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Erotica सौतेला बाप (Completed)

Nevil singh

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update 24

लोकेश : "हाँ हाँ , क्यों नहीं, भरोसा रखो मुझपर ……''
और फिर उसकी छातियों को अपनी नजरों से भेदता हुआ वो नाव चलाने लगा..
पर उसे क्या पता था कि ये तो बस शुरुवात है, काव्या ने उसकी तरफ चेहरा करते हुए अपनी निक्कर के बटन खोले और उसे उतारने लगी, जैसे -२ उसकी निक्कर नीचे आ रही थी, लोकेश कि आँखे फ़ैल कर फटने को तैयार हो रही थी , उसने निक्कर के नीचे लाल रंग कि ही एक छोटी सी पेंटी पहनी हुई थी , जिसके अंदर उसकी फूली हुई सी चूत वो साफ़ देख पा रहा था.
नाव छोटी थी, और काव्या के पैर लगभग लोकेश को टच ही कर रहे थे जब वो अपनी टाँगे फेला कर अपनी निक्कर को बाहर खींच रही थी, उसके नरम पैरों के स्पर्श से उसके शरीर में तरंगे उठने लगी..
उसके बाद काव्या वहीँ टावल पर बैठ कर क्रीम लगाने लगी, उसने ढेर सारी क्रीम निकालकर अपने पैरों, हाथों पर मल ली और फिर अपनी ब्रैस्ट पर भी काफी क्रीम लगाकर उन्हें मसलने लगी..
ऐसा करने में काव्या को काफी मजा भी आ रहा था, उसके लम्बे निप्पल ऐसी क्रिया से बुरी तरह से खड़े होकर लहराने लगे थे, उसके नन्हे और सफ़ेद मुम्मों में एक अलग तरह कि लालिमा उतर आयी थी, जो लगातार मर्दन से और भी बढ़ती जा रही थी ...
काव्या : "उम्म्म्म … ऐसा मौका कभी-२ ही मिलता है ''
वो शायद लोकेश को अपना तर्क दे रही थी
पर लोकेश तो उसकी सुंदरता में ऐसा खोया हुआ था कि उसे वो सुनायी ही नहीं दिया
लोकेश : "अन्न। …क्या …क्या कहा तुमने ??"
काव्या हंसने लगी, और लोकेश बेचारा शर्मिंदा सा होकर फिर से चप्पू चलाने लगा
अब काव्या ने भी बात थोडा और आगे बढ़ाने कि सोची..
काव्या : "अंकल आप ठीक तो है न , लगता है आप कम्फर्टेबल नहीं हो मेरे ऐसा करने से ''..
लोकेश (हकलाते हुए) : "वो वो … दरअसल … ऐसा अगर आँखों के बिलकुल सामने हो तो थोडा हो ही जाता है .... ''
काव्या : "हम्म्म्म दिख रहा है मुझे भी ''..
उसकी नजरें लोकेश के लंड को घूर रही थी जो बुरी तरह से फड़फड़ा कर बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था
लोकेश ने झट से अपने लंड को अपनी टांगो के बीच छुपा कर उसकी भूखी नजरों से छुपा लिया..
काव्या ने एक और बम्ब फोड़ा
काव्या : ''अच्छा अंकल , एक बात बताओ, क्या आपने आज तक अपनी इस नाव पर मास्टरबेट किया है ''
उसकी बात सुनकर लोकेश नाव से गिरते-२ बचा..
"क्याआअ ???? क्या कहा तुमने "..
उसने उतनी ही मासूमियत से कहा : "मेरा मतलब है आपने अपना कम कभी इस नाव पर निकाला है , सेक्स करते हुए या मास्टरबेट करते हुए ''..
उसकी इतनी एडवांस बातें लोकेश के सर के ऊपर निकल रही थी.
उसके मुंह से बस इतना ही निकला : "उम्म्म नहीं …यहाँ कभी नहीं ''.
laajwaab update.
 

Nevil singh

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Update 25

काव्या : "कोई और हो, जिसने ये किया हो ??"..
शायद उसका इशारा समीर कि तरफ था.
लोकेश : "नहीं , मेरे हिसाब से तो किसी ने भी नहीं किया ''.
काव्या : "ओह वॉव, यानि मैं पहली बार ऐसा कुछ करुँगी आपकी इस नाव पर ''.
इतना कहते हुए उसने अपनी क्रीम से भीगी हुई उँगलियों को अपनी कच्छी के अंदर खिसका दिया और अपनी चूत को उनसे मसलने लगी.
उसकी आँखे बंद हो चुकी थी पर उसकी उँगलियों कि थिरकन और चेहरे पर आ रहे भाव को देखकर लोकेश को समझ में आ रहा था कि उसे इस वक़्त कितना मजा आ रहा था
इस वक़्त तक लोकेश ने चप्पू चलना छोड़ दिया था और वो अपना मुंह और आँखे फाड़े काव्या को अपनी नाव पर मुठ मारते हुए देख रहा था , उसकी नुकीली छातियाँ नीले आसमान कि तरफ मुंह करके अपनी सुंदरता बिखेर रही थी.
काव्या ने अपनी आँखे खोली और बड़े ही सेक्सी स्टाईल में लोकेश को देखते हुए बोली : "वैसे अब इसका भी कोई मतलब नहीं रह गया है ''..
इतना कहते हुए उसने अपनी पेंटी को भी नीचे खिसका दिया और कुछ ही देर में उसकी गर्म पेंटी लोकेश के पैरों के ऊपर पड़ी हुई थी
अब वो पूरी नंगी थी, लोकेश तो उसकी नग्नता को देखकर सिहर उठा , इतनी जवान और कच्ची कली को उसने आज तक नंगा नहीं देखा था.
उसकी कच्छी कि धारियां उसके बदन पर साफ़ दिख रही थी , उनकी तरफ इशारा करते हुए उसने कहा : "इनके लिए तो इससे अच्छी जगह कोई और हो ही नहीं सकती थी टेनिंग के लिए ''..
उसकी चूत के ऊपर बना हुआ तिकोन बड़ा ही सेक्सी लग रहा था.
वो उसके बारे में कुछ बोलने ही वाला था कि काव्या कि उंगलियो ने अपनी चूत को फैलाया और अपनी बीच वाली ऊँगली अंदर खिसका कर अपने दाने को कुरेदने लगी , और साथ ही उसके मुंह से एक सेक्सी सी आवाज भी निकल आयी..
''आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। ....... उम्म्म्म ''
उसने अपनी मदहोश आँखे खोली और लोकेश कि तरफ देखते हुए बोली : "वैसे मेरा काम और भी आसान हो सकता है, अगर आप अपने शेर को पिंजरे से बाहर निकाल कर मुझे दिखा दो, और मेरे साथ आप भी मास्टरबेट करो, हो सकता है आप मुझसे पहले इस नाव पर अपना कम गिराने वाले इंसान बन जाए ''..
लोकेश ने हैरानी से पुछा : "तुम मजाक तो नहीं कर रही ??".
काव्या : "आपको क्या लगता है अंकल , मैं इस टाइम आपकी नाव पर नंगी बैठकर अपनी पुस्सी में फिंगरिंग कर रही हु, ये क्या मजाक लग रहा है, ऑफसौर्स, मैं ऐसा ही चाहती हु, जल्दी करो प्लीज ....''
उसका ऑफर ही इतना लुभावना था कि लोकेश ना कर ही नहीं पाया ..
उसने पलक झपकते ही अपनी केप्री और चड्डी निकाल कर नीचे रख दी , और अपने फुंकारते हुए लंड को आजाद कराया
काव्या : "अपनी टी शर्ट भी उतारो, मुझे आपकी चेस्ट भी देखनी है ''.
उसने अपनी चूत में ऊँगली डालते हुए बड़े ही सेक्सी अंदाज में कहा ..
gorgeous update.
 

Nevil singh

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Update 26

उसने अपनी टी शर्ट भी उतार दी, उसे पता था कि ऐसा मौका उसकी जिंदगी में कभी दोबारा नहीं आएगा..
काव्या तो उनके लंड को देखकर निहाल ही हो गयी, उसकी चूत के अंदर एक अजीब तरह कि खुजली होने लगी , पर उसे भी पता था कि अभी के लिए उसे क्या-२ करना है..
काव्या : "शर्माओ मत अंकल , करो आप भी मेरे साथ, हिलाओ इसे , जल्दी - २ , जोर से, कम ओन्न्न ……''
और इसके साथ ही उसकी उँगलियों कि थिरकन और भी तेज होने लगी ..
उसे अब भी विश्वास नहीं हो पा रहा था कि उसके जिगरी दोस्त कि बेटी उसके सामने नंगी होकर बैठी है और मास्टरबेट कर रही है..
उसने भी अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया, उसका सुपाड़ा स्किन के नीचे छिप जाता और फिर निकल आता, ये देखकर काव्या के अंदर कि मस्ती बढ़ती ही जा रही थी..
दोनों एक दूसरे को देख रहे थे, काव्या कि नजरे लोकेश के लंड पर थी और लोकेश कि नजरें उसकी जूसी पुस्सी पर ।
लोकेश ने देखा कि काव्या कि चूत में से गीलापन निकल कर बाहर रिसने लगा है, जिसे वो अपनी चूत के चेहरे पर मलकर उसे निखार रही थी , लोकेश के लंड से भी प्रीकम निकला, जिसे उसने अपने पूरे लंड पर मलकर उसे चिकना बना लिया, दोनों कि साँसे तेज होने लगी थी , दोनों के अंदर एक तूफ़ान जन्म ले चुका था
और अचानक लोकेश के थरथराते हुए लंड को देखकर काव्या के मुंह से निकला : "ओह्ह्हह्ह्ह्ह अंकल उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म ''
और उसके साथ ही उसने अपनी दो और उँगलियाँ अपनी चूत में उतार दी, ऐसा सीन और उसकी सेक्सी आवाज लोकेश के लिए बहुत थी, उसके ज्वालामुखी को बाहर निकालने के लिए ....
वो थोडा आगे खिसक आया और एक जोरदार हुंकार के साथ उसके लंड से गर्म -२ दूध निकलकर काव्या के ऊपर गिरने लगा .
वो तो उसकी तपन से जल सी गयी..
ढेर सारा रस नाव पर भी गिरा , जिसे देखकर और महसूस करते हुए काव्या कि उँगलियाँ भी तेज हो उठी और वो बुदबुदाने लगी
''अह्ह्ह्हह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म येस्स्स्स अंकल अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आई ऍम आल्सो कमिंग ..........'''''
और इसके साथ ही उसकी चूत से भी एक गर्म पानी कि बौछार बाहर कि तरफ निकल आयी , और एक बड़ी सी बूँद लोकेश के माल पर भी जाकर गिरी..
काव्या ने गहरी साँसे लेते हुए अपनी ऊँगली से अपने और लोकेश के रस को मिलाया और अपनी ऊँगली में लपेट कर उसे अपने मुंह के अंदर धकेल लिया और एक गहरी सांस लेते हुए उसे चूसने लगी
लोकेश ने तो सोचा भी नहीं था कि उसकी जिंदगी में ऐसा कुछ भी हो सकता है.
वो बेचारा अपनी साँसों पर काबू पाने कि कोशिश करता हुआ काव्या को अपना और उसका खुद का रस चाटते हुए देख रहा था..
उसने अपनी घडी देखि, अभी तो सिर्फ आधा घंटा ही हुआ था, लोकेश ने फिर से चप्पू चलाना शुरू कर दिया
काव्या तो मास्टरबेट करने के बाद वहीँ टावल पर लेट कर अपनी चूत कि परतों को मसल रही थी , उसके सेक्सी बदन को देखकर कब उसके लंड ने दोबारा अकड़ना शुरू कर दिया उसे भी पता नहीं चला
और लोकेश के लंड कि अकड़न काव्या से भी ज्यादा देर तक छुपी ना रह सकी
garmagarm update.
 

Nevil singh

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Update 27

काव्या : " वाव अंकल , मानना पड़ेगा, इतनी उम्र में भी आप जवानो से कम नहीं हो …लगता है अभी-२ जो प्रतियोगिता आपने जीती है, उसका इनाम देने का समय आ गया है ''
इतना कहते हुए वो अपने घुटनो और हाथों पर किसी कुतिया कि तरह चलती हुई लोकेश कि तरफ बढ़ने लगी..
अभी भी आधा घंटा था वापिस जाने में, कहाँ तो लोकेश पहले सोच रहा था कि एक घंटे तक क्या करेगा नदी में, और अब सोच रहा है कि एक घंटे से ज्यादा ठहर सकते तो कितना अच्छा होता पर वो ज्यादा देर तक ठहर कर समीर और रश्मि के मन में कोई शक़ भी पैदा करना नहीं चाहता था, आखिर उनकी जवान बेटी के साथ आया हुआ था वो.
लोकेश कि नजरें काव्या के लटक रहे थनों पर पड़ी, जो नीचे लटकने कि वजह से कुछ ज्यादा ही बड़े नजर आ रहे थे, अब काव्या ही अपनी तरफ से पहल कर रही थी, इसलिए लोकेश ने भी ज्यादा भाव खाना सही नहीं समझा , उसने अपने पैर को आगे किया और ऊपर करते हुए उसने उसके लटक रहे मुम्मे के निप्पल को अपने अंगूठे और उसके साथ वाली ऊँगली के बीच फंसा कर नीचे कि तरफ खींचा.
काव्या के मुंह से दर्द भरी सिसकारी निकल गयी : "अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीईरे। ……… दर्द होता है न ''...
उसने बड़े ही प्यार से अपनी गोल आँखे नचाते हुए लोकेश से कहा.
ये उसकी जिंदगी का पहला स्पर्श था, किसी मर्द का …
लोकेश ने फिर से चप्पू चलना छोड़ दिया और अपने दूसरे पैर को भी खिसका कर उसकी दूसरी ब्रेस्ट पर ले आया और अपने अंगूठे से उसके निप्पल को खुरचने लगा.
उसने अपने दोनों अंगूठों का दबाव ऊपर कि तरफ डाला जिसकी वजह से उसके दोनों लम्बे -२ निप्पल मुम्मों के मांस के अंदर घुस गए , वहाँ के गुदाजपन को अपने पैरों पर महसूस करके लोकेश को एक अलग ही आनंद प्राप्त हो रहा था , काव्या के दोनों निप्पल उसके अंगूठे पर किसी कील कि तरह चुभ रहे थे.
काव्या के लिए भी ये अलग किस्म का मजा था, उसका तो मन कर रहा था कि उसके पैर को पकड़ कर अपनी चूत पर रखे और उसकी सारी उँगलियाँ अंदर धकेल डाले , पर आज के लिए वो अपनी सीमा जानती थी, वो सिर्फ उतनी लिमिट तक ही जाना चाहती थी, जहाँ तक के लिए उसने और श्वेता ने डिसकस किया था.
वो सीधी होकर अपने घुटनों को मोड़कर उसके सामने किसी दासी कि तरह बैठ गयी और अपने दोनों हाथों को लोकेश के पैरों के ऊपर रखकर उनका दबाव अपनी छातियों पर डाला और उनसे मिल रही सिहरन का मजा महसूस करके सिसकने लगी.
उसने सिसकारी मारते हुए उसके अंगूठे को पकड़कर अपने मुंह कि तरफ किया और उसके मोटे से अंगूठे को पकड़कर अपने रसीले होंठों के अंदर रखा और उसे किसी लंड कि तरह से चूसने लगी.
अब अपनी आँखे बंद करके सिसकने कि बारी लोकेश कि थी, उसे ऐसा अनुभव हो रहा था कि जैसे काव्या उसका अंगूठा नहीं बल्कि लंड चूस रही है , दूसरे पैर से वो उसके निप्पल को पकड़कर बाहर कि तरफ खींचने लगा जैसे वो उसके बदन से उखाड़कर अलग ही कर देना चाहता हो , काव्या को भी दर्द हो रहा था पर उस दर्द का भी अलग ही मजा मिल रहा था उसे …
अपने दूसरे पैर को उसकी छाती को मसलने के बाद वो उसे नीचे कि तरफ ले गया और सीधा लेजाकर काव्या कि धधक रही चूत के ऊपर रख दिया , वो पहले से ही इतनी गीली थी कि लोकेश के पैर का अंगूठा घप्प से उसके अंदर घुस गया और काव्या अपनी कमर हिला-हिलाकर उसकी अकड़न को अपनी क्लिट के दाने पर मसलकर उसका आनंद उठाने लगी.
अब काव्या से सहन करना मुश्किल हो रहा था, उसने लोकेश के दोनों अंगूठों को अपने मुंह और चूत से बाहर निकाला और खिसक कर और आगे आयी और झपट कर उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया और सड़प करके उसे अपने मुंह के अंदर धकेल लिया..
ये था काव्या कि जिंदगी का पहला लंड , जिसे उसने अपने हाथों में पकड़ा था, और अब उसे अपने मुंह के अंदर ले कर उसे किसी लोलीपोप कि तरह चूस रही थी..
kaamuk drishye
 

Nevil singh

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Update 28

इतना मोटा, लम्बा और मुलायम त्वचा का लंड, कितनी अकड़ थी उसके अंदर , वो तो पागल सी हुई जा रही थी उसे अपने हाथों और मुंह के अंदर महसूस करते हुए , उसने अपनी जिंदगी के लगभग 18 साल निकाल दिए थे बिना किसी लंड को टच किये बिना और अब वो उन सभी सालों का हिसाब जल्द से जल्द चुकता कर देना चाहती थी.
वो अपनी जीभ से लोकेश अंकल के लंड के सुपाड़े को किसी आइसक्रीम कोन कि तरह चाट रही थी, और उसपर अनगिनत किस्सेस भी कर रही थी..
अपने लंड को मिल रही इतनी इज्जत से लोकेश भी खुश हो गया..
उसने एक हाथ से काव्या के बालों को पकड़ा और दूसरे से उसकी गर्दन दबोच ली और उसके सर को ऊपर नीचे करता हुआ अपने लम्बे लंड से उसके मुंह को चोदने लगा..
ये बेशक काव्या कि जिंदगी कि पहली लंड चुसाई थी, पर वो कर ऐसे रही थी कि लोकेश को भी लग रहा था कि वो काफी खेली खायी लड़की है..
और लोकेश मन ही मन हैरान भी हो रहा था कि इतनी सी उम्र में ही उसने लंड चूसने कि ऐसी महारत हासिल कर ली है , पर जो भी था, वो इन पलों का पूरा आनंद लेता हुआ अपना लंड चुस्वा रहा था ...
और जल्द ही उसके लंड ने जवाब दे दिया और एक के बाद एक कई रॉकेट उसके लंड से निकलकर काव्या के मुंह के अंदर पहुँच गए..
और वो अंत तक उसे चूसती रही..
जब वो पीछे हुई तो उसके दोनो गाल फूले हुए थे, यानि उसने लोकेश का माल अपने मुंह के अंदर ही इकठ्ठा किया हुआ था..
उसने लोकेश कि तरफ बड़े ही सेक्सी अंदाज में देखा और झील कि तरफ झुककर अपने होंठों को गोल करके एक पिचकारी मारी, और सारा माल बाहर निकाल दिया.
काव्या : "सॉरी, मुझे इसका स्वाद पसंद नहीं है, इसलिए निकाल दिया ''.
काव्या ने अपनी जिंदगी में आज पहली बार किसी के रस को अपने मुंह से चखा था, और थोडा अजीब सा स्वाद था वो ,इसलिए अंदर नहीं निगल पायी , शायद आने वाले टाइम में निगल पाये, पर आज नहीं …
गहरे नीले रंग के पानी पर लम्बी सी लकीर खिंच गयी सफ़ेद रंग कि, जो धीरे-२ पानी के अंदर विलीन हो गयी..
लोकेश : "यहाँ इतनी जगह नहीं है कि मैं ढंग से तुम्हारे इस अहसान का बदला चुका सकू ''.
काव्या : "कोई बात नहीं अंकल, अभी तो हमारे पास काफी दिन हैं यहाँ , शायद रात तक ही कोई रास्ता निकल आये ''.
अभी भी पंद्रह मिनट बचे थे, और ये बात काव्या भी जानती थी, उसने लोकेश को जल्द से जल्द वापिस चलने को कहा.
उसे पता था कि समीर और उसकी माँ पीछे से क्या करेंगे और वो देखना चाहती थी कि वहाँ क्या हो रहा है ....
लोकेश ने भी कोई बहस नहीं कि, वैसे भी, बेटी के बाद माँ के जलवे देखने के लिए वो भी उत्सुक था.
पर उन्हें क्या पता था कि जो आज वो देखने जा रहे हैं वो उन दोनों कि जिंदगी हमेशा के लिए बदल देगा
दूसरी तरफ, जैसे ही लोकेश और काव्या नाव पर बैठकर समीर कि नजरों से ओझल हुए, उसने नीचे खड़े-२ ही रश्मि को आवाज लगायी
समीर : "रश्मि …… रश्मि ....... जल्दी से नीचे आओ ''
bemishaal update.
 

Nevil singh

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Update 29

रश्मि ने खिड़की से अपना सर बाहर निकाला और बोली : "क्या हुआ जी , क्यों इतने उतावले हो रहे हो ''
समीर ने अपनी केप्री नीचे खिसका दी और अपना खड़ा हुआ लंड उसकी आँखों के सामने लहरा दिया ..
रश्मि ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया और बोली : "हाय , तुम्हे कोई शर्म है या नहीं, लोकेश भाई साहब और काव्या यहीं है अभी ....''
समीर : "नहीं , वो दोनों तो गए एक घंटे के लिए ''
इतना कहकर उसने दूर जाती हुई नाव कि तरफ इशारा किया..
अब रश्मि समझ गयी थी कि ये समीर का ही प्लान होगा शायद, काव्या और लोकेश को भेजकर वो खुलकर जंगल में मंगल करना चाहता था.
समीर ने उसे फिर से नीचे बुलाया और वहीँ से चिल्ला कर बोला : "जल्दी से नीचे आओ, और सुनो, बिना कपड़ो के ही आना ''.
इतना कहकर उसने अपने बचे हुए कपडे भी उतारकर साईड में रख दिए.
रश्मि ने आज तक समीर को किसी भी बात के लिए मना नही किया था, इसलिए अब भी नही करना चाहती थी, उसने सकुचाते हुए अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, और मन ही मन वो सोच भी रही थी की कैसे वो इतनी बेशरम हो सकती है की खुले मे नंगी होकर वो समीर के पास जाएगी, पर करना तो पड़ेगा ही, आख़िर उसके बॉस और पति का हुक्म जो था.
वैसे दोस्तो, पति को हमेशा ऐसी ही पत्नियाँ पसंद आती है, जो सेक्स के वक़्त उसकी बात को बिना सोचे-समझे मान ले,ये सब उसके मन में बसी हुई इच्छाये या फेंटसी होती है, जो वो अपनी पत्नी से पूरा करवाना चाहता है .. चाहे वो बात ग़लत हो या सही, तभी वो व्यक्ति अपनी पत्नी से पूरा संतुष्ट रह पाता है, वरना कब बाहर मुँह मारने लग जाए, उसे खुद भी पता नही चलता.
अपने मुम्मे छलकाते हुए वो नीचे आ रही थी जिसे देखकर समीर के लंड ने उसके पेट के ऊपर अपना सर दे मारा , वो भागकर उसके पास गया और उसके नंगे बदन से लिपट गया और उसे बेतहाशा चूमने लगा
चूमते-२ वो उसे झील के किनारे बिछायी हुई चादर के ऊपर ले आया और उसे नीचे लिटा कर उसकी छाती पर बैठ गया , और अपने लंड को उसके मुंह के सामने लहरा दिया, और बोला : "खोलो, मुंह खोलो जल्दी से …''
tadfti update.
 

Nevil singh

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Update 30

उसकी बेचैनी देखकर रश्मि कि भी हंसी निकल गयी, वो भी मजे लेते हुए बोली : "अगर ना खोलू तो …''
समीर ने झुक कर उसके बालों को पकड़ा और बेदर्दी से उसे ऊपर कि तरफ खींच कर थोडा ऊपर उठाया और बोला : "तो तकलीफ तुझे ही होगी, जल्दी कर अब ....''
रश्मि को भी समीर का ये मर्दाना अंदाज पसंद आ रहा था, वो तो हमेशा चाहती थी कि उसे बिस्तर पर कोई ऐसा मिले जो उसपर किसी दासी कि तरह हुक्म चलाये, उसे रोंदे, उसे मसले, उसकी फाड़ कर रख दे , और आज समीर के इस रूप को देखकर उसके मन को इतना सकून मिल रहा था ये समीर को भी नहीं पता चल पा रहा था..
उसने मुंह खोल दिया.
समीर ने अपने दूसरे हाथ में अपने लंड को पकड़कर उसके खुले हुए मुंह के अंदर धकेल दिया और अपनी आँखे बंद करके उसमे धक्के मारने लगा , रश्मि ने भी अपने होंठों के फंदे में अपने मालिक के लंड को जकड़कर उसे चूसना और चुभलाना शुरू कर दिया.
रश्मि ने समीर के घुटनों को पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींचकर धक्को में एक लय सी बाँध ली और समीर भी तेजी से धक्के मारता हुआ उसके मुंह को बुरी तरह से चोदने लग गया.
एक बार तो उसने इतना तेज धक्का मारा कि रश्मि के गले के अंदर तक उसका लंड घुस गया और उसे सांस लेने में भी मुश्किल होने लगी, समीर ने थोड़ी देर के लिए अपना हथियार बाहर निकाला और फिर जब वो ठीक हुई तो दोबारा अपना थूक से भीगा हुआ लंड उसके मुंह के अंदर पेल दिया.
उसके बाद दो बार और वही हुआ तो समीर ने आखिरकार अपना लंड बाहर ही निकाल लिया, रश्मि कि हालत खराब हो रही थी, ऐसा लग रहा था कि उसे उलटी आ जायेगी, पर पति को मना भी नहीं कर रही थी वो, ये देखकर समीर को काफी अच्छा लगा, उसने रश्मि को उसका इनाम देने कि सोची और धीरे से खिसक कर नीचे कि तरफ जाने लगा.
रश्मि समझ गयी कि अब क्या होने वाला है, उसकी साँसे तेज होने लगी, और जैसे ही समीर ने उसकी चूत के ऊपर अपनी जलती हुई जीभ रखी,
वो तड़प उठी और अपना ऊपर का हिस्सा हवा में उठाकर समीर के सर को अपनी चूत कि भट्टी में झोंक दिया.
वो भी किसी पालतू कुत्ते कि तरह उसकी चूत से रिस रहे गर्म और मीठे पानी को चाट रहा था , उसकी नाक चूत कि लकीर पर घिसाई कर रही थी जिसका एक अलग ही आनंद रश्मि को मिल रहा था
समीर ने उसकी चूत के होंठों को अपने हाथ से फैलाया और अंदर बैठी हुई क्लिट को अपने होंठों के बीच फंसा कर बाहर कि तरफ खींचा , रश्मि को तो ऐसा लगा जैसे उसकी आत्मा को बाहर निकाल रहा है कोई, उसने खुले हुए मुंह से समीर के सर को पकड़कर उसे पीछे कि तरफ धकेला, पर समीर ने उसके दाने को नहीं छोड़ा, वो उसे चूसता ही रहा, चूसता ही रहा
पेड़ो के बीच , रश्मि कि तेज चीखें गूँज रही थी, उसे अपने ऊपर कोई कण्ट्रोल नहीं रह गया था, वो पागलों कि तरह समीर से अपनी चूत चुसवाती हुई सिस्कारियां मार रही थी
और अचानक उसने वो पल महसूस किया जिसके लिए ये सब हो रहा था, उसके अंदर का ओर्गास्म एक जोरदार आवाज के साथ बाहर निकल आया और वो निढाल सी होकर अपनी साँसों पर काबू पाने कि कोशिश करने लगी
"उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म मजा आ गया, थेंक यू … '' रश्मि ने बड़े ही प्यार से समीर के बालों में हाथ फेरते हुए कहा .
''अभी तो और भी बहुत कुछ बाकी है '' इतना कहते हुए वो उसकी जांघो , पेट और नाभि को चूमता हुआ ऊपर आने लगा, बीच में उसकी पहाड़ियों पर भी अपने गीले होंठों के निशान छोड़ता हुआ, उसके निप्पल को मुंह में चूसकर, दूसरे को अपनी उंगलिओं से दबता हुआ, और आखिर में उसके चेहरे को अपनी जीभ से साफ़ करते हुए, उसके होंठों को चूसने लगा, रश्मि को उसके होंठों से अपनी चूत के रस कि खुशबु आ रही थी
वो दोनों काफी देर तक एक दूसरे को चूसते रहे , रश्मि का हाथ समीर के लंड पर किसी पिस्टन कि तरह चल रहा था
रश्मि ने समीर कि आँखों में देखते हुए धीरे से कहा : "यानि, अब आप मुझे चोदोगे ??"
आज पहली बार रश्मि ने चुदाई शब्द का इस्तेमाल किया था, और वो भी इसलिए कि उसे पता था कि समीर को ऐसी भाषा में बोलना और सुनना पसंद है, वो तो पहले से ही उत्तेजित था, रश्मि के मुंह से चुदाई शब्द सुनकर वो उत्तेजना के मारे हकलाने सा लग गया और बोला : " हआ न। … मेरी जान .... सालि रांड .... अब मैं चोदुंगा ते.... ते.... तेरी चू.. चूत को , अच्छी तरह से लूँगा तेरी मैं अब ....''
bahad umda likhavat se bhari update.
 

Nevil singh

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Update 31

रश्मि जानती थी कि ऐसी बातें करके वो समीर को और भी ज्यादा उत्तेजित कर सकती है, उसकी उत्तेजना और मर्दानगी को बढ़ाने के लिए उसने समीर से कहा : "आप मेरी चूत मारोगे और मैं मारने दूंगी, ऐसा हर बार तो होगा नहीं, मेरा काम तो हो चूका है, मैं अब आपको अपनी चुदाई नहीं करने दूंगी ''.
उसकी आँखों में एक शरारत भी थी, जिसे समीर देख भी पा रहा था और उसकी बातों को समझकर वो जान भी गया था कि वो ऐसा क्यों कह रही है.
उसने उसके बालों को पकड़ा और बोला : "अगर तुम मुझे मना करोगी तो मुझे तुम्हारे साथ जबर्दस्ती करनी पड़ेगी ''..
रश्मि : "करके दिखाओ ''
उसने जैसे चेलेंज किया समीर को ..
रश्मि के इतना कहते ही समीर ने उसे बालों से पकड़ते हुए ऊपर उठाया और उसके एक हाथ को पीछे कि तरफ मोड़ते हुए उसे एक तरफ चलने को कहा..
वो एक हाथ से उसके बाल और दूसरे से उसकी बाजू को पकड़कर उसे जानवरों कि तरह चलाता हुआ एक पेड़ के पास तक ले आया और उसे पेड़ के तने से चिपका कर खड़ा कर दिया, उसके नाजुक -२ मुम्मे और खड़े हुए निप्पल, पेड़ के कठोर तने से पीसकर रगड़ खा गए और रश्मि के मुंह से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गयी.
समीर उसके नंगे बदन से लिपटकर खड़ा हो गया और उसकी उभरी हुई गांड पर अपने लंड को रगड़कर अपनी जीभ से उसकी कमर को चाटने लगा.
और फिर वो थोडा सा झुका और उसकी टांगों को खोलकर अपने लंड के लिए जगह बनायीं और अपनी उँगलियों में ढेर सारी थूक लेकर अपने लंड पर लगायी और उसे रश्मि कि चूत पर रखकर नीचे से ऊपर कि तरफ एक जोरदार धक्का दिया.
रश्मि को ऐसा लगा कि उसके पीछे से कोई मिसाइल अंदर घुस गयी है, उसने अपनी टाँगे और भी फेला दी, और थोडा और झुककर समीर के लंड को पूरी तरह से अपने अंदर ले लिया.
दोनों के मुंह से सिस्कारियां निकल रही थी.
''चोदो मुझे समीर …ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही …येस्स्स्स्स उम्म्म्म्म्म्म्म अंदर तक डालो, फाड़ डालो मेरी चूत को …… अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह समीईईर अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
अपनी बीबी को किसी रंडी कि तरह बर्ताव करता हुआ देखकर समीर पर जैसे कोई भूत चढ़ गया, वो अपने लंड को पूरा बाहर निकालकर फिर से अंदर डालने लगा और हर बार पूरा लंड अंदर बाहर महसूस करके रश्मि को भी बहुत मजा आ रहा था.
अचानक उसने अपने पुरे लंड को बाहर ही निकाल लिया , रश्मि पर भी अब तक दूसरे ओर्गास्म का नशा चढ़ने लगा था , वो अपनी गांड पीछे करती हुई उसके लंड के लिए तड़प उठी और बोली : "डालो न, जल्दी से अपना मोटा लंड, मेरी चूत में उम्म्म्म्म्म्मा ''
पर समीर के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.
उसने अपने लिसलिसाते हुए लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और अंदर धकेलने लगा..
रश्मि के पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गए, वो कसमसाई और धीरे से बोली : "नहीईईईइ …… वहाँ नहीं ....''
ये शायद पहली बार था जब उसने समीर को किसी काम के लिए मना किया था, और बॉस को ये बात पसंद नहीं आयी, उसने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसकी बोलती बंद कि और एक जोरदार झटके से अपने लंड को और अंदर धकेल दिया
रश्मि के मुम्मे पेड़ के तने से रगड़ खाते हुए ऊपर कि तरफ उछल गए.
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Nevil singh

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Update 32

रश्मि को बहुत दर्द हो रहा था, पर उसे पता था कि अब समीर मानने वाला नहीं है, उसने अपने होंठों को दांतों के बीच दबा कर अपने दर्द पर काबू पाने कि कोशिश कि, और इसी बीच समीर के एक और झटके ने उसे ऊपर कि तरफ उछाल दिया, उसके दोनों पैर एक पल के लिए हवा में लटक गए, और जब वो नीचे आये तो उसके भार के साथ-२ उसकी गांड के छेद ने अपने अंदर समीर के लंड को पिरो लिया.
अब समीर का लोड़ा उसकी गांड के पूरा अंदर तक था.
समीर थोड़ी देर तक रुका रहा और उसके कानों और गर्दन को चूमता रहा.
और फिर धीर-२ उसने पीछे से धक्के मारने शुरू कर दिए..
उसका एक हाथ आगे आकर उसकी चूत को भी सहला रहा था
समीर से मिल रहे हर झटके से वो ऊपर तक उचक जाती और फिर नीचे आती, अब उसे भी मजा मिलने लगा था , वो भी ऊपर नीचे उचक कर समीर का साथ देने लगी थी
समीर ने अपना पूरा लंड बाहर खींचा और फिर से उसकी चूत में डाल दिया , और फिर धीरे से निकालकर वापिस रश्मि कि गांड मारने लगा, समीर अपने सिंगल मोबाइल से रश्मि को डबल सिम का मजा दे रहा था और उसके दोनों नेटवर्क कवर कर रहा था .
और ऐसे ही झटके मारते हुए एक जोरदार उछाल के साथ समीर ने अपनी दो दिन कि जमापूंजी रश्मि कि गांड कि गुल्लक में डाल दी..
और फिर उसने धीरे-२ अपना गन्ना बाहर खींच लिया, पीछे-२ उसके गन्ने का रस भी फिसलकर बाहर आने लगा और रश्मि कि जांघो और टांग से होता हुआ नीचे तक पहुँच गया
और किसी पालतू दासी कि तरह रश्मि उसके सामने बैठ गयी और अपने मालिक के लंड को साफ़ करके चमका दिया
पर अभी रश्मि कि शरारते ख़त्म नहीं हुई थी , उसने समीर के लंड को पकड़ा और उसे पकड़कर झील कि तरफ ले जाने लगी
झील में थोड़ी ही दूर एक पत्थर था, वहां पहुंचकर रश्मि ने समीर को उसपर बैठने को कहा, समीर अपनी गांड टिकाकर उस ठंडी चट्टान पर बैठ गया , ठंडी हवा और नीचे से मिल रही चट्टान की ठंडक ने उसके शरीर में झुरझुरी सी दौड़ा दी.
रश्मि के चेहरे पर शरारत के भाव थे...
वो नीचे झुकी और समीर के मुरझाये हुए लंड को पकड़कर अपने मुंह में ले लिया , उसको चूसते हुए बाहर निकाला और फिर अपनी जीभ से उसको चाटने लगी.
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रश्मि sssssssssssssssssssssss ''
यानी उसको मजा आ रहा था.
समीर ने उसके सर पर हाथ रखकर कहा : "अगर अब मैं मना करू तो ....''
रश्मि के चेहरे के भाव बदल गए और वो अपनी आँखे नचाते हुए बोली : "मना कर के तो देखो आज, खा जाउंगी इसको ....''
उसने समीर के खड़े होते हुए लंड को खीरे की तरह लहराते हुए कहा..
बस यही भाव देखकर एक झटके में समीर का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर फिर से लहराने लगा.
पर समीर अभी भी जॉली मूड में था..
समीर : "देखो, मैंने अभी - २ अपना माल निकाला है, इतनी जल्दी दोबारा नहीं कर सकता ''.
इतना सुनते ही रश्मि ने एक खूंखार आवाज के साथ उसके लंड और बॉल्स को एक साथ अपने मुंह में ले लिया..
समीर अपना मुंह खोलकर खड़ा हो गया पानी के अंदर.
पर रश्मि ने उसके लंड और टट्टो को नहीं छोड़ा, वो उन्हें चूसती रही, और उनका रस पीती रही..
और जब उसे लगा की अब वो अंदर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है तो वो फिर से समीर को किनारे की तरफ ले गयी, जहाँ गीली मिटटी और हल्का फुल्का पानी था, वहां लेजाकर उसने समीर को नीचे लिटाया और खुद उसके ऊपर सवार होकर अपने मोटे मुम्मे उसके आगे लटका दिए..
समीर ने लपककर उसके दोनों मुम्मे पकडे और उन्हें जोर-२ से दबाने लगा, उसका लंड अपने आप उसकी चूत के ऊपर ठोकरें मारने लगा, रश्मि ने भी अपनी गांड ऊपर नीचे की और बिना हाथ लगाये उसके लंड के टोपे को सही जगह पर लगा दिया, और फिर उसकी आँखों में एक अजीब सा नशा उत्तर आया और उन्हें देखते हुए समीर ने नीचे से अपना लंड वाला हिस्सा ऊपर उचका दिया और एक ही शॉट में उसे गीली चूत के अंदर पहुंचा दिया .
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Nevil singh

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Update 33

''ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह समीर स्स्स्स्स्स्स्स्स ……"
वो इतनी तेज चीखी थी की उनकी आवाज वापिस आ रहे काव्या और लोकेश को भी सुनाई दे गयी, दोनों ने एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखा और रहस्यमयी हंसी हँसते हुए जल्दी से किनारा आने की प्रतीक्षा करने लगे..
रश्मि ने समीर के लंड के ऊपर नाचते हुए पीछे मुड़कर देखा , अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ समीर का लंड इतना प्यारा लग रहा था उसे की उसका मन हुआ की अभी नीचे उतरे और उसे कचर कचर करते हुए पूरा खा जाए .....
ऐसा सोचते ही उसकी चूत के अंदर अजीब सी बेचैनी होने लगी, उसे पता चल गया की उसकी चूत का ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है , वो और तेजी से उसके ऊपर कूदने लगी, अपने मुम्मे अपने ही हाथों से मसलते हुए, उन्हें समीर के मुंह के आगे परोसते हुए, अपनी चूत मरवाते हुए, पागलो की तरह चिल्लाते हुए, वो अपनी चूत बुरी तरह से मरवा रही थी...
अचानक वो पलट कर उसके पैरों की तरफ मुंह करके बैठ गयी, क्योंकि इस एंगल में समीर का लंड पूरा अंदर तक जा रहा था..
उसके लंड को अपनी चूत की दीवारों पर रगड़ खाता पाकर, अपने मुम्मों को अपने हाथों से मसलकर वो जोर-२ से चिल्लाने लगी..
और एक जोरदार झटके के उसके अंदर का ज्वालामुखी फट गया और वो नीचे गिर पड़ी..
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं तो गयी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह समीर उम्म्म्म्म्म्म.........मैं तो गयी ''
समीर अभी थोड़ी देर पहले ही झड़ा था, इसलिए उसे अभी बहुत टाइम लगने वाला था..
और वो इस टाइम का फायदा उठा कर रश्मि को हर एंगल में चोदना चाहता था..
उसने रश्मि को नीचे उतारा और उसे वहीँ गीली मिटटी पर घोड़ी बना दिया और उसके पीछे खड़ा होकर उसने उसकी उभरी हुई गांड के अंदर अपना लंड पेल दिया..
रश्मि को वो सब सिर्फ महसूस ही हो रहा था, कोई मजा नहीं मिल रहा था, वो तो बस अपनी गांड ऊँची किये, किसी गली की कुतिया की तरह अपनी गांड मरवा रही थी..
अगले पांच मिनट तक उसकी गांड के सारे पेंच ढीले कर दिए समीर ने, अब तो वो अपने पूरे लंड को बाहर खींचता और फिर से अंदर डालता, और वो भी बिना हाथ लगाये, उसे ख़ुशी हो रही थी की एक ही दिन में रश्मि की गांड ने उसे पहचानना शुरू कर दिया है, इसलिए बिना रोक टोक उसे अंदर ले रही है.
उसने फिर से एंगल बदला और खुद को नीचे बिठा कर उसे अपनी गॉड में बिठा लिया और उसकी गांड मारने लगा.
ऐसा करते हुए वो उसके होंठों को भी चूस पा रहा था और उसके हिलते हुए मोटे मुम्मों को भी देख पा रहा था...
समीर ने उसकी गर्दन को चूसते हुए पूछा : "अह्ह्हह्ह रश्मि , कैसा लग रहा है ''
अब रश्मि का तो काम पहले ही हो चूका था, इसलिए उसे सिर्फ समीर का लंड अंदर बाहर आता हुआ महसूस हो रहा था, फिर भी समीर को बुरा न लगे, और उसका साथ देने के लिए वो कंपकंपाती हुई आवाज में बोली : "उम्म्म्म्म्म इतना लम्बा लंड है तुम्हारा, इसे अंदर लेकर तो सिर्फ मस्ती ही आती है, बहुत मजा आ रहा है डार्लिंग, यू आर फकिंग में रियली वेल्ल ''
अपनी और अपने शागिर्द की तारीफ सुनकर समीर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया और किसी ड्रेकुला की तरह अपने दांतों को उसकी गर्दन में गाड़कर उसकी नरम खाल पर अपने दांतों के निशान छोड़ने लगा...
और ऐसा करते हुए उत्तेजना के मारे समीर के मुंह से गलियों की बौछार सी होने लगी
''अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह साली कुतिया, भेन चोद ,ले मेरा लंड अपनी गांड में, साली रंडी , तेरे अंदर कितनी आग है, भेन की लोड़ी, हमेशा तैयार रहती है मेरा लंड लेने के लिए, तुझे तो गली के कुत्तों से चुदवाऊँगा एक दिन , तेरी चूत की सारी खुजली मिटवा दूंगा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
ramniye update.
 
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