ताव कि उम्मीद तक नहीं थी, सोसाईटी में और ऑफिस में तो उसे शांत स्वभाव का सुलझा हुआ इंसान समझा जाता था, पर गुस्सा कब उसके दिमाग पर हावी हो जाए, ये वो खुद नहीं जानता था ..
और आज भी कुछ ऐसा ही हुआ था.
उसके खुद के घर में , काव्या उसके बेडरूम के बाहर छुप कर उसकी चुदाई के नज़ारे देख रही थी, ऐसा सिर्फ उसे शक था, पर फिर भी उसने अपने गर्म दिमाग कि सुनते हुए जवान लड़की पर हाथ उठा दिया, ये भी नहीं सोचा कि उसकी एक दिन कि शादी पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, रश्मि क्या कहेगी जब उसे पता चलेगा कि उसकी फूल सी नाजुक लड़की को ऐसे पीटा गया है..
behtreen update.
 

Nevil singh

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Update 15

और काव्या को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है, जिस समीर पापा कि चुदाई देखकर उसकी चूत में भी पानी भर गया था कल रात और वो उनसे चुदने के सपने देखने लगी थी ,वो उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, वो सब रात भर का प्यार नफरत में बदलता जा रहा था अब..
समीर ने एक और झापड़ उसे रसीद किया और फिर बोला : "सच बोल, तू ही थी न रात को वहाँ ''.
काव्या ने आग उगलती हुई आँखों से समीर को देखा और ना में सर हिला दिया..
समीर ने उसे धक्का दिया और उसका सर दिवार से जा लगा, और उसके माथे पर एक गोला सा बन गया , वो दर्द से बिलबिला उठी.
समीर उसके करीब आया और फिर से उसके बालों को पकड़ा और उसके चेहरे के करीब आकर गुर्राया : "मेरी बात कान खोलकर सुन ले साहबजादी, ये मेरा घर है, और मेरी मर्जी के बिना यहाँ का पत्ता भी नहीं हिल सकता, फिर से ऐसी कोई भी हरकत न करना कि मैं तुझे और तेरी माँ को धक्के मारकर इस घर से निकाल दू , समझी , अगर यहाँ रहना है तो सीधी तरह से रह ''.
और फिर बाहर निकलते हुए वो पीछे मुड़ा और बोला : "ये बात हम दोनों के बीच रहे तो सही है, वरना अंजाम कि तुम खुद जिम्मेदार होगी ''.
ये सारा किस्सा रश्मि को न पता चले, इसकी धमकी देकर समीर बाहर निकल आया ...... अपने बिस्तर पर दर्द से बिलखती हुई काव्या को छोड़कर .
उसने उसी वक़्त श्वेता को फ़ोन करके रोते-२ सारी बात बतायी , उसे भी विश्वास नहीं हुआ कि समीर ऐसा कुछ कर सकता है उसके साथ , श्वेता ने काव्या को अपने घर पर आने के लिए कहा.
वो नहा धोकर तैयार हो गयी, तब तक रश्मि भी उठ चुकी थी, और सबके लिए नाश्ता बनाकर टेबल पर इन्तजार कर रही थी, समीर और काव्या जब टेबल पर आकर बैठे तो दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा तक नहीं.
रश्मि ने अपनी बेटी को उदास सा देखा तो उसके पास आयी और तभी उसके माथे पर उगे गुमड़ को देखकर चिंता भरी आवाज में बोली : "अरे मेरी बच्ची, ये क्या हुआ, ये चोट कैसे लगी ''.
काव्या ने नफरत भरी नजरों से समीर कि तरफ देखा, जो बड़े मजे से नाश्ता पाड़ने में लगा हुआ था, और फिर धीरे से बोली : "कुछ नहीं माँ, रात को बिस्तर से गिर गयी थी, ऐसे बेड पर सोने कि आदत नहीं है न, इसलिए ''.
समीर उसकी बात सुनकर कुटिल मुस्कान के साथ हंस दिया..
अपना नाश्ता करने के बाद काव्या अपनी माँ को बोलकर श्वेता के घर पहुँच गयी.
उसके कमरे में पहुंचकर उसने विस्तार से वो सब बातें बतायी जो आज सुबहउसके साथ हुई थी , जिसे सुनकर श्वेता का खून भी खोलने लगा
श्वेता : "साला, कमीना कहीं का , देख तो कितने वहशी तरीके से पीटा है तुझे, ''
उसने काव्या के माथे को छूकर देखा, वहाँ अभी तक दर्द हो रहा था
श्वेता : "यार, जिस तरह से तू समीर के बारे में बता रही है, मुझे तो लगता है कि ये कोई साईको है, अगर जल्द ही इसका कुछ नहीं किया गया तो शायद किसी दिन ये आंटी के साथ भी ऐसा कुछ ना कर दे ''
ये बात सुनते ही काव्या सिहर उठी, उसे अपनी माँ से सबसे ज्यादा प्यार था और उसे वो ऐसे पिटते हुए नहीं देख सकती थी
काव्या : "नहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी ....''
श्वेता : "वो ऐसी हरकत ना करे, ना ही तेरे साथ और ना ही आंटी के साथ, इसके लिए हमें कुछ करना होगा ''
दोनों ने एक दूसरे को देखते हुए सहमति से सर हिलाया, दोनों ने मन ही मन दृढ़ निश्चय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए , वो कभी समीर को ऐसा कुछ नहीं करने देंगी
उनके अंदाज को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो अपनी बात पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं
दोनों समीर से निपटने कि रणनीति तैयार करने लगी
श्वेता : "देख, अभी कुछ दिन के लिए तो तू बिलकुल चुपचाप रह , तेरा ये सौतेला बाप क्या करता है, कौन-२ उसके दोस्त है, किन बातों से खुश होता है, किनसे नाराज होता है, ये सब नोट करती रह, उसके बाद हम उसके हिसाब से आगे का प्लान बनाएंगे ''.
काव्या : ''पर इससे क्या होगा …??''.
श्वेता : "हमें बस ये सुनिश्चित करना है कि जो आज तेरे साथ हुआ है वो दोबारा न हो, और न ही कभी तेरी माँ के ऊपर ऐसी नौबत आये ''.
काव्या : "और जो उसने मेरे साथ किया है आज,उसका क्या ''
श्वेता : "उसका भी बदला लिया जाएगा , तू चिंता मत कर , तभी तो मैं कह रही हु, उसपर नजर रखने के लिए, हमें उनकी कमजोरी पकड़नी है, ताकि उसका फायदा उठाकर हम अपनी मर्जी से उन्हें अपने इशारों पर नचा सके ''
काव्या कि समझ में उसकी बात आ गयी ..
mahkti update.
 

Nevil singh

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Update 16

थोड़ी देर तक बैठने के बाद काव्या वहाँ से वापिस घर आ गयी.
उसने अब श्वेता कि बात मानते हुए समीर के ऊपर नजर रखनी शुरू कर दी ..
वो कोई भी बात कर रहा होता, उसे सुनने कि कोशिश करती, किन लोगो से मिलता है, कहा-२ जाता है, उन सब बातों का हिसाब रखना शुरू कर दिया उसने..
चुदाई के मामले में एक नंबर का हरामी था वो..
दिन में 2-3 बार सेक्स करता था, एक सुबह ऑफिस जाते हुए और फिर रात को सोने से पहले..
उसकी माँ कि मस्ती भरी चीखे पुरे घर में गूंजती थी, जिन्हे सुनकर वो भी गीली हो जाती थी.
समीर का कोई फ्रेंड सर्किल नहीं था, ऑफिस और घर के बीच चक्कर काटना , बस यही काम था उसका..
बस एक ही फ्रेंड था, उसका वकील दोस्त, लोकेश दत्त.
जिसकी सलाह मानकर समीर ने रश्मि को प्रोपोस किया था..
दोनों दोस्त अक्सर शाम को बैठकर दारु पीया करते थे और अपने दिल कि बाते एक दूसरे से शेयर करते थे..लोकेश अपनी फेमिली के साथ पास ही रहता था उनके घर के ...
ये सब वो उसी बालकनी में बैठकर करते थे जहाँ छुपकर काव्या ने अपनी माँ को चुदते हुए देखा था.
पर पीने के बाद समीर ये भूल जाता कि शायद काव्या अपने कमरे के अंदर बैठकर वो सब बाते सुन रही है जो वो दोनों कर रहे होते हैं और वो दोनों अक्सर चुदाई कि बाते भी करते थे या फिर ऑफिस में आयी किसी नयी लड़की के बारे में या कोर्ट में आये केस में फंसी बेबस लड़कियो और उनकी कारस्तानियों के बारे में..
कुल मिलाकार उनकी हर चर्चा का केंद्र सेक्स ही होता था..
शादी के एक हफ्ते बाद दोनों दोस्त बालकनी में बैठकर बारिश और दारु का मजा ले रहे थे..
लोकेश : "यार आजकल कोर्ट में एक तलाक का केस आया हुआ है , मिया बीबी अपनी शादी के बीस साल बाद तलाक ले रहे हैं, मैं औरत कि तरफ से केस लड़ रहा हु, वो रोज आती है मेरे केबिन में, अपनी 19 साल कि लड़की के साथ,उसका नाम है रोज़ी..यार, क्या बताऊ, इतनी गर्म और लबाबदार जवानी मैंने कही नहीं देखि , उसमे बोबे देखकर मन करता है अपना मुंह उनके बीच डालकर अपनी सारी फीस वहीँ से वसूल लू … हा हा हा ''
समीर भी उसकी बात सुनकर बोला : "ये उम्र होती ही ऐसी है, कच्चे-२ अमरुद लगने जब शुरू होते हैं न जवान शरीर पर, उन्हें दबाने और मसलने का मजा ही कुछ और है ……''
वो आगे बोला : "वैसे मुझे उसके बारे में भी बात करनी थी, उनकी माली हालत ज्यादा ही खराब है, इसलिए रोज़ी कोई जॉब करना चाहती है, अगर तेरे ऑफिस में कोई स्टाफ कि जरुरत है तो देख ले। ।''
समीर (कुछ देर सोचकर) : "हाँ , चाहिए तो सही मुझे, अपनी पर्सनल असिस्टेंट , रश्मि से शादी करने के बाद वो जगह अब खाली हो गयी है, तू उसे मेरे ऑफिस भेज देना, मैं देख लूंगा ''
लोकेश : "देखा, सिर्फ उसके बारे में सुनकर ही तू उसे जॉब देने के लिए तैयार हो गया, है तो तू पूरा ठरकी , हा हा "
और फिर अपना गिलास एक ही बार में खाली करते हुए समीर बोला : "एक तेरे क्लाईंट कि बेटी है, जिसके मस्त शरीर कि बाते सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया है, और एक मेरी बीबी कि बेटी है, साली ऐसी मनहूस है कि उसे देखकर खड़ा हुआ लंड भी बैठ जाए ''
काव्या छुपकर वो सब बातें सुन रही थी, ये पहली बार था जब समीर और लोकेश उसके बारे में बाते कर रहे थे
लोकेश : "यार, ऐसा भी कुछ नहीं है, मुझे तो उसका मासूम सा चेहरा बड़ा ही सेक्सी लगता है ''
उसने अपने लंड के ऊपर अपना हाथ फेरते हुए कहा
jabardast update.
 

Nevil singh

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Update 17

दोनों पर शराब पूरी तरह से चढ़ चुकी थी
समीर : "यार, तेरा टेस्ट न बकवास होता जा रहा है आजकल, कहा से तुझे वो सेक्सी लगती है, बिखरे हुए बाल, कपडे पहनने कि समझ नहीं, सुखा हुआ शरीर, जिसपर पता नहीं कोई फल लगेगा भी या नहीं, और ऊपर से उसकी हरकतें , सिर्फ रश्मि कि वजह से वो मेरे घर पर है, वर्ना .......''और इतना कहकर उसने एक और नीट पेग एक ही बार में निगल लिया.
लोकेश : "अरे , छोड़ न यार, तू भी कौन सी बात लेकर बैठ गया , अच्छा तूने भाभी से बात कि थी या नहीं, हनीमून पर जाने वाली, जो मैंने कही थी तुझे ''..
समीर : "यार, ये भी कोई उम्र है मेरी हनीमून पर जाने कि … वैसे भी टाइम ही नहीं मिला रश्मि से पूछने का , आज पूछता हु ''
लोकेश : "देख, हनीमून कि कोई उम्र नहीं होती … मेरा लोनावला में जो लेक के किनारे रिसोर्ट है, तू वहाँ चला जा भाभी को लेकर ''
समीर : "और साथ में उसका दहेज़ भी तो जायेगा, मुझे याद है, हमारी कोई बात हो रही थी बाहर जाने कि तो रश्मि ने पहले ही बोल दिया था कि जहाँ भी जायेंगे काव्या साथ ही चलेगी, उसे अकेला छोड़कर वो कहीं भी घूमने नहीं जायेगी ''
लोकेश : "अरे, तो ले जा न उसे भी साथ में, वैसे भी हनीमून में तुझे जो भी करना है वो बंद कमरे में करेगा, वो तो दूसरे कमरे में रहेगी न ''
समीर सोचने लग गया और फिर कुछ देर बाद बोला : "तो फिर एक काम कर , तू भी साथ चल, मुझे कौन सा सारा दिन बंद कमरे में रहना है, शाम को तो पेग चाहिए होता है मुझे, और अकेले पीने में वो मजा नहीं है जो तेरे साथ बैठकर पीने में है''..
लोकेश : "अच्छा, अब तेरे साथ दारु पीने के लिए मैं तेरे हनीमून पर भी साथ चलु''.
समीर : "तू अपने रिसोर्ट के एकाउंट्स चेक कर लियो ,इतने महीनो से गया भी तो नहीं है न वहाँ ''..
समीर कि बात में दम था , लोकेश ने वहाँ कि जिम्मेदारी अपने साले को सोंप रखी थी , जो सारा हिसाब किताब रखता था वहाँ का.
लोकेश : "बात तो तू सही कह रहा है, चल ठीक है, तू रश्मि भाभी से बात कर और प्रोग्राम पक्का कर ले, मैं चलने के लिए तैयार हु''.
समीर : "इसमें रश्मि से पूछने वाली क्या बात है, वो मना नहीं करेगी, उसे सिर्फ अपनी बेटी कि चिंता होती है, वो अगर साथ है तो उसे चाँद पर भी ले चलो, वो वहाँ भी चल पड़ेगी … हा हा हा ''
और फिर दोनों दोस्तों ने एक-२ पेग और पीया और इधर-उधर कि बातें करते रहे.
उनकी बाते सुनकर काव्या को बहुत गुस्सा आया था, जब समीर ने उसके बारे में वो सब बोला जो वो उसके बारे में सोचता था.
क्या वो सच में ऐसी है..
वो शीशे के सामने जाकर खड़ी हुई और अपने आप को देखने लगी.
वैसे समीर सच ही तो कह रहा था..
उसके बाल बिखरे से रहते थे हमेशा, अपने शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में वो चिंता भी नहीं करती थी , उसके हाथ अपने आप अपनी छातियों पर चले गए , और उसने अपनी शर्ट के बटन खोलकर अपनी शर्ट उतार दी, अन्दर उसने सिर्फ एक शमीज ही पहनी हुई थी क्योंकि ब्रा पहनने में उसे परेशानी होती थी, वैसे भी उसके अभी इतने बड़े नहीं हुए थे जो वो रोज ब्रा पहना करे.. उसने अपने सारे कपडे उतार दिए और नंगी होकर सोफे पर बैठ गयी, और अपने शरीर को निहारने लगी
फिर उसने अपना फ़ोन उठाया और श्वेता को फ़ोन लगाया और हाय हेल्लो के बाद वो बोली : "एक बात बता मुझे, क्या मैं अट्रेक्टिव नहीं लगती ''..
श्वेता भी उसकी बात सुनकर हैरान हो गयी और बोली : "नहीं बैबी , ऐसा नहीं है, किसने कहा कि तू अट्रेक्टिव नहीं है ''.
उसके बाद काव्या ने वो सारी बाते श्वेता को बता दी जो उसने छुप कर सुनी थी..
gorgeous update.
 

Nevil singh

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Update 18

उन्हें सुनकर श्वेता कुछ देर तक चुप रही , जैसे कुछ सोच रही हो, और फिर बोली : "देख, अगर वो लोग ऐसा कह रहे हैं तो हो सकता है कि वो सही भी हो, क्योंकि मैं तो एक दोस्त कि नजर से तुझे देखती हु और तू मुझे अच्छी लगती है, और उन्होंने तुझे देखा एक आदमी कि नजर से देखा और हर आदमी लड़की को जब देखता है तो उसका चेहरा ही नहीं बल्कि पुरे शरीर को देखता है और उसके हिसाब से ही अपनी राय कायम करता है उसके बारे में ''.
फिर थोडा रूककर वो बोली : "तेरा चेहरा किसी फ़िल्मी हिरोइन से कम नहीं है, पर आदमी कि नजर चेहरे के नीचे पहले जाती है, जहाँ का वजन देखकर वो उसकी असली तारीफ करता है , लड़की के हर अंग में सही मात्रा में भराव होना चाहिए, बस यही तरीका है उनका हॉटनेस नापने का ''..
काव्या उसकी बाते सुनती रही, और फिर बोली : "पर इसमें मेरी क्या गलती है, मैं जैसी हु,वैसी हु, अपने आप को कैसे बदलू मैं ?".
श्वेता : "वो काम तू मुझपर छोड़ दे, आज के बाद जैसा मैं कहूँगी तो वैसा ही करेगी और कपडे भी मेरी मर्जी से पहनेगी। ओके ''..
काव्या : "हम्म्म्म ''.
उसके बाद आधे घंटे तक श्वेता उसे समझाती रही कि क्या खाना है, क्या नहीं, क्या पहनना है, कैसे पहनना है, कैसे चलना है, झुकना है, समीर और लोकेश के सामने कैसे बिहेव करना है, लोनावला में जाकर क्या करना है जिससे समीर और लोकेश कि उसके बारे में धारणा बदल जाए.
और सब कुछ सुनने के बाद उसने फ़ोन रख दिया.
उसने सोच लिया था कि वो अपनी इमेज बदल कर रहेगी.
जो उसके बारे में सोचा जाता है, जैसी वो दिखती है , वो सब बदल देगी..
और अपने आप को बदलने के लिए उसके सामने पहला मिशन था उसकी मम्मी का हनीमून, जहाँ जाकर वो अपने आप को बदलने कि शुरुवात कर सकती थी.
शाम को रश्मि ने खुश होते हुए काव्या को जब बताया की वो सभी लोग घूमने जा रहे हैं तो काव्या ने ऐसे जताया जैसे उसके लिए ये बात सर्प्राइज़ है, रश्मि ने उसे ये भी बताया की अगले दिन वो शॉपिंग करने चलेंगे. वैसे शॉपिंग पर जाने का एक और कारण भी था, काव्या का 18वा बर्थडे आने वाला था, और उस वक़्त वो सभी लोग लोनावला में ही होंगे ..
काव्या ने भी सोच लिया था की इस बार वो ऐसे कपड़े पहनेगी जो उसने आज तक नही पहने, आख़िर उसके बाप को भी तो पता चले की वो चीज़ क्या है.
अगली सुबह , समीर के ऑफीस जाने के बाद , दोनो मा-बेटी शॉपिंग करने निकल पड़ी, अंधेरी के एक बड़े से माल मे जाकर दोनो शॉपर्स स्टॉप के शोरुम मे घुस गये, रश्मि अपने लिए कपड़े निकालने लगी और काव्या अपने लिए, काव्या ने काफ़ी रंगो मे छोटी-2 निक्कर यानी हॉट पेंट्स ली, जीन्स, स्कर्ट, केप्री, और साथ मे नूडल स्ट्रेप वाले टॉप, हॉल्टर टॉप, स्किन टाईट टॉप, स्ट्रेप लेस टॉप, उसे जो भी सेक्सी ड्रेस मिलती गयी, वो लेती गयी, पैसो की तो चिंता ही नही थी, समीर ने एक लाख रुपय दिए थे रश्मि को शॉपिंग के लिए ...
बिल बनवाते हुए रश्मि ने जब देखा की काव्या ने किस तरह के कपड़े लिए है तो उसने बोला भी, पर काव्या को मना करके वो उसका मूड खराब नही करना चाहती थी, इसलिए उसने सभी की पेमेंट कर दी,उसके बाद दोनो एक लिंगरी शोरुम मे भी गये, और वहा से भी काव्या ने अपनी पसंद के इन्नर वेयर खरीदे, जो आजतक उसकी माँ ही खरीदा करती थी..वहाँ पर भी उसका बिल अपनी मा से ज़्यादा ही आया ..
उसके बाद दोनो लंच करके घर आ गयी.
शाम को उसने श्वेता को घर पर बुला लिया और उसे सारी बात बतायी, और साथ ही अपनी खरीदी हुई ड्रेसेस भी दिखायी, जिन्हे देखकर श्वेता कि भी आँखे फटी रह गयी..
श्वेता : "यार, मुझे नहीं पता था कि मेरी बातों का तुझपर इतना असर पड़ेगा, तूने तो आज तक ऐसी ड्रेसेस पहनी भी नहीं, मुझे भी देखनी है, कैसी लगेगी तू इनमे, प्लीज ना , मुझे पहन कर दिखा ....''
काव्या भी तो यही चाहती थी की जो ड्रेसस वो लाई है, उन्हे पहन कर देखे, उसने श्वेता के सामने ही अपने कपड़े उतारे और पूरी नंगी होकर खड़ी हो गयी.
Bahut khubsurat update.
 

Nevil singh

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Update 19

तब श्वेता ने गौर किया की उसने तो अपने पूरे शरीर के बॉल भी सॉफ नही किए है, अंडर आर्म्स , लेग्स और चूत सभी जगह बाल थे, ख़ासतौर पर उसकी चूत पर, वहा पर तो पूरा जंगल था...
श्वेता : "रुक जा, कपड़े पहनने से पहले तेरी मरम्मत भी करनी है ''.
काव्या : " वो कैसे ??".
श्वेता उसके पास आई और सीधा उसकी चूत के उपर हाथ रख दिया और उसके बालों को अपनी मुट्ठी मे भींच कर खींच लिया..
काव्या के मुँह से एक चीख निकल गयी ....
''अहह ssssssssssssssssss''.
श्वेता : "ये जंगल सॉफ करना है, आजकल बालों वाली चूत किसी को भी पसंद नही आती''
काव्या : "पर वहाँ तक दिखाना किसे है ?? ''..
श्वेता ने जैसे पहले से ही सब कुछ सोच कर रख लिया था काव्या के लिए , वो मुस्कुराती हुई उसके पास आई और बोली : "मेरी बन्नो, तू कितनी भोली है, ये जिस्म की आग जब जलेगी ना, तो सामने कौन है, वो नही देख सकेगी तू, हमारे प्लान के अनुसार तुझे अपना सब कुछ दिखा कर ही सामने वाले को बस मे करना है, फिर वो चाहे तेरा ये सोतेला बाप समीर हो या उसका जिगरी दोस्त लोकेश ..''
काव्या हैरानी से उसे देखने लगी ..
श्वेता : "देख, हमने पहले ही डिसाइड कर लिया है की तू अपने अपमान का बदला लेने के लिए कुछ भी करेगी, मैं भी तेरी मदद करूँगी, और देखना, हम दोनो मिलकर, तेरे अकड़ू बाप को अपने सामने झुकाएँगे, और वो भी पूरा नंगा ''..
उसकी बात सुनकर काव्या के चेहरे पर भी हँसी आ गयी और दोनो ने एक दूसरे के हाथ पर हाथ मारकर हाइ फाईव किया ..
श्वेता : "देख, तुझे सबसे पहले अपने बाप के दोस्त लोकेश को बस मे करना है, क्योंकि समीर सिर्फ उसकी बात ही मानता है, उसे शीशे मे उतारकर ही हम तेरे बाप को कंट्रोल कर सकते हैं, और इसके लिए तुझे उसके सामने अपने हुस्न के जलवे बिखेरने होंगे ''.
काव्या : "वो कैसे करूँगी मैं ?".
श्वेता : "सब हो जाएगा, वैसे भी वो तुम्हारे साथ लोनवला जा रहा है, तेरी मा और बाप तो अपने हनिमून मे बिज़ी होंगे, तू मौका देखकर इस लोकेश को पटा ले बस, और इसके लिए तुझे चाहे उसके सामने नंगा भी होना पड़े तो हो जा, बस वो सब मत करने दियो उसको ....''..
काव्या समझ गयी की वो सब का मतलब चुदाई से है...
उसकी बाते सुनकर उसकी चूत मे से गर्म पानी निकलकर उसकी जाँघो से होता हुआ नीचे तक आने लगा , जिसे देखकर श्वेता समझ गयी की काव्या भी ये सब करने के लिए तय्यार है..
वो भागकर बाथरूम से हेयर रिमोवर क्रीम एन्न फ्रेंच ले आई,और उसे बिस्तर पर लिटाकर उसकी बाजू, टाँगो और चूत पर क्रीम लगा दी
आधे घंटे के बाद उसने वो सब सॉफ कर दिया ...
तब काव्या ने देखा की श्वेता ने उसकी चूत के बीचो बीच एक लकीर छोड़ दी है, उसने श्वेता की तरफ देखा.
श्वेता : "ये आजकल का फेशन है, ऐसी ट्रिम की हुई लाइन या शेप देखकर मर्द बहुत उत्तेजित हो जाते हैं ''.
काव्या उससे पूछना तो चाहती थी की उसे इतना सब कैसे पता है, पर उसकी पूरी बॉडी मे बहुत इचिंग हो रही थी, सो वो भागकर बाथरूम मे चली गयी और नहाकार वापिस आ गयी, ऐसे ही, नंगी , उसका पूरा बदन पूरे शबाब पर था और चमक रहा था..
Fantastic update.
 

Nevil singh

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173
update 20

श्वेता भागकर आई और उसके नंगे शरीर से लिपट गयी और बोली : "यार, मैं अगर लड़का होती ना, तो तुझे आज ही कली से फूल बना देती ''.
उसकी ये बात सुनकर काव्या की साँसे तेज हो गयी, जिसे श्वेता ने भी महसूस किया, और उसने ये भी देखा की काव्या अपनी चूत वाले हिस्से को उसकी जाँघ पर रगड़ रही है ..
वो समझ गयी की आज तो उसके साथ कुछ करना ही पड़ेगा.
उसने अपने दाँये हाथ की उंगली उसकी बह रही चूत के अंदर खिसका दी, वो सिसक कर उसके और पास आ गयी और अपने छोटे-2 स्तनो को उसकी गोल-गोल छातियों से घिसने लगी..
श्वेता ने अपने दोनो हाथो मे उसके लंबे निप्पल पकड़े और उन्हे अपनी तरफ खींच लिया और झटके से आगे आई काव्या के होंठों को अपने मुँह मे दबोच कर उसने उन्हे चूसना शुरू कर दिया..
''पुछ्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्मममममम अहह''.
और फिर अपनी उंगली और अंगूठे के बीच उसके निप्पल फँसा कर हथेली से उसकी दोनो ब्रेस्ट को मसाज करने लगी.
श्वेता : "ये देख, जब भी खाली बैठी हुआ कर तो ऐसे ही अपनी ब्रेस्ट की मालिश करती रहा कर , तभी मोटी होंगी ये, मेरी तरहा .....तेरी मा की तरहा .....''
वो आगे बोली : "जैसे वो योग गुरु बताते है ना टीवी पर, अपने नाख़ून एक दूसरे पर घिसने से बॉल आ जाते हैं, वैसे ही इन्हे घिसने पर ये भी बड़ी हो जाएँगी ...इसलिए जब तक कोई रोज इन्हे दबाने वाला तेरा कोई बाय्फ्रेंड नही आता, तुझे ही ये काम करना होगा''..
काव्या ने समझते हुए हाँ मे सिर हिला दिया ...
पर अभी ये समय शिक्षा लेने-देने का नही था, उसे तो अपनी चूत की आग शांत करनी थी अभी ..
उसने श्वेता के सिर को पकड़ा और उसे नीचे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया , वो समझ गयी की काव्या क्या चाहती है, वो भी उसकी ताज़ा छिली चूत को अपने मुँह मे लेकर उसे चूसना चाहती थी..
वो धीरे-2 नीचे होती गयी और अंत मे आकर वो उसकी चूत के बिल्कुल सामने बैठ गयी..
और अपनी साँप जैसी जीभ को लपलपाकर जैसे ही उसने काव्या की चूत की औस की बूँदों को पिया, उसने अपनी आँखे बंद करते हुए एक जोरदार चीत्कार मारी और अपनी चूत को बुरी तरहा से झटका देकर अपनी सहेली के चेहरे पर दे मारा..
''आआयययययययीीईईईईईई .........अहह उम्म्म्मममममममम''.
और खुद पीछे होती हुई अपने बिस्तर पर जाकर लेट गयी ....
और अपने पैरों को श्वेता के सिर के चारों तरफ फँसाकर उसे अपनी चूत के थ्रू पीने लगी , या यूँ कहलो कि अपना जूस उसे पिलाने लगी ...
श्वेता को ऐसा लगा की उसकी साँस ही घुट जाएगी, उसने बड़ी मुश्किल से अपने सिर को उसके चुंगल से छुड़ाया और उपर देखते हुए बोली : "साली, देखने मे तो कितनी भोली सी लगती है, पर तेरे अंदर इतनी आग भरी पड़ी है .....संभालकर इस्तेमाल कर इसका , तभी तू सामने वाले को अपने इशारों पर नचा सकेगी, वरना पहली बार मे ही कोई भी तेरी चूत के परखच्चे उड़ा कर निकल लेगा और तू देखती रह जाएगी ''..
श्वेता की सेक्स क्लास अभी तक चालू थी ....
उसके समझाने के बाद काव्या ने अपने उपर थोडा कंट्रोल किया और आराम से लेटकर उसकी जीभ को अपने तालाब मे किसी मछली की तरह महसूस करने लगी..
और कुछ ही देर के बाद उसकी उबलती हुई चूत मे से गरमा गरम लावा निकालकर बाहर आ गया, तब जाकर उसके शरीर का तापमान सामान्य हुआ..
उसके बाद एक-एक करके काव्या ने अपनी सारी ड्रेसेस उसे पहन कर दिखायी , और उसकी हर ड्रेस पर श्वेता ने तालियां और सिटी मारकर उनको सराहा ...
काव्या को कुछ और बातें समझाने के बाद श्वेता अपने घर चली गयी..और साथ ही ये भी बोल गयी की कोई भी बात पूछनी हो तो तुरंत फोन कर लिया करे..
अगला पूरा दिन पेकिंग करने मे निकल गया। …
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Nevil singh

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और अगली सुबह सभी लोनवाला के लिए निकल पड़े .
आज समीर खुद ड्राइव कर रहा था, उसकी फॉर्चूनर की अगली सीट पर रश्मि बैठी थी और पीछे वाली सीट पर काव्या थी.
और समीर का ध्यान आज बार-2 उसकी तरफ ही जा रहा था.
कारण था उसके कपड़े, जो उसने खास तौर पर वहाँ जाने के लिए पहने थे..
एक टाईट सी टी शर्ट और नीचे एक छोटी सी हॉट पेंट..
जिसमे उसके मोटी गांड के उभार सॉफ नज़र आ रहे थे...
थोड़ी देर मे ही लोकेश का घर भी आ गया और उसको पीकप करने के बाद वो लोग लोनवला की तरफ निकल पड़े, वहाँ का रास्ता डेड घंटे का था.
पीछे वाली सीट पर बैठते ही लोकेश की नज़र काव्या की चिकनी टाँगो पर पड़ी , उसके पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गये, उसने भी आज तक उसे बुरी नज़र से नही देखा था, वो तो उसे बच्ची समझ रहा था, पर उसे क्या मालूम था की ये बच्ची उन ढीले-ढाले कपड़ो के अंदर छुपा हुआ एक बॉम्ब है ..
काव्या ने भी मुस्कुराते हुए लोकेश अंकल से हाथ मिलाया और उनसे सट कर बैठ गयी ... और इधर-उधर की गप्पे मारने लगी..
बातों ही बातों मे कब लोनवाला आ गया, उन्हे पता ही नही चला, पुर रास्ते समीर का ध्यान पीछे की तरफ ही था, उसे लोकेश से ईष्र्या भी हो रही थी की वो क्यो उसकी जवान बेटी के पास ऐसे चिपक कर बैठा है, पर वो कुछ कर भी तो नही सकता था
पर ये तो अभी शुरुवात थी, अगले चार दिनों में क्या होने वाला था ये शायद समीर भी नहीं जानता था ...
लोकेश का रिसोर्ट काफी बड़ा था, उसके आगे कि तरफ काफी बड़ी सी झील थी जिसे देखकर रश्मि और काव्या को ऐसा लगा कि वो स्वर्ग में आ गए हैं , पहाड़ियों से घिरी जगह के बीचो बीच इतना शानदार रिसोर्ट था लोकेश का, अब रश्मि कि समझ में आ रहा था कि वक़ालत कि मोटी कमाई उसने कहाँ लगायी है ।
उनकी गाडी मैन गेट से होती हुई अंदर आ गयी, रिसोर्ट का पूरा स्टाफ उनके स्वागत के लिए खड़ा था, सबके हाथों में बूके दिए गए और उन्हें सम्मान के साथ अंदर ले जाया गया
लोकेश ने मेनेजर से पुछा : "हमारा कॉटेज तैयार है न ??"
मैनजर : "जी सर , जैसा आपने कहा था, आप सभी के रहने का इंतजाम हमेशा कि तरह पीछे वाले कॉटेज में कर दिया गया है , चलिए मैं आपको वहाँ ले चलता हु ''
वो सभी पीछे वाले रास्ते से होते हुए रिसोर्ट के पिछले हिस्से में पहुँच गए, और वहाँ कि बाउंड्री को क्रॉस करने के बाद , घने पेड़ो के बीच बने एक शानदार बंगले के पास जा पहुंचे.
समीर ने रश्मि से कहा : "ये है लोकेश का पर्सनल कॉटेज, हम दोनों जब भी आते हैं तो यहीं ठहरते हैं, इसका रिसोर्ट थ्री स्टार है, पर ये कॉटेज पूरा फाईव स्टार है ''.
और सच में, वो एक छोटा सा फाईव स्टार होटल था, बड़ा ही शानदार था वो, आलिशान और बड़ा सा, लगभग पांच कमरे थे उसमे, नीचे तीन और ऊपर दो, और सामने था एक बड़ा सा पार्क और उसके आगे थी दूर तक फैली हुई झील, जो सिर्फ इस कॉटेज के लिए ही थी शायद , क्योंकि रिसोर्ट में रहने वालो के लिए झील का सामने वाला हिस्सा था, पीछे वाला नहीं.
सभी का सामान कमरों में रख दिया गया.
लोकेश अपने ग्राउंड फ्लोर वाले रूम में रुका और समीर और रश्मि को ऊपर वाला रूम मिल गया, काव्या को उनके साथ वाले रूम में पहुंचा दिया गया.
लोकेश ने मेनेजर को बोल दिया कि उनकी इजाजत के बिना पीछे वाले हिस्से में कोई भी ना आये , इस बात का रहस्य रश्मि और काव्या को बाद में पता चला..
अपने रूम में सामान रखने के बाद जब लोकेश लॉन में बैठा चाय पी रहा था तो काव्या वहाँ आयी , गाडी में इतनी देर तक उसके साथ बैठने कि वजह से उसके हुस्न का दीवाना तो वो मन ही मन हो चूका था, अब पहला मौका था जब दोनों अकेले थे..
काव्या : "वाव अंकल , आपका रिसोर्ट तो बड़ा ही शानदार है, मुझे काफी अच्छा लगा यहाँ आकर …।''
लोकेश थेंक्स कहकर उसकी छातियों कि तरफ घूरकर देखने लगा, क्योंकि उसके लम्बे निप्पल देखकर उसके मुंह से और कुछ निकला ही नहीं..
काव्या को झील के किनारे एक नाव खड़ी हुई दिखायी दी, जैसी पुरानी मूवीज में होती थी, लम्बी सी, चप्पू से चलाने वाली , और उसे देखकर वो काफी खुश हुई..
''वाव , यहाँ तो नाव भी है, ये चलती भी है क्या ??"..
लोकेश : " हाँ, इसमें बैठकर अक्सर मै और तुम्हारे पापा फिशिंग के लिए जाते हैं अंदर ''..
काव्या : "अच्छा , मैं भी जाना चाहती हु, चलो न प्लीस ....''.
उसने बड़े ही प्यार से लोकेश से कहा, और वो मना कर ही नहीं पाया.
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Nevil singh

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काव्या : "यु आर सो स्वीट अंकल , मैं अभी चेंज करके आती हु ''.
और इतना कहकर वो अपने भारी भरकम चूतड़ हिलाते हुए ऊपर कि तरफ भाग गयी..
उसके मांसल चूतड़ों को देखकर उसके लंड ने एक जोरदार अंगड़ाई ली , जिसे उसने बड़ी मुश्किल से अपनी केप्री में अडजस्ट किया.
थोड़ी ही देर में वो भागती हुई नीचे आयी , उसने एक जींस कि निक्कर और टाईट टी शर्ट पहन ली थी, और उस टी शर्ट को उसने पेट वाले हिस्से पर बांध भी लिया था, जिसकी वजह से उसकी गहरी नाभि सपाट पेट के बीच साफ़ दिख रही थी..
एक तो पहले ही लोकेश कि हालत खराब थी, काव्या को ऐसी ड्रेस में देखकर वो और भी उत्तेजित हो गया, उसने दूसरी तरफ मुंह कर लिया ताकि उसके लंड का उभार काव्या न देख सके..
नीचे आते हुए वो रश्मि को कहती हुई आ रही थी कि वो लोकेश अंकल के साथ नाव पर जा रही है , और ये बात सुनकर समीर के कान खड़े हो गए, वो भी भागता हुआ पीछे - २ आ गया..
तब तक काव्या नाव में बैठ चुकी थी, उसने अपने हाथ में पकडे हुए टावल और क्रीम को अंदर रखा और चप्पू अपने हाथ में ले लिए.
लोकेश ने उसकी तरफ लाईफ जेकेट फेंकी और बोला : "ये पहन लो ''..
और उसने खुद भी जेकेट पहन ली और नाव कि रस्सी खोलकर ऊपर चढ़ने लगा, तभी समीर आया और उसे थोडा दूर ले जाकर बोला : "यार एक फेवर करना मेरे लिए ....''
लोकेश ने उसकी तरफ देखा और बोला : "हाँ हाँ क्यों नहीं, बोलो ''
समीर : "तुम झील में जाओ तो एक घंटे से पहले मत आना ''
लोकेश ने रहस्यमयी मुस्कान से उसकी तरफ देखा और बोला : "सही है दोस्त, सही है … डन ''
समीर भी हंस दिया और फिर बोला : "और कोशिश करना कि इतनी दूर निकल जाओ कि यहाँ का नजारा तुम दोनों कि नजरों से ओझल हो जाए ''..
लोकेश समझ गया कि समीर का प्लान रश्मि को वहीँ बाहर लाकर खुले में चोदने का है, आखिर घने पेड़ो से घिरी ऐसी जगह पर चुदाई करने का मजा ही अलग है ।
लोकेश ने भी धीरे से उसके कान में कहा : "पर कीड़े मकोड़ों का ध्यान रखना, कहीं भाभी को कोई काट न ले ....''
समीर ने हँसते हुए उसकी कमर पर एक मुक्का लगाया और उसे जाने के लिए कहा, उसके लंड का उभार भी अब बर्दाश्त से बाहर निकल रहा था.
लोकेश ऊपर चढ़ गया और चप्पू चलाकर नाव को दूर ले जाने लगा..
काव्या उसकी तरफ पीठ करके बैठी थी, इसलिए उसकी पतली कमर और फैली हुई गांड कि शेप उसे साफ़ दिख रही थी , और लोकेश के लिए ये ठीक भी था, क्योंकि वो आसानी से अपने खड़े हुए लंड को अडजस्ट कर सकता था
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काव्या वहाँ कि खूबसूरती को निहारती हुई जा रही थी, पर उसके मन के कुछ और ही चल रहा था, वो बार -२ मुड़कर पीछे भी देख रही थी, और जब उसे लगा कि वो काफी दूर निकल आये हैं और कॉटेज वहाँ से दिखायी नहीं दे रहा है तो वो आराम से उठी और अपनी टी शर्ट कि गाँठ खोल दी..
लोकेश हैरानी से देख रहा था कि वो आखिर करना क्या चाहती है.
काव्या ने टी शर्ट का निचला हिस्सा पकड़ा और उसे धीरे-२ ऊपर उठाना शुरू कर दिया...
लोकेश कि समझ में नहीं आया कि वो आखिर कर क्या रही है..
वो टी शर्ट उठाती चली गयी और उसे उतार दिया उसने टी शर्ट के नीचे हाल्टर ब्रा पहनी हुई थी, लाल रंग कि, जिसमे उसके नन्हे-२ चूजे बंद थे , और उनकी चोंचे ब्रा को फाड़कर बाहर आने को तैयार थी..
लोकेश हैरानी से उन्हें देखता रह गया , उसके मुंह से कुछ निकला भी नहीं..
वो क्या कर रही थी , लोकेश कि समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था , उसने अपना टॉवल उठाया और उसे वहीँ नीचे कि तरफ बिछाने लगी, और ऐसा करते हुए नाव एकदम से डगमगाने लगी..
लोकेश ने अपने सूखे मुंह से आवाज निकाली और बोला : "देखो काव्या , नाव पर बैलेंस बनाकर रखना जरुरी है, तुम बीच में बैठोगी तो सही से चल नहीं पायेगी ये …''
काव्या : "तो थोड़ी देर के लिए रोक लेंगे न, मुझे तो बस सन टैनिंग करनी है, अगर आप को कोई परेशानी न हो तो ''
लोकेश को विश्वास नहीं हुआ कि काव्या उसके होते हुए सन टेनिंग लेना चाहती है , उसने मन ही मन सोचा कि ये आजकल कि लड़कियों को अपनी त्वचा को एकसार बनाये रखने के लिए क्या-२ करती रहती है, पर वो इतनी बेशर्म होकर उसके सामने ही सन टेनिंग लेगी, उसे अब भी विश्वास नहीं हो पा रहा था.
पर जल्द ही उसका जवाब उसे मिल गया..
काव्या ने धड़कते हुए दिल से अपनी हाल्टर ब्रा कि डोरी खोली और उसे खोलकर नीचे रख दिया अब वो ऊपर से पूरी तरह से नंगी थी.
काव्या नीचे झुककर अपना टॉवल फिर से अडजस्ट करने लगी..
उसकी नजरें लोकेश कि तरफ गयी, जो चप्पू चलना भूलकर , अपना मुंह फाड़े, उसकी कोमल और नन्ही ब्रेस्ट को बिना पलकें झपकाए देख रहा था..
ये पहला मौका था जब काव्या ने इतनी बेशर्मी से अपनी ब्रेस्ट किसी को दिखायी थी, पर वो ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे ये सब नॉर्मल है उसके लिए..
उसने लोकेश से पूछा : "आई होप अंकल, आपको ये सब बुरा नहीं लग रहा , एक्चुअली, मैं मॉम-डेड के सामने तो ऐसा कर नहीं सकती न, आपके साथ तो मैं अब काफी फ्रेंक हो चुकी हु ''.
लोकेश को भला क्या प्रॉब्लम हो सकती थी , उसे तो अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि काव्या उसके सामने टॉपलेस बैठी है..
उसकी ब्रेस्ट कि बनावट देखकर उसके मुंह में पानी भर आया, वो टकटकी लगाए हुए उन्हें घूरता रह गया
काव्या : "आप तो ऐसे देख रहे हैं, जैसे आपने पहले किसी कि ब्रेस्ट देखि ही नहीं है ''
उसकी बात सुनकर लोकेश एकदम से शर्मिंदा हो गया और दूसरी तरफ देखने लगा, काव्या कि हंसी निकल गयी
वो थोडा सम्भला और बोला : "नहीं, ऐसा नहीं है कि मैंने पहले कभी ब्रेस्ट नहीं देखि, बस मुझे अंदाजा नहीं था कि तुम ऐसा कुछ करोगी, वैसे सोचकर देखो, अगर तुम्हारे पापा और मम्मी को पता चला कि तुम नाव पर मेरे सामने इस तरह से टॉपलेस बैठी हो तो क्या होगा ''
काव्या ने अपनी आँखे फैलायी और बोली : "पापा का तो पता नहीं, पर मम्मी तो पागल ही हो जायेगी ये सुनकर, तभी तो मैंने कॉटेज का आँखों से ओझल होने तक का वेट किया, और आपकी परमिशन कि जरुरत नहीं समझी मैंने, इतना तो भरोसा कर ही सकती हु न आपके ऊपर ....''
लोकेश ने मन ही मन सोचा, साली बिहेव तो ऐसे कर रही है जैसे बरसों विदेश में रहकर आयी है, और इतने खुलेपन कि आदत है उसे, वैसे कोई भी शरीफ लड़की इतनी जल्दी किसी के भी सामने नंगी नहीं हो जाती, या तो ये चालू है या फिर एक नंबर कि बेवक़ूफ़ ....
पर उसे क्या मालुम था कि ये तो उसके शातिर दिमाग का एक ऐसा प्लान है जो उसने अपनी सहेली श्वेता के साथ मिलकर बनाया है..
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