Hrsmart
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माँ-बेटे वासना का नंगा खेल खेलने मे व्यस्त थेराहुल सलोनी की बाते सुनकर बहुत शर्मिंदा होता है कि
उसकी मम्मी को उसके सामने माफी मांगनी पड़ी ऐसा वह भी चाहता था
पर इसतरह नही सलोनी कहति है “अब और क्या चाहिए” राहुल शर्माकर कहता है
“मोम..आप अपने आप ही पीछे आ जाओ..में करूँगा तो दर्द होगा.??
और सलोनी धीरे धीरे आगे पीछे अपने आप होने लगी और लंड गांड में घूसने लगा..
फिर राहुल ने सलोनी की कमर को पकड़ा और सलोनी को अपने ऊपर उठा लिया
और निचे आ गया..जिसे सलोनी की गांड में राहुल के लंड को जाने में मुश्कक़िल न हो..
तो सलोनी भी राहुल के ऊपर आ के अपने आप ऊपर निचे होने लगी??
और यह??.यह??..प्लीज्????.करने लगी और अब राहुल भी सलोनी को हलके हलके चोदने लगा
और सलोनी का दर्द अब बढ्ने लगा..
फिर राहुलने अपनी नार्मल स्पीड पे चोदना स्टार्ट किया और
सलोनी का दर्द तेज़ हो गया तो सलोनी रुक गई..
और जैसे की जलन हो रही हो ऐसे फ़ूंक मारने लगी..
ओह फू वह फु ??????.यह?? और सलोनी रुक गई.
फिर राहुलने सलोनी को उलटा लिटा दिया..
राहुल का पूरा लंड सलोनी की गांड में चला गया था.
सलोनी की आँखों से फिर से आँसु आ गए थे..राहुल भी सलोनी के ऊपर उलटा लेट गया
और सलोनी का फेस टर्न कर के सलोनी को किस करने लगा..
लंड सलोनी की गांड में ले के आराम से रख के सलोनी को किस कर रहा था
और फिर राहुलने धीरे धीरे अपने लंड से सलोनी को चोदना स्टार्ट किया
और सलोनी के मम्मो को हाथों से दबा के सलोनी की निप्पल्स को मसलने लगा..
जिसेसे सलोनी को अब दर्द तो हो रहा था पर महसूस नहीं हो रहा था
अब राहुल सलोनी को धीरे धीरे जोर से स्ट्रोक्स देणे लगा
और सलोनी को नार्मल जैसे चुत में चोद रहा हो ऐसे सलोनी को चोदने लगा
और सलोनी का हाथ ले के उसे सलोनी की चुत को मसलने लगा??
सलोनी के हाथ को पकड़ के राहुल मसल रहा था और चाहता था
की सलोनी फिर से झड जाए..और इधर राहुल ताक़तवर स्ट्रोक्स लगा रहा था?
सलोनी और राहुल फिर से तेज़ी से सांस ले रहे थे..
जब किस नहीं हो रहा था और सलोनी का किस टूटते ही सलोनी की आआआहहह??.
यह??ऑफ़??फिर से स्टार्ट हो गया पर अब की बार वो धीरे कर रही थी..
क्यों कि राहुल सलोनी को चुत को मसल रहा था.
राहुल भी अब फिर से पसिना पसिना हो गया था..
और अब झड़नेवाला था तो राहुल सलोनी को जोरो से चोदे जा रहा था??..
बिना कुछ सोचे की सलोनी की गांड की क्या हालत होगी.
.जब उसे लगा की में अब झड़नेवाला हूँ तो राहुलने सलोनी का हाथ छोड़ा
और सलोनी के ग-स्पॉट को पकड़ के सलोनी के ग-स्पॉट को सहलाने लगा
और सलोनी अब प्लेयजर के मारे अपनि चुत में ऊँगली तेज़ी से करने लगी
और राहुलने सलोनी को स्ट्रोक्स देना स्टार्ट किया और सलोनी की गांड में झड गया??.
मस्त रस का फ़व्वारा निकल रहा था..और में सलोनी के ऊपर लेट गया
और सलोनी भी अब झड़ने वाली थी और
सलोनी की चुत से भी फ़व्वारा निकला और सलोनी की गांड से राहुल का रस निकल के सलोनी की चुत से निकलते रस में मिल गया
और राहुल सलोनी के ऊपर से हट के हाथ खोले लेट गया.
.सलोनी को ज्यादा सॉलिड दर्द हो रहा था..
क्यूँकि वो पलट नहीं रही थी..और राहुलने सलोनी को अभी परेशान करना ठीक नहीं समझा
( बस दोस्तो अब यह कहानी यही समाप्त कर रहा हु अब आगे जो भी लिखूंगा वह रिपीट ही होगा तो यही कहानी समाप्त करता हु " मैं यह कहानी शुरू से पढ़ रहा था यह मेरी मनपसंद कहानी थी तो मैंने इसे आगे शुरू रखने का प्रयास किया मैं इसमें कितना सफल हुवा यह नही जानता अगर आपको मेरा प्रयास अच्छा लगा हो तो कमेंट जरूर करे )
मेरी तरफ से ( समाप्त )
H h aaj bartan saaf kar le kal ko mom ki cbut saaf krdenaनहीं माँ, मेरा दिल नहीं कर रहा, वैसे भी मैंने फैसला कर लिया है, घर पर रहकर खूब पढ़ाई करूँगा और....और घर के काम काज में आपकी मदद करूँगा”, राहुल आखिरी लाइन झिझकते हुए बोलता है |
“तुम सारा दिन घर पे रहकर पढ़ाई करोगे और घर के काम में मेरी मदद करोगे?......रियली!" सलोनी हैरानी भरे स्वर में बोलती है, “मुझे अपने कानो पर विश्वास नहीं हो रहा, क्या मैं जान सकती हूँ इस एकदम से ह्रदय परिवर्तन की वजह क्या है?” सलोनी का स्वर उपहास भरा था |
“ऐसे ही मम्मी.... मैंने देखा है......आप सार दिन घर पे.... अकेले रहते हो और आपको कितना .....कितना काम अकेले करना पढता है, इसीलिए मैंने सोचा, आप की काम में मदद कर दूंगा और....और ...” राहुल से आगे बोला नहीं जा रहा था |
“और? और क्या?” सलोनी धीमी सी आवाज़ में बोलती है |
“और ...और आपको कंपनी भी मिल जाएगी, आपका अकेलापन भी दूर.......दूर हो जाएगा”, राहुल थूक गटकता है | उसके दिल की धडकन बहुत तेज़ -तेज़ चल रही थी, “मैं भी ....आपके साथ .....आपके साथ समय बिताना चाहता हूँ” |
“तुझे सच में मेरे अकेलेपन की चिंता है? तू सच में मेरे साथ समय बिताना चाहता है?” सलोनी की आवाज़ और धीमी हो गई थी |
“हाँ मम्मी, सच में पढाई के बाद जो भी समय बचेगा, उसमे घर के काम में आपकी मदद करूँगा, आप जो भी कहेंगी, जैसे भी कहेंगी, वैसे ही करूँगा”, राहुल ने जोशीले स्वर में कहा |
“मुझे यकीन नहीं हो रहा, कहीं तुम मजाक तो नहीं कर रहे”, सलोनी जानती थी उसका बेटा झूठ नहीं बोल रहा | मगर वो उसके मुंह से सुनना चाहती थी |
“बिलकुल भी नहीं मम्मी, आपकी सौगंध! मैं बिलकुल भी मजाक नहीं कर रहा” |
“और क्या तू सारा दिन घर पर अपनी मम्मी के साथ बोर नहीं होगा”, सलोनी उसी तरह की धीमी और कामुक सी आवाज़ में बोलती है |
“उन्ह्ह्हह नहीं मम्मी, मैं आपके साथ भला बोर क्यों हूँगा, आपके साथ मुझे बहुत अच्छा लगता है मम्मी, सच में”, राहुल के वो अलफ़ाज़ सलोनी को बहुत प्यारे लगे और उसका दिल किया वो आगे बढ़कर अपने बेटे को चूम ले |
“सब बातें हैं, मुझे लगता है, तू मुझसे दो तीन दिन में ही उब जाएगा” सलोनी ने कहा |
“उफ्फ्फ मम्मी अब आपको कैसे यकीन दिलाऊँ, मुझे कोई फ़ोर्स थोड़े ना कर रहा है, मैंने अपनी मर्ज़ी से फैसला किया है, और इसीलिए किया है कि आप मुझे बचुत अच्छी लगती हो” |
राहुल धडकते दिल से कह तो गया | मगर अपनी माँ की प्रतिकिर्या को लेकर वो बहुत डर गया था | सलोनी ने भी अपने बेटे के स्वर में कम्पन और डर को महसूस किया | वो अपना खाना छोड़ खड़ी हो गई | राहुल की जान पे बन आई | मगर उसकी माँ सिर्फ टेबल पर आगे को झुकी
और उसके हाथ को अपने हाथ में ले लिया | झुकने से उसके मुम्मो का काफी हिस्सा टीशर्ट के खुले हुए दो बटनों से दिख रहा था और वैसे भी झुकने की वजह से वो उसकी टीशर्ट को कुछ ज्यादा ही फैला रहे थे | राहुल की पेंट में उसका लंड तम्बू बन चूका था |
“मुझे मालूम है तुम दिल से कह रहे हो .........मुझे तुम पर पूरा यकीन है बेटा, मुझे भी तुम्हारे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है, तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो बेटा” सलोनी बिना रुके बेटे को प्यार भरे मीठे स्वर में बोलती है |
राहुल को अपनी माँ की बात इतनी अच्छी लगी कि उसका चेहरा खिल उठा और उसे देखकर उसकी माँ का | दोनों के चेहरे पर मुस्कुराहट थी | दोनों अन्दर से बहुत खुश थे |
सलोनी वापिस कुर्सी पर बैठ गई और बाकी का खाना खाने लगी | राहुल का धयान रह रहकर सलोनी के चेहरे तो कभी उसके सीने पर चला जाता | उसे लग रहा था जैसे उसकी माँ की सुन्दरता पल प्रतिपल बढती जा रही थी | उसका सांस लेना, खाना खाना , बात करना, हर काम से, उसकी हर छोटी से छोटी सी हरकत से उसे अपनी माँ की सुन्दरता झलकती दिखाई दे रही थी | आज कुछ खास ही बात थी, वो खास बात क्या थी, वो यही देखने की कोशिश कर रहा था | शायद उसका चेहरा आज खिला हुआ था और उसके होंठो की वो प्यारी सी मुस्कुराहट उसकी सुन्दरता को बढ़ा रही थी | नहीं, उसकी माँ सदेव ही इतनी सुन्दर थी मगर आज रूप कुछ ज्यादा ही दमक रहा था या फिर उसके देखने की नज़र बदल गई थी | उसने गहनों के नाम पर कान में झुमके, नाक में बाली और गले में मंगलसूत्र डाला हुआ था | उसकी तीखी नाक में डाली बाली उसके चेहरे की शोभा बढ़ा रही थी, चेहरे को कितना सुन्दर............नहीं सुन्दर तो वो बिना बाली के भी दिखती है | फिर क्या, किस लफ्ज़ से उसका रूप.....हाँ ...हाँ....उसकी नाक की बाली उसके चहरे को कितना सेक्सी दिखा रही थी, कितना कामुक दिखा रही थी |
सलोनी का गोल गोरा चेहरा बेहद गोरी रंगत लिए था और उसके गोल गोरे चेहरे पर उसकी नाक की बाली सच में बेहद सेक्सी दिख रही थी बल्कि उसकी बाली से उसका रूप, चेहरा सेक्सी दिख रहा था | अगर कोई कसर थी तो उसकी टीशर्ट के खुले बटनों ने पूरी कर दी थी | उसके मुम्मो का हल्का सा ऊपरी हिस्सा और दोनों मुम्मो के विच की खाई बेहद कामुक दिख रही थी मगर जो चीज़ उनकी कामुकता बढ़ा रही थी वो थी दोनों मुम्मो के बीच की खाई में लटकता उसका मंगलसुत्र | गोरे गोरे मुम्मो को जैसे काला मंगलसूत्र चूम रहा था, सहला रहा था |
अब जाकर उसे समझ आया कि आज उसकी माँ उसको इतनी सुन्दर क्यों दिख रही थी | उसने अपनी माँ की सुन्दरता को हमेशा देखा था | मगर सुबह के हादसे के बाद आज उसका धयान पहली बार इस और गया था कि वो कितनी कामुक दिखती है | उसकी हर अदा कामुकता से भरपूर थी | जिस तरह वो चाय की चुस्कियां ले रही थी, जिस तरह उसके सुर्ख होंठो से चाय का प्याला छूता जा रहा था | जिस तरह सांस लेने से उसका ब्रा रहत सीना हल्का सा ऊपर उठता था | जिस तरह वो विच विच में उसकी और देखकर मुस्करा देती थी.....उफ्फ्फ्फ़ उसकी माँ का बदन कितना कामुक है! कैसे उसके अंग अंग से मादकता बरस रही थी |
सलोनी के रूप की चमक ने उसके बेटे को अपने मोहपाश में बांध लिया था, वो जैसे सम्मोहित हो चूका था |
सलोनी चाय की चुस्कियां लेती बीच बीच में राहुल की और देख लेती थी | जो उसे अपलक घूरे जा रहा था | वो उसकी नज़रों की तपिश अपने चेहरे और सीने पर महसूस कर रही थी | वो राहुल की आँखों से उसके चेहरे से जान सकती थी उसका बेटा उसके हुसन का दीवाना बन चूका है | वो देख सकती थी कि वो उसके चेहरे की बारीक़ से बारीक़ रेखाओं की और धयान से देख रहा था, वो देख सकती थी कैसे उसकी आँखें उसकी सांस लेने से ऊपर निचे होते उसके मम्मो के साथ ऊपर निचे हो रही थी | सलोनी यहाँ एक तरफ अपने हुसन के इतने जबरदस्त प्रभाव से खुश थी, अपने हुसन पर अभिमान कर रही थी | वहीँ उसे कुछ लज्जा सी भी महसूस हो रही थी कि उसका बेटा अपनी हमउम्र की लड़कियां छोड़ अपनी 38 बर्षीए माँ पे आशिक हो रहा था, उसे कुछ शर्म सी आ रही थी |
सलोनी प्लेट और कप्स उठाकर सिंक में डाल देती है | सलोनी पानी चलाती है तो राहुल उसके पास आकर खड़ा हो जाता है |
“लाओ मम्मी, मैं बरतन साफ़ करने में तुम्हारी मदद करता हूँ” |
MUJHE B YAAD HAI YE STORY PAR YE MUJHE B NAHI MILI OR YE PURI B NAHI KI THI ,Lodon Ka Raja Siraj Patel
Kya aap ke paas yeh story hai?
Xossip par jis writer ne yeh story likhi thi. Usey writer ne yeh story bhi likhi thi.
2. Naam nahi maloom (Incest) (Mommys lover pungi bja dun ga)( writer ki dp Indian Jones ke hero ki thi)
Baap apni beti ka dewaana hota hai or apne bete se mdad mangt hai beti ke sathsex ke liye.
Beta badle me apne baap se mdad mangta hai apni maa ke sath sex karne ke liye.
Is me bete ka chakar apni chachi ke sath hota hai jis ka naam "Seema" hota or phir baap beta mil kar "Seema" ku dp karte hein.