प्रिया ने दुपट्टा ऊपर कर रखा था जिस वजह से उसके चुचो की रेखा दिख रही थी…
प्रिया ने यह जान बूझ कर किया, प्रिया ने उसे देखकर एक आँख मारी और सामने खड़ी ममता और कोमल ने देख ली।
फिर कोमल का पति भी वहां आ गया, देवा ने झुककर उसके पैर छुये…
ससूर: “कैसे हो बेटे, समधन जी के क्या हाल है।”
देवा: “जी सब अच्छे है… आप लोगो के क्या हाल है आपका स्वास्थ कैसा है।”
ससूर: “हम सब अच्छे से है बेटे, चलो बाते होती रहेंगी तुम आ जाओ और हाथ मुह धो लो…और यह तुम्हारे साथ कौन है और?”
ससुर ने पप्पू को देखकर कहा…
ममता: “अरे यह पप्पू भैया है देवा भाई के दोस्त है… हमारे घर के सदस्य जैसे ही है, नूतन की शादी इन से ही तो हुई है आप शादी में आये भी थे।”
ससूर:“ओह्ह्ह… हाँ याद आया… कैसे हो तुम बेटा नूतन नहीं आयी तुम लोगो के साथ ”
पप्पु:“जी मै बहुत अच्छा हूँ। नूतन का मन तो था पर वो सबको नीलम की शादी के लिए सामान ख़रीदना था न शहर से तो वो नहीं आ सकी…”
ममता: “क्या नीलम की शादी तय हो गयी ???”
और देवा और पप्पू मुस्कुराते हुए, “हाँ…”
ममता ने देवा के चेहरे को देखा और उसे देखने लगी और भागते हुए ख़ुशी से उसके गले लग गयी…।
ममता: “मेरी भाभी आने वाली है मै तो नाचूँगी…”
और देवा हँसने लगता है…