Update 18
उन्हें सुनकर श्वेता कुछ देर तक चुप रही , जैसे कुछ सोच रही हो, और फिर बोली : "देख, अगर वो लोग ऐसा कह रहे हैं तो हो सकता है कि वो सही भी हो, क्योंकि मैं तो एक दोस्त कि नजर से तुझे देखती हु और तू मुझे अच्छी लगती है, और उन्होंने तुझे देखा एक आदमी कि नजर से देखा और हर आदमी लड़की को जब देखता है तो उसका चेहरा ही नहीं बल्कि पुरे शरीर को देखता है और उसके हिसाब से ही अपनी राय कायम करता है उसके बारे में ''.
फिर थोडा रूककर वो बोली : "तेरा चेहरा किसी फ़िल्मी हिरोइन से कम नहीं है, पर आदमी कि नजर चेहरे के नीचे पहले जाती है, जहाँ का वजन देखकर वो उसकी असली तारीफ करता है , लड़की के हर अंग में सही मात्रा में भराव होना चाहिए, बस यही तरीका है उनका हॉटनेस नापने का ''..
काव्या उसकी बाते सुनती रही, और फिर बोली : "पर इसमें मेरी क्या गलती है, मैं जैसी हु,वैसी हु, अपने आप को कैसे बदलू मैं ?".
श्वेता : "वो काम तू मुझपर छोड़ दे, आज के बाद जैसा मैं कहूँगी तो वैसा ही करेगी और कपडे भी मेरी मर्जी से पहनेगी। ओके ''..
काव्या : "हम्म्म्म ''.
उसके बाद आधे घंटे तक श्वेता उसे समझाती रही कि क्या खाना है, क्या नहीं, क्या पहनना है, कैसे पहनना है, कैसे चलना है, झुकना है, समीर और लोकेश के सामने कैसे बिहेव करना है, लोनावला में जाकर क्या करना है जिससे समीर और लोकेश कि उसके बारे में धारणा बदल जाए.
और सब कुछ सुनने के बाद उसने फ़ोन रख दिया.
उसने सोच लिया था कि वो अपनी इमेज बदल कर रहेगी.
जो उसके बारे में सोचा जाता है, जैसी वो दिखती है , वो सब बदल देगी..
और अपने आप को बदलने के लिए उसके सामने पहला मिशन था उसकी मम्मी का हनीमून, जहाँ जाकर वो अपने आप को बदलने कि शुरुवात कर सकती थी.
शाम को रश्मि ने खुश होते हुए काव्या को जब बताया की वो सभी लोग घूमने जा रहे हैं तो काव्या ने ऐसे जताया जैसे उसके लिए ये बात सर्प्राइज़ है, रश्मि ने उसे ये भी बताया की अगले दिन वो शॉपिंग करने चलेंगे. वैसे शॉपिंग पर जाने का एक और कारण भी था, काव्या का 18वा बर्थडे आने वाला था, और उस वक़्त वो सभी लोग लोनावला में ही होंगे ..
काव्या ने भी सोच लिया था की इस बार वो ऐसे कपड़े पहनेगी जो उसने आज तक नही पहने, आख़िर उसके बाप को भी तो पता चले की वो चीज़ क्या है.
अगली सुबह , समीर के ऑफीस जाने के बाद , दोनो मा-बेटी शॉपिंग करने निकल पड़ी, अंधेरी के एक बड़े से माल मे जाकर दोनो शॉपर्स स्टॉप के शोरुम मे घुस गये, रश्मि अपने लिए कपड़े निकालने लगी और काव्या अपने लिए, काव्या ने काफ़ी रंगो मे छोटी-2 निक्कर यानी हॉट पेंट्स ली, जीन्स, स्कर्ट, केप्री, और साथ मे नूडल स्ट्रेप वाले टॉप, हॉल्टर टॉप, स्किन टाईट टॉप, स्ट्रेप लेस टॉप, उसे जो भी सेक्सी ड्रेस मिलती गयी, वो लेती गयी, पैसो की तो चिंता ही नही थी, समीर ने एक लाख रुपय दिए थे रश्मि को शॉपिंग के लिए ...
बिल बनवाते हुए रश्मि ने जब देखा की काव्या ने किस तरह के कपड़े लिए है तो उसने बोला भी, पर काव्या को मना करके वो उसका मूड खराब नही करना चाहती थी, इसलिए उसने सभी की पेमेंट कर दी,उसके बाद दोनो एक लिंगरी शोरुम मे भी गये, और वहा से भी काव्या ने अपनी पसंद के इन्नर वेयर खरीदे, जो आजतक उसकी माँ ही खरीदा करती थी..वहाँ पर भी उसका बिल अपनी मा से ज़्यादा ही आया ..
उसके बाद दोनो लंच करके घर आ गयी.
शाम को उसने श्वेता को घर पर बुला लिया और उसे सारी बात बतायी, और साथ ही अपनी खरीदी हुई ड्रेसेस भी दिखायी, जिन्हे देखकर श्वेता कि भी आँखे फटी रह गयी..
श्वेता : "यार, मुझे नहीं पता था कि मेरी बातों का तुझपर इतना असर पड़ेगा, तूने तो आज तक ऐसी ड्रेसेस पहनी भी नहीं, मुझे भी देखनी है, कैसी लगेगी तू इनमे, प्लीज ना , मुझे पहन कर दिखा ....''
काव्या भी तो यही चाहती थी की जो ड्रेसस वो लाई है, उन्हे पहन कर देखे, उसने श्वेता के सामने ही अपने कपड़े उतारे और पूरी नंगी होकर खड़ी हो गयी.