- 6,186
- 48,815
- 219
"ले खोल दी पेंट कमीने ........ करले अपनी मनमानी........" राहुल तुरन्त चूत पर चारों और अपना हाथ रगड़ता है | हालांकि सलोनी की जीन्स काफ़ी टाइट थी मगर खुलने के बाद राहुल को कुछ आसानी हो गयी थी अब वो कुछ आराम से अपनी मम्मी की चूत के साथ खेल सकता था | राहुल अपनी उंगली को गीली कच्छी के उपर से चूत के होंठो की लकीर पर फेरता है | उसके होंठो के बीच दबाता है |

"अब जब पेंट खोल ही दी है तो अपनी टाँगे भी थोड़ी चौड़ी करलो मम्मी.......... मुझे चूत के अंदर उंगली घुसानी है" राहुल चूत के होंठो के बीच उंगली घुसाते हुए बोलता है | सलोनी कुर्सी के अंदर जितना संभव था अपनी टाँगे चौड़ी कर लेती है |
"अच्छा .... मम्मी तुम कितनी अच्छी हो ............." राहुल कच्छी को सामने से एक तरफ़ को खिसका कर सलोनी की चूत नंगी कर देता है |
"हूँ ........... अब तो अच्छी ही कहोगे ............ तुम्हे मनमानी जो करने दे रही हूँ ........... हहायय इतने लोगों के बीच तुम्हें मेरे दुधु चूसने को मिल रहे हैं, मेरी चूत खेलने को मिल रही है .... अब तो मम्मी अच्छी ही लगेगी ना ...." सलोनी राहुल के लंड को फिर से पकड़ लेती है | राहुल गीली चूत के अंदर उंगली डाल देता है |
"आअहह ........ उउफफफफफफफफफ्फ़" सलोनी सिसक उठती है | राहुल चूत के अंदर उंगली आगे पीछे करता है तो सलोनी को होंठ भींचने पड़ते हैं |
"उउउफफफफफफफफफफ्फ़......... मम्म्मी तुम्हारी चूत कितनी गरम है ........ कैसे तप रही है ...." राहुल एक पल के लिए रुकता है और फिर दूसरी उंगल भी चूत में घुसा देता है |

"उउउन्न्नह......" सलोनी चिहुंक पड़ती है | उसका खुद पर कंट्रोल खत्म होता जा रहा था | वो राहुल के मुँह को अपनी और खींचती है और उसके होंठो पर अपने होंठ रख देती है | माँ-बेटा एक गहरे कभी ना खत्म होने वाले चुंबन में डूब जाते हैं और आखिरकार जब उनके होंठ जुदा होते है तो सलोनी फट से राहुल का मुँह अपने मुम्मे पर झुका देती है | राहुल कुर्ते के खुले गले से जितना मुम्मा मुँह में भर सकता था भर लेता है और चूसने लगता है | उसका हाथ भी तेज़ी से अपनी मम्मी की चूत के उपर हिल रहा था | उसकी उंगलियाँ अपनी पूरी लंबाई तक चूत के अंदर घुस रही थीं | सलोनी राहुल के सर को अपने मुम्मे पर दबा रही थी और उसके लौड़े को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी |

"अब जब पेंट खोल ही दी है तो अपनी टाँगे भी थोड़ी चौड़ी करलो मम्मी.......... मुझे चूत के अंदर उंगली घुसानी है" राहुल चूत के होंठो के बीच उंगली घुसाते हुए बोलता है | सलोनी कुर्सी के अंदर जितना संभव था अपनी टाँगे चौड़ी कर लेती है |
"अच्छा .... मम्मी तुम कितनी अच्छी हो ............." राहुल कच्छी को सामने से एक तरफ़ को खिसका कर सलोनी की चूत नंगी कर देता है |
"हूँ ........... अब तो अच्छी ही कहोगे ............ तुम्हे मनमानी जो करने दे रही हूँ ........... हहायय इतने लोगों के बीच तुम्हें मेरे दुधु चूसने को मिल रहे हैं, मेरी चूत खेलने को मिल रही है .... अब तो मम्मी अच्छी ही लगेगी ना ...." सलोनी राहुल के लंड को फिर से पकड़ लेती है | राहुल गीली चूत के अंदर उंगली डाल देता है |
"आअहह ........ उउफफफफफफफफफ्फ़" सलोनी सिसक उठती है | राहुल चूत के अंदर उंगली आगे पीछे करता है तो सलोनी को होंठ भींचने पड़ते हैं |
"उउउफफफफफफफफफफ्फ़......... मम्म्मी तुम्हारी चूत कितनी गरम है ........ कैसे तप रही है ...." राहुल एक पल के लिए रुकता है और फिर दूसरी उंगल भी चूत में घुसा देता है |

"उउउन्न्नह......" सलोनी चिहुंक पड़ती है | उसका खुद पर कंट्रोल खत्म होता जा रहा था | वो राहुल के मुँह को अपनी और खींचती है और उसके होंठो पर अपने होंठ रख देती है | माँ-बेटा एक गहरे कभी ना खत्म होने वाले चुंबन में डूब जाते हैं और आखिरकार जब उनके होंठ जुदा होते है तो सलोनी फट से राहुल का मुँह अपने मुम्मे पर झुका देती है | राहुल कुर्ते के खुले गले से जितना मुम्मा मुँह में भर सकता था भर लेता है और चूसने लगता है | उसका हाथ भी तेज़ी से अपनी मम्मी की चूत के उपर हिल रहा था | उसकी उंगलियाँ अपनी पूरी लंबाई तक चूत के अंदर घुस रही थीं | सलोनी राहुल के सर को अपने मुम्मे पर दबा रही थी और उसके लौड़े को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी |
Last edited: