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Incest हवस के कारनामे ~ A Tale of Lust

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Update ~ 18



क्लास खत्म होने के बाद उसने अपुन को स्पष्ट रूप से उसके केबिन में आ कर मिलने को कहा और चली गई। अपुन चाहता था तो न भी जाता वो अपुन का कुछ उखाड़ नहीं लेती लेकिन फिर अपुन ने सोचा कि इस तरह उससे दूर भागने से क्या हासिल होगा? बोले तो उसके केबिन में जा कर देखना ही चाहिए कि वो अपुन से क्या बोलती है?


अब आगे....


लंच टाइम अपुन कैंटीन की तरफ विधी और दिव्या को लिए जा ही रेला था कि जाने कहां से अनुष्का अपुन के सामने आ गई लौड़ी। उसने अपुन को अपने साथ चलने को कहा तो अपुन को मजबूरन उसके साथ जाना ही पड़ा। अपुन ने शरद से विधी और दिव्या को कैंटीन ले कर जाने को कहा और खुद अनुष्का के पीछे चल पड़ा।

कुछ ही देर में अपुन उसके साथ एक केबिन में पहुंच गया। अपुन की धड़कनें बढ़ गईली थी। मन में बस यही खयाल उभर रेले थे कि आखिर क्या बोलेगी वो अपुन से? खैर रूम में पहुंचते ही वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपुन को भी एक कुर्सी पर बैठ जाने का इशारा किया तो अपुन बैठ गया।

अनुष्का ─ हां, तो अब बताओ भाई कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं? वैसे मैं बता दूं कि उस दिन मैंने अपने हसबैंड का गुस्सा तुम पर उतार दिया था।

अपुन ─ आप अपने हसबैंड से किस बात पर गुस्सा थीं जिसका शिकार अपुन को होना पड़ा था?

अनुष्का ─ वो एक्चुअली उनकी जॉब छूट गई है जोकि उनकी ही गलती से छूटी है। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंने पहले तो उन्हें समझाना चाहा था लेकिन जब वो अपनी गलती मानने को तैयार न हुए तो मुझे उन पर गुस्सा आ गया। इससे बात बढ़ गई और फिर वो मुझे उल्टा सीधा बोलने लगे और तो और मुझ पर हाथ भी उठा दिया।

अपुन ─ क्या???

अनुष्का ─ हां भाई, तुम्हें तो पता है कि मैंने उनसे लव मैरिज की थी। हालांकि पापा इस रिश्ते से ज्यादा खुश नहीं थे लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी खुशी के लिए अजीत से मेरी शादी करवा दी। खैर अब तक तो सब अच्छा ही चल रहा था लेकिन अपने गुस्से की वजह से उन्होंने मैनेजर को गाली दे दी और तो और उसे जान से मार देने की धमकी तक दे दी जिससे मैनेजर ने उन्हें जॉब से निकलवा दिया।

अपुन ─ ओह! कब हुआ ऐसा?

अनुष्का ─ एक हफ्ता हो गया भाई। मैंने अब तक तुम्हारे अलावा किसी को इस बारे में नहीं बताया है। यहां तक कि अपने मम्मी पापा या भाई बहन को भी नहीं बताया। मुझे पता है कि ये बात उन्हें पता चलेगी तो कोई और भले ही कुछ न कहे लेकिन पापा बहुत कुछ सुनाना शुरू कर देंगे।

अपुन ─ तो जीजा जी एक हफ्ते से घर पर ही बैठे हैं?

अनुष्का ─ हां भाई, शुरू में तो दो चार दिन मूड खराब होने की वजह से कहीं दूसरी जगह जॉब खोजने गए ही नहीं। फिर जब मैंने कुछ ज्यादा ही जोर दिया तो एक दो जगह गए मगर बात नहीं बनी। उनके गुस्सैल नेचर के बारे में यहां कई कंपनी के लोगों को पता है इस लिए कुछ तो इस वजह से भी उन्हें जॉब में कोई नहीं रखना चाहता। बस इसी वजह से हर रोज हमारी बहस होने लगी थी। उस दिन भी यही हो रहा था और फिर उन्होंने गुस्से में मुझ पर हाथ उठा दिया था। मैं उनकी इस हरकत से दुखी भी थी और गुस्सा भी इस लिए यहां क्लास में तुम पर गुस्सा किया और फिर तुम्हें क्लास से आउट कर दिया था। प्लीज भाई, उसके लिए माफ कर दो मुझे।

उनकी ये सब बातें सुन कर अपुन ये सोचने लग गया कि अपुन तो कुछ और ही मंसूबे बनाए था लौड़ा और यहां तो मामला ही कुछ और निकला। बोले तो अपुन को समझ ही न आया कि अब क्या बोले अपुन? एक तरफ अपुन का मूड भी खराब हो गयला था कि बेटीचोद ये क्या बवासीर हो गया? खैर इस मामले में कुछ तो अपुन को कहना ही था इस लिए अभी अपुन कुछ बोलने ही वाला था कि तभी अपुन को एक खयाल आया।

अपुन ─ बात तो सच में सीरियस है दी लेकिन आई थिंक आपको इस बारे में साक्षी दी से बात करनी चाहिए। बोले तो वो इस मामले में आपकी हेल्प भी कर सकती हैं।

अनुष्का ─ मैंने कई बार उसे इस बारे में बताने का सोचा लेकिन फिर ये सोच कर नहीं बताया कि वो भी मुझे जाने क्या क्या सुनाना शुरू कर देगी। एक्चुअली उसने भी अजीत से शादी करने से मना किया था मुझे लेकिन क्योंकि उस समय मुझ पर अजीत के प्यार का भूत सवार था इस लिए मैंने किसी की भी नहीं सुनी थी।

अपुन ─ देखो जो होना था वो तो हो ही गयला है। अब उस बारे में कुछ बोलने का कोई फायदा नहीं है। आपके लिए इस वक्त जो जरूरी है वहीं आपको करना चाहिए। साक्षी दी से आप बात करो और उन्हें सारी सिचुएशन के बारे में बताओ। अपुन को पूरा यकीन है कि वो आपकी हेल्प जरूर करेंगी। हो सकता है कि वो डैड से कह कर अजीत जीजा जी की जॉब अपनी ही कंपनी में लगवा दें।

अनुष्का ─ हां इस बात का तो मुझे भी यकीन है भाई। साक्षी को जब मेरी प्रॉब्लम का पता चलेगा तो वो पहले तो मुझे चार बातें ही सुनाएगी लेकिन बाद में मेरी हेल्प जरूर करेगी।

अपुन ─ बस तो फिर अब आप कुछ मत सोचिए और साक्षी दी को कॉल कर के उनसे बात कीजिए।

अनुष्का ─ थैंक्स भाई, तुमने मुझे थोड़ी राहत दे दी है। मैं जरूर साक्षी से बात करूंगी आज।

अपुन ─ ठीक है, और उनकी हेल्प से जब जीजा जी की जॉब लग जाए तो अपुन को ट्रीट देना मत भूलना।

अनुष्का ─ नहीं भूलूंगी मेरे प्यारे भाई और हां तुमने ये तो बताया ही नहीं कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं?

अपुन ─ फिलहाल कुछ नहीं। अपुन को आपकी प्रॉब्लम का पता नहीं था इस लिए बेकार में ही नाराज था आपसे लेकिन हां जीजा जी की जॉब लगने के बाद तो आपको वैसी ही ट्रीट देनी होगी जिससे अपुन खुश हो जाए।

अनुष्का ─ मुझे मंजूर है भाई।

उसके बाद अपुन रूम से निकल गया। मन में थोड़ी निराशा तो थी लेकिन ये उम्मीद भी हो ग‌ईली थी कि आने वाले समय में अनुष्का से कुछ न कुछ ऐसा जरूर हासिल होगा जो अपुन चाहता है।

अपुन फौरन ही कैंटीन पहुंचा। थोड़ा ही टाइम रह गयला था लंच टाइम ओवर होने में इस लिए विधी और दिव्या के साथ ही बैठ कर अपुन ने थोड़ा बहुत खाया और फिर अपन लोग वापस क्लास की तरफ चल पड़े।

दिव्या ─ भैया, अनुष्का दी आपको किस लिए अपने साथ ले गईं थी?

अपुन उसके इस सवाल पर सोचने लगा कि क्या जवाब दे अपुन? फिर अपुन ने सोचा कि सच ही बता देता है अपुन क्योंकि इसमें कुछ गलत तो था नहीं।

ये सोच कर अपुन ने उसे सब कुछ बता दिया और ये भी कहा कि इस बारे में वो दोनों किसी को न बताएं। खैर उसके बाद दिव्या अपनी क्लास की तरफ चली गई जबकि अपुन और विधी एक साथ अपने क्लास की तरफ चल पड़े।

विधी बार बार अपुन को देखती और मुस्कुरा देती थी। फिर जैसे ही उसने देखा कि दिव्या चली गई है तो उसने अपुन से कुछ कहना चाहा मगर तभी पीछे से रीना ने उसे आवाज दी जिससे उसने पलट कर उसकी तरफ देखा।

विधी ─ इस चुहिया को भी अभी ही आना था। सारा मूड खराब कर दिया, हां नहीं तो।

अपुन उसकी इस बात पर मन ही मन मुस्कुरा उठा। तभी रीना मुस्कुराते हुए अपन लोग के पास आ गई। उसे देखते ही विधी का मुंह बन गयला था।

रीना ─ हाय! कैसे हो विराट?

अपुन ─ वैसे ही जैसा नजर आ रेला है अपुन। तू अपनी बता।

अपुन की बात सुन कर जहां एक तरफ वो थोड़ा सकपका गई वहीं विधी हंस पड़ी लेकिन फिर जल्दी ही हंसना बंद कर दिया उसने।

रीना ─ सेम हेयर।

विधी के सामने रीना ज्यादा कुछ बोल नहीं सकती थी। इधर एकदम से अपुन को साधना का खयाल आ गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि बेटीचोद अनुष्का से तो कोई बात नहीं बनी तो क्यों न कॉलेज से निकल लिया जाए और अमित के घर जा कर साधना के साथ मस्त मजा किया जाए।

अपुन ने विधी से कहा कि अपुन को एक जरूरी काम से बाहर जाने का है इस लिए वो क्लास जाए और अगर अपुन आने में लेट हो जाए तो अपुन का बैग तथा दिव्या को साथ ले कर घर चली जाएगी।

विधी को ये सुन के हैरानी हुई और उसने पूछना भी चाहा लेकिन अपुन तब तक कॉलेज के बाहर की तरफ निकल लिया। बोले तो अभी अपुन के पास पूरे दो घंटे का टाइम था इस लिए अब इस टाइम को बर्बाद नहीं करना चाहता था अपुन।

पार्किंग में आ कर अपुन ने साधना को मैसेज किया कि अपुन आ रेला है इस लिए जब अपुन उसके घर का दरवाजा खटखटाए तो वो उसी तरह खोलने आए जैसे उस रात आईली थी। बोले तो एकदम नंगी।

मैसेज कर के अपुन ने मोबाइल जेब में डाला और बाइक में चाभी लगा कर उसे स्टार्ट ही करने लगा था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन समझ गया कि साधना का ही कॉल होगा इस लिए जेब से मोबाइल निकाल कर कॉल पिक किया।

साधना ─ मैं मार्केट आई हुई हूं बाबू। एक्चुअली दूध फट गया था तो लेने आई हूं। तुम कब तक पहुंचोगे मेरे घर?

अपुन ─ अपुन को ज्यादा से ज्यादा आठ दस मिनट लगेंगे पहुंचने में।

साधना ─ ओह! फिर तो कोई बात ही नहीं है बाबू। तुमसे पहले ही पहुंच जाऊंगी मैं।

अपुन ─ अपुन का मैसेज ठीक से पढ़ा है कि नहीं तुमने?

साधना ─ हां पढ़ लिया है बाबू। फिक्र मत करो, मैं वैसे ही दरवाज़ा खोलूंगी जैसे मेरा बाबू चाहता है।

अपुन ─ गुड। अच्छा अब रखता है अपुन।

कॉल डिस्कनेक्ट कर के अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और बाइक स्टार्ट कर के निकल पड़ा उसके घर की तरफ। बोले तो अब मन में काफी रोमांचित करने वाले खयाल उभरने लग गएले थे लौड़ा। बाइक चलाते हुए अपुन सोचता जा रेला था कि अमित के घर पहुंच कर अपुन साधना को आज कैसे कैसे चोदेगा।

बेटीचोद, साधना को चोदने की खुशी इतनी ज्यादा हुई कि अपुन और भी तेज स्पीड में बाइक चलाने लगा लौड़ा। कच्छे के अंदर कैद अपुन का लन्ड भी खुश हो गयला था जिसके चलते उसने अपना सिर उठा लिया था।

अपुन पांच मिनट में ही अमित के घर के पास पहुंच गया बेटीचोद। बाइक को एक जगह स्टैंड पर लगा कर अपुन इधर उधर निगाह घुमाते हुए तेजी से उसके घर की तरफ बढ़ा।

घर के दरवाजे पर पहुंच कर अपुन ने दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि तभी अंदर से खिलखिला कर हंसने की आवाज सुनाई दी जिससे अपुन का हाथ रुक गया। हंसने की आवाज लड़की की थी लेकिन वो लड़की साधना नहीं थी क्योंकि उसकी आवाज पहचानता था अपुन।

अभी अपुन समझने की कोशिश ही कर रेला था कि तभी कुछ कदमों की आवाजों के साथ साथ बोलने की भी आवाजें सुनाई दी। आवाजें हर पल के साथ दरवाजे की तरफ ही बढ़ती आ रेली थी। अपुन ये तो समझ गयला था कि साधना के साथ कोई दूसरी लड़की भी दरवाजे की तरफ आ रेली है लेकिन एक पल पहले उसने जो कहा था उसे सुन कर अपुन सन्न रह गया था लौड़ा।

लड़की ─ वैसे मानना पड़ेगा साधना क्या मस्त आडिया सोचा है तूने विराट से शादी करने का।

साधना ─ क्या करूं अंजली, ऐसा करने का दिल तो नहीं किया था लेकिन फिर खयाल आया कि प्यार और जंग में तो सब जायज होता है। वैसे भी मैं उससे इतना प्यार करती हूं कि उसे किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती। बस इसी लिए ये रास्ता चुना।

अंजली ─ चल तेरा तो काम बन गया अब। अच्छा किया जो उसे सेक्स के लिए उकसाया और फिर उसकी वीडियो बना ली।

साधना ─ मैं जानती थी कि वो ऐसे तो मुझे या मेरे प्यार को एक्सेप्ट करेगा नहीं इस लिए सोच लिया था कि जब भी मौका मिलेगा तो उसे खुल कर सौंप दूंगी। वैसे मुझे उम्मीद नहीं थी कि ये सब इतना जल्दी और इतना परफेक्ट तरीके से हो जाएगा।

अंजली ─ अच्छा जब उसे इस सबके बारे में पता चलेगा तो तू जानती है न कि वो कैसा बिहेव करेगा? आई मीन हो सकता है कि वो तुझसे नफरत करने लगे। आखिर तू उसे ब्लैकमेल करके जो उसे शादी करने को मजबूर करेगी।

साधना ─ हां जानती हूं कि ऐसा हो सकता है लेकिन मैं उसे प्यार से समझाऊंगी कि मेरे पास इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं था। मुझे यकीन है कि वो मेरी बात समझेगा।

अंजली ─ और अगर न समझा तो?

साधना ─ फिर तो मजबूरन उसे उस वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करना पड़ेगा यार जोकि मैं नहीं चाहती।

अंजली ─ चल ठीक है जैसा तुझे बेहतर लगे कर। अच्छा अब जा रही हूं मैं। तेरे बाबू सोना के आने का भी तो टाइम हो गया है और तुझे उसके लिए नंगी हो कर दरवाजा खोलना है, ही ही ही।

साधना ─ अरे! हां यार मैं तो भूल ही गई थी उसे। तू जल्दी से निकल यहां से। तेरी वजह से मुझे उससे झूठ कहना पड़ा कि मैं मार्केट दूध लेने आई हूं।

अंजली ─ अच्छा चल बाय। बाद में जो कुछ हो सब बताना मुझे।

अपुन समझ गया कि अब अंजली नाम की लड़की बाहर आने वाली है इस लिए अपुन का यूं खड़े रहना सही नहीं था। अपुन झट से पलटा और लगभग भागते हुए एक ऐसी जगह जा कर खड़ा हो गया जहां से वो दोनों अपुन को देख नहीं सकती थीं।

बेटीचोद, अभी अपुन ने जो कुछ सुना था उसे सुन के अपुन के पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गईली थी। बोले तो पूरी की पूरी गांड़ फट के हाथ में आ गईली थी अपुन की। साधना लौड़ी ने इतना बड़ा गेम खेला था अपुन के साथ। अपुन तो समझ रेला था कि वो सीधी सादी लौंडिया है और अपुन से प्यार करती है।

अपुन सोचने पर मजबूर हो गया लौड़ा कि इसी लिए अपुन को उसके साथ सेक्स करने में कोई मुश्किल नहीं आईली थी। बेटीचोद आती भी कैसे? उस रण्डी ने तो पहले से ही सब सोच रखा था, तभी तो अपुन के साथ इतना कुछ कर गईली थी। वो तो अच्छा हुआ कि अपुन ने किसी जन्म में भारी पुण्य कर्म किएले थे जिसके चलते आज अपुन को वक्त रहते उसका सच पता चल गया वरना उस लौड़ी ने तो अपुन को लपेट लेने का गांड़ फाड़ इंतजाम कर लिएला था।

खैर, इस वक्त अपुन की सच में बहुत ज्यादा फटी पड़ी थी। उसके पास अपुन की सेक्स वीडियो थी और इतना तो अपुन उन दोनों की बातों से समझ ही गयला था कि साधना ने वो सेक्स वीडियो अपुन की जानकारी में आए बिना किस लिए बना लिया है।

मतलब कि अब अगर अपुन उससे शादी करने से इंकार करेगा तो वो अपुन को उस सेक्स वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करेगी। ज़ाहिर है अपुन की उस वीडियो की वजह से इतनी ज्यादा गांड़ फट जाएगी कि अपुन उसकी बात मानने पर मजबूर हो जाएगा बेटीचोद।

अपुन ये सब सोच के भारी टेंशन में आ गयला था बेटीचोद। बोले तो उसके साथ मजा लेने से सच में अपुन की मां बहन एक हो गईली थी। अपुन ने मन ही मन खुद से कहा─ और साधना को पेल ले बेटीचोद। बहुत मजा आ रेला था न तो ले अब भुगत उसके साथ मजा करने की सजा।

अभी अपुन ये सब सोच के कुढ़ ही रेला था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन ने झट से मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर देखा। साधना रण्डी का ही कॉल था बेटीचोद।

लौड़ी ने जब देखा होगा कि अपुन अभी तक नहीं पहुंचा है तो उसने अपुन को कॉल कर दिया है। अपुन सोचने लगा कि अब क्या करे बेटीचोद? बोले तो अब अपुन की कंडीशन न घर के रहे और ना ही घाट के रहे जैसी हो गईली थी। पर...लौड़ा कुछ तो करना ही पड़ेगा वरना ऐसे तो सच में वो लौड़ी अपुन की गांड़ में मोटा सा डंडा डाले रहेगी। खैर अपुन ने खुद को शांत करके उसका कॉल पिक किया।

साधना ─ कहां पहुंचे बाबू? तुम तो बोले थे कि आठ दस मिनट में पहुंच जाओगे?

अपुन (मन में) ─ पहुंच तो अपुन पांच मिनट में ही गयला था लौड़ी और अच्छा ही हुआ कि पहले ही पहुंच गयला था वरना तेरे सच को कैसे जान पाता?

अपुन (रियल में) ─ बस पहुंच ही गया यार। तुम रेडी हो न?

साधना ─ हां बाबू। मैं तो कब से रेडी हूं दरवाजा खोलने के लिए। प्लीज जल्दी आओ न अपनी साधना के पास।

अपुन ने मन ही मन सोचा कि हां बेटीचोद बुला ले जल्दी और फिर मार ले अपुन की गांड़, हट लौड़ी।

अपुन ─ बस पहुंच ही गया।

कहने के साथ ही अपुन ने कॉल डिस्कनेक्ट की और फिर मोबाइल जेब में डालते हुए सोचने लगा कि कुछ तो करना ही पड़ेगा लौड़ा। मतलब कि उसके पास वीडियो के रूप में तगड़ा एटम बम था जो अपुन को कभी भी और कहीं भी बर्बाद कर सकता था। इस लिए जरूरी था कि उस एटम बम को किसी भी तरह उसके पास से मिटा दिया जाए वरना अपुन की तो समझो लंका लगनी तय ही है बेटीचोद।

यही सब सोचते हुए अपुन उसके घर की तरफ तेजी से चल पड़ा। कुछ ही देर में अपुन दरवाजे के पास पहुंच गया और फिर धड़कते दिल से दरवाजे को खटखटाया।

बेटीचोद, वो जैसे अपुन के द्वारा दरवाज़ा खटखटाने का ही वेट कर रेली थी। तभी तो अपुन ने जैसे ही दरवाज़ा खटखटाया तो अगले ही पल झट से दरवाजा खुला लेकिन ज्यादा नहीं बल्कि करीब दस इंच के लगभग। उस दस इंच खुले दरवाजे से भी अपुन को अंदर नंगी खड़ी साधना साफ साफ दिखी।

अगर अपुन को उसका सच पता न चल गया होता या ये कहें कि अपुन की गांड़ न फटी पड़ी होती तो उसे इस रूप में देख कर पक्का अपुन का लन्ड पल में ही टनटना गया होता पर इस वक्त ऐसा कुछ भी तो नहीं हुआ बेटीचोद। आँखें जरूर उसके नंगे बूब्स और हल्के रेशमी बालों से घिरी चूत पर जम गईली थीं लेकिन ये सब देख कर अपुन के लन्ड में करेंट नहीं लगा था। इसी से जाहिर है कि किस कदर अपुन की फटी पड़ी थी बेटीचोद।

साधना ─ ओह! बाबू अंदर आ कर मुझे अच्छे से देख लो बाबू। किसी ने मुझे इस तरह नंगी खड़े देख लिया तो गजब ही हो जाएगा।

अपुन उसकी बात सुन कर चुपचाप अंदर दाखिल हो गया। अपुन ने महसूस किया कि अंदर आते ही अपुन की धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं लौड़ा और मन में उथल पुथल शुरू हो गईली थी।

अपुन ने सोचना शुरू कर दिया था कि अपुन के पास ज्यादा समय नहीं है। मतलब कि शाम को अमित भी अपनी मम्मी को ले कर घर आ जाएगा। उसके बाद इस घर में सबके रहते ऐसा मौका हर्गिज नहीं मिलेगा कि कुछ किया जा सके। यानि जो करना था अभी करना था वरना अपुन की गांड़ फटना पक्का था बेटीचोद।

इस वक्त अपुन का दिमाग बड़ी तेजी से चल रेला था। अपुन इतना समझ गयला था कि साधना ने अगर सेक्स वीडियो बनाया है तो उसने अपने मोबाइल से ही बनाया होगा। तो अब अपुन को उसका मोबाइल हासिल करना था और उसके अंदर से उस वीडियो को डिलीट मारना था। इतना ही नहीं वॉट्सएप से अपन लोग की सारी चैटिंग भी क्लियर करनी थी। हालांकि अपुन तो अपने मोबाइल से हर रोज चैटिंग क्लियर कर देता था लेकिन अपुन को यकीन था कि साधना ने अपने मोबाइल में अपन दोनों की चैटिंग को सम्हाल के रखा होगा। आखिर वो उसके हिसाब से सबूत जो है।

साधना ─ क्या हुआ बाबू? कहां खोए हुए हो? कुछ हुआ है क्या?

साधना की ये बात सुन कर अपुन बुरी तरह हड़बड़ा गया लौड़ा। पलक झपकते ही अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस वक्त अगर अपुन इस तरह सोचो में गुम दिखेगा तो वो लौड़ी कहीं ताड़ ही न ले या उसे शक ही न हो जाए कि अपुन को उसका सच पता चल गयला है। यानि अपुन को उसके सामने वैसा ही बर्ताव करना चाहिए जैसे कि उसे नंगी देखने के बाद नॉर्मल हालत में अपुन करता।

अपुन ─ अरे! यार क्या बताए अपुन। बोले तो जल्दी आने के चक्कर में अपुन ने अभी थोड़ी देर पहले एक आदमी पर बाइक ठोकते ठोकते बचायला है।

साधना ─ ओह माय गॉड! ये क्या कह रहे हो बाबू?

अपुन ─ हां यार, वो तो अच्छा था कि अपुन भारी टैलेंटेड ड्राइवर है इस लिए बचा लिया उसको वरना अपुन की जगह कोई दूसरा होता तो आज उस आदमी का ऊपर की टिकट कट जाना पक्का था बेटीचोद।

अपुन ने झूठ मूठ की ये कहानी पल में बना के उसे सुना दी ताकि वो लौड़ी यही समझे कि अपुन के द्वारा इतनी बड़ी बात होने के चलते ही अपुन इस वक्त सोचो में गुम हो जा रेला है। जैसा कि अपुन को पूरा यकीन था अपुन की इस बात ने गाड़ फाड़ असर किया था उस पर। फिर अपुन ने अगले ही पल ऐसा शो किया जैसे अब अपुन ठीक है।

अगले ही पल अपुन ने झपट कर उसे पकड़ा और उसके होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया। अपुन ये भी नहीं चाहता था कि वो कुछ ऐसा सोचे जो इस वक्त उसे स्वाभाविक न लगे। ज़ाहिर है वो पूरी नंगी खड़ी थी अपुन के सामने तो अपुन को उसके साथ ऐसा करना जरूरी भी था।

अपुन ने उसे चूमना चूसना शुरू किया तो वो भी पूरे जोश के साथ अपुन का साथ देने लगी लौड़ी। इधर अपुन उसके होठों को मुंह में लिए एक हाथ से उसकी एक छाती को मसलना शुरू कर दिया जिससे वो मचलने लगी। बोले तो मजा तो आ रेला था अपुन को लेकिन अपुन इस मजे के चक्कर में अपनी गाड़ फाड़ देने वाले सामान को भी भूलना नहीं चाहता था इस लिए जल्दी ही उसे खुद से अलग किया।

अपुन ─ बेडरूम में चलो मेरी जान। यहां मजा नहीं आएगा।

साधना ─ हां सही कह रहे हो जान। चलो बेड रूम में चलते हैं।

उसे शक न हो इस लिए अपुन ने झट से उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बेडरूम की तरफ ले कर चल पड़ा। उसका नंगा नाजुक बदन अपुन की मजबूत बाहों में था। उसने अपुन के गले में अपनी बाहें डाल ली थी और अपुन को अपलक देखते हुए मुस्कुराए जा रेली थी। इधर अपुन मन ही मन उसे गालियां दे रेला था।

खैर थोड़ी ही देर में अपुन उसे ले कर बेडरूम में आ गया और उसे बेड पर आहिस्ता से लेटा दिया। अपुन ने बड़े ध्यान से बेडरूम में इधर उधर नज़र दौड़ाई। असल में अपुन को उसके मोबाइल की तलाश थी लेकिन इधर उधर वो कहीं न दिखा अपुन को।

साधना ─ आज मुझे बहुत सारा प्यार करो बाबू। मैं चाहती हूं कि अमित और मम्मी के आने से पहले मैं तुम्हारे प्यार से बहुत ज्यादा तृप्त हो जाऊं।

अपुन ─ अपुन भी यही सोच रेला है डियर लेकिन..।

साधना ─ लेकिन क्या बाबू?

अपुन ─ बहुत भूख लगी है यार। एक्चुअली आज कंटीन में कुछ नहीं खाया। सुबह भी अच्छे से ब्रेकफास्ट नहीं किया था तो अब अपुन को कुछ ज्यादा ही भूख फील हो रेली है।

साधना ─ ओह! बाबू, पहले क्यों नहीं बताया मुझे। बता देते तो तुम्हारे लिए तब तक खाना गर्म कर देती।

अपुन ─ यार ध्यान ही नहीं आया था अपुन को।

साधना ─ क्या सच में ज्यादा भूख लगी है मेरे बाबू को?

अपुन ─ हां यार, पर अगर तुम कहती तो चलो पहले अपन लोग एक राउंड चुदाई कर लेते हैं।

साधना (बेड से उठ कर) ─ नहीं बाबू। तुम भूखे हो और ऐसे में अगर मैं तुमसे ये करने कहूंगी तो ये अच्छी बात नहीं होगी। रुको, मैं पांच मिनट में तुम्हारे लिए खाना गर्म कर के लाती हूं।

अपुन ─ यार खामाखा अपुन की वजह से परेशान हो रेली हो तुम।

साधना ─ तुम्हारे लिए कुछ भी करना परेशानी नहीं बल्कि खुशी की बात है मेरे लिए। अच्छा अब तुम बैठो यहीं, मैं बस पांच मिनट में आती हूं।

कहने के साथ ही साधना ने फटाफट अपने नंगे बदन पर एक कुर्ता डाल लिया और फिर वो वैसे ही रूम से चली गई। इधर अपुन ये सोच के खुश हो गया कि बेटीचोद क्या ही गजब का भेजा पाया है अपुन ने। बोले तो एकदम सही टाइम पर क्या मस्त भूख लगने का बहाना बनाया था अपुन ने जिसके चलते साधना अपुन के लिए खाना गर्म करने रूम से चली गईली थी।

उसके जाने के बाद अपुन का दिमाग बिजली की तरह तेजी से दौड़ने लगा और अपुन खुद भी फटाफट साधना का मोबाइल खोजने लगा। इत्तेफाक से उसका मोबाइल खोजने में ज्यादा टाइम नहीं लगा अपुन को। बोले तो वो बेटीचोद अपुन को बेड पर ही तकिया के नीचे रखा मिल गया।

अपुन ने झट से उसकी स्क्रीन जलाई और उसे ओपेन करने का सोचा तो देखा लौड़ी ने पैटर्न लॉक लगा रखा था उसमें। अब ये नई प्रॉब्लम आ गईली थी। पैटर्न लॉक था उसमें इस लिए अपुन सोचने लगा कि उसने क्या पैटर्न डाला होगा? अपुन ने एक दो पैटर्न डाले लेकिन वो गलत निकले लौड़ा।

अपुन ने कितनी होशियारी से उसे रूम से निकाला था और अब जब उसका मोबाइल मिल गयला था तो बेटीचोद उसके पैटर्न लॉक ने प्रॉब्लम खड़ी कर दी थी। अपुन एकदम से टेंशन में आ गया लौड़ा। समझ में ही नहीं आ रेला था कि अब क्या करे?

तभी अपुन को एक खयाल आया। अपुन ने सोचा कि कहीं उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड यानी V का पैटर्न तो नहीं डाला होगा? अपुन ने सोचा कि वो अपुन को प्यार करती है तो हो सकता है कि उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड का ही पैटर्न बना कर मोबाइल का लॉक बनाया हो।

अपुन ने झट अपनी एक उंगली से उसमें अपने नाम का पहला वर्ड V बनाया लेकिन बेटीचोद वो पैटर्न बाकी बिंदुओं पर छू जा रेला था जिससे पैटर्न बन नहीं रेला था। अपुन ने कई बार ट्राई किया पर नाकाम रहा लौड़ा। तभी अपुन को खयाल आया कि हो सकता है उसने V को किसी दूसरे तरीके से बनाया हो, क्योंकि सीधा V बनाने से पैटर्न बन नहीं रेला था। खैर अपुन ने V को थोड़ा टेढ़ा कर के बनाया, जैसे कि सही ✔️ का सिंबल होता है।

अपुन ने जैसे ही इस तरीके से V या ये कहें कि ✔️ का सिंबल बनाया तो काम कर गया लौड़ा। बेटीचोद स्क्रीन लॉक के खुलते ही अपुन को इतनी ज्यादा खुशी हुई कि जैसे अपुन ने कारून का खजाना हासिल कर लिया हो।

मोबाइल का लॉक ओपेन हो गयला था इस लिए अपुन अब फौरन उसमें देखने लगा कि अपुन का वो सेक्स वीडियो कहां पर है। अपुन वीडियो भी खोजता जा रेला था और बार बार दरवाजे की तरफ भी देख लेता था। दिल की धड़कनें तो पहले से ही बेटीचोद धाड़ धाड़ कर के बज रेली थीं।

आखिर अपुन को वो वीडियो मिल ही गया। अपुन ने वॉल्यूम कम कर के उसे प्ले किया तो लौड़ा अपुन ये देख के हैरान रह गया कि सच में वो अपुन और साधना का सेक्स वीडियो था। यकीन नहीं हुआ कि साधना इतना खतरनाक काम कर सकती थी लौड़ी। खैर अपुन ने फौरन ही उसे डिलीट किया और फिर डिलीट फाइल से भी उसे उड़ा दिया ताकि वो दुबारा उसे रिस्टोर न कर सके। अपुन इसके बाद भी ये सोच कर चेक करने लगा कि कहीं और भी तो कोई वीडियो नहीं पड़ा है इसमें? कुछ ही पलों में अपुन ने मोबाइल की पूरी गैलरी और फोल्डर छान मारा। जब ऐसा दूसरा कोई वीडियो नहीं मिला तो अपुन संतुष्ट हो गया लौड़ा।

उसके बाद अपुन ने उसका वॉट्सएप ओपन किया तो उसमें भी पैटर्न लॉक था। अपुन ने उसमें भी ✔️ के सिंलब का पैटर्न डाला लेकिन उसमें ये काम न किया। फिर अपुन ने सोचा कि कहीं साधना ने इसमें अपने नाम के पहले वर्ड यानी S का पैटर्न तो नहीं डाला होगा। अपुन ने फौरन ही S बनाया तो वो खुल गया लौड़ा।

वॉट्सएप खुला तो सबसे पहले अपुन ने अपना नाम खोजा। जल्दी ही अपुन को वो मिल गया। उसमें जब अपुन ने क्लिक किया तो देखा उसमें अपुन की ढेर सारी चैट भरी पड़ी थी बेटीचोद। अपुन ने एक पल भी न लगाया क्लियर चैट पर क्लिक करने में। जैसे ही अपुन ने ऐसा किया पलक झपकते ही सारी चैट साफ हो गई। अब उसमें एक भी मैसेज नहीं बचा था। पर इतने पर भी अपुन का मन नहीं भरा था तो अपुन ने अपने नाम को ही डिलीट मार दिया लौड़ा। अब जा के शांति मिली थी बेटीचोद।

अपुन का काम पूरा हो चुका था लेकिन फिर भी अपुन उसके मोबाइल को ये सोच के देखने लगा कि साधना लौड़ी ने और क्या क्या सम्हाल कर रखा है इसमें। अपुन वॉट्सएप पर अलग अलग लोगों के साथ की गई उसकी चैटिंग पर नजर डाल रेला था कि तभी अपुन अजीत नाम पर रुक गया। अजीत उसकी सौतेली बहन यानी अनुष्का का हसबैंड था। अपुन ने उसे ओपन किया तो देखा उसमें भी कई सारे मैसेज पड़े थे। उन मैसेजेस से यही समझ आया कि अजीत थोड़ा रंगीन मिजाज है जो अपनी साली से डबल मीनिंग में बात करता था लौड़ा।

खैर उसके बाद अपुन एक नाम पर और रुका, यानि अंजली नाम पर। पहले तो अपुन ने उसकी डीपी पर क्लिक कर उसकी शक्ल देखी। बोले तो अंजली नाम की लड़की मस्त माल थी। होठ मस्त रसीले थे उसके। सीने में मौजूद उसके मम्मे स्पष्ट नहीं दिख रेले थे क्योंकि उसने अजीब एंगल से सेल्फी ली थी लेकिन हां बूब्स का उपरी भाग दिख रेला था जिसमें उसके बूब्स की बीच वाली दरार बस हल्की सी ही दिख रेली थी। खैर अपुन ने चैट देखना शुरू किया तो पता चला उसमें उसने और साधना ने अपुन के बारे में भी काफी कुछ बातें की थीं।

अभी अपुन वो सब पढ़ने ही लगा था कि तभी अपुन को रूम के बाहर से साधना की आवाज सुनाई दी। शायद वो रूम की तरफ ही आ रेली थी। उसने बाहर से ही मारे खुशी के अपुन से कहा था कि लो बाबू खाना गर्म कर दिया है मैंने।

साधना की आवाज सुनते ही अपुन ने झट से उसके मोबाइल की स्क्रीन पर से क्लियर ऑल पर क्लिक किया जिससे ये न पता चले कि अपुन ने उसमें क्या खोल रखा था। उसके बाद स्क्रीन लॉक कर के अपुन ने उसके मोबाइल को पहले जैसे ही तकिए के नीचे रख कर आराम से बेड पर लेट गया और दिखाने के लिए अपना मोबाइल चलाने लगा। अभी अपुन ने अपने मोबाइल का स्क्रीन लॉक ही खोला था कि तभी हाथों में थाली पकड़े साधना रूम में आ गई।

साधना ─ लो बाबू, खाना गर्म कर के ले आई हूं। चलो जल्दी से हाथ धो कर आओ और फिर खाना शुरू करो।

अपुन ─ यार तुम बेकार ही अपुन के लिए परेशान हुई।

उसके लिए फिक्र दिखाने के लिए अपुन को ऐसा बोलना जरूरी था।

साधना ─ ऐसा मत कहो जान। मुझे तुम्हारे लिए ये सब कर के बहुत अच्छा फील हो रहा है। अब चलो बातें बाद में कर लेना, पहले वॉशरूम में जा कर हाथ धो लो।

अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और मन ही मन खुश होते हुए अटैच बाथरूम में घुस गया। थोड़ी ही देर में अपुन हाथ धो कर आया और साधना द्वारा लाया हुआ खाना खाना शुरू कर दिया।

जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।

To be continued...


Aaj ke liye itna hi bhai log,
Read and enjoy
:declare:
 

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वो टीचर जो विराट साहब के बड़ी बहन की ही सहेली है , की एक छोटी सी झिड़की पर विराट साहब अपने आपा से बाहर हो गए ; ऐसे मे शनाया मैडम के साथ कुछ ऊंच-नीच हो गया , कहीं पेट फुल फल गया तो उसके प्रोफेसर पिता जी उनकी क्या गति बनायेंगे , यह कभी सोचा है या नही विराट सर ने !
जरूर यही सोच समझकर विराट साहब शनाया मैडम से दूर भाग रहे है ।
Shanaya ke sath to Virat ne kuch Kiya hi nahi abhi. Abhi to sirf Anushka ki sauteli bahan aur Amit ki sagi bahan yaani sadhna ke sath hi usne :sex: kiya hai.

Shanaya se door bhaagne ka reason pahle hi usne bata diya tha.. :declare:
विधि गर्लफ्रेंड बन गई , दिव्या भी गर्लफ्रेंड बन गई पर ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड वाली कोई बात ही अबतक नही दिखाई दिया । वैसे दोनो मोरनियां अपनी पंख फैला रही है पर विराट सर को एहसास नही हो रहा है ।
दिव्या मैडम अपने साढ़े चार सौ ग्राम के संतरे को यूं ही तो नही एकांत पाकर विराट साहब के पीठ पर रगड़ रही होगी !
Vidhi aur divya me to abhi bachpana hai aur isi liye wo aisa behaviour apna reli hai, baaki let's see kya hota hai :D

But yes...kuch to hai hi dono ke man me :approve:
फिलहाल देखते हैं स्कूल की हाॅट एंड ब्यूटीफुल टीचर अनुष्का मैडम किस तरह विराट साहब के दिल मे अपना जगह बना पाती है !
Uske liye wait karna padega aapko :p:
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शुभम भाई ।
Thanks, bade bhaiya :hug:

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Nice update....
Thanks
Shaandar super Lovely Romantic Update 💓 💓 🔥 🔥 🔥
Sakshi ki kuchh jyada hi tarif kar rahe hai 🤣 🤣 🤣 aur sakshi ke man bhi kuchh Jo rok tok na ka rahi hai :love:
Sakshi ne bhaga diya 😃 ab shayad sadhana ke pass jayenge
Thanks iron bhai
Shaandar super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
Saadhna ke sath khoob pelam pelai :sex: hua, Bahut mast jabardast 🔥🔥
Ab dekhte hai sakshi kahe khoj Rahi hai 😏
Thanks men
Nice update
Thanks all

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क्लास खत्म होने के बाद उसने अपुन को स्पष्ट रूप से उसके केबिन में आ कर मिलने को कहा और चली गई। अपुन चाहता था तो न भी जाता वो अपुन का कुछ उखाड़ नहीं लेती लेकिन फिर अपुन ने सोचा कि इस तरह उससे दूर भागने से क्या हासिल होगा? बोले तो उसके केबिन में जा कर देखना ही चाहिए कि वो अपुन से क्या बोलती है?


अब आगे....


लंच टाइम अपुन कैंटीन की तरफ विधी और दिव्या को लिए जा ही रेला था कि जाने कहां से अनुष्का अपुन के सामने आ गई लौड़ी। उसने अपुन को अपने साथ चलने को कहा तो अपुन को मजबूरन उसके साथ जाना ही पड़ा। अपुन ने शरद से विधी और दिव्या को कैंटीन ले कर जाने को कहा और खुद अनुष्का के पीछे चल पड़ा।

कुछ ही देर में अपुन उसके साथ एक केबिन में पहुंच गया। अपुन की धड़कनें बढ़ गईली थी। मन में बस यही खयाल उभर रेले थे कि आखिर क्या बोलेगी वो अपुन से? खैर रूम में पहुंचते ही वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपुन को भी एक कुर्सी पर बैठ जाने का इशारा किया तो अपुन बैठ गया।

अनुष्का ─ हां, तो अब बताओ भाई कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं? वैसे मैं बता दूं कि उस दिन मैंने अपने हसबैंड का गुस्सा तुम पर उतार दिया था।

अपुन ─ आप अपने हसबैंड से किस बात पर गुस्सा थीं जिसका शिकार अपुन को होना पड़ा था?

अनुष्का ─ वो एक्चुअली उनकी जॉब छूट गई है जोकि उनकी ही गलती से छूटी है। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंने पहले तो उन्हें समझाना चाहा था लेकिन जब वो अपनी गलती मानने को तैयार न हुए तो मुझे उन पर गुस्सा आ गया। इससे बात बढ़ गई और फिर वो मुझे उल्टा सीधा बोलने लगे और तो और मुझ पर हाथ भी उठा दिया।

अपुन ─ क्या???

अनुष्का ─ हां भाई, तुम्हें तो पता है कि मैंने उनसे लव मैरिज की थी। हालांकि पापा इस रिश्ते से ज्यादा खुश नहीं थे लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी खुशी के लिए अजीत से मेरी शादी करवा दी। खैर अब तक तो सब अच्छा ही चल रहा था लेकिन अपने गुस्से की वजह से उन्होंने मैनेजर को गाली दे दी और तो और उसे जान से मार देने की धमकी तक दे दी जिससे मैनेजर ने उन्हें जॉब से निकलवा दिया।

अपुन ─ ओह! कब हुआ ऐसा?

अनुष्का ─ एक हफ्ता हो गया भाई। मैंने अब तक तुम्हारे अलावा किसी को इस बारे में नहीं बताया है। यहां तक कि अपने मम्मी पापा या भाई बहन को भी नहीं बताया। मुझे पता है कि ये बात उन्हें पता चलेगी तो कोई और भले ही कुछ न कहे लेकिन पापा बहुत कुछ सुनाना शुरू कर देंगे।

अपुन ─ तो जीजा जी एक हफ्ते से घर पर ही बैठे हैं?

अनुष्का ─ हां भाई, शुरू में तो दो चार दिन मूड खराब होने की वजह से कहीं दूसरी जगह जॉब खोजने गए ही नहीं। फिर जब मैंने कुछ ज्यादा ही जोर दिया तो एक दो जगह गए मगर बात नहीं बनी। उनके गुस्सैल नेचर के बारे में यहां कई कंपनी के लोगों को पता है इस लिए कुछ तो इस वजह से भी उन्हें जॉब में कोई नहीं रखना चाहता। बस इसी वजह से हर रोज हमारी बहस होने लगी थी। उस दिन भी यही हो रहा था और फिर उन्होंने गुस्से में मुझ पर हाथ उठा दिया था। मैं उनकी इस हरकत से दुखी भी थी और गुस्सा भी इस लिए यहां क्लास में तुम पर गुस्सा किया और फिर तुम्हें क्लास से आउट कर दिया था। प्लीज भाई, उसके लिए माफ कर दो मुझे।

उनकी ये सब बातें सुन कर अपुन ये सोचने लग गया कि अपुन तो कुछ और ही मंसूबे बनाए था लौड़ा और यहां तो मामला ही कुछ और निकला। बोले तो अपुन को समझ ही न आया कि अब क्या बोले अपुन? एक तरफ अपुन का मूड भी खराब हो गयला था कि बेटीचोद ये क्या बवासीर हो गया? खैर इस मामले में कुछ तो अपुन को कहना ही था इस लिए अभी अपुन कुछ बोलने ही वाला था कि तभी अपुन को एक खयाल आया।

अपुन ─ बात तो सच में सीरियस है दी लेकिन आई थिंक आपको इस बारे में साक्षी दी से बात करनी चाहिए। बोले तो वो इस मामले में आपकी हेल्प भी कर सकती हैं।

अनुष्का ─ मैंने कई बार उसे इस बारे में बताने का सोचा लेकिन फिर ये सोच कर नहीं बताया कि वो भी मुझे जाने क्या क्या सुनाना शुरू कर देगी। एक्चुअली उसने भी अजीत से शादी करने से मना किया था मुझे लेकिन क्योंकि उस समय मुझ पर अजीत के प्यार का भूत सवार था इस लिए मैंने किसी की भी नहीं सुनी थी।

अपुन ─ देखो जो होना था वो तो हो ही गयला है। अब उस बारे में कुछ बोलने का कोई फायदा नहीं है। आपके लिए इस वक्त जो जरूरी है वहीं आपको करना चाहिए। साक्षी दी से आप बात करो और उन्हें सारी सिचुएशन के बारे में बताओ। अपुन को पूरा यकीन है कि वो आपकी हेल्प जरूर करेंगी। हो सकता है कि वो डैड से कह कर अजीत जीजा जी की जॉब अपनी ही कंपनी में लगवा दें।

अनुष्का ─ हां इस बात का तो मुझे भी यकीन है भाई। साक्षी को जब मेरी प्रॉब्लम का पता चलेगा तो वो पहले तो मुझे चार बातें ही सुनाएगी लेकिन बाद में मेरी हेल्प जरूर करेगी।

अपुन ─ बस तो फिर अब आप कुछ मत सोचिए और साक्षी दी को कॉल कर के उनसे बात कीजिए।

अनुष्का ─ थैंक्स भाई, तुमने मुझे थोड़ी राहत दे दी है। मैं जरूर साक्षी से बात करूंगी आज।

अपुन ─ ठीक है, और उनकी हेल्प से जब जीजा जी की जॉब लग जाए तो अपुन को ट्रीट देना मत भूलना।

अनुष्का ─ नहीं भूलूंगी मेरे प्यारे भाई और हां तुमने ये तो बताया ही नहीं कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं?

अपुन ─ फिलहाल कुछ नहीं। अपुन को आपकी प्रॉब्लम का पता नहीं था इस लिए बेकार में ही नाराज था आपसे लेकिन हां जीजा जी की जॉब लगने के बाद तो आपको वैसी ही ट्रीट देनी होगी जिससे अपुन खुश हो जाए।

अनुष्का ─ मुझे मंजूर है भाई।

उसके बाद अपुन रूम से निकल गया। मन में थोड़ी निराशा तो थी लेकिन ये उम्मीद भी हो ग‌ईली थी कि आने वाले समय में अनुष्का से कुछ न कुछ ऐसा जरूर हासिल होगा जो अपुन चाहता है।

अपुन फौरन ही कैंटीन पहुंचा। थोड़ा ही टाइम रह गयला था लंच टाइम ओवर होने में इस लिए विधी और दिव्या के साथ ही बैठ कर अपुन ने थोड़ा बहुत खाया और फिर अपन लोग वापस क्लास की तरफ चल पड़े।

दिव्या ─ भैया, अनुष्का दी आपको किस लिए अपने साथ ले गईं थी?

अपुन उसके इस सवाल पर सोचने लगा कि क्या जवाब दे अपुन? फिर अपुन ने सोचा कि सच ही बता देता है अपुन क्योंकि इसमें कुछ गलत तो था नहीं।

ये सोच कर अपुन ने उसे सब कुछ बता दिया और ये भी कहा कि इस बारे में वो दोनों किसी को न बताएं। खैर उसके बाद दिव्या अपनी क्लास की तरफ चली गई जबकि अपुन और विधी एक साथ अपने क्लास की तरफ चल पड़े।

विधी बार बार अपुन को देखती और मुस्कुरा देती थी। फिर जैसे ही उसने देखा कि दिव्या चली गई है तो उसने अपुन से कुछ कहना चाहा मगर तभी पीछे से रीना ने उसे आवाज दी जिससे उसने पलट कर उसकी तरफ देखा।

विधी ─ इस चुहिया को भी अभी ही आना था। सारा मूड खराब कर दिया, हां नहीं तो।

अपुन उसकी इस बात पर मन ही मन मुस्कुरा उठा। तभी रीना मुस्कुराते हुए अपन लोग के पास आ गई। उसे देखते ही विधी का मुंह बन गयला था।

रीना ─ हाय! कैसे हो विराट?

अपुन ─ वैसे ही जैसा नजर आ रेला है अपुन। तू अपनी बता।

अपुन की बात सुन कर जहां एक तरफ वो थोड़ा सकपका गई वहीं विधी हंस पड़ी लेकिन फिर जल्दी ही हंसना बंद कर दिया उसने।

रीना ─ सेम हेयर।

विधी के सामने रीना ज्यादा कुछ बोल नहीं सकती थी। इधर एकदम से अपुन को साधना का खयाल आ गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि बेटीचोद अनुष्का से तो कोई बात नहीं बनी तो क्यों न कॉलेज से निकल लिया जाए और अमित के घर जा कर साधना के साथ मस्त मजा किया जाए।

अपुन ने विधी से कहा कि अपुन को एक जरूरी काम से बाहर जाने का है इस लिए वो क्लास जाए और अगर अपुन आने में लेट हो जाए तो अपुन का बैग तथा दिव्या को साथ ले कर घर चली जाएगी।

विधी को ये सुन के हैरानी हुई और उसने पूछना भी चाहा लेकिन अपुन तब तक कॉलेज के बाहर की तरफ निकल लिया। बोले तो अभी अपुन के पास पूरे दो घंटे का टाइम था इस लिए अब इस टाइम को बर्बाद नहीं करना चाहता था अपुन।

पार्किंग में आ कर अपुन ने साधना को मैसेज किया कि अपुन आ रेला है इस लिए जब अपुन उसके घर का दरवाजा खटखटाए तो वो उसी तरह खोलने आए जैसे उस रात आईली थी। बोले तो एकदम नंगी।

मैसेज कर के अपुन ने मोबाइल जेब में डाला और बाइक में चाभी लगा कर उसे स्टार्ट ही करने लगा था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन समझ गया कि साधना का ही कॉल होगा इस लिए जेब से मोबाइल निकाल कर कॉल पिक किया।

साधना ─ मैं मार्केट आई हुई हूं बाबू। एक्चुअली दूध फट गया था तो लेने आई हूं। तुम कब तक पहुंचोगे मेरे घर?

अपुन ─ अपुन को ज्यादा से ज्यादा आठ दस मिनट लगेंगे पहुंचने में।

साधना ─ ओह! फिर तो कोई बात ही नहीं है बाबू। तुमसे पहले ही पहुंच जाऊंगी मैं।

अपुन ─ अपुन का मैसेज ठीक से पढ़ा है कि नहीं तुमने?

साधना ─ हां पढ़ लिया है बाबू। फिक्र मत करो, मैं वैसे ही दरवाज़ा खोलूंगी जैसे मेरा बाबू चाहता है।

अपुन ─ गुड। अच्छा अब रखता है अपुन।

कॉल डिस्कनेक्ट कर के अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और बाइक स्टार्ट कर के निकल पड़ा उसके घर की तरफ। बोले तो अब मन में काफी रोमांचित करने वाले खयाल उभरने लग गएले थे लौड़ा। बाइक चलाते हुए अपुन सोचता जा रेला था कि अमित के घर पहुंच कर अपुन साधना को आज कैसे कैसे चोदेगा।

बेटीचोद, साधना को चोदने की खुशी इतनी ज्यादा हुई कि अपुन और भी तेज स्पीड में बाइक चलाने लगा लौड़ा। कच्छे के अंदर कैद अपुन का लन्ड भी खुश हो गयला था जिसके चलते उसने अपना सिर उठा लिया था।

अपुन पांच मिनट में ही अमित के घर के पास पहुंच गया बेटीचोद। बाइक को एक जगह स्टैंड पर लगा कर अपुन इधर उधर निगाह घुमाते हुए तेजी से उसके घर की तरफ बढ़ा।

घर के दरवाजे पर पहुंच कर अपुन ने दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि तभी अंदर से खिलखिला कर हंसने की आवाज सुनाई दी जिससे अपुन का हाथ रुक गया। हंसने की आवाज लड़की की थी लेकिन वो लड़की साधना नहीं थी क्योंकि उसकी आवाज पहचानता था अपुन।

अभी अपुन समझने की कोशिश ही कर रेला था कि तभी कुछ कदमों की आवाजों के साथ साथ बोलने की भी आवाजें सुनाई दी। आवाजें हर पल के साथ दरवाजे की तरफ ही बढ़ती आ रेली थी। अपुन ये तो समझ गयला था कि साधना के साथ कोई दूसरी लड़की भी दरवाजे की तरफ आ रेली है लेकिन एक पल पहले उसने जो कहा था उसे सुन कर अपुन सन्न रह गया था लौड़ा।

लड़की ─ वैसे मानना पड़ेगा साधना क्या मस्त आडिया सोचा है तूने विराट से शादी करने का।

साधना ─ क्या करूं अंजली, ऐसा करने का दिल तो नहीं किया था लेकिन फिर खयाल आया कि प्यार और जंग में तो सब जायज होता है। वैसे भी मैं उससे इतना प्यार करती हूं कि उसे किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती। बस इसी लिए ये रास्ता चुना।

अंजली ─ चल तेरा तो काम बन गया अब। अच्छा किया जो उसे सेक्स के लिए उकसाया और फिर उसकी वीडियो बना ली।

साधना ─ मैं जानती थी कि वो ऐसे तो मुझे या मेरे प्यार को एक्सेप्ट करेगा नहीं इस लिए सोच लिया था कि जब भी मौका मिलेगा तो उसे खुल कर सौंप दूंगी। वैसे मुझे उम्मीद नहीं थी कि ये सब इतना जल्दी और इतना परफेक्ट तरीके से हो जाएगा।

अंजली ─ अच्छा जब उसे इस सबके बारे में पता चलेगा तो तू जानती है न कि वो कैसा बिहेव करेगा? आई मीन हो सकता है कि वो तुझसे नफरत करने लगे। आखिर तू उसे ब्लैकमेल करके जो उसे शादी करने को मजबूर करेगी।

साधना ─ हां जानती हूं कि ऐसा हो सकता है लेकिन मैं उसे प्यार से समझाऊंगी कि मेरे पास इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं था। मुझे यकीन है कि वो मेरी बात समझेगा।

अंजली ─ और अगर न समझा तो?

साधना ─ फिर तो मजबूरन उसे उस वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करना पड़ेगा यार जोकि मैं नहीं चाहती।

अंजली ─ चल ठीक है जैसा तुझे बेहतर लगे कर। अच्छा अब जा रही हूं मैं। तेरे बाबू सोना के आने का भी तो टाइम हो गया है और तुझे उसके लिए नंगी हो कर दरवाजा खोलना है, ही ही ही।

साधना ─ अरे! हां यार मैं तो भूल ही गई थी उसे। तू जल्दी से निकल यहां से। तेरी वजह से मुझे उससे झूठ कहना पड़ा कि मैं मार्केट दूध लेने आई हूं।

अंजली ─ अच्छा चल बाय। बाद में जो कुछ हो सब बताना मुझे।

अपुन समझ गया कि अब अंजली नाम की लड़की बाहर आने वाली है इस लिए अपुन का यूं खड़े रहना सही नहीं था। अपुन झट से पलटा और लगभग भागते हुए एक ऐसी जगह जा कर खड़ा हो गया जहां से वो दोनों अपुन को देख नहीं सकती थीं।

बेटीचोद, अभी अपुन ने जो कुछ सुना था उसे सुन के अपुन के पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गईली थी। बोले तो पूरी की पूरी गांड़ फट के हाथ में आ गईली थी अपुन की। साधना लौड़ी ने इतना बड़ा गेम खेला था अपुन के साथ। अपुन तो समझ रेला था कि वो सीधी सादी लौंडिया है और अपुन से प्यार करती है।

अपुन सोचने पर मजबूर हो गया लौड़ा कि इसी लिए अपुन को उसके साथ सेक्स करने में कोई मुश्किल नहीं आईली थी। बेटीचोद आती भी कैसे? उस रण्डी ने तो पहले से ही सब सोच रखा था, तभी तो अपुन के साथ इतना कुछ कर गईली थी। वो तो अच्छा हुआ कि अपुन ने किसी जन्म में भारी पुण्य कर्म किएले थे जिसके चलते आज अपुन को वक्त रहते उसका सच पता चल गया वरना उस लौड़ी ने तो अपुन को लपेट लेने का गांड़ फाड़ इंतजाम कर लिएला था।

खैर, इस वक्त अपुन की सच में बहुत ज्यादा फटी पड़ी थी। उसके पास अपुन की सेक्स वीडियो थी और इतना तो अपुन उन दोनों की बातों से समझ ही गयला था कि साधना ने वो सेक्स वीडियो अपुन की जानकारी में आए बिना किस लिए बना लिया है।

मतलब कि अब अगर अपुन उससे शादी करने से इंकार करेगा तो वो अपुन को उस सेक्स वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करेगी। ज़ाहिर है अपुन की उस वीडियो की वजह से इतनी ज्यादा गांड़ फट जाएगी कि अपुन उसकी बात मानने पर मजबूर हो जाएगा बेटीचोद।

अपुन ये सब सोच के भारी टेंशन में आ गयला था बेटीचोद। बोले तो उसके साथ मजा लेने से सच में अपुन की मां बहन एक हो गईली थी। अपुन ने मन ही मन खुद से कहा─ और साधना को पेल ले बेटीचोद। बहुत मजा आ रेला था न तो ले अब भुगत उसके साथ मजा करने की सजा।

अभी अपुन ये सब सोच के कुढ़ ही रेला था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन ने झट से मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर देखा। साधना रण्डी का ही कॉल था बेटीचोद।

लौड़ी ने जब देखा होगा कि अपुन अभी तक नहीं पहुंचा है तो उसने अपुन को कॉल कर दिया है। अपुन सोचने लगा कि अब क्या करे बेटीचोद? बोले तो अब अपुन की कंडीशन न घर के रहे और ना ही घाट के रहे जैसी हो गईली थी। पर...लौड़ा कुछ तो करना ही पड़ेगा वरना ऐसे तो सच में वो लौड़ी अपुन की गांड़ में मोटा सा डंडा डाले रहेगी। खैर अपुन ने खुद को शांत करके उसका कॉल पिक किया।

साधना ─ कहां पहुंचे बाबू? तुम तो बोले थे कि आठ दस मिनट में पहुंच जाओगे?

अपुन (मन में) ─ पहुंच तो अपुन पांच मिनट में ही गयला था लौड़ी और अच्छा ही हुआ कि पहले ही पहुंच गयला था वरना तेरे सच को कैसे जान पाता?

अपुन (रियल में) ─ बस पहुंच ही गया यार। तुम रेडी हो न?

साधना ─ हां बाबू। मैं तो कब से रेडी हूं दरवाजा खोलने के लिए। प्लीज जल्दी आओ न अपनी साधना के पास।

अपुन ने मन ही मन सोचा कि हां बेटीचोद बुला ले जल्दी और फिर मार ले अपुन की गांड़, हट लौड़ी।

अपुन ─ बस पहुंच ही गया।

कहने के साथ ही अपुन ने कॉल डिस्कनेक्ट की और फिर मोबाइल जेब में डालते हुए सोचने लगा कि कुछ तो करना ही पड़ेगा लौड़ा। मतलब कि उसके पास वीडियो के रूप में तगड़ा एटम बम था जो अपुन को कभी भी और कहीं भी बर्बाद कर सकता था। इस लिए जरूरी था कि उस एटम बम को किसी भी तरह उसके पास से मिटा दिया जाए वरना अपुन की तो समझो लंका लगनी तय ही है बेटीचोद।

यही सब सोचते हुए अपुन उसके घर की तरफ तेजी से चल पड़ा। कुछ ही देर में अपुन दरवाजे के पास पहुंच गया और फिर धड़कते दिल से दरवाजे को खटखटाया।

बेटीचोद, वो जैसे अपुन के द्वारा दरवाज़ा खटखटाने का ही वेट कर रेली थी। तभी तो अपुन ने जैसे ही दरवाज़ा खटखटाया तो अगले ही पल झट से दरवाजा खुला लेकिन ज्यादा नहीं बल्कि करीब दस इंच के लगभग। उस दस इंच खुले दरवाजे से भी अपुन को अंदर नंगी खड़ी साधना साफ साफ दिखी।

अगर अपुन को उसका सच पता न चल गया होता या ये कहें कि अपुन की गांड़ न फटी पड़ी होती तो उसे इस रूप में देख कर पक्का अपुन का लन्ड पल में ही टनटना गया होता पर इस वक्त ऐसा कुछ भी तो नहीं हुआ बेटीचोद। आँखें जरूर उसके नंगे बूब्स और हल्के रेशमी बालों से घिरी चूत पर जम गईली थीं लेकिन ये सब देख कर अपुन के लन्ड में करेंट नहीं लगा था। इसी से जाहिर है कि किस कदर अपुन की फटी पड़ी थी बेटीचोद।

साधना ─ ओह! बाबू अंदर आ कर मुझे अच्छे से देख लो बाबू। किसी ने मुझे इस तरह नंगी खड़े देख लिया तो गजब ही हो जाएगा।

अपुन उसकी बात सुन कर चुपचाप अंदर दाखिल हो गया। अपुन ने महसूस किया कि अंदर आते ही अपुन की धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं लौड़ा और मन में उथल पुथल शुरू हो गईली थी।

अपुन ने सोचना शुरू कर दिया था कि अपुन के पास ज्यादा समय नहीं है। मतलब कि शाम को अमित भी अपनी मम्मी को ले कर घर आ जाएगा। उसके बाद इस घर में सबके रहते ऐसा मौका हर्गिज नहीं मिलेगा कि कुछ किया जा सके। यानि जो करना था अभी करना था वरना अपुन की गांड़ फटना पक्का था बेटीचोद।

इस वक्त अपुन का दिमाग बड़ी तेजी से चल रेला था। अपुन इतना समझ गयला था कि साधना ने अगर सेक्स वीडियो बनाया है तो उसने अपने मोबाइल से ही बनाया होगा। तो अब अपुन को उसका मोबाइल हासिल करना था और उसके अंदर से उस वीडियो को डिलीट मारना था। इतना ही नहीं वॉट्सएप से अपन लोग की सारी चैटिंग भी क्लियर करनी थी। हालांकि अपुन तो अपने मोबाइल से हर रोज चैटिंग क्लियर कर देता था लेकिन अपुन को यकीन था कि साधना ने अपने मोबाइल में अपन दोनों की चैटिंग को सम्हाल के रखा होगा। आखिर वो उसके हिसाब से सबूत जो है।

साधना ─ क्या हुआ बाबू? कहां खोए हुए हो? कुछ हुआ है क्या?

साधना की ये बात सुन कर अपुन बुरी तरह हड़बड़ा गया लौड़ा। पलक झपकते ही अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस वक्त अगर अपुन इस तरह सोचो में गुम दिखेगा तो वो लौड़ी कहीं ताड़ ही न ले या उसे शक ही न हो जाए कि अपुन को उसका सच पता चल गयला है। यानि अपुन को उसके सामने वैसा ही बर्ताव करना चाहिए जैसे कि उसे नंगी देखने के बाद नॉर्मल हालत में अपुन करता।

अपुन ─ अरे! यार क्या बताए अपुन। बोले तो जल्दी आने के चक्कर में अपुन ने अभी थोड़ी देर पहले एक आदमी पर बाइक ठोकते ठोकते बचायला है।

साधना ─ ओह माय गॉड! ये क्या कह रहे हो बाबू?

अपुन ─ हां यार, वो तो अच्छा था कि अपुन भारी टैलेंटेड ड्राइवर है इस लिए बचा लिया उसको वरना अपुन की जगह कोई दूसरा होता तो आज उस आदमी का ऊपर की टिकट कट जाना पक्का था बेटीचोद।

अपुन ने झूठ मूठ की ये कहानी पल में बना के उसे सुना दी ताकि वो लौड़ी यही समझे कि अपुन के द्वारा इतनी बड़ी बात होने के चलते ही अपुन इस वक्त सोचो में गुम हो जा रेला है। जैसा कि अपुन को पूरा यकीन था अपुन की इस बात ने गाड़ फाड़ असर किया था उस पर। फिर अपुन ने अगले ही पल ऐसा शो किया जैसे अब अपुन ठीक है।

अगले ही पल अपुन ने झपट कर उसे पकड़ा और उसके होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया। अपुन ये भी नहीं चाहता था कि वो कुछ ऐसा सोचे जो इस वक्त उसे स्वाभाविक न लगे। ज़ाहिर है वो पूरी नंगी खड़ी थी अपुन के सामने तो अपुन को उसके साथ ऐसा करना जरूरी भी था।

अपुन ने उसे चूमना चूसना शुरू किया तो वो भी पूरे जोश के साथ अपुन का साथ देने लगी लौड़ी। इधर अपुन उसके होठों को मुंह में लिए एक हाथ से उसकी एक छाती को मसलना शुरू कर दिया जिससे वो मचलने लगी। बोले तो मजा तो आ रेला था अपुन को लेकिन अपुन इस मजे के चक्कर में अपनी गाड़ फाड़ देने वाले सामान को भी भूलना नहीं चाहता था इस लिए जल्दी ही उसे खुद से अलग किया।

अपुन ─ बेडरूम में चलो मेरी जान। यहां मजा नहीं आएगा।

साधना ─ हां सही कह रहे हो जान। चलो बेड रूम में चलते हैं।

उसे शक न हो इस लिए अपुन ने झट से उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बेडरूम की तरफ ले कर चल पड़ा। उसका नंगा नाजुक बदन अपुन की मजबूत बाहों में था। उसने अपुन के गले में अपनी बाहें डाल ली थी और अपुन को अपलक देखते हुए मुस्कुराए जा रेली थी। इधर अपुन मन ही मन उसे गालियां दे रेला था।

खैर थोड़ी ही देर में अपुन उसे ले कर बेडरूम में आ गया और उसे बेड पर आहिस्ता से लेटा दिया। अपुन ने बड़े ध्यान से बेडरूम में इधर उधर नज़र दौड़ाई। असल में अपुन को उसके मोबाइल की तलाश थी लेकिन इधर उधर वो कहीं न दिखा अपुन को।

साधना ─ आज मुझे बहुत सारा प्यार करो बाबू। मैं चाहती हूं कि अमित और मम्मी के आने से पहले मैं तुम्हारे प्यार से बहुत ज्यादा तृप्त हो जाऊं।

अपुन ─ अपुन भी यही सोच रेला है डियर लेकिन..।

साधना ─ लेकिन क्या बाबू?

अपुन ─ बहुत भूख लगी है यार। एक्चुअली आज कंटीन में कुछ नहीं खाया। सुबह भी अच्छे से ब्रेकफास्ट नहीं किया था तो अब अपुन को कुछ ज्यादा ही भूख फील हो रेली है।

साधना ─ ओह! बाबू, पहले क्यों नहीं बताया मुझे। बता देते तो तुम्हारे लिए तब तक खाना गर्म कर देती।

अपुन ─ यार ध्यान ही नहीं आया था अपुन को।

साधना ─ क्या सच में ज्यादा भूख लगी है मेरे बाबू को?

अपुन ─ हां यार, पर अगर तुम कहती तो चलो पहले अपन लोग एक राउंड चुदाई कर लेते हैं।

साधना (बेड से उठ कर) ─ नहीं बाबू। तुम भूखे हो और ऐसे में अगर मैं तुमसे ये करने कहूंगी तो ये अच्छी बात नहीं होगी। रुको, मैं पांच मिनट में तुम्हारे लिए खाना गर्म कर के लाती हूं।

अपुन ─ यार खामाखा अपुन की वजह से परेशान हो रेली हो तुम।

साधना ─ तुम्हारे लिए कुछ भी करना परेशानी नहीं बल्कि खुशी की बात है मेरे लिए। अच्छा अब तुम बैठो यहीं, मैं बस पांच मिनट में आती हूं।

कहने के साथ ही साधना ने फटाफट अपने नंगे बदन पर एक कुर्ता डाल लिया और फिर वो वैसे ही रूम से चली गई। इधर अपुन ये सोच के खुश हो गया कि बेटीचोद क्या ही गजब का भेजा पाया है अपुन ने। बोले तो एकदम सही टाइम पर क्या मस्त भूख लगने का बहाना बनाया था अपुन ने जिसके चलते साधना अपुन के लिए खाना गर्म करने रूम से चली गईली थी।

उसके जाने के बाद अपुन का दिमाग बिजली की तरह तेजी से दौड़ने लगा और अपुन खुद भी फटाफट साधना का मोबाइल खोजने लगा। इत्तेफाक से उसका मोबाइल खोजने में ज्यादा टाइम नहीं लगा अपुन को। बोले तो वो बेटीचोद अपुन को बेड पर ही तकिया के नीचे रखा मिल गया।

अपुन ने झट से उसकी स्क्रीन जलाई और उसे ओपेन करने का सोचा तो देखा लौड़ी ने पैटर्न लॉक लगा रखा था उसमें। अब ये नई प्रॉब्लम आ गईली थी। पैटर्न लॉक था उसमें इस लिए अपुन सोचने लगा कि उसने क्या पैटर्न डाला होगा? अपुन ने एक दो पैटर्न डाले लेकिन वो गलत निकले लौड़ा।

अपुन ने कितनी होशियारी से उसे रूम से निकाला था और अब जब उसका मोबाइल मिल गयला था तो बेटीचोद उसके पैटर्न लॉक ने प्रॉब्लम खड़ी कर दी थी। अपुन एकदम से टेंशन में आ गया लौड़ा। समझ में ही नहीं आ रेला था कि अब क्या करे?

तभी अपुन को एक खयाल आया। अपुन ने सोचा कि कहीं उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड यानी V का पैटर्न तो नहीं डाला होगा? अपुन ने सोचा कि वो अपुन को प्यार करती है तो हो सकता है कि उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड का ही पैटर्न बना कर मोबाइल का लॉक बनाया हो।

अपुन ने झट अपनी एक उंगली से उसमें अपने नाम का पहला वर्ड V बनाया लेकिन बेटीचोद वो पैटर्न बाकी बिंदुओं पर छू जा रेला था जिससे पैटर्न बन नहीं रेला था। अपुन ने कई बार ट्राई किया पर नाकाम रहा लौड़ा। तभी अपुन को खयाल आया कि हो सकता है उसने V को किसी दूसरे तरीके से बनाया हो, क्योंकि सीधा V बनाने से पैटर्न बन नहीं रेला था। खैर अपुन ने V को थोड़ा टेढ़ा कर के बनाया, जैसे कि सही ✔️ का सिंबल होता है।

अपुन ने जैसे ही इस तरीके से V या ये कहें कि ✔️ का सिंबल बनाया तो काम कर गया लौड़ा। बेटीचोद स्क्रीन लॉक के खुलते ही अपुन को इतनी ज्यादा खुशी हुई कि जैसे अपुन ने कारून का खजाना हासिल कर लिया हो।

मोबाइल का लॉक ओपेन हो गयला था इस लिए अपुन अब फौरन उसमें देखने लगा कि अपुन का वो सेक्स वीडियो कहां पर है। अपुन वीडियो भी खोजता जा रेला था और बार बार दरवाजे की तरफ भी देख लेता था। दिल की धड़कनें तो पहले से ही बेटीचोद धाड़ धाड़ कर के बज रेली थीं।

आखिर अपुन को वो वीडियो मिल ही गया। अपुन ने वॉल्यूम कम कर के उसे प्ले किया तो लौड़ा अपुन ये देख के हैरान रह गया कि सच में वो अपुन और साधना का सेक्स वीडियो था। यकीन नहीं हुआ कि साधना इतना खतरनाक काम कर सकती थी लौड़ी। खैर अपुन ने फौरन ही उसे डिलीट किया और फिर डिलीट फाइल से भी उसे उड़ा दिया ताकि वो दुबारा उसे रिस्टोर न कर सके। अपुन इसके बाद भी ये सोच कर चेक करने लगा कि कहीं और भी तो कोई वीडियो नहीं पड़ा है इसमें? कुछ ही पलों में अपुन ने मोबाइल की पूरी गैलरी और फोल्डर छान मारा। जब ऐसा दूसरा कोई वीडियो नहीं मिला तो अपुन संतुष्ट हो गया लौड़ा।

उसके बाद अपुन ने उसका वॉट्सएप ओपन किया तो उसमें भी पैटर्न लॉक था। अपुन ने उसमें भी ✔️ के सिंलब का पैटर्न डाला लेकिन उसमें ये काम न किया। फिर अपुन ने सोचा कि कहीं साधना ने इसमें अपने नाम के पहले वर्ड यानी S का पैटर्न तो नहीं डाला होगा। अपुन ने फौरन ही S बनाया तो वो खुल गया लौड़ा।

वॉट्सएप खुला तो सबसे पहले अपुन ने अपना नाम खोजा। जल्दी ही अपुन को वो मिल गया। उसमें जब अपुन ने क्लिक किया तो देखा उसमें अपुन की ढेर सारी चैट भरी पड़ी थी बेटीचोद। अपुन ने एक पल भी न लगाया क्लियर चैट पर क्लिक करने में। जैसे ही अपुन ने ऐसा किया पलक झपकते ही सारी चैट साफ हो गई। अब उसमें एक भी मैसेज नहीं बचा था। पर इतने पर भी अपुन का मन नहीं भरा था तो अपुन ने अपने नाम को ही डिलीट मार दिया लौड़ा। अब जा के शांति मिली थी बेटीचोद।

अपुन का काम पूरा हो चुका था लेकिन फिर भी अपुन उसके मोबाइल को ये सोच के देखने लगा कि साधना लौड़ी ने और क्या क्या सम्हाल कर रखा है इसमें। अपुन वॉट्सएप पर अलग अलग लोगों के साथ की गई उसकी चैटिंग पर नजर डाल रेला था कि तभी अपुन अजीत नाम पर रुक गया। अजीत उसकी सौतेली बहन यानी अनुष्का का हसबैंड था। अपुन ने उसे ओपन किया तो देखा उसमें भी कई सारे मैसेज पड़े थे। उन मैसेजेस से यही समझ आया कि अजीत थोड़ा रंगीन मिजाज है जो अपनी साली से डबल मीनिंग में बात करता था लौड़ा।

खैर उसके बाद अपुन एक नाम पर और रुका, यानि अंजली नाम पर। पहले तो अपुन ने उसकी डीपी पर क्लिक कर उसकी शक्ल देखी। बोले तो अंजली नाम की लड़की मस्त माल थी। होठ मस्त रसीले थे उसके। सीने में मौजूद उसके मम्मे स्पष्ट नहीं दिख रेले थे क्योंकि उसने अजीब एंगल से सेल्फी ली थी लेकिन हां बूब्स का उपरी भाग दिख रेला था जिसमें उसके बूब्स की बीच वाली दरार बस हल्की सी ही दिख रेली थी। खैर अपुन ने चैट देखना शुरू किया तो पता चला उसमें उसने और साधना ने अपुन के बारे में भी काफी कुछ बातें की थीं।

अभी अपुन वो सब पढ़ने ही लगा था कि तभी अपुन को रूम के बाहर से साधना की आवाज सुनाई दी। शायद वो रूम की तरफ ही आ रेली थी। उसने बाहर से ही मारे खुशी के अपुन से कहा था कि लो बाबू खाना गर्म कर दिया है मैंने।

साधना की आवाज सुनते ही अपुन ने झट से उसके मोबाइल की स्क्रीन पर से क्लियर ऑल पर क्लिक किया जिससे ये न पता चले कि अपुन ने उसमें क्या खोल रखा था। उसके बाद स्क्रीन लॉक कर के अपुन ने उसके मोबाइल को पहले जैसे ही तकिए के नीचे रख कर आराम से बेड पर लेट गया और दिखाने के लिए अपना मोबाइल चलाने लगा। अभी अपुन ने अपने मोबाइल का स्क्रीन लॉक ही खोला था कि तभी हाथों में थाली पकड़े साधना रूम में आ गई।

साधना ─ लो बाबू, खाना गर्म कर के ले आई हूं। चलो जल्दी से हाथ धो कर आओ और फिर खाना शुरू करो।

अपुन ─ यार तुम बेकार ही अपुन के लिए परेशान हुई।

उसके लिए फिक्र दिखाने के लिए अपुन को ऐसा बोलना जरूरी था।

साधना ─ ऐसा मत कहो जान। मुझे तुम्हारे लिए ये सब कर के बहुत अच्छा फील हो रहा है। अब चलो बातें बाद में कर लेना, पहले वॉशरूम में जा कर हाथ धो लो।

अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और मन ही मन खुश होते हुए अटैच बाथरूम में घुस गया। थोड़ी ही देर में अपुन हाथ धो कर आया और साधना द्वारा लाया हुआ खाना खाना शुरू कर दिया।

जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।

To be continued...


Aaj ke liye itna hi bhai log,
Read and enjoy
:declare:
Bahut hi badhiya update diya hai TheBlackBlood bhai....
Nice and beautiful update....
 
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kas1709

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क्लास खत्म होने के बाद उसने अपुन को स्पष्ट रूप से उसके केबिन में आ कर मिलने को कहा और चली गई। अपुन चाहता था तो न भी जाता वो अपुन का कुछ उखाड़ नहीं लेती लेकिन फिर अपुन ने सोचा कि इस तरह उससे दूर भागने से क्या हासिल होगा? बोले तो उसके केबिन में जा कर देखना ही चाहिए कि वो अपुन से क्या बोलती है?


अब आगे....


लंच टाइम अपुन कैंटीन की तरफ विधी और दिव्या को लिए जा ही रेला था कि जाने कहां से अनुष्का अपुन के सामने आ गई लौड़ी। उसने अपुन को अपने साथ चलने को कहा तो अपुन को मजबूरन उसके साथ जाना ही पड़ा। अपुन ने शरद से विधी और दिव्या को कैंटीन ले कर जाने को कहा और खुद अनुष्का के पीछे चल पड़ा।

कुछ ही देर में अपुन उसके साथ एक केबिन में पहुंच गया। अपुन की धड़कनें बढ़ गईली थी। मन में बस यही खयाल उभर रेले थे कि आखिर क्या बोलेगी वो अपुन से? खैर रूम में पहुंचते ही वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपुन को भी एक कुर्सी पर बैठ जाने का इशारा किया तो अपुन बैठ गया।

अनुष्का ─ हां, तो अब बताओ भाई कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं? वैसे मैं बता दूं कि उस दिन मैंने अपने हसबैंड का गुस्सा तुम पर उतार दिया था।

अपुन ─ आप अपने हसबैंड से किस बात पर गुस्सा थीं जिसका शिकार अपुन को होना पड़ा था?

अनुष्का ─ वो एक्चुअली उनकी जॉब छूट गई है जोकि उनकी ही गलती से छूटी है। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंने पहले तो उन्हें समझाना चाहा था लेकिन जब वो अपनी गलती मानने को तैयार न हुए तो मुझे उन पर गुस्सा आ गया। इससे बात बढ़ गई और फिर वो मुझे उल्टा सीधा बोलने लगे और तो और मुझ पर हाथ भी उठा दिया।

अपुन ─ क्या???

अनुष्का ─ हां भाई, तुम्हें तो पता है कि मैंने उनसे लव मैरिज की थी। हालांकि पापा इस रिश्ते से ज्यादा खुश नहीं थे लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी खुशी के लिए अजीत से मेरी शादी करवा दी। खैर अब तक तो सब अच्छा ही चल रहा था लेकिन अपने गुस्से की वजह से उन्होंने मैनेजर को गाली दे दी और तो और उसे जान से मार देने की धमकी तक दे दी जिससे मैनेजर ने उन्हें जॉब से निकलवा दिया।

अपुन ─ ओह! कब हुआ ऐसा?

अनुष्का ─ एक हफ्ता हो गया भाई। मैंने अब तक तुम्हारे अलावा किसी को इस बारे में नहीं बताया है। यहां तक कि अपने मम्मी पापा या भाई बहन को भी नहीं बताया। मुझे पता है कि ये बात उन्हें पता चलेगी तो कोई और भले ही कुछ न कहे लेकिन पापा बहुत कुछ सुनाना शुरू कर देंगे।

अपुन ─ तो जीजा जी एक हफ्ते से घर पर ही बैठे हैं?

अनुष्का ─ हां भाई, शुरू में तो दो चार दिन मूड खराब होने की वजह से कहीं दूसरी जगह जॉब खोजने गए ही नहीं। फिर जब मैंने कुछ ज्यादा ही जोर दिया तो एक दो जगह गए मगर बात नहीं बनी। उनके गुस्सैल नेचर के बारे में यहां कई कंपनी के लोगों को पता है इस लिए कुछ तो इस वजह से भी उन्हें जॉब में कोई नहीं रखना चाहता। बस इसी वजह से हर रोज हमारी बहस होने लगी थी। उस दिन भी यही हो रहा था और फिर उन्होंने गुस्से में मुझ पर हाथ उठा दिया था। मैं उनकी इस हरकत से दुखी भी थी और गुस्सा भी इस लिए यहां क्लास में तुम पर गुस्सा किया और फिर तुम्हें क्लास से आउट कर दिया था। प्लीज भाई, उसके लिए माफ कर दो मुझे।

उनकी ये सब बातें सुन कर अपुन ये सोचने लग गया कि अपुन तो कुछ और ही मंसूबे बनाए था लौड़ा और यहां तो मामला ही कुछ और निकला। बोले तो अपुन को समझ ही न आया कि अब क्या बोले अपुन? एक तरफ अपुन का मूड भी खराब हो गयला था कि बेटीचोद ये क्या बवासीर हो गया? खैर इस मामले में कुछ तो अपुन को कहना ही था इस लिए अभी अपुन कुछ बोलने ही वाला था कि तभी अपुन को एक खयाल आया।

अपुन ─ बात तो सच में सीरियस है दी लेकिन आई थिंक आपको इस बारे में साक्षी दी से बात करनी चाहिए। बोले तो वो इस मामले में आपकी हेल्प भी कर सकती हैं।

अनुष्का ─ मैंने कई बार उसे इस बारे में बताने का सोचा लेकिन फिर ये सोच कर नहीं बताया कि वो भी मुझे जाने क्या क्या सुनाना शुरू कर देगी। एक्चुअली उसने भी अजीत से शादी करने से मना किया था मुझे लेकिन क्योंकि उस समय मुझ पर अजीत के प्यार का भूत सवार था इस लिए मैंने किसी की भी नहीं सुनी थी।

अपुन ─ देखो जो होना था वो तो हो ही गयला है। अब उस बारे में कुछ बोलने का कोई फायदा नहीं है। आपके लिए इस वक्त जो जरूरी है वहीं आपको करना चाहिए। साक्षी दी से आप बात करो और उन्हें सारी सिचुएशन के बारे में बताओ। अपुन को पूरा यकीन है कि वो आपकी हेल्प जरूर करेंगी। हो सकता है कि वो डैड से कह कर अजीत जीजा जी की जॉब अपनी ही कंपनी में लगवा दें।

अनुष्का ─ हां इस बात का तो मुझे भी यकीन है भाई। साक्षी को जब मेरी प्रॉब्लम का पता चलेगा तो वो पहले तो मुझे चार बातें ही सुनाएगी लेकिन बाद में मेरी हेल्प जरूर करेगी।

अपुन ─ बस तो फिर अब आप कुछ मत सोचिए और साक्षी दी को कॉल कर के उनसे बात कीजिए।

अनुष्का ─ थैंक्स भाई, तुमने मुझे थोड़ी राहत दे दी है। मैं जरूर साक्षी से बात करूंगी आज।

अपुन ─ ठीक है, और उनकी हेल्प से जब जीजा जी की जॉब लग जाए तो अपुन को ट्रीट देना मत भूलना।

अनुष्का ─ नहीं भूलूंगी मेरे प्यारे भाई और हां तुमने ये तो बताया ही नहीं कि तुम्हारी नाराजगी दूर करने के लिए मैं क्या करूं?

अपुन ─ फिलहाल कुछ नहीं। अपुन को आपकी प्रॉब्लम का पता नहीं था इस लिए बेकार में ही नाराज था आपसे लेकिन हां जीजा जी की जॉब लगने के बाद तो आपको वैसी ही ट्रीट देनी होगी जिससे अपुन खुश हो जाए।

अनुष्का ─ मुझे मंजूर है भाई।

उसके बाद अपुन रूम से निकल गया। मन में थोड़ी निराशा तो थी लेकिन ये उम्मीद भी हो ग‌ईली थी कि आने वाले समय में अनुष्का से कुछ न कुछ ऐसा जरूर हासिल होगा जो अपुन चाहता है।

अपुन फौरन ही कैंटीन पहुंचा। थोड़ा ही टाइम रह गयला था लंच टाइम ओवर होने में इस लिए विधी और दिव्या के साथ ही बैठ कर अपुन ने थोड़ा बहुत खाया और फिर अपन लोग वापस क्लास की तरफ चल पड़े।

दिव्या ─ भैया, अनुष्का दी आपको किस लिए अपने साथ ले गईं थी?

अपुन उसके इस सवाल पर सोचने लगा कि क्या जवाब दे अपुन? फिर अपुन ने सोचा कि सच ही बता देता है अपुन क्योंकि इसमें कुछ गलत तो था नहीं।

ये सोच कर अपुन ने उसे सब कुछ बता दिया और ये भी कहा कि इस बारे में वो दोनों किसी को न बताएं। खैर उसके बाद दिव्या अपनी क्लास की तरफ चली गई जबकि अपुन और विधी एक साथ अपने क्लास की तरफ चल पड़े।

विधी बार बार अपुन को देखती और मुस्कुरा देती थी। फिर जैसे ही उसने देखा कि दिव्या चली गई है तो उसने अपुन से कुछ कहना चाहा मगर तभी पीछे से रीना ने उसे आवाज दी जिससे उसने पलट कर उसकी तरफ देखा।

विधी ─ इस चुहिया को भी अभी ही आना था। सारा मूड खराब कर दिया, हां नहीं तो।

अपुन उसकी इस बात पर मन ही मन मुस्कुरा उठा। तभी रीना मुस्कुराते हुए अपन लोग के पास आ गई। उसे देखते ही विधी का मुंह बन गयला था।

रीना ─ हाय! कैसे हो विराट?

अपुन ─ वैसे ही जैसा नजर आ रेला है अपुन। तू अपनी बता।

अपुन की बात सुन कर जहां एक तरफ वो थोड़ा सकपका गई वहीं विधी हंस पड़ी लेकिन फिर जल्दी ही हंसना बंद कर दिया उसने।

रीना ─ सेम हेयर।

विधी के सामने रीना ज्यादा कुछ बोल नहीं सकती थी। इधर एकदम से अपुन को साधना का खयाल आ गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि बेटीचोद अनुष्का से तो कोई बात नहीं बनी तो क्यों न कॉलेज से निकल लिया जाए और अमित के घर जा कर साधना के साथ मस्त मजा किया जाए।

अपुन ने विधी से कहा कि अपुन को एक जरूरी काम से बाहर जाने का है इस लिए वो क्लास जाए और अगर अपुन आने में लेट हो जाए तो अपुन का बैग तथा दिव्या को साथ ले कर घर चली जाएगी।

विधी को ये सुन के हैरानी हुई और उसने पूछना भी चाहा लेकिन अपुन तब तक कॉलेज के बाहर की तरफ निकल लिया। बोले तो अभी अपुन के पास पूरे दो घंटे का टाइम था इस लिए अब इस टाइम को बर्बाद नहीं करना चाहता था अपुन।

पार्किंग में आ कर अपुन ने साधना को मैसेज किया कि अपुन आ रेला है इस लिए जब अपुन उसके घर का दरवाजा खटखटाए तो वो उसी तरह खोलने आए जैसे उस रात आईली थी। बोले तो एकदम नंगी।

मैसेज कर के अपुन ने मोबाइल जेब में डाला और बाइक में चाभी लगा कर उसे स्टार्ट ही करने लगा था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन समझ गया कि साधना का ही कॉल होगा इस लिए जेब से मोबाइल निकाल कर कॉल पिक किया।

साधना ─ मैं मार्केट आई हुई हूं बाबू। एक्चुअली दूध फट गया था तो लेने आई हूं। तुम कब तक पहुंचोगे मेरे घर?

अपुन ─ अपुन को ज्यादा से ज्यादा आठ दस मिनट लगेंगे पहुंचने में।

साधना ─ ओह! फिर तो कोई बात ही नहीं है बाबू। तुमसे पहले ही पहुंच जाऊंगी मैं।

अपुन ─ अपुन का मैसेज ठीक से पढ़ा है कि नहीं तुमने?

साधना ─ हां पढ़ लिया है बाबू। फिक्र मत करो, मैं वैसे ही दरवाज़ा खोलूंगी जैसे मेरा बाबू चाहता है।

अपुन ─ गुड। अच्छा अब रखता है अपुन।

कॉल डिस्कनेक्ट कर के अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और बाइक स्टार्ट कर के निकल पड़ा उसके घर की तरफ। बोले तो अब मन में काफी रोमांचित करने वाले खयाल उभरने लग गएले थे लौड़ा। बाइक चलाते हुए अपुन सोचता जा रेला था कि अमित के घर पहुंच कर अपुन साधना को आज कैसे कैसे चोदेगा।

बेटीचोद, साधना को चोदने की खुशी इतनी ज्यादा हुई कि अपुन और भी तेज स्पीड में बाइक चलाने लगा लौड़ा। कच्छे के अंदर कैद अपुन का लन्ड भी खुश हो गयला था जिसके चलते उसने अपना सिर उठा लिया था।

अपुन पांच मिनट में ही अमित के घर के पास पहुंच गया बेटीचोद। बाइक को एक जगह स्टैंड पर लगा कर अपुन इधर उधर निगाह घुमाते हुए तेजी से उसके घर की तरफ बढ़ा।

घर के दरवाजे पर पहुंच कर अपुन ने दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि तभी अंदर से खिलखिला कर हंसने की आवाज सुनाई दी जिससे अपुन का हाथ रुक गया। हंसने की आवाज लड़की की थी लेकिन वो लड़की साधना नहीं थी क्योंकि उसकी आवाज पहचानता था अपुन।

अभी अपुन समझने की कोशिश ही कर रेला था कि तभी कुछ कदमों की आवाजों के साथ साथ बोलने की भी आवाजें सुनाई दी। आवाजें हर पल के साथ दरवाजे की तरफ ही बढ़ती आ रेली थी। अपुन ये तो समझ गयला था कि साधना के साथ कोई दूसरी लड़की भी दरवाजे की तरफ आ रेली है लेकिन एक पल पहले उसने जो कहा था उसे सुन कर अपुन सन्न रह गया था लौड़ा।

लड़की ─ वैसे मानना पड़ेगा साधना क्या मस्त आडिया सोचा है तूने विराट से शादी करने का।

साधना ─ क्या करूं अंजली, ऐसा करने का दिल तो नहीं किया था लेकिन फिर खयाल आया कि प्यार और जंग में तो सब जायज होता है। वैसे भी मैं उससे इतना प्यार करती हूं कि उसे किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती। बस इसी लिए ये रास्ता चुना।

अंजली ─ चल तेरा तो काम बन गया अब। अच्छा किया जो उसे सेक्स के लिए उकसाया और फिर उसकी वीडियो बना ली।

साधना ─ मैं जानती थी कि वो ऐसे तो मुझे या मेरे प्यार को एक्सेप्ट करेगा नहीं इस लिए सोच लिया था कि जब भी मौका मिलेगा तो उसे खुल कर सौंप दूंगी। वैसे मुझे उम्मीद नहीं थी कि ये सब इतना जल्दी और इतना परफेक्ट तरीके से हो जाएगा।

अंजली ─ अच्छा जब उसे इस सबके बारे में पता चलेगा तो तू जानती है न कि वो कैसा बिहेव करेगा? आई मीन हो सकता है कि वो तुझसे नफरत करने लगे। आखिर तू उसे ब्लैकमेल करके जो उसे शादी करने को मजबूर करेगी।

साधना ─ हां जानती हूं कि ऐसा हो सकता है लेकिन मैं उसे प्यार से समझाऊंगी कि मेरे पास इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं था। मुझे यकीन है कि वो मेरी बात समझेगा।

अंजली ─ और अगर न समझा तो?

साधना ─ फिर तो मजबूरन उसे उस वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करना पड़ेगा यार जोकि मैं नहीं चाहती।

अंजली ─ चल ठीक है जैसा तुझे बेहतर लगे कर। अच्छा अब जा रही हूं मैं। तेरे बाबू सोना के आने का भी तो टाइम हो गया है और तुझे उसके लिए नंगी हो कर दरवाजा खोलना है, ही ही ही।

साधना ─ अरे! हां यार मैं तो भूल ही गई थी उसे। तू जल्दी से निकल यहां से। तेरी वजह से मुझे उससे झूठ कहना पड़ा कि मैं मार्केट दूध लेने आई हूं।

अंजली ─ अच्छा चल बाय। बाद में जो कुछ हो सब बताना मुझे।

अपुन समझ गया कि अब अंजली नाम की लड़की बाहर आने वाली है इस लिए अपुन का यूं खड़े रहना सही नहीं था। अपुन झट से पलटा और लगभग भागते हुए एक ऐसी जगह जा कर खड़ा हो गया जहां से वो दोनों अपुन को देख नहीं सकती थीं।

बेटीचोद, अभी अपुन ने जो कुछ सुना था उसे सुन के अपुन के पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गईली थी। बोले तो पूरी की पूरी गांड़ फट के हाथ में आ गईली थी अपुन की। साधना लौड़ी ने इतना बड़ा गेम खेला था अपुन के साथ। अपुन तो समझ रेला था कि वो सीधी सादी लौंडिया है और अपुन से प्यार करती है।

अपुन सोचने पर मजबूर हो गया लौड़ा कि इसी लिए अपुन को उसके साथ सेक्स करने में कोई मुश्किल नहीं आईली थी। बेटीचोद आती भी कैसे? उस रण्डी ने तो पहले से ही सब सोच रखा था, तभी तो अपुन के साथ इतना कुछ कर गईली थी। वो तो अच्छा हुआ कि अपुन ने किसी जन्म में भारी पुण्य कर्म किएले थे जिसके चलते आज अपुन को वक्त रहते उसका सच पता चल गया वरना उस लौड़ी ने तो अपुन को लपेट लेने का गांड़ फाड़ इंतजाम कर लिएला था।

खैर, इस वक्त अपुन की सच में बहुत ज्यादा फटी पड़ी थी। उसके पास अपुन की सेक्स वीडियो थी और इतना तो अपुन उन दोनों की बातों से समझ ही गयला था कि साधना ने वो सेक्स वीडियो अपुन की जानकारी में आए बिना किस लिए बना लिया है।

मतलब कि अब अगर अपुन उससे शादी करने से इंकार करेगा तो वो अपुन को उस सेक्स वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करेगी। ज़ाहिर है अपुन की उस वीडियो की वजह से इतनी ज्यादा गांड़ फट जाएगी कि अपुन उसकी बात मानने पर मजबूर हो जाएगा बेटीचोद।

अपुन ये सब सोच के भारी टेंशन में आ गयला था बेटीचोद। बोले तो उसके साथ मजा लेने से सच में अपुन की मां बहन एक हो गईली थी। अपुन ने मन ही मन खुद से कहा─ और साधना को पेल ले बेटीचोद। बहुत मजा आ रेला था न तो ले अब भुगत उसके साथ मजा करने की सजा।

अभी अपुन ये सब सोच के कुढ़ ही रेला था कि तभी अपुन का मोबाइल वाइब्रेट होने लगा। अपुन ने झट से मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर देखा। साधना रण्डी का ही कॉल था बेटीचोद।

लौड़ी ने जब देखा होगा कि अपुन अभी तक नहीं पहुंचा है तो उसने अपुन को कॉल कर दिया है। अपुन सोचने लगा कि अब क्या करे बेटीचोद? बोले तो अब अपुन की कंडीशन न घर के रहे और ना ही घाट के रहे जैसी हो गईली थी। पर...लौड़ा कुछ तो करना ही पड़ेगा वरना ऐसे तो सच में वो लौड़ी अपुन की गांड़ में मोटा सा डंडा डाले रहेगी। खैर अपुन ने खुद को शांत करके उसका कॉल पिक किया।

साधना ─ कहां पहुंचे बाबू? तुम तो बोले थे कि आठ दस मिनट में पहुंच जाओगे?

अपुन (मन में) ─ पहुंच तो अपुन पांच मिनट में ही गयला था लौड़ी और अच्छा ही हुआ कि पहले ही पहुंच गयला था वरना तेरे सच को कैसे जान पाता?

अपुन (रियल में) ─ बस पहुंच ही गया यार। तुम रेडी हो न?

साधना ─ हां बाबू। मैं तो कब से रेडी हूं दरवाजा खोलने के लिए। प्लीज जल्दी आओ न अपनी साधना के पास।

अपुन ने मन ही मन सोचा कि हां बेटीचोद बुला ले जल्दी और फिर मार ले अपुन की गांड़, हट लौड़ी।

अपुन ─ बस पहुंच ही गया।

कहने के साथ ही अपुन ने कॉल डिस्कनेक्ट की और फिर मोबाइल जेब में डालते हुए सोचने लगा कि कुछ तो करना ही पड़ेगा लौड़ा। मतलब कि उसके पास वीडियो के रूप में तगड़ा एटम बम था जो अपुन को कभी भी और कहीं भी बर्बाद कर सकता था। इस लिए जरूरी था कि उस एटम बम को किसी भी तरह उसके पास से मिटा दिया जाए वरना अपुन की तो समझो लंका लगनी तय ही है बेटीचोद।

यही सब सोचते हुए अपुन उसके घर की तरफ तेजी से चल पड़ा। कुछ ही देर में अपुन दरवाजे के पास पहुंच गया और फिर धड़कते दिल से दरवाजे को खटखटाया।

बेटीचोद, वो जैसे अपुन के द्वारा दरवाज़ा खटखटाने का ही वेट कर रेली थी। तभी तो अपुन ने जैसे ही दरवाज़ा खटखटाया तो अगले ही पल झट से दरवाजा खुला लेकिन ज्यादा नहीं बल्कि करीब दस इंच के लगभग। उस दस इंच खुले दरवाजे से भी अपुन को अंदर नंगी खड़ी साधना साफ साफ दिखी।

अगर अपुन को उसका सच पता न चल गया होता या ये कहें कि अपुन की गांड़ न फटी पड़ी होती तो उसे इस रूप में देख कर पक्का अपुन का लन्ड पल में ही टनटना गया होता पर इस वक्त ऐसा कुछ भी तो नहीं हुआ बेटीचोद। आँखें जरूर उसके नंगे बूब्स और हल्के रेशमी बालों से घिरी चूत पर जम गईली थीं लेकिन ये सब देख कर अपुन के लन्ड में करेंट नहीं लगा था। इसी से जाहिर है कि किस कदर अपुन की फटी पड़ी थी बेटीचोद।

साधना ─ ओह! बाबू अंदर आ कर मुझे अच्छे से देख लो बाबू। किसी ने मुझे इस तरह नंगी खड़े देख लिया तो गजब ही हो जाएगा।

अपुन उसकी बात सुन कर चुपचाप अंदर दाखिल हो गया। अपुन ने महसूस किया कि अंदर आते ही अपुन की धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं लौड़ा और मन में उथल पुथल शुरू हो गईली थी।

अपुन ने सोचना शुरू कर दिया था कि अपुन के पास ज्यादा समय नहीं है। मतलब कि शाम को अमित भी अपनी मम्मी को ले कर घर आ जाएगा। उसके बाद इस घर में सबके रहते ऐसा मौका हर्गिज नहीं मिलेगा कि कुछ किया जा सके। यानि जो करना था अभी करना था वरना अपुन की गांड़ फटना पक्का था बेटीचोद।

इस वक्त अपुन का दिमाग बड़ी तेजी से चल रेला था। अपुन इतना समझ गयला था कि साधना ने अगर सेक्स वीडियो बनाया है तो उसने अपने मोबाइल से ही बनाया होगा। तो अब अपुन को उसका मोबाइल हासिल करना था और उसके अंदर से उस वीडियो को डिलीट मारना था। इतना ही नहीं वॉट्सएप से अपन लोग की सारी चैटिंग भी क्लियर करनी थी। हालांकि अपुन तो अपने मोबाइल से हर रोज चैटिंग क्लियर कर देता था लेकिन अपुन को यकीन था कि साधना ने अपने मोबाइल में अपन दोनों की चैटिंग को सम्हाल के रखा होगा। आखिर वो उसके हिसाब से सबूत जो है।

साधना ─ क्या हुआ बाबू? कहां खोए हुए हो? कुछ हुआ है क्या?

साधना की ये बात सुन कर अपुन बुरी तरह हड़बड़ा गया लौड़ा। पलक झपकते ही अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस वक्त अगर अपुन इस तरह सोचो में गुम दिखेगा तो वो लौड़ी कहीं ताड़ ही न ले या उसे शक ही न हो जाए कि अपुन को उसका सच पता चल गयला है। यानि अपुन को उसके सामने वैसा ही बर्ताव करना चाहिए जैसे कि उसे नंगी देखने के बाद नॉर्मल हालत में अपुन करता।

अपुन ─ अरे! यार क्या बताए अपुन। बोले तो जल्दी आने के चक्कर में अपुन ने अभी थोड़ी देर पहले एक आदमी पर बाइक ठोकते ठोकते बचायला है।

साधना ─ ओह माय गॉड! ये क्या कह रहे हो बाबू?

अपुन ─ हां यार, वो तो अच्छा था कि अपुन भारी टैलेंटेड ड्राइवर है इस लिए बचा लिया उसको वरना अपुन की जगह कोई दूसरा होता तो आज उस आदमी का ऊपर की टिकट कट जाना पक्का था बेटीचोद।

अपुन ने झूठ मूठ की ये कहानी पल में बना के उसे सुना दी ताकि वो लौड़ी यही समझे कि अपुन के द्वारा इतनी बड़ी बात होने के चलते ही अपुन इस वक्त सोचो में गुम हो जा रेला है। जैसा कि अपुन को पूरा यकीन था अपुन की इस बात ने गाड़ फाड़ असर किया था उस पर। फिर अपुन ने अगले ही पल ऐसा शो किया जैसे अब अपुन ठीक है।

अगले ही पल अपुन ने झपट कर उसे पकड़ा और उसके होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया। अपुन ये भी नहीं चाहता था कि वो कुछ ऐसा सोचे जो इस वक्त उसे स्वाभाविक न लगे। ज़ाहिर है वो पूरी नंगी खड़ी थी अपुन के सामने तो अपुन को उसके साथ ऐसा करना जरूरी भी था।

अपुन ने उसे चूमना चूसना शुरू किया तो वो भी पूरे जोश के साथ अपुन का साथ देने लगी लौड़ी। इधर अपुन उसके होठों को मुंह में लिए एक हाथ से उसकी एक छाती को मसलना शुरू कर दिया जिससे वो मचलने लगी। बोले तो मजा तो आ रेला था अपुन को लेकिन अपुन इस मजे के चक्कर में अपनी गाड़ फाड़ देने वाले सामान को भी भूलना नहीं चाहता था इस लिए जल्दी ही उसे खुद से अलग किया।

अपुन ─ बेडरूम में चलो मेरी जान। यहां मजा नहीं आएगा।

साधना ─ हां सही कह रहे हो जान। चलो बेड रूम में चलते हैं।

उसे शक न हो इस लिए अपुन ने झट से उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बेडरूम की तरफ ले कर चल पड़ा। उसका नंगा नाजुक बदन अपुन की मजबूत बाहों में था। उसने अपुन के गले में अपनी बाहें डाल ली थी और अपुन को अपलक देखते हुए मुस्कुराए जा रेली थी। इधर अपुन मन ही मन उसे गालियां दे रेला था।

खैर थोड़ी ही देर में अपुन उसे ले कर बेडरूम में आ गया और उसे बेड पर आहिस्ता से लेटा दिया। अपुन ने बड़े ध्यान से बेडरूम में इधर उधर नज़र दौड़ाई। असल में अपुन को उसके मोबाइल की तलाश थी लेकिन इधर उधर वो कहीं न दिखा अपुन को।

साधना ─ आज मुझे बहुत सारा प्यार करो बाबू। मैं चाहती हूं कि अमित और मम्मी के आने से पहले मैं तुम्हारे प्यार से बहुत ज्यादा तृप्त हो जाऊं।

अपुन ─ अपुन भी यही सोच रेला है डियर लेकिन..।

साधना ─ लेकिन क्या बाबू?

अपुन ─ बहुत भूख लगी है यार। एक्चुअली आज कंटीन में कुछ नहीं खाया। सुबह भी अच्छे से ब्रेकफास्ट नहीं किया था तो अब अपुन को कुछ ज्यादा ही भूख फील हो रेली है।

साधना ─ ओह! बाबू, पहले क्यों नहीं बताया मुझे। बता देते तो तुम्हारे लिए तब तक खाना गर्म कर देती।

अपुन ─ यार ध्यान ही नहीं आया था अपुन को।

साधना ─ क्या सच में ज्यादा भूख लगी है मेरे बाबू को?

अपुन ─ हां यार, पर अगर तुम कहती तो चलो पहले अपन लोग एक राउंड चुदाई कर लेते हैं।

साधना (बेड से उठ कर) ─ नहीं बाबू। तुम भूखे हो और ऐसे में अगर मैं तुमसे ये करने कहूंगी तो ये अच्छी बात नहीं होगी। रुको, मैं पांच मिनट में तुम्हारे लिए खाना गर्म कर के लाती हूं।

अपुन ─ यार खामाखा अपुन की वजह से परेशान हो रेली हो तुम।

साधना ─ तुम्हारे लिए कुछ भी करना परेशानी नहीं बल्कि खुशी की बात है मेरे लिए। अच्छा अब तुम बैठो यहीं, मैं बस पांच मिनट में आती हूं।

कहने के साथ ही साधना ने फटाफट अपने नंगे बदन पर एक कुर्ता डाल लिया और फिर वो वैसे ही रूम से चली गई। इधर अपुन ये सोच के खुश हो गया कि बेटीचोद क्या ही गजब का भेजा पाया है अपुन ने। बोले तो एकदम सही टाइम पर क्या मस्त भूख लगने का बहाना बनाया था अपुन ने जिसके चलते साधना अपुन के लिए खाना गर्म करने रूम से चली गईली थी।

उसके जाने के बाद अपुन का दिमाग बिजली की तरह तेजी से दौड़ने लगा और अपुन खुद भी फटाफट साधना का मोबाइल खोजने लगा। इत्तेफाक से उसका मोबाइल खोजने में ज्यादा टाइम नहीं लगा अपुन को। बोले तो वो बेटीचोद अपुन को बेड पर ही तकिया के नीचे रखा मिल गया।

अपुन ने झट से उसकी स्क्रीन जलाई और उसे ओपेन करने का सोचा तो देखा लौड़ी ने पैटर्न लॉक लगा रखा था उसमें। अब ये नई प्रॉब्लम आ गईली थी। पैटर्न लॉक था उसमें इस लिए अपुन सोचने लगा कि उसने क्या पैटर्न डाला होगा? अपुन ने एक दो पैटर्न डाले लेकिन वो गलत निकले लौड़ा।

अपुन ने कितनी होशियारी से उसे रूम से निकाला था और अब जब उसका मोबाइल मिल गयला था तो बेटीचोद उसके पैटर्न लॉक ने प्रॉब्लम खड़ी कर दी थी। अपुन एकदम से टेंशन में आ गया लौड़ा। समझ में ही नहीं आ रेला था कि अब क्या करे?

तभी अपुन को एक खयाल आया। अपुन ने सोचा कि कहीं उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड यानी V का पैटर्न तो नहीं डाला होगा? अपुन ने सोचा कि वो अपुन को प्यार करती है तो हो सकता है कि उसने अपुन के नाम के पहले वर्ड का ही पैटर्न बना कर मोबाइल का लॉक बनाया हो।

अपुन ने झट अपनी एक उंगली से उसमें अपने नाम का पहला वर्ड V बनाया लेकिन बेटीचोद वो पैटर्न बाकी बिंदुओं पर छू जा रेला था जिससे पैटर्न बन नहीं रेला था। अपुन ने कई बार ट्राई किया पर नाकाम रहा लौड़ा। तभी अपुन को खयाल आया कि हो सकता है उसने V को किसी दूसरे तरीके से बनाया हो, क्योंकि सीधा V बनाने से पैटर्न बन नहीं रेला था। खैर अपुन ने V को थोड़ा टेढ़ा कर के बनाया, जैसे कि सही ✔️ का सिंबल होता है।

अपुन ने जैसे ही इस तरीके से V या ये कहें कि ✔️ का सिंबल बनाया तो काम कर गया लौड़ा। बेटीचोद स्क्रीन लॉक के खुलते ही अपुन को इतनी ज्यादा खुशी हुई कि जैसे अपुन ने कारून का खजाना हासिल कर लिया हो।

मोबाइल का लॉक ओपेन हो गयला था इस लिए अपुन अब फौरन उसमें देखने लगा कि अपुन का वो सेक्स वीडियो कहां पर है। अपुन वीडियो भी खोजता जा रेला था और बार बार दरवाजे की तरफ भी देख लेता था। दिल की धड़कनें तो पहले से ही बेटीचोद धाड़ धाड़ कर के बज रेली थीं।

आखिर अपुन को वो वीडियो मिल ही गया। अपुन ने वॉल्यूम कम कर के उसे प्ले किया तो लौड़ा अपुन ये देख के हैरान रह गया कि सच में वो अपुन और साधना का सेक्स वीडियो था। यकीन नहीं हुआ कि साधना इतना खतरनाक काम कर सकती थी लौड़ी। खैर अपुन ने फौरन ही उसे डिलीट किया और फिर डिलीट फाइल से भी उसे उड़ा दिया ताकि वो दुबारा उसे रिस्टोर न कर सके। अपुन इसके बाद भी ये सोच कर चेक करने लगा कि कहीं और भी तो कोई वीडियो नहीं पड़ा है इसमें? कुछ ही पलों में अपुन ने मोबाइल की पूरी गैलरी और फोल्डर छान मारा। जब ऐसा दूसरा कोई वीडियो नहीं मिला तो अपुन संतुष्ट हो गया लौड़ा।

उसके बाद अपुन ने उसका वॉट्सएप ओपन किया तो उसमें भी पैटर्न लॉक था। अपुन ने उसमें भी ✔️ के सिंलब का पैटर्न डाला लेकिन उसमें ये काम न किया। फिर अपुन ने सोचा कि कहीं साधना ने इसमें अपने नाम के पहले वर्ड यानी S का पैटर्न तो नहीं डाला होगा। अपुन ने फौरन ही S बनाया तो वो खुल गया लौड़ा।

वॉट्सएप खुला तो सबसे पहले अपुन ने अपना नाम खोजा। जल्दी ही अपुन को वो मिल गया। उसमें जब अपुन ने क्लिक किया तो देखा उसमें अपुन की ढेर सारी चैट भरी पड़ी थी बेटीचोद। अपुन ने एक पल भी न लगाया क्लियर चैट पर क्लिक करने में। जैसे ही अपुन ने ऐसा किया पलक झपकते ही सारी चैट साफ हो गई। अब उसमें एक भी मैसेज नहीं बचा था। पर इतने पर भी अपुन का मन नहीं भरा था तो अपुन ने अपने नाम को ही डिलीट मार दिया लौड़ा। अब जा के शांति मिली थी बेटीचोद।

अपुन का काम पूरा हो चुका था लेकिन फिर भी अपुन उसके मोबाइल को ये सोच के देखने लगा कि साधना लौड़ी ने और क्या क्या सम्हाल कर रखा है इसमें। अपुन वॉट्सएप पर अलग अलग लोगों के साथ की गई उसकी चैटिंग पर नजर डाल रेला था कि तभी अपुन अजीत नाम पर रुक गया। अजीत उसकी सौतेली बहन यानी अनुष्का का हसबैंड था। अपुन ने उसे ओपन किया तो देखा उसमें भी कई सारे मैसेज पड़े थे। उन मैसेजेस से यही समझ आया कि अजीत थोड़ा रंगीन मिजाज है जो अपनी साली से डबल मीनिंग में बात करता था लौड़ा।

खैर उसके बाद अपुन एक नाम पर और रुका, यानि अंजली नाम पर। पहले तो अपुन ने उसकी डीपी पर क्लिक कर उसकी शक्ल देखी। बोले तो अंजली नाम की लड़की मस्त माल थी। होठ मस्त रसीले थे उसके। सीने में मौजूद उसके मम्मे स्पष्ट नहीं दिख रेले थे क्योंकि उसने अजीब एंगल से सेल्फी ली थी लेकिन हां बूब्स का उपरी भाग दिख रेला था जिसमें उसके बूब्स की बीच वाली दरार बस हल्की सी ही दिख रेली थी। खैर अपुन ने चैट देखना शुरू किया तो पता चला उसमें उसने और साधना ने अपुन के बारे में भी काफी कुछ बातें की थीं।

अभी अपुन वो सब पढ़ने ही लगा था कि तभी अपुन को रूम के बाहर से साधना की आवाज सुनाई दी। शायद वो रूम की तरफ ही आ रेली थी। उसने बाहर से ही मारे खुशी के अपुन से कहा था कि लो बाबू खाना गर्म कर दिया है मैंने।

साधना की आवाज सुनते ही अपुन ने झट से उसके मोबाइल की स्क्रीन पर से क्लियर ऑल पर क्लिक किया जिससे ये न पता चले कि अपुन ने उसमें क्या खोल रखा था। उसके बाद स्क्रीन लॉक कर के अपुन ने उसके मोबाइल को पहले जैसे ही तकिए के नीचे रख कर आराम से बेड पर लेट गया और दिखाने के लिए अपना मोबाइल चलाने लगा। अभी अपुन ने अपने मोबाइल का स्क्रीन लॉक ही खोला था कि तभी हाथों में थाली पकड़े साधना रूम में आ गई।

साधना ─ लो बाबू, खाना गर्म कर के ले आई हूं। चलो जल्दी से हाथ धो कर आओ और फिर खाना शुरू करो।

अपुन ─ यार तुम बेकार ही अपुन के लिए परेशान हुई।

उसके लिए फिक्र दिखाने के लिए अपुन को ऐसा बोलना जरूरी था।

साधना ─ ऐसा मत कहो जान। मुझे तुम्हारे लिए ये सब कर के बहुत अच्छा फील हो रहा है। अब चलो बातें बाद में कर लेना, पहले वॉशरूम में जा कर हाथ धो लो।

अपुन ने मोबाइल वापस जेब में डाला और मन ही मन खुश होते हुए अटैच बाथरूम में घुस गया। थोड़ी ही देर में अपुन हाथ धो कर आया और साधना द्वारा लाया हुआ खाना खाना शुरू कर दिया।

जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।

To be continued...


Aaj ke liye itna hi bhai log,
Read and enjoy
:declare:
Nice update....
 
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