Vikashkumar
Well-Known Member
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Update ~ 28 |
ThanksNice and superb update....
ThanksBahut hi badhiya update diya hai TheBlackBlood bhai....
Nice and beautiful update....
ThanksNice update....
ThanksJaandaar shaandar update bhai
ThanksNice update....
Thanks broShaandar Mast Lajwab Romanchak Update
Ye Divya thi ab dono bahne ke sath Romance shuru ho gaya ab unhe aaps me savdhan rahna nahi padega
Virat Babu idhar jyada mitha kha rahe hai kahi apch na ho jaye
ThanksBahut hi mazedar update
ThanksMast update Bhai
ThanksShaandar jabardast Lovely Romanchak Update
Tino ke romance ke rang me bhang pad gaya ab dekhte hai Divya se kab tak naraj rahte hai idhr Soniya se najdiki badh rahi hai ab Anushka ke sath treat me kya hota hai
Thanks allSuper dupr sexy update
Jo jaisa karega waisa bharega. Filhal to kismat uske sath hi hai aur uska bhagya vidhata apan hai. Bole to jab chahe tab uski gaad faad dene ka karyakram set kar sakta hai apanविराट सर का छोटी छोटी बात पर क्रोध करना उनके जी का जंजाल न बन जाए ! आखिर वह हर समय इतनी हड़बड़ाहट मे क्यों रहते है ! हर वक्त गुस्सा उनके नाक पर क्यों सवार रहता है !
पहले अनुष्का मैडम के साथ , फिर साधना के साथ , फिर विधि के साथ , फिर शनाया के साथ , और अब दिव्या के साथ ; सभी महिलाओं के साथ इन्होने अपना आपा खोया ।
हर काम अपने सही समय पर ही होता है । धैर्य से होता है । सही अवसर प्राप्त होने पर होता है ।
विराट साहब गर्मागर्म दूध पीने की कोशिश कर रहे है जो सिर्फ मुंह जला ही सकता है ।
" थोड़ा सब्र तो कर मेरे यार , जरा सांस तो ले दिलदार ...
धीरे धीरे हो जायेगा प्यार सजना ...धीरे धीरे हो जायेगा प्यार ...."
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शुभम भाई ।
Besabari se intezaar kar rahe hai next update ka TheBlackBlood bhai....
Waiting for update?
intezaar rahega....
waiting for the next update....
Waiting For Next Update
Next update postedTake your time and write in flow.
Nice update....
Update ~ 28
खैर इसी तरह अपन लोग कॉलेज पहुंच गए। अपुन के पीछे पीछे विधी भी दिव्या के साथ स्कूटी में आ गई। पार्किंग के पास ही सोनिया दी की कुछ फ्रेंड्स मिल गईं जिससे वो उनके पास चली गईं जबकि अपन लोग बाइक और स्कूटी खड़ी कर आराम से अंदर की तरफ बढ़े। दिव्या का चेहरा उतरा हुआ था। वो अपुन से बात करना चाहती थी लेकिन अपुन तेजी से आगे बढ़ गया क्योंकि तभी अपुन को अमित और शरद दिख गएले थे।
अब आगे....
अपुन, अमित और शरद के पास पहुंचा तो दोनों ने हेलो हाय जैसी लौड़ा लहसुन वाली फॉर्मेलिटी निभाई। तभी अपुन ने देखा अमित की छोटी बहन रितु एक तरफ से भागती चली आ रेली थी। भागने की वजह से उसके मम्मे उछल रेले थे। कुछ ही पलों में वो अपन लोग के पास आ गई। फिर अमित से हांफते हुए लेकिन थोड़ी घबराहट में बोली।
रितु ─ भैया, वो साधना दी को कुछ हो गया है। मम्मी ने अभी मुझे कॉल किया था।
इतना कहने के साथ ही वो रुआंसी हो गई। पल में ही उसकी आँखें भर आईं लौड़ा। इधर उसके मुख से साधना को कुछ हो गया है सुनते ही अपुन भी अंदर ही अंदर बुरी तरह चौंक गया। उधर अमित तो जैसे उछल ही पड़ा लौड़ा।
अमित ─ क्या??? ये क्या कर रही है तू?
रितु ─ हां भैया। मम्मी ने पहले आपको कॉल किया था पर जब आपने नहीं उठाया तो मुझे किया। प्लीज जल्दी घर चलिए भैया, मां बहुत रो रहीं थीं कॉल पर।
अमित तो सन्नाटे में आया ही लेकिन रितु की ऐसी बातें सुन कर अपुन भी सन्नाटे में आ गयला था बेटीचोद। बिजली की तरह दिमाग में एक ही खयाल उभरा कि कहीं साधना को अपुन की वजह से तो नहीं कुछ हो गयला है? तभी अमित की आवाज से अपुन चौंका।
अमित (रितु से) ─ हां हां चल जल्दी।
अमित जाने के लिए मुड़ा ही था कि तभी वो रुका और अपुन की तरफ पलट कर अपुन से बोला।
अमित ─ मुझे जाना होगा यार। पता नहीं दी को क्या हो गया है?
अपुन ─ तू कहे तो अपुन भी साथ चले?
असल में अपुन दोस्ती के नाते उससे ऐसा बोलना जरूरी समझता था जबकि असल में अपुन जाने का तो सोच भी नहीं सकता था।
अमित ─ नहीं यार, लेकिन अगर तेरी जरूरत पड़ी तो तुझे कॉल कर के बुला लूंगा।
अपुन ने सिर हिला दिया। उसके बाद अमित अपनी छोटी बहन को साथ ले कर तेजी से कॉलेज गेट की तरफ बढ़ गया। इधर अपुन के मन में जबरदस्त हलचल मच गईली थी। बार बार अपुन के मन में एक ही खयाल आ रेला था कि कहीं अपुन की वजह से तो साधना के साथ ऐसा नहीं हुआ है?
हालांकि असल में उसके साथ क्या हुआ है इसका अपुन को पता नहीं था लेकिन कहीं न कहीं अपुन के मन में ये भी खयाल आ रेला था कि कहीं उसने जान बूझ के तो खुद के साथ कुछ नहीं कर लिया है? मकसद वही, यानी अपुन को वापस अपने करीब लाना।
शरद ─ क्या सोच रहा है भाई? ये अचानक से साधना दी के साथ क्या हो गया होगा? अभी थोड़ी देर पहले ही तो अमित घर से आया था। मतलब कि थोड़ी देर पहले तो सब ठीक ही था।
अपुन ─ पता नहीं यार। किसके साथ कब क्या हो जाए कौन जान सकता लौड़ा?
शरद ─ हां ये तो है लेकिन सोचने वाली बात तो है कि इस थोड़ी देर में उनके साथ क्या हो गया होगा?
अपुन ─ कुछ तो हुआ ही है। रितु ने पूरी बात बताई ही नहीं, या शायद उसे भी पूरी बात पता न रही हो। खैर, अमित गया है। थोड़ी देर में अपुन कॉल कर के उससे पता करेगा कि क्या हुआ है साधना दी को?
तभी क्लास का टाइम हो गया तो अपन दोनों क्लास की तरफ बढ़ चले। दोनों के ही मन में इस बारे में अलग अलग बातें चल रेली थी लेकिन इस बारे में जहां शरद वाकई में एक दोस्त के नाते फिक्रमंद था वहीं अपुन अपनी करतूतों की वजह से टेंशन में आ गयला था।
क्लास पहुंचे तो पता चला आज प्रोफेसर कॉलेज नहीं आए हैं। यानी पहला पीरियड खाली ही जाने वाला है। इधर अपुन को चैन नहीं आ रेला था। पल पल अपुन के अंदर एक बेचैनी और एक घबराहट सी बढ़ती जा रेली थी। अपुन जल्द से जल्द जानना चाहता था कि आखिर साधना के साथ हुआ क्या है या सच में उसने जान बूझ कर खुद के साथ कुछ कर लिया है?
शरद ─ यार विराट, मैं तो जा रहा हूं।
अपुन ─ अरे! कहां जा रेला है तू?
शरद ─ अमित के घर। माना कि उसने मना कर दिया था लेकिन फिर भी हमारा तो फर्ज बनता है न कि ऐसे वक्त में हम जाएं?
अपुन ─ हां ये तो तू सही बोल रेला है। एक काम कर तू जा और पता कर कि क्या हुआ है साधना दी को। अगर कोई बड़ी बात हो तो फौरन अपुन को कॉल कर के बताना, अपुन आ जाएगा।
शरद हां में सिर हिला कर क्लास से निकल गया। उसके जाने के बाद अपुन फिर सोच में डूबने लग गया लौड़ा लेकिन तभी अपुन को फील हुआ कि अपुन का मोबाइल वाइब्रेट कर रेला है तो अपुन ने जेब से मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर देखा। शनाया का कॉल आ रेला था। अपुन ने सोचा ऐसे टाइम में अब ये लौड़ी क्यों कॉल कर रेली है अपुन को?
क्लास क्योंकि खाली थी इस लिए अपुन कुर्सी से उठ कर क्लास से बाहर की तरफ चल पड़ा। इस बीच अपुन ने कॉल पिक कर के हेलो बोल दिया था।
शनाया ─ हाय! क्या कर रहे हो? मैंने तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं किया है न?
अपुन ─ नहीं, पहला पीरियड खाली है। प्रोफेसर आया ही नहीं लौ...।
शानाया ─ ओह! फिर ठीक है।
अपुन ─ अपुन को फोन क्यों किया है तूने?
शनाया ─ तुमने ही तो कल कहा था कि कॉलेज में बात करेंगे तो मैंने तुम्हें याद दिलाने के लिए कॉल किया है। प्लीज गुस्सा मत करना।
अपुन ─ क्लास में तो दिखी नहीं तू? कहां है तू?
शनाया ─ अच्छा, तो तुमने मुझे क्लास में खोजा था? क्या बात है, वैसे मैं आज कॉलेज नहीं आ पाई, कुछ काम था घर में इस लिए।
अपुन ─ तो जब कॉलेज आई ही नहीं तो फिर अपुन को कॉल क्यों किया?
शनाया ─ वो क्या है कि मैं जिस जरूरी काम की वजह से कॉलेज नहीं आ पाई वो हो गया है। इस लिए सोचा तुम्हें कॉल करूं और पता करूं कि क्या कर रहे हो?
एक तो वैसे ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में था दूसरा ये लौड़ी अपुन का भेजा चाट रेली थी। उसकी बातें सुन अपुन को गुस्सा आने लग गया लौड़ा।
अपुन ─ देख अपुन के पास फालतू बातों के लिए टाइम नहीं है। रखता है अपुन।
शनाया ─ रुको रुको, प्लीज। कॉल कट मत करना। वो मैंने तुम्हें ये बताने के लिए कॉल किया है कि मैं इस टाइम फ्री हूं तो अगर तुम चाहो तो हम कहीं साथ में चल सकते हैं। मतलब किसी ऐसी जगह जहां हम दोनों उस बारे में बात कर सकें या तुम मेरी इच्छा पूरी कर सको। प्लीज विराट, मान जाओ न।
अपुन सोचने लगा कि क्या इस टाइम इसके साथ कहीं जाना ठीक रहेगा? बोले तो एक तरफ अपुन साधना की वजह से टेंशन मेंं है तो क्या ऐसे में अपुन का शनाया के साथ कहीं जाना और जा के उसके साथ मौज मस्ती करना ठीक रहेगा?
अपुन कुछ पलों तक सोचा, फिर अपुन को खयाल आया कि जब लड़की खुद ही अपुन से चुदने को तैयार है तो क्यों बेमतलब की बात सोच कर अपुन ऐसे मजे से दूर भागे? रही बात साधना की तो बाद में उसका मैटर भी देख लिया जाएगा लौड़ा।
अपुन ─ तो कहां जाएगी तू अपुन के साथ?
शनाया ─ जहां भी तुम्हारा मन करे। मैं तुम्हारे साथ कहीं भी जा सकती हूं और तुम्हारे कहने पर कुछ भी कर सकती हूं।
अपुन ─ ठीक है फिर। आ रेला है अपुन। तू अपुन को वेंकट स्कूल के पास मिल।
शनाया (खुशी से) ─ ओके, मैं पांच मिनट में पहुंच जाऊंगी वेंकट स्कूल के पास।
अपुन ─ एक बात याद रखना। अपुन के साथ किसी तरह की होशियारी करने की कोशिश मत करना।
शनाया ─ कैसी होशियारी विराट? ये तुम क्या कह रहे हो?
अपुन ─ चल फोन रख। आ रेला है अपुन।
कहने के साथ ही अपुन ने कॉल कट किया और क्लास में आ कर विधी को बताया कि अपुन किसी जरूरी काम से कहीं जा रेला है इस लिए अपुन के बैग का ध्यान रखे। विधी ने पूछना चाहा कि कहां जा रेला है अपुन लेकिन तब तक अपुन क्लास से बाहर निकल आया था।
थोड़ी ही देर में अपुन पार्किंग में पहुंचा और अपनी बाईक में बैठ कर निकल पड़ा वेंकट स्कूल की तरफ। एक तरफ मन में जहां साधना का खयाल आ रेला था वहीं शनाया के साथ अकेले कहीं जाने का सोच कर ही अपुन के समूचे जिस्म में रोमांच की लहरें उठ जा रेली थीं।
~~~~~~
वेंकट स्कूल शनाया के घर के पास ही पड़ता था इसी लिए अपुन ने उसे उस जगह पर आने को बोला था। जब अपुन वहां पहुंचा तो देखा शनाया स्कूल के पास ही सड़क के किनारे खड़ी थी।
ब्ल्यू जींस और स्काई रंग की टी शर्ट में क्या माल लग रेली थी लौड़ी। जब अपुन ने उसके करीब जा कर बाइक रोकी तो उसने एक सेक्सी सी स्माइल दी जिससे अपुन का जी चाहा कि अभी उसे पकड़ कर स्मूच करने लगे लेकिन फिर किसी तरह अपुन ने अपनी फीलिंग्स को रोका।
शनाया ─ वॉव! विराट तुम आ गए। थैंक्यू सो मच।
अपुन ─ थैंक्यू बाद में बोलना, पहले बैठ बाइक में। यहां स्कूल के पास रुकना ठीक नहीं है।
उसे अपुन की बात समझ आ गई इस लिए मुस्कुराते हुए जल्दी ही अपुन के पीछे बाइक पर बैठ गई। उसके बैठते ही अपुन ने बाइक को दौड़ा दिया। झोंक में वो पीछे को गिरने ही वाली थी कि जल्दी ही उसने अपुन को पकड़ लिया और साथ ही अपुन से चिपक गई जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स अपुन की पीठ पर धंस गए। पलक झपकते ही अपुन के समूचे जिस्म में मजे की लहर दौड़ गई लौड़ा।
शनाया ─ तो कहां ले जा रहे हो मुझे?
अपुन ने रास्ते में ही सोच लिया था कि उसे ले कर कहां जाएगा। बोले तो अपुन ने सोच लिया था कि वो जो चाहती है उसे दे कर रहेगा इस लिए उसको तबीयत से पेलने के लिए कोई ऐसी जगह चाहिए थी जहां पर एकांत हो और किसी के आने जाने का चांस भी न हो बेटीचोद।
अपुन ─ यहां से करीब पांच सात किलो मीटर की दूरी पर एक मस्त जगह है। अपुन तेरे को वहीं ले के जा रेला है।
शनाया ─ वहां पर हमारे अलावा कोई तीसरा तो नहीं होगा न?
अपुन ─ डोंट वरी। अपुन ऐसी जगह तुझे ले कर जाएगा भी नहीं जहां अपन लोग के अलावा किसी और के भी होने का चांस हो।
शनाया ने खुशी से अपुन की पीठ पर अपनी छातियों को और भी धंसा दिया। दोनों हाथों को अपुन की साईड से डाल कर अपुन को खुद से चिपक लिया था उसने। उसके सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स धंसे होने की वजह से अपुन को मस्त फील आने लग गयला था। बोले तो उस फील की वजह से अपुन का लन्ड एकदम से टाईट हो गयला था।
अपुन ─ ऐसे मत चिपक वरना अपुन का यहीं पर मूड बन जाएगा।
शनाया ─ ओह! ऐसा क्या? फिर तो ठीक है न। यहीं पर तुम्हारा मूड बन जाएगा तो वहां पहुंच कर मूड बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
अपुन अच्छी तरह जानता था कि वो खुद मूड में थी और शायद इसी लिए वो जोश में इस तरह अपुन से चिपकी थी। अपुन जल्द से जल्द अपनी सोची हुई जगह पर पहुंच जाना चाहता था क्योंकि अपुन का मन अब बहुत ज्यादा चोदने का करने लग गयला था। बोले तो सेक्स की तलब जोरो से लग रेली थी अपुन को। साधना के साथ दो तीन बार ही सेक्स करने से जैसे अपुन को इसकी लत लग गईली थी।
अपुन ─ तो तूने पूरा मन बना लिया है कि तू अपुन के साथ सेक्स करेगी?
शनाया ─ हां, तभी तो अपनी सारी शर्म को किनारे कर के तुमसे कहा था और अब तुम्हारे साथ हूं।
अपुन ─ अच्छा ये बता, पहले कभी किसी के साथ सेक्स किया है तूने?
शनाया ─ अगर मैं कहूंगी कि नहीं तो शायद तुम यकीन न करो। इस लिए इसका सबूत तुम्हें खुद ही मिल जाएगा जब तुम मेरे साथ सेक्स करोगे।
अपुन समझ गया कि वो वर्जिन है और सबूत की बात से उसका मतलब यही था कि जब अपुन उसकी वर्जिन चूत में अपना लन्ड डालेगा तो उसकी चूत से खून निकलेगा। खैर अपुन के अंदर यही सोच के खुशी और जोश आ गया कि लौड़ी अभी किसी से चुदी नहीं है।
अपुन तेज स्पीड में बाइक चला रेला था। बीच बीच में अपन दोनों के बीच थोड़ी बहुत बात होती रही। जल्दी ही अपुन शहर से बाहर एक ऐसी जगह पहुंच गया जहां से एक कच्चा रास्ता मध्यम आकार के पहाड़ से लगे जंगल की तरफ जाता था। अपुन ने बाइक को कच्चे रास्ते की तरफ मोड़ दिया।
शनाया ─ विराट, यहां तो बिल्कुल सुनसान है। आज से पहले मैं यहां कभी नहीं आई।
अपुन ─ अपुन एक दो बार आया है यहां। बाकी टेंशन न लो। यहां जंगल भले ही है लेकिन खतरे जैसी कोई बात नहीं है। यहां राइट साइड में एक वाटर फॉल है। एक तरह से यूं समझो कि ये जगह पिकनिक के लिए भी ठीक ठाक है।
अपुन की बात सुन शनाया आश्वस्त हो गई। थोड़ी ही देर में जब अपुन वाटर फॉल वाली जगह के करीब पहुंचने लगे तो रास्ता कुछ ज्यादा ही खराब दिखने लगा। आस पास बड़ी बड़ी काली चट्टानें थीं। पेड़ पौधों के साथ साथ अजीब सी झाड़ियां भी थीं।
रास्ता थोड़ा संकरा हो गयला था जिसकी वजह से बाइक को बहुत ही सम्हल कर आगे बढ़ा रेला था अपुन। पीछे बैठी शनाया ने जोर से अपुन को पकड़ रखा था जिसके चलते उसके बूब्स कुछ ज्यादा ही अपुन की पीठ पर धंस रेले थे।
ऊबड़ खाबड़ रास्ते को पार करते हुए अपन दोनों करीब सौ मीटर आगे आए तो राइट साइड पर वाटर फॉल दिखने लगा। आगे का रास्ता थोड़ा खतरनाक था इस लिए बाइक को यहां से आगे ले जाना नामुमकिन था। अपुन के कहने पर शनाया बाइक से उतर गई। उसके उतरते ही अपुन ने लेफ्ट साइड में दिख रही थोड़ी बेहतर जगह पर बाइक को ले जा कर खड़ी कर दिया।
शनाया ─ ये जगह तो सच में बहुत अच्छी है विराट लेकिन सुनसान और खतरनाक भी है। मुझे तो एकदम से डर भी लगने लगा है।
अपुन ─ अरे! यहां डरने जैसी कोई बात नहीं है। अपुन यहां दो बार आ चुका है और तुझे पता है एक बार अपुन और अमित ने उस वाटर फॉल के नीचे नहाया भी था।
अपुन सावधानी से आगे बढ़ते हुए शनाया को बताने लगा कि यहां पर अमित और अपुन ने खूब एंजॉय किया था। शनाया अपुन के पीछे चल रेली थी और बीच बीच में इस जगह का नजारा भी देखती जा रेली थी।
कुछ ही देर में अपन लोग थोड़ा नीचे की तरफ आ गए जहां पर वाटर फॉल था। ऊंचाई से पानी नीचे गिर रेला था जोकि पत्थरों और चट्टानों से टकरा कर नीचे एक छोटे से तालाब में जा रेला था। फिर उसी तालाब से निकल कर वो पानी एक छोटी नदी का रूप ले कर आगे बढ़ता जा रेला था।
वाटर फॉल के पीछे तरफ काली बड़ी चट्टानें थीं जोकि ऊपर से छत की तरह लगती थीं और नीचे खाली जगह। उस जगह पर भी नीचे चट्टानें ही थीं जोकि थोड़ी समतल थीं जहां पर आराम से कुछ भी किया जा सकता था। वहीं से घूम कर आगे जाया जाता था। उस जगह से वाटर फॉल का पानी किसी शीशे की तरह लगता था लेकिन थोड़ा ही नीचे जा कर वो कई छोटी बड़ी चट्टानों पर टकराता था जिससे बड़ा तेज शोर होता था।
अपुन शनाया को ले कर उसी जगह पर पहुंचा। शनाया आँखें फाड़ फाड़ कर चारों तरफ देख रेली थी। वाटर फॉल के पीछे वाले हिस्से पर खड़े हो कर वो ऊपर से गिरते पानी को देख रेली थी।
शनाया ─ ये तो सच में बहुत ही कमाल की जगह है विराट। हालांकि इस बियाबान में थोड़ा डर जरुर लग रहा है लेकिन अच्छा भी लग रहा है। थैंक्यू सो मच मुझे इतनी नायाब जगह पर लाने के लिए।
अपुन (मुस्कुरा कर) ─ अपुन ने सोचा इसी नायब जगह पर तेरी ख्वाइश पूरी करता है अपुन ताकि हमेशा के लिए ये तेरे लिए यादगार बन जाए।
शनाया ─ वॉव! क्या बात कही तुमने। ये सच में मेरे लिए कभी न भुलाई जाने वाली मेमोरी होगी।
अपुन ─ तो बता, कैसी मेमोरी बनाना चाहती है तू यहां पर?
शनाया ─ मैं क्या बताऊं? तुम यहां पर मुझे लाए हो तो अब तुम ही जानो कि यहां पर मेरे लिए कैसी मेमोरी बनाओगे? वैसे तुम्हारे साथ यहां पर जो भी होगा वो मेरे लिए सबसे बेस्ट मेमोरी ही होगी।
अपुन ─ वो तो ठीक है लेकिन अपनी ख्वाइश पूरी करने के लिए तुझे ही पहल करनी होगी। बोले तो तुझे जो भी करना है और जिस तरह से भी करना है वो तू खुद कर। अपुन तो बस देखेगा कि तू क्या क्या करती है।
शनाया (शर्माते हुए) ─ ऐसे मत बोलो विराट। ये सच है कि मैं तुम्हें पूरी तरह फील करना चाहती हूं लेकिन खुद पहल करने में मुझे शर्म आएगी। प्लीज समझने की कोशिश करो, बाकी यकीन करो तुम जो कहोगे करूंगी और तुम्हारा पूरा साथ दूंगी।
अपुन ─ ओके फाईन, तो एक काम करते हैं अपन लोग। सबसे पहले अपन दोनों अपने अपने कपड़े उतार कर नंगे हो जाते हैं। वो क्या है न कि यहां पर हर जगह पानी की वजह से नमी और कीचड़ है। यहां कहीं पर भी बैठेंगे तो कपड़े खराब हो जाएंगे। इस लिए कपड़ों को उतार कर इन्हें सेफ रखना होगा।
शनाया कपड़े उतार कर नंगे होने की बात सुनते ही शर्माने लगी लेकिन अपुन की बात से वो भी सहमत थी। जब उसने देखा कि अपुन सच में ही अपने कपड़े उतारने लगा है तो वो और भी शर्माने लगी। इधर अपुन थोड़ी ही देर में कपड़े उतार कर सिर्फ कच्छे में आ गया।
अपुन की बॉडी को वो अपलक देखने लगी। उसे ये तो पता था कि अपुन हट्टा कट्टा है लेकिन अपुन की बॉडी ऐसी होगी ये पहली बार देख रेली थी वो। फिर एकदम से उसकी निगाह अपुन के कच्छे के उभार पर पड़ी तो उसकी आँखें चौड़ी हो गईं लौड़ा।
अपुन जानता था कि लौड़ी शर्म और झिझक की वजह से इतना जल्दी कपड़े नहीं उतारेगी इस लिए अपुन उसके करीब पहुंचा। अपुन को अपने करीब आ गया देख उसने शर्माते हुए अपुन से नजरें मिलाई।
अपुन ─ अगर शर्माएगी तो अपने लिए बेस्ट मेमोरी नहीं बना पाएगी।
शनाया (मुस्कुराते हुए) ─ मैं कितना भी चाहूं लेकिन शर्म तो आएगी ही विराट, आखिर लड़की हूं।
अपुन ने दोनों हाथों में उसका चेहरा थाम लिया और फिर बिना वक्त बर्बाद किए एकदम से उसके रसीले होठों पर झुकता चला गया। जैसे ही अपुन ने उसके होठों पर अपने होठ रखे तो उसके जिस्म में झुरझुरी हुई। इधर अपुन ने उसके होठों को पहले तो दो तीन बार हौले हौले चूमा फिर एकदम से उन्हें मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।
शनाया का पूरा जिस्म कांप उठा। उसकी सांसें एकदम से तेज हो गईं और उसने खुद का बैलेंस बनाए रखने के लिए अपुन को पकड़ लिया। करीब दो मिनट तक अपुन ने उसके रसीले होठों को चूसा और फिर उसके होठों को आजाद किया।
अपुन ─ वाह! तेरे होठ तो बहुत मीठे हैं यार।
शनाया (शर्मा कर) ─ क्या सच में?
अपुन ─ हां, मन कर रेला है कि फिर से तेरे होठों को मुंह में भर के चूसना शुरू कर दे अपुन।
शनाया ─ तो शुरू कर दो न। तुम्हें पता है आज पहली बार किसी ने मेरे होठों पर किस किया है। आज पहली बार मुझे पता चला है कि एक लड़का जब किस करता है तो कैसा फील होता है।
अपुन मन ही मन ये जान कर हैरान हुआ कि लौड़ी ने आज पहली बार किस को फील किया है। इधर अपुन के अंदर सेक्स वाला नशा छाने लग गयला था। वैसे भी सुनसान जगह पर अपुन के साथ शनाया जैसी माल थी तो इसी एहसास से अपुन के अंदर हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थी।
बेटीचोद, ऐसी जगह पर न तो कोई रोकने वाला था और ना ही किसी बात का डर इस लिए अपुन ने फिर से उसे दबोच लिया और उसे स्मूच किस करने लगा। इस बार वो भी अपुन को किस करने की कोशिश करने लगी।
शनाया के नाजुक रसीले होठ और उसका बदन अपुन के अंदर हवस की गर्मी बढ़ाता जा रेला था। कच्छे के अंदर कैद अपुन का लन्ड जाने कब अपना सिर उठा लिया था जिसका अपुन को पता ही नहीं चला लौड़ा।
इधर अपुन शनाया के होठों को बेतहाशा चूसे जा रेला था। बोले तो मस्त मजा आ रेला था अपुन को। हर गुजरते पल के साथ अपन दोनों ही मदहोश हुए जा रेले थे। सहसा अपुन ने अपना एक हाथ नीचे सरकाया और शनाया के राइट मम्मे को थाम लिया।
उसके बड़े बड़े मम्मे जैसे ही अपुन ने पकड़े तो क्या मस्त फील आया अपुन को। अपुन ने उसे पूरे पंजे में लिया और थोड़ा जोर से मसला जिससे शनाया एकदम से मचल उठी। उसकी सिसकी अपुन के मुंह में ही दब गई लौड़ा।
अपुन ─ तेरे मम्मे तो मस्त हैं यार।
शनाया ─ शश्श्श्श धीरे से दबाओ प्लीज दर्द होता है।
अपुन ─ दर्द में ही तो मजा है।
कहने के साथ ही अपुन ने इस बार और भी जोर से उसका दूध दबाया तो इस बार शनाया की दर्द भरी आह निकल गई। अपुन जोर जोर से उसका दूध दबाने लग गयला था जिससे शनाया कभी सिसक उठती तो कभी आहें भर कर मचल उठती।
वो अपुन के सिर के बालों को नोचने लग गईली थी और अब खुद भी अपुन के होठों को अपुन की ही तरह बुरी तरह चूसने की कोशिश में लग गईली थी। थोड़ी ही देर में अपन दोनों मदहोशी की दुनिया में डूब गए। सांसें बुरी तरह उखड़ने लगीं। जब सांसें काबू से बाहर हो गईं तो मजबूरन अपन दोनों ने ही एक दूसरे के होठों को छोड़ दिया।
शनाया ─ ओह! शश्श्श्श विराट। ये कैसा एहसास है? आज से पहले कभी इतना अच्छा फील नहीं किया था मैंने।
अपुन उसका दूध दबाते हुए उसके चेहरे और गले को चूमने में लग गयला था। उधर वो बुरी तरह मचल रेली थी। उसकी हालत ऐसी हो गईली थी कि अब वो खुद के जोर पर खड़ी नहीं हो पा रेली थी। यानी अपुन को ही एक हाथ से ताकत लगा के उसे सम्हालना पड़ रेला था।
अपुन ─ अपने कपड़े उतार यार वरना अपुन फाड़ देगा इन्हें।
शनाया को छोड़ अपुन ये बोला तो उसने मदहोश आंखों से अपुन को देखा और फिर हल्के से शर्माते मुस्कुराते बोली।
शनाया ─ ऐसा मत करना प्लीज। रुको मैं उतारती हूं।
कहने के साथ ही वो शर्माते हुए अपने कपड़े उतारने लगी। रह रह कर उसकी नजरें अपुन के कच्छे के उभार पर पड़ जा रेली थीं। अपुन का लन्ड कच्छे में फूल इरेक्ट हो के खड़ा था जिसके चलते जरूरत से ज्यादा ही वो उभार लिए हुए था लौड़ा। अपुन के अंदर अब इतनी हवस भर गईली थी कि अपुन जल्द से जल्द शनाया पर टूट पड़ना चाहता था।
खैर, शर्माते झिझकते आखिर शनाया ने अपने ऊपर की टी शर्ट उतार दी। टी शर्ट के उतरते ही पिंक कलर की ब्रा में कैद उसके खूबसूरत मम्मे दिखने लगे। क्या मस्त लग रेले थे उसके मम्मे। मन किया कि अभी अपुन दबोच ले उन्हें।
अपुन ─ तेरे मम्मे तो बड़े मस्त हैं यार।
शनाया (शर्माते हुए) ─ थ..थैंक्यू।
थोड़ी ही देर में शनाया ने अपनी जींस भी उतार दी। अब वो सिर्फ पिंक कलर की ब्रा पेंटी में थी और क्या गजब माल लग रेली थी लौड़ी। अपुन को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उसका जिस्म अंदर से इतना सेक्सी होगा। अपुन का तो उसे देख के ही लन्ड झटके मारने लगा बेटीचोद।
To be continued....
Mast update bhai
Update ~ 28
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अब आगे....
अपुन, अमित और शरद के पास पहुंचा तो दोनों ने हेलो हाय जैसी लौड़ा लहसुन वाली फॉर्मेलिटी निभाई। तभी अपुन ने देखा अमित की छोटी बहन रितु एक तरफ से भागती चली आ रेली थी। भागने की वजह से उसके मम्मे उछल रेले थे। कुछ ही पलों में वो अपन लोग के पास आ गई। फिर अमित से हांफते हुए लेकिन थोड़ी घबराहट में बोली।
रितु ─ भैया, वो साधना दी को कुछ हो गया है। मम्मी ने अभी मुझे कॉल किया था।
इतना कहने के साथ ही वो रुआंसी हो गई। पल में ही उसकी आँखें भर आईं लौड़ा। इधर उसके मुख से साधना को कुछ हो गया है सुनते ही अपुन भी अंदर ही अंदर बुरी तरह चौंक गया। उधर अमित तो जैसे उछल ही पड़ा लौड़ा।
अमित ─ क्या??? ये क्या कर रही है तू?
रितु ─ हां भैया। मम्मी ने पहले आपको कॉल किया था पर जब आपने नहीं उठाया तो मुझे किया। प्लीज जल्दी घर चलिए भैया, मां बहुत रो रहीं थीं कॉल पर।
अमित तो सन्नाटे में आया ही लेकिन रितु की ऐसी बातें सुन कर अपुन भी सन्नाटे में आ गयला था बेटीचोद। बिजली की तरह दिमाग में एक ही खयाल उभरा कि कहीं साधना को अपुन की वजह से तो नहीं कुछ हो गयला है? तभी अमित की आवाज से अपुन चौंका।
अमित (रितु से) ─ हां हां चल जल्दी।
अमित जाने के लिए मुड़ा ही था कि तभी वो रुका और अपुन की तरफ पलट कर अपुन से बोला।
अमित ─ मुझे जाना होगा यार। पता नहीं दी को क्या हो गया है?
अपुन ─ तू कहे तो अपुन भी साथ चले?
असल में अपुन दोस्ती के नाते उससे ऐसा बोलना जरूरी समझता था जबकि असल में अपुन जाने का तो सोच भी नहीं सकता था।
अमित ─ नहीं यार, लेकिन अगर तेरी जरूरत पड़ी तो तुझे कॉल कर के बुला लूंगा।
अपुन ने सिर हिला दिया। उसके बाद अमित अपनी छोटी बहन को साथ ले कर तेजी से कॉलेज गेट की तरफ बढ़ गया। इधर अपुन के मन में जबरदस्त हलचल मच गईली थी। बार बार अपुन के मन में एक ही खयाल आ रेला था कि कहीं अपुन की वजह से तो साधना के साथ ऐसा नहीं हुआ है?
हालांकि असल में उसके साथ क्या हुआ है इसका अपुन को पता नहीं था लेकिन कहीं न कहीं अपुन के मन में ये भी खयाल आ रेला था कि कहीं उसने जान बूझ के तो खुद के साथ कुछ नहीं कर लिया है? मकसद वही, यानी अपुन को वापस अपने करीब लाना।
शरद ─ क्या सोच रहा है भाई? ये अचानक से साधना दी के साथ क्या हो गया होगा? अभी थोड़ी देर पहले ही तो अमित घर से आया था। मतलब कि थोड़ी देर पहले तो सब ठीक ही था।
अपुन ─ पता नहीं यार। किसके साथ कब क्या हो जाए कौन जान सकता लौड़ा?
शरद ─ हां ये तो है लेकिन सोचने वाली बात तो है कि इस थोड़ी देर में उनके साथ क्या हो गया होगा?
अपुन ─ कुछ तो हुआ ही है। रितु ने पूरी बात बताई ही नहीं, या शायद उसे भी पूरी बात पता न रही हो। खैर, अमित गया है। थोड़ी देर में अपुन कॉल कर के उससे पता करेगा कि क्या हुआ है साधना दी को?
तभी क्लास का टाइम हो गया तो अपन दोनों क्लास की तरफ बढ़ चले। दोनों के ही मन में इस बारे में अलग अलग बातें चल रेली थी लेकिन इस बारे में जहां शरद वाकई में एक दोस्त के नाते फिक्रमंद था वहीं अपुन अपनी करतूतों की वजह से टेंशन में आ गयला था।
क्लास पहुंचे तो पता चला आज प्रोफेसर कॉलेज नहीं आए हैं। यानी पहला पीरियड खाली ही जाने वाला है। इधर अपुन को चैन नहीं आ रेला था। पल पल अपुन के अंदर एक बेचैनी और एक घबराहट सी बढ़ती जा रेली थी। अपुन जल्द से जल्द जानना चाहता था कि आखिर साधना के साथ हुआ क्या है या सच में उसने जान बूझ कर खुद के साथ कुछ कर लिया है?
शरद ─ यार विराट, मैं तो जा रहा हूं।
अपुन ─ अरे! कहां जा रेला है तू?
शरद ─ अमित के घर। माना कि उसने मना कर दिया था लेकिन फिर भी हमारा तो फर्ज बनता है न कि ऐसे वक्त में हम जाएं?
अपुन ─ हां ये तो तू सही बोल रेला है। एक काम कर तू जा और पता कर कि क्या हुआ है साधना दी को। अगर कोई बड़ी बात हो तो फौरन अपुन को कॉल कर के बताना, अपुन आ जाएगा।
शरद हां में सिर हिला कर क्लास से निकल गया। उसके जाने के बाद अपुन फिर सोच में डूबने लग गया लौड़ा लेकिन तभी अपुन को फील हुआ कि अपुन का मोबाइल वाइब्रेट कर रेला है तो अपुन ने जेब से मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर देखा। शनाया का कॉल आ रेला था। अपुन ने सोचा ऐसे टाइम में अब ये लौड़ी क्यों कॉल कर रेली है अपुन को?
क्लास क्योंकि खाली थी इस लिए अपुन कुर्सी से उठ कर क्लास से बाहर की तरफ चल पड़ा। इस बीच अपुन ने कॉल पिक कर के हेलो बोल दिया था।
शनाया ─ हाय! क्या कर रहे हो? मैंने तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं किया है न?
अपुन ─ नहीं, पहला पीरियड खाली है। प्रोफेसर आया ही नहीं लौ...।
शानाया ─ ओह! फिर ठीक है।
अपुन ─ अपुन को फोन क्यों किया है तूने?
शनाया ─ तुमने ही तो कल कहा था कि कॉलेज में बात करेंगे तो मैंने तुम्हें याद दिलाने के लिए कॉल किया है। प्लीज गुस्सा मत करना।
अपुन ─ क्लास में तो दिखी नहीं तू? कहां है तू?
शनाया ─ अच्छा, तो तुमने मुझे क्लास में खोजा था? क्या बात है, वैसे मैं आज कॉलेज नहीं आ पाई, कुछ काम था घर में इस लिए।
अपुन ─ तो जब कॉलेज आई ही नहीं तो फिर अपुन को कॉल क्यों किया?
शनाया ─ वो क्या है कि मैं जिस जरूरी काम की वजह से कॉलेज नहीं आ पाई वो हो गया है। इस लिए सोचा तुम्हें कॉल करूं और पता करूं कि क्या कर रहे हो?
एक तो वैसे ही अपुन साधना की वजह से टेंशन में था दूसरा ये लौड़ी अपुन का भेजा चाट रेली थी। उसकी बातें सुन अपुन को गुस्सा आने लग गया लौड़ा।
अपुन ─ देख अपुन के पास फालतू बातों के लिए टाइम नहीं है। रखता है अपुन।
शनाया ─ रुको रुको, प्लीज। कॉल कट मत करना। वो मैंने तुम्हें ये बताने के लिए कॉल किया है कि मैं इस टाइम फ्री हूं तो अगर तुम चाहो तो हम कहीं साथ में चल सकते हैं। मतलब किसी ऐसी जगह जहां हम दोनों उस बारे में बात कर सकें या तुम मेरी इच्छा पूरी कर सको। प्लीज विराट, मान जाओ न।
अपुन सोचने लगा कि क्या इस टाइम इसके साथ कहीं जाना ठीक रहेगा? बोले तो एक तरफ अपुन साधना की वजह से टेंशन मेंं है तो क्या ऐसे में अपुन का शनाया के साथ कहीं जाना और जा के उसके साथ मौज मस्ती करना ठीक रहेगा?
अपुन कुछ पलों तक सोचा, फिर अपुन को खयाल आया कि जब लड़की खुद ही अपुन से चुदने को तैयार है तो क्यों बेमतलब की बात सोच कर अपुन ऐसे मजे से दूर भागे? रही बात साधना की तो बाद में उसका मैटर भी देख लिया जाएगा लौड़ा।
अपुन ─ तो कहां जाएगी तू अपुन के साथ?
शनाया ─ जहां भी तुम्हारा मन करे। मैं तुम्हारे साथ कहीं भी जा सकती हूं और तुम्हारे कहने पर कुछ भी कर सकती हूं।
अपुन ─ ठीक है फिर। आ रेला है अपुन। तू अपुन को वेंकट स्कूल के पास मिल।
शनाया (खुशी से) ─ ओके, मैं पांच मिनट में पहुंच जाऊंगी वेंकट स्कूल के पास।
अपुन ─ एक बात याद रखना। अपुन के साथ किसी तरह की होशियारी करने की कोशिश मत करना।
शनाया ─ कैसी होशियारी विराट? ये तुम क्या कह रहे हो?
अपुन ─ चल फोन रख। आ रेला है अपुन।
कहने के साथ ही अपुन ने कॉल कट किया और क्लास में आ कर विधी को बताया कि अपुन किसी जरूरी काम से कहीं जा रेला है इस लिए अपुन के बैग का ध्यान रखे। विधी ने पूछना चाहा कि कहां जा रेला है अपुन लेकिन तब तक अपुन क्लास से बाहर निकल आया था।
थोड़ी ही देर में अपुन पार्किंग में पहुंचा और अपनी बाईक में बैठ कर निकल पड़ा वेंकट स्कूल की तरफ। एक तरफ मन में जहां साधना का खयाल आ रेला था वहीं शनाया के साथ अकेले कहीं जाने का सोच कर ही अपुन के समूचे जिस्म में रोमांच की लहरें उठ जा रेली थीं।
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वेंकट स्कूल शनाया के घर के पास ही पड़ता था इसी लिए अपुन ने उसे उस जगह पर आने को बोला था। जब अपुन वहां पहुंचा तो देखा शनाया स्कूल के पास ही सड़क के किनारे खड़ी थी।
ब्ल्यू जींस और स्काई रंग की टी शर्ट में क्या माल लग रेली थी लौड़ी। जब अपुन ने उसके करीब जा कर बाइक रोकी तो उसने एक सेक्सी सी स्माइल दी जिससे अपुन का जी चाहा कि अभी उसे पकड़ कर स्मूच करने लगे लेकिन फिर किसी तरह अपुन ने अपनी फीलिंग्स को रोका।
शनाया ─ वॉव! विराट तुम आ गए। थैंक्यू सो मच।
अपुन ─ थैंक्यू बाद में बोलना, पहले बैठ बाइक में। यहां स्कूल के पास रुकना ठीक नहीं है।
उसे अपुन की बात समझ आ गई इस लिए मुस्कुराते हुए जल्दी ही अपुन के पीछे बाइक पर बैठ गई। उसके बैठते ही अपुन ने बाइक को दौड़ा दिया। झोंक में वो पीछे को गिरने ही वाली थी कि जल्दी ही उसने अपुन को पकड़ लिया और साथ ही अपुन से चिपक गई जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स अपुन की पीठ पर धंस गए। पलक झपकते ही अपुन के समूचे जिस्म में मजे की लहर दौड़ गई लौड़ा।
शनाया ─ तो कहां ले जा रहे हो मुझे?
अपुन ने रास्ते में ही सोच लिया था कि उसे ले कर कहां जाएगा। बोले तो अपुन ने सोच लिया था कि वो जो चाहती है उसे दे कर रहेगा इस लिए उसको तबीयत से पेलने के लिए कोई ऐसी जगह चाहिए थी जहां पर एकांत हो और किसी के आने जाने का चांस भी न हो बेटीचोद।
अपुन ─ यहां से करीब पांच सात किलो मीटर की दूरी पर एक मस्त जगह है। अपुन तेरे को वहीं ले के जा रेला है।
शनाया ─ वहां पर हमारे अलावा कोई तीसरा तो नहीं होगा न?
अपुन ─ डोंट वरी। अपुन ऐसी जगह तुझे ले कर जाएगा भी नहीं जहां अपन लोग के अलावा किसी और के भी होने का चांस हो।
शनाया ने खुशी से अपुन की पीठ पर अपनी छातियों को और भी धंसा दिया। दोनों हाथों को अपुन की साईड से डाल कर अपुन को खुद से चिपक लिया था उसने। उसके सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स धंसे होने की वजह से अपुन को मस्त फील आने लग गयला था। बोले तो उस फील की वजह से अपुन का लन्ड एकदम से टाईट हो गयला था।
अपुन ─ ऐसे मत चिपक वरना अपुन का यहीं पर मूड बन जाएगा।
शनाया ─ ओह! ऐसा क्या? फिर तो ठीक है न। यहीं पर तुम्हारा मूड बन जाएगा तो वहां पहुंच कर मूड बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
अपुन अच्छी तरह जानता था कि वो खुद मूड में थी और शायद इसी लिए वो जोश में इस तरह अपुन से चिपकी थी। अपुन जल्द से जल्द अपनी सोची हुई जगह पर पहुंच जाना चाहता था क्योंकि अपुन का मन अब बहुत ज्यादा चोदने का करने लग गयला था। बोले तो सेक्स की तलब जोरो से लग रेली थी अपुन को। साधना के साथ दो तीन बार ही सेक्स करने से जैसे अपुन को इसकी लत लग गईली थी।
अपुन ─ तो तूने पूरा मन बना लिया है कि तू अपुन के साथ सेक्स करेगी?
शनाया ─ हां, तभी तो अपनी सारी शर्म को किनारे कर के तुमसे कहा था और अब तुम्हारे साथ हूं।
अपुन ─ अच्छा ये बता, पहले कभी किसी के साथ सेक्स किया है तूने?
शनाया ─ अगर मैं कहूंगी कि नहीं तो शायद तुम यकीन न करो। इस लिए इसका सबूत तुम्हें खुद ही मिल जाएगा जब तुम मेरे साथ सेक्स करोगे।
अपुन समझ गया कि वो वर्जिन है और सबूत की बात से उसका मतलब यही था कि जब अपुन उसकी वर्जिन चूत में अपना लन्ड डालेगा तो उसकी चूत से खून निकलेगा। खैर अपुन के अंदर यही सोच के खुशी और जोश आ गया कि लौड़ी अभी किसी से चुदी नहीं है।
अपुन तेज स्पीड में बाइक चला रेला था। बीच बीच में अपन दोनों के बीच थोड़ी बहुत बात होती रही। जल्दी ही अपुन शहर से बाहर एक ऐसी जगह पहुंच गया जहां से एक कच्चा रास्ता मध्यम आकार के पहाड़ से लगे जंगल की तरफ जाता था। अपुन ने बाइक को कच्चे रास्ते की तरफ मोड़ दिया।
शनाया ─ विराट, यहां तो बिल्कुल सुनसान है। आज से पहले मैं यहां कभी नहीं आई।
अपुन ─ अपुन एक दो बार आया है यहां। बाकी टेंशन न लो। यहां जंगल भले ही है लेकिन खतरे जैसी कोई बात नहीं है। यहां राइट साइड में एक वाटर फॉल है। एक तरह से यूं समझो कि ये जगह पिकनिक के लिए भी ठीक ठाक है।
अपुन की बात सुन शनाया आश्वस्त हो गई। थोड़ी ही देर में जब अपुन वाटर फॉल वाली जगह के करीब पहुंचने लगे तो रास्ता कुछ ज्यादा ही खराब दिखने लगा। आस पास बड़ी बड़ी काली चट्टानें थीं। पेड़ पौधों के साथ साथ अजीब सी झाड़ियां भी थीं।
रास्ता थोड़ा संकरा हो गयला था जिसकी वजह से बाइक को बहुत ही सम्हल कर आगे बढ़ा रेला था अपुन। पीछे बैठी शनाया ने जोर से अपुन को पकड़ रखा था जिसके चलते उसके बूब्स कुछ ज्यादा ही अपुन की पीठ पर धंस रेले थे।
ऊबड़ खाबड़ रास्ते को पार करते हुए अपन दोनों करीब सौ मीटर आगे आए तो राइट साइड पर वाटर फॉल दिखने लगा। आगे का रास्ता थोड़ा खतरनाक था इस लिए बाइक को यहां से आगे ले जाना नामुमकिन था। अपुन के कहने पर शनाया बाइक से उतर गई। उसके उतरते ही अपुन ने लेफ्ट साइड में दिख रही थोड़ी बेहतर जगह पर बाइक को ले जा कर खड़ी कर दिया।
शनाया ─ ये जगह तो सच में बहुत अच्छी है विराट लेकिन सुनसान और खतरनाक भी है। मुझे तो एकदम से डर भी लगने लगा है।
अपुन ─ अरे! यहां डरने जैसी कोई बात नहीं है। अपुन यहां दो बार आ चुका है और तुझे पता है एक बार अपुन और अमित ने उस वाटर फॉल के नीचे नहाया भी था।
अपुन सावधानी से आगे बढ़ते हुए शनाया को बताने लगा कि यहां पर अमित और अपुन ने खूब एंजॉय किया था। शनाया अपुन के पीछे चल रेली थी और बीच बीच में इस जगह का नजारा भी देखती जा रेली थी।
कुछ ही देर में अपन लोग थोड़ा नीचे की तरफ आ गए जहां पर वाटर फॉल था। ऊंचाई से पानी नीचे गिर रेला था जोकि पत्थरों और चट्टानों से टकरा कर नीचे एक छोटे से तालाब में जा रेला था। फिर उसी तालाब से निकल कर वो पानी एक छोटी नदी का रूप ले कर आगे बढ़ता जा रेला था।
वाटर फॉल के पीछे तरफ काली बड़ी चट्टानें थीं जोकि ऊपर से छत की तरह लगती थीं और नीचे खाली जगह। उस जगह पर भी नीचे चट्टानें ही थीं जोकि थोड़ी समतल थीं जहां पर आराम से कुछ भी किया जा सकता था। वहीं से घूम कर आगे जाया जाता था। उस जगह से वाटर फॉल का पानी किसी शीशे की तरह लगता था लेकिन थोड़ा ही नीचे जा कर वो कई छोटी बड़ी चट्टानों पर टकराता था जिससे बड़ा तेज शोर होता था।
अपुन शनाया को ले कर उसी जगह पर पहुंचा। शनाया आँखें फाड़ फाड़ कर चारों तरफ देख रेली थी। वाटर फॉल के पीछे वाले हिस्से पर खड़े हो कर वो ऊपर से गिरते पानी को देख रेली थी।
शनाया ─ ये तो सच में बहुत ही कमाल की जगह है विराट। हालांकि इस बियाबान में थोड़ा डर जरुर लग रहा है लेकिन अच्छा भी लग रहा है। थैंक्यू सो मच मुझे इतनी नायाब जगह पर लाने के लिए।
अपुन (मुस्कुरा कर) ─ अपुन ने सोचा इसी नायब जगह पर तेरी ख्वाइश पूरी करता है अपुन ताकि हमेशा के लिए ये तेरे लिए यादगार बन जाए।
शनाया ─ वॉव! क्या बात कही तुमने। ये सच में मेरे लिए कभी न भुलाई जाने वाली मेमोरी होगी।
अपुन ─ तो बता, कैसी मेमोरी बनाना चाहती है तू यहां पर?
शनाया ─ मैं क्या बताऊं? तुम यहां पर मुझे लाए हो तो अब तुम ही जानो कि यहां पर मेरे लिए कैसी मेमोरी बनाओगे? वैसे तुम्हारे साथ यहां पर जो भी होगा वो मेरे लिए सबसे बेस्ट मेमोरी ही होगी।
अपुन ─ वो तो ठीक है लेकिन अपनी ख्वाइश पूरी करने के लिए तुझे ही पहल करनी होगी। बोले तो तुझे जो भी करना है और जिस तरह से भी करना है वो तू खुद कर। अपुन तो बस देखेगा कि तू क्या क्या करती है।
शनाया (शर्माते हुए) ─ ऐसे मत बोलो विराट। ये सच है कि मैं तुम्हें पूरी तरह फील करना चाहती हूं लेकिन खुद पहल करने में मुझे शर्म आएगी। प्लीज समझने की कोशिश करो, बाकी यकीन करो तुम जो कहोगे करूंगी और तुम्हारा पूरा साथ दूंगी।
अपुन ─ ओके फाईन, तो एक काम करते हैं अपन लोग। सबसे पहले अपन दोनों अपने अपने कपड़े उतार कर नंगे हो जाते हैं। वो क्या है न कि यहां पर हर जगह पानी की वजह से नमी और कीचड़ है। यहां कहीं पर भी बैठेंगे तो कपड़े खराब हो जाएंगे। इस लिए कपड़ों को उतार कर इन्हें सेफ रखना होगा।
शनाया कपड़े उतार कर नंगे होने की बात सुनते ही शर्माने लगी लेकिन अपुन की बात से वो भी सहमत थी। जब उसने देखा कि अपुन सच में ही अपने कपड़े उतारने लगा है तो वो और भी शर्माने लगी। इधर अपुन थोड़ी ही देर में कपड़े उतार कर सिर्फ कच्छे में आ गया।
अपुन की बॉडी को वो अपलक देखने लगी। उसे ये तो पता था कि अपुन हट्टा कट्टा है लेकिन अपुन की बॉडी ऐसी होगी ये पहली बार देख रेली थी वो। फिर एकदम से उसकी निगाह अपुन के कच्छे के उभार पर पड़ी तो उसकी आँखें चौड़ी हो गईं लौड़ा।
अपुन जानता था कि लौड़ी शर्म और झिझक की वजह से इतना जल्दी कपड़े नहीं उतारेगी इस लिए अपुन उसके करीब पहुंचा। अपुन को अपने करीब आ गया देख उसने शर्माते हुए अपुन से नजरें मिलाई।
अपुन ─ अगर शर्माएगी तो अपने लिए बेस्ट मेमोरी नहीं बना पाएगी।
शनाया (मुस्कुराते हुए) ─ मैं कितना भी चाहूं लेकिन शर्म तो आएगी ही विराट, आखिर लड़की हूं।
अपुन ने दोनों हाथों में उसका चेहरा थाम लिया और फिर बिना वक्त बर्बाद किए एकदम से उसके रसीले होठों पर झुकता चला गया। जैसे ही अपुन ने उसके होठों पर अपने होठ रखे तो उसके जिस्म में झुरझुरी हुई। इधर अपुन ने उसके होठों को पहले तो दो तीन बार हौले हौले चूमा फिर एकदम से उन्हें मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।
शनाया का पूरा जिस्म कांप उठा। उसकी सांसें एकदम से तेज हो गईं और उसने खुद का बैलेंस बनाए रखने के लिए अपुन को पकड़ लिया। करीब दो मिनट तक अपुन ने उसके रसीले होठों को चूसा और फिर उसके होठों को आजाद किया।
अपुन ─ वाह! तेरे होठ तो बहुत मीठे हैं यार।
शनाया (शर्मा कर) ─ क्या सच में?
अपुन ─ हां, मन कर रेला है कि फिर से तेरे होठों को मुंह में भर के चूसना शुरू कर दे अपुन।
शनाया ─ तो शुरू कर दो न। तुम्हें पता है आज पहली बार किसी ने मेरे होठों पर किस किया है। आज पहली बार मुझे पता चला है कि एक लड़का जब किस करता है तो कैसा फील होता है।
अपुन मन ही मन ये जान कर हैरान हुआ कि लौड़ी ने आज पहली बार किस को फील किया है। इधर अपुन के अंदर सेक्स वाला नशा छाने लग गयला था। वैसे भी सुनसान जगह पर अपुन के साथ शनाया जैसी माल थी तो इसी एहसास से अपुन के अंदर हवस वाली फीलिंग्स आने लग गईली थी।
बेटीचोद, ऐसी जगह पर न तो कोई रोकने वाला था और ना ही किसी बात का डर इस लिए अपुन ने फिर से उसे दबोच लिया और उसे स्मूच किस करने लगा। इस बार वो भी अपुन को किस करने की कोशिश करने लगी।
शनाया के नाजुक रसीले होठ और उसका बदन अपुन के अंदर हवस की गर्मी बढ़ाता जा रेला था। कच्छे के अंदर कैद अपुन का लन्ड जाने कब अपना सिर उठा लिया था जिसका अपुन को पता ही नहीं चला लौड़ा।
इधर अपुन शनाया के होठों को बेतहाशा चूसे जा रेला था। बोले तो मस्त मजा आ रेला था अपुन को। हर गुजरते पल के साथ अपन दोनों ही मदहोश हुए जा रेले थे। सहसा अपुन ने अपना एक हाथ नीचे सरकाया और शनाया के राइट मम्मे को थाम लिया।
उसके बड़े बड़े मम्मे जैसे ही अपुन ने पकड़े तो क्या मस्त फील आया अपुन को। अपुन ने उसे पूरे पंजे में लिया और थोड़ा जोर से मसला जिससे शनाया एकदम से मचल उठी। उसकी सिसकी अपुन के मुंह में ही दब गई लौड़ा।
अपुन ─ तेरे मम्मे तो मस्त हैं यार।
शनाया ─ शश्श्श्श धीरे से दबाओ प्लीज दर्द होता है।
अपुन ─ दर्द में ही तो मजा है।
कहने के साथ ही अपुन ने इस बार और भी जोर से उसका दूध दबाया तो इस बार शनाया की दर्द भरी आह निकल गई। अपुन जोर जोर से उसका दूध दबाने लग गयला था जिससे शनाया कभी सिसक उठती तो कभी आहें भर कर मचल उठती।
वो अपुन के सिर के बालों को नोचने लग गईली थी और अब खुद भी अपुन के होठों को अपुन की ही तरह बुरी तरह चूसने की कोशिश में लग गईली थी। थोड़ी ही देर में अपन दोनों मदहोशी की दुनिया में डूब गए। सांसें बुरी तरह उखड़ने लगीं। जब सांसें काबू से बाहर हो गईं तो मजबूरन अपन दोनों ने ही एक दूसरे के होठों को छोड़ दिया।
शनाया ─ ओह! शश्श्श्श विराट। ये कैसा एहसास है? आज से पहले कभी इतना अच्छा फील नहीं किया था मैंने।
अपुन उसका दूध दबाते हुए उसके चेहरे और गले को चूमने में लग गयला था। उधर वो बुरी तरह मचल रेली थी। उसकी हालत ऐसी हो गईली थी कि अब वो खुद के जोर पर खड़ी नहीं हो पा रेली थी। यानी अपुन को ही एक हाथ से ताकत लगा के उसे सम्हालना पड़ रेला था।
अपुन ─ अपने कपड़े उतार यार वरना अपुन फाड़ देगा इन्हें।
शनाया को छोड़ अपुन ये बोला तो उसने मदहोश आंखों से अपुन को देखा और फिर हल्के से शर्माते मुस्कुराते बोली।
शनाया ─ ऐसा मत करना प्लीज। रुको मैं उतारती हूं।
कहने के साथ ही वो शर्माते हुए अपने कपड़े उतारने लगी। रह रह कर उसकी नजरें अपुन के कच्छे के उभार पर पड़ जा रेली थीं। अपुन का लन्ड कच्छे में फूल इरेक्ट हो के खड़ा था जिसके चलते जरूरत से ज्यादा ही वो उभार लिए हुए था लौड़ा। अपुन के अंदर अब इतनी हवस भर गईली थी कि अपुन जल्द से जल्द शनाया पर टूट पड़ना चाहता था।
खैर, शर्माते झिझकते आखिर शनाया ने अपने ऊपर की टी शर्ट उतार दी। टी शर्ट के उतरते ही पिंक कलर की ब्रा में कैद उसके खूबसूरत मम्मे दिखने लगे। क्या मस्त लग रेले थे उसके मम्मे। मन किया कि अभी अपुन दबोच ले उन्हें।
अपुन ─ तेरे मम्मे तो बड़े मस्त हैं यार।
शनाया (शर्माते हुए) ─ थ..थैंक्यू।
थोड़ी ही देर में शनाया ने अपनी जींस भी उतार दी। अब वो सिर्फ पिंक कलर की ब्रा पेंटी में थी और क्या गजब माल लग रेली थी लौड़ी। अपुन को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उसका जिस्म अंदर से इतना सेक्सी होगा। अपुन का तो उसे देख के ही लन्ड झटके मारने लगा बेटीचोद।
To be continued....