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Incest हवस के कारनामे ~ A Tale of Lust

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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शुभम भाई आपका ये नया अंदाज निराला है
कहानी में भी बहुत कुछ होने की सम्भावना है

लेकिन
"जीना यहां मरना यहां" भी छापनी ही पड़ेगी, अभी के अभी

..... हां नहीं तो
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Nice update
Thanks
Jabardast likha hai ,, ek do maalo ke saman ke jald darshan karane ka !!
Thanks
Dost
Jaldbaazi me sex mat karna.
Slowly slowly hero sabko seduce karke patiye to kahani ko phadne me jayada maja aagaya.
Direct sex se real wali feeling nhi aati hope you understand. Keep it up
Keep Going
Waiting For Next Update
Thanks,

Bilkul Bhai, kahi kami dikhe to bejhijhak bata dene ka :dost:
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Update ~ 06



अपुन ने फौरन चार्जिंग से मोबाइल निकाला और फिर जैसे ही बेड पर लेट कर उसकी स्क्रीन जलाई तो भक्क से रूम का दरवाजा खुला और विधी दनदनाते हुए अंदर दाखिल हुई। उसे देख अपुन चौंक गया। मन ही मन सोचा कि इस लौड़ी को तो भूल ही गयला था अपुन। इसे तो अब सारी रात अपुन के साथ ही रूम में रहना है लौड़ा।


अब आगे....


विधी को आया देख अपुन ये सोचने लग गयला था कि काश ये न आती तो कितना अच्छा होता। वहीं दूसरी तरफ उसने रूम में आते ही जल्दी से दरवाजा बंद किया और फिर खुशी से उछलते हुए बेड पर आ कर सीधे पसर ही गई। अपुन क्योंकि बेड के सिरहाने से टिका हुआ अधलेटा पड़ा था इस लिए जैसे ही वो अपुन से थोड़ा नीचे लेटी तो एकदम से अपुन की नज़र उसके कुर्ते के गले में पड़ गई।

उसके कुर्ते का गला उसके उभारों की वजह से काफी उठा हुआ था जिससे अपुन को साफ साफ उसके दोनों बूब्स दिखने लगे थे। अपुन की तो लौड़ा नजरें ही जम गईं उसके बूब्स पर और सांसें तो जैसे अटक ही गईं। जबकि उसे इस बात की खबर ही नहीं थी। वो तो खुशी के मारे में सिर को हल्का पीछे कर अपुन को देखते हुए मुस्कुराए जा रेली थी।

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पलक झपकते ही अपुन का दिमाग खराब हो गया। आज पहली बार अपुन अपनी छोटी बहन के गुप्त अंग को इस तरह देख रेला था। वैसे थोड़ा बहुत तो इसके पहले भी अपुन की नज़र पड़ जाती थी लेकिन तब अपुन के अंदर गलत खयाल नहीं उभरते थे।

अपुन एकटक विधी के बूब्स को देखे जा रेला था और जब कुछ देर तक अपुन ने कोई रिएक्ट न किया तो विधी का मुस्कुराना बंद हो गया। उसे थोड़ा अजीब भी लगा। उसने अपुन की नज़रों का पीछा किया और फिर जैसे ही उसकी नज़र अपने कुर्ते के खुले गले से दिख रहे बूब्स पर पड़ी तो वो उछल ही पड़ी। अगले ही पल एक झटके से उठ कर बैठ गई वो।

उसके यूं उठ जाने पर अपुन को एकदम से होश आया तो अपुन ने उसकी तरफ देखा। ठीक उसी वक्त उसने भी अपुन को देखा और अगले ही पल वो बुरी तरह शर्मा कर नज़रें चुराने लगी।

shelley-hennig

अपुन को भी एहसास हुआ कि लौड़ा ये क्या हो गया? फिर विधी ने जल्दी ही खुद को सम्हाल लिया।

विधी ─ भाई कितना गंदा है तू।

अपुन (चौंक कर) ─ क्या मतलब?

विधी ─ तू मेरे वहां पर ऐसे घूर के क्यों देख रहा था? शर्म नहीं आई तुझे?

अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा होने के बजाय शर्मा रेली है और झूठा गुस्सा दिखा रेली है तो अपुन भी रिलैक्स हो गया लौड़ा। इतना ही नहीं उसे छेड़ने का मन भी बना लिया। (भारी स्मार्ट लौंडा है अपुन)

अपुन ─ अब इसमें अपुन का क्या दोष है भला? तू खुद ही इस तरह से दिखा रेली थी तो अपुन की नज़र पड़ गई तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर।

विधी अपुन की ये बात सुन कर फिर से बुरी तरह शर्मा गई। उसके गाल कान तक लाल सुर्ख हो ग‌ए। कुछ पलों तक जैसे उसे समझ ही न आया कि क्या कहे लेकिन फिर जैसे उसने इस बार भी खुद को सम्हाल लिया।

विधी ─ तू सच में बहुत गंदा है। माना कि मेरी गलती थी लेकिन तुझे तो ख्याल रखना चाहिए था? ऐसे घूरते रहने की क्या जरूरत थी तुझे?

अपुन ─ अब इतनी खूबसूरत चीज़ सामने होगी तो भला कैसे किसी की नजर जमी न रह जाएगी उस पर?

विधी फिर से बुरी तरह शर्मा गई लेकिन इस बार उसने अपनी झूठी नाराजगी दिखाते हुए अपुन के बाजू में मुक्का मार दिया।

विधी ─ कुछ तो शर्म कर बेशर्म। मैं तेरी बहन हूं, तेरी गर्लफ्रेंड नहीं, हां नहीं तो।

अपुन ─ अच्छा, तो गर्लफ्रेंड बन जा न।

विधी (शॉक्ड) ─ क्या कहा???

अपुन─ वही जो तूने सुना।

विधी ─ पागल है क्या? बहन को गर्लफ्रेंड बन जाने को कैसे बोल सकता है तू?

अपुन ─ अरे! तो इसमें क्या हो गया? बहन को भी तो गर्लफ्रेंड बना सकते हैं। मतलब कि भाई बहन दोस्त भी तो बन सकते हैं।

विधी ─ ऐसा कैसे हो सकता है? गर्लफ्रेंड का मतलब तो वही सब होता है न?

अपुन समझ गया कि वो दूसरे टाइप की गर्लफ्रेंड का सोच रेली है।

अपुन ─ हां एक वैसी भी गर्लफ्रेंड होती है लेकिन वैसे गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के बीच कभी कभी फिजिकल रिलेशन भी बन जाते हैं...यू नो? लेकिन जो सिर्फ दोस्त होते हैं उनके बीच ऐसा नहीं होता।

विधी (शॉक) ─ क्या बात कर रहा है? भला ऐसा भी कहीं होता है? मतलब कि लड़का लड़की सिर्फ दोस्त रहें क्या ये पॉसिबल है?

अपुन─ हां क्यों नहीं। अगर दोनों चाहें तो, और अगर दोनों रिलेशन में भाई बहन हों तो।

विधी अब भी जैसे उलझन में थी। उसके चेहरे पर सोचो के भाव थे। वो ये बात जैसे भूल ही गई थी कि अपन दोनों के बीच शुरुआत किस बात से हुई थी।

अपुन ─ चल ज़्यादा मत सोच। अपुन तो मज़ाक कर रेला था। अपुन को तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का कोई शौक नहीं है। अपुन तो किसी ऐसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा जो तुझसे ज़्यादा ब्यूटीफुल हो और तेरी तरह अपुन से बात बात पर झगड़ा न करे और ना ही ज्यादा नखरे दिखाए।

विधी ने जब अपुन की ये बात सुनी तो वो अपुन को घूर कर देखने लगी। ऐसा लगा जैसे अपुन की ये बात उसे अच्छी न लगी हो।

विधी ─ ज्यादा मत बोल। मैंने अच्छे से देखा है, पूरे कॉलेज में मुझसे ज्यादा ब्यूटीफुल लड़की नहीं है। बड़ा आया मुझसे ज्यादा ब्यूटीफुल लड़की को गर्लफ्रेंड बनाने वाला, हां नहीं तो।

अपुन ─ अरे! कॉलेज में नहीं है तो क्या हुआ? इतने बड़े शहर में कहीं तो होगी ही। अपुन कल से ही ऐसी ब्यूटीफुल लड़की को खोजना शुरू करेगा और उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा। वाह! जब वो अपुन की गर्लफ्रेंड बन जाएगी तो अपुन उसे अपनी बाइक में बैठा कर मस्त मस्त जगह घूमने जाया करेगा और...और दोनों साथ में...।

विधी ─ बस बस, इतने सपने मत देख। तेरे जैसे लंगूर को कोई अपना बॉयफ्रेंड नहीं बनाएगी, हां नहीं तो।

अपुन ─ अरे! अपुन को अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाने के लिए कॉलेज की जाने कितनी लड़कियां मरी जा रेली हैं। एक तो तेरी फ्रेंड रीना ही है जो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के लिए मरी जा रेली है।

विधी ─ कुत्ती कमीनी है वो। तुझे बोला था न कि उससे दूर रह। वो अच्छी लड़की नहीं है।

अपुन ─ कोई बात नहीं। जब तक तुझसे ज़्यादा ब्यूटीफुल लड़की नहीं मिल जाती तब तक उसे ही अपनी गर्लफ्रेंड बना कर काम चला लेगा अपुन।

विधी (गुस्से से) ─ मैंने कहा न वो अच्छी लड़की नहीं है, फिर क्यों उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने को बोल रहा है तू?

अपुन ─ अरे! बताया तो कि तब तक उसी से काम चलाएगा अपुन।

विधी ─ ठीक है, फिर मैं भी अब किसी को अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाऊंगी।

अपुन (मुस्कुरा कर) ─ बिल्कुल बना ले।

विधी ─ क्या??? मतलब कि क्या तुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा कि मैं तेरे सामने किसी लड़के को अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाने को बोल रही हूं?

अपुन ─ अरे! अपुन को बुरा क्यों लगेगा भला? जैसे अपुन अपने तरीके से लाइफ जीना चाहता है वैसे ही तू भी तो जीना चाहती है। जब अपुन किसी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता है तो तू भी किसी को अपना ब्वॉयफ्रेंड बना ले, सिंपल।

विधी ने इस बार सच में बेहद गुस्से से देखा अपुन को। फिर एकदम से उसके चेहरे के भाव बदले। ऐसा लगा जैसे उसे किसी बात से तकलीफ हो रही है। उसकी आंखों में आसूं झलकने लगे। अपुन तो असल में उसे छेड़ रेला था और अब जब उसकी ये हालत देखी तो अपुन को अच्छा नहीं लगा लौड़ा। अपुन ने एकदम से उसे पकड़ कर खुद से छुपका लिया।

अपुन ─ अरे! सेंटी क्यों हो रेली है? अपुन तो बस तुझे छेड़ रेला था।

विधी ─ मुझसे दूर रह। एक तरफ तो मुझे अपनी जान कहता है और दूसरी तरफ मुझे रुलाता है। सच में गंदा है तू, मुझे तुझसे अब बता ही नहीं करना। जा रही हूं मैं, हां नहीं तो।

ये कहते हुए वो एक झटके से अपुन से अलग हुई और फिर बेड से भी उतर गई। जब वो दरवाजे की तरफ जाने लगी तो अपुन एकदम से चौंक पड़ा।

अपुन ─ अरे! रुक जा, कहां जा रेली है?

विधी दरवाजे का कुंडा पकड़े पलटी और रूठे हुए लहजे से बोली ─ मुझे तुझ जैसे गंदे इंसान के पास नहीं रहना। इस लिए जा रही हूं अपने रूम में। तुझे जिसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना है बना, मुझसे बात मत करना।

इससे पहले कि दरवाजा खोल कर वो सच में ही चली जाती अपुन बेड से कूद कर बिजली की स्पीड से उसके पास पहुंचा। फिर उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो वो झोंक में सीधा आ कर अपुन के सीने से टकराई। उसके मध्यम आकार के बूब्स अपुन की छाती में धंस गए जिससे अपुन के जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई।

विधी ─ छोड़ दे मुझे गंदे इंसान।

अपुन ─ कैसे छोड़ दूं? तू तो अपुन की जान है। तू अपुन से रूठ के दूर जाएगी तो कैसे जी पाएगा अपुन?

विधी ─ अगर सच में मैं तेरी जान होती तो तू मुझे ऐसे न रुलाया और ना ही मेरे सामने किसी और को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने को कहता।

अपुन ─ वो तो इस लिए कहा क्योंकि तूने अपुन की गर्लफ्रेंड बनने से इंकार कर दिया था।

विधी जो अभी तक अपुन से छूटने की कोशिश कर रेली थी वो अपुन की ये बात सुन के एकदम शांत पड़ गई और हैरानी से देखने लगी।

विधी ─ क्या मतलब है तेरा?

अपुन ─ क्या अब भी नहीं समझी?

विधी ─ नहीं, तू समझा।

अपुन ─ अपुन ने शुरू में ही तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बन जाने को बोला था पर तूने मना किया।

विधी ─ मैंने ऐसा कब कहा?

अपुन ─ अरे! लेकिन हां भी तो नहीं कहा था। खैर, तुझे ये सोचना चाहिए था कि जब तू अपुन की जान है तो अपुन किसी और को अपनी जान कैसे बना सकता है? पर अगर तू सच में अपुन की जान नहीं बनेगी तो अपुन को फिर कुछ और तो सोचना ही पड़ेगा न?

विधी एक बार फिर बुरी तरह उलझ गई। कुछ देर तक वो सोचती रही। अपुन उसी को देखे जा रेला था। अपुन ने अभी भी उसे खुद से छुपका रखा था और उसके बूब्स अपुन के सीने में धंसे हुए थे।

अपुन के मन में अजीब अजीब से खयाल उभर रहे थे। एक तरफ अपुन के अंदर हवस जाग रेली थी तो दूसरी तरफ ये सोच के ग्लानि भी होती कि वो अपुन की बहन है और अपुन ये कैसे उसके बारे में गलत सोच रेला है? तभी विधी की आवाज अपुन के कानों में पड़ी।

विधी ─ मुझे समझ नहीं आ रहा कि तू कहना क्या चाहता है?

अपुन ─ जब ठीक से समझेगी तभी तो समझ आएगा तुझे।

विधी ─ तो ठीक से तू ही समझा दे न।

अपुन ने उसे खुद से अलग किया और फिर बेड पर ले आया। वो बिना किसी विरोध के चुपचाप बेड पर बैठ गई थी। अपुन भी बेड पर उसके सामने बैठ गया और सोचने लगा कि आखिर किन शब्दों से समझाए उसको?

असल में अपुन एक कन्फ्यून में पड़ गयला था। इस सबके पहले दूर दूर तक अपुन के मन में उससे ऐसा कुछ कहने का या सोचने का खयाल नहीं था लेकिन अब जब बात यहां तक पहुंच गईली थी तो अपुन सोच में पड़ गयला था कि इस रास्ते में आगे बढ़े या नहीं? तभी विधी की आवाज से अपुन सोचो से बाहर आया।

विधी ─ अब कुछ बोलेगा भी या ऐसे ही बैठा रहेगा?

अपुन ─ एक बात बता, जैसे अपुन तुझे अपनी जान मानता है तो क्या तू भी अपुन को अपनी जान मानती है?

विधी ─ हां क्यों नहीं। तू भी मेरी जान है, हां नहीं तो।

अपुन ─ अच्छा, तो बता क्यों है अपुन तेरी जान?

विधी ─ बस है तो है। तू भी तो मुझे अपनी जान कहता है।

अपुन ─ हां कहता है अपुन लेकिन वो इस लिए क्योंकि तू अपुन की बहन है और अपुन तुझे बहुत चाहता है। एक दूसरे से लड़ना झगड़ना अलग बात है।

विधी ─ हां तो मैं भी तो इसी लिए तुझे अपनी जान मानती हूं, इसमें क्या है?

अपुन समझ गया कि उसके मन में जान मानने वाली बात के प्रति कोई गंभीर बात नहीं है या हो भी सकती है पर फिलहाल वो इस बात को न तो कबूल कर रही थी और ना ही ज़ाहिर कर रही थी। खैर अपुन ने कुछ सोचा और फिर उससे कहा।

अपुन ─ तुझे इसमें कुछ नहीं फील हो रहा?

विधी ─ ये तू क्या गोल मोल और घुमा फिरा के बोल रहा है? सीधे सीधे बोल न क्या बोल रहा है?

अपुन ─ ओके। अगर तुझे सच में कुछ फील नहीं हो रहा तो फिर तुझे अपुन के कुछ भी करने से प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। यानि अपुन जिस लड़की को चाहे अपनी गर्लफ्रेंड बना सकता है।

विधी ─ ऐसे कैसे बना सकता तू?

अपुन ─ अरे! तो तुझे इससे प्रॉब्लम क्या है? यही तो तुझसे पूछ रेला है अपुन।

विधी फ़ौरन कोई जवाब न दे सकी। वो हकबकाई सी दिखी और नज़रें चुराती नजर आई। कुछ पलों तक जाने क्या सोचती रही फिर बोली।

विधी ─ बस ऐसे ही, मुझे अच्छा नहीं लगता कि तू किसी लड़की से कोई रिलेशन रखे। देख, मैं सिर्फ ये चाहती हूं कि तू बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। हां हां...यही..यही चाहती हूं मैं, हां नहीं तो।

अपुन ─ पढ़ाई तो अपुन करता ही है लेकिन पढ़ाई के साथ साथ लाइफ में एंटरटेनमेंट भी तो जरूरी है।

विधी ─ हां तो इसके लिए तू मूवीज़ देख लिया कर, और क्या?

अपुन ─ मूवीज़ देख देख के बोर हो गया है अपुन। अब तो बस एक ही इच्छा है कि अपुन भी दूसरे लड़कों की तरह किसी लड़की को गर्लफ्रेंड बनाए और फिर उसके साथ मस्त एंजॉय करे।

अपुन की ये बात सुन कर विधी का चेहरा देखने लायक हो गया। वो बहुत बेचैन सी दिखने लगी। जैसे समझ न आ रहा हो कि क्या करे अब?

विधी ─ देख ये तू अच्छा नहीं कर रहा है। तुझे अभी पता नहीं है कि बाहर की लड़कियां कितनी खराब होती हैं। नहीं नहीं, तू किसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाएगा। तू बस अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान दे, हां नहीं तो।

अपुन समझ गया कि कुछ तो गड़बड़ है लौड़ा। बोले तो अब अपुन को यकीन भी हो गयला था कि वो अपुन के प्रति कुछ तो ऐसा फील करती थी जिसे वो अपुन के सामने एक्सेप्ट करने से या तो कतरा रही है या शायद डर रही है। अपुन ने भी सोचा कि इस वक्त उसे और ज्यादा परेशान करना ठीक नहीं है।

अपुन ─ ठीक है, अगर अपुन की जान यही चाहती है तो अपुन किसी लड़की को गर्लफ्रेंड नहीं बनाएगा, लेकिन..अपुन की भी एक शर्त है।

विधी ─ कैसी शर्त?

अपुन ─ तुझे अपुन की गर्लफ्रेंड बन के रहना होगा।

विधी (शॉक) ─ क्या??? मतलब ये क्या कह रहा है तू?

अपुन ─ सोच ले अब। वो क्या है न कि अपुन जब दूसरे लड़कों को अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ एंजॉय करते देखता है तो अपुन का भी वैसा करने का मन करने लगता है। अब तू तो चाहती नहीं है कि अपुन बाहर किसी लड़की को गर्लफ्रेंड बनाए तो तुझे ही अपुन की गर्लफ्रेंड बनना होगा न।

विधी सोच में पड़ गई। यूं तो उसके चेहरे पर खुशी के भाव भी तैर रेले थे लेकिन वो अपनी खुशी को छुपाने का प्रयास कर रेली थी और साथ में सोच में पड़ जाने का नाटक भी कर रेली थी। फिर जैसे उसने कोई फैसला कर लिया।

विधी ─ देख, तू भी मेरी जान है इस लिए तेरे लिए मैं तेरी गर्लफ्रेंड बनना एक्सेप्ट करती हूं लेकिन...।

अपुन ─ लेकिन??

विधी ─ लेकिन अब से तू न तो उस कमीनी रीना की तरफ देखेगा और ना ही किसी और लड़की को। अगर तूने ऐसा किया तो तेरे लिए अच्छा नहीं होगा, हां नहीं तो।

अपुन ─ अरे! जिसके पास तेरे जैसी ब्यूटीफुल हॉट एंड सेक्सी गर्लफ्रेंड हो वो किसी और को क्यों देखेगा भला?

विधी (आंखें फैला कर) ─ तू..तूने मुझे हॉट एंड सेक्सी कहा??? अरे! कुछ तो शर्म कर, बहन हूं तेरी।

अपुन ─ हां पर अभी अभी तू अपुन की गर्लफ्रेंड भी तो बन गईली है और गर्लफ्रेंड अगर हॉट एंड सेक्सी हो तो उसे यही तो बोलेगा न अपुन?

विधी खुश तो बहुत थी लेकिन ज़ाहिर नहीं करना चाहती थी। इस लिए हैरान होने का नाटक जारी था उसका और झूठा गुस्सा भी।

विधी ─ तू न बहुत गंदा है। अभी एक मिनट भी नहीं हुआ मुझे गर्लफ्रेंड बने हुए और तू मुझे ऐसे बोलने लगा। देख नेक्स्ट टाइम से किसी के सामने ऐसा नहीं बोलना वरना गर्लफ्रेंड का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दूंगी, हां नहीं तो।

अपुन उसकी ये बातें सुन कर मन ही मन हंसा। वो अपने आपको बहुत स्मार्ट समझ रेली थी जबकि स्मार्ट थी नहीं। वो समझती थी कि अपुन को उसकी असलियत का एहसास ही नहीं हुआ है। यानि अपुन को बुद्धू समझ रेली थी, हट लौड़ी। खैर अब क्योंकि अपुन को उसके हिसाब से ही चलना था इस लिए ऐसा दिखाना भी था।

अपुन ─ हां किसी के सामने नहीं बोलेगा अपुन लेकिन जब अपन लोग अकेले होंगे तब तो बोलेगा ही न अपुन।

विधी ─ क्या ऐसा बोलना जरूरी है?

अपुन ─ अरे! बहुत जरूरी है। क्या तू नहीं चाहती कि तेरा ब्वॉयफ्रेंड तेरी तारीफ़ करे?

विधी (खुश हो कर) ─ हां हां, चाहती हूं। अच्छा सुन, तू तो अब मेरा ब्वॉयफ्रेंड है न तो अब से तू मेरी बहुत सारी तारीफ किया करना।

अपुन ─ बिल्कुल, अपुन अपनी जान की तारीफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। तू एक काम कर, अपुन को लिस्ट बना के दे दे कि अपुन तारीफ में तुझे क्या क्या बोले?

विधी (आँखें दिखा कर) ─ लिस्ट क्यों? ये तो तू खुद से ही करेगा न। अगर तुझे लिस्ट बना के देना पड़े तो तू फिर अपने से कैसे कोई वर्ड तारीफ में बोलेगा?

अपुन समझ गया कि वो इतनी भी येड़ी नहीं है जितना अपुन उसे समझ रेला है।

अपुन ─ ठीक है फिर, लेकिन तारीफ में तुझे सब कुछ सुनना पड़ेगा। बोले तो अगर अपुन कुछ ऐसा वैसा बोले तो तू गुस्सा मत करना, समझी?

विधी ─ अरे! पर तू ऐसा वैसा बोलेगा ही क्यों मुझे? मुझे पता है, तू मेरी तारीफ में सब अच्छा ही बोलेगा, हां नहीं तो।

अपुन ─ अच्छा सुन, अपन लोग अब एक दूसरे के गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड तो बन गएले हैं लेकिन इस नए रिलेशनशिप की खुशी में मुंह मीठा तो किया ही नहीं अपन लोग ने।

विधी ─ हां ये तो तूने सही कहा। रुक अभी मैं किचेन से मिठाई ले के आती हूं।

कहने के साथ ही वो बेड से नीचे उतरने लगी तो अपुन ने झट से उसे रोक लिया। वो अपुन को सवालिया नजरों से देखने लगी।

अपुन ─ अरे! मिठाई लेने किचेन में क्यों जा रेली है?

विधी ─ अरे! मिठाई तो किचेन में ही रखी है बुद्धू। मैंने शाम को फ्रिज में देखा था, उसमें मिठाई का एक पैकेट रखा था। तू रुक मैं एक मिनिट से भी पहले उसे ले कर आ जाऊंगी।

अपुन ─ पर अपुन को उस मिठाई से मुंह मीठा नहीं करना।

विधी (हैरानी से) ─ क्या?? तो फिर कैसे मुंह मीठा करेगा तू?

अपुन जो सोच रेला था उससे अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक तेज हो गईली थीं। मन में ये सोच के घबराहट भी होने लगी थी कि कहीं अपुन के मुख वो बात सुन के वो गुस्सा न हो जाए।

खैर अपुन ने सोचा जो होगा देखा जाएगा। इस लिए अपुन ने डरते डरते अपने एक हाथ को उसकी तरफ बढ़ाया और उसके गुलाबी होठों को एक उंगली से छू कर कहा।

अपुन ─ तेरे इन होठों को चख के मुंह मीठा करेगा अपुन।

विधी अपुन की बात सुन कर बुरी तरह उछल पड़ी। आश्चर्य से आंखें फाड़ कर देखा अपुन को।

विधी (आँखें फाड़ कर) ─ ये...ये क्या कह रहा है तू? पागल है क्या?

अपुन ─ देख अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तुझे इतना तो अपुन के लिए करना ही पड़ेगा। वैसे भी ऐसे रिलेशन में इतना सब करना तो नॉर्मल बात होती है और हां जरूरी भी होता है क्योंकि इससे रिलेशन बना रहता है वरना लड़के लोग बोर हो जाते हैं और ब्रेकअप भी कर लेते हैं।

विधी बुरी तरह हैरान नज़र आई। उसका मुंह भाड़ की तरह खुला हुआ था। अपुन लौड़ा जो पहले घबराया हुआ था अब उसके इस रिएक्शन पर थोड़ा रिलैक्स हो गयला था।

विधी ─ तू...तू ऐसा कैसे बोल सकता है? मत भूल कि हम दोनों सगे भाई बहन हैं और भाई बहन के बीच ये करना गलत है।

अपुन ─ हां पर अब अपन के बीच एक नया रिलेशन भी तो बन गयला है और उसमें ये करना गलत नहीं है। इसके बाद भी अगर तुझे ये गलत लगता है तो फिर अपन लोग के बीच ये रिलेशन भी नहीं होना चाहिए। मतलब कि अपुन के लिए यही अच्छा है कि अपुन बाहर की किसी लड़की को गर्लफ्रेंड बना ले और उसी के साथ ये सब करे।

विधी ये सुन कर थोड़ा परेशान दिखने लगी। उसे समझ नहीं आ रेला था कि अब क्या करे? ऐसा लगा जैसे वो किसी धर्म संकट में फंस गईली है। अपुन भी अब ये सोचने लगा कि देखें तो सही वो क्या फैसला करती है? कुछ देर तक वो असमंजस में फंसी रही, फिर अपुन की तरफ परेशानी से देख कहा

विधी ─ क्या तू सच में ये करना चाहता है? क्या सच में तुझे अपनी बहन के साथ ये करना सही लगता है?

अपुन ─ देख, अपुन ज्यादा तो नहीं जानता लेकिन इतना फील करता है कि अगर दो लोग का मन किसी बात के लिए हां कर दे तो वो सही ही होता है। अपुन मानता है कि तू अपुन की बहन है और बहन के साथ किस विस करना गलत है लेकिन अब क्योंकि तू अपुन की गर्लफ्रेंड भी बन गईली है तो अपुन को इस रिलेशन के बेस पर भी चलना होगा और इस रिलेशन में ये करना गलत नहीं है। साफ शब्दों में बोले तो अपुन को ये गलत नहीं लगता, बाकी अगर तुझे गलत लगता है तो मत कर।

विधी फिर से सोच में पड़ गई। कुछ देर तक वो अपुन को एकटक देखती रही। अपुन भी उसे ही देखे जा रेला था और सोच भी रेला था कि अपुन जिस बात के लिए उसे उकसा रेला है क्या वो सही है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आगे चल कर इसका कोई भयंकर परिणाम भोगना पड़े? बेटीचोद, इस खयाल ने गाड़ फाड़ के रख दी अपुन की लेकिन फिर अगले ही पल अपुन ये सोच के रिलैक्स हो गया कि जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

उधर विधी ने जैसे कोई फैसला कर लिया था। बोली तो कुछ नहीं लेकिन धीरे से अपुन की तरफ खिसक आई और फिर बैठे ही बैठे वो अपुन के चेहरे के एकदम पास आ गई। ये देख लौड़ा अपुन की धड़कनें बढ़ गईं। मन में यही खयाल उभरा कि कहीं ये सच में अपुन को किस तो नहीं देने जा रेली है? उधर वो अपुन के चेहरे के एकदम पास आ कर रुकी।

विधी ─ तू मुझे अपनी जान कहता है और मैं भी तुझे अपनी जान मानती हूं। मतलब कि हम दोनों एक दूसरे को एक जैसा ही मानते हैं तो अब जब तू इसे गलत नहीं मानता तो मैं भी नहीं मानूंगी।

अपुन के एकदम पास ही वो चेहरा किए बैठी थी। उसकी सांसें अपुन के चेहरे से टकरा रेलीं थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ बिल्कुल एक अंगुल की दूरी पर थे जिन पर अपुन की नज़रें टिकी हुईं थी।

MP4

लौड़ा, अपुन की तो प्रतिपल हालत ही खराब हुई जा रेली थी। फिर भी उसकी बात सुन कर धीरे से बोला।

अपुन ─ तो फिर देर क्यों कर रेली है मेरी जान। मुंह मीठा करवा न जल्दी।

और जैसे वो भी अपुन के ऐसा कहने का ही इंतजार कर रेली थी। झट से उसने अपुन का चेहरा हल्के हाथों से पकड़ा और अपने गुलाबी होठ रख दिए अपुन के होठों पर।

पलक झपकते ही अपुन के जिस्म में सनसनी सी दौड़ गई। इससे पहले कि विधी अपुन के होठों से अपने होठ अलग करती अपुन ने जल्दी से उसका चेहरा थाम लिया और फिर उसके होठों को मुंह में ले कर चूमने चूसने लगा।

अपुन की इस हरकत से उसे बड़ा तेज झटका लगा। वो फ़ौरन ही अपुन से अलग होने को हुई लेकिन अपुन ने मजबूती से उसका चेहरा थाम रखा था जिससे वो अपने होठों को अपुन के चंगुल से छुड़ा न पाई।

विधी छटपटाने लग गईली थी लेकिन अपुन मजे से उसके होठ चूसे जा रेला था। सच तो ये था लौड़ा कि अपुन एक ही पल में मजे के सातवें आसमान में पहुंच गयला था और एक ही पल में सब कुछ भूल भी गयला था। उसके होठ बहुत ही सॉफ्ट थे और बहुत ही मीठे भी। मन तो कर रेला था कि सारी रात उन्हें इसी तरह चूसता रहे लेकिन फिर अलग होना पड़ गया लौड़ा।

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विधी जब खुद को अपुन से न छुड़ा पाई थी तो उसने अपुन के सिर के बाल बहुत जोर से खींचे थे जिससे अपुन को दर्द हुआ और अपुन ने होश में आ कर फ़ौरन ही उसे छोड़ दिया था।

उसे छोड़ा तो वो बुरी तरह हांफती दिखी और साथ ही गुस्से में भी। फिर अचानक उसने खींच के एक तमाचा जड़ दिया अपुन के गाल पर।

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विधी ─ कुत्ते कमीने, ये क्या कर रहा था तू? एक बार भी नहीं सोचा कि तेरी बहन हूं मैं।आज के बाद अपनी शक्ल मत दिखाना मुझे।

अपुन तो लौड़ा शॉक ही हो गया। मतलब कि ये क्या बवासीर हो गया? लौड़ा जो बात सोचा ही नहीं था वो हो गयला था। अपुन तो यही सोच बैठा था कि अपुन की तरह शायद अब वो भी यही चाहती है लेकिन उसका अचानक से बदला ये रूप देख अपुन का तो जैसे फ्यूज ही उड़ गयला था।

उधर अपुन को ये सब बोल कर वो बेड से उतर गई और फिर गुस्से में ही पैर पटकता हुए रूम से बाहर निकल गई। दरवाजे के बड़े जोर से झटक कर बंद किया था उसने। इधर अपुन बेड पर ऐसे बैठा था जैसे किसी ने अपुन की गांड़ ही मार ली हो बेटीचोद।

To be continued...



Aaj ke liye itna hi bhai log...
Read and enjoy.. :declare:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Avasya batayega apun :approve: But ju ne subham ki hatya kar di uske liye kabhi maaf nahi karega ju ko:hammer:
Next update posted :declare:
intezaar rahega....
I'm still waiting for next update bro
Super update upcoming update ka intezar hai jaldi se Sex se bhara hua
Thanks
Besabari se intezaar rahega next update ka The_InnoCent bhai....
Hot update
Thanks
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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intezaar rahega....
शुभम भाई आपका ये नया अंदाज निराला है
कहानी में भी बहुत कुछ होने की सम्भावना है

लेकिन
"जीना यहां मरना यहां" भी छापनी ही पड़ेगी, अभी के अभी

..... हां नहीं तो
Aree apan to dar :scared: gaya :D
Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Thanks

Next update posted :declare:
 
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