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Incest हवस के कारनामे ~ A Tale of Lust

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update ~ 19



जब तक अपुन खाता रहा तब तक साधना अपुन को बड़ी ही मोहब्बत से देखती रही और इधर अपुन ये सोच के खुश होता रहा कि जिस होशियारी से उसने अपुन की गांड़ फाड़ने का इंतजाम किएला था उस इंतजाम की अपुन ने अपनी होशियारी से मां चोद दी है। बोले तो अब वो अपुन को किसी भी आधार पर ब्लैकमेल नहीं कर सकती थी। वाह! गजब स्मार्ट लौंडा है अपुन।


अब आगे....


अपुन ने सोच लिया था कि अब साधना से अपुन कोई रिलेशन नहीं रखेगा। ये तो अपुन का अच्छा नसीब था कि अपुन गांड़ फाड़ देने वाले संकट से खुद को बचा लिया था लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार अपुन बच ही जाएगा।

अभी तो साधना को पता ही नहीं है कि अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम गधे के सींग के माफिक गायब कर दिएला है लेकिन जब उसे पता चलेगा तब उसकी भी हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसी अपुन की हो गईली थी। बोले तो अपुन के जैसे ही उसकी भी गांड़ फट के हाथ में आ जाएगी बेटीचोद।

खैर मन ही मन अपनी इस खुशी का मजा लेने के साथ ही अपुन ने सोचा कि आज आखिरी बार उसको तबीयत से चोद लेता है, उसके बाद तो उसकी तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखेगा अपुन। बोले तो अपुन की चोरी से इतना खतरनाक एटम बम बनाने की सजा तो मिलनी ही चाहिए लौड़ी को।

यही सब सोचते हुए अपुन ने फटाफट खाना खत्म किया तो साधना जूठी थाली ले कर कमरे से निकल गई। इधर अपुन बाथरूम में हाथ धोने चला गया। थोड़ी देर में जब अपुन रूम में आया तो देखा वो अपुन के लिए ग्लास में पानी लिए खड़ी थी। अपुन ने मुस्कुराते हुए उससे ले कर पानी पिया।

साधना बड़े प्यार से अपुन को देखे जा रेली थी और इधर अपुन ये सोच के खुश हो रेला था कि रुक लौड़ी जब तुझे अपने एटम बम के गायब होने का पता चलेगा तब तेरी ये मुस्कान और तेरी ये मोहब्बत तेरे पिछवाड़े में घुस जाएगी लौड़ा। खैर तभी उसने पूछा।

साधना ─ अब भूख मिटी मेरे बाबू कि नहीं?

अपुन ─ यार तुम्हारे हाथ का बना खाना खा के भी भूख न मिटे तो साला लानत है अपुन पर।

साधना ─ अच्छा ऐसा क्या।

अपुन ─ हां, और अब तुम्हारे इन रसीले होठों की शराब पीने का मन कर रेला है। बोले तो अपुन अब तुम्हारा नशा कर के डूब जाना चाहता है।

साधना ─ ओह! तो डूब जाओ न बाबू। मैं तो कब से तुम्हारे साथ इस नशे में डूब जाने को तरस रही हूं। अब देर न करो जान। आज हमारे पास ये आखिरी ऐसा मौका है जब हम खुल कर एक दूसरे में समा सकते हैं। मम्मी के आ जाने के बाद तो शायद ही ऐसा कोई मौका मिलेगा हमें।

अपुन ─ कोई न कोई मौका जरूर मिलेगा यार।

साधना ─ कैसे मिलेगा बाबू? तुम्हारी तरह अगर मैं भी कॉलेज जाती तो शायद ऐसा मौका हम बना भी लेते लेकिन इस घर में रह कर मौका मिलना बहुत मुश्किल है। मैं तो ये सोच कर उदास हो जाती हूं कि आज के बाद जाने कैसे तुम्हारे इस प्यार के बिना रह पाऊंगी मैं?

अपुन जानता था कि वो भावुक होने लगी थी और कहीं न कहीं ये उसके मन का सच्चा हाल ही था लेकिन अपुन इस वक्त सिर्फ उसके ही मन की करना चाहता था और ये भी कि बेकार में वक्त बर्बाद न हो।

अपुन ─ लेट्स सी, क्या होता है यार लेकिन अभी जो मौका अपन लोग के पास है उसे ऐसी बातों से क्यों बर्बाद करना? बोले तो इस मौके को अच्छे से स्तेमाल करना चाहिए अपन लोग को। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?

साधना ─ ओह! बाबू, मुझे तो जाने क्या क्या लगता है। खैर तुम सही कह रहे हो। इस हसीन मौके को बातों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।

कहने के साथ ही साधना अपुन की तरफ तेजी से बढ़ी। फिर अपुन को धकेलते हुए बेड के करीब लाई और अपुन को बेड पर गिरा दिया। अपुन समझ गया कि अब चुदाई का खेल शुरू होने वाला है। इस बात ने अपुन के अंदर मजे का रोमांच भरना शुरू कर दिया लौड़ा।

साधना झट से बेड पर चढ़ी और सीधा अपुन के ऊपर ही आ गई। उसके बाद झुक कर उसने एकदम से अपुन के होठों को चूमना चूसना शुरू कर दिया।

साधना ─ आज तुम्हारे होठों को खा जाऊंगी बाबू।

कहते हुए साधना ने फिर से अपुन के होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। वो एकदम से ही जोश में आ गईली थी। अपुन ने भी उसे कस लिया और अब अपुन भी उसके होठों पर टूट पड़ा।

जल्दी ही अपन लोग के अंदर हवस का तूफ़ान गर्मा गया लौड़ा। साधना के बिना ब्रा के मम्मे अपुन के सीने में स्पष्ट चुभ रेले थे। उसके निप्पल एकदम टाइट हो गएले थे। ऊपर से वो अपनी कमर को बड़े जोश के साथ अपुन के खड़े हो गए लन्ड पर रगड़ने लग गईली थी लौड़ी।

अपुन ने एक हाथ बीच में डाल कर उसके एक मम्मे को पकड़ लिया और फिर जोर जोर से मसलने लगा। अपुन की इस हरकत से साधना बुरी तरह मचलने लगी। उसकी सिसकियां अपुन के मुंह में ही फना होने लगीं। सच में उसके मम्मे गजब के थे। अपुन का मन भी नहीं भरता था उन्हें मसलने से।

साधना ─ ओह! धीरे दबाओ बाबू शश्श्श्श दर्द होता है।

अपुन ─ तुम्हारे ये दूध सच में बहुत कमाल के हैं साधना। इनका दूध पिलाओ न अपुन को।

साधना ─ पर इनमें से दूध कहां निकलता है जान शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ फिर कैसे निकलेगा?

पूछने के साथ ही अपुन ने उसके दूसरे मम्मे को पकड़ कर जोर से मसल दिया जिससे उसकी दर्द भरी आह निकल गई। फिर मचलते हुए बोली।

साधना ─ तुम मुझे अपने बच्चे की मां बना दो तो निकलने लगेगा बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् थोड़ा धीरे द...बाओ न जाननन।

अपुन ─ तो क्या तुम बिना शादी के ही अपुन के बच्चे की मां बनना चाहती हो?

साधना ─ न...नहीं बाबू शश्श्श्श अगर ऐसे मां बन गई तो कयामत आ जाएगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह्।

अपुन ─ क्यों??

साधना ─ समझो बाबू शश्श्श्श सब मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ उछालने लगेंगे आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श। इस लिए तुम पहले मुझसे शादी करना और फिर मुझे अपने बच्चे की मां बना देना।

अपुन का लन्ड बेटीचोद बुरी तरह अकड़ गयला था। साधना पूरे जोश में अपनी चूत को अपुन के लन्ड पर रगड़ रेली थी। अब वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। इधर अपुन लगातार उसके मम्मों को मसले जा रेला था। दूसरी तरफ कभी उसके कानों को जीभ से लपलपा देता तो कभी उसके गले को जिससे वो मचल उठती थी।

अपुन ─ ये कुर्ता उतार दो न यार। अपुन को तुम्हारे ये सुंदर सुंदर दूध पीना है।

साधना ─ ओह! बाबू क्या सच में तुम्हें मेरे ये बूब्स इतने सुंदर लगते हैं?

अपुन ─ हां यार, तुमसे भी ज्यादा सुंदर हैं ये। चलो अब अपना कुर्ता उतार दो जल्दी।

साधना ─ तुम ही उतार दो न बाबू।

अपुन ने सोचा ये लौड़ी ऐसे ही समय बर्बाद करवाएगी इस लिए झट से अपुन ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।

अब वो पूरी तरह नंगी थी अपुन के सामने। एकदम गोरी चिकनी थी लौड़ी। अपुन देखता ही रह गया उसे। ये देख उसे थोड़ी शर्म आई तो उसने झट से अपने हाथों की कैंची बना कर अपनी चूचियों को ढंक लिया।

अपुन ने उसे पकड़ कर एकदम से बेड पर लिटा दिया और फिर उसके ऊपर आ कर सीधा उसके एक निप्पल को मुंह में भर लिया। दूसरे को एक हाथ से मसलते हुए अपुन उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगा जिससे साधना एक ही पल में मदहोश हो कर मचलने लगी। उसने अपुन के सिर को पकड़ कर जोर जोर से अपने उस निप्पल पर दबाना शुरू कर दिया।

अपुन ─ ओह! साधना, यार सच में तुम्हारे दूध का टेस्ट बहुत गजब का है। काश! इसमें से दूध भी निकलता तो कितना मजा आता।

साधना ─ शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् बोल तो रही हूं बाबू कि मुझसे शादी कर के अपने बच्चे की मां बना दो। फिर जी भर के पी लेना मेरा दूध। उफ्फ शश्श्श्श बाबू और जोर से चूसो न। हाय कितना मजा आ रहा है।

साधना सच में पागल हो रेली थी। नीचे से कमर उठा उठा कर अपुन के लन्ड पर झटका दे रेली थी। अपुन से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रेला था इस लिए फौरन ही अपुन ने अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो कर उसके ऊपर झुक गया। अपुन के पूरी तरह भन्नाए हुए लन्ड ने जैसे ही साधना की नंगी चूत पर दस्तक दी तो उसके जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। अगले ही पल उसने अपना हाथ नीचे कर के उसे पकड़ लिया।

साधना ─ शश्श्श्श बाबू अपने इस मूसल लन्ड को जल्दी से मेरी चूत में डाल दो न।

अपुन ─ पहले इसे मुंह में ले कर गीला करो डियर।

साधना ये सुनते ही उठ गई और अपुन को नीचे लिटा कर सीधा लन्ड को पकड़ लिया और मदहोशी से देखते हुए पहले तो उसे सहलाया और फिर झुक कर उसे चूमने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू तुम्हारा ये लन्ड तो सच में बहुत बड़ा है लेकिन ये अच्छा ही है। क्योंकि जब ये मेरी चूत में जाता है तो बहुत मजा आता है।

अपुन ─ टाईम बर्बाद मत करो डियर। जल्दी से मुंह में ले कर इसे गीला करो और फिर बैठ जाओ इस पर।

साधना ने ऐसा ही किया। वो लन्ड को देख कर बहुत ज्यादा गर्म और मदहोश हो चुकी थी लौड़ी। उसने झट से उसे मुंह में लिया और किसी रण्डी की तरह चूसने लगी। अपुन तो बेटीचोद एक ही पल में मजे की दुनिया में पहुंच गया लौड़ा।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही चूसो मेरी जान। अब तुम अच्छे से लन्ड चूसने लगी हो।

साधना अपनी तारीफ सुन और भी जोश के साथ लन्ड को चूसने लगी। कुछ ही देर में अपुन की नशों में दौड़ता लहू उबाल मारने लगा लौड़ा। उधर साधना उसे आधे से ज्यादा मुंह में भर के चूस रेली थी।

अपुन ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श अब बस करो यार। इतना जोर से चूसोगी तो तुम्हारे मुंह में ही झड़ जाएगा अपुन।

साधना ─ नहीं बाबू। पहले इससे मेरी चुदाई करो, उसके बाद मेरे मुंह में झड़ जाना।

कहने के साथ ही साधना उठी और अपुन के दोनों तरफ अपने पैरों को बेड पर जमा कर अपनी गांड़ को नीचे झुकाते हुए लन्ड को अपनी चूत पर सेट किया और फिर एक हाथ से पकड़े लन्ड पर एक ही झटके में अपनी गाड़ को धर दिया। अगले ही पल अपन दोनों के मुंह से मजे में डूबी दर्द मिश्रित आह निकल गई। उसके गांड़ धरते ही अपुन का लंड जड़ तक उसकी चूत में समा गयला था।

साधना ─ उफ्फ बाबू, तुम्हारा लन्ड तो मेरी नाभि में फील हो रहा है। शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हाय कितना अच्छा लग रहा है शश्श्श्श।

साधना ये बोलने के साथ ही अपनी गांड़ को अपुन के लन्ड पर उठा उठा कर पटकने लगी। अपुन तो पलक झपकते ही मजे के सातवें असमान में पहुंच गया लौड़ा। दोनों हाथ बढ़ा कर अपुन ने उसके उछलते मम्मों को पकड़ लिए और जोर जोर से उन्हें मसलने लगा।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू बहुत मजा आ रहा है। लगता है इस मजे में पागल हो जाऊंगी शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् मैं।

अपुन ─ और जोर जोर से अपनी गांड़ को पटको डियर।

असल में अपुन को भी बहुत मज़ा आ रेला था और अपुन का बहुत मन कर रेला था कि अपुन फुल स्पीड में नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर उसकी चूत में अपना लन्ड पेले।

साधना से जितना हो सकता था उतना जोर लगा लगा कर अपनी गांड़ को पटक रेली थी। उसकी आहें, उसकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रेली थीं। दूसरी तरफ अपुन बेदर्दी से उसके मम्मे मसले जा रेला था जिससे वो दर्द से चीख भी पड़ती। बोले तो बड़ा ही भयंकर मजे में थे अपन दोनों।

थोड़ी देर बाद साधना का अपनी गांड़ पटकना धीमा होने लगा। शायद वो थक गईली थी। मजा कम होते देख अपुन ने झट से उसे अपने ऊपर से उतारा और फिर उसे लिटा कर अपुन उसकी टांगों के बीच आया। दोनों हाथों से उसकी टांगों को फैला कर अपुन ने उसकी चूत पर अपने लन्ड को सेट किया और फिर पूरी ताकत से धक्का दे कर एक ही बार में पूरा लन्ड उसकी चूत के अंदर पेल दिया।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू जान ले लोगे क्या मेरी? शश्श्श्श धीरे से डालो न। उफ्फ शश्श्श्श ऐसा लगता है लोहे का गर्म सरिया डाल दिया है तुमने मेरी नाजुक सी चूत में।

अपुन ─ अब यही लोहे का सरिया तुम्हारी जबरदस्त चुदाई करेगा मेरी जान। आज तुम्हें ऐसा चोदेगा कि तुम्हारी चूत का भोसड़ा ही बना देगा अपुन।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् बना दो बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् हां ऐसे ही जान। क्या मस्त चोदते हो आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श ऐसे ही मुझे रोज चोदना बाबू।

अपुन पूरे जोश में धक्के लगाए जा रेला था और नीचे लेटी साधना पागल सी हो कर मजे से चीखे जा रेली थी। उसके उछलते मम्मे अपुन को आकर्षित कर रेले थे लेकिन अपुन को इतना मजा आ रेला था कि अपुन बिना रुके स्पीड में धक्के लगाए जा रेला था।

कुछ ही देर में साधना एकदम से ऐंठ गई और झटके खाते हुए भरभरा कर झड़ने लगी। झड़ते वक्त वो और ज्यादा पगला गईली थी लौड़ी। उसके गर्म गाढ़े पानी से अपुन का लन्ड पूरी तरह सराबोर हो गयला था जिससे धक्कों के साथ पुच्च पुच्च की आवाज आने लग गईली थी।

साधना झड़ने के बाद थोड़ा ढीली पड़ गईली थी लेकिन अपुन उसकी टांगें पकड़े लगा रहा बेटीचोद। थोड़ी ही देर में साधना फिर से रंग में आने लगी।

साधना ─ ओह! बाबू शश्श्श्श आह्ह्ह्ह् और जोर से चोदो मुझे। आज ऐसा चोदो कि मेरी चूत की सारी तड़प मिट जाए।

अपुन ने एक झटके से लन्ड बाहर खींच लिया और साधना को घोड़ी बनने को कहा। वो किसी तरह उठी और पलट कर घोड़ी बन गई। उसकी सुंदर गोरी चिकनी गांड़ अपुन के सामने उभर कर दिखने लगी। अपुन को पोर्न मूवी का सीन याद आ गया तो अपुन ने जोर से एक थप्पड़ उसकी गांड़ के एक पार्ट पर मारा जिससे साधना बुरी तरह उछल कर चीख पड़ी।


साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू क्या कर रहे हो?

अपुन ─ तुम्हारी सेक्सी गान्ड को प्यार कर रेला है अपुन। क्या गजब की गांड़ है यार तुम्हारी। मन करता है अपुन ये लन्ड तुम्हारी इस गांड़ में ही डाल दे।

साधना ये सुन कर कांप गई। झट से पलट कर बोली।

साधना ─ नहीं न बाबू। तुम्हारा लन्ड लन्ड नहीं है बल्कि मूसल है। इससे तो मेरी गांड़ बुरी तरह फट जाएगी।

अपुन भी ये बात जानता था इस लिए इस वक्त अपुन का इरादा उसकी गांड़ चोदने का बिलकुल भी नहीं था। खैर अपुन ने लन्ड को पीछे से उसकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया लौड़ा। साधना बुरी तरह कराह उठी।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श बाबू धीरे से डाला करो न। तुम तो मेरी जान ही निकाल देते हो।

अपुन ─ तभी तो चुदाई करने में मजा आता है डियर।

कहने के साथ ही अपुन उसकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा। एक बार फिर से कमरे में साधना की आहें और सिसकियां गूंजने लगीं और साथ ही धक्कों की आवाजें भी।

कुछ ही देर में अपुन को ऐसा लगने लगा जैसे अपुन की नशों में दौड़ता खून फुल स्पीड में अपुन के गोटों की तरफ आ रेला है। मजे की इंतहां में अपुन और जोर जोर से धक्के लगाने लगा लौड़ा।

साधना बुरी तरह मचल रेली थी। पागल सी हो कर कभी चीख पड़ती तो कभी सिर को बेड पर गिरा कर आहें भरने लगती। तभी वो फिर से झड़ने लगी।

अपुन ─ ओह! आह्ह्ह्ह् साधना अपुन झड़ने वाला है यार।

साधना ─ आह्ह्ह्ह् शश्श्श्श मेरी चूत में मत झड़ना बाबू।

साधना झड़ने के बाद किसी तरह बोली तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ तो फिर जल्दी से उठ कर मुंह खोलो अपना।

कहने के साथ ही अपुन ने एक ही झटके में उसकी चूत से लन्ड निहाल लिया। इस वक्त अपुन अपने चरम पर था। इधर जैसे ही लन्ड निकला साधना झट से पलट गई और घुटनों पर बैठ कर अपना मुंह खोल लिया।

अपुन जल्दी से खड़ा हुआ और थोड़ा झुके हुए तेज तेज मुठ मारने लगा। एक मिनिट से पहले ही अपुन की टांगें कांपने लगीं लौड़ा। मजे से बुरा हाल हो गया और फिर अपुन के लन्ड ने साधना के मुंह में उल्टी करना शुरू कर दिया।

एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां उसके मुंह में समाने लगीं। कुछ साधना के मुंह के अंदर गईं तो कुछ उसके चेहरे पर जिससे साधना लौड़ी ने अजीब सा मुंह बना कर अपनी आँखें बंद कर ली।

झड़ने के बाद अपुन असहाय सा बेड पर पसर गया लौड़ा। उसके बाद अपुन को नहीं पता कि साधना ने अपने मुंह में भरे अपुन के वीर्य का क्या किया? थोड़ी देर में जब अपुन ने आँखें खोल कर देखा तो साधना को बाथरूम से निकलते पाया।

वो पूरी तरह नंगी थी। बाथरूम से शायद खुद को साफ कर के आ रेली थी वो। अपुन के पास आ कर वो अपुन से किसी बेल लता की तरह लिपट गई।

साधना ─ आई लव यू सो मच बाबू। तुमने सच में मुझे अंदर तक तृप्त कर दिया है। मैं अभी भी उसी मजे के एहसास को फील कर रही हूं।

अपुन अब क्योंकि होश में आ गयला था इस लिए अब यही सोच रेला था कि जितना जल्दी हो सके यहां से निकल लिया जाए।

अपुन ─ अपुन को भी बहुत मजा आया मेरी जान लेकिन अब अपुन को जाना होगा। कुछ देर में अमित और तुम्हारी मम्मी के आने का वक्त भी हो जाएगा।

साधना ─ ओह! हां बाबू। उनके आने के बाद तो हम इस तरह एक दूसरे से मिल भी नहीं पाएंगे। काश! ऐसा हो कि ये वक्त यहीं पर रुक जाए।

अपुन ─ टाईम कभी नहीं रुक सकता यार। अपन लोग को ही उसके साथ आगे बढ़ना होता है।

कहने के साथ ही अपुन उठा और अपने कपड़े पहनने लगा। साधना को भी सिचुएशन का एहसास था इस लिए वो भी उठी और कपड़े पहनने लगी।

अपुन कपड़े पहन कर जाने के लिए रेडी हो गयला था और अब साधना को कपड़े पहनते देख रेला था। सबसे पहले उसने अपनी ब्लैक कलर की ब्रा पहनी फिर उसके ऊपर कुर्ता पहनने लगी तो अपुन झट से आगे बढ़ा और उसे दबोच लिया।

असल में अपुन का मन फिर से उसके साथ मजा करने का होने लग गयला था। हालांकि अपुन जानता था कि अब फिर से सेक्स करने का माकूल वक्त नहीं रह गयला था लेकिन अपुन ने ये सोच कर उसे दबोचा कि थोड़ा ऊपर से ही उससे मजा ले लिया जाए। बाद में क्या पता कब ऐसा मौका मिले?

साधना ─ ओह! बाबू क्या कर रहे हो? क्या अभी मन नहीं भरा?

अपुन ─ तुम चीज ही ऐसी हो मेरी जान कि तुमसे मन नहीं भर सकता। खैर एक बार अपने मम्मे का दूध तो पिला दो।

कहने के साथ ही अपुन ने खुद ही उसकी ब्रा का एक कप ऊपर कर दिया जिससे उसका एक मम्मा उछल कर बाहर आ गया। वाह! गोरे चिकने मम्मे को देखते ही अपुन का लन्ड सिर उठाने लग गया लौंडा। अपुन ने झुक कर झट से उसके निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। अपुन के ऐसा करते ही साधना मचल उठी और उसके मुंह से सिसकी निकल गई।

साधना ─ मत करो बाबू वरना मैं फिर मुझसे भी रहा नहीं जाएगा और मेरी चूत तुम्हारा लन्ड अपने अंदर लेने के लिए तड़पने लगेगी।

अपुन ने एक हाथ नीचे सरका कर उसकी नंगी चूत को मसल दिया जिससे साधना बुरी तरह चिंहुक उठी।

साधना ─ नहीं न बाबू। प्लीज न करो।

अपुन ने झट से उसकी चूत पर से हाथ हटा लिया और उसके मम्मे को भी चूसते हुए मसल कर छोड़ दिया। साधना इतने में ही मस्तिया गईली थी लौड़ी। उसकी आंखों में वासना के लाल डोरे तैरते दिखने लगे थे।

खैर अपुन ने जब उसे छोड़ दिया तो उसने अपुन को मदहोशी से देखते हुए ही अपनी ब्रा को सही किया और फिर कुर्ते को उठा कर पहनने लगी। फिर उसने नीचे अपनी पैंटी पहनी और फिर सलवार।

उसके बाद अपन दोनों ही रूम से निकले और घर के मुख्य दरवाजे के पास आ गए। साधना का चेहरा थोड़ा उदास हो गयला था। शायद इस लिए कि अब अपन दोनों के बिछड़ने का वक्त आ गयला था।

दरवाजे पर उसने अपुन को कस कर गले लगा लिया और फिर एंडी उठा कर अपुन के होठों को चूमा। अपुन ने भी आखिरी बार उसके होठों को चूमा चूसा और उसके बूब्स मसले। उसके बाद दरवाजा खोल कर उसे बाय बोल के निकल लिया।

~~~~~~

बाइक के पास पहुंच कर अपुन ने सबसे पहले मोबाइल निकाल कर उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाला और फिर बाइक स्टार्ट कर के घर की तरफ चल पड़ा लौड़ा।

रास्ते में अपुन सोच रेला था कि अब जब साधना को अपने मोबाइल द्वारा ये पता चलेगा कि उसका एटम बम ही नहीं बल्कि अपन दोनों की सारी चैटिंग भी गायब है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन ही गायब हो जाएगी लौड़ा।

बोले तो जबरदस्त झटका लगेगा लौड़ी को। कुछ देर तो उसे समझ ही नहीं आएगा कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन फिर जब उसके दिमाग की बत्ती जलेगी और जब वो सोचेगी तब जरूर उसे समझ आ जाएगा कि ये सब अपुन की वजह से ही हुआ होगा बेटीचोद।

उसके बाद साधना की हालत कैसी हो जाएगी इसका अंदाजा अपुन बखूबी लगा सकता है। देर से ही सही लेकिन वो ये भी समझ जाएगी कि अपुन को शायद उसकी असलियत पता चल गईली थी और इसी लिए अपुन ने उसके मोबाइल से उसका एटम बम ही नहीं बल्कि सारी चैट भी उड़ा दी है। खैर फिर वो अपुन को मैसेज या कॉल करेगी लेकिन अपुन उसका कॉल नहीं उठा सकेगा क्योंकि नंबर ब्लॉक कर देने की वजह से अपुन के पास उसका कॉल आएगा ही नहीं लौड़ा।

यही सब सोचते हुए अपुन खुश हो रेला था और बाइक चला रेला था। बोले तो साधना को चोदने से कहीं ज्यादा अपुन को उसका एटम बम वगैरा गायब कर देने से खुशी हो रेली थी।

कुछ ही समय में अपुन घर पहुंच गया। सीमा ने दरवाजा खोला तो अपुन ने एक भरपूर नजर उसके सांवले जिस्म पर डाली जिस पर वो बस हल्के से मुस्कुराई। वो ऐसे ही हल्के से मुस्कुरा देती थी क्योंकि वो ये समझ चुकी थी कि देखने के सिवा अपुन और कुछ कर ही नहीं सकता।

मगर उस लौड़ी को ये भनक तक नहीं थी कि अब हालात बदल चुके थे। अब अपुन पहले वाला विराट नहीं रह गयला था बल्कि अब अपुन को औरत के जिस्म का स्वाद पता चल गयला था और अब अपुन हर औरत या लड़की के जिस्म को देखने के साथ साथ उसे अपने नीचे लिटाने का भी करतब करने लग गयला था।

खैर इस वक्त अपुन ने सीमा के जिस्म को सिर्फ देखा ही और फिर अंदर दाखिल हो गया। अंदर ड्राइंग रूम में दिव्या अपुन को टीवी देखते हुए दिख गई। अपुन को देखते ही उसका चेहरा खिल उठा। इधर सीमा किचेन की तरफ चली गईली थी।

दिव्या ─ आप कॉलेज से कहां चले गए थे भैया?

अपुन सोफे पर उसके बगल से बैठ गया तो वो खिसक कर अपुन से चिपक गई। साइड से उसका एक बूब अपुन की बाजू में पूरी तरह छूने लगा जिससे सीधा अपुन के लन्ड में करेंट लगा।

अपुन ─ अरे! एक जरूरी काम था इस लिए चला गया था अपुन। तू बता विधी के साथ घर आने में तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?

दिव्या ─ कोई प्रॉब्लम नहीं हुई भैया बल्कि आज तो दी के साथ आने में मजा ही आया।

अपुन (हैरानी से) ─ अच्छा, वो कैसे?

दिव्या ─ एक्चुअली, विधी दी आज बहुत खुश थीं तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी स्कूटी चलाना सीख लूं।

अपुन ─ वाह! क्या बात है।

दिव्या ─ और पता है, उन्होंने मुझे थोड़ा बहुत स्कूटी चलाना सिखाया भी।

अपुन ─ अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात हुई। तो अब तुझे भी स्कूटी चलाना आने लगा?

दिव्या ─ अभी कहां भैया। अभी तो बस थोड़ा सा ही चलाया है मैंने। दी कह रहीं थी कि एक दो दिन में मैं अच्छे से सीख जाऊंगी।

अपुन ─ ओह! फिर तो अच्छी बात है। अच्छा अब अपुन रूम में जा कर थोड़ा चेंज कर लेता है।

दिव्या ─ ठीक है भैया, और हां मैं भी अपनी बुक ले कर आती हूं आपके रूम में। आपने कल बोला था न कि फिजिक्स का वो चैप्टर मुझे बताएंगे आप।

अपुन ─ ओह! हां। चल ठीक है आ जाना थोड़ी देर में और हां चाय भी ले आना।

दिव्या ने खुशी से सिर हिला दिया तो अपुन उठ कर सीढ़ियों की तरफ बढ़ चला। कुछ ही देर में अपुन अपने रूम में पहुंच गया। अपुन ने साधना के साथ सेक्स किया था इस लिए बदन से थोड़ी अजीब सी स्मेल आ रेली थी। अपुन ने सोचा कि नहा लिया जाए जिससे ये स्मेल दूर हो जाए। इस लिए कपड़े उतार कर अपुन बाथरूम में घुस गया।

करीब पंद्रह मिनट बाद जब अपुन तौलिया लपेटे बाथरूम से निकला तो देखा दिव्या अपुन के बेड में किनारे साइड बैठी थी। अपुन को सिर्फ तौलिए में देखते ही वो हल्के से मुस्कुराई और थोड़ा शरमाई भी लेकिन खामोशी से बैठी रही।

अपुन पहले भी इस तरह उसके सामने सिर्फ तौलिए में रहा था इस लिए कोई बड़ी बात नहीं थी ये। खैर अपुन ने उसके सामने ही अंडरवियर पहना और फिर हॉफ लोवर के साथ बदन में एक टी शर्ट भी डाल लिया।

अपुन ─ चाय नहीं लाई क्या?

दिव्या ─ विधी दी ने कहा कि वो ही ले कर आएंगी तो मुझे सिर्फ अपनी बुक ले कर ही आपके रूम में आना पड़ा।

अपुन ─ ओह! कोई बात नहीं। चल बता कौन सा चैप्टर तुझे समझ नहीं आयला था?

अपुन के पूछने पर वो बेड पर अच्छे से बैठ गई और फिर अपनी बुक के पेजेस पलटने लगी। अपुन भी बेड पर उसके सामने बैठ गया। कुछ ही पलों में उसने एक पेज पर उंगली रख के अपुन को बताया कि उसे ये चैप्टर समझ में नहीं आयला था।

अपुन पूरे मन से उसे उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। अभी अपुन उसे समझा ही रेला था कि तभी विधी ट्रे में अपन लोग के लिए चाय ले कर आ गई। अपुन के रूम में दिव्या को पढ़ाई करते देख उसका खुशी से चमकता चेहरा एकदम से मुरझा सा गया लेकिन फिर उसने जल्दी ही खुद को नॉर्मल कर लिया।

विधी ─ ये ले भाई पहले चाय पी। दिव्या तू भी पकड़ अपना कप।

अपुन ने ट्रे से एक कप उठा लिया। अपुन के साथ ही दिव्या ने भी एक कप उठा लिया। आखिरी कप विधी ले कर बेड में ही एक तरफ बैठ गई। वो क्योंकि दिव्या के थोड़ा पीछे बैठ गईली थी इस लिए उसने अपुन को इशारा किया। अपुन समझ गया कि इस वक्त वो अपुन के साथ अकेले रहना चाहती थी लेकिन इस वक्त क्योंकि ये संभव नहीं था इस लिए अपुन ने उसे इशारे से ही समझा दिया कि बाद में।

खैर अपुन ने चाय पीने के साथ ही दिव्या को फिर से उस चैप्टर के बारे में समझाना शुरू कर दिया। दिव्या पूरा ध्यान लगा कर अपुन की एक एक बात समझने की कोशिश कर रेली थी। थोड़ी ही देर में जब अपन लोग की चाय खत्म हो गई तो विधी ने खाली कप ट्रे में रखे और अपुन को इशारा कर के रूम से निकल गई।

अपुन काफी देर तक दिव्या को उस चैप्टर के बारे में समझाता रहा। इसके अलावा उसके पूछने पर एक दो चैप्टर और भी समझाया उसे। फिर अपुन ने उससे कहा कि अब अपुन भी अपनी पढ़ाई करेगा इस लिए वो जाए।

दिव्या ─ अच्छा भैया, वो न विधी दी ने रास्ते में मुझे बताया कि आपने एक दूसरे को किस किया था। आई मीन चिक पर।

अपुन ये सुन कर अंदर ही अंदर झटका खा गया बेटीचोद। ये सोच कर भी अपुन को गुस्सा आया कि अपुन ने विधी समझाया भी था कि वो इस बारे में कभी किसी से कुछ न बताए लेकिन उसने इसके बाद भी दिव्या को ये बता दिया। हालांकि उसने चिक पर किस करने की बात बताई थी जबकि अपन दोनों ने तो काफी अच्छे तरीके से एक दूसरे के होठों को चूमा चूसा था।

अपुन सोचने लगा कि विधी ने जरूर मजबूर हो कर ही दिव्या को सिर्फ ये बताया है वरना वो इतनी भी नासमझ या भोली नहीं है कि अपन लोग के बीच की इतनी बड़ी बात दिव्या को बता दे। खैर अपुन ने खुद को सम्हाला और दिव्या से कहा।

अपुन ─ हां तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? इतना तो चलता है।

दिव्या ─ तो भैया मेरे चिक पर भी किस कीजिए न।

अपुन ने हैरानी से उसे देखा। वो मासूम सी शक्ल बनाए और खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन को देखे जा रेली थी। चेहरे पर थोड़े शर्म के भाव भी थे लेकिन शायद उसने फैसला कर लिया था कि वो अपने चिक पर अपुन से किस जरूर करवाएगी। अपुन ने भी सोचा कि इतना तो चलता हैं। वैसे भी जब वो खुद ही बोल रेली थी तो अपुन ने भी सोचा कि कर ही देता है अपुन।

अपुन ─ अच्छा ठीक है, इधर आ अपुन के पास।

वो होठों पर मुस्कान सजाए और साथ ही थोड़ा शर्माते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। बात तो सिर्फ गाल पर किस करने की ही थी लेकिन जाने क्यों किस करने की बात सोच कर ही अपुन की धड़कनें तेज हो गईली थीं बेटीचोद। आंखों के सामने बार बार साधना, उसके होठ और उसके गोरे गोरे बूब्स दिख जा रेले थे।

दिव्या अपुन के एकदम पास आ गईली थी। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन ने गौर किया कि उसका चेहरा कितना खूबसूरत था और कितना मासूम भी। बोले तो सांचे में ढली हुई कोई मूर्ति लग रेली थी वो। खूबसूरत चेहरा थोड़ी शर्म की वजह से हल्का सुर्ख हो गयला था। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ मुस्कान से भले ही हल्का फैले हुए थे लेकिन हल्का हल्का कांप रेले थे।

ये सब देख अपुन का गला पल में ही सूख सा गया लौड़ा। अभी कुछ देर पहले अपुन नहा के आयला था लेकिन अचानक ही अपुन को गर्मी फील होने लग गईली थी।

दिव्या ─ क्या हुआ भैया, कहां खो गए आप? किस कीजिए न।

दिव्या की आवाज सुन कर अपुन अचानक से होश में आया और थोड़ा हड़बड़ा सा गया। एक ही पल में धड़कनें धाड़ धाड़ कर के बजने लग गईली थीं बेटीचोद। मन में खयाल उभरा कि ये अचानक से अपुन को क्या हो गयला है लौड़ा? खैर खुद को सम्हाल कर अपुन ने उससे मुस्कुरा कर कहा।

अपुन ─ अच्छा बता कि तेरे कौन से चिक पर किस करे अपुन? बोले तो लेफ्ट चिक पर या राइट चिक पर?

दिव्या अपुन की बात सुन कर शर्माते हुए हंस पड़ी। फिर अपने राइट हैंड की एक उंगली अपने राइट चिक पर रख कर बोली।

दिव्या ─ इस वाले चिक पर कीजिए भैया।

उफ्फ, गोरे गोरे और फूले फूले गाल को देखते ही अपुन का जी मचल उठा। मन किया कि लपक कर उसके फूले हुए गाल को मुंह में भर कर जोर से काट ले अपुन लेकिन फिर जल्दी ही अपुन ने अपनी इस इच्छा का गला घोंटा।

उसके बाद आगे बढ़ कर हल्के से मगर धड़कते दिल के साथ उसके राइट चिक पर हौले से किस कर दिया और फिर जल्दी ही पीछे हो गया लौड़ा। अपुन हैरान था कि इतने में ही अपुन की हालत खराब हो चली थी बेटीचोद। उधर किस कर के जैसे ही अपुन पीछे हुआ तो दिव्या ने मुस्कुराते हुए शर्म से सुर्ख पड़े चेहरे के साथ अपुन को देखा और फिर बोली।

दिव्या ─ अब मैं भी आपके चिक पर किस करूंगी।

अपुन ─ ठीक है, जल्दी कर ले। फिर अपुन को पढ़ना भी है।

असल में अपुन का मन बुरी तरह विचलित हो रेला था। बस एक ही खयाल अपुन को झकझोर रेला था कि झपट कर दिव्या को दबोच ले और चिक की जगह उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

बोले तो अपुन का दिमाग बुरी तरह खराब होने लग गयला था। दिव्या अब अपुन को चचेरी बहन नहीं बल्कि एक ऐसी लड़की दिखने लग गईली थी जिसके साथ साधना की तरह मजा करने का अपुन का मन हो रेला था। अपुन बड़ी मुश्किल से अपने विचलित मन को रोके हुए था। अपुन को डर लगने लग गयला था कि कहीं अपुन होश खो कर उसके साथ कोई अनर्थ न कर बैठे बेटीचोद।

उधर अपुन की बात सुन कर दिव्या मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ बढ़ी तो एकदम से अपुन की नज़र उसके टी शर्ट के डीप गले में पड़ गई लौड़ा जहां पर अपुन को उसके गोरे गोरे गोल गुब्बारे आधे से ज्यादा दिखने लग गएले थे।

एक तो वैसे ही अपुन की हालत खराब हो रेली थी ऊपर से उसके बूब्स देख अपुन का और भी दिमाग खराब हो गया बेटीचोद। पलक झपकते ही पूरे जिस्म में झुरझुरी दौड़ गई। यहां तक कि वो झुरझुरी दौड़ते हुए अपुन के लन्ड को जैसे हिट कर गई। अपुन का लन्ड भी बेटीचोद उसके हिट कर देने से फौरन ही टनटना गया।

तभी अपुन के जिस्म में एक झटका सा लगा जब दिव्या ने अपने नाजुक होठों से अपुन के लेफ्ट गाल पर हल्के से किस किया। उसकी गर्म सांसें अपनी कनपटी के आस पास फील करते ही अपुन का पूरा जिस्म अजीब से एहसास के चलते रोमांचित हो उठा। बड़ी मुश्किल से अपुन ने उस एहसास से खुद को निकाला। शुक्र था कि किस करने के बाद ही दिव्या पीछे हट गईली थी। इधर अपुन ने राहत की सांस ली और झट से अपने माथे पर उभर आए पसीने को अपने टी शर्ट के निचले छोर को उठा कर पोंछा।

अपुन ─ चल हो गया न। अब तू जा, अपुन को भी अब पढ़ने का है।

अपुन चाहता था कि दिव्या अब जाए रूम से। अपुन ये सोच के भी हैरान हो रेला था कि बेटीचोद साधना को चोदने में अपुन की इतनी खराब हालत नहीं हुई थी जितना दिव्या के साथ सिर्फ इतना करने में हो गईली है। समझ में नहीं आ रेला था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लौड़ा?

खैर दिव्या खुशी से मुस्कुराते हुए तथा अपनी बुक ले कर रूम से चली गई। जैसे ही उसने बाहर निकल कर रूम का दरवाजा बंद कर दिया तो अपुन बेड पर धम्म से गिर गया और गहरी गहरी सांसें लेने लग गया लौड़ा।

कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


To be continued....
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park

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उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।



अब आगे....


अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।

क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।

अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।

अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।

खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।

अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।

मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।

अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।

साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।

खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।

अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।

शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।

शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।

इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।

उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।

शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।

लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।

~~~~~~

घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।

अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।

अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।

मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।

अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।

मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।

अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।

डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।

मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?

कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।

खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।

अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।

दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?

अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।

दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।

दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?

अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?

पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।

अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।

दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?

अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।

अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।

दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग ग‌एले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।

दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?

अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?

दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।

अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।

दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?

अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।

अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।

किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।

दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।

खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।

अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।

अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?

दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।

अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?

दिव्या ─ हम्म्म।

अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?

अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?

दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?

अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?

दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?

अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।

दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।

अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।

अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?

दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।

अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?

दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।

वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।

अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।

दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।

अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?

दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।

अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।

अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।

उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।

चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।

अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।

अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।

अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।

उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।

पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।

अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।

वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।

दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?

अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।

दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।

दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।

अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।

दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?

अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?

दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।

अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।

दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??

अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।

दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?

अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?

दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।

दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?

अपुन ─ हां किया है।

दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?

अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।

दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।

दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?

अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।

दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??

अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।

दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?

अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।

दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?

अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना‌ ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।

दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग ग‌ईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।


To be continued....
Nice and superb update....
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update ~ 20




कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


अब आगे....


अपुन ने कभी नहीं सोचा था कि अपुन की लाइफ में इस तरह का चेंज आएगा। चेंज तो चलो आता ही रहता है लौड़ा लेकिन ऐसा शायद ही होता है कि कोई अपने ही घर की लड़कियों या बहनों के बारे में ऐसा सोचने लगे। अपुन को नहीं पता कि दुनिया में अपुन के अलावा और भी कोई इस तरह का होगा लेकिन अपुन तो अब ऐसा ही हो गयला था।

बेड पर आँखें बंद किए अपुन यही सोच रेला था कि साधना का तो समझ में आता है लौड़ा कि वो बाहर की लड़की है। बोले तो उससे अपुन का कोई खून का रिश्ता नहीं है पर बेटीचोद साक्षी दी, विधी और दिव्या से तो अपुन का खून का रिश्ता है। फिर क्यों अपुन के मन में इन तीनों को ले कर इस तरह के खयाल आ रेले हैं?

थोड़ी देर पहले दिव्या के साथ जो अपुन ने फील किया और जो आगे भी चाह रेला था वो क्यों चाह रेला था? अपुन ये क्यों नहीं सोच रेला था कि वो अपुन की चचेरी बहन है तो अपुन को उसके बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए? दिव्या तो चलो चचेरी बहन है लेकिन विधी तो अपुन की सगी जुड़वां बहन है और उसके साथ अपुन पिछली रात कितना कुछ कर गयला था? बात अगर डर की न होती तो शायद अपुन उसको चोद भी देता बेटीचोद।

कहने का मतलब ये है कि अपुन अपनी ही सगी बहन के साथ ऐसा करने का सोच भी कैसे सकता है? क्यों अपुन के अंदर इस गुनाह के लिए ग्लानि पैदा नहीं हो रेली है? हालांकि थोड़ा बहुत होती तो है लेकिन उस थोड़ी बहुत के चलते कहां अपुन उनके बारे में गलत सोचने से बाज आ रेला है?

कुछ दिन पहले तक अपुन के मन में ऐसा कुछ भी नहीं था लौड़ा। बोले तो बहनों के बूब्स और उनकी गांड़ के उभारों पर नजर पड़ जाना अलग बात थी लेकिन इससे अपुन के मन में गलत फीलिंग्स नहीं आती थीं पर अब तो भर भर के फीलिंग्स आ रेली थीं बेटीचोद। अपुन को समझ नहीं आ रेला था कि इन दो चार दिनों में अपुन के अंदर इतना भयंकर चेंज कैसे आ गयला है?

साक्षी दी को अपुन शुरू से ही बहुत पसंद करता था लेकिन सिर्फ इस लिए कि एक तो वो बहुत खूबसूरत थीं दूसरे एक बहन होने के नाते वो अपुन को बहुत प्यार करतीं थी। बोले तो बचपन से ही अपुन उनका लाडला था। अपुन नहीं जानता कि अपुन के मन में एकदम से ही उनके बारे में ऐसी फीलिंग्स क्यों आने लगीं है लौड़ा? बात अगर सिर्फ इतनी ही होती तो चल भी जाता लेकिन अपुन ने तो पिछले दिन उनसे अपनी फिलिंग का इजहार भी कर दिया था जिसके चलते वो भारी टेंशन में आ गईली थीं।

खैर यही सब सोचते हुए अपुन लेटा हुआ था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और विधी अंदर दाखिल हुई। दरवाजा खुलने की आवाज से अपुन आँखें खोल कर उसे देखने लगा था। उसने अंदर आते ही पलट कर दरवाजा बंद किया और फिर मुस्कुराते हुए अपुन के पास बेड पर आ गई।

उसे इस तरह अपने करीब आते देख अगले ही पल अपुन के अंदर हलचल मचनी शुरू हो गई लौड़ा। अभी यही तो सोच रेला था अपुन कि ऐसा क्यों हो रेला था? बोले तो इसके पहले भी तो वो और दिव्या अपुन के रूम में आतीं थी लेकिन पहले तो उन्हें देख के अपुन के अंदर इस तरह हलचल नहीं मच जाती थी लेकिन अब ऐसा क्यों होने लग गयला था?

क्या ये सब साधना के साथ सेक्स करने की वजह से था? क्या उसके जिस्म के हर अंग को देखने और उन अंगों से मजा लेने की वजह से था जिसके चलते अब अपुन अपनी बहनों को देख कर भी वैसा ही फील करने लग जाता है बेटीचोद?

विधी ─ क्या हुआ भाई, तू टेंशन में क्यों दिख रहा है? मेरे आने से तुझे खुशी नहीं हुई क्या?

अपुन उसकी बात सुन कर चौंक सा गया। फिर जल्दी से खुद को सम्हाला और मुस्कुरा कर उसे देखते हुए बोला।

अपुन ─ अरे! ऐसी कोई बात नहीं है। तू बता बड़ा खुश दिख रेली है?

विधी ─ खुश तो होऊंगी ही। आखिर अपने ब्वॉयफ्रेंड के पास आई हूं, हां नहीं तो।

अपुन ने उसकी ये बात सुन के अजीब सी गुदगुदी फील की। पलक झपकते ही अंदर की हलचल थोड़ा और तेज हो गई लौड़ा।

अपुन ─ अच्छा, तो बॉयफ्रेंड के पास आने से खुश है, भाई के पास आने से नहीं?

विधी ─ एक ही बात तो है न भाई। मतलब कि तू भाई है तब भी खुश हूं और मेरा बॉयफ्रेंड बन गया है तो इससे भी खुश हूं, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो भाई के रिश्ते से ज्यादा खुश है या बॉयफ्रेंड वाले रिश्ते से?

विधी ये सवाल सुन कर थोड़ा सोच में पड़ गई। कुछ पलों तक वो सोचती रही फिर बोली।

विधी ─ वैसे सच बात तो यही है कि मैं तेरे बॉयफ्रेंड बन जाने से ही ज्यादा खुश हूं भाई।

अपुन ─ क्या तुझे एक पल के लिए भी नहीं लगता कि भाई के रिश्ते के लिए तुझे ज्यादा खुश होना चाहिए?

विधी ─ ओहो! ये तू कैसी बातें ले कर बैठ गया भाई? तुझे पता है मैं कितनी देर से तेरे पास आने के लिए बेताब थी लेकिन वो चुहिया दिव्या अपनी बक बक से मेरा सिर खाए जा रही थी, हां नहीं तो।

अपुन ─ तूने दिव्या को ये क्यों बताया कि अपन लोग ने किस किया था?


विधी ─ मैं क्या करती भाई? वो चुहिया कुरेद कुरेद कर मुझसे पूछ रही थी। मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था इस लिए उसे बता दिया लेकिन तू टेंशन न ले मैंने उसे यही बताया है कि हमने एक दूसरे के चिक पर ही किस किया है। देखा न कितनी समझदारी से मैंने उसे उल्लू बना दिया है, हां नहीं तो।

अपुन ─ खुद को ज्यादा स्मार्ट मत समझ। तुझे अभी अंदाजा नहीं है कि दिव्या का दिमाग कितना तेज है। तूने भले ही उसे चिक पर किस करने की बात बताई है लेकिन वो यही समझी होगी कि अपन लोग ने लिप्स पर ही किस किया होगा।

विधी ये सुन कर हैरत से आँखें फंड कर अपुन को देखने लगी। फिर घबराई हुई सी बोली।

विधी ─ क्या तू सच कह रहा भाई? क्या उस चुहिया ने सच में यही समझा होगा?

अपुन ─ और नहीं तो क्या? इसी लिए कहा कि तू खुद को ज्यादा स्मार्ट न समझ।

विधी ─ वो चुहिया तो सच में बहुत चालू है भाई। मुझसे कुरेद कुरेद कर पूछ रही थी कि हम दोनों ने गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनने के बाद क्या क्या किया है?

अपुन ─ देख, अब से तू उससे थोड़ा सम्हल कर रहा कर। अगर वो तुझसे फिर से इस बारे में कुछ पूछे तो साफ कह देना कि अपन लोग भाई बहन हैं इस लिए अपन लोग के बीच कुछ भी गलत नहीं हो सकता। एक बात और तू उससे बड़ी है और उसकी दी है तो थोड़ा अपने बड़े होने का भी फायदा उठाया कर। बोले तो डांट दिया कर उसे।

विधी ─ अब से यही करूंगी भाई। मुझसे ज्यादा बक बक करेगी तो गुस्से से डांट दिया करूंगी उसको और....और पीट भी दूंगी उसको, हां नहीं तो।

अपुन ─ अरे! मारना पीटना नहीं लेकिन हां डांट जरूर लगा देना।

विधी ने हां में सिर हिला दिया। इधर अपुन ये सोचने लग गयला था कि बेटीचोद ये एक अलग ही बवासीर हो गयला है। अपुन सोचने लगा कि ऐसा भला कब तक चलेगा? बोले तो किसी न किसी दिन दिव्या को पता चल ही जाएगा कि अपुन और विधी ने लिप्स पर ही किस किएला है। हो सकता है कि किसी दिन वो अपन लोग को ये करते देख भी ले या फिर वो विधी के मुख से किसी तरह ये उगलवा ही ले।

विधी भले ही उम्र में दिव्या से बड़ी थी लेकिन उसमें अभी भी बहुत बचपना था जबकि दिव्या उससे छोटी होने के बाद भी थोड़ा मैच्योर थी। बोले तो उसके अंदर चतुराई से काम लेने की कला थी। अपुन को पूरा यकीन हो गयला था कि किसी न किसी दिन वो विधी के मुख से सच उगलवा ही लेगी।

अपुन सोचने लगा कि इस बारे में कुछ तो ऐसा करना पड़ेगा लौड़ा जिससे इस नए रिलेशन में कोई गड़बड़ी न हो। तभी अपुन के मन में एक खयाल उभरा कि क्या अपुन को विधी से ये बता देना चाहिए कि अपुन ने उसकी तरह दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया है? अपुन जानता है कि ये बात पता चलते ही विधी गुस्सा करने लगेगी लेकिन जब अपुन उसे अच्छे से इसके फायदे समझाएगा तो जरूर वो भी इस बात से खुश हो जाएगी। उसके बाद ये भी हो सकता है कि अपन लोग को किसी गड़बड़ी के होने का डर ही न रहे।

विधी ─ अब क्या हुआ भाई? तू आखिर क्या सोच रहा है?

अपुन ─ अपन दोनों लोग के नए रिलेशन के बारे में सोच रेला है अपुन। मतलब कि अपुन ये सोच रेला है कि दिव्या को अपन लोग के इस नए रिलेशनशिप के बारे में पता है तो कहीं ऐसा न हो कि वो किसी दिन गलती से घर में किसी को बता दे।

विधी अपुन के मुख से ये बात सुन के पल में ही घबरा गई।

विधी ─ क्या सच में वो बता देगी भाई?

अपुन ─ जान बूझ कर तो नहीं बताएगी लेकिन मान ले अंजाने में उसके मुख से ये बात घर में किसी के सामने निकल गई तो?

विधी ─ ऐसे कैसे निकल जाएगी भाई? आई मीन उसने कसम भी तो खाई है कि किसी को नहीं बताएगी, हां नहीं तो।

अपुन ─ यार आज के टाइम में कोई भी कसम पर टिका नहीं रहता। बोले तो अंजाने में कभी न कभी ऐसी बात मुंह से निकल ही जाती है जिसे किसी को न बताने की आदमी ने कसम खाई होती है।

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है भाई। फिर तू ही बता, ऐसे में क्या करें? मुझे तो बहुत टेंशन होने लगी है।

अपुन ─ डोंट वरी। अपुन के पास एक मस्त आडिया है जिसके चलते अपन लोग की ये टेंशन जड़ से ही खत्म हो जाएगी लौ..।

विधी ये सुन के एकदम से खुश हो गई। झट से पूछा उसने।

विधी ─ क्या सच में भाई? आई मीन क्या सच में तेरे उस आडिये से सारी टेंशन खत्म हो जाएगी?

अपुन ─ हां, लेकिन उस आडिया में अपुन जो करने को बोलेगा वो शायद तुझे पसंद न आए।

विधी ─ ऐसे कैसे पसंद नहीं आएगा भाई? नहीं नहीं, मुझे जरूर पसंद आएगा। तू बता न कैसा आडिया है तेरे पास?

अपुन ने अच्छी तरह सोच कर फैसला कर लिया था कि अब यही एक चीज हो सकती है इस प्रॉब्लम को खत्म करने का। इस लिए अपुन ने उससे कहा।

अपुन ─ देख, अपुन के दिमाग में जो आडिया आयला है वो ये है कि अपुन तेरी तरह दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है।

विधी ये सुन के उछल ही पड़ी लौड़ा। फिर एकदम से उसके चेहरे के भाव तेजी से बदले और वो अपुन को सख्ती से घूरने लगी।

विधी ─ ये तू क्या बोल रहा है? तू ऐसा सोच भी कैसे सकता है?

अपुन ─ रिलेक्स, पहले अपुन की पूरी बात तो सुन ले। अपुन ये दिल से नहीं चाहता है लेकिन इस वक्त इस प्रॉब्लम का यही एक सॉल्यूशन है।

विधी (बुरा सा मुंह बना कर) ─ पूरी बात बता मुझे। अगर मुझे लगा कि हां सच में यही एक सॉल्यूशन है तभी मानूंगी नहीं तो नहीं, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो सुन, तू भी जानती है कि एक न एक दिन दिव्या तेरे मुंह से सच उगलवा ही लेगी। सोच जब उसे तेरे द्वारा सच पता चल जाएगा तो वो अपन दोनों के बारे में क्या क्या सोचने लगेगी? बोले तो भले ही अपन लोग के बीच इसके आगे कुछ भी गलत न हुआ हो लेकिन इस बात को क्या वो मानेगी? वो तो यही सोचेगी ना कि जब अपन दोनों एक दूसरे के लिप्स को चूम सकते हैं और तो और चूस भी सकते हैं तो इसके आगे भी तो अपन लोग ने कुछ न कुछ किया ही होगा।

विधी ─ ओह गॉड! क्या सच में वो चुहिया ऐसा सोच सकती है भाई?

अपुन ─ यार वो ही क्या, जिसे भी इस बारे में पता चलेगा वो यही सोचेगा।

विधी ─ हां, सही कहा तूने।

अपुन ─ इस लिए अपुन ये सोच रेला है कि अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा तो फिर वो भी अपन लोग के जैसी सिचुएशन में आ जाएगी। बोले तो अभी वो तेरे बारे में ऐसा सोच रेली होगी, तो बाद में तू भी उसके बारे में ऐसा सोचने लगेगी।


विधी ─ ये सब तो ठीक है भाई लेकिन क्या तू उसके साथ भी लिप्स पर किस करेगा?

अपुन ─ यार अपुन उसको ऐसे किस करे या न करे लेकिन तू तो यही समझ लेगी न कि जैसे तूने अपुन के साथ लिप्स पर किस किएला है वैसे ही उसने भी किया होएगा?

विधी का ये सब सुन के अजीब तरह का चेहरा हो गयला था। काफी असमंजस में दिख रेली थी वो।

विधी ─ हां ये भी सही कहा तूने।

अपुन ─ ऐसी सिचुएशन में दिव्या अपन लोग के ऐसे रिलेशन के बारे में भूल कर भी कभी किसी को नहीं बताएगी। बोले तो सारी बात अपन लोग के बीच में ही रहेगी और अपन लोग को आज के जैसे कोई टेंशन भी नहीं रहेगी।

विधी का ये सुन कर चेहरा चमकना शुरू हो गया लौड़ा। अपुन समझ गया कि उसे अपुन की सारी बात समझ में आ गईली है। वो खुश तो नजर आई लेकिन चेहरे पर मौजूद असमंजस के भाव मिटे नहीं।

विधी ─ वैसे तो तेरा ये आडिया सच में बहुत अच्छा है भाई लेकिन दिव्या को भी तेरा अपनी गर्लफ्रेंड बना लेने वाली बात मुझे अच्छी नहीं लग रही।

अपुन ये बात पहले से ही जानता था। बोले तो उसकी ये बात सुन कर ये साबित हो गयला था कि वो सच में उन्हीं लड़कियों में से है जो किसी पर सिर्फ अपना ही हक समझती हैं, दूसरे को बांटने की बात उन्हें पसंद नहीं होती।

अपुन ─ अपुन जानता है कि इस बात से तुझे थोड़ी प्रॉब्लम है लेकिन तू खुद सोच कि इस वक्त तेरे लिए सबसे ज्यादा क्या इंपॉर्टेंट है? आई मीन, अपुन का दिव्या को गर्लफ्रेंड न बनाना या फिर इस प्रॉब्लम में फंसे रहना?

विधी गहरी सोच में डूब गई लौड़ी। अपुन जानता था कि वो इतनी भी नासमझ नहीं है कि प्रॉब्लम को दूर करने का नहीं सोचेगी।

विधी ─ क्या इसके अलावा कोई सोल्यूशन नहीं है भाई?

अपुन ─ अगर होता तो क्या अपुन ऐसा करने को बोलता तेरे से? वैसे अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है तो इससे तुझे प्रॉब्लम क्या है? तू भी जानती है कि अपन लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड सिर्फ नाम के लिए और अपने सामने ही बने रह सकते हैं। बोले तो इस रिलेशन का फ्यूचर में कोई स्कोप नहीं है। क्लियर वर्ड में बोले तो अपन लोग फ्यूचर में एक दूसरे से शादी वादी तो कर नहीं सकते तो फिर इस रिलेशन के लिए इतना इमोशनल होना बेकार ही है। तू समझ रेली है न अपुन की बात?

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है भाई। काश! तू और मैं भाई बहन न होते तो कितना अच्छा होता, है न?

अपुन ─ ये छोड़ और प्रॉब्लम के सोल्यूशन के बारे में सोच। वैसे अगर अपुन दिव्या को भी गर्लफ्रेंड बना लेता है तो इससे अपन लोग फायदे में ही रहेंगे। बोले तो अपन लोग को एक दूसरे से डरने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी लौ...।

विधी ─ ठीक है भाई बना ले उसे भी अपनी गर्लफ्रेंड।

विधी का चेहरा थोड़ा उतर सा गयला था लेकिन शायद वो भी समझ गईली थी कि यही एक चारा है। इधर अपुन अब ये सोचने लग गयला था कि दिव्या को भी इस बारे में थोड़ा समझाना होगा। उसे समझाना होगा कि वो विधी को ये न बताए कि अपुन ने पहले ही उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया था वरना विधी ये सोच के नाराज हो जाएगी कि अपुन ने उसे धोखा दिया है।

खैर अपुन ने जब देखा विधी का चेहरा उतरा हुआ है तो अपुन ने माहौल को खुशनुमा बनाने का सोचा।

अपुन ─ अरे! ये क्या? अपुन की इतनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड का चेहरा उतरा हुआ कैसे है यार? अपुन तो इस इंतजार में था कि अपुन की ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड आएगी और आज भी अपुन को अपने शहद से भी ज्यादा मीठे होठों का स्वाद चखाएगी।

विधी अपुन की ये बात सुन कर एकदम से शर्मा गई। फिर हल्के से मुस्कुराते हुए बोली।

विधी ─ ये तू क्या बोल रहा है भाई? कितना गंदा है तू।

अपुन ─ चल अपुन गंदा ही सही लेकिन ये बात तो अपुन सच ही बोल रेला है कि अपुन की गर्लफ्रेंड जितनी सुंदर है उतने ही सुंदर और मीठे उसके होठ हैं। उफ्फ अभी भी पिछली रात उसके होठों को चूसने का स्वाद अपुन फील कर रेला है।

विधी ─ ऐसा मत बोल भाई वरना मारूंगी तुझे। कितना बेशर्म है तू, जा मुझे तुझसे बात ही नहीं करना, हां नहीं तो।

कहने के साथ ही वो झूठी नाराजगी के साथ मुंह फेर के बैठ गई। अपुन ने साइड से देखा वो मंद मंद मुस्कुरा रेली थी। ये देख अपुन एकदम से उसकी तरफ सरका और पीछे से उसे दबोच लिया। अपुन के ऐसा करते ही विधी एकदम से उछल पड़ी। उसका पूरा बदन कांप गयला था। फिर खुद को अपुन से छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली।

विधी ─ छोड़ दे भाई। ये क्या कर रहा है तू?

अपुन ─ अपनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड पर प्यार आ रेला है अपुन को और अपुन का मन कर रेला है कि पिछली रात की तरह इस वक्त भी अपुन को तेरे शहद जैसे मीठे होठों का स्वाद चखने को मिले।

विधी ये सुन कर शरमाई भी, कसमसाई भी। फिर पहले जैसे ही खुद को अपुन से छुड़ाने का प्रयास करते हुए बोली।

विधी ─ नहीं न भाई। ये गलत है। प्लीज छोड़ दे न।

अपुन ─ पहले अपने होठों की शहद चखा, तभी छोड़ेगा अपुन।

विधी ─ भाई ये कैसी बात कर रहा है तू। मैं तेरी बहन भी हूं। ये मत भूल, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो फिर ठीक है। अब तू यही फैसला कर ले कि तू सबसे ज्यादा अपुन की बहन बने रहना चाहती है या अपुन की गर्लफ्रेंड?

अपुन की ये बात सुनते ही विधी का खुद को छुड़ाने का प्रयास करना एकदम से बंद हो गया। गर्दन घुमा कर अपुन की तरफ देखते हुए बोली।

विधी ─ भाई ऐसा मत बोल न। मैंने तो पहले ही बोला था कि काश तू और मैं भाई बहन न होते पर अब हैं तो रहेंगे न। बाकी मुझे खुशी है कि तू मेरा बॉयफ्रेंड भी बन गया है।

अपुन ─ तो चल फिर इसी खुशी में अपने होठों को चूम लेने दे न अपुन को।

विधी अपुन को अपलक देखने लगी। उसके मासूम और भोले से चेहरे पर अजीब कशमकश के भाव थे। झील सी गहरी आंखों में प्यार भी था और एक सूनापन भी। अपुन को बड़ा अजीब फील हुआ बेटीचोद इस लिए अपुन ने झट से उसे छोड़ दिया।

विधी ─ क्या हुआ? तूने मुझे छोड़ क्यों दिया भाई?

अपुन ─ तू ही तो अपुन से छूटना चाहती थी इस लिए छोड़ दिया। वैसे भी अपुन अपनी मासूम सी गर्लफ्रेंड के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं करना चाहता।

अपुन की ये बात शायद विधी के दिल को छू गईली थी। इसी लिए अगले ही पल वो झट से अपुन की तरफ पूरा पलट गई और फिर एकदम से अपुन से लिपट गई। उसका नाजुक बदन जैसे ही अपुन के सीने से लगा तो अपुन के समूचे जिस्म में मजे की लहर दौड़ गई लौड़ा।

विधी ─ तू कितना अच्छा बॉयफ्रेंड है भाई। मैं तो झूठ मूठ का ही तुझसे नाराज हुई थी और छोड़ देने को बोल रही थी। तू मेरे लिप्स को किस करना चाहता है न तो कर ले। मैं नहीं रोकूंगी तुझे।

कहने के साथ ही वो अपुन से अलग हुई और अपुन को प्यार से देखने लगी। जाने क्यों इस वक्त अपुन के अंदर भी उसके लिए सॉफ्ट फीलिंग्स आ रेली थी। अपुन ने उसका चेहरा दोनों हथेलियों में लिया और फिर आगे बढ़ कर उसके माथे को चूम लिया।

अपुन ─ तू तो अपुन की जान है पागल। अच्छा अब चल नीचे चलते हैं। कहीं दिव्या को अपन लोग के बारे में कुछ और न शक होने लग जाए।

विधी ─ ठीक है भाई लेकिन पहले तू मेरे लिप्स पर किस कर ले। उसके बाद हम दोनों नीचे चलते हैं।

अपुन ने गौर से उसे देखा। मासूम चेहरे पर एक अलग ही आकर्षण दिख रेला था। फिर एकदम से अपुन की नजर उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों पर पड़ी। उफ्फ कितने नाजुक और रसीले दिख रेले थे। वो थोड़ा खुले हुए थे और थोड़ा कांप भी रेले थे जिससे अपुन का मन मचलने लग गया लौड़ा। अगले ही पल अपुन ने फिर से उसका चेहरा थाम लिया और फिर आगे बढ़ कर उसके होठों पर अपने होठ रख दिए।

अपन दोनों के ही जिस्म कांप गए मगर उसके नाजुक होठों का स्पर्श ऐसा था कि अपुन खुद को उन्हें चूसने से रोक न सका। विधी का जिस्म हल्का कांप रेला था लेकिन वो अपुन का साथ दे रेली थी। मतलब कि खुद भी अपुन के होठ चूमने चूसने की कोशिश कर रेली थी पर उससे ठीक से बन नहीं रेला था।

अपुन के अंदर जबरदस्त हलचल मच गईली थी लौड़ा। बोले तो हवस की गर्मी बढ़ने लगी थी जिसके चलते अपुन का लन्ड सिर उठाने लगा था। इससे पहले कि अपुन और भी अपने होश खोने लगता अपुन झट उससे अलग हो गया।

अपुन ने देखा विधी आँखें बंद किए किसी और ही दुनिया में डूबी हुई थी। उसकी सांसें तेज तेज चल रेली थीं जिसके चलते उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रेले थे। अपुन ने खुद को सम्हाला और फिर उसे कंधों से पकड़ कर कहा।

अपुन ─ ओए! सो गई क्या?

अपुन की आवाज सुनते ही उसने हड़बड़ा कर आँखें खोली और अपुन को देखते ही शर्माने लगी। उसका चेहरा कानों तक सुर्ख पड़ गयला था।

अपुन ─ तू ठीक तो है ना?

विधी ─ हम्म्म।

अपुन ─ सच में यार तेरे होठ बहुत मीठे हैं।

विधी ये सुन कर बुरी तरह लजा गई फिर अपुन को हल्के से मारते हुए बोली।

विधी ─ तू न बहुत गंदा है। कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या, हां नहीं तो।

अपुन ─ देख बात ऐसी है कि जिसकी बहन अपने भाई की गर्लफ्रेंड बन गईली हो और उसके होठ इतने मीठे हों तो फिर भाई को मजबूरन ऐसा करना ही पड़ता है।

विधी ─ अच्छा अब बातें न बना और ये बता क्या सच में तुझे मेरे लिप्स मीठे लगे?

अपुन ─ हां यार। अपुन तो अब ये सोच रेला है कि जब तेरे होठ इतने मीठे हैं तो पूरी की पूरी तू कितनी मीठी होगी।

विधी ─ मतलब?? मैं समझी नहीं भाई।

अपुन ─ जाने दे, बाद में कभी बताएगा अपुन। अभी चल नीचे चलते हैं।

उसके बाद अपन दोनों रूम से निकल कर नीचे आ गए। विधी का चेहरा अब खिला हुआ लग रेला था। जाहिर है इतना कुछ होने के बाद वो अंदर से खुश थी। खैर नीचे पहुंच कर अपन लोग ड्राइंग रूम में रखे सोफों पर बैठ गए। दिव्या वहीं बैठी थी। तभी अपुन को कुछ सूझा तो अपुन ने विधी से कहा।

विधी ─ यार पानी पिला दे जरा। प्यास लगी है अपुन को।

विधी हल्के से मुस्कुराते हुए किचेन की तरफ बढ़ गई तो अपुन जल्दी से जा कर दिव्या के बगल से बैठ गया। फिर उससे धीरे से बोला।

अपुन ─ अच्छा सुन, अपुन ने विधी से कह दिया है कि अपुन उसकी तरह तुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा। इस लिए अगर वो इस बारे में तुझसे कुछ बोले तो तू उसे ये मत बताना कि तू ऑलरेडी अपुन की गर्लफ्रेंड बन चुकी है, ओके?

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन क्या सच में आपने विधी दी से ऐसा कहा है? और...और क्या वो मान भी गई हैं?

अपुन ─ हां, अपुन ने उसे समझा दिया है कि अगर अपन लोग को एक दूसरे के बीच से डर निकालने का है तो ऐसा करना ही पड़ेगा। अपुन ने उसे ये नहीं बताया है कि अपुन ने आज ही सुबह तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिएला है

दिव्या ─ वाव! भैया ये तो कमाल हो गया। तो अब क्या आप विधी दी के सामने ही मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने की बात कहेंगे?

अपुन ─ हां कुछ ऐसा ही करना पड़ेगा। एक काम करते हैं, कल जब अपन लोग कॉलेज चलेंगे तब रास्ते में अपुन उसके सामने ही तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा लेकिन इसके लिए तुझे भी एक काम करना होगा।

दिव्या ─ कैसा काम भैया?

अपुन ─ देख, अपन लोग जब कल कॉलेज जा रेले होंगे तो तू रास्ते में विधी के सामने ही अपुन से बोलना कि विधी दी के जैसे आप मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बनाईए। जब तू ऐसा बोलेगी तो अपुन उसके सामने ही तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा।

दिव्या इस बात से भारी खुश हुई। उसकी खुशी उसके चेहरे पर दिखने भी लग गईली थी। खैर तभी विधी अपुन के लिए ग्लास में पानी ले कर आती दिखी तो अपन दोनों ही टीवी देखने का नाटक करने लगे।

विधी ─ ये ले भाई।

अपुन ने उससे पानी लिया और पी लिया। खाली ग्लास एक तरफ रख कर वो भी अपुन के बगल से बैठ कर टीवी देखने लगी। उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। टीवी देखते ही बाकी का टाइम गुजरा।

साढ़े छह बजे के करीब साक्षी दी कम्पनी से आईं। आते ही उन्होंने दिव्या और विधी को देखते हुए बताया कि कल मॉम डैड आ जाएंगे। इतना बता कर वो फर्स्ट फ्लोर पर अपने रूम में जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ गईं।

इधर अपुन ये सोचने लगा कि मॉम डैड के आने के बाद से अपुन को थोड़ा सम्हल कर ये सब करना होगा। इसके साथ ही अपुन ये भी सोचने लगा कि साक्षी दी ने अपुन की तरफ एक नजर देखा तो था लेकिन अपुन से कोई बात नहीं की थी। बेटीचोद अपुन की भी हिम्मत नहीं हो रेली थी कि अपुन खुद ही उनसे बात करे। खैर देखते हैं आने वाले समय में क्या होने वाला है?


To be continued....
Shandaar update bhai
 

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उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।



अब आगे....


अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।

क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।

अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।

अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।

खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।

अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।

मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।

अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।

साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।

खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।

अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।

शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।

शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।

इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।

उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।

शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।

लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।

~~~~~~

घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।

अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।

अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।

मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।

अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।

मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।

अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।

डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।

मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?

कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।

खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।

अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।

दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?

अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।

दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।

दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?

अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?

पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।

अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।

दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?

अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।

अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।

दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग ग‌एले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।

दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?

अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?

दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।

अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।

दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?

अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।

अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।

किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।

दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।

खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।

अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।

अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?

दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।

अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?

दिव्या ─ हम्म्म।

अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?

अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?

दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?

अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?

दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?

अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।

दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।

अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।

अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?

दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।

अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?

दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।

वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।

अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।

दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।

अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?

दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।

अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।

अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।

उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।

चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।

अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।

अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।

अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।

उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।

पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।

अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।

वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।

दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?

अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।

दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।

दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।

अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।

दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?

अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?

दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।

अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।

दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??

अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।

दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?

अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?

दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।

दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?

अपुन ─ हां किया है।

दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?

अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।

दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।

दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?

अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।

दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??

अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।

दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?

अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।

दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?

अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना‌ ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।

दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग ग‌ईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।


To be continued....
Wowww Divya wants to compete with Vidhi. For that she is ready to go to any extent.
 
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उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।



अब आगे....


अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।

क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।

अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।

अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।

खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।

अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।

मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।

अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।

साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।

खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।

अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।

शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।

शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।

इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।

उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।

शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।

लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।

~~~~~~

घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।

अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।

अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।

मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।

अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।

मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।

अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।

डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।

मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?

कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।

खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।

अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।

दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?

अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।

दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।

दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?

अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?

पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।

अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।

दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?

अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।

अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।

दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग ग‌एले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।

दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?

अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?

दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।

अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।

दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?

अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।

अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।

किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।

दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।

खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।

अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।

अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?

दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।

अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?

दिव्या ─ हम्म्म।

अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?

अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?

दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?

अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?

दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?

अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।

दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।

अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।

अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?

दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।

अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?

दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।

वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।

अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।

दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।

अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?

दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।

अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।

अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।

उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।

चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।

अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।

अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।

अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।

उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।

पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।

अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।

वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।

दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?

अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।

दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।

दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।

अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।

दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?

अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?

दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।

अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।

दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??

अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।

दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?

अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?

दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।

दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?

अपुन ─ हां किया है।

दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?

अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।

दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।

दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?

अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।

दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??

अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।

दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?

अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।

दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?

अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना‌ ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।

दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग ग‌ईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।


To be continued....
Shaandar jabardast Romantic Update 💓 💓 🔥 🔥 🔥
Shanya seilne ja rahe lagta yaha bhi khatam khulega 🤣🤣
Divya ke sath romance shuru ho gaya :kiss:
 

parkas

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उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।



अब आगे....


अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।

क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।

अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।

अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।

खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।

अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।

मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।

अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।

साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।

खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।

अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।

शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।

शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।

इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।

उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।

शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।

लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।

~~~~~~

घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।

अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।

अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।

मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।

अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।

मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।

अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।

डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।

मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?

कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।

खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।

अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।

दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?

अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।

दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।

दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?

अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?

पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।

अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।

दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?

अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।

अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।

दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग ग‌एले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।

दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?

अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?

दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।

अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।

दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?

अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।

अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।

किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।

दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।

खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।

अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।

अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?

दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।

अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?

दिव्या ─ हम्म्म।

अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?

अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?

दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?

अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?

दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?

अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।

दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।

अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।

अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?

दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।

अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?

दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।

वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।

अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।

दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।

अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?

दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।

अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।

अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।

उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।

चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।

अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।

अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।

अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।

उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।

पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।

अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।

वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।

दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?

अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।

दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।

दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।

अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।

दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?

अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?

दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।

अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।

दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??

अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।

दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?

अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?

दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।

दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?

अपुन ─ हां किया है।

दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?

अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।

दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।

दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?

अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।

दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??

अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।

दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?

अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।

दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?

अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना‌ ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।

दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग ग‌ईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।


To be continued....
Bahut hi shaandar update diya hai TheBlackBlood bhai....
Nice and lovely update....
 
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kas1709

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उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।



अब आगे....


अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।

क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।

अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।

अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।

खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।

अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।

मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।

अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।

साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।

खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।

अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।

शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।

शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।

इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।

उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।

शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।

लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।

~~~~~~

घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।

अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।

अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।

मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।

अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।

मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।

अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।

डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।

मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?

कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।

खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।

अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।

अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।

दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?

अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।

दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।

दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?

अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?

पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।

अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।

दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?

अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।

अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।

दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग ग‌एले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।

दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?

अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?

दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।

अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।

दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?

अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।

अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।

किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।

हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।

दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।

खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।

अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।

अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?

दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।

अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?

दिव्या ─ हम्म्म।

अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?

अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?

दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।

अपुन ─ लेकिन???

दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?

अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?

दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?

अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।

दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।

अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।

दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।

अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?

दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।

अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?

दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।

वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।

अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।

दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।

अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?

दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।

अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।

अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।

उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।

चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।

अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।

अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।

अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।

उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।

पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।

अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।

वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।

दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?

अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।

दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।

दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।

अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।

दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।

दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?

अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?

दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।

अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।

दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??

अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।

दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?

अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?

दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।

अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।

दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?

अपुन ─ हां किया है।

दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?

अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।

दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।

दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?

अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।

दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??

अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।

दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?

अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।

दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?

अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना‌ ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।

दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग ग‌ईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।


To be continued....
Nice update....
 
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