Update 80
पर समीर को कैसे पता चला, कहीं उसने छुप कर सब देख तो नही लिया पर ये बहस करने से पहले वो रोज़ी को बाहर निकालना चाहता था ...लोकेश ने जल्दी से रोज़ी को बाहर जाने के लिए कहा और उसके बाहर जाते ही वो समीर के पास आ कर सोफे पर बैठ गया.
पर अगले ही पल जो बात समीर ने बोली, उसे सुनकर लोकेश की गांड ही फट गयी..
समीर : "मुझे नही पता था की तू मेरी ही बीबी को चोद डालेगा ....''
लोकेश कुछ बोल पाता, इससे पहले ही समीर ने अपने मोबाइल को उसकी आँखों के सामने कर दिया... जिसमे घर के अंदर लगे केमरे की लाइव वीडियो आ रही थी... यानी उसने उपर के कमरे मे बैठे-2 ही नीचे के ड्रॉयिंग रूम का लाइव टेलीकास्ट देख लिया था..
लोकेश समझ गया की आज उसकी खैर नही...
कुछ देर तक लोकेश को गुस्से से घूरते रहने के बाद एकदम से समीर की हँसी निकल गयी और वो ज़ोर-2 से ठहाके लगाकर हँसने लगा और बोला : "साले, अपनी बीबी की बात आते ही बात बदल लेता था और अब मेरी बीबी की चुदाई कर डाली... बड़ा ही हरामी है तू तो...''
लोकेश भी जैसे अंदर से जानता था की कुछ ऐसा ही होगा, इसलिए वो भी उसके हँसने के साथ ही थोड़ा रिलेक्स हुआ और बोला : "यार, तूने तो मेरी फाड़ ही दी थी... मुझे लगा की तुझे सच मे बुरा लगा है..''
समीर (थोड़ा सीरियस होते हुए) : "भाई, अपनी दोस्ती इतनी कच्ची नही है जो तेरी या मेरी बीबी के बीच में आने से ये टूट जाएगी... तेरी उस पर नज़र थी, ये तो मैं कब से जानता था. और मुझे कोई प्राब्लम भी ना होती अगर ये सब पहले भी कर लेता तू.. पर रश्मि को मैं अच्छी तरह से जानता था की वो ऐसा कुछ नही करेगी... इसलिए खुलकर नही बोला तुझे उसके साथ मज़े लेने के लिए.. पर आज पता नही क्या हो गया उसको, बड़ी ही आसानी से मान गयी वो, जैसे बिल्कुल तैयार बैठी थी चुदाई के लिए...''
लोकेश : "हाँ ...ये तो मैने भी नोट किया, आज भाभी काफ़ी हॉट थी पहले से ही, उन्हे सिर्फ़ थोड़ा सा उकसाने की ज़रूरत पड़ी मुझे और वो सब करती चली गयी... और तूने तो देख ही लिया होगा अपने मोबाइल पर, कैसे उछल-2 कर चुदवा रही थी वो... आई मीन, मैने ऐसी गर्मी आज तक किसी में नही देखी, जितनी आज रश्मि भाभी में दिखाई दी मुझे... सच मे यार, तू बड़ा लक्की है, जो तेरे बिस्तर पर रश्मि जैसा गर्म माल तैयार मिलता है...''
समीर : "मेरी बीबी की बाते छोड़. अब अपनी की बता, कब दिलवा रहा है तू उसकी...''
लोकेश एकदम से चुप हो गया, वो जानता था की समीर की नज़र कब से उसकी बीबी भावना पर है, वैसे तो समीर को भी कोई प्राब्लम नही थी, पर अपनी बीबी भावना की वजह से वो कुछ नही कर पाता था, वो हमेशा पूजा पाठ में रहने वाली औरत थी, लोकेश को भी 20-25 दिनों के बाद उसकी चूत मिल पाती थी और वो भी काफ़ी मिन्नत करके, ऐसे में भला आदमी बाहर मुँह ना मारे तो क्या करे... पर एक बात थी ३८ साल की भावना में, शादी के इतने सालो बाद भी वो सिर्फ़ 25 साल की जवान लड़की ही लगती थी... उसमे कोई कमी थी, जिसकी वजह से वो माँ नही बन पाई थी, शायद इसलिए भी उसका बदन बिल्कुल छरहरा था अभी तक और उपर से महीने मे सिर्फ़ 1-2 बार सेक्स करना, ऐसे मे बदन की ताज़गी तो बनी ही रहती है...अब लोकेश अपने दोस्त को भला क्या समझाता की वो तो खुद ही अपनी बीबी की मारने को तरसता है, ऐसे में वो समीर के लिए उसको कैसे तैयार करे...
वो कुछ बोल पाता , इससे पहले ही बाथरूम का दरवाजा खुला और रश्मि बाहर निकल आई...ताज़ा-2 चुदाई होने के बाद उसके चेहरे पर एक संपूर्ण आनंद झलक रहा था...
रश्मि : "अरे, आप उठ गये. लोकेश भाई साहब कह रहे थे की शायद बियर पीने के बाद आपको गहरी नींद आ गयी होगी... इसलिए मैने सोचा की जब तक आप सो रहे हैं, मैं नहा लेती हू...''
लोकेश और समीर दोनो जानते थे की वो झूट बोल रही है... पर लोकेश तो उसको आगाह भी नही कर सकता था... बेचारी अभी भी अपने पति के सामने सती सावित्री होने का नाटक कर रही थी... वैसे समीर ने उपर बैठ कर वो सब ना देखा होता तो शायद वो भी अपनी पत्नी के बारे में ऐसा कुछ नही सोचता... पर अब वो उसकी मक्कारी को सॉफ देख पा रहा था, वो देख रहा था की कैसे एक पतिव्रता दिखने वाली औरत अपनी चुदाई की बातें छुपा रही है उससे, वो चाहता तो अभी के अभी उसको वही वीडियो क्लिप दिखा कर उसकी पोल खोल देता.. पर वो सही वक़्त आने पर ही वो काम करना चाहता था... और अंदर ही अंदर उसे इस बात की भी खुशी थी की अब वो खुलकर उसकी प्यारी बेटी काव्या के साथ मज़े ले सकेगा... और रश्मि चाह कर भी उसको मना नही कर सकेगी, जब वो उसे उसकी बेशर्मी का वीडियो दिखा देगा..
अब ये बात तो समीर भी नही जानता था की कुछ ऐसा ही सबूत काव्या के पास भी है... उसने भी रश्मि की चुदाई की फोटो खींच ली थी जब वो विक्की के साथ बेसूध होकर चुदवा रही थी... जब वो पिक समीर देखेगा तब उसे पता चलेगा की किस चुड़दक़्कड़ से शादी की है उसने..
और इस सबूत की वजह से समीर को लोकेश की बीबी के उपर भी हाथ आज़माने का मौका मिल गया था.. पहले तो वो उसकी बातों को टाल दिया करता था..पर अब वो खुद उसकी मदद करेगा... इसके लिए बाद मे बैठ कर वो कोई जानदार प्लान बनाएगा लोकेश के साथ.
समीर और रश्मि को बात करता छोड़ कर लोकेश भी वापिस घर चला गया..
समीर ने रश्मि ने दिन भर की जानकार ली और काव्या के बारे में भी पूछा, रश्मि ने बता दिया की सब ठीक रहा और वो विक्की को छोड़ने उसके घर गयी है...
समीर अब काव्या के घर आने का इंतजार करने लगा क्योंकि आज की रात वो कुछ ख़ास करना चाहता था काव्या के साथ..
पर वो ये नही जानता था की काव्या इस वक़्त किस मुसीबत मे फँसने जा रही है...
रश्मि को घर छोड़ने के बाद काव्या आगे निकल गयी, विक्की को उसके घर छोड़ने के लिए.. और रास्ते मे विक्की ने काव्या को अपने घर तक आने के लिए भी राज़ी करवा लिया. उसकी रिक़वेस्ट मे थोड़ी बहुत धमकी भी थी, इसलिए काव्या मना नही कर पाई... और काव्या ये अच्छी तरह से जानती थी की विक्की उसे घर क्यों बुला रहा है. वो उसके साथ कुछ और मज़े लेने के मूड मे आ चुका था ... काव्या की सिचुएशन ऐसी थी की वो मना भी नही कर सकती थी उसको... इसलिए ना चाहते हुए भी वो उसके साथ घर तक चलने के लिए तैयार हो गयी..
विक्की के घर तक जाने का रास्ता काफ़ी तंग था, इसलिए गाड़ी गली के बाहर ही खड़ी करनी पड़ी और दोनो पैदल ही घर की तरफ चल दिए.
घर का दरवाजा खुला पड़ा था, विक्की बड़बड़ाया : "लगता है आज फिर से बापू दरवाजा खुला छोड़कर बाहर निकल गया है...''
दोनो अंदर आ गये, विक्की ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया..
काव्या का दिल जोरो से धड़कने लगा... जैसे वो जानती थी की अब उसके साथ क्या होने वाला है..
विक्की उसको अंदर ले गया, अपने कमरे मे..बारिश की वजह से काफी सीलन थी कमरे में और ठंडक भी, अंदर जाते ही उसकी उभरी हुई गांड से अपना लंड रगड़ते हुए पीछे से लिपट गया ..
काव्या : "विक्की ..... मैने बोला था ना... कुछ टाइम दो मुझे ... बार -2 ऐसा करके तुम अपना ही नुकसान कर रहे हो ..''
विक्की : "अरे ...चिल यार ... तुमने जिस चीज़ के लिए मना किया है, उसके लिए तो मैं कह भी नही रहा हू तुमसे ...बस थोड़ी बहुत मस्ती करने का ही इरादा है मेरा...''
काव्या (कसमसाती हुई) : "वो मस्ती तो तुम रिसोर्ट में कर ही चुके हो विक्की ... अब और क्या
चाहिए ...''
विक्की ने अपना दाँया हाथ आगे किया और उसके उभारों पर रख कर उसे धीरे से दबा दिया..काव्या चिहुंक उठी ..और साथ ही साथ रोमांच की एक लहर उसके पूरे शरीर में दौड़ गयी..उसके निप्पल्स अपनी जगह से उठ खड़े हुए जब उनपर विक्की की उंगलियों का दबाव पड़ा तो ...
काव्या : "रहने दो ना विक्की ... मुझे ये सब पसंद नही है....''
विक्की भी कहाँ मानने वाला था... वो अपने हाथ सरकाता हुआ नीचे ले गया, उसके सपाट पेट से होता हुआ वो हाथ सीधा उसकी चूत के उपर आकर रुका ... काव्या ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की पर विक्की ने दूसरे हाथ से उसके दोनो हाथों को पकड़ा हुआ था.. वो छटपटा कर रह गयी..और वैसे भी उसके रोकने मे वो ज़ोर नही था, क्योंकि उसके शरीर पर रेंग रहा विक्की का हाथ उसे बड़ा ही सुखद सा लग रहा था.. और जैसे ही विक्की के हाथ ने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे पकड़ कर भींचा, वो अपने पंजों पर खड़ी होकर पीछे की तरफ झुक गयी.. और विक्की ने उसकी सुराहीदार गर्दन पर अपने गीले होंठ रखकर उसे चूम लिया...
काव्या : "उम्म्म्ममम .... क्यों परेशान कर रहे हो विक्की .....''
विक्की समझ गया की लोंडिया गर्म हो चुकी है... उसने उसके हाथ छोड़ दिए.. और अपने हाथ आज़ाद होते ही उसने अपने एक हाथ को विक्की के हाथ के उपर रखकर अपनी चूत पर और ज़ोर से दबा लिया और दूसरे हाथ को उपर लेजाकर उसके बालों को सहलाने लगी...और साथ ही साथ वो अपनी गोल मटोल गांड को उसके खड़े हुए लंड से भी रगड़ रही थी..
काव्या : "क्या चाहते हो विक्की ..... आज तुमने जीतने मज़े लिए, क्या वो कम थे... पहले मेरी माँ के साथ और फिर मैने भी तो तुम्हे ब्लो जॉब दिया था.... इतना स्टेमीना कहा से लाते हो तुम ....कितना काम कारवाओगे अपने छोटे सिपाही से...''
उसने अपनी चूतड़ से उसके लंड को घिस कर उसके छोटे सिपाही को पूचकारा..
विक्की : "मेरा स्टेमीना अभी तूने देखा ही कहाँ है मेरी जान.... एक बार तू मेरी कलाकारी देख तो ले, उसके बाद पूरे शहर में मेरे नाम की कसमें खाती फ़िरेगी...''
पीछे से अपने लंड और आगे से अपने हाथ का दबाव उसने दिया और उसकी नन्ही सी चूत बीच मे पिस कर रह गयी..
काव्या इतना तो जानती ही थी की वो उसकी मर्ज़ी के बिना अपनी हद से आगे नही बढ़ेगा ...इसलिए कुछ देर का और मज़ा लेने मे कोई बुराइ नजर नही आई उसे.. और उपर से वो ऐसे तरीके अपना कर उसे उत्तेजित कर रहा था जैसे वो उसके हर वीक पॉइंट के बारे मे जानता हो..... उसकी गर्दन...उसके कान ....उसके निप्पल और उसकी मखमली चूत ... हर जगह पर वो अपने हाथ और होंठों से ऐसे छू रहा था की वो बेचारी उसकी बात मानने के सिवा कुछ कर ही नही पा रही थी..
और जब उसकी बर्दाश्त से परे हो गया तो वो एक जोरदार झटके से पलटी और उसके सीने से लिपट गयी.. और अपनी दोनो छातियों को उसके चौड़े सीने से रगड़ने लगी...दोनो की साँसे एक दूसरे से टकराई और एक धमाके के साथ काव्या के होंठ विक्की से जा चिपके और उन्हे ज़ोर-2 से चूसने लगे..
ऐसा लग रहा था जैसे काव्या के मुँह से शहद लीक हो रहा है...उसके ठंडे होंठों की मिठास महसूस करके विक्की की अंतरात्मा तक तृप्त सी हो गयी...
विक्की को धक्का देते हुए काव्या ने उसे सीलन से भरी दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया...और फिर एक ही झटके में उसकी शर्ट को बीच में से पकड़ कर फाड़ दिया...उसका एक-2 बटन छिटक कर दूर जा गिरा , काव्या ने उसके दोनो हाथों को दीवार से लगा कर खड़ा कर दिया..और फिर उसकी आँखों मे देखते हुए अपने लार टपकाते मुँह को उसकी गर्दन पर लगाया और उसे चाटने लगी...चूसने लगी....अपनी जीभ और होंठों से उसकी गर्दन और फिर छाती पर अपने निशान छोड़ने लगी...
विक्की तो जैसे स्वर्ग मे पहुँच गया....ऐसी लड़की से अपने को नुचवाना किसी सपने से कम नही था...पर वो सपना नही था...काव्या ऐसा कर रही थी..ना जाने उसके अंदर कौन सा जानवर जाग उठा था, जो उसे ऐसा करने का आदेश दे रहा था... काव्या किसी भूखे जानवर की तरह विक्की के शरीर को नोच रही थी...उसकी गर्दन पर दाँत मारती, कभी उचक कर उसके होंठों को दबोच लेती... कभी अपनी चूत वाले हिस्से से उसके खड़े लंड को रगड़ती ...और कभी उसके मुँह को पकड़कर अपनी छातियों पर ज़ोर-2 से मसलती ...
अचानक विक्की ने अपने दांतो से उसकी छाती को ज़ोर से पकड़ लिया...
काजल(?) : "आआआआआआअहह यू डॉगी ........''
पर विक्की पर कुछ फ़र्क नही पड़ा...उसने काजल(?) की टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया...काजल(?) ने गहरी साँसे लेते हुए धीरे-2 अपनी टी शर्ट को उपर करना शुरू कर दिया..और फिर एक ही झटके में अपनी ब्रा समेत उसे पूरा उपर कर दिया और अपने नंगे बूब को विक्की के मुँह में धकेल दिया..
और वो ज़ोर से चिल्लाई : "अब काट इसको.....साले ....कुत्ते .......''
ऐसी हालत मे पहुँच कर गालियां देने का मज़ा ही अलग होता है..
काव्या ने अपने खड़े हुए निप्पल से उसके होंठों को छिल डाला...वो उसके सिर को पकड़ कर अपने कठोर निप्पल पर ज़ोर-2 से रगड़ रही थी..फिर उसके पूरे चेहरे पर वो अपने निप्पल की चुभन का एहसास पहुँचाने लगी...उसके गालों पर, नाक पर, बंद आँखों पर और माथे पर उसने अपनी पैने निप्पल को रगड़ -2 कर उनकी खुजली मिटाई ..
विक्की ने उसकी टी शर्ट को एक ही झटके में निकाल कर दूर फेंक दिया..और फिर काव्या ने अपनी दूसरी ब्रेस्ट को भी उसी काम पर लगा दिया..ऐसा लग रहा था जैसे विक्की से ज़्यादा ठरक इस समय काव्या पर चढ़ी हुई है...और वो अपनी प्यास बुझा रही है विक्की के जिस्म से..
काव्या : "आहह अहह अब बोलो ....और क्या करना चाहते हो ...''
विक्की कहना तो चाहता था की तेरी चूत मारनी है, पर उसे पता था की वो अभी उसके लिए तैयार नही होगी.. अगर हो भी गयी तो दोबारा उसके पास नही आएगी... इसलिए उसने अपने वादे पर बने रहना उचित समझा... पर अभी के लिए वो कुछ और करना चाहता था, जिसके लिए वो ना जाने कब से तड़प रहा था... उसकी चूत का रस पीने के लिए..कुँवारी चूत के रस की महक उसे कब से तडपा रही थी.