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Erotica सौतेला बाप (Completed)

Nevil singh

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Update 34

और उसे पता चल गया की वो वक़्त आ गया है जब आज के दिन का आखिरी शरबत उसके लंड से निकलने वाला है...
पर अब वो सारा रस रश्मि के मुंह में निकालना चाहता था, उसने जल्दी से अपना खीरा उसकी गांड से बाहर निकाला और उसे नीचे बिठा कर उसके सामने खड़ा हो गया, और रश्मि ने भी झट से अपने मालिक के लंड को अपने मुंह के अंदर लिया और उसे चूसने लगी..
और तभी एक तड़तड़ाहट के साथ समीर के लंड से सफ़ेद रस की लहरें निकालकर उसके मुंह के अंदर जाने लगी, उसने भी बिना किसी झिझक के वो सारी मलाई अंदर निगल ली और उसे चाट चाटकर पीने लगी
और यही वो वक़्त था जब समीर की नजरें पीछे खड़ी हुई नाव पर पड़ी, जिसमे बैठे हुए काव्या और लोकेश अपना मुंह फाड़े न जाने कब से उनकी चुदाई का वो खेल देख रहे थे..
एक पल के लिए तो समीर को समझ में नहीं आया की वो क्या करे, वैसे तो लोकेश के साथ मिलकर उसने ना जाने कितनी लड़कियों को एक दूसरे के सामने ही चोदा था, पर आज जिसे वो चोद रहा था वो उसकी पत्नी थी, और फिर ना जाने कैसे उसके मन में आया की पत्नी है तो क्या हुआ, है तो वो एक औरत ही न, लोकेश ने पहले भी उसे कितनी औरतों को चोदते हुए देखा है, अगर उसकी पत्नी को भी देख लिया तो क्या हुआ..
और फिर उसका ध्यान काव्या की तरफ गया, जो बिना पलकें झपकाये अपनी माँ को समीर का लंड चूसते हुए देख रही थी ..
काव्या को देखकर एक पल के लिए तो समीर घबरा गया और अंदर भागने की सोचने लगा पर फिर न जाने क्या सोचकर वो वहीँ खड़ा रहा और अपनी नयी बेटी को अपना खड़ा हुआ लंड उसकी माँ के हाथों चूसता हुआ दिखने लगा..
एक कच्ची कली को देखकर जो हाल एक 45 साल के इंसान का होता है, वही हाल समीर का हो रहा था, उसने नोट किया की काव्या की नजरें उसके भरे हुए लंड से हट ही नहीं रही है , यानी उसका भी चांस है काव्या को चोदने का ......ये सोचकर वो अपनी मर्दानगी पर मंद ही मंद मुस्कुराने लगा ..
समीर को मंद -२ मुस्कुराता हुआ देखकर, उसकी नजरों का पीछा करते हुए रश्मि एक झटके से पलटी और लोकेश और अपनी बेटी को वहां पाकर उसके तो होशो -हवास ही उड़ गए, उसने झटके से पास पड़े हुए टावल को उठाया और समीर को दिया और खुद को पास ही पड़ी एक चादर से ढक लिया ..
रश्मि : "आप बोल नहीं सकते थे की ये लोग वापिस आ गए हैं, आपको शर्म नहीं आई ये सब इन्हे दिखाते हुए, ''
समीर अपना टावल लपेटता हुआ बोला : "मैंने भी अभी देखा इन्हे, अब इतना भी इशू मत बनाओ इस छोटी सी बात का, काव्या भी अब इन बातों को समझती है ''
उसने मुस्कुराते हुए काव्या की तरफ देखा, जिसने एक तिरछी नजर अपनी माँ पर डाली और दूसरी समीर पर, और फिर बिना कुछ बोले वहां से भागकर ऊपर अपने कमरे में चली गयी..
लोकेश : "यार, तूने ही तो कहा था एक घंटे के बाद आने के लिए, देख ले, पुरे एक घंटे के बाद ही आये हैं, वरना मेरा इरादा तुम लोगो को ऐसा देखने का बिलकुल भी नहीं था, सॉरी भाभी .....''
और इतना बोलकर वो भी अपने रूम में चला गया..
समीर जानता था की अभी एक घंटा नही हुआ है, उसके हरामीपन पर वो फिर से मुस्कुरा दिया..
समीर को बेशर्मों की तरह मुस्कुराता हुआ देखकर रश्मि गुस्से में अपना पैर पटकते हुए ऊपर अपने कमरे की तरफ चल दी.
और उसके पीछे -२ समीर भी.
behtreen update.
 

Nevil singh

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Update 35

वो मन ही मन सोच रहा था की ये वाक़या ना जाने क्या रंग बिखेरेगा उसकी जिंदगी में...
रश्मि ने उसके बाद समीर से कोई बात नहीं की, वो अपना मुंह फुला कर दूसरी तरफ मुंह करके लेटी रही , उसकी हिम्मत अपनी बेटी के सामने जाने की भी नहीं हो रही थी , समीर ने भी उसके साथ बात करने की कोई कोशिश नहीं की, वो भी उसके साथ ही जाकर सो गया
दूसरी तरफ, काव्या की आँखों के सामने अभी तक उसकी माँ ,समीर का लंड चूसते हुए दिख रही थी. किस तरह से वो उसके सामने दासी की तरह बैठी थी, समीर के लम्बे लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी, और उसकी मलाई को भी कैसे चपर -२ करके खा गयी, पूरी रंडी लग रही थी उसकी माँ उस वक़्त..
और उसकी माँ का ये रूप देखकर काव्या भी हैरान थी, उसने सोचा भी नहीं था की सेक्स के मामले में वो ये सब भी करती होगी, पर पिछले कुछ दिनों में जो उसने देखा था, उसे देखकर तो उसकी सारी धारणाएं ही बदल गयी थी अपनी माँ के बारे में, वो आजकल की लड़कियों की तरह ही सेक्स की दीवानी थी, लंड चूसने में और अपनी चूत चुस्वाने में उसे बड़ा मजा आता था, और चुदवाते हुए चीखने में भी उसका कोई जवाब नहीं था, काव्या की सोच में पहले उसकी माँ एक कंजरवेटिव औरत थी, पुराने ज़माने की औरतों की तरह, जो सिर्फ टाँगे पसार कर , बिना किसी फोरप्ले के , चुदाई करवाती थी, पर दो-तीन बार उन्हें देखने के बाद काव्या को पता चला था की वो कितना गलत सोचती थी अपनी माँ के बारे में, वो सेक्स का मज़ा लेने में सच में उसकी माँ थी ...
वैसे होना भी यही चाहिए, औरत चाहे बीस साल की हो या चालीस की, चुदाई के समय उसे रंडी जैसा बिहेव करना चाहिए, ऐसा करने में उसे भी मजा आएगा और उसके पार्टनर को भी..
और काव्या को समझ में आ रहा था की ये सब उसकी माँ किस वजह से कर रही है ........
समीर की वजह से.
क्योंकि जहाँ तक उसे याद है, समीर से शादी के बाद ही ऐसे चेंज आये है उसकी माँ में, कहाँ तो वो पहले उसके सामने कपडे बदलने में भी शर्माती थी, और आज ऐसे खुले में नंगी होकर समीर का लंड चूस रही है.
कितना बदल दिया है उसके सौतेले बाप ने उसकी माँ को , और सौतेले बाप समीर का नाम आते ही उसकी सोच का रुझान उसकी तरफ चल दिया..
उसके सामने समीर का बलिष्ट शरीर और उसकी टांगो के बीच लटकता लम्बा लंड लहराने लगा, और उसके बारे में सोचते ही उसकी खुद की टांगो के बीचो बीच एक टीस सी उभर आई..
और उसके हाथ लहराकर अपने आप वहां पहुँच गए , और उसे वहां पर गीलापन देखकर आश्चर्य बिलकुल भी नहीं हुआ.
एक ही दिन में दो-२ लंड देखकर ऐसा गीलापन तो स्वाभाविक ही था , पहले लोकेश अंकल का और फिर अपने नए बाप का..
काव्या ने अपना तकिया अपनी टांगो के बीच फंसाया और उसके ऊपर उलटी होकर लेट गयी..
और फिर उसके ऊपर लेटकर ऐसे हिलने लगी, जैसे तकिये की चुदाई कर रही हो , आगे पीछे हिलकर वो उसके ऊपर अपने पूरे शरीर को झुलाने लगी …हिलाने लगी ....
आँखों के सामने कभी लोकेश अंकल नाव पर नंगे बैठे हुए अपना लंड मसलते हुए दीखते और कभी समीर झील के किनारे खड़ा होकर अपना लंड चुसवाते हुए दिखता..
और वो सब सोचते-२ कब उसकी चूत ने तकिये को गीला कर दिया, उसे भी पता नहीं चला, बस उसके मुंह से गर्म साँसे निकल रही थी , जिसकी तपन उसे अपने चेहरे पर भी महसूस हो रही थी..
अपनी आँखों में रंग बिरंगे सपने बुनते-२ कब उसे नींद आ गयी उसे भी पता नहीं चला.
और ग्राउंड फ्लोर पर अपने आलिशान कमरे में घुसते ही लोकेश ने अपने सारे कपडे उतार फेंके और अपने लंड को बुरी तरह से मसलने लगा...
parsanshniye update.
 

Nevil singh

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Update 36

आज जो उसने देखा था, वो आज से पहले कभी नहीं देख सका था, एक ही दिन में माँ-बेटी को नंगा देखने का सौभाग्य हर किसी के नसीब में नहीं होता.
एक तरफ काव्या की कच्ची जवानी थी और दूसरी तरफ रश्मि का हरियाली कबाब जैसा मांसल शरीर.
रश्मि जिस तरह से समीर के लंड को चूस रही थी , उसे पूरा विश्वास था की चुदाई के समय वो पूरा मजा लेने वाली मस्तानी औरत है.
रश्मि और काव्या को याद करते -२ उसका लंड बुरी तरह से फ़ुफ़कारने लगा..
उसने जल्दी से फ़ोन उठाया और रिसोर्ट के रिसेप्शन पर फ़ोन लगाया..
लोकेश : "रितु, जल्दी से मेरे कमरे में आओ, फ़ौरन ....''
बस इतना कहकर उसने फ़ोन पटक दिया और अपने लंड को सहलाकर शांत कराने की कोशिश करने लगा ..
पांच मिनट के अंदर ही दरवाजे पर खट-२ हुई, लोकेश नंगा ही भागकर वहां गया और दरवाजा खोल दिया .
सामने होटल की रिसेप्शनिस्ट रितु खड़ी थी, सिल्वर कलर का ब्लाउसौर पर्पल कलर की साडी पहन कर , जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी , नीचे उसने हील वाले सेंडल पहने हुए थे . .
लोकेश ने उसका हाथ पकड़कर अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया और फिर उससे बुरी तरह से लिपट कर उसके जिस्म को अपने हाथों से रोंदने लगा..
रितु (हँसते हुए) : "रुकिए सर, इतने उतावले क्यों हो रहे हो , आराम से करिये न, मुझे वापिस रिसेप्शन भी सम्भालना है, कपडे मत फाड़िए मेरे ''
लोकेश थोड़ी देर के लिए शांत हुआ और गहरी साँसे लेता हुआ बेड पर जाकर बैठ गया..
लोकेश : "चल, जल्दी से उतार ये सारे कपडे , और नंगी हो जा ''
रितु ने कातिलाना हंसी में मुस्कुराते हुए, अपने बॉस की बात मानते हुए, धीरे-२ अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए..
रितु : "मैं अभी थोड़ी देर पहले सोच ही रही थी, आपको आये हुए इतनी देर हो गयी, मुझे बुलाया ही नहीं, कोई गलती हुई है क्या मुझसे "
अपनी ब्रा को उतारते हुए उसने बड़े ही सेक्सी अंदाज में लोकेश से कहा..
लोकेश और समीर ने ना जाने कितनी बार रितु की चुदाई की थी मिलकर, वो जब भी रिसोर्ट में आकर ठहरते , रितु उनके साथ ही रहती थी, पूरी नंगी होकर वो उनके कमरे में घूमती रहती, जिसका जब मन करता, उसकी चूत और गांड मार लेता..
पर इस बार समीर अपनी नयी बीबी और बेटी के साथ आया था, और लोकेश को अभी तक रितु को बुलाने का टाइम ही नहीं मिल पाया था, इसलिए रितु ऐसी शिकायत कर रही थी..
जैसे ही रितु ने अपने शरीर का आखिरी कपडा उतारा, लोकेश उसके सामने जाकर खड़ा हुआ और उसे धक्का देकर उसके पंजों पर बिठा दिया और अपने लंड को उसके चेहरे के सामने लहरा दिया, जिसे रितु ने एक ही बार में पकड़ा और उसे चूसना शुरू कर दिया..
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स चूऊस साली ''
jabardast update.
 

Nevil singh

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Update 37

लोकेश के जहन में रश्मि भाभी की तस्वीर दौड़ने लगी, जो थोड़ी देर पहले उसी अवस्था में समीर का लंड चूस रही थी...
उसने रितु के सर को पकड़ा और अपने लंड से उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया..
रहा नहीं जा रहा था उससे , और वो सब करते हुए उसकी आँखे भी बंद थी.
वैसे एक बात है, जो भी लड़की या लड़का सेक्स करते हुए अपनी आँखे बंद कर लेते है, और लम्बी -२ सिस्कारियां लेते है, वो उस वक़्त अपने सामने वाले पार्टनर के बारे में नहीं, बल्कि किसी और ही के बारे में सोच रहे होते है, कोई पुराना आशिक़, कोई क्रश या फिर कोई फेंटेसी …
और यही इस वक़्त लोकेश भी कर रहा था, उसकी आँखों के सामने एक नहीं बल्कि दो-२ तस्वीरें तैर रही थी , माँ और बेटी की..
लोकेश ने रितु को एक टेबल पर बिठाया और उसकी टांगो को खोलकर अपनी खोलती हुई जीभ उसकी चाशनी उगल रही चूत के ऊपर रख दी और अपनी जीभ को घुमा घुमाकर जलेबियाँ बनाने लगा..
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म ''
रितु ने लोकेश के सर को पकड़ कर अपनी अंदर ठोंस लिया, जितना अंदर हो सकता था , उतना अंदर …
रितु के अंदर एक आग सी लगनी शुरू हो गयी थी, वो एक ऐसी रंडी थी जो एक बार सुलगने पर बुरी तरह से जलती भी थी और सामने वाले को जलाती भी थी..
और अपनी जलन को महसूस करते ही वो अपने फेवरेट रोल प्ले पर उतर आई , जैसा वो अक्सर पहले भी करती थी , लोकेश और समीर से चुदते वक़्त..
रितु : "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पापा ............. अब मत तरसाओ ………आओ न , आपकी बेबी चुदना चाहती है अब ……''
लोकेश भी रोल प्ले में उसका साथ देने लगा
लोकेश : "उम्म्म्म्म्म्म माय डॉल , कम टू पापा ''
और उसने नंगी रितु को अपने गले से लगा लिया और उसकी ही चूत के पानी को उसके होंठों पर रगड़कर उसे पिलाने लगा
ऐसी हालत में तो रितु लोकेश का पेशाब भी पी जाती, ये तो फिर भी उसकी अपनी चूत का रस था, वो अपनी लम्बी जीभ निकाल कर लोकेश के पूरे मुंह को पालतू कुतिया की तरह चाटने लगी
और फिर लोकेश को सोफे पर धक्का देकर वो 69 की पोजीशन पर आ गयी और दोनों एक दूसरे के अंगो को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करने लगे..
आज तो रितु ऐसे चूस रही थी , जैसे वो लोकेश के गन्ने का सारा रस निचोड़कर पी जाएगी..
और लोकेश भी उसकी दोनों जाँघों को पकड़कर उसकी चूत के सागर में अटके उस मोती को अपनी जीभ से कुदर रहा था जैसे उसे बाहर निकल लेना चाहता हो..
उसकी जीभ की कुतरन से रितु बावली हो उठी और अपनी चूत को जोरों से उसके मुंह पर मारती हुई जोर -२ से चीखने लगी..
''ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स पापा ……… सक ईट , उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
समीर और रश्मि तो सो चुके थे, पर अपनी मुठ मारकर सुस्ता रही काव्या के कानों में जब यस पापा ...यस पापा... की आवाज पहुंची तो वो एकदम से उठकर बैठ गयी , कान लगाकर उसने सुनने की कोशिश की तो पता चला की आवाज तो नीचे से आ रही है , उसने जल्दी-२ कपडे पहने और नीचे चल दी, वो भी देखना चाहती थी की ये कौन सी बेटी है जो अपने पापा से चुद रही है..
अपने मम्मी पापा के कमरे के आगे से निकलते हुए उसने सुनने की कोशिश की, पर वहां से कोई आवाज नहीं आ रही थी,..
तभी नीचे से फिर से आवाज आई
''पापा , अब मत तरसाओ …फ़क मी , जल्दी से करो अब ''
वो समझ गयी की आवाज नीचे लोकेश अंकल के रूम से आ रही है , पर ये पापा की बेटी कहाँ से आ गयी..
वो नीचे उतरी तो सीढ़ियों के साइड में बने हुए एक रोशनदान को थोड़ा सा खुला पाकर उसने अंदर झाँका तो हैरान रह गयी ..
लोकेश अंकल एक लड़की के साथ पूरे नंगे थे और दोनों 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूस रहे थे
लड़की को गौर से देखने पर उसे मालुम चला की ये तो होटल की रिसेप्शनिस्ट है, जो उनके स्वागत में फूल और माला लेकर बाहर खड़ी थी , वो समझ गयी की ये उन दोनों का पुराना चक्कर है, और ये पापा-बेटी का रोल प्ले वो सेक्स में मजा लाने के लिए कर रहे है..
वो पहले से ही गर्म थी, उनका नाटक देखकर फिर से गरमाने लगी..
रितु अब पलटकर लोकेश के ऊपर आ गयी और उसके खड़े हुए लंड को अपनी चूत से रगड़ने लगी , लोकेश भी बड़ा शातिर था, वो उसे अंदर नहीं डाल रहा था , बल्कि उसे तरसा रहा था..
रितु : "ओह्ह्ह्ह्ह्ह पापा , मत तरसाओ अपनी लाड़ली को, उसे लेने दो अपने पापा को अंदर ''
kamukta se bhari update.
 

Nevil singh

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Update 38

लोकेश मुस्कुराया और अपनी बेटी की बात मानकर उसने आखिरकार उसकी चूत के दरवाजे पर अपने लंड को रख दिया और एक दो घिस्से देने के बाद अंदर धकेल दिया..
रितु किसी कच्ची कली की तरह, ओह्ह्ह पापा , उम्म्म पापा करती हुई लोकेश के लंड पर फिसलती हुई नीचे तक आई और अपनी गांड टिकाकर वहीँ बैठ गयी..
थोड़ी देर तक उसके मोटे लंड को अपने अंदर एडजस्ट करने के बाद उसने धीरे-२ ऊपर नीचे उछलना शुरू किया और लोकेश ने भी नीचे से धक्के मारकर उसकी चूत की टाईटनेस्स को लूस करना शुरू कर दिया
चूत में लंड जाता हुआ देखकर , रोशनदान से झाँक रही काव्या की आँखे फट कर बाहर ही आ गयी, उसने अभी थोड़ी देर पहले ही लोकेश अंकल का लंड काफी पास से देखा था, उसे रितु से जलन हो रही थी, क्योंकि अगर वो चाहती तो इस वक़्त वो झूल रही होती लोकेश अंकल के झूले पर
जैसे रितु झूल रही थी अब, अपनी टाँगे फैलाये हुए, अपने पापा के ऊपर , उनका लंड अपनी छोटी सी चूत में फंसाकर
काव्या भी लोकेश अंकल की ताकत देखकर रोमांचित हो उठी, कितनी आसानी से वो रितु को दोनों हाथों में लेकर आगे पीछे कर रहे थे, उनके हाथों में इतनी ताकत है तो छोटे शेर में कितनी होगी..
इतना सोचते ही उसका हाथ फिसलकर फिर से अपनी चूत पर पहुँच गया, जिसे थोड़ी देर पहले ही तकिये से रगड़कर शांत किया था , अब उसे अपनी उँगलियों से सहलाकर शांत करना था..
इसी बीच, लोकेश उठकर बैठ गया और अपना लंड रितु की चूत में फंसाये -२ खड़ा हो गया और चलता हुआ बेड तक आया और उसे घोड़ी बनाकर पेलने लगा फिर से उस रंडी को
और इस बार वो अपनी पूरी ताकत से उसकी चूत की रस्सियाँ ढीली करने में लगा था, वो अपना पूरा लंड बाहर खींचता और फिर उतनी ही ताकत से वापिस अंदर धकेल देता, हर धक्के में घच की आवाज आती और रितु का मुंह खुला का खुला रह जाता..
अपने पापा के इन्ही धक्को की कायल थी रितु, वो अपनी गुळगुळाती हुई गांड को पीछे की तरफ धक्का देकर ज्यादा से ज्यादा लंड हड़पने की कोशिश करने लगी..
काव्या तो रितु को देखकर हैरान हुई जा रही थी, कितनी आसानी से और कितने इनोवेटिव तरीके से वो लोकेश अंकल का लंड ले रही थी, ले तो वो रही थी पर महसूस वो खुद कर रही थी , अपनी खुद की उँगलियाँ अंदर पेलकर.
लोकेश अब उसके सामने खड़ा हो गया और उसकी टांगो को फैलाकर अंदर दाखिल हो गया, बाकी का काम रितु ने किया, अपनी कमर उचका -२ कर लोकेश के खूंटे पर अपनी चूत का लिफाफा चिपकाने लगी वो
काव्या की उँगलियाँ भी अपने क्लिट के दाने को खरोंच कर उसके अंदर छुपा हुआ अमृत निकालने में लगी थी, दो बार वो अपनी मसालेदार चूत मसलती और तीसरी बार उन उँगलियों को चाटकर खुद ही साफ़ कर देती , इतना रस तो आजतक उसकी चूत ने नहीं बरसाया था..
और अपनी उत्तेजना के शिखर पर पहुंचकर लोकेश ने रितु की कमर को पकड़कर ऊपर उठा लिया , हवा में, और रितु भी बड़ी नजाकत से अपने हाथों का सहारा लेकर हवा में झूल गयी और अपने प्यारे और मुंह बोले पापा का लंड लेने लगी..
ऐसा घर्षण तो उसे आज तक फील नहीं हुआ था.
और उन्ही घिस्सों को अंदर फील करते हुए वो भरभराकर , वहीँ हवा में झड़ने लगी..
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …… ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पापा …… मैं तो गयी ....''
और हवा में लटकी हुई रितु की चूत में से गरम रस की धार नीचे गिरकर ऐसी लग रही थी मानो कोई झरना गिर रहा हो ऊपर से.
और यही वो पल था जब पापा बने लोकेश के लंड ने भी जवाब दे दिया, उसने जल्दी से अपना हथियार बाहर खींचा और और अपनी गरम -२ मलाई को उसने ताजा चुदी चूत के चेहरे पर छिड़ककर उसकी बची-खुची प्यास भी बुझा दी.
rash barsati update.
 

Nevil singh

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Update 39

अंदर दोनों शांत हुए तो बाहर एक तूफ़ान आकर गुजर गया, काव्या ने भी अपनी चूत के रस की धार वहीँ सीढ़ियों पर निकालकर उन्हें पवित्र कर दिया
तभी काव्या को ऊपर का दरवाजा खुलने की और किसी के नीचे उतरने की आवाज आई और वो भागकर नीचे उतर गयी और सीढ़ियों के नीचे बनी हुई जगह पर छुप गयी.
उपर से उतरने वाला कोइ और नहीं, बल्कि उसका सौतेला बाप समीर था.
उसने लोकेश के रूम कि बेल बजाई, और लोकेश ने दरवाजा खोलकर समीर को अंदर बुला लिया
काव्या भी भागकर वापिस सीढ़ियों पर चढ़ गयी, और अंदर देखने लगी.
समीर बिस्तर पर नंगी पड़ी हुई रितु को देखकर हैरानी से बोला : "ओहो , तो यहाँ ये सब चल रहा है … मै भी सोचु, इतनी देर से ये चीखने कि आवाजें कहां से आ रही थी ''…
रितु ने जब समीर को देख तो उठ खड़ी हुई और नंगी ही चलती हुई समीर के पास पहुंची और उसके गले से लिपट गयी.
समीर ने भी उसे अपनी ताकतवर बाजुओं मे पकडकर उसके हलवे जैसे शरीर को मसल दिया..
रितु (शिकायती लहजे मे ) : "मुझे आपसे तो बहुत शिकायत है, इतने टाइम बाद आये हो और वो भी अपनी बीबी के साथ , आपको पता है न जब तक आप दोनो एक साथ मुझे ना चोदे तो मेरी प्यास नहीं बुझती , देखिये न, अभी -२ सर ने मेरी चूत बुरी तरह से मारी है और मैं अभी -२ झड़ी हु, पर आपको यहॉँ देखकर फ़िर से अंदर कि चिंगारियां निकलने लगी है ''
शिकायत करते -२ उसका लहजा बदलकर कामुक हो ग़या और उसकी उन्गलियों ने अपनी चूत पर जमा हुआ घी खुरचकर अपनी क्लिट पर मला और उसे गरम करके पिघलाने लगी
लोकेश ने भी समीर कि शिकायत का जवाब देते हुए कहा : "यार, एक तो तुम भाभी के साथ खुल्ले मे चुसम चुसाई कर रहे थे , वो सीन देखकर मेरा क़्या हाल हो रहा था इतनी देर से तुम्हे क्या पता , इसलिए मैने रीतु को यहॉँ बुलाया ''
लोकेश कि बात सुनकर समीर हंस दिया और नीचे झुककर उसने रितु निप्पल को अपने दांतों से कचोट लिया और धीरे -२ अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाटते हुए उपर कि तरफ़ आया , वो भी उसकी गर्दन से झूलकर समीर का साथ देने लगी
सच मे, एक नम्बर कि रंडी थी वो रीतु।
तभी समीर ने कुछ ऐसा बोला कि सीडियो पर छुपकर उनकी बाते सुन रही काव्या को अपने कानो पर विश्वास ही नहीं हुआ ....
समीर : "अब तो देख लिया ना तूने अपनी भाभी का नंगा जिस्म, ……… बता , कैसा लगा ??"
लोकेश कुछ देर तक चुप रहा और फ़िर अपने मुरझाये हुए लँड को अपने हाथों से मसलता हुआ बोला : "यार, कसम से, ऐसी चीज तो मैने आज तक नहीं देखी, साली के मोंटे मुम्मे देखकर मेरा तो मन कर रहा था कि वहीँ के वहीँ अपना लँड उसके तरबूजों के बीच फंसा कर अपना रस निकाल दु, अब तो बस मन कर रह है कि साली को जल्द ही चोद डालु ''
अपने जिगरी दोस्त कि बीबी के बारे मे लोकेश अंकल ऎसी बातें कह रहे थे और उपर से उनका दोस्त, यानी काव्या का सौतेला बाप बडे मजे ले-लेकर उसकी बातें सुन रहा था और अपनी बाहों मे मचल रही रीतु के मोंटे मुम्मों को चूस रहा था.
काव्या कि समझ मे नहीं आ रहा था कि वो दोनो ऐसा क्यो कर रहे हैं, पर उसका जवाब भी जल्द ही मिल ग़या उसे..
समीर : "यार, आज तक हमने जो भी काम किया है, मिल बांटकर किया है ,जब तूने मुझे अपनी बीबी को चोदने से नहीं रोका, तो मै कौन होता हु तुझे रोकने वाला, कोइ प्लान बना और चोद डाल उसे, वैसे एक बात बोलू, तुझे उस वक़्त अपने सामने देखकर वो काफी नाराज हुई थी, उसे अपनी बोतल मे उतारना आसान नहीं होगा तेरे लिये ''
और इसी के साथ समीर की तीन उँगलियाँ एक साथ रितु कि चूत के अंदर घुस गयी, वो बेचारी अपनी आंखें फैला कर अपने पंजों पर खड़ी होकर सिसकारने लगी
समीर ने रितु को बेड पर लिटाया और अपनी तीनो उँगलियों से उसकी चूत को किसी पिस्टन कि तरह चौदने लगा
लोकेश का लँड भी अब पूरे शबाब पर था, शायद रश्मि के बारे मे सोचते हुए ऐसा हुआ होगा
लोकेश : "उसकी चिंता तू छोड़ दे, ऐसी औरतों को कैसे बोतल में उतरा जाता है वो मुझे अच्छी तरह से पता है ''
काव्या बेचारी अभी तक शॉक में थी, अपनी माँ के बारे मे ऎसी गन्दी बात उसने आज तक नहीं सुनी थी , पर ना जाने क्यो, उसे गुस्सा नहीं आ रहा था इस बात पर, क्योंकि अचानक उसने अपनी माँ कि जगह पर अपने आप को रख कर देखा, तब उसे महसूस हुआ कि एक तरफ तो उसे मज़ा देने के लिये समीर है, और दूसरी तरफ उसके हुस्न पर अपनी गिद्ध जैसी नजरें लगाये हुए उसके पति का जिगरी दोस्त लोकेश है, और जब समीर दूसरी लडकियों के साथ मौज मस्ती कर रहा है और उसे कोइ आपत्ति नहीं है कि उसकी बीबी उसके ही दोस्त के साथ चुदाई का खेल खेले, तो उसकी माँ रश्मि को क्या प्रोब्लेम हो सकती है
manmohak update.
 

Nevil singh

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Update 40

पर शायद काव्या के ये सोचना उसकी खुद कि सोच थी, उसकी माँ थोडे पुराने विचारों कि थी, वो शायद उसकी तरह या फ़िर इन मर्दों कि तरह खुल कर ना सोचती हो
काव्या ने सोचा कि काश, वो सब उसके साथ हो रहा होता .
वो सोच ही रही थी कि उसके कानों मे रीतु के चीखने कि आवाज आई, उसने अंदर देख तो समीर ने रीतु को सोफ़े पर लिटाकर उसकी टाँगे हवा मे घुमाकर अपनि तरफ़ घुमा लिया और अपना मुँह उसकी चूत पर लगाकर उसकी ताजा मलाई को खा रहा था
उसकी उंगलियाँ अभी तक उसकी चूत कि मालिश कर रही थी और अन्दर का माल बाहर निकाल रही थी , और जो माल बाहर निकलता उसे समीर अपनि जीभ से चाटकर अन्दर निगल जाता.
कुछ देर तक उसे चाटने के बाद समीर ने रितू को घोडी बना दिया और उसकी चूत के अन्दर अपना लंड पेल दिया..
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म मयेस्सस्सस्सस्सस ऐसी ही ………… अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह, जोर से मारो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
समीर ने आगे झुककर उसकी बालों को पकड़ा और झटके मारकर लगाम कि तरह उसके बालों को खींचकर उसकी घुड़सवारी करने लगा
''अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाआआन ऐसे ही ……… उम्म्म्म्म्म्म मजा आ गया , इतने दिनों के बाद असली प्यास बुझी है मेरी …। उम्म्म्म अह्ह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ़ और जोर से सर ....... और जोर से …… कोई रहम मत करो मुझपर … फाड़ डालो मेरी चूऊऊऊत अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''..
रितु अपनी चुदाई करवाते हुए बड़बड़ाती जा रही थी , उसे सच में बहुत मजा आ रहा था समीर का लम्बा लंड अंदर लेने में .
और लोकेश भी अपनी आँखे मूँद कर अपनी रश्मि भाभी के हुस्न को याद करते हुए अपने लंड को रितु के मुंह के अंदर डालकर जोरों से हिलाने लगा, रितु अपने मुंह के अमृत से उसके लिंग को नहला कर बाबू बच्चा बनाने में लगी हुई थी..
लोकेश के लंड को पूरी तरह अपनी थूक से गीला करने के बाद रितु ने लोकेश को अपने नीचे लेटने का इशारा किया , और जैसे ही लोकेश बेड पर लेटा , वो अपने हाथ पैरों पर किसी कुतिया की तरह चलती हुई उसके ऊपर तक आई और अपने मुम्मे को उसके मुंह के आगे लटका दिया, जिसे लोकेश ने किसी भेड़िये की तरह झपट्टा मारकर दबोच लिया और उसके अंगूरों का रस पीने लगा
रितु के आगे खिसक जाने की वजह से समीर का लंड बाहर निकल आया, जो उसकी चूत के रस में भीगकर बुरी तरह से चमक रहा था , वो अपने हाथों में अपने लंड को लेकर उसपर सारा रस चोपड़ने लगा
और रितु की चूत पर जैसे ही लोकेश के खड़े हुए लंड ने दस्तक दी, उसने बिना किसी वार्निंग के उसे अपने अंदर खींच लिया , लोकेश तो रितु को अभी थोड़ा और तरसाना चाहता था, पर उस रंडी के अंदर जो आग जल रही थी उसके आगे ये छिछोरी हरकतें नहीं चलने वाली थी, वो हुमच -२ कर उसके लंड को अपने अंदर लेने लगी
अब समीर के सामने थी रितु की थिरक रही गांड, जिसके छेद को अभी थोड़ी देर पहले ही लोकेश ने मारकर थोड़ा और खोल दिया था , वो आगे आया और अपने पंजों पर खड़ा होकर उसने अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर टिकाया और एक जोरदार झटके के साथ आगे हो गया
फफक्छ्ह्ह्ह की आवाज के साथ रितु की गांड भी पूरी भर गयी
एक लड़की के जीवन का सबसे सुनहरा पल होता है ये, जब उसकी चूत और गांड एक साथ मोटे-२ लंड से भरी होती है .
और यही ख़ुशी रितु महसूस कर रही थी ....... और वो भी पूरी अंदर तक..
और जब रितु को दोनों तरफ से झटके लगने शुरू हुए तो उसका बड़बड़ाना फिर से शुरू हो गया..
''अह्ह्ह्हह्ह येस्सस्सस्स। …… यही तो मैं कह रही थी ……। अह्ह्हह्ह्ह्ह यी फीलिंग …… उम्म्म्म्म्म्म .... दोनों का एक साथ अंदर लेना, कितना मजेदार है ……… अब चोदो मुझे दोनों, जोर जोर से, अह्ह्हह्ह्ह्ह , फाड़ डालो ,मेरी गांड …… और चूत उम्म्म्म्म्म्म्म ''
और वो दोनों दोस्त लग गए अपने पुराने काम पर फिर से एक साथ …।
अगले पन्द्रह मिनट में उन दोनों ने मिलकर उसकी ऐसी रेल बनायीं की आखिर में उसके मुंह से सिसकियों के साथ-२ लम्बी -२ लार भी निकलने लगी , और उसके साथ ही निकलने लगे दोनों की तोपों के अंदर से गरमा गरम गोले..
समीर ने अपना सारा माल रीतु के गोदाम यानी गांड मे पहुंचा दिया और लोकेश ने अपना माल उसके मैन शोरूम यानी चूत में .
काव्य भी कायल हो गयी रितु की , ऐसी चुदाई की कला तो वो भी सीखना चाहेगी …
waah gajab update.
 

Nevil singh

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Update 41

काव्या ने वहां छुपना सही नहीं समझा , वो चुपके से वहां से निकल कर वापिस अपने कमरे मे चली गयी.
और उसने रूम मे पहुँचते ही सबसे पहले फोन निकाला और अपनी सहेली श्वेता को फोन लगाकर उसे अभी तक कि सारी बाते सुना डाली..
श्वेता उसकी बाते सुनकर काफी हैरान हुई, और नाव वाला किस्सा सुनकर खुश भी हुई, उसने आने वाले दिनो के बारे मे काव्या को कुछ समझाया और फ़िर उसने फ़ोन रख दिया.
अब अपने बेड पर लेटकर काव्या अभी तक कि सारी बाते सोच रही थी.
समीर ने उसकी माँ से शादी तो कर ली, पर एक पति कि तरह वो पोसेसिव बिल्कुल भी नहीं है, उसे अपनी बीबी को अपने दोस्त के साथ शेयर करने मे कोई परेशानी नहीं है, और जब वो अपनी बीबी के साथ ये कर सकते है तो एक दिन उसके साथ भी वो सब करेगा..
नहीं , वो अपने सौतेले बाप कि साजिश का हिस्सा कभी नहीं बनेगी, वो ऐसा कभी नहीं चाहेगी कि वो और उसकी माँ समीर की गुलामी करते हुए अपनी जिंदगी गुजारे..
उसे ही कुछ करना होगा, ताकि समीर के सामने वो और उसकी माँ लाचार बनकर ना रहे, बल्कि समीर उनके इशारों पर नाचे और इसकी लिये उसकी पास सिर्फ़ एक ही हथियार था..
उसका योवन, उसकी जवानी..
और जैसा की प्लान था, उसे सबसे पहले लोकेश को आपने बस मे करना होगा , क्योंकि जो काम वो करना चाहती थी, वो सिर्फ़ और सिर्फ़ लोकेश की मदद से ही हो सकता था.
शाम को काव्या टहलती हुई होटल के रिसेप्शन वाले एरिया मे जा पहुंची , जहां रितु तीन चार लड़कियों के साथ खड़ी थी. वो रीतु को देखकर मुस्कुराई, रीतु ने भी उसे देख और मुस्कुरा कर उसके पास आ गयी
रितु : "हाय , मेर नाम रितु है, मैं यहॉँ फ्रंट ऑफिस मैनेजर हु , "
काव्या : "यस, पता है मुझे, लोकेश अंकल के साथ देखा था तुम्हे "
उसकी बात सुनकर रितु एकदम से सकपका सी गयी
रितु :" तुमने .... तुमने कब देख मुझे "
काव्या मन ही मन हंस रही थी, चोर कि दाड़ी मे तिनका
काव्या : "वो, कल जब हम आये थे यहाँ, तो तुम लोकेश अंकल से बात कर रही थी न अलग से जाकर, मैँ समझ गयी थी कि तुम यहाँ होटल कि मैनेज़र हो "
रितु (थोड़ा मायूसी से बोली ) : "होटल कि नहीं , सिर्फ़ फ़्रंट ऑफिस कि , बस अपने प्रोमोशन के बारे मे ही बात कर रही थीं उस वक़्त , जब तुमने मुझे सर के साथ देखा था "
काव्या समझ गयी कि क्यो वो अपने सर कि "हर" बात मान रही थी
तभी रिसेप्शन पर एक नया गेस्ट आया तो रितु उसे अटेंड करने के लिये वहां चली गई
और अटेंड करते-२ उसने अपनी शर्ट के दो बटन खोल दिये, काव्या दूर खड़ी होकर उसकि हरक़तें देख रही थी, और सीख रही थी कि कैसे मर्दों को आपने काबू मे लाया जाता है
वो वापिस अपने कमरे मे आयी और अपने कपड़ो मे से एक हॉट पेंट (छोटी सी निक्कर) निकाल कर पहन ली और उसके उपर एक कसी हुई सी टी शर्ट
उस ड्रेस मे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी
उसे पता था कि जब उसकी माँ ऎसी ड्रेस यहाँ देखेगी तो जरूर गुस्सा करेगी , घर कि अलग बात है , पर बाहर ऐसी ड्रेस मे वो कभी नहीं निकली थी
उसकी माँ अभी-२ सोकर उठी थी और समीर के साथ बालकनी मे बेठ कर चाय पी रही थी
उसे ऐसे कपड़ो मे देखते ही वो उठ खड़ी हुई और शुरु हो गयी : "काव्या , ये क्य पहन रख है, तुझे शर्म नहि है, जगह देख ले पहले, "
तभी समीर बोल पड़ा : "अरे, क्या प्राब्लम है इसमे, इतनी अच्छि तो लग रही है ..."
उसकी नज़रें काव्या की मांसल जांघों को घूर रही थी, जैसे उनका टँगड़ी कबाब बना कर खा जायेगा वो ..
nice update.
 

Nevil singh

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Update 42

समीर की शह मिलते ही काव्या समीर के पास गयी और सीधा उसकी गोद मे जाकर बैठ गयी, समीर भी उसकी इस हरकत से चोंक सा गया, पर काव्या बड़े ही आराम से उसके गले मे अपनी बाहें डालकर बोली : "पापा, आप ही बताइए, हम घूमने आए है, ऐसी ड्रेसस यहा ना पहनु तो कहा पहनु, वैसे भी यहा कोई देखने वाला नही है..''
समीर की साँसे तेज़ी से चलने लगी, उसे तो यकीन ही नही हो रहा था की काव्या ऐसी हरकत करेगी, उसके लंड ने अपना सिर उठना शुरू कर दिया था, जिसे काव्या अपनी गान्ड के नीचे सॉफ महसूस कर रही थी , वो थोड़ा और चिपक कर बैठ गयी समीर से, जिसकी वजह से उसकी छोटी गेँद समीर की गर्दन से टच करने लगी, अब तो समीर के लंड ने पूरी बग़ावत कर दी और उफान मारते हुए काव्या की गांड पर धक्के मारने लगा..
रश्मि ने भी जब देखा की काव्या कितने प्यार और अपनेपन से समीर की गोद मे जाकर बैठ गयी है, तो उसने भी आगे टोकना सही नही समझा, शादी के बाद से ही समीर और काव्या के बीच का तनाव उसकी परेशानी बना हुआ था, पर अब समीर काव्या को अपनी बेटी की तरह अपनी गोद मे बिताकर उसकी तरफ़दारी कर रहा था तो रश्मि को ये देखकर बहुत अच्छा लगा..
अब उसे कौन बताए की समीर के मन मे क्या चल रहा है...
थोड़ी देर तक वहाँ बैठने के बाद काव्या उठ खड़ी हुई और जाते-2 उसने एक और काम किया और वो भी इतनी तेज़ी से की समीर को रियेक्ट करने का समय ही नही मिला, काव्या ने देखा की जैसे ही रश्मि की नज़रें दूसरी तरफ गयी, उसने जल्दी से समीर के होंठों पर एक हल्की सी पप्पी दी और बोली ''थेंक्स पापा , बाय , मैं उपर अपने कमरे मे हू'' और वहाँ से उठकर अपने रूम मे भागती चली गयी..
वो बेचारा अपने लंड को मसलता हुआ, उसकी मोटी गाण्ड कि थिरकन ही गिनता रह गया.
रश्मि को कुछ पता भी नही चला, और समीर अपने होंठों पर उसके रुई जैसे होंठों के स्पर्श से सिहर उठा था, और अपने होंठों को मसलता हुआ उन्हे अपनी जीभ से भिगो कर चूस रहा था.
रात का खाना खाने के बाद सभी सोने की तैयारी करने लगे, शाम को जिस तरह से काव्या ने समीर के लँड को खड़ा कर दिया था, उससे एक बात तो पक्की थी की वो आज रश्मि की खूब बजाएगा..
और अपने रूम मे जाते ही उसने अपने पुर कपड़े निकाल फेंके और सोफे पर जाकर बैठ गया.
रश्मि नहाने गयी हुई थी उस वक़्त, समीर ने उसे पहले से ही बोल दिया था की वो बिना कपड़ो के और बिना अपने बदन को पोंछे बाहर आएगी..
अपने बदन को शावर जैल से मसलने के बाद वो ऐसे ही भीगी हुई सी बाहर निकल आई, उसके नंगे बदन से पानी की बूंदे बहकर नीचे गिर रही थी और कारपेट को भी गीला कर रही थी
समीर ने सिगरेट सुलगा ली और दूसरे हाथ मे पेग पकड़ लिया और रश्मि से बोला : "अब मेरे पास कुतिया की तरह चलती हुई आओ ''
रश्मि ने समीर को ना कहना तो सीखा ही नही था अब तक, और वैसे भी, सेक्स के मामले मे वो अब इतना खुल चुकी थी की उसे भी मज़ा आने लगा था ऐसी हरकतें करने मे..
वो अपने घुटनो के बल बैठ गयी और हाथों को आगे रखकर धीरे-2 चलती हुई समीर की तरफ बढ़ने लगी.
उसके उरोजों पर अटका हुआ पानी, इकट्ठा होकर उसके निप्पल्स तक जा रहा था और बूंदे बनकर नीचे गिर रहा था, जैसे मोटी तोप से छोटे-2 पानी के गोले निकल रहे हो.
उसके पास आते ही समीर ने अपने पैर की उंगलियों से उसके चेहरे की बूँदो को मसलना शुरू कर दिया और फिर उसके होंठों के अंदर अपना अंगूठा डाल दिया, जिसे वो बड़े भयानक ढंग से चूसने लगी, जैसे वो पैर का अंगूठा ना हो उसका लॅंड हो.
lovely update.
 

Nevil singh

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Update 43

फिर अपने गीले अंगूठे को वो रश्मि के मुम्मों तक ले गया और उसके निप्पल को अंगूठे और उंगली के बीच फँसा कर नीचे की तरफ खींच दिया.
रश्मि दर्द से कराह उठी : "अहह उम्म्म्मममम ''..
पर साथ ही उसकी चूत से भी गर्म हवा के भभके निकलने लगे..
समीर का लॅंड उसके पेट पर ठोकरे मार रहा था, समीर ने उसे आँखो से इशारा किया तो वो झपटकर उपर आई और उसके लॅंड को अपने मुँह मे लेकर उसका रस पीने लगी.
आज तो वो ऐसे बिहएव कर रही थी जैसे वो उसके लॅंड को उखाड़ कर खा जाएगी
झटके लगने से उसका पेग भी छलक रहा था
उसने गिलास और सिगरेट को साईड मे रखा और फिर दोनो हाथों से उसके बालों को पकड़कर ज़ोर-2 से अपने लॅंड के उपर मारने लगा
और जब उसे लगने लगा की अब ज़्यादा नही रोक पाएगा तो उसने अपना लॅंड छुड़ा लिया और रश्मि को अपनी गोद मे खींच कर उसकी चूत के अंदर अपना लॅंड पेल दिया
वहीं सोफे पर बैठे -2 वो रश्मि को अपनी गोद मे बिठा कर चोदने लगा
और यही वो समय था जब काव्या अपने कमरे से निकल कर नीचे जा रही थी, लोकेश के पास, अपने मा बाप के कमरे से आ रही उत्तेजना से भरी चुदाई की आवाज़ों को सुनकर वो समझ गयी की ये उसके जलवे का ही कमाल है जो समीर उसकी मा को ऐसे चोद रहा है
वो मुस्कुराती हुई नीचे उतर आई, क्योंकि अब खुजली उसकी चूत मे भी हो रही थी
इसी बीच, समीर ने रश्मि को बेड पर लेजाकर घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत मे दाखिल हो गया
और अगले दस मिनट तक वो उसे बुरि तरह चोदता रहा
और जैसे ही उसके लॅंड का पानी निकल कर रश्मि की चूत मे जाने लगा, उसके मुँह से अनायास ही निकल गया : "ओह काव्य्ाआआआअ''..
वैसे तो उसने सिर्फ़ बुदबुड़ाए थे वो शब्द पर रश्मि के तेज कानो ने उन्हे सुन ही लिया..
और उन्हे सुनते ही उसके पुर शरीर मे एक सनसनाहट सी दौड़ गयी...
उसे समझते देर नही लगी की समीर की गंदी नज़रें उसकी जवान बेटी पर है, इसलिए वो उसे चोदते हुए अपनी आँखे बंद करके उसकी बेटी का नाम ले रहा है...पर वो कर भी क्या सकती थी...उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की वो अपनी बेटी को जितना हो सकेगा , समीर से दूर रखेगी..अभी उसे पता चल गया है, ऐसा उसने शो ही नही किया..
चुदाई के बाद समीर ने अपना जाम ख़त्म किया और दस मिनट मे ही गहरी नींद के आगोश मे चला गया, और पीछे रह गयी अपनी बेटी की चिंता मे उसकी माँ रश्मि, जिसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी.
पर उस बेचारी को ये पता नही था की जिस बेटी को बचाने के लिए वो अपनी नींद खराब कर रही है वो खुद इस समय क्या करने गयी हुई है..
लोकेश के कमरे के बाहर पहुँचकर काव्या ने धीरे से दरवाजा खड़काया.
लोकेश अपने बाथरूम मे था , अपने शरीर कि गर्मी को वो नहा कर निकाल रहा था
उसने टॉवल लपेटा और दरवाजा खोलने के लिये बाहर आया
दरवाजा खोलते ही काव्या जल्दी से लोकेश को धक्के देते हुए अन्दर आ गयी और दरवाजा बंद कर दिया
लोकेश का टॉवल गिरते-2 बचा.…
लोकेश : "क्या हुआ, इतनी जल्दी किस बात की है ''
काव्या : "वो.....मुझे लगा की शायद कोई मुझे यहा आते हुए देख रहा है''.
dhanshu update.
 
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