Nice update....
Update ~ 22
उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।
अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।
अब आगे....
अमित और शरद दोनों ही अपुन को एक जगह मिल गए। अपुन को देखते ही अमित का चेहरा खिल उठा। इसी से अपुन समझ गया कि मामला अपने फेवर में है। बोले तो साधना ने उसको कुछ नहीं बताया था वरना वो खुद ही अपुन को खोजता। खैर अपुन दोनों से ही मिला और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद अपन लोग क्लास में आ गए।
क्लास में अपन तीनों ही एक साथ ही बैठते थे। कुछ देर में टीचर आ गया और वो अपन लोग को पढ़ाने लगा। अपुन का ध्यान पढ़ने पर तो था लेकिन बीच बीच में ये भी सोच रेला था कि क्या अमित की बहन साधना चुप बैठेगी? अपुन का खयाल था कि नहीं। बोले तो वो इतना जल्दी हार मानने वाली नहीं थी। उससे जो हो सकेगा वो करेगी ही लौड़ी।
अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि एकाएक अपुन की नजर गर्ल्स की तरफ चली गई और वो भी सीधा शनाया पर। अपुन से नजर मिलते ही वो मुस्कुराई और अपने हाथ को कान पर ले जा कर कोई इशारा किया। पहले तो अपुन को कुछ समझ न आया क्योंकि अपुन का ध्यान साधना पर था लेकिन जब अपुन ने थोड़ा गौर किया तो समझ आया कि वो अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा कर रेली थी शायद।
अपुन ने अमित और शरद की तरफ एक नजर डाली और फिर चुपके से मोबाइल निकाल कर चेक किया तो उसमें वॉट्सएप पर एक मैसेज पड़ा था जो किसी अंजान नंबर से आयला था। अंजान नंबर देख के अपुन की धड़कनें बढ़ गईं लौड़ा। पलक झपकते ही मन में साधना का खयाल उभर आया। हालांकि जल्दी ही अपुन ने सोचा कि शनाया ने अभी अभी अपुन को मोबाइल चेक करने का इशारा किएला है तो जाहिर है ये उसी का नंबर होगा।
अपुन ने सिर उठा कर उसकी तरफ देखा तो उसने भी अपुन को देखा और मुस्कुरा दी। साथ ही इशारा भी किया कि अपुन मैसेज देखे। इधर अपुन ये सोच के थोड़ा हैरान हुआ कि इसने ये कौन से नंबर से अपुन को मैसेज किएला है? बोले तो अपन लोग के पास तो नंबर था जोकि नाम से ही सेव था पर ये अलग नंबर था। एक बार फिर अपुन का भटकता मन साधना पर चला गया लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि क्या शनाया का कनेक्शन साधना से हो सकता है? हालांकि ये संभव नहीं था पर क्या पता कहीं से कनेक्शन हो ही।
खैर अपुन ने टीचर पर एक नजर मारने के बाद मैसेज को ओपन किया तो देखा उसमें कुछ लिखा था।
अंजान नंबर (मैसेज) ─ हेलो विराट, ये मैं हूं शनाया। एक्चुअली मेरा कल ही शाम को रिचार्ज खत्म हो गया था इस लिए अपने नंबर से तुम्हें मैसेज नहीं कर पाई थी। ये अमृता का नंबर है जो मेरे बगल से बैठी है। मैसेज पढ़ने के बाद मैसेज को डिलीट कर देना। वैसे, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए मैसेज किया है कि आज मेरे भाई का बर्थडे है तो शाम को पापा ने छोटी सी एक पार्टी रखी है। मैं चाहती हूं कि तुम भी मेरे भाई के बर्थडे पर आओ। प्लीज मना मत करना, इट्स माई हंबल रिक्वेस्ट, प्लीज विराट।
मैसेज पढ़ने के बाद अपुन ने सिर उठा कर शनाया की तरफ देखा। इत्तेफाक से उसने भी अपुन को देखा। अपुन को अपनी तरफ देखता देख उसने प्लीज और रिक्वेस्ट करने वाला रिएक्शन दिया।
अपुन सोच में पड़ गया कि अब इस लौड़ी को क्या जवाब दे अपुन? बोले तो एक तो पहले से ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में है दूसरे ये भी अपुन को फांसने में कोई कसर नहीं छोड़ रेली है।
साधना के साथ सेक्स संबंध बना के अपुन को एक बात समझ में आ गईली थी कि बाहर की लड़कियां अपुन के लिए खतरा क्रिएट कर सकती हैं जबकि अपुन के घर की लड़कियां यानि कि विधी और दिव्या से कोई खतरा नहीं हो सकता। इसका मतलब ये हुआ कि अपुन को इन बाहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए बेटीचोद।
खैर, इस वक्त फिलहाल शनाया को कुछ तो जवाब देना ही था इस लिए चुपके से मैसेज टाइप करना शुरू किया।
अपुन (मैसेज) ─ सॉरी यार, अपुन नहीं आ सकता।
शायद शनाया ने अभी भी अमृता का मोबाइल हाथ में लिया हुआ था इस लिए जैसे ही मैसेज सेंड हुआ तो उसे पता चल गया। उसने सबसे नजर बचा कर मैसेज देखा और फिर अपुन को मायूसी से देखने के बाद मोबाइल में कुछ लिखने लगी। कुछ ही पलों में अपुन का मोबाइल बीप हुआ।
शनाया (मैसेज) ─ मैं तुम्हें अपना दोस्त समझ के इन्वाइट कर रही हूं विराट। प्लीज आ जाना न। प्रॉमिस करती हूं तुम्हें मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
अपुन ने उसका ये मैसेज पढ़ा और फिर सोचा कि उसके घर जाने में वैसे कोई बुराई नहीं है? बोले तो जब अपुन उसके साथ कुछ करेगा ही नहीं या उसे अपुन के साथ कुछ करने ही नहीं देगा तो भला कैसे कोई प्रॉब्लम वाली बात हो जाएगी लौड़ा? ये सोच कर अपुन ने उसे मैसेज लिख के भेजा कि ठीक है अगर टाइम मिला तो आ जाऊंगा।
इसके बाद अपुन ने देखा शनाया का चेहरा खिल उठा था। उसने पलकें झपका का अपुन को थैंक्स का रिएक्शन दिया और फिर शायद उसने अपन लोग के मैसेज डिलीट करके मोबाइल वापस अमृता को दे दिया।
उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। अगला पीरियड अनुष्का का था। उसने आते ही अपुन की तरफ एक स्माइल फेंकी और फिर पढ़ाना शुरू कर दिया उसने। ऐसे ही एक एक कर क्लास कंप्लीट हुई। लंच टाइम होने पर सब बाहर निकल पड़े। अपुन भी अमित और शरद के साथ बाहर आया तो देखा उधर से दिव्या भी चली आ रेली थी।
शरद लड़कियों के बीच रहने से असहज हो जाता था इस लिए विधी और दिव्या के आ जाने से वो अमित को भी ले कर कैंटीन तरफ चला गया। दोनों के जाने के बाद अपुन दिव्या और विधी के साथ वापस क्लास में ही आ गया और एक साथ लंच करने लगा। क्लास में और भी दो तीन लड़के लड़कियां थी इस लिए अपन लोग के बीच कोई भी उल्टी सीधी बातें नहीं हुईं।
लंच के बाद बाकी की क्लास अटेंड कर के अपन लोग घर की तरफ निकल पड़े। वापसी में विधी ने दिव्या को अपने साथ ही चलने को कहा और बहाना ये बनाया कि वो उसे स्कूटी चलाना सिखाएगी। खैर ऐसे ही अपन लोग घर पहुंच गए।
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घर पहुंचे तो देखा मॉम आ गईली थीं। सोनिया दी शायद अपने रूम में थीं। खैर अपुन ने बैग सोफे पर फेंका और सीधा जा कर मॉम से लिपट गया। उन्होंने भी अपुन को सीने से लगा लिया। ये अक्सर ही होता था और आज से पहले अपुन के मन में कभी कोई गलत बात नहीं आयली थी लेकिन इस वक्त आई बेटीचोद।
अपुन को मॉम के बड़े बड़े बूब्स कुछ ज्यादा ही फील हो रेले थे। उफ्फ कितने सॉफ्ट थे वो। पलक झपकते ही अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहर दौड़ गई लौड़ा। उधर मॉम अपुन की अंदर की सोच से बेखबर अपुन को दुलार रेली थीं।
अभी अपुन उनसे लिपटा ही हुआ था कि तभी एकदम से विधी और दिव्या भी आ कर मॉम से एक एक तरफ से लिपट गईं। मॉम ने उन दोनों को भी दुलार दिया। उसके बाद अपन लोग को उनसे अलग होना पड़ा।
मॉम ─ चलो, अब जा कर फ्रेश हो लो तुम तीनों। उसके बाद नीचे आ जाना। मैंने तुम तीनों के लिए गाजर का हलवा बनाया है।
अपुन ─ ओह! मॉम यू आर सो स्वीट।
मॉम ─ यू टू मेरे लाल। चलो अब जल्दी से जाओ तुम तीनों।
अपन तीनों खुशी खुशी बैग ले कर अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े। थोड़ी देर में फ्रेश होने के बाद अपन लोग नीचे आ गए। मॉम ने खुद ही अपन लोग को प्लेट में ला कर हलवा दिया।
डैड और साक्षी दी कंपनी से अभी नहीं आए थे। खैर मॉम ने बताया कि गांव में समर चाचा ने संध्या दी के लिए जो रिश्ता देखा था उसे डैड ने भी देख लिया है और उन्हें भी रिश्ता पसंद आ गया है। जल्द ही शादी की लग्न बन जाएगी उसके बाद हम सबको गांव जाना पड़ेगा।
मॉम ने बताया कि शादी की लग्न एक हफ्ते के अंदर ही बन जाएगी और अगले महीने अक्टूबर में शादी की तारीख तय हो जाएगी। अपुन सोचने लगा कि इस बार गांव में क्या कुछ खास होगा? बोले तो अब तक तो अपुन एक शरीफ लौंडा ही था लेकिन अब जबकि अपुन की सोच बदल गईली है और अपुन अपनी बहनों को ही गर्लफ्रेंड बना लिया है तो क्या इस सोच के साथ गांव में अपुन को किसी को पेलने का मौका मिल पाएगा?
कुछ ही पलों में अपुन ने जाने कैसे कैसे सपने बुन लिए लौड़ा। समर चाचा की बाकी दो लड़कियां यानि संध्या और कुसुम का चेहरा अपुन की आंखों के सामने चमक उठा। यहां तक कि चाची सुगंधा का भी। तीनों को सोच कर ही अपुन के अंदर गुदगुदी होने लग गई बेटीचोद।
खैर मॉम के हाथ का बना हलवा हमेशा की तरह लाजवाब था। खाने के बाद अपन लोग वापस अपने अपने रूम में चले आए। अपुन सोच रेला था कि अपुन ने शनाया से कह तो दिया है कि अपुन उसके घर आएगा लेकिन अपुन का मन अभी भी उसके घर जाने से कतरा रेला था।
अभी अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और दिव्या दाखिल हुई। उसने झट से दरवाजा बंद किया और पलट कर मुस्कुराते हुए अपुन को देखने लगी। उसके यूं मुस्कुराते हुए देखने से अपुन की धड़कनें बढ़ने लगीं लौड़ा। अपुन को समझते देर न लगी कि ये लौड़ी यहां किस लिए आई है।
अपुन ─ क्या हुआ, आज भी तुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर पूछने का है क्या? अगर ऐसा है तो अभी अपुन के पास टाइम नहीं है। बोले तो अपुन को थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद कहीं जाने का है।
दिव्या ─ नहीं भैया, मुझे फिजिक्स का कोई चैप्टर नहीं पूछना है। मैं तो बस ऐसे ही आपके पास आई थी लेकिन आपको कहां जाना है?
अपुन ─ अरे! एक दोस्त के दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने का है। वैसे तो अपुन का जाने का मन नहीं था पर उसने जब अपुन के पैर ही पकड़ लिए तो अपुन मान गया। क्या करे, अपुन किसी को निराश नहीं कर सकता न। बोले तो भारी इमोशनल आदमी है अपुन।
दिव्या ये सुन कर खिलखिला कर हंसने लगी। अब तक वो चल कर बेड पर आ कर बैठ गईली थी। कुछ पलों तक हंसने के बाद बोली।
दिव्या ─ अच्छा एक बात बताइए परसों आप बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उसी खास की वजह से आप अपनी फेवरेट टपोरी भाषा नहीं बोल रहे थे लेकिन ज्यादातर तो आप ऐसे ही बोलते हैं तो मेरा सवाल ये है कि वो खास इंसान कौन है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं?
अपुन तो लौड़ा उसकी ये बातें सुन के अंदर तक ये सोच के कांप गया कि वो ये क्या बातें ले कर बैठ गईली है और अब ये कैसा सवाल कर बैठी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इसने समझ लिया हो कि अपुन किसके सामने टपोरी भाषा में बात नहीं कर रेला था और वो इंसान कौन है?
पलक झपकते ही अपुन अंदर ही अंदर घबरा गया लौड़ा। ये दिव्या तो सचमुच कहां से कहां पहुंच रेली थी। खैर अपुन ये नहीं चाहता था कि वो इस बात की तह तक पहुंचे इस लिए झूठ मूठ का बहाना बना के बोला।
अपुन ─ अरे! अपुन तो ऐसे ही बोल रेला था यार। क्या तू सोच सकती है कि अपुन अपनी ये फेवरेट टपोरी भाषा बोलना बंद कर देगा? वो तो अपुन ये सोच लेता है कि कभी कभी तुम सबके जैसे भी क्लियर हिंदी बोल लिया करे लौ..।
दिव्या ─ अच्छा तो ये बात है। तभी मैं सोचूं आप अपनी फेवरेट लैंग्वेज भला कैसे बोलना बंद कर सकते हैं? पर भैया, आप ये भी तो बोल रहे थे कि आप किसी खास के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो फिर वो क्या था?
अपुन ने मन ही मन सोचा कि ये लौड़ी क्या अब बाल की खाल निकालने पर तुल गईली है? फिर अपुन ने सोचा कि चलो उसके इस सवाल का भी झूठ मूठ कोई जवाब दे देता है अपुन वरना इसके भेजे से ये बात कभी नहीं जाएगी बेटीचोद।
अपुन ─ अरे! ये भी अपुन ऐसे ही बोल रेला था। बाकी अपुन के लिए सबसे खास तो अब दो ही खूबसूरत लोग बन गएले हैं। एक तू और दूसरी विधी। बोले तो अभी नई नई बनी दो खूबसूरत गर्लफ्रेंड ही अपुन के लिए सबसे खास हैं।
दिव्या ये सुन कर खुशी से जैसे झूम ही उठी। उसके चेहरे पर शर्म की लाली भी छाने लगी थी। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ हल्के हल्के कांपने लग गएले थे। अधरों पर थोड़ी सी फैली मुस्कान उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रेली थी। ये सब देख अपुन के अंदर हलचल सी मचने लग गई लौड़ा।
दिव्या ─ क्या आप सच कह रहे हैं भैया? आई मीन क्या सच में हम दोनों आपके लिए सबसे खास हैं?
अपुन ─ और नहीं तो क्या। क्या तुझे लगता है कि तेरे और विधी के सिवा अपुन के लिए कोई दूसरा इंसान खास हो सकता है?
दिव्या ─ सही कहा भैया। मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता अब।
अपुन ─ अच्छा अब तू जा। अपुन को थोड़ी देर पढ़ने का है उसके बाद अपुन पार्टी में जाएगा।
दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन...।
दिव्या थोड़ा झिझकती दिखी। अपुन को भी समझ न आया कि अचानक उसे क्या हुआ?
अपुन ─ लेकिन???
दिव्या ─ वो आपने विधी दी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के बाद किस किया था न तो क्या अब आप मुझे भी किस नहीं करेंगे? आई मीन अब तो मैं भी आपकी गर्लफ्रेंड हूं न?
अपुन अब जा के समझा कि वो असल में अपुन के रूम में किस लिए आईली थी। बोले तो अपुन की गर्लफ्रेंड बनने के बाद अब वो भी चाहती थी कि विधी की तरह अपुन उसे भी किस करे। मतलब वो ये नहीं चाहती थी कि वो किसी मामले में विधी से पीछे रहे। वाह! क्या गजब की सोच थी उसकी, जिसमें हर तरह से अपुन का ही फायदा था बेटीचोद।
अगले ही पल अपुन के अंदर खुशी के लड्डू फूटने लगे लौड़ा। अपुन सोचने लगा कि लोग इस सबके लिए जाने कहां कहां भटकते हैं और जाने क्या क्या करते हैं लेकिन अपुन इतना खुशनसीब है कि बिना किसी मेहनत के ही ये सब कुछ अपुन को मिल रेला है।
किस वाली बात से ही अपुन के अंदर खुशी के साथ साथ हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थीं। अपुन का मन मचलने लग गयला था। मन कर रेला था कि कितना जल्दी अब अपुन दिव्या को किस करे या उसके होठों को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दे।
हालांकि उसके होठों को चूमना या चूसना फिलहाल संभव नहीं था क्योंकि उसे तो यही पता था कि अपुन ने विधी के चिक पर ही किस किएला था तो जाहिर है अपुन उसके चिक पर ही किस करेगा। खैर अपुन ने देखा वो हसरत भरी निगाहों से अपुन को देखे जा रेली थी तो अपुन ने कहा।
अपुन ─ अच्छा ठीक है। आ तुझे भी किस कर देता है अपुन।
दिव्या ये सुनते ही थोड़ा शरमाई लेकिन फिर खुशी से मुस्कुराते हुए अपुन की तरफ खिसक आई। इतने करीब से जब अपुन ने उसे देखा तो अपुन की धड़कनें ट्रेन के इंजन के माफिक सरपट दौड़ने लगीं बेटीचोद।
खूबसूरत चेहरे पर हल्की शर्म की लाली। गोरे चिकने और सॉफ्ट से गाल। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ जो अपुन का मन बुरी तरह विचलित कर रेले थे।
अपुन ने धड़कते दिल के साथ उसके चेहरे को दोनो हथेलियों से थाम किया। अपुन के ऐसा करते ही दिव्या हल्के से कांप गई। करेंट तो अपुन को भी लगा था लेकिन अपुन जानता था कि उसकी चाहत पूरी करने के लिए अपुन को उसे छूना ही पड़ेगा।
अपुन ─ चल बता, तेरे कौन से चिक पर अपुन किस करे? बोले तो लेफ्ट वाले पर या राइट वाले पर?
दिव्या (शर्माते हुए) ─ जिस वाले पर आपका मन करे कर लीजिए भैया।
अपुन ─ अच्छा, क्या सच में?
दिव्या ─ हम्म्म।
अचानक अपुन के मन में खयाल उभरा कि इस मौके पर थोड़ा उसके मन को भी टटोला जाए। आखिर पता तो चले कि उसके मन में क्या क्या है?
अपुन ─ वैसे तुझे पता है न कि जो लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होते हैं वो सिर्फ चिक पर ही किस नहीं करते। बोले तो वो लोग लिप्स पर भी किस करते हैं। तो अब जैसे कि तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो बता क्या अपुन तेरे लिप्स पर भी किस करे?
दिव्या को ये सुन के जैसे झटका लगा। पहले तो हैरानी से अपुन को देखने लगी फिर एकदम से शर्माते हुए बोली।
दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए भैया लेकिन..।
अपुन ─ लेकिन???
दिव्या ─ क्या आपने विधी दी के लिप्स पर भी किस किया था?
अपुन ─ यार अपुन ने उसके लिप्स पर किया था या नहीं ये अलग बात है। तू अपनी बता कि तू चाहती है?
दिव्या एकदम से ही सोच में पड़ गई लौड़ी। इधर अपुन की भी धड़कनें थोड़ा बढ़ गईली थीं। अपुन तेजी से सोचने लग गया कि अब वो क्या जवाब देगी या ये कहे कि वो अपने मन की बात खुल कर बताएगी कि नहीं?
अपुन ─ जल्दी बता न। अपुन को पढ़ने का भी है।
दिव्या ─ मैं क्या बताऊं भैया? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।
अपुन ─ यार इसमें इतना समझना क्या है? सिंपल सी बात है कि जब तू अपुन की गर्लफ्रेंड बन गईली है तो तू अपने ब्वॉयफ्रेंड से क्या क्या एक्सपेक्ट करती है? यहिच तो सोच के बताना है तुझे।
दिव्या ─ आपको जो ठीक लगे कीजिए न भैया।
अपुन ─ ओके! एक बात बता अगर अपुन तेरे चिक के साथ साथ तेरे लिप्स पर भी किस कर दे तो तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होएगी न?
दिव्या ये सुन कर फिर से शरमाई फिर नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली।
दिव्या ─ नहीं भैया। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
अपुन तो ये सुन के शॉक ही हो गया लौड़ा। बोले तो अपुन को उससे ये सुनने की उम्मीद नहीं थी। अपुन सोचने लगा कि क्या उसने एक बार भी ये नहीं सोचा होगा कि भले ही अपन दोनों अपन लोग के सामने नाम के लिए बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गएले हैं लेकिन असली सच तो यही है न कि अपन लोग भाई बहन हैं। दुनिया की सच्चाई यही है कि भाई बहन एक दूसरे के लिप्स पर किस नहीं कर सकते। बोले तो ऐसा करना गलत माना जाता है बेटीचोद।
अपुन ─ ये क्या कह रेली है तू? मतलब कि सच में तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी?
दिव्या ─ जब आपको मेरे लिप्स पर किस करने की बात कहने में प्रॉब्लम नहीं हुई तो फिर मुझे क्यों होगी? वैसे भी मैं अपने इतने अच्छे बॉयफ्रेंड को किसी बात के लिए न नहीं कहना चाहती।
वाह! क्या डायलॉग बोला था उसने। सुन के ही अपुन का रोम रोम रोमांचित हो गया लौड़ा। पलक झपकते ही दिलो दिमाग में एक अलग ही एहसास भरता चला गया।
अपुन ─ वाह! क्या बात है। अपुन की गर्लफ्रेंड तो सच में लाजवाब है।
दिव्या ये सुन कर खुश भी हुई और थोड़ा शर्मा भी गई। अपुन ने सोचा कि अब जब क्लियर पता चल ही गया है तो अपुन को भी देर नहीं करना चाहिए लौड़ा। बोले तो दिव्या के साथ मजा करने की शुरुआत कर ही देना चाहिए।
अपुन ─ ओके! तो अब अपुन अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड को किस करने जा रेला है। तू तैयार है न?
दिव्या ने सिर उठा कर अपुन को देखा लेकिन शर्म की वजह से ज्यादा देर तक देख न पाई। जल्दी ही शर्म से हां में सिर हिला कर उसने चेहरा झुका लिया।
अपुन धड़कते दिल के साथ थोड़ा आगे की तरफ खिसका और फिर से उसका चेहरा दोनों हथेलियों में थाम लिया। एक बार फिर से अपन दोनों के जिस्म में अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई।
अपुन ने उसका चेहरा थाम कर थोड़ा उठा लिया था जिससे वो क्लियरली अपुन के सामने दिखने लग गईली थी। बड़ी बड़ी आंखों की पलकें उठीं और अपुन को देखने के बाद शर्म के चलते फिर से झुक गईं। तभी अपुन उसके चेहरे की तरफ झुकना शुरू किया।
उसे भी पता चल गया कि अपुन अब उसे किस करने जा रेला है और इधर अपुन की धड़कनें कुछ ज्यादा ही तेज चलने लगीं थी लौड़ा। जल्दी ही अपुन ने अपने होठ उसके राइट चिक पर रख कर उसके गाल को हल्के से चूम लिया। अपुन के ऐसा करते ही उसके बदन में झुरझुरी सी हुई।
चिक पर किस करने के बाद अपुन थोड़ा पीछे हुआ और उसे गौर से देखने लगा। उसने अपनी पलकें झपका के आँखें बंद कर लीं थी। उसके होठ हल्के हल्के कांप रेले थे। अपुन को ऐसा फील हुआ जैसे वो अपुन को इन्वाइट कर रेले हों कि आओ और हमें मुंह में भर लो।
अपुन ने भी देर नहीं की बेटीचोद। वैसे भी अब अपुन के अंदर इतनी हलचल मच गईली थी और अपुन इतना उतावला हो उठा था कि जल्द से जल्द उसके होठों को मुंह में भर लेना चाहता था लौड़ा।
अगले ही पल अपुन फिर से आगे को झुका और इस बार सीधा उसके कांपते होठों पर अपने होठ रख दिए। उफ्फ कितना सॉफ्ट एहसास था वो। उधर जैसे ही अपुन ने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो दिव्या का समूचा जिस्म थरथरा गया।
अपुन ने पहले हौले से उसके होठों को एक दो बार चूमा और फिर एकदम से उसके निचले होठ को मुंह में भर लिया। दिव्या का जिस्म एक बार फिर से थरथरा उठा और साथ ही ऐसा लगा जैसे वो एकदम से बेचैन हो उठी हो। उसने ना तो कोई विरोध किया और ना ही कोई हरकत की। वो बस उसी पोजीशन में बुत सी बैठी रही लेकिन हां उसकी सांसें एकाएक जरूर तेज तेज चलने लग गईली थीं जिसके चलते अपुन को अपने मुंह के आसपास गर्म गर्म फील होने लग गयला था।
उसके नाजुक और मुलायम होठों को मुंह में ले कर अपुन हौले हौले चूसना शुरू कर दिया तो दिव्या और भी ज्यादा बेचैन होने लग गई। उसकी सांसें और भी तेज तेज चलने लगीं। इधर अपुन को उसके होठों को चूसने में एकदम से मजा आने लग गयला था इस लिए अब थोड़ा जोश के साथ अपुन उसके होठों को चूसने लगा।
पलक झपकते ही अपुन मजे की एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया। बोले तो अब अपुन के अंदर हवस जागने लग गईली थी बेटीचोद। दिव्या के होठ चूसने में अपुन को इतना मजा आने लगा कि अपुन का मन अब उसके हर अंग को छूने का करने लगा। अगले ही पल अपुन ने मजे से मजबूर हो कर ऐसा ही किया।
अपुन का एक हाथ उसके चेहरे से हटा और नीचे सरक कर सीधा उसके राइट बूब्स पर पहुंच गया लौड़ा। जैसे ही अपुन ने उसके राइट बूब्स को पकड़ा और उसे मुट्ठी में लेने लगा तो दिव्या एकदम से उछल पड़ी।
वो एक झटके से अपुन से अलग हो गई। उखड़ी सांसों के साथ उसने अपुन को देखा। अपुन भी ये सोच के थोड़ा घबरा गया कि कहीं बूब्स पकड़ने से वो गुस्सा न हो जाए। दिव्या उखड़ी सांसों के साथ थोड़ा हैरानी से अपुन को देख रेली थी। फिर नजरें झुका कर बोली।
दिव्या ─ भ..भैया आप ये क्या करने लगे थे?
अपुन ─ सॉरी यार, अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे बूब्...आई मीन तेरे चेस्ट पर चला गया।
दिव्या कुछ बोल न सकी। शर्म से उसका चेहरा लाल पड़ गयला था। इधर अपुन ने जब देखा कि वो गुस्सा नहीं हुई है तो अपुन ने राहत की सांस ली और फिर कुछ सोच कर बोला।
अपुन ─ वैसे इसमें अपुन का दोष नहीं था यार। बोले तो तेरे होठ इतने मीठे थे कि अपुन को भारी मजा आने लग गयला था और फिर उस मजे में अपुन को पता ही नहीं चला कि कब अपुन का हाथ तेरे उसमें चला गया। अगर तुझे इससे बुरा लगा हो तो सॉरी बोलता है अपुन।
दिव्या ─ नहीं नहीं भैया। आप प्लीज सॉरी मत बोलिए। मुझे यकीन है कि आपने ऐसा जान बूझ के नहीं किया है।
अपुन ─ हां यार, वैसे एक बात तो हैं जब अपुन ने तेरे उसमें हाथ रखा तो बड़ा ही अच्छा फील हुआ था अपुन को।
दिव्या ये सुन के बुरी तरह शर्मा गई। शर्म से नजरें झुका कर और मुस्कुराते हुए बोली।
दिव्या ─ धत्त। ये क्या कह रहे हैं आप?
अपुन ─ अपुन तो बस सच बोल रेला है यार। वैसे भी अब तू अपुन की गर्लफ्रेंड है तो तेरे से क्या शर्माना और तेरे से क्या छुपाना?
दिव्या ─ हां लेकिन मैं आपकी बहन भी तो हूं भैया।
अपुन ─ हां पर बहन का सोच कर गर्लफ्रेंड के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता न अपुन।
दिव्या ─ आप ये क्या कह रहे हैं? कैसी नाइंसाफी??
अपुन ─ अपुन का मतलब है कि आज कल बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आपस में जो करते हैं वो सब भले ही अपुन लोग न करें पर कुछ तो इस रिलेशन के साथ न्याय करना ही पड़ेगा न अपन लोग को।
दिव्या ─ क..क्या ये सही होगा भैया?
अपुन ─ सही तो ये भी नहीं है कि अपन लोग आपस में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिलेशन बनाएं लेकिन फिर भी बन गए न? तो जब बन ही गएले हैं तो फिर इसके आगे सही गलत क्या सोचना?
दिव्या आश्चर्य से अपुन को देखने लगी। शायद उसे अपुन से ऐसी उम्मीद सपने में भी नहीं थी। अपुन भी सोचने लग गया कि कहीं अपुन ने ज्यादा तो नहीं बोल दिया बेटीचोद? फिर अपुन कुछ सोच कर बोला।
अपुन ─ देख अगर तुझे ये गलत लगता है तो तू अभी अपन लोग के बीच बने इस न्यू रिलेशन को खत्म कर सकती है।
दिव्या ─ अच्छा मुझे ये बताइए कि क्या आपने विधी दी को भी लिप्स पर किस किया है?
अपुन ─ हां किया है।
दिव्या ─ मुझे लगा ही था ऐसा। अच्छा ये भी बताइए कि क्या आपने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनके चेस्ट पर भी ऐसे ही किया था?
अपुन सोचने लगा कि अपुन उसे सच बताए या नहीं? हालांकि अपुन उसके सवाल सुन कर समझ गयला था कि शायद वो भी वही करना चाहती है जो विधी ने किया है। बोले तो वो विधी के नक्शे कदम पर चलना चाह रेली है। इस बात का एहसास होते ही अपुन ने फैसला कर लिया कि अपुन उसे सच ही बता देता है। बाकी जो होगा देखा जाएगा लौड़ा।
अपुन ─ हां, शुरू शुरू में अपुन से ऐसा हो गयला था और जैसे तू अभी अपुन के ऐसा करने पर उछल पड़ी थी और अपुन से अलग हो गईली थी वैसे ही विधी ने भी किया था।
दिव्या को बड़ी हैरानी हुई। फिर कुछ सोच कर बोली।
दिव्या ─ फिर क्या विधी दी ने आपके ऐसा करने पर गुस्सा किया था?
अपुन ─ हां शुरू में उसने अपुन को थप्पड़ तक मार दिएला था।
दिव्या (शॉक्ड) ─ क्या?? सच में??
अपुन ने उसे शॉर्ट में वो किस्सा बता दिया। फिर ये भी बताया कि उसके बाद विधी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो खुद ही अपुन को कुछ भी करने को बोलने लग गईली थी। ये सब सुन कर दिव्या चकित थी।
दिव्या ─ तो क्या फिर आपने उनके कहने पर दुबारा ऐसा किया है?
अपुन ─ हां, तब से अब तक दो बार अपुन ऐसा कर चुका है। बोले तो अपन लोग अकेले में एक दूसरे के होठों को खूब चूमते चूसते हैं और उस मजे में अपुन का हाथ उसके ब्रेस्ट पर चला ही जाता है।
दिव्या इस बार कुछ ज्यादा ही आश्चर्यचकित हो गईली थी। इधर अपुन भी थोड़ा अजीब सा फील करने लग गयला था। खैर अब बस ये देखना था कि ये सब जानने के बाद दिव्या खुद के बारे में क्या फैसला करती है?
अपुन ─ अरे! तू इस बारे में ज्यादा मत सोच। कोई जरूरी नहीं है कि जो विधी करे वो तू भी करे। अगर तुझे ये सब गलत लगता है तू बिल्कुल ही ये मत कर। एक बात और, इस बारे में विधी को कुछ मत बताना और ना ही उससे कुछ पूछना। वो क्या है न कि वो इससे नाराज हो जाएगी। अच्छा अब तू जा, अपुन को भी थोड़ा पढ़ाई करने का है। उसके बाद अपुन को पार्टी में भी जाना है।
दिव्या अभी भी आश्चर्य में थी और गहरी सोच में भी। अपुन के मुख से जाने की बात सुन कर वो गहरी सोच के साथ ही बेड से उतर गई और फिर अपुन से बिना कुछ बोले ही रूम से चली गई। उसके यूं चले जाने पर अपुन समझ गया कि शायद वो इस बारे में अकेले में सोचना चाहती है। हालांकि एक तरफ ये सोच के अपुन की गांड़ भी फटने लग गईली थी कि ये सब जानने के बाद दिव्या कहीं कुछ गड़बड़ न कर दे।
To be continued....