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Incest हवस के कारनामे ~ A Tale of Lust

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कहते हैं इश्क और जंग मे सब जायज है । साधना अपने विराट बाबा से इश्क करती है , शादी के सपने देखती है , डोली मे बैठकर अपने ससुराल , माने विराट साहब के घर जाना चाहती है , और यह सब कोई छुपी हुई बात नही है बल्कि साधना ने खुद यह सब विराट साहब से कहा है तो साधना के इस कदम से मुझे जरा भी हैरानी नही हुई ।

यह बात अलग है कि वह विराट साहब से सचमुच का मोहब्बत करती है या उनके धन दौलत पर मेहरबान है ।

लेकिन यह देखकर बहुत ताज्जुब हुआ कि साधना के किचन मे जाकर भोजन गर्म करने के पांच सात मिनट के अंदर ही विराट साहब ने न सिर्फ उसकी मोबाइल के लाॅक को अनलाॅक कर दिया बल्कि बीडीओ , चैटिंग , मैसेज सबकुछ सारे साइट से डिलीट भी कर दिया ।
शर्तिया वो भोजन गर्म करने नही , भोजन बनाने गई थी ।

इधर अनुष्का मैडम की लीला भी अपरंपार है । अपने हसबैंड की नौकरी छूटने की खबर अपने पिताश्री को नही दी , माताश्री को नही दी , बहन को नही दी , अपने फास्ट फ्रैंड को नही दी ; वो खबर विराट साहब को दे दी । विराट साहब की उनके प्रति नाराजगी का यह कैसा लगाव !
यह मैडम भी अवश्य प्रिंस चार्मिंग पर फिदा है ।
देख कर भई , कहीं यह मैडम भी अपनी कजन बहन की तरह विराट सर पर त्रिया चरित्र तो नही दिखाने वाली ! आखिर इन्हें भी एक मुर्गे की तलाश है , क्यों की पहले मुर्गे ने तो इनसे हाथापाई जो शुरू कर दी । :D
बेहतरीन अपडेट शुभम भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Update ~ 19



जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।


अब आगे....


अपुन ने सोच लिया था कि अब साधना से अपुन कोई रिलेशन नहीं रखेगा। ये तो अपुन का अच्छा नसीब था कि अपुन गांड़ फाड़ देने वाले संकट से खुद को बचा लिया था लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार अपुन बच ही जाएगा।

अभी तो साधना को पता ही नहीं है कि अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम गधे के सींग के माफिक गायब कर दिएला है लेकिन जब उसे पता चलेगा तब उसकी भी हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसी अपुन की हो गईली थी। बोले तो अपुन के जैसे ही उसकी भी गांड़ फट के हाथ में आ जाएगी बेटीचोद।

खैर मन ही मन अपनी इस खुशी का मजा लेने के साथ ही अपुन ने सोचा कि आज आखिरी बार उसको तबीयत से चोद लेता है, उसके बाद तो उसकी तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखेगा अपुन। बोले तो अपुन की चोरी से इतना खतरनाक एटम बम बनाने की सजा तो मिलनी ही चाहिए लौड़ी को।

यही सब सोचते हुए अपुन ने फटाफट खाना खत्म किया तो साधना जूठी थाली ले कर कमरे से निकल गई। इधर अपुन बाथरूम में हाथ धोने चला गया। थोड़ी देर में जब अपुन रूम में आया तो देखा वो अपुन के लिए ग्लास में पानी लिए खड़ी थी। अपुन ने मुस्कुराते हुए उससे ले कर पानी पिया।

साधना बड़े प्यार से अपुन को देखे जा रेली थी और इधर अपुन ये सोच के खुश हो रेला था कि रुक लौड़ी जब तुझे अपने एटम बम के गायब होने का पता चलेगा तब तेरी ये मुस्कान और तेरी ये मोहब्बत तेरे पिछवाड़े में घुस जाएगी लौड़ा। खैर तभी उसने पूछा।

साधना ─ अब भूख मिटी मेरे बाबू कि नहीं?

अपुन ─ यार तुम्हारे हाथ का बना खाना खा के भी भूख न मिटे तो साला लानत है अपुन पर।

साधना ─ अच्छा ऐसा क्या।

अपुन ─ हां, और अब तुम्हारे इन रसीले होठों की शराब पीने का मन कर रेला है। बोले तो अपुन अब तुम्हारा नशा कर के डूब जाना चाहता है।

साधना ─ ओह! तो डूब जाओ न बाबू। मैं तो कब से तुम्हारे साथ इस नशे में डूब जाने को तरस रही हूं। अब देर न करो जान। आज हमारे पास ये आखिरी ऐसा मौका है जब हम खुल कर एक दूसरे में समा सकते हैं। मम्मी के आ जाने के बाद तो शायद ही ऐसा कोई मौका मिलेगा हमें।

अपुन ─ कोई न कोई मौका जरूर मिलेगा यार।

साधना ─ कैसे मिलेगा बाबू? तुम्हारी तरह अगर मैं भी कॉलेज जाती तो शायद ऐसा मौका हम बना भी लेते लेकिन इस घर में रह कर मौका मिलना बहुत मुश्किल है। मैं तो ये सोच कर उदास हो जाती हूं कि आज के बाद जाने कैसे तुम्हारे इस प्यार के बिना रह पाऊंगी मैं?

अपुन जानता था कि वो भावुक होने लगी थी और कहीं न कहीं ये उसके मन का सच्चा हाल ही था लेकिन अपुन इस वक्त सिर्फ उसके ही मन की करना चाहता था और ये भी कि बेकार में वक्त बर्बाद न हो।

अपुन ─ लेट्स सी, क्या होता है यार लेकिन अभी जो मौका अपन लोग के पास है उसे ऐसी बातों से क्यों बर्बाद करना? बोले तो इस मौके को अच्छे से स्तेमाल करना चाहिए अपन लोग को। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?

साधना ─ ओह! बाबू, मुझे तो जाने क्या क्या लगता है। खैर तुम सही कह रहे हो। इस हसीन मौके को बातों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।

कहने के साथ ही साधना अपुन की तरफ तेजी से बढ़ी। फिर अपुन को धकेलते हुए बेड के करीब लाई और अपुन को बेड पर गिरा दिया। अपुन समझ गया कि अब चुदाई का खेल शुरू होने वाला है। इस बात ने अपुन के अंदर मजे का रोमांच भरना शुरू कर दिया लौड़ा।

साधना झट से बेड पर चढ़ी और सीधा अपुन के ऊपर ही आ गई। उसके बाद झुक कर उसने एकदम से अपुन के होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया।

साधना ─ आज तुम्हारे होठों को खा जाऊंगी बाबू।

कहते हुए साधना ने फिर से अपुन के होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। वो एकदम से ही जोश में आ गईली थी। अपुन ने भी उसे कस लिया और अब अपुन भी उसके होठों पर टूट पड़ा।

जल्दी ही अपन लोग के अंदर हवस का तूफ़ान गर्मा गया लौड़ा। साधना के बिना ब्रा के मम्मे अपुन के सीने में स्पष्ट चुभ रेले थे। उसके निप्पल एकदम टाइट हो गएले थे। ऊपर से वो अपनी कमर को बड़े जोश के साथ अपुन के खड़े हो गए लन्ड पर रगड़ने लग गईली थी लौड़ी।

अपुन ने एक हाथ बीच में डाल कर उसके एक मम्मे को पकड़ लिया और फिर जोर जोर से मसलने लगा। अपुन की इस हरकत से साधना बुरी तरह मचलने लगी। उसकी सिसकियां अपुन के मुंह में ही फना होने लगीं। सच में उसके मम्मे गजब के थे। अपुन का मन भी नहीं भरता था उन्हें मसलने से।

साधना ─ ओह! धीरे दबाओ बाबू शश्श्श्श दर्द होता है।

अपुन ─ तुम्हारे ये दूध सच में बहुत कमाल के हैं साधना। इनका दूध पिलाओ न अपुन को।

साधना ─ पर इनमें से दूध कहां निकलता है जान शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ फिर कैसे निकलेगा?

पूछने के साथ ही अपुन ने उसके दूसरे मम्मे को पकड़ कर जोर से मसल दिया जिससे उसकी दर्द भरी आह निकल गई। फिर मचलते हुए बोली।

साधना ─ तुम मुझे अपने बच्चे की मां बना दो तो निकलने लगेगा बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् थोड़ा धीरे द...बाओ न जाननन।

अपुन ─ तो क्या तुम बिना शादी के ही अपुन के बच्चे की मां बनना चाहती हो?

साधना ─ न...नहीं बाबू शश्श्श्श अगर ऐसे मां बन गई तो कयामत आ जाएगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ क्यों??

साधना ─ समझो बाबू शश्श्श्श सब मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ उछालने लगेंगे आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श। इस लिए तुम पहले मुझसे शादी करना और फिर मुझे अपने बच्चे की मां बना देना।

अपुन का लन्ड बेटीचोद बुरी तरह अकड़ गयला था। साधना पूरे जोश में अपनी चूत को अपुन के लन्ड पर रगड़ रेली थी। अब वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। इधर अपुन लगातार उसके मम्मों को मसले जा रेला था। दूसरी तरफ कभी उसके कानों को जीभ से लपलपा देता तो कभी उसके गले को जिससे वो मचल उठती थी।

अपुन ─ ये कुर्ता उतार दो न यार। अपुन को तुम्हारे ये सुंदर सुंदर दूध पीना है।

साधना ─ ओह! बाबू क्या सच में तुम्हें मेरे ये बूब्स इतने सुंदर लगते हैं?

अपुन ─ हां यार, तुमसे भी ज्यादा सुंदर हैं ये। चलो अब अपना कुर्ता उतार दो जल्दी।

साधना ─ तुम ही उतार दो न बाबू।

अपुन ने सोचा ये लौड़ी ऐसे ही समय बर्बाद करवाएगी इस लिए झट से अपुन ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।

अब वो पूरी तरह नंगी थी अपुन के सामने। एकदम गोरी चिकनी थी लौड़ी। अपुन देखता ही रह गया उसे। ये देख उसे थोड़ी शर्म आई तो उसने झट से अपने हाथों की कैंची बना कर अपनी चूचियों को ढंक लिया।

अपुन ने उसे पकड़ कर एकदम से बेड पर लिटा दिया और फिर उसके ऊपर आ कर सीधा उसके एक निप्पल को मुंह में भर लिया। दूसरे को एक हाथ से मसलते हुए अपुन उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगा जिससे साधना एक ही पल में मदहोश हो कर मचलने लगी। उसने अपुन के सिर को पकड़ कर जोर जोर से अपने उस निप्पल पर दबाना शुरू कर दिया।

अपुन ─ ओह! साधना, यार सच में तुम्हारे दूध का टेस्ट बहुत गजब का है। काश! इसमें से दूध भी निकलता तो कितना मजा आता।

साधना ─ शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् बोल तो रही हूं बाबू कि मुझसे शादी कर के अपने बच्चे की मां बना दो। फिर जी भर के पी लेना मेरा दूध। उफ्फ शश्श्श्श बाबू और जोर से चूसो न। हाय कितना मजा आ रहा है।

साधना सच में पागल हो रेली थी। नीचे से कमर उठा उठा कर अपुन के लन्ड पर झटका दे रेली थी। अपुन से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रेला था इस लिए फौरन ही अपुन ने अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो कर उसके ऊपर झुक गया। अपुन के पूरी तरह भन्नाए हुए लन्ड ने जैसे ही साधना की नंगी चूत पर दस्तक दी तो उसके जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। अगले ही पल उसने अपना हाथ नीचे कर के उसे पकड़ लिया।

साधना ─ शश्श्श्श बाबू अपने इस मूसल लन्ड को जल्दी से मेरी चूत में डाल दो न।

अपुन ─ पहले इसे मुंह में ले कर गीला करो डियर।

साधना ये सुनते ही उठ गई और अपुन को नीचे लिटा कर सीधा लन्ड को पकड़ लिया और मदहोशी से देखते हुए पहले तो उसे सहलाया और फिर झुक कर उसे चूमने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू तुम्हारा ये लन्ड तो सच में बहुत बड़ा है लेकिन ये अच्छा ही है। क्योंकि जब ये मेरी चूत में जाता है तो बहुत मजा आता है।

अपुन ─ टाईम बर्बाद मत करो डियर। जल्दी से मुंह में ले कर इसे गीला करो और फिर बैठ जाओ इस पर।

साधना ने ऐसा ही किया। वो लन्ड को देख कर बहुत ज्यादा गर्म और मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। उसने झट से उसे मुंह में लिया और किसी रण्डी की तरह चूसने लगी। अपुन तो बेटीचोद एक ही पल में मजे की दुनिया में पहुंच गया लौड़ा।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही चूसो मेरी जान। अब तुम अच्छे से लन्ड चूसने लगी हो।

साधना अपनी तारीफ सुन और भी जोश के साथ लन्ड को चूसने लगी। कुछ ही देर में अपुन की नशों में दौड़ता लहू उबाल मारने लगा लौड़ा। उधर साधना उसे आधे से ज्यादा मुंह में भर के चूस रेली थी।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श अब बस करो यार। इतना जोर से चूसोगी तो तुम्हारे मुंह में ही झड़ जाएगा अपुन।

साधना ─ नहीं बाबू। पहले इससे मेरी चुदाई करो, उसके बाद मेरे मुंह में झड़ जाना।

कहने के साथ ही साधना उठी और अपुन के दोनों तरफ अपने पैरों को बेड पर जमा कर अपनी गांड़ को नीचे झुकाते हुए लन्ड को अपनी चूत पर सेट किया और फिर एक हाथ से पकड़े लन्ड पर एक ही झटके में अपनी गाड़ को धर दिया। अगले ही पल अपन दोनों के मुंह से मजे में डूबी दर्द मिश्रित आह निकल गई। उसके गांड़ धरते ही अपुन का लंड जड़ तक उसकी चूत में समा गयला था।

साधना ─ उफ्फ बाबू, तुम्हारा लन्ड तो मेरी नाभि में फील हो रहा है। शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हाय कितना अच्छा लग रहा है शश्श्श्श।

साधना ये बोलने के साथ ही अपनी गांड़ को अपुन के लन्ड पर उठा उठा कर पटकने लगी। अपुन तो पलक झपकते ही मजे के सातवें असमान में पहुंच गया लौड़ा। दोनों हाथ बढ़ा कर अपुन ने उसके उछलते मम्मों को पकड़ लिए और जोर जोर से उन्हें मसलने लगा।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू बहुत मजा आ रहा है। लगता है इस मजे में पागल हो जाऊंगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् मैं।

अपुन ─ और जोर जोर से अपनी गांड़ को पटको डियर।

असल में अपुन को भी बहुत मज़ा आ रेला था और अपुन का बहुत मन कर रेला था कि अपुन फुल स्पीड में नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर उसकी चूत में अपना लन्ड पेले।

साधना से जितना हो सकता था उतना जोर लगा लगा कर अपनी गांड़ को पटक रेली थी। उसकी आहें, उसकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रेली थीं। दूसरी तरफ अपुन बेदर्दी से उसके मम्मे मसले जा रेला था जिससे वो दर्द से चीख भी पड़ती। बोले तो बड़ा ही भयंकर मजे में थे अपन दोनों।

थोड़ी देर बाद साधना का अपनी गांड़ पटकना धीमा होने लगा। शायद वो थक गईली थी। मजा कम होते देख अपुन ने झट से उसे अपने ऊपर से उतारा और फिर उसे लिटा कर अपुन उसकी टांगों के बीच आया। दोनों हाथों से उसकी टांगों को फैला कर अपुन ने उसकी चूत पर अपने लन्ड को सेट किया और फिर पूरी ताकत से धक्का दे कर एक ही बार में पूरा लन्ड उसकी चूत के अंदर पेल दिया।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू जान ले लोगे क्या मेरी? शश्श्श्श धीरे से डालो न। उफ्फ शश्श्श्श ऐसा लगता है लोहे का गर्म सरिया डाल दिया है तुमने मेरी नाजुक सी चूत में।

अपुन ─ अब यही लोहे का सरिया तुम्हारी जबरदस्त चुदाई करेगा मेरी जान। आज तुम्हें ऐसा चोदेगा कि तुम्हारी चूत का भोसड़ा ही बना देगा अपुन।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् बना दो बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हां ऐसे ही जान। क्या मस्त चोदते हो आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही मुझे रोज चोदना बाबू।

अपुन पूरे जोश में धक्के लगाए जा रेला था और नीचे लेटी साधना पागल सी हो कर मजे से चीखे जा रेली थी। उसके उछलते मम्मे अपुन को आकर्षित कर रेले थे लेकिन अपुन को इतना मजा आ रेला था कि अपुन बिना रुके स्पीड में धक्के लगाए जा रेला था।

कुछ ही देर में साधना एकदम से ऐंठ गई और झटके खाते हुए भरभरा कर झड़ने लगी। झड़ते वक्त वो और ज्यादा पगला गईली थी लौड़ी। उसके गर्म गाढ़े पानी से अपुन का लन्ड पूरी तरह सराबोर हो गयला था जिससे धक्कों के साथ पुच्च पुच्च की आवाज आने लग गईली थी।

साधना झड़ने के बाद थोड़ा ढीली पड़ गईली थी लेकिन अपुन उसकी टांगें पकड़े लगा रहा बेटीचोद। थोड़ी ही देर में साधना फिर से रंग में आने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् और जोर से चोदो मुझे। आज ऐसा चोदो कि मेरी चूत की सारी तड़प मिट जाए।

अपुन ने एक झटके से लन्ड बाहर खींच लिया और साधना को घोड़ी बनने को कहा। वो किसी तरह उठी और पलट कर घोड़ी बन गई। उसकी सुंदर गोरी चिकनी गांड़ अपुन के सामने उभर कर दिखने लगी। अपुन को पोर्न मूवी का सीन याद आ गया तो अपुन ने जोर से एक थप्पड़ उसकी गांड़ के एक पार्ट पर मारा जिससे साधना बुरी तरह उछल कर चीख पड़ी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू क्या कर रहे हो?

अपुन ─ तुम्हारी सेक्सी गान्ड को प्यार कर रेला है अपुन। क्या गजब की गांड़ है यार तुम्हारी। मन करता है अपुन ये लन्ड तुम्हारी इस गांड़ में ही डाल दे।

साधना ये सुन कर कांप गई। झट से पलट कर बोली।

साधना ─ नहीं न बाबू। तुम्हारा लन्ड लन्ड नहीं है बल्कि मूसल है। इससे तो मेरी गांड़ बुरी तरह फट जाएगी।

अपुन भी ये बात जानता था इस लिए इस वक्त अपुन का इरादा उसकी गांड़ चोदने का बिलकुल भी नहीं था। खैर अपुन ने लन्ड को पीछे से उसकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया लौड़ा। साधना बुरी तरह कराह उठी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू धीरे से डाला करो न। तुम तो मेरी जान ही निकाल देते हो।

अपुन ─ तभी तो चुदाई करने में मजा आता है डियर।

कहने के साथ ही अपुन उसकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा। एक बार फिर से कमरे में साधना की आहें और सिसकियां गूंजने लगीं और साथ ही धक्कों की आवाजें भी।

कुछ ही देर में अपुन को ऐसा लगने लगा जैसे अपुन की नशों में दौड़ता खून फुल स्पीड में अपुन के गोटों की तरफ आ रेला है। मजे की इंतहां में अपुन और जोर जोर से धक्के लगाने लगा लौड़ा।

साधना बुरी तरह मचल रेली थी। पागल सी हो कर कभी चीख पड़ती तो कभी सिर को बेड पर गिरा कर आहें भरने लगती। तभी वो फिर से झड़ने लगी।

अपुन ─ ओह! आह्ह्ह्ह् साधना अपुन झड़ने वाला है यार।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श मेरी चूत में मत झड़ना बाबू।

साधना झड़ने के बाद किसी तरह बोली तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ तो फिर जल्दी से उठ कर मुंह खोलो अपना।

कहने के साथ ही अपुन ने एक ही झटके में उसकी चूत से लन्ड निहाल लिया। इस वक्त अपुन अपने चरम पर था। इधर जैसे ही लन्ड निकला साधना झट से पलट गई और घुटनों पर बैठ कर अपना मुंह खोल लिया।

अपुन जल्दी से खड़ा हुआ और थोड़ा झुके हुए तेज तेज मुठ मारने लगा। एक मिनिट से पहले ही अपुन की टांगें कांपने लगीं लौड़ा। मजे से बुरा हाल हो गया और फिर अपुन के लन्ड ने साधना के मुंह में उल्टी करना शुरू कर दिया।

एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां उसके मुंह में समाने लगीं। कुछ साधना के मुंह के अंदर गईं तो कुछ उसके चेहरे पर जिससे साधना लौड़ी ने अजीब सा मुंह बना कर अपनी आँखें बंद कर ली।

झड़ने के बाद अपुन असहाय सा बेड पर पसर गया लौड़ा। उसके बाद अपुन को नहीं पता कि साधना ने अपने मुंह में भरे अपुन के वीर्य का क्या किया? थोड़ी देर में जब अपुन ने आँखें खोल कर देखा तो साधना को बाथरूम से निकलते पाया।

वो पूरी तरह नंगी थी। बाथरूम से शायद खुद को साफ कर के आ रेली थी वो। अपुन के पास आ कर वो अपुन से किसी बेल लता की तरह लिपट गई।

साधना ─ आई लव यू सो मच बाबू। तुमने सच में मुझे अंदर तक तृप्त कर दिया है। मैं अभी भी उसी मजे के एहसास को फील कर रही हूं।

अपुन अब क्योंकि होश में आ गयला था इस लिए अब यही सोच रेला था कि जितना जल्दी हो सके यहां से निकल लिया जाए।

अपुन ─ अपुन को भी बहुत मजा आया मेरी जान लेकिन अब अपुन को जाना होगा। कुछ देर में अमित और तुम्हारी मम्मी के आने का वक्त भी हो जाएगा।

साधना ─ ओह! हां बाबू। उनके आने के बाद तो हम इस तरह एक दूसरे से मिल भी नहीं पाएंगे। काश! ऐसा हो कि ये वक्त यहीं पर रुक जाए।

अपुन ─ टाईम कभी नहीं रुक सकता यार। अपन लोग को ही उसके साथ आगे बढ़ना होता है।

कहने के साथ ही अपुन उठा और अपने कपड़े पहनने लगा। साधना को भी सिचुएशन का एहसास था इस लिए वो भी उठी और कपड़े पहनने लगी।

अपुन कपड़े पहन कर जाने के लिए रेडी हो गयला था और अब साधना को कपड़े पहनते देख रेला था। सबसे पहले उसने अपनी ब्लैक कलर की ब्रा पहनी फिर उसके ऊपर कुर्ता पहनने लगी तो अपुन झट से आगे बढ़ा और उसे दबोच लिया।

असल में अपुन का मन फिर से उसके साथ मजा करने का होने लग गयला था। हालांकि अपुन जानता था कि अब फिर से सेक्स करने का माकूल वक्त नहीं रह गयला था लेकिन अपुन ने ये सोच कर उसे दबोचा कि थोड़ा ऊपर से ही उससे मजा ले लिया जाए। बाद में क्या पता कब ऐसा मौका मिले?

साधना ─ ओह! बाबू क्या कर रहे हो? क्या अभी मन नहीं भरा?

अपुन ─ तुम चीज ही ऐसी हो मेरी जान कि तुमसे मन नहीं भर सकता। खैर एक बार अपने मम्मे का दूध तो पिला दो।

कहने के साथ ही अपुन ने खुद ही उसकी ब्रा का एक कप ऊपर कर दिया जिससे उसका एक मम्मा उछल कर बाहर आ गया। वाह! गोरे चिकने मम्मे को देखते ही अपुन का लन्ड सिर उठाने लग गया लौंडा। अपुन ने झुक कर झट से उसके निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। अपुन के ऐसा करते ही साधना मचल उठी और उसके मुंह से सिसकी निकल गई।

साधना ─ मत करो बाबू वरना मैं फिर मुझसे भी रहा नहीं जाएगा और मेरी चूत तुम्हारा लन्ड अपने अंदर लेने के लिए तड़पने लगेगी।

अपुन ने एक हाथ नीचे सरका कर उसकी नंगी चूत को मसल दिया जिससे साधना बुरी तरह चिंहुक उठी।

साधना ─ नहीं न बाबू। प्लीज न करो।

अपुन ने झट से उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया और उसके मम्मे को भी चूसते हुए मसल कर छोड़ दिया। साधना इतने में ही मस्तिया गईली थी लौड़ी। उसकी आंखों में वासना के लाल डोरे तैरते दिखने लगे थे।

खैर अपुन ने जब उसे छोड़ दिया तो उसने अपुन को मदहोशी से देखते हुए ही अपनी ब्रा को सही किया और फिर कुर्ते को उठा कर पहनने लगी। फिर उसने नीचे अपनी पैंटी पहनी और फिर सलवार।

उसके बाद अपन दोनों ही रूम से निकले और घर के मुख्य दरवाजे के पास आ गए। साधना का चेहरा थोड़ा उदास हो गयला था। शायद इस लिए कि अब अपन दोनों के बिछड़ने का वक्त आ गयला था।

दरवाजे पर उसने अपुन को कस कर गले लगा लिया और फिर एंडी उठा कर अपुन के होठों को चूमा। अपुन ने भी आखिरी बार उसके होठों को चूमा चूसा और उसके बूब्स मसले। उसके बाद दरवाजा खोल कर उसे बाय बोल के निकल लिया।

~~~~~~

बाइक के पास पहुंच कर अपुन ने सबसे पहले मोबाइल निकाल कर उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाला और फिर बाइक स्टार्ट कर के घर की तरफ चल पड़ा लौड़ा।

रास्ते में अपुन सोच रेला था कि अब जब साधना को अपने मोबाइल द्वारा ये पता चलेगा कि उसका एटम बम ही नहीं बल्कि अपन दोनों की सारी चैटिंग भी गायब है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन ही गायब हो जाएगी लौड़ा।

बोले तो जबरदस्त झटका लगेगा लौड़ी को। कुछ देर तो उसे समझ ही नहीं आएगा कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन फिर जब उसके दिमाग की बत्ती जलेगी और जब वो सोचेगी तब जरूर उसे समझ आ जाएगा कि ये सब अपुन की वजह से ही हुआ होगा बेटीचोद।

उसके बाद साधना की हालत कैसी हो जाएगी इसका अंदाजा अपुन बखूबी लगा सकता है। देर से ही सही लेकिन वो ये भी समझ जाएगी कि अपुन को शायद उसकी असलियत पता चल गईली थी और इसी लिए अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम ही नहीं बल्कि सारी चैट भी उड़ा दी है। खैर फिर वो अपुन को मैसेज या कॉल करेगी लेकिन अपुन उसका कॉल नहीं उठा सकेगा क्योंकि नंबर ब्लॉक कर देने की वजह से अपुन के पास उसका कॉल आएगा ही नहीं लौड़ा।

यही सब सोचते हुए अपुन खुश हो रेला था और बाइक चला रेला था। बोले तो साधना को चोदने से कहीं ज्यादा अपुन को उसका एटम बम वगैरा गायब कर देने से खुशी हो रेली थी।

कुछ ही समय में अपुन घर पहुंच गया। सीमा ने दरवाजा खोला तो अपुन ने एक भरपूर नजर उसके सांवले जिस्म पर डाली जिस पर वो बस हल्के से मुस्कुराई। वो ऐसे ही हल्के से मुस्कुरा देती थी क्योंकि वो ये समझ चुकी थी कि देखने के सिवा अपुन और कुछ कर ही नहीं सकता।

मगर उस लौड़ी को ये भनक तक नहीं थी कि अब हालात बदल चुके थे। अब अपुन पहले वाला विराट नहीं रह गयला था बल्कि अब अपुन को औरत के जिस्म का स्वाद पता चल गयला था और अब अपुन हर औरत या लड़की के जिस्म को देखने के साथ साथ उसे अपने नीचे लिटाने का भी करतब करने लग गयला था।

खैर इस वक्त अपुन ने सीमा के जिस्म को सिर्फ देखा ही और फिर अंदर दाखिल हो गया। अंदर ड्राइंग रूम में दिव्या अपुन को टीवी देखते हुए दिख गई। अपुन को देखते ही उसका चेहरा खिल उठा। इधर सीमा किचेन की तरफ चली गईली थी।

दिव्या ─ आप कॉलेज से कहां चले गए थे भैया?

अपुन सोफे पर उसके बगल से बैठ गया तो वो खिसक कर अपुन से चिपक गई। साइड से उसका एक बूब अपुन की बाजू में पूरी तरह छूने लगा जिससे सीधा अपुन के लन्ड में करेंट लगा।

अपुन ─ अरे! एक जरूरी काम था इस लिए चला गया था अपुन। तू बता विधी के साथ घर आने में तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?

दिव्या ─ कोई प्रॉब्लम नहीं हुई भैया बल्कि आज तो दी के साथ आने में मजा ही आया।

अपुन (हैरानी से) ─ अच्छा, वो कैसे?

दिव्या ─ एक्चुअली, विधी दी आज बहुत खुश थीं तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी स्कूटी चलाना सीख लूं।

अपुन ─ वाह! क्या बात है।

दिव्या ─ और पता है, उन्होंने मुझे थोड़ा बहुत स्कूटी चलाना सिखाया भी।

अपुन ─ अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात हुई। तो अब तुझे भी स्कूटी चलाना आने लगा?

दिव्या ─ अभी कहां भैया। अभी तो बस थोड़ा सा ही चलाया है मैंने। दी कह रहीं थी कि एक दो दिन में मैं अच्छे से सीख जाऊंगी।

अपुन ─ ओह! फिर तो अच्छी बात है। अच्छा अब अपुन रूम में जा कर थोड़ा चेंज कर लेता है।

दिव्या ─ ठीक है भैया, और हां मैं भी अपनी बुक ले कर आती हूं आपके रूम में। आपने कल बोला था न कि फिजिक्स का वो चैप्टर मुझे बताएंगे आप।

अपुन ─ ओह! हां। चल ठीक है आ जाना थोड़ी देर में और हां चाय भी ले आना।

दिव्या ने खुशी से सिर हिला दिया तो अपुन उठ कर सीढ़ियों की तरफ बढ़ चला। कुछ ही देर में अपुन अपने रूम में पहुंच गया। अपुन ने साधना के साथ सेक्स किया था इस लिए बदन से थोड़ी अजीब सी स्मेल आ रेली थी। अपुन ने सोचा कि नहा लिया जाए जिससे ये स्मेल दूर हो जाए। इस लिए कपड़े उतार कर अपुन बाथरूम में घुस गया।

करीब पंद्रह मिनट बाद जब अपुन तौलिया लपेटे बाथरूम से निकला तो देखा दिव्या अपुन के बेड में किनारे साइड बैठी थी। अपुन को सिर्फ तौलिए में देखते ही वो हल्के से मुस्कुराई और थोड़ा शरमाई भी लेकिन खामोशी से बैठी रही।

अपुन पहले भी इस तरह उसके सामने सिर्फ तौलिए में रहा था इस लिए कोई बड़ी बात नहीं थी ये। खैर अपुन ने उसके सामने ही अंडरवियर पहना और फिर हॉफ लोवर के साथ बदन में एक टी शर्ट भी डाल लिया।

अपुन ─ चाय नहीं लाई क्या?

दिव्या ─ विधी दी ने कहा कि वो ही ले कर आएंगी तो मुझे सिर्फ अपनी बुक ले कर ही आपके रूम में आना पड़ा।

अपुन ─ ओह! कोई बात नहीं। चल बता कौन सा चैप्टर तुझे समझ नहीं आयला था?

अपुन के पूछने पर वो बेड पर अच्छे से बैठ गई और फिर अपनी बुक के पेजेस पलटने लगी। अपुन भी बेड पर उसके सामने बैठ गया। कुछ ही पलों में उसने एक पेज पर उंगली रख के अपुन को बताया कि उसे ये चैप्टर समझ में नहीं आयला था।

अपुन पूरे मन से उसे उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। अभी अपुन उसे समझा ही रेला था कि तभी विधी ट्रे में अपन लोग के लिए चाय ले कर आ गई। अपुन के रूम में दिव्या को पढ़ाई करते देख उसका खुशी से चमकता चेहरा एकदम से मुरझा सा गया लेकिन फिर उसने जल्दी ही खुद को नॉर्मल कर लिया।

विधी ─ ये ले भाई पहले चाय पी। दिव्या तू भी पकड़ अपना कप।

अपुन ने ट्रे से एक कप उठा लिया। अपुन के साथ ही दिव्या ने भी एक कप उठा लिया। आखिरी कप विधी ले कर बेड में ही एक तरफ बैठ गई। वो क्योंकि दिव्या के थोड़ा पीछे बैठ गईली थी इस लिए उसने अपुन को इशारा किया। अपुन समझ गया कि इस वक्त वो अपुन के साथ अकेले रहना चाहती थी लेकिन इस वक्त क्योंकि ये संभव नहीं था इस लिए अपुन ने उसे इशारे से ही समझा दिया कि बाद में।

खैर अपुन ने चाय पीने के साथ ही दिव्या को फिर से उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। दिव्या पूरा ध्यान लगा कर अपुन की एक एक बात समझने की कोशिश कर रेली थी। थोड़ी ही देर में जब अपन लोग की चाय खत्म हो गई तो विधी ने खाली कप ट्रे में रखे और अपुन को इशारा कर के रूम से निकल गई।

अपुन काफी देर तक दिव्या को उस चैप्टर के बारे में समझाता रहा। इसके अलावा उसके पूछने पर एक दो चैप्टर और भी समझाया उसे। फिर अपुन ने उससे कहा कि अब अपुन भी अपनी पढ़ाई करेगा इस लिए वो जाए।

दिव्या ─ अच्छा भैया, वो न विधी दी ने रास्ते में मुझे बताया कि आपने एक दूसरे को किस किया था। आई मीन चिक पर।

अपुन ये सुन कर अंदर ही अंदर झटका खा गया बेटीचोद। ये सोच कर भी अपुन को गुस्सा आया कि अपुन ने विधी समझाया भी था कि वो इस बारे में कभी किसी से कुछ न बताए लेकिन उसने इसके बाद भी दिव्या को ये बता दिया। हालांकि उसने चिक पर किस करने की बात बताई थी जबकि अपन दोनों ने तो काफी अच्छे तरीके से एक दूसरे के होठों को चूमा चूसा था।

अपुन सोचने लगा कि विधी ने जरूर मजबूर हो कर ही दिव्या को सिर्फ ये बताया है वरना वो इतनी भी नासमझ या भोली नहीं है कि अपन लोग के बीच की इतनी बड़ी बात दिव्या को बता दे। खैर अपुन ने खुद को सम्हाला और दिव्या से कहा।

अपुन ─ हां तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? इतना तो चलता है।

दिव्या ─ तो भैया मेरे चिक पर भी किस कीजिए न।

अपुन ने हैरानी से उसे देखा। वो मासूम सी शक्ल बनाए और खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन को देखे जा रेली थी। चेहरे पर थोड़े शर्म के भाव भी थे लेकिन शायद उसने फैसला कर लिया था कि वो अपने चिक पर अपुन से किस जरूर करवाएगी। अपुन ने भी सोचा कि इतना तो चलता हैं। वैसे भी जब वो खुद ही बोल रेली थी तो अपुन ने भी सोचा कि कर ही देता है अपुन।

अपुन ─ अच्छा ठीक है, इधर आ अपुन के पास।

वो होठों पर मुस्कान सजाए और साथ ही थोड़ा शर्माते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। बात तो सिर्फ गाल पर किस करने की ही थी लेकिन जाने क्यों किस करने की बात सोच कर ही अपुन की धड़कनें तेज हो गईली थीं बेटीचोद। आंखों के सामने बार बार साधना, उसके होठ और उसके गोरे गोरे बूब्स दिख जा रेले थे।

दिव्या अपुन के एकदम पास आ गईली थी। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन ने गौर किया कि उसका चेहरा कितना खूबसूरत था और कितना मासूम भी। बोले तो सांचे में ढली हुई कोई मूर्ति लग रेली थी वो। खूबसूरत चेहरा थोड़ी शर्म की वजह से हल्का सुर्ख हो गयला था। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ मुस्कान से भले ही हल्का फैले हुए थे लेकिन हल्का हल्का कांप रेले थे।

ये सब देख अपुन का गला पल में ही सूख सा गया लौड़ा। अभी कुछ देर पहले अपुन नहा के आयला था लेकिन अचानक ही अपुन को गर्मी फील होने लग गईली थी।

दिव्या ─ क्या हुआ भैया, कहां खो गए आप? किस कीजिए न।

दिव्या की आवाज सुन कर अपुन अचानक से होश में आया और थोड़ा हड़बड़ा सा गया। एक ही पल में धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं बेटीचोद। मन में खयाल उभरा कि ये अचानक से अपुन को क्या हो गयला है लौड़ा? खैर खुद को सम्हाल कर अपुन ने उससे मुस्कुरा कर कहा।

अपुन ─ अच्छा बता कि तेरे कौन से चिक पर किस करे अपुन? बोले तो लेफ्ट चिक पर या राइट चिक पर?

दिव्या अपुन की बात सुन कर शर्माते हुए हंस पड़ी। फिर अपने राइट हैंड की एक उंगली अपने राइट चिक पर रख कर बोली।

दिव्या ─ इस वाले चिक पर कीजिए भैया।

उफ्फ, गोरे गोरे और फूले फूले गाल को देखते ही अपुन का जी मचल उठा। मन किया कि लपक कर उसके फूले हुए गाल को मुंह में भर कर जोर से काट ले अपुन लेकिन फिर जल्दी ही अपुन ने अपनी इस इच्छा का गला घोंटा।

उसके बाद आगे बढ़ कर हल्के से मगर धड़कते दिल के साथ उसके राइट चिक पर हौले से किस कर दिया और फिर जल्दी ही पीछे हो गया लौड़ा। अपुन हैरान था कि इतने में ही अपुन की हालत खराब हो चली थी बेटीचोद। उधर किस कर के जैसे ही अपुन पीछे हुआ तो दिव्या ने मुस्कुराते हुए शर्म से सुर्ख पड़े चेहरे के साथ अपुन को देखा और फिर बोली।

दिव्या ─ अब मैं भी आपके चिक पर किस करूंगी।

अपुन ─ ठीक है, जल्दी कर ले। फिर अपुन को पढ़ना भी है।

असल में अपुन का मन बुरी तरह विचलित हो रेला था। बस एक ही खयाल अपुन को झकझोर रेला था कि झपट कर दिव्या को दबोच ले और चिक की जगह उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

बोले तो अपुन का दिमाग बुरी तरह खराब होने लग गयला था। दिव्या अब अपुन को चचेरी बहन नहीं बल्कि एक ऐसी लड़की दिखने लग गईली थी जिसके साथ साधना की तरह मजा करने का अपुन का मन हो रेला था। अपुन बड़ी मुश्किल से अपने विचलित मन को रोके हुए था। अपुन को डर लगने लग गयला था कि कहीं अपुन होश खो कर उसके साथ कोई अनर्थ न कर बैठे बेटीचोद।

उधर अपुन की बात सुन कर दिव्या मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ बढ़ी तो एकदम से अपुन की नज़र उसके टी शर्ट के डीप गले में पड़ गई लौड़ा जहां पर अपुन को उसके गोरे गोरे गोल गुब्बारे आधे से ज्यादा दिखने लग गएले थे।

एक तो वैसे ही अपुन की हालत खराब हो रेली थी ऊपर से उसके बूब्स देख अपुन का और भी दिमाग खराब हो गया बेटीचोद। पलक झपकते ही पूरे जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। यहां तक कि वो झुरझुरी दौड़ते हुए अपुन के लन्ड को जैसे हिट कर गई। अपुन का लन्ड भी बेटीचोद उसके हिट कर देने से फौरन ही टनटना गया।

तभी अपुन के जिस्म में एक झटका सा लगा जब दिव्या ने अपने नाजुक होठों से अपुन के लेफ्ट गाल पर हल्के से किस किया। उसकी गर्म सांसें अपनी कनपटी के आस पास फील करते ही अपुन का पूरा जिस्म अजीब से एहसास के चलते रोमांचित हो उठा। बड़ी मुश्किल से अपुन ने उस एहसास से खुद को निकाला। शुक्र था कि किस करने के बाद ही दिव्या पीछे हट गईली थी। इधर अपुन ने राहत की सांस ली और झट से अपने माथे पर उभर आए पसीने को अपने टी शर्ट के निचले छोर को उठा कर पोंछा।

अपुन ─ चल हो गया न। अब तू जा, अपुन को भी अब पढ़ने का है।

अपुन चाहता था कि दिव्या अब जाए रूम से। अपुन ये सोच के भी हैरान हो रेला था कि बेटीचोद साधना को चोदने में अपुन की इतनी खराब हालत नहीं हुई थी जितना दिव्या के साथ सिर्फ इतना करने में हो गईली है। समझ में नहीं आ रेला था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लौड़ा?

खैर दिव्या खुशी से मुस्कुराते हुए तथा अपनी बुक ले कर रूम से चली गई। जैसे ही उसने बाहर निकल कर रूम का दरवाजा बंद कर दिया तो अपुन बेड पर धम्म से गिर गया और गहरी गहरी सांसें लेने लग गया लौड़ा।

कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


To be continued....
 

TheBlackBlood

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Shaandar jabardast Romantic Lovely update 💓 💓 🔥 🔥 🔥
Sakshi se izhar bhi ho gaya ab dekhte hai kab tak dono control karte hai 😏 😏
Saadhna ke sath hi maze kar liya the Anushka ke pass kaise jate ab uski bekrari badha rahe ab dekhte hai aage dono ke bich riste bante hai 😃😃
VIdhi se patchap ho gaya aur kiss 💋 bhi mil raha hai :kiss:
Thanks iron bhai, next update posted :check:
 
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Bahot badhiya likh rahe ho 👍
Keep Going
Waiting For Next Update
Thanks
Nice and superb update....
Thanks
बोले तो हमारे स्मार्ट लौंडे की गांड़ फाड़ने की फुल टूस प्लानिंग बनी हुई थी.... लेकिन मौके पे तुक्का लग गया

झक्कास
Apan ne bacha diya usko, warna saari smartness ki maa bahan ek ho jati :gaylaugh:

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TheBlackBlood

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कहते हैं इश्क और जंग मे सब जायज है । साधना अपने विराट बाबा से इश्क करती है , शादी के सपने देखती है , डोली मे बैठकर अपने ससुराल , माने विराट साहब के घर जाना चाहती है , और यह सब कोई छुपी हुई बात नही है बल्कि साधना ने खुद यह सब विराट साहब से कहा है तो साधना के इस कदम से मुझे जरा भी हैरानी नही हुई ।

यह बात अलग है कि वह विराट साहब से सचमुच का मोहब्बत करती है या उनके धन दौलत पर मेहरबान है ।
Vajah chaahe jo bhi ho lekin sadhna ne jo tarika apnaya tha usse Virat ki gaand fat ke hath me aa gayli thi....khud imagine kijiye aisi situation ki :D
लेकिन यह देखकर बहुत ताज्जुब हुआ कि साधना के किचन मे जाकर भोजन गर्म करने के पांच सात मिनट के अंदर ही विराट साहब ने न सिर्फ उसकी मोबाइल के लाॅक को अनलाॅक कर दिया बल्कि बीडीओ , चैटिंग , मैसेज सबकुछ सारे साइट से डिलीट भी कर दिया ।
शर्तिया वो भोजन गर्म करने नही , भोजन बनाने गई थी ।
Sahi kaha, baaki apan ne pahle hi clear bata diya hai kis is story jyada logic khojne ke chakkar me mat padna. Halaaki apan ki jyadatar koshish yahi hai ki logical hi rahe sab lekin aisa jaruri bhi nahi hai ;)
इधर अनुष्का मैडम की लीला भी अपरंपार है । अपने हसबैंड की नौकरी छूटने की खबर अपने पिताश्री को नही दी , माताश्री को नही दी , बहन को नही दी , अपने फास्ट फ्रैंड को नही दी ; वो खबर विराट साहब को दे दी । विराट साहब की उनके प्रति नाराजगी का यह कैसा लगाव !
यह मैडम भी अवश्य प्रिंस चार्मिंग पर फिदा है ।
देख कर भई , कहीं यह मैडम भी अपनी कजन बहन की तरह विराट सर पर त्रिया चरित्र तो नही दिखाने वाली ! आखिर इन्हें भी एक मुर्गे की तलाश है , क्यों की पहले मुर्गे ने तो इनसे हाथापाई जो शुरू कर दी । :D
Aurto ka dimaag ghutno par hota hai is bare me kisi ne sach hi kaha hai. Baaki dekhiye iske pichhe agar koi vajah hai to wo kya nikalti hai...
बेहतरीन अपडेट शुभम भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Thanks bade bhaiya :hug:

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dhparikh

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जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।


अब आगे....


अपुन ने सोच लिया था कि अब साधना से अपुन कोई रिलेशन नहीं रखेगा। ये तो अपुन का अच्छा नसीब था कि अपुन गांड़ फाड़ देने वाले संकट से खुद को बचा लिया था लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार अपुन बच ही जाएगा।

अभी तो साधना को पता ही नहीं है कि अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम गधे के सींग के माफिक गायब कर दिएला है लेकिन जब उसे पता चलेगा तब उसकी भी हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसी अपुन की हो गईली थी। बोले तो अपुन के जैसे ही उसकी भी गांड़ फट के हाथ में आ जाएगी बेटीचोद।

खैर मन ही मन अपनी इस खुशी का मजा लेने के साथ ही अपुन ने सोचा कि आज आखिरी बार उसको तबीयत से चोद लेता है, उसके बाद तो उसकी तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखेगा अपुन। बोले तो अपुन की चोरी से इतना खतरनाक एटम बम बनाने की सजा तो मिलनी ही चाहिए लौड़ी को।

यही सब सोचते हुए अपुन ने फटाफट खाना खत्म किया तो साधना जूठी थाली ले कर कमरे से निकल गई। इधर अपुन बाथरूम में हाथ धोने चला गया। थोड़ी देर में जब अपुन रूम में आया तो देखा वो अपुन के लिए ग्लास में पानी लिए खड़ी थी। अपुन ने मुस्कुराते हुए उससे ले कर पानी पिया।

साधना बड़े प्यार से अपुन को देखे जा रेली थी और इधर अपुन ये सोच के खुश हो रेला था कि रुक लौड़ी जब तुझे अपने एटम बम के गायब होने का पता चलेगा तब तेरी ये मुस्कान और तेरी ये मोहब्बत तेरे पिछवाड़े में घुस जाएगी लौड़ा। खैर तभी उसने पूछा।

साधना ─ अब भूख मिटी मेरे बाबू कि नहीं?

अपुन ─ यार तुम्हारे हाथ का बना खाना खा के भी भूख न मिटे तो साला लानत है अपुन पर।

साधना ─ अच्छा ऐसा क्या।

अपुन ─ हां, और अब तुम्हारे इन रसीले होठों की शराब पीने का मन कर रेला है। बोले तो अपुन अब तुम्हारा नशा कर के डूब जाना चाहता है।

साधना ─ ओह! तो डूब जाओ न बाबू। मैं तो कब से तुम्हारे साथ इस नशे में डूब जाने को तरस रही हूं। अब देर न करो जान। आज हमारे पास ये आखिरी ऐसा मौका है जब हम खुल कर एक दूसरे में समा सकते हैं। मम्मी के आ जाने के बाद तो शायद ही ऐसा कोई मौका मिलेगा हमें।

अपुन ─ कोई न कोई मौका जरूर मिलेगा यार।

साधना ─ कैसे मिलेगा बाबू? तुम्हारी तरह अगर मैं भी कॉलेज जाती तो शायद ऐसा मौका हम बना भी लेते लेकिन इस घर में रह कर मौका मिलना बहुत मुश्किल है। मैं तो ये सोच कर उदास हो जाती हूं कि आज के बाद जाने कैसे तुम्हारे इस प्यार के बिना रह पाऊंगी मैं?

अपुन जानता था कि वो भावुक होने लगी थी और कहीं न कहीं ये उसके मन का सच्चा हाल ही था लेकिन अपुन इस वक्त सिर्फ उसके ही मन की करना चाहता था और ये भी कि बेकार में वक्त बर्बाद न हो।

अपुन ─ लेट्स सी, क्या होता है यार लेकिन अभी जो मौका अपन लोग के पास है उसे ऐसी बातों से क्यों बर्बाद करना? बोले तो इस मौके को अच्छे से स्तेमाल करना चाहिए अपन लोग को। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?

साधना ─ ओह! बाबू, मुझे तो जाने क्या क्या लगता है। खैर तुम सही कह रहे हो। इस हसीन मौके को बातों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।

कहने के साथ ही साधना अपुन की तरफ तेजी से बढ़ी। फिर अपुन को धकेलते हुए बेड के करीब लाई और अपुन को बेड पर गिरा दिया। अपुन समझ गया कि अब चुदाई का खेल शुरू होने वाला है। इस बात ने अपुन के अंदर मजे का रोमांच भरना शुरू कर दिया लौड़ा।

साधना झट से बेड पर चढ़ी और सीधा अपुन के ऊपर ही आ गई। उसके बाद झुक कर उसने एकदम से अपुन के होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया।

साधना ─ आज तुम्हारे होठों को खा जाऊंगी बाबू।

कहते हुए साधना ने फिर से अपुन के होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। वो एकदम से ही जोश में आ गईली थी। अपुन ने भी उसे कस लिया और अब अपुन भी उसके होठों पर टूट पड़ा।

जल्दी ही अपन लोग के अंदर हवस का तूफ़ान गर्मा गया लौड़ा। साधना के बिना ब्रा के मम्मे अपुन के सीने में स्पष्ट चुभ रेले थे। उसके निप्पल एकदम टाइट हो गएले थे। ऊपर से वो अपनी कमर को बड़े जोश के साथ अपुन के खड़े हो गए लन्ड पर रगड़ने लग गईली थी लौड़ी।

अपुन ने एक हाथ बीच में डाल कर उसके एक मम्मे को पकड़ लिया और फिर जोर जोर से मसलने लगा। अपुन की इस हरकत से साधना बुरी तरह मचलने लगी। उसकी सिसकियां अपुन के मुंह में ही फना होने लगीं। सच में उसके मम्मे गजब के थे। अपुन का मन भी नहीं भरता था उन्हें मसलने से।

साधना ─ ओह! धीरे दबाओ बाबू शश्श्श्श दर्द होता है।

अपुन ─ तुम्हारे ये दूध सच में बहुत कमाल के हैं साधना। इनका दूध पिलाओ न अपुन को।

साधना ─ पर इनमें से दूध कहां निकलता है जान शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ फिर कैसे निकलेगा?

पूछने के साथ ही अपुन ने उसके दूसरे मम्मे को पकड़ कर जोर से मसल दिया जिससे उसकी दर्द भरी आह निकल गई। फिर मचलते हुए बोली।

साधना ─ तुम मुझे अपने बच्चे की मां बना दो तो निकलने लगेगा बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् थोड़ा धीरे द...बाओ न जाननन।

अपुन ─ तो क्या तुम बिना शादी के ही अपुन के बच्चे की मां बनना चाहती हो?

साधना ─ न...नहीं बाबू शश्श्श्श अगर ऐसे मां बन गई तो कयामत आ जाएगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ क्यों??

साधना ─ समझो बाबू शश्श्श्श सब मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ उछालने लगेंगे आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श। इस लिए तुम पहले मुझसे शादी करना और फिर मुझे अपने बच्चे की मां बना देना।

अपुन का लन्ड बेटीचोद बुरी तरह अकड़ गयला था। साधना पूरे जोश में अपनी चूत को अपुन के लन्ड पर रगड़ रेली थी। अब वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। इधर अपुन लगातार उसके मम्मों को मसले जा रेला था। दूसरी तरफ कभी उसके कानों को जीभ से लपलपा देता तो कभी उसके गले को जिससे वो मचल उठती थी।

अपुन ─ ये कुर्ता उतार दो न यार। अपुन को तुम्हारे ये सुंदर सुंदर दूध पीना है।

साधना ─ ओह! बाबू क्या सच में तुम्हें मेरे ये बूब्स इतने सुंदर लगते हैं?

अपुन ─ हां यार, तुमसे भी ज्यादा सुंदर हैं ये। चलो अब अपना कुर्ता उतार दो जल्दी।

साधना ─ तुम ही उतार दो न बाबू।

अपुन ने सोचा ये लौड़ी ऐसे ही समय बर्बाद करवाएगी इस लिए झट से अपुन ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।

अब वो पूरी तरह नंगी थी अपुन के सामने। एकदम गोरी चिकनी थी लौड़ी। अपुन देखता ही रह गया उसे। ये देख उसे थोड़ी शर्म आई तो उसने झट से अपने हाथों की कैंची बना कर अपनी चूचियों को ढंक लिया।

अपुन ने उसे पकड़ कर एकदम से बेड पर लिटा दिया और फिर उसके ऊपर आ कर सीधा उसके एक निप्पल को मुंह में भर लिया। दूसरे को एक हाथ से मसलते हुए अपुन उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगा जिससे साधना एक ही पल में मदहोश हो कर मचलने लगी। उसने अपुन के सिर को पकड़ कर जोर जोर से अपने उस निप्पल पर दबाना शुरू कर दिया।

अपुन ─ ओह! साधना, यार सच में तुम्हारे दूध का टेस्ट बहुत गजब का है। काश! इसमें से दूध भी निकलता तो कितना मजा आता।

साधना ─ शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् बोल तो रही हूं बाबू कि मुझसे शादी कर के अपने बच्चे की मां बना दो। फिर जी भर के पी लेना मेरा दूध। उफ्फ शश्श्श्श बाबू और जोर से चूसो न। हाय कितना मजा आ रहा है।

साधना सच में पागल हो रेली थी। नीचे से कमर उठा उठा कर अपुन के लन्ड पर झटका दे रेली थी। अपुन से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रेला था इस लिए फौरन ही अपुन ने अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो कर उसके ऊपर झुक गया। अपुन के पूरी तरह भन्नाए हुए लन्ड ने जैसे ही साधना की नंगी चूत पर दस्तक दी तो उसके जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। अगले ही पल उसने अपना हाथ नीचे कर के उसे पकड़ लिया।

साधना ─ शश्श्श्श बाबू अपने इस मूसल लन्ड को जल्दी से मेरी चूत में डाल दो न।

अपुन ─ पहले इसे मुंह में ले कर गीला करो डियर।

साधना ये सुनते ही उठ गई और अपुन को नीचे लिटा कर सीधा लन्ड को पकड़ लिया और मदहोशी से देखते हुए पहले तो उसे सहलाया और फिर झुक कर उसे चूमने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू तुम्हारा ये लन्ड तो सच में बहुत बड़ा है लेकिन ये अच्छा ही है। क्योंकि जब ये मेरी चूत में जाता है तो बहुत मजा आता है।

अपुन ─ टाईम बर्बाद मत करो डियर। जल्दी से मुंह में ले कर इसे गीला करो और फिर बैठ जाओ इस पर।

साधना ने ऐसा ही किया। वो लन्ड को देख कर बहुत ज्यादा गर्म और मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। उसने झट से उसे मुंह में लिया और किसी रण्डी की तरह चूसने लगी। अपुन तो बेटीचोद एक ही पल में मजे की दुनिया में पहुंच गया लौड़ा।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही चूसो मेरी जान। अब तुम अच्छे से लन्ड चूसने लगी हो।

साधना अपनी तारीफ सुन और भी जोश के साथ लन्ड को चूसने लगी। कुछ ही देर में अपुन की नशों में दौड़ता लहू उबाल मारने लगा लौड़ा। उधर साधना उसे आधे से ज्यादा मुंह में भर के चूस रेली थी।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श अब बस करो यार। इतना जोर से चूसोगी तो तुम्हारे मुंह में ही झड़ जाएगा अपुन।

साधना ─ नहीं बाबू। पहले इससे मेरी चुदाई करो, उसके बाद मेरे मुंह में झड़ जाना।

कहने के साथ ही साधना उठी और अपुन के दोनों तरफ अपने पैरों को बेड पर जमा कर अपनी गांड़ को नीचे झुकाते हुए लन्ड को अपनी चूत पर सेट किया और फिर एक हाथ से पकड़े लन्ड पर एक ही झटके में अपनी गाड़ को धर दिया। अगले ही पल अपन दोनों के मुंह से मजे में डूबी दर्द मिश्रित आह निकल गई। उसके गांड़ धरते ही अपुन का लंड जड़ तक उसकी चूत में समा गयला था।

साधना ─ उफ्फ बाबू, तुम्हारा लन्ड तो मेरी नाभि में फील हो रहा है। शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हाय कितना अच्छा लग रहा है शश्श्श्श।

साधना ये बोलने के साथ ही अपनी गांड़ को अपुन के लन्ड पर उठा उठा कर पटकने लगी। अपुन तो पलक झपकते ही मजे के सातवें असमान में पहुंच गया लौड़ा। दोनों हाथ बढ़ा कर अपुन ने उसके उछलते मम्मों को पकड़ लिए और जोर जोर से उन्हें मसलने लगा।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू बहुत मजा आ रहा है। लगता है इस मजे में पागल हो जाऊंगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् मैं।

अपुन ─ और जोर जोर से अपनी गांड़ को पटको डियर।

असल में अपुन को भी बहुत मज़ा आ रेला था और अपुन का बहुत मन कर रेला था कि अपुन फुल स्पीड में नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर उसकी चूत में अपना लन्ड पेले।

साधना से जितना हो सकता था उतना जोर लगा लगा कर अपनी गांड़ को पटक रेली थी। उसकी आहें, उसकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रेली थीं। दूसरी तरफ अपुन बेदर्दी से उसके मम्मे मसले जा रेला था जिससे वो दर्द से चीख भी पड़ती। बोले तो बड़ा ही भयंकर मजे में थे अपन दोनों।

थोड़ी देर बाद साधना का अपनी गांड़ पटकना धीमा होने लगा। शायद वो थक गईली थी। मजा कम होते देख अपुन ने झट से उसे अपने ऊपर से उतारा और फिर उसे लिटा कर अपुन उसकी टांगों के बीच आया। दोनों हाथों से उसकी टांगों को फैला कर अपुन ने उसकी चूत पर अपने लन्ड को सेट किया और फिर पूरी ताकत से धक्का दे कर एक ही बार में पूरा लन्ड उसकी चूत के अंदर पेल दिया।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू जान ले लोगे क्या मेरी? शश्श्श्श धीरे से डालो न। उफ्फ शश्श्श्श ऐसा लगता है लोहे का गर्म सरिया डाल दिया है तुमने मेरी नाजुक सी चूत में।

अपुन ─ अब यही लोहे का सरिया तुम्हारी जबरदस्त चुदाई करेगा मेरी जान। आज तुम्हें ऐसा चोदेगा कि तुम्हारी चूत का भोसड़ा ही बना देगा अपुन।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् बना दो बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हां ऐसे ही जान। क्या मस्त चोदते हो आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही मुझे रोज चोदना बाबू।

अपुन पूरे जोश में धक्के लगाए जा रेला था और नीचे लेटी साधना पागल सी हो कर मजे से चीखे जा रेली थी। उसके उछलते मम्मे अपुन को आकर्षित कर रेले थे लेकिन अपुन को इतना मजा आ रेला था कि अपुन बिना रुके स्पीड में धक्के लगाए जा रेला था।

कुछ ही देर में साधना एकदम से ऐंठ गई और झटके खाते हुए भरभरा कर झड़ने लगी। झड़ते वक्त वो और ज्यादा पगला गईली थी लौड़ी। उसके गर्म गाढ़े पानी से अपुन का लन्ड पूरी तरह सराबोर हो गयला था जिससे धक्कों के साथ पुच्च पुच्च की आवाज आने लग गईली थी।

साधना झड़ने के बाद थोड़ा ढीली पड़ गईली थी लेकिन अपुन उसकी टांगें पकड़े लगा रहा बेटीचोद। थोड़ी ही देर में साधना फिर से रंग में आने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् और जोर से चोदो मुझे। आज ऐसा चोदो कि मेरी चूत की सारी तड़प मिट जाए।

अपुन ने एक झटके से लन्ड बाहर खींच लिया और साधना को घोड़ी बनने को कहा। वो किसी तरह उठी और पलट कर घोड़ी बन गई। उसकी सुंदर गोरी चिकनी गांड़ अपुन के सामने उभर कर दिखने लगी। अपुन को पोर्न मूवी का सीन याद आ गया तो अपुन ने जोर से एक थप्पड़ उसकी गांड़ के एक पार्ट पर मारा जिससे साधना बुरी तरह उछल कर चीख पड़ी।


साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू क्या कर रहे हो?

अपुन ─ तुम्हारी सेक्सी गान्ड को प्यार कर रेला है अपुन। क्या गजब की गांड़ है यार तुम्हारी। मन करता है अपुन ये लन्ड तुम्हारी इस गांड़ में ही डाल दे।

साधना ये सुन कर कांप गई। झट से पलट कर बोली।

साधना ─ नहीं न बाबू। तुम्हारा लन्ड लन्ड नहीं है बल्कि मूसल है। इससे तो मेरी गांड़ बुरी तरह फट जाएगी।

अपुन भी ये बात जानता था इस लिए इस वक्त अपुन का इरादा उसकी गांड़ चोदने का बिलकुल भी नहीं था। खैर अपुन ने लन्ड को पीछे से उसकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया लौड़ा। साधना बुरी तरह कराह उठी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू धीरे से डाला करो न। तुम तो मेरी जान ही निकाल देते हो।

अपुन ─ तभी तो चुदाई करने में मजा आता है डियर।

कहने के साथ ही अपुन उसकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा। एक बार फिर से कमरे में साधना की आहें और सिसकियां गूंजने लगीं और साथ ही धक्कों की आवाजें भी।

कुछ ही देर में अपुन को ऐसा लगने लगा जैसे अपुन की नशों में दौड़ता खून फुल स्पीड में अपुन के गोटों की तरफ आ रेला है। मजे की इंतहां में अपुन और जोर जोर से धक्के लगाने लगा लौड़ा।

साधना बुरी तरह मचल रेली थी। पागल सी हो कर कभी चीख पड़ती तो कभी सिर को बेड पर गिरा कर आहें भरने लगती। तभी वो फिर से झड़ने लगी।

अपुन ─ ओह! आह्ह्ह्ह् साधना अपुन झड़ने वाला है यार।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श मेरी चूत में मत झड़ना बाबू।

साधना झड़ने के बाद किसी तरह बोली तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ तो फिर जल्दी से उठ कर मुंह खोलो अपना।

कहने के साथ ही अपुन ने एक ही झटके में उसकी चूत से लन्ड निहाल लिया। इस वक्त अपुन अपने चरम पर था। इधर जैसे ही लन्ड निकला साधना झट से पलट गई और घुटनों पर बैठ कर अपना मुंह खोल लिया।

अपुन जल्दी से खड़ा हुआ और थोड़ा झुके हुए तेज तेज मुठ मारने लगा। एक मिनिट से पहले ही अपुन की टांगें कांपने लगीं लौड़ा। मजे से बुरा हाल हो गया और फिर अपुन के लन्ड ने साधना के मुंह में उल्टी करना शुरू कर दिया।

एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां उसके मुंह में समाने लगीं। कुछ साधना के मुंह के अंदर गईं तो कुछ उसके चेहरे पर जिससे साधना लौड़ी ने अजीब सा मुंह बना कर अपनी आँखें बंद कर ली।

झड़ने के बाद अपुन असहाय सा बेड पर पसर गया लौड़ा। उसके बाद अपुन को नहीं पता कि साधना ने अपने मुंह में भरे अपुन के वीर्य का क्या किया? थोड़ी देर में जब अपुन ने आँखें खोल कर देखा तो साधना को बाथरूम से निकलते पाया।

वो पूरी तरह नंगी थी। बाथरूम से शायद खुद को साफ कर के आ रेली थी वो। अपुन के पास आ कर वो अपुन से किसी बेल लता की तरह लिपट गई।

साधना ─ आई लव यू सो मच बाबू। तुमने सच में मुझे अंदर तक तृप्त कर दिया है। मैं अभी भी उसी मजे के एहसास को फील कर रही हूं।

अपुन अब क्योंकि होश में आ गयला था इस लिए अब यही सोच रेला था कि जितना जल्दी हो सके यहां से निकल लिया जाए।

अपुन ─ अपुन को भी बहुत मजा आया मेरी जान लेकिन अब अपुन को जाना होगा। कुछ देर में अमित और तुम्हारी मम्मी के आने का वक्त भी हो जाएगा।

साधना ─ ओह! हां बाबू। उनके आने के बाद तो हम इस तरह एक दूसरे से मिल भी नहीं पाएंगे। काश! ऐसा हो कि ये वक्त यहीं पर रुक जाए।

अपुन ─ टाईम कभी नहीं रुक सकता यार। अपन लोग को ही उसके साथ आगे बढ़ना होता है।

कहने के साथ ही अपुन उठा और अपने कपड़े पहनने लगा। साधना को भी सिचुएशन का एहसास था इस लिए वो भी उठी और कपड़े पहनने लगी।

अपुन कपड़े पहन कर जाने के लिए रेडी हो गयला था और अब साधना को कपड़े पहनते देख रेला था। सबसे पहले उसने अपनी ब्लैक कलर की ब्रा पहनी फिर उसके ऊपर कुर्ता पहनने लगी तो अपुन झट से आगे बढ़ा और उसे दबोच लिया।

असल में अपुन का मन फिर से उसके साथ मजा करने का होने लग गयला था। हालांकि अपुन जानता था कि अब फिर से सेक्स करने का माकूल वक्त नहीं रह गयला था लेकिन अपुन ने ये सोच कर उसे दबोचा कि थोड़ा ऊपर से ही उससे मजा ले लिया जाए। बाद में क्या पता कब ऐसा मौका मिले?

साधना ─ ओह! बाबू क्या कर रहे हो? क्या अभी मन नहीं भरा?

अपुन ─ तुम चीज ही ऐसी हो मेरी जान कि तुमसे मन नहीं भर सकता। खैर एक बार अपने मम्मे का दूध तो पिला दो।

कहने के साथ ही अपुन ने खुद ही उसकी ब्रा का एक कप ऊपर कर दिया जिससे उसका एक मम्मा उछल कर बाहर आ गया। वाह! गोरे चिकने मम्मे को देखते ही अपुन का लन्ड सिर उठाने लग गया लौंडा। अपुन ने झुक कर झट से उसके निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। अपुन के ऐसा करते ही साधना मचल उठी और उसके मुंह से सिसकी निकल गई।

साधना ─ मत करो बाबू वरना मैं फिर मुझसे भी रहा नहीं जाएगा और मेरी चूत तुम्हारा लन्ड अपने अंदर लेने के लिए तड़पने लगेगी।

अपुन ने एक हाथ नीचे सरका कर उसकी नंगी चूत को मसल दिया जिससे साधना बुरी तरह चिंहुक उठी।

साधना ─ नहीं न बाबू। प्लीज न करो।

अपुन ने झट से उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया और उसके मम्मे को भी चूसते हुए मसल कर छोड़ दिया। साधना इतने में ही मस्तिया गईली थी लौड़ी। उसकी आंखों में वासना के लाल डोरे तैरते दिखने लगे थे।

खैर अपुन ने जब उसे छोड़ दिया तो उसने अपुन को मदहोशी से देखते हुए ही अपनी ब्रा को सही किया और फिर कुर्ते को उठा कर पहनने लगी। फिर उसने नीचे अपनी पैंटी पहनी और फिर सलवार।

उसके बाद अपन दोनों ही रूम से निकले और घर के मुख्य दरवाजे के पास आ गए। साधना का चेहरा थोड़ा उदास हो गयला था। शायद इस लिए कि अब अपन दोनों के बिछड़ने का वक्त आ गयला था।

दरवाजे पर उसने अपुन को कस कर गले लगा लिया और फिर एंडी उठा कर अपुन के होठों को चूमा। अपुन ने भी आखिरी बार उसके होठों को चूमा चूसा और उसके बूब्स मसले। उसके बाद दरवाजा खोल कर उसे बाय बोल के निकल लिया।

~~~~~~

बाइक के पास पहुंच कर अपुन ने सबसे पहले मोबाइल निकाल कर उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाला और फिर बाइक स्टार्ट कर के घर की तरफ चल पड़ा लौड़ा।

रास्ते में अपुन सोच रेला था कि अब जब साधना को अपने मोबाइल द्वारा ये पता चलेगा कि उसका एटम बम ही नहीं बल्कि अपन दोनों की सारी चैटिंग भी गायब है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन ही गायब हो जाएगी लौड़ा।

बोले तो जबरदस्त झटका लगेगा लौड़ी को। कुछ देर तो उसे समझ ही नहीं आएगा कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन फिर जब उसके दिमाग की बत्ती जलेगी और जब वो सोचेगी तब जरूर उसे समझ आ जाएगा कि ये सब अपुन की वजह से ही हुआ होगा बेटीचोद।

उसके बाद साधना की हालत कैसी हो जाएगी इसका अंदाजा अपुन बखूबी लगा सकता है। देर से ही सही लेकिन वो ये भी समझ जाएगी कि अपुन को शायद उसकी असलियत पता चल गईली थी और इसी लिए अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम ही नहीं बल्कि सारी चैट भी उड़ा दी है। खैर फिर वो अपुन को मैसेज या कॉल करेगी लेकिन अपुन उसका कॉल नहीं उठा सकेगा क्योंकि नंबर ब्लॉक कर देने की वजह से अपुन के पास उसका कॉल आएगा ही नहीं लौड़ा।

यही सब सोचते हुए अपुन खुश हो रेला था और बाइक चला रेला था। बोले तो साधना को चोदने से कहीं ज्यादा अपुन को उसका एटम बम वगैरा गायब कर देने से खुशी हो रेली थी।

कुछ ही समय में अपुन घर पहुंच गया। सीमा ने दरवाजा खोला तो अपुन ने एक भरपूर नजर उसके सांवले जिस्म पर डाली जिस पर वो बस हल्के से मुस्कुराई। वो ऐसे ही हल्के से मुस्कुरा देती थी क्योंकि वो ये समझ चुकी थी कि देखने के सिवा अपुन और कुछ कर ही नहीं सकता।

मगर उस लौड़ी को ये भनक तक नहीं थी कि अब हालात बदल चुके थे। अब अपुन पहले वाला विराट नहीं रह गयला था बल्कि अब अपुन को औरत के जिस्म का स्वाद पता चल गयला था और अब अपुन हर औरत या लड़की के जिस्म को देखने के साथ साथ उसे अपने नीचे लिटाने का भी करतब करने लग गयला था।

खैर इस वक्त अपुन ने सीमा के जिस्म को सिर्फ देखा ही और फिर अंदर दाखिल हो गया। अंदर ड्राइंग रूम में दिव्या अपुन को टीवी देखते हुए दिख गई। अपुन को देखते ही उसका चेहरा खिल उठा। इधर सीमा किचेन की तरफ चली गईली थी।

दिव्या ─ आप कॉलेज से कहां चले गए थे भैया?

अपुन सोफे पर उसके बगल से बैठ गया तो वो खिसक कर अपुन से चिपक गई। साइड से उसका एक बूब अपुन की बाजू में पूरी तरह छूने लगा जिससे सीधा अपुन के लन्ड में करेंट लगा।

अपुन ─ अरे! एक जरूरी काम था इस लिए चला गया था अपुन। तू बता विधी के साथ घर आने में तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?

दिव्या ─ कोई प्रॉब्लम नहीं हुई भैया बल्कि आज तो दी के साथ आने में मजा ही आया।

अपुन (हैरानी से) ─ अच्छा, वो कैसे?

दिव्या ─ एक्चुअली, विधी दी आज बहुत खुश थीं तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी स्कूटी चलाना सीख लूं।

अपुन ─ वाह! क्या बात है।

दिव्या ─ और पता है, उन्होंने मुझे थोड़ा बहुत स्कूटी चलाना सिखाया भी।

अपुन ─ अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात हुई। तो अब तुझे भी स्कूटी चलाना आने लगा?

दिव्या ─ अभी कहां भैया। अभी तो बस थोड़ा सा ही चलाया है मैंने। दी कह रहीं थी कि एक दो दिन में मैं अच्छे से सीख जाऊंगी।

अपुन ─ ओह! फिर तो अच्छी बात है। अच्छा अब अपुन रूम में जा कर थोड़ा चेंज कर लेता है।

दिव्या ─ ठीक है भैया, और हां मैं भी अपनी बुक ले कर आती हूं आपके रूम में। आपने कल बोला था न कि फिजिक्स का वो चैप्टर मुझे बताएंगे आप।

अपुन ─ ओह! हां। चल ठीक है आ जाना थोड़ी देर में और हां चाय भी ले आना।

दिव्या ने खुशी से सिर हिला दिया तो अपुन उठ कर सीढ़ियों की तरफ बढ़ चला। कुछ ही देर में अपुन अपने रूम में पहुंच गया। अपुन ने साधना के साथ सेक्स किया था इस लिए बदन से थोड़ी अजीब सी स्मेल आ रेली थी। अपुन ने सोचा कि नहा लिया जाए जिससे ये स्मेल दूर हो जाए। इस लिए कपड़े उतार कर अपुन बाथरूम में घुस गया।

करीब पंद्रह मिनट बाद जब अपुन तौलिया लपेटे बाथरूम से निकला तो देखा दिव्या अपुन के बेड में किनारे साइड बैठी थी। अपुन को सिर्फ तौलिए में देखते ही वो हल्के से मुस्कुराई और थोड़ा शरमाई भी लेकिन खामोशी से बैठी रही।

अपुन पहले भी इस तरह उसके सामने सिर्फ तौलिए में रहा था इस लिए कोई बड़ी बात नहीं थी ये। खैर अपुन ने उसके सामने ही अंडरवियर पहना और फिर हॉफ लोवर के साथ बदन में एक टी शर्ट भी डाल लिया।

अपुन ─ चाय नहीं लाई क्या?

दिव्या ─ विधी दी ने कहा कि वो ही ले कर आएंगी तो मुझे सिर्फ अपनी बुक ले कर ही आपके रूम में आना पड़ा।

अपुन ─ ओह! कोई बात नहीं। चल बता कौन सा चैप्टर तुझे समझ नहीं आयला था?

अपुन के पूछने पर वो बेड पर अच्छे से बैठ गई और फिर अपनी बुक के पेजेस पलटने लगी। अपुन भी बेड पर उसके सामने बैठ गया। कुछ ही पलों में उसने एक पेज पर उंगली रख के अपुन को बताया कि उसे ये चैप्टर समझ में नहीं आयला था।

अपुन पूरे मन से उसे उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। अभी अपुन उसे समझा ही रेला था कि तभी विधी ट्रे में अपन लोग के लिए चाय ले कर आ गई। अपुन के रूम में दिव्या को पढ़ाई करते देख उसका खुशी से चमकता चेहरा एकदम से मुरझा सा गया लेकिन फिर उसने जल्दी ही खुद को नॉर्मल कर लिया।

विधी ─ ये ले भाई पहले चाय पी। दिव्या तू भी पकड़ अपना कप।

अपुन ने ट्रे से एक कप उठा लिया। अपुन के साथ ही दिव्या ने भी एक कप उठा लिया। आखिरी कप विधी ले कर बेड में ही एक तरफ बैठ गई। वो क्योंकि दिव्या के थोड़ा पीछे बैठ गईली थी इस लिए उसने अपुन को इशारा किया। अपुन समझ गया कि इस वक्त वो अपुन के साथ अकेले रहना चाहती थी लेकिन इस वक्त क्योंकि ये संभव नहीं था इस लिए अपुन ने उसे इशारे से ही समझा दिया कि बाद में।

खैर अपुन ने चाय पीने के साथ ही दिव्या को फिर से उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। दिव्या पूरा ध्यान लगा कर अपुन की एक एक बात समझने की कोशिश कर रेली थी। थोड़ी ही देर में जब अपन लोग की चाय खत्म हो गई तो विधी ने खाली कप ट्रे में रखे और अपुन को इशारा कर के रूम से निकल गई।

अपुन काफी देर तक दिव्या को उस चैप्टर के बारे में समझाता रहा। इसके अलावा उसके पूछने पर एक दो चैप्टर और भी समझाया उसे। फिर अपुन ने उससे कहा कि अब अपुन भी अपनी पढ़ाई करेगा इस लिए वो जाए।

दिव्या ─ अच्छा भैया, वो न विधी दी ने रास्ते में मुझे बताया कि आपने एक दूसरे को किस किया था। आई मीन चिक पर।

अपुन ये सुन कर अंदर ही अंदर झटका खा गया बेटीचोद। ये सोच कर भी अपुन को गुस्सा आया कि अपुन ने विधी समझाया भी था कि वो इस बारे में कभी किसी से कुछ न बताए लेकिन उसने इसके बाद भी दिव्या को ये बता दिया। हालांकि उसने चिक पर किस करने की बात बताई थी जबकि अपन दोनों ने तो काफी अच्छे तरीके से एक दूसरे के होठों को चूमा चूसा था।

अपुन सोचने लगा कि विधी ने जरूर मजबूर हो कर ही दिव्या को सिर्फ ये बताया है वरना वो इतनी भी नासमझ या भोली नहीं है कि अपन लोग के बीच की इतनी बड़ी बात दिव्या को बता दे। खैर अपुन ने खुद को सम्हाला और दिव्या से कहा।

अपुन ─ हां तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? इतना तो चलता है।

दिव्या ─ तो भैया मेरे चिक पर भी किस कीजिए न।

अपुन ने हैरानी से उसे देखा। वो मासूम सी शक्ल बनाए और खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन को देखे जा रेली थी। चेहरे पर थोड़े शर्म के भाव भी थे लेकिन शायद उसने फैसला कर लिया था कि वो अपने चिक पर अपुन से किस जरूर करवाएगी। अपुन ने भी सोचा कि इतना तो चलता हैं। वैसे भी जब वो खुद ही बोल रेली थी तो अपुन ने भी सोचा कि कर ही देता है अपुन।

अपुन ─ अच्छा ठीक है, इधर आ अपुन के पास।

वो होठों पर मुस्कान सजाए और साथ ही थोड़ा शर्माते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। बात तो सिर्फ गाल पर किस करने की ही थी लेकिन जाने क्यों किस करने की बात सोच कर ही अपुन की धड़कनें तेज हो गईली थीं बेटीचोद। आंखों के सामने बार बार साधना, उसके होठ और उसके गोरे गोरे बूब्स दिख जा रेले थे।

दिव्या अपुन के एकदम पास आ गईली थी। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन ने गौर किया कि उसका चेहरा कितना खूबसूरत था और कितना मासूम भी। बोले तो सांचे में ढली हुई कोई मूर्ति लग रेली थी वो। खूबसूरत चेहरा थोड़ी शर्म की वजह से हल्का सुर्ख हो गयला था। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ मुस्कान से भले ही हल्का फैले हुए थे लेकिन हल्का हल्का कांप रेले थे।

ये सब देख अपुन का गला पल में ही सूख सा गया लौड़ा। अभी कुछ देर पहले अपुन नहा के आयला था लेकिन अचानक ही अपुन को गर्मी फील होने लग गईली थी।

दिव्या ─ क्या हुआ भैया, कहां खो गए आप? किस कीजिए न।

दिव्या की आवाज सुन कर अपुन अचानक से होश में आया और थोड़ा हड़बड़ा सा गया। एक ही पल में धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं बेटीचोद। मन में खयाल उभरा कि ये अचानक से अपुन को क्या हो गयला है लौड़ा? खैर खुद को सम्हाल कर अपुन ने उससे मुस्कुरा कर कहा।

अपुन ─ अच्छा बता कि तेरे कौन से चिक पर किस करे अपुन? बोले तो लेफ्ट चिक पर या राइट चिक पर?

दिव्या अपुन की बात सुन कर शर्माते हुए हंस पड़ी। फिर अपने राइट हैंड की एक उंगली अपने राइट चिक पर रख कर बोली।

दिव्या ─ इस वाले चिक पर कीजिए भैया।

उफ्फ, गोरे गोरे और फूले फूले गाल को देखते ही अपुन का जी मचल उठा। मन किया कि लपक कर उसके फूले हुए गाल को मुंह में भर कर जोर से काट ले अपुन लेकिन फिर जल्दी ही अपुन ने अपनी इस इच्छा का गला घोंटा।

उसके बाद आगे बढ़ कर हल्के से मगर धड़कते दिल के साथ उसके राइट चिक पर हौले से किस कर दिया और फिर जल्दी ही पीछे हो गया लौड़ा। अपुन हैरान था कि इतने में ही अपुन की हालत खराब हो चली थी बेटीचोद। उधर किस कर के जैसे ही अपुन पीछे हुआ तो दिव्या ने मुस्कुराते हुए शर्म से सुर्ख पड़े चेहरे के साथ अपुन को देखा और फिर बोली।

दिव्या ─ अब मैं भी आपके चिक पर किस करूंगी।

अपुन ─ ठीक है, जल्दी कर ले। फिर अपुन को पढ़ना भी है।

असल में अपुन का मन बुरी तरह विचलित हो रेला था। बस एक ही खयाल अपुन को झकझोर रेला था कि झपट कर दिव्या को दबोच ले और चिक की जगह उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

बोले तो अपुन का दिमाग बुरी तरह खराब होने लग गयला था। दिव्या अब अपुन को चचेरी बहन नहीं बल्कि एक ऐसी लड़की दिखने लग गईली थी जिसके साथ साधना की तरह मजा करने का अपुन का मन हो रेला था। अपुन बड़ी मुश्किल से अपने विचलित मन को रोके हुए था। अपुन को डर लगने लग गयला था कि कहीं अपुन होश खो कर उसके साथ कोई अनर्थ न कर बैठे बेटीचोद।

उधर अपुन की बात सुन कर दिव्या मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ बढ़ी तो एकदम से अपुन की नज़र उसके टी शर्ट के डीप गले में पड़ गई लौड़ा जहां पर अपुन को उसके गोरे गोरे गोल गुब्बारे आधे से ज्यादा दिखने लग गएले थे।

एक तो वैसे ही अपुन की हालत खराब हो रेली थी ऊपर से उसके बूब्स देख अपुन का और भी दिमाग खराब हो गया बेटीचोद। पलक झपकते ही पूरे जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। यहां तक कि वो झुरझुरी दौड़ते हुए अपुन के लन्ड को जैसे हिट कर गई। अपुन का लन्ड भी बेटीचोद उसके हिट कर देने से फौरन ही टनटना गया।

तभी अपुन के जिस्म में एक झटका सा लगा जब दिव्या ने अपने नाजुक होठों से अपुन के लेफ्ट गाल पर हल्के से किस किया। उसकी गर्म सांसें अपनी कनपटी के आस पास फील करते ही अपुन का पूरा जिस्म अजीब से एहसास के चलते रोमांचित हो उठा। बड़ी मुश्किल से अपुन ने उस एहसास से खुद को निकाला। शुक्र था कि किस करने के बाद ही दिव्या पीछे हट गईली थी। इधर अपुन ने राहत की सांस ली और झट से अपने माथे पर उभर आए पसीने को अपने टी शर्ट के निचले छोर को उठा कर पोंछा।

अपुन ─ चल हो गया न। अब तू जा, अपुन को भी अब पढ़ने का है।

अपुन चाहता था कि दिव्या अब जाए रूम से। अपुन ये सोच के भी हैरान हो रेला था कि बेटीचोद साधना को चोदने में अपुन की इतनी खराब हालत नहीं हुई थी जितना दिव्या के साथ सिर्फ इतना करने में हो गईली है। समझ में नहीं आ रेला था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लौड़ा?

खैर दिव्या खुशी से मुस्कुराते हुए तथा अपनी बुक ले कर रूम से चली गई। जैसे ही उसने बाहर निकल कर रूम का दरवाजा बंद कर दिया तो अपुन बेड पर धम्म से गिर गया और गहरी गहरी सांसें लेने लग गया लौड़ा।

कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


To be continued....
Nice update....
 

only_me

I ÂM LÕSÉR ẞŪT.....
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Update ~ 19



जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।


अब आगे....


अपुन ने सोच लिया था कि अब साधना से अपुन कोई रिलेशन नहीं रखेगा। ये तो अपुन का अच्छा नसीब था कि अपुन गांड़ फाड़ देने वाले संकट से खुद को बचा लिया था लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार अपुन बच ही जाएगा।

अभी तो साधना को पता ही नहीं है कि अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम गधे के सींग के माफिक गायब कर दिएला है लेकिन जब उसे पता चलेगा तब उसकी भी हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसी अपुन की हो गईली थी। बोले तो अपुन के जैसे ही उसकी भी गांड़ फट के हाथ में आ जाएगी बेटीचोद।

खैर मन ही मन अपनी इस खुशी का मजा लेने के साथ ही अपुन ने सोचा कि आज आखिरी बार उसको तबीयत से चोद लेता है, उसके बाद तो उसकी तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखेगा अपुन। बोले तो अपुन की चोरी से इतना खतरनाक एटम बम बनाने की सजा तो मिलनी ही चाहिए लौड़ी को।

यही सब सोचते हुए अपुन ने फटाफट खाना खत्म किया तो साधना जूठी थाली ले कर कमरे से निकल गई। इधर अपुन बाथरूम में हाथ धोने चला गया। थोड़ी देर में जब अपुन रूम में आया तो देखा वो अपुन के लिए ग्लास में पानी लिए खड़ी थी। अपुन ने मुस्कुराते हुए उससे ले कर पानी पिया।

साधना बड़े प्यार से अपुन को देखे जा रेली थी और इधर अपुन ये सोच के खुश हो रेला था कि रुक लौड़ी जब तुझे अपने एटम बम के गायब होने का पता चलेगा तब तेरी ये मुस्कान और तेरी ये मोहब्बत तेरे पिछवाड़े में घुस जाएगी लौड़ा। खैर तभी उसने पूछा।

साधना ─ अब भूख मिटी मेरे बाबू कि नहीं?

अपुन ─ यार तुम्हारे हाथ का बना खाना खा के भी भूख न मिटे तो साला लानत है अपुन पर।

साधना ─ अच्छा ऐसा क्या।

अपुन ─ हां, और अब तुम्हारे इन रसीले होठों की शराब पीने का मन कर रेला है। बोले तो अपुन अब तुम्हारा नशा कर के डूब जाना चाहता है।

साधना ─ ओह! तो डूब जाओ न बाबू। मैं तो कब से तुम्हारे साथ इस नशे में डूब जाने को तरस रही हूं। अब देर न करो जान। आज हमारे पास ये आखिरी ऐसा मौका है जब हम खुल कर एक दूसरे में समा सकते हैं। मम्मी के आ जाने के बाद तो शायद ही ऐसा कोई मौका मिलेगा हमें।

अपुन ─ कोई न कोई मौका जरूर मिलेगा यार।

साधना ─ कैसे मिलेगा बाबू? तुम्हारी तरह अगर मैं भी कॉलेज जाती तो शायद ऐसा मौका हम बना भी लेते लेकिन इस घर में रह कर मौका मिलना बहुत मुश्किल है। मैं तो ये सोच कर उदास हो जाती हूं कि आज के बाद जाने कैसे तुम्हारे इस प्यार के बिना रह पाऊंगी मैं?

अपुन जानता था कि वो भावुक होने लगी थी और कहीं न कहीं ये उसके मन का सच्चा हाल ही था लेकिन अपुन इस वक्त सिर्फ उसके ही मन की करना चाहता था और ये भी कि बेकार में वक्त बर्बाद न हो।

अपुन ─ लेट्स सी, क्या होता है यार लेकिन अभी जो मौका अपन लोग के पास है उसे ऐसी बातों से क्यों बर्बाद करना? बोले तो इस मौके को अच्छे से स्तेमाल करना चाहिए अपन लोग को। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?

साधना ─ ओह! बाबू, मुझे तो जाने क्या क्या लगता है। खैर तुम सही कह रहे हो। इस हसीन मौके को बातों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।

कहने के साथ ही साधना अपुन की तरफ तेजी से बढ़ी। फिर अपुन को धकेलते हुए बेड के करीब लाई और अपुन को बेड पर गिरा दिया। अपुन समझ गया कि अब चुदाई का खेल शुरू होने वाला है। इस बात ने अपुन के अंदर मजे का रोमांच भरना शुरू कर दिया लौड़ा।

साधना झट से बेड पर चढ़ी और सीधा अपुन के ऊपर ही आ गई। उसके बाद झुक कर उसने एकदम से अपुन के होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया।

साधना ─ आज तुम्हारे होठों को खा जाऊंगी बाबू।

कहते हुए साधना ने फिर से अपुन के होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। वो एकदम से ही जोश में आ गईली थी। अपुन ने भी उसे कस लिया और अब अपुन भी उसके होठों पर टूट पड़ा।

जल्दी ही अपन लोग के अंदर हवस का तूफ़ान गर्मा गया लौड़ा। साधना के बिना ब्रा के मम्मे अपुन के सीने में स्पष्ट चुभ रेले थे। उसके निप्पल एकदम टाइट हो गएले थे। ऊपर से वो अपनी कमर को बड़े जोश के साथ अपुन के खड़े हो गए लन्ड पर रगड़ने लग गईली थी लौड़ी।

अपुन ने एक हाथ बीच में डाल कर उसके एक मम्मे को पकड़ लिया और फिर जोर जोर से मसलने लगा। अपुन की इस हरकत से साधना बुरी तरह मचलने लगी। उसकी सिसकियां अपुन के मुंह में ही फना होने लगीं। सच में उसके मम्मे गजब के थे। अपुन का मन भी नहीं भरता था उन्हें मसलने से।

साधना ─ ओह! धीरे दबाओ बाबू शश्श्श्श दर्द होता है।

अपुन ─ तुम्हारे ये दूध सच में बहुत कमाल के हैं साधना। इनका दूध पिलाओ न अपुन को।

साधना ─ पर इनमें से दूध कहां निकलता है जान शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ फिर कैसे निकलेगा?

पूछने के साथ ही अपुन ने उसके दूसरे मम्मे को पकड़ कर जोर से मसल दिया जिससे उसकी दर्द भरी आह निकल गई। फिर मचलते हुए बोली।

साधना ─ तुम मुझे अपने बच्चे की मां बना दो तो निकलने लगेगा बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् थोड़ा धीरे द...बाओ न जाननन।

अपुन ─ तो क्या तुम बिना शादी के ही अपुन के बच्चे की मां बनना चाहती हो?

साधना ─ न...नहीं बाबू शश्श्श्श अगर ऐसे मां बन गई तो कयामत आ जाएगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ क्यों??

साधना ─ समझो बाबू शश्श्श्श सब मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ उछालने लगेंगे आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श। इस लिए तुम पहले मुझसे शादी करना और फिर मुझे अपने बच्चे की मां बना देना।

अपुन का लन्ड बेटीचोद बुरी तरह अकड़ गयला था। साधना पूरे जोश में अपनी चूत को अपुन के लन्ड पर रगड़ रेली थी। अब वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। इधर अपुन लगातार उसके मम्मों को मसले जा रेला था। दूसरी तरफ कभी उसके कानों को जीभ से लपलपा देता तो कभी उसके गले को जिससे वो मचल उठती थी।

अपुन ─ ये कुर्ता उतार दो न यार। अपुन को तुम्हारे ये सुंदर सुंदर दूध पीना है।

साधना ─ ओह! बाबू क्या सच में तुम्हें मेरे ये बूब्स इतने सुंदर लगते हैं?

अपुन ─ हां यार, तुमसे भी ज्यादा सुंदर हैं ये। चलो अब अपना कुर्ता उतार दो जल्दी।

साधना ─ तुम ही उतार दो न बाबू।

अपुन ने सोचा ये लौड़ी ऐसे ही समय बर्बाद करवाएगी इस लिए झट से अपुन ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।

अब वो पूरी तरह नंगी थी अपुन के सामने। एकदम गोरी चिकनी थी लौड़ी। अपुन देखता ही रह गया उसे। ये देख उसे थोड़ी शर्म आई तो उसने झट से अपने हाथों की कैंची बना कर अपनी चूचियों को ढंक लिया।

अपुन ने उसे पकड़ कर एकदम से बेड पर लिटा दिया और फिर उसके ऊपर आ कर सीधा उसके एक निप्पल को मुंह में भर लिया। दूसरे को एक हाथ से मसलते हुए अपुन उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगा जिससे साधना एक ही पल में मदहोश हो कर मचलने लगी। उसने अपुन के सिर को पकड़ कर जोर जोर से अपने उस निप्पल पर दबाना शुरू कर दिया।

अपुन ─ ओह! साधना, यार सच में तुम्हारे दूध का टेस्ट बहुत गजब का है। काश! इसमें से दूध भी निकलता तो कितना मजा आता।

साधना ─ शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् बोल तो रही हूं बाबू कि मुझसे शादी कर के अपने बच्चे की मां बना दो। फिर जी भर के पी लेना मेरा दूध। उफ्फ शश्श्श्श बाबू और जोर से चूसो न। हाय कितना मजा आ रहा है।

साधना सच में पागल हो रेली थी। नीचे से कमर उठा उठा कर अपुन के लन्ड पर झटका दे रेली थी। अपुन से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रेला था इस लिए फौरन ही अपुन ने अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो कर उसके ऊपर झुक गया। अपुन के पूरी तरह भन्नाए हुए लन्ड ने जैसे ही साधना की नंगी चूत पर दस्तक दी तो उसके जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। अगले ही पल उसने अपना हाथ नीचे कर के उसे पकड़ लिया।

साधना ─ शश्श्श्श बाबू अपने इस मूसल लन्ड को जल्दी से मेरी चूत में डाल दो न।

अपुन ─ पहले इसे मुंह में ले कर गीला करो डियर।

साधना ये सुनते ही उठ गई और अपुन को नीचे लिटा कर सीधा लन्ड को पकड़ लिया और मदहोशी से देखते हुए पहले तो उसे सहलाया और फिर झुक कर उसे चूमने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू तुम्हारा ये लन्ड तो सच में बहुत बड़ा है लेकिन ये अच्छा ही है। क्योंकि जब ये मेरी चूत में जाता है तो बहुत मजा आता है।

अपुन ─ टाईम बर्बाद मत करो डियर। जल्दी से मुंह में ले कर इसे गीला करो और फिर बैठ जाओ इस पर।

साधना ने ऐसा ही किया। वो लन्ड को देख कर बहुत ज्यादा गर्म और मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। उसने झट से उसे मुंह में लिया और किसी रण्डी की तरह चूसने लगी। अपुन तो बेटीचोद एक ही पल में मजे की दुनिया में पहुंच गया लौड़ा।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही चूसो मेरी जान। अब तुम अच्छे से लन्ड चूसने लगी हो।

साधना अपनी तारीफ सुन और भी जोश के साथ लन्ड को चूसने लगी। कुछ ही देर में अपुन की नशों में दौड़ता लहू उबाल मारने लगा लौड़ा। उधर साधना उसे आधे से ज्यादा मुंह में भर के चूस रेली थी।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श अब बस करो यार। इतना जोर से चूसोगी तो तुम्हारे मुंह में ही झड़ जाएगा अपुन।

साधना ─ नहीं बाबू। पहले इससे मेरी चुदाई करो, उसके बाद मेरे मुंह में झड़ जाना।

कहने के साथ ही साधना उठी और अपुन के दोनों तरफ अपने पैरों को बेड पर जमा कर अपनी गांड़ को नीचे झुकाते हुए लन्ड को अपनी चूत पर सेट किया और फिर एक हाथ से पकड़े लन्ड पर एक ही झटके में अपनी गाड़ को धर दिया। अगले ही पल अपन दोनों के मुंह से मजे में डूबी दर्द मिश्रित आह निकल गई। उसके गांड़ धरते ही अपुन का लंड जड़ तक उसकी चूत में समा गयला था।

साधना ─ उफ्फ बाबू, तुम्हारा लन्ड तो मेरी नाभि में फील हो रहा है। शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हाय कितना अच्छा लग रहा है शश्श्श्श।

साधना ये बोलने के साथ ही अपनी गांड़ को अपुन के लन्ड पर उठा उठा कर पटकने लगी। अपुन तो पलक झपकते ही मजे के सातवें असमान में पहुंच गया लौड़ा। दोनों हाथ बढ़ा कर अपुन ने उसके उछलते मम्मों को पकड़ लिए और जोर जोर से उन्हें मसलने लगा।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू बहुत मजा आ रहा है। लगता है इस मजे में पागल हो जाऊंगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् मैं।

अपुन ─ और जोर जोर से अपनी गांड़ को पटको डियर।

असल में अपुन को भी बहुत मज़ा आ रेला था और अपुन का बहुत मन कर रेला था कि अपुन फुल स्पीड में नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर उसकी चूत में अपना लन्ड पेले।

साधना से जितना हो सकता था उतना जोर लगा लगा कर अपनी गांड़ को पटक रेली थी। उसकी आहें, उसकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रेली थीं। दूसरी तरफ अपुन बेदर्दी से उसके मम्मे मसले जा रेला था जिससे वो दर्द से चीख भी पड़ती। बोले तो बड़ा ही भयंकर मजे में थे अपन दोनों।

थोड़ी देर बाद साधना का अपनी गांड़ पटकना धीमा होने लगा। शायद वो थक गईली थी। मजा कम होते देख अपुन ने झट से उसे अपने ऊपर से उतारा और फिर उसे लिटा कर अपुन उसकी टांगों के बीच आया। दोनों हाथों से उसकी टांगों को फैला कर अपुन ने उसकी चूत पर अपने लन्ड को सेट किया और फिर पूरी ताकत से धक्का दे कर एक ही बार में पूरा लन्ड उसकी चूत के अंदर पेल दिया।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू जान ले लोगे क्या मेरी? शश्श्श्श धीरे से डालो न। उफ्फ शश्श्श्श ऐसा लगता है लोहे का गर्म सरिया डाल दिया है तुमने मेरी नाजुक सी चूत में।

अपुन ─ अब यही लोहे का सरिया तुम्हारी जबरदस्त चुदाई करेगा मेरी जान। आज तुम्हें ऐसा चोदेगा कि तुम्हारी चूत का भोसड़ा ही बना देगा अपुन।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् बना दो बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हां ऐसे ही जान। क्या मस्त चोदते हो आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही मुझे रोज चोदना बाबू।

अपुन पूरे जोश में धक्के लगाए जा रेला था और नीचे लेटी साधना पागल सी हो कर मजे से चीखे जा रेली थी। उसके उछलते मम्मे अपुन को आकर्षित कर रेले थे लेकिन अपुन को इतना मजा आ रेला था कि अपुन बिना रुके स्पीड में धक्के लगाए जा रेला था।

कुछ ही देर में साधना एकदम से ऐंठ गई और झटके खाते हुए भरभरा कर झड़ने लगी। झड़ते वक्त वो और ज्यादा पगला गईली थी लौड़ी। उसके गर्म गाढ़े पानी से अपुन का लन्ड पूरी तरह सराबोर हो गयला था जिससे धक्कों के साथ पुच्च पुच्च की आवाज आने लग गईली थी।

साधना झड़ने के बाद थोड़ा ढीली पड़ गईली थी लेकिन अपुन उसकी टांगें पकड़े लगा रहा बेटीचोद। थोड़ी ही देर में साधना फिर से रंग में आने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् और जोर से चोदो मुझे। आज ऐसा चोदो कि मेरी चूत की सारी तड़प मिट जाए।

अपुन ने एक झटके से लन्ड बाहर खींच लिया और साधना को घोड़ी बनने को कहा। वो किसी तरह उठी और पलट कर घोड़ी बन गई। उसकी सुंदर गोरी चिकनी गांड़ अपुन के सामने उभर कर दिखने लगी। अपुन को पोर्न मूवी का सीन याद आ गया तो अपुन ने जोर से एक थप्पड़ उसकी गांड़ के एक पार्ट पर मारा जिससे साधना बुरी तरह उछल कर चीख पड़ी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू क्या कर रहे हो?

अपुन ─ तुम्हारी सेक्सी गान्ड को प्यार कर रेला है अपुन। क्या गजब की गांड़ है यार तुम्हारी। मन करता है अपुन ये लन्ड तुम्हारी इस गांड़ में ही डाल दे।

साधना ये सुन कर कांप गई। झट से पलट कर बोली।

साधना ─ नहीं न बाबू। तुम्हारा लन्ड लन्ड नहीं है बल्कि मूसल है। इससे तो मेरी गांड़ बुरी तरह फट जाएगी।

अपुन भी ये बात जानता था इस लिए इस वक्त अपुन का इरादा उसकी गांड़ चोदने का बिलकुल भी नहीं था। खैर अपुन ने लन्ड को पीछे से उसकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया लौड़ा। साधना बुरी तरह कराह उठी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू धीरे से डाला करो न। तुम तो मेरी जान ही निकाल देते हो।

अपुन ─ तभी तो चुदाई करने में मजा आता है डियर।

कहने के साथ ही अपुन उसकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा। एक बार फिर से कमरे में साधना की आहें और सिसकियां गूंजने लगीं और साथ ही धक्कों की आवाजें भी।

कुछ ही देर में अपुन को ऐसा लगने लगा जैसे अपुन की नशों में दौड़ता खून फुल स्पीड में अपुन के गोटों की तरफ आ रेला है। मजे की इंतहां में अपुन और जोर जोर से धक्के लगाने लगा लौड़ा।

साधना बुरी तरह मचल रेली थी। पागल सी हो कर कभी चीख पड़ती तो कभी सिर को बेड पर गिरा कर आहें भरने लगती। तभी वो फिर से झड़ने लगी।

अपुन ─ ओह! आह्ह्ह्ह् साधना अपुन झड़ने वाला है यार।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श मेरी चूत में मत झड़ना बाबू।

साधना झड़ने के बाद किसी तरह बोली तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ तो फिर जल्दी से उठ कर मुंह खोलो अपना।

कहने के साथ ही अपुन ने एक ही झटके में उसकी चूत से लन्ड निहाल लिया। इस वक्त अपुन अपने चरम पर था। इधर जैसे ही लन्ड निकला साधना झट से पलट गई और घुटनों पर बैठ कर अपना मुंह खोल लिया।

अपुन जल्दी से खड़ा हुआ और थोड़ा झुके हुए तेज तेज मुठ मारने लगा। एक मिनिट से पहले ही अपुन की टांगें कांपने लगीं लौड़ा। मजे से बुरा हाल हो गया और फिर अपुन के लन्ड ने साधना के मुंह में उल्टी करना शुरू कर दिया।

एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां उसके मुंह में समाने लगीं। कुछ साधना के मुंह के अंदर गईं तो कुछ उसके चेहरे पर जिससे साधना लौड़ी ने अजीब सा मुंह बना कर अपनी आँखें बंद कर ली।

झड़ने के बाद अपुन असहाय सा बेड पर पसर गया लौड़ा। उसके बाद अपुन को नहीं पता कि साधना ने अपने मुंह में भरे अपुन के वीर्य का क्या किया? थोड़ी देर में जब अपुन ने आँखें खोल कर देखा तो साधना को बाथरूम से निकलते पाया।

वो पूरी तरह नंगी थी। बाथरूम से शायद खुद को साफ कर के आ रेली थी वो। अपुन के पास आ कर वो अपुन से किसी बेल लता की तरह लिपट गई।

साधना ─ आई लव यू सो मच बाबू। तुमने सच में मुझे अंदर तक तृप्त कर दिया है। मैं अभी भी उसी मजे के एहसास को फील कर रही हूं।

अपुन अब क्योंकि होश में आ गयला था इस लिए अब यही सोच रेला था कि जितना जल्दी हो सके यहां से निकल लिया जाए।

अपुन ─ अपुन को भी बहुत मजा आया मेरी जान लेकिन अब अपुन को जाना होगा। कुछ देर में अमित और तुम्हारी मम्मी के आने का वक्त भी हो जाएगा।

साधना ─ ओह! हां बाबू। उनके आने के बाद तो हम इस तरह एक दूसरे से मिल भी नहीं पाएंगे। काश! ऐसा हो कि ये वक्त यहीं पर रुक जाए।

अपुन ─ टाईम कभी नहीं रुक सकता यार। अपन लोग को ही उसके साथ आगे बढ़ना होता है।

कहने के साथ ही अपुन उठा और अपने कपड़े पहनने लगा। साधना को भी सिचुएशन का एहसास था इस लिए वो भी उठी और कपड़े पहनने लगी।

अपुन कपड़े पहन कर जाने के लिए रेडी हो गयला था और अब साधना को कपड़े पहनते देख रेला था। सबसे पहले उसने अपनी ब्लैक कलर की ब्रा पहनी फिर उसके ऊपर कुर्ता पहनने लगी तो अपुन झट से आगे बढ़ा और उसे दबोच लिया।

असल में अपुन का मन फिर से उसके साथ मजा करने का होने लग गयला था। हालांकि अपुन जानता था कि अब फिर से सेक्स करने का माकूल वक्त नहीं रह गयला था लेकिन अपुन ने ये सोच कर उसे दबोचा कि थोड़ा ऊपर से ही उससे मजा ले लिया जाए। बाद में क्या पता कब ऐसा मौका मिले?

साधना ─ ओह! बाबू क्या कर रहे हो? क्या अभी मन नहीं भरा?

अपुन ─ तुम चीज ही ऐसी हो मेरी जान कि तुमसे मन नहीं भर सकता। खैर एक बार अपने मम्मे का दूध तो पिला दो।

कहने के साथ ही अपुन ने खुद ही उसकी ब्रा का एक कप ऊपर कर दिया जिससे उसका एक मम्मा उछल कर बाहर आ गया। वाह! गोरे चिकने मम्मे को देखते ही अपुन का लन्ड सिर उठाने लग गया लौंडा। अपुन ने झुक कर झट से उसके निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। अपुन के ऐसा करते ही साधना मचल उठी और उसके मुंह से सिसकी निकल गई।

साधना ─ मत करो बाबू वरना मैं फिर मुझसे भी रहा नहीं जाएगा और मेरी चूत तुम्हारा लन्ड अपने अंदर लेने के लिए तड़पने लगेगी।

अपुन ने एक हाथ नीचे सरका कर उसकी नंगी चूत को मसल दिया जिससे साधना बुरी तरह चिंहुक उठी।

साधना ─ नहीं न बाबू। प्लीज न करो।

अपुन ने झट से उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया और उसके मम्मे को भी चूसते हुए मसल कर छोड़ दिया। साधना इतने में ही मस्तिया गईली थी लौड़ी। उसकी आंखों में वासना के लाल डोरे तैरते दिखने लगे थे।

खैर अपुन ने जब उसे छोड़ दिया तो उसने अपुन को मदहोशी से देखते हुए ही अपनी ब्रा को सही किया और फिर कुर्ते को उठा कर पहनने लगी। फिर उसने नीचे अपनी पैंटी पहनी और फिर सलवार।

उसके बाद अपन दोनों ही रूम से निकले और घर के मुख्य दरवाजे के पास आ गए। साधना का चेहरा थोड़ा उदास हो गयला था। शायद इस लिए कि अब अपन दोनों के बिछड़ने का वक्त आ गयला था।

दरवाजे पर उसने अपुन को कस कर गले लगा लिया और फिर एंडी उठा कर अपुन के होठों को चूमा। अपुन ने भी आखिरी बार उसके होठों को चूमा चूसा और उसके बूब्स मसले। उसके बाद दरवाजा खोल कर उसे बाय बोल के निकल लिया।

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बाइक के पास पहुंच कर अपुन ने सबसे पहले मोबाइल निकाल कर उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाला और फिर बाइक स्टार्ट कर के घर की तरफ चल पड़ा लौड़ा।

रास्ते में अपुन सोच रेला था कि अब जब साधना को अपने मोबाइल द्वारा ये पता चलेगा कि उसका एटम बम ही नहीं बल्कि अपन दोनों की सारी चैटिंग भी गायब है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन ही गायब हो जाएगी लौड़ा।

बोले तो जबरदस्त झटका लगेगा लौड़ी को। कुछ देर तो उसे समझ ही नहीं आएगा कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन फिर जब उसके दिमाग की बत्ती जलेगी और जब वो सोचेगी तब जरूर उसे समझ आ जाएगा कि ये सब अपुन की वजह से ही हुआ होगा बेटीचोद।

उसके बाद साधना की हालत कैसी हो जाएगी इसका अंदाजा अपुन बखूबी लगा सकता है। देर से ही सही लेकिन वो ये भी समझ जाएगी कि अपुन को शायद उसकी असलियत पता चल गईली थी और इसी लिए अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम ही नहीं बल्कि सारी चैट भी उड़ा दी है। खैर फिर वो अपुन को मैसेज या कॉल करेगी लेकिन अपुन उसका कॉल नहीं उठा सकेगा क्योंकि नंबर ब्लॉक कर देने की वजह से अपुन के पास उसका कॉल आएगा ही नहीं लौड़ा।

यही सब सोचते हुए अपुन खुश हो रेला था और बाइक चला रेला था। बोले तो साधना को चोदने से कहीं ज्यादा अपुन को उसका एटम बम वगैरा गायब कर देने से खुशी हो रेली थी।

कुछ ही समय में अपुन घर पहुंच गया। सीमा ने दरवाजा खोला तो अपुन ने एक भरपूर नजर उसके सांवले जिस्म पर डाली जिस पर वो बस हल्के से मुस्कुराई। वो ऐसे ही हल्के से मुस्कुरा देती थी क्योंकि वो ये समझ चुकी थी कि देखने के सिवा अपुन और कुछ कर ही नहीं सकता।

मगर उस लौड़ी को ये भनक तक नहीं थी कि अब हालात बदल चुके थे। अब अपुन पहले वाला विराट नहीं रह गयला था बल्कि अब अपुन को औरत के जिस्म का स्वाद पता चल गयला था और अब अपुन हर औरत या लड़की के जिस्म को देखने के साथ साथ उसे अपने नीचे लिटाने का भी करतब करने लग गयला था।

खैर इस वक्त अपुन ने सीमा के जिस्म को सिर्फ देखा ही और फिर अंदर दाखिल हो गया। अंदर ड्राइंग रूम में दिव्या अपुन को टीवी देखते हुए दिख गई। अपुन को देखते ही उसका चेहरा खिल उठा। इधर सीमा किचेन की तरफ चली गईली थी।

दिव्या ─ आप कॉलेज से कहां चले गए थे भैया?

अपुन सोफे पर उसके बगल से बैठ गया तो वो खिसक कर अपुन से चिपक गई। साइड से उसका एक बूब अपुन की बाजू में पूरी तरह छूने लगा जिससे सीधा अपुन के लन्ड में करेंट लगा।

अपुन ─ अरे! एक जरूरी काम था इस लिए चला गया था अपुन। तू बता विधी के साथ घर आने में तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?

दिव्या ─ कोई प्रॉब्लम नहीं हुई भैया बल्कि आज तो दी के साथ आने में मजा ही आया।

अपुन (हैरानी से) ─ अच्छा, वो कैसे?

दिव्या ─ एक्चुअली, विधी दी आज बहुत खुश थीं तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी स्कूटी चलाना सीख लूं।

अपुन ─ वाह! क्या बात है।

दिव्या ─ और पता है, उन्होंने मुझे थोड़ा बहुत स्कूटी चलाना सिखाया भी।

अपुन ─ अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात हुई। तो अब तुझे भी स्कूटी चलाना आने लगा?

दिव्या ─ अभी कहां भैया। अभी तो बस थोड़ा सा ही चलाया है मैंने। दी कह रहीं थी कि एक दो दिन में मैं अच्छे से सीख जाऊंगी।

अपुन ─ ओह! फिर तो अच्छी बात है। अच्छा अब अपुन रूम में जा कर थोड़ा चेंज कर लेता है।

दिव्या ─ ठीक है भैया, और हां मैं भी अपनी बुक ले कर आती हूं आपके रूम में। आपने कल बोला था न कि फिजिक्स का वो चैप्टर मुझे बताएंगे आप।

अपुन ─ ओह! हां। चल ठीक है आ जाना थोड़ी देर में और हां चाय भी ले आना।

दिव्या ने खुशी से सिर हिला दिया तो अपुन उठ कर सीढ़ियों की तरफ बढ़ चला। कुछ ही देर में अपुन अपने रूम में पहुंच गया। अपुन ने साधना के साथ सेक्स किया था इस लिए बदन से थोड़ी अजीब सी स्मेल आ रेली थी। अपुन ने सोचा कि नहा लिया जाए जिससे ये स्मेल दूर हो जाए। इस लिए कपड़े उतार कर अपुन बाथरूम में घुस गया।

करीब पंद्रह मिनट बाद जब अपुन तौलिया लपेटे बाथरूम से निकला तो देखा दिव्या अपुन के बेड में किनारे साइड बैठी थी। अपुन को सिर्फ तौलिए में देखते ही वो हल्के से मुस्कुराई और थोड़ा शरमाई भी लेकिन खामोशी से बैठी रही।

अपुन पहले भी इस तरह उसके सामने सिर्फ तौलिए में रहा था इस लिए कोई बड़ी बात नहीं थी ये। खैर अपुन ने उसके सामने ही अंडरवियर पहना और फिर हॉफ लोवर के साथ बदन में एक टी शर्ट भी डाल लिया।

अपुन ─ चाय नहीं लाई क्या?

दिव्या ─ विधी दी ने कहा कि वो ही ले कर आएंगी तो मुझे सिर्फ अपनी बुक ले कर ही आपके रूम में आना पड़ा।

अपुन ─ ओह! कोई बात नहीं। चल बता कौन सा चैप्टर तुझे समझ नहीं आयला था?

अपुन के पूछने पर वो बेड पर अच्छे से बैठ गई और फिर अपनी बुक के पेजेस पलटने लगी। अपुन भी बेड पर उसके सामने बैठ गया। कुछ ही पलों में उसने एक पेज पर उंगली रख के अपुन को बताया कि उसे ये चैप्टर समझ में नहीं आयला था।

अपुन पूरे मन से उसे उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। अभी अपुन उसे समझा ही रेला था कि तभी विधी ट्रे में अपन लोग के लिए चाय ले कर आ गई। अपुन के रूम में दिव्या को पढ़ाई करते देख उसका खुशी से चमकता चेहरा एकदम से मुरझा सा गया लेकिन फिर उसने जल्दी ही खुद को नॉर्मल कर लिया।

विधी ─ ये ले भाई पहले चाय पी। दिव्या तू भी पकड़ अपना कप।

अपुन ने ट्रे से एक कप उठा लिया। अपुन के साथ ही दिव्या ने भी एक कप उठा लिया। आखिरी कप विधी ले कर बेड में ही एक तरफ बैठ गई। वो क्योंकि दिव्या के थोड़ा पीछे बैठ गईली थी इस लिए उसने अपुन को इशारा किया। अपुन समझ गया कि इस वक्त वो अपुन के साथ अकेले रहना चाहती थी लेकिन इस वक्त क्योंकि ये संभव नहीं था इस लिए अपुन ने उसे इशारे से ही समझा दिया कि बाद में।

खैर अपुन ने चाय पीने के साथ ही दिव्या को फिर से उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। दिव्या पूरा ध्यान लगा कर अपुन की एक एक बात समझने की कोशिश कर रेली थी। थोड़ी ही देर में जब अपन लोग की चाय खत्म हो गई तो विधी ने खाली कप ट्रे में रखे और अपुन को इशारा कर के रूम से निकल गई।

अपुन काफी देर तक दिव्या को उस चैप्टर के बारे में समझाता रहा। इसके अलावा उसके पूछने पर एक दो चैप्टर और भी समझाया उसे। फिर अपुन ने उससे कहा कि अब अपुन भी अपनी पढ़ाई करेगा इस लिए वो जाए।

दिव्या ─ अच्छा भैया, वो न विधी दी ने रास्ते में मुझे बताया कि आपने एक दूसरे को किस किया था। आई मीन चिक पर।

अपुन ये सुन कर अंदर ही अंदर झटका खा गया बेटीचोद। ये सोच कर भी अपुन को गुस्सा आया कि अपुन ने विधी समझाया भी था कि वो इस बारे में कभी किसी से कुछ न बताए लेकिन उसने इसके बाद भी दिव्या को ये बता दिया। हालांकि उसने चिक पर किस करने की बात बताई थी जबकि अपन दोनों ने तो काफी अच्छे तरीके से एक दूसरे के होठों को चूमा चूसा था।

अपुन सोचने लगा कि विधी ने जरूर मजबूर हो कर ही दिव्या को सिर्फ ये बताया है वरना वो इतनी भी नासमझ या भोली नहीं है कि अपन लोग के बीच की इतनी बड़ी बात दिव्या को बता दे। खैर अपुन ने खुद को सम्हाला और दिव्या से कहा।

अपुन ─ हां तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? इतना तो चलता है।

दिव्या ─ तो भैया मेरे चिक पर भी किस कीजिए न।

अपुन ने हैरानी से उसे देखा। वो मासूम सी शक्ल बनाए और खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन को देखे जा रेली थी। चेहरे पर थोड़े शर्म के भाव भी थे लेकिन शायद उसने फैसला कर लिया था कि वो अपने चिक पर अपुन से किस जरूर करवाएगी। अपुन ने भी सोचा कि इतना तो चलता हैं। वैसे भी जब वो खुद ही बोल रेली थी तो अपुन ने भी सोचा कि कर ही देता है अपुन।

अपुन ─ अच्छा ठीक है, इधर आ अपुन के पास।

वो होठों पर मुस्कान सजाए और साथ ही थोड़ा शर्माते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। बात तो सिर्फ गाल पर किस करने की ही थी लेकिन जाने क्यों किस करने की बात सोच कर ही अपुन की धड़कनें तेज हो गईली थीं बेटीचोद। आंखों के सामने बार बार साधना, उसके होठ और उसके गोरे गोरे बूब्स दिख जा रेले थे।

दिव्या अपुन के एकदम पास आ गईली थी। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन ने गौर किया कि उसका चेहरा कितना खूबसूरत था और कितना मासूम भी। बोले तो सांचे में ढली हुई कोई मूर्ति लग रेली थी वो। खूबसूरत चेहरा थोड़ी शर्म की वजह से हल्का सुर्ख हो गयला था। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ मुस्कान से भले ही हल्का फैले हुए थे लेकिन हल्का हल्का कांप रेले थे।

ये सब देख अपुन का गला पल में ही सूख सा गया लौड़ा। अभी कुछ देर पहले अपुन नहा के आयला था लेकिन अचानक ही अपुन को गर्मी फील होने लग गईली थी।

दिव्या ─ क्या हुआ भैया, कहां खो गए आप? किस कीजिए न।

दिव्या की आवाज सुन कर अपुन अचानक से होश में आया और थोड़ा हड़बड़ा सा गया। एक ही पल में धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं बेटीचोद। मन में खयाल उभरा कि ये अचानक से अपुन को क्या हो गयला है लौड़ा? खैर खुद को सम्हाल कर अपुन ने उससे मुस्कुरा कर कहा।

अपुन ─ अच्छा बता कि तेरे कौन से चिक पर किस करे अपुन? बोले तो लेफ्ट चिक पर या राइट चिक पर?

दिव्या अपुन की बात सुन कर शर्माते हुए हंस पड़ी। फिर अपने राइट हैंड की एक उंगली अपने राइट चिक पर रख कर बोली।

दिव्या ─ इस वाले चिक पर कीजिए भैया।

उफ्फ, गोरे गोरे और फूले फूले गाल को देखते ही अपुन का जी मचल उठा। मन किया कि लपक कर उसके फूले हुए गाल को मुंह में भर कर जोर से काट ले अपुन लेकिन फिर जल्दी ही अपुन ने अपनी इस इच्छा का गला घोंटा।

उसके बाद आगे बढ़ कर हल्के से मगर धड़कते दिल के साथ उसके राइट चिक पर हौले से किस कर दिया और फिर जल्दी ही पीछे हो गया लौड़ा। अपुन हैरान था कि इतने में ही अपुन की हालत खराब हो चली थी बेटीचोद। उधर किस कर के जैसे ही अपुन पीछे हुआ तो दिव्या ने मुस्कुराते हुए शर्म से सुर्ख पड़े चेहरे के साथ अपुन को देखा और फिर बोली।

दिव्या ─ अब मैं भी आपके चिक पर किस करूंगी।

अपुन ─ ठीक है, जल्दी कर ले। फिर अपुन को पढ़ना भी है।

असल में अपुन का मन बुरी तरह विचलित हो रेला था। बस एक ही खयाल अपुन को झकझोर रेला था कि झपट कर दिव्या को दबोच ले और चिक की जगह उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

बोले तो अपुन का दिमाग बुरी तरह खराब होने लग गयला था। दिव्या अब अपुन को चचेरी बहन नहीं बल्कि एक ऐसी लड़की दिखने लग गईली थी जिसके साथ साधना की तरह मजा करने का अपुन का मन हो रेला था। अपुन बड़ी मुश्किल से अपने विचलित मन को रोके हुए था। अपुन को डर लगने लग गयला था कि कहीं अपुन होश खो कर उसके साथ कोई अनर्थ न कर बैठे बेटीचोद।

उधर अपुन की बात सुन कर दिव्या मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ बढ़ी तो एकदम से अपुन की नज़र उसके टी शर्ट के डीप गले में पड़ गई लौड़ा जहां पर अपुन को उसके गोरे गोरे गोल गुब्बारे आधे से ज्यादा दिखने लग गएले थे।

एक तो वैसे ही अपुन की हालत खराब हो रेली थी ऊपर से उसके बूब्स देख अपुन का और भी दिमाग खराब हो गया बेटीचोद। पलक झपकते ही पूरे जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। यहां तक कि वो झुरझुरी दौड़ते हुए अपुन के लन्ड को जैसे हिट कर गई। अपुन का लन्ड भी बेटीचोद उसके हिट कर देने से फौरन ही टनटना गया।

तभी अपुन के जिस्म में एक झटका सा लगा जब दिव्या ने अपने नाजुक होठों से अपुन के लेफ्ट गाल पर हल्के से किस किया। उसकी गर्म सांसें अपनी कनपटी के आस पास फील करते ही अपुन का पूरा जिस्म अजीब से एहसास के चलते रोमांचित हो उठा। बड़ी मुश्किल से अपुन ने उस एहसास से खुद को निकाला। शुक्र था कि किस करने के बाद ही दिव्या पीछे हट गईली थी। इधर अपुन ने राहत की सांस ली और झट से अपने माथे पर उभर आए पसीने को अपने टी शर्ट के निचले छोर को उठा कर पोंछा।

अपुन ─ चल हो गया न। अब तू जा, अपुन को भी अब पढ़ने का है।

अपुन चाहता था कि दिव्या अब जाए रूम से। अपुन ये सोच के भी हैरान हो रेला था कि बेटीचोद साधना को चोदने में अपुन की इतनी खराब हालत नहीं हुई थी जितना दिव्या के साथ सिर्फ इतना करने में हो गईली है। समझ में नहीं आ रेला था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लौड़ा?

खैर दिव्या खुशी से मुस्कुराते हुए तथा अपनी बुक ले कर रूम से चली गई। जैसे ही उसने बाहर निकल कर रूम का दरवाजा बंद कर दिया तो अपुन बेड पर धम्म से गिर गया और गहरी गहरी सांसें लेने लग गया लौड़ा।

कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


To be continued....
Shandar update Bhai 💯
 
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